केय रेशम बोड के कायकलाप एवं...
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के���य रेशम बोड� के काय�कलाप
एवं
भारतीय रेशम उ�योग का �न�पादन
( 01 अ�ैल, 2019 तक )
के���य रेशम बोड�
(व�� मं�ालय, भारत सरकार)
बगल�� ू -560068
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के���य रेशम बोड� के काय� तथा रेशमउ�पादन पर �ट�पणी
क. के���य रेशम बोड� के काय� :
के���य रेशम बोड� (केरेबो), संसद के एक अ�ध�नयम (1948 का अ�ध�नयम स.ं 61) �वारा 1948 म� �था�पत सां�व�धक
�नकाय है । यह व�� मं�ालय, भारत सरकार के �नयं�णाधीन काय�रत है िजसका म�यालय ब�गल� म� हैु ू । बोड�
म� कुल 39 सद�य होत े ह� िजनक� �नयि�त केरेबो ु अ�ध�नयम, 1948 क� धारा -4 क� उप -धारा 3 �वारा �द�
शि�तय� और �ावधान� के अनसारु , 3 वष� क� अव�ध तक के �लए क� जाती है। बोड� के अ�य� क� �नयि�त ु
के���य सरकार �वारा क� जाती है और दो पदधा�रय� को के���य सरकार �वारा ना�मत �कया जाता है िजनम�
से एक उपा�य� के �प म� व�� म�ंालय के रेशम �भाग के �धान होते ह� तथा एक बोड� के स�चव, दोन�
सरकार के संय�त स�चव क� �ेणी से कम नह� ंु होत े।
�व�भ�न रा�य� म� रेशम उ�पादन �वकास काय��म� के सम�वयन तथा रेशम साम�ी के लदान-पव� ू �नया�त
करन ेहेत के���य रेशम बोड� ने नई �द�ल�ु , म�ुबई, कोलकता, हैदराबाद, भवने�वरु , गवाहाट�ु , लखनऊ, पटना
म� 8 �े�ीय काया�लय �था�पत �कए ह�। केरेबो के �े�ीय काया�लय �ौ�यो�गक� ह�तांतरण के सम�वय के �लए
रा�य के रेशम उ�पादन �वभाग�, �े� इकाईय� तथा केरेबो �े� काय�कता�ओं के साथ �नकट स�पक� रखते ह� ।
के���य रेशम बोड� �वारा ग�ठत रा�य �तर�य रेशम उ�पादन सम�वय स�म�त क� बठैक� के संयोजक भी
�े�ीय काया�लय ह�। 01.04.2019 तक यथा �व�यमान केरेबो के कम�चा�रय� क� स�ंया 2,708 है।
केरेबो के अ�धदे�शत काय�कलाप� म� अनसधंान व �वकासु , चार �तर के रेशमक�ट बीज उ�पादन के नेटवक� का
रखरखाव, वा�णि�यक रेशमक�ट बीज उ�पादन म� अगवाई भ�मकाु ू , �व�भ�न उ�पादन ���याओं म� गणव�ा ु
मापद�ड� को लाग करना तथा रेशम उ�पादन एवं रेशम उ�योग से संबं�धत सभी �वषय� पर सरकार को सलाह ू
देना है। के���य रेशम बोड� के इन अ�धदे�शत काय� को परा करने के �लए देश के �व�भ�न रा�य� म� ि�थत ू
191 केरेबो एकक� �वारा एक एक�कत ृ के��-�े� क� योजना नामत: “�स�क सम�”, रेशम उ�योग के �वकास
हेत ुएक एक�कत योजना ृ के मा�यम से �न�न चार घटक� के साथ सचंा�लत �कया जाता है :
1. अनसंधान व �वकासु , ��श�ण, �ौ�यो�गक� ह�तातंरण तथा सचना �ौ�यो�गक� पहलू .
2. बीज सगंठन.
3. सम�वयन तथा बाजार �वकास.
4. गणव�ा �माणन �णाल�ु , �नया�त, �ा�ड उ�नयन व �ौ�यो�गक� उ�नयन
1. अनसंधान ु एव ं�वकास, ��श�ण, �ौ�यो�गक� ह�तांतरण तथा सचना �ौ�यो�गक� ू
पहल
के��य रेशम बोड� के अनसंधान व ��श�ण सं�थानु , नए अ�भगम� के मा�यम से रेशम उ�पादन
के �था�य�व हेत ुउ�पादन एवं उ�पादकता बढ़ाने के �लए वै�ा�नक एव ं�ौ�यो�गक� सहायता �दान करत ेह� ।
मैसर ू (कना�टक), बहरमपर ु (पि�चम बंगाल) और पा�पोर (ज�म व क�मीरू ) ि�थत �मख स�ंथान शहतती ु ू
रेशम उ�पादन का काय� करते ह�, जब�क राँची (झारखंड) तसर का और लाहदोईगढ़ ,जोरहाट (असम) मगा एवं ू
एर� रेशम उ� पादन का काय� करता है। �े�ीय रेशम उ�पादन अनसधंान के�� �े�ीय आव�यकता के अनसारु ु
�े� �व�श�ट �ौ�यो�गक� पैकेज एव ं अनसंधान उपलि�धय� का �सार कर रहे ह� । इसके अ�त�र�तु ,
अनसंधान �व�तार के�� ु (अ �व क� ) एवं उनक� उप -इकाइयां रेशम उ�पादक� को �सार सहायता �दान करती
ह� । कोसो�र �े� म� अनसंधान व �वकास समथ�न �दान करने के �लएु , बोड� ने ब�गल� म� के���य रेशम ू
�ौ�यो�गक अनसंधान सं�थान ु (केरे�ौअस)ं �था�पत �कया है । इसके अ�त�र�त, के���य रेशम बोड� ने
ब�गल� ू (कना�टक) म� रेशमक�ट बीज �ौ�यो�गक �योगशाला (रेबी�ौ�), होसर ू (त�मलनाडु) म� के���य रेशम
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जनन��य ससंाधन के�� (क� रेजसंके) और ब�गल� म� ू रेशम जैव -�ौ�यो�गक� अनसंधान �योगशाला ु (रेजै�ौअ�)
�था�पत �कया है ।
वष� 2018-19 के दौरान, केरेबो के �व�भ�न अनसधंान व �वकास सं�थान� ु म� कलु 24 नई अनसंधान ु
प�रयोजनाएं �ारंभ क� ग� तथा 50 प�रयोजनाएँ समा�त क� ग� एवं वत�मान म� कलु 115 अनसंधान ु
प�रयोजनाएं अथा�त शहतती �े� म�् ू 67, व�य �े� म� 38 और कोसो�र �े� म� 10 प�रयोजनाएं �ग�त पर
ह� ।
अनसंधान व �वकासु (अनसंधान काय��म के म�यांु ु श)
(i) परपोषी पौधा (शहततू) पर अनसंधान व �वकास ु :
अ�धक उपज देने वाले शहतत िजनोटाइप सीू -9, जो कम इनपट मदा ु ृ �े�� के �लए उपय�त है ु क�
पहचान क� गई है और शहततू �क�म पीपीआर-1 �वक�सत �कया गया जो अ�धक ��टगं ��तशत के
साथ अ�ध क तापमान प�रि�थ�तय� के �लए उपय�त हैु ।
शहतत ू (एआईसीईएम) चरण 4 के �लए अ�धक उपज देने वाले तीन नए शहतत �क�म� ू अथा�त ्
एजीबी-8, पीपीआर-1 और सी-1360 स�हत अ�खल भारत समि�वत �योगा�मक पर��ण� को परूे देश
म� 20 पर��ण क� �� म� �ारंभ �कया गया ।
छ: ��ग�णत शहतत जीन�ा�प स�हत एक अं�तम उपज पर��ण का �ारंभ �कया गया। ु ू
25 चय�नत शहतत संकर� के साथ पीवाईट� का �ारंभ �कया गया। ू
सचीब�ध संकर� के पौधारोपण से ू 4 �व�भ�न पर��ण क� �� म� एफवाईट� �ारंभ �कया गया ।
शहतत ू के �लए �वशेषता, एक�पता एवं ि�थरता के �वकास करने के�लए मानक�कत ृ �ामा�णत �कया
