knowledge hub - shivaji college...अलग- अलग आय वह पर यमक अल क र...

16
Knowledge Hub अलंकार अलं कार अलं कार अलं कार दो शद से मलकर बना होता है अलम + कार। यहाँ पर अलम का अथ होता है आभूषण। मानव समाज बत ही सौदयपासक है उसक वत के कारण ही अलं कार को दया गया है। जस तरह से एक नारी अपनी सुदरता को बढ़ ाने के लए आभूषण को योग लाती उसी कार भाषा को सुदर बनाने के लए अलं कार का योग कया जाता है। अथात जो शद काय शोभा को बढ़ ाते उसे अलं कार कहते ह। उदाहरण उदाहरण :- ‘ भूषण बना सोहई कवता , बनता म।अलं कार अलं कार के के भेद भेद 1. शदालं कार 2. अथालं कार 3. उभयालं कार 1. 1. शदालं कार शदालं कार शदालं कार दो शद से मलकर बना होता है शद + अलं कार। शद के दो होते वनी और अथ। वन के आधार पर शदालं कार सृी होती है। जब अलं कार कसी वशेष शद ही रहे और उस शद जगह पर कोई और पयायवाची शद के रख देने से उस शद का अतव रहे उसे शदालं कार कहते ह।

Upload: others

Post on 25-Nov-2020

4 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

Page 1: Knowledge Hub - Shivaji College...अलग- अलग आय वह पर यमक अल क र ह त ह । ज स :- कनक कनक त स ग न , म दकत

Knowledge Hub

अलकंार

अलंकारअलंकार

अलंकार दो श�द� स े �मलकर बना होता है – अलम + कार। यहाँ पर अलम का अथ� होता है ‘

आभषूण। मानव समाज ब�त ही सौ�दय�पासक है उसक� �वत� के कारण ही अलंकार� को ज�

�दया गया है। �जस तरह स ेएक नारी अपनी स�ुदरता को बढ़ाने के �लए आभषूण� को �योग म�

लाती ह� उसी �कार भाषा को स�ुदर बनाने के �लए अलंकार� का �योग �कया जाता है। अथात� जो

श�द का�य क� शोभा को बढ़ात ेह� उस ेअलंकार कहत ेह�।

उदाहरणउदाहरण :- ‘ भषूण �बना न सोहई – क�वता , ब�नता �म�।’

अलंकारअलंकार केके भदेभदे

1. श�दालंकार

2. अथा�लंकार

3. उभयालंकार

1. 1. श�दालंकारश�दालंकार

श�दालंकार दो श�द� स े�मलकर बना होता है – श�द + अलंकार। श�द के दो �प होत ेह� – �वनी

और अथ�। �व�न के आधार पर श�दालंकार क� स�ृी होती है। जब अलंकार �कसी �वशेष श�द क�

���त म� ही रहे और उस श�द क� जगह पर कोई और पया�यवाची श�द के रख देने स ेउस श�द

का अ��त�व न रहे उस ेश�दालंकार कहत ेह�।

Page 2: Knowledge Hub - Shivaji College...अलग- अलग आय वह पर यमक अल क र ह त ह । ज स :- कनक कनक त स ग न , म दकत

अथा�त� �जस अलंकार म� श�द� को �योग करने स ेचम�कार हो जाता है और उन श�द� क� जगह

पर समानाथ� श�द को रखने स ेवो चम�कार समा�त हो जाय ेवहाँ श�दालंकार होता है।

श�दालंकारश�दालंकार केके भदेभदे :- :-

1. अनु�ास अलंकार

2. यमक अलंकार

3. पनु��� अलंकार

4. �व�सा अलंकार

5. व�ो�� अलंकार

6. शलषे अलंकार

अनु�ासअनु�ास अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :-

अनु�ास श�द दो श�द� स े�मलकर बना है – अनु + �ास | यहाँ पर अनु का अथ� है- बार -बार और

�ास का अथ� होता है – वण�। जब �कसी वण� क� बार – बार आवत� हो तब जो चम�कार होता है

उस ेअनु�ास अलंकार कहत ेहै।

जसैेजसै े:- जन रंजन मंजन दनुज मनुज �प सरु भपू।

�व� बदर इव धतृ उदर जोवत सोवत सपू।।

अनु�ासअनु�ास केके भदेभदे :- :-

1. छेकानु�ास अलंकार

2. व�ृयानु�ास अलंकार

3. लाटानु�ास अलंकार

Page 3: Knowledge Hub - Shivaji College...अलग- अलग आय वह पर यमक अल क र ह त ह । ज स :- कनक कनक त स ग न , म दकत

