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BOOKS अंक 3

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  • BOOKS

    अंक 3

  • टीम चहक: सबुीर शकु्ला, सुरेन्द्र प्रसलाद ससहं, मनीषला चौधरी, मुकेश कुमलार अग्रवलाल तषुलार तलाम्हण,े शभुांगी खड़ेकर, दीप्ति श्ीवलास्तव, गुरजोत ससहं ससद्धू

    चचत्रांकन: अनतंजीत कौर — मखु पषृ्ठ | पलार्थ सनेगतुिला — पषृ्ठ 1 से 16 तथा इनर बैक कवर

    मनन बकु्स (इग् नस पहल की प्रकाशन ससं्ा) इ एच-1/205, एले्को यूटोपपया, 93 ए, नॉएडा, उत्तर प्रदेश 201304 | फ़ोन: +91 81309 50583

    मदु्रण: कपिला ऑफसटे, नई ददल्ी

    © मनन बकु्स (इग् नस पहल की प्रकाशन ससं्ा) सववाधिकार सरुक्षित। प्रकाशक की क्लखखत अनमुतत के तबना इस पपत्का का कोई भी अशं पनु:मदुद्रत नहीं पकया जा सकता है।

    इग् नस पहल शिक्षा के सधुषार के शिए पिछि े दस वर्षों स े कषाम कर रही है। संस्षा में िषाममि सषाथियों को बच्ों के सषाि कषाम करन,े उनके शिए मज़देषार िढ़न े की चीज़ें और गाँवों-मोहल्ों में उनकी खििखििषाती हँसी सुनने में बहुत आनदं ममितषा है। मनन बकु्स सभी बच्ों और शिक्कों के शिए मज़देषार िढ़न े की सषामग्ी प्रकषाशित करती है। हमषारषा मषाननषा है पक अिने मन की पकतषाबें िढ़न े स े सीिनषा आसषान हो जषातषा है। सषाि ही दोस्ों और घरवषािों के सषाि बषातचीत करने के शिए अच्षा ‘मसषािषा’ ममितषा है !

    क्ला ककतनला - गगनो और सलखोसशक्षकों और अभभभलावकों के सलए सझुलाव: चहक के हर िन् े िर ददए गय े अभ्षास स्कू ि में िढ़षाय े जषाने वषािे मवर्यों और कौििों स े जड़ु े हैं। बच्ों स े ये अभ्षास तो करषायें ही सषाि ही सषाि नीच े ददए गय े सुझषावों के अनुसषार अभ्षास कषाय्य करषान े स े उनके सीिन े की गमत और स्र दोनों ही सुधरेंगे।

    पजे न.ं सझुलाव

    चचत्ों िर मवमवध प्रकषार के सवषािों िर चचचा— क्षा, कौन, पकतनषा, कहाँ, पकधर, कैसे, क्ों अगर यषा यदद वषािे सवषाि

    01 मवमवध प्रकषार के फिों के चचत्ों की सखं्षा के बषारे में अनुमषान िगषाने और पफर गगनकर अनुमषान से तिुनषा करषायें। सषाि ही सषाि मवमवध प्रकषार की वसु्ओ ं की संख्षा कषा अनुमषान िगषाने और गगनने कषा अभ्षास करषायें

    02 आसिषास के िररविे म े िषायी जषाने वषािी वसु्ओ ं के सहषारे समकूहीकरण और वगगीकरण के अभ्षास।

    04 मवमवध अवसरों िर कब क्षा बोिें और क्षा न बोिें— इस बषारे में चचचा

    08, 09 चचत् किषा को सनुषाने कषा अभ्षास तिषा आखिर में ददय े गय े सवषािों िर चचचा

    14, 15 चचचा— आम स े ि� नषा और बिे कषा िब्यत कैस े बनषात े हैं और बनषाने कषा अभ्षास

    16 छकू कर, चिकर, सकूघँकर, देिकर और सनुकर हम क्षा-क्षा ितषा कर सकत े हैं— इस िर चचचा और सकूची बनवषानषा

    अकं 3 1

  • मोदहनी कई ददनों स े एक चचत् बना रही थी। बड़ी महेनत स े उसने सात ददन में इस े परूा पकया। अपने बनाए चचत् को वह जल्द स े जल्द अपन े दोस्ों को ददखाना चाहती थी। खशुी-खशुी वह अपना चचत् लकेर वहाँ पहँुची जहाँ मोहले् के सारे बचे् खलेत े थ।े

    मोदहनी के हाथ मंे चचत् देखकर सब उसके आसपास इकट्ा हो गए। वे चचत् को गौर से देख रहे थे और मोदहनी उनके चेहरों को। बच्े चचत् के बारे में तरह-तरह की बातें करने लगे।

    सतवता बोली, ‘वाह मोदहनी! पकतना सुन्दर चचत् बनाया।’

    तनज᳝ाम ने कहा, ‘मोदहनी इसे पूरा करने में पकतना समय लगाया तुमने? बहुत मेहनत की तभी चचत् इतना सुन्दर बना।’

    कमल ने कहा, ‘क्ा बेकार का चचत् है! इससे अच्ा तो मैं एक घंटे में बना दूँ !’

