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SAI COMPLETELY EXPOSED Analysis of Sai at a Glance Ĥदȣप क मार शवाहा [email protected] Abstract साɃ के समथ[न मɅ सभी कु तकȾ का जबाव उचत तक[ और Ĥमाण के साथ

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  • SAI COMPLETELY EXPOSED

    Analysis of Sai at a Glance

    द प कुमार कुशवाहा [email protected]

    Abstract सा के समथन म सभी कुतक का जबाव उ चत तक और माण के साथ

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    समपण

    मह ष दयान द सर वती

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    ओ३म ्

    एक नवेदन

    हम सभी अपने आप को मनु य कहत ेहै पर त ु या हम मनु य बन पाए है ? हमार जो बु ध है वह या केवल सामान क क मत, गुणवता का ह मू यांकन करने के लए है ?? धम कम के नाम पर जो लोग समाज को गुमराह कर रहे है उनक बातो का मू याकंन करना या हमारा काम नह ं है ?? और अगर हम धम, कम के नाम पर कसी क भी बात पर आंख बंद कर व वास कर रहे है तो या यह मनु यता क प रभाषा है ?? जैसे हम कसी सामान क जाचं कर उसे खर दत ेहै उसी तरह समाज म अपनी मीठ मीठ बातो से जो लोगो को गुमराह करते है उनक बातो क जांच करना या हमारा क य नह ंहै ?? आ खर कब तक हम लोग धम के नाम पर लूटत ेरहगे ?? ह द ूसमाज क हालत ऐसी हो गई है कोई भी आता है और ह द ूसमाज को मं दर का घटंा समझ कर बजा कर चला जाता है | ले कन आज ज रत हमे बजने क नह ं बि क हमे बजाने वालो क वालो क पहचान कर उनका भंडा फोड़ करने क है ? पाखं डयो का भंडा फोड़ करने के लए समाज जो जागना होगा और समाज को जगाने का काम मह ष दयान द कृत स याथ काश से बेहतर कोई नह ं कर सकता | यह पु तक आपको स य क पहचान करने क शि त देती है | अत: आप

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    से नवेदन है आप इसे एक बार प पात छोड़कर ज र पढ़े | कारण प पात करना मनु य का काम नह ंहै | अंत म आप स े नवेदन करता हँू प पात छोड़कर इस पु तक को पढ़े और स य को पहचाने और उसे धारण करे | इस पु तक का उ दे य कसी क भावनाओ को आहात करना नह ं है बि क तक और माण के मा यम से स य क पहचान करना है | द प कुमार कुशवाहा एक आय

    Copyright: - द प कुमार कुशवाहा

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    एक नजर

    जो लोग सा का चार कर रहे है वे पहले ल मी, गणेश, व ण ुआ द क जगह सा को रखकर चार करत ेहै या न सा ह ई वर है और जब इसपर कोई आप जताता है तो ये सा को ई वर का कलयगु अवतार बताने लगत ेहै और जब यहा ँभी बात नह ं बनती हो सा को स चा स गु बताया जाता है | अब यहाँ ह द ूसमाज न तर हो जाता है कारण ह द ूसमाज के कुछ गु ओ ने ऐसे ऐसे दोहे बना रखे है क गु ई वर से भी बड़ा है, जैसे – गु गो व द दोउ खड़ ेकाके लाग ूपाव , ब लहार गु आपने गो व द दयो बताए | म ैसभी सा चारक से नवेदन करता हँू पहले वे ये तय कर ले सा या है ई वर / ई वर का अवतार / गु ?? इस पु तक म या है

    १. सा के मुि लम होने के अनेक माण २. सा के पाख डी होने का माण ३. सा के मांस खाने का माण ४. सा के बकरा काटने का माण ५. सा का पसैा मांगने का माण ६. सा का अपने आप को ई वर बताने का माण ७. सा क अ ानता का माण ८. क को समाधी बताने का माण ९. प च महाय क गलत प रभाषा

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    १०. वेद और शा क नदंा ११. पैसा देकर मांस मागंने का माण १२. शाकाहार को बलपूवक मांस खलाने का माण आप सभी से मेरा नवेदन है इस पु तक को पढ़कर वचार करे सा क पूजा करना या उसे गु बताना कहां तक उ चत है ?? फर कहता हँू इस पु तक का उ दे य कसी क भावनाओ, आ था को ठेस पहुचना नह ंहै बि क तक और माण के मा यम से स य – अस य का नणय करना है |

    मह ष दयान द जी ने भी अपने आय समाज के नयम म कहा है अ व या का नाश और व या क वृ ध करनी चा हए | द प कुमार कुशवाहा एक आय

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    ओउम Sai Completely Exposed at a Glance

    – आपको सा से या तकल फ है ??

