सस वेइन लनक - cims vein... · 2019-08-24 · वजह सेहई...
Post on 14-Apr-2020
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वे�रकोज वेइन, जो फल� हई हो, टेढ़� मेढ़� हो औरे दद�नाक होू ु
हाट� अटैक (�दल का दौरा), ��ोक (मि�त�क का दौरा), या कंजेि�टव हाट�
फे�योर (�दय क� �वफलता) का पव � इ�तहास होू
वेइ�स (नस�) से संबं�धत सम�याओ ं का इलाज करने के �लए ट�म का
एक साथ काम करना कैसे मददगार होता है :
वेइ�स (नस�) के रोग� को समझने के �लए और उनका इलाज करने के
�लए, इंटरवे�शन�ल�ट और वा��यलर सजन� , दोन� से उनक� राय लेनी ू
और सझाव लेना आव�यक है। �कसी भी �कार के वेइन �डिजजीज (नस� ु
से संबं�धत �बमा�रय�) का इलाज उ�चत तर�के से करने के �लए, ट�म वक�
(ट�म का साथ काम करना) हमेशा सहायक होता है।
हमारे पास �वशषे ��श�ण वाले और वेइ�स (नस�) से संबं�धत सम�याओ ं
के उपचार म� ��च रखने वाले सम�पत� इंतव���न�ल�ट और वास�यलर ू
(संवहनी) सजन� है। इतने वष� म� हमने, एक ट�म के तौर पर वेइन
�डिजजीज (नस� से संबि�धत �बमा�रय�) के उपचार के बारे म� बहत कछ ुु
सीखा है और इसम� बहत अनभव �ा�त ुु
�कया है।
नई टे�नोलॉजीज / तर�के :
आ�ट�र�यल इ�टवश� न म� हई �वशाल ु
�ग�त क� तरह ह�, ऐसे �कार क�
सम�याओ ं का �भावी ढंग से इलाज करने
के �लए भी, कई नई तकनीक� और नई
�ौ�यो�ग�कयां �वक�सत हई ह�। �स�स ु
अ�पताल म�, हमारे पास वेइ�स (नस�) से
संबि�धत सम�याओ ं का इलाज करने के
�लए नवीनतम उपकरण और
�ौ�यो�ग�कयां ह�।
य�द कोई वेइ�स (नस�) से संबि�धत सम�याओ ं का इलाज न कराए तो
�या होगा ?
DVT और वेइ�स (नस�) के साथ संबि�धत अ�य सम�याओ ं क� संबसे
�यादा दभा��य वाल� �सि�वला (कोई घाव या तकल�फ के बाद उसक� ु
वजह से हई सम�या जो�क लंबे समय तक चले) है पो�ट �ोबो�टक ु
�स�ंोम (PTS), िजसके ल�ण ह� -
लंबे समय म� वेइ�स (नस�) का अपना
काय � करने म� अस�म हो जाना,
सजन आना, �वचा म� अ�सर / छाले ू
पड़ना, नस� म� पया��त र�त न �मलने
के कारण दद� होना या झनझनी होनी, ु ु
दद�, �वचा के रंग म� प�रवतन� होना,
और वे�रकोज वेइ�स होना। ये सभी
ल�ण गंभीर हो सकत ेह�, कभी कभी अगं �व�छेदन भी आव�यक हो
सकता है। DVT होने के १ वष � म�, DVT क� तकल�फ वाले सभी मर�ज�
म� से १०% से �यादा मर�ज म� PTS (पो�ट �ो�बो�टक �स�ंोम) होता
�दखाई पड़ता है, और समय के साथ, यह होने क� संभावना का दर भी
बढ़ रहा है।
�स�स वेइन �ल��नक
वेइन �ो�ाम कॉ- �डरे�टस � (सह-�नदेशक) :
�स�स वेइन ि�ल�नक ट�म
वेइन �ो�ाम �डरे�टर (�नदेशक) : डॉ. स�य ग�ताु
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आपक� नसो (�शराओ)ं का इलाज सम�पत� “�स�स वेइन �ल��नक” म�
कराएं :
वेइन �ल��नक �कस �लए ?
