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अनोखे आमुर्वेददक उऩचाय
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ISBN: 978-93-5373-115-1
Price: ` 140.00
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अनोखे आमुरे्वददक उऩचाय
(सखेुन्द्र कुभाय ऩाण्ड़मे)
INKART PUBLISHING (Since 2011)
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अनोखे आमरेु्वददक उऩचाय
1
प्रस्तावना
मैंने यह पुस्तक अयुवेददक वववध से ईपचार दकए जान े वाल े
वसद्धान्तों की दवृि स े वलखी ह ै आस पुस्तक में ऄनेक ऐसे अयुवेददक
जीवनशैली और ईनमें यत्र तत्र ऄनेक रोगों की चचाा की गइ ह ैआस पुस्तक का
ईद्दशे्य अपके शरीर की प्रकृवत से सन्तुलन बनाए रखने वाले वववध से ह ैजो
मौसम ऋत ुववशेष ऄथवा स्थान ववशेष की जरूरतों के भी ऄनुरूप हो ऄतः
अयुवेददक ईपचार करने से पूवा अयुवेद की अधारभूत बातों का ज्ञान होना
जरूरी ह ैअयुवेद जीवनशैली का ऄंग ह ै अयुवेद अयु का ववज्ञान ह ै जो
जीनव के प्रत्येक पहलू से जुडा ह ै यह सत्यतः धमाववज्ञान ह ै जो ब्रह्ांडीय
एकत्व में ववश्वास रखता ह ैऔर ईसका मत ह ैदक ब्रह्ांड में हुए हर पररवतान
की बहुववध प्रवतदिया होती ह ैक्योंदक सबकुछ एक दसूरे से जुडा ह ैसम्बद्ध ह ै
और एक दसूरे पर वनभार ह ैअयुवेददक का ऄथा वववभन्न बीजों जडी-बूरियों
तथा मसालों के संयोग से तयैार ऐसा अहार करना ह ैवजससे अपके शरीर में
समरसता बढे और स्वास््य सबल हो वजससे शरीर का ओजस बढे आसमें अप
क्या खाते हैं कैसे खाते हैं तथा दकतना खाते हैं आन बातों की भी जानकारी
महत्वपूर्ा होती ह ैऄच्छा खाना वही होता ह ैजो स्थान, मौसम ऋतु वववशि
वस्थवतयों और व्यवि की वनजी प्रकृवत के ऄनुकूल हो आसके वलए जरूरी ह ैदक
वह सृवि के वनमाार्कारी पंच तत्वों (अकाश वायु ऄवि जल और पृ्वी) के
सन्तुलन के ऄनुरुप हो ऄतः आस पुस्तक लेखन का ईद्दशे्य अयुवेददक संस्कृवत
से पररवचत कराना ह ै और अयुवेद के ऄन्य पहलुओं का ज्ञान पाठक तक
पहुचाकर प्रोत्सावहत करना ह।ै
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सुखेन्द्र कुभाय ऩाण्ड़ेम
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Content
Sr Content Page
1- अयुवेद 3
2- अयुवेद के अठ ववभाग 5
3- अयुवेद से रोगों का ईपचार 9
4- शरीर के दस वेग रोकन ेसे हावन 25
5- प्राकृवतक स्नान के प्रकार 26
6- भोजन का समय व कब क्या खाए, क्या नहीं 27
7- स्वास््य के सूत्र 28
8- जानने योग्य जरूरी बातें 29
9- अयुवेद शब्दावली 31
10- पारम्पररक भारतीय माप 36
11- संदभा गं्रथ 37
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अनोखे आमरेु्वददक उऩचाय
3
आमरेु्वद
से एक है। आमुर्वेद (आमु् + र्वेद = आमुरे्वद वर्वश्र्व की प्राचीनतभ चचककत्सा प्रणालरमोंभें मह वर्वऻान करा औय दर्शन का लभश्रण है।आमुर्वेद नाभ का अथश है जीर्वन का ऻान औय मही सॊऺेऩ भें आमुर्वेद का साय है। आमुर्वेद" शब्द दो शब्दों से मभरकय फना है - "आमुष" औय "र्वेद"। हहताहहतॊ सुखॊ दु् खभामुस्तस्म हहताहहतभ।् भानॊ च तच्च मत्रोक्तभामुर्वेद् स उच्मते॥ -(चयक सॊहहता १/४०) (अथाशत जजस ग्रॊथ भें - दहत आमु (जीर्वन के अनुकूर) अदहत आम ु(जीर्वन के प्रततकूर) सुख आम ु(स्र्वस्थ जीर्वन) एर्वॊ दुुःख आमु (योग अर्वस्था) - इनका र्वणशन हो उसे आमुर्वेद कहते हैं।) आमुर्वेद बायतीम आमुवर्वशऻान है। आमुवर्वशऻान वर्वऻान की र्वह र्ाखा है जजसका सॊफॊध भानर्व र्यीय को तनयोग यखने योग हो जाने ऩय योग से भुक्त कयने अथर्वा उसका र्भन कयने तथा आमु फढाने स ेहै। आमुर्वेद की ऩरयबाषा एर्वं व्माख्मा आमुर्वेद वर्वश्र्व भें वर्वद्मभान र्वह साहहत्म है जजसके अध्ममन ऩश्चात हभ अऩने ही जीर्वन र्ैरी का वर्वश्रेषण कय सकते है।
