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1 SHREE GOVIND GURU UNIVERSITY GODHARA (Established vide Gujarat Act No.24/2015) P.G. COURSES IN HINDI CHOICE BASED CREDIT SYSTEM (Courses: M.A.Semester 1 to IV) June 2019 Onwards ǑहÛदȣ वषय के अनुèनातक क¢ा के छाğɉ के लए जून २०१९ से Đमशः एम..Ĥथम सğ से चतुथ[ सğ तक का चोइस बेइझ Đे डट (CBCS)सèɪम के अनुǽप पाɫयĐम BY BOARD OF STUDIES – HINDI Dr. Suresh B. Patel Dr. J. L .Patel

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  • 1

    SHREE GOVIND GURU UNIVERSITY GODHARA

    (Established vide Gujarat Act No.24/2015)

    P.G. COURSES IN HINDI CHOICE BASED CREDIT SYSTEM

    (Courses: M.A.Semester 1 to IV)

    June 2019 Onwards

    ह द वषय के अनु नातक क ा के छा के लए जून २०१९ से मशः एम.ए. थम स से चतुथ स तक का चोइस बइेझ े डट

    (CBCS) स म के अनु प पा य म BY

    BOARD OF STUDIES – HINDI

    Dr. Suresh B. Patel

    Dr. J. L .Patel

  • 2

    पेपर कोड SEMESTER – II

    पेपर े िड स

    HIN407 िह दी भाषा व प और िवकास 7 4 HIN408 का शा (समी ा संबंधी िविवध वाद) 8 4 HIN409 वातं यो र िह दी सािह य का इितहास 9 4

    HIN410EA व प आधा रत िह दी ग व प (लघु उप यास)

    10 4

    अथवा HIN410EB युग आधा रत िह दी ग ( गितवादी कथा सािह य)

    10 4

    HIN411EA व प आधा रत िह दी प – ( खंड का )

    11 4

    अथवा HIN411EB युग आधा रत िह दी प – ( गितवादी किवता)

    11 4

    HIN 412 SEMINAR 12 4

    पेपर कोड SEMESTER – III

    पेपर े िड स

    HIN501 िह दीतर ांत का िह दी सािह य का इितहास एवं रचना (गुजराती)

    13 4

    HIN502 पा ा य का शा 14 4 HIN503 योजन मूलक िह दी 15 4

    HIN504EA दिलत िवमश 16 4 अथवा

    HIN504EB मिहला लेखन 16 4 HIN505EA तुलना मक सािह य 17 4

    अथवा HIN505EB िह दी का आ दवासी सािह य 17 4

    HIN 506 S SEMINAR 18 4

    SHREE GOVIND GURU UNIVERSITY – M,A. HINDI SEM : I – III

    पेपर कोड SEMESTER – I

    पेपर े िड स

    HIN401 वातं यो र िह दी सािह य का इितहास 1 4 HIN402 सै ांितक भाषा िव ान 2 4 HIN403 भारतीय का शा 3 4 HIN404 लोक - जागरण कालीन सािह य (प ) 4 4 HIN405 भारतीय सािह य

    5 4

    HIN406 S SEMINAR 6 4

  • 3

    पेपर कोड SEMESTER – IV

    पेपर े िड स

    HIN507 िह दी भाषा िश ण एव ंकोश िव ान 19 4 HIN508 शोध- िविध 20 4 HIN509 अनवुाद अ ययन 21 4 HIN510 िविश सािह यकार – (सूयका त ि पाठी िनराला) 22 4 HIN511 िह दी रंगमंच 23 4

    HIN512 PT ोजे ट वक

    24 4

    SHREE GOVIND GURU UNIVERSITY – M,A. HINDI SEM : IV

    ----------------------------------------------------------------------------------------------------------------

    अंक वभाजन : आ त रक पर ा 30 + बा य पर ा 70 = कुल 100 अंक

    नप का व प और अंक वभाजन (बा य पर ा )

    न म न का कार अंक कुल अंक

    1 आलोचना मक न अथवा आलोचना मक न 14 × 01 14

    2 आलोचना मक न अथवा आलोचना मक न 14× 01 14

    3 आलोचना मक न अथवा आलोचना मक न 14× 01 14

    4 ट णी मूलक/ या या मक न 06× 03 18

    5 व तु न ठ न 01× 10 10

    कुल अंक ----------- 70

  • 1

    M.A. HINDI SYLLABUS SGGU

    SEMESTER - I

    HIN401 - वातं यो र िह दी सािह य का इितहास (4 े िड स)

    A - Objectives

    This course will enable the students

    1. To understand Hindi Literature in the historical perspective.

    2. They will know the importance and tradition of History writing in Hindi Literature

    3. Literature is closely associated with society. Literature reflects the social systems prevailing in society. This course will help the students to understand the social systems prevailing in the society.

    B - Outcome of the Course

    1. Develop the skill of gathering information in a scientific manner.

    2. Develop right perspective towards society.

    यिूनट – 1 - िह दी सािह य के इितहास-लेखन के आधार - ोत

    -इितहास अथ एवं व प

    - िह दी सािह येितहास क पर परा और उसके आधार

    -काल िवभाजन एवं नामकरण

    यिूनट - 2 वातं यो र िह दी किवता

    नई किवता* ऐितहािसक आधार

    नई किवता म योग और ितमान

    सामियक प रवेश और नई किवता

    (*नई किवता क पूव भूिमका के प म योगवाद क चचा कर)

    यिूनट - 3 साठो री िह दी किवता

    कुछ मुख का आंदोलन और साठो री किवता

    साठो री किवता क िवशेषताए

    यिूनट - 4 वातं यो र िह दी नाटक एवं एकांक – पृ भूिम एवं वृि याँ*

    िह दी के मह वपूण योगशील नाटक एवं नाटककार तथा वृि याँ

    िह दी के मह वपूण का नाटक एवं नाटककार तथा वृि याँ

    िह दी के मह वपूण एकांक नाटक एवं नाटककार तथा विृ या ँ

  • 2

    सदंभ थं M.A. HINDI SYLLABUS SGGU

    1. नई किवता. डॉ.कािंतकुमार, म य देश िह दी थं अकादमी,भोपाल

    2. नया का नए मू य, लिलत शु ल, मैकिमलन , द ली

    3. िह दी सािह य का इितहास- आचाय रामचं शु ल

    4. नई किवता क ना मखुी भूिमका, डॉ. कुमचंद राजपाल,वाणी काशन द ली

    5. रंगदशन, नेिमचं जैन, राजकमल काशन, द ली

    6. इितहास और आलोचना डॉ.नामवर सह, राजकमल काशन, द ली

    7. िह दी सािह य का इितहास- स-ंडॉ नगे ,

    HIN402 - सै ांितक भाषा िव ान (4- े िड स) A - Objectives

    This Course will enable the students towards-

    1-Basic understanding of formation of Language

    2- To understand the basic reasons behind the behavior of society.