    मोदहनी कुछ कहती इससे पहले ही सतवता और तनज᳝ाम के अलावा वहाँ खड़े बाकी बच्े भी कमल पर चचल्ाने लगे।

    कौन ककस समूह कला?

    तरबजू,᳝ खरबजूा, आम, पपीता — इनको कहत े हैं फल

    बैंगन, गोभी, टमाटर, आल ू — इनको कहत े हैं सब्᳝ी

    चम्मच, प्टे, गगलास, कटोरी — .....................................

    कलम, पकताब, पेंक्सल, से्प्र — .....................................

    कुत्ता, तबल्ी, खरगोश — .....................................

    तोता, कौवा, कबतूर — .....................................

    कुत्ता, कबूतर, कौवा — .....................................

    कब क्ला बोलें

    अकं 3 अकं 32 3

  • Going for a run

    Ten boys went for a run. One hit his foot on a stone.

    Now nine boys were running. Two boys got into a fight.

    Now seven boys were running. One boy slipped on a banana peel.

    Now six boys were running. Two boys were called home to feed their cows.

    Now four boys were running. One boy felt a pain in his tummy.

    Now three boys were running. They ran as fast as they could.

    Two boys got tired and stopped. Now only one boy was running.

    But he was alone now. Not so much fun to be alone!

    So he stopped too. But one by one, the others joined him.

    Then they all went running.

    कितन े लड़िों िो चोट लगी या दद्द हुआ? दो लड़िों में किस बात पर झगड़ा हुआ होगा?

    तमुहें घर पहुुँच िर क्ा-क्ा िाम िरना होता ह?ै अगर दस लड़कियाुँ दौड़ रही होतीं, तो क्ा अलग होता?

    तमु क्ा िरोग े कि तमुहारा िोई साथी अिेला महसूस न िरे?

    ‘तमुको ऐसा नहीं कहना चादहए!’ ‘तमु इतना घमडं क्ों करत े हो?’ ‘पकसी की महेनत के बारे में क्ा ऐस े ही कहा जाता है?’

    तमुहें क्ा लगता ह?ै तमु होत े तो मोकहनी स ेक्ा िहत?ेअब इनिे बारे में भी सोचो और ललखो कि तमु ऐस े लोगों स े ममलन े पर क्ा िहोग—े जो किसी खले में हारिर आया ह?ै ................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................

    रोग ठीि होन े िे बाद िोई असपताल स े लौटा ह?ै ................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................

    जो किसी दुघ्दटना में घायल हो गया ह?ै ................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................

    लजसन े तमुहारा सनुदर खखलौना तोड़ कदया ह?ै................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................

    अकं 3 अकं 34 5

  • मरेी ककतलाब कहाँ है?

    बात तब की है जब तबल्ी, चूहे, बन्दर, खरगोश सब तमलजुल कर रहत े थ।े एक ही सू्ल में पढ़त े भी थ।े सुबह के समय सभी साथ-साथ सू्ल जात े और शाम को साथ ही लौटत।े सू्ल से लौटन े के बाद शाम को आम के बगीच े में तरह-तरह के खेल खलेते थ।े

    सभी तमलजुल कर त्ौहार मनात।े एक दसूरे के घर होन े वाली पापटटियों में सब साथ-साथ िमाल मचात े थ।े एक दसूरे का जन्मददन हो या और कोई खुशी का ददन सब उसमें बढ़ चढ़ कर भाग लतेे। एक दसूरे को उसकी पसन्द का तोहफ़ा भी देते े थ।े

    तबल्ी का जन्मददन था। हर पकसी न े उस े कोई न कोई तोहफ़ा ददया। खरगोश ने रंग का पडब्ा, चहेू न े पने और बन्दर न े एक पकताब। यह चचत्ों वाली अनोखी पकताब तबल्ी को बहुत पसन्द आई। वह पकताब को सबसे चछपाकर रखती। उस े डर लगा रहता पक उसकी यह प्ारी पकताब कोई चुरा न ल।े

    एक ददन शाम को चूहा उसके घर पहँुचा। तबल्ी वही पकताब पढ़ रही थी। वह पकताब मजे ᳝ पर छोड़कर चूहे के क्लए अखरोट लान े चली गई।

    चूहा पकताब को उलट-पलट कर देख रहा था तभी तबल्ी आ गई। चहेू ने झटपट पकताब को मजे ᳝ पर रख ददया। तबल्ी न े कहा, ‘देखो, देखो! पकतनी अच्ी पकताब है।’

    चहेू न े कहा, ‘मैंन े देख क्लया। सचमचु बहुत प्ारी है। क्ा तमु मझु े एक दो ददन के क्लए पकताब दे दोगी? पढ़कर लौटा दूँगा।’

    ‘ना बाबा ना! तमु्ारा कोई भरोसा नहीं है। कहीं इस े गमु न कर दो।’ तबल्ी बोली।

    चहेू न े कसम खात े हुए कहा, ‘नहीं, नहीं तमु मरेा तव� वास करो। दो ददन में पढ़कर लौटा दूँगा।’ चहूा पकताब पान े के क्लए गगड़गगड़ान े लगा। तबल्ी को दया आ गई। उसने पकताब देत े हुए कहा, ‘दे तो रही हँू पर याद रखना यह पकताब मझु े परसों लौटा देना।’

    चहूा हँसी-खशुी पकताब लकेर घर पहँुचा। वह अपन े बाकी दोस्ों को पकताब ददखान े लगा। सभी ने कहा, ‘पकतनी सनु्दर पकताब है।’ उनके बीच खींचतान हुई। पकताब चचथडे-़चचथड़े हो गई। पकताब की ऐसी हालत देख चहूा रोन े लगा। वह कई ददन तक सू्ल नहीं गया।

    एक ददन तबल्ी उसके घर आई। तबल्ी को देखत े ही चहूा इिर-उिर भागन े लगा। तबल्ी अपनी पकताब के क्लए पछूती रही। चहूा भागता रहा। तबल्ी क्जतना भी उसके पास जाने की कोक्शश करती, चहूा उतना ही दरू भागता। अापखर तबल्ी दौड़ते-दौड़त े थक गई पर चहूा पफर भी भागता ही रहा।

    तब से आज तक चहेू को देखत े ही तबल्ी उसके पीछे भागती है और अपनी पकताब के बारे में पूछती है।

    अगर तमुसे तमु्हारे दोसत की दी गयी चीज़ खरहाब ्ो जहाय तो तमु क्हा करोगे?

    अकं 3 अकं 36 7

  • य ेक्ला है?1

    1. इस िहानी में भागत े समय चूह े न े क्ा िहा होगा? और मगलहरी न?े 2. िुत् े न े य े िहानी अपन े दोसतों िो िैस े सनुाई होगी? और शरे न?े क्ा सनुात े

    समय शरे हुँस रहा होगा? िैस?े3. बताओ इनमें स े िौन सा शबद िहानी में नहीं आयगेा - भाग, ठंडा, जोर, पडे़,

    मटिा, जीभ, पूुँछ, घास, पलुलया, आुँख, ररबन? ऐस े ही और बनाओ और अपन ेसामथयों स े पूछो।

    2

    3

    5

    6

    4

    अकं 3 अकं 38 9

  • गणणत की मलारलापच्ी Food and Games

    • शरुूआत िैस े िी?• किन सथानों पर बदलाव िरना पड़ा? • सव्दप्रथम किस गलितीय संकरिया पर धयान कदया? • िब यह कन� चय हुआ कि अब तो हल हो चिुा ह?ै • कितनी बार अंिों िा सथान बदलना पड़ा?

    1 स े 9 तक अकंों को इस तरह बक्ों में क्लखो क्जससे चारों समीकरण सही हों।

    कोई भी अकं दोबारा प्रयोग नहीं करो।

    - =

    ÷ =

    + =

    x

    =

    • िौन-िौन सी संखयाएुँ ललखोग?े• अपना उत्र िैस े खोजा,

    समझाओ।• इस तरह िी अनय पहलेलयाुँ अपन े

    ममतों िे ललए बनाओ लजनमें चनुौती भी हो।

    72

    27

    ?

    21

    ?

    13

    7

    99

    45

    39

    36

    28

    21

    Can you draw a line connecting all the names of foods? After that, draw a line connecting all the games – but without crossing the food line!

    Can you make more such puzzles for your friends? Do it on your slate or notebook and show it to your teacher!

    FootballLaddu

    Rice

    Cricket

    Pulao

    Carrom

    Kabaddi

    Wrestling

    Butter

    Roti

    Barfi

    Basketball

    Milk

    Chicken

    Badminton

    Potato

    Dal

    Egg

    Salt

    Sugar

    Volleyball

    Pitthu

    Kho-kho

    Curry

    Tomato

    अकं 3 अकं 310 11

  • कववतलासववे� वर दयलाल सक्सनेला

    चहूा एक ऊँट पर चढ़,

    झटपट चला बहादरुगढ़।

    राह में गहरा ताल पड़ा,

    चहेू का नतनहाल पड़ा।

    चहूा खा-पी सो गया,

    ऊँट नहाकर खो गया!

