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ज्ञान गंगा
कहानी संग्रह
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EDUCREATION PUBLISHING
RZ 94, Sector - 6, Dwarka, New Delhi - 110075 Shubham Vihar, Mangla, Bilaspur, Chhattisgarh - 495001
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© Copyright, 2019, Yogendra Singh
All rights reserved. No part of this book may be reproduced, stored in a retrieval system, or transmitted, in any form by any means, electronic, mechanical, magnetic, optical, chemical, manual, photocopying, recording or otherwise, without the prior written consent of its writer.
ISBN: 978-93-88910-27-9
Price: ` 225.00
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Printed in India
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ज्ञान गंगा
कहानी संग्रह
योगेन्द्र ससंह
EDUCREATION PUBLISHING (Since 2011)
www.educreation.in
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ज्ञान गंगा
कहानी संग्रह
Copyright © योगेन्द्र ससंह 2019 All Rights Reserved
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लेखक की ओर से
ज्ञान गंगा पुस्तक व्यक्ति के जीवन में आने वाले हर पहलू को
दर्ााती है । इस पुस्तक में आपको अलग अलग कहाननयााँ जीवन
के अलग अलग पहलू को दर्ााती हुई नदखेगी । नजसे हम अक्सर
अनदेखा कर नदया करते है ।
इस नकताब को नलखने की पे्ररणा ईश्वर से नमली और साथ ही
पररवार का साथ भी नमला । मैं उम्मीद करता हाँ यह नकताब
आपको जीवन के उन सभी पहलू को प्रकानर्त करने में मदद
करेगी नजनको लोग अक्सर अनदेखा कर नदया करते है ।
मेरी रु्भकामनायें आप सभी के साथ है जो भी व्यक्ति इस पुस्तक
को इसमें नलखी भावना को समझते हुए पड़ेगा वह अवश्य ही
अपने जीवन को एक सकारात्मक नदर्ा देने में सफल होगा ।
धन्यवाद ।
-योगेन्द्र ससंह
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Yogendra Singh
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"The human species thinks in metaphors and learns
through stories."
Mary Catherine Bateson
"The world is not made of atoms. It is made of
stories."
Muriel Ruykese
"A story is a way to say something that can't be said
any other way."
Flannery O'Connor
"A lost coin is found by means of a candle; the
deepest truth is found by means of a simple story."
Anthony De Mello
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“Stories are memory aids, instruction manuals and
moral compasses.”
Aleks Krotoski
"Every story you tell is your own story."
Joseph Campbell
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सवषय सूची
क्र. सवषय सूची पृष्ठ
1 अच्छाई की रोर्नी 1
2 सहन की र्क्ति 2
3 बुक्ति और नववेक 11
4 इर्ष्ाा का फल 17
5 अहंकार 23
6 नफरत की आग 28
7 सीखने की कला 36
8 सुख-दुुःख का चक्र 43
9 चालाकी का सबक 48
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योगेन्द्र स िंह
1
1. अच्छाई की रोशनी
एक बार की बात है,एक गाांव में एक ककसान रहता था,उसका
नाम श्याम था । उसका एक कमत्र था,किसका नाम रमेश था ।
किसे वह बहुत अच्छा कमत्र मानता था और उसे अपनी हर बात
बताता
था ।
दोनोां की दोस्ती के चचे दूर दूर गाांवो ां तक थे । सभी लोग उनकी
दोस्ती की कमसाल दी िाती थी । श्याम ककसान था और ज्यादा