    समी ा - तकल फ सा से नह ंबि क सा के उन चाटुकार से है िज ह ने वना जाने और सोचे समझे एक मसुलमान को ई वर बनाकर धम का यापार कर रहे है | ये मखु लोग सा को कभी ई वर तो कभी ई वर का अवतार तो कभी स गु बनाकर समाज को बेवकूफ बनात ेहै | - आप साई को मुि लम कैसे कह सकत ेहै ?

    समी ा - मै नह कह रहा साई मु लमान थे साई ने खदु कहाँ है वह यवन ( मु लमान ) है – माण अ याय- 28 आप शड से का शत सा स च रत मंगाकर पढ़ ले या ऑनलाइन पढ़ ले उसम ेआप को सा के मुसलमान होने के एक नह ंअनेक माण मलगे | - ज म लेने से या होता है कम होना चा हए |

    समी ा - जी ब कुल सह कहा आपने कम होना चा हए , आप साई स च रत पढ़े उसमे अनेको माण है जैसे:- साई मि जद मे रहत ेथे - अ याय - 1,2,5,9,11,14,23,26 | हमेशा अ लाह का नाम जपते थे अ याय - 4,5,13,14

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    अ लाह तु हार इ छा पूर करेगा – अ याय – 14 अ लाह मा लक सदा उनके होठो पर था अ याय- 23 बाबा आ वासन देकर बोले अ लाह अ छा करेगा अ याय- १३ अब आप ह तय करे यह कम कसके होते है ??? ऐसे कम करने वाले को या कहा जाएं ?? - साई महान थे , संत का कोई धम नह होता ! समी ा - वाह जी वाह खूब घोड़े दौराए और नाला भी पार नह ं कर पाए और कुछ कहने को नह बचा था | अगर सतं का कोई धम नह होता है तो मसुलमान ( मौलवी, ईमाम ) और ईसाईय ( पादर ) से अपनी घर क बेट बहनो का ववाह यो नह करा देत े?? कसी को बना जाने व समझे महान कहना मदंबु ध व अ धमता का माण है पहले जाने , समझो , उसके महानता के कारनामे देखे फर तय करो वह महान है वा नह ?? आप िजस तरह सा को दखा रहे हो अगर इसे सच माना जाए तो सा से बड़ा देश ोह और ग दार कोई नह ं होगे | जो मुद को जी वत रखने क ताकत होते हुए भी १८५७ के जंग म देश का साथ नह ं दया ??

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    - साई मानवता के स चे उपदेशक थ े, सबका मा लक एक उनका उपदेश था | समी ा - स चे उपदेश थे या या थे यह तो उनको पढ़कर पता लग जाता है , आप को बताने क ज रत नह ं| जब साई बकरा काटत ेथे तब उनक मानवता कहाँ चल जाती थी ? जब माँस मला चावल लोगो को साद देत ेथे तब मानवता कहाँ चल जाती थी ?? बकरे को काटना कहाँ क मानवता है ? माण :-- अ याय - 11 सबका मा लक एक यह बात साई ने तो कभी नह कहाँ है ले कन आप जैसे चमचो ने यह म लोगो म ज र फैलाया जो बजार मे अपनी ईमानदार को बेच आए है और लोगो को गुमराह कर धम का यापार कर रहे है | साई ने हमेशा कहाँ अ लाह मा लक िजसका अनेक माण हमने दया है | आप पूरे सा स च रत से एक भी माण नह ं दे सकत ेक सा ने कहां है सबका मा लक एक | - साई का उपकार नह भलूाया जा सकता है | समी ा - आप जैसे अ ल के अंधो को भी नह भूलाया जा सकता , आप साई को िजतना शि तशाल बता या दखा है और िजस तरह उसे चम कार बता रहे है , तो उ होने अपनी शि त क योग अं ेजो के खलाफ १८५७ के जंग मे यो नह कया ?? यो अं ेजो के लटू , ह या , ब तकार ,