गया और पीपीवी एवं फआरए, नई �द�ल� �वारा �का�शत �कया गया ।
नमी तन सहनशीलता रखन ेवाले सी-9 के साथ बहु-�े�ीय अ�ययन भारत के पव� एवंू उ�र पव� ��े� ू
म� �ारंभ �कया गया ।
मल �वगलन ू रोग �बधंन के �लए सं��मत पौध� को पनज��वत करते हए उनम� ु ु 68-74% काय��मता
के साथ “रॉट �फ�स” �वक�सत �कया गया और इसे लोक��य बनाया जा रहा है।
परामश� प�रयोजना के अधीन जैव एवं गरै-जैव पोषक� के संयोग टे�टेड अंकर �वक�सतु �कया गया।
क�मीर ��े म� मल �वगलन ू रोग �बंधन के �लए �ौ�यो�गक� �वक�सत क� गई ।
83% क� सफलता दर के साथ एक स�म ू �चार �ोटोकॉल �णाल� गोशोईरामी �क�म के �लए
�वक�सत क� गई ।
�पछले 10 वष� के दौरान, कल ु 14 शहतत �क�म� को वा�ण�य उपयोग केू �लए �वमो�चत �कया
गया और 4 व�य परपोषी पौध� को वा�ण�य उपयोग के �लए �सफा�रश क� गई ।
अनसंधान एवं �वकास के �यास�ु ने वष� 2005-06 के दौरान 50 �म.ट./हे./वष� से वष� 2018-
19 के दौरान 60 �म.ट./हे./वष� वि�ध ृ होने म� मदद �कया है ।
(ii) शहतत रेशमक�ट पर अनसंधान व �वकासू ु :
हाल म� �ा�धकत अ�धक उपज देने वाल े रेशमक�ट संकर जीृ -11× जी-19 को 68.0 �क.�ा./100
रोमबीच के संभा�वत उपज के साथ कना�टकु , त�मलनाडु, आं� �देश, तलेंगाणा, केरल और महारा��
म� लोक��य बनाया गया ।
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हाल म� �ा�धकत अ�धक उपज देन े वाले रेशमक�ट संकर बीृ .कॉन.1× बी.कॉन.4 को पि�चम बंगाल,
उड़ीशा, झारख�ड और उ�र पव� रा�य� म�ू वा�ण�य उपयोग के �लए लोक��य बनाया गया।
ब�ुगे�रया से रेशमक�ट आनव�ंशक संसाधान� को उपयोग करते हए ु ु 25 ओवल एफसी और ड�बले
एफसी �वक�सत �कया गया।
हाल म� �वक�सत एमएएसएन रेशमक�ट वंश� को �े� म� �व�वध क�ष जलवाय प�रि�थ�तय� म� ृ ु
पर��ण �कया गया िजससे द��ण भारत म� इनक� उपय�तताु का पता कर सके।
62 स े 74 �क.�ा./100 रोमबीच उपज स�हत ु कावेर� गो�ड (एमवी-11×एस8) एक उ�नत संकर
�वक�सत �कया गया ।
रेशमक�ट म� अ�धक अडंो�पादन के �लए क��म ओ�वपोिजशन ि�टमल�ट �ल�डृ ु , अरका ए�ग��ा
�वक�सत �कया गया ।
��तर�ा �मता बढान ेक� �दशा म� रोग ��तरोधी जीन अ�धक �दखने के �लए �ै�सिज�नक रेशमक�ट
को �वक�सत �कया गया ।
आि�वक �च�नक सम�थ�त चय�नत �जनन के मा�यम से 72 �क.�ा. कोस/े100 रोमबीच क� संभा�य ु
उपज एवं 21.5% कवच के साथ तापसहनशील ि�व�ज दगणा संकर ु ु (एन-21×एन-56) �वक�सत �कया
गया। ये दोन� उ�पादक ि�व�ज सकंर अथा�त सीएसआर् 52एन×सीएसआर26एन और
(सीएसआर52एन.एस8एन) × (सीएसआर16एन.सीएसआर26एन) के अ�त�र�त बीएमएनपीवी सहन एवं
उ��त सकंर न�ल अथा�त आईसीबी् 17×एस8 एवं आईसीबी14×एन23, 70 �क.�ा./100 रोमबीच क� ु
संभा�य उपज के साथ और 2ए-3ए रेशम �वक�सत �कया गया और �े� पर��ण के अधीन है ।
नो�समा ब��ब�स को पता लगाने के �लए लै�प तकनीक� �वक�सत �कया गया और बीज �टॉक के
साथ वैधीकतृ �कया गया। यह� ���या मगा रेशमक�ट के �लए भी अपनाू ई गई ।
एनबीएआईआर, ब�गल� के सहयोग के ू साथ स�ेस-फेरोमोन आधा�रत “उजी-लरू” �वक�सत �कया गया
और �योगशाला एव ं�े� प�रि�थ�तय� म� अज़ी म�खी के �भावी �बधंन हेत म�यांकनु ू �कया गया।
�पछले 10 वष� म� 13 शहतत ि�व�ज रेशमक�ट संकरू , 12 शहतत संकर न�ल एवं ू 5 व�या
रेशमक�ट संकर� को वा�ण�य उपयोग के �लए �वमो�चत �कया गया ।
अनसंधान एव ं�वकास के �याु स� ने वष� 2005-06 के दौरान 48 �क.�ा./100 रोमबीच क� उपज ु
से वष� 2018-19 के दौरान 60.3 �क.�ा./100 रोमबीच क� उपज तक ु वि�ध होने म� मदद �कया हैृ ।
(iii) व�य रेशम पर अनसंधान व �वकास ु :
व�य परपोषी पौधा
तसर रेशमक�ट पालन के �लए एक वैकि�पक खा�य पौधा लेजर��ो�मया �पी�सयोसा क� पहचान
क� गई, जो आसानी स ेजड़ पकड़न ेवाला है तथा तेजी स ेबढ़न ेवाला है। क�टपालन �न�पादन क�
वैधता हेत ुपर��ण �कया जा रहा है ।
शी� बढ़ने वाल,े श�कु स�ह�ण ुट�म�न�ेलया अज�नाु अ�भगम के चयन के �लए 10 उ�म अ�भगम का
चय�नत �कया गया, िजस म� से अ�भगम स.ं 525 एवं 523 अ�धक दबाव स�ह�णु, पौध� का बेहतर
वध�न, शार��रक एव ंजैवरसाय�नक ल�ण� के साथ बेहतर पाया गया ।
पौधारोपण �थान पर अ�प जल स�ाह�ु , व�य फल� पौध (मकना �ा�ट�टाु ु ) और फॉ�फेट
सोल�बलाईिजंग ब�ैट��रया ु (पीएसबी) को शा�मल करते हए टे�म�ने�लया पौधारोपण म� मदा के आ�� ु ृ
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संर�ण और पोषकत�व क� वि�ध के �लए पैकेज �वक�सत �कया गयाृ । इस पैकेज का उपयोग करन े
से पण� उपज क� औसत वि�ध ृ 49.51% तक दज� क� गई ।
पण� �च�ी रोग, पण� फफंद तथा पण� �क�ट रोग ��तरोधी दो सोम अ�भगम�ू (एस 3 तथा एस 6) को
�े� म� लोक��य बनाया जा रहा है ।
अरंडी क�षृ के �लए एक�कतृ पोषक �बंधन �णाल� �वक�सत क� गई है तथा यह �े� म� पर��णाधीन
�कया ।
एर� रेशमक�ट पालन के �लए एले�थस �ाि�डस (बरपत) को एर� रेशमक�ट पालन के �लए सव��म
बहवष�ु भो�य पौधे के �प म� पहचाना गया और �े� म� उपयोगाथ� सं�तत �कयाु गया है । इस केसे�
पौधे क� पण� उपज 25 मी.ट./हे/वष� क� तलना म� ु 32 मी.ट./हे/वष� �रकाड� क� गयी ।
झारख�ड म� साल पौध� के �भावी उपयोग तथा साल पर ला�रया क� उ�पादकता के उ�नयन हेत ु
पैकेज �णाल� क� अनशंसाु क� ग� ।
अरंडी और ए�लयथंस �ा�ंडस दोन� के पण� जैवरसायन म� जैव-रासाय�नक �व�लेषण समानता सा�बत
हई । ु
सं��मत एरंडी प��य� स ेश�ध �प म� एलटरना�रया �र�सनी को पथक �कया गया । जैव आमापन ु ृ
अ�ययन म� आइसोलटे राइज़ोबै�ट��रया के �वरोधी गण का पर��ण �कया गया और आइसोलेट ु