4. अ��यानु�ास अलंकार

5. ��ुयानु�ास अलंकार

1. 1. छेकानु�ासछेकानु�ास अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जहाँ पर �व�प और �म स ेअनेक �यंजन� क� आव�ृत एक

बार हो वहाँ छेकानु�ास अलंकार होता है वहाँ छेकानु�ास अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- री�झ री�झ रह�स रह�स हँ�स हँ�स उठै।

साँस� भ�र आँस ूभ�र कहत दई दई।।

2. 2. व�ृयानु�ासव�ृयानु�ास अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जब एक �यंजन क� आवत� अनेक बार हो वहाँ व�ृयानु�ास

अलंकार कहत ेह�।

जसैेजसै े:- “चामर- सी ,च�दन – सी, चंद – सी,

चाँदनी चमलेी चा� चंद- सघुर है।”

3. 3. लाटानु�ासलाटानु�ास अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जहाँ श�द और वा�य� क� आवत� हो तथा ��यके जगह

पर अथ� भी वही पर अ�वय करने पर �भ�ता आ जाय ेवहाँ लाटानु�ास अलंकार होता है। अथात�

जब एक श�द या वा�य खंड क� आवत� उसी अथ� म� हो वहाँ लाटानु�ास अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- तगेबहा�र, हाँ, व ेही थ ेगु�-पदवी के पा� समथ�,

तगेबहा�र, हाँ, व ेही थ ेगु�-पदवी थी �जनके अथ�।

4. 4. अ��यानु�ासअ��यानु�ास अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जहाँ अंत म� तकु �मलती हो वहाँ पर अ��यानु�ास

अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- ” लगा दी �कसने आकर आग।

कहाँ था त ूसंशय के नाग ?”

Page 4: Knowledge Hub - Shivaji College...अलग- अलग आय वह पर यमक अल क र ह त ह । ज स :- कनक कनक त स ग न , म दकत

5. 5. ��ुयानु�ास��ुयानु�ास अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जहाँ पर कान� को मधरु लगने वाल ेवण� क� आवत� हो

उस े��ुयानु�ास अलंकार कहत ेहै।

जसैेजसै े:- ” �दना�त था , थ ेदीननाथ डुबत े,

सधनुे आत ेगृह �वाल बाल थ।े”

2. 2. यमकयमक अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :-

यमक श�द का अथ� होता है – दो। जब एक ही श�द �यादा बार �योग हो पर हर बार अथ�

अलग-अलग आय ेवहाँ पर यमक अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- कनक कनक त ेसौगुनी , मादकता अ�धकाय।

वा खाय ेबौराए नर , वा पाय ेबौराय।े

3. 3. पनु���पनु��� अलंकारअलंकार �या�या हैहै :- :-

पनु��� अलंकार दो श�द� स े �मलकर बना है – पनु: +उ��। जब कोई श�द दो बार दोहराया

जाता है वहाँ पर पनु��� अलंकार होता है।

4. 4. �व�सा�व�सा अलंकारअलंकार �या�या हैहै :- :-

जब आदर, हष�, शोक, �व�मया�दबोधक आ�द भाव� को �भावशाली �प स े�य� करने के �लए

श�द� क� पनुराव�ृ� को ही �व�सा अलंकार कहत ेहै।

जसैेजसै े:- मोिह-मोिह मोहन को मन भयो राधामय।

राधा मन मोिह-मोिह मोहन मयी-मयी।।

5. 5. व�ो��व�ो�� अलंकारअलंकार �या�या हैहै :- :-

Page 5: Knowledge Hub - Shivaji College...अलग- अलग आय वह पर यमक अल क र ह त ह । ज स :- कनक कनक त स ग न , म दकत

