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Page 1: WordPress.com · Web viewअध य य.१ 01. आद म परम श वर न आक श और प थ व क स ष ट क । 02. और प थ व ब ड ल और

उतपतततितGenesis

अधयाय१

01 आदि म परमशवर न आकाश और पथवी की सषटि की 02 और पथवी बडौल और सनसान पडी थी और गहर जल क ऊपर अनधि(यारा था तथा परमशवर

का आतमा जल क ऊपर मणडलाता था 03 तब परमशवर न कहा उजिजयाला हो तो उजिजयाला हो गया 04 और परमशवर न उजिजयाल को खा षटिक अचछा ह और परमशवर न उजिजयाल को अनधि(यार स

अलग षटिकया 05 और परमशवर न उजिजयाल को दिन और अनधि(यार को रात कहा तथा साझ हई षटि6र भोर हआ

इस परकार पषटिहला दिन हो गया 06 षटि6र परमशवर न कहा जल क बीच एक ऐसा अनतर हो षटिक जल ो भाग हो जाए 07 तब परमशवर न एक अनतर करक उसक नीच क जल और उसक ऊपर क जल को अलग अलगषटिकया और वसा ही हो गया 08 और परमशवर न उस अनतर को आकाश कहा तथा साझ हई षटि6र भोर हआ इस परकार दसरा

दिन हो गया 09 षटि6र परमशवर न कहा आकाश क नीच का जल एक सथान म इकटठा हो जाए और सखी भमिम

दिखाई और वसा ही हो गया 10 और परमशवर न सखी भमिम को पथवी कहा तथा जो जल इकटठा हआ उसको उसन समदर कहा

और परमशवर न खा षटिक अचछा ह 11 षटि6र परमशवर न कहा पथवी स हरी घास तथा बीज वाल छोट छोट पड और 6लाई वकष भी

जिजनक बीज उनही म एक एक की जाषटित क अनसार होत ह पथवी पर उग और वसा ही हो गया 12 तो पथवी स हरी घास और छोट छोट पड जिजन म अपनी अपनी जाषटित क अनसार बीज होता ह

और 6लाई वकष जिजनक बीज एक एक की जाषटित क अनसार उनही म होत ह उग और परमशवर न खा षटिक अचछा ह

13 तथा साझ हई षटि6र भोर हआ इस परकार तीसरा दिन हो गया 14 षटि6र परमशवर न कहा दिन को रात स अलग करन क लिलय आकाश क अनतर म जयोषटितया हो

और व लिचनहो और षटिनयत समयो और दिनो और वरषोN क कारण हो 15 और व जयोषटितया आकाश क अनतर म पथवी पर परकाश न वाली भी ठहर और वसा ही होगया 16 तब परमशवर न ो बडी जयोषटितया बनाई उन म स बडी जयोषटित को दिन पर परभता करन क लिलय

और छोटी जयोषटित को रात पर परभता करन क लिलय बनाया और तारागण को भी बनाया 17 परमशवर न उन को आकाश क अनतर म इसलिलय रखा षटिक व पथवी पर परकाश 18 तथा दिन और रात पर परभता कर और उजिजयाल को अनधि(यार स अलग कर और परमशवर न

खा षटिक अचछा ह 19 तथा साझ हई षटि6र भोर हआ इस परकार चौथा दिन हो गया 20 षटि6र परमशवर न कहा जल जीषटिवत पराणिणयो स बहत ही भर जाए और पकषी पथवी क ऊपर

आकाश क अनतर म उड 21 इसलिलय परमशवर न जाषटित जाषटित क बड बड जल- जनतओ की और उन सब जीषटिवत पराणिणयो की

भी सषटि की जो चलत षटि6रत ह जिजन स जल बहत ही भर गया और एक एक जाषटित क उडन वाल पणिकषयो की भी सषटि की और परमशवर न खा षटिक अचछा ह

22 और परमशवर न यह कहक उनको आशीरषो ी षटिक 6लो-6लो और समदर क जल म भर जाओ और पकषी पथवी पर बढ

23 तथा साझ हई षटि6र भोर हआ इस परकार पाचवा दिन हो गया 24 षटि6र परमशवर न कहा पथवी स एक एक जाषटित क जीषटिवत पराणी अथाWत घरल पश और रगन

वाल जनत और पथवी क वनपश जाषटित जाषटित क अनसार उतपनन हो और वसा ही हो गया 25 सो परमशवर न पथवी क जाषटित जाषटित क वन पशओ को और जाषटित जाषटित क घरल पशओ को

और जाषटित जाषटित क भमिम पर सब रगन वाल जनतओ को बनाया और परमशवर न खा षटिक अचछा ह 26 षटि6र परमशवर न कहा हम मनषय को अपन सवरप क अनसार अपनी समानता म बनाए और व

समदर की मछलिलयो और आकाश क पणिकषयो और घरल पशओ और सारी पथवी पर और सब रगन वाल जनतओ पर जो पथवी पर रगत ह अलिकार रख

27 तब परमशवर न मनषय को अपन सवरप क अनसार उतपनन षटिकया अपन ही सवरप क अनसार परमशवर न उसको उतपनन षटिकया नर और नारी करक उसन मनषयो की सषटि की

28 और परमशवर न उन को आशीरषो ी और उन स कहा 6लो-6लो और पथवी म भर जाओ और उसको अपन वश म कर लो और समदर की मछलिलयो तथा आकाश क पणिकषयो और पथवी पर रगन वाल सब जनतओ पर अलिकार रखो

29 षटि6र परमशवर न उन स कहा सनो जिजतन बीज वाल छोट छोट पड सारी पथवी क ऊपर ह और जिजतन वकषो म बीज वाल 6ल होत ह व सब म न तम को दिए ह व तमहार भोजन क लिलय ह

30 और जिजतन पथवी क पश और आकाश क पकषी और पथवी पर रगन वाल जनत ह जिजन म जीवन क पराण ह उन सब क खान क लिलय म न सब हर हर छोट पड दिए ह और वसा ही हो गया

31 तब परमशवर न जो कछ बनाया था सब को खा तो कया खा षटिक वह बहत ही अचछा ह तथा साझ हई षटि6र भोर हआ इस परकार छठवा दिन हो गया

अधयाय२

01 यो आकाश और पथवी और उनकी सारी सना का बनाना समापत हो गया 02 और परमशवर न अपना काम जिजस वह करता था सातव दिन समापत षटिकया और उसन अपन

षटिकए हए सार काम स सातव दिन षटिवशराम षटिकया 03 और परमशवर न सातव दिन को आशीरषो ी और पषटिवतर ठहराया कयोषटिक उस म उसन अपनी सषटि

की रचना क सार काम स षटिवशराम लिलया 04 आकाश और पथवी की उतपलिc का वcानत यह ह षटिक जब व उतपनन हए अथाWत जिजस दिन यहोवा

परमशवर न पथवी और आकाश को बनाया05 तब मान का कोई पौा भमिम पर न था और न मान का कोई छोटा पड उगा था कयोषटिक

यहोवा परमशवर न पथवी पर जल नही बरसाया था और भमिम पर खती करन क लिलय मनषय भी नहीथा 06 तौभी कोहरा पथवी स उठता था जिजस स सारी भमिम सिसच जाती थी 07 और यहोवा परमशवर न आम को भमिम की मिमटटी स रचा और उसक नथनो म जीवन का शवास

6क दिया और आम जीवता पराणी बन गया 08 और यहोवा परमशवर न पवW की ओर अन श म एक वादिटका लगाई और वहा आम को जिजस

उसन रचा था रख दिया 09 और यहोवा परमशवर न भमिम स सब भाषटित क वकष जो खन म मनोहर और जिजनक 6ल खान म

अचछ ह उगाए और वादिटका क बीच म जीवन क वकष को और भल या बर क जञान क वकष को भीलगाया 10 और उस वादिटका को सीचन क लिलय एक महानी अन स षटिनकली और वहा स आग बहकर

चार ारा म हो गई 11 पषटिहली ारा का नाम पीशोन ह यह वही ह जो हवीला नाम क सार श को जहा सोना मिमलता ह

घर हए ह 12 उस श का सोना चोखा होता ह वहा मोती और सलमानी पतथर भी मिमलत ह 13 और दसरी नी का नाम गीहोन ह यह वही ह जो कश क सार श को घर हए ह

14 और तीसरी नी का नाम षटिहददकल ह यह वही ह जो अशशर क पवW की ओर बहती ह और चौथी नी का नाम 6रात ह

15 तब यहोवा परमशवर न आम को ल कर अन की वादिटका म रख दिया षटिक वह उस म काम कर और उसकी रकषा कर

16 तब यहोवा परमशवर न आम को यह आजञा ी षटिक त वादिटका क सब वकषो का 6ल षटिबना खटक खा सकता ह

17 पर भल या बर क जञान का जो वकष ह उसका 6ल त कभी न खाना कयोषटिक जिजस दिन त उसका 6ल खाए उसी दिन अवशय मर जाएगा

18 षटि6र यहोवा परमशवर न कहा आम का अकला रहना अचछा नही म उसक लिलय एक ऐसा सहायक बनाऊगा जो उसस मल खाए

19 और यहोवा परमशवर भमिम म स सब जाषटित क बनल पशओ और आकाश क सब भाषटित क पणिकषयो को रचकर आम क पास ल आया षटिक ख षटिक वह उनका कया कया नाम रखता ह और

जिजस जिजस जीषटिवत पराणी का जो जो नाम आम न रखा वही उसका नाम हो गया 20 सो आम न सब जाषटित क घरल पशओ और आकाश क पणिकषयो और सब जाषटित क बनल

पशओ क नाम रख परनत आम क लिलय कोई ऐसा सहायक न मिमला जो उसस मल खा सक 21 तब यहोवा परमशवर न आम को भारी नीन म डाल दिया और जब वह सो गया तब उसन

उसकी एक पसली षटिनकाल कर उसकी सनती मास भर दिया 22 और यहोवा परमशवर न उस पसली को जो उसन आम म स षटिनकाली थी सतरी बना दिया और

उसको आम क पास ल आया 23 और आम न कहा अब यह मरी हषटिmयो म की हmी और मर मास म का मास ह सो इसका नाम

नारी होगा कयोषटिक यह नर म स षटिनकाली गई ह 24 इस कारण पररषो अपन माता षटिपता को छोडकर अपनी पतनी स मिमला रहगा और व एक तन बनरहग 25 और आम और उसकी पतनी ोनो नग थ पर लजात न थ

अधयाय३

01 यहोवा परमशवर न जिजतन बनल पश बनाए थ उन सब म सपW तW था और उसन सतरी स कहा कया सच ह षटिक परमशवर न कहा षटिक तम इस बादिटका क षटिकसी वकष का 6ल न खाना

02 सतरी न सपW स कहा इस बादिटका क वकषो क 6ल हम खा सकत ह 03 पर जो वकष बादिटका क बीच म ह उसक 6ल क षटिवरषोय म परमशवर न कहा ह षटिक न तो तम

उसको खाना और न उसको छना नही तो मर जाओग 04 तब सपW न सतरी स कहा तम षटिनशचय न मरोग 05 वरन परमशवर आप जानता ह षटिक जिजस दिन तम उसका 6ल खाओग उसी दिन तमहारी आख

खल जाएगी और तम भल बर का जञान पाकर परमशवर क तलय हो जाओग 06 सो जब सतरी न खा षटिक उस वकष का 6ल खान म अचछा और खन म मनभाऊ और बणिq न

क लिलय चाहन योगय भी ह तब उसन उस म स तोडकर खाया और अपन पषटित को भी दिया और उसन भी खाया

07 तब उन ोनो की आख खल गई और उन को मालम हआ षटिक व नग ह सो उनहोन अजीर क पc जोड जोड कर लगोट बना लिलय

08 तब यहोवा परमशवर जो दिन क ठड समय बादिटका म षटि6रता था उसका शब उन को सनाई दिया तब आम और उसकी पतनी बादिटका क वकषो क बीच यहोवा परमशवर स लिछप गए

09 तब यहोवा परमशवर न पकार कर आम स पछा त कहा ह 10 उसन कहा म तरा शब बारी म सन कर डर गया कयोषटिक म नगा था इसलिलय लिछप गया

11 उसन कहा षटिकस न तझ लिचताया षटिक त नगा ह जिजस वकष का 6ल खान को म न तझ बजाW था कया त न उसका 6ल खाया ह

12 आम न कहा जिजस सतरी को त न मर सग रहन को दिया ह उसी न उस वकष का 6ल मझ दिया और म न खाया

13 तब यहोवा परमशवर न सतरी स कहा त न यह कया षटिकया ह सतरी न कहा सपW न मझ बहका दिया तब म न खाया

14 तब यहोवा परमशवर न सपW स कहा त न जो यह षटिकया ह इसलिलय त सब घरल पशओ और सब बनल पशओ स अलिक शाषटिपत ह त पट क बल चला करगा और जीवन भर मिमटटी चाटता रहगा

15 और म तर और इस सतरी क बीच म और तर वश और इसक वश क बीच म बर उतपनन करगा वह तर लिसर को कचल डालगा और त उसकी एडी को डसगा

16 षटि6र सतरी स उसन कहा म तरी पीडा और तर गभWवती होन क द ख को बहत बढाऊगा त पीषटिडत हो कर बालक उतपनन करगी और तरी लालसा तर पषटित की ओर होगी और वह तझ पर परभता

करगा 17 और आम स उसन कहा त न जो अपनी पतनी की बात सनी और जिजस वकष क 6ल क षटिवरषोय म न तझ आजञा ी थी षटिक त उस न खाना उसको त न खाया ह इसलिलय भमिम तर कारण शाषटिपत ह त उसकी उपज जीवन भर द ख क साथ खाया करगा

18 और वह तर लिलय काट और ऊटकटार उगाएगी और त खत की उपज खाएगा 19 और अपन माथ क पसीन की रोटी खाया करगा और अनत म मिमटटी म मिमल जाएगा कयोषटिक त

उसी म स षटिनकाला गया ह त मिमटटी तो ह और मिमटटी ही म षटि6र मिमल जाएगा 20 और आम न अपनी पतनी का नाम हववा रखा कयोषटिक जिजतन मनषय जीषटिवत ह उन सब की

आदिमाता वही हई 21 और यहोवा परमशवर न आम और उसकी पतनी क लिलय चमड क अगरख बना कर उन को

पषटिहना दिए 22 षटि6र यहोवा परमशवर न कहा मनषय भल बर का जञान पाकर हम म स एक क समान हो गया ह

इसलिलय अब ऐसा न हो षटिक वह हाथ बढा कर जीवन क वकष का 6ल भी तोड क खा ल और सा जीषटिवत रह

23 तब यहोवा परमशवर न उसको अन की बादिटका म स षटिनकाल दिया षटिक वह उस भमिम पर खती कर जिजस म स वह बनाया गया था

24 इसलिलय आम को उसन षटिनकाल दिया और जीवन क वकष क मागW का पहरा न क लिलय अन की बादिटका क पवW की ओर करबो को और चारो ओर घमन वाली जवालामय तलवार को भी षटिनयकत कर दिया

अधयाय४

01 जब आम अपनी पतनी हववा क पास गया तब उसन गभWवती हो कर कन को जनम दिया औरकहा म न यहोवा की सहायता स एक पररषो पाया ह 02 षटि6र वह उसक भाई हाषटिबल को भी जनमी और हाषटिबल तो भड- बकरिरयो का चरवाहा बन गया

परनत कन भमिम की खती करन वाला षटिकसान बना 03 कछ दिनो क पशचात कन यहोवा क पास भमिम की उपज म स कछ भट ल आया 04 और हाषटिबल भी अपनी भड- बकरिरयो क कई एक पषटिहलौठ बचच भट चढान ल आया और उनकी

चब भट चढाई तब यहोवा न हाषटिबल और उसकी भट को तो गरहण षटिकया 05 परनत कन और उसकी भट को उसन गरहण न षटिकया तब कन अषटित करोलित हआ और उसक

मह पर उासी छा गई 06 तब यहोवा न कन स कहा त कयो करोलित हआ और तर मह पर उासी कयो छा गई ह

07 यदि त भला कर तो कया तरी भट गरहण न की जाएगी और यदि त भला न कर तो पाप दवार पर लिछपा रहता ह और उसकी लालसा तरी और होगी और त उस पर परभता करगा

08 तब कन न अपन भाई हाषटिबल स कछ कहा और जब व मान म थ तब कन न अपन भाई हाषटिबल पर चढ कर उस घात षटिकया

09 तब यहोवा न कन स पछा तरा भाई हाषटिबल कहा ह उसन कहा मालम नही कया म अपन भाई का रखवाला ह

10 उसन कहा त न कया षटिकया ह तर भाई का लोह भमिम म स मरी ओर लिचलला कर मरी ोहाई रहा ह

11 इसलिलय अब भमिम जिजसन तर भाई का लोह तर हाथ स पीन क लिलय अपना मह खोला ह उसकी ओर स त शाषटिपत ह

12 चाह त भमिम पर खती कर तौभी उसकी परी उपज षटि6र तझ न मिमलगी और त पथवी पर बहत और भगोडा होगा

13 तब कन न यहोवा स कहा मरा णड सहन स बाहर ह 14 ख त न आज क दिन मझ भमिम पर स षटिनकाला ह और म तरी दषटि की आड म रहगा और

पथवी पर बहत और भगोडा रहगा और जो कोई मझ पाएगा मझ घात करगा 15 इस कारण यहोवा न उसस कहा जो कोई कन को घात करगा उसस सात गणा पलटा लिलया

जाएगा और यहोवा न कन क लिलय एक लिचनह ठहराया ऐसा न हो षटिक कोई उस पाकर मार डाल 16 तब कन यहोवा क सममख स षटिनकल गया और नो नाम श म जो अन क पवW की ओर ह

रहन लगा 17 जब कन अपनी पतनी क पास गया जब वह गभWवती हई और हनोक को जनमी षटि6र कन न एक

नगर बसाया और उस नगर का नाम अपन पतर क नाम पर हनोक रखा 18 और हनोक स ईरा उतपनन हआ और ईरा न महयाएल को जनम दिया और महयाएल न

मतशाएल को और मतशाएल न लमक को जनम दिया 19 और लमक न ो सतरिसतरया बयाह ली जिजन म स एक का नाम आा और दसरी को लिसलला ह 20 और आा न याबाल को जनम दिया वह तमबओ म रहना और जानवरो का पालन इन ोनो

रीषटितयो का उतपाक हआ 21 और उसक भाई का नाम यबाल ह वह वीणा और बासरी आदि बाजो क बजान की सारी रीषटित

का उतपाक हआ 22 और लिसलला न भी तबलकन नाम एक पतर को जनम दिया वह पीतल और लोह क सब ार वाल

हलिथयारो का गढन वाला हआ और तबलकन की बषटिहन नामा थी 23 और लमक न अपनी पतनितनयो स कहा ह आा और ह लिसलला मरी सनो ह लमक की पतनितनयो

मरी बात पर कान लगाओ मन एक पररषो को जो मर चोट लगाता था अथाWत एक जवान को जो मझ घायल करता था घात षटिकया ह

24 जब कन का पलटा सात गणा लिलया जाएगा तो लमक का सcर गणा लिलया जाएगा 25 और आम अपनी पतनी क पास षटि6र गया और उसन एक पतर को जनम दिया और उसका नाम

यह कह क शत रखा षटिक परमशवर न मर लिलय हाषटिबल की सनती जिजस को कन न घात षटिकया एक और वश ठहरा दिया ह

26 और शत क भी एक पतर उतपनन हआ और उसन उसका नाम एनोश रखा उसी समय स लोग यहोवा स पराथWना करन लग

अधयाय५

01 आम की वशावली यह ह जब परमशवर न मनषय की सषटि की तब अपन ही सवरप म उसकोबनाया

02 उसन नर और नारी करक मनषयो की सषटि की और उनह आशीरषो ी और उनकी सषटि क दिन उनका नाम आम रखा

03 जब आम एक सौ तीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा उसकी समानता म उस ही क सवरप क अनसार एक पतर उतपनन हआ उसका नाम शत रखा

04 और शत क जनम क पशचात आम आठ सौ वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट बदिटया उतपनन हई

05 और आम की कल अवसथा नौ सौ तीस वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 06 जब शत एक सौ पाच वरषोW का हआ तब उसन एनोश को जनम दिया 07 और एनोश क जनम क पशचात शत आठ सौ सात वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 08 और शत की कल अवसथा नौ सौ बारह वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 09 जब एनोश नबब वरषोW का हआ तब उसन कनान को जनम दिया 10 और कनान क जनम क पशचात एनोश आठ सौ पनदरह वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया हई 11 और एनोश की कल अवसथा नौ सौ पाच वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 12 जब कनान सcर वरषोW का हआ तब उसन महललल को जनम दिया 13 और महललल क जनम क पशचात कनान आठ सौ चालीस वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 14 और कनान की कल अवसथा नौ सौ स वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 15 जब महललल पसठ वरषोW का हआ तब उसन यर को जनम दिया 16 और यर क जनम क पशचात महललल आठ सौ तीस वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 17 और महललल की कल अवसथा आठ सौ पचानव वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 18 जब यर एक सौ बासठ वरषोW का हआ जब उसन हनोक को जनम दिया 19 और हनोक क जनम क पशचात यर आठ सौ वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट बदिटया

उतपनन हई 20 और यर की कल अवसथा नौ सौ बासठ वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 21 जब हनोक पसठ वरषोW का हआ तब उसन मतशलह को जनम दिया 22 और मतशलह क जनम क पशचात हनोक तीन सौ वरषोW तक परमशवर क साथ साथ चलता रहा

और उसक और भी बट बदिटया उतपनन हई 23 और हनोक की कल अवसथा तीन सौ पसठ वरषोW की हई 24 और हनोक परमशवर क साथ साथ चलता था षटि6र वह लोप हो गया कयोषटिक परमशवर न उस उठालिलया 25 जब मतशलह एक सौ सcासी वरषोW का हआ तब उसन लमक को जनम दिया 26 और लमक क जनम क पशचात मतशलह सात सौ बयासी वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 27 और मतशलह की कल अवसथा नौ सौ उनहcर वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 28 जब लमक एक सौ बयासी वरषोW का हआ तब उसन एक पतर जनम दिया 29 और यह कहकर उसका नाम नह रखा षटिक यहोवा न जो पथवी को शाप दिया ह उसक षटिवरषोय

यह लडका हमार काम म और उस कदिठन परिरशरम म जो हम करत ह हम को शातनिनत गा 30 और नह क जनम क पशचात लमक पाच सौ पचानव वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 31 और लमक की कल अवसथा सात सौ सतहcर वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 32 और नह पाच सौ वरषोW का हआ और नह न शम और हाम और यपत को जनम दिया

अधयाय६

01 षटि6र जब मनषय भमिम क ऊपर बहत बढन लग और उनक बदिटया उतपनन हई 02 तब परमशवर क पतरो न मनषय की पषटितरयो को खा षटिक व सनर ह सो उनहोन जिजस जिजस को

चाहा उन स बयाह कर लिलया 03 और यहोवा न कहा मरा आतमा मनषय स सा लो षटिववा करता न रहगा कयोषटिक मनषय भी

शरीर ही ह उसकी आय एक सौ बीस वरषोW की होगी 04 उन दिनो म पथवी पर ानव रहत थ और इसक पशचात जब परमशवर क पतर मनषय की पषटितरयो क

पास गए तब उनक दवारा जो सनतान उतपनन हए व पतर शरवीर होत थ जिजनकी कीरतित पराचीन काल स परचलिलत ह

05 और यहोवा न खा षटिक मनषयो की बराई पथवी पर बढ गई ह और उनक मन क षटिवचार म जो कछ उतपनन होता ह सो षटिनरनतर बरा ही होता ह

06 और यहोवा पथवी पर मनषय को बनान स पछताया और वह मन म अषटित खदित हआ 07 तब यहोवा न सोचा षटिक म मनषय को जिजसकी म न सषटि की ह पथवी क ऊपर स मिमटा दगा कया मनषय कया पश कया रगन वाल जनत कया आकाश क पकषी सब को मिमटा दगा कयोषटिक म उनक

बनान स पछताता ह 08 परनत यहोवा क अनगरह की दषटि नह पर बनी रही 09 नह की वशावली यह ह नह म पररषो और अपन समय क लोगो म खरा था और नह परमशवर

ही क साथ साथ चलता रहा 10 और नह स शम और हाम और यपत नाम तीन पतर उतपनन हए 11 उस समय पथवी परमशवर की दषटि म षटिबगड गई थी और उपदरव स भर गई थी 12 और परमशवर न पथवी पर जो दषटि की तो कया खा षटिक वह षटिबगडी हई ह कयोषटिक सब पराणिणयो न पथवी पर अपनी अपनी चाल चलन षटिबगाड ली थी

13 तब परमशवर न नह स कहा सब पराणिणयो क अनत करन का परशन मर सामहन आ गया ह कयोषटिक उनक कारण पथवी उपदरव स भर गई ह इसलिलय म उन को पथवी समत नाश कर डालगा

14 इसलिलय त गोपर वकष की लकडी का एक जहाज बना ल उस म कोठरिरया बनाना और भीतर बाहर उस पर राल लगाना

15 और इस ढग स उसको बनाना जहाज की लमबाई तीन सौ हाथ चौडाई पचास हाथ और ऊचाई तीस हाथ की हो

16 जहाज म एक खिखडकी बनाना और इसक एक हाथ ऊपर स उसकी छत बनाना और जहाज की एक अलग म एक दवार रखना और जहाज म पषटिहला दसरा तीसरा खणड बनाना

17 और सन म आप पथवी पर जलपरलय करक सब पराणिणयो को जिजन म जीवन की आतमा ह आकाश क नीच स नाश करन पर ह और सब जो पथवी पर ह मर जाएग

18 परनत तर सग म वाचा बा(ता ह इसलिलय त अपन पतरो सतरी और बहओ समत जहाज म परवश करना 19 और सब जीषटिवत पराणिणयो म स त एक एक जाषटित क ो ो अथाWत एक नर और एक माा

जहाज म ल जा कर अपन साथ जीषटिवत रखना 20 एक एक जाषटित क पकषी और एक एक जाषटित क पश और एक एक जाषटित क भमिम पर रगनवाल सब म स ो ो तर पास आएग षटिक त उन को जीषटिवत रख 21 और भाषटित भाषटित का भोजय पाथW जो खाया जाता ह उन को त ल कर अपन पास इकटठा कर

रखना सो तर और उनक भोजन क लिलय होगा 22 परमशवर की इस आजञा क अनसार नह न षटिकया

अधयाय७

01 और यहोवा न नह स कहा त अपन सार घरान समत जहाज म जा कयोषटिक म न इस समय क लोगो म स कवल तझी को अपनी दषटि म म खा ह

02 सब जाषटित क शq पशओ म स तो त सात सात अथाWत नर और माा लना पर जो पश शq नही ह उन म स ो ो लना अथाWत नर और माा

03 और आकाश क पणिकषयो म स भी सात सात अथाWत नर और माा लना षटिक उनका वश बचकर सारी पथवी क ऊपर बना रह

04 कयोषटिक अब सात दिन और बीतन पर म पथवी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहगा जिजतनी वसतए म न बनाई ह सब को भमिम क ऊपर स मिमटा दगा

05 यहोवा की इस आजञा क अनसार नह न षटिकया 06 नह की अवसथा छ सौ वरषोW की थी जब जलपरलय पथवी पर आया 07 नह अपन पतरो पतनी और बहओ समत जलपरलय स बचन क लिलय जहाज म गया 08 और शq और अशq ोनो परकार क पशओ म स पणिकषयो 09 और भमिम पर रगन वालो म स भी ो ो अथाWत नर और माा जहाज म नह क पास गए

जिजस परकार परमशवर न नह को आजञा ी थी 10 सात दिन क उपरानत परलय का जल पथवी पर आन लगा 11 जब नह की अवसथा क छ सौव वरषोW क दसर महीन का सcरहवा दिन आया उसी दिन बड

गषटिहर समदर क सब सोत 6ट षटिनकल और आकाश क झरोख खल गए 12 और वरषोाW चालीस दिन और चालीस रात षटिनरनतर पथवी पर होती रही 13 ठीक उसी दिन नह अपन पतर शम हाम और यपत और अपनी पतनी और तीनो बहओ समत 14 और उनक सग एक एक जाषटित क सब बनल पश और एक एक जाषटित क सब घरल पश और

एक एक जाषटित क सब पथवी पर रगन वाल और एक एक जाषटित क सब उडन वाल पकषी जहाज मगए 15 जिजतन पराणिणयो म जीवन की आतमा थी उनकी सब जाषटितयो म स ो ो नह क पास जहाज मगए 16 और जो गए वह परमशवर की आजञा क अनसार सब जाषटित क पराणिणयो म स नर और माा गए

तब यहोवा न उसका दवार बन कर दिया 17 और पथवी पर चालीस दिन तक परलय होता रहा और पानी बहत बढता ही गया जिजस स जहाज

ऊपर को उठन लगा और वह पथवी पर स ऊचा उठ गया 18 और जल बढत बढत पथवी पर बहत ही बढ गया और जहाज जल क ऊपर ऊपर तरता रहा 19 और जल पथवी पर अतयनत बढ गया यहा तक षटिक सारी रती पर जिजतन बड बड पहाड थ सब

डब गए 20 जल तो पनदरह हाथ ऊपर बढ गया और पहाड भी डब गए 21 और कया पकषी कया घरल पश कया बनल पश और पथवी पर सब चलन वाल पराणी और

जिजतन जनत पथवी म बहतायत स भर गए थ व सब और सब मनषय मर गए 22 जो जो सथल पर थ उन म स जिजतनो क नथनो म जीवन का शवास था सब मर मिमट 23 और कया मनषय कया पश कया रगन वाल जनत कया आकाश क पकषी जो जो भमिम पर थ सो

सब पथवी पर स मिमट गए कवल नह और जिजतन उसक सग जहाज म थ व ही बच गए 24 और जल पथवी पर एक सौ पचास दिन तक परबल रहा

अधयाय८

01 और परमशवर न नह की और जिजतन बनल पश और घरल पश उसक सग जहाज म थ उन सभो की सलि ली और परमशवर न पथवी पर पवन बहाई और जल घटन लगा

02 और गषटिहर समदर क सोत और आकाश क झरोख ब हो गए और उसस जो वरषोाW होती थी सो

भी थम गई 03 और एक सौ पचास दिन क पशचात जल पथवी पर स लगातार घटन लगा 04 सातव महीन क सcरहव दिन को जहाज अरारात नाम पहाड पर दिटक गया 05 और जल सव महीन तक घटता चला गया और सव महीन क पषटिहल दिन को पहाडो की

चोदिटया दिखलाई ी 06 षटि6र ऐसा हआ षटिक चालीस दिन क पशचात नह न अपन बनाए हए जहाज की खिखडकी को खोलकर एक कौआ उडा दिया 07 वह जब तक जल पथवी पर स सख न गया तब तक कौआ इर उर षटि6रता रहा 08 षटि6र उसन अपन पास स एक कबतरी को उडा दिया षटिक ख षटिक जल भमिम स घट गया षटिकनही 09 उस कबतरी को अपन पर क तल टकन क लिलय कोई आार न मिमला सो वह उसक पास जहाज म लौट आई कयोषटिक सारी पथवी क ऊपर जल ही जल छाया था तब उसन हाथ बढा कर उस अपन

पास जहाज म ल लिलया 10 तब और सात दिन तक ठहर कर उसन उसी कबतरी को जहाज म स षटि6र उडा दिया 11 और कबतरी साझ क समय उसक पास आ गई तो कया खा षटिक उसकी चोच म जलपाई का

एक नया पcा ह इस स नह न जान लिलया षटिक जल पथवी पर घट गया ह 12 षटि6र उसन सात दिन और ठहरकर उसी कबतरी को उडा दिया और वह उसक पास षटि6र कभी

लौट कर न आई 13 षटि6र ऐसा हआ षटिक छ सौ एक वरषोW क पषटिहल महीन क पषटिहल दिन जल पथवी पर स सख गया

तब नह न जहाज की छत खोल कर कया खा षटिक रती सख गई ह 14 और दसर महीन क सताईसव दिन को पथवी परी रीषटित स सख गई 15 तब परमशवर न नह स कहा 16 त अपन पतरो पतनी और बहओ समत जहाज म स षटिनकल आ 17 कया पकषी कया पश कया सब भाषटित क रगन वाल जनत जो पथवी पर रगत ह जिजतन शरीरारी

जीवजनत तर सग ह उस सब को अपन साथ षटिनकाल ल आ षटिक पथवी पर उन स बहत बचच उतपननहो और व 6ल-6ल और पथवी पर 6ल जाए 18 तब नह और उसक पतर और पतनी और बहए षटिनकल आई 19 और सब चौपाए रगन वाल जनत और पकषी और जिजतन जीवजनत पथवी पर चलत षटि6रत ह

सो सब जाषटित जाषटित करक जहाज म स षटिनकल आए 20 तब नह न यहोवा क लिलय एक वी बनाई और सब शq पशओ और सब शq पणिकषयो म स

कछ कछ ल कर वी पर होमबलिल चढाया 21 इस पर यहोवा न सखायक सग( पाकर सोचा षटिक मनषय क कारण म षटि6र कभी भमिम को

शाप न दगा यदयषटिप मनषय क मन म बचपन स जो कछ उतपनन होता ह सो बरा ही होता ह तौभी जसा म न सब जीवो को अब मारा ह वसा उन को षटि6र कभी न मारगा

22 अब स जब तक पथवी बनी रहगी तब तक बोन और काटन क समय ठणड और तपन पकाल और शीतकाल दिन और रात षटिनरनतर होत चल जाएग

अधयाय९

01 षटि6र परमशवर न नह और उसक पतरो को आशीरषो ी और उन स कहा षटिक 6लो-6लो और बढो और पथवी म भर जाओ

02 और तमहारा डर और भय पथवी क सब पशओ और आकाश क सब पणिकषयो और भमिम पर क सब रगन वाल जनतओ और समदर की सब मछलिलयो पर बना रहगा व सब तमहार वश म कर दिए जात ह

03 सब चलन वाल जनत तमहारा आहार होग जसा तम को हर हर छोट पड दिए थ वसा ही अब सब कछ ता ह

04 पर मास को पराण समत अथाWत लोह समत तम न खाना 05 और षटिनशचय म तमहारा लोह अथाWत पराण का पलटा लगा सब पशओ और मनषयो ोनो स म

उस लगा मनषय क पराण का पलटा म एक एक क भाई ब( स लगा 06 जो कोई मनषय का लोह बहाएगा उसका लोह मनषय ही स बहाया जाएगा कयोषटिक परमशवर न

मनषय को अपन ही सवरप क अनसार बनाया ह 07 और तम तो 6लो-6लो और बढो और पथवी म बहत बचच जनमा क उस म भर जाओ 08 षटि6र परमशवर न नह और उसक पतरो स कहा 09 सनो म तमहार साथ और तमहार पशचात जो तमहारा वश होगा उसक साथ भी वाचा बा(ता ह 10 और सब जीषटिवत पराणिणयो स भी जो तमहार सग ह कया पकषी कया घरल पश कया पथवी क सब

बनल पश पथवी क जिजतन जीवजनत जहाज स षटिनकल ह सब क साथ भी मरी यह वाचा ब(ती ह 11 और म तमहार साथ अपनी इस वाचा को परा करगा षटिक सब पराणी षटि6र जलपरलय स नाश नहोग और पथवी क नाश करन क लिलय षटि6र जलपरलय न होगा 12 षटि6र परमशवर न कहा जो वाचा म तमहार साथ और जिजतन जीषटिवत पराणी तमहार सग ह उन सब

क साथ भी यग यग की पीदिढय़ो क लिलय बा(ता ह उसका यह लिचनह ह 13 षटिक म न बाल म अपना नरषो रखा ह वह मर और पथवी क बीच म वाचा का लिचनह होगा 14 और जब म पथवी पर बाल 6लाऊ जब बाल म नरषो ख पडगा 15 तब मरी जो वाचा तमहार और सब जीषटिवत शरीरारी पराणिणयो क साथ बा(ी ह उसको म समरण करगा तब ऐसा जलपरलय षटि6र न होगा जिजस स सब पराणिणयो का षटिवनाश हो 16 बाल म जो नरषो होगा म उस ख क यह सा की वाचा समरण करगा जो परमशवर क और

पथवी पर क सब जीषटिवत शरीरारी पराणिणयो क बीच ब(ी ह 17 षटि6र परमशवर न नह स कहा जो वाचा म न पथवी भर क सब पराणिणयो क साथ बा(ी ह उसका

लिचनह यही ह 18 नह क जो पतर जहाज म स षटिनकल व शम हाम और यपत थ और हाम तो कनान का षटिपताहआ 19 नह क तीन पतर य ही ह और इनका वश सारी पथवी पर 6ल गया 20 और नह षटिकसानी करन लगा और उसन ाख की बारी लगाई 21 और वह ाखम पीकर मतवाला हआ और अपन तमब क भीतर नगा हो गया 22 तब कनान क षटिपता हाम न अपन षटिपता को नगा खा और बाहर आकर अपन ोनो भाइयो को

बतला दिया 23 तब शम और यपत ोनो न कपडा ल कर अपन क(ो पर रखा और पीछ की ओर उलटा

चलकर अपन षटिपता क नग तन को ढाप दिया और व अपना मख पीछ षटिकए हए थ इसलिलय उनहोन अपन षटिपता को नगा न खा

24 जब नह का नशा उतर गया तब उसन जान लिलया षटिक उसक छोट पतर न उसस कया षटिकया ह 25 इसलिलय उसन कहा कनान शाषटिपत हो वह अपन भाई ब(ओ क ासो का ास हो 26 षटि6र उसन कहा शम का परमशवर यहोवा नय ह और कनान शम का ास होव 27 परमशवर यपत क वश को 6लाए और वह शम क तमबओ म बस और कनान उसका ासहोव 28 जलपरलय क पशचात नह साढ तीन सौ वरषोW जीषटिवत रहा 29 और नह की कल अवसथा साढ नौ सौ वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया

अधयाय१०

01 नह क पतर जो शम हाम और यपत थ उनक पतर जलपरलय क पशचात उतपनन हए उनकी वशावली यह ह

02 यपत क पतर गोमर मागोग मा यावान तबल मशक और तीरास हए 03 और गोमर क पतर अशकनज रीपत और तोगमाW हए 04 और यावान क वश म एलीशा और तशश और षटिकcी और ोानी लोग हए 05 इनक वश अनयजाषटितयो क दवीपो क शो म ऐस बट गए षटिक व णिभनन णिभनन भारषोाओ कलो और

जाषटितयो क अनसार अलग अलग हो गए 06 षटि6र हाम क पतर कश और मिमसर और 6त और कनान हए 07 और कश क पतर सबा हवीला सबता रामा और सबतका हए और रामा क पतर शबा और

ान हए 08 और कश क वश म षटिनमरो भी हआ पथवी पर पषटिहला वीर वही हआ ह 09 वही यहोवा की दषटि म पराकरमी णिशकार खलन वाला ठहरा इस स यह कहावत चली ह षटिक

षटिनमरो क समान यहोवा की दषटि म पराकरमी णिशकार खलन वाला 10 और उसक राजय का आरमभ णिशनार श म बाबल अकक और कलन हआ 11 उस श स वह षटिनकल कर अशशर को गया और नीनव रहोबोतीर और कालह को 12 और नीनव और कालह क बीच रसन ह उस भी बसाया बडा नगर यही ह 13 और मिमसर क वश म ली अनामी लहाबी नपतही 14 और पतरसी कसलही और कपतोरी लोग हए कसलषटिहयो म स तो पलिलशती लोग षटिनकल 15 षटि6र कनान क वश म उसका जयषठ सीोन तब षटिहc 16 और यबसी एमोरी षटिगगाWशी 17 षटिहववी अक सीनी 18 अवWी समारी और हमाती लोग भी हए षटि6र कनाषटिनयो क कल भी 6ल गए 19 और कनाषटिनयो का लिसवाना सीोन स ल कर गरार क मागW स हो कर अजजा तक और षटि6र सोम

और अमोरा और अमा और सबोयीम क मागW स हो कर लाशा तक हआ 20 हाम क वश म य ही हए और य णिभनन णिभनन कलो भारषोाओ शो और जाषटितयो क अनसार

अलग अलग हो गए 21 षटि6र शम जो सब एबरवणिशयो का मलपररषो हआ और जो यपत का जयषठ भाई था उसक भी

पतर उतपनन हए 22 शम क पतर एलाम अशशर अपWकष ल और आराम हए 23 और आराम क पतर ऊस हल गतर और मश हए 24 और अपWकष न शलह को और शलह न एबर को जनम दिया 25 और एबर क ो पतर उतपनन हए एक का नाम पलग इस कारण रखा गया षटिक उसक दिनो म पथवी

बट गई और उसक भाई का नाम योकतान ह 26 और योकतान न अलमोा शलप हसमाWवत थरह 27 योरवाम ऊजाल दिकला 28 ओबाल अबीमाएल शबा 29 ओपीर हवीला और योबाब को जनम दिया य ही सब योकतान क पतर हए 30 इनक रहन का सथान मशा स ल कर सपारा जो पवW म एक पहाड ह उसक मागW तक हआ 31 शम क पतर य ही हए और य णिभनन णिभनन कलो भारषोाओ शो और जाषटितयो क अनसार अलग

अलग हो गए 32 नह क पतरो क घरान य ही ह और उनकी जाषटितयो क अनसार उनकी वशावलिलया य ही ह और

जलपरलय क पशचात पथवी भर की जाषटितया इनही म स हो कर बट गई

अधयाय११

1 11|01 सारी पथवी पर एक ही भारषोा और एक ही बोली थी 11|02 उस समय लोग पवW की और चलत चलत णिशनार श म एक मान पाकर उस म बस गए 11|03 तब व आपस म कहन लग षटिक आओ हम ईट बना बना क भली भाषटित आग म पकाए

और उनहोन पतथर क सथान म ईट स और चन क सथान म मिमटटी क गार स काम लिलया 11|04 षटि6र उनहोन कहा आओ हम एक नगर और एक गममट बना ल जिजसकी चोटी आकाश स

बात कर इस परकार स हम अपना नाम कर ऐसा न हो षटिक हम को सारी पथवी पर 6लना पड 11|05 जब लोग नगर और गममट बनान लग तब इनह खन क लिलय यहोवा उतर आया 11|06 और यहोवा न कहा म कया खता ह षटिक सब एक ही ल क ह और भारषोा भी उन सब की

एक ही ह और उनहोन ऐसा ही काम भी आरमभ षटिकया और अब जिजतना व करन का यतन करग उस म स कछ उनक लिलय अनहोना न होगा

11|07 इसलिलय आओ हम उतर क उनकी भारषोा म बडी गडबडी डाल षटिक व एक दसर की बोली को न समझ सक

11|08 इस परकार यहोवा न उन को वहा स सारी पथवी क ऊपर 6ला दिया और उनहोन उस नगर का बनाना छोड दिया

11|09 इस कारण उस नगर को नाम बाबल पडा कयोषटिक सारी पथवी की भारषोा म जो गडबडी ह सो यहोवा न वही डाली और वही स यहोवा न मनषयो को सारी पथवी क ऊपर 6ला दिया

11|10 शम की वशावली यह ह जल परलय क ो वरषोW पशचात जब शम एक सौ वरषोW का हआ तब उसन अपWकष को जनम दिया

11|11 और अपWकष न जनम क पशचात शम पाच सौ वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट बदिटया उतपनन हई

11|12 जब अपWकष पतीस वरषोW का हआ तब उसन शलह को जनम दिया 11|13 और शलह क जनम क पशचात अपWकष चार सौ तीन वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और

भी बट बदिटया उतपनन हई 11|14 जब शलह तीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा एबर को जनम हआ 11|15 और एबर क जनम क पशचात शलह चार सौ तीन वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 11|16 जब एबर चौतीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा पलग का जनम हआ 11|17 और पलग क जनम क पशचात एबर चार सौ तीस वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 11|18 जब पलग तीस वरषोW को हआ तब उसक दवारा र का जनम हआ 11|19 और र क जनम क पशचात पलग ो सौ नौ वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 11|20 जब र बcीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा सरग का जनम हआ 11|21 और सरग क जनम क पशचात र ो सौ सात वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 11|22 जब सरग तीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा नाहोर का जनम हआ 11|23 और नाहोर क जनम क पशचात सरग ो सौ वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 11|24 जब नाहोर उनतीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा तरह का जनम हआ 11|25 और तरह क जनम क पशचात नाहोर एक सौ उननीस वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और

भी बट बदिटया उतपनन हई 11|26 जब तक तरह सcर वरषोW का हआ तब तक उसक दवारा अबराम और नाहोर और हारान

उतपनन हए 11|27 तरह की यह वशावली ह तरह न अबराम और नाहोर और हारान को जनम दिया और

हारान न लत को जनम दिया 11|28 और हारान अपन षटिपता क सामहन ही कखिसयो क ऊर नाम नगर म जो उसकी जनम भमिम

थी मर गया 11|29 अबराम और नाहोर न सतरिसतरया बयाह ली अबराम की पतनी का नाम तो सार और नाहोर की

पतनी का नाम मिमलका था यह उस हारान की बटी थी जो मिमलका और मियसका ोनो का षटिपता था 11|30 सार तो बाझ थी उसक सतान न हई 11|31 और तरह अपना पतर अबराम और अपना पोता लत जो हारान का पतर था और अपनी बहसार जो उसक पतर अबराम की पतनी थी इन सभो को ल कर कखिसयो क ऊर नगर स षटिनकल कनान

श जान को चला पर हारान नाम श म पहचकर वही रहन लगा 11|32 जब तरह ो सौ पाच वरषोW का हआ तब वह हारान श म मर गया

अधयाय१२

01 यहोवा न अबराम स कहा अपन श और अपनी जनमभमिम और अपन षटिपता क घर को छोडकर उस श म चला जा जो म तझ दिखाऊगा

02 और म तझ स एक बडी जाषटित बनाऊगा और तझ आशीरषो दगा और तरा नाम बडा करगा और त आशीरषो का मल होगा

03 और जो तझ आशीवाW उनह म आशीरषो दगा और जो तझ कोस उस म शाप दगा और भमणडल क सार कल तर दवारा आशीरषो पाएग

04 यहोवा क इस वचन क अनसार अबराम चला और लत भी उसक सग चला और जब अबराम हारान श स षटिनकला उस समय वह पचहcर वरषोW का था

05 सो अबराम अपनी पतनी सार और अपन भतीज लत को और जो न उनहोन इकटठा षटिकया था और जो पराणी उनहोन हारान म परापत षटिकए थ सब को ल कर कनान श म जान को षटिनकल चला और व कनान श म आ भी गए

06 उस श क बीच स जात हए अबराम शकम म जहा मोर का बाज वकष ह पहचा उस समय उस श म कनानी लोग रहत थ

07 तब यहोवा न अबराम को शWन कर कहा यह श म तर वश को दगा और उसन वहा यहोवा क लिलय जिजसन उस शWन दिया था एक वी बनाई

08 षटि6र वहा स कच करक वह उस पहाड पर आया जो बतल क पवW की ओर ह और अपना तमब उस सथान म खडा षटिकया जिजसकी पचछिचछम की ओर तो बतल और पवW की ओर ऐ ह और वहा भी उसन यहोवा क लिलय एक वी बनाई और यहोवा स पराथWना की

09 और अबराम कच करक चछिकखन श की ओर चला गया 10 और उस श म अकाल पडा और अबराम मिमसर श को चला गया षटिक वहा परशी हो कर रह --

कयोषटिक श म भयकर अकाल पडा था 11 षटि6र ऐसा हआ षटिक मिमसर क षटिनकट पहचकर उसन अपनी पतनी सार स कहा सन मझ मालमह षटिक त एक सनर सतरी ह 12 इस कारण जब मिमसरी तझ खग तब कहग यह उसकी पतनी ह सो व मझ को तो मार डालग

पर तझ को जीती रख लग 13 सो यह कहना षटिक म उसकी बषटिहन ह जिजस स तर कारण मरा कलयाण हो और मरा पराण तर

कारण बच 14 षटि6र ऐसा हआ षटिक जब अबराम मिमसर म आया तब मिमणिसरयो न उसकी पतनी को खा षटिक यह

अषटित सनर ह 15 और षटि6रौन क हाषटिकमो न उसको खकर षटि6रौन क सामहन उसकी परशसा की सो वह सतरी

षटि6रौन क घर म रखी गई 16 और उसन उसक कारण अबराम की भलाई की सो उसको भड-बकरी गाय-बल ास-ालिसया गह-गषटिहया और ऊट मिमल

17 तब यहोवा न षटि6रौन और उसक घरान पर अबराम की पतनी सार क कारण बडी बडी षटिवपलिcयाडाली 18 सो षटि6रौन न अबराम को बलवा कर कहा त न मझ स कया षटिकया ह त न मझ कयो नही बताया

षटिक वह तरी पतनी ह 19 त न कयो कहा षटिक वह तरी बषटिहन ह म न उस अपनी ही पतनी बनान क लिलय लिलया परनत अब

अपनी पतनी को ल कर यहा स चला जा 20 और षटि6रौन न अपन आमिमयो को उसक षटिवरषोय म आजञा ी और उनहोन उसको और उसकी

पतनी को सब समपलिc समत जो उसका था षटिवा कर दिया

अधयाय१३

01 तब अबराम अपनी पतनी और अपनी सारी समपतति ल कर लत को भी सग लिलय हए मिमसर को छोड़ कर कनान क दततति$न दश म आया

02 अबराम भड़-बकरी गाय-बल और सोन- रप का बड़ा धनी था 03 फिर वह दततति$न दश स चलकर बतल क पास उसी सथान को पहचा जहा उसका तमब पहल पड़ा था

जो बतल और ऐ क बीच म ह 04 यह सथान उस वदी का ह जिजस उसन पहल बनाई थी और वहा अबराम न फिर यहोवा स पराथना की 05 और लत क पास भी जो अबराम क साथ चलता था भड़-बकरी गाय-बल और तमब थ 06 सो उस दश म उन दोनो की समाई न हो सकी फिक व इकटठ रह $योफिक उनक पास बहत धन था इसलिलय व

इकटठ न रह सक 07 सो अबराम और लत की भड़-बकरी और गाय- बल क चरवाहो क बीच म झगड़ा हआ और उस समयकनानी और परिरजजी लोग उस दश म रहत थ 08 तब अबराम लत स कहन लगा मर और तर बीच और मर और तर चरवाहो क बीच म झगड़ा न होन पाए

$योफिक हम लोग भाई बनध ह 09 $या सारा दश तर सामहन नही सो मझ स अलग हो यदिद त बाई ओर जाए तो म दाफिहनी ओर जाऊगा

और यदिद त दाफिहनी ओर जाए तो म बाई ओर जाऊगा 10 तब लत न आ उठा कर यरदन नदी क पास वाली सारी तराई को दा फिक वह सब सिसची हई ह जब

तक यहोवा न सदोम और अमोरा को नाश न फिकया था तब तक सोअर क माग तक वह तराई यहोवा कीबादिNका और मिमसर दश क समान उपजाऊ थी 11 सो लत अपन लिलय यरदन की सारी तराई को चन क पव की ओर चला और व एक दसर स अलग होगए 12 अबराम तो कनान दश म रहा पर लत उस तराई क नगरो म रहन लगा और अपना तमब सदोम क फिनकN

ड़ा फिकया 13 सदोम क लोग यहोवा क ल म बड़ दषट और पापी थ 14 जब लत अबराम स अलग हो गया तब उसक पशचात यहोवा न अबराम स कहा आ उठा कर जिजस सथान

पर त ह वहा स उर-दततति$न पव-पततिशचम चारो ओर दमिषट कर 15 $योफिक जिजतनी भमिम तझ दिदाई दती ह उस सब को म तझ और तर वश को यग यग क लिलय दगा 16 और म तर वश को पथवी की धल क फिकनको की नाई बहत करगा यहा तक फिक जो कोई पथवी की धल

क फिकनको को फिगन सकगा वही तरा वश भी फिगन सकगा 17 उठ इस दश की लमबाई और चौड़ाई म चल फिर $योफिक म उस तझी को दगा 18 इसक पशचात अबराम अपना तमब उाड़ कर मामर क बाजो क बीच जो हबरोन म थ जा कर रहन लगा

और वहा भी यहोवा की एक वदी बनाई

अधयाय१४

01 णिशनार क राजा अमरापल और एललासार क राजा अयक और एलाम क राजा कोलाWओमर और गोयीम क राजा षटिताल क दिनो म ऐसा हआ

02 षटिक उनहोन सोम क राजा बरा और अमोरा क राजा षटिबशाW और अमा क राजा णिशनाब और सबोयीम क राजा शमबर और बला जो सोअर भी कहलाता ह इन राजाओ क षटिवरq यq षटिकया

03 इन पाचो न लिसददीम नाम तराई म जो खार ताल क पास ह एका षटिकया 04 बारह वरषोW तक तो य कोलाWओमर क आीन रह पर तरहव वरषोW म उसक षटिवरq उठ 05 सो चौहव वरषोW म कोलाWओमर और उसक सगी राजा आए और अशतरोतकनम म रपाइयोको और हाम म जजिजयो को और शबषटिकयाWतम म एमिमयो को 06 और सईर नाम पहाड म होरिरयो को मारत मारत उस एलपारान तक जो जगल क पास ह पहचगए 07 वहा स व लौट कर एनधिनमशपात को आए जो काश भी कहलाता ह और अमालषटिकयो क सार

श को और उन एमोरिरयो को भी जीत लिलया जो हससोनतामार म रहत थ 08 तब सोम अमोरा अमा सबोयीम और बला जो सोअर भी कहलाता ह इनक राजाषटिनकल और लिसददीम नाम तराई म उनक साथ यq क लिलय पाषटित बा(ी 09 अथाWत एलाम क राजा कोलाWओमर गोयीम क राजा षटिताल णिशनार क राजा अमरापल और

एललासार क राजा अयक इन चारो क षटिवरq उन पाचो न पाषटित बा(ी 10 लिसददीम नाम तराई म जहा लसार मिमटटी क गडह ही गडह थ सोम और अमोरा क राजा भागत

भागत उन म षटिगर पड और जो बच व पहाड पर भाग गए 11 तब व सोम और अमोरा क सार न और भोजन वसतओ को लट लाट कर चल गए 12 और अबराम का भतीजा लत जो सोम म रहता था उसको भी न समत व ल कर चल गए 13 तब एक जन जो भाग कर बच षटिनकला था उसन जा कर इबरी अबराम को समाचार दिया अबराम

तो एमोरी मामर जो एशकोल और आनर का भाई था उसक बाज वझो क बीच म रहता था और य लोग अबराम क सग वाचा बा( हए थ

14 यह सनकर षटिक उसका भतीजा ब(आई म गया ह अबराम न अपन तीन सौ अठारह णिशणिकषत यq कौशल म षटिनपण ासो को ल कर जो उसक कटमब म उतपनन हए थ असतर शसतर ारण करक ान तक उनका पीछा षटिकया

15 और अपन ासो क अलग अलग ल बा(कर रात को उन पर चढाई करक उन को मार लिलया और होबा तक जो मिमशक की उcर ओर ह उनका पीछा षटिकया

16 और सार न को और अपन भतीज लत और उसक न को और सतरिसतरयो को और सब ब(ओ को लौटा ल आया

17 जब वह कोलाWओमर और उसक साथी राजाओ को जीत कर लौटा आता था तब सोम का राजा शाव नाम तराई म जो राजा की भी कहलाती ह उसस भट करन क लिलय आया

18 जब शालम का राजा मलकीसक जो परमपरान ईशवर का याजक था रोटी और ाखम लआया 19 और उसन अबराम को यह आशीवाW दिया षटिक परमपरान ईशवर की ओर स जो आकाश और

पथवी का अलिकारी ह त नय हो 20 और नय ह परमपरान ईशवर जिजसन तर दरोषटिहयो को तर वश म कर दिया ह तब अबराम न