    शोषण , अ याचारो को देखत ेरहे ?? आपक बातो से ऐसा

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    तीत होता है साई कोई एक जादगूर था | िजस कार जादगूर बनावट पये पैसे , लड़का लड़क तो बना सकता है ले कन अपने आप को करोडप त नह बना सकता , या कसी गर ब को अमीर नह बना सकता | ऐसे ह आपके साई बाबा है | जो शड के लोगो को बनावट जाद ू दखाते रहे ले कन कभी देश व रा के त भि त नह दखाया | अं ेजो और मुसलमान से जंग लड़ रहे भारतोयो का साथ नह ं दया ?? या सा के इसी उपकार को नह ंभलुाया जा सकता है ???

    - महापु षो का अवतार मानवता के लए होता है देश व रा क सीमा नह होती उनके लए | समी ा - ब कुल सह कहाँ आपने , अं ेजो जो भारतीयो को गुलाम बनाए हुए थे उनका शोषण कर रहे थे वे शायद आपके और आपके साई के र तदेार लगते थे , इस लए आपको गुलाम और शोषणकता मे सीमा नजर नह आता | ीराम और ीकृ ण भी धमा मा थे िज होने इस देश के अपना सबकुछ दाव पर लगा दया पर तु देश को अधम यो के हाथो लटूने नह दया | तो आप साई भ तो क नजर मे ीराम और ीकृ ण ने गलत कया है ???

    कस मानवता क दहुाई दे रहे है आप या अपने ह देशवासीयो को गुलामी क जंजीरो से नकलना अमानवता है ???

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    - ठ क है साई ई वर नह है ले कन वे एक स च ेस दगु है | समी ा - वे गु आप जैसे अ ल के अंधे और गाँठ के पूरे जैसे के होगे , जो Om sai ram या Jai sai ram जप कर अपनी अंधभि त और मदंबु ध होने का माण देते है | जब आप साई को गु मानत ेहै तो फर आप भी शु किजए :- १) अ लाह का नाम जपना २). मि जद मे रहना - अ याय - 4, ३). अ लाह सब ठ क करेगा यह आशीष देना ४).भोजन स ेपहल ेफा तहा पढना – 38 ५). बकरे को काटना - अ याय : 11 ६). गाल गलौज करना - अ याय : 1 ७). गर ब का अ लाह भाई - अ याय : 5 ८). शाकाहार लोगो को जबरद ती माँस खलाना - अ याय : 11 ९). लोगो को बेवकूफ बनाना - साई स च रत १०). चीलम पीना - अ याय - 5 ११). लोगो को मांसाहार साद देना – अ याय 38 जब आप साई को गु मानते है तो आपको यह कम करना पड़गेा योक आपके गु ने यह सभी काम कए हुए है गु के न शे कदम पर चलना येक श य का कत य है |

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    - कभी शड जाकर साई का मि दर देखो कतनी भीड़ लगती है वहाँ धालुओ क लाखो पये का मह ने मे चढ़ावा आता है समी ा - देखा है शड जाकर साई को बखबूी देखा है | आप िजसे मि दर कह रहे है दरअसल वह साई का क है आपक आँखो पर अंध व वास का च मा होने के कारण आपको नजर नह आया | शड मे जहा ँअ ल के अंधे ने साई क मू त बैठा रखी है ठ क उसक नीचे साई का क है िजसपर हमेशा माला चढ़ाया रहता है | कुछ और भी बोलना है आपको ? मि दर मे लाखो पये का चढ़ावा आता है ले कन वो जाता कहाँ है ??? वह जाता है आप जैसे लोगो के जेब मे जो धन के लालच मे साई का चार करत ेहै , वह जाता ऐसे लालची यपा रयो को जो कुछ पैसो के लालच मे अपनी दकुान , कल कारखानो, बस को आद गाड़ीयो के मा लक के जेब मे जो शड शहर मे चारो तरफ साई नाम को लखवा रखे है | देश के अ य भागो म जो सा सं था बना रहे है , ह द ूमं दर म सा क मू त रख रहे है हमारे देश मे कतने क अपदा वपदा , भकू प, ासद , भू सं लन, बाढ़, सूखा आए या कसी भी वप