एलआरपी4 तथा एचएफ-3 पर��ण रोगजनक का अ�धकतम सहल�नता दशा�या ।
�कयोइ�झार �े� के 10 राइज़ोि�फयर मदा नमन� से कल ृ ू ु 64 पीएसबी �वलगन� को पथक ृ �कया गया
और इन पीएसबी �वलगन के बीच पा� ेफोसफेट �वलयेीकरण �मता आकलन �ग�त पर है ।
व�य रेशमक�ट
तसर डाबा ि�व�ज रेशमक�ट ‘बीडीआर-10’ को लोक��य बनाया जा रहा है।
उ�च बह�जता तसर रेशमक�ट वंशु , सीट�आर-14 के �लए बह�थानीय �े� पर��ण पाँच �थान� म� ु
संचा�लत �कये गये । उ�पादन ल�ण के �नयं�ण पर 20-22% विृ�ध दज� क� गई ।
तसर रेशमक�ट के दो �मख वंशु , डीट�एस एव ं डीट�-12 का चयन �कया गया और इन वंश� के
38250 बीज कोस ेसरं�णाधीन है ।
एर� रेशमक�ट न�ल ‘सी2’ को लोक��य बनाया जा रहा है ।
दो �े�ठ मगा रेशमक�ट वशं सीएमआरू -1 एवं सीएमआर-2 �े� म� पर��णाधीन ह� ।
मगा रेशमक�टू ए�थे�रया असामेन�सस के संजीन का अन�मण �कया गया और संजीन का प�रमाण ु 500
एमबी है ।
समान अडं-��फटनु क� स�वधाु हेत ुमगाू रेशमक�ट अडं संर�ण अनसचीु ू �वक�सत क� गई जो �े�
पर��णाधीन है ।
आं� �देश क� अ�ध�-श�कु प�रि�थ�तय� म� एर� पा�र-�जा�त एसआर -025 का �े� पर��ण �ग�त पर
है ।
व�य से�र�सजीनस क�ट� के ल�ण -वण�न, म�यांकनू तथा वग�करण के आधार पर ,ए�थे�रया ��थी
को उ�र-पव�ू �े� के �लए भ�व�य क� सभंावी �जा�त के �प म� चय�नत �कया गया है ।
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एर� रेशमक�ट के छह आशाजनक �भदे अथा�त वाईपी् , वाईएस, वाईजडे, जीबीपी, जीबीएस
एवं जीबीजेड बोरदआरु एव ं ट�टाबार पा�र�जा�त से शर�र पर �च�न एवं रंग के आधार पर अलग
�कया गया। दो संयोजन अथा�त वाईज़ेड् ×वाईएस तथा जीबीएस×जीबीजडे क�टपालन �न�पादन के
आधार पर आशाजनक पाए गए । इन संयोजन� का एक बीजागार पर��ण परा �कया गया । ू
मगा और अ�य व�य रेशम शलभ ू क� जा�तय� के �लए �व�थाने संर�ण काय� उप�ेवसंयो काय��म ू
के अधीन चार रा�य� अथा�त ् असम, मेघालय, अ�णाचल �देश एव ंबीट�सी म� �कया जा रहा है ।
तसर परपोषी पौधा स े �नचोड़ े गये वा�पशील व�तओं स े पील� म�खी क� �ं�गका ��त��या तथा ु ृ
अशन एवं कताई चरण� म� ए�थी�रया माइ�ल�टा का अ�ययन इले��ोए�ट�नो�ाम (ईएजी) का उपयोग
करते हए �कया गया। ु
मगा रेशमक�ट के पीू डक एवं रोग� के �व��ध एक जैव मापांक �वक�सत �कया गया ।
मगूा रेशमक�ट �लेचर� रोग संबंधी पथैोबयोम को तलना��क ु जीनो�म�स के साथ �था�पत �कया
गया ।
68 से 72 घंटे क� उ� के �ण म� �णीय ू ू �वकास का सबसे ल�बा चरण पाया गया जो उपय�त अंडा ु
संर�ण ���या �वक�सत करने म� मदद करता है ।
तसर रेशमक�ट म� पे��न को आसानी से पहचान करन े के �लए पे�ीन �वज़वलाइज़ेशन सॉ�यशनु ू
�वक�सत �कया गया। तसर मातशलभ म�ृ आलेपन क� �ाचलता बढाई गई, को�शक�य कचरा �नकाल
�दया और पे��न बीजाणओ ंके �वमोचन एवं ��यता बढाई गईु ।
ए�थी�रया माई�ल�टा डी. म� �लेचर� रोग से संब�ध �वषाण एवं जीु वाि�वक रोगजनक� को अलग
�कया गया और पहचान क� गई ।
बौलोवायरस के परे जीनोम एंू थी�रया �ॉयल� म� जो टाइगर ब�ड बीमार� का कारक है, को पहचाना गया
(अ�भगम : जीआई 1371952746) ।
मगा पा�रू -�णाल� म� बै�सलस एसपी. तथा �यडोमोनस एसपीू . से होने वाल े�लैचर� रोग के जीवाण ु
�नयं�ण हेत एक नया रासाय�नक सं�मणहार� तैयार �कया गया है तथा �योगशाला दशा के अ�तग�त ु
इसका जैव आमापन अ�ययन �ग�त पर है।
जेएसडीआई राचँी, पीपीसी खरसवा,ँ पीपीसी हटगम�रया तथा पीपीसी ब�गाबाद (झारख�ड), �ेतअक� ,
बा�रपदा (उड़ीशा), �ेतअक� , भ�डारा (महारा��), अ�वक� क�प�ता (प.ब.ं) तथा अ�वक� , कटघोरा
(छ�ीसगढ़) म� अध�-क��म ृ आहार “तसर अमतृ” का पर��ण �कया गया ।
से�र�सन को वा�णि�यक उपयोग हेत,ु इसके पथ�करण और ल�णवण�न हेत तसर रेशम तंत अवशेष ृ ु ु
से अलग �कया गया। �व�भ�न तंत अवशेष म� स�ेर�सु न क� उपल�धता लगभग 1.8-2.5 % है ।
�चार करने के �लए अनमो�दत ु नयी न�ल/�क�म :
II. शहतत ��े ू - परपोषी पौधे
क. हाल म� �ा�धकत ृ शहतती �जा�तयां ू :
# नयी न�ल/�जा�त �े�
1 जी4 द��ण अचंल
2 सी2038 पव� और उ�र पव� भारत ू ू
3 ट�आर-23 पवू� और उ�र पव� भारत के पहाडी �े� ू
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ख. �ा�धकरण पर��ण के �लए चय�नत शहतत �जा�तया ंू :
# शहतत �जा�तयां ू पर��ण ��े
1 एजीबी-8 संसाधन क� क�मय� के अधीन द��ण भारत �े�
2 सी-1360 पव� और उ�र पव� ��े ू ू
3 पीपीआर-1 भारत के शीतो�ण �े�
II. शहतत ��े ू - रेशमक�ट
क. हाल ह� म�, संकर �ा�धकरण स�म�त(एचएसी) �वारा �ा�धकरण के �लए अनशं�सत रेशमक�ट सकंर ु :
# नयी न�ल/�जा�त �े�
1 जी11x जी19 द��ण अचंल
2 बी.कॉन 1 x बी.कॉन 4
3 एम6डीपी(सी) x (एसके6xएसके7) पव� और उ�र पव� ��े ू ू
ख. �ा�धकरण पर��ण के �लए चय�नत शहतत रेशमक�ट सकंर ू :
# रेशमक�ट संकर पर��ण ��े
1 एस8 x सीएसआर16 सभी द��ण रा�य एवं महारा��
2 एमवी1x एस8 सभी द��ण रा�य एवं महारा��
3 एसएसबीएस5 x एसएसबीएस 6 भारत के शीतो�ण �े�
(III) कोसो�र �े� म� अनसंधान व �वकास ु :
�े�ठ गणव�ा के आयात ��त�थानी रेशम के उ�पादनाथ� देशी �वचा�लत रेशम धागाकरण मशीन ु
(एआरएम) का �वकास व �दश�न ।
सौर ऊजा� से चा�लत �कफायती कताई मशीन का �दश�न िजसे �ामीण �े� म� सौर ऊजा� का �योग
करते हए चलाया जा सकता हैु ।
तसर कोस� के अ�धक �भावी पकाने के �लए “तसर �लस” – एक पकान/ेनरम करने का रासाय�नक
न�खा �वक�सत �कया गयाु ।
