लक्ष्मी कुबेर मंत्र · लक्ष्मी कुबेर मंत्र Author: vinaso Keywords: DAEc75cx7UY,BADmYW58eRk Created Date: 4/28/2021
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पानने पन पपे पये पदलायता। वये वमनोऽनुकू ले वपादपं मय सधव॥ - हे लमी देवी! आप कमलमुखी, कमल पुप पर वराजमान, कमल-दल के समान ने वाली, कमल पुप को पसंद करने वाली ह। सृ के सभी जीव आपक कृ पा क कामना करते ह। आप सबको मनोनुकू ल फल देने वाली ह। हे देवी! आपके चरण-कमल सदैव मेरे दय म त ह। पानने पऊ पाी पसवे। तमे भजस पा येन सौयं लभायहम्॥ - हे लमी देवी! आपका ीमुख, ऊ भाग, ने आद कमल के समान ह। आपक उप कमल से ई है। हे कमलनयनी! म आपका मरण करता ँ, आप मुझ पर कृ पा कर। अदायी गोदायी धनदायी महाधने। धनं मे जुष तां देव सवाकामां देह मे॥ - हे देवी! अ, गौ, धन आद देने म आप समथ ह। आप मुझे धन दान कर। हे माता! मेरी सभी कामना को आप पूण कर । पु पौ धनं धायं हयादगवेरथम्। जानां भवसी माता आयुमंतं करोतु मे॥ - हे देवी! आप सृ के समत जीव क माता ह। आप मुझे पु-पौ, धन-धाय, हाथी- घोड़े , गौ, बैल, रथ आद दान कर। आप मुझे दघ-आयुय बनाएँ । ी लमीसूम् पाठ