kushkandika by sankarshan pati tripathi

8
शकडिका - पंच संकार पंच संकार इर ने ास नामक दैय का बध कया उसके मािस और चवि से री वी या हो गयी इसी लिये उपिेपन आदसिकार कया जाता है | पररसम हन सवि थम बेदी या को नाप िये २४ अग ि की होनी चादहये वेदमे कोई कीटआदरह जाय इसके नवारन के लिये तीन शोके ारा दिण से उर की तरफ़ वेदको साफ़् करे और उन शोको ईशान ् कोण मे फ़े कदे | ( िभभदभ पररसम तान ् शानशानां पर) मनि णो ाखरेसो ऽने वा षं ोाभम वेदरभस बदहदषे वा षां ोाभम बदहदरभस वा षं ोाभम || || उपलेपन गाय के गोवर लमित जि से वेदको दिण से उर की तरफ़् लिप दे | ( गोमोके नो पभल ) मनि थिवेव जनोषाते लं मादह भसषं जं गछ गोसानं वषदत ते ौबदधान ेव | सववत परमां थिा शतेन पाशो मानवे वष वं दवमतमतो मा मौक् ||२५ || रेखाकरण वा या तीन शो ारा वेदया मे अग ि पर अग ठे और तजिनी के सहारे देश मा (एक बा इच की री को देश मा की री कहते है | ) तीन रेखाये पिम से रव या द० से उ० की तरफ़् खचे |( फ़ेन ् , वम लेन , शम लेन वा िल|) मनि गािेण वा छनसा पररग ाभम ि भेन वा छनसा पररग ाभम जागतेन वा छनसा पररग ाभम |

Upload: sankarshan-pati-tripathi

Post on 13-Jul-2016

187 views

Category:

Documents


34 download

DESCRIPTION

यह हवन के पहले की विधि है यज्ञ आदि कार्यो मे विवाह आदि मे किया जाता है | इन्द्र ने वृत्ता सुर नामक दैत्य का बध किया उसके मेद व चर्वि से पुरी पृथ्वी व्याप्त हो ग़ाई इसी कारण पञ्चभू संस्कार आदि कुस्कण्डिका कियाजाता है | संकर्षण पति त्रिपाठी

TRANSCRIPT

  • -

    |

    | ( )

    || ||

    | (

    )

    |

    || ||

    ( | )

    |( , , |)

    |

  • || ||

    |(

    )

    , -

    (

    ) ( )

    | || ||

    | || ||

    |

    ,

    | ||

    ,

    ( ) |

    |

  • | |

    | , (

    ) ( ) - | -

    | -

    |

    |

    |

    |

    ( + + + ) |

    |

    |

    |

  • ( ) (

    ) ( )

    ( ) (

    ) , , ( ) , (

    ) , ( ) ,

    |

    |

    ,

    |

    |

    | ( ) |

    |

    |

    (

    ) ( ) |

    ( ) (

    ) |

    |

  • ( ) |

    |

    | |

    | (

    ) ,

    |

    | |

    |

    |

    |

    |

    | |

  • (

    |)

    | |

    ( )

    ( )

    |

    ( )

    |

    |

    ( )

    | |

    ( ) , |

    ( ) |

    |

    ( ) , ,

    | ( ( ) |)

    ( ) , , | (

    ( ) | )

  • ( ) , , |(

    ( ) | )

    |

    |

    ,

    , | | ,

    ,

    | ||

    | ||

  • SANKARSHAN PATI TRIPATHI SO RAMASHANKAR PATI TRIPATHI MO 9452111037/9936226437/9616948546