िदग्गज पत्रकार - fameindia.co · िवशेरांक, 2017,...

68
वर 6, अंक 3, 50 ` िवशेरांक, 2017, माििक एक परिचय िदगज पकार िच बदल, िमाज बदलेगा

Upload: others

Post on 02-Sep-2019

3 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

  • वर्ष 6, अंक 3, 50`िवशेरांक, 2017, माििक

    एक परिचय

    िदग्गजपत्रकार

    िोच बदलें, िमाज बदलेगा

  • TITLE

    Shambhu's

    Foundation ( To creat Endless Happiness )

    Address - D Block - sector -50 , Noida -201304 ( Delhi NCR )

    Contact - +91-9911976808 Email ID - [email protected] www.shambhusfoundation.in

  • 28

    56

    स्मता प्रकाशएडीटर इन चीफ- एएनआई

    पीयुर पांडेयचरचचित एड गुरु

    22

    8

    30

    27

    44

    फेम इंिडयाwww.fameindia.co

    वर्ष 6, अंक 3, िवशेरांक 2017

    पैट्रन - ईआरमहादेवनप्रसिडेंट - सवशवनाथपीदेवमैनेसिंगडायरेकटर - रािश्ीिोंथासियाएसडटरइनचीफ - यूएििोंथासियामैनेसिंगएसडटर - शवेताश्ीशंकरकंटेटएसडटर - शंकरिोंथासिया

    एिोसिएटएसडटर - धीरिकुमारनेशनिबयूरोहेड - नम्रतानारायणफीचरएसडटर - डॉसवषणणुरािगस़ियाआट्टडायरेकटर - सवण्णिता

    एसडटोररयिटीम-शत्णुघ्नप्रिादशवेतारशशमनीिमशणुकिाहेमंतसिंहअसमतझासहमांशणुपणुंसडरआनंदवमा्णरामनरेशठाकुररुचीझारचनाझासप्रयंकाश्ीवासतव

    वेवटीम - आयणुषमान

    फोटोररिच्णर - रािेशवमा्ण

    सवसधििाहकार - िंिीवसमश्ा

    िेलिमाककेसटंगमैनेिरदेवांगरमन - 9711536223िकुकुिेशनमैनेिरप्रवीणकुमारसमश्ा - 9210540900

    मणुद्रक,प्रकाशक,िंपादकरािश्ीद्ाराजयोसतसप्रंटि्ण,ई-93,िेकटर-6,नोएडा,गौतमबणुद्धनगरिेमणुसद्रतएवंए-533,िीडीकॉिोनी,मयूरसवहारफेि-3,सदलिी-110096िेप्रकासशत

    िंपादकीयएवंमाककेसटंगऑसफिफेमइंसडयापशबिकेशनप्रा.सि.762,बिाक-एफ8,िेकटर-50,नोएडा201304(उ.प्र.)फोननं.-+91-7004450124,+91-9717727501ईमेि:[email protected]

    D.L.No.F-3/Press2012RNINo.DELHIN/2012/48773

  • िाणा यशवंतमैनेरिंग एरडटर - इंरडया नययूि

    िदग्गज पत्रकार

    कवि ् ्ोिी

  • 6 फेम इंिडया । रवशेषांक 2017रदगगि पत्रकार

  • मीडिया का प्रभाव डिल और डिमाग पर सबसे जलिी पड़ता है, और एैसे में डजममेिारी भी बेहि बड़ी और महतवपूर्ण है. डवशव भर में सुचना काांडत के साथ तेजी से बिलाव हो रहा है और इसका असर िेश में भी समाज, डवकास, राजनीडत, वयापार ,डशक्ा सडहत सभी क्ेत्र में तेजी से हो रहा है, बिल रही है लोगो की जागरुकता व मानडसकता और उसी तेजी से बिल रही है मीडिया की रफतार. मीडिया की अपनी धारा है डजस पर हमेशा िबाब होता है पाठक और िश्णक के अनुसार जानकारी जुटाने और परोसने का, भाषा से लेकर प्रोग्ाम तक के डनर्णय आज के समय और आम आिमी की भाषा के अनुसार ही करनी पड़ती है साथ ही समाज के प्रडत जवाविेही का िबाब लगातार बना रहता है.

    थोड़ी सी भी असावधानी और पूरे समुह पर पक् लेने का आरोप तुरांत लग जाता है. कहने का तातपय्ण यह की साख हमेशा िाांव पर लगी रहती है. आजािी के इन 71 वषषों में मीडिया को लेकर सोच में बड़ा बिलाव आया है, वत्णमान में लोकतांत्र के चौथे सतांभ के तौर पर पररभाडषत मीडिया की शुरुआत तो समाज सेवा के रुप में हुई परनतु धीरे धीरे यह एक बहुत बड़ी इांिस्सरिज में तबिील हो गया. आकष्णक सैलरी, बढते रुतबे के साथ रोजगार का एक बड़ा जररया बन गया मीडिया, जहॉ नये सपनो के साथ हर वष्ण लाखो की सांखया में मॉस कॉमयुडनकेशन कर रहे युवा अपना सुनहरा कैररयर बनाने की खवाडहश डलये आ रहे हैं, अब सवाल उठता है कया मीडिया डनषपक् है? बहुत से लोगो का जबाब न में आये तो सवाल उठता है तो जनता आज भी शासन सत्ा, राजनेता से जयािा मीडिया पर ही भरोसा कयो करती है.हमारे िेश का मीडिया आज भी जो काम कर रहा है वह अनय क्ेत्ररों से बेहतर है. कयरोंडक लोकतांत्र के इस सतांभ ने अपनी भूडमका में िेश की आजािी में योगिान से लेकर तमाम एेसे काम डकये है डजस पर पत्रकाररता गव्ण कर सकती है.

    खबरपाडलका लोकतांत्र के चौथे डपलर के तौर पर डवधाडयका, काय्णपाडलका और नयायपाडलका के बाि सबसे अहम भूडमका डनभाती आ रही है. मीडिया के इडतहास में इमरजेंसी के काले अधयाय के बावजूि अपनी मजबूती नही खोई है. आज भी मीडिया पर सत्ा तांत्र डवडभन्न तरीके से कंरिोल करने का प्रयास करती है डजसमें डवत्ीय सहायता बांि करने से लेकर नैडतक अनैडतक अनय कई हथकंिे अपनाने से नही भी चुकती .

    हमेशा हर तरह के चुनौडतयरों से जुझती हमारी खबरपाडलका अपना काम बखूबी करती रही है.नीतीश कटारा का केस हो या डिर डनभ्णया गैंगरेप केस ,डप्रयिश्णनी मट्टू, ररजवानुल हक, डशवानी भटनागर जैसे मामले हो या सुकना भूडम घोटाला, आिश्ण सोसाईटी घोटाला, कोल बलॉक, 2 जी सपेकरिम, आईपीएल में भ्रषटाचार हो या पनामा डलकस मामला एैसे असांखय खुलासे मीडिया के वजह से ही सांभव हो सके. खबरपाडलका जनतांत्र में जनता की आवाज है जो जनता की भावना काय्णपाडलका और नयायपाडलका तक पहुांचाती है और उसने सिलतापूव्णक कई िैसलो को बिलवाने में भी महतवपूर्ण भूडमका डनभाई

    आजािी के पहले अांग्ेजो के डखलाि भारतीय मीडिया ने मजबूत माहौल बनाया डजससे राषरि एक जुट हो सका और आजािी के बाि जनता की अपेक्ा और शासन सत्ा के प्रेशर में लेने के प्रयास जैसे िोतरिे िबाब के साथ चलता हुआ प्रेस मीडिया भ्रषट तांत्र पर मजबूत प्रहार करने का एक मजबूत यांत्र है. प्रेस के पास मजबूत ताकत है जो िेश को और ताकतवर बना सकती है.

    िेम इांडिया खबरपाडलका के महारडथयरों से एक पररचय करवाते गव्ण महसूस कर रहा है ये वो डिगगज पत्रकार है डजनकी वजह से आज भी िेश की जनता का अटूट डवशवास प्रेस मीडिया पर कायम है.