जहाँ पर व�ा के �ारा बोल ेगए श�द� का �ोता अलग अथ� �नकाल ेउस ेव�ो�� अलंकार कहते

है।

व�ो��व�ो�� अलंकारअलंकार केके भदेभदे :- :-

1. काकु अ�ो�� अलंकार

2. �लषे व�ो�� अलंकार

1. 1. काकुकाकु व�ो��व�ो�� अलंकारअलंकार �या�या हैहै :- :- जब व�ा के �ारा बोल ेगय ेश�द� का उसक� कंठ �वनी के

कारण �ोता कुछ और अथ� �नकाल ेवहाँ पर काकु व�ो�� अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- म� सकुुमा�र नाथ बन जोगू।

2. 2. �लषे�लषे व�ो��व�ो�� अलंकारअलंकार �या�या हैहै :- :- जहाँ पर �लषे क� वजह स ेव�ा के �ारा बोल ेगए श�द� का

अलग अथ� �नकाला जाय ेवहाँ �लषे व�ो�� अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- को तमु हौ इत आय ेकहाँ घन�याम हौ तौ �कत�ँ बरसो ।

�चतचोर कहावत है हम तौ तहां जा�ं जहाँ धन सरस�।।

6. 6. �लषे�लषे अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :-

जहाँ पर कोई एक श�द एक ही बार आय े पर उसके अथ� अलग अलग �नकल� वहाँ पर �लषे

अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- रिहमन पानी रा�खए �बन पानी सब सनू।

पानी गए न उबर� मोती मानस चनू।।

2. 2. अथा�लंकारअथा�लंकार �या�या होताहोता हैहै

Page 6: Knowledge Hub - Shivaji College...अलग- अलग आय वह पर यमक अल क र ह त ह । ज स :- कनक कनक त स ग न , म दकत

जहाँ पर अथ� के मा�यम स ेका�य म� चम�कार होता हो वहाँ अथा�लंकार होता है।

अथा�लंकारअथा�लंकार केके भदेभदे

1. उपमा अलंकार

2. �पक अलंकार

3. उ���ेा अलंकार

4. ��ा�त अलंकार

5. संदेह अलंकार

6. अ�त�यो�� अलंकार

7. उपमयेोपमा अलंकार

8. �तीप अलंकार

9. अन�वय अलंकार

10. �ां�तमान अलंकार

11. दीपक अलंकार

12. अप��त अलंकार

13. �य�तर�क अलंकार

14. �वभावना अलंकार

15. �वशेषो�� अलंकार

16. अथा��तर�यास अलंकार

17. उ�लखे अलंकार

18. �वरोधाभाष अलंकार

19. असंग�त अलंकार

20. मानवीकरण अलंकार

21. अ�यो�� अलंकार

Page 7: Knowledge Hub - Shivaji College...अलग- अलग आय वह पर यमक अल क र ह त ह । ज स :- कनक कनक त स ग न , म दकत

22. का�य�लग अलंकार

23. �वभावोती अलंकार

1. 1. उपमाउपमा अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- उपमा श�द का अथ� होता है – तलुना। जब �कसी �य�� या

व�त ुक� तलुना �कसी �सर� य�� या व�त ुस ेक� जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- सागर -सा गंभीर �दय हो ,

�गरी -सा ऊँचा हो �जसका मन।

उपमाउपमा अलंकारअलंकार केके अंगअंग :- :-

1. उपमये

2. उपमान

3. वाचक श�द

4. साधारण धम�

1. 1. उपमयेउपमये �या�या होताहोता हैहै :- :- उपमये का अथ� होता है – उपमा देने के यो�य। अगर �जस व�त ुक�

समानता �कसी �सरी व�त ुस ेक� जाय ेवहाँ पर उपमये होता है।

2.2.उपमानउपमान �या�या होताहोता हैहै :- :- उपमये क� उपमा �जसस ेदी जाती है उस ेउपमान कहत ेह�। अथात�

उपमये क� �जस के साथ समानता बताई जाती है उस ेउपमान कहत ेह�।

3. 3. वाचकवाचक श�दश�द �या�या होताहोता हैहै :- :- जब उपमये और उपमान म� समानता �दखाई जाती है तब �जस

श�द का �योग �कया जाता है उस ेवाचक श�द कहत ेह�।

4. 4. साधारणसाधारण धम�धम� �या�या होताहोता हैहै :- :- दो व�तओु � के बीच समानता �दखाने के �लए जब �कसी ऐस ेगुण

या धम� क� मदद ली जाती है जो दोन� म� वत�मान ���त म� हो उसी गुण या धम� को साधारण धम�

कहत ेह�।

Page 8: Knowledge Hub - Shivaji College...अलग- अलग आय वह पर यमक अल क र ह त ह । ज स :- कनक कनक त स ग न , म दकत

उपमाउपमा अलंकारअलंकार केके भदेभदे :- :-

1. पणू�पमा अलंकार

2. ल�ुतोपमा अलंकार

1. 1. पणू�पमापणू�पमा अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- इसम� उपमा के सभी अंग होत ेह� – उपमये , उपमान , वाचक

श�द , साधारण धम� आ�द अंग होत ेह� वहाँ पर पणू�पमा अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- सागर -सा गंभीर �दय हो ,

�गरी -सा ऊँचा हो �जसका मन।

2.2.ल�ुतोपमाल�ुतोपमा अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- इसम� उपमा के चार� अग� म� स ेय�द एक या दो का या �फर

तीन का न होना पाया जाए वहाँ पर ल�ुतोपमा अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- क�पना सी अ�तशय कोमल। जसैा हम देख सकत ेह� �क इसम� उपमये नही � है तो इस�लए

यह ल�ुतोपमा का उदहारण है।

2. 2. �पक�पक अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जहाँ पर उपमये और उपमान म� कोई अंतर न �दखाई दे वहाँ

�पक अलंकार होता है अथात� जहाँ पर उपमये और उपमान के बीच के भदे को समा�त करके उसे

एक कर �दया जाता है वहाँ पर �पक अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- ” उ�दत उदय �गरी मंच पर, रघवुर बाल पतंग।

�वगस ेसंत- सरोज सब, हरष ेलोचन �ंग।।”

�पक�पक अलंकारअलंकार क�क� �न�न�न�न बात�बात� :- :-

1. उपमये को उपमान का �प देना।

2. वाचक श�द का लोप होना।

Page 9: Knowledge Hub - Shivaji College...अलग- अलग आय वह पर यमक अल क र ह त ह । ज स :- कनक कनक त स ग न , म दकत

3. उपमये का भी साथ म� वण�न होना।

�पक�पक अलंकारअलंकार केके भदेभदे :- :-

1. सम �पक अलंकार

2. अ�धक �पक अलंकार

3. �यनू �पक अलंकार

1. 1. समसम �पक�पक अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- इसम� उपमये और उपमान म� समानता �दखाई जाती है वहाँ

पर सम �पक अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- बीती �वभावरी जागरी . अ�बर – पनघट म� डुबा रही , तारघट उषा – नागरी।

2.2.अ�धकअ�धक �पक�पक अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जहाँ पर उपमये म� उपमान क� तलुना म� कुछ �यनूता का

बोध होता है वहाँ पर अ�धक �पक अलंकार होता है।

3. 3. �यनू�यनू �पक�पक अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- इसम� उपमान क� तलुना म� उपमये को �यनू �दखाया जाता

है वहाँ पर �यनू �पक अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- जनम �स�ध ु�वष ब�ध ुप�ुन, दीन म�लन सकलंक

�सय मखु समता पाव�क�म च�� बापरुो रंक।।

3. 3. उ���ेाउ���ेा अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जहाँ पर उपमान के न होने पर उपमये को ही उपमान मान

�लया जाए। अथात� जहाँ पर अ��ततु को ��ततु मान �लया जाए वहाँ पर उ���ेा अलंकार होता

है।

जसैेजसै े:- स�ख सोहत गोपाल के, उर गंुजन क� माल

बाहर सोहत मनु �पय,े दावानल क� �वाल।।

Page 10: Knowledge Hub - Shivaji College...अलग- अलग आय वह पर यमक अल क र ह त ह । ज स :- कनक कनक त स ग न , म दकत

उ���ेाउ���ेा अलंकारअलंकार केके भदेभदे :- :-

1. व�त�ु�ेा अलंकार

2. हेत�ु�ेा अलंकार

3. फलो���ेा अलंकार

1. 1. व�त�ु�ेाव�त�ु�ेा अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जहाँ पर ��ततु म� अ��ततु क� संभावना �दखाई जाए वहाँ

पर व�त�ु�ेा अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- ” स�ख सोहत गोपाल के, उर गंुजन क� माल।