उसको सब का शमाश दिया 21 जब सोम क राजा न अबराम स कहा पराणिणयो को तो मझ और न को अपन पास रख 22 अबराम न सोम क राजा स कहा परमपरान ईशवर यहोवा जो आकाश और पथवी का अलिकारी ह 23 उसकी म यह शपथ खाता ह षटिक जो कछ तरा ह उस म स न तो म एक सत और न जती काब(न न कोई और वसत लगा षटिक त ऐसा न कहन पाए षटिक अबराम मर ही कारण नी हआ

24 पर जो कछ इन जवानो न खा लिलया ह और उनका भाग जो मर साथ गए थ अथाWत आनर एशकोल और मामर म नही लौटाऊगा व तो अपना अपना भाग रख ल

अधयाय१५

01 इन बातो क पशचात यहोवा को यह वचन दशन म अबराम क पास पहचा फिक ह अबराम मत डर तरी ढाल और तरा अतयनत बड़ा ल म ह

02 अबराम न कहा ह परभ यहोवा म तो फिनव^श ह और मर घर का वारिरस यह दमिमशकी एलीएजर होगा सो त मझ $या दगा

03 और अबराम न कहा मझ तो त न वश नही दिदया और $या दता ह फिक मर घर म उतपनन हआ एक जन मरा वारिरस होगा

04 तब यहोवा का यह वचन उसक पास पहचा फिक यह तरा वारिरस न होगा तरा जो फिनज पतर होगा वही तरा वारिरस होगा

05 और उसन उसको बाहर ल जाक कहा आकाश की ओर दमिषट करक तारागण को फिगन $या त उन को फिगन सकता ह फिर उसन उसस कहा तरा वश ऐसा ही होगा

06 उसन यहोवा पर फिवशवास फिकया और यहोवा न इस बात को उसक ल म धम फिगना 07 और उसन उसस कहा म वही यहोवा ह जो तझ कसदिfदयो क ऊर नगर स बाहर ल आया फिक तझ को इस

दश का अमिधकार द 08 उसन कहा ह परभ यहोवा म कस जान फिक म इसका अमिधकारी हगा 09 यहोवा न उसस कहा मर लिलय तीन वरष की एक कलोर और तीन वरष की एक बकरी और तीन वरष का

एक मढ़ा और एक फिपणडक और कबतर का एक बचचा ल 10 और इन सभो को ल कर उसन बीच म स दो Nकड़ कर दिदया और Nकड़ो को आमहन- सामहन रा पर

लिचफिडय़ाओ को उसन Nकड़ न फिकया 11 और जब मासाहारी पकषी लोथो पर झपN तब अबराम न उनह उड़ा दिदया 12 जब सय अfत होन लगा तब अबराम को भारी नीद आई और दो अतयनत भय और अनधकार न उस छा लिलया 13 तब यहोवा न अबराम स कहा यह फिनशचय जान फिक तर वश पराए दश म परदशी हो कर रहग और उसक

दश क लोगो क दास हो जाएग और व उन को चार सौ वरष लो द दग 14 फिर जिजस दश क व दास होग उसको म दणड दगा और उसक पशचात व बड़ा धन वहा स ल कर फिनकलआएग 15 त तो अपन फिपतरो म कशल क साथ मिमल जाएगा तझ पर बढ़ाप म मिमटटी दी जाएगी 16 पर व चौथी पीढ़ी म यहा फिर आएग $योफिक अब तक एमोरिरयो का अधम परा नही हआ 17 और ऐसा हआ फिक जब सय अfत हो गया और घोर अनधकार छा गया तब एक अगठी जिजस म स धआ

उठता था और एक जलता हआ पलीता द पड़ा जो उन Nकड़ो क बीच म स हो कर फिनकल गया 18 उसी दिदन यहोवा न अबराम क साथ यह वाचा बानधी फिक मिमसर क महानद स ल कर परात नाम बड़ नद तक

जिजतना दश ह 19 अथात कफिनयो कफिनतततिजजयो कदक़ोफिनयो 20 फिहततियो परीतततिजजयो रपाइयो 21 एमोरिरयो कनाफिनयो फिगगालिशयो और यबलिसयो का दश म न तर वश को दिदया ह

अधयाय१६

01 अबराम की पतनी सार क कोई सनतान न थी और उसक हाजिजरा नाम की एक मिमसरी लौडी थी 02 सो सार न अबराम स कहा ख यहोवा न तो मरी कोख बन कर रखी ह सो म तझ स षटिबनती

करती ह षटिक त मरी लौडी क पास जा समभव ह षटिक मरा घर उसक दवारा बस जाए 03 सो सार की यह बात अबराम न मान ली सो जब अबराम को कनान श म रहत स वरषोW बीत चक

तब उसकी सतरी सार न अपनी मिमसरी लौडी हाजिजरा को ल कर अपन पषटित अबराम को दिया षटिक वह उसकी पतनी हो

04 और वह हाजिजरा क पास गया और वह गभWवती हई और जब उसन जाना षटिक वह गभWवती ह तब वह अपनी सवामिमनी को अपनी दषटि म तचछ समझन लगी

05 तब सार न अबराम स कहा जो मझ पर उपदरव हआ सो तर ही लिसर पर हो म न तो अपनी लौडी को तरी पतनी कर दिया पर जब उसन जाना षटिक वह गभWवती ह तब वह मझ तचछ समझन लगी सो

यहोवा मर और तर बीच म नयाय कर 06 अबराम न सार स कहा ख तरी लौडी तर वश म ह जसा तझ भला लग वसा ही उसक साथ

कर सो सार उसको द ख न लगी और वह उसक सामहन स भाग गई 07 तब यहोवा क दत न उसको जगल म शर क मागW पर जल क एक सोत क पास पाकर कहा 08 ह सार की लौडी हाजिजरा त कहा स आती और कहा को जाती ह उसन कहा म अपनी

सवामिमनी सार क सामहन स भाग आई ह 09 यहोवा क दत न उसस कहा अपनी सवामिमनी क पास लौट जा और उसक वश म रह 10 और यहोवा क दत न उसस कहा म तर वश को बहत बढाऊगा यहा तक षटिक बहतायत क

कारण उसकी गणना न हो सकगी 11 और यहोवा क दत न उसस कहा ख त गभWवती ह और पतर जनगी सो उसका नाम इशमाएलरखना कयोषटिक यहोवा न तर द ख का हाल सन लिलया ह 12 और वह मनषय बनल गह क समान होगा उसका हाथ सबक षटिवरq उठगा और सब क हाथ

उसक षटिवरq उठ ग और वह अपन सब भाई ब(ओ क मधय म बसा रहगा 13 तब उसन यहोवा का नाम जिजसन उसस बात की थी अcाएलरोई रखकर कहा षटिक कया म यहा

भी उसको जात हए खन पाई जो मरा खनहारा ह 14 इस कारण उस कए का नाम लहरोई कआ पडा वह तो काश और बर क बीच म ह 15 सो हाजिजरा अबराम क दवारा एक पतर जनी और अबराम न अपन पतर का नाम जिजस हाजिजराजनी इशमाएल रखा 16 जब हाजिजरा न अबराम क दवारा इशमाएल को जनम दिया उस समय अबराम लिछयासी वरषोW का था

अधयाय१७

1 17|01 जब अबराम षटिनननानव वरषोW का हो गया तब यहोवा न उसको शWन कर कहा म सवWशलिकतमान ईशवर ह मरी उपचछिसथषटित म चल और लिसq होता जा

17|02 और म तर साथ वाचा बा(गा और तर वश को अतयनत ही बढाऊगा 17|03 तब अबराम मह क बल षटिगरा और परमशवर उसस यो बात कहता गया 17|04 ख मरी वाचा तर साथ ब(ी रहगी इसलिलय त जाषटितयो क समह का मलषटिपता हो जाएगा 17|05 सो अब स तरा नाम अबराम न रहगा परनत तरा नाम इबराहीम होगा कयोषटिक म न तझ जाषटितयो

क समह का मलषटिपता ठहरा दिया ह 17|06 और म तझ अतयनत ही 6लाऊ 6लाऊगा और तझ को जाषटित जाषटित का मल बना दगा और

तर वश म राजा उतपनन होग 17|07 और म तर साथ और तर पशचात पीढी पीढी तक तर वश क साथ भी इस आशय की यग

यग की वाचा बा(ता ह षटिक म तरा और तर पशचात तर वश का भी परमशवर रहगा 17|08 और म तझ को और तर पशचात तर वश को भी यह सारा कनान श जिजस म त परशी

हो कर रहता ह इस रीषटित दगा षटिक वह यग यग उनकी षटिनज भमिम रहगी और म उनका परमशवर रहगा 17|09 षटि6र परमशवर न इबराहीम स कहा त भी मर साथ बा(ी हई वाचा का पालन करना त और

तर पशचात तरा वश भी अपनी अपनी पीढी म उसका पालन कर 17|10 मर साथ बा(ी हई वाचा जो तझ और तर पशचात तर वश को पालनी पडगी सो यह ह षटिक

तम म स एक एक पररषो का खतना हो 17|11 तम अपनी अपनी खलडी का खतना करा लना जो वाचा मर और तमहार बीच म ह उसका

यही लिचनह होगा 17|12 पीढी पीढी म कवल तर वश ही क लोग नही पर जो तर घर म उतपनन हो वा परणिशयो को

रपा कर मोल लिलय जाए ऐस सब पररषो भी जब आठ दिन क हो जाए तब उनका खतना षटिकयाजाए 17|13 जो तर घर म उतपनन हो अथवा तर रप स मोल लिलया जाए उसका खतना अवशय ही षटिकयाजाए सो मरी वाचा जिजसका लिचनह तमहारी ह म होगा वह यग यग रहगी 17|14 जो पररषो खतनारषटिहत रह अथाWत जिजसकी खलडी का खतना न हो वह पराणी अपन लोगो म स नाश षटिकया जाए कयोषटिक उसन मर साथ बा(ी हई वाचा को तोड दिया

17|15 षटि6र परमशवर न इबराहीम स कहा तरी जो पतनी सार ह उसको त अब सार न कहना उसका नाम सारा होगा

17|16 और म उसको आशीरषो दगा और तझ को उसक दवारा एक पतर दगा और म उसको ऐसी आशीरषो दगा षटिक वह जाषटित जाषटित की मलमाता हो जाएगी और उसक वश म राजय राजय क राजा

उतपनन होग 17|17 तब इबराहीम मह क बल षटिगर पडा और हसा और अपन मन ही मन कहन लगा कया सौ वरषोW

क पररषो क भी सनतान होगा और कया सारा जो नबब वरषोW की ह पतर जनगी 17|18 और इबराहीम न परमशवर स कहा इशमाएल तरी दषटि म बना रह यही बहत ह 17|19 तब परमशवर न कहा षटिनशचय तरी पतनी सारा क तझ स एक पतर उतपनन होगा और त उसका

नाम इसहाक रखना और म उसक साथ ऐसी वाचा बा(गा जो उसक पशचात उसक वश क लिलय यग यग की वाचा होगी

17|20 और इशमाएल क षटिवरषोय म भी म न तरी सनी ह म उसको भी आशीरषो दगा और उस 6लाऊ 6लाऊगा और अतयनत ही बढा दगा उसस बारह परान उतपनन होग और म उसस एक बडी

जाषटित बनाऊगा 17|21 परनत म अपनी वाचा इसहाक ही क साथ बा(गा जो सारा स अगल वरषोW क इसी षटिनयकत

समय म उतपनन होगा 17|22 तब परमशवर न इबराहीम स बात करनी बन की और उसक पास स ऊपर चढ गया 17|23 तब इबराहीम न अपन पतर इशमाएल को उसक घर म जिजतन उतपनन हए थ और जिजतन उसक

रप स मोल लिलय गए थ षटिनान उसक घर म जिजतन पररषो थ उन सभो को लक उसी दिन परमशवर क वचन क अनसार उनकी खलडी का खतना षटिकया

17|24 जब इबराहीम की खलडी का खतना हआ तब वह षटिनननानव वरषोW का था 17|25 और जब उसक पतर इशमाएल की खलडी का खतना हआ तब वह तरह वरषोW का था 17|26 इबराहीम और उसक पतर इशमाएल ोनो का खतना एक ही दिन हआ 17|27 और उसक घर म जिजतन पररषो थ जो घर म उतपनन हए तथा जो परणिशयो क हाथ स मोल

लिलय गए थ सब का खतना उसक साथ ही हआ

अधयाय१८

01 इबराहीम मामर क बाजो क बीच कडी प क समय तमब क दवार पर बठा हआ था तब यहोवा न उस शWन दिया

02 और उसन आख उठा कर दषटि की तो कया खा षटिक तीन पररषो उसक सामहन खड ह जब उसन उनह खा तब वह उन स भट करन क लिलय तमब क दवार स ौडा और भमिम पर षटिगरकर णडवत

की और कहन लगा 03 ह परभ यदि मझ पर तरी अनगरह की दषटि ह तो म षटिबनती करता ह षटिक अपन ास क पास स

चल न जाना 04 म थोडा सा जल लाता ह और आप अपन पाव ोकर इस वकष क तल षटिवशराम कर 05 षटि6र म एक टकडा रोटी ल आऊ और उसस आप अपन जीव को तपत कर तब उसक पशचात

आग बढ कयोषटिक आप अपन ास क पास इसी लिलय पार ह उनहोन कहा जसा त कहता ह वसा ही कर

06 सो इबराहीम न तमब म सारा क पास 6त स जा कर कहा तीन सआ मा 6त स ग( और 6लक बना

07 षटि6र इबराहीम गाय बल क झणड म ौडा और एक कोमल और अचछा बछडा ल कर अपन सवक को दिया और उसन 6त स उसको पकाया

08 तब उसन मकखन और द और वह बछडा जो उसन पकवाया था ल कर उनक आग परोसदिया और आप वकष क तल उनक पास खडा रहा और व खान लग 09 उनहोन उसस पछा तरी पतनी सारा कहा ह उसन कहा वह तो तमब म ह 10 उसन कहा म वसनत ऋत म षटिनशचय तर पास षटि6र आऊगा और तब तरी पतनी सारा क एक पतर

उतपनन होगा और सारा तमब क दवार पर जो इबराहीम क पीछ था सन रही थी 11 इबराहीम और सारा ोनो बहत बढ थ और सारा का सतरीमW बन हो गया था 12 सो सारा मन म हस कर कहन लगी म तो बढी ह और मरा पषटित भी बढा ह तो कया मझ यह

सख होगा 13 तब यहोवा न इबराहीम स कहा सारा यह कहकर कयोहसी षटिक कया मर जो ऐसी बदिढय़ा हो गईह सचमच एक पतर उतपनन होगा 14 कया यहोवा क लिलय कोई काम कदिठन ह षटिनयत समय म अथाWत वसनत ऋत म म तर पास

षटि6र आऊगा और सारा क पतर उतपनन होगा15 तब सारा डर क मार यह कह कर मकर गई षटिक म नही हसी उसन कहा नही त हसी तो थी 16 षटि6र व पररषो वहा स चल कर सोम की ओर ताकन लग और इबराहीम उनह षटिवा करन क लिलय

उनक सग सग चला 17 तब यहोवा न कहा यह जो म करता ह सो कया इबराहीम स लिछपा रख 18 इबराहीम स तो षटिनशचय एक बडी और सामथ जाषटित उपजगी और पथवी की सारी जाषटितया उसक

दवारा आशीरषो पाएगी 19 कयोषटिक म जानता ह षटिक वह अपन पतरो और परिरवार को जो उसक पीछ रह जाएग आजञा गा

षटिक व यहोवा क मागW म अटल बन रह और मW और नयाय करत रह इसलिलय षटिक जो कछ यहोवा न इबराहीम क षटिवरषोय म कहा ह उस परा कर

20 षटि6र यहोवा न कहा सोम और अमोरा की लिचललाहट बढ गई ह और उनका पाप बहत भारी हो गया ह

21 इसलिलय म उतरकर खगा षटिक उसकी जसी लिचललाहट मर कान तक पहची ह उनहोन ठीक वसा ही काम षटिकया ह षटिक नही और न षटिकया हो तो म उस जान लगा

22 सो व पररषो वहा स मड क सोम की ओर जान लग पर इबराहीम यहोवा क आग खडा रहगया 23 तब इबराहीम उसक समीप जा कर कहन लगा कया सचमच द क सग म को भी नाशकरगा 24 कालिचत उस नगर म पचास म हो तो कया त सचमच उस सथान को नाश करगा और उन

पचास रमिमयो क कारण जो उस म हो न छोडगा 25 इस परकार का काम करना तझ स दर रह षटिक द क सग म को भी मार डाल और म और

द ोनो की एक ही शा हो यह तझ स दर रह कया सारी पथवी का नयायी नयाय न कर 26 यहोवा न कहा यदि मझ सोम म पचास म मिमल तो उनक कारण उस सार सथान को छोडगा 27 षटि6र इबराहीम न कहा ह परभ सन म तो मिमटटी और राख ह तौभी म न इतनी दिढठाई की षटिक तझ

स बात कर 28 कालिचत उन पचास रमिमयो म पाच घट जाए तो कया त पाच ही क घटन क कारण उस सार

नगर का नाश करगा उसन कहा यदि मझ उस म पतालीस भी मिमल तौभी उसका नाश न करगा 29 षटि6र उसन उसस यह भी कहा कालिचत वहा चालीस मिमल उसन कहा तो म चालीस क कारण

भी ऐसा न करगा 30 षटि6र उसन कहा ह परभ करो न कर तो म कछ और कह कालिचत वहा तीस मिमल उसन कहा

यदि मझ वहा तीस भी मिमल तौभी ऐसा न करगा 31 षटि6र उसन कहा ह परभ सन म न इतनी दिढठाई तो की ह षटिक तझ स बात कर कालिचत उस म बीस मिमल उसन कहा म बीस क कारण भी उसका नाश न करगा

32 षटि6र उसन कहा ह परभ करो न कर म एक ही बार और कहगा कालिचत उस म स मिमल उसन कहा तो म स क कारण भी उसका नाश न करगा

33 जब यहोवा इबराहीम स बात कर चका तब चला गया और इबराहीम अपन घर को लौट गया

अधयाय१९

01 साझ को व ो दत सोम क पास आए और लत सोम क 6ाटक क पास बठा था सो उन को ख कर वह उन स भट करन क लिलय उठा और मह क बल झक कर णडवत कर कहा

02 ह मर परभओ अपन ास क घर म पारिरए और रात भर षटिवशराम कीजिजए और अपन पावोइय षटि6र भोर को उठ कर अपन मागW पर जाइए उनहोन कहा नही हम चौक ही म रात षटिबताएग 03 और उसन उन स बहत षटिबनती करक उनह मनाया सो व उसक साथ चल कर उसक घर म आए

और उसन उनक लिलय जवनार तयार की और षटिबना खमीर की रोदिटया बनाकर उन को खिखलाई 04 उनक सो जान क पषटिहल उस सोम नगर क पररषोो न जवानो स ल कर बढो तक वरन चारो

ओर क सब लोगो न आकर उस घर को घर लिलया 05 और लत को पकार कर कहन लग षटिक जो पररषो आज रात को तर पास आए ह व कहा ह उन

को हमार पास बाहर ल आ षटिक हम उन स भोग कर 06 तब लत उनक पास दवार क बाहर गया और षटिकवाड को अपन पीछ बन करक कहा 07 ह मर भाइयो ऐसी बराई न करो 08 सनो मरी ो बदिटया ह जिजनहोन अब तक पररषो का मह नही खा इचछा हो तो म उनह तमहार

पास बाहर ल आऊ और तम को जसा अचछा लग वसा वयवहार उन स करो पर इन पररषोो स कछ न करो कयोषटिक य मरी छत क तल आए ह

09 उनहोन कहा हट जा षटि6र व कहन लग त एक परशी हो कर यहा रहन क लिलय आया पर अब नयायी भी बन बठा ह सो अब हम उन स भी अलिक तर साथ बराई करग और व उस पररषो लत को बहत बान लग और षटिकवाड तोडन क लिलय षटिनकट आए

10 तब उन पाहनो न हाथ बढाकर लत को अपन पास घर म खीच लिलया और षटिकवाड को बन कर दिया 11 और उनहोन कया छोट कया बड सब पररषोो को जो घर क दवार पर थ अ(ा कर दिया सो व

दवार को टटोलत टटोलत थक गए 12 षटि6र उन पाहनो न लत स पछा यहा तर और कौन कौन ह ामा बट बदिटया वा नगर म तरा

जो कोई हो उन सभो को ल कर इस सथान स षटिनकल जा 13 कयोषटिक हम यह सथान नाश करन पर ह इसलिलय षटिक उसकी लिचललाहट यहोवा क सममख बढ गईह और यहोवा न हम इसका सतयनाश करन क लिलय भज दिया ह 14 तब लत न षटिनकल कर अपन ामाो को जिजनक साथ उसकी बदिटयो की सगाई हो गई थी

समझा क कहा उठो इस सथान स षटिनकल चलो कयोषटिक यहोवा इस नगर को नाश षटिकया चाहता ह पर वह अपन ामाो की दषटि म ठटठा करन हारा सा जान पडा

15 जब पौ 6टन लगी तब दतो न लत स 6त कराई और कहा षटिक उठ अपनी पतनी और ोनो बदिटयो को जो यहा ह ल जा नही तो त भी इस नगर क अमW म भसम हो जाएगा

16 पर वह षटिवलमब करता रहा इस स उन पररषोो न उसका और उसकी पतनी और ोनो बदिटयो का हाथ पकड लिलया कयोषटिक यहोवा की या उस पर थी और उसको षटिनकाल कर नगर क बाहर कर

दिया 17 और ऐसा हआ षटिक जब उनहोन उन को बाहर षटिनकाला तब उसन कहा अपना पराण ल कर भागजा पीछ की और न ताकना और तराई भर म न ठहरना उस पहाड पर भाग जाना नही तो त भी

भसम हो जाएगा 18 लत न उन स कहा ह परभ ऐसा न कर 19 ख तर ास पर तरी अनगरह की दषटि हई ह और त न इस म बडी कपा दिखाई षटिक मर पराण

को बचाया ह पर म पहाड पर भाग नही सकता कही ऐसा न हो षटिक कोई षटिवपलिc मझ पर आ पड और म मर जाऊ

20 ख वह नगर ऐसा षटिनकट ह षटिक म वहा भाग सकता ह और वह छोटा भी ह मझ वही भाग जान कया वह छोटा नही ह और मरा पराण बच जाएगा

21 उसन उसस कहा ख म न इस षटिवरषोय म भी तरी षटिबनती अगीकार की ह षटिक जिजस नगर की चचाW त न की ह उसको म नाश न करगा

22 6त स वहा भाग जा कयोषटिक जब तक त वहा न पहच तब तक म कछ न कर सकगा इसी कारण उस नगर का नाम सोअर पडा

23 लत क सोअर क षटिनकट पहचत ही सयW पथवी पर उय हआ 24 तब यहोवा न अपनी ओर स सोम और अमोरा पर आकाश स ग(क और आग बरसाई 25 और उन नगरो को और समपणW तराई को और नगरो को और उस समपणW तराई को और नगरो

क सब षटिनवालिसयो भमिम की सारी उपज समत नाश कर दिया 26 लत की पतनी न जो उसक पीछ थी दषटि 6र क पीछ की ओर खा और वह नमक का खमभा

बन गई 27 भोर को इबराहीम उठ कर उस सथान को गया जहा वह यहोवा क सममख खडा था 28 और सोम और अमोरा और उस तराई क सार श की ओर आख उठा कर कया खा षटिक उस

श म स कती हई भटटी का सा आ उठ रहा ह 29 और ऐसा हआ षटिक जब परमशवर न उस तराई क नगरो को जिजन म लत रहता था उलट पलट

कर नाश षटिकया तब उसन इबराहीम को या करक लत को उस घटना स बचा लिलया 30 और लत न सोअर को छोड दिया और पहाड पर अपनी ोनो बदिटयो समत रहन लगा कयोषटिक

वह सोअर म रहन स डरता था इसलिलय वह और उसकी ोनो बदिटया वहा एक ग6ा म रहन लग 31 तब बडी बटी न छोटी स कहा हमारा षटिपता बढा ह और पथवी भर म कोई ऐसा पररषो नही जो

ससार की रीषटित क अनसार हमार पास आए 32 सो आ हम अपन षटिपता को ाखम षटिपला कर उसक साथ सोए जिजस स षटिक हम अपन षटिपता

क वश को बचाए रख 33 सो उनहोन उसी दिन रात क समय अपन षटिपता को ाखम षटिपलाया तब बडी बटी जा कर अपन

षटिपता क पास लट गई पर उसन न जाना षटिक वह कब लटी और कब उठ गई 34 और ऐसा हआ षटिक दसर दिन बडी न छोटी स कहा ख कल रात को म अपन षटिपता क साथसोई सो आज भी रात को हम उसको ाखम षटिपलाए तब त जा कर उसक साथ सोना षटिक हम

अपन षटिपता क दवारा वश उतपनन कर 35 सो उनहोन उस दिन भी रात क समय अपन षटिपता को ाखम षटिपलाया और छोटी बटी जा कर

उसक पास लट गई पर उसको उसक भी सोन और उठन क समय का जञान न था 36 इस परकार स लत की ोनो बदिटया अपन षटिपता स गभWवती हई 37 और बडी एक पतर जनी और उसका नाम मोआब रखा वह मोआब नाम जाषटित का जो आज

तक ह मलषटिपता हआ 38 और छोटी भी एक पतर जनी और उसका नाम बनममी रखा वह अममोन वणिशयो का जो आज

तक ह मलषटिपता हआ

अधयाय२०

01 षटि6र इबराहीम वहा स कच कर चछिकखन श म आकर काश और शर क बीच म ठहरा और गरार म रहन लगा

02 और इबराहीम अपनी पतनी सारा क षटिवरषोय म कहन लगा षटिक वह मरी बषटिहन ह सो गरार क राजा अबीमलक न दत भज कर सारा को बलवा लिलया

03 रात को परमशवर न सवपन म अबीमलक क पास आकर कहा सन जिजस सतरी को त न रख लिलयाह उसक कारण त मर जाएगा कयोषटिक वह सहाषटिगन ह 04 परनत अबीमलक तो उसक पास न गया था सो उसन कहा ह परभ कया त षटिनरषो जाषटित का भी

घात करगा 05 कया उसी न सवय मझ स नही कहा षटिक वह मरी बषटिहन ह और उस सतरी न भी आप कहा षटिक

वह मरा भाई ह म न तो अपन मन की खराई और अपन वयवहार की सचचाई स यह काम षटिकया 06 परमशवर न उसस सवपन म कहा हा म भी जानता ह षटिक अपन मन की खराई स त न यह काम

षटिकया ह और म न तझ रोक भी रखा षटिक त मर षटिवरq पाप न कर इसी कारण म न तझ को उस छन नही दिया

07 सो अब उस पररषो की पतनी को उस 6र कयोषटिक वह नबी ह और तर लिलय पराथWना करगा और त जीता रहगा पर यदि त उसको न 6र तो जान रख षटिक त और तर जिजतन लोग ह सब

षटिनशचय मर जाएग 08 षटिबहान को अबीमलक न तडक उठ कर अपन सब कमWचारिरयो को बलवा कर य सब बात सनाई

और व लोग बहत डर गए 09 तब अबीमलक न इबराहीम को बलवा कर कहा त न हम स यह कया षटिकया ह और म न तरा

कया षटिबगाडा था षटिक त न मर और मर राजय क ऊपर ऐसा बडा पाप डाल दिया ह त न मझ स वह काम षटिकया ह जो उलिचत न था

10 षटि6र अबीमलक न इबराहीम स पछा त न कया समझ कर ऐसा काम षटिकया 11 इबराहीम न कहा म न यह सोचा था षटिक इस सथान म परमशवर का कछ भी भय न होगा सो य

लोग मरी पतनी क कारण मरा घात करग 12 और षटि6र भी सचमच वह मरी बषटिहन ह वह मर षटिपता की बटी तो ह पर मरी माता की बटी नही

षटि6र वह मरी पतनी हो गई 13 और ऐसा हआ षटिक जब परमशवर न मझ अपन षटिपता का घर छोड कर षटिनकलन की आजञा ी तब म न उसस कहा इतनी कपा तझ मझ पर करनी होगी षटिक हम ोनोजहा जहा जाए वहा वहा त मर

षटिवरषोय म कहना षटिक यह मरा भाई ह 14 तब अबीमलक न भड-बकरी गाय-बल और ास- ालिसया ल कर इबराहीम को ी और उसकी

पतनी सारा को भी उस 6र दिया 15 और अबीमलक न कहा ख मरा श तर सामहन ह जहा तझ भाव वहा रह 16 और सारा स उसन कहा ख म न तर भाई को रप क एक हजार टकड दिए ह ख तर सार

सषटिगयो क सामहन वही तरी आखो का पाW बनगा और सभो क सामहन त ठीक होगी 17 तब इबराहीम न यहोवा स पराथWना की और यहोवा न अबीमलक और उसकी पतनी और ालिसयो

को चगा षटिकया और व जनन लगी 18 कयोषटिक यहोवा न इबराहीम की पतनी सारा क कारण अबीमलक क घर की सब सतरिसतरयो की कोखो

को परी रीषटित स बन कर दिया था

अधयाय२१

01 सो यहोवा न जसा कहा था वसा ही सारा की सलि लक उसक साथ अपन वचन क अनसारषटिकया 02 सो सारा को इबराहीम स गभWवती हो कर उसक बढाप म उसी षटिनयकत समय पर जो परमशवर न

उसस ठहराया था एक पतर उतपनन हआ 03 और इबराहीम न अपन पतर का नाम जो सारा स उतपनन हआ था इसहाक रखा 04 और जब उसका पतर इसहाक आठ दिन का हआ तब उसन परमशवर की आजञा क अनसार

उसका खतना षटिकया 05 और जब इबराहीम का पतर इसहाक उतपनन हआ तब वह एक सौ वरषोW का था 06 और सारा न कहा परमशवर न मझ पर6चछिललत कर दिया ह इसलिलय सब सनन वाल भी मर साथ

पर6चछिललत होग 07 षटि6र उसन यह भी कहा षटिक कया कोई कभी इबराहीम स कह सकता था षटिक सारा लडको को द षटिपलाएगी पर खो मझ स उसक बढाप म एक पतर उतपनन हआ 08 और वह लडका बढा और उसका द छडाया गया और इसहाक क द छडान क दिन इबराहीम न बडी जवनार की

09 तब सारा को मिमसरी हाजिजरा का पतर जो इबराहीम स उतपनन हआ था हसी करता हआ ख पडा 10 सो इस कारण उसन इबराहीम स कहा इस ासी को पतर सषटिहत बरबस षटिनकाल कयोषटिक इस

ासी का पतर मर पतर इसहाक क साथ भागी न होगा 11 यह बात इबराहीम को अपन पतर क कारण बरी लगी 12 तब परमशवर न इबराहीम स कहा उस लडक और अपनी ासी क कारण तझ बरा न लग जो

बात सारा तझ स कह उस मान कयोषटिक जो तरा वश कहलाएगा सो इसहाक ही स चलगा 13 ासी क पतर स भी म एक जाषटित उतपनन करगा इसलिलय षटिक वह तरा वश ह 14 सो इबराहीम न षटिबहान को तडक उठ कर रोटी और पानी स भरी चमड की थली भी हाजिजरा कोी और उसक क( पर रखी और उसक लडक को भी उस कर उसको षटिवा षटिकया सो वह चलीगई और बशiexclबा क जगल म भरमण करन लगी 15 जब थली का जल चक गया तब उसन लडक को एक झाडी क नीच छोड दिया 16 और आप उसस तीर भर क टपप पर दर जा कर उसक सामहन यह सोचकर बठ गई षटिक मझ को

लडक की मतय खनी न पड तब वह उसक सामहन बठी हई लिचलला लिचलला क रोन लगी 17 और परमशवर न उस लडक की सनी और उसक दत न सवगW स हाजिजरा को पकार क कहा ह

हाजिजरा तझ कया हआ मत डर कयोषटिक जहा तरा लडका ह वहा स उसकी आवाज परमशवर को सन पडी ह

18 उठ अपन लडक को उठा और अपन हाथ स समभाल कयोषटिक म उसक दवारा एक बडी जाषटितबनाऊगा 19 परमशवर न उसकी आख खोल ी और उसको एक कआ दिखाई पडा सो उसन जा कर थली

को जल स भर कर लडक को षटिपलाया 20 और परमशवर उस लडक क साथ रहा और जब वह बडा हआ तब जगल म रहत रहत नाWरी

बन गया 21 वह तो पारान नाम जगल म रहा करता था और उसकी माता न उसक लिलय मिमसर श स एक

सतरी मगवाई 22 उन दिनो म ऐसा हआ षटिक अबीमलक अपन सनापषटित पीकोल को सग ल कर इबराहीम स कहनलगा जो कछ त करता ह उस म परमशवर तर सग रहता ह 23 सो अब मझ स यहा इस षटिवरषोय म परमशवर की षटिकरिरया खा षटिक त न तो मझ स छल करगा और न कभी मर वश स करगा परनत जसी करणा म न तझ पर की ह वसी ही त मझ पर और इस श पर भी जिजस म त रहता ह करगा

24 इबराहीम न कहा म षटिकरिरया खाऊगा 25 और इबराहीम न अबीमलक को एक कए क षटिवरषोय म जो अबीमलक क ासो न बरीयाई स ल

लिलया था उलाहना दिया

26 तब अबीमलक न कहा म नही जानता षटिक षटिकस न यह काम षटिकया और त न भी मझ नहीबताया और न म न आज स पषटिहल इसक षटिवरषोय म कछ सना 27 तब इबराहीम न भड-बकरी और गाय- बल ल कर अबीमलक को दिए और उन ोनो न आपस म

वाचा बा(ी 28 और इबराहीम न भड की सात बचची अलग कर रखी 29 तब अबीमलक न इबराहीम स पछा इन सात बसतरिचचयो का जो त न अलग कर रखी ह कया

परयोजन ह 30 उसन कहा त इन सात बसतरिचचयो को इस बात की साकषी जान कर मर हाथ स ल षटिक म न कआ

खोा ह 31 उन ोनो न जो उस सथान म आपस म षटिकरिरया खाई इसी कारण उसका नाम बशiexclबा पडा 32 जब उनहोन बशiexclबा म परसपर वाचा बा(ी तब अबीमलक और उसका सनापषटित पीकोल उठ कर

पलिलसतरिशतयो क श म लौट गए 33 और इबराहीम न बशiexclबा म झाऊ का एक वकष लगाया और वहा यहोवा जो सनातन ईशव

अधयाय२२

01 इन बातो क पशचात ऐसा हआ षटिक परमशवर न इबराहीम स यह कहकर उसकी परीकषा की षटिक हइबराहीम उसन कहा ख म यहा ह 02 उसन कहा अपन पतर को अथाWत अपन एकलौत पतर इसहाक को जिजस स त परम रखता ह सग

ल कर मोरिरययाह श म चला जा और वहा उसको एक पहाड क ऊपर जो म तझ बताऊगा होमबलिल करक चढा

03 सो इबराहीम षटिबहान को तडक उठा और अपन गह पर काठी कसकर अपन ो सवक और अपन पतर इसहाक को सग लिलया और होमबलिल क लिलय लकडी चीर ली तब कच करक उस सथान

की ओर चला जिजसकी चचाW परमशवर न उसस की थी 04 तीसर दिन इबराहीम न आख उठा कर उस सथान को दर स खा 05 और उसन अपन सवको स कहा गह क पास यही ठहर रहो यह लडका और म वहा तक जाकर और णडवत करक षटि6र तमहार पास लौट आऊगा 06 सो इबराहीम न होमबलिल की लकडी ल अपन पतर इसहाक पर लाी और आग और छरी को

अपन हाथ म लिलया और व ोनो एक साथ चल पड 07 इसहाक न अपन षटिपता इबराहीम स कहा ह मर षटिपता उसन कहा ह मर पतर कया बात ह उसनकहा ख आग और लकडी तो ह पर होमबलिल क लिलय भड कहा ह 08 इबराहीम न कहा ह मर पतर परमशवर होमबलिल की भड का उपाय आप ही करगा 09 सो व ोनो सग सग आग चलत गए और व उस सथान को जिजस परमशवर न उसको बताया थापहच तब इबराहीम न वहा वी बनाकर लकडी को चन चनकर रखा और अपन पतर इसहाक को

बा( क वी पर की लकडी क ऊपर रख दिया 10 और इबराहीम न हाथ बढाकर छरी को ल लिलया षटिक अपन पतर को बलिल कर 11 तब यहोवा क दत न सवगW स उसको पकार क कहा ह इबराहीम ह इबराहीम उसन कहा ख म

यहा ह 12 उसन कहा उस लडक पर हाथ मत बढा और न उसस कछ कर कयोषटिक त न जो मझ स अपन पतर वरन अपन एकलौत पतर को भी नही रख छोडा इस स म अब जान गया षटिक त परमशवर का भय

मानता ह 13 तब इबराहीम न आख उठाई और कया खा षटिक उसक पीछ एक मढा अपन सीगो स एक झाडी म बझा हआ ह सो इबराहीम न जाक उस मढ को लिलया और अपन पतर की सनती होमबलिल करक

चढाया 14 और इबराहीम न उस सथान का नाम यहोवा मियर रखा इसक अनसार आज तक भी कहा जाताह षटिक यहोवा क पहाड पर उपाय षटिकया जाएगा

15 षटि6र यहोवा क दत न दसरी बार सवगW स इबराहीम को पकार क कहा 16 यहोवा की यह वाणी ह षटिक म अपनी ही यह शपथ खाता ह षटिक त न जो यह काम षटिकया ह षटिक

अपन पतर वरन अपन एकलौत पतर को भी नही रख छोडा 17 इस कारण म षटिनशचय तझ आशीरषो दगा और षटिनशचय तर वश को आकाश क तारागण और समदर

क तीर की बाल क षटिकनको क समान अनषटिगषटिनत करगा और तरा वश अपन शतरओ क नगरो का अलिकारी होगा

18 और पथवी की सारी जाषटितया अपन को तर वश क कारण नय मानगी कयोषटिक त न मरी बात मानी ह

19 तब इबराहीम अपन सवको क पास लौट आया और व सब बशiexclबा को सग सग गए और इबराहीम बशiexclबा म रहता रहा

20 इन बातो क पशचात ऐसा हआ षटिक इबराहीम को यह सनश मिमला षटिक मिमलका क तर भाई नाहोर स सनतान उतपनन हए ह

21 मिमलका क पतर तो य हए अथाWत उसका जठा ऊस और ऊस का भाई बज और कमएल जो अराम का षटिपता हआ

22 षटि6र कस हज़ो षटिपलाश मियलाप और बतएल 23 इन आठो को मिमलका इबराहीम क भाई नाहोर क जनमाए जनी और बतएल न रिरबका को उतपननषटिकया 24 षटि6र नाहोर क रमा नाम एक रखली भी थी जिजस स तबह गहम तहश और माका उतपननहए

अधयाय२३

01 सारा तो एक सौ सcाईस बरस की अवसथा को पहची और जब सारा की इतनी अवसथा हई 02 तब वह षटिकयWतबाW म मर गई यह तो कनान श म ह और हबरोन भी कहलाता ह सो इबराहीम

सारा क लिलय रोन पीटन को वहा गया 03 तब इबराहीम अपन मiexcl क पास स उठ कर षटिहलिcयो स कहन लगा 04 म तमहार बीच पाहन और परशी ह मझ अपन मधय म कमिबरसतान क लिलय ऐसी भमिम ो जो मरी

षटिनज की हो जाए षटिक म अपन मiexcl को गाड क अपन आख की ओट कर 05 षटिहलिcयो न इबराहीम स कहा 06 ह हमार परभ हमारी सन त तो हमार बीच म बडा परान ह सो हमारी कबरो म स जिजस को त

चाह उस म अपन मiexcl को गाड हम म स कोई तझ अपनी कबर क लन स न रोकगा षटिक त अपन मiexcl को उस म गाडन न पाए

07 तब इबराहीम उठ कर खडा हआ और षटिहलिcयो क सममख जो उस श क षटिनवासी थ णडवत करक कहन लगा

08 यदि तमहारी यह इचछा हो षटिक म अपन मiexcl को गाड क अपनी आख की ओट कर तो मरी पराथWना ह षटिक सोहर क पतर एपरोन स मर लिलय षटिबनती करो

09 षटिक वह अपनी मकपला वाली ग6ा जो उसकी भमिम की सीमा पर ह उसका परा ाम ल कर मझ षटिक वह तमहार बीच कमिबरसतान क लिलय मरी षटिनज भमिम हो जाए

10 और एपरोन तो षटिहलिcयो क बीच वहा बठा हआ था सो जिजतन षटिहcी उसक नगर क 6ाटक स हो कर भीतर जात थ उन सभो क सामहन उसन इबराहीम को उcर दिया

11 षटिक ह मर परभ ऐसा नही मरी सन वह भमिम म तझ ता ह और उस म जो ग6ा ह वह भी म तझ ता ह अपन जाषटित भाइयो क सममख म उस तझ को दिए ता ह सो अपन मiexcl को कबर म

रख 12 तब इबराहीम न उस श क षटिनवालिसयो क सामहन णडवत की

13 और उनक सनत हए एपरोन स कहा यदि त ऐसा चाह तो मरी सन उस भमिम का जो ाम हो वह म ना चाहता ह उस मझ स ल ल तब म अपन मiexcl को वहा गाडगा

14 एपरोन न इबराहीम को यह उcर दिया 15 षटिक ह मर परभ मरी बात सन एक भमिम का ाम तो चार सौ शकल रपा ह पर मर और तर

बीच म यह कया ह अपन मiexcl को कबर म रख 16 इबराहीम न एपरोन की मानकर उसको उतना रपा तौल दिया जिजतना उसन षटिहलिcयो क सनत हए

कहा था अथाWत चार सौ ऐस शकल जो वयापारिरयो म चलत थ 17 सो एपरोन की भमिम जो मामर क सममख की मकपला म थी वह ग6ा समत और उन सब वकषो

समत भी जो उस म और उसक चारोऔर सीमा पर थ 18 जिजतन षटिहcी उसक नगर क 6ाटक स हो कर भीतर जात थ उन सभो क सामहन इबराहीम क

अलिकार म पककी रीषटित स आ गई 19 इसक पशचात इबराहीम न अपनी पतनी सारा को उस मकपला वाली भमिम की ग6ा म जो मामर क

अथाWत हबरोन क सामहन कनान श म ह मिमटटी ी 20 और वह भमिम ग6ा समत जो उस म थी षटिहलिcयो की ओर स कमिबरसतान क लिलय इबराहीम क

अलिकार म पककी रीषटित स आ गई

अधयाय२४

01 इबराहीम वq था और उसकी आय बहत थी और यहोवा न सब बातो म उसको आशीरषो ी थी 02 सो इबराहीम न अपन उस ास स जो उसक घर म परषटिनया और उसकी सारी समपलिc पर

अलिकारी था कहा अपना हाथ मरी जाघ क नीच रख 03 और मझ स आकाश और पथवी क परमशवर यहोवा की इस षटिवरषोय म शपथ खा षटिक त मर पतर क

लिलय कनाषटिनयो की लडषटिकयो म स जिजनक बीच म रहता ह षटिकसी को न ल आएगा 04 परनत त मर श म मर ही कटतनिमबयो क पास जा कर मर पतर इसहाक क लिलय एक पतनी लआएगा 05 ास न उसस कहा कालिचत वह सतरी इस श म मर साथ आना न चाह तो कया मझ तर पतर

को उस श म जहा स त आया ह ल जाना पडगा 06 इबराहीम न उसस कहा चौकस रह मर पतर को वहा कभी न ल जाना 07 सवगW का परमशवर यहोवा जिजसन मझ मर षटिपता क घर स और मरी जनमभमिम स ल आकर मझ स

शपथ खाकर कहा षटिक म यह श तर वश को दगा वही अपना दत तर आग आग भजगा षटिक त मर पतर क लिलय वहा स एक सतरी ल आए

08 और यदि वह सतरी तर साथ आना न चाह तब तो त मरी इस शपथ स छट जाएगा पर मर पतर को वहा न ल जाना

09 तब उस ास न अपन सवामी इबराहीम की जाघ क नीच अपना हाथ रखकर उसस इसी षटिवरषोय की शपथ खाई

10 तब वह ास अपन सवामी क ऊटो म स स ऊट छाटकर उसक सब उcम उcम पाथN म स कछ कछ ल कर चला और मसोपोटामिमया म नाहोर क नगर क पास पहचा

11 और उसन ऊटो को नगर क बाहर एक कए क पास बठाया वह सधया का समय था जिजस समय सतरिसतरया जल भरन क लिलय षटिनकलती ह

12 सो वह कहन लगा ह मर सवामी इबराहीम क परमशवर यहोवा आज मर कायW को लिसq कर और मर सवामी इबराहीम पर करणा कर

13 ख म जल क इस सोत क पास खडा ह और नगरवालिसयो की बदिटया जल भरन क लिलय षटिनकली आती ह

14 सो ऐसा होन षटिक जिजस कनया स म कह षटिक अपना घडा मरी ओर झका षटिक म पीऊ और वह कह षटिक ल पी ल पीछ म तर ऊटो को भी पीलाऊगी सो वही हो जिजस त न अपन ास इसहाक

क लिलय ठहराया हो इसी रीषटित म जान लगा षटिक त न मर सवामी पर करणा की ह

15 और ऐसा हआ षटिक जब वह कह ही रहा था षटिक रिरबका जो इबराहीम क भाई नाहोर क जनमाय मिमलका क पतर बतएल की बटी थी वह क( पर घडा लिलय हए आई

16 वह अषटित सनर और कमारी थी और षटिकसी पररषो का मह न खा था वह कए म सोत क पास उतर गई और अपना घडा भर क षटि6र ऊपर आई

17 तब वह ास उसस भट करन को ौडा और कहा अपन घड म स थोडा पानी मझ षटिपला 18 उसन कहा ह मर परभ ल पी ल और उसन 6त स घडा उतार कर हाथ म लिलय लिलय उसको

षटिपला दिया 19 जब वह उसको षटिपला चकी तक कहा म तर ऊटो क लिलय भी तब तक पानी भर भर लाऊगी

जब तक व पी न चक 20 तब वह 6त स अपन घड का जल हौ म उणडल कर षटि6र कए पर भरन को ौड गई और

उसक सब ऊटो क लिलय पानी भर दिया 21 और वह पररषो उसकी ओर चपचाप अचमभ क साथ ताकता हआ यह सोचता था षटिक यहोवा न

मरी यातरा को स6ल षटिकया ह षटिक नही 22 जब ऊट पी चक तब उस पररषो न आ तोल सोन का एक नथ षटिनकाल कर उसको दिया और

स तोल सोन क कगन उसक हाथो म पषटिहना दिए 23 और पछा त षटिकस की बटी ह यह मझ को बता कया तर षटिपता क घर म हमार दिटकन क

लिलय सथान ह 24 उसन उcर दिया म तो नाहोर क जनमाए मिमलका क पतर बतएल की बटी ह 25 षटि6र उस न उस स कहा हमार यहा पआल और चारा बहत ह और दिटकन क लिलय सथान भी ह 26 तब उस पररषो न लिसर झका कर यहोवा को णडवत करक कहा 27 नय ह मर सवामी इबराहीम का परमशवर यहोवा षटिक उसन अपनी करणा और सचचाई को मर

सवामी पर स हटा नही लिलया यहोवा न मझ को ठीक मागW पर चला कर मर सवामी क भाई ब(ओ क घर पर पहचा दिया ह

28 और उस कनया न ौड कर अपनी माता क घर म यह सारा वcानत कह सनाया 29 तब लाबान जो रिरबका का भाई था सो बाहर कए क षटिनकट उस पररषो क पास ौडा गया 30 और ऐसा हआ षटिक जब उसन वह नथ और अपनी बषटिहन रिरबका क हाथो म व कगन भी ख

और उसकी यह बात भी सनी षटिक उस पररषो न मझ स ऐसी बात कही तब वह उस पररषो क पासगया और कया खा षटिक वह सोत क षटिनकट ऊटो क पास खडा ह 31 उसन कहा ह यहोवा की ओर स नय पररषो भीतर आ त कयो बाहर खडा ह म न घर को

और ऊटो क लिलय भी सथान तयार षटिकया ह 32 और वह पररषो घर म गया और लाबान न ऊटो की कादिठया खोल कर पआल और चारा दिया

और उसक और उसक सगी जनो क पाव ोन को जल दिया 33 तब इबराहीम क ास क आग जलपान क लिलय कछ रखा गया पर उसन कहा म जब तक अपना

परयोजन न कह द तब तक कछ न खाऊगा लाबान न कहा कह 34 तब उसन कहा म तो इबराहीम का ास ह 35 और यहोवा न मर सवामी को बडी आशीरषो ी ह सो वह महान पररषो हो गया ह और उसन

उसको भड-बकरी गाय-बल सोना-रपा ास-ालिसया ऊट और गह दिए ह 36 और मर सवामी की पतनी सारा क बढाप म उसस एक पतर उतपनन हआ ह और उस पतर को

इबराहीम न अपना सब कछ दिया ह 37 और मर सवामी न मझ यह शपथ खिखलाई षटिक म उसक पतर क लिलय कनाषटिनयो की लडषटिकयो म स

जिजन क श म वह रहता ह कोई सतरी न ल आऊगा 38 म उसक षटिपता क घर और कल क लोगो क पास जा कर उसक पतर क लिलय एक सतरी लआऊगा 39 तब म न अपन सवामी स कहा कालिचत वह सतरी मर पीछ न आए 40 तब उसन मझ स कहा यहोवा जिजसक सामहन म चलता आया ह वह तर सग अपन दत को

भज कर तरी यातरा को स6ल करगा सो त मर कल और मर षटिपता क घरान म स मर पतर क लिलय

एक सतरी ल आ सकगा 41 त तब ही मरी इस शपथ स छटगा जब त मर कल क लोगो क पास पहचगा अथाWत यदि व मझ

कोई सतरी न तो त मरी शपथ स छटगा 42 सो म आज उस कए क षटिनकट आकर कहन लगा ह मर सवामी इबराहीम क परमशवर यहोवा यदि त मरी इस यातरा को स6ल करता हो

43 तो ख म जल क इस कए क षटिनकट खडा ह सो ऐसा हो षटिक जो कमारी जल भरन क लिलय षटिनकल आए और म उसस कह अपन घड म स मझ थोडा पानी षटिपला

44 और वह मझ स कह पी ल और म तर ऊटो क पीन क लिलय भी पानी भर दगी वह वही सतरी हो जिजस को त न मर सवामी क पतर क लिलय ठहराया हो

45 म मन ही मन यह कह ही रहा था षटिक ख रिरबका क( पर घडा लिलय हए षटिनकल आई षटि6र वह सोत क पास उतर क भरन लगी और म न उसस कहा मझ षटिपला

46 और उसन 6त स अपन घड को क( पर स उतार क कहा ल पी ल पीछ म तर ऊटो को भीषटिपलाऊगी सो म न पी लिलया और उसन ऊटो को भी षटिपला दिया 47 तब म न उसस पछा षटिक त षटिकस की बटी ह और उसन कहा म तो नाहोर क जनमाए मिमलका

क पतर बतएल की बटी ह तब म न उसकी नाक म वह नथ और उसक हाथो म व कगन पषटिहनादिए 48 षटि6र म न लिसर झका कर यहोवा को णडवत षटिकया और अपन सवामी इबराहीम क परमशवर यहोवा

को नय कहा कयोषटिक उसन मझ ठीक मागW स पहचाया षटिक म अपन सवामी क पतर क लिलय उसकी भतीजी को ल जाऊ

49 सो अब यदि त मर सवामी क साथ कपा और सचचाई का वयवहार करना चाहत हो तो मझ सकहो और यदि नही चाहत हो तौभी मझ स कह ो ताषटिक म ाषटिहनी ओर वा बाई ओर षटि6र जाऊ 50 तब लाबान और बतएल न उcर दिया यह बात यहोवा की ओर स हई ह सो हम लोग तझ स न

तो भला कह सकत ह न बरा 51 ख रिरबका तर सामहन ह उसको ल जा और वह यहोवा क वचन क अनसार तर सवामी क

पतर की पतनी हो जाए 52 उनका यह वचन सनकर इबराहीम क ास न भमिम पर षटिगर क यहोवा को णडवत षटिकया 53 षटि6र उस ास न सोन और रप क गहन और वसतर षटिनकाल कर रिरबका को दिए और उसक

भाई और माता को भी उसन अनमोल अनमोल वसतए ी 54 तब उसन अपन सगी जनो समत भोजन षटिकया और रात वही षटिबताई और तडक उठ कर कहा

मझ को अपन सवामी क पास जान क लिलय षटिवा करो 55 रिरबका क भाई और माता न कहा कनया को हमार पास कछ दिन अथाWत कम स कम स दिन

रहन षटि6र उसक पशचात वह चली जाएगी56 उसन उन स कहा यहोवा न जो मरी यातरा को स6ल षटिकया ह सो तम मझ मत रोको अब मझ

षटिवा कर ो षटिक म अपन सवामी क पास जाऊ 57 उनहोन कहा हम कनया को बला कर पछत ह और खग षटिक वह कया कहती ह 58 सो उनहोन रिरबका को बला कर उसस पछा कया त इस मनषय क सग जाएगी उसन कहा हा म जाऊगी 59 तब उनहोन अपनी बषटिहन रिरबका और उसकी ाय और इबराहीम क ास और उसक साथी सभो

को षटिवा षटिकया 60 और उनहोन रिरबका को आशीवाW क कहा ह हमारी बषटिहन त हजारो लाखो की आदिमाता हो

और तरा वश अपन बरिरयो क नगरो का अलिकारी हो 61 इस पर रिरबका अपनी सहलिलयो समत चली और ऊट पर चढ क उस पररषो क पीछ हो ली सो

वह ास रिरबका को साथ ल कर चल दिया 62 इसहाक जो चछिकखन श म रहता था सो लहरोई नाम कए स हो कर चला आता था 63 और साझ क समय वह मान म धयान करन क लिलय षटिनकला था और उसन आख उठा कर कया खा षटिक ऊट चल आ रह ह

64 और रिरबका न भी आख उठा कर इसहाक को खा और खत ही ऊट पर स उतर पडी 65 तब उसन ास स पछा जो पररषो मान पर हम स मिमलन को चला आता ह सो कौन ह ास न कहा वह तो मरा सवामी ह तब रिरबका न घघट ल कर अपन मह को ढाप लिलया

66 और ास न इसहाक स अपना सारा वcानत वणWन षटिकया 67 तब इसहाक रिरबका को अपनी माता सारा क तमब म ल आया और उसको बयाह कर उसस परमषटिकया और इसहाक को माता की मतय क पशचात शातनिनत हई

अधयाय२५

01 तब इबराहीम न एक और पतनी बयाह ली जिजसका नाम कतरा था 02 और उसस जिजमरान योकषान मना मिमदयान मियशबाक और शह उतपनन हए 03 और योकषान स शबा और ान उतपनन हए और ान क वश म अशशरी लतशी और लममी

लोग हए 04 और मिमदयान क पतर एपा एपर हनोक अबीा और एला हए स सब कतरा क सनतान हए 05 इसहाक को तो इबराहीम न अपना सब कछ दिया 06 पर अपनी रखलिलयो क पतरो को कछ कछ कर अपन जीत जी अपन पतर इसहाक क पास स

परब श म भज दिया 07 इबराहीम की सारी अवसथा एक सौ पचहcर वरषोW की हई 08 और इबराहीम का ीघाWय होन क कारण अथाWत पर बढाप की अवसथा म पराण छट गया और वह

अपन लोगो म जा मिमला 09 और उसक पतर इसहाक और इशमाएल न षटिहcी सोहर क पतर एपरोन की ममर क सममख वाली

भमिम म जो मकपला की ग6ा थी उस म उसको मिमटटी ी गई 10 अथाWत जो भमिम इबराहीम न षटिहलिcयो स मोल ली थी उसी म इबराहीम और उस की पतनी सारा