क� वयेर त�त वाय श�कक का उपयोग करते हए तसर कोस� के त�त वाय सखाने के �लए ु ु ु ुु
�ौ�यो�गक� �वक�सत क� गई ।
तसर रेशम धागाकरण हेत �कफायती आठ छोर� क� बहछोर�य धागाकरण मशीन को लोक��य बनाया ु ु
गया ।
व�य रेशम कोसो�र �े� म� तसर तथा मगा कोस� के �लए आ�� धागाकरणू , तसर रेशम के �लए
साइिजंग मशीन, तसर कोस� के �लए संशो�धत श�क धागाकरण मशीनु , रेशम धागाकरण जल के
पनच��ण हेत दाबकु ु ृ त ल�छ� �वग�दन मशीन तथा उपकरण आ�द को फ��ड म� लोक��य �कया जा
रहा है ।
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8
1.2 मी.टन कोस/े�दन श�कन ु करने क� �मता के साथ क� वयेर कोसा श�कन मशीन �वक�सत �कया ु
गया ।
मगा कोस� के �लए ू “भीर” धागाकरण मशीन क� ��त�थापना के �प म� नई धागाकरण मशीन
“सोना�लका” �वक�सत क� गयी ।
भ�तशेष रेशमक�ट �यपा से ु ू पीलैड परत हटाने के �लए पीलैड �न�कष�ण तथा �यपा पथ�करण मशीन ू ृ
का �दश�न ।
“�लग हटाने के �लए �लग कैचर (पोश�ल�न बटन के बदलाव के �प म�) के इ�तेमाल” क� �वक�सत
�ौ�यो�गक� का �वकास कर �े� पर��ण �कया जा रहा है ।
“केरे�ौअसं पा�र-�वग�दन मशीन का उपयोग करते हए सत �वग�दनु ू ” क� �ौ�यो�गक� �वक�सत क� गई
और इसका �े� पर��ण �कया जा रहा है ।
सं�थान �वारा �वक�सत ऊ�व��थ धागाकरण मशीन को प�र�कत �कयाृ गया और अ�धक उ�पादकता
के �लए 3 छोर�य मशीन तयैार क� गई ।
शहततू, तसर, मगा एवं एर� रेशम व��� को �वक�सत �कया गया और फाइ�ॉइन मै���स के साथ ू
स�ढ़ु �कया गया ।
एचट�एचपी �णाल� का उपयोग करते हए रेशम सत से से�र�सन के �न�कष�ण के �लए �ौ�यो�गक� ु ू
�वक�सत क� गयी ।
चंदेर� साड़ी (रेशमxरेशम) क� �व�भ�न �क�म� �वक�सत क� गयी ।
शहतत एकल जस� ू साधारण एव ं �डजीटल�कत छपाई से म�हलाओं ृ के �लए टॉप �वक�सत �कया
गया ।
टाई व डाई सत के साथ शहतत इंटरलॉक सरंचना का �वकास �कया गयाू ू ।
रंग वै�व�य �डज़ाइन के एक घटक के �प म� शहतत व कपास �म��ू त �नट �वक�सत �कये गय े।
म�हलाओं के टॉप के �लए शहतत ज�काड टक �नट �डजाइन �वक�सत क� गयीू ।
शहतत व कपास �म��त सत से बने �नट �वक�सत �कये गयेू ू ।
�बना बनेु हएु एर� रेशम व��� को सफलता के साथ तैयार �कया गया और चेहरे पर लगान ेके �लए
कां�तव�ध�क का�मे�टक के साथ सं�प के संसेचन का पर��ण ‘लो�रयल’ म� �ग�त पर है ।
से�र�सन का ल�ण �नधा�रण कर कां�तव�ध�क का�मे�टक (साबनु, शै�प,ू हेयर��म आ�द और टेलकॉम
पाउडर म� डालने के �लए) म� उपयोग करने का काय� चल रहा है ।
आ�� धागाकरण के �लए रैल� तसर कोस� को पकाने के �लए �ौ�यो�गक� �वक�सत क� गई ।
एक जैव प�र�करण �वक�सत �कया गया, िजसे तसर व��� के गणधम� म� स�दय� और तापध�म�ता क� ु
�ि�ट से काफ� आरामदेय पाया गया ।
अंतररा���य गणव�ा के भारतीय रेशम का उपयोग करते हए ु ु �व�वध रेशम �नटवेयर उ�पाद/पोशाक� के
�वकास हेत �ौ�यो�गक� का �वकास ु �कया गया ।
अनसंधान ु एव ं�वकास �यास� से वष� 2005-06 के दौरान रे�ड�टा म� 8.2 से 2018-19 के दौरान 7.3 तक
सधार लाने म� सहायता �मल� है । ु
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(v) एक�व अ�धकार (पेट��स) एव ंवा�णि�यकरण :
1) वष� 2018-19 के दौरान
क. एक�व अ�धकार (पेट��स) �ा�त �कया :
1. अ�धक रेशम उपज के �लए मगा कोस� को पकाने हेत रासाय�नक ू ु स�ीकरणू ।
2. जकाड� के �लए �यमे�टक �लि�टंग मेक�नू जम का उपयोग करते हए ु उ�नत हथकरघा ।
3. उ�नत धागाकरण सह ऐंठन मशीन
ख. एक�व अ�धकार (पेट��टगं) के �लए आवेदन फाइल �कया गया :
1. उ�पाद ‘रॉट �फ�स’ – शहतत म� मल �वगलन ू ू के �नयं�ण के �लए एक �वशाल �पे��म
पा�र-�नेह� सं�प को पटेे�ट करने के �लए आवेदन �दया गया है।
ग. वा�ण�यीकत �ौ�यो�ग�कयाँृ /उ�पाद
i) अकुंर, मदा उव�रता और �वा��य के �लए एक काब��नक और अकाब��नक पोषक त�वृ परक।ू ii)
अंकशु , रेशमक�ट के शर�र के �लए एक पया�वरण अनकल रासाय�नक ु ू सं�प और क�टपालन सीट
क�टाणुनाशक और iii) रॉट �फ�स, शहतत म� ू मल �वू गलन रोग के �नयं�ण के �लए एक �यापक
�पे��म पया�वरण अनकल ु ू सं�प।
(vi) सहयोगी अनसंधानु प�रयोजनाएं तथा जैव-साम�ी अनसंधानु :
1) केरेबो के अनसधंान एव ंु �वकास सं�थान, आंत�रक �प से �न�ध �ा�त प�रयोजनाओ ंके अलावा
डीबीट�, डीएसट�, एमएनआरई, आ�द क� �व�ीय सहायता के साथ सहयोगी अनसधंानु प�रयोजनाओ ं
को भी संचा�लत कर रहे ह� । वष� 2018-19 के दौरान बा�य �न�धय� के सहयोग के साथ कलु 17
अनसंधान प�रयोजनाु ओं को संचा�लत �कया जा रहा है ।
2) केरेबो सं�थान, अ�य अनसंधानु सं�थान� जैस े आईआईट� खरगपरु, आईआईट� गवाहाट� ु
आईएआरआई नई �द�ल�, आईआईएचआर ब�गल�ू, सीसीएमबी हैदराबाद, आईआईएससी ब�गल�ू,
बीट�आरए मबंईु , जीकेवीके ब�गल�ू, आईसीएआर-एनबीएआईआर ब�गल�ू, एनईएसएसी �शलाँग,
एनईआईएसट� जोरहाट, एनबीएसएस एव ंएलयपीू जोरहाट, आरएफआरआई जोरहाट, बीआईट� मेसरा,
एनसीएल पणेु आ�द के साथ सहयोग भी करता है । वत�मान म� इन म� स ेकछु सं�थान� के साथ
सहयोग स े09 प�रयोजनाए ंसंचा�लत क� जा रह� ह� ।
3) �व�भ�न सं�थान� के साथ अ�तररा���य सहयोग भी �लया गया है। कोसो�र �ौ�यो�गक� पर
�ौ�यो�गक� के �वकास हेत ड�ेकन �व�व�व�यालयु , आ��े�लया के साथ तीन प�रयोजनाए ं क� गई
है । न�ल सधारु पर ब�गे�रयाु के अनसधंान सं�थान के साथ प�रयोजना क� जा रह�ु है और तसर
रेशमक�ट को सं��मत करने वाल� इ�ला �वषाण के आि�वक ल�ण वण�न पर दसर� प�रयोजना ु ू
�वी�डश अनसधंान प�रषद के साथ �ार�भ क� गई है ।ु