    खबरपालिका के लिग्गज

    [email protected]

    7रवशेषांक 2017। फेम इंिडयासंपादकीय

    (यू़ एस़ सरोंथाडलया)

  • 8

    देश के सबसे तल्ख तेवरों वाले अ्खबार का दराजा पा चुके ‘इंिडयन एकसप्ेस’ को हमेशा से उसकी आक्ामक छिव के िलये राना राता है तो इसके पीछे वरह उसके वैसे ही योगय व कुशल संपादक भी रहे हैं। इन िदनों इसी परंपरा को िनभा रहे हैं अंतरराष्ट्ीय खयाित प्ाप्त ले्खक व पत्रकार रार कमल झा।

    ‘नॉवेलिस्ट इन द न्यूज़रुम’ के नाम से मशहयूर इंलि्न एकसप्ेस के इन चीफ एिी्टर की बहुमुखी प्लिभा के का्ि उनके पाठक िो हैं ही, बड़े-बड़े उद्ोगपलि से िेकर राजनेिा िक उनकी दयूरदलशशििा पर भरोसा करिे हैं।

    वरशि 1966 में लबहार के भागिपुर में जनमे राज कमि झा की शुरुआिी लशक्ा कोिकािा में हुई। इं्टरमीलिए्ट के बाद उनहें आईआई्टी, खडगपुर में दालखिा लमि ग्ा, िेलकन जलदी ही उनहें ्ह अहसास हो ग्ा लक उनकी अलभरुलच इंजीलन्ररगं के मुकाबिे अंग्ेजी में अलिक है। िेखनी पर जबदशिसि

    पकड रखने के कारण वे थि्ड व फोथशि इ्र में कैंपस मैगज़ीन ‘अिंकार’ के एिी्टर बना्े ग्े।

    वरशि 1992 में इनहोंने द स्ट़ेटसमैन, कोिकिा में अलसस्टें्ट एिी्टर के िौर पर अपने कैरी्र की शुरुआि की। वरशि 1994 में इंलि्ा ्टुि़े में सीलन्र एसोलसए्ट एिी्टर के िौर पर जवाइन लक्ा। वहां दो साि काम करने के बाद उनहोंने 1996 में इंलि्न एकसप्ेस के लिप्टी एिी्टर पद पर जवाइन लक्ा, िेलकन प्मोशन पाकर एककजक्यूल्टव एिी्टर, मैनेलजंग एिी्टर, एिी्टर और लफर चीफ एिी्टर बने। आज ् े देश के सबसे उच्च सिरी् इनवेकस्टगेल्टंग ररपोल्टिंग वािे समाचार पत्र के प्िान संपादक हैं। राज कमि झा के नेिृतव में ही अप्ैि 2016 में इंलि्न एकसप्ेस ने पनामा पेपर जैसे अंिराशिष्ट्ी् घपिे को उजागर लक्ा और भारि सरकार को इसमें शालमि भारि के बड़े िोगों और भारिी् कमपनी के कािे िन से जुडी सयूची सौंपी।

    पुरसकार वापसी की शुरुआि हो ् ा लफर रोलहि वेमुिा पर खुिासा,

    एिड्ि इन चीफ - इंिडयन एकिप्रेििाजकमल झा √

    फेम इंिडया । रवशेषांक 2017रदगगि पत्रकार

  • 9

    झा के समपादकी् साम्ाज् में खबरें रूकिी नहीं हैं. उनहोंने महाराष्ट् में सयूखे से िेकर पंजाब में की्टनाशक के घो्टािे पर सबसे पहिे फोकस लक्ा. को्िा घो्टािे और 2 जी सकैम पर भी झा के नेिृतव में उनके ररपो्ट्डसशि ने बडी खोजी ख़बरें की हैं. ररपो्ट्डसशि को वो प्ेरणा देिे हैं और इनवेकस्टगेल्टव पत्रकारों को लजगर लदखाने की पयूरी जगह भी।

    लवएना के इ्ंटरनशेनि पे्स इसं्टीट्यू्ट स ेएकसीिेंस इन जनशिलिजम के अवाि्ड स ेसममालनि इंलि्न एकसप्ेस के चीफ एिी्टर राजकमि झा अनिराष्ट्ी् ख्ालिप्ाप्त नॉवेलिस्ट भी हैं। इनकी लिखी ‘द बियू बेिसप्ेि’ को ‘कॉमनवेलथ राइ्टसशि प्ाइज’ और ‘न्यू्ॉक्क ्टाइमस नो्टबुक ऑफ़ द इ्र’ से सममालनि लक्ा ग्ा। वे खुद को फैक्ट और लफकशन के बीच की कडी मानिे हैं। राजकमि झा के लिखे िीन नॉवेि एक दजशिन से ज्ादा लवदेशी भाराओं में अनुवालदि हुए हैं। इनकी एक और लकिाब को ‘क्ॉसवि्ड बुक अवाि्ड 2003’ से नवाजा ग्ा है। उनहें पत्रकाररिा के लि्ेे भी दजशिनों पुरसकार व सममान लमि चुके हैं। फेम इंलि्ा-एलश्ा पोस्ट मीलि्ा सववे 2017 में राज कमि झा को भारिी् ्टीवी मीलि्ा के लदगगज पत्रकार के िौर पर पा्ा ग्ा है।

    1992

    1988 में आईआईटी से मैकिनकल इंरीिनयररंग में ग्ैरुएट होने के बाद इनहें युिनविसजाटी ऑफ़ सदनजा कैिलफोिनजाया में िप्ंट रनजािलजम में मासटसजा िडग्ी के िलये सककॉलरिशप िमल गई।

    में द सटेटसमैन, कोलकता में अिससटेंट एडीटर के तौर पर कॅरीयर की शुरुआत की।

    रवशेषांक 2017। फेम इंिडयाएक पररचय

  • 10

    कुछ पत्रकार होते हैं, रो बहुत ्खामोशी से, िबना िकसी शोर-शराबे के, अििक पब्लिसटी के चककर में पडे िबना चुपचाप अपना काम करते रहते हैं और िमसाल कायम कर देते हैं। टाइमस ग्ुप के एिडटोररयल डायरेकटर रयदीप बोस, िरनहें दोसतों और सहयोिगयों के बीच रोरो के नाम से राना राता है, एक ऐसे ही पत्रकार हैं। उनहें रानने वाले बताते हैं िक वे लो-प्ोफाइल रहते हुए बैक-रूम के एकांत को पसंद करने वाले समिपजात संपादक और बेहतरीन टीम लीडर हैं।

    ज्दीप बोस ् ानी जोजो को अगसि 2008 में प्ोन्नलि देकर ्टाइमस गु्प का एलि्टोरर्ि िा्रेक्टर बना लद्ा ग्ा। इस पद पर उनकी प्ोन्नलि इस लिहाज से काफी महतवपयूणशि मानी जािी है, क्ोंलक ्टाइमस ग्ुप के इलिहास में पहिी बार लकसी व्ककि को एलि्टोरर्ि िा्रेक्टर बना्ा ग्ा था। ्टाइमस ग्ुप में जोजो के ्ोगदान की अहलम्ि एलि्टोरर्ि िा्रेक्टर पद पर उनकी लन्ुककि के सम् समयूह द्ारा जारी पररपत्र में कही गई बािों से भी समझ में आिा है।

    इस पररपत्र में कहा ग्ा था- 'लपछिे िीन से चार वरषों में द ्टाइमस ऑफ इंलि्ा ने अपनी संपादकी् गुणवत्ा में उलिेखनी् प्गलि की है। ्ह िगािार

    अलिक जीवंि और ्यूथफुि बना है। इसके साथ ही, इसक ेलवलभन्न प्कोष्ठों में अलिक वजन आ्ा है। निीजिन, हमारा अखबार आज आम पाठकों, प्भावशािी वगषों और बुलधिजीलव्ों के बीच िेजी से िोकलप्् हुआ है। इिना ही नहीं, बाजार दर बाजार, हमारा बांि अपने प्लिसपलिशि्ों से िगािार आगे लनकििा जा रहा है। ्ह मुख् रूप से हमारी संपादकी् गुणवत्ा और लवपणन के कारण है। हमें ्ह घोरणा करिे हुए खुशी हो रही है लक इस पररविशिन के शीरशिसथ व्ककि ज्दीप बोस को ्टाइमस समयूह के संपादकी् लनदेशक के रूप में प्ोन्नि लक्ा जा रहा है।'

