kushkandika by sankarshan pati tripathi
DESCRIPTION
यह हवन के पहले की विधि है यज्ञ आदि कार्यो मे विवाह आदि मे किया जाता है | इन्द्र ने वृत्ता सुर नामक दैत्य का बध किया उसके मेद व चर्वि से पुरी पृथ्वी व्याप्त हो ग़ाई इसी कारण पञ्चभू संस्कार आदि कुस्कण्डिका कियाजाता है | संकर्षण पति त्रिपाठीTRANSCRIPT
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SANKARSHAN PATI TRIPATHI SO RAMASHANKAR PATI TRIPATHI MO 9452111037/9936226437/9616948546