बाहर लसत मनो �पय,े दावानल क� �वाल।।”

2. 2. हेत�ु�ेाहेत�ु�ेा अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जहाँ अहेत ु म� हेत ु क� स�भावना देखी जाती है। अथात�

वा�त�वक कारण को छोडकर अ�य हेत ुको मान �लया जाए वहाँ हेत�ु�ेा अलंकार होता है।

3. 3. फलो���ेाफलो���ेा अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- इसम� वा�त�वक फल के न होने पर भी उसी को फल मान

�लया जाता है वहाँ पर फलो���ेा अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- खंजरीर नही � ल�ख परत कुछ �दन साँची बात।

बाल �गन सम हीन को करन मनो तप जात।।

4. 4. दृ�ा�तदृ�ा�त अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जहाँ दो सामा�य या दोन� �वशेष वा�य� म� �ब�ब-��त�ब�ब

भाव होता हो वहाँ पर दृ�ा�त अलंकार होता है। इस अलंकार म� उपमये �प म� कही � गई बात से

�मलती -जलुती बात उपमान �प म� �सर� वा�य म� होती है। यह अलंकार उभयालंकार का भी एक

अंग है।

जसैेजसै े:- ‘ एक �यान म� दो तलवार�, कभी नही � रह सकती ह�।

Page 11: Knowledge Hub - Shivaji College...अलग- अलग आय वह पर यमक अल क र ह त ह । ज स :- कनक कनक त स ग न , म दकत

�कसी और पर �मे ना�रयाँ, प�त का �या सह सकती है।।

5.5.संदेहसंदेह अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :-

जब उपमये और उपमान म� समता देखकर यह �न�य नही � हो पाता �क उपमान वा�तव म� उपमये है

या नही �। जब यह ��वधा बनती है , तब संदेह अलंकार होता है अथात� जहाँ पर �कसी �य�� या

व�त ुको देखकर संशय बना रहे वहाँ संदेह अलंकार होता है। यह अलंकार उभयालंकार का भी

एक अंग है।

जसैेजसै े:- यह काया है या शेष उसी क� छाया,

�ण भर उनक� कुछ नही � समझ म� आया।

संदेहसंदेह अलंकारअलंकार क�क� म�ुयम�ुय बात�बात� :- :-

1. �वषय का अ�न��त �ान।

2. यह अ�न��त समानता पर �नभ�र हो।

3. अ�न�य का चम�कारपणू� वण�न हो।

6. 6. अ�त�यो��अ�त�यो�� अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जब �कसी �य�� या व�त ु का वण�न करने म� लोक

समाज क� सीमा या मया�दा टूट जाय ेउस ेअ�त�यो�� अलंकार कहत ेह�।

जसैेजसै े:-हनुमान क� पूं छ म� लगन न पायी आ�ग।

सगरी लंका जल गई , गय े�नसाचर भा�ग।

7. 7. उपमयेोपमाउपमयेोपमा अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- इस अलंकार म� उपमये और उपमान को पर�पर उपमान

और उपमये बनाने क� को�शश क� जाती है इसम� उपमये और उपमान क� एक �सर� स ेउपमा दी

जाती है।

Page 12: Knowledge Hub - Shivaji College...अलग- अलग आय वह पर यमक अल क र ह त ह । ज स :- कनक कनक त स ग न , म दकत

जसैेजसै े:- तौ मखु सोहत है स�स सो अ� सोहत है स�स तो मखु जसैो।

8.8.�तीप�तीप अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- इसका अथ� होता है उ�टा। उपमा के अंग� म� उ�ट – फेर करने

स ेअथात� उपमये को उपमान के समान न कहकर उलट कर उपमान को ही उपमये कहा जाता है

वहाँ �तीप अलंकार होता है। इस अलंकार म� दो वा�य होत े ह� एक उपमये वा�य और एक

उपमान वा�य। ल�ेकन इन दोन� वा�य� म� सदृ�य का साफ कथन नही � होता , वः �यं�जत रहता

है। इन दोन� म� साधारण धम� एक ही होता है पर�त ुउस ेअलग-अलग ढंग स ेकहा जाता है।

जसैेजसै े:- ” ने� के समान कमल है।”

9.9.अन�वयअन�वय अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जब उपमये क� समता म� कोई उपमान नही � आता और कहा