ोनो को मिमटटी ी गई 11 इबराहीम क मरन क पशचात परमशवर न उसक पतर इसहाक को जो लहरोई नाम कए क पास रहता

था आशीरषो ी 12 इबराहीम का पतर इशमाएल जो सारा की लौडी हाजिजरा मिमसरी स उतपनन हआ था उसकी यह

वशावली ह 13 इशमाएल क पतरो क नाम और वशावली यह ह अथाWत इशमाएल का जठा पतर नबायोत षटि6रकार अदबल मिमबसाम 14 मिमशमा दमा मससा 15 हर तमा यतर नपीश और कमा 16 इशमाएल क पतर य ही हए और इनही क नामो क अनसार इनक गावो और छावषटिनयो क नाम

भी पड और य ही बारह अपन अपन कल क परान हए 17 इशमाएल की सारी अवसथा एक सौ सतीस वरषोW की हई तब उसक पराण छट गए और वह अपन

लोगो म जा मिमला 18 और उसक वश हवीला स शर तक जो मिमसर क सममख अशशर क मागW म ह बस गए और

उनका भाग उनक सब भाई ब(ओ क सममख पडा 19 इबराहीम क पतर इसहाक की वशावली यह ह इबराहीम स इसहाक उतपनन हआ 20 और इसहाक न चालीस वरषोW का हो कर रिरबका को जो पददनराम क वासी अरामी बतएल कीबटी और अरामी लाबान की बषटिहन भी बयाह लिलया 21 इसहाक की पतनी तो बाझ थी सो उस न उस क षटिनमिमc यहोवा स षटिबनती की और यहोवा न

उसकी षटिबनती सनी सो उसकी पतनी रिरबका गभWवती हई 22 और लडक उसक गभW म आपस म लिलपट क एक दसर को मारन लग तब उसन कहा मरी जो

ऐसी ही शा रहगी तो म कयोकर जीषटिवत रहगी और वह यहोवा की इचछा पछन को गई 23 तब यहोवा न उसस कहा तर गभW म ो जाषटितया ह और तरी कोख स षटिनकलत ही ो राजय क

लोग अलग अलग होग और एक राजय क लोग दसर स अलिक सामथ होग और बडा बटा छोट क आीन होगा

24 जब उसक पतर उतपनन होन का समय आया तब कया परगट हआ षटिक उसक गभW म जडव बालकह 25 और पषटिहला जो उतपनन हआ सो लाल षटिनकला और उसका सारा शरीर कमबल क समान रोममयथा सो उसका नाम ऐसाव रखा गया 26 पीछ उसका भाई अपन हाथ स ऐसाव की एडी पकड हए उतपनन हआ और उसका नाम याकब

रखा गया और जब रिरबका न उन को जनम दिया तब इसहाक साठ वरषोW का था 27 षटि6र व लडक बढन लग और ऐसाव तो वनवासी हो कर चतर णिशकार खलन वाला हो गया पर

याकब सीा मनषय था और तमबओ म रहा करता था 28 और इसहाक तो ऐसाव क अहर का मास खाया करता था इसलिलय वह उसस परीषटित रखता था

पर रिरबका याकब स परीषटित रखती थी 29 याकब भोजन क लिलय कछ ाल पका रहा था और ऐसाव मान स थका हआ आया 30 तब ऐसाव न याकब स कहा वह जो लाल वसत ह उसी लाल वसत म स मझ कछ खिखला

कयोषटिक म थका ह इसी कारण उसका नाम एोम भी पडा 31 याकब न कहा अपना पषटिहलौठ का अलिकार आज मर हाथ बच 32 ऐसाव न कहा ख म तो अभी मरन पर ह सो पषटिहलौठ क अलिकार स मरा कया लाभ होगा 33 याकब न कहा मझ स अभी शपथ खा सो उसन उसस शपथ खाई और अपना पषटिहलौठ का

अलिकार याकब क हाथ बच डाला 34 इस पर याकब न ऐसाव को रोटी और पकाई हई मसर की ाल ी और उसन खाया षटिपया तब

उठ कर चला गया यो ऐसाव न अपना पषटिहलौठ का अलिकार तचछ जाना

अधयाय२६

01 और उस श म अकाल पडा वह उस पषटिहल अकाल स अलग था जो इबराहीम क दिनो म पडा था सो इसहाक गरार को पलिलसतरिशतयो क राजा अबीमलक क पास गया

02 वहा यहोवा न उसको शWन कर कहा मिमसर म मत जा जो श म तझ बताऊ उसी म रह 03 त इसी श म रह और म तर सग रहगा और तझ आशीरषो दगा और य सब श म तझ को

और तर वश को दगा और जो शपथ म न तर षटिपता इबराहीम स खाई थी उस म परी करगा 04 और म तर वश को आकाश क तारागण क समान करगा और म तर वश को य सब श दगा

और पथवी की सारी जाषटितया तर वश क कारण अपन को नय मानगी 05 कयोषटिक इबराहीम न मरी मानी और जो म न उस सौपा था उसको और मरी आजञाओ षटिवलियो

और वयवसथा का पालन षटिकया 06 सो इसहाक गरार म रह गया 07 जब उस सथान क लोगो न उसकी पतनी क षटिवरषोय म पछा तब उसन यह सोच कर षटिक यदि म

उसको अपनी पतनी कह तो यहा क लोग रिरबका क कारण जो परमसनरी ह मझ को मार डालग उcर दिया वह तो मरी बषटिहन ह

08 जब उसको वहा रहत बहत दिन बीत गए तब एक दिन पलिलसतरिशतयो क राजा अबीमलक न खिखडकी म स झाक क कया खा षटिक इसहाक अपनी पतनी रिरबका क साथ करीडा कर रहा ह

09 तब अबीमलक न इसहाक को बलवा कर कहा वह तो षटिनशचय तरी पतनी ह षटि6र त न कयोकर उसको अपनी बषटिहन कहा इसहाक न उcर दिया म न सोचा था षटिक ऐसा न हो षटिक उसक कारण

मरी मतय हो 10 अबीमलक न कहा त न हम स यह कया षटिकया ऐस तो परजा म स कोई तरी पतनी क साथ

सहज स ककमW कर सकता और त हम को पाप म 6साता 11 और अबीमलक न अपनी सारी परजा को आजञा ी षटिक जो कोई उस पररषो को वा उस सतरी कोछएगा सो षटिनशचय मार डाला जाएगा

12 षटि6र इसहाक न उस श म जोता बोया और उसी वरषोW म सौ गणा 6ल पाया और यहोवा न उसको आशीरषो ी

13 और वह बढा और उसकी उननषटित होती चली गई यहा तक षटिक वह अषटित महान पररषो हो गया 14 जब उसक भड-बकरी गाय-बल और बहत स ास- ालिसया हई तब पलिलशती उसस डाह करनलग 15 सो जिजतन कओ को उसक षटिपता इबराहीम क ासो न इबराहीम क जीत जी खोा था उन को

पलिलसतरिशतयो न मिमटटी स भर दिया 16 तब अबीमलक न इसहाक स कहा हमार पास स चला जा कयोषटिक त हम स बहत सामथ हो

गया ह 17 सो इसहाक वहा स चला गया और गरार क नाल म तमब खडा करक वहा रहन लगा 18 तब जो कए उसक षटिपता इबराहीम क दिनो म खो गए थ और इबराहीम क मरन क पीछ

पलिलसतरिशतयो न भर दिए थ उन को इसहाक न षटि6र स खवाया और उनक व ही नाम रख जो उसक षटिपता न रख थ

19 षटि6र इसहाक क ासो को नाल म खोत खोत बहत जल का एक सोता मिमला 20 तब गरारी चरवाहो न इसहाक क चरवाहो स झगडा षटिकया और कहा षटिक यह जल हमारा ह सो

उसन उस कए का नाम एसक रखा इसलिलय षटिक व उसस झगड थ 21 षटि6र उनहोन दसरा कआ खोा और उनहोन उसक लिलय भी झगडा षटिकया सो उसन उसका नाम

लिसतरा रखा 22 तब उसन वहा स कच करक एक और कआ खवाया और उसक लिलय उनहोन झगडा न षटिकया

सो उसन उसका नाम यह कह कर रहोबोत रखा षटिक अब तो यहोवा न हमार लिलय बहत सथान दियाह और हम इस श म 6ल-6लग 23 वहा स वह बशiexclबा को गया 24 और उसी दिन यहोवा न रात को उस शWन कर कहा म तर षटिपता इबराहीम का परमशवर ह मतडर कयोषटिक म तर साथ ह और अपन ास इबराहीम क कारण तझ आशीरषो दगा और तरा वशबढाऊगा 25 तब उसन वहा एक वी बनाई और यहोवा स पराथWना की और अपना तमब वही खडा षटिकया

और वहा इसहाक क ासो न एक कआ खोा 26 तब अबीमलक अपन मिमतर अहजजत और अपन सनापषटित पीकोल को सग ल कर गरार स उसक

पास गया 27 इसहाक न उन स कहा तम न मझ स बर करक अपन बीच स षटिनकाल दिया था सो अब मर

पास कयो आए हो 28 उनहोन कहा हम न तो परतयकष खा ह षटिक यहोवा तर साथ रहता ह सो हम न सोचा षटिक त तो

यहोवा की ओर स नय ह सो हमार तर बीच म शपथ खाई जाए और हम तझ स इस षटिवरषोय की वाचा ब(ाए

29 षटिक जस हम न तझ नही छआ वरन तर साथ षटिनरी भलाई की ह और तझ को कशल कषम स षटिवा षटिकया उसक अनसार त भी हम स कोई बराई न करगा

30 तब उसन उनकी जवनार की और उनहोन खाया षटिपया 31 षटिबहान को उन सभो न तडक उठ कर आपस म शपथ खाई तब इसहाक न उन को षटिवा षटिकया

और व कशल कषम स उसक पास स चल गए 32 उसी दिन इसहाक क ासो न आकर अपन उस खो हए कए का वcानत सना क कहा षटिक हम

को जल का एक सोता मिमला ह 33 तब उसन उसका नाम णिशबा रखा इसी कारण उस नगर का नाम आज तक बशiexclबा पडा ह 34 जब ऐसाव चालीस वरषोW का हआ तब उसन षटिहcी बरी की बटी यहीत और षटिहcी एलोन की

बटी बाशमत को बयाह लिलया 35 और इन सतरिसतरयो क कारण इसहाक और रिरबका क मन को ख हआ

अधयाय२७

01 जब इसहाक बढा हो गया और उसकी आख ऐसी ली पड गई षटिक उसको सझता न था तब उसन अपन जठ पतर ऐसाव को बला कर कहा ह मर पतर उसन कहा कया आजञा

02 उसन कहा सन म तो बढा हो गया ह और नही जानता षटिक मरी मतय का दिन कब होगा 03 सो अब त अपना तरकश और नरषो आदि हलिथयार ल कर मान म जा और मर लिलय षटिहरन का

अहर कर ल आ 04 तब मरी रलिच क अनसार सवादि भोजन बना कर मर पास ल आना षटिक म उस खा कर मरन स

पहल तझ जी भर क आशीवाW द 05 तब ऐसाव अहर करन को मान म गया जब इसहाक ऐसाव स यह बात कह रहा था तब

रिरबका सन रही थी 06 सो उसन अपन पतर याकब स कहा सन म न तर षटिपता को तर भाई ऐसाव स यह कहत सना 07 षटिक त मर लिलय अहर कर क उसका सवादि भोजन बना षटिक म उस खा कर तझ यहोवा क आग

मरन स पषटिहल आशीवाW द 08 सो अब ह मर पतर मरी सन और यह आजञा मान 09 षटिक बकरिरयो क पास जा कर बकरिरयो क ो अचछ अचछ बचच ल आ और म तर षटिपता क लिलय

उसकी रलिच क अनसार उन क मास का सवादि भोजन बनाऊगी 10 तब त उसको अपन षटिपता क पास ल जाना षटिक वह उस खा कर मरन स पषटिहल तझ को

आशीवाW 11 याकब न अपनी माता रिरबका स कहा सन मरा भाई ऐसाव तो रोआर पररषो ह और म रोमहीन

पररषो ह 12 कालिचत मरा षटिपता मझ टटोलन लग तो म उसकी दषटि म ठग ठहरगा और आशीरषो क बल

शाप ही कमाऊगा 13 उसकी माता न उसस कहा ह मर पतर शाप तझ पर नही मझी पर पड त कवल मरी सन और

जा कर व बचच मर पास ल आ 14 तब याकब जा कर उन को अपनी माता क पास ल आया और माता न उसक षटिपता की रलिच क

अनसार सवादि भोजन बना दिया 15 तब रिरबका न अपन पषटिहलौठ पतर ऐसाव क सनर वसतर जो उसक पास घर म थ ल कर अपन

लहर पतर याकब को पषटिहना दिए 16 और बकरिरयो क बचचो की खालो को उसक हाथो म और उसक लिचकन गल म लपट दिया 17 और वह सवादि भोजन और अपनी बनाई हई रोटी भी अपन पतर याकब क हाथ म ी 18 सो वह अपन षटिपता क पास गया और कहा ह मर षटिपता उसन कहा कया बात ह ह मर पतर त

कौन ह 19 याकब न अपन षटिपता स कहा म तरा जठा पतर ऐसाव ह म न तरी आजञा क अनसार षटिकया ह

सो उठ और बठ कर मर अहर क मास म स खा षटिक त जी स मझ आशीवाW 20 इसहाक न अपन पतर स कहा ह मर पतर कया कारण ह षटिक वह तझ इतनी जली मिमल गया

उसन यह उcर दिया षटिक तर परमशवर यहोवा न उसको मर सामहन कर दिया 21 षटि6र इसहाक न याकब स कहा ह मर पतर षटिनकट आ म तझ टटोल कर जान षटिक त सचमच

मरा पतर ऐसाव ह या नही 22 तब याकब अपन षटिपता इसहाक क षटिनकट गया और उसन उसको टटोल कर कहा बोल तो

याकब का सा ह पर हाथ ऐसाव ही क स जान पडत ह 23 और उसन उसको नही चीनहा कयोषटिक उसक हाथ उसक भाई क स रोआर थ सो उस न उसको

आशीवाW दिया 24 और उसन पछा कया त सचमच मरा पतर ऐसाव ह उसन कहा हा म ह 25 तब उसन कहा भोजन को मर षटिनकट ल आ षटिक म अपन पतर क अहर क मास म स खाकर

तझ जी स आशीवाW द तब वह उसको उसक षटिनकट ल आया और उसन खाया और वह उसक

पास ाखम भी लाया और उसन षटिपया 26 तब उसक षटिपता इसहाक न उसस कहा ह मर पतर षटिनकट आकर मझ चम 27 उसन षटिनकट जा कर उसको चमा और उसन उसक वसतरो की सग( पाकर उसको य़ह आशीवाW दिया षटिक ख मर पतर का सग( जो ऐस खत का सा ह जिजस पर यहोवा न आशीरषो ी हो 28 सो परमशवर तझ आकाश स ओस और भमिम की उcम स उcम उपज और बहत सा अनाज

और नया ाखम 29 राजय राजय क लोग तर आीन हो और श श क लोग तझ णडवत कर त अपन भाइयो का

सवामी हो और तरी माता क पतर तझ णडवत कर जो तझ शाप सो आप ही सराषटिपत हो और जो तझ आशीवाW सो आशीरषो पाए

30 यह आशीवाW इसहाक याकब को ही चका और याकब अपन षटिपता इसहाक क सामहन स षटिनकला ही था षटिक ऐसाव अहर ल कर आ पहचा

31 तब वह भी सवादि भोजन बना कर अपन षटिपता क पास ल आया और उस स कहा ह मरषटिपता उठ कर अपन पतर क अहर का मास खा ताषटिक मझ जी स आशीवाW 32 उसक षटिपता इसहाक न पछा त कौन ह उसन कहा म तरा जठा पतर ऐसाव ह 33 तब इसहाक न अतयनत थरथर कापत हए कहा षटि6र वह कौन था जो अहर करक मर पास ल

आया था और म न तर आन स पषटिहल सब म स कछ कछ खा लिलया और उसको आशीवाW दिया वरन उसको आशीरषो लगी भी रहगी

34 अपन षटिपता की यह बात सनत ही ऐसाव न अतयनत ऊच और द ख भर सवर स लिचललाकर अपन षटिपता स कहा ह मर षटिपता मझ को भी आशीवाW

35 उसन कहा तरा भाई तWता स आया और तर आशीवाW को लक चला गया 36 उसन कहा कया उसका नाम याकब यथाथW नही रखा गया उसन मझ ो बार अडगा मारा मरा

पषटिहलौठ का अलिकार तो उसन ल ही लिलया था और अब ख उसन मरा आशीवाW भी ल लिलया ह षटि6र उसन कहा कया त न मर लिलय भी कोई आशीवाW नही सोच रखा ह

37 इसहाक न ऐसाव को उcर कर कहा सन म न उसको तरा सवामी ठहराया और उसक सब भाइयो को उसक आीन कर दिया और अनाज और नया ाखम कर उसको प षटिकया ह सो

अब ह मर पतर म तर लिलय कया कर 38 ऐसाव न अपन षटिपता स कहा ह मर षटिपता कया तर मन म एक ही आशीवाW ह ह मर षटिपता मझ

को भी आशीवाW यो कह कर ऐसाव 6ट 6ट क रोया 39 उसक षटिपता इसहाक न उसस कहा सन तरा षटिनवास उपजाऊ भमिम पर हो और ऊपर स

आकाश की ओस उस पर पड 40 और त अपनी तलवार क बल स जीषटिवत रह और अपन भाई क आीन तो होए पर जब त

सवाीन हो जाएगा तब उसक जए को अपन क( पर स तोड 6 क 41 ऐसाव न तो याकब स अपन षटिपता क दिए हए आशीवाW क कारण बर रखा सो उसन सोचा षटिक

मर षटिपता क अनतकाल का दिन षटिनकट ह षटि6र म अपन भाई याकब को घात करगा 42 जब रिरबका को अपन पषटिहलौठ पतर ऐसाव की य बात बताई गई तब उसन अपन लहर पतर

याकब को बला कर कहा सन तरा भाई ऐसाव तझ घात करन क लिलय अपन मन को ीरज रहाह 43 सो अब ह मर पतर मरी सन और हारान को मर भाई लाबान क पास भाग जा 44 और थोड दिन तक अथाWत जब तक तर भाई का करो न उतर तब तक उसी क पास रहना 45 षटि6र जब तर भाई का करो तझ पर स उतर और जो काम त न उस स षटिकया ह उसको वह भल जाए तब म तझ वहा स बलवा भजगी ऐसा कयो हो षटिक एक ही दिन म मझ तम ोनो स रषटिहत होनापड 46 षटि6र रिरबका न इसहाक स कहा षटिहcी लडषटिकयो क कारण म अपन पराण स मिघन करती ह सो

यदि ऐसी षटिहcी लडषटिकयो म स जसी इस श की लडषटिकया ह याकब भी एक को कही बयाह ल तो मर जीवन म कया लाभ होगा

अधयाय२८

01 तब इसहाक न याकब को बलाकर आशीवाW दिया और आजञा ी षटिक त षटिकसी कनानी लडकी को न बयाह लना

02 पददनराम म अपन नाना बतएल क घर जा कर वहा अपन मामा लाबान की एक बटी को बयाहलना 03 और सवWशलिकतमान ईशवर तझ आशीरषो और 6ला- 6ला कर बढाए और त राजय राजय की

मणडली का मल हो 04 और वह तझ और तर वश को भी इबराहीम की सी आशीरषो षटिक त यह श जिजस म त परशी

हो कर रहता ह और जिजस परमशवर न इबराहीम को दिया था उसका अलिकारी हो जाए 05 और इसहाक न याकब को षटिवा षटिकया और वह पददनराम को अरामी बतएल क उस पतर लाबान

क पास चला जो याकब और ऐसाव की माता रिरबका का भाई था 06 जब इसहाक न याकब को आशीवाW कर पददनराम भज दिया षटिक वह वही स पतनी बयाह लाए

और उसको आशीवाW न क समय यह आजञा भी ी षटिक त षटिकसी कनानी लडकी को बयाह न लना 07 और याकब माता षटिपता की मान कर पददनराम को चल दिया 08 तब ऐसाव यह सब ख क और यह भी सोच कर षटिक कनानी लडषटिकया मर षटिपता इसहाक को

बरी लगती ह 09 इबराहीम क पतर इशमाएल क पास गया और इशमाएल की बटी महलत को जो नबायोत की

बषटिहन थी बयाह कर अपनी पतनितनयो म मिमला लिलया 10 सो याकब बशiexclबा स षटिनकल कर हारान की ओर चला 11 और उसन षटिकसी सथान म पहच कर रात वही षटिबतान का षटिवचार षटिकया कयोषटिक सयW असत हो गया था सो उसन उस सथान क पतथरो म स एक पतथर ल अपना तषटिकया बना कर रखा और उसी सथान म सो गया

12 तब उसन सवपन म कया खा षटिक एक सीढी पथवी पर खडी ह और उसका लिसरा सवगW तक पहचा ह और परमशवर क दत उस पर स चढत उतरत ह 13 और यहोवा उसक ऊपर खडा हो कर कहता ह षटिक म यहोवा तर ाा इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का भी परमशवर ह जिजस भमिम पर त पडा ह उस म तझ को और तर वश को दगा 14 और तरा वश भमिम की ल क षटिकनको क समान बहत होगा और पचछिचछम परब उcर चछिकखन चारो ओर 6लता जाएगा और तर और तर वश क दवारा पथवी क सार कल आशीरषो पाएग 15 और सन म तर सग रहगा और जहा कही त जाए वहा तरी रकषा करगा और तझ इस श म

लौटा ल आऊगा म अपन कह हए को जब तक परा न कर ल तब तक तझ को न छोडगा 16 तब याकब जाग उठा और कहन लगा षटिनशचय इस सथान म यहोवा ह और म इस बात को न

जानता था 17 और भय खा कर उसन कहा यह सथान कया ही भयानक ह यह तो परमशवर क भवन को छोड

और कछ नही हो सकता वरन यह सवगW का 6ाटक ही होगा 18 भोर को याकब तडक उठा और अपन तषटिकए का पतथर ल कर उसका खमभा खडा षटिकया और

उसक लिसर पर तल डाल दिया 19 और उसन उस सथान का नाम बतल रखा पर उस नगर का नाम पषटिहल लज था 20 और याकब न यह मननत मानी षटिक यदि परमशवर मर सग रहकर इस यातरा म मरी रकषा कर और

मझ खान क लिलय रोटी और पषटिहनन क लिलय कपडा 21 और म अपन षटिपता क घर म कशल कषम स लौट आऊ तो यहोवा मरा परमशवर ठहरगा 22 और यह पतथर जिजसका म न खमभा खडा षटिकया ह परमशवर का भवन ठहरगा और जो कछ त

मझ उसका शमाश म अवशय ही तझ दिया करगा

अधयाय२९

01 षटि6र याकब न अपना मागW लिलया और परवविववयो क श म आया 02 और उसन दषटि करक कया खा षटिक मान म एक कआ ह और उसक पास भड- बकरिरयो क

तीन झणड बठ हए ह कयोषटिक जो पतथर उस कए क मह पर रा रहता था जिजस म स झणडो को जल षटिपलाया जाता था वह भारी था

03 और जब सब झणड वहा इकटठ हो जात तब चरवाह उस पतथर को कए क मह पर स लढका करभड- बकरिरयो को पानी षटिपलात और षटि6र पतथर को कए क मह पर जयो का तयो रख त थ 04 सो याकब न चरवाहो स पछा ह मर भाइयो तम कहा क हो उनहोन कहा हम हारान क ह 05 तब उसन उन स पछा कया तम नाहोर क पोत लाबान को जानत हो उनहोन कहा हा हम उस

जानत ह 06 षटि6र उसन उन स पछा कया वह कशल स ह उनहोन कहा हा कशल स तो ह और वह ख

उसकी बटी राहल भड- बकरिरयो को लिलय हए चली आती ह 07 उसन कहा खो अभी तो दिन बहत ह पशओ क इकटठ होन का समय नही सो भड- बकरिरयो

को जल षटिपलाकर षटि6र ल जा कर चराओ 08 उनहोन कहा हम अभी ऐसा नही कर सकत जब सब झणड इकटठ होत ह तब पतथर कए क मह

स लढकाया जाता ह और तब हम भड- बकरिरयो को पानी षटिपलात ह 09 उनकी यह बातचीत हो रही थी षटिक राहल जो पश चराया करती थी सो अपन षटिपता की भड-

बकरिरयो को लिलय हए आ गई 10 अपन मामा लाबान की बटी राहल को और उसकी भड- बकरिरयो को भी ख कर याकब न

षटिनकट जा कर कए क मह पर स पतथर को लढका कर अपन मामा लाबान की भड- बकरिरयो को पानीषटिपलाया 11 तब याकब न राहल को चमा और ऊच सवर स रोया 12 और याकब न राहल को बता दिया षटिक म तरा 66रा भाई ह अथाWत रिरबका का पतर ह तब

उसन ौड क अपन षटिपता स कह दिया 13 अपन भानज याकब का समाचार पात ही लाबान उसस भट करन को ौडा और उसको गल

लगाकर चमा षटि6र अपन घर ल आया और याकब न लाबान स अपना सब वcानत वणWन षटिकया 14 तब लाबान न याकब स कहा त तो सचमच मरी हmी और मास ह सो याकब एक महीना भर

उसक साथ रहा 15 तब लाबान न याकब स कहा भाईब( होन क कारण तझ स सतमत सवा कराना मझ उलिचत

नही ह सो कह म तझ सवा क बल कया द16 लाबान क ो बदिटया थी जिजन म स बडी का नाम लिलआ और छोटी का राहल था 17 लिलआ क तो (ली आख थी पर राहल रपवती और सनर थी 18 सो याकब न जो राहल स परीषटित रखता था कहा म तरी छोटी बटी राहल क लिलय सात बरस

तरी सवा करगा 19 लाबान न कहा उस पराए पररषो को न स तझ को ना उcम होगा सो मर पास रह 20 सो याकब न राहल क लिलय सात बरस सवा की और व उसको राहल की परीषटित क कारण थोड

ही दिनो क बराबर जान पड 21 तब याकब न लाबान स कहा मरी पतनी मझ और म उसक पास जाऊगा कयोषटिक मरा समय

परा हो गया ह 22 सो लाबान न उस सथान क सब मनषयो को बला कर इकटठा षटिकया और उनकी जवनार की 23 साझ क समय वह अपनी बटी लिलआ को याकब क पास ल गया और वह उसक पास गया 24 और लाबान न अपनी बटी लिलआ को उसकी लौडी होन क लिलय अपनी लौडी जिजलपा ी 25 भोर को मालम हआ षटिक यह तो लिलआ ह सो उसन लाबान स कहा यह त न मझ स कया षटिकयाह म न तर साथ रहकर जो तरी सवा की सो कया राहल क लिलय नही की षटि6र त न मझ स कयो

ऐसा छल षटिकया ह 26 लाबान न कहा हमार यहा ऐसी रीषटित नही षटिक जठी स पषटिहल दसरी का षटिववाह कर 27 इसका सपताह तो परा कर षटि6र दसरी भी तझ उस सवा क लिलय मिमलगी जो त मर साथ रह कर

और सात वरषोW तक करगा 28 सो याकब न ऐसा ही षटिकया और लिलआ क सपताह को परा षटिकया तब लाबान न उस अपनी

बटी राहल को भी दिया षटिक वह उसकी पतनी हो 29 और लाबान न अपनी बटी राहल की लौडी होन क लिलय अपनी लौडी षटिबलहा को दिया 30 तब याकब राहल क पास भी गया और उसकी परीषटित लिलआ स अलिक उसी पर हई और उसन

लाबान क साथ रहकर सात वरषोW और उसकी सवा की 31 जब यहोवा न खा षटिक लिलआ अषटिपरय हई तब उसन उसकी कोख खोली पर राहल बाझ रही 32 सो लिलआ गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसन यह कहकर उसका नाम

रबन रखा षटिक यहोवा न मर द ख पर दषटि की ह सो अब मरा पषटित मझ स परीषटित रखगा 33 षटि6र वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसन यह कहा षटिक यह सनक षटिक म

अषटिपरय ह यहोवा न मझ यह भी पतर दिया इसलिलय उसन उसका नाम णिशमोन रखा 34 षटि6र वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसन कहा अब की बार तो मरा

पषटित मझ स मिमल जाएगा कयोषटिक उसस मर तीन पतर उतपनन हए इसलिलय उसका नाम लवी रखागया 35 और षटि6र वह गभWवती हई और उसक एक और पतर उतपनन हआ और उसन कहा अब की बार

तो म यहोवा का नयवा करगी इसलिलय उसन उसका नाम यहा रखा तब उसकी कोख बन होगई

अधयाय३०

01 जब राहल न खा षटिक याकब क लिलय मझ स कोई सनतान नही होता तब वह अपनी बषटिहन स डाह करन लगी और याकब स कहा मझ भी सनतान नही तो मर जाऊगी

02 तब याकब न राहल स करोलित हो कर कहा कया म परमशवर ह तरी कोख तो उसी न बन कर रखी ह

03 राहल न कहा अचछा मरी लौडी षटिबलहा हाजिजर ह उसी क पास जा वह मर घटनो पर जनगी और उसक दवारा मरा भी घर बसगा

04 तो उसन उस अपनी लौडी षटिबलहा को दिया षटिक वह उसकी पतनी हो और याकब उसक पासगया 05 और षटिबलहा गभWवती हई और याकब स उसक एक पतर उतपनन हआ 06 और राहल न कहा परमशवर न मरा नयाय चकाया और मरी सन कर मझ एक पतर दिया इसलिलय

उसन उसका नाम ान रखा 07 और राहल की लौडी षटिबलहा षटि6र गभWवती हई और याकब स एक पतर और उतपनन हआ 08 तब राहल न कहा म न अपनी बषटिहन क साथ बड बल स लिलपट कर मललयq षटिकया और अब

जीत गई सो उसन उसका नाम नपताली रखा 09 जब लिलआ न खा षटिक म जनन स रषटिहत हो गई ह तब उसन अपनी लौडी जिजलपा को ल कर

याकब की पतनी होन क लिलय दिया 10 और लिलआ की लौडी जिजलपा क भी याकब स एक पतर उतपनन हआ 11 तब लिलआ न कहा अहो भागय सो उसन उसका नाम गा रखा 12 षटि6र लिलआ की लौडी जिजलपा क याकब स एक और पतर उतपनन हआ 13 तब लिलआ न कहा म नय ह षटिनशचय सतरिसतरया मझ नय कहगी सो उसन उसका नाम आशररखा 14 गह की कटनी क दिनो म रबन को मान म दा6ल मिमल और वह उन को अपनी माता लिलआ

क पास ल गया तब राहल न लिलआ स कहा अपन पतर क दा6लो म स कछ मझ 15 उसन उसस कहा त न जो मर पषटित को ल लिलया ह सो कया छोटी बात ह अब कया त मर पतर क

दा6ल भी लन चाहती ह राहल न कहा अचछा तर पतर क दा6लो क बल वह आज रात को तर सग सोएगा

16 सो साझ को जब याकब मान स आ रहा था तब लिलआ उसस भट करन को षटिनकली औरकहा तझ मर ही पास आना होगा कयोषटिक म न अपन पतर क दा6ल कर तझ सचमच मोल लिलया

तब वह उस रात को उसी क सग सोया 17 तब परमशवर न लिलआ की सनी सो वह गभWवती हई और याकब स उसक पाचवा पतर उतपननहआ 18 तब लिलआ न कहा म न जो अपन पषटित को अपनी लौडी ी इसलिलय परमशवर न मझ मरी मजरी

ी ह सो उसन उसका नाम इससाकार रखा 19 और लिलआ षटि6र गभWवती हई और याकब स उसक छठवा पतर उतपनन हआ 20 तब लिलआ न कहा परमशवर न मझ अचछा ान दिया ह अब की बार मरा पषटित मर सग बनारहगा कयोषटिक मर उसस छ पतर उतपनन चक ह स उसन उसका नाम जबलन रखा 21 ततपशचात उसक एक बटी भी हई और उसन उसका नाम ीना रखा 22 और परमशवर न राहल की भी सलि ली और उसकी सनकर उसकी कोख खोली 23 सो वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ सो उसन कहा परमशवर न मरी नामराई

को दर कर दिया ह 24 सो उसन यह कह कर उसका नाम यस6 रखा षटिक परमशवर मझ एक पतर और भी गा 25 जब राहल स यस6 उतपनन हआ तब याकब न लाबान स कहा मझ षटिवा कर षटिक म अपन श

और सथान को जाऊ 26 मरी सतरिसतरया और मर लडक-बाल जिजनक लिलय म न तरी सवा की ह उनह मझ षटिक म चलाजाऊ त तो जानता ह षटिक म न तरी कसी सवा की ह 27 लाबान न उसस कहा यदि तरी दषटि म म न अनगरह पाया ह तो रह जा कयोषटिक म न अनभव स

जान लिलया ह षटिक यहोवा न तर कारण स मझ आशीरषो ी ह 28 षटि6र उसन कहा त ठीक बता षटिक म तझ को कया द और म उस दगा 29 उसन उसस कहा त जानता ह षटिक म न तरी कसी सवा की और तर पश मर पास षटिकस परकार स रह 30 मर आन स पषटिहल व षटिकतन थ और अब षटिकतन हो गए ह और यहोवा न मर आन पर तझ तो

आशीरषो ी ह पर म अपन घर का काम कब करन पाऊगा 31 उसन षटि6र कहा म तझ कया द याकब न कहा त मझ कछ न यदि त मर लिलय एक कामकर तो म षटि6र तरी भड- बकरिरयो को चराऊगा और उनकी रकषा करगा 32 म आज तरी सब भड- बकरिरयो क बीच हो कर षटिनकलगा और जो भड वा बकरी लिचcीवाली वा

लिचतकबरी हो और जो भड काली हो और जो बकरी लिचतकबरी वा लिचcीवाली हो उनह म अलग कररखगा और मरी मजदरी म व ही ठहरगी 33 और जब आग को मरी मजदरी की चचाW तर सामहन चल तब मW की यही साकषी होगी अथाWत

बकरिरयो म स जो कोई न लिचcीवाली न लिचतकबरी हो और भडो म स जो कोई काली न हो सो यदि मर पास षटिनकल तो चोरी की ठहरगी

34 तब लाबान न कहा तर कहन क अनसार हो 35 सो उसन उसी दिन सब ारी वाल और लिचतकबर बकरो और सब लिचcीवाली और लिचतकबरी

बकरिरयो को अथाWत जिजन म कछ उजलापन था उन को और सब काली भडो को भी अलग करक अपन पतरो क हाथ सौप दिया

36 और उसन अपन और याकब क बीच म तीन दिन क मागW का अनतर ठहराया सो याकब लाबान की भड- बकरिरयो को चरान लगा

37 और याकब न लिचनार और बााम और अमन वकषो की हरी हरी छषटिडय़ा ल कर उनक लिछलक कही कही छील क उनह ारीार बना दिया ऐसी षटिक उन छषटिडय़ो की स6ी दिखाई न लगी

38 और तब छीली हई छषटिडय़ो को भड- बकरिरयो क सामहन उनक पानी पीन क कठौतो म खडाषटिकया और जब व पानी पीन क लिलय आई तब गाणिभन हो गई 39 और छषटिडय़ो क सामहन गाणिभन हो कर भड- बकरिरया ारीवाल लिचcीवाल और लिचतकबर बचचजनी

40 तब याकब न भडो क बचचो को अलग अलग षटिकया और लाबान की भड- बकरिरयो क मह को लिचcीवाल और सब काल बचचो की ओर कर दिया और अपन झणडो को उन स अलग रखा और

लाबान की भड- बकरिरयो स मिमलन न दिया 41 और जब जब बलवनत भड- बकरिरया गाणिभन होती थी तब तब याकब उन छषटिडय़ो को कठौतो म

उनक सामहन रख ता था जिजस स व छषटिडय़ो को खती हई गाणिभन हो जाए 42 पर जब षटिनबWल भड- बकरिरया गाणिभन होती थी तब वह उनह उनक आग नही रखता था इस स

षटिनबWल षटिनबWल लाबान की रही और बलवनत बलवनत याकब की हो गई 43 सो वह पररषो अतयनत नाढय हो गया और उसक बहत सी भड-बकरिरया और लौषटिडया और

ास और ऊट और गह हो गए

अधयाय३१

01 षटि6र लाबान क पतरो की य बात याकब क सनन म आई षटिक याकब न हमार षटिपता का सब कछ छीन लिलया ह और हमार षटिपता क न क कारण उसकी यह परषटितषठा ह

02 और याकब न लाबान क मखड पर दषटि की और ताड लिलया षटिक वह उसक परषटित पहल क समान नही ह

03 तब यहोवा न याकब स कहा अपन षटिपतरो क श और अपनी जनमभमिम को लौट जा और म तर सग रहगा

04 तब याकब न राहल और लिलआ को मान म अपनी भड- बकरिरयो क पास बलवा कर कहा 05 तमहार षटिपता क मखड स मझ समझ पडता ह षटिक वह तो मझ पषटिहल की नाई अब नही खता

पर मर षटिपता का परमशवर मर सग ह 06 और तम भी जानती हो षटिक म न तमहार षटिपता की सवा शलिकत भर की ह 07 और तमहार षटिपता न मझ स छल करक मरी मजदरी को स बार बल दिया परनत परमशवर न

उसको मरी हाषटिन करन नही दिया 08 जब उसन कहा षटिक लिचcीवाल बचच तरी मजदरी ठहरग तब सब भड- बकरिरया लिचcीवाल ही

जनन लगी और जब उसन कहा षटिक ारीवाल बचच तरी मजदरी ठहरग तब सब भड- बकरिरया ारीवाल जनन लगी

09 इस रीषटित स परमशवर न तमहार षटिपता क पश ल कर मझ को दिए 10 भड- बकरिरयोक गाणिभन होन क समय म न सवपन म कया खा षटिक जो बकर बकरिरयो पर चढ रहह सो ारीवाल लिचcीवाल और बबवाल ह 11 और परमशवर क दत न सवपन म मझ स कहा ह याकब म न कहा कया आजञा 12 उसन कहा आख उठा कर उन सब बकरो को जो बकरिरयो पर चढ रह ह ख षटिक वारीवाल लिचcीवाल और बबवाल ह कयोषटिक जो कछ लाबान तझ स करता ह सो म न खा ह 13 म उस बतल का ईशवर ह जहा त न एक खमभ पर तल डाल दिया और मरी मननत मानी थी अब चल इस श स षटिनकल कर अपनी जनमभमिम को लौट जा 14 तब राहल और लिलआ न उसस कहा कया हमार षटिपता क घर म अब भी हमारा कछ भाग वा

अश बचा ह 15 कया हम उसकी दषटि म पराय न ठहरी ख उसन हम को तो बच डाला और हमार रप को

खा बठा ह 16 सो परमशवर न हमार षटिपता का जिजतना न ल लिलया ह सो हमारा और हमार लडकबालो का ह

अब जो कछ परमशवर न तझ स कहा सो कर 18 तब याकब न अपन लडक बालो और सतरिसतरयो को ऊटो पर चढाया 19 और जिजतन पशओ को वह पददनराम म इकटठा करक नाढय हो गया था सब को कनान म

अपन षटिपता इसहाक क पास जान की मनसा स साथ ल गया 20 लाबान तो अपनी भडो का ऊन कतरन क लिलय चला गया था और राहल अपन षटिपता क

गहवताओ को चरा ल गई

21 सो याकब लाबान अरामी क पास स चोरी स चला गया उसको न बताया षटिक म भागा जाता ह 22 वह अपना सब कछ ल कर भागा और महान क पार उतर कर अपना मह षटिगला क पहाडी

श की ओर षटिकया 23 तीसर दिन लाबान को समाचार मिमला षटिक याकब भाग गया ह 24 सो उसन अपन भाइयो को साथ ल कर उसका सात दिन तक पीछा षटिकया और षटिगला क

पहाडी श म उसको जा पकडा 25 तब परमशवर न रात क सवपन म आरामी लाबान क पास आकर कहा सावान रह त याकब स न

तो भला कहना और न बरा 26 और लाबान याकब क पास पहच गया याकब तो अपना तमब षटिगला नाम पहाडी श म खडा

षटिकए पडा था और लाबान न भी अपन भाइयो क साथ अपना तमब उसी पहाडी श म खडा षटिकया 27 तब लाबान याकब स कहन लगा त न यह कया षटिकया षटिक मर पास स चोरी स चला आया और

मरी बदिटयो को ऐसा ल आया जसा कोई तलवार क बल स बनी बनाए गए 28 त कयो चपक स भाग आया और मझ स षटिबना कछ कह मर पास स चोरी स चला आया नही

तो म तझ आनन क साथ मग और वीणा बजवात और गीत गवात षटिवा करता 29 त न तो मझ अपन बट बदिटयो को चमन तक न दिया त न मखWता की ह 30 तम लोगो की हाषटिन करन की शलिकत मर हाथ म तो ह पर तमहार षटिपता क परमशवर न मझ स बीती

हई रात म कहा सावान रह याकब स न तो भला कहना और न बरा 31 भला अब त अपन षटिपता क घर का बडा अणिभलारषोी हो कर चला आया तो चला आया पर मर

वताओ को त कयो चरा ल आया ह 32 याकब न लाबान को उcर दिया म यह सोचकर डर गया था षटिक कही त अपनी बदिटयो को मझ

स छीन न ल 33 जिजस षटिकसी क पास त अपन वताओ को पाए सो जीता न बचगा मर पास तरा जो कछषटिनकल सो भाई- ब(ओ क सामहन पषटिहचान कर ल ल कयोषटिक याकब न जानता था षटिक राहल

गहवताओ को चरा ल आई ह 34 यह सनकर लाबान याकब और लिलआ और ोनो ालिसयो क तमबओ म गया और कछ न

मिमला तब लिलआ क तमब म स षटिनकल कर राहल क तमब म गया 35 राहल तो गहवताओ को ऊट की काठी म रखक उन पर बठी थी सो लाबान न उसक सार तमब म टटोलन पर भी उनह न पाया

36 राहल न अपन षटिपता स कहा ह मर परभ इस स अपरसनन न हो षटिक म तर सामहन नही उठी कयोषटिक म सतरीमW स ह सो उसक ढढ ढाढ करन पर भी गहवता उसको न मिमल

37 तब याकब करोलित हो कर लाबान स झगडन लगा और कहा मरा कया अपरा ह मरा कया पाप ह षटिक त न इतना करोलित हो कर मरा पीछा षटिकया ह

38 त न जो मरी सारी सामगरी को टटोल कर खा सो तझ को सारी सामगरी म स कया मिमला कछ मिमला हो तो उसको यहा अपन और मर भाइयो क सामहन रख और व हम ोनो क बीच नयाय

कर 39 इन बीस वरषोN स म तर पास रहा उन म न तो तरी भड- बकरिरयो क गभW षटिगर और न तर मढो

का मास म न कभी खाया 40 जिजस बनल जनतओ न 6ाड डाला उसको म तर पास न लाता था उसकी हाषटिन म ही उठाता था

चाह दिन को चोरी जाता चाह रात को त मझ ही स उसको ल लता था 41 मरी तो यह शा थी षटिक दिन को तो घाम और रात को पाला मझ खा गया और नीन मरी

आखो स भाग जाती थी 42 बीस वरषोW तक म तर घर म रहो चौह वरषोW तो म न तरी ोनो बदिटयो क लिलय और छ वरषोW तरीभड- बकरिरयो क लिलय सवा की और त न मरी मजदरी को स बार बल डाला 43 मर षटिपता का परमशवर अथाWत इबराहीम का परमशवर जिजसका भय इसहाक भी मानता ह यदि मरी

ओर न होता तो षटिनशचय त अब मझ छछ हाथ जान ता मर द ख और मर हाथो क परिरशरम को खकर परमशवर न बीती हई रात म तझ डपटा

44 लाबान ल याकब स कहा य बदिटयो तो मरी ही ह और य पतर भी मर ही ह और य भड- बकरिरया भी मरी ही ह और जो कछ तझ ख पडता ह सो सब मरा ही ह और अब म अपनी इन

बदिटयो वा इनक सनतान स कया कर सकता ह 45 अब आ म और त ोनो आपस म वाचा बा( और वह मर और तर बीच साकषी ठहरी रह 46 तब याकब न एक पतथर ल कर उसका खमभा खडा षटिकया 47 तब याकब न अपन भाई- ब(ओ स कहा पतथर इकटठा करो यह सन कर उनहोन पतथर इकटठा

करक एक ढर लगाया और वही ढर क पास उनहोन भोजन षटिकया 48 उस ढर का नाम लाबान न तो यजर सहादया पर याकब न जिजलिलया रखा 49 लाबान न कहा षटिक यह ढर आज स मर और तर बीच साकषी रहगा इस कारण उसका नाम

जिजलिलया रखा गया 50 और मिमजपा भी कयोषटिक उसन कहा षटिक जब हम उस दसर स दर रह तब यहोवा मरी और तरी

खभाल करता रह 51 यदि त मरी बदिटयो को द ख वा उनक लिसवाय और सतरिसतरया बयाह ल तो हमार साथ कोई

मनषय तो न रहगा पर ख मर तर बीच म परमशवर साकषी रहगा 52 षटि6र लाबान न याकब स कहा इस ढर को ख और इस खमभ को भी ख जिजन को म न अपन

और तर बीच म खडा षटिकया ह 53 यह ढर और यह खमभा ोनो इस बात क साकषी रह षटिक हाषटिन करन की मनसा स न तो म इस

ढर को लाघ कर तर पास जाऊगा न त इस ढर और इस खमभ को लाघ कर मर पास आएगा 54 इबराहीम और नाहोर और उनक षटिपता तीनो का जो परमशवर ह सो हम ोनो क बीच नयाय कर

तब याकब न उसकी शपथ खाई जिजसका भय उसका षटिपता इसहाक मानता था 55 और याकब न उस पहाड पर मलबलिल चढाया और अपन भाई- ब(ओ को भोजन करन क लिलय बलाया सो उनहोन भोजन करक पहाड पर रात षटिबताई 56 षटिबहान को लाबान तडक उठा और अपन बट बदिटयो को चम कर और आशीवाW कर चलदिया और अपन सथान को लौट गया

अधयाय३२

01 और याकब न भी अपना मागW लिलया और परमशवर क दत उस आ मिमल 02 उन को खत ही याकब न कहा यह तो परमशवर का ल ह सो उसन उस सथान का नाम महनमरखा 03 तब याकब न सईर श म अथाWत एोम श म अपन भाई ऐसाव क पास अपन आग दत भजदिए 04 और उसन उनह यह आजञा ी षटिक मर परभ ऐसाव स यो कहना षटिक तरा ास याकब तझ स यो

कहता ह षटिक म लाबान क यहा परशी हो कर अब तक रहा 05 और मर पास गाय-बल गह भड-बकरिरया और ास- ालिसया ह सो म न अपन परभ क पास

इसलिलय सशा भजा ह षटिक तरी अनगरह की दषटि मझ पर हो 06 व दत याकब क पास लौट क कहन लग हम तर भाई ऐसाव क पास गए थ और वह भी तझ

स भट करन को चार सौ पररषो सग लिलय हए चला आता ह 07 तब याकब षटिनपट डर गया और सकट म पडा और यह सोच कर अपन सग वालो क औरभड-बकरिरयो और गाय-बलो और ऊटो क भी अलग अलग ो ल कर लिलय 08 षटिक यदि ऐसाव आकर पषटिहल ल को मारन लग तो दसरा ल भाग कर बच जाएगा 09 षटि6र याकब न कहा ह यहोवा ह मर ाा इबराहीम क परमशवर त न तो मझ स कहा षटिक अपन

श और जनम भमिम म लौट जा और म तरी भलाई करगा 10 त न जो जो काम अपनी करणा और सचचाई स अपन ास क साथ षटिकए ह षटिक म जो अपनी

छडी ही ल कर इस यरन नी क पार उतर आया सो अब मर ो ल हो गए ह तर ऐस ऐस कामो म स म एक क भी योगय तो नही ह

11 मरी षटिवनती सन कर मझ मर भाई ऐसाव क हाथ स बचा म तो उसस डरता ह कही ऐसा न हो षटिक वह आकर मझ और मा समत लडको को भी मार डाल

12 त न तो कहा ह षटिक म षटिनशचय तरी भलाई करगा और तर वश को समदर की बाल क षटिकनको क समान बहत करगा जो बहतायत क मार षटिगन नही जो सकत

13 और उसन उस दिन की रात वही षटिबताई और जो कछ उसक पास था उस म स अपन भाई ऐसाव की भट क लिलय छाट छाट कर षटिनकाला

14 अथाWत ो सौ बकरिरया और बीस बकर और ो सौ भड और बीस मढ 15 और बचचो समत द न वाली तीस ऊटषटिनया और चालीस गाय और स बल और बीस

गषटिहया और उनक स बचच 16 इन को उसन झणड झणड करक अपन ासो को सौप कर उन स कहा मर आग बढ जाओ

और झणडो क बीच बीच म अनतर रखो 17 षटि6र उसन अगल झणड क रखवाल को यह आजञा ी षटिक जब मरा भाई ऐसाव तझ मिमल और

पछन लग षटिक त षटिकस का ास ह और कहा जाता ह और य जो तर आग आग ह सो षटिकस क ह 18 तब कहना षटिक यह तर ास याकब क ह ह मर परभ ऐसाव य भट क लिलय तर पास भज गएह और वह आप भी हमार पीछ पीछ आ रहा ह 19 और उसन दसर और तीसर रखवालो को भी वरन उस सभो को जो झणडो क पीछ पीछ थ ऐसी

ही आजञा ी षटिक जब ऐसाव तम को मिमल तब इसी परकार उसस कहना 20 और यह भी कहना षटिक तरा ास याकब हमार पीछ पीछ आ रहा ह कयोषटिक उसन यह सोचा

षटिक यह भट जो मर आग आग जाती ह इसक दवारा म उसक करो को शानत करक तब उसका शWनकरगा हो सकता ह वह मझ स परसनन हो जाए 21 सो वह भट याकब स पषटिहल पार उतर गई और वह आप उस रात को छावनी म रहा 22 उसी रात को वह उठा और अपनी ोनो सतरिसतरयो और ोनो लौषटिडयो और गयारहो लडको को सग

ल कर घाट स यबबोक नी क पार उतर गया 23 और उसन उनह उस नी क पार उतार दिया वरन अपना सब कछ पार उतार दिया 24 और याकब आप अकला रह गया तब कोई पररषो आकर पह 6टन तक उसस मललयq करतारहा 25 जब उसन खा षटिक म याकब पर परबल नही होता तब उसकी जाघ की नस को छआ सो

याकब की जाघ की नस उसस मललयq करत ही करत चढ गई 26 तब उसन कहा मझ जान कयोषटिक भोर हआ चाहता ह याकब न कहा जब तक त मझ

आशीवाW न तब तक म तझ जान न दगा 27 और उसन याकब स पछा तरा नाम कया ह उसन कहा याकब 28 उसन कहा तरा नाम अब याकब नही परनत इसराएल होगा कयोषटिक त परमशवर स और मनषयो स

भी यq कर क परबल हआ ह 29 याकब न कहा म षटिबनती करता ह मझ अपना नाम बता उसन कहा त मरा नाम कयो पछताह तब उसन उसको वही आशीवाW दिया 30 तब याकब न यह कह कर उस सथान का नाम पनीएल रखा षटिक परमशवर को आमहन सामहन

खन पर भी मरा पराण बच गया ह 31 पनएल क पास स चलत चलत सयW उय हो गया और वह जाघ स लगडाता था 32 इसराएली जो पशओ की जाघ की जोड वाल जघानस को आज क दिन तक नही खात इसका

कारण यही ह षटिक उस पररषो न याकब की जाघ की जोड म जघानस को छआ था

अधयाय३३

01 और याकब न आख उठा कर यह खा षटिक ऐसाव चार सौ पररषो सग लिलय हए चला जाता ह तब उसन लडक बालो को अलग अलग बाट कर लिलआ और राहल और ोनो लौषटिडयो को सौप

दिया

02 और उसन सब क आग लडको समत लौषटिडयो को उसक पीछ लडको समत लिलआ को और सब क पीछ राहल और यस6 को रखा

03 और आप उन सब क आग बढा और सात बार भमिम पर षटिगर क णडवत की और अपन भाई क पास पहचा

04 तब ऐसाव उसस भट करन को ौडा और उसको हय स लगा कर गल स लिलपट कर चमा षटि6र व ोनो रो पड

05 तब उसन आख उठा कर सतरिसतरयो और लडक बालो को खा और पछा य जो तर साथ ह सो कौन ह उसन कहा य तर ास क लडक ह जिजनह परमशवर न अनगरह कर क मझ को दिया ह

06 तब लडको समत लौषटिडयो न षटिनकट आकर णडवत की 07 षटि6र लडको समत लिलआ षटिनकट आई और उनहोन भी णडवत की पीछ यस6 और राहल न

भी षटिनकट आकर णडवत की 08 तब उसन पछा तरा यह बडा ल जो मझ को मिमला उसका कया परयोजन ह उसन कहा यह

षटिक मर परभ की अनगरह की दषटि मझ पर हो 09 ऐसाव न कहा ह मर भाई मर पास तो बहत ह जो कछ तरा ह सो तरा ही रह 10 याकब न कहा नही नही यदि तरा अनगरह मझ पर हो तो मरी भट गरहण कर कयोषटिक म न तरा

शWन पाकर मानो परमशवर का शWन पाया ह और त मझ स परसनन हआ ह 11 सो यह भट जो तझ भजी गई ह गरहण कर कयोषटिक परमशवर न मझ पर अनगरह षटिकया ह और

मर पास बहत ह जब उसन उस को बाया तब उस न भट को गरहण षटिकया 12 षटि6र ऐसाव न कहा आ हम बढ चल और म तर आग आग चलगा 13 याकब न कहा ह मर परभ त जानता ही ह षटिक मर साथ सकमार लडक और द न हारी भड-

बकरिरया और गाय ह यदि ऐस पश एक दिन भी अलिक हाक जाए तो सब क सब मर जाएग 14 सो मरा परभ अपन ास क आग बढ जाए और म इन पशओ की गषटित क अनसार जो मर आग ह और लडक बालो की गषटित क अनसार ीर ीर चल कर सईर म अपन परभ क पास पहचगा 15 ऐसाव न कहा तो अपन सग वालो म स म कई एक तर साथ छोड जाऊ उसन कहा यह कयो

इतना ही बहत ह षटिक मर परभ की अनगरह की दषटि मझ पर बनी रह 16 तब ऐसाव न उसी दिन सईर जान को अपना मागW लिलया 17 और याकब वहा स कच कर क सककोत को गया और वहा अपन लिलय एक घर और पशओ क

लिलय झोपड बनाए इसी कारण उस सथान का नाम सककोत पडा 18 और याकब जो पददनराम स आया था सो कनान श क शकम नगर क पास कशल कषम स

पहच कर नगर क सामहन डर खड षटिकए 19 और भमिम क जिजस खणड पर उसन अपना तमब खडा षटिकया उसको उसन शकम क षटिपता हमोर

क पतरो क हाथ स एक सौ कसीतो म मोल लिलया 20 और वहा उसन एक वी बना कर उसका नाम एललोह इसराएल रखा

अधयाय३४

01 और लिलआ की बटी ीना जो याकब स उतपनन हई थी उस श की लडषटिकयो स भट करन कोषटिनकली 02 तब उस श क परान षटिहcी हमोर क पतर शकम न उस खा और उस ल जा कर उसक साथ

ककमW करक उसको भर कर डाला 03 तब उसका मन याकब की बटी ीना स लग गया और उसन उस कनया स परम की बात की

और उसस परम करन लगा 04 और शकम न अपन षटिपता हमोर स कहा मझ इस लडकी को मरी पतनी होन क लिलय दिला 05 और याकब न सना षटिक शकम न मरी बटी ीना को अशq कर डाला ह पर उसक पतर उस