    पररपत्र में कहा ग्ा लक जोजो समयूह के प्काशनों की संपादकी् गुणवत्ा को बढाने के लिए 'प्ेरणादा्क' सालबि होंगे और इसे "और ऊंचाई" िक िे जाएंगे। इिना ही नहीं, वह सभी समाचार पिे्टफॉमषों पर हमारी समग् संपादकी् रणनीलि को प्भावशािी बनाने के लिए प्बंिन का मागशिदशशिन करने में भी महतवपयूणशि भयूलमका लनभाएंगे।

    जालहर है, ्टाइमस ग्ुप में आज जोजो की जो अहलम्ि है, वह उनकी अपनी कालबलि्ि, मेहनि, समपशिण और दयूरदलशशििा के चििे है। ्टाइमस

    फेम इंिडया । रवशेषांक 2017रदगगि पत्रकार

    एिड्ि इन चीफ - ् ाइमि ऑफ इंिडया जयदीप बोि

  • 11

    ग्ुप से जुडने से पहिे जोजो कोिकािा में आनंद बाज़ार पलत्रका समयूह के प्लिकष्ठि अंग्ेज़ी दैलनक ‘द ्ट़ेिीग्ाफ’ से जुड़े हुए थे। इसके बाद 90 के दशक में ्टाइमस समयूह से जुड़े और ्टाइमस ऑफ इंलि्ा के कोिकािा संसकरण के सथानी् संपादक बने। लफर कुछ साि िक ‘द इकोनॉलमक ्टाइमस’ के का्शिकारी सपंादक रह।े इसके बाद जनवरी 2004 में व े्टाइमस ऑफ इलंि्ा के का श्िकारी सपंादक लन्ुकि लकए गए।

    ्टाइमस ग्ुप में ज्दीप के सह्ोगी रहे पत्रकार बिािे हैं लक कंपनी का एलि्टोरर्ि िा्रेक्टर होिे हुए भी ज्दीप उिने ही िो-प्ोफाइि और शांि रहिे हैं। एकांि आज भी उनहें लप्् है। आज भी खामोशी से वे अपना काम करिे रहिे हैं। समयूह के सालथ्ों के लिए वे एक शानदार प्ेरणा स्ोि हैं। ज्दीप मानिे हैं लक लकसी भी काम का ररजल्ट मा्ने रखिा है। अगर आप चुपचाप रहिे हुए शानदार निीजे दे रहे हैं, िो आपको दुलन्ा सिाम करेगी। िेलकन अगर आप बहुि बोििे हुए, प्चार की भयूख रखिे हुए भी पररणाम नहीं दे पािे, िो दुलन्ा आपको फेल्ोर के रूप में ही ् ाद रखेगी।

    लनक्चि रूप से, मीलि्ा के इलिहास में ज्दीप का नाम सफििम संपादकों में शुमार लक्ा जाएगा। ख़ासकर ्टाइमस ग्ुप का इलिहास अब उनके उलिेख के लबना पयूरा नहीं हो सकिा।

    2008

    अपने सहयोिगयों के प्ित उनका रु्ख अतयंत ही सकारातमक, िवशवास से भरा और प्ोतसाहन देने वाला रहता है। शायद इसी वरह से टाइमस ग्ुप ने भी उनके महतव को समझा है और हाल के वर्षों में वे इस ग्ुप में सबसे अििक समय तक सेवा करने वाले संपादक सतर के वयबकतयों में से एक हैं।

    में प्ोन्नित देकर टाइमस ग्ुप का एिडटोररयल डायरेकटर बना िदया गया।

    रवशेषांक 2017। फेम इंिडयाएक पररचय

  • 12

    अपाररिसम 'बकॉबी' घोर् की िगनती प्भावशाली पत्रकारो में होती है बकॉबी िहंदुसतान टाइमस के एिडटर है। टाइमस मैगज़ीन के इंटरनेशनलएिडटर भी रहे है,बकॉबी पहले ऐसे भारतीये पत्रकार है रो गैर अमेररकी होते हुये भी टाइमस का एिडटर बने । उनहोने टाइम एिशया, टाइम यूरोप के सीिनयर एिडटर के प्ोफाइल में काम िकया है। बकॉबी िबज़नेस नयूज़ वेबसाइट कवाटरजा के मैनेिरंग एिडटर भी रहे है ।

    लवशाखापत्नम से बेहद िगाव रखिे है ,क्ोंलक ् ही उनहोंने अपना सफर शुरू लक्ा था। बॉबी के लपिा पयूवशि नौ सेना अलिकारी है, आज भी ् ही रहिे है। बॉबी का नाम बचपन बॉबी ही था पर 7 साि की उम् में उनके लपिा ने उनहें 'अपाररलसम' नाम लद्ा। बॉबी की पत्ी लबपाशा उनकी सककूि फ्रेंि रही है।

    बॉबी का कैरर्र1985 के स्टाफ ररपो्ट्डर- ि़ेककन क्ोलनकि से शुरू हुआ और वे 1991 में कोिकािा के लबजनेस स्टैंिि्ड में स्टाफ ररपो्ट्डर बने, इसके बाद वे 1995 में लबजनेस वलि्ड, मुंबई और लदलिी में अलसस्टें्ट एलि्टर ,और लफर लिप्टी एलि्टर बने , इसके बाद वे ्टाइम ग्ुप से जुड़े लजसमे 2002 में ्टाइम

    एलश्ा, हागंकागं में एसोलसए्ट एलि्टर और सीलन्र एलि्टर बन,े इसके बाद ्टाइम ् यूरोप, िंदन में एसोलसए्ट एलि्टर बने

    2007 में ्टाइम बगदाद के चीफ ररपो्ट्डर और 2009 में एसोलसए्ट एलि्टर और वलि्ड एलि्टर - ्टाइम न्यू्ॉक्क में बना्े गए.्े 2010 से 2014 के बीच ्टाइम मैगज़ीन में लिप्टी इं्टरनेशनि एलि्टर, एलि्टर-इन-लबग, इं्टरनेशनि एलि्टर भी रहे है इसके बाद न्यू्ॉक्क के कवाटजशि औऱ कवाटजशि इवें्ट के मैनेलजंग एलि्टरऔर एलि्टर ए िाजशि और एलि्टर -इन-चीफ- के िौर पर भी का्शि लक्ा है।

    बॉबी को एक िेखक के िौर पर भी बहुि प्लसलधि लमिी है उनका लिखा 'क्ा अमेररका इसिामोफोलबक है?' लि्ोनेि मेससी, सलचन िेंदुिकर , आलमर खान, लव्व शिरंज चैंलप्न लव्वनाथन आनंद, पर लिखें िेख बहुि चलचशिि रहे है। 'िाइफ इन नरक', और 'सुनीज वसवेज लश्ाज' उनकी बेहिरीन कहालन्ां है।

    बॉबी घोर ने दो दशक से अलिक सम् िक अंिरराष्ट्ी् मामिों को कवर लक्ा है, लजसमें मध् पयूवशि, एलश्ा, ्यूरोप और अमेररका में

    फेम इंिडया । रवशेषांक 2017रदगगि पत्रकार

    एिड्ि इन चीफ-एच्ी मीिडयाबॉबी घोर

  • 13

    संवाददािा और संपादक के रूप अपनी पहचान बनाई है। बगदाद में ्टाइमस के लिए िंबे सम् िक ब्यूरो चीफ रहे है और इराक ्ुधि को काफी अचछी िरह अपनी ररपोल्टिंग में जगह दी है। उनहें िंबे सम् िक वॉर ररपोल्टिंग कवर करने का अनुभव है। बॉबी को वॉर महारि अनुभव वािा पत्रकार भी कहा जािा है।

    का्मीर और फलिसिीन पर भी बॉबी ने काफी काम लक्ा है। 1995 में उनहोंने लवदेशी मीलि्ा में हाथ आजमाने के लिए हांगकांग का रुख लक्ा। और 1998 में उनहोंने ्टाइम की ्टीम में अपनी जगह बनाई।