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    भी साई टो वाले ने सहयोग दया है ??? साई तो मर गये फर उस पये गहनो का या मतलब ?? - साई स ेमागँी हुई हर म नत पूर होती है जैसे नौकर , बेटा , धन आद समी ा - यह पाखंड स े यादा कुछ भी नह और ये बात ेकेवल लोगो को बेवकूफ बनाने के लए है | एक मरा हुआ यि त भला कसी क म नत ेकैसे पूर कर सकता है ?? जब साई आपक म नत ेपूर कर देता है तो बेटे के लए डॉ टर का च कर यो लगाते है ? जब साई से मागँने से आपको बेटा मलता है तो वह कसका बेटा है आपका या साई का ? पता क जगह अपना नाम न लख साई का नाम लखे ? नौकर या रोजगार के लए जगह जगह य भटकत ेहो ?? इसी कार नौकर वा धन के लए चुपचाप घर बैठकर साई साई जपे नौकर वा धन अपने आप मलते है या नह देख ले ?? फर तो आपक और आपके साई क बात झूठ सा बत हो रह है | इसी आशावाद बातो से समाज कम करना छोड़ भा यवाद होकर अपना और देश दोन का नकुसान करते है |

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    - आप चाहे साई को कुछ भी कहे हम नह मानत ेहै आपक बातो को और साई ने कभी नह कहा ँमेर पूजा करो | समी ा - जब आँखो पर अंध व वास, अंधभि त का च मा लगा हो तो उसे कोई भी रा ता नह दखा सकता और उसको दघुटना से कोई नह बचा सकता | लगता है आपक जेब मे गु त प से धन आता है तभी आपको साई भि त से यादा कुछ नह द खता , देखे साई ने या कहा ँहै १). मेरा पूजा मरण करने वालो को मै मुि त दान करता हँू - अ याय : 3 २). मै सम त ा णयो को भ ूऔर घट घट मे या त हँू - अ याय : 4 ३). साई अ नत है - अ याय : 28 ४). मै तु हारे दय क सम त ई छाएँ पूर कर दगूा ँ- अ याय : 25 ५). वे भा यशाल है नके सम त पाप न ट होने है , वे मेर उपासना क ओर अ सर होते है | य द तमु केवल साई - साई मरण करोगे तो मै तु हे भवसागर से पार उतार दगूा ँ- अ याय : 13 ६). याय , मीमांशा और शा क ज रत नह ं केवल सा पर व वास करने से ह भवसागर पार उतार दगे | ७). मेरे नाम से ह सभी पाप न ट हो जात ेहै अ याय- 12

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    ८). सदैव सा सा मरण करो तु हे मिु त ा त हो जाएगी अ याय- 10 ९). जब और जहाँ भी तुम मेरा मरण करोगे म ैतु हारे साथ ह रहँूगा अ याय – 24 :- सा याग क मू त है | सा ने कभी कसी से पैसा

    नह ं माँगा तो याग क भावना से तो उनक पूजा क ह जा सकती है ?? समी ा :-अगर पूजा ह करना है तो उस परम पता परमा मा क करो िज ह ने सूय, च मा, तारे, पहाड़, नद आ द बनाये , यहाँ तक क जीने के लए हमे मु त म ऑ सीजन दे रहे और बदले म कुछ नह ं मागँा | ले कन आपके सा को पढ़कर ऐसा लगता है उ ह खाने से यादा पैसे क ज रत थी |शायद वे भोजन म पए पैसे ह खाया करते थे | आँख खोलकर पढ़ लो --- ०१) बना पैस ेके मि जद म दशन नह ं दया और दशन के लए चाल स हजार पए मांगे – माण अ याय 11 ०२) कसी कसी से तो वे इि छत राशी से भी अ धक मांग कर बैठते थे और य द उसके पास नह ंहै तो दसुरे से उधार लेने या दसुरे से मागंने को भी कहते थे | कसी कसी से तो वे दन म तन चार बार द णा माँगा करते थे | माण अ याय – 15

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    और भी कुछ कहना है या इस सा पी का पाखंड का याग कर स य क राह पर लौटना है | :- शाकाहार क ेरणा के लए तो सा क पूजा क जा