    चचटूं घर कैस ेपहँुचला?

    पेंक्सल उठाओ और चचटूं को घर का रास्ा ढँूढने में मदद करो। घर पहँुचने स े पहल े चचटूं और कहाँ कहाँ रुका होगा?

    अकं 3 अकं 312 13

  • बनलाओ लस्ीतुम्हें चाहिए िोगा:

    दही - ३/४ गगलासपानी - १/४ गगलास नमक - २ चुटकी

    विधि ३/४ गगलास दही ले लो। १/४ गगलास पानी डालो। नमक डालो। अचे् स े तमलाओ। नमकीन लस्ी तयैार है।

    बनलाओ वनम्ू-पलानी तुम्हें चाहिए िोगा:

    पानी - १ गगलास चीनी - २ चम्मच नमक - १ चटुकी तनम् ू - १/२

    विधि १ गगलास पानी लो। २ चम्मच चीनी तमलाओ। १ चटुकी नमक डालो। आिा तनम् ू तनचोड़ो।अचे् स े तमलाओ। तनम् ू पानी तयैार है।

    Summer Coolers Can you make Lassi?You will need:Curd - ¾ glassWater - ¼ glassSalt - 2 pinches

    StepsTake ¾ glass of curd.Add ¼ glass of water.Add the salt.Stir it well.Lassi is ready to drink.

    Can you make Fresh Lime Juice?You will need:Water - 1 glassSugar - 2 spoonsSalt - 1 pinchLemon - ½

    StepsTake one glass of water.Add 2 spoons of sugar.Add 1 pinch of salt. Add juice of ½ a lemon. Stir it well.Lime juice is ready to drink.

    लस्ी और वनमू्-पलानी

    अकं 3 अकं 314 15

  • जोड़ते चलो

    संखयाओं िो लाइन स े जोड़त े चलो। देखो क्ा बनता ह!ै

    कैसे पतला करोगे?

    लस्ी मीठी है, नमकीन है या कड़वी?

    राख है या राख में आग बची है?

    कठोर या मलुायम है?

    खशूब ू है या बदब ू है?

    सरु में है या बसेरुा?

    इन सबस े हम और क्ा-क्ा पता िर सित े हैं? िम स े िम तीन उदाहरि सबिे ललए ललखो।................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................

    अकं 316

  • पाँसे कला खलेदो लोग एक साथ खेल सकते हैं। एक हरा और दसूरा लाल तनशान स े शरुुआत करेगा। गोटी के रूप में बटन या नीम की पत्ती रखें। बन े खानों के ऊपर कुछ ऊँचाई स े कोई छोटा कंकड़ या रबर या कटर गगराएँ। क्जस खान े में गगरे, उसमें क्लखी सखं्ा के बराबर अपनी गोटी को आगे बढ़ाएँ। लाल तनशान स े शरुु करन े वाले को लाल तीर की ददशा में आग े बढ़ना है। हरे तनशान स े शरुु करने वाला हरे तीर की ददशा में बढ़ेगा। पूरे खानों का चक्कर लते े हुए बीच में पहँुचना है। जो सबस े पहले पहँुचगेा वह जीतगेा।

    चहक के आगलामी अकं को पलान े के सलए सपंक्थ करें: क्षते्ीय कलाययालय - वलारलाणसी: बडागाँव बाजार (निकट इंडडयि आयल पम्प), वाराणसी, उत्तर प्रदेश-221204 सम्पक्कः +91 9839422433, क्षते्ीय कलाययालय - लखनऊ: 11 बी-217, वृन्ावि योजिा फेज-3 रायबरेली रोड, लखिऊ, उत्तर प्रदेश-226025 सम्पक्कः +91 9453199631मनन बकु्स कलाययालय: 128 बी, प्रथम तल, शाहपुर जाट, िई ददल्ी 110049, सम्पक्कः +91 81309 50583www.mananbooks.in • [email protected] • www.ignuserg.wordpress.com • kaheysubira.blogspot.com

    च्क के संग तेज़ कररये अपनहा ददमहाग! आनंद लीजजये और सीखखए।

    नये तरीके से समखिये सब कुछ, ्ो जहाइये तैयहार—आगे के जलये!

    5 2 1 53 8 7 9 46 3 1 2 84 7 1 6 35 4 7 3 2

    6 9 2 4

    WIN