4) संकर ओज म� सधार लान ेहेत ु ु आनवं�शक साम�ी के लेनु -देन के �लए ब�गे�रयाु , जापान, चीन व
आ��े�लया के अनसंधान ु स�ंथान� के साथ समझौता �ापन करार �कया गया ।
��श�ण
परूे देश म� �या�त केरेबो के अ व �व स�ंथान सभी चार� रेशम उप-�े�� स ेसंबं�धत रेशम म�यू -�ंखलाृ क�
सभी ग�त�व�धय� को शा�मल करत ेहएु गहनता से ��श�ण, कौशल �नमा�ण तथा कौशल �वकास आ�द म�
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�नरंतर लगा हआु है । केरेबो के �मता �वकास तथा ��श�ण पहल को �न�न�ल�खत पाँच शीष�क� के
अ�तग�त पनु:संर�चत �कया गया है :
(i) कौशल ��श�ण व उ�यम �वकास काय��म (एसट�ईपी)
इस �ेणी के अ�तग�त उ�यमी �वकास, आंत�रक तथा उ�योग संसाधन �वकास, �वशेष �वदेशी ��श�ण,
रेशम उ�पादन �ौ�यो�गक� का �चार, �योगशाला स ेफ��ड तक �ौ�यो�गक� �दश�न काय��म, ��श�ण
�भाव म�यांकनू सव�ण� आ�द पर �यान केि��त करत ेहएु अनेक अ�पकाल�न ��श�ण मॉ�यलू �ार�भ
करन े क� योजना है। इस घटक के अधीन के लोक��य काय��म उ�यम �वकास काय��म, �ौ�यो�गक�
उ�नयन काय��म, संसाधन �वकास काय��म/��श�क� का ��श�ण काय��म, ��तयो�गता वध�क ��श�ण
काय��म, अनशास�नक ���या ��श�णु , �बंधन �वकास काय��म आ�द ह� ।
(ii) रेशम उ�पादन संसाधन के�� (एसआरसी) क� �थापना :
य े��श�ण सह-स�वधाु के�� चय�नत शहततू ि�व�ज व व�य �ल�टर� म� � 2.00 लाख के इकाई म�यू म�
�था�पत �कये गये ह� जो अनसंधानु व �वकास �योगशालाओ ंके �व�तार के��� तथा लाभा�थ�य� के बीच
मह�वपण�ू कड़ी का काय� कर�ग े। इन रेशम उ�पादन संसाधन के��� का उ�दे�य है – �ौ�यो�गक� �दश�न ,
कशलताु म� वि�धृ , रेशम उ�पादन �नवेश के �लए एक �थान ,�ल�टर �तर पर ह� संदेह का �नवारण तथा
सम�या का हल करना है। आज क� तार�ख म� 23 एसआरसी काय�रत है ।
(iii) केरेबो के अनसंधानु एव ं�वकास स�ंथान� �वारा �मता �वकास एव ं��श�ण
संर�चत द�घा�व�ध ��श�ण काय��म (रेशम उ�पादन म� �नातको�र �ड�लोमा व गहन रेशम उ�पादन
��श�ण) के अ�त�र�त केरेबो के अनसंधानु व �वकास सं�थान, क�षृ मेला, कषकृ �दवस, कषकृ �वचार-
�वमश� काय�शाला आ�द के अलावा कषक�ृ तथा अ�य पणधा�रय� को सश�त बनाने के �लए �ौ�यो�गक�
आधा�रत ��श�ण भी आयोिजत करते है।
(iv) बीज �े� म� �मता �वकास
रेशमक�ट बीज सबस ेमह�वपण�ू �े� है जो पर�ू रेशम म�यू �ंखृला को आगे बढ़ाता है। बीज क� गणव�ाु स े
उ�योग क� गणव�ाु का प�रणाम �नधा��रत होता है। अत: इस �े� म� �मता �वकास तथा ��श�ण क�
आव�यकताए ंबहतु ह� मह�वपण�ू ह�। उ�योग के पणधार� जैस े �नजी रेशमक�ट बीज उ�पादक, अ�भगहृ�त
बीज क�टपालक, �ब�धक तथा सरकार� बीजागार� स ेसबं�ध काय�दल को शा�मल करन ेहेत ुअनेक ��श�ण
काय��म आयोिजत करन ेका ��ताव है।
(v) सचूना, �श�ा एव ंसचंार (आईईसी)
सचनाू , �श�ा तथा सचंार के �न�म� �ववर�णका, प�क, है�डआउट, पि�तकाु आ�द के मा�यम स ेअनशं�सतु
�ौ�यो�ग�कय� को लोक��य बनात ेहुए �मता �वकास एव ं��श�ण पहल क� गयी है । यह घटक उ�योग के
�दश�न हेत ु�ौ�यो�गक� आधा�रत अनदेशा�मकु वी�डय�, अ�ययन साम�ी तथा डा�यमे���ू �फ�म का �नमा�ण
भी ��ता�वत है ।
वष� 2016-17, 2017-18 और 2018-19 के दौरान क� रेबो के अनसंधाु न एव ं��श�ण सं�थान� �वारा
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आयोिजत काय��म� के अधीन ��श��त �यि�तय� क� सं�या के �ववरण �न�न ता�लका म� व�ण�त है :
��श��त �यि�तय� क� सं�या
2016-17 2017-18 2018-19 #
��श�ण पा�य�म
ल�य उपलि�ध ल�य उपलि�ध ल�य
उपलि�ध
1 संर�चत पा�य�म (���चरड� कोस� )
(पीजीडीएस,शहतत व गैरू -शहतत पा�य�मू )
100 111 265 216 230 191
2
कषक कशलता ��श�णृ ु , �ौ�यो�गक� अ�भ�व�यास
काय��म, कै��यल ू एवं तदथ� पा�य�म् तथा
अ�ययन दौरा
9400 9034 8030 8853 8,290 8,050
3 अ�य ��श�ण काय��म 4000 6628 4945 6322 3,045 4,862
4 एसट�ईपी 1500 917 2030 1901 1,260 782
कल ु 15000 16690 15270 17292 12,825 13,885
�ौ�यो�गक� ह�तांतरण (ट� ओ ट�) :
समा�त प�रयोजनाओं स े �वक�सत �ौ�यो�ग�कय� को �व�भ�न �व�तार सचंार काय��म� अथा�त ्क�षृ मेला,
साम�हकू चचा�, �बोधन काय��म, �े� �दवस, कषकृ सि�मलन, ��य-��य काय��म, �ौ�यो�गक�
�दश�न, आ�द के मा�यम स े�े� म� ह�तांत�रत �कया जा रहा है। वष� 2018-19 के दौरान कलु 1438
�ौ�यो�गक� ह�तांतरण काय��म आयोिजत �कए गए और 38 �ौ�यो�ग�कय� को कोसापव�ू �े� के अधीन
उपयोगकता� के �तर पर सफलतापव�कू ह�तांत�रत �कया गया है। इसके अ�त�र�त, कोसो�र �े� म� कलु
16 �ौ�यो�गक� 1514 �यि�तय� को �द�श�त �कया गया और 1023 �यि�तय� को ��श��त �कया गया और
91,405 कोसा/रेशम नमन� क� पर��ा क� गईू ।
(i) ि�व�ज रेशम हेत समहु ू संवध�न काय��म का काया��वयन :
12वीं योजना के दौरान देश म� आयात ��त�थानी रेशम के संवध�न तथा ि�व�ज रेशम उ�पादन के 1685
मी.टन (2011-12) के उ�पादन �तर को बढ़ाकर 5000 मी.टन तक करने पर �वशेष जोर �दया गया। इस
ल� य को �ा�त करने के �लए के���य रेशम बोड� ने रा�य के रेशम उ�पादन �वभाग� के साथ �मलकर 172
ि�व�ज �ल�टर� का आयोजन �कया और 12वीं योजना के अतं तक 5266 मी.टन ि�व�ज रेशम उ�पादन
�ा�त �कया है, िजसम� 3405 मी.टन जो समह� के मा�यम सेू �ा�त �कया सा�मल है।
समह संवध�न काय��म वष� ू 2017-18 से 2019-20 तक जार� रहा है जो �वशषे �प स ेवष� 2019-20 के
अतं तक देश के ि�व�ज क�चा रेशम उ�पादन का ल�य 8500 मी.टन तक बढाने के �वषय पर क� ��त
�कया है। इस �दशा म� �भावी �प स ेपय�वे�ण करने के �लए उ�र-पव� �े� के ू कछ वत�मान समह� को ु ू