    सकती है, इसम तो कोई आप नह ं ? समी ा:- आप तो इससे है क आप समाज पर जबरद ती सा का बोझ लाद रहे है वो भी बना जाने, सोचे और समझ े| यह बात म ैदावे के साथ कह सकता हँू आज आप को सा के बारे म िजतना ान हुआ है इससे पहल ेकभी नह ं हुआ होगा | यह बात सोचनीय है जो इंसान वय बकरा कटा हो उससे भला शाकाहार क ेरणा कैसे ल जा सकती है | माण अ याय- 11 बाबा ने कहा – म ैमि जद म एक बकरा

    हलाल करना वाला हँू उससे ( फा के ) से पूछो उसे या चकर होगा – बकरे का मांस, नाध या अंडकोष ??

    हाजी स क साहब का शामा को जबाव “ य द बाबा के भोजन पा म से एक ास भी मल जाए तो हाजी अपने आप को सौभा यशाल समझेगा ”|

    ये प ट माण है क सा मांस खाता था और बकर क ह या कया करता था |

    माण अ याय- 23 मि जद म एक अ यतं दबुल बूढ़ा और मरने वाला बकरा लाया गया | ले कन जैसे ह बाबा बाबा ने

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    काका से कहा क मै वय बकरा काटँूगा बकरा गर कर मर गया |

    माण अ याय – 23 बाबा ने काकासाहब से कहा ं– म ै वय ब ल चढ़ाने का काय क ँ गा | तू ा मण है अत: ब ल म ैचढाऊंगा |

    अब आप लोग ह वचार करे या ऐसे यि त से कभी शाकाहार क ेरणा ल जा सकती है ?? इन माण से यह मा णत होता है सा बकरा काटते थ ेऔर खात ेथे |

    :- वैसे बात तो आपक सह है पर इस सा क मू त का या करे ?? फर पूजा कसका करे ??

    समी ा :- जो काम अपने घर के कचड़ ेका करत ेहो वह इसका करो कचड़े को कचड़ा पेट म डाल दो | अब तक जो कया वह अ ानतावश कया और जब स य मालमू है तो स चाई के रा त ेपर चलो | उस नराकार परम पता परमा मा का यान करो और उनक उपासना करो |िजसने अि न जल, वायु, सूय, पेड़ आ द सबकुछ दया और बदले म कुछ नह ं माँगा | * * * * *

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    सा क अ ानता का माण( क को समाधी बताया )

    माण अ याय- 24 बाबा ने कहां – मझु पर व वास रखो | यध प मै देह याग भी कर दूंगा, पर तु फर भी मेर अि थयाँ आशा और व वास का संचार करती रहगी | केवल मै ह नह ं, मेर समाधी भी वातालाप करेगी, चलेगी, फरेगी और उ ह आशा का स देश पहुचती रहेगी, जो अन य भाव स ेमेर शरणागत ह गे | नराश न होना क मै तुमसे वदा हो जाऊंगा | तुम सदैव मेर अि थयो को भ तो के क याण म ह चं तत पाओगे | िजन गा डय क दघुटना होती है उनम ेसे कई गा डयो पर सा क त वीर होती है तो या ये दघुटनाये सा क भ तो क चतंा के कारण होती है ??

    जो लोग शड जाते है और रा त ेम उनका दघुटना हो जाता है तब सा उ ह बचाने य नह ंआत ेहै ??

    िजन गा डय म सा क त वीर लगी होती है उनका दघुटना य होता है ?? यान दे:- यहाँ बाबा ने क को समाधी कहा है यह बाबा के

    अ ानता का सबसे बड़ा माण है | यो क शायद सा को मालूम ह नह ंथा क क और समाधी म या अंतर होता है | रोजाना हजारो लोग सा का दशन करत ेहै ले कन उसमे से कतने लोगो से सा ने क के अ दर से बात क है ?? म ैभी शड गया हँू सा सा रट रहा था क शायद क के