    बॉबी ने बहाव नाम के साप्तालहक ्टाइमकॉम कॉिम के लिए िंबे सम् िक कॉिम भी लिखा है। लबजनेस वलि्ड, और लबज़नेस स्टटैणिि्ड में भी बॉबी ने काम लक्ा है। बॉबी की लगनिी सपोटसशि, वॉर, ्ट़ेक्ोिॉजी, लफलम और अन् मामिो के जानकार के िौर पर भी है। बॉबी ्टीवी चैनिों के जरर्े भी वॉर के ऊपर अपनी बाि रखने के लिए जाने जािे है। बॉबी को वॉर ररपोल्टिंग के लिए अवाि्ड भी लमिे है। बॉबी आने वािे सम् में अपनी कुछ लकिाब लिखने की ्ोजनाओं पर भी काम कर रहे है। कटव्टर और दयूसरे माइक्ो बिॉलगंग साइटस पर बॉबी की सलक््िा देखी जा सकिी है। अपने कैरर्र के अब िक के पडाव में उनहोंने काफी िोकलप्् और अिग अिग देशो के लजसमें लमस्, अमेररका,भारि, और लमलिि ईस्ट देश शालमि है।

    1995

    बकॉबी की िगनती सुलझे और िुन के पकके पत्रकारों में होती उनके सहयोगी उनहें एक शानदार पत्रकार के तौर पर रानते है। बकॉबी ने महर 17 की उम्र में तेलुगु अख़बार, "इनादु" के लोकल अ्खबार "नयूज़ टाइम" अंग्ेरी से बतौर सपोटसजा बसट्िंगर के तौर मात्र 150 में िवगार से की । 80 के दौर के बकॉबी डेककन क्कॉिनकल के साथ अपने रुड गये।

    में उनहोंने िवदेशी मीिडया में हाँथ आरमाने के िलए हांगकांग का रु्ख िकया

    रवशेषांक 2017। फेम इंिडयाएक पररचय

  • 14

    ऐसा हो ही नहीं सकता िक देश में पत्रकारों का िरक् हो और रारदीप सरदेसाई का नाम सामने न आये। वे देश के एक राने-माने पत्रकार हैं और िफलहाल इंिडया टुडे ग्ुप के कंसबलटिंग एडीटर हैं व कई कायजाक्मों के िलये ऐंकररंग भी करते हैं। गुररात के अहमदाबाद में रनमे रारदीप सरदेसाई के िपता िदलीप सरदेसाई वैसे तो गोवा के मूल िनवासी थे, लेिकन राष्ट्ीय सतर के िक्केटर होने के कारण मुंबई में बस गये। उनकी मां नंिदनी सरदेसाई, मुंबई के सेंट रेिवयसजा ककॉलेर में समारशासत्र िवभाग की िवभागाधयक्ष और सामािरक कायजाकताजा थीं।

    राजदीप की लशक्ा मुंबई के कैथेड्रि एंि जॉन कौनौन सककूि िथा कैकमप्न सककूि से हुई िथा मंुबई के ही सें्ट जेलव्सशि कॉिेज से अथशिशासत्र में स्ािक लक्ा। उसके बाद उनहोंन ेऑकसफोि्ड के ् यूलनवलसशि्टी कॉिजे से एमए और एिएिबी की लिग्ी हालसि की।

    राजदीप सरदेसाई ने पत्रकाररिा की शुरुआि 26 वरशि की उम् में अंग्ेजी अखबार ्टाइमस ऑफ इंलि्ा से की। वे छह वरषों िक इस अखबार के मुंबई एिीशन के सथानी् संपादक रहे। उनहोंने ्टीवी जनशिलिजम की शुरुआि की 1994 में एनिी्टीवी में राजनीलिक संपादक की हैलस्ि से। उनहें ख़ास िौर से पहचान

    लमिी गुजराि दंगों पर अपने कवरेज से। उनहोंने बाद में अमेररकी लदगगज सीएनएन और राघव बहि के ्टीवी-18 के साथ लमिकर अपनी खुद की कंपनी गिोबि बॉिकास्ट न्यूज़ शुरू करने के लिए एनिी्टीवी छोड दी। उनके न्े चैनि का नाम था सीएनएन-आईबीएन और राजदीप सरदेसाई उसके प्मुख समपादक थे। 17 लदसमबर 2005 को इसका प्सारण शुरु हुआ। बाद में दोनो कंपलन्ों ने जागरण ग्ुप द्ारा शुरु लक्े ग्े चैनि जे-7 को भी खरीद लि्ा और इसे आईबीएन-7 नाम लद्ा।

    2014 में ररिा्ंस इंिसट्ीज ने ने्टवक्क-18 को खरीद लि्ा िो राजदीप की कंपनी की भी लहससदेारी उस ेलमि ग्ी। वचैाररक मिलभन्निा के कारण राजदीप औऱ उनकी ्टीम को इसिीफा देना पडा। इन लदनों राजदीप सरदेसाई इंलि्ा ्टुि़े ग्ुप के कंसकल्टंग एिी्टर हैं व इसके अंग्ेजी चैनि के प्इम ्टाइम ऐंकर हैं।

    फेम इंिडया । रवशेषांक 2017रदगगि पत्रकार

    कंिस््िंग एडी्ि - इंिडया ् ुडेिाजदीप ििदेिाई

  • 15

    राजदीप सरदेसाई को पत्रकाररिा में कई राष्ट्ी् व अंिरराष्ट्ी् अवॉि्ड लमि चुके हैं। उनहें वरशि 2008 में भारि सरकार के सममान पद्मश्ी से भी सममालनि लक्ा ग्ा है। इससे पहिे उनहें वरशि 2007 में रामनाथ गो्नका अवॉि्ड और वरशि 2002 में गुजराि दंगों की कवरेज के लि्े इं्टरनैशनि बॉिकास्टसशि अवॉि्ड भी लमि चुका है। वरशि 2014 में उनहें बेस्ट न्यूज प्ेजें्टर का एलश्न अवॉि्ड भी लद्ा ग्ा था। वे इंलि्न ्ट़ेिीलवजन एकेिमी के आठ वरषों िक बेस्ट इंकगिश न्यूज एंकर अवॉि्ड लवजेिा रहे और उनके प्ोग्ाम लबग फाइ्ट को िगािार दो साि िक एलश्न ्टीवी अवॉि्ड लमि चुका है।

    पत्रकाररिा में एक अहम मुकाम हालसि कर चुके राजदीप सरदेसाई फेम-इंलि्ा-एलश्ा पोस्ट सववे 2017 में भारिी् मीलि्ा में लदगगज पत्रकार के िौर पर पा्े ग्े हैं।

    2008

    रारदीप सरदेसाई दो बार एडीटसजा िगलड ऑफ इब्डया के अधयक्ष रह चुके हैं। वे वर्जा 2000 में वलड्ड इकोनकॉिमक फोरम के िलये गलोबल लीडर भी चुने रा चुके हैं। रारदीप कई अंग्ेज़ी समाचार पत्रों के िलए ककॉलम भी िल्खते हैं। उनहोंने एक िकताब ‘2014: द इलेकशन दैट चेंजड इंिडया’ िल्खी रो काफी लोकिप्य रही।

    में भारत सरकार के सममान पद्मश्ी से भी सममािनत िकया गया है।

    रवशेषांक 2017। फेम इंिडयाएक पररचय

  • 16

    शानदार वयबकततव और बुिधिमत्ा का बेरोड संगम बर्खा दत् भारतीय मीिडया के सबसे चिचजात नामों मे शािमल है. इस िदगगर पत्रकार को देश की युवा पीढी रोल मकॉडल के तौर पर लेती है. इनका रनम 18 िदसमबर 1971 को िदलली के एक संपन्न पररवार में हुआ, िपता एयर इंिडया में अििकारी थे और मकॉं प्भा दत् िहंदुसतान टाइमस के साथ रुडी थी और देश में अंग्ेरी भार्ा के बडे व प्िसधि पत्रकारों में उनकी िगनती होती थी .