    3-To understand the cultural difference in society

    B - Outcome of the Course

    1-To express thoughts in proper words

    2-Scientific attitude

    यिूनट - 1 भाषा और भाषा िव ान

    भाषा क प रभाषा एवं अिभल ण , भाषा के तीन प

    भाषा प रवतन कारण एवं दशाएं

    भाषा िव ान उपयोिगता एवं मुख शाखाएं

    यिूनट - 2 वन या

    वागवयव और उनके काय

    वन और उनका वग करण

    विनक प रवतन

    विनम क अवधारणा एवं भेद

    यिूनट - 3 प या

    श द एवं पद

  • 3

    िपम क अवधारणा, िपम के भेद संबंधदश , अथदश , मु एवं ब

    प प रवतन कारण एवं दशाए ं

    यिूनट - 4 वा यिव ान

    वा य क अवधारणा, अिनवाय त व, वा य म पदिव यास के आव यक गुण

    वा य के कार

    वा य प रवतन के कारण

    संदभ थं 1- भाषा िव ान और भाषा शा , किपल ि वेदी, िव िव ालय काशन , वाराणसी

    2 - नवीन भाषा िव ान, ितलक सह, काशन सं थान, द ली

    3 - भाषा िव ान, डॉ. भोलानाथ ितवारी, िव िव ालय काशन, वाराणसी

    HIN 403 – भारतीय का शा (4 े िड स)

    A - Objectives

    This course will enable students

    1. To develop analytical quality of mind.

    2. Knowledge of the critical traditions in languages.

    3. Knowing the Indian and Western Critical Thoughts and Aesthetics.

    B - Outcome

    1. Analytical and composed mindset

    2. Correct and wise usage of expression

    यिूनट - 1

    1. का शा का मह व एव ंउपादेयता

    2. िह दी का -शा क िवकासरेखा एवं ल ण

    3. सं कृत का शा क िवकास रेखा एवं ल ण

    यिूनट - 2

    रस िस ांत : रस िवचार क परंपरा,रस का व प,रस िन पि ,साधारणीकरण

    व ोि िस ांत: व ोि का अथ,प रभाषा एवं व प , व ोि के भेद,

  • 4

    M.A. HINDI SYLLABUS SGGU

    यिूनट - 3

    विन िस ांत: विन का अथ, प रभाषा एवं व प, विन िस ांत क थापनाएं, विन के भेद,

    रीित िस ांत : रीित का अथ, प रभाषा एवं व प,रीित के भेद, रीित िस ांत क मुख थापनाएं

    अलंकार िस ांत: अलंकार का अथ, प रभाषा,ल ण एव ं व प, का म अलंकार का मह व,

    यिूनट-4

    औिच य िस ांत : औिच य का अथ, प रभाषा एवं व प, औिच य के भेद, औिच य िस ांत क मुख थापनाएं

    िह दी आलोचना एव ंउसक मुख वृि यां,िह दी समी ा एवं समी क ,

    संदभ थं

    1. भारतीय का िस ातं, संपादक डॉ. नगे , डॉ.तारकनाथ बाली, हदी मा यम काया वयन, िनदेशालय द ली िव िव ालय

    2. िह दी का शा के आधारभूत िस ांत और उसक िवकास परंपरा, डॉ. वकट शमा, राज थान िह दी थं अकादमी, जयपुर

    3. िह दी आलोचना क पा रभािषक श दावली, डॉ. अमरनाथ, राजकमल काशन द ली

    4. रस िस ांत और सौ दय शा , िनमला जैन, वाणी काशन, द ली 5. अिभनव का रस िववेचन, िव िव ालय काशन, वाराणसी 6. िह दी का शा के आधारभूत िस ांत और उनक िवकास परंपरा, डॉ.वकट शमा, राज थान

    िह दी ंथ अकादमी, जयपुर 7. चतामणी-1, आचाय रामचं शु ल, काशन सं थान , द ली

    HIN 404 - लोक - जागरण कालीन सािह य (प ) (4 े डी स)

    A - Objectives

    This Course will help the students to

    1. Learn different forms, languages, and traditions of poetry.

    2. Knowledge of the basic unity in Indian thought tradition.

    3. Understanding Indian people and their traditions.

    B - Outcome

    1. Inculcation of values of Compassion, Forgiveness and Equality.

    यिूनट - 1

    म यकाल क िविभ धम-साधनाएँ

  • 5

    म यकाल म भि का व प

    भि एवं लोक-जागरण

    यिूनट - 2

    सगुण एव ंिनगुण भि

    िह दी राम भि किवता का प रचय एवं िवशेषताए ँ

    मराठी िनगुण भि का प रचय एवं िवशेषताएं

    यिूनट - 3

    तुलसीदास का संि प रचय

    किवतावली का अ ययन (अयो या कांड, अर यकांड एवं क कधाकांड)( (गीता ेस गोरखपुर क पु तक)

    रामभि का म तुलसी का मह व

    यिूनट - 4

    संत ाने र का संि प रचय

    ाने री का अ ययन कुल 35 ओवी)

    मराठी संत का म ाने र का मह व

    पा एव ंसदंभ ंथ

    किवतावली , गीता ेस गोरखपुर

    ाने री , सािह य अकादमी, द ली का काशन

    किवतावली, टीकाकार लाला भगवानदीन दीन, िव नाथ साद िम , काशन – रामनारायण बेनी साद इलाहबाद

    ानदवे, (मराठी सतं किव) पु षो म यशवंत देशपाडें, अनुवाद- िग रधर राठी

    HIN 405 - भारतीय सािह य

    A - Objectives

    This course will encourage the students to

    1. Understand Indian Ethos and culture

    2. Gain knowledge of different Indian cultures and

    3. Gain knowledge of traditions in different Literatures

    B - Outcome

    1. Value of Nationalism and Brotherhood

  • 6

    यिूनट - 1 भारतीय सािह य : अवधारणा , व प तथा अ ययन क सम याएं

    यिूनट – 2 हयवदन – िगरीश कनाड

    हयवदन नाटक का कथासार, हयवदन नाटक क आधिुनकता, हयवदन नाटक के पा ो का च र ांकन , ना कला के आधार पर हयवदन नाटक का मू यांकन

    यिूनट – 3 अि गभ –महा तेादेवी

    अि गभ उप यास का क य, अि गभ उप यास का प रवशे, अि गभ उप यास के पा ो का च र ांकन , उप यास कला के आधार पर अि गभ उप यास का का मू यांकन

    यिूनट – 4 हयवदन नाटक म सम याएं , अि गभ उप यास म सम याएं

    पा -पु तक एव ंसदंभ थं

    1. हयवदन–िगरीश कनाड पो युलर काशन,मंुबई

    2. अि गभ, राधाकृ ण काशन, द ली

    3. भारतीय सािह य, डॉ राम छबीला ि पाठी, वाणी काशन, द ली

    4. भारतीय सािह य का समे कत इितहास, डॉ. नगे ,, िह दी मा यम काया वयन िनदेशालय, द ली िव िव ालय, द ली

    M.A. HINDI SYLLABUS SGGU

  • 7

    HIN406S - (SEMINAR)

    A - Objectives and Outcome

    This Course will help the students to

    1. To encourage students to develop writing and speaking skills.

    2.