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    अ दर से सा क आवाज आएगी , तभी एक पु लसवाला आया और मेरा हाथ पकड़कर बाहर नकलने वाले रा ते क ओर ढकेल दया | सा क अ ानता का इससे बड़ा माण नह ं हो सकता | मह ष पतजं ल ने अपने योगदशन म समाधी को ई वर ाि त का अं तम चरण बताया है जो क यम, नयम से शु होता है | समाधी िजसे आज के व ान क भाषा म कोमा कह सकत ेहै | योगी समाधी क अव था म जाते है और कुछ समय म वापस आ जात ेहै | जब क मदु को जमीन म गाड़ने को दफनाना कहा जाता है और उस जमीन को क | इन सभी तक और माण से प ट होता है क सा ई वर तो हो नह ं सकता और न ह ई वर का अवतार यो क ई वर कभी अवतार नह ं लेता | सा क इन बातो से यह पता चलता है लोगो को बेवकूफ बनाने का काम पहले सा ने ह शु कया है , और उनके अंधभ तो म इसे पुरे ह द ूसमाज म फैला दया |

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    सा क अ ानता ( प चमहाय क गलत या या )

    अ याय :- ०९ बाबा कहते है गहृ थ के काय के फल व प मनु य को पाप लगता है | इसके बाद बाबा प चमहाय क प रभाषा देत ेहै

    मय – वेद अ ययन

    पतयृ – पूवजो को दान

    देवय – देवताओ को ब ल

    भूतय – ा णयो को दान

    मनु यय – मनु य को दान

    यहा ँसा ने देवय क गलत या या क है जब क इसका सह या या है हवन | अि न म घतृ , स मधा आ द उ म पदाथ का वेदमं ो के साथ समपण | पूर जानकार के लए मह ष दयान द कृत प च महाय व ध पढ़े |

    यह सबसे बड़ा माण है सा को वेद और शा का ान तो दरू उसे सं कृत का भी ान नह ंथा | वना वह या या तो दरू क बात है प च महाय क नाम भी गलत नह ं बताता | सह नाम है – मय , देवय , पतयृ ,

    ब लवे वदेव य , अ त थय |

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    वेद और शा क न दा

    अ याय – 10 :- याय, मीमासंा और शा क ज रत नह ं केवल सा पर व वास करने से ह भवसागर पार उ र दगे |

    अ याय – 27 :- माया से मु त होने का एकमा सहज उपाय अन य भाव से केवल ी सा बाबा के शरण म जाना ह है | वेद वेदांत भी माया पी सागर से पार नह ं उ ार सकते |

    अ याय-23:- बाबा ने कहा ाणायाम का नयं ण, हठयोग या अ य क ठन साधनाओ क कोई आव यकता नह ं|

    * * * *

    पैसा देकर मांस मगंाने का माण

    माण – 38 एक एकादशी के दन उ ह ने केलकर को कुछ

    पए देकर कुछ मांस खर द कर लाने को कहा ं|

    * * * *

    शाकाहार को बलपूवक मांस खलाने का माण

    माण अ याय – 38 ऐसे ह एक अ य अवसर पर बाबा ने दादा से कहा क देखो तो नमक न बरयानी पुलाव कैसा पका है ? दादा ने यो ह कह दया क अ छा है | तब बाबा कहने लगे क तुम ने ना तो अपनी आखँ से देखा और ना ह िज वा से वाद लया, फर तुम ने यह कैसे कह दया क

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    उ म बना है ? थोडा ढ कन हटा कर देखो | बाबा ने दादा क बाह पकड़ी और बलपूवक बतन म डालकर बोले, थोडा इसम से नकालो और अपना क टरपन ( ा मणपन ) छोड़कर चखकर देखो |

    * * * *

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    कुछ न िजनपर ज र सोचना चा हए !! एक बात समझ नह आती मु लमान और ईसाई साई के मि दर मे जाकर माथा यो नह टेकत े?? यो नह पैसे या गहने चढ़ात ेहै ?? यो नह साई से म नत ेमाँगत ेहै ??? यो नह साई के लए अलग मि जद या चच बनात ेहै ?? यो नह अ लाह या यीश ुमसीह के साथ साई को जोड़त ेहै ??