जाता है �क उसके समान वही है , तब अन�वय अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- ” य��प अ�त आरत – मारत है. भारत के सम भारत है।

10. 10. �ां�तमान�ां�तमान अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जब उपमये म� उपमान के होने का �म हो जाय ेवहाँ पर

�ां�तमान अलंकार होता है अथात� जहाँ उपमान और उपमये दोन� को एक साथ देखने पर उपमान

का �न�या�मक �म हो जाय ेमतलब जहाँ एक व�त ुको देखने पर �सरी व�त ुका �म हो जाए

वहाँ �ां�तमान अलंकार होता है। यह अलंकार उभयालंकार का भी अंग माना जाता है।

जसैेजसै े:- पाय� महावर देन को नाईन बठैी आय ।

�फ�र-�फ�र जा�न महावरी, एडी भीड़त जाय।े।

11.11.दीपकदीपक अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जहाँ पर ��ततु और अ��ततु का एक ही धम� �ा�पत �कया

जाता है वहाँ पर दीपक अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- चंचल �न�श उदवस रह�, करत �ात व�सराज।

अर�वदन म� इं�दरा, स�ुद�र नैनन लाज।।

Page 13: Knowledge Hub - Shivaji College...अलग- अलग आय वह पर यमक अल क र ह त ह । ज स :- कनक कनक त स ग न , म दकत

12. 12. अप��तअप��त अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- अप��त का अथ� होता है �छपाव। जब �कसी स�य बात या

व�त ु को �छपाकर उसके �ान पर �कसी झठूी व�त ु क� �ापना क� जाती है वहाँ अप��त

अलंकार होता है। यह अलंकार उभयालंकार का भी एक अंग है।

जसैेजसै े:- ” सनु� नाथ रघवुीर कृपाला ,

ब�ध ुन होय मोर यह काला।”

13. 13. �य�तर�क�य�तर�क अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- �य�तर�क का शा��दक अथ� होता है आ�ध�य। �य�तर�क म�

कारण का होना ज�री है। अत: जहाँ उपमान क� अप�ेा अ�धक गुण होने के कारण उपमये का

उ�कष� हो वहाँ पर �य�तर�क अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- का सरव�र त�ेह देउं मयंकू। चांद कलंक� वह �नकलंकू।।

मखु क� समानता च��मा स ेकैस े�ँ?

14. 14. �वभावना�वभावना अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जहाँ पर कारण के न होत े�ए भी काय� का �आ जाना

पाया जाए वहाँ पर �वभावना अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- �बनु पग चल ैसनैु �बनु काना।

कर �बनु कम� कर� �व�ध नाना।

आनन रिहत सकल रस भोगी।

�बनु वाणी व�ा बड़ जोगी।

15.15.�वशेषो���वशेषो�� अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- का�य म� जहाँ काय� �स�� के सम�त कारण� के �व�मान

रहत े�ए भी काय� न हो वहाँ पर �वशेषो�� अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- नेह न नैनन को कछु, उपजी बड़ी बलाय।

नीर भर� �नत-��त रह�, तऊ न �यास बझुाई।।

Page 14: Knowledge Hub - Shivaji College...अलग- अलग आय वह पर यमक अल क र ह त ह । ज स :- कनक कनक त स ग न , म दकत

16.16.अथा��तर�यासअथा��तर�यास अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जब �कसी सामा�य कथन स े�वशेष कथन का अथवा

�वशेष कथन स ेसामा�य कथन का समथ�न �कया जाय ेवहाँ अथा��तर�यास अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- बडे़ न �ज ेगुनन �बनु, �बरद बडाई पाए।

कहत धतरू� स� कनक, गहनो गढ़ो न जाए।।

17. 17. उ�लखेउ�लखे अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जहाँ पर �कसी एक व�त ुको अनेक �प� म� �हण �कया जाए

, तो उसके अलग-अलग भाग� म� बटने को उ�लखे अलंकार कहत ेह�। अथात� जब �कसी एक

व�त ुको अनेक �कार स ेबताया जाय ेवहाँ पर उ�लखे अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- �व�� म� थी � तमु �स�ध ुअन�त एक सरु म� सम�त संगीत।

18. 18. �वरोधाभाष�वरोधाभाष अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जब �कसी व�त ुका वण�न करने पर �वरोध न होत े�ए