धम�नया,ं फेफड़� म� से आए ऑ�सीजन य�त र�त, जो �दय क� बा� ु
ओर से गजरता है, उसे शर�र के शषे �ह�स� म� पहंचाता है, जब�क नस �ु ु
/ शीराएँ, शर�र म� से वा�पस आए �बना ऑ�सीजन वाले / अश� ु
र�त, जो�क शर�र क� दा� ओर से गजरता है, उसे फेफड़� म� वापस ु
लाता है।
धमनीओ ं से संबि�धत सम�याएँ, �यादातर जान लेवा प�रि�थ�तयाँ
बन जाती ह�, और उस पर त�काल �यान देने क� आव�यकता होती है,
नस� से संबं�धत बीमा�रयां गंभीर और ज�टल ह�, ले�कन यह संभव है
�क वे जीवन पर कोई खतरा पदैा न कर�। नस� से संबं�धत सम�याओ ं
क� द�घा�य और ज�टलता के कारण, नस � अपना काम करने के �लए ु
स�म न रह� ऐसा हो सकता है, िजसके कारण अगं� म� सजन, �ण ू
पदैा होना, परै क� धम�नय� म� र�त के कमजोर प�रसंचरण के कारण
परै म� दद� या झनझनी, परै को नीचे रखत ेसमय या ऊंचा करत ेसमय ु ु
दद� होना, दद�, �वचा क� म�लन�करण और वे�रकोज वेइंस हो सकती
ह�।
नस� से संबि�धत सम�याओ ं और रोग� के इलाज के �लए सम�पत�
�वशषे �कार के संर�चत ��श�ण काय�� म का अभाव, उसी नस से
संबं�धत सम�याओ ं और रोग� के उपचार के �लए सम�पत� �वशषे
�कार के ���चड � �े�नगं �ो�ाम (संर�चत ��श�ण काय�� म) होने का
अभाव, यह� है ,नस� से संबि�धत सम�याओ ं का ठ�क से और समय
पर �नदान नह�ं होने का म�य कारण। नस� से संबं�धत �कसी भी ु
सम�या और उपचार म�, का�डय� ोलॉिज�ट (�दय रोग �वशषे�),
वास�यलर (संवहनी) सजन� और रे�डयोलॉिज�ट के बीच म� काफ� ू
�व�तत वाता�लाप क� आव�यकता होती है। �स�स म�, हमारे पास, ृ
अ�य�धक कशल इंटेवश� �न�ट, वास�यलर (संवहनी) सजन� और ु ू
रे�डयोलॉिज�ट क� एक �वक�सत ट�म है, जो �क नस� से संबं�धत
सभी सम�याओ ं का �यान रखने के �लए तयैार ह�।
नस� के रोग� के �कार :
�ो�नक वीनस इ�स�फशय�सी (नस� से
संबं�धत सम�याओ ं क� लंबी अव�ध) (वीनस
�टेसीस अ�सर)
१. परै म� र�त के थ�के बनने क� �वक�त का ृ
होना, िजसके प�रणाम �व�प, नस� और वा�व
म� अवरोध और �र�ल�स (र�त का वा�पस
बहना)
२. नस� म� लंबे समय से बने र�त के थ�क� क�
वजह से, अगं� म� (खास तौर पर परै म�) र�त
प�रसंचरण कमजोर पड़ता है, िजसके प�रणाम �व�प लंबे समय के
�लए नस� म� अ�सर हो जात ेह�।
वे�रकोज वेइन
१. असमतल, टेढ़� मेढ़� नस� के साथ अ�म वा�व।
२. वे शर�र म� कह�ं भी हो सकत ेह�,
ले�कन �यादातर शर�र के �नचले
�ह�स� म�, जसेै �क परै� म� �वक�सत
होत ेह�।
३. परै क� नस � सबसे अ�धक
�भा�वत होती ह� : लॉ�ग (लंबी)
सफ�नस वेइन।
४. हर ५ म� से १ �यि�त म� यह
सम�या होती है; ३५ वष � से अ�धक
उ� क� म�हलाओ ं म� यह अ�धक
आम है।
५. सफ�नस वेइन को पहंची गंभीर चोट या नकसान के कारण या लंबे ुु
समय तक खड़ ेरहने क� वजह से उ�प�न हए ग��वाकषण� के कारण ुु
हो सकता है।
डीप वेइन �ो�बो�सस (DVT) :
१. परै क� �पडंल� क� गहराई म� रहने वाल� नस�
म� बनने क� संभावना �यादा है (८०%)
२. परै क� �पडंल� म� बनत े��बाई (नस� म� बनत े
र�त के थ�को) के २५% थ�के पोि�ल�टयल
और �फमोरल वेइ�स तक �व�ता�रत होत ेहै।
३. PE (प�मोनर� ए�बो�ल�म) VDVT का
पहला संकेत हो सकता है।
४. मांसपे�शय� क� गहराई म� ि�थत वेइन (नस) म� जब र�त का
थ�का जमता है, तो इस ि�थ�त को डीप वेइन ��बो�सस कहा जाता
है। यह परै म� सबसे अ�धक परै म� होता है, ले�कन यह हाथ म�, छाती
म� या शर�र के अ�य अगं� म� भी �वक�सत हो सकता है। इस र�त के
थ�के के कारण अगं को गंभीर नकसान पहंच सकता है, और अगर ु ु
यह शर�र के मह�वपण � अगं� तक पहंचता है, तो घंट� म� म�य भी हो ू ुृु
सकती है।
वीनस �ो�बोए�बो�लक �डसीिज़ज़ (ए�यट प�मोए�बो�ल�म, ू
CTEPD) :
१. कभी-कभी शर�र के �नचले �ह�स� / अगं� म� (खास कर परै म�) बना
हआ �ो�बस (र�त का थ�का) वहाँ से �नकाल कर, शर�र के ु
प�मोनर� स�यल� ेशन (फेफड़� के साथ स�बं�धत प�रसंचरण) म� ु
�थानांतरण करता है, और वह प�मोनर� आट�र� (फ�फसीय धमनी) ु ु
म� पहंचता है, िजसे प�मोनर� ए�बो�ल�म (फ�फसीय अ�त: ु ुु
श�यता) कहा जाता है।
२. �ो�बस (र�त के थ�के) के कद, आकार और प�मोनर�
स�यल� ेशन �स�टम (फ�फसीय प�रसंचरण �णाल�) का �कतना �े� ु ु ु
सि�म�लत है, उसके ऊपर ल�ण� का आधार होता है। प�मोनर�
ए�बो�ल�म (फ�फसीय अ�त: श�यता) एक गंभीर बीमार� का ु ु
�नदान है, िजसम� म�य दर बहत ऊंचा है।ुृ ु
वीनस �डसोडस� � (नस� से संबि�धत सम�याएँ / �वकार) का �दखाव
(ल�ण) :
परै के �नचले �ह�से म� सजन रहनीू
खजल� आनाु
परै के �नचले �ह�से या पंजे क� �वचा म�
भरे रंग क� रंजकता / �वचा के ू
साइननो�सस (नी�लमा)
फाइ�ो�सस / �वचा के ऊतक के �तर
एकदम स�त हो जाने
टखने क� �वचा म� स�त अ�सर होना,
अ�सर उसके बीच के �थान म�
वीनस �डसोडस� � (नस� से संबि�धत सम�याओ ं / �वकार�) के �लए
जो�खम कारक :
�नतंब, घटन,े परै, �पडंल�, पेट के ु
�ह�सा म� या छाती के �ह�से म� क�
गई बड़ ेसजर� � (ऑपरेशन)
लंबे समय के �लए बठेै रहना या
�नि��य रहना
लंबी हवाई या�ा या लंबी कार क�
या�ाएं
अ�धक वजन होना (मोटापा)
बथ � कं�ोल �प�स (ज�म �नयं�ण गो�लयां) या पेचीज या हाम�न
�र�लेसम�ट थेरेपी का वतम� ान म� उपयोग चाल होू
ध�पानू
शर�र म� लगी चोट, िजसके कारण उस अगं को �मलने वाला र�त का
�वाह कम हो जाए, जसेै �क परै या �नतंब क� ह�डी का �ै�चर
क� सर - उपचार के दौरान भी
डीप वेइन ��बो�सस (घना��ता) या प�मोनर� ए�बो�ल�म
(फ�फसीय अ�त: श�यता) का �पछला इ�तहासु ु
ऐसी कोई वंशानगत ि�थ�तयां िजससे र�त के थ�के बनने के �झान ु
म� बढ़ोतर� होना
र�ढ़ क� ह�डी म� कोई चोट लगने के कारण प�ाघात होना
गभा�व�था या हाल ह� म� ज�म �दया हो, खासकर �सजे�रयन
ऑपरेशन के �वारा
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