    यिूनट 1 1.िह दी िनबंध उदभव और िवकास 2. िह दी िनबंध के कार

    यिूनट 2 1. अशोक के फूल – जारी साद ि वेदी 2. लोभ और ीित – आ.रामच शु ल

    यिूनट 3 1 ठठुरता आ गणतं – ह रशंकर परसाई 2.यो यता और वसाय का चुनाव - माधव राव स े

    यिूनट 4 1.जमुना के तीरे तीरे- िव ािनवास िम 2. गे ँ और गुलाब रामवृ बनेीपुरी

    यिूनट 5 1. िव ापन युग - मोहन राकेश 2 भोग और भोगा जाना- भा खेतान

    िवशषे सचूना : उपरो यूिन स के येक म से एक िनबंध पर अ ययन करना आव यक ह।ै कुल श द सं या 3000 – 5000 श द क रहेगी। येक यूिनट के संदभ म 1000 श द क साम ी आप दे सकते ह। िनबंध अलग अलग पु तक म ह। िव ाथ इ ह पु तकालय से ा करगे । इससे पु तकालय म जाने का अ यास भी िव ाथ कर सकगे।

    सेमीनार के पा म म िव ा थ से अपेि त है क वे सारे िनबंध पढ़। िह दी ग का सौ दय एव ंिवशेषताएं पहचान और अपने अ यापक के िनदशन म सेिम टर क परी ा के िलए सुवा य अ र म अपन े आलेख तैयार कर। । अपने वग के दौरान िव ाथ िनबंध को ठीक से पढ़ना भी सीख। इससे उनक पा - तुित म सुधार होगा तथा इससे संबंिधत आजीिवका ा करने का उनका कौशल बढ़ेगा। आंत रक परी ा म 2500 श द का आलेख तैयार कर। साथ ही वािचक तुित भी द।

    सेमीनार के परी ण के मापदंड इस कार ह ग े

    1-क य 2- तुित 3-भाषा –कौशल 4- वतं चतन5.मौिखक

  • 8

    SEMESTER - II

    HIN407 - िह दी भाषा व प और िवकास (4 े िड स)

    A - Objectives

    This course will enable the students to

    1. Impart information about Hindi Language and Language construction

    B - Outcome of the Course

    1. Knowledge of the history of Hindi Language and it’s formation

    यिूनट - 1 िह दी क ऐितहािसक पृ भूिम

    भारतीय आय भाषाएं( ाचीन, म यकालीन, आधुिनक)

    खड़ीबोली (िह दी) का उ व और िवकास

    िह दी के िविवध प-िह दु तानी, बोलचाल क िह दी, मानक िह दी, सािहि यक िह दी

    यिूनट - 2 िह दी का भौगोिलक े

    िह दी क उपभाषाएं

    िह दी क बोिलयाँ और उनका े

    यिूनट - 3 िह दी का भािषक व प

    िह दी क वन व था

    िह दी क परचना - (सं ा, सवनाम, िवशेषण, या, या िवशेषण)

    िह दी क वा य संरचना- (वा य क समथता, पदबंध, वा य-िव यास, पद म अ वय)

    यिूनट - 4 िह दी क श द रचना एव ंश द सपंदा

    िह दी क श द रचना- मूल, यौिगक, योग ढ

    श द रचना क िविवध रीितया ँ

    o उपसग- यय लगाकर

    o संिध

    o समास

    o या, सं ा और िवशेषण प बनाना

    श द-संपदा

    o त सम, त व, देशज, िवदेशी

  • 9

    सदंभ थं

    1. िह दी भाषा का उ व और िवकास, हरदेव बाहरी, लोकभातरी काशन, इलाहाबाद

    2. िह दी भाषा का इितहास, धीरे वमा, नागरी चा रणी सभा, वाराणसी

    3. भाषा िव ान- भोलानाथ ितवारी, िव िव ालय काशन वाराणसी

    4. िह दी भाषा और िलिप, डॉ. धीरे , नागरी चा रणी सभा, वाराणसी

    HIN408 - का शा (समी ा संबधंी िविवध वाद)(4 े स)

    A - Objectives

    This course will enable the students

    1. Developing the analytical quality of mind 2. Knowledge of critical traditions in languages 3. Knowledge of the Indian &Western mind through the critical thought and aesthetics

    B - Outcome of the Course

    1. Correct and wise usage of expression and 2. The skill of conceptualizing ideas 3. Tips on social behaviour

    यिूनट - 1 व छ दतावाद

    व प इितहास िवशेषताएं िह दी सािह य पर भाव/संबंध

    यिूनट - 2 अि त ववाद

    दाशिनक आधार इितहास िवशेषताएं िह दी सािह य पर भाव

    यिूनट - 3 मा सवाद

    दाशिनक आधार इितहास िवशेषताएं िह दी सािह य पर भाव

    यिूनट - 4 िवखंडनवाद एव ंउ र- आधिुनक िवमश

    आधुिनकता एवं उ र आधुिनकता भाषायी रणनीित

  • 10

    उ र आधुिनकता क िवशेषताएं िह दी सािह य पर भाव

    संदभ थं

    1. पा ा य का -शा : अधुनातन संदभ, डॉ. स यदवे िम ,लोकभारती काशन, इलाहाबाद 2. पा ा य का शा , िनमला जैन, कुसुम बाँ ठया, राधाकृ ण काशन, द ली 3. हदी आलोचना क पा रभािषक श दावली, डॉ अमरनाथ, राजकमल काशन, द ली 4. पा ा य का शा , िव िव ालय काशन , वाराणसी 5. उ र आधिुनकता और उदय काश का सािह य –डॉ.सुरेश पटेल

    HIN 409 - वातं यो र िह दी सािह य का इितहास(4- े िड स)

    A – Objective

    1. Knowing the Historical perspective of Hindi Prose and Fiction

    2. Knowledge of the Social Systems prevailing in the society

    3. Knowledge of the cultural traditions of the people of the country

    B - Outcome of the Course

    1. Skill of information collection

    2. Development of right perspective towards society

    यिूनट - 1 वातं यो र िह दी उप यास(1947 - 1980)

    क य एवं िश प के तर पर आए प रवतन o लघु उप यास और उप यास, मनोवै ािनक उप यास, आँचिलक उप यास,

    आधुिनकतावादी उप यास, योगवादी उप यास, मुख उप यासकार एवं उनका दान

    o अ ेय, हजारी साद ि वदेी, फणी रनाथ रेणु, उप नाथ अ क, िनमल वमा, म ू भंडारी, मुख उप यास का प रचय

    o सूरज का सातवाँ घोड़ा(धमवीर भारती), राग दरबारी( ीलाल शु ल), अलग अलग वैतरणी (िशव सद सह ) रितनाथ क चाची (नागाजुन)

    यिूनट - 2 वातं यो र िह दी उप यास(1980 - 2000)

    नारी िवमश, दिलत िवमश, उ र-आधुिनकतावादी िवमश (क य एव ंिश प के तर पर) मुख उप यासकार एवं उनका दान मनोहर याम जोशी, ऊषा ि यंवदा, मै ेयी पु पा, कमले र, मुख उप यास

    o अपने अपने राम(भगवान सह), किलकथा वाया बायपास(अलका सरावगी), छ पर(जय काश कदम), आवाँ( िच ा मु ल), मुझे चाँद चािहए( सुरे वमा),

    यिूनट - 3 वातं यो र िह दी कहानी (1947 - 2000)

  • 11

    िविवध कहानी आंदोलन िह दी कहानी म नारी िवमश और दिलत िवमश मुख कहानीकार

    o जैने कुमार, यशपाल, िशव साद सह, म ू भंडारी, मोहन राकेश, काशीनाथ सह, उदय काश, वयं काश

    मुख ी कहानीकार एवं दिलत कहानीकार o उषा ि यंवदा, कृ णा सोबती, मृदुला गग, मणृाल पांडे, , ओम काश वाि मक , मोहनदास

    नैिमशराय, सुशीला टाँकभोरे, सूरजपाल चौहान

    यिूनट - 4 वातं यो र िह दी िनबधं (1947 - 2000)

    1947 - 2000 तक के िनबंध का िवकास मक अ ययन (िह दी िनबंध के िविभ मोड़) मुख िनबंधकार एवं उनका दान (1947 - 1980) हजारी साद ि वेदी, अ ेय, डॉ. नगे मुख िनबंधकार एवं उनका दान(1980 - 2000)

    o िववेक राय, कुबेरनाथराय, िव ािनवास िम , शरद जोशी,

    संदभ थं

    1. उप यास ि थित और गित, चं कांत बां दवडेकर,वाणी काशन, द ली 2. िह दी उप यास, रामदरश िम , राधाकृ ण काशन, द ली 3. कहानी- व प और संवेदनाए,ं राजे यादव, वाणी काशन , द ली 4. िह दी सािह य का दसूरा इितहास, ब न सह, राधाकृ ण काशन, द ली 5. िह दी सािह य का आधा इितहास, सुमन राजे, ानपीठ काशन, द ली 6. छ पर-जय काश कदम, संगीता काशन, द ली, 1994 7. मुि पव मोहनदास नैिमशराय, अनुराग काशन, द ली 1999 8. उप नाथ अ क के उप यास का अनुशीलन ,डॉ.जयिंतलाल पटेल

    HIN410EA - व प आधा रत िह दी ग (4- े िड स)

    लघ ु उप यास

    A - Objectives

    1. Knowledge of Hindi thought process and different prose forms.

    2. To create social understanding and knowledge of human behaviour.

    3. Enjoying the pleasure of language usage

    4. B - Outcome

    1. Learning Hindi prose forms will prove instrumental in creating a better society

    यिूनट - 1 िह दी लघ ुउप यास का व प एवं िवशषेताएं

    उप यास एवं लघु उप यास म व पगत अंतर मुख लघु उप यासकार का प रचय लघु उप यास का व प, ल ण एवं िवशेषताएं

    यिूनट - 2 अपन ेअपन ेअजनबी- अ ये

  • 12

    रचनाकार का प रचय अपने अपने अजनबी उप यास म दाशिनक चतन लघु उप यास के प से अ ययन एवं अनुशीलन

    यिूनट - 3 दौड़ - ममता कािलया

    रचनाकार का प रचय दौड़ उप यास म युगबोध तथा सामािजकता का नया प लघु उप यास के व प क दिृ से अ ययन

    यिूनट - 4 सम प अ ययन

    अपने अपने अजनबी एवं दौड़ उप यास क संरचना भाषा- योग कथा-िश प का अ ययन

    पा थं एव ंसदंभ थं

    अपन ेअपने अजनबी, ानपीठ काशन, द ली

    दौड, वाणी काशन, द ली

    भूमंडलीकरण और उपभो ावाद का यथाथ द तावेज: दौड – डॉ.दे ानी मिहडा

    HIN410EB - यगु आधा रत िह दी ग (4- े िड स)

    ग तवाद कथा सा ह य

    A - Objectives

    1. Knowledge of the thought process prevalent in different ages of Hindi literature

    2. To create social understanding and knowledge of human behaviour.

    3. Enjoying the pleasure of language usage

    B - Outcome

    1. Create a better society.

    यिूनट - 1

    िह दी के गितवादी कथा सािह य का प रचय िह दी के गितवादी कथा रचनाकार का प रचय िह दी के मुख गितवादी उप यास का प रचय

    यिूनट - 2 मुद का टीला- रांगेय राघव

    रांगेय राघव प रचय मुद का टीला के कथानक क समी ा मुद का टीला म हड पाकालीन स यता और सं कृित मुद का टीला म आधुिनकताबोध

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    यिूनट - 3 सती मैया का चोरा- भैरव साद गु

    भैरव साद गु का प रचय सती मैया का चोरा क कथानक क समी ा सती मैया का चोरा म सम या सती मैया का चोरा गितबोध

    यिूनट - 4

    गितवादी सािह य म रांगेय राघव और भैरव साद गु का योगदान

    पा एव ंसदंभ थं

    1’ गितवाद : एक समी ा,डॉ.धमवीर भरती,सािह य मंडल, याग

    2. गितवाद क परेखा ,म मथनाथ गु ,आ माराम ए ड स स, द ली

    3.रांगेय राघव : सािह य और ि व,सं.अमरनाथ.िह दी काशन ,जैनपुर

    4.डॉ. रांगेय राघव और उनके उप यास ,डॉ.लाल सहब सह ,अनपुमा कशन,ब बई

    5.भैरव साद गु के उप यास म सामिजक चेतना,कुमारी ि या अंिबका ,संतोष काशन, द ली

    6.भैरव साद गु ि एवं रचनाकार,सं.िवधाधर शु ल, भा काशन,इलाहाबाद

    HIN411EA - व प आधा रत िह दी प (4- े िड स)

    खडं का

    A - Objectives

    2. Knowledge of Hindi thought process and different prose forms.

    3. To create social understanding and knowledge of human behaviour.

    4. Enjoying the pleasure of language usage

    B - Outcome

    1. Learning Hindi prose forms will prove instrumental in creating a better society.

    यिूनट - 1 खंड का क सै ािंतक भिूमका

    खंडका का व प एवं ल ण मुख वातं यो र िह दी खंड का का प रचय कँुवरनारायण एवं जगदीश चतवुदी का प रचय

    यिूनट - 2 आ मजयी

    संवेदना भाषा-सौ दय आ मजयी क दाशिनकता व पगत अ ययन

  • 14

    यिूनट - 3 सयूपु

    संवेदना भाषा सौ दय सामािजक बोध व पगत अ ययन

    यिूनट - 4 आ मजयी एव ंसयू पु

    िमथक एवं समकालीनता का अथ एवं व प

    आ मजयी एवं सूय पु म िमथक व

    आ मजयी एवं सूय पु म समकालीनता

    सदंभ थं

    1.आधुिनक किवता और िमथक, गग पु पा, संजय काशन , द ली

    2.िमथक और सािह य,नग , नेशनल पि ल शग हाउस,नई द ली 3.िह दी नाटक और िमथक ,डॉ.सुरेश पटेल,अभय काशन,कानपुर

    HIN 411EB युग आधा रत िह दी प (4- े िड स)