भी �वरोध का आभाष हो वहाँ पर �वरोधाभास अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- ‘ आग �ँ �जसस ेढुलकत े�ब� िहमजल के।

शू�य �ँ �जसम� �बछे ह� पांवडे़ पलक� ।’

19. 19. असंग�तअसंग�त अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जहाँ आपतात: �वरोध दृ��गत होत े�ए, काय� और कारण

का वयैा�धकर�य र�णत हो वहाँ पर असंग�त अलंकार होता है।

जसैेजसै े:- ” �दय घाव मरे� पीर रघवुीर�।”

20. 20. मानवीकरणमानवीकरण अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जहाँ पर का�य म� जड़ म� चतेन का आरोप होता है वहाँ

पर मानवीकरण अलंकार होता है अथात� जहाँ जड़ �कृ�त पर मानवीय भावनाओ � और ि�यांओ � का

आरोप हो वहाँ पर मानवीकरण अलंकार होता है।

जसैेजसै े:-बीती �वभावरी जागरी , अ�बर पनघट म� डुबो रही तास घट उषा नगरी।

Page 15: Knowledge Hub - Shivaji College...अलग- अलग आय वह पर यमक अल क र ह त ह । ज स :- कनक कनक त स ग न , म दकत

21. 21. अ�यो��अ�यो�� अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जहाँ पर �कसी उ�� के मा�यम स े �कसी अ�य को कोई

बात कही जाए वहाँ पर अ�यो�� अलंकार होता है।

जसैेजसै े:-फूल� के आस- पास रहत ेह� , �फर भी काँटे उदास रहत ेह�।

22. 22. का�य�लगका�य�लग अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- जहाँ पर �कसी य�ु� स े सम�थत क� गयी बात को

का�य�लग अलंकार कहत ेह� अथात� जहाँ पर �कसी बात के समथ�न म� कोई -न -कोई य�ु� या

कारण ज�र �दया जाता है।

जसैेजसै े:- कनक कनक त ेसौगुनी, मादकता अ�धकाय।

उिह खाय बौरात नर, इिह पाए बौराए।।

23. 23. �वभावो���वभावो�� अलंकारअलंकार �या�या होताहोता हैहै :- :- �कसी व�त ु के �वाभा�वक वण�न को �वभावो��

अलंकार कहत ेह�।

जसैेजसै े:- सीस मकुुट कटी काछनी , कर मरुली उर माल।

इिह बा�नक मो मन बसौ , सदा �बहारीलाल।।

3.3.उभयालंकारउभयालंकार �या�या होताहोता हैहै

जो अलंकार श�द और अथ� दोन� पर आधा�रत रहकर दोन� को चम�कारी करत े ह� वहाँ

उभयालंकार होता है।

जसैेजसै े:- ‘ कजरारी अं�खयन म� कजरारी न लखाय।’

अलंकार�अलंकार� सेस े स�ब��धतस�ब��धत ���� – – उ�रउ�र :- :-

इन उदाहरण� म� कौन-कौन स ेअलंकार ह� —–

Page 16: Knowledge Hub - Shivaji College...अलग- अलग आय वह पर यमक अल क र ह त ह । ज स :- कनक कनक त स ग न , म दकत

1. �ात: नभ था ब�त नीला शंख जसै।े

2. तरेी बरछी ने बर छीने ह� खलन के।

3. मखमल के झलू पडे़ हाथी सा टीला।

4. �मटा मो� मन भय मलीने, �व�ध �न�ध �द�ह लते जनु छीने।

5. राम नाम क�ल काम त�, राम भग�त सरु धनुे।

उ�र – (1) उ���ेा , (2) यमक, (3) उपमा, (4) उ���ेा , (5) �पक

कुछकुछ ������ केके उ�रउ�र �वं�वं द�द� – –

1. अ�बर पनघट म� डुबो रही तारा घट उषा नागरी।

2. वः दीप �शखा सी शांत भाव म� लीन।

3. �सर फट गया उसका मानो अ�ण रंग का घड़ा हो।

4. तब तो बहता समय �शला सा जम जायगेा।

5. म�ुय गायक के च�ान जसै ेभारी �वर।

सौज�य - www.hindimeaning.com

General Knowledge Mathematics Science

www.knowledgekahub.com