समय पशओ क सग मान म थ सो वह उनक आन तक चप रहा

06 और शकम का षटिपता हमोर षटिनकल कर याकब स बातचीत करन क लिलय उसक पास गया 07 और याकब क पतर सनत ही मान स बहत उास और करोलित हो कर आए कयोषटिक शकम न

याकब की बटी क साथ ककमW करक इसराएल क घरान स मखWता का ऐसा काम षटिकया था जिजसका करना अनलिचत था

08 हमोर न उन सब स कहा मर पतर शकम का मन तमहारी बटी पर बहत लगा ह सो उस उसकी पतनी होन क लिलय उसको ो

09 और हमार साथ बयाह षटिकया करो अपनी बदिटया हम को दिया करो और हमारी बदिटयो को आप लिलया करो

10 और हमार सग बस रहो और यह श तमहार सामन पडा ह इस म रह कर लनन करो और इसकी भमिम को अपन लिलय ल लो

11 और शकम न भी ीना क षटिपता और भाइयो स कहा यदि मझ पर तम लोगो की अनगरह की दषटि हो तो जो कछ तम मझ स कहो सो म दगा

12 तम मझ स षटिकतना ही मलय वा बला कयो न मागो तौभी म तमहार कह क अनसार दगा परनत उस कनया को पतनी होन क लिलय मझ ो

13 तब यह सोच कर षटिक शकम न हमारी बषटिहन ीना को अशq षटिकया ह याकब क पतरो न शकम और उसक षटिपता हमोर को छल क साथ यह उcर दिया

14 षटिक हम ऐसा काम नही कर सकत षटिक षटिकसी खतना रषटिहत पररषो को अपनी बषटिहन कयोषटिक इस स हमारी नामराई होगी

15 इस बात पर तो हम तमहारी मान लग षटिक हमारी नाई तम म स हर एक पररषो का खतना षटिकयाजाए 16 तब हम अपनी बदिटया तमह बयाह ग और तमहारी बदिटया बयाह लग और तमहार सग बस भीरहग और हम ोनो एक ही समाय क मनषय हो जाएग 17 पर यदि तम हमारी बात न मान कर अपना खतना न कराओग तो हम अपनी लडकी को लक

यहा स चल जाएग 18 उनकी इस बात पर हमोर और उसका पतर शकम परसनन हए 19 और वह जवान जो याकब की बटी को बहत चाहता था इस काम को करन म उसन षटिवलमब न

षटिकया वह तो अपन षटिपता क सार घरान म अलिक परषटितषटिषठत था 20 सो हमोर और उसका पतर शकम अपन नगर क 6ाटक क षटिनकट जा कर नगरवालिसयो को यो

समझान लग 21 षटिक व मनषय तो हमार सग मल स रहना चाहत ह सो उनह इस श म रह क लनन करन ो खो यह श उनक लिलय भी बहत ह षटि6र हम लोग उनकी बदिटयो को बयाह ल और अपनी बदिटयो

को उनह दिया कर 22 व लोग कवल इस बात पर हमार सग रहन और एक ही समाय क मनषय हो जान को परसनन ह

षटिक उनकी नाई हमार सब पररषोो का भी खतना षटिकया जाए 23 कया उनकी भड-बकरिरया और गाय- बल वरन उनक सार पश और न समपलिc हमारी न होजाएगी इतना ही कर षटिक हम लोग उनकी बात मान ल तो व हमार सग रहग 24 सो जिजतन उस नगर क 6ाटक स षटिनकलत थ उन सभो न हमोर की और उसक पतर शकम की

बात मानी और हर एक पररषो का खतना षटिकया गया जिजतन उस नगर क 6ाटक स षटिनकलत थ 25 तीसर दिन जब व लोग पीषटिडत पड थ तब ऐसा हआ षटिक णिशमोन और लवी नाम याकब क ो

पतरो न जो ीना क भाई थ अपनी अपनी तलवार ल उस नगर म षटिनडक घस कर सब पररषोो को घात षटिकया

26 और हमोर और उसक पतर शकम को उनहोन तलवार स मार डाला और ीना को शकम क घर स षटिनकाल ल गए

27 और याकब क पतरो न घात कर डालन पर भी चढ कर नगर को इसलिलय लट लिलया षटिक उस म उनकी बषटिहन अशq की गई थी

28 उनहोन भड-बकरी और गाय-बल और गह और नगर और मान म जिजतना न था ल

लिलया 29 उस सब को और उनक बाल-बचचो और सतरिसतरयो को भी हर ल गए वरन घर घर म जो कछ था

उसको भी उनहोन लट लिलया 30 तब याकब न णिशमोन और लवी स कहा तम न जो उस श क षटिनवासी कनाषटिनयोऔर परिरचछिजजयो

क मन म मरी ओर घणा उतपनन कराई ह इस स तम न मझ सकट म डाला ह कयोषटिक मर साथ तो थोड की लोग ह सो अब व इकटठ हो कर मझ पर चढग और मझ मार डालग सो म अपन घरान समत सतयानाश हो जाऊगा

31 उनहोन कहा कया वह हमारी बषटिहन क साथ वशया की नाई बताWव कर

अधयाय३५

01 तब परमशवर न याकब स कहा यहा स कच करक बतल को जा और वही रह और वहा ईशवर क लिलय वी बना जिजसन तझ उस समय शWन दिया जब त अपन भाई ऐसाव क डर स भागा जाता

था 02 तब याकब न अपन घरान स और उन सब स भी जो उसक सग थ कहा तमहार बीच म जो

पराए वता ह उनह षटिनकाल 6 को और अपन अपन को शq करो और अपन वसतर बल डालो 03 और आओ हम यहा स कच करक बतल को जाए वहा म ईशवर क लिलय एक वी बनाऊगा

जिजसन सकट क दिन मरी सन ली और जिजस मागW स म चलता था उस म मर सग रहा 04 सो जिजतन पराए वता उनक पास थ और जिजतन कणडल उनक कानोम थ उन सभो को उनहोन

याकब को दिया और उसन उन को उस लिसनदर वकष क नीच जो शकम क पास ह गाड दिया 05 तब उनहोन कच षटिकया और उनक चारो ओर क नगर षटिनवालिसयो क मन म परमशवर की ओर स

ऐसा भय समा गया षटिक उनहोन याकब क पतरो का पीछा न षटिकया 06 सो याकब उन सब समत जो उसक सग थ कनान श क लज नगर को आया वह नगर बतल

भी कहलाता ह 07 वहा उसन एक वी बनाई और उस सथान का नाम एलबतल रखा कयोषटिक जब वह अपन भाई

क डर स भागा जाता था तब परमशवर उस पर वही परगट हआ था 08 और रिरबका की द षटिपलानहारी ाय बोरा मर गई और बतल क नीच लिसनदर वकष क तल

उसको मिमटटी ी गई और उस लिसनदर वकष का नाम अललोनबककत रखा गया 09 षटि6र याकब क पददनराम स आन क पशचात परमशवर न दसरी बार उसको शWन कर आशीरषो ी 10 और परमशवर न उसस कहा अब तक तो तरा नाम याकब रहा ह पर आग को तरा नाम याकब न रहगा त इसराएल कहलाएगा

11 षटि6र परमशवर न उसस कहा म सवWशलिकतमान ईशवर ह त 6ल- 6ल और बढ और तझ स एक जाषटित वरन जाषटितयो की एक मणडली भी उतपनन होगी और तर वश म राजा उतपनन होग

12 और जो श म न इबराहीम और इसहाक को दिया ह वही श तझ ता ह और तर पीछ तर वश को भी दगा

13 तब परमशवर उस सथान म जहा उसन याकब स बात की उनक पास स ऊपर चढ गया 14 और जिजस सथान म परमशवर न याकब स बात की वहा याकब न पतथर का एक खमबा खडाषटिकया और उस पर अघW कर तल डाल दिया 15 और जहा परमशवर न याकब स बात की उस सथान का नाम उसन बतल रखा 16 षटि6र उनहोन बतल स कच षटिकया और एपराता थोडी ही दर रह गया था षटिक राहल को बचचा

जनन की बडी पीडा आन लगी 17 जब उसको बडी बडी पीडा उठती थी तब ाय न उसस कहा मत डर अब की भी तर बटा हीहोगा 18 तब ऐसा हआ षटिक वह मर गई और पराण षटिनकलत षटिनकलत उसन उस बट को नाम बनोनी रखा

पर उसक षटिपता न उसका नाम षटिबनयामीन रखा 19 यो राहल मर गई और एपराता अथाWत बतलहम क मागW म उसको मिमटटी ी गई

20 और याकब न उसकी कबर पर एक खमभा खडा षटिकया राहल की कबर का वही खमभा आज तक बना ह

21 षटि6र इसराएल न कच षटिकया और एर नाम गममट क आग बढकर अपना तमब खडा षटिकया 22 जब इसराएल उस श म बसा था तब एक दिन ऐसा हआ षटिक रबन न जा कर अपन षटिपता की

रखली षटिबलहा क साथ ककमW षटिकया और यह बात इसराएल को मालम हो गई 23 याकब क बारह पतर हए उन म स लिलआ क पतर य थ अथाWत याकब का जठा रबन षटि6रणिशमोन लवी यहा इससाकार और जबलन 24 और राहल क पतर य थ अथाWत यस6 और षटिबनयामीन 25 और राहल की लौनडी षटिबलहा क पतर य थ अथाWत ान और नपताली 26 और लिलआ की लौनडी जिजलपा क पतर य थ अथाWत गा और आशर याकब क य ही पतर हए

जो उसस पददनराम म उतपनन हए 27 और याकब ममर म जो करिरयतअबाW अथाWत हबरोन ह जहा इबराहीम और इसहाक परशी हो

कर रह थ अपन षटिपता इसहाक क पास आया 28 इसहाक की अवसथा एक सौ अससी बरस की हई 29 और इसहाक का पराण छट गया और वह मर गया और वह बढा और परी आय का हो कर

अपन लोगो म जा मिमला और उसक पतर ऐसाव और याकब न उसको मिमटटी ी

अधयाय३६

01 ऐसाव जो एोम भी कहलाता ह उसकी यह वशावली ह 02 ऐसाव न तो कनानी लडषटिकया बयाह ली अथाWत षटिहcी एलोन की बटी आा को और

अहोलीबामा को जो अना की बटी और षटिहववी लिसबोन की नषटितनी थी 03 षटि6र उसन इशमाएल की बटी बासमत को भी जो नबायोत की बषटिहन थी बयाह लिलया 04 आा न तो ऐसाव क जनमाए एलीपज को और बासमत न रएल को उतपनन षटिकया 05 और ओहोलीबामा न यश और यालाम और को रह को उतपनन षटिकया ऐसाव क य ही पतर

कनान श म उतपनन हए 06 और ऐसाव अपनी पतनितनयो और बट-बदिटयो और घर क सब पराणिणयो और अपनी भड-बकरी

और गाय- बल आदि सब पशओ षटिनान अपनी सारी समपलिc को जो उसन कनान श म सचय कीथी ल कर अपन भाई याकब क पास स दसर श को चला गया 07 कयोषटिक उनकी समपलिc इतनी हो गई थी षटिक व इकटठ न रह सक और पशओ की बहतायत क

मार उस श म जहा व परशी हो कर रहत थ उनकी समाई न रही 08 ऐसाव जो एोम भी कहलाता ह सो सईर नाम पहाडी श म रहन लगा 09 सईर नाम पहाडी श म रहनहार एोमिमयो क मल पररषो ऐसाव की वशावली यह ह 10 ऐसाव क पतरो क नाम य ह अथाWत ऐसाव की पतनी आा का पतर एलीपज और उसी ऐसाव की

पतनी बासमत का पतर रएल 11 और एलीपज क य पतर हए अथाWत तमान ओमार सपो गाताम और कनज 12 और ऐसाव क पतर एलीपज क षटितमना नाम एक सरषटितन थी जिजसन एलीपज क जनमाए अमालक

को जनम दिया ऐसाव की पतनी आा क वश म य ही हए 13 और रएल क य पतर हए अथाWत नहत जरह शममा और मिमजजा ऐसाव की पतनी बासमत क

वश म य ही हए 14 और ओहोलीबामा जो ऐसाव की पतनी और लिसबोन की नषटितनी और अना की बटी थी उसक य

पतर हए अथाWत उसन ऐसाव क जनमाए यश यालाम और कोरह को जनम दिया 15 ऐसाववणिशयो क अलिपषटित य हए अथाWत ऐसाव क जठ एलीपज क वश म स तो तमानअलिपषटित ओमार अलिपषटित सपो अलिपषटित कनज अलिपषटित 16 को रह अलिपषटित गाताम अलिपषटित अमालख अलिपषटित एलीपज वणिशयो म स एोम श म य

ही अलिपषटित हए और य ही आा क वश म हए

17 और ऐसाव क पतर रएल क वश म य हए अथाWत नहत अलिपषटित जरह अलिपषटित शममाअलिपषटित मिमजजा अलिपषटित रएलवणिशयो म स एोम श म य ही अलिपषटित हए और य ही ऐसाव

की पतनी बासमत क वश म हए 18 और ऐसाव की पतनी ओहोलीबामा क वश म थ हए अथाWत यश अलिपषटित यालाम अलिपषटित

कोरह अलिपषटित अना की बटी ओहोलीबामा जो ऐसाव की पतनी थी उसक वश म य ही हए 19 ऐसाव जो एोम भी कहलाता ह उसक वश य ही ह और उनक अलिपषटित भी य ही हए 20 सईर जो होरी नाम जाषटित का था उसक य पतर उस श म पषटिहल स रहत थ अथाWत लोतान शोबाल णिशबोन अना 21 ीशोन एसर और ीशान एोम श म सईर क य ही होरी जाषटितवाल अलिपषटित हए 22 और लोतान क पतर होरी और हमाम हए और लोतान की बषटिहन षटितमना थी 23 और शोबाल क य पतर हए अथाWत आलवान मानहत एबाल शपो और ओनाम 24 और लिसोन क थ पतर हए अथाWत अयया और अना यह वही अना ह जिजस को जगल म अपन

षटिपता लिसबोन क गहो को चरात चरात गरम पानी क झरन मिमल 25 और अना क ीशोन नाम पतर हआ और उसी अना क ओहोलीबामा नाम बटी हई 26 और ीशोन क य पतर हए अथाWत हमान एशबान मियतरान और करान 27 एसर क य पतर हए अथाWत षटिबलहान जावान और अकान 28 ीशान क य पतर हए अथाWत ऊस और अकान 29 होरिरयो क अलिपषटित य हए अथाWत लोतान अलिपषटित शोबाल अलिपषटित णिशबोन अलिपषटित 30 अना अलिपषटित ीशोन अलिपषटित एसर अलिपषटित ीशान अलिपषटित सईर श म होरी जाषटित

वाल य ही अलिपषटित हए 31 षटि6र जब इसराएलिलयो पर षटिकसी राजा न राजय न षटिकया था तब भी एोम क श म य राजाहए 32 अथाWत बोर क पतर बला न एोम म राजय षटिकया और उसकी राजानी का नाम दिनहाबा ह 33 बला क मरन पर बोसराषटिनवासी जरह का पतर योबाब उसक सथान पर राजा हआ 34 और योबाब क मरन पर तमाषटिनयो क श का षटिनवासी हशाम उसक सथान पर राजा हआ 35 और हशाम क मरन पर ब का पतर ह उसक सथान पर राजा हआ यह वही ह जिजसन

मिमदयाषटिनयो को मोआब क श म मार लिलया और उसकी राजानी का नाम अबीत ह 36 और ह क मरन पर मसरकावासी समला उसक सथान पर राजा हआ 37 षटि6र समला क मरन पर शाऊल जो महान क तट वाल रहोबोत नगर का था सो उसक सथान

पर राजा हआ 38 और शाऊल क मरन पर अकबोर का पतर बालहानान उसक सथान पर राजा हआ 39 और अकबोर क पतर बालहानान क मरन पर हर उसक सथान पर राजा हआ और उसकी

राजानी का नाम पाऊ ह और उसकी पतनी का नाम महतबल ह जो मजाहब की नषटितनी और मतर की बटी थी

40 षटि6र ऐसाववणिशयो क अलिपषटितयो क कलो और सथानो क अनसार उनक नाम य ह अथाWत षटितमना अलिपषटित अलबा अलिपषटित यतत अलिपषटित

41 ओहोलीबामा अलिपषटित एला अलिपषटित पीनोन अलिपषटित 42 कनज अलिपषटित तमान अलिपषटित मिमबसार अलिपषटित 43 मगीएल अलिपषटित ईराम अलिपषटित एोमवणिशयो न जो श अपना कर लिलया था उसक षटिनवास

सथानो म उनक य ही अलिपषटित हए और एोमी जाषटित का मलपररषो ऐसाव ह

अधयाय३७

1 37|01 याकब तो कनान श म रहता था जहा उसका षटिपता परशी हो कर रहा था 37|02 और याकब क वश का वcानत यह ह षटिक यस6 सतरह वरषोW का हो कर भाइयो क सग भड-

बकरिरयो को चराता था और वह लडका अपन षटिपता की पतनी षटिबलहा और जिजलपा क पतरो क सग रहा

करता था और उनकी बराईयो का समाचार अपन षटिपता क पास पहचाया करता था 37|03 और इसराएल अपन सब पतरो स बढक यस6 स परीषटित रखता था कयोषटिक वह उसक बढाप

का पतर था और उसन उसक लिलय रग षटिबरगा अगरखा बनवाया 37|04 सो जब उसक भाईयो न खा षटिक हमारा षटिपता हम सब भाइयो स अलिक उसी स परीषटित

रखता ह तब व उसस बर करन लग और उसक साथ ठीक तौर स बात भी नही करत थ 37|05 और यस6 न एक सवपन खा और अपन भाइयो स उसका वणWन षटिकया तब व उसस और

भी दवरषो करन लग 37|06 और उसन उन स कहा जो सवपन म न खा ह सो सनो 37|07 हम लोग खत म पल बा( रह ह और कया खता ह षटिक मरा पला उठ कर सीा खडा होगया तब तमहार पलो न मर पल को चारो तर6 स घर लिलया और उस णडवत षटिकया 37|08 तब उसक भाइयो न उसस कहा कया सचमच त हमार ऊपर राजय करगा वा सचमच त

हम पर परभता करगा सो व उसक सवपनो और उसकी बातो क कारण उसस और भी अलिक बर करन लग 37|09 षटि6र उसन एक और सवपन खा और अपन भाइयो स उसका भी यो वणWन षटिकया षटिक सनो म न एक और सवपन खा ह षटिक सयW और चनदरमा और गयारह तार मझ णडवत कर रह ह

37|10 यह सवपन उसन अपन षटिपता और भाइयो स वणWन षटिकया तब उसक षटिपता न उसको पट क कहा यह कसा सवपन ह जो त न खा ह कया सचमच म और तरी माता और तर भाई सब जा कर

तर आग भमिम पर षटिगरक णडवत करग 37|11 उसक भाई तो उसस डाह करत थ पर उसक षटिपता न उसक उस वचन को समरण रखा 37|12 और उसक भाई अपन षटिपता की भड- बकरिरयो को चरान क लिलय शकम को गए 37|13 तब इसराएल न यस6 स कहा तर भाई तो शकम ही म भड- बकरी चरा रह होग सो जा म

तझ उनक पास भजता ह उसन उसस कहा जो आजञा म हाजिजर ह 37|14 उसन उसस कहा जा अपन भाइयो और भड- बकरिरयो का हाल ख आ षटिक व कशल स

तो ह षटि6र मर पास समाचार ल आ सो उसन उसको हबरोन की तराई म षटिवा कर दिया और वह शकम म आया

37|15 और षटिकसी मनषय न उसको मान म इर उर भटकत हए पाकर उसस पछा त कया ढढता ह

37|16 उसन कहा म तो अपन भाइयो को ढढता ह कपा कर मझ बता षटिक व भड- बकरिरयो को कहा चरा रह ह

37|17 उस मनषय न कहा व तो यहा स चल गए ह और म न उन को यह कहत सना षटिक आओ हम ोतान को चल सो यस6 अपन भाइयो क पास चला और उनह ोतान म पाया

37|18 और जयोही उनहोन उस दर स आत खा तो उसक षटिनकट आन क पषटिहल ही उस मार डालन की यलिकत की

37|19 और व आपस म कहन लग खो वह सवपन खनहारा आ रहा ह 37|20 सो आओ हम उसको घात करक षटिकसी गडह म डाल और यह कह ग षटिक कोई द

पश उसको खा गया षटि6र हम खग षटिक उसक सवपनो का कया 6ल होगा 37|21 यह सनक रबन न उसको उनक हाथ स बचान की मनसा स कहा हम उसको पराण स तो न मार

37|22 षटि6र रबन न उन स कहा लोह मत बहाओ उसको जगल क इस गडह म डाल ो और उस पर हाथ मत उठाओ वह उसको उनक हाथ स छडाकर षटिपता क पास षटि6र पहचाना चाहता था

37|23 सो ऐसा हआ षटिक जब यस6 अपन भाइयो क पास पहचा तब उनहो न उसका रगषटिबरगाअगरखा जिजस वह पषटिहन हए था उतार लिलया 37|24 और यस6 को उठा कर गडह म डाल दिया वह गडहा तो सखा था और उस म कछ जल न था 37|25 तब व रोटी खान को बठ गए और आख उठा कर कया खा षटिक इशमाएलिलयो का एक ल

ऊटो पर सग(दरवय बलसान और ग(रस ला हए षटिगला स मिमसर को चला जा रहा ह

37|26 तब यहा न अपन भाइयो स कहा अपन भाई को घात करन और उसका खन लिछपान स कया लाभ होगा

37|27 आओ हम उस इशमाएलिलयो क हाथ बच डाल और अपना हाथ उस पर न उठाए कयोषटिक वह हमारा भाई और हमारी हmी और मास ह सो उसक भाइयो न उसकी बात मान ली तब मिमदयानी

वयापारी उर स होकर उनक पास पहच 37|28 सो यस6 क भाइयो न उसको उस गडह म स खीच क बाहर षटिनकाला और इशमाएलिलयो क

हाथ चाी क बीस टकडो म बच दिया और व यस6 को मिमसर म ल गए 37|29 और रबन न गडह पर लौटकर कया खा षटिक यस6 गडह म नही ह सो उसन अपन वसतर6ाड 37|30 और अपन भाइयो क पास लौटकर कहन लगा षटिक लडका तो नही ह अब म षटिकरजाऊ 37|31 और तब उनहोन यस6 का अगरखा लिलया और एक बकर को मार क उसक लोह म उस

डबा दिया 37|32 और उनहोन उस रग षटिबरग अगरख को अपन षटिपता क पास भज कर कहला दिया षटिक यह

हम को मिमला ह सो खकर पषटिहचान ल षटिक यह तर पतर का अगरखा ह षटिक नही 37|33 उसन उसको पषटिहचान लिलया और कहा हा यह मर ही पतर का अगरखा ह षटिकसी द पश न

उसको खा लिलया ह षटिन सनह यस6 6ाड डाला गया ह 37|34 तब याकब न अपन वसतर 6ाड और कमर म टाट लपटा और अपन पतर क लिलय बहत दिनो

तक षटिवलाप करता रहा 37|35 और उसक सब बट- बदिटयो न उसको शातनिनत न का यतन षटिकया पर उसको शातनिनत न मिमली

और वह यही कहता रहा म तो षटिवलाप करता हआ अपन पतर क पास अोलोक म उतर जाऊगा इस परकार उसका षटिपता उसक लिलय रोता ही रहा

37|36 और मिमदयाषटिनयो न यस6 को मिमसर म ल जा कर पोतीपर नाम षटि6रौन क एक हाषटिकम और जललाो क परान क हाथ बच डाला

अधयाय३८

01 उनही दिनो म ऐसा हआ षटिक यहा अपन भाईयो क पास स चला गया और हीरा नाम एक अदललामवासी पररषो क पास डरा षटिकया

02 वहा यहा न शआ नाम एक कनानी पररषो की बटी को खा और उसको बयाह कर उसक पासगया 03 वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और यहा न उसका नाम एर रखा 04 और वह षटि6र गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसका नाम ओनान रखागया 05 षटि6र उसक एक पतर और उतपनन हआ और उसका नाम शला रखा गया और जिजस समय इसका

जनम हआ उस समय यहा कजीब म रहता था 06 और यहा न तामार नाम एक सतरी स अपन जठ एर का षटिववाह कर दिया 07 परनत यहा का वह जठा एर यहोवा क लख म द था इसलिलय यहोवा न उसको मार डाला 08 तब यहा न ओनान स कहा अपनी भौजाई क पास जा और उसक साथ वर का मW परा

करक अपन भाई क लिलय सनतान उतपनन कर 09 ओनान तो जानता था षटिक सनतान तो मरी न ठहरगी सो ऐसा हआ षटिक जब वह अपनी भौजाई

क पास गया तब उसन भमिम पर वीयW षटिगराकर नाश षटिकया जिजस स ऐसा न हो षटिक उसक भाई क नाम स वश चल

10 यह काम जो उसन षटिकया उस यहोवा अपरसनन हआ और उसन उसको भी मार डाला 11 तब यहा न इस डर क मार षटिक कही ऐसा न हो षटिक अपन भाइयो की नाई शला भी मर अपनी

बह तामार स कहा जब तक मरा पतर शला लिसयाना न हो तब तक अपन षटिपता क घर म षटिववा की

बठी रह सो तामार अपन षटिपता क घर म जा कर रहन लगी 12 बहत समय क बीतन पर यहा की पतनी जो शआ की बटी थी सो मर गई षटि6र यहा शोक स

छटकर अपन मिमतर हीरा अदललामवासी समत अपनी भड- बकरिरयो का ऊन कतरान क लिलय षटितमनाथ को गया

13 और तामार को यह समाचार मिमला षटिक तरा ससर अपनी भड- बकरिरयो का ऊन कतरान क लिलय षटितमनाथ को जा रहा ह

14 तब उसन यह सोच कर षटिक शला लिसयाना तो हो गया पर म उसकी सतरी नही होन पाई अपना षटिववापन का पषटिहरावा उतारा और घघट डाल कर अपन को ढाप लिलया और एनम नगर क 6ाटक

क पास जो षटितमनाथ क मागW म ह जा बठी 15 जब यहा न उसको खा उसन उसको वशया समझा कयोषटिक वह अपना मह ढाप हए थी 16 और वह मागW स उसकी ओर षटि6रा और उसस कहन लगा मझ अपन पास आन ( कयोषटिक उस

यह मालम न था षटिक वह उसकी बह ह) और वह कहन लगी षटिक यदि म तझ अपन पास आन द तो त मझ कया गा

17 उसन कहा म अपनी बकरिरयो म स बकरी का एक बचचा तर पास भज दगा तब उसन कहा भला उस क भजन तक कया त हमार पास कछ रहन रख जाएगा

18 उस न पछा म तर पास कया रहन रख जाऊ उस न कहा अपनी महर और बाजबन और अपन हाथ की छडी तब उसन उसको व वसतए ी और उसक पास गया और वह उसस गभWवती

हई 19 तब वह उठ कर चली गई और अपना घघट उतार क अपना षटिववापन का पषटिहरावा षटि6र पषटिहनलिलया 20 तब यहा न बकरी का बचचा अपन मिमतर उस अदललामवासी क हाथ भज दिया षटिक वह रहन

रखी हई वसतए उस सतरी क हाथ स छडा ल आए पर वह सतरी उसको न मिमली 21 तब उसन वहा क लोगो स पछा षटिक वह वासी जो एनम म मागW की एक और बठी थी कहाह उनहोन कहा यहा तो कोई वासी न थी 22 सो उसन यहा क पास लौट क कहा मझ वह नही मिमली और उस सथान क लोगो न कहा षटिक

यहा तो कोई वासी न थी 23 तब यहा न कहा अचछा वह ब(क उस क पास रहन नही तो हम लोग तचछ षटिगन जाएग ख म न बकरी का यह बचचा भज दिया पर वह तझ नही मिमली 24 और तीन महीन क पीछ यहा को यह समाचार मिमला षटिक तरी बह तामार न वयणिभचार षटिकया ह

वरन वह वयणिभचार स गभWवती भी हो गई ह तब यहा न कहा उसको बाहर ल आओ षटिक वह जलाई जाए

25 जब उस बाहर षटिनकाल रह थ तब उसन अपन ससर क पास यह कहला भजा षटिक जिजस पररषो की य वसतए ह उसी स म गभWवती ह षटि6र उसन यह भी कहलाया षटिक पषटिहचान तो सही षटिक यह

महर और बाजबन और छडी षटिकस की ह 26 यहा न उनह पषटिहचान कर कहा वह तो मझ स कम ोरषोी ह कयोषटिक म न उस अपन पतर शला

को न बयाह दिया और उसन उसस षटि6र कभी परसग न षटिकया 27 जब उसक जनन का समय आया तब यह जान पडा षटिक उसक गभW म जडव बचच ह 28 और जब वह जनन लगी तब एक बालक न अपना हाथ बढाया और ाय न लाल सत ल कर

उसक हाथ म यह कहत हथ बा( दिया षटिक पषटिहल यही उतपनन हआ 29 जब उसन हाथ समट लिलया तब उसका भाई उतपनन हो गया तब उस ाय न कहा त कयो

बरबस षटिनकल आया ह इसलिलय उसका नाम परस रखा गया 30 पीछ उसका भाई जिजसक हाथ म लाल सत ब(ा था उतपनन हआ और उसका नाम जरह रखागया

अधयाय३९

01 जब यस6 मिमसर म पहचाया गया तब पोतीपर नाम एक मिमसरी जो षटि6रौन का हाषटिकम और जललाो का परान था उसन उसको इशमाएलिलयो क हाथ स जो उस वहा ल गए थ मोल लिलया

02 और यस6 अपन मिमसरी सवामी क घर म रहता था और यहोवा उसक सग था सो वह भागयवान पररषो हो गया

03 और यस6 क सवामी न खा षटिक यहोवा उसक सग रहता ह और जो काम वह करता ह उसको यहोवा उसक हाथ स स6ल कर ता ह

04 तब उसकी अनगरह की दषटि उस पर हई और वह उसकी सवा टहल करन क लिलय षटिनयकत षटिकयागया षटि6र उसन उसको अपन घर का अलिकारी बना क अपना सब कछ उसक हाथ म सौप दिया 05 और जब स उसन उसको अपन घर का और अपनी सारी समपलिc का अलिकारी बनाया तब स

यहोवा यस6 क कारण उस मिमसरी क घर पर आशीरषो न लगा और कया घर म कया मान म उसका जो कछ था सब पर यहोवा की आशीरषो होन लगी

06 सो उसन अपना सब कछ यस6 क हाथ म यहा तक छोड दिया षटिक अपन खान की रोटी कोछोड वह अपनी समपलिc का हाल कछ न जानता था और यस6 सनर और रपवान था 07 इन बातो क पशचात ऐसा हआ षटिक उसक सवामी की पतनी न यस6 की ओर आख लगाई औरकहा मर साथ सो 08 पर उसन असवीकार करत हए अपन सवामी की पतनी स कहा सन जो कछ इस घर म ह मर

हाथ म ह उस मरा सवामी कछ नही जानता और उसन अपना सब कछ मर हाथ म सौप दिया ह 09 इस घर म मझ स बडा कोई नही और उसन तझ छोड जो उसकी पतनी ह मझ स कछ नही

रख छोडा सो भला म ऐसी बडी दता करक परमशवर का अपराी कयोकर बन 10 और ऐसा हआ षटिक वह परषटित दिन यस6 स बात करती रही पर उसन उसकी न मानी षटिक उसक

पास लट वा उसक सग रह 11 एक दिन कया हआ षटिक यस6 अपना काम काज करन क लिलय घर म गया और घर क सवको म स कोई भी घर क अनर न था

12 तब उस सतरी न उसका वसतर पकडकर कहा मर साथ सो पर वह अपना वसतर उसक हाथ म छोडकर भागा और बाहर षटिनकल गया

13 यह खकर षटिक वह अपना वसतर मर हाथ म छोडकर बाहर भाग गया 14 उस सतरी न अपन घर क सवको को बलाकर कहा खो वह एक इबरी मनषय को हमारा

षटितरसकार करन क लिलय हमार पास ल आया ह वह तो मर साथ सोन क मतलब स मर पास अनर आया था और म ऊच सवर स लिचलला उठी

15 और मरी बडी लिचललाहट सनकर वह अपना वसतर मर पास छोडकर भागा और बाहर षटिनकलगया 16 और वह उसका वसतर उसक सवामी क घर आन तक अपन पास रख रही 17 तब उसन उसस इस परकार की बात कही षटिक वह इबरी ास जिजस को त हमार पास ल आया ह

सो मझ स हसी करन क लिलय मर पास आया था 18 और जब म ऊच सवर स लिचलला उठी तब वह अपना वसतर मर पास छोडकर बाहर भाग गया 19 अपनी पतनी की य बात सनकर षटिक तर ास न मझ स ऐसा ऐसा काम षटिकया यस6 क सवामी

का कोप भडका 20 और यस6 क सवामी न उसको पकडकर बनीगह म जहा राजा क की बन थ डलवा दिया

सो वह उस बनीगह म रहन लगा 21 पर यहोवा यस6 क सग सग रहा और उस पर करणा की और बनीगह क रोगा क अनगरह

की दषटि उस पर हई 22 सो बनीगह क रोगा न उन सब ब(ओ को जो कारागार म थ यस6 क हाथ म सौप दिया

और जो जो काम व वहा करत थ वह उसी की आजञा स होता था 23 बनीगह क रोगा क वश म जो कछ था कयोषटिक उस म स उसको कोई भी वसत खनी न पडती थी इसलिलय षटिक यहोवा यस6 क साथ था और जो कछ वह करता था यहोवा उसको उस म

स6लता ता था

अधयाय४०

01 इन बातो क पशचात ऐसा हआ क राजा क षटिपलानहार और पकानहार न अपन सवामी का कछ अपरा षटिकया

02 तब षटि6रौन न अपन उन ोनो हाषटिकमो पर अथाWत षटिपलानहारो क परान अर पकानहारो क परान पर करोदित होकर

03 उनह क करा क जललाो क परान क घर क उसी बनीगह म जहा यस6 ब(आ था डलवादिया 04 तब जललाो क परान न उनको यस6 क हाथ सौपा और वह उनकी सवा टहल करन लगा सो व कछ दिन तक बनीगह म रह

05 और मिमसतर क राजा का षटिपलानहारा और पकानहारा जो बनीगह म बन थ उन ोनो न एक ही रात म अपन होनहार क अनसार सवपन खा

06 षटिबहान को जब यस6 उनक पास अनर गया तब उन पर दषटि की तो कया खा षटिक व उासह 07 सो उसन षटि6रौन क उन हाषटिकमो स जो उसक साथ उसक सवामी क घर क बनीगह म थ पछा

षटिक आज तमहार मह कयो उास ह 08 उनहोन उस स कहा हम ोनो न सवपन खा ह और उनक 6ल का बतान वाला कोई भी नही

यस6 न उनस कहा कया सवपनो का 6ल कहना परमशवर का काम नही मझ अपना अपना सवपनबताओ 09 तब षटिपलानहारो का परान अपना सवपन यस6 को यो बतान लगा षटिकमन सवपन म खा षटिक

मर सामन ाखलता ह 10 और उस ाखलता म तीन डालिलया ह और उसम मानो कलिलया लगी ह और व 6ली और उसक

गचछो म ाक लगकर पक गई 11 और षटि6रौन का कटोरा मर हाथ म था सो मन उन ाखो को लकर षटि6रौन क कटोर म षटिनचोडा

और कटोर को षटि6रौन क हाथ म दिया 12 यस6 न उस स कहा इसका 6ल यह ह षटिक तीन डालिलयो का अथW तीन दिन ह 13 सो अब स तीन दिन क भीतर तरा सर ऊचा करगा और षटि6र स तर प पर तझ षटिनयकत करगा

और त पहल की नाई षटि6रौन का षटिपलानहारा होकर उसका कटोरा उसक हाथ म षटि6र दिया करगा 14 सो जब तरा भला हो जाए तब मझ समरण करना और मझ पर कपा करक षटि6रौन स मरी चचाWचलाना अर इस घर स मझ छडवा ना 15 कयोषटिक सचमच इबराषटिनयो क श स मझ चरा कर ल आए ह और यहा भी मन कोई ऐसा काम

नही षटिकया जिजसक कारण म इस कारागार म डाला जाऊ 16 यह खकर षटिक उसक सवपन का 6ल अचछा षटिनकला पकानहारो क परान न यस6 स कहा

मन भी सवपन खा ह वह यह ह मन खा षटिक मर लिसर पर स6 रोटी की तीन टोकरिरया ह 17 और ऊपर की टोकरी म षटि6रौन क लिलए सब परकार की पकी पकाई वसतए ह और पकषी मर लिसर

पर की टोकरी म स उन वसतओ को खा रह ह 18 यस6 न कहा इसका 6ल यह ह तीन टोकरिरयो का अथW तीन दिन ह 19 सो अब स तीन दिन क भीतर षटि6रौन तरा लिसर कटवाकर तझ एक वकष पर टगवा गा और पकषी

तर मास को नोच नोच कर खाएग 20 और तीसर दिन षटि6रौन का जनमदिन था उसन अपन सब कमWचारिरयो की जवनार की और

उसन षटिपलानहारो क परान और पकानहारो क परान ोनो को बनीगह स षटिनकलवाया 21 और षटिपलानहारो क परान को तो षटिपलानहार क प पर षटि6र स षटिनयकत षटिकया और वह षटि6रौन क

हाथ म कटोरा न लगा 22 पर पकानहारो क परान को उस न टगवा दिया जसा षटिक यस6 न उनक सवपनो का 6ल उअनस

कहा था 23 षटि6र भी षटिपलानहारो क परान न यस6 को समरण ना रखा परनत उस भल गया

अधयाय४१

01 पर दो बरस क बीतन पर फिरौन न यह fवपन दा फिक वह नील नदी क फिकनार पर ड़ा ह 02 और उस नदी म स सात सनदर और मोNी मोNी गाय फिनकल कर कछार की घास चरन लगी 03 और $या दा फिक उनक पीछ और सात गाय जो करप और दबल ह नदी स फिनकली और दसरी

गायो क फिनकN नदी क तN पर जा ड़ी हई 04 तब य करप और दबल गाय उन सात सनदर और मोNी मोNी गायो को ा गई तब फिरौन जाग उठा 05 और वह फिर सो गया और दसरा fवपन दा फिक एक डठी म स सात मोNी और अचछी अचछी बालफिनकली 06 और $या दा फिक उनक पीछ सात बाल पतली और परवाई स मरझाई हई फिनकली 07 और इन पतली बालो न उन सातो मोNी और अनन स भरी हई बालो को फिनगल लिलया तब फिरौन जागा

और उस मालम हआ फिक यह fवपन ही था 08 भोर को फिरौन का मन वयाकल हआ और उसन मिमसर क सब जयोफितफिरषयो और पतततिणडतो को बलवा भजा

और उन को अपन fवपन बताए पर उन म स कोई भी उनका ल फिरौन स न कह सहा 09 तब फिपलानहारो का परधान फिरौन स बोल उठा फिक मर अपराध आज मझ fमरण आए 10 जब फिरौन अपन दासो स करोमिधत हआ था और मझ और पकानहारो क परधान को कद करा क जललादो

क परधान क घर क बनदीगह म डाल दिदया था 11 तब हम दोनो न एक ही रात म अपन अपन होनहार क अनसार fवपन दा 12 और वहा हमार साथ एक इबरी जवान था जो जललादो क परधान का दास था सो हम न उसको बताया

और उसन हमार fवपनो का ल हम स कहा हम म स एक एक क fवपन का ल उसन बता दिदया 13 और जसा जसा ल उसन हम स कहा था वसा ही हआ भी अथात मझ को तो मरा पद फिर मिमला पर

वह ासी पर लNकाया गया 14 तब फिरौन न यस को बलवा भजा और वह झNपN बनदीगह स बाहर फिनकाला गया और बालबनवाकर और वfतर बदलकर फिरौन क सामहन आया 15 फिरौन न यस स कहा म न एक fवपन दा ह और उसक ल का बतान वाला कोई भी नही और म न तर फिवरषय म सना ह फिक त fवपन सनत ही उसका ल बता सकता ह

16 यस न फिरौन स कहा म तो कछ नही जानता परमशवर ही फिरौन क लिलय शभ वचन दगा 17 फिर फिरौन यस स कहन लगा म न अपन fवपन म दा फिक म नील नदी क फिकनार पर ड़ा ह 18 फिर $या दा फिक नदी म स सात मोNी और सनदर सनदर गाय फिनकल कर कछार की घास चरन लगी 19 फिर $या दा फिक उनक पीछ सात और गाय फिनकली जो दबली और बहत करप और दबल ह म न

तो सार मिमसर दश म ऐसी कडौल गाय कभी नही दी 20 और इन दबल और कडौल गायो न उन पहली सातो मोNी मोNी गायो को ा लिलया 21 और जब व उन को ा गई तब यह मालम नही होता था फिक व उन को ा गई ह $योफिक व पफिहल की

नाई जसी की तसी कडौल रही तब म जाग उठा 22 फिर म न दसरा fवपन दा फिक एक ही डठी म सात अचछी अचछी और अनन स भरी हई बाल फिनकली 23 फिर $या दता ह फिक उनक पीछ और सात बाल छछी छछी और पतली और परवाई स मरझाई हईफिनकली 24 और इन पतली बालोन उन सात अचछी अचछी बालो को फिनगल लिलया इस म न जयोफितफिरषयो को बताया

पर इस का समझानहारा कोई नही मिमला 25 तब यस न फिरौन स कहा फिरौन का fवपन एक ही ह परमशवर जो काम फिकया चाहता ह उसको उसन

फिरौन को जताया ह 26 व सात अचछी अचछी गाय सात वरष ह और व सात अचछी अचछी बाल भी सात वरष ह fवपन एक ही ह 27 फिर उनक पीछ जो दबल और कडौल गाय फिनकली और जो सात छछी और परवाई स मरझाई हई बालफिनकाली व अकाल क सात वरष होग 28 यह वही बात ह जो म फिरौन स कह चका ह फिक परमशवर जो काम फिकया चाहता ह उस उसन फिरौन

को दिदाया ह 29 सन सार मिमसर दश म सात वरष तो बहतायत की उपज क होग 30 उनक पशचात सात वरष अकाल क आयग और सार मिमसर दश म लोग इस सारी उपज को भल जायग और

अकाल स दश का नाश होगा 31 और सकाल ( बहतायत की उपज) दश म फिर fमरण न रहगा $योफिक अकाल अतयनत भयकर होगा 32 और फिरौन न जो यह fवपन दो बार दा ह इसका भद यही ह फिक यह बात परमशवर की ओर स फिनयकत हो

चकी ह और परमशवर इस शीघर ही परा करगा 33 इसलिलय अब फिरौन फिकसी समझदार और बजिyमान पररष को ढढ़ करक उस मिमसर दश पर परधानमतरीठहराए 34 फिरौन यह कर फिक दश पर अमिधकारिरयो को फिनयकत कर और जब तक सकाल क सात वरष रह तब तक

वह मिमसर दश की उपज का पचमाश लिलया कर 35 और व इन अचछ वरषz म सब परकार की भोजन वfत इकटठा कर और नगर नगर म भणडार घर भोजन क

लिलय फिरौन क वश म करक उसकी रकषा कर 36 और वह भोजनवfत अकाल क उन सात वरषz क लिलय जो मिमसर दश म आएग दश क भोजन क फिनमिम

री रह जिजस स दश उस अकाल स fतयानाश न हो जाए 37 यह बात फिरौन और उसक सार कमचारिरयो को अचछी लगी 38 सो फिरौन न अपन कमचारिरयोस कहा फिक $या हम को ऐसा पररष जसा यह ह जिजस म परमशवर का

आतमा रहता ह मिमल सकता ह 39 फिर फिरौन न यस स कहा परमशवर न जो तझ इतना जञान दिदया ह फिक तर तलय कोई समझदार और

बजिyमान नही 40 इस कारण त मर घर का अमिधकारी होगा और तरी आजञा क अनसार मरी सारी परजा चलगी कवल

राजगददी क फिवरषय म तझ स बड़ा ठहरगा 41 फिर फिरौन न यस स कहा सन म तझ को मिमसर क सार दश क ऊपर अमिधकारी ठहरा दता ह 42 तब फिरौन न अपन हाथ स अगठी फिनकाल क यस क हाथ म पफिहना दी और उसको बदिढय़ा मलमल क

वfतर पफिहनवा दिदए और उसक गल म सोन की जजीर डाल दी 43 और उसको अपन दसर रथ पर चढ़वाया और लोग उसक आग आग यह परचार करत चल फिक घNन

Nककर दणडवत करो और उसन उसको मिमसर क सार दश क ऊपर परधान मतरी ठहराया 44 फिर फिरौन न यस स कहा फिरौन तो म ह और सार मिमसर दश म कोई भी तरी आजञा क फिबना हाथ

पाव न फिहलाएगा 45 और फिरौन न यस का नाम सापन तपानह रा और ओन नगर क याजक पोतीपरा की बNी आसनत स

उसका बयाह करा दिदया और यस मिमसर क सार दश म दौरा करन लगा 46 जब यस मिमसर क राजा फिरौन क समम ड़ा हआ तब वह तीस वरष का था सो वह फिरौन क

समम स फिनकलकर मिमसर क सार दश म दौरा करन लगा 47 सकाल क सातो वरषzम भमिम बहतायत स अनन उपजाती रही 48 और यस उन सातो वरषz म सब परकार की भोजनवfतए जो मिमसर दश म होती थी जमा करक नगरो म

रता गया और हर एक नगर क चारो ओर क तो की भोजनवfतओ को वह उसी नगर म इकटठा करतागया 49 सो यस न अनन को समदर की बाल क समान अतयनत बहतायत स रालिश रालिश करक रा यहा तक फिक

उसन उनका फिगनना छोड़ दिदया $योफिक व असखय हो गई 50 अकाल क परथम वरष क आन स पफिहल यस क दो पतर ओन क याजक पोतीपरा की बNी आसनत सजनम 51 और यस न अपन जठ का नाम यह कहक मनशश रा फिक परमशवर न मझ स सारा $लश और मर

फिपता का सारा घराना भला दिदया ह 52 और दसर का नाम उसन यह कहकर एपरम रा फिक मझ द भोगन क दश म परमशवर न लाया

लाया ह 53 और मिमसर दश क सकाल क व सात वरष समापत हो गए

54 और यस क कहन क अनसार सात वरषz क लिलय अकाल आरमभ हो गया और सब दशो म अकाल पड़न लगा परनत सार मिमसर दश म अनन था 55 जब मिमसर का सारा दश भो मरन लगा तब परजा फिरोन स लिचलला लिचललाकर रोNी मागन लगी और वह

सब मिमततिसरयो स कहा करता था यस क पास जाओ और जो कछ वह तम स कह वही करो 56 सो जब अकाल सारी पथवी पर ल गया और मिमसर दश म काल का भयकर रप हो गया तब यस सब

भणडारो को ोल ोल क मिमततिसरयो क हाथ अनन बचन लगा 57 सो सारी पथवी क लोग मिमसर म अनन मोल लन क लिलय यस क पास आन लग $योफिक सारी पथवी पर

भयकर अकाल था

अधयाय४२

01 जब याकब न सना फिक मिमसर म अनन ह तब उसन अपन पतरो स कहा तम एक दसर का मह $यो द रहहो 02 फिर उसन कहा म न सना ह फिक मिमसर म अनन ह इसलिलय तम लोग वहा जा कर हमार लिलय अनन मोल लआओ जिजस स हम न मर वरन जीफिवत रह 03 सो यस क दस भाई अनन मोल लन क लिलय मिमसर को गए 04 पर यस क भाई फिबनयामीन को याकब न यह सोचकर भाइयो क साथ न भजा फिक कही ऐसा न हो फिक

उस पर कोई फिवपतति आ पड़ 05 सो जो लोग अनन मोल लन आए उनक साथ इसराएल क पतर भी आए $योफिक कनान दश म भी भारी

अकाल था 06 यस तो मिमसर दश का अमिधकारी था और उस दश क सब लोगो क हाथ वही अनन बचता था इसलिलय

जब यस क भाई आए तब भमिम पर मह क बल फिगर क दणडवत फिकया 07 उन को दकर यस न पफिहचान तो लिलया परनत उनक सामहन भोला बनक कठोरता क साथ उन सपछा तम कहा स आत हो उनहोन कहा हम तो कनान दश स अनन मोल लन क लिलय आए ह 08 यस न तो अपन भाइयो को पफिहचान लिलया परनत उनहोन उसको न पफिहचाना 09 तब यस अपन उन fवपनो को fमरण करक जो उसन उनक फिवरषय म द थ उन स कहन लगा तम

भदिदए हो इस दश की ददशा को दन क लिलय आए हो 10 उनहोन उसस कहा नही नही ह परभ तर दास भोजनवfत मोल लन क लिलय आए ह 11 हम सब एक ही फिपता क पतर ह हम सीध मनषय ह तर दास भदिदए नही 12 उसन उन स कहा नही नही तम इस दश की ददशा दन ही को आए हो 13 उनहोन कहा हम तर दास बारह भाई ह और कनान दशवासी एक ही पररष क पतर ह और छोNा इस

समय हमार फिपता क पास ह और एक जाता रहा 14 तब यस न उन स कहा म न तो तम स कह दिदया फिक तम भदिदए हो 15 सो इसी रीफित स तम पर जाओग फिरौन क जीवन की शपथ जब तक तमहारा छोNा भाई यहा न आए

तब तक तम यहा स न फिनकलन पाओग 16 सो अपन म स एक को भज दो फिक वह तमहार भाई को ल आए और तम लोग बनधवाई म रहोग इस

परकार तमहारी बात परी जाएगी फिक तम म सचचाई ह फिक नही यदिद सचच न ठहर तब तो फिरौन क जीवन की शपथ तम फिनशचय ही भदिदए समझ जाओग

17 तब उसन उन को तीन दिदन तक बनदीगह म रा 18 तीसर दिदन यस न उन स कहा एक काम करो तब जीफिवत रहोग $योफिक म परमशवर का भय मानता ह 19 यदिद तम सीध मनषय हो तो तम सब भाइयो म स एक जन इस बनदीगह म बनधआ रह और तम अपन

घर वालो की भ बझान क लिलय अनन ल जाओ 20 और अपन छोN भाई को मर पास ल आओ इस परकार तमहारी बात सचची ठहरगी और तम मार डाल न

जाओग तब उनहोन वसा ही फिकया

21 उनहोन आपस म कहा फिन fनदह हम अपन भाई क फिवरषय म दोरषी ह $योफिक जब उसन हम स फिगड़फिगड़ा क फिबनती की तौभी हम न यह दकर फिक उसका जीवन कस सकN म पड़ा ह उसकी न सनी इसी कारण हम भी अब इस सकN म पड़ ह

22 रबन न उन स कहा $या म न तम स न कहा था फिक लड़क क अपराधी मत बनो परनत तम न न सना दो अब उसक लोह का पलNा दिदया जाता ह 23 यस की और उनकी बातचीत जो एक दभाफिरषया क दवारा होती थी इस स उन को मालम न हआ फिक वह

उनकी बोली समझता ह 24 तब वह उनक पास स हNकर रोन लगा फिर उनक पास लौNकर और उन स बातचीत करक उन म स

लिशमोन को छाN फिनकाला और उसक सामहन बनधआ रा 25 तब यस न आजञा दी फिक उनक बोर अनन स भरो और एक एक जन क बोर म उसक रपय को भी रदो फिर उन को माग क लिलय सीधा दो सो उनक साथ ऐसा ही फिकया गया 26 तब व अपना अनन अपन गदहो पर लादकर वहा स चल दिदए 27 सराय म जब एक न अपन गदह को चारा दन क लिलय अपना बोरा ोला तब उसका रपया बोर क मोहड़

पर रा हआ दिदलाई पड़ा 28 तब उसन अपन भाइयो स कहा मरा रपया तो र दिदया गया ह दो वह मर बोर म ह तब उनक जी म जी न रहा और व एक दसर की और भय स ताकन लग और बोल परमशवर न यह हम स $या फिकया ह

29 और व कनान दश म अपन फिपता याकब क पास आए और अपना सारा वानत उसस इस परकार वणनफिकया 30 फिक जो पररष उस दश का fवामी ह उसन हम स कठोरता क साथ बात की और हम को दश क भदिदएकहा 31 तब हम न उसस कहा हम सीध लोग ह भदिदए नही 32 हम बारह भाई एक ही फिपता क पतर ह एक तो जाता रहा परनत छोNा इस समय कनान दश म हमार फिपता

क पास ह 33 तब उस पररष न जो उस दश का fवामी ह हम स कहा इस स मालम हो जाएगा फिक तम सीध मनषयहो तम अपन म स एक को मर पास छोड़ क अपन घर वालो की भ बझान क लिलय कछ ल जाओ 34 और अपन छोN भाई को मर पास ल आओ तब मझ फिवशवास हो जाएगा फिक तम भदिदए नही सीध लोग

हो फिर म तमहार भाई को तमह सौप दगा और तम इस दश म लन दन कर सकोग 35 यह कहकर व अपन अपन बोर स अनन फिनकालन लग तब $या दा फिक एक एक जन क रपय की

थली उसी क बोर म री ह तब रपय की थलिलयो को दकर व और उनका फिपता बहत डर गए 36 तब उनक फिपता याकब न उन स कहा मझ को तम न फिनव^श कर दिदया दो यस नही रहा और

लिशमोन भी नही आया और अब तम फिबनयामीन को भी ल जाना चाहत हो य सब फिवपततिया मर ऊपर आ पड़ीह 37 रबन न अपन फिपता स कहा यदिद म उसको तर पास न लाऊ तो मर दोनो पतरो को मार डालना त उसको

मर हाथ म सौप द म उस तर पास फिर पहचा दगा 38 उसन कहा मरा पतर तमहार सग न जाएगा $योफिक उसका भाई मर गया ह और वह अब अकला रह गया

इसलिलय जिजस माग स तम जाओग उस म यदिद उस पर कोई फिवपतति आ पड़ तब तो तमहार कारण म इस बढ़ाप की अवसथा म शोक क साथ अधोलोक म उतर जाऊगा

अधयाय४३

01 और अकाल दश म और भी भयकर होता गया 02 जब वह अनन जो व मिमसर स ल आए थ समापत हो गया तब उनक फिपता न उन स कहा फिर जा कर हमार

लिलय थोड़ी सी भोजनवfत मोल ल आओ 03 तब यहदा न उसस कहा उस पररष न हम को लिचतावनी दकर कहा फिक यदिद तमहारा भाई तमहार सग न

आए तो तम मर समम न आन पाओग 04 इसलिलय यदिद त हमार भाई को हमार सग भज तब तो हम जा कर तर लिलय भोजनवfत मोल ल आएग 05 परनत यदिद त उसको न भज तो हम न जाएग $योफिक उस पररष न हम स कहा फिक यदिद तमहारा भाई

तमहार सग न हो तो तम मर समम न आन पाओग 06 तब इसराएल न कहा तम न उस पररष को यह बताकर फिक हमारा एक और भाई ह $यो मझ स बरा

बताव फिकया 07 उनहोन कहा जब उस पररष न हमारी और हमार कNमबिमबयो की दशा को इस रीफित पछा फिक $या तमहारा

फिपता अब तक जीफिवत ह $या तमहार कोई और भाई भी ह तब हम न इन परशनो क अनसार उसस वणनफिकया फिर हम $या जानत थ फिक वह कहगा फिक अपन भाई को यहा ल आओ 08 फिर यहदा न अपन फिपता इसराएल स कहा उस लड़क को मर सग भज द फिक हम चल जाए इस स हम

और त और हमार बालबचच मरन न पाएग वरन जीफिवत रहग 09 म उसका जामिमन होता ह मर ही हाथ स त उसको र लना यदिद म उसको तर पास पहचाकर सामहन न

ड़ाकर द तब तो म सदा क लिलय तरा अपराधी ठहरगा 10 यदिद हम लोग फिवलमब न करत तो अब तब दसरी बार लौN आत 11 तब उनक फिपता इसराएल न उन स कहा यदिद सचमच ऐसी ही बात ह तो यह करो इस दश की उम

उम वfतओ म स कछ कछ अपन बोरो म उस पररष क लिलय भN ल जाओ जस थोड़ा सा बलसान और थोड़ा सा मध और कछ सगनध दरवय और गनधरस फिपfत और बादाम

12 फिर अपन अपन साथ दना रपया ल जाओ और जो रपया तमहार बोरो क मह पर रकर र दिदया गया था उसको भी लत जाओ कदालिचत यह भल स हआ हो 13 और अपन भाई को भी सग ल कर उस पररष क पास फिर जाओ 14 और सवशलिकतमान ईशवर उस पररष को तम पर दयाल करगा जिजस स फिक वह तमहार दसर भाई को और

फिबनयामीन को भी आन द और यदिद म फिनवश हआ तो होन दो 15 तब उन मनषयो न वह भN और दना रपया और फिबनयामीन को भी सग लिलया और चल दिदए और मिमसर म पहचकर यस क सामहन ड़ हए

16 उनक साथ फिबनयामीन को दकर यस न अपन घर क अमिधकारी स कहा उन मनषयो को घर म पहचादो और पश मारक भोजन तयार करो $योफिक व लोग दोपहर को मर सग भोजन करग 17 तब वह अमिधकारी पररष यस क कहन क अनसार उन पररषो को यस क घर म ल गया 18 जब व यस क घर को पहचाए गए तब व आपस म डर कर कहन लग फिक जो रपया पफिहली बार हमार

बोरो म र दिदया गया था उसी क कारण हम भीतर पहचाए गए ह जिजस स फिक वह पररष हम पर NN पड़ और हम वश म करक अपन दास बनाए और हमार गदहो को भी छीन ल

19 तब व यस क घर क अमिधकारी क फिनकN जा कर घर क दवार पर इस परकार कहन लग 20 फिक ह हमार परभ जब हम पफिहली बार अनन मोल लन को आए थ 21 तब हम न सराय म पहचकर अपन बोरो को ोला तो $या दा फिक एक एक जन का परा परा रपया

उसक बोर क मह म रा ह इसलिलय हम उसको अपन साथ फिर लत आए ह 22 और दसरा रपया भी भोजनवfत मोल लन क लिलय लाए ह हम नही जानत फिक हमारा रपया हमार बोरो म फिकस न र दिदया था

23 उसन कहा तमहारा कशल हो मत डरो तमहारा परमशवर जो तमहार फिपता का भी परमशवर ह उसी न तम को तमहार बोरो म धन दिदया होगा तमहारा रपया तो मझ को मिमल गया था फिर उसन लिशमोन को फिनकाल कर

उनक सग कर दिदया 24 तब उस जन न उन मनषयो को यस क घर म ल जा कर जल दिदया तब उनहोन अपन पावो को धोया

फिर उसन उनक गदहो क लिलय चारा दिदया 25 तब यह सनकर फिक आज हम को यही भोजन करना होगा उनहोन यस क आन क समय तक अथात

दोपहर तक उस भN को इकटठा कर रा 26 जब यस घर आया तब व उस भN को जो उनक हाथ म थी उसक समम घर म ल गए और भमिम पर

फिगरकर उसको दणडवत फिकया 27 उसन उनका कशल पछा और कहा $या तमहारा बढ़ा फिपता जिजसकी तम न चचा की थी कशल स ह

$या वह अब तक जीफिवत ह 28 उनहोन कहा हा तरा दास हमारा फिपता कशल स ह और अब तक जीफिवत ह तब उनहोन लिसर झका कर

फिर दणडवत फिकया 29 तब उसन आ उठा कर और अपन सग भाई फिबनयामीन को दकर पछा $या तमहारा वह छोNा भाई

जिजसकी चचा तम न मझ स की थी यही ह फिर उसन कहा ह मर पतर परमशवर तझ पर अनगरह कर 30 तब अपन भाई क fनह स मन भर आन क कारण और यह सोचकर फिक म कहा जा कर रोऊ यस

त स अपनी कोठरी म गया और वहा रो पड़ा 31 फिर अपना मह धोकर फिनकल आया और अपन को शात कर कहा भोजन परोसो 32 तब उनहोन उसक लिलय तो अलग और भाइयो क लिलय भी अलग और जो मिमसरी उसक सग ात थ

उनक लिलय भी अलग भोजन परोसा इसलिलय फिक मिमसरी इफिबरयो क साथ भोजन नही कर सकत वरन मिमसरी ऐसा करना घणा समझत थ

33 सो यस क भाई उसक सामहन बड़ बड़ पफिहल और छोN छोN पीछ अपनी अपनी अवसथा क अनसार करम स बठाए गए यह द व फिवसमिfमत हो कर एक दसर की ओर दन लग

34 तब यस अपन सामहन स भोजन- वfतए उठा उठाक उनक पास भजन लगा और फिबनयामीन को अपन भाइयो स पचगणी अमिधक भोजनवfत मिमली और उनहोन उसक सग मनमाना ाया फिपया

अधयाय४४

01 तब उसन अपन घर क अमिधकारी को आजञा दी फिक इन मनषयो क बोरो म जिजतनी भोजनवfत समा सक उतनी भर द और एक एक जन क रपय को उसक बोर क मह पर र द

02 और मरा चादी का कNोरा छोN क बोर क मह पर उसक अनन क रपय क साथ र द यस की इस आजञा क अनसार उसन फिकया

03 फिबहान को भोर होत ही व मनषय अपन गदहो समत फिवदा फिकए गए 04 व नगर स फिनकल ही थ और दर न जान पाए थ फिक यस न अपन घर क अमिधकारी स कहा उन

मनषयो का पीछा कर और उन को पाकर उन स कह फिक तम न भलाई की सनती बराई $यो की ह 05 $या यह वह वfत नही जिजस म मरा fवामी पीता ह और जिजस स वह शकन भी फिवचारा करता ह तम न

यह जो फिकया ह सो बरा फिकया 06 तब उसन उनह जा लिलया और ऐसी ही बात उन स कही 07 उनहोन उसस कहा ह हमार परभ त ऐसी बात $यो कहता ह ऐसा काम करना तर दासो स दर रह 08 द जो रपया हमार बोरोक मह पर फिनकला था जब हम न उसको कनान दश स ल आकर तझ रदिदया तब भला तर fवामी क घर म स हम कोई चादी वा सोन की वfत $योकर चरा सकत ह 09 तर दासो म स जिजस फिकसी क पास वह फिनकल वह मार डाला जाए और हम भी अपन उस परभ क दास

जो जाए 10 उसन कहा तमहारा ही कहना सही जिजसक पास वह फिनकल सो मरा दास होगा और तम लोग फिनरपराधठहरोग 11 इस पर व त स अपन अपन बोर को उतार भमिम पर रकर उनह ोलन लग 12 तब वह ढढ़न लगा और बड़ क बोर स लकर छोN क बोर तक ोज की और कNोरा फिबनयामीन क बोर म मिमला 13 तब उनहोन अपन अपन वfतर ाड़ और अपना अपना गदहा लादकर नगर को लौN गए 14 जब यहदा और उसक भाई यस क घर पर पहच और यस वही था तब व उसक सामहन भमिम परफिगर 15 यस न उन स कहा तम लोगो न यह कसा काम फिकया ह $या तम न जानत थ फिक मझ सा मनषय

शकन फिवचार सकता ह 16 यहदा न कहा हम लोग अपन परभ स $या कह हम $या कहकर अपन को फिनदरषी ठहराए परमशवर न

तर दासो क अधम को पकड़ लिलया ह हम और जिजसक पास कNोरा फिनकला वह भी हम सब क सब अपन परभ क दास ही ह

17 उसन कहा ऐसा करना मझ स दर रह जिजस जन क पास कNोरा फिनकला ह वही मरा दास होगा और तम लोग अपन फिपता क पास कशल कषम स चल जाओ

18 तब यहदा उसक पास जा कर कहन लगा ह मर परभ तर दास को अपन परभ स एक बात कहन की आजञा हो और तरा कोप तर दास पर न भड़क त तो फिरौन क तलय ह 19 मर परभ न अपन दासो स पछा था फिक $या तमहार फिपता वा भाई ह 20 और हम न अपन परभ स कहा हा हमारा बढ़ा फिपता तो ह और उसक बढ़ाप का एक छोNा सा बालक भी ह परनत उसका भाई मर गया ह इसलिलय वह अब अपनी माता का अकला ही रह गया ह और उसका फिपता

उसस fनह रता ह 21 तब त न अपन दासो स कहा था फिक उसको मर पास ल आओ जिजस स म उसको द 22 तब हम न अपन परभ स कहा था फिक वह लड़का अपन फिपता को नही छोड़ सकता नही तो उसका फिपता

मर जाएगा 23 और त न अपन दासो स कहा यदिद तमहारा छोNा भाई तमहार सग न आए तो तम मर समम फिर न आन पाओग 24 सो जब हम अपन फिपता तर दास क पास गए तब हम न उसस अपन परभ की बात कही 25 तब हमार फिपता न कहा फिर जा कर हमार लिलय थोड़ी सी भोजनवfत मोल ल आओ 26 हम न कहा हम नही जा सकत हा यदिद हमारा छोNा भाई हमार सग रह तब हम जाएग $योफिक यदिद

हमारा छोNा भाई हमार सग न रह तो उस पररष क समम न जान पाएग 27 तब तर दास मर फिपता न हम स कहा तम तो जानत हो फिक मरी fतरी स दो पतर उतपनन हए 28 और उन म स एक तो मझ छोड़ ही गया और म न फिनशचय कर लिलया फिक वह ाड़ डाला गया होगा और

तब स म उसका मह न द पाया 29 सो यदिद तम इस को भी मरी आ की आड़ म ल जाओ और कोई फिवपतति इस पर पड़ तो तमहार कारण म इस प$क बाल की अवसथा म द क साथ अधोलोक म उतर जाऊगा

30 सो जब म अपन फिपता तर दास क पास पहच और यह लड़का सग न रह तब उसका पराण जो इसी पर अNका रहता ह

31 इस कारण यह दक फिक लड़का नही ह वह तरनत ही मर जाएगा तब तर दासो क कारण तरा दास हमारा फिपता जो प$क बालो की अवसथा का ह शोक क साथ अधोलोक म उतर जाएगा

32 फिर तरा दास अपन फिपता क यहा यह कहक इस लड़क का जामिमन हआ ह फिक यदिद म इस को तर पास न पहचा द तब तो म सदा क लिलय तरा अपराधी ठहरगा

33 सो अब तरा दास इस लड़क की सनती अपन परभ का दास हो कर रहन की आजञा पाए और यह लड़का अपन भाइयो क सग जान दिदया जाए

34 $योफिक लड़क क फिबना सग रह म $योकर अपन फिपता क पास जा सकगा ऐसा न हो फिक मर फिपता पर जोद पड़गा वह मझ दना पड़

अधयाय४५

01 तब यस उन सब क सामहन जो उसक आस पास ड़ थ अपन को और रोक न सका और पकार ककहा मर आस पास स सब लोगो को बाहर कर दो भाइयो क सामहन अपन को परगN करन क समय यस क

सग और कोई न रहा 02 तब वह लिचलला लिचललाकर रोन लगा और मिमततिसरयो न सना और फिरौन क घर क लोगो को भी इसका

समाचार मिमला 03 तब यस अपन भाइयो स कहन लगा म यस ह $या मरा फिपता अब तब जीफिवत ह इसका उर

उसक भाई न द सक $योफिक व उसक सामहन घबरा गए थ

04 फिर यस न अपन भाइयो स कहा मर फिनकN आओ यह सनकर व फिनकN गए फिर उसन कहा म तमहारा भाई यस ह जिजस को तम न मिमसर आनहारो क हाथ बच डाला था

05 अब तम लोग मत पछताओ और तम न जो मझ यहा बच डाला इस स उदास मत हो $योफिक परमशवर न तमहार पराणो को बचान क लिलय मझ आग स भज दिदया ह

06 $योफिक अब दो वरष स इस दश म अकाल ह और अब पाच वरष और ऐस ही होग फिक उन म न तो हल चलगा और न अनन काNा जाएगा

07 सो परमशवर न मझ तमहार आग इसी लिलय भजा फिक तम पथवी पर जीफिवत रहो और तमहार पराणो क बचन स तमहारा वश बढ़

08 इस रीफित अब मझ को यहा पर भजन वाल तम नही परमशवर ही ठहरा और उसी न मझ फिरौन का फिपतासा और उसक सार घर का fवामी और सार मिमसर दश का परभ ठहरा दिदया ह 09 सो शीघर मर फिपता क पास जा कर कहो तरा पतर यस इस परकार कहता ह फिक परमशवर न मझ सार

मिमसर का fवामी ठहराया ह इसलिलय त मर पास फिबना फिवलमब फिकए चला आ 10 और तरा फिनवास गोशन दश म होगा और त बN पोतो भड़-बकरिरयो गाय-बलो और अपन सब कछ

समत मर फिनकN रहगा 11 और अकाल क जो पाच वरष और होग उन म म वही तरा पालन पोरषण करगा ऐसा न हो फिक त और

तरा घराना वरन जिजतन तर ह सो भो मर 12 और तम अपनी आो स दत हो और मरा भाई फिबनयामीन भी अपनी आो स दता ह फिक जो हम

स बात कर रहा ह सो यस ह 13 और तम मर सब वभव का जो मिमसर म ह और जो कछ तम न दा ह उस सब को मर फिपता स वणनकरना और तरनत मर फिपता को यहा ल आना 14 और वह अपन भाई फिबनयामीन क गल स लिलपN कर रोया और फिबनयामीन भी उसक गल स लिलपN कररोया 15 तब वह अपन सब भाइयो को चम कर उन स मिमल कर रोया और इसक पशचात उसक भाई उसस बात

करन लग 16 इस बात की चचा फिक यस क भाई आए ह फिरौन क भवन तब पहच गई और इस स फिरौन और

उसक कमचारी परसनन हए 17 सो फिरौन न यस स कहा अपन भाइयो स कह फिक एक काम करो अपन पशओ को लादकर कनान

दश म चल जाओ 18 और अपन फिपता और अपन अपन घर क लोगो को ल कर मर पास आओ और मिमसर दश म जो कछ

अचछ स अचछा ह वह म तमह दगा और तमह दश क उम स उम पदाथ ान को मिमलग 19 और तझ आजञा मिमली ह तम एक काम करो फिक मिमसर दश स अपन बालबचचो और मबिfतरयो क लिलय

गाफिडया ल जाओ और अपन फिपता को ल आओ 20 और अपनी सामगरी का मोह न करना $योफिक सार मिमसर दश म जो कछ अचछ स अचछा ह सो तमहारा ह 21 और इसराएल क पतरो न वसा ही फिकया और यस न फिरौन की मान क उनह गाफिडया दी और माग क

लिलय सीधा भी दिदया 22 उन म स एक एक जन को तो उसन एक एक जोड़ा वfतर भी दिदया और फिबनयामीन को तीन सौ रप क

Nकड़ और पाच जोड़ वfतर दिदए 23 और अपन फिपता क पास उसन जो भजा वह यह ह अथात मिमसर की अचछी वfतओ स लद हए दस गदह

और अनन और रोNी और उसक फिपता क माग क लिलय भोजनवfत स लदी हई दस गदफिहया 24 और उसन अपन भाइयो को फिवदा फिकया और व चल दिदए और उसन उन स कहा माग म कही झगड़ा नकरना 25 मिमसर स चलकर व कनान दश म अपन फिपता याकब क पास पहच 26 और उसस यह वणन फिकया फिक यस अब तक जीफिवत ह और सार मिमसर दश पर परभता वही करता ह

पर उसन उनकी परतीफित न की और वह अपन आप म न रहा 27 तब उनहोन अपन फिपता याकब स यस की सारी बात जो उसन उन स कही थी कह दी जब उसन उन

गाफिडय़ो को दा जो यस न उसक ल आन क लिलय भजी थी तब उसका लिच तततिसथर हो गया

28 और इसराएल न कहा बस मरा पतर यस अब तक जीफिवत ह म अपनी मतय स पफिहल जा कर उसकोदगा

अधयाय४६

01 तब इसराएल अपना सब कछ ल कर कच करक बशबा को गया और वहा अपन फिपता इसहाक क परमशवर को बलिलदान चढ़ाए

02 तब परमशवर न इसराएल स रात को दशन म कहा ह याकब ह याकब उसन कहा $या आजञा 03 उसन कहा म ईशवर तर फिपता का परमशवर ह त मिमसर म जान स मत डर $योफिक म तझ स वहा एक बड़ी

जाफित बनाऊगा 04 म तर सग सग मिमसर को चलता ह और म तझ वहा स फिर फिनशचय ल आऊगा और यस अपना हाथ

तरी आो पर लगाएगा 05 तब याकब बशबा स चला और इसराएल क पतर अपन फिपता याकब और अपन बाल-बचचो और मबिfतरयो

को उन गाफिडय़ो पर जो फिरौन न उनक ल आन को भजी थी चढ़ाकर चल पड़ 06 और व अपनी भड़-बकरी गाय-बल और कनान दश म अपन इकटठा फिकए हए सार धन को ल कर मिमसर म आए 07 और याकब अपन बN-बदिNयो पोत-पोफितयो फिनदान अपन वश भर को अपन सग मिमसर म ल आया 08 याकब क साथ जो इसराएली अथात उसक बN पोत आदिद मिमसर म आए उनक नाम य ह याकब का

जठा तो रबन था 09 और रबन क पतर हनोक पलल हसरोन और कमम थ 10 और लिशमोन क पतर यमएल यामीन ओहद याकीन सोहर और एक कनानी fतरी स जनमा हआ शाऊल

भी था 11 और लवी क पतर गशन कहात और मरारी थ 12 और यहदा क एर ओनान शला परस और जरह नाम पतर हए तो थ पर एर और ओनान कनान दश म

मर गए थ और परस क पतर हfतरोन और हामल थ 13 और इfसाकार क पतर तोला पबबा योब और लिशमरोन थ 14 और जबलन क पतर सरद एलोन और यहलल थ 15 लिलआ क पतर जो याकब स पददनराम म उतपनन हए थ उनक बN पोत य ही थ और इन स अमिधक उसन

उसक साथ एक बNी दीना को भी जनम दिदया यहा तक तो याकब क सब वश वाल ततीस पराणी हए 16 फिर गाद क पतर लिसययोन हागगी शनी एसबोन एरी अरोदी और अरली थ 17 और आशर क पतर मियमना मियशवा मियfतरी और बरीआ थ और उनकी बफिहन सरह थी और बरीआ कपतर हबर और मलकीएल थ 18 जिजलपा जिजस लाबान न अपनी बNी लिलआ को दिदया था उसक बN पोत आदिद य ही थ सो उसक दवारा

याकब क सोलह पराणी उतपनन हए 19 फिर याकब की पतनी राहल क पतर यस और फिबनयामीन थ 20 और मिमसर दश म ओन क याजक पोतीपरा की बNी आसनत स यस क य पतर उतपनन हए अथात मनशश

और एपरम 21 और फिबनयामीन क पतर बला बकर अशबल गरा नामान एही रोश मपपीम हपपीम और आद थ 22 राहल क पतर जो याकब स उतपनन हए उनक य ही पतर थ उसक य सब बN पोत चौदह पराणी हए 23 फिर दान का पतर हशीम था 24 और नपताली क पतर यहसल गनी ससर और लिशललम थ 25 फिबलहा जिजस लाबान न अपनी बNी राहल को दिदया उस क बN पोत य ही ह उसक दवारा याकब क वश म

सात पराणी हए 26 याकब क फिनज वश क जो पराणी मिमसर म आए व उसकी बहओ को छोड़ सब मिमलकर लिछयासठ पराणी

हए 27 और यस क पतर जो मिमसर म उसस उतपनन हए व दो पराणी थ इस परकार याकब क घरान क जो पराणी

मिमसर म आए सो सब मिमलकर सर हए 28 फिर उसन यहदा को अपन आग यस क पास भज दिदया फिक वह उसको गोशन का माग दिदाए और व

गोशन दश म आए 29 तब यस अपना रथ जतवाकर अपन फिपता इसराएल स भN करन क लिलय गोशन दश को गया और उसस

भN करक उसक गल स लिलपNा और कछ दर तक उसक गल स लिलपNा हआ रोता रहा 30 तब इसराएल न यस स कहा म अब मरन स भी परसनन ह $योफिक तझ जीफिवत पाया और तरा मह दलिलया 31 तब यस न अपन भाइयो स और अपन फिपता क घरान स कहा म जा कर फिरौन को यह समाचार दगा

फिक मर भाई और मर फिपता क सार घरान क लोग जो कनान दश म रहत थ व मर पास आ गए ह 32 और व लोग चरवाह ह $योफिक व पशओ को पालत आए ह इसलिलय व अपनी भड़-बकरी गाय-बल और

जो कछ उनका ह सब ल आए ह 33 जब फिरौन तम को बलाक पछ फिक तमहारा उदयम $या ह 34 तब यह कहना फिक तर दास लड़कपन स ल कर आज तक पशओ को पालत आए ह वरन हमार परा भी

ऐसा ही करत थ इस स तम गोशन दश म रहन पाओग $योफिक सब चरवाहो स मिमसरी लोग घणा करत ह

अधयाय४७

01 तब यस न फिरौन क पास जा कर यह समाचार दिदया फिक मरा फिपता और मर भाई और उनकी भड़-बकरिरया गाय- बल और जो कछ उनका ह सब कनान दश स आ गया ह और अभी तो व गोशन दश म ह 02 फिर उसन अपन भाइयो म स पाच जन ल कर फिरौन क सामहन ड़ कर दिदए 03 फिरौन न उसक भाइयो स पछा तमहारा उदयम $या ह उनहोन फिरौन स कहा तर दास चरवाह ह और

हमार परा भी ऐस ही रह 04 फिर उनहोन फिरौन स कहा हम इस दश म परदशी की भाफित रहन क लिलय आए ह $योफिक कनान दश म

भारी अकाल होन क कारण तर दासो को भड़- बकरिरयो क लिलय चारा न रहा सो अपन दासो को गोशन दश म रहन की आजञा द

05 तब फिरौन न यस स कहा तरा फिपता और तर भाई तर पास आ गए ह 06 और मिमसर दश तर सामहन पड़ा ह इस दश का जो सब स अचछा भाग हो उस म अपन फिपता और भाइयो

को बसा द अथात व गोशन ही दश म रह और यदिद त जानता हो फिक उन म स परिरशरमी पररष ह तो उनह मर पशओ क अमिधकारी ठहरा द

07 तब यस न अपन फिपता याकब को ल आकर फिरौन क समम ड़ा फिकया और याकब न फिरौन को आशीवाद दिदया

08 तब फिरौन न याकब स पछा तरी अवसथा फिकतन दिदन की हई ह 09 याकब न फिरौन स कहा म तो एक सौ तीस वरष परदशी हो कर अपना जीवन बीता चका ह मर जीवन

क दिदन थोड़ और द स भर हए भी थ और मर बापदाद परदशी हो कर जिजतन दिदन तक जीफिवत रह उतन दिदन का म अभी नही हआ

10 और याकब फिरौन को आशीवाद दकर उसक समम स चला गया 11 तब यस न अपन फिपता और भाइयो को बसा दिदया और फिरौन की आजञा क अनसार मिमसर दश क अचछ

स अचछ भाग म अथात रामसस नाम दश म भमिम दकर उन को सौप दिदया 12 और यस अपन फिपता का और अपन भाइयो का और फिपता क सार घरान का एक एक क बालबचचो

क घरान की फिगनती क अनसार भोजन दिदला दिदलाकर उनका पालन पोरषण करन लगा

13 और उस सार दश म ान को कछ न रहा $योफिक अकाल बहत भारी था और अकाल क कारण मिमसर और कनान दोनो दश नाश हो गए

14 और जिजतना रपया मिमसर और कनान दश म था सब को यस न उस अनन की सनती जो उनक फिनवासी मोल लत थ इकटठा करक फिरौन क भवन म पहचा दिदया

15 जब मिमसर और कनान दश का रपया चक गया तब सब मिमसरी यस क पास आ आकर कहन लग हम को भोजनवfत द $या हम रपय क न रहन स तर रहत हए मर जाए

16 यस न कहा यदिद रपय न हो तो अपन पश द दो और म उनकी सनती तमह ान को दगा 17 तब व अपन पश यस क पास ल आए और यस उन को घोड़ो भड़-बकरिरयो गाय- बलो और गदहो

की सनती ान को दन लगा उस वरष म वह सब जाफित क पशओ की सनती भोजन दकर उनका पालन पोरषण करता रहा

18 वह वरष तो यो कN गया तब अगल वरष म उनहोन उसक पास आकर कहा हम अपन परभ स यह बात लिछपा न रग फिक हमारा रपया चक गया ह और हमार सब परकार क पश हमार परभ क पास आ चक ह

इसलिलय अब हमार परभ क सामहन हमार शरीर और भमिम छोड़कर और कछ नही रहा 19 हम तर दत $यो मर और हमारी भमिम $यो उजड़ जाए हमको और हमारी भमिम को भोजन वfत की

सनती मोल ल फिक हम अपनी भमिम समत फिरौन क दास हो और हम को बीज द फिक हम मरन न पाए वरन जीफिवत रह और भमिम न उजड़

20 तब यस न मिमसर की सारी भमिम को फिरौन क लिलय मोल लिलया $योफिक उस कदिठन अकाल क पड़न स मिमततिसरयो को अपना अपना त बच डालना पड़ा इस परकार सारी भमिम फिरौन की हो गई

21 और एक छोर स ल कर दसर छोर तक सार मिमसर दश म जो परजा रहती थी उसको उसन नगरो म लाकर बसा दिदया

22 पर याजको की भमिम तो उसन न मोल ली $योफिक याजको क लिलय फिरौन की ओर स फिनतय भोजन का बनदोबfत था और फिनतय जो भोजन फिरौन उन को दता था वही व ात थ इस कारण उन को अपनी भमिम

बचनी न पड़ी 23 तब यस न परजा क लोगो स कहा सनो म न आज क दिदन तम को और तमहारी भमिम को भी फिरौन क

लिलय मोल लिलया ह दो तमहार लिलय यहा बीज ह इस भमिम म बोओ 24 और जो कछ उपज उसका पचमाश फिरौन को दना बाकी चार अश तमहार रहग फिक तम उस अपन तो म बोओ और अपन अपन बालबचचो और घर क और लोगो समत ाया करो

25 उनहोन कहा त न हम को बचा लिलया ह हमार परभ क अनगरह की दमिषट हम पर बनी रह और हम फिरौन क दास हो कर रहग

26 सो यस न मिमसर की भमिम क फिवरषय म ऐसा फिनयम ठहराया जो आज क दिदन तक चला आता ह फिक पचमाश फिरौन को मिमला कर कवल याजको ही की भमिम फिरौन की नही हई

27 और इसराएली मिमसर क गोशन दश म रहन लग और वहा की भमिम को अपन वश म कर लिलया और ल-ल और अतयनत बढ़ गए 28 मिमसर दश म याकब सतरह वरष जीफिवत रहा इस परकार याकब की सारी आय एक सौ सतालीस वरष कीहई 29 जब इसराएल क मरन का दिदन फिनकN आ गया तब उसन अपन पतर यस को बलवाकर कहा यदिद तरा

अनगरह मझ पर हो तो अपना हाथ मरी जाघ क तल रकर शपथ ा फिक म तर साथ कपा और सचचाई का यह काम करगा फिक तझ मिमसर म मिमटटी न दगा

30 जब त अपन बापदादो क सग सो जाएगा तब म तझ मिमसर स उठा ल जा कर उनही क कबरिरfतान मरगा तब यस न कहा म तर वचन क अनसार करगा 31 फिर उसन कहा मझ स शपथ ा सो उसन उसस शपथ ाई तब इसराएल न ाN क लिसरहान की ओर

लिसर झकाया

अधयाय४८

01 इन बातो क पशचात फिकसी न यस स कहा सन तरा फिपता बीमार ह तब वह मनशश और एपरम नाम अपन दोनो पतरो को सग ल कर उसक पास चला

02 और फिकसी न याकब को बता दिदया फिक तरा पतर यस तर पास आ रहा ह तब इसराएल अपन को समभाल कर ाN पर बठ गया

03 और याकब न यस स कहा सवशलिकतमान ईशवर न कनान दश क लज नगर क पास मझ दशन दकर आशीरष दी

04 और कहा सन म तझ ला- लाकर बढ़ाऊगा और तझ राजय राजय की मणडली का मल बनाऊगा और तर पशचात तर वश को यह दश द दगा जिजस स फिक वह सदा तक उनकी फिनज भमिम बनी रह

05 और अब तर दोनो पतर जो मिमसर म मर आन स पफिहल उतपनन हए ह व मर ही ठहरग अथात जिजस रीफित स रबन और लिशमोन मर ह उसी रीफित स एपरम और मनशश भी मर ठहरग

06 और उनक पशचात जो सनतान उतपनन हो वह तर तो ठहरग परनत बNवार क समय व अपन भाइयो ही क वश म फिगन जाएग

07 जब म पददान स आता था तब एपराता पहचन स थोड़ी ही दर पफिहल राहल कनान दश म माग म मर सामहन मर गई और म न उस वही अथात एपराता जो बतलहम भी कहलाता ह उसी क माग म मिमटटी दी

08 तब इसराएल को यस क पतर द पड़ और उसन पछा य कौन ह 09 यस न अपन फिपता स कहा य मर पतर ह जो परमशवर न मझ यहा दिदए ह उसन कहा उन को मर पास

ल आ फिक म उनह आशीवाद द 10 इसराएल की आ बढ़ाप क कारण धनधली हो गई थी यहा तक फिक उस कम सझता था तब यस उनह

उनक पास ल गया और उसन उनह चमकर गल लगा लिलया 11 तब इसराएल न यस स कहा मझ आशा न थी फिक म तरा म फिर दन पाऊगा परनत द परमशवर न मझ तरा वश भी दिदाया ह

12 तब यस न उनह अपन घNनो क बीच स हNाकर और अपन मह क बल भमिम पर फिगर क दणडवत की 13 तब यस न उन दोनो को लकर अथात एपरम को अपन दाफिहन हाथ स फिक वह इसराएल क बाए हाथपड़ और मनशश को अपन बाए हाथ स फिक इसराएल क दाफिहन हाथ पड़ उनह उसक पास ल गया 14 तब इसराएल न अपना दफिहना हाथ बढ़ाकर एपरम क लिसर पर जो छोNा था और अपना बाया हाथ बढ़ाकर

मनशश क लिसर पर र दिदया उसन तो जान बझकर ऐसा फिकया नही तो जठा मनशश ही था 15 फिर उसन यस को आशीवाद दकर कहा परमशवर जिजसक समम मर बापदाद इबराहीम और इसहाक( अपन को जानकर ) चलत थ वही परमशवर मर जनम स ल कर आज क दिदन तक मरा चरवाहा बना ह 16 और वही दत मझ सारी बराई स छड़ाता आया ह वही अब इन लड़को को आशीरष द और य मर और मर

बापदाद इबराहीम और इसहाक क कहलाए और पथवी म बहतायत स बढ़ 17 जब यस न दा फिक मर फिपता न अपना दफिहना हाथ एपरम क लिसर पर रा ह तब यह बात उसको बरीलगी सो उसन अपन फिपता का हाथ इस मनसा स पकड़ लिलया फिक एपरम क लिसर पर स उठा कर मनशश क लिसर

पर र द 18 और यस न अपन फिपता स कहा ह फिपता ऐसा नही $योफिक जठा यही ह अपना दफिहना हाथ इसक लिसर

पर र 19 उसक फिपता न कहा नही सन ह मर पतर म इस बात को भली भाफित जानता ह यदयफिप इस स भी मनषयो

की एक मणडली उतपनन होगी और यह भी महान हो जाएगा तौभी इसका छोNा भाई इस स अमिधक महान होजाएगा और उसक वश स बहत सी जाफितया फिनकलगी 20 फिर उसन उसी दिदन यह कहकर उन को आशीवाद दिदया फिक इसराएली लोग तरा नाम ल ल कर ऐसा

आशीवाद दिदया करग फिक परमशवर तझ एपरम और मनशश क समान बना द और उसन मनशश स पफिहल एपरम का नाम लिलया

21 तब इसराएल न यस स कहा द म तो मरन पर ह परनत परमशवर तम लोगो क सग रहगा और तम को तमहार फिपतरो क दश म फिर पहचा दगा

22 और म तझ को तर भाइयो स अमिधक भमिम का एक भाग दता ह जिजस को म न एमोरिरयो क हाथ स अपनी तलवार और धनरष क बल स ल लिलया ह

अधयाय४९

01 फिर याकब न अपन पतरो को यह कहकर बलाया फिक इकटठ हो जाओ म तम को बताऊगा फिक अनत क दिदनो म तम पर $या $या बीतगा

02 ह याकब क पतरो इकटठ हो कर सनो अपन फिपता इसराएल की ओर कान लगाओ 03 ह रबन त मरा जठा मरा बल और मर पौररष का पफिहला ल ह परफितषठा का उम भाग और शलिकत

का भी उम भाग त ही ह 04 त जो जल की नाई उबलन वाला ह इसलिलय औरो स शरषट न ठहरगा $योफिक त अपन फिपता की ाN परचढ़ा तब त न उसको अशy फिकया वह मर फिबछौन पर चढ़ गया 05 लिशमोन और लवी तो भाई भाई ह उनकी तलवार उपदरव क हलिथयार ह 06 ह मर जीव उनक मम म न पड़ ह मरी मफिहमा उनकी सभा म मत मिमल $योफिक उनहोन कोप स मनषयो

को घात फिकया और अपनी ही इचछा पर चलकर बलो की पछ काNी ह 07 मिध$कार उनक कोप को जो परचणड था और उनक रोरष को जो फिनदय था म उनह याकब म अलग अलग

और इसराएल म फितर फिबर कर दगा 08 ह यहदा तर भाई तरा धनयवाद करग तरा हाथ तर शतरओ की गदन पर पड़गा तर फिपता क पतर तझ

दणडवत करग 09 यहदा सिसह का डावर ह ह मर पतर त अहर करक गा म गया ह वह सिसह वा सिसहनी की नाई दबकर

बठ गया फिर कौन उसको छड़गा 10 जब तक शीलो न आए तब तक न तो यहदा स राजदणड छNगा न उसक वश स वयवसथा दनवाला अलगहोगा और राजय राजय क लोग उसक आधीन हो जाएग 11 वह अपन जवान गदह को दालता म और अपनी गदही क बचच को उम जाफित की दालता म बानधा

करगा उसन अपन वfतर दामध म और अपना पफिहरावा दाो क रस म धोया ह 12 उसकी आ दामध स चमकीली और उसक दात दध स शवत होग 13 जबलन समदर क तीर पर फिनवास करगा वह जहाजो क लिलय बनदरगाह का काम दगा और उसका परला

भाग सीदोन क फिनकN पहचगा 14 इfसाकार एक बड़ा और बलवनत गदहा ह जो पशओ क बाड़ो क बीच म दबका रहता ह 15 उसन एक फिवशरामसथान दकर फिक अचछा ह और एक दश फिक मनोहर ह अपन कनध को बोझ उठान

क लिलय झकाया और बगारी म दास का सा काम करन लगा 16 दान इसराएल का एक गोतर हो कर अपन जाफितभाइयो का नयाय करगा 17 दान माग म का एक साप और राfत म का एक नाग होगा जो घोड़ की नली को डसता ह जिजस स

उसका सवार पछाड़ ाकर फिगर पड़ता ह 18 ह यहोवा म तझी स उyार पान की बाN जोहता आया ह 19 गाद पर एक दल चढ़ाई तो करगा पर वह उसी दल क फिपछल भाग पर छापा मारगा 20 आशर स जो अनन उतपनन होगा वह उम होगा और वह राजा क योगय fवादिदषट भोजन दिदया करगा 21 नपताली एक छNी हई हरिरणी ह वह सनदर बात बोलता ह 22 यस बलवनत लता की एक शाा ह वह सोत क पास लगी हई लवनत लता की एक शाा ह उसकी

डालिलया भीत पर स चढ़कर ल जाती ह 23 धनधारिरयो न उसको दिदत फिकया और उस पर तीर मार और उसक पीछ पड़ ह 24 पर उसका धनरष दढ़ रहा और उसकी बाह और हाथ याकब क उसी शलिकतमान ईशवर क हाथो क दवारा

तल हए जिजसक पास स वह चरवाहा आएगा जो इसराएल का पतथर भी ठहरगा 25 यह तर फिपता क उस ईशवर का काम ह जो तरी सहायता करगा उस सवशलिकतमान को जो तझ ऊपर स

आकाश म की आशीरष और नीच स गफिहर जल म की आशीरष और fतनो और गभ की आशीरष दगा 26 तर फिपता क आशीवाद मर फिपतरो क आशीवाद स अमिधक बढ़ गए ह और सनातन पहाफिडय़ो की मन- चाही

वfतओ की नाई बन रहग व यस क लिसर पर जो अपन भाइयो म स नयारा हआ उसी क लिसर क मकN पर

ल लग 27 फिबनयामीन ाड़नहारा हणडार ह सवर तो वह अहर भकषण करगा और साझ को लN बाN लगा 28 इसराएल क बारहो गोतर य ही ह और उनक फिपता न जिजस जिजस वचन स उन को आशीवाद दिदया सो य हीह एक एक को उसक आशीवाद क अनसार उसन आशीवाद दिदया 29 तब उसन यह कहकर उन को आजञा दी फिक म अपन लोगो क साथ मिमलन पर ह इसलिलय मझ फिही

एपरोन की भमिमवाली गा म मर बापदादो क साथ मिमटटी दना 30 अथात उसी गा म जो कनान दश म ममर क सामहन वाली मकपला की भमिम म ह उस भमिम को तो

इबराहीम न फिही एपरोन क हाथ स इसी फिनमिम मोल लिलया था फिक वह कबरिरfतान क लिलय उसकी फिनज भमिमहो 31 वहा इबराहीम और उसकी पतनी सारा को मिमटटी दी गई और वही इसहाक और उसकी पतनी रिरबका को भी

मिमटटी दी गई और वही म न लिलआ को भी मिमटटी दी 32 वह भमिम और उस म की गा फिहततियो क हाथ स मोल ली गई 33 यह आजञा जब याकब अपन पतरो को द चका तब अपन पाव ाN पर समN पराण छोड़ और अपन लोगो म जा मिमला

अधयाय५०

01 तब यस अपन फिपता क मह पर फिगरकर रोया और उस चमा 02 और यस न उन वदयो को जो उसक सवक थ आजञा दी फिक मर फिपता की लोथ म सगनधदरवय भरो तब

वदयो न इसराएल की लोथ म सगनधदरवय भर दिदए 03 और उसक चालीस दिदन पर हए $योफिक जिजनकी लोथ म सगनधदरवय भर जात ह उन को इतन ही दिदन पर

लगत ह और मिमसरी लोग उसक लिलय सर दिदन तक फिवलाप करत रह 04 जब उसक फिवलाप क दिदन बीत गए तब यस फिरौन क घरान क लोगो स कहन लगा यदिद तमहारी

अनगरह की दमिषट मझ पर हो तो मरी यह फिबनती फिरौन को सनाओ 05 फिक मर फिपता न यह कहकर फिक द म मरन पर ह मझ यह शपथ खिलाई फिक जो कबर त न अपन लिलय

कनान दश म दवाई ह उसी म म तझ मिमटटी दगा इसलिलय अब मझ वहा जा कर अपन फिपता को मिमटटी दन की आजञा द ततपशचात म लौN आऊगा

06 तब फिरौन न कहा जा कर अपन फिपता की खिलाई हई शपथ क अनसार उन को मिमटटी द 07 सो यस अपन फिपता को मिमटटी दन क लिलय चला और फिरौन क सब कमचारी अथात उसक भवन कपरफिनय और मिमसर दश क सब परफिनय उसक सग चल 08 और यस क घर क सब लोग और उसक भाई और उसक फिपता क घर क सब लोग भी सग गए पर व

अपन बालबचचो और भड़-बकरिरयो और गाय- बलो को गोशन दश म छोड़ गए 09 और उसक सग रथ और सवार गए सो भीड़ बहत भारी हो गई 10 जब व आताद क लिलहान तक जो यरदन नदी क पार ह पहच तब वहा अतयनत भारी फिवलाप फिकया

और यस न अपन फिपता क सात दिदन का फिवलाप कराया 11 आताद क लिलहान म क फिवलाप को दकर उस दश क फिनवासी कनाफिनयो न कहा यह तो मिमततिसरयो का

कोई भारी फिवलाप होगा इसी कारण उस सथान का नाम आबलमिमसरम पड़ा और वह यरदन क पार ह 12 और इसराएल क पतरो न उसस वही काम फिकया जिजसकी उसन उन को आजञा दी थी 13 अथात उनहोन उसको कनान दश म ल जाकर मकपला की उस भमिमवाली गा म जो ममर क सामहन ह

मिमटटी दी जिजस को इबराहीम न फिही एपरोन क हाथ स इस फिनमिम मोल लिलया था फिक वह कबरिरfतान क लिलय उसकी फिनज भमिम हो

14 अपन फिपता को मिमटटी दकर यस अपन भाइयोऔर उन सब समत जो उसक फिपता को मिमटटी दन क लिलय उसक सग गए थ मिमसर म लौN आया

15 जब यस क भाइयो न दा फिक हमारा फिपता मर गया ह तब कहन लग कदालिचत यस अब हमार पीछ

पड़ और जिजतनी बराई हम न उसस की थी सब का परा पलNा हम स ल 16 इसलिलय उनहोन यस क पास यह कहला भजा फिक तर फिपता न मरन स पफिहल हम यह आजञा दी थी 17 फिक तम लोग यस स इस परकार कहना फिक हम फिबनती करत ह फिक त अपन भाइयो क अपराध और

पाप को कषमा कर हम न तझ स बराई तो की थी पर अब अपन फिपता क परमशवर क दासो का अपराध कषमा कर उनकी य बात सनकर यस रो पड़ा

18 और उसक भाई आप भी जाकर उसक सामहन फिगर पड़ और कहा द हम तर दास ह 19 यस न उन स कहा मत डरो $या म परमशवर की जगह पर ह 20 यदयफिप तम लोगो न मर लिलय बराई का फिवचार फिकया था परनत परमशवर न उसी बात म भलाई का फिवचारफिकया जिजस स वह ऐसा कर जसा आज क दिदन परगN ह फिक बहत स लोगो क पराण बच ह 21 सो अब मत डरो म तमहारा और तमहार बाल- बचचो का पालन पोरषण करता रहगा इस परकार उसन उन

को समझा बझाकर शासदिनत दी 22 और यस अपन फिपता क घरान समत मिमसर म रहता रहा और यस एक सौ दस वरष जीफिवत रहा 23 और यस एपरम क परपोतो तक दन पाया और मनशश क पोत जो माकीर क पतर थ व उतपनन हो कर

यस स गोद म लिलए गए 24 और यस न अपन भाइयो स कहा म तो मरन पर ह परनत परमशवर फिनशचय तमहारी समिध लगा और तमह

इस दश स फिनकाल कर उस दश म पहचा दगा जिजसक दन की उसन इबराहीम इसहाक और याकब स शपथ ाई थी

25 फिर यस न इसराएलिलयो स यह कहकर फिक परमशवर फिनशचय तमहारी समिध लगा उन को इस फिवरषय की शपथ खिलाई फिक हम तरी हफियो को वहा स उस दश म ल जाएग

26 फिनदान यस एक सौ दस वरष का हो कर मर गया और उसकी लोथ म सगनधदरवय भर गए और वह लोथ मिमसर म एक सनदक म री गई

Genesis - -उतपतति अधयाय 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 3

1 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50

मपषठ | बह भारषा | सलिचपषठ | ोज

Page 2: WordPress.com · Web viewअध य य.१ 01. आद म परम श वर न आक श और प थ व क स ष ट क । 02. और प थ व ब ड ल और

वाल जनत और पथवी क वनपश जाषटित जाषटित क अनसार उतपनन हो और वसा ही हो गया 25 सो परमशवर न पथवी क जाषटित जाषटित क वन पशओ को और जाषटित जाषटित क घरल पशओ को

और जाषटित जाषटित क भमिम पर सब रगन वाल जनतओ को बनाया और परमशवर न खा षटिक अचछा ह 26 षटि6र परमशवर न कहा हम मनषय को अपन सवरप क अनसार अपनी समानता म बनाए और व

समदर की मछलिलयो और आकाश क पणिकषयो और घरल पशओ और सारी पथवी पर और सब रगन वाल जनतओ पर जो पथवी पर रगत ह अलिकार रख

27 तब परमशवर न मनषय को अपन सवरप क अनसार उतपनन षटिकया अपन ही सवरप क अनसार परमशवर न उसको उतपनन षटिकया नर और नारी करक उसन मनषयो की सषटि की

28 और परमशवर न उन को आशीरषो ी और उन स कहा 6लो-6लो और पथवी म भर जाओ और उसको अपन वश म कर लो और समदर की मछलिलयो तथा आकाश क पणिकषयो और पथवी पर रगन वाल सब जनतओ पर अलिकार रखो

29 षटि6र परमशवर न उन स कहा सनो जिजतन बीज वाल छोट छोट पड सारी पथवी क ऊपर ह और जिजतन वकषो म बीज वाल 6ल होत ह व सब म न तम को दिए ह व तमहार भोजन क लिलय ह

30 और जिजतन पथवी क पश और आकाश क पकषी और पथवी पर रगन वाल जनत ह जिजन म जीवन क पराण ह उन सब क खान क लिलय म न सब हर हर छोट पड दिए ह और वसा ही हो गया

31 तब परमशवर न जो कछ बनाया था सब को खा तो कया खा षटिक वह बहत ही अचछा ह तथा साझ हई षटि6र भोर हआ इस परकार छठवा दिन हो गया

अधयाय२

01 यो आकाश और पथवी और उनकी सारी सना का बनाना समापत हो गया 02 और परमशवर न अपना काम जिजस वह करता था सातव दिन समापत षटिकया और उसन अपन

षटिकए हए सार काम स सातव दिन षटिवशराम षटिकया 03 और परमशवर न सातव दिन को आशीरषो ी और पषटिवतर ठहराया कयोषटिक उस म उसन अपनी सषटि

की रचना क सार काम स षटिवशराम लिलया 04 आकाश और पथवी की उतपलिc का वcानत यह ह षटिक जब व उतपनन हए अथाWत जिजस दिन यहोवा

परमशवर न पथवी और आकाश को बनाया05 तब मान का कोई पौा भमिम पर न था और न मान का कोई छोटा पड उगा था कयोषटिक

यहोवा परमशवर न पथवी पर जल नही बरसाया था और भमिम पर खती करन क लिलय मनषय भी नहीथा 06 तौभी कोहरा पथवी स उठता था जिजस स सारी भमिम सिसच जाती थी 07 और यहोवा परमशवर न आम को भमिम की मिमटटी स रचा और उसक नथनो म जीवन का शवास

6क दिया और आम जीवता पराणी बन गया 08 और यहोवा परमशवर न पवW की ओर अन श म एक वादिटका लगाई और वहा आम को जिजस

उसन रचा था रख दिया 09 और यहोवा परमशवर न भमिम स सब भाषटित क वकष जो खन म मनोहर और जिजनक 6ल खान म

अचछ ह उगाए और वादिटका क बीच म जीवन क वकष को और भल या बर क जञान क वकष को भीलगाया 10 और उस वादिटका को सीचन क लिलय एक महानी अन स षटिनकली और वहा स आग बहकर

चार ारा म हो गई 11 पषटिहली ारा का नाम पीशोन ह यह वही ह जो हवीला नाम क सार श को जहा सोना मिमलता ह

घर हए ह 12 उस श का सोना चोखा होता ह वहा मोती और सलमानी पतथर भी मिमलत ह 13 और दसरी नी का नाम गीहोन ह यह वही ह जो कश क सार श को घर हए ह

14 और तीसरी नी का नाम षटिहददकल ह यह वही ह जो अशशर क पवW की ओर बहती ह और चौथी नी का नाम 6रात ह

15 तब यहोवा परमशवर न आम को ल कर अन की वादिटका म रख दिया षटिक वह उस म काम कर और उसकी रकषा कर

16 तब यहोवा परमशवर न आम को यह आजञा ी षटिक त वादिटका क सब वकषो का 6ल षटिबना खटक खा सकता ह

17 पर भल या बर क जञान का जो वकष ह उसका 6ल त कभी न खाना कयोषटिक जिजस दिन त उसका 6ल खाए उसी दिन अवशय मर जाएगा

18 षटि6र यहोवा परमशवर न कहा आम का अकला रहना अचछा नही म उसक लिलय एक ऐसा सहायक बनाऊगा जो उसस मल खाए

19 और यहोवा परमशवर भमिम म स सब जाषटित क बनल पशओ और आकाश क सब भाषटित क पणिकषयो को रचकर आम क पास ल आया षटिक ख षटिक वह उनका कया कया नाम रखता ह और

जिजस जिजस जीषटिवत पराणी का जो जो नाम आम न रखा वही उसका नाम हो गया 20 सो आम न सब जाषटित क घरल पशओ और आकाश क पणिकषयो और सब जाषटित क बनल

पशओ क नाम रख परनत आम क लिलय कोई ऐसा सहायक न मिमला जो उसस मल खा सक 21 तब यहोवा परमशवर न आम को भारी नीन म डाल दिया और जब वह सो गया तब उसन

उसकी एक पसली षटिनकाल कर उसकी सनती मास भर दिया 22 और यहोवा परमशवर न उस पसली को जो उसन आम म स षटिनकाली थी सतरी बना दिया और

उसको आम क पास ल आया 23 और आम न कहा अब यह मरी हषटिmयो म की हmी और मर मास म का मास ह सो इसका नाम

नारी होगा कयोषटिक यह नर म स षटिनकाली गई ह 24 इस कारण पररषो अपन माता षटिपता को छोडकर अपनी पतनी स मिमला रहगा और व एक तन बनरहग 25 और आम और उसकी पतनी ोनो नग थ पर लजात न थ

अधयाय३

01 यहोवा परमशवर न जिजतन बनल पश बनाए थ उन सब म सपW तW था और उसन सतरी स कहा कया सच ह षटिक परमशवर न कहा षटिक तम इस बादिटका क षटिकसी वकष का 6ल न खाना

02 सतरी न सपW स कहा इस बादिटका क वकषो क 6ल हम खा सकत ह 03 पर जो वकष बादिटका क बीच म ह उसक 6ल क षटिवरषोय म परमशवर न कहा ह षटिक न तो तम

उसको खाना और न उसको छना नही तो मर जाओग 04 तब सपW न सतरी स कहा तम षटिनशचय न मरोग 05 वरन परमशवर आप जानता ह षटिक जिजस दिन तम उसका 6ल खाओग उसी दिन तमहारी आख

खल जाएगी और तम भल बर का जञान पाकर परमशवर क तलय हो जाओग 06 सो जब सतरी न खा षटिक उस वकष का 6ल खान म अचछा और खन म मनभाऊ और बणिq न

क लिलय चाहन योगय भी ह तब उसन उस म स तोडकर खाया और अपन पषटित को भी दिया और उसन भी खाया

07 तब उन ोनो की आख खल गई और उन को मालम हआ षटिक व नग ह सो उनहोन अजीर क पc जोड जोड कर लगोट बना लिलय

08 तब यहोवा परमशवर जो दिन क ठड समय बादिटका म षटि6रता था उसका शब उन को सनाई दिया तब आम और उसकी पतनी बादिटका क वकषो क बीच यहोवा परमशवर स लिछप गए

09 तब यहोवा परमशवर न पकार कर आम स पछा त कहा ह 10 उसन कहा म तरा शब बारी म सन कर डर गया कयोषटिक म नगा था इसलिलय लिछप गया

11 उसन कहा षटिकस न तझ लिचताया षटिक त नगा ह जिजस वकष का 6ल खान को म न तझ बजाW था कया त न उसका 6ल खाया ह

12 आम न कहा जिजस सतरी को त न मर सग रहन को दिया ह उसी न उस वकष का 6ल मझ दिया और म न खाया

13 तब यहोवा परमशवर न सतरी स कहा त न यह कया षटिकया ह सतरी न कहा सपW न मझ बहका दिया तब म न खाया

14 तब यहोवा परमशवर न सपW स कहा त न जो यह षटिकया ह इसलिलय त सब घरल पशओ और सब बनल पशओ स अलिक शाषटिपत ह त पट क बल चला करगा और जीवन भर मिमटटी चाटता रहगा

15 और म तर और इस सतरी क बीच म और तर वश और इसक वश क बीच म बर उतपनन करगा वह तर लिसर को कचल डालगा और त उसकी एडी को डसगा

16 षटि6र सतरी स उसन कहा म तरी पीडा और तर गभWवती होन क द ख को बहत बढाऊगा त पीषटिडत हो कर बालक उतपनन करगी और तरी लालसा तर पषटित की ओर होगी और वह तझ पर परभता

करगा 17 और आम स उसन कहा त न जो अपनी पतनी की बात सनी और जिजस वकष क 6ल क षटिवरषोय म न तझ आजञा ी थी षटिक त उस न खाना उसको त न खाया ह इसलिलय भमिम तर कारण शाषटिपत ह त उसकी उपज जीवन भर द ख क साथ खाया करगा

18 और वह तर लिलय काट और ऊटकटार उगाएगी और त खत की उपज खाएगा 19 और अपन माथ क पसीन की रोटी खाया करगा और अनत म मिमटटी म मिमल जाएगा कयोषटिक त

उसी म स षटिनकाला गया ह त मिमटटी तो ह और मिमटटी ही म षटि6र मिमल जाएगा 20 और आम न अपनी पतनी का नाम हववा रखा कयोषटिक जिजतन मनषय जीषटिवत ह उन सब की

आदिमाता वही हई 21 और यहोवा परमशवर न आम और उसकी पतनी क लिलय चमड क अगरख बना कर उन को

पषटिहना दिए 22 षटि6र यहोवा परमशवर न कहा मनषय भल बर का जञान पाकर हम म स एक क समान हो गया ह

इसलिलय अब ऐसा न हो षटिक वह हाथ बढा कर जीवन क वकष का 6ल भी तोड क खा ल और सा जीषटिवत रह

23 तब यहोवा परमशवर न उसको अन की बादिटका म स षटिनकाल दिया षटिक वह उस भमिम पर खती कर जिजस म स वह बनाया गया था

24 इसलिलय आम को उसन षटिनकाल दिया और जीवन क वकष क मागW का पहरा न क लिलय अन की बादिटका क पवW की ओर करबो को और चारो ओर घमन वाली जवालामय तलवार को भी षटिनयकत कर दिया

अधयाय४

01 जब आम अपनी पतनी हववा क पास गया तब उसन गभWवती हो कर कन को जनम दिया औरकहा म न यहोवा की सहायता स एक पररषो पाया ह 02 षटि6र वह उसक भाई हाषटिबल को भी जनमी और हाषटिबल तो भड- बकरिरयो का चरवाहा बन गया

परनत कन भमिम की खती करन वाला षटिकसान बना 03 कछ दिनो क पशचात कन यहोवा क पास भमिम की उपज म स कछ भट ल आया 04 और हाषटिबल भी अपनी भड- बकरिरयो क कई एक पषटिहलौठ बचच भट चढान ल आया और उनकी

चब भट चढाई तब यहोवा न हाषटिबल और उसकी भट को तो गरहण षटिकया 05 परनत कन और उसकी भट को उसन गरहण न षटिकया तब कन अषटित करोलित हआ और उसक

मह पर उासी छा गई 06 तब यहोवा न कन स कहा त कयो करोलित हआ और तर मह पर उासी कयो छा गई ह

07 यदि त भला कर तो कया तरी भट गरहण न की जाएगी और यदि त भला न कर तो पाप दवार पर लिछपा रहता ह और उसकी लालसा तरी और होगी और त उस पर परभता करगा

08 तब कन न अपन भाई हाषटिबल स कछ कहा और जब व मान म थ तब कन न अपन भाई हाषटिबल पर चढ कर उस घात षटिकया