    योक वे पेद वाले लोटे और ह द ू बना पेद वाले |

    आप सोचेगे ऐसा यो बोला ? तो सु नए मु लमान और ईसाईयो क सभी मुरादे मि जद और चच मे पूर हो जाती है जबक ह दओू क ज रत े मा, ब ण,ु शव, दगुा, काल , मनसा, बै णो देवी, बालाजी, का तक, गणेश, इ , पावती, सर वती, ल मी, काल , ........ ३३ करोड़ इनक ज रतो को पूरा नह कर पात े फर ये साई, पीर , मजार, जीन, जीनाद, फादर आद के च कर काटना शु करत ेहै और दरगाहो पर चादर चढ़ाना | जो क इ ह ह दओू के पूवजो पर शासन कया , और उनका क ल कया, ह द ूबेट बहनो क इ जत लूट उ ह के क ो पर ह द ूसमाज फूल माला चढ़ाए तो ऐसे ह द ूको बना पेद का लोटा न कहे तो या कहे ???

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    साई को कुछ भी कहने से पहले इन नो पर वचार करे ??

    १). साई श द का अथ या है और यह कस मत या स दाय से होत ेहै ??

    २). साई का वा त वक नाम या था ? ज म कहा ँऔर कब हुआ ??

    ३). साई ने श ा कसस े ा त क ?? योक बना श ा के कोई इतना महान कैसे बन सकता है ?

    ४). साई कसके उपासक थे ?? कसका नाम जपत ेथे ?

    ५). साई ने कसी थ क रचना क ? ६). साई मे जब इतना ताकत था क वे बमार को छूने मा से ठ क, अंधे को रोशनी, गर ब को धन दे सकत ेथे तो अं ेजो से लोहा यो नह लया ?? १८५७ के व ोह मे कहा ँचले गये थे ?? ठ क है तलवार उठाकर नह लड़ सकत ेतो जो अं ेजो वारा घायल होत ेथे उ हे केवल पश करत ेजात ेवे ठ क जात ेऔर फर से अं ेजो से लड़ाई लड़त े?? िजनका धन गोरे लूट लेत ेथे उ हे फर से धन देत े? जब अं ेज दखत ेतो उ हे अपनी ताकत से अंधा या वकेलागं कर देत े??

    अगर साई ने ऐसा एक भी काम कया होता तो हमे आजाद १८५७ मे ह मल गई होती ले कन साई ने देश के लए कोई चम कार नह कया ! इतनी ताकत

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    रखत ेहुए भी कोई देश क र ा न करे तो उसे या कहे भगवान या गु या देश ोह या पाख डी ??

    योक िजस महारा के शड मे साई का रहत ेथे उसी महारा के शवाजी थे िज होने औरंगजेब का जीना हराम कर दया उसक सलत त को तोड़ डाला और इनके आगे श भाजी, शाहूजी , बाजीराव पेशवा आद आद इन सभी ने मगुलो और गोरे से अजाद क लड़ाई मे अपने जान तक क परवाह नह क , ले कन साई ने इतना ताकत रहत ेहुए भी ऐसा कुछ नह कया |

    आपलोगो से हाथ जोड़कर वनती है गु सा या आग बबूला होने के बजाय सच को जानने क को शश करे ! एकबार ईमानदार से साई स च रत पढ़ ले दधु का दधु और पानी का पानी नजर आने लगेगा

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    िज ह ने सा को पहचान लया वे कुछ ऐसा गाना गात ेहै अब पेश है साई पर एक गाना , इस गाने को शड वाले

    साई बाबा ( फ म- अमर अकबर एंथोनी ) के तज पर गाए | िशड वाल ेकसाई बाबा , आया ह ैतरेे दर पे सवाली लब प ेदआुए आँखो म ेआँस ू, दल म ेउ मीद ेपर बुि खाली िशड वाल े....... | ओ कसाई दवेा कोई मु ला ईसाई न तेरा नाम लेवा , चल ेआते ह ैदौड़ ेजो मूख िह द ूजो ठहरे , ये बुि के ह ैमारे नही अ ल को यारे , न तूझे जानत ेन पहचानते ह ै, पदा को दीप ने उठाया , कसाई को घर स ेिनकालावाया , तू लोगो को बेवकूफ बनाया माँस िमला चावल साद िखलाया िशड वाल े.... || खुदा प ेशान तुझको मूख िह द ूमान ेभगवान तुझको , तू लोगो को बेवकूफ बनाया मूख िह दओू को भटकाया २ , बकरा भी काटा तून ेचीलम भी पीया , दशे के िलए न कोई काम कया , तेरे पाखंड का क सा या ँकरे या , वो िह द ूिबन बुि के िजनका त ूमािलक | िशड वाल.े...... |||

    ओउम सा वाहा: