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4031 GI/2016 (1) jftLVªh laö Mhö ,yö&33004@99 REGD. NO. D. L.-33004/99 vlk/kj.k EXTRAORDINARY Hkkx III&[k.M&4 PART III— SECTION 4 izkf/dkj ls izdkf'kr PUBLISHED BY AUTHORITY la- 322] ubZ fnYyh] eaxyokj] vxLr 16] [email protected] 25] 1938 No. 322] NEW DELHI, TUESDAY, AUGUST 16, 2016/SRAVANA 25, 1938 वा᭝य और पᳯरवार क᭨याण मंालय (भारतीय खा सुरᭃा और मानक ᮧािधकरण) अिधसूचना नई ᳰद᭨ली, 16 अगत, 2016 फा.सं.ए-1/मानक/एगमाकᭅ/2012-एफ.एस.एस.ए.आई.(भाग-1).—खा सुरᭃा और मानक (खा उ᭜पाद मानक और खा सहयो᭔य) िविनयम, 2011 का और संशोधन करने के िलए कितपय िविनयमᲂ का िनिलिखत ᱨप, िजसे भारतीय खा सुरᭃा और मानक ᮧािधकरण का, के᭠ीय सरकार के पूवᭅ अनुमोदन से, खा सुरᭃा और मानक अिधिनयम, 2006 (2006 का 34) कᳱ धारा 16 कᳱ उपधारा (2) के साथ पᳯठत धारा 92 कᳱ उपधारा (2) के खंड (ङ) ᳇ारा ᮧदᱫ शिᲦयᲂ का ᮧयोग करते ᱟए बनाने का ᮧताव है, उन सभी िᲦयᲂ कᳱ जानकारी के िलए, िजनके उससे ᮧभािवत होने कᳱ संभावना है, धारा 92 कᳱ उपधारा (1) कᳱ अपेᭃानुसार ᮧकािशत ᳰकया जाता है और यह सूचना दी जाती है ᳰक उᲦ ᮧाᱨप िविनयमᲂ पर उस तारीख से, िजसको उस राजप कᳱ ᮧितयां, िजसमᱶ यह अिधसूचना ᮧकािशत कᳱ जाती है, जनता को उपल᭣ध करा दी जाती हᱹ, तीस ᳰदन कᳱ अविध कᳱ समाि के पात् िवचार ᳰकया जाएगा । आᭃेप या सुझाव, यᳰद कोई हᲂ, मुय कायᭅकारी अिधकारी, भारतीय खा सुरᭃा और मानक िधकरण, खा और ओषिध ᮧशासन भवन, कोटला रोड, नई ᳰद᭨ली-110002 को भेजे जा सकᱶगे या [email protected] पर मेल ᳰकए जा सकᱶगे । उत ᮧाᱨप िविनयमᲂ के संबंध मᱶ ᳰकसी िᲦ से ऊपर िविनद अविध कᳱ समाि के भीतर ᮧा आᭃेपᲂ और सुझावᲂ पर भारतीय खा सुरᭃा और मानक ᮧािधकरण ᳇ारा िवचार ᳰकया जाएगा।

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  • 4031 GI/2016 (1)

    jftLVªh laö Mhö ,yö&33004@99 REGD. NO. D. L.-33004/99

    vlk/kj.k EXTRAORDINARY

    Hkkx III&[k.M&4

    PART III— SECTION 4 izkf/dkj ls izdkf'kr

    PUBLISHED BY AUTHORITY la- 322] ubZ fnYyh] eaxyokj] vxLr 16] [email protected] 25] 1938 No. 322] NEW DELHI, TUESDAY, AUGUST 16, 2016/SRAVANA 25, 1938

    वा य और प रवार क याण मं ालय

    (भारतीय खा सरु ा और मानक ािधकरण)

    अिधसचूना

    नई द ली, 16 अग त, 2016

    फा.स.ंए-1/मानक/एगमाक/2012-एफ.एस.एस.ए.आई.(भाग-1).—खा सुर ा और मानक (खा उ पाद मानक और खा सहयो य) िविनयम, 2011 का और संशोधन करन ेके िलए कितपय िविनयम का िन िलिखत

    ा प, िजस ेभारतीय खा सुर ा और मानक ािधकरण का, के ीय सरकार के पूव अनुमोदन स,े खा सुर ा और मानक अिधिनयम, 2006 (2006 का 34) क धारा 16 क उपधारा (2) के साथ प ठत धारा 92 क उपधारा (2) के खंड (ङ) ारा द शि य का योग करत े ए बनान ेका ताव ह,ै उन सभी ि य क जानकारी के िलए, िजनके उससे भािवत होने क संभावना ह,ै धारा 92 क उपधारा (1) क अपे ानुसार कािशत कया जाता ह ैऔर यह सूचना दी जाती ह ै क उ ा प िविनयम पर उस तारीख स,े िजसको उस राजप क ितयां, िजसम यह अिधसूचना कािशत क जाती ह,ै जनता को उपल ध करा दी जाती ह, तीस दन क अविध क समाि के प ात् िवचार कया जाएगा ।

    आ ेप या सुझाव, य द कोई ह , मु य कायकारी अिधकारी, भारतीय खा सुर ा और मानक ािधकरण, खा और ओषिध शासन भवन, कोटला रोड, नई द ली-110002 को भेजे जा सकगे या

    [email protected] पर मेल कए जा सकगे ।

    उ त ा प िविनयम के संबंध म कसी ि से ऊपर िविन द अविध क समाि के भीतर ा आ ेप और सुझाव पर भारतीय खा सुर ा और मानक ािधकरण ारा िवचार कया जाएगा।

  • 2 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART III—SEC. 4]

    ा प िविनयम

    1. सिं नाम और ारंभ – (1) इन िविनयम का संि नाम खा सुर ा और मानक (खा उ पाद मानक और खा सहयो य) संशोधन िविनयम, 2016 ह ै।

    (2) ये राजप म इनके अंितम काशन क तारीख को वृ ह गे ।

    2. खा सुर ा और मानक (खा उ पाद मानक और खा सहयो य) िविनयम, 2011 म, “फल और स जी उ पाद” से संबंिधत िविनयम 2.3 म,-

    (अ) “तापीय सं कृत सि जयां” से संबंिधत उपिविनयम 2.3.3 के प ात्, िन िलिखत उपिविनयम अंतः थािपत कया जाएगा, अथात्:-

    “2.3.3.क िड बाबंद टमाटर

    1. ाि – इस मानक म सीधे उपभोग के िलए, िजसके अंतगत खानपान योजन भी ह या पुनः पै कग के िलए, य द आव यक हो, थािपत िड बाबंद टमाटर (लाइकोपरिसयम ए कूलटम िमल) के िलए अपे ाए ंिविहत क गई ह और यह उ पाद को तब भी लागू होता ह ै जब उसम यह उपद शत कया जाता ह ै क वह अि म

    सं करण के िलए आशियत ह ै । इसम ऐस ेसुखाए गए टमाटर और प ररि त टमाटर नह आत ेह, िजनम अ य सि जयां, जैस ेइतनी मा ा म िमच और याज़ अंत व ह, जो टमाटर संघटक क सु िच, सरुिभ और उसके वाद को ताि वक प से प रव तत करती ह ।

    2. वणन – इस मानक के योजनाथ, िन िलिखत प रभाषाए ंलागू ह गी:-

    (क) प ररि त, पणू, िछलका रिहत टमाटर – उपयु क म के ऐसे िछलका रिहत टमाटर, िजनका तापोपचार कया गया ह,ै िज ह जल या टमाटर रस िमलाकर या िमलाए िबना अवात-मु त आधान म पैक कया गया ह ै।

    (ख) प ररि त, अपणू, िछलका रिहत टमाटर – उपयु क म के ऐसे िछलका रिहत टमाटर के टुकड़,े िजनका तापोपचार कया गया ह,ै िज ह जल या टमाटर रस िमलाकर या िमलाए िबना अवात-मु त आधान म पैक कया गया ह ै।

    (ग) प ररि त, पणू िछलका सिहत टमाटर - उपयु क म के ऐसे िछलका सिहत टमाटर, िजनका तापोपचार कया गया ह,ै िज ह जल या टमाटर रस िमलाकर या िमलाए िबना अवात-मु त आधान म पैक कया गया ह ै।

    (घ) प ररि त, अपणू, िछलका सिहत टमाटर – उपयु क म के ऐस े िछलका सिहत टमाटर के टुकड़,े िजनका तापोपचार कया गया ह,ै िज ह जल या टमाटर रस िमलाकर या िमलाए िबना अवात-मु त आधान म पैक कया गया ह ै।

    (ङ) शीष दरूी – दोहरी सीवन के शीष और अंतव तु क सतह के तर के बीच क दरूी ।

    (च) िवयोजक रस – िड बे को काटकर खोलने के प ात् और उ पाद को िनकालकर ा कया गया रस ।

    (छ) ु टय का अभाव – बा साम ी, जसैे िछलके (िछलका रिहत टमाटर म) के अवशेष , बीजकोष और अ य अखा पदाथ से मु होने क मा ा और यांि क ित के कारण नकुसानी से भी मु ।

  • ¹Hkkx IIIµ[k.M 4º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 3

    (ज) कलिुषत यिूनट – ऐसे यिूनट, जो पामा, ओला, पाला, आतपदाह, क ट-हािन या या मक िवकार, काल ेध ब या सतह पर एजंाइम गितिविध या कसी अ य कारण ारा का रत कसी ित से कलुिषत ह; ऐसी िवकृित, जो खुली आंख से प प स ेआसानी से दिृ दगोचर ह ै।

    3. आव यक कारक और ािलटी कारक

    (क) सरंचना

    िड बाबंद टमाटर, उपयु क म और एकसमान आकार के चुन े ए, ताज़ा, धुले ए और साफ, ठोस और पके ए टमाटर से तैयार कए जाएगें ।

    (i) वे ावहा रक प से कलुिषत और बा पदाथ से मु ह गे ।

    (ii) उ पाद कृि म रंजक पदाथ और सु िचकारक अिभकमक से मु होगा ।

    (iii) तथािप, उ पाद म ाकृितक मसाले और गम मसाले, मसालेदार तेल, सुगंिधत जड़ी-बू टयां और उनके सारत व, ाकृितक सुगंध और वादवधक व तुए ंहो सकती ह ।

    (ख) प

    िड बाबंद करने के योजन के िलए यु टमाटर िन िलिखत शैिलय के ह गे, अथात्:-

    (i) िछलका रिहत – ऐसे टमाटर, जो उबले ए, िछलका रिहत और पूण या अपूण िड बाबंद ह; और

    (ii) िछलका सिहत - ऐसे टमाटर, जो पहले उबालने और िछलका उतारे िबना पूण या अपूण पैक कए जाते ह

    (ग) अपूण टमाटर के िलए पीसने या काटने के कार के अनुसार प िविन द कया जाना चािहए:-

    (i) कटे ए: घनाकार म कटे टमाटर;

    (ii) लाइस कया आ: लंबवत अ तक लंबाई म िनयिमत मोटाई वाले गोलाकार कटे टमाटर;

    (iii) फान: लगभग चार समान भाग म कटे टमाटर;

    (iv) गूदा या िपसा आ या काटा आ: जब समुिचत हो, िपसा आ, िघसा आ या लगुदी वाला टमाटर

    (घ) पकै के कार

    िन िलिखत म से कसी का उपयोग कया जा सकेगा –

    (i) व मा यम िमलाया आ िनयिमत पैक;

    (ii) कोई व िमलाए िबना ठोस पैक ।

    (ङ) आवरक मा यम के िलए अपे ाए ं

    (i) िड बाबंद टमाटर इन मा यम म पैक कए जा सकगे, जैसे टमाटर रस, जल, टमाटर यूरी और टमाटर पे ट ।

    (ii) िमलाए गए सामा य नमक क मा ा शु भार के 3 ितशत से अिधक नह होनी चािहए । िमलाए गए सामा य नमक क मा ा का अवधारण करत ेसमय, लोराइड क ाकृितक अंतव त ुशु क मान अंतव तु के 2

    ितशत के समान समझी जाएगी ।

  • 4 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART III—SEC. 4]

    (iii) कैि शयम लोराइड को ि थरकारी अिभकता के प म िमलाया जा सकेगा । य द यह िमलाया जाता ह ैतो कुल कैि शयम-आयन अंतव तु पूण प म 0.045 ितशत और अपूण प म 0.080 ितशत से अिधक नह होनी चािहए ।

    (iv) आवरक व का पी.एच. 4.5 से उ तर नह होगा ।

    (च) ािलटी कारक

    िड बाबंद टमाटर, खोलने पर िन िलिखत ल ण द शत करगे ।

    (i) रंग

    उ पाद अ छे, ावहा रक प से एकसमान रंग, पूरी तरह प रप फल के ल ण वाला, ावहा रक प स े‘हरी गांठ ’ या आ सीकरण, सं करण और अ य कारण से कसी िववणन से मु होगा । रंजक- के अिनयिमत िवतरण और रंग म ऐसे प रवतन को, जो सामा यतः उिचत सं करण से सहब ह, ु ट नह समझा जाएगा ।

    (ii) आकार का िव यास और एक पता

    उ पाद का िव यास अ छा होगा िजसका अिभ ाय यह ह ै क उ पाद केवल ि थर न क कठोर या अस यक् प से नरम होगा और वह प रप ता के समुिचत म वाले टमाटर के ल ण वाला होगा । यह ावहा रक प

    से आकार म एकसमान होगा ।

    (iii) वाद और सवुास

    टमाटर ऐसे सु िचकारक और गंध स ेमु ह गे जो उ पाद के िलए िवजातीय ह और उनका रंग समुिचत प से सं कृत यु क म के ल ण वाला होगा ।

    (iv) ु टय का अभाव

    उ पाद ावहा रक प से ु टय से मु होगा । िछलका रिहत उ पाद वा तव म िछलके से मु होगा । िछलका सिहत उ पाद म, िछलका वा तव म अ ु ण होना चािहए ।

    उ पाद अपे ा का अनुपालन करने के िलए, 1 क. ा. शु भार के िलए दी गई िन िलिखत स ता स ेअिधक नह होगा:-

    (1) कालस: 3.5 स.मी.2 कुल े ;

    (2) िछलके क िव मानता (िछलका रिहत टमाटर)

    - पूण प: 30 स.मी.2 कुल े ;

    - अपूण: 125 स.मी.2 कुल े ;

    (3) िछलके का न होना (िछलका सिहत टमाटर)

    - पूण प: 30 स.मी.2 कुल े ;

    - अपूण: 125 स.मी.2 कुल े ;

    (4) उ पाद, नीचे दी गई सारणी म िविन द अपे ा के भी अनु प होगा:-

  • ¹Hkkx IIIµ[k.M 4º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 5

    सारणी – िड बाबंद टमाटर के िलए अपे ाए ं

    म स.ं ल ण अपे ा

    (1) (2) (3)

    1. िड बे म िनवात, िम.मी. म, यूनतम नकारा मक

    2. िड बे म शीष दरूी, िम.मी. म, अिधकतम 7

    3. िड बे क अंतव तु का उ सा रत मान, शु मान क ितशत के प म, यूनतम

    56

    4. संच गणना (मो ड काउंट) परीि त े के 45 ितशत से अिधक नह

    (5) इसम नीचे दी गई सारणी के तंभ 2 म िविन द धाि वक संदषूक, तंभ 3 म िविन द मा ा स ेअिधक नह ह गे:-

    सारणी – िड बाबदं टमाटर म धाि वक सदंषूक के िलए सीमाए ं

    म स.ं धातु संदषूक का नाम भारानुसार ित िमिलयन भाग

    (1) (2) (3)

    1. आसिनक 1.0

    2. सीसा 1.0

    3. ता 30

    4. जक 19

    5. टन 250

    (च) यनूतम भराव

    आधान को उतना भरा जाएगा िजतना वािणि यक प से वहाय ह ै । तथािप, उ पाद आधान क जल मता के 90 ितशत से कम भरा आ नह होगा । आधान क जल मता 27°स. पर आसिवत जल क वह मा ा

    ह,ै जो सीलबंद आधान तब धा रत करेगा जब वह पूरा भरा हो ।

    जब उ पाद को कांच के आधान म पैक कया जाता ह ैतब जल मता को 20 िम.िल. कम कर दया जाएगा ।

  • 6 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART III—SEC. 4]

    (छ) सू मजिैवक अपे ाए ं

    उ पाद –

    (i) ऐसे सू मजीव से मु होगा, िजनका भंडारण क सामा य दशा म िवकास हो सकता ह;ै

    (ii) म सू मजीव से उ प होने वाले ऐसे पदाथ नह ह गे िजनस े वा य को खतरा पैदा हो सकता ह;ै

    (iii) इन िविनयम के प रिश ख म दी गई सू मजैिवक अपे ा के अनु प होगा ।

    4. अ य अपे ाए ं

    िड बाबंद टमाटर म इन िविनयम के प रिश क म अनु ात खा सहयो य हो सकगे ।

    5. पै कग और िच नाकंन

    िड बाबंद टमाटर, खा सुर ा और मानक (पैके जग और लेब लग) िविनयम, 2011 के अधीन यथािविन द पैके जग और लेब लग अपे ा के अनुपालन म ह गे ।

    6. सदंषूक

    िड बाबंद टमाटर, खा सरु ा और मानक (संदषूक, आिवष और अविश ) िविनयम, 2011 के अधीन यथािविन द क टनाशी और नाशकजीवमार, फसल सदंषूक, ाकृितक प स े पैदा होने वाल े िवषा पदाथ के अविश तर से संबंिधत िनबधन और अ य खा सरु ा अपे ा के अनुपालन म ह गे ।”;

    (आ) उपिविनयम 2.3.8 के थान पर, िन िलिखत उपिविनयम रखा जाएगा, अथात:्-

    “2.3.8 – टमाटर का रस

    1. ाि – इस मानक म, सीधे उपभोग के िलए, िजसम खानपान के योजन भी ह या पुनः पै कग के िलए, य द आव यक हो, थािपत टमाटर के रस के िलए अपे ाए ंिविहत क गई ह । यह उ पाद को तब भी लागू होता ह ैजब उसम यह उपद शत कया जाता ह ै क वह अि म सं करण के िलए आशियत ह ै।

    2. वणन – इस मानक के योजनाथ िन िलिखत प रभाषाए ंलागू ह गी:-

    (क) टमाटर का रस – ठोस, ताज़े और पूणतः पके ए टमाटर से ा रस, िजसम नमक को छोड़कर कुल िवलेय ठोस, मान के अनुसार यूनतम 5 ितशत ह गे । रस को छानकर टमाटर के िछलक और अ य थलू भाग से मु कया जाएगा क तु उसम टमाटर के गूद ेसे महीन िवभािजत अिवलेय ठोस हो सकगे ।

    (ख) शीष दरूी – दोहरी सीवन के शीष और अंतव तु क सतह के तर के बीच क दरूी ।

    (ग) ु टया ं– बीज , िछलक . डिंडय , बीजकोष तथा अ य थूल और कठोर पदाथ क िव मानता ।

    3. आव यक सरंचना और ािलटी कारक

    (क) साधारण सरंचना

    टमाटर का रस ठोस, ताज़े और पूणतः पके ए टमाटर से ा कया जाएगा और वह िन िलिखत सभी अपे ा के अनु प होगा, अथात्:-

  • ¹Hkkx IIIµ[k.M 4º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 7

    (i) ला िणक लाल रंग;

    (ii) अ छा सुवास, समुिचत प से सं कृत उ पाद के ल ण;

    (iii) उ पाद िवजातीय वाद, िवशेषकर जले ए या केरेमलीकृत उ पाद के वाद से मु होगा;

    (iv) उ पाद का िव यास और गाढ़ापन एकसमान िवभािजत होगा;

    (v) बा पादप साम ी से, िजसके अंतगत टमाटर के िछलके, बीज और अ य थूल भाग भी ह, मु ;

    (vi) ावहा रक प स े खिनज अशु ता स े मु । खिनज अशु ता अंतव तु, नमक को घटाकर शु क मान अंतव तु के 0.1 ितशत से अिधक नह होगी ।

    (ख) मलूभतू सघंटक

    (i) टमाटर के रस म िमलाए जाने वाले पदाथ, नमक, चीनी, डे स ोस, ए का बक एिसड, िस क एिसड, ाकृितक मसाले, सुगंिधत जड़ी-बू टयां तथा उनके सारत व और ाकृितक सुगंध ह ।

    (ii) उ पाद कसी िमलाए गए रंग या कृि म सुवास से मु होगा ।

    (ग) ािलटी कारक

    (i) उ पाद नीचे दी गई सारणी म िविहत अपे ा के भी अनु प होगा:-

    सारणी – टमाटर के रस के िलए अपे ाए ं

    म स.ं ल ण अपे ा

    (1) (2) (3)

    1. िड बे म िनवात, िम.मी. म, यूनतम नकारा मक

    2. िड बे म शीष दरूी िम.मी. म, अिधकतम 7

    3. मान के अनुसार कुल िवलेय ठोस ितशत (नमक को

    छोड़कर)

    5

    4. मान के अनुसार सोिडयम लोराइड ितशत,

    अिधकतम

    3

    5. शु क मान अंतव तु के मान के आधार पर (िमलाए गए सामा य नमक को घटाकर) कुल टाइ ेबल अ लता ( क टलीकृत मोनोहाइ टे िसट रक एिसड के प म

    अिभ ) ितशत, अिधकतम

    10

  • 8 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART III—SEC. 4]

    6. शु क मान अंतव तु के मान के आधार पर(िमलाए गए सामा य नमक को घटाकर) वा पशील अ लता

    (एसी टक एिसड के प म अिभ ) ितशत, अिधकतम

    0.4

    7. पी.एच. 4.5

    8. मो ड काउंट, अिधकतम सकारा मक े का 45 ितशत

    9. शु क सामा य नमक के मान के आधार पर शकरा अंतव तु( तीप शकरा के प म अिभ ), अिधकतम

    42

    (ii) उ पाद म नीचे दी गई सारणी के तंभ 2 म िविन द धाि वक संदषूक, तंभ 3 म िविन द मा ा स ेअिधक नह ह गे:-

    सारणी – टमाटर के रस म धाि वक सदंषूक के िलए सीमाए ं

    म स.ं धातु संदषूक का नाम भारानुसार ित िमिलयन भाग

    (1) (2) (3)

    1. आसिनक (एएस. के प म) 1.0

    2. सीसा(पीबी. के प म) 1.0

    3. ता (सीयू. के प म) 30

    4. जक(ज़ैडएन के प म) 19

    5. टन(एसएन. के प म) 250

    (घ) यनूतम भराव

    आधान को उतना भरा जाएगा िजतना वािणि यक प से वहाय ह;ै तथािप, उ पाद आधान क जल मता के 90 ितशत से कम भरा आ नह होगा । आधान क जल मता 27°स. पर आसिवत जल क वह मा ा

    ह ैजो सीलबंद आधान तब धा रत करेगा जब वह पूरा भरा हो ।

    जब उ पाद को कांच के आधान म पैक कया जाता ह ैतब जल मता को 20 िम.िल. कम कर दया जाएगा ।

    (ड़) सू मजिैवक अपे ाए ं

    उ पाद –

    (i) ऐसे सू मजीव से मु होगा, िजनका भंडारण क सामा य दशा म िवकास हो सकता ह;ै

  • ¹Hkkx IIIµ[k.M 4º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 9

    (ii) म सू मजीव से उ प होने वाले ऐसे पदाथ नह ह गे, िजनसे वा य को खतरा पैदा हो सकता ह;ै

    (iii) इन िविनयम के प रिश ख के अधीन यथािविन द सू मजैिवक अपे ा के अनु प होगा ।

    ट पण: (1) कुल िवलेय ठोस अंतव त ुका अवधारण लोराइड अंतव तु के अवधारण और िमलाए गए नमक क कटौती करने के प ात् कया जाता ह ै। येक एक ितशत लोराइड के िलए, 1.13 िड ी ि स या 0.0157 अपवतक सूचकांक (20°स. पर) अव य घटाया जाना चािहए । इन सुधार म पूव-िव मान ाकृितक नमक क अंतव तु को िहसाब म िलया गया ह,ै जो 2 ितशत के बराबर समझी गई ह ै।

    (2) िमलाए गए सामा य नमक क मा ा का अवधारण करते समय, लोराइड क ाकृितक अंतव त ुशु क मान अंतव तु के 2 ितशत के बराबर समझी जाएगी ।

    4. अ य अपे ाए ं

    टमाटर के रस म इन िनयम के प रिश क म अनु ात खा सहयो य हो सकगे ।

    5. पकेै जग और िच नाकंन

    टमाटर का रस, खा सुर ा और मानक (पैके जग और लबे लग) िविनयम, 2011 के अधीन यथािविन द पैके जग और लेब लग अपे ा के अनुपालन म होगा ।

    6. सदंषूक

    टमाटर का रस, खा सरु ा और मानक (संदषूक, आिवष और अविश ) िविनयम, 2011 के अधीन यथािविन द क टनाशी और नाशकजीवमार, फसल सदंषूक, ाकृितक प स े पैदा होने वाल े िवषा पदाथ के अविश तर से संबंिधत िनबधन और अ य खा सरु ा अपे ा के अनुपालन म होगा ।”;

    (इ) उपिविनयम 2.3.31, उपिविनयम 2.3.32 और उपिविनयम 2.3.34 के थान पर िन िलिखत उपिविनयम रखा जाएगा, अथात:्-

    “2.3.31 जमै, ू ट जलैी और मामलडे

    1. ाि –

    (क) इस मानक म, सीध ेउपभोग के िलए, िजसके अंतगत खानपान योजन भी ह, या पुनः पै कग के िलए, य द आव यक हो, थािपत जैम, जैली और मामलेड के िलए अपे ाए ंिविहत क गई ह । यह मानक िन िलिखत को लागू नह होता ह ै–

    (i) ऐस ेउ पाद, जब उनम यह उपद शत कया जाता ह ै क वे अि म सं करण के िलए आशियत ह, जैस ेक वे उ पाद, जो महीन बेकरी माल, पे ी या िब कुट के िविनमाण म उपयोग के िलए आशियत ह;

    (ii) ऐसे उ पाद, जो प प से िवशेष आहार संबंधी उपयोग के िलए आशियत ह या आशियत प म लेबलीकृत कए गए ह;

    (iii) लघुकृत शकरा उ पाद या ऐसे उ पाद, िजसम शकरा क मा ा ब त कम ह;ै

    (iv) ऐसे उ पाद, िजसम िमठास गुणधम वाले खा पदाथ को पूणतः या अंशतः खा सहयो य मधुरक ारा ित थािपत कया गया ह ै।

    (ख) ‘प ररि त’ या ‘संरि त’ अिभ ि का योग उन उ पाद को ोितत करन ेके िलए कया गया ह,ै िजनके िलए इस मानक म उपव णत जैम क अपे ा का अनुपालन करना अपेि त ह ै।

  • 10 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART III—SEC. 4]

    2. वणन – इस मानक के योजनाथ, िन िलिखत प रभाषाए ंलागू ह गी:-

    (क) जमै – एक या दो या उससे अिधक कार के उपयु फल घटक से तैयार उ पाद जो क –

    (i) पूण फल, फल के टुकड़,े फल क लुगदी या फल क यूरी होगी;

    (ii) फल रस सिहत या उसके िबना या वैकि पक संघटक के प म सां त फल रस;

    (iii) काब हाइ टे मधुरक के साथ जल सिहत या उसके िबना िमि त; और

    (iv) उपयु गाढ़ेपन तक सं कृत ।

    (ख) ू ट जलैी - एक या दो या उससे अिधक कार के फल के उपयु फल संघटक से तैयार उ पाद, जो क –

    (i) िनलंिबत फल किणका से ावहा रक प से मु ;

    (ii) काब हाइ टे मधुरक के साथ जल सिहत या उसके िबना िमि त; और

    (iii) अध-ठोस गाढ़ेपन तक सं कृत ।

    (ग) मामलडे – एक ऐसा िम ण, िजसे शकरा और िसटरस फल से ा िन िलिखत एक या अिधक उ पाद को उपयु जैलीय गाढ़ेपन तक लाया गया ह:ै

    लुगदी, यूरी, रस, जलीय सारत व और िछलका

    (घ) जलैी मामलेड – ऐसा उ पाद, िजसम से िविनमाण क या के दौरान सभी अिवलेय ठोस पदाथ या बारीक प म कटे िछलके के लघु अनुपात के िसवाय सभी अिवलेय ठोस पदाथ हटा िलए गए ह ।

    (ङ) फल – ताज़े, िहमशीितत, िड बाबंद, सां त या अ य सं कृत या प ररि त फल, जो गुण ास से मु ह, उसम सभी आव यक सघंटक मौजूद ह और पया प से पके ए ह और जो कालस, टा पग और टे लग, बीजकोष, गत को हटाने पर उपयोग के िलए ह ।

    (च) फल लगुदी – फल का वह खा भाग, जो मैश कया आ या टुकड़ म कटा आ ह ै क तु उसे यूरी िजतना पतला न कया गया हो ।

    (छ) फल यरूी – फल के ऐस ेसंघटक, िज ह छानकर, ओटकर या अ य यांि क मा यम ारा महीन प म िवभािजत कया गया ह ै।

    (ज) फल रस – फल से ा ऐसा रस, जो क वन-यो य ह ै क तु अ कि वत ह और िजसका गुणधम, रंग, सुगंध और सु िच ऐसी ह ैजो उस फल म स,े िजसम से वह िनकलता ह,ै िनकाले गए रस का अिभल क ह ै।

    (झ) फल का जलीय सारत व- फल का जलीय सारत व वह ह ैिजसम (समुिचत िविनमाण म आव यक प से होन ेवाले लोप के अधीन रहते ए) उपयोग कए गए फल के सभी जल िवलेय सघंटक ह ।

    (ञ) िवलये ठोस – अंतररा ीय सु ोस मापमान का योग करके क त ुअिवलेय ठोस या बीज के िलए कोई शोधन कए िबना, 20°स. तक शोिधत अपवतनाकंमापी प ित ारा यथाअवधा रत िवलेय ठोस के भार के आधार पर ितशत ।

    (ट) अहािनकर बा वन पित साम ी – िविन द फल के िलए सामा य वन पित साम ी, जैसे प े, पूण िसरे, लंबाई म 10िम.मी. स ेबड़ी डिंडया और कुल 5 िम.मी.2 या अिधक े फल वाले सेपल िनप ।

  • ¹Hkkx IIIµ[k.M 4º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 11

    (ठ) गत (गठुली) – फल , जैसे चैरी म पूण गत या गुठली, जो क सामा यतया गतयु होती ह;ै या लगभग आधे गत का एक टुकड़ा ।

    (ड) गत खडं – आधे गत के समतु य से कम गत के टुकड़ ेऔर िजनका भार कम स ेकम 5 िम. ा. ह ै।

    (ढ) ित त फल – फल का ऐसा टुकड़ा, जो क रोगा मक या अ य मा यम ारा कलुिषत, िवव णत या इस सीमा तक र दा गया ह ै क वह ताि वक प स े भािवत हो गया ह ै।

    (ण) रसती जलैी – ऐसी जलैी, जो शीतलन के प ात् सह या के कारण जल बाहर िनकालती ह ै।

    (त) शकरा टलीकरण – जैम, जैली और मामलेड म शकरा टल क तीित ।

    3. आव यक सरंचना और ािलटी कारक (क) जैम और फल जैली और मामलेड कसी फल सघंटक ारा अकेल े या संय़ोजन ारा तैयार कए जाएगें ।

    (i) तयैार फल मा ा

    जैम, जैली और मामलेड म तयैार फल मा ा, मान के आधार पर 45 ितशत स ेकम नह होगी िसवाय ॉबैरी, रसभरी और अदरक जैम म, िजसम यूनतम फल मा ा 25 ितशत से कम नह होगी । काज ूसेब म

    यूनतम फल मा ा 23 ितशत होगी और जनुून के फल के िलए 8 ितशत होगी । जहां दो या अिधक फल का उपयोग संयोजन म कया जाता ह ैवहां येक फल का मान संयोिजत फल संघटक के मान के 10 ितशत से कम नह होगा ।

    (ii) सघंटक

    ऐसे अ य पदाथ, जो उ पाद म िमलाए जा सकगे वे चीनी, सु ोस, डे ोज़ और तीप चीनी, व लुकोज़, िसट रक और टाट रक एिसड के सोिडयम, पोटेिशयम या कैि शयम लवण ह ।

    (iii) पे टीन

    कसी फल से ु प पे टीन का उपयोग कया जा सकेगा क तु वह अिधकतम एक ितशत तक सीिमत हो । (ख) ािलटी कारक

    (i) जमै

    तैयार उ पाद जैलीय प से गाढ़ा होगा । इसका रंग और सुवास मूल फल जैसा होगा और वह जले ए या अ िचकर सुवास , यंदन, टलीकरण, फफंूदी स ेमु होगा और क वन का कोई संकेत नह दशाएगा ।

    (ii) जलैी और मामलडे

    तैयार उ पाद युि संगत प से एकसमान होगा और अ छी प रर ण ािलटी और आकषक रंग वाला होगा । ू ट जलैी ेषीय गाढ़ेपन वाली होगी । वह व छ, चमकदार, पारदश , फल के कार के अनसुार सामा य आकषक रंग वाला होगा । वह शबती, िचपिचपा या लसलसा नह होगा और उस ेमूल फल का सुवास या सुगंध बनाए रखनी चािहए । उ पाद जल े ए या अ िचकर सवुास , यंदन और टलीकरण स ेमु होगा । मामलेड म िछलके का एकसमान िनलंबन होगा ।

    (iii) ु टया ं

    उ पाद ावहा रक प से ऐसी बा वन पित साम ी से मु होगा जो सामा यतः फल से सहब होती ह,ै जैस,े िछलके, ि कन, ग ,े गत, खंड आ द ।

  • 12 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART III—SEC. 4]

    (iv) कुल िवलये ठोस

    जैम क दशा म कुल िवलेय ठोस मा ा मान के आधार पर 68 ितशत से कम नह होगी और जैली और मामलेड क दशा म, मान के आधार पर 65 ितशत से कम नह होगी ।

    (v) यनूतम भराव

    आधान को उतना भरा जाएगा िजतना वािणि यक प से वहाय ह ै। तथािप, उ पाद आधान क जल मता के 90 ितशत से कम भरा आ नह होगा । आधान क जल मता 27°स. पर आसिवत जल क वह मा ा

    ह ैजो सीलबंद आधान तब धा रत करेगा जब वह पूरा भरा हो ।

    जब उ पाद को कांच के आधान म पैक कया जाता ह ैतब जल मता को 20 िम.िल. कम कर दया जाएगा ।

    4. अ य अपे ाए ं

    जैम, जैली और मामलेड प रिश क म अनु ात खा सहयो य हो सकगे और वे इन िविनयम के प रिश ख म मशः दी गई सू मजैिवक अपे ा के अनु प ह गे ।

    5. पै कग और िच नाकंन

    जैम, जैली और मामलेड, खा सुर ा और मानक (पैके जग और लेब लग) िविनयम, 2011 के अधीन यथािविन द पैके जग और लेब लग अपे ा के अनुपालन म ह गे ।

    6. सदंषूक

    जैम, जैली और मामलेड, खा सुर ा और मानक (संदषूक, आिवष और अविश ) िविनयम, 2011 के अधीन यथािविन द क टनाशी और नाशकजीवमार, फसल सदंषूक, ाकृितक प स े पैदा होने वाल े िवषा पदाथ के अविश तर से संबंिधत िनबधन और अ य खा सरु ा अपे ा के अनुपालन म ह गे ।”;

    (ई) “शीितत सि जया”ं से संबंिधत उपिनयम 2.3.38 के प ात्, िन िलिखत उपिविनयम अंतः थािपत कए जाएगें, अथात:्-

    “2.3.38. क. िहमशीितत बी स

    1. ाि – इस मानक म, फेिसयोलस व गरीज़ एल. और फेिसयोलस को किनयस एल. जाितय क और आकार-ेणीकरण या पुनः पै कग के िसवाय, य द आव यक हो, अि म सं करण के िबना सीधे उपभोग के िलए थािपत

    क जाने वाली िहमशीितत बी स के िलए अपे ाए ंिविहत क गई ह । यह उ पाद को तब लागू नह होता ह ैजब उसम यह उपद शत कया जाता ह ै क वह अि म सं करण के िलए या अ य औ ोिगक योजन के िलए आशियत ह ै।

    2. वणन – फेिसयोलस व गरीज़ एल. या फेिसयोलस को किनयम एल. स(य द कोई ह ) जाितय क उपयु क म के गुणधम के अनु प पादप क ताज़ी, व छ, ठोस, सरस फिलय से तैयार उ पाद, िजसम डिंडय और

    डिंडय के छोर को हटा दया गया ह ैऔर फिलय को धोया गया ह ैऔर सामा य िवपणन च के दौरान रंग और सुवास क पया ि थरता सुिनि त करने के िलए पया प से िवव णत कया गया ह ै।

    (क) प

    िहमशीितत बी स को िन िलिखत प म पेश कया जाएगा :-

    (i) पूण;

    (ii) कटी ई;

  • ¹Hkkx IIIµ[k.M 4º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 13

    (iii) छोटी कटी;

    (iv) लाइस क ई ।

    (ख) इस मानक के योजनाथ, िन िलिखत प रभाषाए ंलागू ह गी:-

    (i) पणू बी स – कतनी भी लंबी पूण फिलयां ।

    (ii) कटी ई बी स –आड़ी कटी फिलयां, िजनम इकाइय क गणना ारा 70 ितशत या अिधक कम स ेकम 20 िम.मी. लंबी ह क तु 65 िम.मी. से अिधक लंबी नह ह ।

    (iii) छोटी कटी ई बी स – आड़ी कटी फिलयां, िजनम इकाइय क गणना ारा 70 ितशत 10 िम.मी. से लंबी ह क तु 20 िम.मी. से कम लंबी ह ।

    (iv) िवकण कटी बी स – लंबवत् अ के लगभग 45° तक कटी फिलयां, िजनम इकाइय क गणना ारा 70 ितशत, 6 िम.मी. से अिधक लंबी ह ।

    (v) लाइस क ई बी स – लंबाई म या लंबवत् अ के लगभग 45° के कोण पर 7 िम.मी. क अिधकतम मोटाई सिहत लाइस क गई फिलयां ।

    (vi) बा वन पित साम ी – बीन के पौधे स ेफली स ेिभ वन पित साम ी, जैसे प ा या बेल क तु डडंी के छोर को छोड़कर; अ य अहािनकर वन पित साम ी, जो जानबूझकर संघटक के प म शािमल नह क गई ह ै। िनधारण के योजनाथ, बा वन पित साम ी को, िजसम बीन प ा साम ी समािव ह,ै अ य साम ी से अलग कया जाएगा ।

    (vii) डंडी छोर - ऐसी िनकटतम डडंी का, जो फली को बेल क डडंी के साथ जोड़ती ह,ै टुकड़ा, चाह ेवह अब भी फली से जुड़ी ई िव मान ह ैया उ पाद म खुली िव मान ह ै।

    (viii) कलिुषत –

    (क) गौण

    क ट या रोगा मक ित के कारण कलुिषत येक ऐसा टुकड़ा, िजससे 3 िम.मी. से अिधक ास घेरे का े फल भािवत आ ह ैया अ य मा यम से इतनी मा ा तक कलुिषत जो उसक तीित का सु प तः अपकषण

    करता ह ै।

    (ख) मु य

    क ट या रोगा मक ित के कारण कलुिषत येक ऐसा टुकड़ा, िजसस े 6 िम.मी. अिधक ास घेरे का े फल भािवत आ ह ै या अ य मा यम स े इतनी मा ा तक कलुिषत, जो उसक तीित का गंभीर प से

    अपकषण करता ह ै।

    (ix) यािं क ित –

    पूण या कटे ए प म कोई ऐसी यूिनट, जो टूटी ई या दो भाग म िवभािजत, र दी ई ह ैया िजसके कनारे इस सीमा तक चीरे ए ह क इससे उसक तीित गंभीर प से भािवत होती ह ै।

    (x) कड़ ेततं ु– ऐसा कड़ा रेशा जो 250 ा. के मान को 5 सकेड या अिधक के िलए संभालेगा ।

    (xi) रेशेदार यिूनट – येक ऐसा टुकड़ा, िजसक साम ी इस सीमा तक फली के पकने के दौरान बन ेचमप जैसी ह ै क इससे खाने क ािलटी गंभीर प से भािवत ई ह ै।

  • 14 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART III—SEC. 4] 3. आव यक सरंचना और ािलटी कारक

    (क) वकैि पक सघंटक

    (i) शकरा

    सु ोस, तीप चीनी, डे स ोज़, े टोस, लुकोज़ िसरप, सूखा लुकोज़ िसरप ।

    (ii) नमक

    (iii) मसाले, जैसे गम मसाले और जड़ी-बू टयां

    (ख) ािलटी कारक

    (i) उ पाद युि संगत प से एकसमान रंग और कण वाला होगा और वह िमलाए गए क ह वैकि पक संघटक ारा दान कए गए सुवास या गंध से िभ बा सुवास या गंध से मु होगा ।

    (ii) उ पाद व छ होगा, रेत, बालूकण और अ य बा साम ी स े मु होगा और परी ण करने पर उसम परऑ सीडज़े नह होगा । 4. अ य अपे ाए ंिहमशीितत बी स म प रिश क म अनु ात खा सहयो य हो सकगे और वे इन िविनयम के प रिश ख म मशः दी गई सू मजैिवक अपे ा के अनु प ह गे । 5. पकेै जग और लबे लग िहमशीितत बी स, खा सरु ा और मानक (पैके जग और लेब लग) िविनयम, 2011 के अधीन यथािविन द पैके जग और लेब लग अपे ा के अनुपालन म ह गे । इसके अित र , लेबल पर उ पाद के प का उ लेख कया जा सकेगा । 6. सदंषूक िहमशीितत बी स, खा सुर ा और मानक (संदषूक, आिवष और अविश ) िविनयम, 2011 के अधीन यथािविन द क टनाशी और नाशकजीवमार, फसल सदंषूक, ाकृितक प स े पैदा होने वाल े िवषा पदाथ के अविश तर से संबंिधत िनबधन और अ य खा सरु ा अपे ा के अनुपालन म ह गे ।

    2.3.38.ख: िहमशीितत फूलगोभी

    1. ाि – इस मानक म, ूिसकु ओलू िसया एल. और बोटराइ टस एल. जाितय क और आकार- ेणीकरण या पुनः पै कग के िसवाय, य द आव यक हो, अि म सं करण के िबना सीध ेउपभोग के िलए थािपत क जान ेवाली िहमशीितत फूलगोभी के िलए अपे ाए ंिविहत क गई ह । यह उ पाद को तब लागू नह होता ह ैजब उसम यह उपद शत कया जाता ह ै क वह अि म सं करण के िलए या अ य औ ोिगक योजन के िलए आशियत ह ै।

    2. वणन – िहमशीितत फूलगोभी ऐसा उ पाद ह ैजो ूिसकु ओलू िसया एल. और बोटराइ टस एल. जाितय के गुणधम के अनु प फूलगोभी के पौधे के ताज़े, व छ, ठोस शीष से तैयार कया जाता ह ै िजसके शीष को प रक तत कया जा सकेगा और टुकड़ म पृथक् कया जा सकेगा और िजसे सामा य िवपणन च के दौरान रंग और सुवास क पया ि थरता सुिनि त करने के िलए धोया जाता ह ैऔर पया प से िवव णत कया जाता ह ै। (क) प

    िहमशीितत बी स को िन िलिखत प म से कसी एक प म तुत कया जा सकेगा:-

    (i) पूण;

    (ii) िवपा टत;

    (iii) पु पक;

  • ¹Hkkx IIIµ[k.M 4º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 15

    (ख) इस मानक के योजनाथ, िन िलिखत प रभाषाए ंलागू ह गी:-

    (i) पूण – पूण, अिवकल शीष, िजसे आधार पर प रक तत कया गया ह ैऔर िजसके साथ छोटे, कोमल, उपांत रत प े लगे हो सकते ह ।

    (ii) िवपा टत – पूण शीष, िजसे लंबवत् दो या अिधक भाग म काटा गया ह ै।

    (iii) पु पक (गु छे) – शीष का ऐसा खंड, िजसके साथ गौण डठंल का एक भाग जुड़ा हो सकता ह,ै िजसका माप अिधकतम आयाम म शीष से कम स े कम 12 िम.मी. ह ै । इकाइय के साथ छोटे, कोमल उपांत रत प े िव मान हो सकते ह या जुड़ ेहो सकते ह ।

    (iv) बड़ ेपु पक – अिधकतम आयाम म शीष से कम से कम 30 िम.मी. माप वाले पु पक ।

    (v) छोटे पु पक - अिधकतम आयाम म शीष से कम से कम 12 िम.मी. क तु 30 िम.मी. से कम माप वाले पु पक ।

    (ग) िववणन – धू वण, भूरा, हरा या सम प िववणन, जो आव यक प से यूिनट क फूल वाली सतह तक सीिमत ह ै। ह क नीली या हरी आभा वाली शाखा या डठंल को िवव णत प म नह समझा जाना ह ै।

    (i) ह का –पकाने पर िववणन लगभग संपूण प से लु हो जाता ह ै।

    (ii) गहरा –पकाने पर िववणन तीत नह होता ह ै।

    (घ) कलिुषत – रोगा मक या क ट ित ारा भािवत कोई यूिनट और जो फूलगोभी तक जा सकती ह ै।

    (i) गौण

    यूिनट क तीित केवल ह क सी भािवत ई ह ै।

    (ii) मु य

    यूिनट क तीित ताि वक प से भािवत ई ह ै।

    (iii) गभंीर

    इकाइय क तीित इस सीमा तक आपि जनक प से भािवत हो गई ह ै क सामा य पाक तैयारी म उस ेसाधारणतया िनकाल दया जाएगा ।

    (ङ) यािं क प स े ित त –

    (i) मु य (िवपा टत और पु पक प के िलए)

    ऐसी यूिनट, िजसम घनीभतू अंश का 50 ितशत से अिधक भाग यांि क प से न हो गया ह ैया उसम नह ह ै।

    (ii) मु य (पूण प के िलए)

    ऐसी यूिनट, िजसम घनीभूत अंश का 25 ितशत से अिधक भाग यांि क प स ेन हो गया ह ैया उसम नह ह ै।

    (च) रेशदेार –

    (i) मु य

  • 16 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART III—SEC. 4] ऐसी यूिनट, िजसम ऐस ेकठोर रेशे ह जो क पूणतः दिृ गोचर ह और वे खान ेक ािलटी को ताि वक प से भािवत करते ह ।

    (ii) गभंीर

    ऐसी यूिनट, िजसम ऐसे कठोर रेशे ह जो क आपि जनक ह और ऐसी कृित के ह क उ ह साधारणतया िनकाल दया जाएगा ।

    (छ) अपया प स ेक तत – ऐसी यूिनट, िजसम गहरे चाकू के छेद ह या िजसक तीित जीण- ीण ह ै।

    (ज) प े– खुरदरे हरे प े या उसके भाग, चाह ेवह यूिनट के साथ लगे ए ह अथवा नह

    (झ) खडं – पु पक के ऐसे टुकड़,े जो अिधकतम आयाम से 5 िम.मी. या उससे कम ह ।

    (ञ) असहंत — ऐसी यूिनट, िजसम पु पक फैल रह ेह, या फूल का िशरा ‘धा य’ तीित का ह ैया फूल का िशरा ब त कोमल या फफंूददार ह।ै 3. आव यक सरंचना और वािलटी कारक (क) वकैि पक सघंटक

    (i) नमक (ii) मसाल,े जैसे क गम मसाले और जड़ी-बू टयां

    (ख) वािलटी कारक उ पाद युि यु त प से एकसमान वेत और गहरे म रंग का होगा जो थोड़ा सा मिलन हो सकता ह ैऔर यूिनट क फूल सतह के ऊपर हरा, पीला या गुलाबी पुट हो सकता ह ै। तने अथवा शाखा के भाग ह के हरे हो सकते ह या उन पर नीला पुट हो सकता ह ै।

    उ पाद िवजातीय सुवास या गंध स,े उनसे िभ न जो क ह िमलाए गए वै कि पक संघटक स ेदी गई हो, मु त होगा ।

    उ पाद व छ, रेत, बालूकण और अ य िवजातीय साम ी से मु त होगा तथा परी ण कए जाने पर उसम परऑ सीडसे नह होगा । 4. अ य अपे ाए ं िहमशीितत फूलगोभी म इन िविनयम के मश: प रिश ट क म अनु ात खा सहयेा य हो सकते ह और वह प रिश ट ख म दी गई सू मजैिवक अपे ा के अनु प होगी । 5. पकेै जग और लबे लग

    िहमशीितत फूलगोभी, खा सुर ा और मानक (पैके जग और लेब लग) िविनयम, 2011 के अधीन यथा िविन द ट पैके जग और लेब लग क अपे ा के अनुपालन म होगी ।

    इसके अित र त, उ पाद के प आकार का उ लेख लेबल पर कया जा सकता ह ै।

    6. सदंषूक िहमशीितत फूलगोभी, खा सरु ा और मानक (संदषूक, आिवष और अविश ) िविनयम, 2011 के अधीन यथािविन द धातु संदषूक , क टनाशी और नाशकजीवमार, फसल संदषूक, ाकृितक प से पैदा होन े वाले िवषा पदाथ के अविश तर स ेसंबंिधत िनबधन और अ य खा सुर ा अपे ा के अनुपालन म होगी ।

  • ¹Hkkx IIIµ[k.M 4º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 17 2.3.38. ग. : िहमशीितत मटर

    1. ाि —इस मानक म आकार ेणीकरण के अथवा, य द अपेि त हो, पुन: पैक करने के िसवाय पाइसम सटाइवम एल. जाितय के िहमशीितत मटर के संबंध म अपे ा िविहत ह और इसम िबना अित र त सं करण के इसके सीध ेउपभोग क थापना क गई ह ै। यह उ पाद को उस दशा म लागू नह होता जब यह उपद शत हो क यह अित र त सं करण के िलए या अ य औ ोिगक योजन के िलए आशियत ह ै।

    2. वणन :

    (क) उ पाद-प रभाषा

    िहमशीितत मटर ऐसा उ पाद ह ैजो ऐसे मटर के, िज ह सामा य िवपणन च के दौरान रंग और सुवास को पया त प से बनाए रखने को सुिनि त करने के िलए ािलत कया गया हो, समुिचत प से िवव णत कया गया हो, ताज,े व छ, अिवकल, संपूण, अप रप बीज स ेतैयार कया गया हो और जो पाइसम सटाइवम एल. जाितय क िव िश टता के अनु प हो ।

    इस मानक के योजनाथ, िन निलिखत प रभाषाए ंलागू ह गी:-

    (i) सनुहरे ह के रंग के ( ला ड) मटर—ऐसे मटर जो पीले या सफेद ह कतु जो खाने यो य ह (अथात ्स त या सड़ े ए न ह )।

    (ii) कलिुषत मटर — ऐसे मटर जो थोड़ ेअिभरंिजत या ध बेदार ह ।

    (iii) अ यिधक कलिुषत मटर—ऐसे मटर, जो स त, ध बेदार, िवव णत या अ यथा उस सीमा तक कलुिषत ह क उनक तीित या खाने क वािलटी गंभीर प से भािवत हो गई ह ै। इनके अंतगत क ड़ के खाए मटर भी ह।

    (iv) मटर के खडं —ऐसे मटर, जो कई टुकड़ म या अलग-अलग बीजदल म िवयोिजत ए ह; दिलत, भािगक या टूटे ए बीजदल के ह और िजनके िछलके उतरे ए ह, क तु इनके अंतगत सम त अिवकल मटर, िजनके क िछलके अलग हो गए ह, नह आते ह।

    (v) बा वन पितज य साम ी — मटर के पौधे क बेल या प ते या फली क साम ी या अ य वन पितज य साम ी जैसे क पो ते क ढ ढी या गो रु ।

    3. आव यक सरंचना और वािलटी कारक (क) वकैि पक सघंटक

    (i) चीनी सु ोस, तीप चीनी, डे स ोस, टोस, लूकोस िसरप, शु क लूकोस िसरप

    (ii) नमक (iii) मसाले, जैसे क गम मसाले और जड़ी बू टयां

    (ख) वािलटी कारक

    उ पाद क म के अनुसार युि यु त प से समान हरे रंग का, साबुत, व छ, यवहारत: िवजातीय पदाथ से मु त होगा और यवहारत: क ट या रोग से होने वाल ेनुकसान स ेमु त होगा ।

  • 18 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART III—SEC. 4]

    उ पाद क ह िमलाए गए यंजन (मसाल ) या संघटक को यान म रखते ए, कसी िवजातीय वाद या गंध से मु त होगा और वह सामा य सुवास का होगा ।

    (ग) दृ य खरािबय का न होना : उ पाद म िन निलिखत दृ य खरािबय से अिधक खरािबयां नह ह गी—

    (i) सुनहरे ह के रंग के ( लाडं) मटर— मा ानुसार 2 ितशत । (ii) ध बेदार मटर — मा ानुसार 5 ितशत । (iii) अ यिधक कलुिषत मटर— मा ानुसार 1 ितशत । (iv) मटर के खंड — मा ानुसार 12 ितशत । (v) बा वन पितज य साम ी—मा ानुसार 0.5 ितशत कत ु े म 12 से.मी.2 स ेअनिधक ।

    4. अ य अपे ाए ं िहमशीितत मटर म इन िविनयम के मश: प र िश ट क म अनु ात खा सहयो य हो सकते ह और वे

    प रिश ट ख म दी गई सू मजैिवक अपे ा के अनुपालन म ह गे । 5. पकेै जग और लबे लग

    िहमशीितत मटर खा सरु ा और मानक (पैके जग और लेब लग) िविनयम, 2011 के अधीन यथा िविन द ट पैके जग और लेब लग क अपे ा के अनुपालन म ह गे ।

    6. सदंषूक िहमशीितत मटर, खा सुर ा और मानक (संदषूक, आिवष और अविश ) िविनयम, 2011 के अधीन यथािविन द धातु संदषूक, क टनाशी और नाशकजीवमार, फसल संदषूक, ाकृितक प से पैदा होने वाले िवषा पदाथ के अविश तर से संबंिधत िनबधन और अ य खा सुर ा अपे ा के अनपुालन म ह गे । 2.3.38. घ. : िहमशीितत पालक

    1. ाि — यह मानक, य द अपेि त हो, पुन: पैक करने के िसवाय, नीचे यथा प रभािषत ि पनिेसया ओलरेेिसया एल. जाितय क िहमशीितत पालक को लागू होता ह ैऔर इसम िबना अित र त सं करण के इसके सीधे उपभोग क थापना क गई ह ै। यह उ पाद को उस दशा म लागू नह होता ह ैजब यह उपद शत हो क यह अित र त सं करण के िलए या अ य औ ोिगक येाजन के िलए आशियत ह ै।

    2. वणन (क) उ पाद-प रभाषा

    िहमशीितत पालक ऐसा उ पाद ह ैजो पालक के पौधे के ताज,े व छ, अ छे खाने यो य भाग से तैयार कया जाता ह,ै जो ि पनिेसया ओलरेेिसया एल. जाितय क िविशि ता के अनु प ह ैिजसक क उसके रंग और सुवास क पया त ि थरता सिुनि त करन ेके िलए पया त प से छंटाई, धुलाई क गई ह ैऔर उस ेछाना गया ह ै। इस मानक के योजनाथ, िन निलिखत प रभाषाए ंलागू ह गी :

    (i) साबतु पालक (अलग-अलग प त)े - अिवकल पालक का पौधा िजसक जड़ काट दी गई ह ै।

    (ii) प ता पालक - सारभूत प से साबुत प ते, िजनम स ेअिधकांश जड़ के गु छे से अलग कए गए ह ।

  • ¹Hkkx IIIµ[k.M 4º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 19

    (iii) कटे ए पालक के प त े— पालक के प त के वे भाग जो साधारणतया लघुतम िवमा म 20 िम.मी. से अिधक लंबे ह ।

    (iv) चॉप क ई पालक — पालक के प त के छोटे-छोटे टुकड़ म कटे ए भाग, जो साधारणतया बृहत िवमा म 10 िम.मी. स ेकम के ह , कतु वे गूद ेया यूरी प म चू णत न ह ।

    (v) यरूीकृत पालक (पालक क यरूी)— बारीक-बारीक िवभ त या बारीक-बारीक चॉप क ई या ऐसी छलनी से छानी गई पालक िजससे क प त क किणकाए ं3 िम.मी. स ेकम ह । दृ य खरािबय क प रभाषा:

    (vi) अलग-अलग प त े(केवल साबतु प के) — ऐसे प ते जो जड़ से िवलग हो गए ह ।

    (vii) िवव णन — प त या तने के भाग पर कसी कार का िववणन और िजससे उ पाद क तीित ताि वक प से बदल जाती ह ै।

    (क) गौण िववणन, िजसका रंग ह का ह ै। (ख) मु य (िववणन, िजसका रंग गहरा ह ै। (viii) बा वन पितज य साम ी – अहािनकर वन पितज य साम ी, जैसे क घास, अपतृण और पुआल । (क) गौण बा वन पित साम ी जो हरे रंग क और कोमल ह ै। (ख) मु य बा वन पितज य साम ी, जो हरे रंग से िभ न या खुरदरी ह ै।

    (ix) बीज िशरे (फूल के तन)े — पालक के पौधे का फूल वाला भाग, जो क 25 िम.मी. से लंबा ह ै।

    (x) फूल क किलया ं— पृथक् फूल क किलया,ं जो बीज िशरे से िवलग क गई ह ।

    (xi) गु छा (काऊन) (साबतु प को छोड़कर)—पालक के पौधे का, जड़ और प त के गु छे के बीच का, ठोस े ।

    (xii) जड़ साम ी — जड़ का कोई भाग, जो प त से अलग हो या जुड़ा हो ।

    (ख) प उ पाद िन निलिखत प म से कसी एक प म तुत कया जा सकता ह ै

    (i) साबुत पालक (ii) प ता पालक (iii) कटे ए पालक के प त े (iv) चॉप क ई पालक (v) यूरीकृत पालक

    3. आव यक सरंचना और वािलटी कारक

  • 20 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART III—SEC. 4] (क) वकैि पक सघंटक (i) नमक (ii) मसाले, जैसे क गम मसाले और जड़ी-बू टयां

    (ख) वािलटी कारक (i) साधारण अपे ाए ं

    (1) उ पाद युि यु त प से समान हरे रंग का और क म क िविशि ता वाला होगा।

    (2) उ पाद कसी िवजातीय सुवास और गंध से, उनसे िभ न जो क ह िमलाए गए वैकि पक संघटक से दए गए ह , मु त होगा ।

    (3) उ पाद व छ, अ छा और रेत, बालूकण और अ य िवजातीय साम ी से मु त होगा । यह रेशेदार साम ी से भी मु त होगा और साबुत प ते के तथा कटे ए प ते के प के िलए यांि क प से ई नुकसानी के कारण ताि वक प से अिवि छन नह होगा । (4) यूरीकृत प म उ पाद ऐसेे क ह गहरे कण या फूल क ढो ढय से मु त होगा जो उ पाद क सम

    तीित को भािवत करती ह । 4. अ य अपे ाए ंिहमशीितत पालक म इन िविनयम के मश: प रिश ट क म अनु ात खा सहयो य हो सकते ह और वह प रिश ट ख म दी गई सू मजैिवक अपे ा के अनु प होगी । 5. पकेै जग और लबे लग

    िहमशीितत पालक, खा सुर ा और मानक (पैके जग और ल ेब लग) िविनयम, 2011 के अधीन यथािविन द ट पैके जग और लेब लग क अपे ा के अनपुालन म होगी ।

    इसके अित र त, उ पाद के प आकार का लेबल पर उ लेख कया जा सकता ह ै।

    6. सदंषूक िहमशीितत पालक, खा सुर ा और मानक (संदषूक, आिवष और अविश ) िविनयम, 2011 के अधीन यथािविन द धातु संदषूक, क टनाशी और नाशकजीवमार, फसल संदषूक, ाकृितक प से पैदा होने वाले िवषा पदाथ के अविश तर स े संबंिधत िनबधन और अ य खा सरु ा अपे ा के अनुपालन म होगी ।”

    पवन अ वाल, (मु य कायकारी अिधकारी) [िव ापन-III/4/असा./207(187)]

    ट पण :— मूल िव िन यम भारत के राजप , असाधारण, भाग-3, खंड 4 म अिध सूचना सं याकं फा.सं.2-

    15015/30/2010, तारीख 1 अग त, 2011 ारा कािश त क ए गए थ ेउसके प चात् िन निल िख त अिध सूचना सं. ारा संशोधन क ए गए:

    (i) फा.सं. 4/15015/30/2011, तारीख 7 जून, 2013;

    (ii) फा.सं. पी./15014/1/2011-पीफए/एफ़एसएसएआई, तारीख 27 जनू, 2013;

    (iii) फा.सं. 5/15015/30/2012, तारीख 12 जुलाई, 2013;

  • ¹Hkkx IIIµ[k.M 4º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 21

    (iv) फा.सं. पी.15025/262/2013-पीए/एफ़एसएसएआई, तारीख 5 दसंबर, 2014;

    (v) फा.सं. 1-83एफ/एससीआई॰ पीएएन–अिध॰/एफ़एसएसएआई-2012, तारीख 17 फरवरी, 2015;

    (vi) फा.सं. 4/15015/30/2011, तारीख 4 अग त, 2015;

    (vii) फा.सं. पी. 15025/263/13-पीए/एफ़एसएसएआई, तारीख 4 नव बर, 2015;

    (viii) फा.सं.पी॰15025/264/13-पीए/एफएसएसएआई, तारीख 4 नव बर, 2015;

    (ix) फा.सं.पी.15025/261/2013-पीए/एफएसएसएआई, तारीख 13 नव बर, 2015;

    (x) फा.सं.पी.15025/208/2013-पीए/एफएसएसएआई, तारीख 13 नव बर, 2015;

    (xi) फा.सं.7/15015/30/2012, तारीख 13 नव बर, 2015;

    (xii) फा.सं.1-10(1)/ टै ड स/एसपी( फश एडं फश रज ोड स)/एफएसएसएआई-2013, तारीख 11

    जनवरी, 2016;

    (xiii) फा. सं. 3-16/ िविश खा / अिधसूचना (खा योजक)एफएसएसएआई-2014 तारीख 3 मई,

    2016;

    (xiv) फा. सं. 15-03/ईएनएफ/एफएसएसएआई-2014 तारीख 14 जनू, 2016;

    (xv) la- 3&14,Q@vf/klwpuk ¼U;wVªkfLVDYl½@,Q,l,l,vkbZ&2013 तारीख 13 जुलाई, 2016 और

    (xvi) फा.सं.1-12/मानक /एस. पी.(मधु, मधुकारक)/एफ.एस.एस.ए.आई.-2015 तारीख 15 जुलाई, 2016 ।

    MINISTRY OF HEALTH AND FAMILY WELFARE

    (FOOD SAFETY AND STANDARDS AUTHORITY OF INDIA)

    NOTIFICATION

    New Delhi, the 16th August, 2016

    F. No. A-1/Standards/Agmark/2012-FSSAI(pt.I).—The following draft of certain regulations, further to amend the Food Safety and Standards (Food Products Standards and Food Additives) Regulations, 2011, which the Food Safety and Standards Authority of India, with previous approval of the Central Government, proposes to make, in exercise of the powers conferred by clause (e) of sub-section (2) of section 92 read with sub-section (2) of section 16 of the Food Safety and Standards Act, 2006 (34 of 2006) is hereby published as required by the sub-section (1) of section 92, for the information of all persons likely to be affected thereby, and notice is hereby given that the said draft regulations shall be taken into consideration after the expiry of the period of thirty days from the date on which copies of the Official Gazette in which this notification is published are made available to the public;

    Objections or suggestions, if any, may be addressed to the Chief Executive Officer, Food Safety and Standards Authority of India, FDA Bhawan, Kotla Road, New Delhi- 110002 or may be mailed to [email protected].

    The objections or suggestions which may be received from any person with respect to the said draft regulations within the period specified above shall be considered by the Food Safety and Standards Authority of India.

    Draft Regulations

    1. Short title and commencement. - (1) These regulations may be called the Food Safety and Standards (Food Products Standards and Food Additives) Amendment Regulations, 2016.

    (2) They shall come into force on the date of their final publication in the Official Gazette.

  • 22 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART III—SEC. 4]

    2. In the Food Safety and Standards (Food Products Standards and Food Additives) Regulations, 2011, in regulation 2.3 relating to “FRUIT AND VEGETABLE PRODUCTS”,-

    (A) after sub-regulation 2.3.3 relating to “Thermally Processed Vegetables”, the following sub-regulation shall be inserted, namely:-

    “2.3.3.A Canned Tomatoes

    1. SCOPE.- This standard prescribes the requirements for canned tomatoes (Lycopersicum esculentum Mill) offered for direct consumption, including for catering purposes or for repacking if required and also applies to the product when indicated as being intended for further processing. It does not include dried tomatoes and preserved tomatoes containing other vegetables such as pepper and onions in quantities that materially alter the flavour, aroma and taste of the tomato component.

    2. DESCRIPTION.- For the purpose of this standard, the following definitions shall apply:-

    (a) Preserved, Whole, Peeled Tomatoes.- Peeled tomatoes of suitable varieties having undergone a heat treatment, packed in hermetically sealed containers with or without added water or tomato juice.

    (b) Preserved, Non-whole, Peeled Tomatoes.- Pieces of peeled tomatoes of suitable varieties having undergone a heat treatment, packed in hermetically sealed containers with or without added water or tomato juice.

    (c) Preserved, Whole, Unpeeled Tomatoes.-Unpeeled tomatoes of suitable varieties having undergone a heat treatment, packed in hermetically sealed containers with or without added water or tomato juice.

    (d) Preserved, Non-whole, Unpeeled Tomatoes.- Pieces of unpeeled tomatoes of suitable varieties having undergone a heat treatment, packed in hermetically sealed containers with or without added water or tomato juice.

    (e) Head Space.-The distance between the top of the double seam and the level of the surface of the contents.

    (f) Cut-Out Juice.-The juice obtained after cutting open the can and draining the product.

    (g) Absence of Defects.- The degree of freedom from extraneous material, such as remnants of peel (in peeled tomatoes), core and other inedible matter, and also freedom from damage due to mechanical injury.

    (h) Blemished Units.- Units that are blemished with some injury caused by scab, hail, frost, sunburn, insect damage or physiological disorder, black spots or enzyme activity on the surface or any other; abnormality readily visible to the naked eye to a noticeable degree.

    3. ESSENTIAL FACTORS AND QUALITY FACTORS

    (a) Composition

    Canned tomatoes shall be prepared from selected, fresh, washed and clean, firm and ripe tomatoes of suitable variety and uniform shape.

    (i)These shall be practically free from blemished and extraneous matter.

    (ii) The product shall be free from artificial colouring matter and flavouring agents.

    (iii) The product may however contain natural spices and condiments, spice oils, aromatic herbs and their extracts, natural aromas and seasoning.

    (b) Styles

    Tomatoes used for the purpose of canning shall be of the following styles, namely:-

    (i) Peeled- tomatoes which are scalded, peeled and canned whole or non-whole; and

    (ii) Unpeeled- tomatoes packed whole or as non-whole without prior scalding and peeling.

    (c) The style should be specified according to the type of grinding or cutting for non-whole tomatoes:-

    (i) Diced: tomato cut into cubes;

    (ii) Sliced: tomato cut perpendicularly to the longitudinal axis in rounds with a regular thickness;

    (iii) Wedges: tomato cut into four roughly equal parts;

    (iv) Pulp or crushed or chopped: tomato crushed, ground or pulped when appropriate.

    (d) Types of Pack

    Any of the following may be used―

    (i) Regular pack with a liquid medium added;

  • ¹Hkkx IIIµ[k.M 4º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 23

    (ii) Solid pack without any added liquid.

    (e) Requirements for Covering Media

    (i) Canned tomatoes may be packed in the media such as tomato juice, water, tomato puree and tomato paste.

    (ii) The quantity of added common salt must not exceed 3 per cent. of the net. When determining the quantity of added common salt, the natural content of chlorides shall be considered as equal to 2 per cent. of the dry mass content.

    (iii) Calcium chloride may be added as a firming agent. If it is added, total calcium-ion content must not exceed 0·045 per cent. in whole style and 0·080 per cent. in non-whole style.

    (iv) The pH of the covering liquid shall be not higher than 4·5.

    (f) Quality Factors

    Canned tomatoes on opening shall display the following characteristics.

    (i) Colour

    The product shall possess a good, practically uniform colour, characteristic of well-matured fruit, practically free from 'green shoulders' or any discoloration due to oxidation, processing and other causes. Uneven distribution of pigment and changes in colour normally associated with proper processing shall not be considered as defects.

    (ii) Texture and Uniformity of Size

    The product shall possess a good texture which means that the product shall be just firm but not h