09 तब यहोवा न कन स पछा तरा भाई हाषटिबल कहा ह उसन कहा मालम नही कया म अपन भाई का रखवाला ह

10 उसन कहा त न कया षटिकया ह तर भाई का लोह भमिम म स मरी ओर लिचलला कर मरी ोहाई रहा ह

11 इसलिलय अब भमिम जिजसन तर भाई का लोह तर हाथ स पीन क लिलय अपना मह खोला ह उसकी ओर स त शाषटिपत ह

12 चाह त भमिम पर खती कर तौभी उसकी परी उपज षटि6र तझ न मिमलगी और त पथवी पर बहत और भगोडा होगा

13 तब कन न यहोवा स कहा मरा णड सहन स बाहर ह 14 ख त न आज क दिन मझ भमिम पर स षटिनकाला ह और म तरी दषटि की आड म रहगा और

पथवी पर बहत और भगोडा रहगा और जो कोई मझ पाएगा मझ घात करगा 15 इस कारण यहोवा न उसस कहा जो कोई कन को घात करगा उसस सात गणा पलटा लिलया

जाएगा और यहोवा न कन क लिलय एक लिचनह ठहराया ऐसा न हो षटिक कोई उस पाकर मार डाल 16 तब कन यहोवा क सममख स षटिनकल गया और नो नाम श म जो अन क पवW की ओर ह

रहन लगा 17 जब कन अपनी पतनी क पास गया जब वह गभWवती हई और हनोक को जनमी षटि6र कन न एक

नगर बसाया और उस नगर का नाम अपन पतर क नाम पर हनोक रखा 18 और हनोक स ईरा उतपनन हआ और ईरा न महयाएल को जनम दिया और महयाएल न

मतशाएल को और मतशाएल न लमक को जनम दिया 19 और लमक न ो सतरिसतरया बयाह ली जिजन म स एक का नाम आा और दसरी को लिसलला ह 20 और आा न याबाल को जनम दिया वह तमबओ म रहना और जानवरो का पालन इन ोनो

रीषटितयो का उतपाक हआ 21 और उसक भाई का नाम यबाल ह वह वीणा और बासरी आदि बाजो क बजान की सारी रीषटित

का उतपाक हआ 22 और लिसलला न भी तबलकन नाम एक पतर को जनम दिया वह पीतल और लोह क सब ार वाल

हलिथयारो का गढन वाला हआ और तबलकन की बषटिहन नामा थी 23 और लमक न अपनी पतनितनयो स कहा ह आा और ह लिसलला मरी सनो ह लमक की पतनितनयो

मरी बात पर कान लगाओ मन एक पररषो को जो मर चोट लगाता था अथाWत एक जवान को जो मझ घायल करता था घात षटिकया ह

24 जब कन का पलटा सात गणा लिलया जाएगा तो लमक का सcर गणा लिलया जाएगा 25 और आम अपनी पतनी क पास षटि6र गया और उसन एक पतर को जनम दिया और उसका नाम

यह कह क शत रखा षटिक परमशवर न मर लिलय हाषटिबल की सनती जिजस को कन न घात षटिकया एक और वश ठहरा दिया ह

26 और शत क भी एक पतर उतपनन हआ और उसन उसका नाम एनोश रखा उसी समय स लोग यहोवा स पराथWना करन लग

अधयाय५

01 आम की वशावली यह ह जब परमशवर न मनषय की सषटि की तब अपन ही सवरप म उसकोबनाया

02 उसन नर और नारी करक मनषयो की सषटि की और उनह आशीरषो ी और उनकी सषटि क दिन उनका नाम आम रखा

03 जब आम एक सौ तीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा उसकी समानता म उस ही क सवरप क अनसार एक पतर उतपनन हआ उसका नाम शत रखा

04 और शत क जनम क पशचात आम आठ सौ वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट बदिटया उतपनन हई

05 और आम की कल अवसथा नौ सौ तीस वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 06 जब शत एक सौ पाच वरषोW का हआ तब उसन एनोश को जनम दिया 07 और एनोश क जनम क पशचात शत आठ सौ सात वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 08 और शत की कल अवसथा नौ सौ बारह वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 09 जब एनोश नबब वरषोW का हआ तब उसन कनान को जनम दिया 10 और कनान क जनम क पशचात एनोश आठ सौ पनदरह वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया हई 11 और एनोश की कल अवसथा नौ सौ पाच वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 12 जब कनान सcर वरषोW का हआ तब उसन महललल को जनम दिया 13 और महललल क जनम क पशचात कनान आठ सौ चालीस वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 14 और कनान की कल अवसथा नौ सौ स वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 15 जब महललल पसठ वरषोW का हआ तब उसन यर को जनम दिया 16 और यर क जनम क पशचात महललल आठ सौ तीस वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 17 और महललल की कल अवसथा आठ सौ पचानव वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 18 जब यर एक सौ बासठ वरषोW का हआ जब उसन हनोक को जनम दिया 19 और हनोक क जनम क पशचात यर आठ सौ वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट बदिटया

उतपनन हई 20 और यर की कल अवसथा नौ सौ बासठ वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 21 जब हनोक पसठ वरषोW का हआ तब उसन मतशलह को जनम दिया 22 और मतशलह क जनम क पशचात हनोक तीन सौ वरषोW तक परमशवर क साथ साथ चलता रहा

और उसक और भी बट बदिटया उतपनन हई 23 और हनोक की कल अवसथा तीन सौ पसठ वरषोW की हई 24 और हनोक परमशवर क साथ साथ चलता था षटि6र वह लोप हो गया कयोषटिक परमशवर न उस उठालिलया 25 जब मतशलह एक सौ सcासी वरषोW का हआ तब उसन लमक को जनम दिया 26 और लमक क जनम क पशचात मतशलह सात सौ बयासी वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 27 और मतशलह की कल अवसथा नौ सौ उनहcर वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 28 जब लमक एक सौ बयासी वरषोW का हआ तब उसन एक पतर जनम दिया 29 और यह कहकर उसका नाम नह रखा षटिक यहोवा न जो पथवी को शाप दिया ह उसक षटिवरषोय

यह लडका हमार काम म और उस कदिठन परिरशरम म जो हम करत ह हम को शातनिनत गा 30 और नह क जनम क पशचात लमक पाच सौ पचानव वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 31 और लमक की कल अवसथा सात सौ सतहcर वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 32 और नह पाच सौ वरषोW का हआ और नह न शम और हाम और यपत को जनम दिया

अधयाय६

01 षटि6र जब मनषय भमिम क ऊपर बहत बढन लग और उनक बदिटया उतपनन हई 02 तब परमशवर क पतरो न मनषय की पषटितरयो को खा षटिक व सनर ह सो उनहोन जिजस जिजस को

चाहा उन स बयाह कर लिलया 03 और यहोवा न कहा मरा आतमा मनषय स सा लो षटिववा करता न रहगा कयोषटिक मनषय भी

शरीर ही ह उसकी आय एक सौ बीस वरषोW की होगी 04 उन दिनो म पथवी पर ानव रहत थ और इसक पशचात जब परमशवर क पतर मनषय की पषटितरयो क

पास गए तब उनक दवारा जो सनतान उतपनन हए व पतर शरवीर होत थ जिजनकी कीरतित पराचीन काल स परचलिलत ह

05 और यहोवा न खा षटिक मनषयो की बराई पथवी पर बढ गई ह और उनक मन क षटिवचार म जो कछ उतपनन होता ह सो षटिनरनतर बरा ही होता ह

06 और यहोवा पथवी पर मनषय को बनान स पछताया और वह मन म अषटित खदित हआ 07 तब यहोवा न सोचा षटिक म मनषय को जिजसकी म न सषटि की ह पथवी क ऊपर स मिमटा दगा कया मनषय कया पश कया रगन वाल जनत कया आकाश क पकषी सब को मिमटा दगा कयोषटिक म उनक

बनान स पछताता ह 08 परनत यहोवा क अनगरह की दषटि नह पर बनी रही 09 नह की वशावली यह ह नह म पररषो और अपन समय क लोगो म खरा था और नह परमशवर

ही क साथ साथ चलता रहा 10 और नह स शम और हाम और यपत नाम तीन पतर उतपनन हए 11 उस समय पथवी परमशवर की दषटि म षटिबगड गई थी और उपदरव स भर गई थी 12 और परमशवर न पथवी पर जो दषटि की तो कया खा षटिक वह षटिबगडी हई ह कयोषटिक सब पराणिणयो न पथवी पर अपनी अपनी चाल चलन षटिबगाड ली थी

13 तब परमशवर न नह स कहा सब पराणिणयो क अनत करन का परशन मर सामहन आ गया ह कयोषटिक उनक कारण पथवी उपदरव स भर गई ह इसलिलय म उन को पथवी समत नाश कर डालगा

14 इसलिलय त गोपर वकष की लकडी का एक जहाज बना ल उस म कोठरिरया बनाना और भीतर बाहर उस पर राल लगाना

15 और इस ढग स उसको बनाना जहाज की लमबाई तीन सौ हाथ चौडाई पचास हाथ और ऊचाई तीस हाथ की हो

16 जहाज म एक खिखडकी बनाना और इसक एक हाथ ऊपर स उसकी छत बनाना और जहाज की एक अलग म एक दवार रखना और जहाज म पषटिहला दसरा तीसरा खणड बनाना

17 और सन म आप पथवी पर जलपरलय करक सब पराणिणयो को जिजन म जीवन की आतमा ह आकाश क नीच स नाश करन पर ह और सब जो पथवी पर ह मर जाएग

18 परनत तर सग म वाचा बा(ता ह इसलिलय त अपन पतरो सतरी और बहओ समत जहाज म परवश करना 19 और सब जीषटिवत पराणिणयो म स त एक एक जाषटित क ो ो अथाWत एक नर और एक माा

जहाज म ल जा कर अपन साथ जीषटिवत रखना 20 एक एक जाषटित क पकषी और एक एक जाषटित क पश और एक एक जाषटित क भमिम पर रगनवाल सब म स ो ो तर पास आएग षटिक त उन को जीषटिवत रख 21 और भाषटित भाषटित का भोजय पाथW जो खाया जाता ह उन को त ल कर अपन पास इकटठा कर

रखना सो तर और उनक भोजन क लिलय होगा 22 परमशवर की इस आजञा क अनसार नह न षटिकया

अधयाय७

01 और यहोवा न नह स कहा त अपन सार घरान समत जहाज म जा कयोषटिक म न इस समय क लोगो म स कवल तझी को अपनी दषटि म म खा ह

02 सब जाषटित क शq पशओ म स तो त सात सात अथाWत नर और माा लना पर जो पश शq नही ह उन म स ो ो लना अथाWत नर और माा

03 और आकाश क पणिकषयो म स भी सात सात अथाWत नर और माा लना षटिक उनका वश बचकर सारी पथवी क ऊपर बना रह

04 कयोषटिक अब सात दिन और बीतन पर म पथवी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहगा जिजतनी वसतए म न बनाई ह सब को भमिम क ऊपर स मिमटा दगा

05 यहोवा की इस आजञा क अनसार नह न षटिकया 06 नह की अवसथा छ सौ वरषोW की थी जब जलपरलय पथवी पर आया 07 नह अपन पतरो पतनी और बहओ समत जलपरलय स बचन क लिलय जहाज म गया 08 और शq और अशq ोनो परकार क पशओ म स पणिकषयो 09 और भमिम पर रगन वालो म स भी ो ो अथाWत नर और माा जहाज म नह क पास गए

जिजस परकार परमशवर न नह को आजञा ी थी 10 सात दिन क उपरानत परलय का जल पथवी पर आन लगा 11 जब नह की अवसथा क छ सौव वरषोW क दसर महीन का सcरहवा दिन आया उसी दिन बड

गषटिहर समदर क सब सोत 6ट षटिनकल और आकाश क झरोख खल गए 12 और वरषोाW चालीस दिन और चालीस रात षटिनरनतर पथवी पर होती रही 13 ठीक उसी दिन नह अपन पतर शम हाम और यपत और अपनी पतनी और तीनो बहओ समत 14 और उनक सग एक एक जाषटित क सब बनल पश और एक एक जाषटित क सब घरल पश और

एक एक जाषटित क सब पथवी पर रगन वाल और एक एक जाषटित क सब उडन वाल पकषी जहाज मगए 15 जिजतन पराणिणयो म जीवन की आतमा थी उनकी सब जाषटितयो म स ो ो नह क पास जहाज मगए 16 और जो गए वह परमशवर की आजञा क अनसार सब जाषटित क पराणिणयो म स नर और माा गए

तब यहोवा न उसका दवार बन कर दिया 17 और पथवी पर चालीस दिन तक परलय होता रहा और पानी बहत बढता ही गया जिजस स जहाज

ऊपर को उठन लगा और वह पथवी पर स ऊचा उठ गया 18 और जल बढत बढत पथवी पर बहत ही बढ गया और जहाज जल क ऊपर ऊपर तरता रहा 19 और जल पथवी पर अतयनत बढ गया यहा तक षटिक सारी रती पर जिजतन बड बड पहाड थ सब

डब गए 20 जल तो पनदरह हाथ ऊपर बढ गया और पहाड भी डब गए 21 और कया पकषी कया घरल पश कया बनल पश और पथवी पर सब चलन वाल पराणी और

जिजतन जनत पथवी म बहतायत स भर गए थ व सब और सब मनषय मर गए 22 जो जो सथल पर थ उन म स जिजतनो क नथनो म जीवन का शवास था सब मर मिमट 23 और कया मनषय कया पश कया रगन वाल जनत कया आकाश क पकषी जो जो भमिम पर थ सो

सब पथवी पर स मिमट गए कवल नह और जिजतन उसक सग जहाज म थ व ही बच गए 24 और जल पथवी पर एक सौ पचास दिन तक परबल रहा

अधयाय८

01 और परमशवर न नह की और जिजतन बनल पश और घरल पश उसक सग जहाज म थ उन सभो की सलि ली और परमशवर न पथवी पर पवन बहाई और जल घटन लगा

02 और गषटिहर समदर क सोत और आकाश क झरोख ब हो गए और उसस जो वरषोाW होती थी सो

भी थम गई 03 और एक सौ पचास दिन क पशचात जल पथवी पर स लगातार घटन लगा 04 सातव महीन क सcरहव दिन को जहाज अरारात नाम पहाड पर दिटक गया 05 और जल सव महीन तक घटता चला गया और सव महीन क पषटिहल दिन को पहाडो की

चोदिटया दिखलाई ी 06 षटि6र ऐसा हआ षटिक चालीस दिन क पशचात नह न अपन बनाए हए जहाज की खिखडकी को खोलकर एक कौआ उडा दिया 07 वह जब तक जल पथवी पर स सख न गया तब तक कौआ इर उर षटि6रता रहा 08 षटि6र उसन अपन पास स एक कबतरी को उडा दिया षटिक ख षटिक जल भमिम स घट गया षटिकनही 09 उस कबतरी को अपन पर क तल टकन क लिलय कोई आार न मिमला सो वह उसक पास जहाज म लौट आई कयोषटिक सारी पथवी क ऊपर जल ही जल छाया था तब उसन हाथ बढा कर उस अपन

पास जहाज म ल लिलया 10 तब और सात दिन तक ठहर कर उसन उसी कबतरी को जहाज म स षटि6र उडा दिया 11 और कबतरी साझ क समय उसक पास आ गई तो कया खा षटिक उसकी चोच म जलपाई का

एक नया पcा ह इस स नह न जान लिलया षटिक जल पथवी पर घट गया ह 12 षटि6र उसन सात दिन और ठहरकर उसी कबतरी को उडा दिया और वह उसक पास षटि6र कभी

लौट कर न आई 13 षटि6र ऐसा हआ षटिक छ सौ एक वरषोW क पषटिहल महीन क पषटिहल दिन जल पथवी पर स सख गया

तब नह न जहाज की छत खोल कर कया खा षटिक रती सख गई ह 14 और दसर महीन क सताईसव दिन को पथवी परी रीषटित स सख गई 15 तब परमशवर न नह स कहा 16 त अपन पतरो पतनी और बहओ समत जहाज म स षटिनकल आ 17 कया पकषी कया पश कया सब भाषटित क रगन वाल जनत जो पथवी पर रगत ह जिजतन शरीरारी

जीवजनत तर सग ह उस सब को अपन साथ षटिनकाल ल आ षटिक पथवी पर उन स बहत बचच उतपननहो और व 6ल-6ल और पथवी पर 6ल जाए 18 तब नह और उसक पतर और पतनी और बहए षटिनकल आई 19 और सब चौपाए रगन वाल जनत और पकषी और जिजतन जीवजनत पथवी पर चलत षटि6रत ह

सो सब जाषटित जाषटित करक जहाज म स षटिनकल आए 20 तब नह न यहोवा क लिलय एक वी बनाई और सब शq पशओ और सब शq पणिकषयो म स

कछ कछ ल कर वी पर होमबलिल चढाया 21 इस पर यहोवा न सखायक सग( पाकर सोचा षटिक मनषय क कारण म षटि6र कभी भमिम को

शाप न दगा यदयषटिप मनषय क मन म बचपन स जो कछ उतपनन होता ह सो बरा ही होता ह तौभी जसा म न सब जीवो को अब मारा ह वसा उन को षटि6र कभी न मारगा

22 अब स जब तक पथवी बनी रहगी तब तक बोन और काटन क समय ठणड और तपन पकाल और शीतकाल दिन और रात षटिनरनतर होत चल जाएग

अधयाय९

01 षटि6र परमशवर न नह और उसक पतरो को आशीरषो ी और उन स कहा षटिक 6लो-6लो और बढो और पथवी म भर जाओ

02 और तमहारा डर और भय पथवी क सब पशओ और आकाश क सब पणिकषयो और भमिम पर क सब रगन वाल जनतओ और समदर की सब मछलिलयो पर बना रहगा व सब तमहार वश म कर दिए जात ह

03 सब चलन वाल जनत तमहारा आहार होग जसा तम को हर हर छोट पड दिए थ वसा ही अब सब कछ ता ह

04 पर मास को पराण समत अथाWत लोह समत तम न खाना 05 और षटिनशचय म तमहारा लोह अथाWत पराण का पलटा लगा सब पशओ और मनषयो ोनो स म

उस लगा मनषय क पराण का पलटा म एक एक क भाई ब( स लगा 06 जो कोई मनषय का लोह बहाएगा उसका लोह मनषय ही स बहाया जाएगा कयोषटिक परमशवर न

मनषय को अपन ही सवरप क अनसार बनाया ह 07 और तम तो 6लो-6लो और बढो और पथवी म बहत बचच जनमा क उस म भर जाओ 08 षटि6र परमशवर न नह और उसक पतरो स कहा 09 सनो म तमहार साथ और तमहार पशचात जो तमहारा वश होगा उसक साथ भी वाचा बा(ता ह 10 और सब जीषटिवत पराणिणयो स भी जो तमहार सग ह कया पकषी कया घरल पश कया पथवी क सब

बनल पश पथवी क जिजतन जीवजनत जहाज स षटिनकल ह सब क साथ भी मरी यह वाचा ब(ती ह 11 और म तमहार साथ अपनी इस वाचा को परा करगा षटिक सब पराणी षटि6र जलपरलय स नाश नहोग और पथवी क नाश करन क लिलय षटि6र जलपरलय न होगा 12 षटि6र परमशवर न कहा जो वाचा म तमहार साथ और जिजतन जीषटिवत पराणी तमहार सग ह उन सब

क साथ भी यग यग की पीदिढय़ो क लिलय बा(ता ह उसका यह लिचनह ह 13 षटिक म न बाल म अपना नरषो रखा ह वह मर और पथवी क बीच म वाचा का लिचनह होगा 14 और जब म पथवी पर बाल 6लाऊ जब बाल म नरषो ख पडगा 15 तब मरी जो वाचा तमहार और सब जीषटिवत शरीरारी पराणिणयो क साथ बा(ी ह उसको म समरण करगा तब ऐसा जलपरलय षटि6र न होगा जिजस स सब पराणिणयो का षटिवनाश हो 16 बाल म जो नरषो होगा म उस ख क यह सा की वाचा समरण करगा जो परमशवर क और

पथवी पर क सब जीषटिवत शरीरारी पराणिणयो क बीच ब(ी ह 17 षटि6र परमशवर न नह स कहा जो वाचा म न पथवी भर क सब पराणिणयो क साथ बा(ी ह उसका

लिचनह यही ह 18 नह क जो पतर जहाज म स षटिनकल व शम हाम और यपत थ और हाम तो कनान का षटिपताहआ 19 नह क तीन पतर य ही ह और इनका वश सारी पथवी पर 6ल गया 20 और नह षटिकसानी करन लगा और उसन ाख की बारी लगाई 21 और वह ाखम पीकर मतवाला हआ और अपन तमब क भीतर नगा हो गया 22 तब कनान क षटिपता हाम न अपन षटिपता को नगा खा और बाहर आकर अपन ोनो भाइयो को

बतला दिया 23 तब शम और यपत ोनो न कपडा ल कर अपन क(ो पर रखा और पीछ की ओर उलटा

चलकर अपन षटिपता क नग तन को ढाप दिया और व अपना मख पीछ षटिकए हए थ इसलिलय उनहोन अपन षटिपता को नगा न खा

24 जब नह का नशा उतर गया तब उसन जान लिलया षटिक उसक छोट पतर न उसस कया षटिकया ह 25 इसलिलय उसन कहा कनान शाषटिपत हो वह अपन भाई ब(ओ क ासो का ास हो 26 षटि6र उसन कहा शम का परमशवर यहोवा नय ह और कनान शम का ास होव 27 परमशवर यपत क वश को 6लाए और वह शम क तमबओ म बस और कनान उसका ासहोव 28 जलपरलय क पशचात नह साढ तीन सौ वरषोW जीषटिवत रहा 29 और नह की कल अवसथा साढ नौ सौ वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया

अधयाय१०

01 नह क पतर जो शम हाम और यपत थ उनक पतर जलपरलय क पशचात उतपनन हए उनकी वशावली यह ह

02 यपत क पतर गोमर मागोग मा यावान तबल मशक और तीरास हए 03 और गोमर क पतर अशकनज रीपत और तोगमाW हए 04 और यावान क वश म एलीशा और तशश और षटिकcी और ोानी लोग हए 05 इनक वश अनयजाषटितयो क दवीपो क शो म ऐस बट गए षटिक व णिभनन णिभनन भारषोाओ कलो और

जाषटितयो क अनसार अलग अलग हो गए 06 षटि6र हाम क पतर कश और मिमसर और 6त और कनान हए 07 और कश क पतर सबा हवीला सबता रामा और सबतका हए और रामा क पतर शबा और

ान हए 08 और कश क वश म षटिनमरो भी हआ पथवी पर पषटिहला वीर वही हआ ह 09 वही यहोवा की दषटि म पराकरमी णिशकार खलन वाला ठहरा इस स यह कहावत चली ह षटिक

षटिनमरो क समान यहोवा की दषटि म पराकरमी णिशकार खलन वाला 10 और उसक राजय का आरमभ णिशनार श म बाबल अकक और कलन हआ 11 उस श स वह षटिनकल कर अशशर को गया और नीनव रहोबोतीर और कालह को 12 और नीनव और कालह क बीच रसन ह उस भी बसाया बडा नगर यही ह 13 और मिमसर क वश म ली अनामी लहाबी नपतही 14 और पतरसी कसलही और कपतोरी लोग हए कसलषटिहयो म स तो पलिलशती लोग षटिनकल 15 षटि6र कनान क वश म उसका जयषठ सीोन तब षटिहc 16 और यबसी एमोरी षटिगगाWशी 17 षटिहववी अक सीनी 18 अवWी समारी और हमाती लोग भी हए षटि6र कनाषटिनयो क कल भी 6ल गए 19 और कनाषटिनयो का लिसवाना सीोन स ल कर गरार क मागW स हो कर अजजा तक और षटि6र सोम

और अमोरा और अमा और सबोयीम क मागW स हो कर लाशा तक हआ 20 हाम क वश म य ही हए और य णिभनन णिभनन कलो भारषोाओ शो और जाषटितयो क अनसार

अलग अलग हो गए 21 षटि6र शम जो सब एबरवणिशयो का मलपररषो हआ और जो यपत का जयषठ भाई था उसक भी

पतर उतपनन हए 22 शम क पतर एलाम अशशर अपWकष ल और आराम हए 23 और आराम क पतर ऊस हल गतर और मश हए 24 और अपWकष न शलह को और शलह न एबर को जनम दिया 25 और एबर क ो पतर उतपनन हए एक का नाम पलग इस कारण रखा गया षटिक उसक दिनो म पथवी

बट गई और उसक भाई का नाम योकतान ह 26 और योकतान न अलमोा शलप हसमाWवत थरह 27 योरवाम ऊजाल दिकला 28 ओबाल अबीमाएल शबा 29 ओपीर हवीला और योबाब को जनम दिया य ही सब योकतान क पतर हए 30 इनक रहन का सथान मशा स ल कर सपारा जो पवW म एक पहाड ह उसक मागW तक हआ 31 शम क पतर य ही हए और य णिभनन णिभनन कलो भारषोाओ शो और जाषटितयो क अनसार अलग

अलग हो गए 32 नह क पतरो क घरान य ही ह और उनकी जाषटितयो क अनसार उनकी वशावलिलया य ही ह और

जलपरलय क पशचात पथवी भर की जाषटितया इनही म स हो कर बट गई

अधयाय११

1 11|01 सारी पथवी पर एक ही भारषोा और एक ही बोली थी 11|02 उस समय लोग पवW की और चलत चलत णिशनार श म एक मान पाकर उस म बस गए 11|03 तब व आपस म कहन लग षटिक आओ हम ईट बना बना क भली भाषटित आग म पकाए

और उनहोन पतथर क सथान म ईट स और चन क सथान म मिमटटी क गार स काम लिलया 11|04 षटि6र उनहोन कहा आओ हम एक नगर और एक गममट बना ल जिजसकी चोटी आकाश स

बात कर इस परकार स हम अपना नाम कर ऐसा न हो षटिक हम को सारी पथवी पर 6लना पड 11|05 जब लोग नगर और गममट बनान लग तब इनह खन क लिलय यहोवा उतर आया 11|06 और यहोवा न कहा म कया खता ह षटिक सब एक ही ल क ह और भारषोा भी उन सब की

एक ही ह और उनहोन ऐसा ही काम भी आरमभ षटिकया और अब जिजतना व करन का यतन करग उस म स कछ उनक लिलय अनहोना न होगा

11|07 इसलिलय आओ हम उतर क उनकी भारषोा म बडी गडबडी डाल षटिक व एक दसर की बोली को न समझ सक

11|08 इस परकार यहोवा न उन को वहा स सारी पथवी क ऊपर 6ला दिया और उनहोन उस नगर का बनाना छोड दिया

11|09 इस कारण उस नगर को नाम बाबल पडा कयोषटिक सारी पथवी की भारषोा म जो गडबडी ह सो यहोवा न वही डाली और वही स यहोवा न मनषयो को सारी पथवी क ऊपर 6ला दिया

11|10 शम की वशावली यह ह जल परलय क ो वरषोW पशचात जब शम एक सौ वरषोW का हआ तब उसन अपWकष को जनम दिया

11|11 और अपWकष न जनम क पशचात शम पाच सौ वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट बदिटया उतपनन हई

11|12 जब अपWकष पतीस वरषोW का हआ तब उसन शलह को जनम दिया 11|13 और शलह क जनम क पशचात अपWकष चार सौ तीन वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और

भी बट बदिटया उतपनन हई 11|14 जब शलह तीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा एबर को जनम हआ 11|15 और एबर क जनम क पशचात शलह चार सौ तीन वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 11|16 जब एबर चौतीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा पलग का जनम हआ 11|17 और पलग क जनम क पशचात एबर चार सौ तीस वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 11|18 जब पलग तीस वरषोW को हआ तब उसक दवारा र का जनम हआ 11|19 और र क जनम क पशचात पलग ो सौ नौ वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 11|20 जब र बcीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा सरग का जनम हआ 11|21 और सरग क जनम क पशचात र ो सौ सात वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 11|22 जब सरग तीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा नाहोर का जनम हआ 11|23 और नाहोर क जनम क पशचात सरग ो सौ वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 11|24 जब नाहोर उनतीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा तरह का जनम हआ 11|25 और तरह क जनम क पशचात नाहोर एक सौ उननीस वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और

भी बट बदिटया उतपनन हई 11|26 जब तक तरह सcर वरषोW का हआ तब तक उसक दवारा अबराम और नाहोर और हारान

उतपनन हए 11|27 तरह की यह वशावली ह तरह न अबराम और नाहोर और हारान को जनम दिया और

हारान न लत को जनम दिया 11|28 और हारान अपन षटिपता क सामहन ही कखिसयो क ऊर नाम नगर म जो उसकी जनम भमिम

थी मर गया 11|29 अबराम और नाहोर न सतरिसतरया बयाह ली अबराम की पतनी का नाम तो सार और नाहोर की

पतनी का नाम मिमलका था यह उस हारान की बटी थी जो मिमलका और मियसका ोनो का षटिपता था 11|30 सार तो बाझ थी उसक सतान न हई 11|31 और तरह अपना पतर अबराम और अपना पोता लत जो हारान का पतर था और अपनी बहसार जो उसक पतर अबराम की पतनी थी इन सभो को ल कर कखिसयो क ऊर नगर स षटिनकल कनान

श जान को चला पर हारान नाम श म पहचकर वही रहन लगा 11|32 जब तरह ो सौ पाच वरषोW का हआ तब वह हारान श म मर गया

अधयाय१२

01 यहोवा न अबराम स कहा अपन श और अपनी जनमभमिम और अपन षटिपता क घर को छोडकर उस श म चला जा जो म तझ दिखाऊगा

02 और म तझ स एक बडी जाषटित बनाऊगा और तझ आशीरषो दगा और तरा नाम बडा करगा और त आशीरषो का मल होगा

03 और जो तझ आशीवाW उनह म आशीरषो दगा और जो तझ कोस उस म शाप दगा और भमणडल क सार कल तर दवारा आशीरषो पाएग

04 यहोवा क इस वचन क अनसार अबराम चला और लत भी उसक सग चला और जब अबराम हारान श स षटिनकला उस समय वह पचहcर वरषोW का था

05 सो अबराम अपनी पतनी सार और अपन भतीज लत को और जो न उनहोन इकटठा षटिकया था और जो पराणी उनहोन हारान म परापत षटिकए थ सब को ल कर कनान श म जान को षटिनकल चला और व कनान श म आ भी गए

06 उस श क बीच स जात हए अबराम शकम म जहा मोर का बाज वकष ह पहचा उस समय उस श म कनानी लोग रहत थ

07 तब यहोवा न अबराम को शWन कर कहा यह श म तर वश को दगा और उसन वहा यहोवा क लिलय जिजसन उस शWन दिया था एक वी बनाई

08 षटि6र वहा स कच करक वह उस पहाड पर आया जो बतल क पवW की ओर ह और अपना तमब उस सथान म खडा षटिकया जिजसकी पचछिचछम की ओर तो बतल और पवW की ओर ऐ ह और वहा भी उसन यहोवा क लिलय एक वी बनाई और यहोवा स पराथWना की

09 और अबराम कच करक चछिकखन श की ओर चला गया 10 और उस श म अकाल पडा और अबराम मिमसर श को चला गया षटिक वहा परशी हो कर रह --

कयोषटिक श म भयकर अकाल पडा था 11 षटि6र ऐसा हआ षटिक मिमसर क षटिनकट पहचकर उसन अपनी पतनी सार स कहा सन मझ मालमह षटिक त एक सनर सतरी ह 12 इस कारण जब मिमसरी तझ खग तब कहग यह उसकी पतनी ह सो व मझ को तो मार डालग

पर तझ को जीती रख लग 13 सो यह कहना षटिक म उसकी बषटिहन ह जिजस स तर कारण मरा कलयाण हो और मरा पराण तर

कारण बच 14 षटि6र ऐसा हआ षटिक जब अबराम मिमसर म आया तब मिमणिसरयो न उसकी पतनी को खा षटिक यह

अषटित सनर ह 15 और षटि6रौन क हाषटिकमो न उसको खकर षटि6रौन क सामहन उसकी परशसा की सो वह सतरी

षटि6रौन क घर म रखी गई 16 और उसन उसक कारण अबराम की भलाई की सो उसको भड-बकरी गाय-बल ास-ालिसया गह-गषटिहया और ऊट मिमल

17 तब यहोवा न षटि6रौन और उसक घरान पर अबराम की पतनी सार क कारण बडी बडी षटिवपलिcयाडाली 18 सो षटि6रौन न अबराम को बलवा कर कहा त न मझ स कया षटिकया ह त न मझ कयो नही बताया

षटिक वह तरी पतनी ह 19 त न कयो कहा षटिक वह तरी बषटिहन ह म न उस अपनी ही पतनी बनान क लिलय लिलया परनत अब

अपनी पतनी को ल कर यहा स चला जा 20 और षटि6रौन न अपन आमिमयो को उसक षटिवरषोय म आजञा ी और उनहोन उसको और उसकी

पतनी को सब समपलिc समत जो उसका था षटिवा कर दिया

अधयाय१३

01 तब अबराम अपनी पतनी और अपनी सारी समपतति ल कर लत को भी सग लिलय हए मिमसर को छोड़ कर कनान क दततति$न दश म आया

02 अबराम भड़-बकरी गाय-बल और सोन- रप का बड़ा धनी था 03 फिर वह दततति$न दश स चलकर बतल क पास उसी सथान को पहचा जहा उसका तमब पहल पड़ा था

जो बतल और ऐ क बीच म ह 04 यह सथान उस वदी का ह जिजस उसन पहल बनाई थी और वहा अबराम न फिर यहोवा स पराथना की 05 और लत क पास भी जो अबराम क साथ चलता था भड़-बकरी गाय-बल और तमब थ 06 सो उस दश म उन दोनो की समाई न हो सकी फिक व इकटठ रह $योफिक उनक पास बहत धन था इसलिलय व

इकटठ न रह सक 07 सो अबराम और लत की भड़-बकरी और गाय- बल क चरवाहो क बीच म झगड़ा हआ और उस समयकनानी और परिरजजी लोग उस दश म रहत थ 08 तब अबराम लत स कहन लगा मर और तर बीच और मर और तर चरवाहो क बीच म झगड़ा न होन पाए

$योफिक हम लोग भाई बनध ह 09 $या सारा दश तर सामहन नही सो मझ स अलग हो यदिद त बाई ओर जाए तो म दाफिहनी ओर जाऊगा

और यदिद त दाफिहनी ओर जाए तो म बाई ओर जाऊगा 10 तब लत न आ उठा कर यरदन नदी क पास वाली सारी तराई को दा फिक वह सब सिसची हई ह जब

तक यहोवा न सदोम और अमोरा को नाश न फिकया था तब तक सोअर क माग तक वह तराई यहोवा कीबादिNका और मिमसर दश क समान उपजाऊ थी 11 सो लत अपन लिलय यरदन की सारी तराई को चन क पव की ओर चला और व एक दसर स अलग होगए 12 अबराम तो कनान दश म रहा पर लत उस तराई क नगरो म रहन लगा और अपना तमब सदोम क फिनकN

ड़ा फिकया 13 सदोम क लोग यहोवा क ल म बड़ दषट और पापी थ 14 जब लत अबराम स अलग हो गया तब उसक पशचात यहोवा न अबराम स कहा आ उठा कर जिजस सथान

पर त ह वहा स उर-दततति$न पव-पततिशचम चारो ओर दमिषट कर 15 $योफिक जिजतनी भमिम तझ दिदाई दती ह उस सब को म तझ और तर वश को यग यग क लिलय दगा 16 और म तर वश को पथवी की धल क फिकनको की नाई बहत करगा यहा तक फिक जो कोई पथवी की धल

क फिकनको को फिगन सकगा वही तरा वश भी फिगन सकगा 17 उठ इस दश की लमबाई और चौड़ाई म चल फिर $योफिक म उस तझी को दगा 18 इसक पशचात अबराम अपना तमब उाड़ कर मामर क बाजो क बीच जो हबरोन म थ जा कर रहन लगा

और वहा भी यहोवा की एक वदी बनाई

अधयाय१४

01 णिशनार क राजा अमरापल और एललासार क राजा अयक और एलाम क राजा कोलाWओमर और गोयीम क राजा षटिताल क दिनो म ऐसा हआ

02 षटिक उनहोन सोम क राजा बरा और अमोरा क राजा षटिबशाW और अमा क राजा णिशनाब और सबोयीम क राजा शमबर और बला जो सोअर भी कहलाता ह इन राजाओ क षटिवरq यq षटिकया

03 इन पाचो न लिसददीम नाम तराई म जो खार ताल क पास ह एका षटिकया 04 बारह वरषोW तक तो य कोलाWओमर क आीन रह पर तरहव वरषोW म उसक षटिवरq उठ 05 सो चौहव वरषोW म कोलाWओमर और उसक सगी राजा आए और अशतरोतकनम म रपाइयोको और हाम म जजिजयो को और शबषटिकयाWतम म एमिमयो को 06 और सईर नाम पहाड म होरिरयो को मारत मारत उस एलपारान तक जो जगल क पास ह पहचगए 07 वहा स व लौट कर एनधिनमशपात को आए जो काश भी कहलाता ह और अमालषटिकयो क सार

श को और उन एमोरिरयो को भी जीत लिलया जो हससोनतामार म रहत थ 08 तब सोम अमोरा अमा सबोयीम और बला जो सोअर भी कहलाता ह इनक राजाषटिनकल और लिसददीम नाम तराई म उनक साथ यq क लिलय पाषटित बा(ी 09 अथाWत एलाम क राजा कोलाWओमर गोयीम क राजा षटिताल णिशनार क राजा अमरापल और

एललासार क राजा अयक इन चारो क षटिवरq उन पाचो न पाषटित बा(ी 10 लिसददीम नाम तराई म जहा लसार मिमटटी क गडह ही गडह थ सोम और अमोरा क राजा भागत

भागत उन म षटिगर पड और जो बच व पहाड पर भाग गए 11 तब व सोम और अमोरा क सार न और भोजन वसतओ को लट लाट कर चल गए 12 और अबराम का भतीजा लत जो सोम म रहता था उसको भी न समत व ल कर चल गए 13 तब एक जन जो भाग कर बच षटिनकला था उसन जा कर इबरी अबराम को समाचार दिया अबराम

तो एमोरी मामर जो एशकोल और आनर का भाई था उसक बाज वझो क बीच म रहता था और य लोग अबराम क सग वाचा बा( हए थ

14 यह सनकर षटिक उसका भतीजा ब(आई म गया ह अबराम न अपन तीन सौ अठारह णिशणिकषत यq कौशल म षटिनपण ासो को ल कर जो उसक कटमब म उतपनन हए थ असतर शसतर ारण करक ान तक उनका पीछा षटिकया

15 और अपन ासो क अलग अलग ल बा(कर रात को उन पर चढाई करक उन को मार लिलया और होबा तक जो मिमशक की उcर ओर ह उनका पीछा षटिकया

16 और सार न को और अपन भतीज लत और उसक न को और सतरिसतरयो को और सब ब(ओ को लौटा ल आया

17 जब वह कोलाWओमर और उसक साथी राजाओ को जीत कर लौटा आता था तब सोम का राजा शाव नाम तराई म जो राजा की भी कहलाती ह उसस भट करन क लिलय आया

18 जब शालम का राजा मलकीसक जो परमपरान ईशवर का याजक था रोटी और ाखम लआया 19 और उसन अबराम को यह आशीवाW दिया षटिक परमपरान ईशवर की ओर स जो आकाश और

पथवी का अलिकारी ह त नय हो 20 और नय ह परमपरान ईशवर जिजसन तर दरोषटिहयो को तर वश म कर दिया ह तब अबराम न

उसको सब का शमाश दिया 21 जब सोम क राजा न अबराम स कहा पराणिणयो को तो मझ और न को अपन पास रख 22 अबराम न सोम क राजा स कहा परमपरान ईशवर यहोवा जो आकाश और पथवी का अलिकारी ह 23 उसकी म यह शपथ खाता ह षटिक जो कछ तरा ह उस म स न तो म एक सत और न जती काब(न न कोई और वसत लगा षटिक त ऐसा न कहन पाए षटिक अबराम मर ही कारण नी हआ

24 पर जो कछ इन जवानो न खा लिलया ह और उनका भाग जो मर साथ गए थ अथाWत आनर एशकोल और मामर म नही लौटाऊगा व तो अपना अपना भाग रख ल

अधयाय१५

01 इन बातो क पशचात यहोवा को यह वचन दशन म अबराम क पास पहचा फिक ह अबराम मत डर तरी ढाल और तरा अतयनत बड़ा ल म ह

02 अबराम न कहा ह परभ यहोवा म तो फिनव^श ह और मर घर का वारिरस यह दमिमशकी एलीएजर होगा सो त मझ $या दगा

03 और अबराम न कहा मझ तो त न वश नही दिदया और $या दता ह फिक मर घर म उतपनन हआ एक जन मरा वारिरस होगा

04 तब यहोवा का यह वचन उसक पास पहचा फिक यह तरा वारिरस न होगा तरा जो फिनज पतर होगा वही तरा वारिरस होगा

05 और उसन उसको बाहर ल जाक कहा आकाश की ओर दमिषट करक तारागण को फिगन $या त उन को फिगन सकता ह फिर उसन उसस कहा तरा वश ऐसा ही होगा

06 उसन यहोवा पर फिवशवास फिकया और यहोवा न इस बात को उसक ल म धम फिगना 07 और उसन उसस कहा म वही यहोवा ह जो तझ कसदिfदयो क ऊर नगर स बाहर ल आया फिक तझ को इस

दश का अमिधकार द 08 उसन कहा ह परभ यहोवा म कस जान फिक म इसका अमिधकारी हगा 09 यहोवा न उसस कहा मर लिलय तीन वरष की एक कलोर और तीन वरष की एक बकरी और तीन वरष का

एक मढ़ा और एक फिपणडक और कबतर का एक बचचा ल 10 और इन सभो को ल कर उसन बीच म स दो Nकड़ कर दिदया और Nकड़ो को आमहन- सामहन रा पर

लिचफिडय़ाओ को उसन Nकड़ न फिकया 11 और जब मासाहारी पकषी लोथो पर झपN तब अबराम न उनह उड़ा दिदया 12 जब सय अfत होन लगा तब अबराम को भारी नीद आई और दो अतयनत भय और अनधकार न उस छा लिलया 13 तब यहोवा न अबराम स कहा यह फिनशचय जान फिक तर वश पराए दश म परदशी हो कर रहग और उसक

दश क लोगो क दास हो जाएग और व उन को चार सौ वरष लो द दग 14 फिर जिजस दश क व दास होग उसको म दणड दगा और उसक पशचात व बड़ा धन वहा स ल कर फिनकलआएग 15 त तो अपन फिपतरो म कशल क साथ मिमल जाएगा तझ पर बढ़ाप म मिमटटी दी जाएगी 16 पर व चौथी पीढ़ी म यहा फिर आएग $योफिक अब तक एमोरिरयो का अधम परा नही हआ 17 और ऐसा हआ फिक जब सय अfत हो गया और घोर अनधकार छा गया तब एक अगठी जिजस म स धआ

उठता था और एक जलता हआ पलीता द पड़ा जो उन Nकड़ो क बीच म स हो कर फिनकल गया 18 उसी दिदन यहोवा न अबराम क साथ यह वाचा बानधी फिक मिमसर क महानद स ल कर परात नाम बड़ नद तक

जिजतना दश ह 19 अथात कफिनयो कफिनतततिजजयो कदक़ोफिनयो 20 फिहततियो परीतततिजजयो रपाइयो 21 एमोरिरयो कनाफिनयो फिगगालिशयो और यबलिसयो का दश म न तर वश को दिदया ह

अधयाय१६

01 अबराम की पतनी सार क कोई सनतान न थी और उसक हाजिजरा नाम की एक मिमसरी लौडी थी 02 सो सार न अबराम स कहा ख यहोवा न तो मरी कोख बन कर रखी ह सो म तझ स षटिबनती

करती ह षटिक त मरी लौडी क पास जा समभव ह षटिक मरा घर उसक दवारा बस जाए 03 सो सार की यह बात अबराम न मान ली सो जब अबराम को कनान श म रहत स वरषोW बीत चक

तब उसकी सतरी सार न अपनी मिमसरी लौडी हाजिजरा को ल कर अपन पषटित अबराम को दिया षटिक वह उसकी पतनी हो

04 और वह हाजिजरा क पास गया और वह गभWवती हई और जब उसन जाना षटिक वह गभWवती ह तब वह अपनी सवामिमनी को अपनी दषटि म तचछ समझन लगी

05 तब सार न अबराम स कहा जो मझ पर उपदरव हआ सो तर ही लिसर पर हो म न तो अपनी लौडी को तरी पतनी कर दिया पर जब उसन जाना षटिक वह गभWवती ह तब वह मझ तचछ समझन लगी सो

यहोवा मर और तर बीच म नयाय कर 06 अबराम न सार स कहा ख तरी लौडी तर वश म ह जसा तझ भला लग वसा ही उसक साथ

कर सो सार उसको द ख न लगी और वह उसक सामहन स भाग गई 07 तब यहोवा क दत न उसको जगल म शर क मागW पर जल क एक सोत क पास पाकर कहा 08 ह सार की लौडी हाजिजरा त कहा स आती और कहा को जाती ह उसन कहा म अपनी

सवामिमनी सार क सामहन स भाग आई ह 09 यहोवा क दत न उसस कहा अपनी सवामिमनी क पास लौट जा और उसक वश म रह 10 और यहोवा क दत न उसस कहा म तर वश को बहत बढाऊगा यहा तक षटिक बहतायत क

कारण उसकी गणना न हो सकगी 11 और यहोवा क दत न उसस कहा ख त गभWवती ह और पतर जनगी सो उसका नाम इशमाएलरखना कयोषटिक यहोवा न तर द ख का हाल सन लिलया ह 12 और वह मनषय बनल गह क समान होगा उसका हाथ सबक षटिवरq उठगा और सब क हाथ

उसक षटिवरq उठ ग और वह अपन सब भाई ब(ओ क मधय म बसा रहगा 13 तब उसन यहोवा का नाम जिजसन उसस बात की थी अcाएलरोई रखकर कहा षटिक कया म यहा

भी उसको जात हए खन पाई जो मरा खनहारा ह 14 इस कारण उस कए का नाम लहरोई कआ पडा वह तो काश और बर क बीच म ह 15 सो हाजिजरा अबराम क दवारा एक पतर जनी और अबराम न अपन पतर का नाम जिजस हाजिजराजनी इशमाएल रखा 16 जब हाजिजरा न अबराम क दवारा इशमाएल को जनम दिया उस समय अबराम लिछयासी वरषोW का था

अधयाय१७

1 17|01 जब अबराम षटिनननानव वरषोW का हो गया तब यहोवा न उसको शWन कर कहा म सवWशलिकतमान ईशवर ह मरी उपचछिसथषटित म चल और लिसq होता जा

17|02 और म तर साथ वाचा बा(गा और तर वश को अतयनत ही बढाऊगा 17|03 तब अबराम मह क बल षटिगरा और परमशवर उसस यो बात कहता गया 17|04 ख मरी वाचा तर साथ ब(ी रहगी इसलिलय त जाषटितयो क समह का मलषटिपता हो जाएगा 17|05 सो अब स तरा नाम अबराम न रहगा परनत तरा नाम इबराहीम होगा कयोषटिक म न तझ जाषटितयो

क समह का मलषटिपता ठहरा दिया ह 17|06 और म तझ अतयनत ही 6लाऊ 6लाऊगा और तझ को जाषटित जाषटित का मल बना दगा और

तर वश म राजा उतपनन होग 17|07 और म तर साथ और तर पशचात पीढी पीढी तक तर वश क साथ भी इस आशय की यग

यग की वाचा बा(ता ह षटिक म तरा और तर पशचात तर वश का भी परमशवर रहगा 17|08 और म तझ को और तर पशचात तर वश को भी यह सारा कनान श जिजस म त परशी

हो कर रहता ह इस रीषटित दगा षटिक वह यग यग उनकी षटिनज भमिम रहगी और म उनका परमशवर रहगा 17|09 षटि6र परमशवर न इबराहीम स कहा त भी मर साथ बा(ी हई वाचा का पालन करना त और

तर पशचात तरा वश भी अपनी अपनी पीढी म उसका पालन कर 17|10 मर साथ बा(ी हई वाचा जो तझ और तर पशचात तर वश को पालनी पडगी सो यह ह षटिक

तम म स एक एक पररषो का खतना हो 17|11 तम अपनी अपनी खलडी का खतना करा लना जो वाचा मर और तमहार बीच म ह उसका

यही लिचनह होगा 17|12 पीढी पीढी म कवल तर वश ही क लोग नही पर जो तर घर म उतपनन हो वा परणिशयो को

रपा कर मोल लिलय जाए ऐस सब पररषो भी जब आठ दिन क हो जाए तब उनका खतना षटिकयाजाए 17|13 जो तर घर म उतपनन हो अथवा तर रप स मोल लिलया जाए उसका खतना अवशय ही षटिकयाजाए सो मरी वाचा जिजसका लिचनह तमहारी ह म होगा वह यग यग रहगी 17|14 जो पररषो खतनारषटिहत रह अथाWत जिजसकी खलडी का खतना न हो वह पराणी अपन लोगो म स नाश षटिकया जाए कयोषटिक उसन मर साथ बा(ी हई वाचा को तोड दिया

17|15 षटि6र परमशवर न इबराहीम स कहा तरी जो पतनी सार ह उसको त अब सार न कहना उसका नाम सारा होगा

17|16 और म उसको आशीरषो दगा और तझ को उसक दवारा एक पतर दगा और म उसको ऐसी आशीरषो दगा षटिक वह जाषटित जाषटित की मलमाता हो जाएगी और उसक वश म राजय राजय क राजा

उतपनन होग 17|17 तब इबराहीम मह क बल षटिगर पडा और हसा और अपन मन ही मन कहन लगा कया सौ वरषोW

क पररषो क भी सनतान होगा और कया सारा जो नबब वरषोW की ह पतर जनगी 17|18 और इबराहीम न परमशवर स कहा इशमाएल तरी दषटि म बना रह यही बहत ह 17|19 तब परमशवर न कहा षटिनशचय तरी पतनी सारा क तझ स एक पतर उतपनन होगा और त उसका

नाम इसहाक रखना और म उसक साथ ऐसी वाचा बा(गा जो उसक पशचात उसक वश क लिलय यग यग की वाचा होगी

17|20 और इशमाएल क षटिवरषोय म भी म न तरी सनी ह म उसको भी आशीरषो दगा और उस 6लाऊ 6लाऊगा और अतयनत ही बढा दगा उसस बारह परान उतपनन होग और म उसस एक बडी

जाषटित बनाऊगा 17|21 परनत म अपनी वाचा इसहाक ही क साथ बा(गा जो सारा स अगल वरषोW क इसी षटिनयकत

समय म उतपनन होगा 17|22 तब परमशवर न इबराहीम स बात करनी बन की और उसक पास स ऊपर चढ गया 17|23 तब इबराहीम न अपन पतर इशमाएल को उसक घर म जिजतन उतपनन हए थ और जिजतन उसक

रप स मोल लिलय गए थ षटिनान उसक घर म जिजतन पररषो थ उन सभो को लक उसी दिन परमशवर क वचन क अनसार उनकी खलडी का खतना षटिकया

17|24 जब इबराहीम की खलडी का खतना हआ तब वह षटिनननानव वरषोW का था 17|25 और जब उसक पतर इशमाएल की खलडी का खतना हआ तब वह तरह वरषोW का था 17|26 इबराहीम और उसक पतर इशमाएल ोनो का खतना एक ही दिन हआ 17|27 और उसक घर म जिजतन पररषो थ जो घर म उतपनन हए तथा जो परणिशयो क हाथ स मोल

लिलय गए थ सब का खतना उसक साथ ही हआ

अधयाय१८

01 इबराहीम मामर क बाजो क बीच कडी प क समय तमब क दवार पर बठा हआ था तब यहोवा न उस शWन दिया

02 और उसन आख उठा कर दषटि की तो कया खा षटिक तीन पररषो उसक सामहन खड ह जब उसन उनह खा तब वह उन स भट करन क लिलय तमब क दवार स ौडा और भमिम पर षटिगरकर णडवत

की और कहन लगा 03 ह परभ यदि मझ पर तरी अनगरह की दषटि ह तो म षटिबनती करता ह षटिक अपन ास क पास स

चल न जाना 04 म थोडा सा जल लाता ह और आप अपन पाव ोकर इस वकष क तल षटिवशराम कर 05 षटि6र म एक टकडा रोटी ल आऊ और उसस आप अपन जीव को तपत कर तब उसक पशचात

आग बढ कयोषटिक आप अपन ास क पास इसी लिलय पार ह उनहोन कहा जसा त कहता ह वसा ही कर

06 सो इबराहीम न तमब म सारा क पास 6त स जा कर कहा तीन सआ मा 6त स ग( और 6लक बना

07 षटि6र इबराहीम गाय बल क झणड म ौडा और एक कोमल और अचछा बछडा ल कर अपन सवक को दिया और उसन 6त स उसको पकाया

08 तब उसन मकखन और द और वह बछडा जो उसन पकवाया था ल कर उनक आग परोसदिया और आप वकष क तल उनक पास खडा रहा और व खान लग 09 उनहोन उसस पछा तरी पतनी सारा कहा ह उसन कहा वह तो तमब म ह 10 उसन कहा म वसनत ऋत म षटिनशचय तर पास षटि6र आऊगा और तब तरी पतनी सारा क एक पतर

उतपनन होगा और सारा तमब क दवार पर जो इबराहीम क पीछ था सन रही थी 11 इबराहीम और सारा ोनो बहत बढ थ और सारा का सतरीमW बन हो गया था 12 सो सारा मन म हस कर कहन लगी म तो बढी ह और मरा पषटित भी बढा ह तो कया मझ यह

सख होगा 13 तब यहोवा न इबराहीम स कहा सारा यह कहकर कयोहसी षटिक कया मर जो ऐसी बदिढय़ा हो गईह सचमच एक पतर उतपनन होगा 14 कया यहोवा क लिलय कोई काम कदिठन ह षटिनयत समय म अथाWत वसनत ऋत म म तर पास

षटि6र आऊगा और सारा क पतर उतपनन होगा15 तब सारा डर क मार यह कह कर मकर गई षटिक म नही हसी उसन कहा नही त हसी तो थी 16 षटि6र व पररषो वहा स चल कर सोम की ओर ताकन लग और इबराहीम उनह षटिवा करन क लिलय

उनक सग सग चला 17 तब यहोवा न कहा यह जो म करता ह सो कया इबराहीम स लिछपा रख 18 इबराहीम स तो षटिनशचय एक बडी और सामथ जाषटित उपजगी और पथवी की सारी जाषटितया उसक

दवारा आशीरषो पाएगी 19 कयोषटिक म जानता ह षटिक वह अपन पतरो और परिरवार को जो उसक पीछ रह जाएग आजञा गा

षटिक व यहोवा क मागW म अटल बन रह और मW और नयाय करत रह इसलिलय षटिक जो कछ यहोवा न इबराहीम क षटिवरषोय म कहा ह उस परा कर

20 षटि6र यहोवा न कहा सोम और अमोरा की लिचललाहट बढ गई ह और उनका पाप बहत भारी हो गया ह

21 इसलिलय म उतरकर खगा षटिक उसकी जसी लिचललाहट मर कान तक पहची ह उनहोन ठीक वसा ही काम षटिकया ह षटिक नही और न षटिकया हो तो म उस जान लगा

22 सो व पररषो वहा स मड क सोम की ओर जान लग पर इबराहीम यहोवा क आग खडा रहगया 23 तब इबराहीम उसक समीप जा कर कहन लगा कया सचमच द क सग म को भी नाशकरगा 24 कालिचत उस नगर म पचास म हो तो कया त सचमच उस सथान को नाश करगा और उन