    गितवादी किवता

    A - Objectives

    1 Knowledge of Hindi sensibility in different ages of Hindi Literature.

    2 To learn the rhythm of language

    B - Outcome

    1-Instrumental in creating a better individual

    यिूनट - 1 गितवाद व प एवं ल ण

    गितवाद युगबोध ( राजनैितक एवं सािहि यक प रवेश) गितवाद के ल ण गितवाद के मुख किव

    यिूनट - 2 गितवादी सौ दय शा

    - एितहािसक भौितकवाद

    - ा मक भौितकवाद

    - वगगत समाज

    - कला और समाज का संबध

  • 15

    यिूनट – 3 युग क गंगा - केदारनाथ अ वाल

    - केदारनाथ अ वाल का सािहि यक प रचय

    -केदारनाथ क किवता क संवेदना

    - गितवादी सौ दय शा क दृि से केदारनाथ अ वाल क किवता का मू यांकन

    यूिनट - 4 युगधारा - नागाजुन

    -नागाजनु का सािहि यक प रचय

    - नागाजनु क किवता क संवेदना

    - गितवादी सौ दय शा क दृि से नागाजुन क किवता का मू यांकन

    पा थं एव ंसदंभ थं

    1. युग क गंगा - केदारनाथ अ वाल 2. युगधारा – नागाजुन 3. िह दी क गितशील किवता का व प और ितमान –मृ यंुजय – समर काशन ,मथुरा 4. नागाजुन क किवता म ं य–डॉ.अजयकुमार ,अकादिमक ए सलस, द ली 5. गितशील का धारा और केदारनाथ अ वाल,डॉ.रामिवलास शमा,प रमल काशन,इलाहाबाद 6. आ था के किव केदारनाथ अ वाल – सं. काश ि पाठी,वचन पि लकेशन,इलाहाबाद

    HIN 412 - SEMINAR (4- े िड स)

    Objectives and Outcome

    1. To initiate poetry appreciation and art of poetry analysis.

    इस कोस म िह दी म यकाल के किव और उनक रचना का वष दौरान अ यापक ारा अ ययन कराया जाए। आ त रक परी ा के िलए 2500 श द का आलेख जमा करना होगा। वष दौरान कये गए अ यास एवं तुितकरण के आधार पर आ त रक मू यांकन (30 अंक का ) होगा। वषा त

    मू यांकन के िलए कम-से- कम 5000 श द म आलेख जमा करवाया जाए। वा षक मू यांकन 70 अंक का होगा। बा तुितकरण के िलए कसी दो किव अथवा उनक दो रचना पर सेिमनार पपेर देना होगा।

    सरूदास - तलुसीदास – मीरांबाई – नदंदास रहीम - कबीर - गु नानकदेव - मलकूदास

    जायसी - रसखान - घनानदं - िबहारी

    मू याकंन के आधार ( आंत रक एव ंबा दोन के िलए)

    1- क य 2- तुित 3- भाषा 4- वतं चतन 5 मौिखक

    M.A. HINDI SYLLABUS SGGU

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    SEMESTER - III

    HINDI 501 - िह दीतर ांत का िह दी सािह य का इितहास एव ंरचना (4- े िड स)

    (गजुराती)

    A - Objectives

    Gujarat has a close linguistic and cultural link with Hindi. This course will enable the students to have information and knowledge of Hindi Literature written in Gujarat since medieval times.

    B - Outcome of the Course

    It will strengthen the cultural ties and develop the feeling of belongingness in the students.

    Students will have the practical experience of the importance of the National Language Hindi.

    यिूनट - 1 गजुरात म िलखा िह दी का म यकालीन सािह य

    वै णव भि का -धारा

    o सं दाय मु एवं सं दाय ब का धारा

    संत का धारा

    o दादूदयाल एवं अखाजी क का धारा

    o वामीनारायण का परंपरा

    यिूनट - 2 गजुरात म िलखा िह दी वातं यो र का सािह य(प )

    वातं यो र िह दी किवता का इितहास

    यिूनट - 3 गजुरात म िलखा िह दी वातं यो र का सािह य(ग )

    वातं यो र िह दी उप यास का इितहास

    यिूनट - 4 गजुरात म िलखा िह दी वातं यो र का सािह य(ग )

    वातं यो र िह दी कहानी का इितहास

    संदभ थं

    1. गुजरात के िह दी सािह य का इितहास, रमण पाठक, पा काशन, अहमदाबाद 2. गुजरात का म यकालीन िह दी सािह य, भगवत शरण अ वाल, िह दी सािह य अकादमी,

    गाँधीनगर 3. आधुिनक िह दी सािह य- गुजरात, सं रधुनाथ भ , िह दी सािह य प रषद,् अहमदाबाद 4. गुजरात का वातं यो र िह दी लेखन, सं-रघुवीर चौधरी, वािचकम् िह दी िवभाग, गुजरात

    युिनव सटी, अहमदाबाद 5. गुजरात का समकालीन िह दी सािह य, सं-डॉ. अंबाशंकर नागर, िह दी सािह य प रषद,्

    अहमदाबाद

  • 17

    HIN502 – पा ा य का शा (4- े िड स)

    A - Objectives

    This Course will help

    1- To teach fine intricacies of poetry prevalent in Indian and Western Criticism

    B - Outcome of the Course

    1- Students will develop insight for understanding and analyzing poetry.

    यिूनट - 1

    पा ा य का -शा क िवकासरेखा एवं ल ण

    लेटो के का संबंधी िवचार : का स य,का सृजन का दवैी ेरणा िस ांत,अनुकरण िस ांत

    अर तू के का संबधंी िवचार :अनुकरण िस ांत,िवरेचन िस ांत, ासदी

    यिूनट - 2

    जॉन ाइडन के का संबंधी िवचार : का िस ांत, क पना िस ांत

    टी एस इिलयट के का संबंधी िवचार: क पना िस ांत,िनवयि कता का िस ांत,व तुिन समीकरण

    यिूनट-3

    सै युअल टेल कॉल रज के का संबंधी िवचार : क पना िस ांत

    िविलयम वडसवथ के का संबंधी िवचार : भाषा िस ांत

    यिूनट-4

    आई.ए. रच स के का संबंधी िवचार: मू य िस ांत,स ेषण िस ांत, ावहा रक आलोचना

    होरेस का औिच य िस ांत

    ोचे का अिभ ंजना िस ांत

    संदभ थं

    1. िह दी का शा के आधारभूत िस ांत और उनक िवकास परंपरा, डॉ.वकट शमा, राज थान िह दी ंथ अकादमी, जयपुर

    2. पा ा य सािह य चतन, िनमला जनै, कुसुम बां ठया, राधाकृ ण काशन, द ली 3. पा ा य का शा अधनुातन संदभ, डॉ स यदवे िम , लोक भारती काशन, इलाहाबाद

  • 18

    4. सजन और भािषक संरचना,राम व प चतुवदी,लोकभारती काशन, इलाहाबाद 5. कॉल रज और उनका सािह यशा , डॉ.उदयशंकर ीवा तव, जवाहर पु तकालय, मथुरा 6. का चतन क पि मी परंपरा, िनमला जैन, वाणी काशन 7. पा ा य का शा , डॉ स यदवे िम , लोकभारती काशन, इलाहाबाद

    HIN503 - योजन मूलक िह दी(4- े िड स)

    A - Objectives

    1. To train the students to use correct language usages 2. To train students for job opportunities. 3. Combining the traditional knowledge with modern system and techniques

    B - Outcome of the Course

    1. Develop technical know-how 2. Skill acquired for implementing the use of Language in varied forms and manners

    यिूनट - 1 कामकाजी िह दी

    िह दी के िविभ प- o सजना मक भाषा, संचार भाषा, राजभाषा, मा यम भाषा, मातृभाषा

    पा रभािषक श दावली- व प एवं मह व, यिूनट - 2 िह दी-कं यू टग िह दी कं यू टग क ाथिमक जानकारी यूिनकोड इ टरनटे संपक उपकरण का प रचय िह दी लॉग-िनमाण का इितहास पावर- पॉई ट ेज़े टेशन तथा ए सेल का प रचय यिूनट - 3 दृ य-मा यम िसनमेा, फ म, टेलीिवज़न

    दृ य मा यम म भाषा क कृित

    पटकथा लेखन, टेली – ामा, डॉ यू- ामा

    दृ य एवं साम ी का सामंज य

    यिूनट - 4 -मा यम रेिडयो मा यम म भाषा क कृित रेिडयो नाटक समाचार लेखन फ चर तथा रपोताज

    संदभ थं

    1. राजभाषा िह दी, कैलाशचं भा टया, वाणी काशन, द ली 2. िह दी म मीिडया लेखन और अनवुाद, डॉ.रामगोपाल सह, पा काशन, अहमदाबाद 3. फचर लेखन- व प और िश प, डॉ.मनोहर भाकर, राजकमल काशन, द ली 4. इलो ािनक मीिडया, सुधीर सोनी, युिनव सटी पि लकेशन, जयपुर 5. योजन मूलक िह दी, डॉ.रामगोपाल सह, पा काशन, अहमदाबाद

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    6. जनसंचार िविवध आयाम, डॉ मािणक मृगेश, वाणी काशन, द ली 7. समाचार प क भाषा, डॉ मािणक मृगेश, वाणी काशन, द ली 8. ावहा रक िह दी, राम कशोर शमा, लोकभारती काशन, इलाहाबाद 9. दृ य- एवं संचार मा यम,डॉ कृ णकुमार र ू, राज तान िह दी ंथ अकादमी, जयपुर 10. हदी लॉ गग :अिभ ि क नयी ाि त संपादक अिवनाश वाच पित और रवी भात मू य :

    495/- ( डाक खच अलग से( काशक :हदी सािह य िनकेतन, 16, सािह य िवहार, िबजनौर )ऊ.(. 246701

    HIN504EA - दिलत िवमश (4- े िड स)

    A - Objectives

    1. Study of post-modern literary trends. 2. Knowledge about marginal issues.

    B - Outcome of the Course

    1. Widening of cultural area of understanding. 2. Expansion of Sensibilities.

    यिूनट – 1 दिलत िवमश

    दिलत सािह य क पृ भूिम, दिलत सािह य के ेरणा ोत, दिलत सािह य का व प

    यूिनट - 2 भारतीय दिलत सािह य िह दी दिलत सािह य

    यिूनट - 3 िशकंज ेका का दद –सुशीला टाकभौरे

    सुशीला टाकभौरे का प रचय िशकंजे का का दद - म दिलत िवमश िशकंजे का का दद के नामकरण क यथाथता

    यिूनट - 4 जठून – ओम काश वा मी क

    ओम काश वा मी क का प रचय जूठन – दिलत जीवन का द तावेज जूठन के नामकरण क यथाथता

    संदभ थं

    1. िशकंजे का का दद- सुशीला टाकभौरे, .सं.िश पायन,नई द ली 2. जूठन – ओम काश वा मी क,राधाकृ ण काशन, नई द ली 3. आधुिनक सािह य म दिलत चेतना, सं-देवे चौबे, ओ रएंट लैक वान, द ली 4. दिलत सािह य- व प और संवेदना, सूयनारायण रणसुभे, अिमत काशन गािजयाबाद 5. अि मता के संघष म दिलत समाज, ईश कुमार, अकादिमक ितभा, द ली

  • 20

    6. दिलत क त िह दी उप यास, डॉ. दलीप महेरा अभय काशन ,कानपुर 7. दिलत चेतना और ी, सं- िवजय कुमार संदेश, डॉ. नामदेव, लािसकल पि ल शग कंपनी, नयी

    द ली 8. दिलत सौ दयशा , ओम काश वाि म क, राधाकृ ण काशन , द ली

    IN504EB - मिहला लखेन(4- े िड स)

    A - Objectives

    1- Study of post-modern literary trends. 2- Knowledge about marginal issues.

    B - Outcome of the Course

    1- Widening of social and cultural areas of understanding.

    2- Expansion of traditional sensibilities.

    यिूनट - 1 नारीवादी सािह य

    नारीवादी सािह य व प एवं अवधारणा चेतना, िवमश, वाद, मिहला लेखन

    यिूनट - 2 िह दी मिहला लखेन का इितहास

    वतं ता पूव मिहला लेखन

    वातं यो र लेखन लेखन

    यिूनट - 3 मध ुकाकं रया (प ाखोर)

    िव ेणा मक अ ययन

    यिूनट - 4 राजी सठे (िन कवच)

    नारीवादी अ ययन

    संदभ थं

    1. िह दी सािह य का आधा इितहास, सुमन राजे, ानपीठ काशन , द ली 2. ृंखला क किडयाँ, महादवेी वमा, लोकभारती काशन, इलाहाबाद 3. नारीवाद राजनीित, सघंष और मु े, (सं)साधना आय, िह दी मा यम काया वयन िनदेशालय द ली

    िव िव ालय, द ली 4. आधुिनक कथा सािह य म नारी- व प और ितमा, स-ंडॉ उमा शु ल, डॉ.माधुरी छेड़ा,अरिव द काशन

    बबंई 5. भारतीय नारी-कल आज और कल, सरोज गु ा, काशन सं थान, द ली

    M.A. HINDI SYLLABUS SGGU

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    HIN505EA - तलुना मक सािह य*(4- े िड स)

    A - Objectives of the Course

    1. To develop the literary understanding of different literatures. 2. To broaden and sharpen the critical faculty.

    B - Outcome of the Course

    1. Will Understanding Literature in cultural contexts.

    यिूनट - 1तलुना मक सािह य प रचय

    अवधारणा, अथ ,प रभाषा, व प तुलना मकता के े तुलना मक सािह य का मह व, िविध एवं ासंिगकता

    यिूनट - 2 क ब रामायण (अयो या कांड) कथा , व तु , मह व

    यिूनट - 3 रामच रतमानस (अयो या काडं) कथा , व त ु , मह व

    यिूनट - 4 कृितय का तलुना मक अ ययन कथा क दिृ से व तु क दिृ से मह व क दिृ से

    *( कसी एक सािहि यक व प का तुलना मक अ ययन)

    जयशकंर साद का चं गु त

    अंधायुग धमवीर भारती

    अखा , कबीर

    संदभ थं

    1. तुलना मक सािह य क भूिमका- इ नाथ चौधुरी 2. तुलना मक सािह य-संपादक- डॉ.नगे 3. तुलना मक सािह य- महावीर सह चौहान 4. Comparative Literature, Master and Method, A Owen Aldridge, Urbana 5. Comparative Literature, Theory and Practice, Editor- Amiya Dev,

    Sisirkumar

  • 22

    6. तुलना मक अ ययन- िनकष एव ं िन पण, ो.आई.एन. चं शेकर रे ी, काशन सं थान, द ली

    7. तुलना मक सािह य और अनुवाद, ो. बी.वाय लिलतांबा, अिवराम काशन, द ली

    HIN505EB - ह द का आ दवासी सा ह य (4 े िड स)

    A - Objectives

    Study of post-modern literary trends. Knowledge about marginal issues.

    B - Outcome of the Course

    Widening of cultural area of understanding. Expansion of Sensibilities.

    यिूनट – 1 . ह द का आ दवासी सा ह य

    आ दवासी सा ह य : अथ,प रभाषा , व प

    आ दवासी सा ह य क सा हि यक वशेषताए ं

    आ दवासी सा ह य :उ भव और वकास

    यिूनट – 2 ह रराम मीणा का यि त व –कृ त व

    ‘धूणी तपे तीर ’ उप यास का कथानक

    यिूनट – 3 धूणी तपे तीर उप यास म य त गो वदंगु क सामािजक चतेना

    ‘धूणी तपे तीर उप यास क समसामा यकता

    उप यास कला के आधार पर ‘धूणी तपे तीर’ उप यास का मू यांकन

    यिूनट - 4 मगंल सहं मु डा का यि त व –कृ त व

    ‘छैला स द’ु उप यास का कथानक

    ‘छैला स द’ु उप यास क समसामा यकता

    उप यास कला के आधार पर छैला स द ुउप यास का मू यांकन

    संदभ थं

  • 23

    1. धूणी तपे तीर ,ह रराम मीणा,राजकमल काशन,नई द ल

    2.छैला स द ु,मगंल सहं मु डा, राजकमल काशन,नई द ल

    3.आ दवासी एवं उपे त जन,डॉ.भीमराव पगंले, वकास काशन ,कानपुर

    4. मीणा जनजा त एक प रचय,ल मीनारायन मीणा,म य देश ह द ंथ अकादमी,भोपाल

    5.उप यास का आंच लकता वतायन,डॉ.रामपत यादव, चतंन काशन ,कानपुर

    6.आ दवासी वर और नयी शता द ,सं.रम णका गु ता,वाणी काशन,नई द ल

    7.मु डा आ दवा सय क भाषाए ंऔर सं कृ त,डॉ. पांश ुमाला,जयभारती काशन,इलाहाबाद

    HIN506S - (4 े िड स)

    A - Objective of the Course. To encourage students in professional and critical writing

    B - Outcome of the Course

    Students will be able to apply the theoretical knowledge learnt during the semester.

    मेचदं – फणी रनाथ रेण-ु जनैे - भगवती चरण वमा –यशपाल – अमतृलाल नागर –िनमल वमा-

    भी म साहनी – राज यादव - म ूभडंारी – जय शकंर साद – कमले र- धमवीर भारती – सरु वमा - उपे नाथ अ क (उप यासकार और उनके उप यास )

    सूचना :

    िव ाथ इस पा म म अपनी िच के अनुसार उपरोकत म से उप यासकार और उनके उप यास चुन सकता है। म य-सेिम टर परी ा के िलए 2500 श द का आलेख जमा करना होगा। वषा त म कम-कम 5000 श द म आलेख जमा करवाया जाए। । वष दौरान कये गए अ यास एवं वषा त म कए ए तुितकरण के आधार पर आंत रक मू यांकन (30 अंक का ) होगा। बा

    तुितकरण के िलए कसी दो उप यासकार अथवा उनके दो उप यास पर सेिमनार पेपर देना होगा। सेमीनार के परी ण के मापदंड इस कार ह गे

    1-क य 2- तुित 3-भाषा –कौशल 4- वतं चतन 5 मौिखक

    M.A. HINDI SYLLABUS SGGU

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    SEMESTER - IV

    HIN507 - िह दी भाषा िश ण एव ंकोश िव ान (4- े िड स))

    A - Objectives

    1-Gujarat is a Non-Hindi speaking State.

    2-Impart proper training to the students regarding the different uses of Hindi Language.

    B - Outcome of the Course

    1-Students will learn to use language in different formats

    यूिनट - 1 िविभ कार के भाषा पाठ का अ ययन

    िस ांत और अनु योग-पाठ िव ेषण क या- प, पद, वा य, वा य ोि भाषा पाठ-संरचनाः वा य तथा अथ

    ( थम रि म, नौका िवहार तथा वह बु ा) यूिनट - 2 ितरेक भाषा िश ण (गजुराती तथा िह दी)

    गुजराती क िवभि यां िह दी क िवभि याँ गुजराती के लग िह दी के लग

    यूिनट - 3 िनबधं लखेन * िनबंध क भाषा िनबंध क शैली िविभ कार के िनबंध म यु भाषा का पाठ िनबंध लेखन

    यूिनट - 4 कोश- िनमाण

    िविभ कार के कोश का प रचय, ,मह व एव ंउपयोिगता

    िह दी कोश का प रचय

    कोश िनमाण के िस ांत

    कोश िनमाण म आने वाली बाधाएं

    संदभ थं

    1. भाषा िश णःिस ांत एवं िविध, मनोरमा गु ा, के ीय िह दी सं थान आगरा 2. ावहा रक िह दी ाकरण, के ीय िह दी सं थान, आगरा 3. मानक िह दी के शु योग,( चार भाग)रमेश चं महेरो ा, राधाकृ ण काशन, द ली 4. िह दी तथा गजुराती का तुलना मक ाकरण िवचार,सािह य संकुल सं थान, सािह य सगंम

    काशन, सूरत 5. सरल िह दी,यासमीन सु तान नक़वी, कताब महल,इलाहाबाद

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    HN508 - शोध- िविध(4- े िड स)

    A - Objectives

    1- To teach how to systemize knowledge.

    B - Outcome of the Course

    1- Develop scientific attitude

    यिूनट - 1 शोध क प रभाषा व प एव ंमह व

    शोध का अथ, े , कृित,

    शोध के त व

    शोध और समी ा

    शोध का उ े य एव ंमह व

    यिूनट - 2 शोध के कार

    सािहि यक शोध तुलना मक शोध ऐितहािसक शोध भाषा वै ािनक शोध

    o शैली वै ािनक शोध o समाज भाषा वै ािनक शोध o मनोभाषा वै ािनक शोध

    अ त व ाक यशोध o सािह य का समाज शा ीय शोध o सािह य का मनोवै ािनक शोध

    यिूनट - 3 शोध के उपकरण या एव ं िविध

    पु तकालय, अ तजाल शोध या

    o चयन, संकलन, िनमाण, कार, संदभ, सूची अवतरण, िनदश आ द शोध िविध

    o आलोचना मक िविध o वै ािनक िविध o भािषक अनुसंधान िविध o श द-कोश िनमाण क िविध

    यिूनट - 4 शोध-प

    शोध-प लेखन - या एवं िविध

    संदभ थं

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    1- सािहि यक अनुसंधान के आयाम, डॉ. रवी कुमार जैन, ने ल पि ल शग हाउस, द ली 2- शोध व प एवं मानक ावहा रक कायिविध, बैजनाथ सहल, मैकिमलन कंपनी, द ली 3- अनुसंधान- व प एवं िविध, डॉ. रामगोपाल शमा दनेश, राज थान िह दी ंथ अकादमी,

    जयपुर 4- अनुसंधान क या-डॉ. सािव ी िस हा, डॉ िवजये ातक, ने ल पि ल शग हाऊस, द ली 5- आधुिनक शोध-प ित, डॉ. रामगोपाल सह जादौन, सािह य सं थान, गािजयाबाद 6- शोध- िविध, डॉ िवनयमोहन शमा, ने ल पि ल शग हाऊस, नयी द ली

    HIN509 - अनुवाद अ ययन(4- े िड स)

    A - Objectives of the Course

    1- To train the students in the Art of Translation 2- Keep the students abreast of the present day situations

    B - Outcome of the Course

    1 - Easy Placement 2 - Make them self dependant

    यिूनट - 1 सामा य जानकारी

    अनवुाद - प रभाषा, व प , मह व , कार , अनवुाद- या यूिनट - 2 अनवुाद और राजभाषा

    यूिनट - 3 सािहि यक एव ं सािह यतेर अनवुाद का , नाटक, कथा, िनबधं समाज-शा ीय, वै ािनक,प का रता, िविध

    यूिनट - 4 अनवुाद म उ र-आधुिनकता

    संदभ थं

    1. अनुवाद िस ांत क परेखा, डॉ.सुरेश कुमार, वाणी काशन द ली 2. अनुवाद कला,डॉ.एन ई िव नाथ अ यर, भात काशन द ली 3. अनुवाद िस ांत और सम याएँ, रवी नाथ ीव तव,आलेख काशन, द ली 4. अनुवाद साधना, पूरनचंद टंडन,अिभ ि काशन द ली 5. राजभाषा के िवकास म अनुवाद क भूिमका, डॉ गाग गु ,,डॉ.पूरनचंद टंडन,. भारतीय अनुवाद प रषद.्

    द ली 6. अनुवाद का नया चहेरा, डॉ,कृ ण कुमार र ,ूराज थान िह दी थं अकादमी, जयपुर

    HIN510 - िविश सािह यकार - सूयका त ि पाठी िनराला (4- े िड स)

    A - Objective of the Course

    1-To teach how to study an author in totality

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    B - Outcome of the Course

    1-Will learn the technique of studying a particular Author 2-Learn to assess a person in totality.

    यिूनट - 1 सयूका त ि पाठी िनराला का सािह य दान

    संि जीवन प रचय युगीन पृ भूिम कृित व

    यिूनट - सयूका त ि पाठी िनराला क किवता

    छायावाद और सूयका त ि पाठी िनराला क किवता

    िनराला क का या ा

    िनराला क का गत िवशेषताएं

    यूिनट – 3 िनराला क पाचँ किवता का िव षेणा मक अ ययन

    सरोज मृित, कुकुरमु ा , तोडती प थर , राम क शि पूजा , जागो फर एक बार स

    यूिनट – 4 िनराला का सािह य चतन एवं समी ा दृि

    िनराला सािह य क ेरक प रि थितयॉ

    िनराला के सािह य चतन क दशा

    िनराला का िनबंध सािह य

    संदभ पु तक

    1. िनराला रचनावली- , नंद कशोर नवल राजकमल काशन, द ली 2. िनराला क सािह य साधना , रामिवलास शमा, काशन सं थान, द ली 3. िनराला का क छिवयॉ, नंद कशोर नवल, राजकमल काशन, द ली 4. छायावाद , नामवर सह , राजकमल काशन, द ली 5. सिह य ा िनराला ,राजकुमार सैनी , वाणी काशन ,नई द ली

    HIN511- िह दी रंगमंच(4- े िड स)

    A - Objectives

    1. Knowledge of traditional methods of presentation

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    2. Knowledge of social ills 3. Protecting cultural values

    B - Outcome of the course

    1. Confidence to face the problems of society 2. Confidence in handling human behavior

    यिूनट - 1 िह दी नाटक एवं रंगमंच

    िह दी रंगमंच का प रचय और िवकास िह दी नाटक का िवकास िह दी रंगमंच तथा नाटक भेद एवं िवशेषताएँ

    यिूनट - 2 अधँरे नगरी क य क दिृ से अ ययन रंगमंच क दृि से अ ययन

    यिूनट - 3 अधंा यगु

    क य क दृि से अ ययन

    रंगमंच क दृि से अ ययन

    यिूनट - 4 च र िच ण / सदंेश

    अँधेर नगरी म च र िच ण

    अंधा युग म च र िच ण

    अँधेर नगरी का संदेश

    अंधा युग का संदेश

    संदभ थं

    1. अंधा यगु ,धमवीर भारती सजंय बकु सटर, वाराणसी 2. अँधेर नगरी,भारतद ुह र ं , वाणी काशन, द ली 3. िह दी नाटक उ व और िवकास-डॉ.दशरथ ओझा 4. रंगदशन, नेमीचं जैन, राधाकृ ण काशन, द ली 5. िह दी तीक नाटक, रमेश गौतम, नािचकेत काशन, द ली 6. अंधा यगु- पाठ दशन, जयदेव तनेजा, वाणी काशन, द ली 7. िह दी नाटक िविवध प रदृ य,सं.डॉ.सुरेश पटेल और डॉ.दे ानीमिहडा,रिवना काशन , द ली

    HIN512 - PT (4 े िड स)

    A - Objective

    1. To encourage and train the students to handle self expression.

    B - Outcome of the Course

    1. Help the students to prepare for job possibilities.

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    ोजे ट वक

    ततु िवक प म से कसी एक का चुनाव करना होगा।

    शोध-प लेखन टं कत 20-25 पृ

    पांतर टं कत 15 पृ (कहानी से नाटक,)

    ि ट-लेखन टं कत 15 पृ ( अथवा दृ य मा यम के िलए कहानी, एकांक , िनबधं व प का ि ट लेखन)

    अनुवाद टं कत 15 पृ (गुजराती कहानी, एकांक , िनबधं का िह दी म अनुवाद)

    िवशेष सूचनाएं

    ोजे ट अिनवाय प से कं यूटरीकृत होना चािहए।

    शोध प लेखन, पातंर एव ंि ट लेखन म िविध का पालन करना अिनवाय ह।ै

    ====================================================

    एम.ए . (िह दी) के चार सेिम टर के िलए

    परी ा एव ंपरी ण सबंधंी सामा य सचूनाए ं

    कोस 401 स े511i तक के सभी कोसस म येक यिूनट म से पूछा जाए ।

    दीघ 14 अंक का होगा तथा इसका श द िव तार 600-700 श द के बीच िलखा जा सकता ह।ै

    लघु 6 अंक का होगा िजसका श द िव तार 150 श द का रहेगा।

    पाँचवाँ व तुगत कार का होगा। इस म चार यिूनट म से पूछे जाएंगे। य े ब िवक पीय, र थान भर, जोड़ िमलाएं तथा सही गलत वाले ह गे। इस बात का यान रखा जाए क का एक ही सही उ र हो। कुल दस अंक के व तुगत पूछे जाने ह, अतः उपरो सभी कार को यो य याय द ेकर पूछे जाएं।

    नोट – (1 ) 10 अंक के व तुगत उपरो चार यिूनट म से पछेू जाएं। सभी यिूनट म से पूछे जाने अिनवाय है।

    (ब िवक पीय, सही - गलत, र थान, जोड़ बनाएं)

    नोट- (2) 406, 412, 506 तथा 512 समेीनार तथा क प योजना ( ोजे ट-वक) के कोसस ह।

    M.A. HINDI SYLLABUS SGGU