पनु:संरचना/पनु:अ�भ�व�यास करत े समय कल समह ल�य को �कसी नकसान �कए �बना वत�मान ु ू ु 172
समह� से ू 151 समह� तक कम �कया गया। ू
संय�त संकेि��त ु �यास� के साथ देश के 6200 मी.ट. ल�य के ��त वष� 2017-18 के दौरान 5874 मी टन
ि�व�ज क�च ेरेशम का उ�पादन �कया गया (2016-17 म� उ�पा�दत 5266 मी.ट. से 11.5% क� वि�धृ हईु ) ।
ि�व�ज समह� ने ू 4100 मी.ट. ि�व�ज क�चे रेशम का उ�पादन �कया, जो देश के कल ि�व�ज क�चे रेशम ु
उ�पादन 5874 मी.ट. का 70% योगदान �कया है।
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वष� 2018-19 के दौरान कल ु ि�व�ज क�चे रेशम का उ�पादन 6911 मी टन तक पहंच गया िजसम� ु 4987
मी टन (72.16 % ) का उ�पादन 151 समह� �वारा �कया गया।ू
(ii) व�य रेशम के �लए समहू संवध�न काय��म का काया��वयन :
तसर रेशम �े� के उ�नयन के �लए, के���य रेशम बोड� ने 9 तसर उ�पादक रा�य� म� समह पहल के ू
मा�यम से रा�य सरकार के सम�वयन के साथ 22 व�य समह� क� �थापना क� ह�।ू इस काय��म के
अ�तग�त कल ु 2229 लाभाथ� (425 बीज पालक, 109 �नजी बीजागारक, 4 डोर ट डोर सव�स एज�ट और ु
1691 वा�णि�यक क�टपालक ) �मता �वकास के अधीन शा�मल थे। 827 लाभा�थ�य� को �मता �वकास
��श�ण �दया गया और �ौ�यो�गक� ह�तांतरण सेवा पर 19 जाग�कता काय��म आयोिजत �कए गए । वष�
2018-19 के दौरान बीज फसल (�थम फसल) म� 924 अ�भ�ह�त क�ट पालक� �वारा 1.69 लाख रोमबीच ु
का कच�न �कया गया और ू 36.37 कोस/ेरोमबीच क� दर पर ु 61.55 लाख बीज कोस� का उ�पादन �कया
गया। इन बीज कोस� का संसाधन 142 �नजी बीज पालक� �वारा �कया गया तथा 8.03 लाख रोमबीच का ु
उ�पादन �कया गया िजसम� से 5.98 लाख रोमबीच का क�टपालन ु ि�वतीय फसल (वा�णि�यक) म� 2772
वा�णि�यक कषक� �वारा �कया गया और समह�ृ ू (�ल�टस�) म� 43.47 कोस/ेरोमच क� दर पर ु 259.81 लाख
कोस� का उ�पादन �कया गया ।
(iii) जाइका के अ�तग�त जापान �वदेशी सहका�रता �वयंसेवक (ज़ेओसीवी) :
क� ��य रेशम बोड� �वारा 07.01.2015 से जाइका के सहयोग के साथ �मलकर �रंभ म� दो वष� क� अव�ध के
�लए �वय ंसहाय समहू/सीबीओ आयोिजत करने म� �व�तार �णाल� के �े� म� जेओसीवी काय��म आयोिजत
�कया गया, इसम� ि�व�ज समह� म�ू �ौ�यो�गक� �थानांतरण �भावी �प स ेकरने के �लए रेशमउ�पादक� को
शा�मल �कया गया। छ: जेओसीवी को कना�टक (1) त�मलनाड ु (1) आं� �देश (2) तथा उ�रारखंड (2) म� समह ू
�थान� म� तैनात �कया गया। इसके अलावा, उनके काय� समा�त होने के बाद इन समह� म� ू जओेसीवी
ग�त�व�धय� को जार� रखने के �लए जाइका ने 2018-19 के दौरान 3 नया जेओसीवी को कना�टक,
त�मलनाड और उ�राखंड म� एकु -एक को तैनात �कया । यह काय��म �दसबंर, 2020 तक बढाया गया ।
जेओसीवी के म�य उ�धेश ि�व�ज समह� म� क� ��य रेशम बोड�ु ू /रा�य के प�� को मदद करना, फ��ड म�
सम�याओं को पहचानना और पहचान �कये गये समह� म� �ौ�यो�गक� �थानांतरण �भावी �प से करने के ू
�लए रेशमउ�पादक� को शा�मल करते हए ु �वयं सहाय समहू/सीबीओ को आयोिजत करने म� �व�तार �णाल�
तैयार करने म� मदद करना है ।
सचनाू �ौ�यो�गक� पहल
डीबीट� एमआईएस: "रेशम उ�योग के �वकास" योजना के �लए डीबीट� एमआईएस का �वकास परा ू
�कया और इसे एसट��यसी �वारा सर�ा लखेापर��ा ु ु �ल�यरे�स �ा�त �कया है । इसे डीबीट� भारत
पोट�ल के साथ जोडने क� ���या �ग�त म� है ।
एम-�कसान : केरेबो ने कषक� को उनके मोबाइल टेल�फोन से एमृ -�कसान वेब पोट�ल के इ�तेमाल
करने के �वारा व�ैा�नक सझाव� �दान करन ेहेत सचनाु ु ू -�सार के �लए व�ैा�नक� तथा �वशेष�� क�
पहंच को और �व�तत �कया है ।ु ृ सभी म�य सं�थानु इस पोट�ल के मा�यम से �नय�मत �प स े
सलाह �दान कर रहे है । �दनांक 31.03.2019 तक 53,14,565 एसएमएस सदेंश� के मा�यम स े
410 सलाह भेजी गई ।
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‘एसएमएस सेवा’ : कषक� तथा ृ रेशम उ�योग के अ�य पणधा�रय� के उपयोग के �लए रेशम तथा
कोस� के दै�नक बाज़ार दर के संबंध म� मोबाइल फोन के मा�यम स े“एसएमएस सेवा” �चा�लत क�
गई है । पशु और पलु दोन� एसएमएस सेवा �चालन म� है । रेशमउ�पादन �नदेशालय से �ा�त
मोबाइल सं�याओं को अ�यतन �कया गया है और सभी पंजीकतृ 9361 कषक दै�नकृ आधार पर
एसएमएस सदेंश �ा�त कर रहे ह� ।
�स�क पोट�ल : उ�र-पव�ू अतं�र� अन�ुयोग क� �, अतं�र� �वभाग के सहयोग स ेउप�ह के मा�यम
स ेछाया �च�� को लेत ेहएु रेशम उ�पादन सचनाू संपक� एव ं�ान �णाल� पोट�ल का �वकास �कया
गया और इन �े�� म� रेशम उ�पादन ग�त�व�धय� के �लए उपयोगी �े�� के चयन एव ं�व�लेषण हेत ु
इनका �योग �कया जाता है । बहभाषीु , बहु िजला आँकड� �नय�मत �प स ेअ�यतन �कये जा रहे
है ।
वी�डयो का��� स : के���य रेशम बोड� म� क� रेबो कॉ��ले�स, ब�गल�ू, क� रेअव�स,ं मैस�ू, क� रेअव�स,ं
बहरमपरु, क� तअव�स,ं राँची, क� रेअव�स,ं पा�पोर, क� मएअव�संू , लाहदोईगढ़ तथा �े�ीय काया�लय,
नई �द�ल� म� ससि�जत वी�डयो का��े�स स�वधा उपल�ध हैु ु । 01 अ�ैल, 2018 स े31 माच�,
2019 तक 33 म�ट�-�टू�डयो वी�डयो का��� स संचा�लत �कए गए ।
केरेबो वेबसाइट : के���य रेशम बोड� क� वेबसाइट “csb.gov.in” ि�वभाषी �प अथा�त अं�ेजी तथा ्
�ह�द� म� उपल�ध है। इस पोट�ल के मा�यम से सामा�य नाग�रक� के �लए, िज�ह� संगठन तथा
इसक� योजनाओं एवं अ�य �ववरण के बारे म� जानना होता है, अ�धका�धक जानकार� �सा�रत क�
जाती है। वेबसाइट म� रेशम उ�पादन योजना काय��म, उपलि�धयाँ तथा सफलता क� कहा�नया ँ
�वशेष �प से द� गई ह�। केरेबो ने नया वेबसाइट का काय� परा �कया है और ू भारत सरकार के �दशा-
�नदश� के अनसार अपनी वेबसाइट को जीआईजीड��य अनकल तथा सर��त बनाने क� ���या � ु ू ु ुू
�ारंभ क� है ।
एईबीएएस : “आधार” सम�थ�त बायोमै��क उपि�थ�त �णाल� के���य रेशम बोड� म� लाग ूक� गई है।
फाम� कामगार स�हत 4254 कम�चार� उपि�थ�त पोट�ल म� पंजीकतृ है । सभी 121 उपकरण आर डी
सेवा से य�त हैु । क� रेबो क� पनसंरचना के कारणु , लगभग 450 कम�चा�रय� को �व�भ�न इकाइय�
म� �थानांत�रत �कया गया, इनके अ�यतन करने का काय� �ग�त पर है ।
कषक� तथा धागाकार� के �लए रा���य डटेाबेस ृ : रा���य �तर पर कषक� तथा धागाकार� के डटेाबेस ृ
के �लए कषक एवं धागाकार डटेाबेस को तैयार कर इसे �वक�सत �कया गया हैृ , इससे �भावी �नण�य
लेने म� सम�चत सचना के साथ नी�त �नधा�रक� को मदद �मलेगी। रा� य�ु ू �वारा 31 माच�, 2019
तक यथा�व�यमान 6,80,180 कषक� एवंृ 12,187 धागाकार� के �ववरण डटेाबेस म� �रकाड� �कया
गया है ।
एनईआरट�पीएस के “उ�र पव�ू रा�य� म� गहन ि�व�ज रेशम उ�पादन �वकास प�रयोजना ” के �लए
सचना �णाल� �बंध ू ( एमआईएस ) : गहन ि�व�ज रेशम उ�पादन के�लए एमआईएस �वक�सत कर
सभी पणधा�रय� �वारा �बना सम�या के इसे देखने के �लए सम�प�त सव�र पर हो�ट �कया गया ।
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2. बीज संगठन
के���य रेशम बोड� के अधीन रा�य� को ब�नयाद�ु बीज क� आप�त�ू करन ेवाल ेब�नयाद�ु बीज फाम� क� एक
�ंखलाृ है । इसके वा�णि�यक बीज उ�पादन के�� कषक�ृ को वा�णि�यक रेशमक�ट बीज क� आप�त �ू करन े
म� रा�य� के �यास� क� मदद करत ेह�।
�न�न�ल�खत ता�लका म� वष� 2016-17, 2017-18 और 2018-19 के दौरान कुल बीज उ�पादन का
�ववरण �दया गया है :
(इकाई: लाख रोमचु)
2016-17 2017-18 2018-19
�ववरण ल�य उपलि�ध ल�य उपलि�ध ल�य
उपलि�ध
(�सतं.18 तक)
शहततू 450.00 430.37 440.00 388.35 440.00 483.04
तसर 47.43 48.60 51.08 52.81 51.66 51.86
मगाू 8.13 6.87 8.07 7.08 8.16 5.33
एर� 5.5 4.78 6.00 6.88 6.00 7.22
कलु 511.06 490.62 505.15 455.12 505.82 547.45
3. सम�वय एवं बाजार �वकास के���य रेशम बोड� के �शासन म� बोड� स�चवालय, �े�ीय काया�लय, �माणन के�� तथा क�चा माल ब�क
शा�मल ह� । क� रेबो का बोड� स�चवालय �व�भ�न योजनाओं के काया��वयन का पय�वे�ण करता है तथा रेशम
उ�पादन �े� क� �व�भ�न प�रयोजनाओ ंके काया��वयन म� मं�ालय तथा रा�य� के साथ सम�वय करता है ।
अनेक रा���य बठैक� , बोड� क� बैठक� , समी� बठैक� तथा अ�य उ�च �तर�य बैठक� बोड� स�चवालय �वारा
आयोिजत �कया जाता है । क�चा माल ब�क �ाथ�मक उ�पादक� को लाभकार� म�य स�नि�चत करने ू ु के �लए
कोस� के बाजार म�य के �थायीकरण हेत आधार म�य का �चालन करता हैू ु ू ।
तसर के �लए चाईबासा (झारख�ड) म� क�चा माल ब�क (कमाब)ै और मगा के �लए असम म� मगा क�चा ू ू
माल ब�क (एमआरएमबी) (जो वत�मान म� क� ��य मगा एर� अनसंधान एवं ��श�ण सं�थानू ु , लहदोईगढ के
साथ �मला �दया है) वा�त�वक तसर व मगाू कोसा उ�पादक� को �कफ़ायती और उ�चत म�यू स�नि�चतु
करान ेके म�य ु उ�दे�य स ेकाय� कर रहा है ।
वष� 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 तक के दौरान क�चा माल ब�क तथा मगा क�चा माल ब�क ू तथा
इसके उप �डपो �वारा �कए गए कल ु �य-�व�य का �यौरा �न�नानसार है ु :
(य�नटू : मा�ा लाख सं�या म� एवं म�यू � .लाख म�)
कमाब� (तसर) मकमाू ब� (मगाू )
�य �व�य �य �व�य वष�
मा�ा म�य ू मा�ा म�य ू मा�ा म�य ू मा�ा म�य ू
2016-17 200.76 287.10 171.68 229.88 1.55 2.77 1.55 2.92
2017-18 158.18 180.78 157.65 225.32 1.59 2.32 1.59 2.43
2018-19 165.11 197.86 104.23 162.88 1.79 2.73 1.79 2.80
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उ�पाद अ�भक�प, �वकास तथा �व�वधीकरण (पी3डी)
उ�पाद अ�भक�प �वकास तथा �व�वधीकरण (पी3डी) के �व�भ�न काय�कलाप� जैसे व�� अ�भय�ं�क�, रेशम
�म�ण�, नव व�� संरचना का अ�भक�प, रेशम तथा रेशम �म�ण म� नए उ�पाद� का अ�भक�प एव ं
�वकास, समह� म� उ�पाद �वकासू , �वक�सत उ�पाद� का वा�ण�यीकरण, प�च संपक� �दान करने म�
वा�ण�यीकरण ��तभा�गय� को सहयोग �दान करना, तकनीक� जानकार� तथा नमना �वकास म� ू
सहायता/सम�वय आ�द पर �वशेष �यान केि��त �कया जाता है ।
पी3डी के काय�कलाप
पारंप�रक रेशम उ�पाद� का पन��धारु
�म�ण� के साथ उ�पाद� क� �डजाइन का �वकास और �व�वधीकरण
उनक� �डज़ाइन और अं�तम उपयोग दोन� के संदभ� म� कछ �व�श�ट �ाथ�मकताओं और ु
आव�यकताओं के आधार पर उ�पाद �वकास
बाजार क� जानकार� का सजनृ , बाजार के आकंड़� को अ�यतन करना तथा फैशन �व��य�ृ का
अनमान ु करना
रेशम ए�सपो/�दश��नय� म� �वषय मंडप के आयोजन और उ�पाद� के �दश�न के ज�रए भारतीय रेशम
के जेन�रक तथा �ांड को बढ़ावा देना
रेशम �नमा�ताओं और �नया�तक� को बाजार क� मांग के अन�प नवीन �डजाइन� और कपड़� के ु
�वकास म� मदद करना
रेशम उ�पाद� म� नवीनतम �वकास का �दश�न और अतं म� भारतीय रेशम म� नव-प�रवत�न हेत ु
उ�क�टताृ क� � बनाना
�वक�सत उ�पाद
1. �व�यत करघ� पर मगा सा�टन व�� तथा ु ू कपड़ े
2. �लेजर तथा पोशाक हेत एर� रेशम ड�ेनम व��ु , एर� तथा शहतत बनाईू ु एव ं
एर� रेशम कंबल एवं काल�न तथा एर� रेशम गम� कपड़ ेका पहनावा
3. शाद� के पहनाव के �न�म� �व�यत करघे पर तसर रेशम व��ु
4. चंदेर� �ल�टर म� श�ध रेशम साड़ी और कपड़ेु
5. जर� के �थान पर मगा रेशम के साथ ू कांचीपरम ु सा�डय� का �डजाइन �कया गया
6. ध�बा सर�ा तथा सग�ध उपचाु ु �रत सा�ड़याँ
7. रेशम जीवन शैल� वाले उ�पाद – म�हला पस�, थैला, मोज़ा, द�ताना, अ�य उप�कर
8. बाघ (एमपी) �ल�टर म� छपी रेशम साड़ी/व��
9. परंपरागत ल�बानी कला काय� के साथ उ�पाद
10. बो�काई �डजाइन के साथ शहततीू x एर� सा�ड़या ँ
11. नागालै�ड आ�दवासी आक�तय� के साथ शहततीृ ू साड़ी तथा रेशम/ल�नन, रेशम/कॉटन,
रेशम/मोडल व��
4. गणव�ा �माणु न �णाल�, �नया�त �ा�ड संवध�न व �ौ�यो�गक� उ�नयन
गणव�ा �माणन �णाल� के म�य ु ु उ�दे�य� म� एक है गणव�ा आ�वासनु , गणव�ा ु म�याकंन और गणव� ताू ु
�माणन और इसे मजबत ू करने के ��त सम�चतु उपाय करना। इस योजना के अधीन, दो घटक� यथा
“कोसा और क�चा रेशम पर��ण एकक” और “रेशम माक� का संवध�न”, का काया��वयन �कया जा रहा है।
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कोस� क� गणव�ाु , धागाकरण के दौरान �न�पादन तथा उ�पा�दत क�चे रेशम क� गणव�ा को �ु भा�वत
करती है। उ�वका क� सहायता से �व�भ�न कोसा बाज़ार� म� �था�पत कोसा पर��ण के��, कोस� के पर��ण
को सगम बनाता है। �े�ीय काया�लय से संब�ध क� ��य ु रेशम बोड� के �माणन के��� क� �ंखृला/नेटवक� ,
�नया�त के �लए तैयार रेशम माल के लदान-पव� ू �वैि�छक �नर��ण करता है। यह भारत से �नया�त �कये
जान ेवाल ेरेशम माल क� गणव�ा स�नि�चत ु ु करता है।
इसके अलावा, के���य रेशम बोड� भारतीय रेशम माक� संगठन [भारेमास]ं के मा�यम से रेशम उ�पाद� क�
श�धता के �लए ु “रेशम माक� ” को लोक��य बना रहा है। “रेशम माक� ”, गणव�ा आ�वासन लेबल हैु ु , जो
श�ध रेशम के नाम ु स ेनकल� रेशम उ�पाद� क� �ब�� करने वाले �यापा�रय� से उपभो�ताओं क� �हत� क�
र�ा करता है।
वष� 2016-17, 2017-18 और 2018-19 के दौरान रेशम माक� योजना के अतंग�त �ा�त �ग�त का �ववरण
�न�नानसार है ु :
2016-17 2017-18 2018-19 �ववरण
ल�य उपलि�ध ल�य उपलि�ध ल�य उपलि�ध
पंजीकतृ नए सद�य� क� कल सं�याु 250 254 250 271 250 291
�ब�� हई रेशम माक� लेबल क� कल सं�याु ु ु
(लाख सं�या म� ) 25.00 25.53 27.50 23.94 27 25.46
जाग�कता काय��म/ �दश�नी/मेला
/काय�शाला/रोड शो 410 622 450 553 480 463
(i) रेशम माक� �दश�नी
रेशम माक� क� �व�वसनीयता व इसका �चार स�नि�चत करने हेत देश म� रेशम माक� �ा�धकत ु ु ृ
उपयोगकता�ओं के �लए रेशम माक� �दश�नी आयोिजत क� जा रह� है । �दश�नी न केवल रेशम माक� के �चार
के �लए आदश� मंच है बि�क श�ध रेशम उ�पाद� के �यु -�व�य के �लए �नमा�ताओं तथा उपभो�ताओ ंको
एक मंच पर लाता है । इस काय��म के दौरान ��तभा�गय� का काफ� �यापार होता है । इसके दौरान
भारतीय रेशम माक� संगठन �वारा �यापक जाग�कता तथा �चार काय��म भी चलाए जाते ह� ।
वष� 2018-19 (अ�ैल से �सतबंर-2018 तक) के दौरान रेशम उ�पाद� के �लए स�त बाजार और ु �ा�धकत ृ
उपयोगकता�ओं स ेकम ��त��या के चलत,े भारेमास ंने �न�न�ल�खत �थान� म� चार �स�क माक� ए�सपो
आयोिजत �कया है।
�ववरण 04 से 08
अ�ैल, 2018
तक 5 �दन
20 से 25 जलाई ु
2018 तक 6 �दन
26 अग�त से 02
�सतंबर,2018 तक
8 �दन
5से 9
�सतंबर,2018
तक 5 �दन
संचयी
# �थान एनईएफडीआई
हाऊस, �दसपरु,
गवाहाट�ु
रेना इव�ट हब,
बानज� रोड, कलरू,
को�ची,केरल
�योती �ववाह
भवन, चौक��डगंी,
�द�ूगढ़, असम
एनईएफडीआई
हाऊस,गवाहाट�ु ,
असम
-
1 �टाल� क� सं�या 42 44 23 43 152
2 �ा.�यो�ताओं
क� स�ंया
42 43 23 43 151
3. रा�य� क� सं�या 8 11 8 7 11(अ�धकतम)
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4. आगंतक� क� संु . 10000 7800 8000 8000 33800
5. �यवसाय कारोबार 1.50 करोड़. 1.45 करोड़. 0.60 करोड़. 1.00 करोड़. 4.550 करोड़.
हाल ह� म� उ�च �टाल भाड़ े के कारण, �ा�धकत ृ उपयोगकता� रेशम माक� ए�सपो म� भाग लेने के ��त
अ�न�छक ह� और ु इससे बचने के �लए भारेमासं �वकास आय�तु (हथकरघा) के सहयोग से रेशम माक� �वशेष
हथकरघा ए�सपो आयोिजत करने क� सभंावनाओं क� पता कर रहा है। �वकास आय�तु (हथकरघा) ने पणेू ,
हैदराबाद और �वज़ाग म� 3 ए��पो के �लए �व�ीय सहायता �दान करने के �लए सै�धां�तक अनमोदन �दया ु
है । आने वाले मह�न� म� �व�भ�न शहर� म� ए�सपो करने क� संभावनाओं का पता लगाने के �लए आगे क�
कार�वाई क� जा रह� है।
इस अव�ध के दौरान सचंा�लत कछ �चार ग�त�व�धयां ु �न�न ह�:
1. केरल रा�य सरकार न े21-05-2018 से 27-05-2018 तक 7 �दन� के �लए �टे�डयम �ाउंड पाल�कड़ म�
एक भ�य �दश�नी "नवकेरलम-2018" आयोिजत क� है। �दश�नी का उ�घाटन माननीय म�यम�ंीु �ी
�पणरायी �वजयन �वारा 21.05.2018 को �कया गया। भारेमासं पाल�कड़ चै�टर ने 100 वग� फट म� एक ु
थीम पवी�लयन क� �यव�था क� िजसम� रेशमक�ट के जीवन च� के लाइव �दश�न, रेशम उ�पाद� क�
�व�भ�न �क�म� के नमने स�हत �स�क �ंखला म� ू ृ मदा से लेकर ृ तैयार उ�पाद� तक सभी ग�त�व�धय� का
�दश�न �कया । आम जनता के �लए हथकरघा कपड़ ेक� बनाई क� ु तकनीक का �दश�न करने के �लए
�टाल म� एक छोटा से हथकरघे क� �यव�था क� गई । यह जनता को बहत ु भाया। 2. हैदराबाद चै�टर ने उपभो�ताओं के बीच रेशम माक� के बारे म� जाग�क करने और जाग�कता बढ़ाने के
�लए रेशम उ�पादन �वभाग, ज�बल� ू �ह�स, हैदराबाद के प�रसर म� �ीमती �स�क म�
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