पचास रमिमयो क कारण जो उस म हो न छोडगा 25 इस परकार का काम करना तझ स दर रह षटिक द क सग म को भी मार डाल और म और

द ोनो की एक ही शा हो यह तझ स दर रह कया सारी पथवी का नयायी नयाय न कर 26 यहोवा न कहा यदि मझ सोम म पचास म मिमल तो उनक कारण उस सार सथान को छोडगा 27 षटि6र इबराहीम न कहा ह परभ सन म तो मिमटटी और राख ह तौभी म न इतनी दिढठाई की षटिक तझ

स बात कर 28 कालिचत उन पचास रमिमयो म पाच घट जाए तो कया त पाच ही क घटन क कारण उस सार

नगर का नाश करगा उसन कहा यदि मझ उस म पतालीस भी मिमल तौभी उसका नाश न करगा 29 षटि6र उसन उसस यह भी कहा कालिचत वहा चालीस मिमल उसन कहा तो म चालीस क कारण

भी ऐसा न करगा 30 षटि6र उसन कहा ह परभ करो न कर तो म कछ और कह कालिचत वहा तीस मिमल उसन कहा

यदि मझ वहा तीस भी मिमल तौभी ऐसा न करगा 31 षटि6र उसन कहा ह परभ सन म न इतनी दिढठाई तो की ह षटिक तझ स बात कर कालिचत उस म बीस मिमल उसन कहा म बीस क कारण भी उसका नाश न करगा

32 षटि6र उसन कहा ह परभ करो न कर म एक ही बार और कहगा कालिचत उस म स मिमल उसन कहा तो म स क कारण भी उसका नाश न करगा

33 जब यहोवा इबराहीम स बात कर चका तब चला गया और इबराहीम अपन घर को लौट गया

अधयाय१९

01 साझ को व ो दत सोम क पास आए और लत सोम क 6ाटक क पास बठा था सो उन को ख कर वह उन स भट करन क लिलय उठा और मह क बल झक कर णडवत कर कहा

02 ह मर परभओ अपन ास क घर म पारिरए और रात भर षटिवशराम कीजिजए और अपन पावोइय षटि6र भोर को उठ कर अपन मागW पर जाइए उनहोन कहा नही हम चौक ही म रात षटिबताएग 03 और उसन उन स बहत षटिबनती करक उनह मनाया सो व उसक साथ चल कर उसक घर म आए

और उसन उनक लिलय जवनार तयार की और षटिबना खमीर की रोदिटया बनाकर उन को खिखलाई 04 उनक सो जान क पषटिहल उस सोम नगर क पररषोो न जवानो स ल कर बढो तक वरन चारो

ओर क सब लोगो न आकर उस घर को घर लिलया 05 और लत को पकार कर कहन लग षटिक जो पररषो आज रात को तर पास आए ह व कहा ह उन

को हमार पास बाहर ल आ षटिक हम उन स भोग कर 06 तब लत उनक पास दवार क बाहर गया और षटिकवाड को अपन पीछ बन करक कहा 07 ह मर भाइयो ऐसी बराई न करो 08 सनो मरी ो बदिटया ह जिजनहोन अब तक पररषो का मह नही खा इचछा हो तो म उनह तमहार

पास बाहर ल आऊ और तम को जसा अचछा लग वसा वयवहार उन स करो पर इन पररषोो स कछ न करो कयोषटिक य मरी छत क तल आए ह

09 उनहोन कहा हट जा षटि6र व कहन लग त एक परशी हो कर यहा रहन क लिलय आया पर अब नयायी भी बन बठा ह सो अब हम उन स भी अलिक तर साथ बराई करग और व उस पररषो लत को बहत बान लग और षटिकवाड तोडन क लिलय षटिनकट आए

10 तब उन पाहनो न हाथ बढाकर लत को अपन पास घर म खीच लिलया और षटिकवाड को बन कर दिया 11 और उनहोन कया छोट कया बड सब पररषोो को जो घर क दवार पर थ अ(ा कर दिया सो व

दवार को टटोलत टटोलत थक गए 12 षटि6र उन पाहनो न लत स पछा यहा तर और कौन कौन ह ामा बट बदिटया वा नगर म तरा

जो कोई हो उन सभो को ल कर इस सथान स षटिनकल जा 13 कयोषटिक हम यह सथान नाश करन पर ह इसलिलय षटिक उसकी लिचललाहट यहोवा क सममख बढ गईह और यहोवा न हम इसका सतयनाश करन क लिलय भज दिया ह 14 तब लत न षटिनकल कर अपन ामाो को जिजनक साथ उसकी बदिटयो की सगाई हो गई थी

समझा क कहा उठो इस सथान स षटिनकल चलो कयोषटिक यहोवा इस नगर को नाश षटिकया चाहता ह पर वह अपन ामाो की दषटि म ठटठा करन हारा सा जान पडा

15 जब पौ 6टन लगी तब दतो न लत स 6त कराई और कहा षटिक उठ अपनी पतनी और ोनो बदिटयो को जो यहा ह ल जा नही तो त भी इस नगर क अमW म भसम हो जाएगा

16 पर वह षटिवलमब करता रहा इस स उन पररषोो न उसका और उसकी पतनी और ोनो बदिटयो का हाथ पकड लिलया कयोषटिक यहोवा की या उस पर थी और उसको षटिनकाल कर नगर क बाहर कर

दिया 17 और ऐसा हआ षटिक जब उनहोन उन को बाहर षटिनकाला तब उसन कहा अपना पराण ल कर भागजा पीछ की और न ताकना और तराई भर म न ठहरना उस पहाड पर भाग जाना नही तो त भी

भसम हो जाएगा 18 लत न उन स कहा ह परभ ऐसा न कर 19 ख तर ास पर तरी अनगरह की दषटि हई ह और त न इस म बडी कपा दिखाई षटिक मर पराण

को बचाया ह पर म पहाड पर भाग नही सकता कही ऐसा न हो षटिक कोई षटिवपलिc मझ पर आ पड और म मर जाऊ

20 ख वह नगर ऐसा षटिनकट ह षटिक म वहा भाग सकता ह और वह छोटा भी ह मझ वही भाग जान कया वह छोटा नही ह और मरा पराण बच जाएगा

21 उसन उसस कहा ख म न इस षटिवरषोय म भी तरी षटिबनती अगीकार की ह षटिक जिजस नगर की चचाW त न की ह उसको म नाश न करगा

22 6त स वहा भाग जा कयोषटिक जब तक त वहा न पहच तब तक म कछ न कर सकगा इसी कारण उस नगर का नाम सोअर पडा

23 लत क सोअर क षटिनकट पहचत ही सयW पथवी पर उय हआ 24 तब यहोवा न अपनी ओर स सोम और अमोरा पर आकाश स ग(क और आग बरसाई 25 और उन नगरो को और समपणW तराई को और नगरो को और उस समपणW तराई को और नगरो

क सब षटिनवालिसयो भमिम की सारी उपज समत नाश कर दिया 26 लत की पतनी न जो उसक पीछ थी दषटि 6र क पीछ की ओर खा और वह नमक का खमभा

बन गई 27 भोर को इबराहीम उठ कर उस सथान को गया जहा वह यहोवा क सममख खडा था 28 और सोम और अमोरा और उस तराई क सार श की ओर आख उठा कर कया खा षटिक उस

श म स कती हई भटटी का सा आ उठ रहा ह 29 और ऐसा हआ षटिक जब परमशवर न उस तराई क नगरो को जिजन म लत रहता था उलट पलट

कर नाश षटिकया तब उसन इबराहीम को या करक लत को उस घटना स बचा लिलया 30 और लत न सोअर को छोड दिया और पहाड पर अपनी ोनो बदिटयो समत रहन लगा कयोषटिक

वह सोअर म रहन स डरता था इसलिलय वह और उसकी ोनो बदिटया वहा एक ग6ा म रहन लग 31 तब बडी बटी न छोटी स कहा हमारा षटिपता बढा ह और पथवी भर म कोई ऐसा पररषो नही जो

ससार की रीषटित क अनसार हमार पास आए 32 सो आ हम अपन षटिपता को ाखम षटिपला कर उसक साथ सोए जिजस स षटिक हम अपन षटिपता

क वश को बचाए रख 33 सो उनहोन उसी दिन रात क समय अपन षटिपता को ाखम षटिपलाया तब बडी बटी जा कर अपन

षटिपता क पास लट गई पर उसन न जाना षटिक वह कब लटी और कब उठ गई 34 और ऐसा हआ षटिक दसर दिन बडी न छोटी स कहा ख कल रात को म अपन षटिपता क साथसोई सो आज भी रात को हम उसको ाखम षटिपलाए तब त जा कर उसक साथ सोना षटिक हम

अपन षटिपता क दवारा वश उतपनन कर 35 सो उनहोन उस दिन भी रात क समय अपन षटिपता को ाखम षटिपलाया और छोटी बटी जा कर

उसक पास लट गई पर उसको उसक भी सोन और उठन क समय का जञान न था 36 इस परकार स लत की ोनो बदिटया अपन षटिपता स गभWवती हई 37 और बडी एक पतर जनी और उसका नाम मोआब रखा वह मोआब नाम जाषटित का जो आज

तक ह मलषटिपता हआ 38 और छोटी भी एक पतर जनी और उसका नाम बनममी रखा वह अममोन वणिशयो का जो आज

तक ह मलषटिपता हआ

अधयाय२०

01 षटि6र इबराहीम वहा स कच कर चछिकखन श म आकर काश और शर क बीच म ठहरा और गरार म रहन लगा

02 और इबराहीम अपनी पतनी सारा क षटिवरषोय म कहन लगा षटिक वह मरी बषटिहन ह सो गरार क राजा अबीमलक न दत भज कर सारा को बलवा लिलया

03 रात को परमशवर न सवपन म अबीमलक क पास आकर कहा सन जिजस सतरी को त न रख लिलयाह उसक कारण त मर जाएगा कयोषटिक वह सहाषटिगन ह 04 परनत अबीमलक तो उसक पास न गया था सो उसन कहा ह परभ कया त षटिनरषो जाषटित का भी

घात करगा 05 कया उसी न सवय मझ स नही कहा षटिक वह मरी बषटिहन ह और उस सतरी न भी आप कहा षटिक

वह मरा भाई ह म न तो अपन मन की खराई और अपन वयवहार की सचचाई स यह काम षटिकया 06 परमशवर न उसस सवपन म कहा हा म भी जानता ह षटिक अपन मन की खराई स त न यह काम

षटिकया ह और म न तझ रोक भी रखा षटिक त मर षटिवरq पाप न कर इसी कारण म न तझ को उस छन नही दिया

07 सो अब उस पररषो की पतनी को उस 6र कयोषटिक वह नबी ह और तर लिलय पराथWना करगा और त जीता रहगा पर यदि त उसको न 6र तो जान रख षटिक त और तर जिजतन लोग ह सब

षटिनशचय मर जाएग 08 षटिबहान को अबीमलक न तडक उठ कर अपन सब कमWचारिरयो को बलवा कर य सब बात सनाई

और व लोग बहत डर गए 09 तब अबीमलक न इबराहीम को बलवा कर कहा त न हम स यह कया षटिकया ह और म न तरा

कया षटिबगाडा था षटिक त न मर और मर राजय क ऊपर ऐसा बडा पाप डाल दिया ह त न मझ स वह काम षटिकया ह जो उलिचत न था

10 षटि6र अबीमलक न इबराहीम स पछा त न कया समझ कर ऐसा काम षटिकया 11 इबराहीम न कहा म न यह सोचा था षटिक इस सथान म परमशवर का कछ भी भय न होगा सो य

लोग मरी पतनी क कारण मरा घात करग 12 और षटि6र भी सचमच वह मरी बषटिहन ह वह मर षटिपता की बटी तो ह पर मरी माता की बटी नही

षटि6र वह मरी पतनी हो गई 13 और ऐसा हआ षटिक जब परमशवर न मझ अपन षटिपता का घर छोड कर षटिनकलन की आजञा ी तब म न उसस कहा इतनी कपा तझ मझ पर करनी होगी षटिक हम ोनोजहा जहा जाए वहा वहा त मर

षटिवरषोय म कहना षटिक यह मरा भाई ह 14 तब अबीमलक न भड-बकरी गाय-बल और ास- ालिसया ल कर इबराहीम को ी और उसकी

पतनी सारा को भी उस 6र दिया 15 और अबीमलक न कहा ख मरा श तर सामहन ह जहा तझ भाव वहा रह 16 और सारा स उसन कहा ख म न तर भाई को रप क एक हजार टकड दिए ह ख तर सार

सषटिगयो क सामहन वही तरी आखो का पाW बनगा और सभो क सामहन त ठीक होगी 17 तब इबराहीम न यहोवा स पराथWना की और यहोवा न अबीमलक और उसकी पतनी और ालिसयो

को चगा षटिकया और व जनन लगी 18 कयोषटिक यहोवा न इबराहीम की पतनी सारा क कारण अबीमलक क घर की सब सतरिसतरयो की कोखो

को परी रीषटित स बन कर दिया था

अधयाय२१

01 सो यहोवा न जसा कहा था वसा ही सारा की सलि लक उसक साथ अपन वचन क अनसारषटिकया 02 सो सारा को इबराहीम स गभWवती हो कर उसक बढाप म उसी षटिनयकत समय पर जो परमशवर न

उसस ठहराया था एक पतर उतपनन हआ 03 और इबराहीम न अपन पतर का नाम जो सारा स उतपनन हआ था इसहाक रखा 04 और जब उसका पतर इसहाक आठ दिन का हआ तब उसन परमशवर की आजञा क अनसार

उसका खतना षटिकया 05 और जब इबराहीम का पतर इसहाक उतपनन हआ तब वह एक सौ वरषोW का था 06 और सारा न कहा परमशवर न मझ पर6चछिललत कर दिया ह इसलिलय सब सनन वाल भी मर साथ

पर6चछिललत होग 07 षटि6र उसन यह भी कहा षटिक कया कोई कभी इबराहीम स कह सकता था षटिक सारा लडको को द षटिपलाएगी पर खो मझ स उसक बढाप म एक पतर उतपनन हआ 08 और वह लडका बढा और उसका द छडाया गया और इसहाक क द छडान क दिन इबराहीम न बडी जवनार की

09 तब सारा को मिमसरी हाजिजरा का पतर जो इबराहीम स उतपनन हआ था हसी करता हआ ख पडा 10 सो इस कारण उसन इबराहीम स कहा इस ासी को पतर सषटिहत बरबस षटिनकाल कयोषटिक इस

ासी का पतर मर पतर इसहाक क साथ भागी न होगा 11 यह बात इबराहीम को अपन पतर क कारण बरी लगी 12 तब परमशवर न इबराहीम स कहा उस लडक और अपनी ासी क कारण तझ बरा न लग जो

बात सारा तझ स कह उस मान कयोषटिक जो तरा वश कहलाएगा सो इसहाक ही स चलगा 13 ासी क पतर स भी म एक जाषटित उतपनन करगा इसलिलय षटिक वह तरा वश ह 14 सो इबराहीम न षटिबहान को तडक उठ कर रोटी और पानी स भरी चमड की थली भी हाजिजरा कोी और उसक क( पर रखी और उसक लडक को भी उस कर उसको षटिवा षटिकया सो वह चलीगई और बशiexclबा क जगल म भरमण करन लगी 15 जब थली का जल चक गया तब उसन लडक को एक झाडी क नीच छोड दिया 16 और आप उसस तीर भर क टपप पर दर जा कर उसक सामहन यह सोचकर बठ गई षटिक मझ को

लडक की मतय खनी न पड तब वह उसक सामहन बठी हई लिचलला लिचलला क रोन लगी 17 और परमशवर न उस लडक की सनी और उसक दत न सवगW स हाजिजरा को पकार क कहा ह

हाजिजरा तझ कया हआ मत डर कयोषटिक जहा तरा लडका ह वहा स उसकी आवाज परमशवर को सन पडी ह

18 उठ अपन लडक को उठा और अपन हाथ स समभाल कयोषटिक म उसक दवारा एक बडी जाषटितबनाऊगा 19 परमशवर न उसकी आख खोल ी और उसको एक कआ दिखाई पडा सो उसन जा कर थली

को जल स भर कर लडक को षटिपलाया 20 और परमशवर उस लडक क साथ रहा और जब वह बडा हआ तब जगल म रहत रहत नाWरी

बन गया 21 वह तो पारान नाम जगल म रहा करता था और उसकी माता न उसक लिलय मिमसर श स एक

सतरी मगवाई 22 उन दिनो म ऐसा हआ षटिक अबीमलक अपन सनापषटित पीकोल को सग ल कर इबराहीम स कहनलगा जो कछ त करता ह उस म परमशवर तर सग रहता ह 23 सो अब मझ स यहा इस षटिवरषोय म परमशवर की षटिकरिरया खा षटिक त न तो मझ स छल करगा और न कभी मर वश स करगा परनत जसी करणा म न तझ पर की ह वसी ही त मझ पर और इस श पर भी जिजस म त रहता ह करगा

24 इबराहीम न कहा म षटिकरिरया खाऊगा 25 और इबराहीम न अबीमलक को एक कए क षटिवरषोय म जो अबीमलक क ासो न बरीयाई स ल

लिलया था उलाहना दिया

26 तब अबीमलक न कहा म नही जानता षटिक षटिकस न यह काम षटिकया और त न भी मझ नहीबताया और न म न आज स पषटिहल इसक षटिवरषोय म कछ सना 27 तब इबराहीम न भड-बकरी और गाय- बल ल कर अबीमलक को दिए और उन ोनो न आपस म

वाचा बा(ी 28 और इबराहीम न भड की सात बचची अलग कर रखी 29 तब अबीमलक न इबराहीम स पछा इन सात बसतरिचचयो का जो त न अलग कर रखी ह कया

परयोजन ह 30 उसन कहा त इन सात बसतरिचचयो को इस बात की साकषी जान कर मर हाथ स ल षटिक म न कआ

खोा ह 31 उन ोनो न जो उस सथान म आपस म षटिकरिरया खाई इसी कारण उसका नाम बशiexclबा पडा 32 जब उनहोन बशiexclबा म परसपर वाचा बा(ी तब अबीमलक और उसका सनापषटित पीकोल उठ कर

पलिलसतरिशतयो क श म लौट गए 33 और इबराहीम न बशiexclबा म झाऊ का एक वकष लगाया और वहा यहोवा जो सनातन ईशव

अधयाय२२

01 इन बातो क पशचात ऐसा हआ षटिक परमशवर न इबराहीम स यह कहकर उसकी परीकषा की षटिक हइबराहीम उसन कहा ख म यहा ह 02 उसन कहा अपन पतर को अथाWत अपन एकलौत पतर इसहाक को जिजस स त परम रखता ह सग

ल कर मोरिरययाह श म चला जा और वहा उसको एक पहाड क ऊपर जो म तझ बताऊगा होमबलिल करक चढा

03 सो इबराहीम षटिबहान को तडक उठा और अपन गह पर काठी कसकर अपन ो सवक और अपन पतर इसहाक को सग लिलया और होमबलिल क लिलय लकडी चीर ली तब कच करक उस सथान

की ओर चला जिजसकी चचाW परमशवर न उसस की थी 04 तीसर दिन इबराहीम न आख उठा कर उस सथान को दर स खा 05 और उसन अपन सवको स कहा गह क पास यही ठहर रहो यह लडका और म वहा तक जाकर और णडवत करक षटि6र तमहार पास लौट आऊगा 06 सो इबराहीम न होमबलिल की लकडी ल अपन पतर इसहाक पर लाी और आग और छरी को

अपन हाथ म लिलया और व ोनो एक साथ चल पड 07 इसहाक न अपन षटिपता इबराहीम स कहा ह मर षटिपता उसन कहा ह मर पतर कया बात ह उसनकहा ख आग और लकडी तो ह पर होमबलिल क लिलय भड कहा ह 08 इबराहीम न कहा ह मर पतर परमशवर होमबलिल की भड का उपाय आप ही करगा 09 सो व ोनो सग सग आग चलत गए और व उस सथान को जिजस परमशवर न उसको बताया थापहच तब इबराहीम न वहा वी बनाकर लकडी को चन चनकर रखा और अपन पतर इसहाक को

बा( क वी पर की लकडी क ऊपर रख दिया 10 और इबराहीम न हाथ बढाकर छरी को ल लिलया षटिक अपन पतर को बलिल कर 11 तब यहोवा क दत न सवगW स उसको पकार क कहा ह इबराहीम ह इबराहीम उसन कहा ख म

यहा ह 12 उसन कहा उस लडक पर हाथ मत बढा और न उसस कछ कर कयोषटिक त न जो मझ स अपन पतर वरन अपन एकलौत पतर को भी नही रख छोडा इस स म अब जान गया षटिक त परमशवर का भय

मानता ह 13 तब इबराहीम न आख उठाई और कया खा षटिक उसक पीछ एक मढा अपन सीगो स एक झाडी म बझा हआ ह सो इबराहीम न जाक उस मढ को लिलया और अपन पतर की सनती होमबलिल करक

चढाया 14 और इबराहीम न उस सथान का नाम यहोवा मियर रखा इसक अनसार आज तक भी कहा जाताह षटिक यहोवा क पहाड पर उपाय षटिकया जाएगा

15 षटि6र यहोवा क दत न दसरी बार सवगW स इबराहीम को पकार क कहा 16 यहोवा की यह वाणी ह षटिक म अपनी ही यह शपथ खाता ह षटिक त न जो यह काम षटिकया ह षटिक

अपन पतर वरन अपन एकलौत पतर को भी नही रख छोडा 17 इस कारण म षटिनशचय तझ आशीरषो दगा और षटिनशचय तर वश को आकाश क तारागण और समदर

क तीर की बाल क षटिकनको क समान अनषटिगषटिनत करगा और तरा वश अपन शतरओ क नगरो का अलिकारी होगा

18 और पथवी की सारी जाषटितया अपन को तर वश क कारण नय मानगी कयोषटिक त न मरी बात मानी ह

19 तब इबराहीम अपन सवको क पास लौट आया और व सब बशiexclबा को सग सग गए और इबराहीम बशiexclबा म रहता रहा

20 इन बातो क पशचात ऐसा हआ षटिक इबराहीम को यह सनश मिमला षटिक मिमलका क तर भाई नाहोर स सनतान उतपनन हए ह

21 मिमलका क पतर तो य हए अथाWत उसका जठा ऊस और ऊस का भाई बज और कमएल जो अराम का षटिपता हआ

22 षटि6र कस हज़ो षटिपलाश मियलाप और बतएल 23 इन आठो को मिमलका इबराहीम क भाई नाहोर क जनमाए जनी और बतएल न रिरबका को उतपननषटिकया 24 षटि6र नाहोर क रमा नाम एक रखली भी थी जिजस स तबह गहम तहश और माका उतपननहए

अधयाय२३

01 सारा तो एक सौ सcाईस बरस की अवसथा को पहची और जब सारा की इतनी अवसथा हई 02 तब वह षटिकयWतबाW म मर गई यह तो कनान श म ह और हबरोन भी कहलाता ह सो इबराहीम

सारा क लिलय रोन पीटन को वहा गया 03 तब इबराहीम अपन मiexcl क पास स उठ कर षटिहलिcयो स कहन लगा 04 म तमहार बीच पाहन और परशी ह मझ अपन मधय म कमिबरसतान क लिलय ऐसी भमिम ो जो मरी

षटिनज की हो जाए षटिक म अपन मiexcl को गाड क अपन आख की ओट कर 05 षटिहलिcयो न इबराहीम स कहा 06 ह हमार परभ हमारी सन त तो हमार बीच म बडा परान ह सो हमारी कबरो म स जिजस को त

चाह उस म अपन मiexcl को गाड हम म स कोई तझ अपनी कबर क लन स न रोकगा षटिक त अपन मiexcl को उस म गाडन न पाए

07 तब इबराहीम उठ कर खडा हआ और षटिहलिcयो क सममख जो उस श क षटिनवासी थ णडवत करक कहन लगा

08 यदि तमहारी यह इचछा हो षटिक म अपन मiexcl को गाड क अपनी आख की ओट कर तो मरी पराथWना ह षटिक सोहर क पतर एपरोन स मर लिलय षटिबनती करो

09 षटिक वह अपनी मकपला वाली ग6ा जो उसकी भमिम की सीमा पर ह उसका परा ाम ल कर मझ षटिक वह तमहार बीच कमिबरसतान क लिलय मरी षटिनज भमिम हो जाए

10 और एपरोन तो षटिहलिcयो क बीच वहा बठा हआ था सो जिजतन षटिहcी उसक नगर क 6ाटक स हो कर भीतर जात थ उन सभो क सामहन उसन इबराहीम को उcर दिया

11 षटिक ह मर परभ ऐसा नही मरी सन वह भमिम म तझ ता ह और उस म जो ग6ा ह वह भी म तझ ता ह अपन जाषटित भाइयो क सममख म उस तझ को दिए ता ह सो अपन मiexcl को कबर म

रख 12 तब इबराहीम न उस श क षटिनवालिसयो क सामहन णडवत की

13 और उनक सनत हए एपरोन स कहा यदि त ऐसा चाह तो मरी सन उस भमिम का जो ाम हो वह म ना चाहता ह उस मझ स ल ल तब म अपन मiexcl को वहा गाडगा

14 एपरोन न इबराहीम को यह उcर दिया 15 षटिक ह मर परभ मरी बात सन एक भमिम का ाम तो चार सौ शकल रपा ह पर मर और तर

बीच म यह कया ह अपन मiexcl को कबर म रख 16 इबराहीम न एपरोन की मानकर उसको उतना रपा तौल दिया जिजतना उसन षटिहलिcयो क सनत हए

कहा था अथाWत चार सौ ऐस शकल जो वयापारिरयो म चलत थ 17 सो एपरोन की भमिम जो मामर क सममख की मकपला म थी वह ग6ा समत और उन सब वकषो

समत भी जो उस म और उसक चारोऔर सीमा पर थ 18 जिजतन षटिहcी उसक नगर क 6ाटक स हो कर भीतर जात थ उन सभो क सामहन इबराहीम क

अलिकार म पककी रीषटित स आ गई 19 इसक पशचात इबराहीम न अपनी पतनी सारा को उस मकपला वाली भमिम की ग6ा म जो मामर क

अथाWत हबरोन क सामहन कनान श म ह मिमटटी ी 20 और वह भमिम ग6ा समत जो उस म थी षटिहलिcयो की ओर स कमिबरसतान क लिलय इबराहीम क

अलिकार म पककी रीषटित स आ गई

अधयाय२४

01 इबराहीम वq था और उसकी आय बहत थी और यहोवा न सब बातो म उसको आशीरषो ी थी 02 सो इबराहीम न अपन उस ास स जो उसक घर म परषटिनया और उसकी सारी समपलिc पर

अलिकारी था कहा अपना हाथ मरी जाघ क नीच रख 03 और मझ स आकाश और पथवी क परमशवर यहोवा की इस षटिवरषोय म शपथ खा षटिक त मर पतर क

लिलय कनाषटिनयो की लडषटिकयो म स जिजनक बीच म रहता ह षटिकसी को न ल आएगा 04 परनत त मर श म मर ही कटतनिमबयो क पास जा कर मर पतर इसहाक क लिलय एक पतनी लआएगा 05 ास न उसस कहा कालिचत वह सतरी इस श म मर साथ आना न चाह तो कया मझ तर पतर

को उस श म जहा स त आया ह ल जाना पडगा 06 इबराहीम न उसस कहा चौकस रह मर पतर को वहा कभी न ल जाना 07 सवगW का परमशवर यहोवा जिजसन मझ मर षटिपता क घर स और मरी जनमभमिम स ल आकर मझ स

शपथ खाकर कहा षटिक म यह श तर वश को दगा वही अपना दत तर आग आग भजगा षटिक त मर पतर क लिलय वहा स एक सतरी ल आए

08 और यदि वह सतरी तर साथ आना न चाह तब तो त मरी इस शपथ स छट जाएगा पर मर पतर को वहा न ल जाना

09 तब उस ास न अपन सवामी इबराहीम की जाघ क नीच अपना हाथ रखकर उसस इसी षटिवरषोय की शपथ खाई

10 तब वह ास अपन सवामी क ऊटो म स स ऊट छाटकर उसक सब उcम उcम पाथN म स कछ कछ ल कर चला और मसोपोटामिमया म नाहोर क नगर क पास पहचा

11 और उसन ऊटो को नगर क बाहर एक कए क पास बठाया वह सधया का समय था जिजस समय सतरिसतरया जल भरन क लिलय षटिनकलती ह

12 सो वह कहन लगा ह मर सवामी इबराहीम क परमशवर यहोवा आज मर कायW को लिसq कर और मर सवामी इबराहीम पर करणा कर

13 ख म जल क इस सोत क पास खडा ह और नगरवालिसयो की बदिटया जल भरन क लिलय षटिनकली आती ह

14 सो ऐसा होन षटिक जिजस कनया स म कह षटिक अपना घडा मरी ओर झका षटिक म पीऊ और वह कह षटिक ल पी ल पीछ म तर ऊटो को भी पीलाऊगी सो वही हो जिजस त न अपन ास इसहाक

क लिलय ठहराया हो इसी रीषटित म जान लगा षटिक त न मर सवामी पर करणा की ह

15 और ऐसा हआ षटिक जब वह कह ही रहा था षटिक रिरबका जो इबराहीम क भाई नाहोर क जनमाय मिमलका क पतर बतएल की बटी थी वह क( पर घडा लिलय हए आई

16 वह अषटित सनर और कमारी थी और षटिकसी पररषो का मह न खा था वह कए म सोत क पास उतर गई और अपना घडा भर क षटि6र ऊपर आई

17 तब वह ास उसस भट करन को ौडा और कहा अपन घड म स थोडा पानी मझ षटिपला 18 उसन कहा ह मर परभ ल पी ल और उसन 6त स घडा उतार कर हाथ म लिलय लिलय उसको

षटिपला दिया 19 जब वह उसको षटिपला चकी तक कहा म तर ऊटो क लिलय भी तब तक पानी भर भर लाऊगी

जब तक व पी न चक 20 तब वह 6त स अपन घड का जल हौ म उणडल कर षटि6र कए पर भरन को ौड गई और

उसक सब ऊटो क लिलय पानी भर दिया 21 और वह पररषो उसकी ओर चपचाप अचमभ क साथ ताकता हआ यह सोचता था षटिक यहोवा न

मरी यातरा को स6ल षटिकया ह षटिक नही 22 जब ऊट पी चक तब उस पररषो न आ तोल सोन का एक नथ षटिनकाल कर उसको दिया और

स तोल सोन क कगन उसक हाथो म पषटिहना दिए 23 और पछा त षटिकस की बटी ह यह मझ को बता कया तर षटिपता क घर म हमार दिटकन क

लिलय सथान ह 24 उसन उcर दिया म तो नाहोर क जनमाए मिमलका क पतर बतएल की बटी ह 25 षटि6र उस न उस स कहा हमार यहा पआल और चारा बहत ह और दिटकन क लिलय सथान भी ह 26 तब उस पररषो न लिसर झका कर यहोवा को णडवत करक कहा 27 नय ह मर सवामी इबराहीम का परमशवर यहोवा षटिक उसन अपनी करणा और सचचाई को मर

सवामी पर स हटा नही लिलया यहोवा न मझ को ठीक मागW पर चला कर मर सवामी क भाई ब(ओ क घर पर पहचा दिया ह

28 और उस कनया न ौड कर अपनी माता क घर म यह सारा वcानत कह सनाया 29 तब लाबान जो रिरबका का भाई था सो बाहर कए क षटिनकट उस पररषो क पास ौडा गया 30 और ऐसा हआ षटिक जब उसन वह नथ और अपनी बषटिहन रिरबका क हाथो म व कगन भी ख

और उसकी यह बात भी सनी षटिक उस पररषो न मझ स ऐसी बात कही तब वह उस पररषो क पासगया और कया खा षटिक वह सोत क षटिनकट ऊटो क पास खडा ह 31 उसन कहा ह यहोवा की ओर स नय पररषो भीतर आ त कयो बाहर खडा ह म न घर को

और ऊटो क लिलय भी सथान तयार षटिकया ह 32 और वह पररषो घर म गया और लाबान न ऊटो की कादिठया खोल कर पआल और चारा दिया

और उसक और उसक सगी जनो क पाव ोन को जल दिया 33 तब इबराहीम क ास क आग जलपान क लिलय कछ रखा गया पर उसन कहा म जब तक अपना

परयोजन न कह द तब तक कछ न खाऊगा लाबान न कहा कह 34 तब उसन कहा म तो इबराहीम का ास ह 35 और यहोवा न मर सवामी को बडी आशीरषो ी ह सो वह महान पररषो हो गया ह और उसन

उसको भड-बकरी गाय-बल सोना-रपा ास-ालिसया ऊट और गह दिए ह 36 और मर सवामी की पतनी सारा क बढाप म उसस एक पतर उतपनन हआ ह और उस पतर को

इबराहीम न अपना सब कछ दिया ह 37 और मर सवामी न मझ यह शपथ खिखलाई षटिक म उसक पतर क लिलय कनाषटिनयो की लडषटिकयो म स

जिजन क श म वह रहता ह कोई सतरी न ल आऊगा 38 म उसक षटिपता क घर और कल क लोगो क पास जा कर उसक पतर क लिलय एक सतरी लआऊगा 39 तब म न अपन सवामी स कहा कालिचत वह सतरी मर पीछ न आए 40 तब उसन मझ स कहा यहोवा जिजसक सामहन म चलता आया ह वह तर सग अपन दत को

भज कर तरी यातरा को स6ल करगा सो त मर कल और मर षटिपता क घरान म स मर पतर क लिलय

एक सतरी ल आ सकगा 41 त तब ही मरी इस शपथ स छटगा जब त मर कल क लोगो क पास पहचगा अथाWत यदि व मझ

कोई सतरी न तो त मरी शपथ स छटगा 42 सो म आज उस कए क षटिनकट आकर कहन लगा ह मर सवामी इबराहीम क परमशवर यहोवा यदि त मरी इस यातरा को स6ल करता हो

43 तो ख म जल क इस कए क षटिनकट खडा ह सो ऐसा हो षटिक जो कमारी जल भरन क लिलय षटिनकल आए और म उसस कह अपन घड म स मझ थोडा पानी षटिपला

44 और वह मझ स कह पी ल और म तर ऊटो क पीन क लिलय भी पानी भर दगी वह वही सतरी हो जिजस को त न मर सवामी क पतर क लिलय ठहराया हो

45 म मन ही मन यह कह ही रहा था षटिक ख रिरबका क( पर घडा लिलय हए षटिनकल आई षटि6र वह सोत क पास उतर क भरन लगी और म न उसस कहा मझ षटिपला

46 और उसन 6त स अपन घड को क( पर स उतार क कहा ल पी ल पीछ म तर ऊटो को भीषटिपलाऊगी सो म न पी लिलया और उसन ऊटो को भी षटिपला दिया 47 तब म न उसस पछा षटिक त षटिकस की बटी ह और उसन कहा म तो नाहोर क जनमाए मिमलका

क पतर बतएल की बटी ह तब म न उसकी नाक म वह नथ और उसक हाथो म व कगन पषटिहनादिए 48 षटि6र म न लिसर झका कर यहोवा को णडवत षटिकया और अपन सवामी इबराहीम क परमशवर यहोवा

को नय कहा कयोषटिक उसन मझ ठीक मागW स पहचाया षटिक म अपन सवामी क पतर क लिलय उसकी भतीजी को ल जाऊ

49 सो अब यदि त मर सवामी क साथ कपा और सचचाई का वयवहार करना चाहत हो तो मझ सकहो और यदि नही चाहत हो तौभी मझ स कह ो ताषटिक म ाषटिहनी ओर वा बाई ओर षटि6र जाऊ 50 तब लाबान और बतएल न उcर दिया यह बात यहोवा की ओर स हई ह सो हम लोग तझ स न

तो भला कह सकत ह न बरा 51 ख रिरबका तर सामहन ह उसको ल जा और वह यहोवा क वचन क अनसार तर सवामी क

पतर की पतनी हो जाए 52 उनका यह वचन सनकर इबराहीम क ास न भमिम पर षटिगर क यहोवा को णडवत षटिकया 53 षटि6र उस ास न सोन और रप क गहन और वसतर षटिनकाल कर रिरबका को दिए और उसक

भाई और माता को भी उसन अनमोल अनमोल वसतए ी 54 तब उसन अपन सगी जनो समत भोजन षटिकया और रात वही षटिबताई और तडक उठ कर कहा

मझ को अपन सवामी क पास जान क लिलय षटिवा करो 55 रिरबका क भाई और माता न कहा कनया को हमार पास कछ दिन अथाWत कम स कम स दिन

रहन षटि6र उसक पशचात वह चली जाएगी56 उसन उन स कहा यहोवा न जो मरी यातरा को स6ल षटिकया ह सो तम मझ मत रोको अब मझ

षटिवा कर ो षटिक म अपन सवामी क पास जाऊ 57 उनहोन कहा हम कनया को बला कर पछत ह और खग षटिक वह कया कहती ह 58 सो उनहोन रिरबका को बला कर उसस पछा कया त इस मनषय क सग जाएगी उसन कहा हा म जाऊगी 59 तब उनहोन अपनी बषटिहन रिरबका और उसकी ाय और इबराहीम क ास और उसक साथी सभो

को षटिवा षटिकया 60 और उनहोन रिरबका को आशीवाW क कहा ह हमारी बषटिहन त हजारो लाखो की आदिमाता हो

और तरा वश अपन बरिरयो क नगरो का अलिकारी हो 61 इस पर रिरबका अपनी सहलिलयो समत चली और ऊट पर चढ क उस पररषो क पीछ हो ली सो

वह ास रिरबका को साथ ल कर चल दिया 62 इसहाक जो चछिकखन श म रहता था सो लहरोई नाम कए स हो कर चला आता था 63 और साझ क समय वह मान म धयान करन क लिलय षटिनकला था और उसन आख उठा कर कया खा षटिक ऊट चल आ रह ह

64 और रिरबका न भी आख उठा कर इसहाक को खा और खत ही ऊट पर स उतर पडी 65 तब उसन ास स पछा जो पररषो मान पर हम स मिमलन को चला आता ह सो कौन ह ास न कहा वह तो मरा सवामी ह तब रिरबका न घघट ल कर अपन मह को ढाप लिलया

66 और ास न इसहाक स अपना सारा वcानत वणWन षटिकया 67 तब इसहाक रिरबका को अपनी माता सारा क तमब म ल आया और उसको बयाह कर उसस परमषटिकया और इसहाक को माता की मतय क पशचात शातनिनत हई

अधयाय२५

01 तब इबराहीम न एक और पतनी बयाह ली जिजसका नाम कतरा था 02 और उसस जिजमरान योकषान मना मिमदयान मियशबाक और शह उतपनन हए 03 और योकषान स शबा और ान उतपनन हए और ान क वश म अशशरी लतशी और लममी

लोग हए 04 और मिमदयान क पतर एपा एपर हनोक अबीा और एला हए स सब कतरा क सनतान हए 05 इसहाक को तो इबराहीम न अपना सब कछ दिया 06 पर अपनी रखलिलयो क पतरो को कछ कछ कर अपन जीत जी अपन पतर इसहाक क पास स

परब श म भज दिया 07 इबराहीम की सारी अवसथा एक सौ पचहcर वरषोW की हई 08 और इबराहीम का ीघाWय होन क कारण अथाWत पर बढाप की अवसथा म पराण छट गया और वह

अपन लोगो म जा मिमला 09 और उसक पतर इसहाक और इशमाएल न षटिहcी सोहर क पतर एपरोन की ममर क सममख वाली

भमिम म जो मकपला की ग6ा थी उस म उसको मिमटटी ी गई 10 अथाWत जो भमिम इबराहीम न षटिहलिcयो स मोल ली थी उसी म इबराहीम और उस की पतनी सारा

ोनो को मिमटटी ी गई 11 इबराहीम क मरन क पशचात परमशवर न उसक पतर इसहाक को जो लहरोई नाम कए क पास रहता

था आशीरषो ी 12 इबराहीम का पतर इशमाएल जो सारा की लौडी हाजिजरा मिमसरी स उतपनन हआ था उसकी यह

वशावली ह 13 इशमाएल क पतरो क नाम और वशावली यह ह अथाWत इशमाएल का जठा पतर नबायोत षटि6रकार अदबल मिमबसाम 14 मिमशमा दमा मससा 15 हर तमा यतर नपीश और कमा 16 इशमाएल क पतर य ही हए और इनही क नामो क अनसार इनक गावो और छावषटिनयो क नाम

भी पड और य ही बारह अपन अपन कल क परान हए 17 इशमाएल की सारी अवसथा एक सौ सतीस वरषोW की हई तब उसक पराण छट गए और वह अपन

लोगो म जा मिमला 18 और उसक वश हवीला स शर तक जो मिमसर क सममख अशशर क मागW म ह बस गए और

उनका भाग उनक सब भाई ब(ओ क सममख पडा 19 इबराहीम क पतर इसहाक की वशावली यह ह इबराहीम स इसहाक उतपनन हआ 20 और इसहाक न चालीस वरषोW का हो कर रिरबका को जो पददनराम क वासी अरामी बतएल कीबटी और अरामी लाबान की बषटिहन भी बयाह लिलया 21 इसहाक की पतनी तो बाझ थी सो उस न उस क षटिनमिमc यहोवा स षटिबनती की और यहोवा न

उसकी षटिबनती सनी सो उसकी पतनी रिरबका गभWवती हई 22 और लडक उसक गभW म आपस म लिलपट क एक दसर को मारन लग तब उसन कहा मरी जो

ऐसी ही शा रहगी तो म कयोकर जीषटिवत रहगी और वह यहोवा की इचछा पछन को गई 23 तब यहोवा न उसस कहा तर गभW म ो जाषटितया ह और तरी कोख स षटिनकलत ही ो राजय क

लोग अलग अलग होग और एक राजय क लोग दसर स अलिक सामथ होग और बडा बटा छोट क आीन होगा

24 जब उसक पतर उतपनन होन का समय आया तब कया परगट हआ षटिक उसक गभW म जडव बालकह 25 और पषटिहला जो उतपनन हआ सो लाल षटिनकला और उसका सारा शरीर कमबल क समान रोममयथा सो उसका नाम ऐसाव रखा गया 26 पीछ उसका भाई अपन हाथ स ऐसाव की एडी पकड हए उतपनन हआ और उसका नाम याकब

रखा गया और जब रिरबका न उन को जनम दिया तब इसहाक साठ वरषोW का था 27 षटि6र व लडक बढन लग और ऐसाव तो वनवासी हो कर चतर णिशकार खलन वाला हो गया पर

याकब सीा मनषय था और तमबओ म रहा करता था 28 और इसहाक तो ऐसाव क अहर का मास खाया करता था इसलिलय वह उसस परीषटित रखता था

पर रिरबका याकब स परीषटित रखती थी 29 याकब भोजन क लिलय कछ ाल पका रहा था और ऐसाव मान स थका हआ आया 30 तब ऐसाव न याकब स कहा वह जो लाल वसत ह उसी लाल वसत म स मझ कछ खिखला

कयोषटिक म थका ह इसी कारण उसका नाम एोम भी पडा 31 याकब न कहा अपना पषटिहलौठ का अलिकार आज मर हाथ बच 32 ऐसाव न कहा ख म तो अभी मरन पर ह सो पषटिहलौठ क अलिकार स मरा कया लाभ होगा 33 याकब न कहा मझ स अभी शपथ खा सो उसन उसस शपथ खाई और अपना पषटिहलौठ का

अलिकार याकब क हाथ बच डाला 34 इस पर याकब न ऐसाव को रोटी और पकाई हई मसर की ाल ी और उसन खाया षटिपया तब

उठ कर चला गया यो ऐसाव न अपना पषटिहलौठ का अलिकार तचछ जाना

अधयाय२६

01 और उस श म अकाल पडा वह उस पषटिहल अकाल स अलग था जो इबराहीम क दिनो म पडा था सो इसहाक गरार को पलिलसतरिशतयो क राजा अबीमलक क पास गया

02 वहा यहोवा न उसको शWन कर कहा मिमसर म मत जा जो श म तझ बताऊ उसी म रह 03 त इसी श म रह और म तर सग रहगा और तझ आशीरषो दगा और य सब श म तझ को

और तर वश को दगा और जो शपथ म न तर षटिपता इबराहीम स खाई थी उस म परी करगा 04 और म तर वश को आकाश क तारागण क समान करगा और म तर वश को य सब श दगा

और पथवी की सारी जाषटितया तर वश क कारण अपन को नय मानगी 05 कयोषटिक इबराहीम न मरी मानी और जो म न उस सौपा था उसको और मरी आजञाओ षटिवलियो

और वयवसथा का पालन षटिकया 06 सो इसहाक गरार म रह गया 07 जब उस सथान क लोगो न उसकी पतनी क षटिवरषोय म पछा तब उसन यह सोच कर षटिक यदि म

उसको अपनी पतनी कह तो यहा क लोग रिरबका क कारण जो परमसनरी ह मझ को मार डालग उcर दिया वह तो मरी बषटिहन ह

08 जब उसको वहा रहत बहत दिन बीत गए तब एक दिन पलिलसतरिशतयो क राजा अबीमलक न खिखडकी म स झाक क कया खा षटिक इसहाक अपनी पतनी रिरबका क साथ करीडा कर रहा ह

09 तब अबीमलक न इसहाक को बलवा कर कहा वह तो षटिनशचय तरी पतनी ह षटि6र त न कयोकर उसको अपनी बषटिहन कहा इसहाक न उcर दिया म न सोचा था षटिक ऐसा न हो षटिक उसक कारण

मरी मतय हो 10 अबीमलक न कहा त न हम स यह कया षटिकया ऐस तो परजा म स कोई तरी पतनी क साथ

सहज स ककमW कर सकता और त हम को पाप म 6साता 11 और अबीमलक न अपनी सारी परजा को आजञा ी षटिक जो कोई उस पररषो को वा उस सतरी कोछएगा सो षटिनशचय मार डाला जाएगा

12 षटि6र इसहाक न उस श म जोता बोया और उसी वरषोW म सौ गणा 6ल पाया और यहोवा न उसको आशीरषो ी

13 और वह बढा और उसकी उननषटित होती चली गई यहा तक षटिक वह अषटित महान पररषो हो गया 14 जब उसक भड-बकरी गाय-बल और बहत स ास- ालिसया हई तब पलिलशती उसस डाह करनलग 15 सो जिजतन कओ को उसक षटिपता इबराहीम क ासो न इबराहीम क जीत जी खोा था उन को

पलिलसतरिशतयो न मिमटटी स भर दिया 16 तब अबीमलक न इसहाक स कहा हमार पास स चला जा कयोषटिक त हम स बहत सामथ हो

गया ह 17 सो इसहाक वहा स चला गया और गरार क नाल म तमब खडा करक वहा रहन लगा 18 तब जो कए उसक षटिपता इबराहीम क दिनो म खो गए थ और इबराहीम क मरन क पीछ

पलिलसतरिशतयो न भर दिए थ उन को इसहाक न षटि6र स खवाया और उनक व ही नाम रख जो उसक षटिपता न रख थ

19 षटि6र इसहाक क ासो को नाल म खोत खोत बहत जल का एक सोता मिमला 20 तब गरारी चरवाहो न इसहाक क चरवाहो स झगडा षटिकया और कहा षटिक यह जल हमारा ह सो

उसन उस कए का नाम एसक रखा इसलिलय षटिक व उसस झगड थ 21 षटि6र उनहोन दसरा कआ खोा और उनहोन उसक लिलय भी झगडा षटिकया सो उसन उसका नाम

लिसतरा रखा 22 तब उसन वहा स कच करक एक और कआ खवाया और उसक लिलय उनहोन झगडा न षटिकया

सो उसन उसका नाम यह कह कर रहोबोत रखा षटिक अब तो यहोवा न हमार लिलय बहत सथान दियाह और हम इस श म 6ल-6लग 23 वहा स वह बशiexclबा को गया 24 और उसी दिन यहोवा न रात को उस शWन कर कहा म तर षटिपता इबराहीम का परमशवर ह मतडर कयोषटिक म तर साथ ह और अपन ास इबराहीम क कारण तझ आशीरषो दगा और तरा वशबढाऊगा 25 तब उसन वहा एक वी बनाई और यहोवा स पराथWना की और अपना तमब वही खडा षटिकया

और वहा इसहाक क ासो न एक कआ खोा 26 तब अबीमलक अपन मिमतर अहजजत और अपन सनापषटित पीकोल को सग ल कर गरार स उसक

पास गया 27 इसहाक न उन स कहा तम न मझ स बर करक अपन बीच स षटिनकाल दिया था सो अब मर

पास कयो आए हो 28 उनहोन कहा हम न तो परतयकष खा ह षटिक यहोवा तर साथ रहता ह सो हम न सोचा षटिक त तो

यहोवा की ओर स नय ह सो हमार तर बीच म शपथ खाई जाए और हम तझ स इस षटिवरषोय की वाचा ब(ाए

29 षटिक जस हम न तझ नही छआ वरन तर साथ षटिनरी भलाई की ह और तझ को कशल कषम स षटिवा षटिकया उसक अनसार त भी हम स कोई बराई न करगा

30 तब उसन उनकी जवनार की और उनहोन खाया षटिपया 31 षटिबहान को उन सभो न तडक उठ कर आपस म शपथ खाई तब इसहाक न उन को षटिवा षटिकया

और व कशल कषम स उसक पास स चल गए 32 उसी दिन इसहाक क ासो न आकर अपन उस खो हए कए का वcानत सना क कहा षटिक हम

को जल का एक सोता मिमला ह 33 तब उसन उसका नाम णिशबा रखा इसी कारण उस नगर का नाम आज तक बशiexclबा पडा ह 34 जब ऐसाव चालीस वरषोW का हआ तब उसन षटिहcी बरी की बटी यहीत और षटिहcी एलोन की

बटी बाशमत को बयाह लिलया 35 और इन सतरिसतरयो क कारण इसहाक और रिरबका क मन को ख हआ

अधयाय२७

01 जब इसहाक बढा हो गया और उसकी आख ऐसी ली पड गई षटिक उसको सझता न था तब उसन अपन जठ पतर ऐसाव को बला कर कहा ह मर पतर उसन कहा कया आजञा

02 उसन कहा सन म तो बढा हो गया ह और नही जानता षटिक मरी मतय का दिन कब होगा 03 सो अब त अपना तरकश और नरषो आदि हलिथयार ल कर मान म जा और मर लिलय षटिहरन का

अहर कर ल आ 04 तब मरी रलिच क अनसार सवादि भोजन बना कर मर पास ल आना षटिक म उस खा कर मरन स

पहल तझ जी भर क आशीवाW द 05 तब ऐसाव अहर करन को मान म गया जब इसहाक ऐसाव स यह बात कह रहा था तब

रिरबका सन रही थी 06 सो उसन अपन पतर याकब स कहा सन म न तर षटिपता को तर भाई ऐसाव स यह कहत सना 07 षटिक त मर लिलय अहर कर क उसका सवादि भोजन बना षटिक म उस खा कर तझ यहोवा क आग

मरन स पषटिहल आशीवाW द 08 सो अब ह मर पतर मरी सन और यह आजञा मान 09 षटिक बकरिरयो क पास जा कर बकरिरयो क ो अचछ अचछ बचच ल आ और म तर षटिपता क लिलय

उसकी रलिच क अनसार उन क मास का सवादि भोजन बनाऊगी 10 तब त उसको अपन षटिपता क पास ल जाना षटिक वह उस खा कर मरन स पषटिहल तझ को

आशीवाW 11 याकब न अपनी माता रिरबका स कहा सन मरा भाई ऐसाव तो रोआर पररषो ह और म रोमहीन

पररषो ह 12 कालिचत मरा षटिपता मझ टटोलन लग तो म उसकी दषटि म ठग ठहरगा और आशीरषो क बल

शाप ही कमाऊगा 13 उसकी माता न उसस कहा ह मर पतर शाप तझ पर नही मझी पर पड त कवल मरी सन और

जा कर व बचच मर पास ल आ 14 तब याकब जा कर उन को अपनी माता क पास ल आया और माता न उसक षटिपता की रलिच क

अनसार सवादि भोजन बना दिया 15 तब रिरबका न अपन पषटिहलौठ पतर ऐसाव क सनर वसतर जो उसक पास घर म थ ल कर अपन

लहर पतर याकब को पषटिहना दिए 16 और बकरिरयो क बचचो की खालो को उसक हाथो म और उसक लिचकन गल म लपट दिया 17 और वह सवादि भोजन और अपनी बनाई हई रोटी भी अपन पतर याकब क हाथ म ी 18 सो वह अपन षटिपता क पास गया और कहा ह मर षटिपता उसन कहा कया बात ह ह मर पतर त

कौन ह 19 याकब न अपन षटिपता स कहा म तरा जठा पतर ऐसाव ह म न तरी आजञा क अनसार षटिकया ह

सो उठ और बठ कर मर अहर क मास म स खा षटिक त जी स मझ आशीवाW 20 इसहाक न अपन पतर स कहा ह मर पतर कया कारण ह षटिक वह तझ इतनी जली मिमल गया

उसन यह उcर दिया षटिक तर परमशवर यहोवा न उसको मर सामहन कर दिया 21 षटि6र इसहाक न याकब स कहा ह मर पतर षटिनकट आ म तझ टटोल कर जान षटिक त सचमच

मरा पतर ऐसाव ह या नही 22 तब याकब अपन षटिपता इसहाक क षटिनकट गया और उसन उसको टटोल कर कहा बोल तो

याकब का सा ह पर हाथ ऐसाव ही क स जान पडत ह 23 और उसन उसको नही चीनहा कयोषटिक उसक हाथ उसक भाई क स रोआर थ सो उस न उसको

आशीवाW दिया 24 और उसन पछा कया त सचमच मरा पतर ऐसाव ह उसन कहा हा म ह 25 तब उसन कहा भोजन को मर षटिनकट ल आ षटिक म अपन पतर क अहर क मास म स खाकर

तझ जी स आशीवाW द तब वह उसको उसक षटिनकट ल आया और उसन खाया और वह उसक

पास ाखम भी लाया और उसन षटिपया 26 तब उसक षटिपता इसहाक न उसस कहा ह मर पतर षटिनकट आकर मझ चम 27 उसन षटिनकट जा कर उसको चमा और उसन उसक वसतरो की सग( पाकर उसको य़ह आशीवाW दिया षटिक ख मर पतर का सग( जो ऐस खत का सा ह जिजस पर यहोवा न आशीरषो ी हो 28 सो परमशवर तझ आकाश स ओस और भमिम की उcम स उcम उपज और बहत सा अनाज

और नया ाखम 29 राजय राजय क लोग तर आीन हो और श श क लोग तझ णडवत कर त अपन भाइयो का

सवामी हो और तरी माता क पतर तझ णडवत कर जो तझ शाप सो आप ही सराषटिपत हो और जो तझ आशीवाW सो आशीरषो पाए

30 यह आशीवाW इसहाक याकब को ही चका और याकब अपन षटिपता इसहाक क सामहन स षटिनकला ही था षटिक ऐसाव अहर ल कर आ पहचा

31 तब वह भी सवादि भोजन बना कर अपन षटिपता क पास ल आया और उस स कहा ह मरषटिपता उठ कर अपन पतर क अहर का मास खा ताषटिक मझ जी स आशीवाW 32 उसक षटिपता इसहाक न पछा त कौन ह उसन कहा म तरा जठा पतर ऐसाव ह 33 तब इसहाक न अतयनत थरथर कापत हए कहा षटि6र वह कौन था जो अहर करक मर पास ल

आया था और म न तर आन स पषटिहल सब म स कछ कछ खा लिलया और उसको आशीवाW दिया वरन उसको आशीरषो लगी भी रहगी

34 अपन षटिपता की यह बात सनत ही ऐसाव न अतयनत ऊच और द ख भर सवर स लिचललाकर अपन षटिपता स कहा ह मर षटिपता मझ को भी आशीवाW