पढ़ा-कलखा नही था लेककन किर भी बहुत समझदार था और कदल
का अच्छा इांसान था । वही ां रमेश थोड़ा पढ़ा-कलखा और चलाक
था ।
रमेश हमेशा श्याम के सीधेपन का िायदा उठाना चाहता
था,लेककन ना िाने कैसे श्याम हमेशा बच िाता था ।
इस बात की हैरानी रमेश को भी थी लेककन उसे उसकी ककस्मत
मान कर अनदेखा कर देता था ।
गााँव के सभी लोग श्याम के सीधेपन और उसके मधुर व्यवहार से
बहुत प्रभाकवत थे । और गाांव के सभी लोग उसकी तारीि भी
करते थे ।
सब कुछ ठीक चलता रहा था तभी उनके गाांवो ां में सुखा पड़ने
लगा । सभी गाांवो ां वाले कचांकतत थे,ना तो बाररश के कोई आसार
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ज्ञान गिंगा
2
कदखाई दे रहे थे,और ना ही गाांवो ां के कुओां में पानी बचा था । इस
समस्या का हल कनकालने के कलए पांचायत बुलायी गयी ।
पांचायत में सभी ने अपनी अपनी सलाह रखी,लेककन कोई हल ना
कनकला । तभी गाांवो ां के सबसे बुिुगग व्यक्ति ने बताया कक ठीक
ऐसा ही सुखा पहले भी पड़ा था िब वह िवान हुआ करते थे,उस
समय एक ज्ञानी गुरु थे किन्ोांने इस समस्या को दूर ककया था ।
उस समय वह गााँवो ां से थोड़े ही दूर रहते थे,लेककन ऐसा सुना है
कक अब वो यहााँ से बहुत दूर एक िांगल में रहते है,िो यहाां पाांच
गावोां छोड़कर है । ककसी को उनके पास िाना होगा और िो
समाधान वो बतायेंगे वही करना होगा तभी यह समस्या खत्म हो
सकती है ।
अब सवाल यह था कक इतनी दूर िायेगा कौन ? रमेश िनता था
कक अगर वह चला गया और यह काम हो गया तो उसकी तारीिें
श्याम से ज्यादा हो िायेगी ां और उसका नाम दूर दूर तक फ़ैल
िायेगा ।
उसने िाने का कनश्चय ककया,सभी गाांवोां वाले भी इस बात को मान
गये कक रमेश पढ़ा-कलखा है तो यह काम आसानी से कर लेगा ।
लेककन पांचायत का यह भी िैसला था कक श्याम भी रमेश के साथ
िायेगा क्ोांकक दोनोां बहुत अचे्छ दोस्त है और एक से भले दो होते
है ।
दोनोां िाने के कलए राज़ी हो गये । और दोनोां सिर के कलए
कनकल गये । बहुत लम्बा सिर करने के बाद आक्तखर वह उन
गुरु के पास पहुाँच ही गये और उनको अपनी समस्या बताने लगे ।
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योगेन्द्र स िंह
3
गुरु ने बताया कक यह समस्या ककसी श्राप की विह से होती है िो
हर 50 वर्ग बाद आती है । पहले मैं िवान हुआ करता था तब
मैंने इस समस्या को हल कर कदया था लेककन अब मैं बुढा हो
चूका हाँ,इसीकलए मैं इस कायग को नही कर सकता ।
मैं तुमे्ह उपाय बता देता हां और साथ ही यह भी बता देता हाँ कक
कौन इस कायग को कर सकता है ।
गुरु ने बतायाकक तुम्हारे गाांव में िो इांसान साफ़ मन का होगा और
किसने ककसी का बुरा नही सोचा होगा,वही इस समस्या को ठीक
कर सकता है । उसे ही गाांव में इांद्र देवता की पूिा करनी होगी
तभी यह समस्या हल हो सकती है ।
लेककन याद रहे कक पूिा कसिग वही व्यक्ति करे किसने कभी
ककसी का बुरा न सोचा हो । दोनोां दोस्त वापस गााँव आ िाते है ।
अब समस्या यह थी कक ऐसा कौन है कभी ककसी का बुरा ना
सोचा हो ।
सभी गाांव वालोां ने श्याम को इस काम के कलए चुना क्ोांकक वही
एक ऐसा था किसने कभी ककसी से ककसी के बारे में कुछ बुरा नही
कहा ।
यह सब सुन कर रमेश और भी आग बबूला हो गया लेककन सबके
सामने अपनी दोस्ती का कदखावा करने लगा और कहने लगा कक
मेरा दोस्त है ही इतना अच्छा,यह इस काम को आसानी से कर
देगा।
श्याम पूिा की तैयारी में लग गया और रमेश उसकी मदद करने
लगा । अब गाांव से दूर िाकर मांकदर में इांद्र देवता की पूिा करनी
थी साथ में रमेश भी चलने लगा । श्याम पूिा करेगा,
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