( आमुर्वेदमतत फोधमतत इतत आमुर्वेद् अथाशत जो र्ास्त्र (वर्वऻान) आम ु (जीर्वन) का ऻान कयाता है उसे
आमुर्वेद कहते हैं। स्र्वस्थ व्मजक्त एर्वॊ आतुय (योगी) के लरए उत्तभ भागश फताने र्वारा
वर्वऻान को आमुर्वेद कहते हैं। अथाशत जजस र्ास्त्र भें आम ु र्ाखा (उम्र का वर्वबाजन) आम ु
वर्वद्मा आमुसूत्र आम ु ऻान आम ु रऺण (प्राण होने के चचन्द्ह)
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%9E%E0%A4%BE%E0%A4%A8https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%B2%E0%A4%BEhttps://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A6%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B6%E0%A4%A8https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9A%E0%A4%B0%E0%A4%95_%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE
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सुखेन्द्र कुभाय ऩाण्ड़ेम
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आम ुतॊत्र (र्ायीरयक यचना र्ायीरयक किमाएॊ) - इन सम्ऩूणश वर्वषमों की जानकायी लभरती है र्वह आमुर्वेद है।
इस र्ास्त्र के आहद आचामश अजश्र्वनीकुभाय भाने जाते हैं जजन्द्होने दऺ प्रजाऩतत के धड़ भें फकये का लसय जोड़ा था। अजश्र्वनी कुभायों से इॊर न ेमह वर्वद्मा प्राप्त की। इॊर ने धन्द्र्वॊतरय कोलसखामा। कार्ी के याजा हदर्वोदास धन्द्र्वॊतरय के अर्वताय कहे गए हैं। उनसे जाकय सुश्रतु न ेआमुर्वेद ऩढा। अत्रत्र औय बायद्र्वाज बी इस र्ास्त्र के प्रर्वतशक भाने जाते हैं। आयुर्वेद के आचामश मे हैं अजश्र्वनीकुभाय धन्द्र्वॊतरय हदर्वोदास (कालर्याज) नकुर सहदेर्व अककश च्मर्वन जनक फुध जार्वार जाजलर ऩैर कयथ अगस्त्म अत्रत्र तथा उनके छ् लर्ष्म (अजननर्वेर् बेड़ जतुकणश ऩयार्य सीयऩाणण हायीत) सुश्रतु औय चयक। अत् उऩयोक्त फातों से आऩ सभझ ही गए होंगे कक आमुर्वेद क्मा है।
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%85%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B0https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A6%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7_%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%AA%E0%A4%A4%E0%A4%BFhttps://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A6%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7_%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%AA%E0%A4%A4%E0%A4%BFhttps://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A5%80https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%87%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A7%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A4%B0%E0%A4%BFhttps://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B6%E0%A5%80https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A5%8B%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B8_(%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B6%E0%A5%80)https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%81%E0%A4%A4https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%85%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BFhttps://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%9C
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