    बरखा सें्ट स्टीफंस कॉिेज ,लदलिी से ग्ैजुए्ट है और इनहोने जालम्ा लमलि्ा इसिालम्ा ् ुलनवलसशि्टी व कोिंलब्ा ् ुलनवलसशि्टी स ेपत्रकाररिा में मास्टर लक्ा ह.ै बरखा न ेअपन े्टीवी जनशिलिजम की शुरुआि एनिी्टीवी के साथ की और जहॉ बरखा और एन िी ्टी वी को एक दयूसरे के प्ाशि् माना जाने िगा. इनहोने वरषो के बाद जनवरी 2017 में एनिी्टीवी छोडने का लनणशि् लि्ा, लफिहाि वे लवलभन्न मीलि्ा संसथानों के साथ का्शि कर रही है .

    2002 का गुजराि हो ्ा 2011 का मुमबई हमिा इनहोने हर जगह अपनी िारदार ररपोल्टिंग से अिग पहचान बना्ी.अब िक के जनशिलिजम के कैरर्र में इनहे देश दुलन्ा के िमाम िरह के अवाि्ड व सममान से सममालनि लक्ा ग्ा है ,देश का सबसे सममालनि पद्मश्ी अवाि्ड इनहे इनके उतककृष््ट का्शि के लि्े लद्ा ग्ा , सम् सम् पर इनहे कई अन् सममान भी प्ाप्त हु् ेह.ै लजनमें इंलि्न ्ट़ेिीलवजन एकेिमी का '्टॉप ्टॉक शो अवाि्ड', इं्टरनेशनि बॉिकास्ट एसोलस्ेशन से '्टीवी पसशिनालि्टी ऑफ द इ्र , सी एच मोहममद को्ा नेशनि अवाि्ड, इंलि्न न्यूज बॉिकाकस्टंग अवाि्ड जैसे कई बड़े अवाि्ड शालमि है वलि्ड एकोनॉलमक

    फेम इंिडया । रवशेषांक 2017रदगगि पत्रकार

    वरिष्ठ पत्रकाि बिखा दत्त

  • 17

    फोरम द्ारा 100 गिोबि लििसशि ऑफ ्टुमॉरो में इनहे दो बार शालमि लक्ा ग्ा. इनकी सामालजक सहभालगिा के कारण देश की राष्ट्ी् एकिा परररद के सदस् व एलश्ा सोसाई्टी

    फेिो के िौर पर भी बरखा दत् को नालमि लक्ा जा चुका है. इनहोने ' लदस ् ुलनक िैंि : स्टोररज फ्ॉम इंलि्ा फॉल्ट िाइनस ' नाम की एक लकिाब भी लिखी है, लजसमें इनहोने कारलगि, गुजराि, भंवरी देवी कांि जैसे केस की ररपो्ट्ड व अपने अनुभव को लिखा है.

    कई लहंदी लफलमो की भी चलचशिि मलहिा पत्रकार के रोि को इनसे प्भालवि माना जािा रहा है. एलश्ा पोस्ट फेम इंलि्ा मैगजीन मीलि्ा सववे 2017 में बरखा दत् देश की लदगगज पत्रकारों में प्मुख सथान रखिी है.

    2002

    एनडीटीवी में वे ग्ुप एिडटर और कंबसलटींग एिडटर रैसे सभी बडे व महतवपूणजा पदो पर कायजा कर चुकी है, वार रनजािलसट के तौर पर बडी पहचान बनाने वाली बर्खा दत् की कारिगल युधि में ररपोिटिंग सुि्खजाया बन कर चचाजा में छाई रही,यहीं नही इनहोने कशमीर, पािकसतान अफगािनसतान और इराक तक में हुये संघर्जा को कवर कर एक िनभभीक पत्रकार की बडी छिव कायम की.

    का गुररात हो या 2011 का मुमबई हमला हर रगह अपनी िारदार ररपोिटिंग से पहचान बनायी

    रवशेषांक 2017। फेम इंिडयाएक पररचय

  • 18

    दैिनक िहनदुसतान के ग्ुप एडीटर शिश शे्खर की भारतीय मीिडया में एक िविशष्ट पहचान है। सािारण कद-काठी और वेश-भूसा के शिश शे्खर असािारण तौर पर साहसी और अपने कतजावयों के प्ित ईमानदार हैं। उनहें भीड में चलने वाला नहीं, बबलक नयी राह बनाने वाले के तौर पर राना राता है। उनके दूरदशभी फैसलों और साहिसक कोिशशों का ही नतीरा है िक िहनदुसतान देश के सबसे प्ितबष्ठत और िवशवसनीय अ्खबारों में शुमार है।

    30 जयून 1960 को उत्र प्देश के मैनपुरी के चंदीकारा गांव में जनमे शलश शेखर की प्ारंलभक लशक्ा मैनपुरी और आगरा में हईु ह।ै आगरा स ेग्जैएुशन और बनारस लहंदयू ्यूलनवलसशि्टी से प्ाचीन इलिहास में एम.ए लक्ा। उनहोंने लप्ं्ट मीलि्ा में लदगगजों की परंपरा को िोडिे हएु 1984 में महज़ 24 वरशि की आ् ुमें प्लिकष्ठि लहनदी दैलनक ‘आज’ के सथानी् संपादक की कुससी संभािी थी। वे आज के इिाहाबाद और आगरा संसकरण के संपादक रहे।

    वरशि 2001 में वे बिौर एकजीक्यूल्टव प्ोड्यूसर ‘आजिक’ से जुड़े, िेलकन करीब ि़ेढ साि बाद जुिाई 2002 में दोबारा लप्ं्ट में आ ग्े। इस बार उनहोंने ‘अमर उजािा’ मेरठ में का्शिकारी संपादक का का्शि संभािा। अमर उजािा को न्े रंग-ढंग में ढािने और प्ोफेशनि रूप देने में शलश शेखर की

    भयूलमका खासी महत्वपयूणशि मानी जािी है। उनहोंने मेरठ में का्शिकारी संपादक के िौर पर जवाइन लक्ा और जलदी ही अपनी का्शिकुशििा के दम पर ग्ुप एिी्टर व प्ेसीिें्ट (न्यूज़) का पद हालसि कर लि्ा। शलश शेखर ने क्ेत्री् अखबारों की िाकि को पहचाना और उसे मीलि्ा मे िेजी से हो रहे बदिावों से जोडा। निीजा ्ह लनकिा लक छो्ट़े-छो्ट़े कसबों के ब्यूरो में बैठा कसट्ंगर भी उस वकि समाचार में इसिेमाि हो रहे न्े ट्ेंि से पररलचि हो ग्े। उनकी लवशेरज्ञिा खबरों को अिग अंदाज में पेश करने की रही है।

    लसिंबर 2009 से वे ‘दैलनक लहंदुसिान’, ‘नंदन’ और ‘कादंलबनी’ के मुख् संपादक के पद पर का्शिरि हैं। लहनदुसिान अखबार समयूह से जुडिे ही शलश शेखर न ेउसकी का्ा-पि्ट करवा दी। उनहोंन ेन लसफ्क पयूर ेदफिर को आिलुनकिम कंप््ुटरों व उपकरणों स ेिसै करवा्ा बकलक अखबार को भी लव्व प्लसधि लिजाइनर मारर्ो से लिजाइन करवा कर खबरों के न्े फिेवर के साथ पेश लक्ा। पाठकों में बलढ्ा ररसपॉनस लदखा और इसकी िोकलप््िा आसमान छूने िगी। उनहोंने ्ुवा वगशि को भी लहनदी समाचार पत्र से जोडने का ऐसा कारनामा कर लदखा्ा जो लप्ं्ट मीलि्ा में िगभग असंभव माना जािा था।

    फेम इंिडया । रवशेषांक 2017रदगगि पत्रकार

    प्रधान िमपादक - ििंदु्तानशिश शेखि

  • 19

    उनहोंने पाठकों को लसल्टजन जनशिलिस्ट बनाने का अनोखा प््ोग लक्ा और दयूर-दराज के िोगों को खबरों के माध्म से जोडा लजसकी काफी प्शसंा हुई। ् ेकदम ट्ेंि स्ेटर बन ग्े लजनहें िगभग हर अखबार ने फॉिो करना शुरू कर लद्ा। लहनदी समाचार पत्रों के पुराने ढरवे को िोडिे हुए उनहोंने िीि में अपराि की खबरों की बजा् नौ मखु् मदु्ों पर फोकस लक्ा, लजनमें कारोबार, लशक्ा, सवास्थ्, पररवहन, ्ट़ेिीकम्लुनकेशन, ककृलर व सयूचना का अलिकार प्मुख रहे। उनके इस प््ोग को भी पाठकों का जोरदार समथशिन लमिा।

    उनहोंने चार लकिाबें लिखी हैं व कई ्टीवी का्शिक्मों में होस्ट भी रहे हैं। भारिी् लप्ं्ट मीलि्ा में ्टीवी चैनिों की िरह इनपु्ट और आउ्टपु्ट का कॉनसेप्ट उनहोंने ही िागयू लक्ा लजसके कारण अखबारों के दुलन्ा में क्ांलि आ ग्ी। उनहें ‘आज’, ‘अमर उजािा’ और ‘लहनदुसिान’ में सबसे अलिक संसकरण िांच करने वािे संपादक के िौर पर जाना जािा है।

    सरि सवभाव के शलश शेखर की मीलि्ा हो ् ा राजनीलि ् ा लफर अफसरशाही, हर वगशि में एक खास पहचान है, िेलकन उनहोंने कभी संबंिों को पत्रकाररिा पर हावी होने नहीं लद्ा। उनका मानना है लक मीलि्ा की लव्वसनी्िा िभी सथालपि हो सकिी है जब वह लनष्पक् और लनभसीक हो। उनहें उत्र प्देश रत् और मािव ज्ोलि अिंकरण जैसे अवािषों से भी सममालनि होने का अवसर लमि चुका है। फेम इंलि्ा-एलश्ा पोस्ट मीलि्ा सववे 2017 में शलश शेखर को लप्ं्ट मीलि्ा के लदगगज पत्रकार के िौर पर पा्ा ग्ा है।

    2009

    उनके दो कैंपेन ‘आओ रारनीित करें’ और ‘रारनीित ्खतम, काम शुरु’ ने लोकिप्यता की नयी ऊंचाइयां छुईं। िबहार, झार्खंड, उत्र प्देश व उत्रा्खंड के िविानसभा चुनावों में तो डेढ़ करोड मतदाताओं ने अपना रिरसट्ेशन करवाया रो अपने आप में एक ररककॉड्ड है।

    से ‘दैिनक िहंदुसतान’, ‘नंदन’ और ‘कादंिबनी’ के मुखय संपादक के पद पर कायजारत हैं।

    रवशेषांक 2017। फेम इंिडयाएक पररचय

  • 20

    देश मे अंग्ेरी पत्रकाररता की बात वररष्ठ टीवी पत्रकार व चिचजात कमेंटेटर िवक्म बहल के िबना अिूरी है, 13 िदसमबर 1964 में इनका रनम िदलली के एक नामी पररवार में हुआ,ककॉलेर िदलली युिनविसजाटी और उसके बाद कुछ वर्जा इनहोने िवदेश में भी पढाई की. इनहोने देश के पहले प्ाइवेट चैनल रैन टीवी पर तीन कायजाक्म िकये िरनमें िबर टकॉक और फेस टू फेस ्खासे लोकिप्य रहे,

    वरशि 2005 से राष्ट्ी् चैनि दयूरदशशिन पर इनके कई का्शिक्म बेहद िोकलप्् रहे है लजनमे इनसाइि लवद लवक्म बहि ,गिोबि लवजन , मा् िाइफ और इं्टरव्यू लवद लवक्म बहि बेहद चलचशिि रहे है, इनके दयूरदशशिन पर ्ट़ेिीकास्ट होने वािा अन् िोकलप््

    का्शिकमशि में ऑपरट्यूलन्टी ओवरसीज भी शालमि है।इनहोंने सम् सम् पर राजनीलि से िेकर व्ापार और मनोरंजन का दुलन्ा के महारलथ्ों का कई इं्टरव्यू लक्ा है परनिु दुलन्ा के 158 देशों के राज्ाध्क् का इनके द्ारा लक्ा ग्ा इं्टरव्यू इनहे और लदगगज पत्रकारो से अिग बनािा है इनके द्ारा लव्व के प्मुख राजनीलिक व्ककितव के लि्े इं्टरव्यू में रूस के राष्ट्पलि विालदमीर पुलिन, लफनिैंि के प्िान मंत्री मै्टी वानहेंन, हंगरी के प्िान मंत्री फेरेंस गुइसवेनस्ी, पुिशिगाि के प्िान मंत्री जोस सॉक्े्ट़ेस, लफनिैंि के पयूवशि प्िान मंत्री इसको अहो, राष्ट्पलि अंबाि कावाको लसलवा पुिशिगाि, बोतसवाना क ेराष्ट्पलि फास्टोस मोगे, बेकलज्म के प्िान मंत्री गा् वरेहॉफ़स्टाद, लफिीपींस के पयूवशि राष्ट्पलि लफदिे रामोस, इ्टिी के पयूवशि प्िान मंत्री लग्ोलिआनो अमा्टो, नॉववे के प्िान मंत्री जेनस स्टोि्ट़ेनबगशि, चेक गणराज् के राष्ट्पलि वैकैवि किाउस, प्िान मंत्री िोनालि ्टसक पोिैंि, इलथ्ोलप्ा के प्िान मंत्री मेलस जेनवी,

    फेम इंिडया । रवशेषांक 2017रदगगि पत्रकार

    एडी्ि इन चीफ - आई्ीएमएनिवक्रम बिल

  • 21

    लकलजशिसिान के पयूवशि राष्ट्पलि रोजा ओ्टुनबा्ेव, पयूवशि प्िान मंत्री जॉजशि पेंि़ेड्रस, लफनिैंि के राष्ट्पलि िारजा हेिोनेंन और रूस के राष्ट्पलि लदलमत्री मेदवेदेव जैसे अहम नाम शालमि है,

    लवक्म बहि ने 2010 में रूस के प्िानमंत्री बिालदमीर पुलिन का वेबकास्ट के जरर्े इं्टरव्यू लक्ा , भारिी् दौरे पर आ्े हु्े लकसी लवदेशी राष्ट्ाध्क् का न्यू मीलि्ा के जरर्े पहिा इं्टरव्यू करने का श्े् भी इनहे ही जािा है.

    ्े कई सामालजक संसथानो से भी जुड़े है, इनके का्षो के देखिे हु्े सम् सम् पर कई सममान इनह ेप्ाप्त हु् ेह ैअपनी खास अदंाज के लिए प्लसद् लवक्म बहि को पोिैंि सरकार द्ारा 2014 में बेने मेरर्ट अवाि्ड से भी सममालनि लक्ा ग्ा है. .

    2010

    वतजामान में िवक्म बहल आईटीएमएन टीवी के एिडटर इन चीफ है, आईटीएमएन देश की नामी टीवी प्ोडकशन, फीचर और नयूर एरेनसी है रो भारतीय और इंटरनेशनल ब्कॉडकासटर को डकॉकयुमेंटरी िफलमस, इंटरवयू, घटनाओ और िविभन्न समय पर िवशलेर्णातमक प्ोग्ाम उपल्ि करवाता है.

    में रूस के प्िानमंत्री ् लािदमीर पुितन का वेबकासट के रररये इंटरवयू िकया

    रवशेषांक 2017। फेम इंिडयाएक पररचय

  • 22

    देश के नंबर वन नयूर चैनल आरतक के मैनेिरंग एडीटर सुिप्य प्साद को इलेकट्कॉिनक मीिडया में शोमैन कहा राता है। िद्खने में बेहद शांत और गंभीर लेिकन हर पल चौकस। ्खबरों को बेहतर और आिुिनक तकनीक से कैसे पेश िकया राये इस मामले में सुिप्य प्साद का कोई रवाब नही है। सुिप्य प्साद का एरेंडा है-सही ्खबर, सच्ी ्खबर और पूरी ्खबर। यही वरह िक िपछले करीब कई सालों से आरतक कामयाबी के िश्खर पर ्खडा है।

    झारखंि के दुमका के रहने वािे सुलप्् प्साद के लपिा सरकारी नौकरी में थे। वहीं से इनहोंने बीएससी ऑनसशि िक पढाई की, िेलकन आँखों में सपना था पत्रकार बनने का। मौका लमिा वरशि 1989 में जब अपनी मां के इिाज के लि्े प्टना पहुंचे। वहां इनकी मुिाकाि कुछ पत्रकारों से हुई। पहिा मौका लमिा प्भाि खबर में आल्ट्डकि लिखने का। उन लदनों में जब िािककृष्ण अिवाणी की रथ ् ात्रा समसिीपरु पहुचँी थी िो मौजयूदा मुख्मंत्री िाियू प्साद ् ादव ने उनहें लगरफिार करवा लद्ा था। अिवाणी को दुमका जेि में नजरबंद कर लद्ा ग्ा था िब लदलिी से कई बड़े पत्रकार कवरेज के लि्े दुमका पहुँचे। पत्रकारों की साख देख कर, सुलप्् प्साद ने ि् कर लक अब पत्रकार ही बनना है। मीलि्ा के सबसे अग्णी संसथान भारिी् जन संचार संसथान (आईआईएमसी) से 1994 में पत्रकाररिा का प्लशक्ण लि्ा। ्टॉपसशि की फेहररसि में अपनी

    जगह भी बना्ी। 10 जयून 1995 को सुलप्् बिौर ट़्ेनी ररपो्ट्डर आजिक के साथ जुड ग्े।

    ्े वो दौर था जब इिेकट्ॉलनक मीलि्ा की दुलन्ा में आजिक के नाम से एक न्ी क्ांलि की शुरुआि होने जा रही थी। लदगगज पत्रकार एसपी लसंह की अगुवाई में िब दयूरदशशिन पर आिे घं्ट़े के बुिेल्टन के िौर पर आजिक की शुरुआि हुई। िब-िक सुलप्् प्साद ्टीम की एक मजबयूि कडी बन ग्े थे। वरशि 2000 में आजिक 24 घं्ट़े के न्यूज चैनि के अविार में आ्ा िो चैनि को काम्ाबी लदिाने में परदे के पीछ़े सलुप्् प्साद की सबस ेअहम भयूलमका रही। इनहोंने इिेकट्ॉलनक मीलि्ा में खबरों के ट्ी्टमें्ट का अंदाज बदि लद्ा। आजिक की ्टटैगिाइन ‘सबसे िेज’ मानों सुलप्् प्साद की शकखस्ि में समा ग्ी है। इिेकट्ॉलनक मीलि्ा में उनहोंने सालबि लक्ा है लक वही हैं सबसे िेज।

    आजिक ही नहीं 2007 में जब न्यूज़ 24 चैनि का आगाज हुआ िो एक न्ी चुनौिी के साथ इनहोंने बिौर न्यूज िॉ्रेक्टर जवाईन लक्ा। इनकी कप्तानी में सभी न्े चैनिों की रेस में न्यूज 24 आगे लनकि आ्ा और महज दो साि में एक िोकलप्् चैनि बन ग्ा। कं्ट़े्ट और प्ोग्ाम के मामि ेमें न य्ूज 24 बड़े चैनिों को ्टककर दने ेिगा, िलेकन लफर 2011

    फेम इंिडया । रवशेषांक 2017रदगगि पत्रकार

    चैनल िेड - आज तकिुिप्रय प्रिाद

  • 23

    में सुलप्् प्साद ने आजिक वापस जवाइन कर लि्ा।लपछिे बाइस वरषों में सुलप्् प्साद इिेकट्ॉलनक मीलि्ा में एक मजबयूि हसिाक्र बन चुके हैं। खबरों को िेकर उनकी

    समझ, पयूरी ररसचशि और शानदार ग्ालफकस के साथ खबरों को पेश करने के उनके अंदाज की पयूरी इिेकट्ॉलनक मीलि्ा की दुलन्ा का्ि है। सुलप्् प्साद की शानदार कप्तानी में आजिक लपछिे करीब छह साि से नंबर वन है। हर हफिे चैनिों की िडकन नापने वािी एजेंसी ्टटैम हो ् ा बाक्क, सबकी रेल्टंग में आजिक की बादशाहि का्म रही।

    साि 2015 में लक्के्ट लव्वकप का आ्ोजन हुआ िो सुलप्् प्साद आजिक पर लक्के्ट के भगवान कहे जाने वािे मास्टर बिास्टर सलचन िेंदुिकर को िे आ्े। ् े सुलप्् प्साद की सोच थी, लक देश के सबसे बड़े चैनि पर वलि्ड कप के मुकाबिों में अपनी रा् देने के लि्े दुलन्ा का सबसे बडा लक्के्टर होना चालह्े। सही मा्ने में खबरों की दुलन्ा के लसकंदर हैं सुलप्् प्साद।

    िाउन ्टू अथशि रहने वािे सुलप्् प्साद अपनी हर काम्ाबी का श्े् अपनी ्टीम को देिे हैं। शा्द ् ही वजह है लक इनके साथ काम करन ेवािा हर शखस इनका बपेनाह दीवाना ह।ै बडी स ेबडी बाि आसानी स ेिोगों को समझा दनेा इनकी खयूलब्ों में शालमि है। सुलप्् प्साद को पत्रकाररिा संबंिी कई अवॉि्ड लमि चुके हैं लजनमें ईएनबीए, आई्टीए और एन्टी अवॉि्ड प्मुख हैं। उनहें 2014 में बेस्ट चैनि एिी्टर का अवॉि्ड लमि चुका है और उनके नेिृत्व में आजिक ने कई बार सवशिशे्ष्ठ चनैि का परुसकार प्ाप्त लक्ा ह।ै फेम इलंि्ा-एलश्ा पोस्ट मीलि्ा सववे 2017 में सलुप्् प्साद को इिेकट्ॉलनक मीलि्ा के लदगगज पत्रकार के िौर पर पा्ा ग्ा है।

    2014

    आरतक के माइल सटोन शो-एरेंडा आरतक, पंचायत आरतक, रंगरिसया, थड्ड िडग्ी और वंदे मातरम रैसे शो सुिप्य प्साद की सोच का पररणाम हैं। नरेंद्र मोदी की सरकार के एक साल पूरे होने पर सरकार का ररपोट्ड काड्ड पेश करने के िलये आरतक ने सौ सांसदों को एक मंच पर रुटाया, तो इसके पीछे भी सुिप्य प्साद का तेर िदमाग था।

    में बेसट चैनल एडीटर का अवकॉड्ड िमल चुका है सुिप्य प्साद को

    रवशेषांक 2017। फेम इंिडयाएक पररचय

  • 24

    सुिीर चौिरी देश के चंद िगने-चुने नयूर टीवी संपादकों में से हैं िरनका िनरी कद हमेशा चैनलों की टीआरपी से कहीं ऊंचा रहा है। वे कई चैनलों में प्मु्ख पदों पर रहे और कई चैनलों की लांिचंग टीम का भी िहससा रहे, लेिकन दशजाकों के बीच उनकी पहचान िकसी चैनल से नहीं, उनकी ्खुद की है। दशजाकों को उनकी सपष्ट बोलने की कला व िकसी भी ्खबर की तह तक पहुंचने का अंदार काफी भाता है। िफलहाल सुिीर चौिरी ज़ी नयूर के चैनल हेड हैं।

    लदलिी लव्वलवद्ाि् के आतमा राम सनािन िमशि से ग्ैजुएशन और लफर आईआईएमसी से पत्रकाररिा में लिपिोमा हालसि करन ेके बाद सिुीर चौिरी न े1993 में ज़ी ्टीवी पर आने वािे न्यूज़ से अपना कॅरी्र शुरु लक्ा। जब 2003 में सहारा ्टीवी िांच हो रहा था िो सुिीर चौिरी उसका लहससा बने। इसके बाद उनहोंने िौर एकजीक्यूल्टव एिी्टर इंलि्ा ्टीवी जवाइन लक्ा। उनके का्शिकाि में ही इंलि्ा ्टीवी ्टीआरपी में नंबर वन चैनि िक बना।

    2007 में जब श्ी अलिकारी बदसशि के जनमि ्टीवी को न्े मालिक लमिे िो उनहोंने चैनि को न्े लसरे से बिौर ‘िाइव इंलि्ा’ िांच करने की अहम लजममेदारी सुिीर चौिरी को सौंपी। इसी दौरान उनहोंने ‘मी-मराठी’ चैनि को भी सफििा पयूवशिक िांच लक्ा। िाइव इंलि्ा व मी मराठी को सफििा पयूवशिक करीब पाचं साि चिान ेके बाद उनहोंने 2012 में दोबारा ज़ी ्टीवी जवाइन कर लि्ा। इस बार उनकी भयूलमका चैनि हेि और ज़ी ग्ुप के लबजनेस हेि की थी। उनका खास का्शिक्म िीएनए काफी िोकलप्् है और चैनि के दशशिकों की संख् में भी भारी वृलधि हुई है। हािांलक वे कई बार लववादों से भी जुड़े, िेलकन हर बार बेदाग सालबि हुए।

    फेम इंिडया । रवशेषांक 2017रदगगि पत्रकार

    चैनल िेड - जी ् ीवी िुधीि चौधिी

  • 25

    कारलगि ् ुधि और संसद पर हुए हमिों के दौरान उनकी ररपोल्टिंग को दशशिक आज भी ् ाद करिे हैं। उमदा पत्रकाररिा के लि्े उनहें कई अवॉि्ड व सममान भी लमि चुके हैं लजनमें रामनाथ गो्नका अवॉि्ड प्मुख है। 2013 में ् ह अवॉि्ड उनहें लनभशि्ा कांि की बेहिरीन ररपोल्टिंग और लनभशि्ा के लमत्र का इं्टरव्यू करने के लि्े लमिा था। उनहें वरशि 2016 का एन्टी अवॉि्ड और बीसीएस रत्ा अवॉि्ड भी लमि चुका है। फेम इंलि्ा-एलश्ा पोस्ट मीलि्ा सववे 2017 में सुिीर चौिरी न्यूज मीलि्ा के लदगगज पत्रकार के िौर पर पा्े ग्े हैं।

    2012

    सुिीर चौिरी को देश के सबसे सफल टीवी पत्रकारों में से िगना राता है। कहा राता है िक वे िकसी िहनदी चैनल के पहले चैनल हेड हैं रो बीएमड्लू और कई महंगी गािडयां र्खने में सक्षम हुए हैं। उनकी सालाना आमदनी करोडों रुपये बतायी राती है रो पत्रकाररता रगत में एक िमसाल है।

    में दोबारा ज़ी टीवी जवाइन कर िलया

    रवशेषांक 2017। फेम इंिडयाएक पररचय

  • 26

    ्खबरों की दुिनया में पु्य प्सून बारपेयी बेहद राना पहचाना नाम है। वे आर तक चैनल के प्ाइम टाइम एंकर और एबगरकयूिटव एडीटर हैं। इलेकट्कॉिनक और िप्ंट पत्रकाररता में 20 वर्षों से जयादा का अनुभव र्खने वाले पु्य प्सून को दो बार पत्रकाररता के िलये इंिडयन एकसपप्ेस ग्ुप के प्ितबष्ठत रामनाथ गोयनका अवाड्ड से नवारा रा चुका है। यह पुरसकार दो बार प्ाप्त करने वाले वो एकमात्र पत्रकार हैं।

    उनके लपिा सव. मलणकांि बाजपे्ी भारिी् सयूचना सेवा के अलिकारी थे और रांची में ककृलर लवभाग िथा आकाशवाणी प्टना से संबधि रह चुके थे। उनकी पोकस्टंग मध् प्देश व महाराष्ट् में भी हुई। पुण् प्सयून वाजपे्ी की प्ारंलभक लशक्ा करेंद्ी् लवद्ाि् बरवाहा (म.प्.) में हुई और उनहोंने नागपुर लव्वलवद्ाि् से ग्ैजुएशन लक्ा।

    पुण् प्सयून ने अपने कॅरी्र की शुरुआि िोकमि ्टाइमस, नागपुर से की, िेलकन खबरों का गढ लदलिी

    को माना जािा है इसलि्े वे भी 1994 में लदलिी आ ग्े। शुरुआि एक छो्ट़े से अखबार करं्ट न्यूज से की, िेलकन उनकी किम में जो जादयू था उसने इंलि्ा ्टुि़े के संपादक एसपी लसंह को बेहद प्भालवि लक्ा। उन लदनों आजिक दयूरदशशिन पर का्शिक्म के िौर पर चििा था लजसकी भारा-शैिी लबलकुि आिुलनक थी। पुण् प्सयून की प्लिभा और भारा पर पकड को देखिे हुए ्टीवी ्टुि़े ने उनके नेिृतव में लदलिी आजिक व गांव आजिक जैसे कई का्शिक्मों को भी िांच लक्ा। बाद में आजिक चैनि के िांच में भी उनकी बडी भयूलमका रही।

    लदसंबर 2001 में संसद भवन पर हुए आिंकी हमिे की िगािार 5 घं्टों िक िाइव एंकररंग करने के लिए भी पुण् प्सयून को खयूब प्लसलधि लमिी। उनहोंने कई लकिाबें भी लिखी हैं लजनमें ‘आलदवालस्ों पर ्टािा’, ‘संसदः िोकिंत्र ्ा नजरों का िोखा’, ‘राजनीलि मेरी जान’, ‘लिजास्टरः मीलि्ा एंि पॉलिल्टकस’ प्मुख हैं।

    फेम इंिडया । रवशेषांक 2017रदगगि पत्रकार

    एस्जकययूि्व एिड्ि - आजतकपुणय प्रियून वाजपेयी

  • 27

    पुण् प्सयून बाजपे्ी को पहिी बार 2005-06 में लहंनदी इिेकट्ॉलनक मीलि्ा में उनके ् ोगदान के लिए उनहें ् ह पुरसकार लद्ा ग्ा। दयूसरी बार वरशि 2007-08 में लहंदी लप्ं्ट पत्रकाररिा के लिए गो्नका अवाि्ड से नवाजा ग्ा। इनके अिावा भी उनहें कई अवाि्ड िथा सममान लमि चुके हैं। आम से िेकर खास हर वगशि के बीच िोकलप्् पुण् प्सयून बाजपे्ी फेम-इंलि्ा-एलश्ा पोस्ट सववे 2017 में मीलि्ा में लदगगज पत्रकार के िौर पर पा्े ग्े हैं।

    2001

    उनहोंने आरतक के अलावे भारत के कई बडे मीिडया घरानों के साथ भी काम िकया है िरनमें ज़ी नयूर, सहारा समय, एनडीटीवी, रनसत्ा, संडे ऑ्रवजार, संडे मेल व लोकमत शािमल हैं। वे लाइव एंकररंग की अपनी ्खास सटाइल के चलते ्खासे प्िसधि हैं।

    में संसद भवन पर हुए आतंकी हमले की लगातार 5 घंटों तक लाइव एंकररंग

    रवशेषांक 2017। फेम इंिडयाएक पररचय

  • 28

    भारत की िदगगर पत्रकारों मे शािमल बसमता प्काश देश की सबसे बडी नयूर एरेंसी एिशयाई नयूर इंटरनेशनल ( एएनआई) की एिडटर है ,ये एक सफल संपादक है िरनको ही देश के पहले नयूर प्ोग्ाम 'घुमता आईना' होसट करने का श्ेय भी प्ाप्त है

    करीब दो दशकों से पत्रकाररिा में सलक्् कसमिा प्काश ने अपने कैरर्र में दुलन्ा भर की कई मीलि्ा संसथानों के लि्े भारि से ररपोल्टिंग की है, अमेररका की एन पी आर न य्ूज, जापान की एन एच सलहि कई बडी इं्टरनेशनि लप्ं्ट, रेलि्ो व इिेक