ददसम्फय िसररजन · जनवरी – मार्च 32019 / अंक -...

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  • अक्टूफय - ददसम्फय 2018 / अकं 2 - िसररजन पन्ना सॊख्मा - 1

  • जनवरी – मार्च 2019 / अकं 3 - िसररजन पन्ना सॊख्मा - 2

    िसररजन (ितमाही भोजपरुी ई-पििका)

    प्रबधं िनदेशक : सतीश कुमार ििपाठी

    संरक्षक : 1. सुरेश कुमार, (मुम्बई)

    2. कन्हयैा प्रसाद ितवारी, (बैंगलोर)

    प्रधान सम्पादक : सुभाष पाण्डेय

    सम्पादक : डॉ अिनल र्ौब े

    िबिशष्ट सम्पादक : बजृभषूण ितवारी

    उप सम्पादक

    कायचकारी सम्पादक

    सलाहकार सम्पादक

    : : :

    तारकेश्वर राय

    सजंय कुमार िमश्र

    राजीव उपाध्याय

    सह-सम्पादक : 1. भावशे

    2. ददलीप पाण्डेय

    3. माया र्ौब े

    4. डॉ अमरेन्र ससह

    5. गणशे नाथ ितवारी

    प्रबधं सम्पादक : लव कान्त ससह

    आमिंित सम्पादक : र्ंर भूषण यादव

    िबदशे प्रितिनिध : रिव शकंर ितवारी

    ब्यरूो र्ीफ : संजय कुमार ओझा

    ब्यरूो र्ीफ (िबहार) : अमरेन्र ससह

    ब्यरूो र्ीफ (प. बगंाल) : दीपक कुमार ससह

    ब्यरूो र्ीफ (उत्तर प्रदेश) : 1. राजन ििवदेी 2. अनपुम ितवारी

    ब्यरूो र्ीफ (झारखण्ड) : राठौर िनतान्त

    पििम भारत प्रितिनिध : िबजय शुक्ला

    ददल्ली, NCR प्रितिनिध : 1. िबनोद िगरी

    2. राम प्रकाश ितवारी

    क़ाननूी सलाहकार : नंदशे्वर िमश्र (अिधवक्ता)

    (कुिल्ह पद अवैतिनक बाड़न स) स्वािमत्व, प्रकाशक सतीश कुमार ििपाठी के ओरी स े : 657, छठवीं मिंजल, अग्रवाल मटे्रो हाइट, प्लाट नबंर इ-5 नतेाजी सुभाष

    पलैसे, सेंट्रल वजीरपरु,पीतमपरुा, ददल्ली – 110001, िसररजन में प्रकािशत रर्ना लखेक के आपन ह आ ई जरूरी नइख ेकी सम्पादक

    के िबर्ार लखेक के िबर्ार स ेिमल े। रर्ना प िबवाद के िजम्मदेारी रर्नाकार के रही । कुिल्ह िबवादन के िनपटारा नई ददल्ली के

    सक्षम अदालत अउर फ़ोरम में करल जाई ।

  • जनवरी – मार्च 2019 / अकं 3 - िसररजन पन्ना सॊख्मा - 3

    ससरयजन क झऩोरी

    अनुक्रभ

    1. संपादकीय

    पुरान भीत िगरी तब्ब ेन ू नई भीत उठी - डॉ अिनल र्ौब े/ 4

    आपन बात / तारकेश्वर राय / 5

    2. कनखी

    हनमुान जी भोजपरुरया रहनीं- डॉ अिनल र्ौब े/ 7

    3. कथा-कहनी /दँतदकस्सा

    िनदफदकर के िबआह - भरत ितवारी / 20

    अपनापन - शिशरंजन शकु्ल "सते"ु / 29

    िशवरतन - प्रीतम पाडंेय साकृंत / 33

    अभागत - राम प्रकाश ितवारी "ठेठिबहारी" / 36

    जवान के भलेने्टाइन - गणशे नाथ ितवारी "िवनायक" / 43

    अफ़सोस के इलाज - िबद्या शकंर िबद्याथी / 45

    परेम दान - िववके ससह / 47

    पहर्ान के सकंठ - अमन पाण्डेय / 52

    रीत ह ैजमाना के - बब्ल ूससह / 58

    सेवान ला मार - ददलीप पनैाली / 61

    इयाद क बररआत - अमरेन्दर,आरा / 64

    नर्िनया - सजंय िमश्र `सजंय` / 76

    4. किवता

    सभ ेसहमल बा - देवेंदर कुमार राय / 23

    गंगा माई के बर्ाव ेर्लीं जा - राना रंजीत बास ु/ 23

    छीन लररकइया ँ- िवमल कुमार / 24

    पादकस्तान श्मशान करीं - िवमल कुमार /24

    ननैा गगररन लोरवा - संगीत सभुाष / 35

    बेवफा - उमशे कुमार िमश्र / 35

    भोजपरुरया नजर आव े- दीपक ितवारी / 38

    सारँ् लकुाइल मूजंवानी में - संगीत सभुाष /38

    शोभवा बो - िवम्मी कंुवर ससह / 39

    कजरी - िवम्मी कंुवर ससह / 39

    भखू के अिगन - माया शमाच / 40

    भात िलखी की दाल िलखी - सदंीप कुमार ससह / 41

    करे द ससहनाद - माया र्ौब े/ 41

    तहरा वजह े- प्रतीक भोजपरुरया /42

    कइसन इ दिुनया, बनवल s िबधाता - सनुील कुमार दबु े/42

    गाँव - कनक दकशोर / 55

    गरीब क मरम - अतलु कुमार राय / 55

    जातीय जजाती हो गइल - गणशे नाथ ितवारी `िवनायक` / 56

    पीर मन के सनुाइब - िशवदत्त ििवदेी `ििज' / 56

    िजिनगी बा अनमोल - राज ूसहनी / 57

    दकसानी गीत - िवबके पाण्डेय / 57

    िबदाई गीत - पकंज ितवारी / 60

    आपन भोजपरुी - अिनल कुमार / 60

    जइसन के तइसन - दीपक ससह / 63

    रंगदार हो गइल - डॉ हरेश्वर राय / 63

    िजयत लइकी मवुत लइकी - बजृ मोहन उपाध्याय / 66

    बसतं के नशा - िवबके ससह / 66

    िबदाई - अिभयतंा सौरव भोजपरुरया / 67 माईभाखा - किव हृदयानदं िबशाल /67

    ठंढा स ेरठठुरल बा - अमरेन्र, आरा /71

    मौका िमललेा - अमरेन्र, आरा /71

    हररजी र्िहयें तवन ेन होइ - किव रमशे कुमार सदुामा/72

    िमली ना दहजे - ददलीप पनैाली /72

    उ बात समझ ेना - सजंय िमश्र `सजंय' /73

    फागनुी गीत - सजंय िमश्र `सजंय' /73

    बबवुा तिनका बुझs - सजंय कुमार ओझा / 74

    5. गीत / गजल

    डॉ जौहर शादफयाबादी क कुछ ग़ज़ल / 18

    द ूगो गजल - डॉ रामरक्षा िमश्र िबमल /22

    द ूगो गजल – िबद्या शकंर िबद्याथी /46

    िनयरा बोलावता - सजुीत ससह /46

    जयर्दं - उमशे कुमार िमश्र /75

    गंगा मिहमा - लाल िबहारी लाल /75

    6. पुरुखन के कोठार स े

    राधा मोहन र्ौब े"अजंन" जी क किवता / 19

    7. नाटक / एकाकंी

    गाड़ल धन - माया शमाच / 13

    8. आलखे/िनबंध

    इनोवरेटव भोजपुरी - ििपरुारी पाण्डेय /10

    फगवुा के बदलत रूप - तारकेश्वर राय /16

    हररजन जािन प्रीित अित गाढ़ी - आलोक पाण्डेय/27

    हमार ससं्कृित - सवशे ितवारी श्रीमखु / 31

    आपन मलू स्वरूप स ेदरू भागत भोजपरुी िसनमेा -

    समीर कुमार राय /44

    योग अउर योगी - योगगुरु शिश प्रकाश ितवारी /79

    9. पसु्तक समीक्षा

    हमार पहर्ान - जयशकंर प्रसाद ििवदेी / 68

    10. सबद कौतकु

    हाथ-गोड़ िसररकी पटे नदकोला- ददनशे पाण्डेय/25

    11. पाठक का कोना - राउर बात / 97

    12. कलमकार स ेगोहार / 98

    13. सतमझेरा - 8, 9, 82, 83-85, 86-89, 90-96, 99-101

  • जनवरी – मार्च 2019 / अकं 3 - िसररजन पन्ना सॊख्मा - 4

    पुरान भीत िगरी तब्बे नू नई भीत उठी

    तीसरका अंक रउआ सोझा बा। िसररजन भोजपुरी भाषा सािहत्य, लोक र्ेतना अउर समाज के िवकास खाितर तत्पर

    पतररका ह।पुरूखा पुरिनया के थाती जोगावे के साथ ेसाथ नवकी कलम के मुख्य धारा से जोड़ला की जुगत में जोरदार ढंग स े

    लागल बा। आपन भाषा आ भोजपुररया समाज के पुरहर िवकास एकर असली लच्छ ह।

    इितहास गवाह बा, अइसन कवनो क्षेि नइखे जहवाँ भोजपुररया भाषी लोग के योगदान ना होखे। बाकी, एगो सोर्ल-

    समझल राजनीित के र्लत े भोजपुररया समाज के हमेशा दकनारे राखल गइल बा । कारण, हमनीं में एकता के बररयार

    अभाव रहल बा। भोजपुरी में जवन िसररजन भइल बा, ओकर आजुले िनष्पक्ष मूल्याकंन केहुवो ना कइल।

    कारण भा िस्थित र्ाह ेजवन होखे, भोजपुरी समाज के अपने आप पर पूरा भरोसा रािख के आपन आ अपना समाज के

    मूल्यांकन करे के पड़ी।

    कवनो भाषा के पिहर्ान आ िवकास ओकरा सािहत्य से ही होला। भोजपुरी में रोज िलखल पढ़ल जाता, भोजपुररया सािहत्य

    में खूब बढ़ोतरी होता। एकरा बादो एकर पिहर्ान अश्लील गीतन से कइल जाता। कुछलोग खुश होके भले केतनो अगरा

    जाव दक भाषा के िवकास में सािहत्य की तुलना में गीत गवनई आ िसनेमा के ढेर लमहर हाथ बा। भोजपुरी भाषा के िवकास

    एही से हो रहल बा। लेदकन, कुफुत के कारन त ई बा दक नाम से िजयादा बदनामी होता।

    दफिलम त अइसन बनता की मार काट आ उघार दिेह के अलावा अउरो कुछो ना रहलेा। बम्बई से घेटुआ के िनकालल लोग

    भोजपुरी में आके अपना के स्वयंभू स्टार घोिषत क ददहले बा लोग। मिस कागद छुओ नहीं वाला रर्नाकार भादो की बेंग

    खानी उपरा गइल बा लोग।

    ऊ समय आ गइल बा दक अब भोजपुरी में गीतन के िगरत स्तर आ दअुथी सम्बाद के कड़रे िवरोध होखे के र्ाहीं। सुखद

    समार्ार ई बा दक धीरे धीरे भोजपुररया समाज एकरा िवरोध में मुखर हो रहल बा।

    लोक संस्कृित के बर्ाले वाला लोक गीत गवनई से मनोरंजन कइल जाव। भोजपुरी में

    सुघर ससगार गीतन के अभाव नइखे। ऊ सब परयोग में िलआवे के पड़ी। तब्ब ेनू दिुनया

    समुझी दक भोजपुरी के जरर-सोर केतना गिहराह बा। फुहरपन परोसेवाला गीत स े

    लुहड़ेपन भीड़ के जुटान त हो जाला, फेरु वोही हल्लकुपन स ेभोजपुरी के कपार पर

    बदनामी के कररखा लािग जाला।

    भोजपुरी के लीले खाितर तयैार राहु केतु लोग के िर्न्हल जरूरी बा। आयीं ऐसे बर्ावे

    के संकल्प िलहल जाव।

    आयोजक जदद पिहलहीं िधरा दवे दक अनगचल नइखे गावे के, तब्बो बदलाव हो सकेला।

    पुरान भीत िगरी तब्बे नू नई भीत उठी।

    रउरे

    (डॉ अननर चौफे ) सम्पादक "िसररजन"

    सम्पादकीय

  • जनवरी – मार्च 2019 / अकं 3 - िसररजन पन्ना सॊख्मा - 5

    आऩन फात बोजऩरुयमा सभाज अऩना हहमया के फात साफ़ साफ़ बफना कवनो बमूभका के कहे क हहभामती ह। सरूूज के घाभ के देखि के फेय- कुफेय फतावे वारा आ धयती के आऩन भाई भाने वारा सभाज ह । बोजऩरुयमा सभाज भें अल्हड़ भदभस्त जवानी के दर्शन होरा त साॉच जजमया वारा रइकाईंवारा रूऩो के दर्शन भोहार नइिे । एकया रोकगीतन क कोठाय भें दरुहहन के रूऩ, यॊग आ सौंदमश के फिान फा त फीय फाॉकुयन क फीयता के इततहासो बयर फा । हय भौका िाततय गीत भौजूद फा एह रोक सभाज भें । हेतना ककमसभ- ककमसभ के यॊग भें रऩेटाइर सभाज से तनकरेवारी साहहजयमक ऩततरयका क सोझा जवन दफाफ होरा ओ दफाफ से "मसरयजन" के बी हाथाफाॉही कये के फा । दफाफ ई कक साहहयम के कवनो बफधा अछूता ना यह जाव बा सभाज के कवनो अगहय बा कवनो ऩयफ तवेहाय क अनदेिी न हो जाव । आ सफसे फड़का दफाफ ऩततरयका के ऩढ़वइमा क कसौटी ऩ िया उतये के । सभहुत अॊक के बोजऩरुयमा सभाज आऩन बयऩयू नेह छोह क पुहाय से नहवाइ देहरस आ दसुयको अॊक के ऽरु्ी से अगया के अॉकवाय देहरस । यउया सफ के बफवेचना फाॉचच के मसरयजन जभात के उयसाह त ऩनुगुी ऩ फा । हेतना नेह छोह ऩवरा के फाद त हभनीॊके दातमयवफोध भें जौ बय अचधके फढ़न्ती बइर फा । हभनीॊके ऩयुहय ऩयमास यही कक यउया सफ के कसौटी ऩ िया उतयर जाव । आवेवारा ततभाही जनवयी से भाचश अऩना गबश भें ऩयफ तवेहाय आ उतसव क ना जाने कतना रूऩ रेके हभनी ी़के सोझा आवे वारा फा। जनवयी अवत ेसरूूज देव के ऩछू तनी अचधके फढ़ जारा। जाड़ ऩारा से काॉऩत जजतनगी के इनकय धूऩ फड़ा सकून देरा । ककमसभ ककमसभ के पूर -पर, तय- तयकायी स ेऩेड़- ऩौधा आ प्रकृतत झूभत रउकेरा । १ जनवयी स े अॊग्रजेी क नवका सार क र्रुुवात होरा, जेकया के ऩयूा बफश्व नवकी उम्भीद, नवका उभॊग के साथे जनवयी के हाड़ गरावेवारा ठॊढ के फावजूदो चेहया ऽुर्ी से खिर उठेरा आ फाजाय अॊगे्रजी के नवका सार के सवुागत िाततय तइमाय हो जारा । एही भहीना भें भकयसॊक्ाॊततमो

    आवेरा, जेकया के खिचड़ी के नाॉव से गोहयावेरा रोक सभाज । एह हदन स्नान क बफर्से भहयव होरा, उहो गॊगा स्नान के । साया तीयथ फाय- फाय, गॊगासागय एक फाय के बी गॊगा स े सभदु्र के मभरान के जगहा ऩय भकय सॊक्ाॊतत के हदन स्नान चधमान के बफर्से भहातभ देरा सभाज । एहह हदन कपऩरभतुन के भॊहदय सभदु्र से फाहय रउकेरा, जवन सारो बय ऩानी भें फड़ूर यहेरा । गड़ु भें ऩागर ततर क रड्डू क सेवन क रयवाज ह बोजऩरुयमा सभाज भें । ऩयुिन के सभम से चरत आवत ई तवेहाय गड़ु क मभठास से ततर तनमय तछटाइर सभाज के एक साथ जोये के फहाना फन जारा । भाटी क हाॉड़ी , ऩतकुी ककने के फहाने कोहायो के घये ऽुर्ी, आनाज आ धनधान्म के रूऩ भें चहुॉऩ जारा । ढूॊढा, ढूॊढी, ततरकुट, राई, चचउया, दही िात- िात आ साभने खिचड़ी देि के भन गावे िाततय आतयु हो जारा कक

    "खिचड़ी के खिॊचिाॉच, पगवुा के फयी, नवभी क नौ योटी, तफे ऩेट बयी "।

    २६ जनवयी हभनीॊ के देर् के याष्ट्रीम ऩवश, गणतॊत्र हदवस। जकेय भाने होरा सयकाय आऩन, सॊपवधान आऩन, कतशब्म अउयी अचधकायो जनता जनादशन के हाथ भें । जहाॉ सॊपवधान हभनीॊके आऩन फात आ आऩन बफचाय सोझा यािे के अजादी देरा । एक फात गाॉठ फान्ह रीॊ कक गणतॊत्र भें जनभत ही सफसे फरयमाय होरा। रेककन गूॊग के फोरे के अजादी आ बफन ुऩाॉि वारा के उड़ े के अजादी दे के का पामदा? आऩन कतशब्म आ अचधकाय जाने िाततय साऺय आ जागरूक बइरो त जरूयी फा । एकया िाततय सभाज के सफहय ऩहर के फहुत ेजरूयत फा, तफे सही भामने भें गणतॊत्र बेंटाई । फसॊतऩॊचमभमो एही भहीनन भें ऩयेरा। एह हदन के बफद्मा, फदु्चध आ ऻान के देवी भाॉ सयुसती के ऩजूा के बफध ह, बोजऩरुयमा सभाज भें । ८ भाचश के सॉउसे दतुनमा भें भहहरा हदवस भनावर जारा । भदश भेहयारू भें बेदबाव ना होिे आ सभाज भें ओके ऩयुहय सम्भान मभरे। घय होिे बा फहयी ऊ अऩना के सयुक्षऺत भहससू कये । नायी ऩरयवाय रूऩी

    िसररजन जमात

  • जनवरी – मार्च 2019 / अकं 3 - िसररजन पन्ना सॊख्मा - 6

    गाड़ी के चरावेवारा ऩहहमा होरी सॉ, ओकये बफना ऩरयवाय आ सजृष्ट्ट के आगे फढ़ावे क कल्ऩनो नइि ेकइर जा सकत। गाड़ी के सचुारुरूऩ से चरे फदे दनुो भें तारभेर फहुत जरूयी फा । बोजऩरुयमा सभाज भेहयारू के रेके फड़ा दपुवधा भें यहर फा। रेककन, ऽुर्ी के फात ई फा कक अफ ई सभाजो सभझ यहर फा । रइका आ रइकी के फीच के बेद बाव तजेी से ियभ हो यहर फा । अफ जजतनगी के हय भकुाभ ऩ आधी आफादी आऩन ऩयुहय सहबाचगता तनबावत रउकततमा । अफ कवनो भामने भें नायी कभ नइिे । रइकी हय ऊ काभ कये भें सऺभ फारी स, जवन रइका रोग कयत यहे । अइसे त सार भें तीन सौ ऩैंसठ हदन होरा आ हयहदन कउनो ना कउनो देवता पऩत्तय के सभपऩशत फा । रेककन एही हदनन भें कवनो हदन अऩना ऩयुान उऩरजब्ध िाततय ऺते्रबफर्षे के रोकभानस भें आभ से ऽास फन जारा । बफहाय िाततय बी २२ भाचश फड़ा िास हदन ह, इहे ऊ हदन ह जवना हदने सन १९१२ भें कपयॊगी र्ासन के सभम बफहाय के फॊगार से बफरगा के एगो ऩयुहय याज्म के दयजा हदहर गइर । एक तयह से यउवा कह सकतानीॊ कक बफहाय एकया के "बफहाय हदवस" के रूऩ भें भनावेरा फतशभान सभम भें । बफहाय के अतीत से के अइसन फा ज ेऩरयचचत नइिे? जफ दतुनमा अऻानरूऩी अन्हाय भें डूफर यहे तफ बफहाय अइसन जगहा यहे जहवाॉ नारन्दा बफश्वबफद्मारम आऩन ऻान क यौर्नी से जन भानस के चभकावे भें रागर यहे । हेतना सनु्दय अतीत क नेंव ऩ िाड़ भहर सभम के साथ ढह हढभरा जाव त देितनहाय त इहे न कही कक ए भहर क यहवइमा क यहन ठीक ना यहे , ओही रोग के राऩयवाही आ अनदेिी के चरत ेई भहर भाटी भें मभर गइर । अऩना फतशभान अवस्था की ओय अॊगयुी उठत देखि के सकऩकाइर राजभी त फड़रे फा। बफहाय हदवस के फहाने आऩन सोनहुरा इततहास से प्रेयना रे के फतशभान बफहाय के फनावे की ओय फढ़त रउकता, फतशभान बफहाय के रोक सभाज । एह हाड़काट स्ऩधाश के जुग भें बफहाय अऩना के भजफतू कये िाततय जी जान से रागर रउकता ।

    पयवयी भाचश क भहीना बोजऩरुयमा सभाज िाततय फड़ा भहयव यािेरा । इहे ऊ सभम ह, जफ िेततहय के भेहनत के पर यब्फी के पसर के रूऩ भें आॉखि के सोझा िेत फघाय भें हरयमयी के रूऩ भें रहरहात रउकेरा । आजो कभो फेर् बोजऩरुयमा सभाज िेततए ऩ तनबशय फा । ओकय सऩना सकाय होि े के उम्भीद साभने रउके रागेरा । पगनुी फमाय ओकय ऽुर्ी के फढ़ावे भें आऩन ऩयुहय सहजोग कयेरा । एह फमाय से केहू अछूता ना यह ऩावे, ना प्रकृतत ना जजमा जॊत ु । आभ भउय के फउया जारा त सयसो के पऩमय पूर पुरात देि फढ़ू सेमान रड़ड़का जवान भदश भेहयारू सबकया ऩ पगनुी िुभाय चहढ़ जारा । नवका फछरू जइसन फढ़ुवो क भन उछड़ ेरागेरा । पगवुा भें ऊॊ च नीच अभीय -गयीफ क बेद बाव कुजल्हए बरुा के सबे एके यॊग भें यॊग जारा । पगवुा गावत भदभस्त टोरी के देि के सफकया ऩ पागनु क यॊग चहढ़ जारा । आज क र्हयी सभाज साधायणत् फहुभॊजजरा इभायत भें यहे के आदी फा बा यउवा कह सकत फानीॊ कक जगह की कभी के चरत ेआज ई सभम के जरूयत फा, त यउवा १० भॊजजरा इभायत के आखियी भॊजजर ढाह दीहीॊ, इभायत ऩ कवनो ऽास असय ना ऩड़ी आ इभायत फाॊच जाई। फाककय हभनीॊके बफकास रूऩी भगृ भयीचचका के धये फदे नेंव के चगया के भहर फचावे के झूठ सऩना देिे भें फाॉझर फानीॊ जा आ ओकया के ऩयूा कये िाततय साभ दाभ दण्ड बेद कुजल्हमे तयह के जोय रगावत रउकता रोक सभाज । फाघ फचवरा के नाया देहरा से फाघ ना फाॉची। फाघ फचावे फदे फचावे के ऩयी पेड़, रुि, घास-ऩात, जॊगर, झाड़, जभीन,ऩहाड़, नदी, नारा । कहे के भतरफ ई फा कक बाषा के गरयभा फाॉचे। एकया फढ़न्ती िाततय जरूयत फा एह बासा के फोरवइमा आ ऩढ़वइमा क । हभनीॊके सभाज के प्रेरयत कये के ऩयी, फोरे आ ऩढ़े फदे । हभनीॊके सपय बफना कवनो योक टोक के अनवयत चरत यहो एकया िाततय जरूयी फा यउया सबे के भागशदर्शन के। आसा फा ऊ जरूय हभनीॊके बेंटाई । "मसयजन" के जनवयी-भाचश २०१९ के अॊक सभपऩशत फा, यउया सबे के सोझा अवरोकन िाततय।

    याऊय आऩन, (तायकेश्वय याम)

  • अक्टूफय - ददसम्फय 2018 / अकं 2 - िसररजन पन्ना सॊख्मा - 7

    हनमुान जी भोजपरुरया रहनीं

    कूदन बाबा की असोरा में कउड़ा तापत रामखेलावन

    कहले दक ए बाबा- एगो त जाड़ हाड़ िहलावत बा, आ अबे

    नवे ददन नहइले बीतल बा, तले नवकी पतोह आज फेरु

    तसली भर पानी िधका के नहाये खाितर हुररयावल शुरू

    क ददहले बाड़ी। बुढौती में बड़ा बेध बा। हनुमानो र्लीसा

    बार्ल कवनो काम नइखे करत। जब जाड़ नइखे भागत त

    भूत भला भिगहें सन न?ू

    हनुमान र्ालीसा से इयाद आइल जब संकटमोर्न जी खुद े

    संकट में होखस त पिहले आपन दिेखहें दक जाड़ पाला में

    हमरी घर के दकर्ाइन सुिनहें? एक जने दिलत,

    वंिर्त,शोिषत अउर पीिड़त कह ददहलें। दोसर जाने जाट

    कह ददहलें। तीसरकु त रहमान, इमरान आ बली के तुक

    अली से िमला के हनुमान जी के मुसलमान बताव े में

    अररयाइल बाड़ें। ई सब सुिन के त हनुमान जी खदु े

    कंफ्यूिजया गइल होखब दक उहाँ के का हईं?

    कूदन बाबा खैनी के परसादी जइसन रामखेलावन के हाथ

    में धरत आधुिनक कथा वार्क की तरे बोलल शुरू कइलें-

    जा ए अदकल के अकरब।

    गुप्ता के भट्ठा, दशेी कट्टा,आ साधु कनफट्टा कब, कहाँ, का

    बोल जाव कवनो ठीक ना ह। अरे हनुमान जी कवनो

    जाित के ना हईं उहाँ के ओकरे हईं जे उहाँ के ह।

    हनुमान जी का हईं ई त हनमुान जी जानत बानीं। बाकी

    वन में रहला से केहु दिलत हो जाव त कई गो बड़हन

    बड़हन दिलत नेता बड़का बड़का शहर में बाड़न। आ हऊ

    जे जाट कहल ेबा न,ू त िबना जाने बुझे दोसरा के मुसीबत

    जे अपना कपारे ले लेव ऊ जाट होला, हनुमान जी त

    ज्ञानगुन सागर हईं। ह,ँ र्ौधुरी जी जरूर जाट बाड़ें।

    िबना जनल ेजाटे कुदलेा।

    ये रामखेलावन कुतरक के कवनो ओर छोर ना होला।

    हनुमान जी के दकसान बतावल जा सकेला, गदा लेके खेत

    खररहान के रच्छा करत रहनीं। "राम दआुरे तुम रखवारे"

    रामजी के दरबार के करमर्ाररयो केहु किह सकेला।

    खड़ाऊँ आ लाल लंगोटा दिेख के कुछ बकलोल इहो किह

    सकेले दक उहाँ के लकड़ी आ कपड़ा के वैपारी रहनीं।

    सजीवन बूटी िलयाइल रहनीं, माने दवाई के थोक िवके्रता

    रहनीं।

    ए रामखेलावन! कह ेखाितर त इहो कहल जा सकता दक

    हनुमान जी भोजपुररया रहनीं। दोसरा के मेहरारू खोजे

    खाितर, एगो भालू जइसन आददमी के र्ढ़ावला पर

    समुन्दर फािन के, अपना पोंछ में आिग लगवा के तीसरा के

    लंका फँूदक- तािप के स्वाहा क दवे ऊ भोजपुररए हो

    सकेला। बाकी ई कुिल्ह छोड़ राम राम कर। हनुमान जी

    जाित पाित से ऊपर बानीं। हाथ जोड़ के छमा मांगS,

    गलती सही के। हनुमान जी के छेड़ल ठीक ना ह, ना त

    ठीक ठाक पाटी के राजस्थान बना ददले। बाकी कवन काम

    बा कहला ………… |

    डॉ अननर चौफ े सम्ऩादक "ससरयजन"

    कनिी

  • जनवरी – मार्च 2019 / अकं 3 - िसररजन पन्ना सॊख्मा - 8

    स्वगीम याधा भोहन चौफेजी "अॊजन" बोजऩयुी के एगो थुम्हीॊ यहीॊ। उहाॉ के सोहफत जेकया मभर गइर ऊ धन्म हो गइर, उहाॉ के छछात दयसन कये के भोका त हभया ना मभरर फाकी ककयऩा के हभया योज अनबुतूत होरा। जम बोजऩयुी जम बोजऩरुयमा ऩरयवाय के तयप से 'अॊजन सम्भान' के रामक हभाय चुनाव उहाॉके अदृश्म आर्ीवाशद के द्मोतक यहे।

    इहे ना हभया भन हदर भें ऩइस के आऩन नाभाऺयी मरिववनी साथ ेसाथ अॊजन चारीसा मरिे के ऩेयना बी देनीॊ। बफना उहाॉके आर्ीवाशद के हभाय की फोड ऩ अॊगयुी ना चमरत ।

    नाभाऺयी:-

    याउय फिान कयीॊ, हभया भें हूफ नाहीॊ, धाय बोजऩरुयमा के यउआ फहवनीॊ।

    भोती जस चभकेनीॊ बोज के गगन भें, हऩयर सेवा क के बािा चभकवनीॊ।

    नयभी सबुाव यहे, गीत से रगाव यहे, चौया बोजऩरुयमा के िूफ गभकवनीॊ।

    फेरय फेरय माद कये आज भन यउआ के, अॊर्भुारी जस जोत िदु के फनवनीॊ।

    जम बोजऩयुी -बोजऩरुयमा जम फोरके, नभन फा यमसक के गयवा रगवनीॊ। अॊजन चारीसा :- मर्व र्जतत के र्यण भें , अॊजन गाथा गान । अभही फाॉके गाॉव के , बइरें ऩतू सजुान ।।

    याधाभोहन चौफेजी के । ऩषु्ट्ऩ चढ़ाईं नीके नीके ।। 1।। रोग सहेजीॊ अॊजन थाती । अरि जगाईं होत ऩयाती ।।2 ।। गड़ु के बेरी सयस सनेसा । हदव्मजोतत के जाने देसा ।। 3 ।। ऩयभानॊद मभरे अभही भें । जस ऩकवान फनर फा घी भें ।। 4।। भातरृ्जतत वॊदन हय फाया । दे असीस हयखित फहुफाया ।।5 ।।

    ऩतू पऩता के ऩयै ऩिाये । बपवता होत सदा उजजमाये ।। 6 ।। धयती उयवय सयस यसामन । हयऩर जजतनगी हो भनसामन।। 7 ।। बािा बमूभक बवन मबिायी । मर्चथर होत फहढ़हें दिु बायी ।। 8 ।। चॊचर चचत्त न कयहु ततवायी । चॊदन चाफ चना गणुकायी ।। 9 ।। भधुयी फानी भेर कयावे । अनऩरयचचत के गरे रगावे ।। 10 ।।

    आस्था केन्द्रभ सीस नवाईं । बािा के सनभान फताईं ।। 11 ।। हदव्मऩरुुि के उत्तभ फानी । याह हदिावे गरुुफर ऻानी ।। 12 ।। नेह छोह ऩावे मभररा ऩय । ऩयसे गॊध ऩहुुऩ खिररा ऩय ।। 13 ।। जोत फढ़ावे आॉि क अॊजन । ताज कपव बोजऩरुयमा अॊजन ।। 14 ।। तायागण भें धुरुफ सभाना । कपव अॊजन रि भन हयसाना ।। 15 ।। पे्रभ ऩायिी अद्बतु फानी । हॉसभिु भिु भकयॊद तनर्ानी ।।16।। वेद र्ास्त्र मसद्धाॊत पवर्ायद । धवर चरयत जस चभके ऩायद ।। 17 ।। फा अपसोस दयस ना ऩवनी । सकू्ष्भ रूऩ पवस्तारयत अवनी ।।18 ।। ऩतू ऩयस्ऩय पे्रभ अगाधा । हयऽ नाथ उनकुय बव फाधा।। 19 ।। सेवक जननी जनक दरुाया। सॊस्काय ससये सॊसाया ।। 20 ।।

    सतभेझया

  • जनवरी – मार्च 2019 / अकं 3 - िसररजन पन्ना सॊख्मा - 9

    धया धूय के सीस चढ़ाईं । हदव्म र्जतत के ऩास फरुाईं ।। 21 ।। वीणाऩाणी कय भाथा ऩय । भुॉह से तनकसे भभता के स्वय ।। 22 ।। फात फात भें वेद फिाना । सादा जीवन फड़ फेख्माना ।। 23 ।। याधा भोहन स्वमॊ सरूऩा । उमरचत पे्रभ प्रसॊग अनऩूा ।। 24 ।। सगनु ब्रह्ब तनयगतुनमा गामन । र्ब्द रगे सनु्दय भनसामन ।। 25 ।। ऻान क गगयी छरकत जामे । श्रोता सनुत अभय पर ऩामे ।। 26 ।। ततसना तचु्छ तरमैा बागे । बर सॊतोि सहुाचगन रागे ।।27 ।। ऻानवॊत मसय तान उताना । ऊ यावरय प्रततबा ऩहहचाना।। 28 ।। यमसक नवाॊकुय जोये ऩाणी। मसद्ध कयहुॉ भभ तनभशर वाणी ।। 29 ।। यस के धतनक धुयॊधय नामक । याउय गीत सदा भन रामक ।। 30 ।। ऩरुुि एक अरु रूऩ अनेका । साधक सेवक मसद्ध बबकूा ।। 31 ।। यचना सॊतन के सिुकायी । ऩढ़त मभटामे दपुवधा सायी ।। 32 ।। उय के अॊदय प्रेभ अगाधा । बेंटत मभट जामे भन फाधा ।। 33 ।। तात धयीछन गरुुवय याउय । भन उऩजर कफहुॉ ना फाउय।। 34 ।। कुर्र ऩायिी रछुभन ऩाठक । याधा भोहन अद्बतु साधक ।।35 ।। जम जगदीर् चॊद्र भाथुय की । अॊजन नाभ ककन्ह कपववय की ।। 36 ।। अभही फाॉके जम जम ग्राभा । अॊजन ककरयतत चरे अपवयाभा ।। 37 ।। प्रबावती देवी ऩद वॊदन । र्जतत स्रोत भाने कपव अॊजन ।। 38 ।। पे्रभ सभुन यउआ के अयपऩत । जजतनगी बय हभ यहफ सभयपऩत ।। 39 ।। हे मोगी ! साहहयम ऩजुायी । याउय यचना सभम सॉवायी ।। 40 ।।

    नेह ऩषु्ट्ऩ अयपऩत कये , यमसक नवावे भाथ । हभ याउय सेवक सदा , यउआ श्री यघनुाथ।।

    कन्हैमा प्रसाद नतवायी " यससक "

  • जनवरी – मार्च 2019 / अकं 3 - िसररजन पन्ना सॊख्मा - 10

    सॊसाय भें य उआ सगयो चमर जाईं, ई जानर, फझूर आ भानर साॉच हऽ कक बायत भें हयभेसा से प्रततबा के अउर ई यहर फा। रकेकन, इहो कड़वा साॉच ह कक जफ बी फदै्चधक बा उयऩाहदक मसरयजन के फात होरा तऽ हभनीॊ के ऩछुआइरे यहेनीॊ जा। वऻैातनक बाषा भें कहाउ त, इनोवेर्न के भाभरा भें हभनी के "रगाडश" कहर जारा ज े दोसया के देखि के, ऩयि के आऩन काभ चरा रेफेरा रकेकन अऩने ऩहहर े कवनो नमा काभ ना कयर चाहेरा। ई फात ढेय तनठाह तफ फझुारा जफ वऻैातनक बा प्राद्मौचगक मसरयजन के फात होिेरा। हभनी के फहुतामत नमा आ सजृनायभक उयऩाद बा सभाधान के आमातक के रुऩ भें जानर जारा। बोजऩयुी भें कहीॊ तऽ "जोगाड़", आ पवऻान भें कहर

    जाउ तऽ "रयवसश इॊजीतनमरयॊग"- भाने क इसे भहॊगा से भहॊगा पवदेर्ी तकनीक से सस्ता सफेुस्ता काभ चराऊॉ तकनीक फनावर जाउ, हभनी के एही भें भाहहय ह ईं जा अउय इहे हभनी के थाती हऽ।

    भरू अथशर्ास्त्र के अनसुाय कवनो नमा चीज के फनावे बा बफकमसत कये भें भजदयूी, ऩूॉजी अउय फाजाय के आवश्मकता होिेरा। ओइसे तऽ हभनी कीहा प्रततबा कफो र्ाटश सप्राई भें ना यहेरा रेककन जफ फात ऩूॉजी के तनवेर् बा सभचुचत तनधाशयण अउय फाजाय के भरूबतू ढाॉचा के बफकास के होरा, तऽ हभनी के पेय से पऩछुआ जानी जा। ऐभें कवनो अचॊबा के फात न इि ेकक एही सब सपुवधा के आस भें देर् के कतने वऻैातनक अउय तकनीमर्मन दर्कन से पवदेर् भें गभन

    आलखे/िनबधं

  • जनवरी – मार्च 2019 / अकं 3 - िसररजन पन्ना सॊख्मा - 11

    क इ यहर फाड़।े रेककन जवना हहसाफ स े पऩछरा ढ़ाई दर्क भें इनपाभेर्न टेतनोरॉजी (IT) अउय बफजनेस प्राॅॎर्से भनेैजभेंट (BPM) के ऺेत्र भें यचनायभकता के बफकास ब इर फा, आज ु देस के मवुा बफना ऩरामन क इरे बी आद्मौचगक फदराव भें आऩन सभचुचत मोगदान क इ यहरऽ फाड़।े एह फदराव के अॊदाजा एह तथ्म से रगावर जा सकेरा कक िरसा IT आ BPM सपवशस के तनमाशत से होिवेारा सराना आम तकयीफन २०० बफमरमन डॉरय के ऊऩय ऩॊहुच ग इर फा। हाराॉकक हार कपरहार भें पवश्व के कइ गो देसन द्वाया जायी प्रततफॊचधत व्माऩाय ऩाॅॎमरसी अउय आटोभेर्न (स्वचारन) के उऩमोग से बायत के आउटसोमसिंग तनमाशत भें हामरमा सभम भें कुछ कभी आ इर फा।

    ज इसे कक कहर जारा कक जफ एगो यास्ता फॊद होरा तऽ आदभी दोसयका यास्ता के िोज भें तयुॊत राचग जारा। ओइसहीॊऽ एह वजैश्वक फदराव से बायत के सपवशस ऺेत्र भें एगो अइसन मात्रा के आयॊब ब इर फा जहाॉ मसरयजन के भहत्त्व क इ गनुा फढ़ ग इर फा। तकनीक कबी बी जस्थय ना यहेरा, ओह भें सभम सभम ऩय अऩग्रेडरे्न के आवश्मकता होरा ना तऽ ओकया प्रासॊचगकता ऩय ितया हो जारा। ठीक ओइसहीॊऽ हभतनमो के आऩन सोच के पवश्व के अनसुाय अऩग्रेड क इरा के जरुयत फा अउय इहे सभम के भाॊग फा।

    इनोवेर्न के भहत्त्व के अॊदाजा एह फात से रगावर जा सकेरा कक आज दतुनमा भें भाकेट कैपऩटराइजेर्न के हहसाफ से सफसे ऊऩय यहेवारी कॊ ऩतनमन भें एह फात के होड़ रागर फा कक कुछ नमा आ अरग क इरा के भाभरा भें के केकया स े आग े तनकर सकेरा। नमा मसरयजन के प्रबाव स े ही एॅॎऩर १ रीमरमन डॉरय कैपऩटराइजेर्न के जादईु आॉकड़ा के ऩाय ऩहुॊच ग इर। ऍरपैफेट (गगूर के भरू कॊ ऩनी), अभेज़न अउय भाइक्ोसॉफ्ट सब के सब आहटशकपमर्मर इॊटेमरजेंस, डटेा भाइतन ॊग अउय तराउड कम्प्महूटॊग तकनीक ऩय हाथ आजभा के अऩना प्रासॊचगकता आ भहता मसद्ध क इ यहर फाड़।े

    सफसे ऽतयनाक फात ई फा कक जफ इनोवेर्न के फात होरा, तफ अऩना इहाॉके रोग स्टीव जॉब्स, बफर गेट्स बा आतसपोडश पवश्वपवद्मारम भें व्हीर चेमय ऩय रेतचय देत स्टीफ़न हाॅॎककॊस के योभाॊहटक कल्ऩना से फाहय ना आ ऩावेरा। गौय कयेवारा फात ई फा कक आज सब रोग के हाथ भें असॊख्म स्भाटशफ़ोन के इस्तभेार िारी एह वजह से नइि े हो यहर कक कवनो स्टीव जॉब्स यात बय जाचग के भेहनत कयत यहरे अउय उनकुा साथ वारा रोग आयाभ से सतुत यहें। वास्तपवकता ई ह कक एह स्भाटशफ़ोन के ऩहुॉच सफका तक होिरा के ऩीछे अनचगनत र्ोधकतशन के हदभाग, उयऩाद पवर्षेऻन के तयऩयता, सयकायी सहमोग अउय तनवेर्कन के स्वेच्छा से मोगदान फा।

    "असपरता अउय आपवष्ट्काय दनुो कफो ना बफछड़वेारा जुड़वाॊ बाई हवे आ हभनी के पवश्व भें सफसे फेसी असपर होिे वारा सफसे फेहतयीन कॊ ऩनी ह ईं जा।" - हार भें ही कॊ ऩनी के र्मेय होल्डयन के सॊफोचधत क इर ऩाॉती भें अभेज़न के सीईओ जफ़ै फेजोंस मसरयजन के ऩरयऩेऺ भें कॊ ऩनी द्वाया मरहर जोखिभ के फाये भें चचाश कयत एही फात के तयप ध्मान इॊचगत क इरे यहर ेहा। उनकुा फात के गढ़ू यहस्म इहे यहर हा कक आज के सभम भें जे जतना जोखिभ मरही, असपर होि ेअउय नमा मसरयजन कये के सॊजोग बी ओकया भें ओतने यही। डयेइरा के भतरफ फा कक ऐके ढयाश ऩे जजतनगी बफता दऽ आ कुछ नमा कये के भतरफ फा कक आऩन ककस्भत फदर रऽ।

    जवन चीन सदी के ऩहहरका दर्क र ेआई टी सतेटय भें बायत के प्रततस्ऩधाश देफ ेके तनयॊतय प्रमास भें रागर यहे, उहे चीन आज पवश्व भें भनै्मपैुतचरयॊग आउटसोमसिंग के गॊतव्म फन चुकर फा। अऩना सोच भें फौद्चधक ऩरयवतशन आ अऩना ऺभता के सही आकरन ही चीन के बफकास आ एह फदराव के कायण फा। आज बी हय सार जतना रयसचश ऩेऩय चीन भें प्रकामर्त होिेरा ओकय एक चौथाई बी बायत भें प्रकामर्त ना होरा। सन २०१२-१६ के फीच अगय प्रभाखणत रयसचश ऩेऩय के फात होिे त, अभेरयका के १५००० अउय चीन के ७२१३ के तरुना भें बायत से िारी ९८९ ऩेऩय

  • जनवरी – मार्च 2019 / अकं 3 - िसररजन पन्ना सॊख्मा - 12

    प्रकामर्त ब इर। सार २०१६-१७ भें अभेरयका के िारी एगो कॊ ऩनी (Qualcomm Inc) भरूत् १८४० ऩेटेंट िाततय आवेदन क इरस जवन कक बायत के सवोच्च प्रमोगर्ारन (डीआयडीओ, आईआईटी, आईआईएससी अउय इसयो) द्वाया क इर सभचूा आवेदन के दगुना से बी अचधक यहे। ई आॉकड़ा पवऻान अउय प्राद्मौचगकी के उऩेऺा कयेवारी बायत सयकाय के नीॊद से जगावे िाततय काफ़ी यहे। ऩरयणाभस्वरूऩ देर् भें वऻैातनक अउय प्राद्मौचगकी स्टाटश अॎऩ इकोमसस्टभ के उन्नमन के हय स्तय ऩय प्रमास तजे ब इर। स्व-उद्ममभमन के सहमोग िाततय फहुतामत इनतमफुेटसश आ एतसरयेटसश के स्थाऩना क इर ग इर। आज प्रततबार्ारी मवुा रोग स्व-उद्ममभता ऩे हाथ आजभा यहर फा आ वऻैातनक र्ोध िाततय आचथशक सहमोग के सॊसाधन बी फढ़ यहर फा। बायत आज वजैश्वक स्टाटश अॎऩ इकोमसस्टभ भें ५००० से बी अचधक नवीन अउय सजृनायभक स्टाटश अॎऩ के साथ तीसया स्थान ऩय काबफज हो चुकर फा। एह भें से १००० त िारी सार २०१७ भें स्थापऩत ब इर फाड ेसऽ आ अनभुान इहे फा कक सन ्२०२० रे इ सॊख्मा १०००० के ऊऩय चमर जा ई। हतना कुछ होिरा के फाद बी दिु एही फात के फा कक भरू रूऩ से पवऻान अउय प्राद्मौचगकी ऩय धेमान कें हद्रतवारा पभशन के सॊख्मा अबी बी फहुत कभ फाटे। हाराॉकक उम्भीद के ककयण इहे फा कक एह आॉकड़ा भें हदन प्रततहदन फढ़ोतयी हो यहर फा। उदाहयण के तौय ऩे िरसा फामोटेक के ऺते्र भें सन ् २०१२-१६ के फीच भें तकयीफन १००० प्रततष्ट्ठानन के स्थाऩना ब इर, कयीफ ३००० स्व-उद्मभी तमैाय ब इरें, जेभें से रगबग एक-ततहाई भहहराकभी

    फाड़ी। त होिे वारा फदराव के हय स्तय ऩय भहससू क इर जा सकेरा। सफसे भहयवऩणूश फात फा कक एह स्टाटश अॎऩ सॊस्कृतत के द्वाया देर् भें आधा से अचधक योजगाय उयऩन्न कये वारा कृपष ऺेत्र भें बी अभरूचरू ऩरयवतशन हो यहर फा। आज कृपष के हय पवधा चाहे र्स्म पवऻान, भदृा ऩयीऺण, ऩौध प्रजनन, भर्ीनीकयण बा कृपष सभाधान हो, हय ऺेत्र भें एह क्ाॊतत के सकायायभक ऩरयणाभ देिर जा सकेरा।

    हतना वदृ्चध होिरा के फावजूद बी, मसरयजन के ऺेत्र भें कायऩोयेट जगत के सहमोग आज बी नाभ भात्र फा। फहुत कभ उदाहयण फा जहाॉ िरसा ऩेटेंट बा फौद्चधक सॊऩदा अचधकाय के धेमान भें यि के कवनो बायतीम कायऩोयेट कवनो दोसया कॊ ऩनी अचधग्रहण क इर े होि ेबा अऩना व्माऩाय के पवस्ताय क इर े होिें। बायतीम र्ोध अउय प्रमर्ऺण सॊस्थानन भें बी जवना प्रकाय के तनवेर् के जरुयत फा, तवन कायऩोयेट घयानन से गाहा-फेगाहा ही देिे के मभरेरा। आवे वारा सभम भें अ इसन सहमोग के जरुयत फा जहाॉ रोग अऩना कायऩोयेट सोर्र येस्ऩाॊमसबफमरटी (CSR) से ऊऩय उठ के पवऻान अउय प्राद्मौचगकी भें तनवेर् कये के फाये भें सोचे। सहमोग के हय स्तय ऩय जरुयत फा आ ई िारी सयकाय के दातमयव ना हऽ। सफसे जरुयी फा कुछ नमा कये के भानमसकता के ऩरयऩोपषत क इर आ ई काभ हभनी के घय से ही र्रुू हो सकेरा। कहर जारा न ूकक कवनो नमा काभ कये के बा कवनो मोगदान कये के कवनो सभचुचत सभम ना होरा त र्रुु कयीॊ आज से ही - देर् के बपवष्ट्म आ आवे वारी ऩीढ़ी के प्रगतत एही भें फा।

    ✍बत्रऩयुायी ऩाॊडमे ग्राभ: बोजाऩयु, ऩो: सावन छऩया, फरैयमा, फमरमा

    वतशभान ऩता: भनीकोन्डा, हैदयाफाद

  • जनवरी – मार्च 2019 / अकं 3 - िसररजन पन्ना सॊख्मा - 13

    गाड़र धन ऩात्र--- ऩानभती, जोगी, फेटी (ऊषा) ऩतत। जोगी---फभ-फभ बोरे ,फच्चा ! ( बीतय से आवाज आवता)-तनी रूकीॊ फाफा,आवतनीॊ। ऩानभती--(मबऺा मरहरे)रीॊ, फाफा। जोगी--(मबऺा झोयी भें उखझरत) बचगभतनमाॉ!तोयी घये फहुत फढॊती फा फाककय रउकत नइिे। ऩानभती--का फढॊती फा फाफा!सवाॊग के केतनो कभाई-धभाई के सम नइिे मभरत। जोगी--हॉ ओकय कुछू कायन फा, जवना चरत ेऩयेर्ानी रउकता। ऩानभती--(फइठे िाततय कुयसी देत)फाफा यउवा त फहुत ेअगभजानी फझुातानीॊ।फताईं यउवा का कहतानीॊ? हभया त कुछू फझुात ेनइिे।

    जोगी--का कहत फानीॊ,िारी एतनें कक हभ सोझे देितानीॊ कक रक्ष्भी तोयी चउकठ बीतय िाड़ फाड़ी जाए िाततय ।एहीस ेसम नइिे मभरत।योकु उनके।सफ ठीक हो जाई। ऩानभती--(अऩनी कऩाये हाथ धयत)ए फाफा ! अफ हभ का कयीॊ? जोगी---घफड़ो जतन ततनको।(हवा भें हाथ चभकावत)आये हभ सफ ठीक क देफ।हभके एइसन-ओइसन जतन जान।ुहभया अगाड़-पऩछाड़ सगयो भारभू फा।कुछू उऩाइ कइरा ऩय ए घय के हदन फहूरय सकेरा। ऩानभती--(हाथ जोरयके)का..फाफा!साॉॅॉचो?त ए फाफा!जल्दी कवनो उऩाइ फताईं कक रक्ष्भी फहयी भतत जा ऩावें,मबतये यहें।।यउवा जवन कहफ, हभ तवन कयफ। जोगी--तोये घय भें गाड़र धन फा।जेके तोय ऩरुुिा-ऩयुतनमाॉ देउकुयी घय भें गड़रे फाड़ें।जवन ऊऩय होिे के तइमाय फा।कवनो उऩाइ ना कइर जाई त ई मबतरयए उऩहह के तोये ऩहटदाये घये चमर जाई। ऩानभती--ना..फाफा..ना।जवन कहफ तवन हभ कयफ ,उऩाइ फताईं।ऩहटदाये घये ना जाएके चाहीॊ। जोगी---देिु! ककछु सभान ऩजूा के फा जवन फजाये से मरमावे के ऩयी।कुर तीन हजाय रे ियचा ऩरय जाई।अउयी सोना के फदरे सोना चाहीॊ।

    नाटक/एकाॊकी

  • जनवरी – मार्च 2019 / अकं 3 - िसररजन पन्ना सॊख्मा - 14

    ऩानभती---तीन हजाय त ठीक फा फाफा!फाककय सोना की फदरे सोना आई कहाॉ स?े जोगी---आई नूॉ।जेतना सोना-चानी तोया घय भें होिे ओतने एगो नहदमा भें धयाई।पेरु हभ एइसन जोग कयफ कक रक्ष्भी के भानहीॊ के ऩयी..का फझुरे..।केहूसे ई फातत जनइहे भतत। ऩानभती---ठीक फा फाफा!केहू ना जानीॊ..आ..घय के रोग? जोगी---जे िास फा ऊ जान सकत फा फाककय झॊझट ना होिेके चाहीॊ। ऩानभती---ठीक फा फाफा !ठीक फा।जवन कहफ तवन होई,गाड़र धन मभरेके चाहीॊ। जोगी---(िड़ा होत)तफ हभ चरीॊ।फहुत ेजोगाड़ कयेके फा।साभान के ऩइसा मरमाउ। ऩानभती--(बीतय से ऩइसा मरमावत)रीॊ फाफा!ऩयूा तीन हजाय फा।कजल्हॊए फकयी फेंचनी हॉ। जोगी---फभ-फभ बोरे,कल्माण हो! ऩानभती---(हाथ जोरयके)फाफा!ई त फताईं कहहमा आएफ?् जोगी---आजुकी सातवाॉ हदने अभवसा के यातत ह।सफ जोग-टोटयभ अभवसे के मसद्ध होई। (फाफा के प्रस्थान) (ऩदाश चगयता) (दसूयका दृश्म) ऩानभती---ऊषा..ए ऊषा!देि ु..त।क..फजता।ततजहरयमा हो गइर अफहहनरे फाफा ना अइरें।अफ त हभाय जजउ डयेाता। ऊषा--अफहहन फेया फा।कहीॊ देय-सफेय अइफे कयफ।् जोगी---अरि तनयॊजन!फभ-फभ बोरे,फाफा वचन से कफहूॉ ना डोरे। ऩानभती--(हाथ जोयरे फाफा के गोड़ ऩय धउरयके चगयत)आये ए फाफा!हभ त अगोयत ेयहनी हॉ। जोगी---हॉ तफे अगोयत अगोयत अफ दसूय सोचत यहरे ह।हभ सफ जानत फानीॊ। ऩानभती--भापी फाफा!हभ का कयीॊ? जोगी--अच्छा!अफ भाथा-ऩच्ची के फेया नइिे।घय भें सफ इॊतजाभ करु। ऩानभती---ठीक फा फाफा!घय रीपऩ-ऩोंतत के चचतकन फा।यउये िाए-ऩीए के का कयेके ऩयी? जोगी--देिु!हभ परहायी हईं।िारी दधू आ पर सफेये-साॉझी के ऩावेनी।त... एकाध रीटय दधू आ एकाध ककरो पर के इॊतजाभ चाहीॊ। ऩानभती--(घय भें जात)ठीक फा फाफा!हभ सफ इॊतजाभ क देफ।यउवा आऩन काभ कयीॊ। (ऩदाश चगयता) (तीसया दृश्म) ऩानभती--फाफा!यउवा बोग रगा रेतीॊ, साॉखझ हो गइर।

    जोगी--फभ-फभ बोरे!देिु भाई!हभया यातत बय जाऩ कयेके फा।एसे हभ अफे ना परहाय कयेफ।हॉ दधू ऩी सकत फानीॊ। ऩानभती--(बीतय जात)ठीक फा फाफा!हभ दधू मरमावत फानीॊ। जोगी--जल्दी करु। ऩानभती--(दधू के चगरास थम्हावत)रीॊ फाफा!दधू ऩी रीॊ।सफ तइमाय हो गइर फा।अफ यउवा आऩन साधना कयीॊ। जोगी---(दधू ऩीमत)देिु!तोहनी दनू ूऩयानी के ऩहहरे आहुतत कयेके ऩयी।चर ुदेिाउ जग्गहह। ऩानभती--(घय भें मरमाजात)आईं फाफा आईं!ई ह देउकुयी घय। (एक ओय फाफा साभने ऩानभती आ उनके ऩतत,फीच भें ऩजूा के साभान यािर फा।) जोगी--(आॉखि फॊद कइरे)फभ-फभ बोरे।(भारा रेके)हाथ जोरय के फइठ।कऩयू फाय।आ नहदमा भें बफिो धरु। ऩानभती--फाफा!हभया रगे सात थान बफिो यहर ह।सफ नहदमा भें ध देरे फानी। जोगी---(आॉखि तयेयत)फभ-फभ बोरे!अफहहन तोया घय भें केहू की रगे बफिो फा।नहदमा कहत फा। ऩानभती---फाफा!अफ हभया रगे कहाॉ फाटे?हॉ हभाय फेटी आइर फाड़ी ससयेु से रवहटके।उनके बफिो फा।फाककय फाफा!ऊ कइसे यिा सकत फा?

  • जनवरी – मार्च 2019 / अकं 3 - िसररजन पन्ना सॊख्मा - 15

    जोगी--त..का?सोना त सोना ह,नहदमा भाॉगत फा।यिहीॊ के ऩयी।तफे नूॉ गाड़र धन तनकरी। रक्ष्भी खिमसमाए जतन ऩावें,जल्दी करु। ऩानभती--(मरमाके धयत)ठीक फा फाफा। जोगी--दनू ूहाथ जोरयके आॉखि फॊद क के दनू ूजने रक्ष्भीके धेमान कयजान।् (ऩानभती आ उनकय ऩतत हाथ जोयरे)

    जोगी----एगो काभ कय जाॉ।अफ यातत त ढेय हो गइर,कफरे जागर यहफ रोग।चमरके दनू ू जने आयाभ कय जाॉ। गाड़र धन आऩन जग्गहह त छोड़ देहरे फा फाककय ऊऩय बइरे भें अफहहन देयी फा।जफ तनकरी तफ हभ अऩने जगाएफ।धीये से उठ,कवनो िटय-ऩटय ना होिेके चाहीॊ। ऩानभती--ना फाफा!िटयऩटय ना होई।हभयो अफ जम्हाई आवता तनी ओठॊग रीॊ।(ऩतत से)तनीॊ यउवो सतूत रीॊ,त जागर जारा। ऩतत--चर!ुतफरे फाफा आऩन काभ कयेनीॊ। (उहठके बीतय गइरें) (ऩदाश चगयता) (चौथा दृश्म) ऩानभती--(सतुरे आॉखि िोरत)अये!क..फजता?इत फझुाता पयतछन्न होगइर।(ऩततके जगावत)उठी ना! देिीॊ बफहान हो गइर।तनी चमरके देिीॊ,फाफा जगवनीॊ हॉ ना। ऩानभती--(बीतयजात)फाफा....फाफा जी!का बइर?तनकरर?ए फाफा!(चचहा के)अये!फाफा त घयवा भें हइए नइिीॊ।सफ जस के तस ऩयर फा।केवाड़ी सटावर यहे ऊ िुरर फा।फाफा कहाॉ गइनीॊ? ऩतत---आये देिु!कहीॊ र्ौच कये त ना गइनी हॉ! ऩानभती--र्ौचारम त िुरर फा ..कहाॉ फानीॊ!(कऩाये हाथ ध के)आये फाऩ हो फाऩ!कवनो गाड़र धन नइि ेरउकत।अफ का होई? ऩतत--गाड़र धन के तउरा छोड़ु,नहदमवा फा बफिइमा वारा? ऩानभती---नाॉ..आ..ऊहो नइिे(छाती ऩीटत)।रेके बाचग गइर का ए दादा? अफ हभ फेटी के कहाॉ से ओकय बफिो मरमाके देफ? कवन भुॉह देिाइफ ए दइफा!(योवत-चचरात)आये जोचगमा ये जोचगमा!तोय बरा ना होई ये जोचगमा!अफ हभ का कयीॊ? ऩतत--(डाॉटत)अच्छा!अफ तें चुऩ यहु!तोरयए गाड़र धन के रारच धइरे यहर ह।बराई एहीभें फा कक आऩन भारय अऩने सहु।िेत फेंचचके गहना गढाउ आ दे फेटीके।अफ हल्रा कइर फॊद करु ना त ठीक बय ना होई। ऩानभती--(योवत)गाड़र धन त ना मभरर रगवो के सफ चमर गइर हो दादा।अफ हभ का कयीॊ? कुछू फझुात नइिे।

    ऩतत---एहीसे कहर जारा-;रारचे के आर् बइर ऩयरोके के नार् बइर।;हभाय फातत त भनर ूना,अफ हथहूॉ तय से गइर आ रतहूॉ तय से गइर। गाड़र धन के ऩयापऩत ना बइर।

    *********************

    ✍भामा शभाा या.उ.भ.वव.नेहरुआ करा

    ऩॊचदेवयी गोऩारगॊज बफहाय-841441

  • जनवरी – मार्च 2019 / अकं 3 - िसररजन पन्ना सॊख्मा - 16

    फगुवा के बदलत रूप

    पगआु कहत े जवन चचत्र हदभाग भें ऊबयेरा ऊ ह बोजऩरुयमा पगआु के साभहूहकता के बाव । पागनु गजजफे भहीना ह । पगनुी फमाय एगो अरगे ऊभॊग आ ऽुर्ी के अहसास कयावेरी । प्रकृतत से रेके जनावय आ अहदभी तक के ऊऩय एकय िुभायी के असय रऊके रागेरा । अधऩक गहूॉ, हरयमय भटय, पऩमयाइर सयसो के पूर से सजर िेत....ओने आभ के भोजय ऩ इतयात बौंय आ एने भहुवा के यसगय कोंच, पगनुी फमाय के साथे कोल्हुवाये से आवत नावा गयु के सोन्ह सफुास ... भन भस्त हो जारा। ऊ बोजऩरुयमा जेकय गाॉव-जवाय से इचचको सॊफॊध होिी ऊ जरूय एहहके भहससू कइरे होिी । आज स े दस-ऩनयह फरयस ऩहहरे तक, िेत फधाय भें हदन बय के भेहनत-भजूयी के फाद साॉखझ िने केहू के दआुय-दारान ऩ झार, भजीया, ढोरक के थाऩ ऩ दस ऩनयह आहदभी भस्त सयु भें पगआु गावत आ आऩन श्रभ के ऩरयहाय कयत बेटा जास। ओह रोककॊ ठ स ेतनकरर आवाज भें अततना जोय यहत यहे कक कोस ब दयेू से सनुाम। एहह सयु भें ना जाने कइसन भादकता होिे कक देह-भन भें कसभसहट होिे रागे आ कॊ ठ भें सयु के सरुूय जाग जाम।गावे के रयू-ढॊग बरहीॊ ना होिे फाकी रोक कॊ ठ से पूटर प्राकृततक रम भें भन-प्राण के फोथा कये के अऩाय ऺभता ह। रोककॊ ठ के

    तनकरर गीत के सनु के पगवुा के यॊग भें स्वत् यॊगा जात यहे रोकसभाज। तजेी से आधुतनकता आ पवकास क ऩाछा बागत गाॉवन भें रोककॊ ठ से तनकरर रोकगीतन के ऊ नजाकत अफ कहाॉ ? अफ के गाॉव र्हयी देिाहहॊसकी के ऩ आऩन डपरी, आऩन याग वारा कहावत के चरयताथश कयत रऊकत फाड़।े । बोजऩरुयमा सभाज के प्रभिु िामसमत यहे आयभीमता बयर हास-ऩरयहास के प्रवपृत्त, ऊ अफ ऩहहरे जइसन कहईं रऊकत ेनइिे । यॊग-अफीय के कवनो कभी नइिे अफ त भहॉगा होिरा के फावजूद एकय ज्मादा भात्रा भें ऽयीदगी होता

    । ऩआू-ऩकवान

    आ तयह-तयह के ब्मॊजन बी िूफ फनता । भगय

    हॉसी-हठठोरी, ऊल्रास,

    जीवन के ऊ भस्ती

    आ साभहूहकता के बावना ना जाने

    कहवाॉ बरुा गइर ? ओकय

    कभी फहुत ेिरता अफ सभाज भें । ऩहहरे गाॉवन भें देवय बऊजाई के तनपवशकाय चुहर से बयर पगआु के सयु गूॉज-े "बय पागनु फढ़ुऊ देवय रागे" त जजतनगी के जद्दोजहद से जझूत ऩऊढ़ फमस बऊजाई के चेहया ऩ जवान भसुकुी के जोत फये रागे। अफ त गफरू जवान देवयो फढ़ू िूसट के भातन ॊद थोथ रटकवरे यहता । पगआु क यॊग केहू ऩ चढ़त आ धभार भचावत नइि े

    आलेख/िनबधं

  • जनवरी – मार्च 2019 / अकं 3 - िसररजन पन्ना सॊख्मा - 17

    रऊकत। रोकसभाज अनावश्मक गॊबीयता के रफादा ओढ़रे आऩने यचर चहायदीवायी के अॊदय मसभटर- दफुकर नजय आवऽता। गाॉव क असरी ऩहहचान यहे ओकय साभहूहकता, आऩसी सौहाद्रश , अऩनाऩन, तनहछरता आ सोझऩन जवन र्हयी सॊस्कृतत के सम्ऩकश भें अइरा के कायण ितभ होत जाता । गाॉव दोहभत भें जी यहर फा, ना ऊ िाॉटी गॉवईंऩन र्षे फा ना ऩयूहय र्हयी यॊग-ढॊग के अऩना ऩवरे फा । ओकय गॉवईऩन जवन ओकय ऩहहचान यहे ऊ तजेी से बफरात जात फा कहईं । हभाय गाॉव अफ पगआु के जीअत नइि,े ओकय रहास अऩना कान्हें ऩ मरहरें घसेटात जात होिे जइसे। ना भहयाज, यऊवा हभाय गाॉव देिे के जजद्द जीन कयीॊ ई याऊय बगूोर भें कहईं ना बेंटाइ, फाकी ई सगये भौजदू फा, ई यऊयो मबय हो सकेरा आ ततनक तानों। रोकऩयफ पगआु जततने िेत-िमरहान, मसवान-फथान ऩ गावत झूभत रऊकत यहे ओतने ढीठ यहे अॉगना-घये भें घसेु िाततय फाककय आज �