35 उसन कहा तरा भाई तWता स आया और तर आशीवाW को लक चला गया 36 उसन कहा कया उसका नाम याकब यथाथW नही रखा गया उसन मझ ो बार अडगा मारा मरा

पषटिहलौठ का अलिकार तो उसन ल ही लिलया था और अब ख उसन मरा आशीवाW भी ल लिलया ह षटि6र उसन कहा कया त न मर लिलय भी कोई आशीवाW नही सोच रखा ह

37 इसहाक न ऐसाव को उcर कर कहा सन म न उसको तरा सवामी ठहराया और उसक सब भाइयो को उसक आीन कर दिया और अनाज और नया ाखम कर उसको प षटिकया ह सो

अब ह मर पतर म तर लिलय कया कर 38 ऐसाव न अपन षटिपता स कहा ह मर षटिपता कया तर मन म एक ही आशीवाW ह ह मर षटिपता मझ

को भी आशीवाW यो कह कर ऐसाव 6ट 6ट क रोया 39 उसक षटिपता इसहाक न उसस कहा सन तरा षटिनवास उपजाऊ भमिम पर हो और ऊपर स

आकाश की ओस उस पर पड 40 और त अपनी तलवार क बल स जीषटिवत रह और अपन भाई क आीन तो होए पर जब त

सवाीन हो जाएगा तब उसक जए को अपन क( पर स तोड 6 क 41 ऐसाव न तो याकब स अपन षटिपता क दिए हए आशीवाW क कारण बर रखा सो उसन सोचा षटिक

मर षटिपता क अनतकाल का दिन षटिनकट ह षटि6र म अपन भाई याकब को घात करगा 42 जब रिरबका को अपन पषटिहलौठ पतर ऐसाव की य बात बताई गई तब उसन अपन लहर पतर

याकब को बला कर कहा सन तरा भाई ऐसाव तझ घात करन क लिलय अपन मन को ीरज रहाह 43 सो अब ह मर पतर मरी सन और हारान को मर भाई लाबान क पास भाग जा 44 और थोड दिन तक अथाWत जब तक तर भाई का करो न उतर तब तक उसी क पास रहना 45 षटि6र जब तर भाई का करो तझ पर स उतर और जो काम त न उस स षटिकया ह उसको वह भल जाए तब म तझ वहा स बलवा भजगी ऐसा कयो हो षटिक एक ही दिन म मझ तम ोनो स रषटिहत होनापड 46 षटि6र रिरबका न इसहाक स कहा षटिहcी लडषटिकयो क कारण म अपन पराण स मिघन करती ह सो

यदि ऐसी षटिहcी लडषटिकयो म स जसी इस श की लडषटिकया ह याकब भी एक को कही बयाह ल तो मर जीवन म कया लाभ होगा

अधयाय२८

01 तब इसहाक न याकब को बलाकर आशीवाW दिया और आजञा ी षटिक त षटिकसी कनानी लडकी को न बयाह लना

02 पददनराम म अपन नाना बतएल क घर जा कर वहा अपन मामा लाबान की एक बटी को बयाहलना 03 और सवWशलिकतमान ईशवर तझ आशीरषो और 6ला- 6ला कर बढाए और त राजय राजय की

मणडली का मल हो 04 और वह तझ और तर वश को भी इबराहीम की सी आशीरषो षटिक त यह श जिजस म त परशी

हो कर रहता ह और जिजस परमशवर न इबराहीम को दिया था उसका अलिकारी हो जाए 05 और इसहाक न याकब को षटिवा षटिकया और वह पददनराम को अरामी बतएल क उस पतर लाबान

क पास चला जो याकब और ऐसाव की माता रिरबका का भाई था 06 जब इसहाक न याकब को आशीवाW कर पददनराम भज दिया षटिक वह वही स पतनी बयाह लाए

और उसको आशीवाW न क समय यह आजञा भी ी षटिक त षटिकसी कनानी लडकी को बयाह न लना 07 और याकब माता षटिपता की मान कर पददनराम को चल दिया 08 तब ऐसाव यह सब ख क और यह भी सोच कर षटिक कनानी लडषटिकया मर षटिपता इसहाक को

बरी लगती ह 09 इबराहीम क पतर इशमाएल क पास गया और इशमाएल की बटी महलत को जो नबायोत की

बषटिहन थी बयाह कर अपनी पतनितनयो म मिमला लिलया 10 सो याकब बशiexclबा स षटिनकल कर हारान की ओर चला 11 और उसन षटिकसी सथान म पहच कर रात वही षटिबतान का षटिवचार षटिकया कयोषटिक सयW असत हो गया था सो उसन उस सथान क पतथरो म स एक पतथर ल अपना तषटिकया बना कर रखा और उसी सथान म सो गया

12 तब उसन सवपन म कया खा षटिक एक सीढी पथवी पर खडी ह और उसका लिसरा सवगW तक पहचा ह और परमशवर क दत उस पर स चढत उतरत ह 13 और यहोवा उसक ऊपर खडा हो कर कहता ह षटिक म यहोवा तर ाा इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का भी परमशवर ह जिजस भमिम पर त पडा ह उस म तझ को और तर वश को दगा 14 और तरा वश भमिम की ल क षटिकनको क समान बहत होगा और पचछिचछम परब उcर चछिकखन चारो ओर 6लता जाएगा और तर और तर वश क दवारा पथवी क सार कल आशीरषो पाएग 15 और सन म तर सग रहगा और जहा कही त जाए वहा तरी रकषा करगा और तझ इस श म

लौटा ल आऊगा म अपन कह हए को जब तक परा न कर ल तब तक तझ को न छोडगा 16 तब याकब जाग उठा और कहन लगा षटिनशचय इस सथान म यहोवा ह और म इस बात को न

जानता था 17 और भय खा कर उसन कहा यह सथान कया ही भयानक ह यह तो परमशवर क भवन को छोड

और कछ नही हो सकता वरन यह सवगW का 6ाटक ही होगा 18 भोर को याकब तडक उठा और अपन तषटिकए का पतथर ल कर उसका खमभा खडा षटिकया और

उसक लिसर पर तल डाल दिया 19 और उसन उस सथान का नाम बतल रखा पर उस नगर का नाम पषटिहल लज था 20 और याकब न यह मननत मानी षटिक यदि परमशवर मर सग रहकर इस यातरा म मरी रकषा कर और

मझ खान क लिलय रोटी और पषटिहनन क लिलय कपडा 21 और म अपन षटिपता क घर म कशल कषम स लौट आऊ तो यहोवा मरा परमशवर ठहरगा 22 और यह पतथर जिजसका म न खमभा खडा षटिकया ह परमशवर का भवन ठहरगा और जो कछ त

मझ उसका शमाश म अवशय ही तझ दिया करगा

अधयाय२९

01 षटि6र याकब न अपना मागW लिलया और परवविववयो क श म आया 02 और उसन दषटि करक कया खा षटिक मान म एक कआ ह और उसक पास भड- बकरिरयो क

तीन झणड बठ हए ह कयोषटिक जो पतथर उस कए क मह पर रा रहता था जिजस म स झणडो को जल षटिपलाया जाता था वह भारी था

03 और जब सब झणड वहा इकटठ हो जात तब चरवाह उस पतथर को कए क मह पर स लढका करभड- बकरिरयो को पानी षटिपलात और षटि6र पतथर को कए क मह पर जयो का तयो रख त थ 04 सो याकब न चरवाहो स पछा ह मर भाइयो तम कहा क हो उनहोन कहा हम हारान क ह 05 तब उसन उन स पछा कया तम नाहोर क पोत लाबान को जानत हो उनहोन कहा हा हम उस

जानत ह 06 षटि6र उसन उन स पछा कया वह कशल स ह उनहोन कहा हा कशल स तो ह और वह ख

उसकी बटी राहल भड- बकरिरयो को लिलय हए चली आती ह 07 उसन कहा खो अभी तो दिन बहत ह पशओ क इकटठ होन का समय नही सो भड- बकरिरयो

को जल षटिपलाकर षटि6र ल जा कर चराओ 08 उनहोन कहा हम अभी ऐसा नही कर सकत जब सब झणड इकटठ होत ह तब पतथर कए क मह

स लढकाया जाता ह और तब हम भड- बकरिरयो को पानी षटिपलात ह 09 उनकी यह बातचीत हो रही थी षटिक राहल जो पश चराया करती थी सो अपन षटिपता की भड-

बकरिरयो को लिलय हए आ गई 10 अपन मामा लाबान की बटी राहल को और उसकी भड- बकरिरयो को भी ख कर याकब न

षटिनकट जा कर कए क मह पर स पतथर को लढका कर अपन मामा लाबान की भड- बकरिरयो को पानीषटिपलाया 11 तब याकब न राहल को चमा और ऊच सवर स रोया 12 और याकब न राहल को बता दिया षटिक म तरा 66रा भाई ह अथाWत रिरबका का पतर ह तब

उसन ौड क अपन षटिपता स कह दिया 13 अपन भानज याकब का समाचार पात ही लाबान उसस भट करन को ौडा और उसको गल

लगाकर चमा षटि6र अपन घर ल आया और याकब न लाबान स अपना सब वcानत वणWन षटिकया 14 तब लाबान न याकब स कहा त तो सचमच मरी हmी और मास ह सो याकब एक महीना भर

उसक साथ रहा 15 तब लाबान न याकब स कहा भाईब( होन क कारण तझ स सतमत सवा कराना मझ उलिचत

नही ह सो कह म तझ सवा क बल कया द16 लाबान क ो बदिटया थी जिजन म स बडी का नाम लिलआ और छोटी का राहल था 17 लिलआ क तो (ली आख थी पर राहल रपवती और सनर थी 18 सो याकब न जो राहल स परीषटित रखता था कहा म तरी छोटी बटी राहल क लिलय सात बरस

तरी सवा करगा 19 लाबान न कहा उस पराए पररषो को न स तझ को ना उcम होगा सो मर पास रह 20 सो याकब न राहल क लिलय सात बरस सवा की और व उसको राहल की परीषटित क कारण थोड

ही दिनो क बराबर जान पड 21 तब याकब न लाबान स कहा मरी पतनी मझ और म उसक पास जाऊगा कयोषटिक मरा समय

परा हो गया ह 22 सो लाबान न उस सथान क सब मनषयो को बला कर इकटठा षटिकया और उनकी जवनार की 23 साझ क समय वह अपनी बटी लिलआ को याकब क पास ल गया और वह उसक पास गया 24 और लाबान न अपनी बटी लिलआ को उसकी लौडी होन क लिलय अपनी लौडी जिजलपा ी 25 भोर को मालम हआ षटिक यह तो लिलआ ह सो उसन लाबान स कहा यह त न मझ स कया षटिकयाह म न तर साथ रहकर जो तरी सवा की सो कया राहल क लिलय नही की षटि6र त न मझ स कयो

ऐसा छल षटिकया ह 26 लाबान न कहा हमार यहा ऐसी रीषटित नही षटिक जठी स पषटिहल दसरी का षटिववाह कर 27 इसका सपताह तो परा कर षटि6र दसरी भी तझ उस सवा क लिलय मिमलगी जो त मर साथ रह कर

और सात वरषोW तक करगा 28 सो याकब न ऐसा ही षटिकया और लिलआ क सपताह को परा षटिकया तब लाबान न उस अपनी

बटी राहल को भी दिया षटिक वह उसकी पतनी हो 29 और लाबान न अपनी बटी राहल की लौडी होन क लिलय अपनी लौडी षटिबलहा को दिया 30 तब याकब राहल क पास भी गया और उसकी परीषटित लिलआ स अलिक उसी पर हई और उसन

लाबान क साथ रहकर सात वरषोW और उसकी सवा की 31 जब यहोवा न खा षटिक लिलआ अषटिपरय हई तब उसन उसकी कोख खोली पर राहल बाझ रही 32 सो लिलआ गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसन यह कहकर उसका नाम

रबन रखा षटिक यहोवा न मर द ख पर दषटि की ह सो अब मरा पषटित मझ स परीषटित रखगा 33 षटि6र वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसन यह कहा षटिक यह सनक षटिक म

अषटिपरय ह यहोवा न मझ यह भी पतर दिया इसलिलय उसन उसका नाम णिशमोन रखा 34 षटि6र वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसन कहा अब की बार तो मरा

पषटित मझ स मिमल जाएगा कयोषटिक उसस मर तीन पतर उतपनन हए इसलिलय उसका नाम लवी रखागया 35 और षटि6र वह गभWवती हई और उसक एक और पतर उतपनन हआ और उसन कहा अब की बार

तो म यहोवा का नयवा करगी इसलिलय उसन उसका नाम यहा रखा तब उसकी कोख बन होगई

अधयाय३०

01 जब राहल न खा षटिक याकब क लिलय मझ स कोई सनतान नही होता तब वह अपनी बषटिहन स डाह करन लगी और याकब स कहा मझ भी सनतान नही तो मर जाऊगी

02 तब याकब न राहल स करोलित हो कर कहा कया म परमशवर ह तरी कोख तो उसी न बन कर रखी ह

03 राहल न कहा अचछा मरी लौडी षटिबलहा हाजिजर ह उसी क पास जा वह मर घटनो पर जनगी और उसक दवारा मरा भी घर बसगा

04 तो उसन उस अपनी लौडी षटिबलहा को दिया षटिक वह उसकी पतनी हो और याकब उसक पासगया 05 और षटिबलहा गभWवती हई और याकब स उसक एक पतर उतपनन हआ 06 और राहल न कहा परमशवर न मरा नयाय चकाया और मरी सन कर मझ एक पतर दिया इसलिलय

उसन उसका नाम ान रखा 07 और राहल की लौडी षटिबलहा षटि6र गभWवती हई और याकब स एक पतर और उतपनन हआ 08 तब राहल न कहा म न अपनी बषटिहन क साथ बड बल स लिलपट कर मललयq षटिकया और अब

जीत गई सो उसन उसका नाम नपताली रखा 09 जब लिलआ न खा षटिक म जनन स रषटिहत हो गई ह तब उसन अपनी लौडी जिजलपा को ल कर

याकब की पतनी होन क लिलय दिया 10 और लिलआ की लौडी जिजलपा क भी याकब स एक पतर उतपनन हआ 11 तब लिलआ न कहा अहो भागय सो उसन उसका नाम गा रखा 12 षटि6र लिलआ की लौडी जिजलपा क याकब स एक और पतर उतपनन हआ 13 तब लिलआ न कहा म नय ह षटिनशचय सतरिसतरया मझ नय कहगी सो उसन उसका नाम आशररखा 14 गह की कटनी क दिनो म रबन को मान म दा6ल मिमल और वह उन को अपनी माता लिलआ

क पास ल गया तब राहल न लिलआ स कहा अपन पतर क दा6लो म स कछ मझ 15 उसन उसस कहा त न जो मर पषटित को ल लिलया ह सो कया छोटी बात ह अब कया त मर पतर क

दा6ल भी लन चाहती ह राहल न कहा अचछा तर पतर क दा6लो क बल वह आज रात को तर सग सोएगा

16 सो साझ को जब याकब मान स आ रहा था तब लिलआ उसस भट करन को षटिनकली औरकहा तझ मर ही पास आना होगा कयोषटिक म न अपन पतर क दा6ल कर तझ सचमच मोल लिलया

तब वह उस रात को उसी क सग सोया 17 तब परमशवर न लिलआ की सनी सो वह गभWवती हई और याकब स उसक पाचवा पतर उतपननहआ 18 तब लिलआ न कहा म न जो अपन पषटित को अपनी लौडी ी इसलिलय परमशवर न मझ मरी मजरी

ी ह सो उसन उसका नाम इससाकार रखा 19 और लिलआ षटि6र गभWवती हई और याकब स उसक छठवा पतर उतपनन हआ 20 तब लिलआ न कहा परमशवर न मझ अचछा ान दिया ह अब की बार मरा पषटित मर सग बनारहगा कयोषटिक मर उसस छ पतर उतपनन चक ह स उसन उसका नाम जबलन रखा 21 ततपशचात उसक एक बटी भी हई और उसन उसका नाम ीना रखा 22 और परमशवर न राहल की भी सलि ली और उसकी सनकर उसकी कोख खोली 23 सो वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ सो उसन कहा परमशवर न मरी नामराई

को दर कर दिया ह 24 सो उसन यह कह कर उसका नाम यस6 रखा षटिक परमशवर मझ एक पतर और भी गा 25 जब राहल स यस6 उतपनन हआ तब याकब न लाबान स कहा मझ षटिवा कर षटिक म अपन श

और सथान को जाऊ 26 मरी सतरिसतरया और मर लडक-बाल जिजनक लिलय म न तरी सवा की ह उनह मझ षटिक म चलाजाऊ त तो जानता ह षटिक म न तरी कसी सवा की ह 27 लाबान न उसस कहा यदि तरी दषटि म म न अनगरह पाया ह तो रह जा कयोषटिक म न अनभव स

जान लिलया ह षटिक यहोवा न तर कारण स मझ आशीरषो ी ह 28 षटि6र उसन कहा त ठीक बता षटिक म तझ को कया द और म उस दगा 29 उसन उसस कहा त जानता ह षटिक म न तरी कसी सवा की और तर पश मर पास षटिकस परकार स रह 30 मर आन स पषटिहल व षटिकतन थ और अब षटिकतन हो गए ह और यहोवा न मर आन पर तझ तो

आशीरषो ी ह पर म अपन घर का काम कब करन पाऊगा 31 उसन षटि6र कहा म तझ कया द याकब न कहा त मझ कछ न यदि त मर लिलय एक कामकर तो म षटि6र तरी भड- बकरिरयो को चराऊगा और उनकी रकषा करगा 32 म आज तरी सब भड- बकरिरयो क बीच हो कर षटिनकलगा और जो भड वा बकरी लिचcीवाली वा

लिचतकबरी हो और जो भड काली हो और जो बकरी लिचतकबरी वा लिचcीवाली हो उनह म अलग कररखगा और मरी मजदरी म व ही ठहरगी 33 और जब आग को मरी मजदरी की चचाW तर सामहन चल तब मW की यही साकषी होगी अथाWत

बकरिरयो म स जो कोई न लिचcीवाली न लिचतकबरी हो और भडो म स जो कोई काली न हो सो यदि मर पास षटिनकल तो चोरी की ठहरगी

34 तब लाबान न कहा तर कहन क अनसार हो 35 सो उसन उसी दिन सब ारी वाल और लिचतकबर बकरो और सब लिचcीवाली और लिचतकबरी

बकरिरयो को अथाWत जिजन म कछ उजलापन था उन को और सब काली भडो को भी अलग करक अपन पतरो क हाथ सौप दिया

36 और उसन अपन और याकब क बीच म तीन दिन क मागW का अनतर ठहराया सो याकब लाबान की भड- बकरिरयो को चरान लगा

37 और याकब न लिचनार और बााम और अमन वकषो की हरी हरी छषटिडय़ा ल कर उनक लिछलक कही कही छील क उनह ारीार बना दिया ऐसी षटिक उन छषटिडय़ो की स6ी दिखाई न लगी

38 और तब छीली हई छषटिडय़ो को भड- बकरिरयो क सामहन उनक पानी पीन क कठौतो म खडाषटिकया और जब व पानी पीन क लिलय आई तब गाणिभन हो गई 39 और छषटिडय़ो क सामहन गाणिभन हो कर भड- बकरिरया ारीवाल लिचcीवाल और लिचतकबर बचचजनी

40 तब याकब न भडो क बचचो को अलग अलग षटिकया और लाबान की भड- बकरिरयो क मह को लिचcीवाल और सब काल बचचो की ओर कर दिया और अपन झणडो को उन स अलग रखा और

लाबान की भड- बकरिरयो स मिमलन न दिया 41 और जब जब बलवनत भड- बकरिरया गाणिभन होती थी तब तब याकब उन छषटिडय़ो को कठौतो म

उनक सामहन रख ता था जिजस स व छषटिडय़ो को खती हई गाणिभन हो जाए 42 पर जब षटिनबWल भड- बकरिरया गाणिभन होती थी तब वह उनह उनक आग नही रखता था इस स

षटिनबWल षटिनबWल लाबान की रही और बलवनत बलवनत याकब की हो गई 43 सो वह पररषो अतयनत नाढय हो गया और उसक बहत सी भड-बकरिरया और लौषटिडया और

ास और ऊट और गह हो गए

अधयाय३१

01 षटि6र लाबान क पतरो की य बात याकब क सनन म आई षटिक याकब न हमार षटिपता का सब कछ छीन लिलया ह और हमार षटिपता क न क कारण उसकी यह परषटितषठा ह

02 और याकब न लाबान क मखड पर दषटि की और ताड लिलया षटिक वह उसक परषटित पहल क समान नही ह

03 तब यहोवा न याकब स कहा अपन षटिपतरो क श और अपनी जनमभमिम को लौट जा और म तर सग रहगा

04 तब याकब न राहल और लिलआ को मान म अपनी भड- बकरिरयो क पास बलवा कर कहा 05 तमहार षटिपता क मखड स मझ समझ पडता ह षटिक वह तो मझ पषटिहल की नाई अब नही खता

पर मर षटिपता का परमशवर मर सग ह 06 और तम भी जानती हो षटिक म न तमहार षटिपता की सवा शलिकत भर की ह 07 और तमहार षटिपता न मझ स छल करक मरी मजदरी को स बार बल दिया परनत परमशवर न

उसको मरी हाषटिन करन नही दिया 08 जब उसन कहा षटिक लिचcीवाल बचच तरी मजदरी ठहरग तब सब भड- बकरिरया लिचcीवाल ही

जनन लगी और जब उसन कहा षटिक ारीवाल बचच तरी मजदरी ठहरग तब सब भड- बकरिरया ारीवाल जनन लगी

09 इस रीषटित स परमशवर न तमहार षटिपता क पश ल कर मझ को दिए 10 भड- बकरिरयोक गाणिभन होन क समय म न सवपन म कया खा षटिक जो बकर बकरिरयो पर चढ रहह सो ारीवाल लिचcीवाल और बबवाल ह 11 और परमशवर क दत न सवपन म मझ स कहा ह याकब म न कहा कया आजञा 12 उसन कहा आख उठा कर उन सब बकरो को जो बकरिरयो पर चढ रह ह ख षटिक वारीवाल लिचcीवाल और बबवाल ह कयोषटिक जो कछ लाबान तझ स करता ह सो म न खा ह 13 म उस बतल का ईशवर ह जहा त न एक खमभ पर तल डाल दिया और मरी मननत मानी थी अब चल इस श स षटिनकल कर अपनी जनमभमिम को लौट जा 14 तब राहल और लिलआ न उसस कहा कया हमार षटिपता क घर म अब भी हमारा कछ भाग वा

अश बचा ह 15 कया हम उसकी दषटि म पराय न ठहरी ख उसन हम को तो बच डाला और हमार रप को

खा बठा ह 16 सो परमशवर न हमार षटिपता का जिजतना न ल लिलया ह सो हमारा और हमार लडकबालो का ह

अब जो कछ परमशवर न तझ स कहा सो कर 18 तब याकब न अपन लडक बालो और सतरिसतरयो को ऊटो पर चढाया 19 और जिजतन पशओ को वह पददनराम म इकटठा करक नाढय हो गया था सब को कनान म

अपन षटिपता इसहाक क पास जान की मनसा स साथ ल गया 20 लाबान तो अपनी भडो का ऊन कतरन क लिलय चला गया था और राहल अपन षटिपता क

गहवताओ को चरा ल गई

21 सो याकब लाबान अरामी क पास स चोरी स चला गया उसको न बताया षटिक म भागा जाता ह 22 वह अपना सब कछ ल कर भागा और महान क पार उतर कर अपना मह षटिगला क पहाडी

श की ओर षटिकया 23 तीसर दिन लाबान को समाचार मिमला षटिक याकब भाग गया ह 24 सो उसन अपन भाइयो को साथ ल कर उसका सात दिन तक पीछा षटिकया और षटिगला क

पहाडी श म उसको जा पकडा 25 तब परमशवर न रात क सवपन म आरामी लाबान क पास आकर कहा सावान रह त याकब स न

तो भला कहना और न बरा 26 और लाबान याकब क पास पहच गया याकब तो अपना तमब षटिगला नाम पहाडी श म खडा

षटिकए पडा था और लाबान न भी अपन भाइयो क साथ अपना तमब उसी पहाडी श म खडा षटिकया 27 तब लाबान याकब स कहन लगा त न यह कया षटिकया षटिक मर पास स चोरी स चला आया और

मरी बदिटयो को ऐसा ल आया जसा कोई तलवार क बल स बनी बनाए गए 28 त कयो चपक स भाग आया और मझ स षटिबना कछ कह मर पास स चोरी स चला आया नही

तो म तझ आनन क साथ मग और वीणा बजवात और गीत गवात षटिवा करता 29 त न तो मझ अपन बट बदिटयो को चमन तक न दिया त न मखWता की ह 30 तम लोगो की हाषटिन करन की शलिकत मर हाथ म तो ह पर तमहार षटिपता क परमशवर न मझ स बीती

हई रात म कहा सावान रह याकब स न तो भला कहना और न बरा 31 भला अब त अपन षटिपता क घर का बडा अणिभलारषोी हो कर चला आया तो चला आया पर मर

वताओ को त कयो चरा ल आया ह 32 याकब न लाबान को उcर दिया म यह सोचकर डर गया था षटिक कही त अपनी बदिटयो को मझ

स छीन न ल 33 जिजस षटिकसी क पास त अपन वताओ को पाए सो जीता न बचगा मर पास तरा जो कछषटिनकल सो भाई- ब(ओ क सामहन पषटिहचान कर ल ल कयोषटिक याकब न जानता था षटिक राहल

गहवताओ को चरा ल आई ह 34 यह सनकर लाबान याकब और लिलआ और ोनो ालिसयो क तमबओ म गया और कछ न

मिमला तब लिलआ क तमब म स षटिनकल कर राहल क तमब म गया 35 राहल तो गहवताओ को ऊट की काठी म रखक उन पर बठी थी सो लाबान न उसक सार तमब म टटोलन पर भी उनह न पाया

36 राहल न अपन षटिपता स कहा ह मर परभ इस स अपरसनन न हो षटिक म तर सामहन नही उठी कयोषटिक म सतरीमW स ह सो उसक ढढ ढाढ करन पर भी गहवता उसको न मिमल

37 तब याकब करोलित हो कर लाबान स झगडन लगा और कहा मरा कया अपरा ह मरा कया पाप ह षटिक त न इतना करोलित हो कर मरा पीछा षटिकया ह

38 त न जो मरी सारी सामगरी को टटोल कर खा सो तझ को सारी सामगरी म स कया मिमला कछ मिमला हो तो उसको यहा अपन और मर भाइयो क सामहन रख और व हम ोनो क बीच नयाय

कर 39 इन बीस वरषोN स म तर पास रहा उन म न तो तरी भड- बकरिरयो क गभW षटिगर और न तर मढो

का मास म न कभी खाया 40 जिजस बनल जनतओ न 6ाड डाला उसको म तर पास न लाता था उसकी हाषटिन म ही उठाता था

चाह दिन को चोरी जाता चाह रात को त मझ ही स उसको ल लता था 41 मरी तो यह शा थी षटिक दिन को तो घाम और रात को पाला मझ खा गया और नीन मरी

आखो स भाग जाती थी 42 बीस वरषोW तक म तर घर म रहो चौह वरषोW तो म न तरी ोनो बदिटयो क लिलय और छ वरषोW तरीभड- बकरिरयो क लिलय सवा की और त न मरी मजदरी को स बार बल डाला 43 मर षटिपता का परमशवर अथाWत इबराहीम का परमशवर जिजसका भय इसहाक भी मानता ह यदि मरी

ओर न होता तो षटिनशचय त अब मझ छछ हाथ जान ता मर द ख और मर हाथो क परिरशरम को खकर परमशवर न बीती हई रात म तझ डपटा

44 लाबान ल याकब स कहा य बदिटयो तो मरी ही ह और य पतर भी मर ही ह और य भड- बकरिरया भी मरी ही ह और जो कछ तझ ख पडता ह सो सब मरा ही ह और अब म अपनी इन

बदिटयो वा इनक सनतान स कया कर सकता ह 45 अब आ म और त ोनो आपस म वाचा बा( और वह मर और तर बीच साकषी ठहरी रह 46 तब याकब न एक पतथर ल कर उसका खमभा खडा षटिकया 47 तब याकब न अपन भाई- ब(ओ स कहा पतथर इकटठा करो यह सन कर उनहोन पतथर इकटठा

करक एक ढर लगाया और वही ढर क पास उनहोन भोजन षटिकया 48 उस ढर का नाम लाबान न तो यजर सहादया पर याकब न जिजलिलया रखा 49 लाबान न कहा षटिक यह ढर आज स मर और तर बीच साकषी रहगा इस कारण उसका नाम

जिजलिलया रखा गया 50 और मिमजपा भी कयोषटिक उसन कहा षटिक जब हम उस दसर स दर रह तब यहोवा मरी और तरी

खभाल करता रह 51 यदि त मरी बदिटयो को द ख वा उनक लिसवाय और सतरिसतरया बयाह ल तो हमार साथ कोई

मनषय तो न रहगा पर ख मर तर बीच म परमशवर साकषी रहगा 52 षटि6र लाबान न याकब स कहा इस ढर को ख और इस खमभ को भी ख जिजन को म न अपन

और तर बीच म खडा षटिकया ह 53 यह ढर और यह खमभा ोनो इस बात क साकषी रह षटिक हाषटिन करन की मनसा स न तो म इस

ढर को लाघ कर तर पास जाऊगा न त इस ढर और इस खमभ को लाघ कर मर पास आएगा 54 इबराहीम और नाहोर और उनक षटिपता तीनो का जो परमशवर ह सो हम ोनो क बीच नयाय कर

तब याकब न उसकी शपथ खाई जिजसका भय उसका षटिपता इसहाक मानता था 55 और याकब न उस पहाड पर मलबलिल चढाया और अपन भाई- ब(ओ को भोजन करन क लिलय बलाया सो उनहोन भोजन करक पहाड पर रात षटिबताई 56 षटिबहान को लाबान तडक उठा और अपन बट बदिटयो को चम कर और आशीवाW कर चलदिया और अपन सथान को लौट गया

अधयाय३२

01 और याकब न भी अपना मागW लिलया और परमशवर क दत उस आ मिमल 02 उन को खत ही याकब न कहा यह तो परमशवर का ल ह सो उसन उस सथान का नाम महनमरखा 03 तब याकब न सईर श म अथाWत एोम श म अपन भाई ऐसाव क पास अपन आग दत भजदिए 04 और उसन उनह यह आजञा ी षटिक मर परभ ऐसाव स यो कहना षटिक तरा ास याकब तझ स यो

कहता ह षटिक म लाबान क यहा परशी हो कर अब तक रहा 05 और मर पास गाय-बल गह भड-बकरिरया और ास- ालिसया ह सो म न अपन परभ क पास

इसलिलय सशा भजा ह षटिक तरी अनगरह की दषटि मझ पर हो 06 व दत याकब क पास लौट क कहन लग हम तर भाई ऐसाव क पास गए थ और वह भी तझ

स भट करन को चार सौ पररषो सग लिलय हए चला आता ह 07 तब याकब षटिनपट डर गया और सकट म पडा और यह सोच कर अपन सग वालो क औरभड-बकरिरयो और गाय-बलो और ऊटो क भी अलग अलग ो ल कर लिलय 08 षटिक यदि ऐसाव आकर पषटिहल ल को मारन लग तो दसरा ल भाग कर बच जाएगा 09 षटि6र याकब न कहा ह यहोवा ह मर ाा इबराहीम क परमशवर त न तो मझ स कहा षटिक अपन

श और जनम भमिम म लौट जा और म तरी भलाई करगा 10 त न जो जो काम अपनी करणा और सचचाई स अपन ास क साथ षटिकए ह षटिक म जो अपनी

छडी ही ल कर इस यरन नी क पार उतर आया सो अब मर ो ल हो गए ह तर ऐस ऐस कामो म स म एक क भी योगय तो नही ह

11 मरी षटिवनती सन कर मझ मर भाई ऐसाव क हाथ स बचा म तो उसस डरता ह कही ऐसा न हो षटिक वह आकर मझ और मा समत लडको को भी मार डाल

12 त न तो कहा ह षटिक म षटिनशचय तरी भलाई करगा और तर वश को समदर की बाल क षटिकनको क समान बहत करगा जो बहतायत क मार षटिगन नही जो सकत

13 और उसन उस दिन की रात वही षटिबताई और जो कछ उसक पास था उस म स अपन भाई ऐसाव की भट क लिलय छाट छाट कर षटिनकाला

14 अथाWत ो सौ बकरिरया और बीस बकर और ो सौ भड और बीस मढ 15 और बचचो समत द न वाली तीस ऊटषटिनया और चालीस गाय और स बल और बीस

गषटिहया और उनक स बचच 16 इन को उसन झणड झणड करक अपन ासो को सौप कर उन स कहा मर आग बढ जाओ

और झणडो क बीच बीच म अनतर रखो 17 षटि6र उसन अगल झणड क रखवाल को यह आजञा ी षटिक जब मरा भाई ऐसाव तझ मिमल और

पछन लग षटिक त षटिकस का ास ह और कहा जाता ह और य जो तर आग आग ह सो षटिकस क ह 18 तब कहना षटिक यह तर ास याकब क ह ह मर परभ ऐसाव य भट क लिलय तर पास भज गएह और वह आप भी हमार पीछ पीछ आ रहा ह 19 और उसन दसर और तीसर रखवालो को भी वरन उस सभो को जो झणडो क पीछ पीछ थ ऐसी

ही आजञा ी षटिक जब ऐसाव तम को मिमल तब इसी परकार उसस कहना 20 और यह भी कहना षटिक तरा ास याकब हमार पीछ पीछ आ रहा ह कयोषटिक उसन यह सोचा

षटिक यह भट जो मर आग आग जाती ह इसक दवारा म उसक करो को शानत करक तब उसका शWनकरगा हो सकता ह वह मझ स परसनन हो जाए 21 सो वह भट याकब स पषटिहल पार उतर गई और वह आप उस रात को छावनी म रहा 22 उसी रात को वह उठा और अपनी ोनो सतरिसतरयो और ोनो लौषटिडयो और गयारहो लडको को सग

ल कर घाट स यबबोक नी क पार उतर गया 23 और उसन उनह उस नी क पार उतार दिया वरन अपना सब कछ पार उतार दिया 24 और याकब आप अकला रह गया तब कोई पररषो आकर पह 6टन तक उसस मललयq करतारहा 25 जब उसन खा षटिक म याकब पर परबल नही होता तब उसकी जाघ की नस को छआ सो

याकब की जाघ की नस उसस मललयq करत ही करत चढ गई 26 तब उसन कहा मझ जान कयोषटिक भोर हआ चाहता ह याकब न कहा जब तक त मझ

आशीवाW न तब तक म तझ जान न दगा 27 और उसन याकब स पछा तरा नाम कया ह उसन कहा याकब 28 उसन कहा तरा नाम अब याकब नही परनत इसराएल होगा कयोषटिक त परमशवर स और मनषयो स

भी यq कर क परबल हआ ह 29 याकब न कहा म षटिबनती करता ह मझ अपना नाम बता उसन कहा त मरा नाम कयो पछताह तब उसन उसको वही आशीवाW दिया 30 तब याकब न यह कह कर उस सथान का नाम पनीएल रखा षटिक परमशवर को आमहन सामहन

खन पर भी मरा पराण बच गया ह 31 पनएल क पास स चलत चलत सयW उय हो गया और वह जाघ स लगडाता था 32 इसराएली जो पशओ की जाघ की जोड वाल जघानस को आज क दिन तक नही खात इसका

कारण यही ह षटिक उस पररषो न याकब की जाघ की जोड म जघानस को छआ था

अधयाय३३

01 और याकब न आख उठा कर यह खा षटिक ऐसाव चार सौ पररषो सग लिलय हए चला जाता ह तब उसन लडक बालो को अलग अलग बाट कर लिलआ और राहल और ोनो लौषटिडयो को सौप

दिया

02 और उसन सब क आग लडको समत लौषटिडयो को उसक पीछ लडको समत लिलआ को और सब क पीछ राहल और यस6 को रखा

03 और आप उन सब क आग बढा और सात बार भमिम पर षटिगर क णडवत की और अपन भाई क पास पहचा

04 तब ऐसाव उसस भट करन को ौडा और उसको हय स लगा कर गल स लिलपट कर चमा षटि6र व ोनो रो पड

05 तब उसन आख उठा कर सतरिसतरयो और लडक बालो को खा और पछा य जो तर साथ ह सो कौन ह उसन कहा य तर ास क लडक ह जिजनह परमशवर न अनगरह कर क मझ को दिया ह

06 तब लडको समत लौषटिडयो न षटिनकट आकर णडवत की 07 षटि6र लडको समत लिलआ षटिनकट आई और उनहोन भी णडवत की पीछ यस6 और राहल न

भी षटिनकट आकर णडवत की 08 तब उसन पछा तरा यह बडा ल जो मझ को मिमला उसका कया परयोजन ह उसन कहा यह

षटिक मर परभ की अनगरह की दषटि मझ पर हो 09 ऐसाव न कहा ह मर भाई मर पास तो बहत ह जो कछ तरा ह सो तरा ही रह 10 याकब न कहा नही नही यदि तरा अनगरह मझ पर हो तो मरी भट गरहण कर कयोषटिक म न तरा

शWन पाकर मानो परमशवर का शWन पाया ह और त मझ स परसनन हआ ह 11 सो यह भट जो तझ भजी गई ह गरहण कर कयोषटिक परमशवर न मझ पर अनगरह षटिकया ह और

मर पास बहत ह जब उसन उस को बाया तब उस न भट को गरहण षटिकया 12 षटि6र ऐसाव न कहा आ हम बढ चल और म तर आग आग चलगा 13 याकब न कहा ह मर परभ त जानता ही ह षटिक मर साथ सकमार लडक और द न हारी भड-

बकरिरया और गाय ह यदि ऐस पश एक दिन भी अलिक हाक जाए तो सब क सब मर जाएग 14 सो मरा परभ अपन ास क आग बढ जाए और म इन पशओ की गषटित क अनसार जो मर आग ह और लडक बालो की गषटित क अनसार ीर ीर चल कर सईर म अपन परभ क पास पहचगा 15 ऐसाव न कहा तो अपन सग वालो म स म कई एक तर साथ छोड जाऊ उसन कहा यह कयो

इतना ही बहत ह षटिक मर परभ की अनगरह की दषटि मझ पर बनी रह 16 तब ऐसाव न उसी दिन सईर जान को अपना मागW लिलया 17 और याकब वहा स कच कर क सककोत को गया और वहा अपन लिलय एक घर और पशओ क

लिलय झोपड बनाए इसी कारण उस सथान का नाम सककोत पडा 18 और याकब जो पददनराम स आया था सो कनान श क शकम नगर क पास कशल कषम स

पहच कर नगर क सामहन डर खड षटिकए 19 और भमिम क जिजस खणड पर उसन अपना तमब खडा षटिकया उसको उसन शकम क षटिपता हमोर

क पतरो क हाथ स एक सौ कसीतो म मोल लिलया 20 और वहा उसन एक वी बना कर उसका नाम एललोह इसराएल रखा

अधयाय३४

01 और लिलआ की बटी ीना जो याकब स उतपनन हई थी उस श की लडषटिकयो स भट करन कोषटिनकली 02 तब उस श क परान षटिहcी हमोर क पतर शकम न उस खा और उस ल जा कर उसक साथ

ककमW करक उसको भर कर डाला 03 तब उसका मन याकब की बटी ीना स लग गया और उसन उस कनया स परम की बात की

और उसस परम करन लगा 04 और शकम न अपन षटिपता हमोर स कहा मझ इस लडकी को मरी पतनी होन क लिलय दिला 05 और याकब न सना षटिक शकम न मरी बटी ीना को अशq कर डाला ह पर उसक पतर उस

समय पशओ क सग मान म थ सो वह उनक आन तक चप रहा

06 और शकम का षटिपता हमोर षटिनकल कर याकब स बातचीत करन क लिलय उसक पास गया 07 और याकब क पतर सनत ही मान स बहत उास और करोलित हो कर आए कयोषटिक शकम न

याकब की बटी क साथ ककमW करक इसराएल क घरान स मखWता का ऐसा काम षटिकया था जिजसका करना अनलिचत था

08 हमोर न उन सब स कहा मर पतर शकम का मन तमहारी बटी पर बहत लगा ह सो उस उसकी पतनी होन क लिलय उसको ो

09 और हमार साथ बयाह षटिकया करो अपनी बदिटया हम को दिया करो और हमारी बदिटयो को आप लिलया करो

10 और हमार सग बस रहो और यह श तमहार सामन पडा ह इस म रह कर लनन करो और इसकी भमिम को अपन लिलय ल लो

11 और शकम न भी ीना क षटिपता और भाइयो स कहा यदि मझ पर तम लोगो की अनगरह की दषटि हो तो जो कछ तम मझ स कहो सो म दगा

12 तम मझ स षटिकतना ही मलय वा बला कयो न मागो तौभी म तमहार कह क अनसार दगा परनत उस कनया को पतनी होन क लिलय मझ ो

13 तब यह सोच कर षटिक शकम न हमारी बषटिहन ीना को अशq षटिकया ह याकब क पतरो न शकम और उसक षटिपता हमोर को छल क साथ यह उcर दिया

14 षटिक हम ऐसा काम नही कर सकत षटिक षटिकसी खतना रषटिहत पररषो को अपनी बषटिहन कयोषटिक इस स हमारी नामराई होगी

15 इस बात पर तो हम तमहारी मान लग षटिक हमारी नाई तम म स हर एक पररषो का खतना षटिकयाजाए 16 तब हम अपनी बदिटया तमह बयाह ग और तमहारी बदिटया बयाह लग और तमहार सग बस भीरहग और हम ोनो एक ही समाय क मनषय हो जाएग 17 पर यदि तम हमारी बात न मान कर अपना खतना न कराओग तो हम अपनी लडकी को लक

यहा स चल जाएग 18 उनकी इस बात पर हमोर और उसका पतर शकम परसनन हए 19 और वह जवान जो याकब की बटी को बहत चाहता था इस काम को करन म उसन षटिवलमब न

षटिकया वह तो अपन षटिपता क सार घरान म अलिक परषटितषटिषठत था 20 सो हमोर और उसका पतर शकम अपन नगर क 6ाटक क षटिनकट जा कर नगरवालिसयो को यो

समझान लग 21 षटिक व मनषय तो हमार सग मल स रहना चाहत ह सो उनह इस श म रह क लनन करन ो खो यह श उनक लिलय भी बहत ह षटि6र हम लोग उनकी बदिटयो को बयाह ल और अपनी बदिटयो

को उनह दिया कर 22 व लोग कवल इस बात पर हमार सग रहन और एक ही समाय क मनषय हो जान को परसनन ह

षटिक उनकी नाई हमार सब पररषोो का भी खतना षटिकया जाए 23 कया उनकी भड-बकरिरया और गाय- बल वरन उनक सार पश और न समपलिc हमारी न होजाएगी इतना ही कर षटिक हम लोग उनकी बात मान ल तो व हमार सग रहग 24 सो जिजतन उस नगर क 6ाटक स षटिनकलत थ उन सभो न हमोर की और उसक पतर शकम की

बात मानी और हर एक पररषो का खतना षटिकया गया जिजतन उस नगर क 6ाटक स षटिनकलत थ 25 तीसर दिन जब व लोग पीषटिडत पड थ तब ऐसा हआ षटिक णिशमोन और लवी नाम याकब क ो

पतरो न जो ीना क भाई थ अपनी अपनी तलवार ल उस नगर म षटिनडक घस कर सब पररषोो को घात षटिकया

26 और हमोर और उसक पतर शकम को उनहोन तलवार स मार डाला और ीना को शकम क घर स षटिनकाल ल गए

27 और याकब क पतरो न घात कर डालन पर भी चढ कर नगर को इसलिलय लट लिलया षटिक उस म उनकी बषटिहन अशq की गई थी

28 उनहोन भड-बकरी और गाय-बल और गह और नगर और मान म जिजतना न था ल

लिलया 29 उस सब को और उनक बाल-बचचो और सतरिसतरयो को भी हर ल गए वरन घर घर म जो कछ था

उसको भी उनहोन लट लिलया 30 तब याकब न णिशमोन और लवी स कहा तम न जो उस श क षटिनवासी कनाषटिनयोऔर परिरचछिजजयो

क मन म मरी ओर घणा उतपनन कराई ह इस स तम न मझ सकट म डाला ह कयोषटिक मर साथ तो थोड की लोग ह सो अब व इकटठ हो कर मझ पर चढग और मझ मार डालग सो म अपन घरान समत सतयानाश हो जाऊगा

31 उनहोन कहा कया वह हमारी बषटिहन क साथ वशया की नाई बताWव कर

अधयाय३५

01 तब परमशवर न याकब स कहा यहा स कच करक बतल को जा और वही रह और वहा ईशवर क लिलय वी बना जिजसन तझ उस समय शWन दिया जब त अपन भाई ऐसाव क डर स भागा जाता

था 02 तब याकब न अपन घरान स और उन सब स भी जो उसक सग थ कहा तमहार बीच म जो

पराए वता ह उनह षटिनकाल 6 को और अपन अपन को शq करो और अपन वसतर बल डालो 03 और आओ हम यहा स कच करक बतल को जाए वहा म ईशवर क लिलय एक वी बनाऊगा

जिजसन सकट क दिन मरी सन ली और जिजस मागW स म चलता था उस म मर सग रहा 04 सो जिजतन पराए वता उनक पास थ और जिजतन कणडल उनक कानोम थ उन सभो को उनहोन

याकब को दिया और उसन उन को उस लिसनदर वकष क नीच जो शकम क पास ह गाड दिया 05 तब उनहोन कच षटिकया और उनक चारो ओर क नगर षटिनवालिसयो क मन म परमशवर की ओर स

ऐसा भय समा गया षटिक उनहोन याकब क पतरो का पीछा न षटिकया 06 सो याकब उन सब समत जो उसक सग थ कनान श क लज नगर को आया वह नगर बतल

भी कहलाता ह 07 वहा उसन एक वी बनाई और उस सथान का नाम एलबतल रखा कयोषटिक जब वह अपन भाई

क डर स भागा जाता था तब परमशवर उस पर वही परगट हआ था 08 और रिरबका की द षटिपलानहारी ाय बोरा मर गई और बतल क नीच लिसनदर वकष क तल

उसको मिमटटी ी गई और उस लिसनदर वकष का नाम अललोनबककत रखा गया 09 षटि6र याकब क पददनराम स आन क पशचात परमशवर न दसरी बार उसको शWन कर आशीरषो ी 10 और परमशवर न उसस कहा अब तक तो तरा नाम याकब रहा ह पर आग को तरा नाम याकब न रहगा त इसराएल कहलाएगा

11 षटि6र परमशवर न उसस कहा म सवWशलिकतमान ईशवर ह त 6ल- 6ल और बढ और तझ स एक जाषटित वरन जाषटितयो की एक मणडली भी उतपनन होगी और तर वश म राजा उतपनन होग

12 और जो श म न इबराहीम और इसहाक को दिया ह वही श तझ ता ह और तर पीछ तर वश को भी दगा

13 तब परमशवर उस सथान म जहा उसन याकब स बात की उनक पास स ऊपर चढ गया 14 और जिजस सथान म परमशवर न याकब स बात की वहा याकब न पतथर का एक खमबा खडाषटिकया और उस पर अघW कर तल डाल दिया 15 और जहा परमशवर न याकब स बात की उस सथान का नाम उसन बतल रखा 16 षटि6र उनहोन बतल स कच षटिकया और एपराता थोडी ही दर रह गया था षटिक राहल को बचचा

जनन की बडी पीडा आन लगी 17 जब उसको बडी बडी पीडा उठती थी तब ाय न उसस कहा मत डर अब की भी तर बटा हीहोगा 18 तब ऐसा हआ षटिक वह मर गई और पराण षटिनकलत षटिनकलत उसन उस बट को नाम बनोनी रखा

पर उसक षटिपता न उसका नाम षटिबनयामीन रखा 19 यो राहल मर गई और एपराता अथाWत बतलहम क मागW म उसको मिमटटी ी गई

20 और याकब न उसकी कबर पर एक खमभा खडा षटिकया राहल की कबर का वही खमभा आज तक बना ह

21 षटि6र इसराएल न कच षटिकया और एर नाम गममट क आग बढकर अपना तमब खडा षटिकया 22 जब इसराएल उस श म बसा था तब एक दिन ऐसा हआ षटिक रबन न जा कर अपन षटिपता की

रखली षटिबलहा क साथ ककमW षटिकया और यह बात इसराएल को मालम हो गई 23 याकब क बारह पतर हए उन म स लिलआ क पतर य थ अथाWत याकब का जठा रबन षटि6रणिशमोन लवी यहा इससाकार और जबलन 24 और राहल क पतर य थ अथाWत यस6 और षटिबनयामीन 25 और राहल की लौनडी षटिबलहा क पतर य थ अथाWत ान और नपताली 26 और लिलआ की लौनडी जिजलपा क पतर य थ अथाWत गा और आशर याकब क य ही पतर हए

जो उसस पददनराम म उतपनन हए 27 और याकब ममर म जो करिरयतअबाW अथाWत हबरोन ह जहा इबराहीम और इसहाक परशी हो

कर रह थ अपन षटिपता इसहाक क पास आया 28 इसहाक की अवसथा एक सौ अससी बरस की हई 29 और इसहाक का पराण छट गया और वह मर गया और वह बढा और परी आय का हो कर

अपन लोगो म जा मिमला और उसक पतर ऐसाव और याकब न उसको मिमटटी ी

अधयाय३६

01 ऐसाव जो एोम भी कहलाता ह उसकी यह वशावली ह 02 ऐसाव न तो कनानी लडषटिकया बयाह ली अथाWत षटिहcी एलोन की बटी आा को और

अहोलीबामा को जो अना की बटी और षटिहववी लिसबोन की नषटितनी थी 03 षटि6र उसन इशमाएल की बटी बासमत को भी जो नबायोत की बषटिहन थी बयाह लिलया 04 आा न तो ऐसाव क जनमाए एलीपज को और बासमत न रएल को उतपनन षटिकया 05 और ओहोलीबामा न यश और यालाम और को रह को उतपनन षटिकया ऐसाव क य ही पतर

कनान श म उतपनन हए 06 और ऐसाव अपनी पतनितनयो और बट-बदिटयो और घर क सब पराणिणयो और अपनी भड-बकरी

और गाय- बल आदि सब पशओ षटिनान अपनी सारी समपलिc को जो उसन कनान श म सचय कीथी ल कर अपन भाई याकब क पास स दसर श को चला गया 07 कयोषटिक उनकी समपलिc इतनी हो गई थी षटिक व इकटठ न रह सक और पशओ की बहतायत क

मार उस श म जहा व परशी हो कर रहत थ उनकी समाई न रही 08 ऐसाव जो एोम भी कहलाता ह सो सईर नाम पहाडी श म रहन लगा 09 सईर नाम पहाडी श म रहनहार एोमिमयो क मल पररषो ऐसाव की वशावली यह ह 10 ऐसाव क पतरो क नाम य ह अथाWत ऐसाव की पतनी आा का पतर एलीपज और उसी ऐसाव की

पतनी बासमत का पतर रएल 11 और एलीपज क य पतर हए अथाWत तमान ओमार सपो गाताम और कनज 12 और ऐसाव क पतर एलीपज क षटितमना नाम एक सरषटितन थी जिजसन एलीपज क जनमाए अमालक

को जनम दिया ऐसाव की पतनी आा क वश म य ही हए 13 और रएल क य पतर हए अथाWत नहत जरह शममा और मिमजजा ऐसाव की पतनी बासमत क

वश म य ही हए 14 और ओहोलीबामा जो ऐसाव की पतनी और लिसबोन की नषटितनी और अना की बटी थी उसक य

पतर हए अथाWत उसन ऐसाव क जनमाए यश यालाम और कोरह को जनम दिया 15 ऐसाववणिशयो क अलिपषटित य हए अथाWत ऐसाव क जठ एलीपज क वश म स तो तमानअलिपषटित ओमार अलिपषटित सपो अलिपषटित कनज अलिपषटित 16 को रह अलिपषटित गाताम अलिपषटित अमालख अलिपषटित एलीपज वणिशयो म स एोम श म य

ही अलिपषटित हए और य ही आा क वश म हए

17 और ऐसाव क पतर रएल क वश म य हए अथाWत नहत अलिपषटित जरह अलिपषटित शममाअलिपषटित मिमजजा अलिपषटित रएलवणिशयो म स एोम श म य ही अलिपषटित हए और य ही ऐसाव

की पतनी बासमत क वश म हए 18 और ऐसाव की पतनी ओहोलीबामा क वश म थ हए अथाWत यश अलिपषटित यालाम अलिपषटित

कोरह अलिपषटित अना की बटी ओहोलीबामा जो ऐसाव की पतनी थी उसक वश म य ही हए 19 ऐसाव जो एोम भी कहलाता ह उसक वश य ही ह और उनक अलिपषटित भी य ही हए 20 सईर जो होरी नाम जाषटित का था उसक य पतर उस श म पषटिहल स रहत थ अथाWत लोतान शोबाल णिशबोन अना 21 ीशोन एसर और ीशान एोम श म सईर क य ही होरी जाषटितवाल अलिपषटित हए 22 और लोतान क पतर होरी और हमाम हए और लोतान की बषटिहन षटितमना थी 23 और शोबाल क य पतर हए अथाWत आलवान मानहत एबाल शपो और ओनाम 24 और लिसोन क थ पतर हए अथाWत अयया और अना यह वही अना ह जिजस को जगल म अपन

षटिपता लिसबोन क गहो को चरात चरात गरम पानी क झरन मिमल 25 और अना क ीशोन नाम पतर हआ और उसी अना क ओहोलीबामा नाम बटी हई 26 और ीशोन क य पतर हए अथाWत हमान एशबान मियतरान और करान 27 एसर क य पतर हए अथाWत षटिबलहान जावान और अकान 28 ीशान क य पतर हए अथाWत ऊस और अकान 29 होरिरयो क अलिपषटित य हए अथाWत लोतान अलिपषटित शोबाल अलिपषटित णिशबोन अलिपषटित 30 अना अलिपषटित ीशोन अलिपषटित एसर अलिपषटित ीशान अलिपषटित सईर श म होरी जाषटित

वाल य ही अलिपषटित हए 31 षटि6र जब इसराएलिलयो पर षटिकसी राजा न राजय न षटिकया था तब भी एोम क श म य राजाहए 32 अथाWत बोर क पतर बला न एोम म राजय षटिकया और उसकी राजानी का नाम दिनहाबा ह 33 बला क मरन पर बोसराषटिनवासी जरह का पतर योबाब उसक सथान पर राजा हआ 34 और योबाब क मरन पर तमाषटिनयो क श का षटिनवासी हशाम उसक सथान पर राजा हआ 35 और हशाम क मरन पर ब का पतर ह उसक सथान पर राजा हआ यह वही ह जिजसन

मिमदयाषटिनयो को मोआब क श म मार लिलया और उसकी राजानी का नाम अबीत ह 36 और ह क मरन पर मसरकावासी समला उसक सथान पर राजा हआ 37 षटि6र समला क मरन पर शाऊल जो महान क तट वाल रहोबोत नगर का था सो उसक सथान

पर राजा हआ 38 और शाऊल क मरन पर अकबोर का पतर बालहानान उसक सथान पर राजा हआ 39 और अकबोर क पतर बालहानान क मरन पर हर उसक सथान पर राजा हआ और उसकी

राजानी का नाम पाऊ ह और उसकी पतनी का नाम महतबल ह जो मजाहब की नषटितनी और मतर की बटी थी

40 षटि6र ऐसाववणिशयो क अलिपषटितयो क कलो और सथानो क अनसार उनक नाम य ह अथाWत षटितमना अलिपषटित अलबा अलिपषटित यतत अलिपषटित

41 ओहोलीबामा अलिपषटित एला अलिपषटित पीनोन अलिपषटित 42 कनज अलिपषटित तमान अलिपषटित मिमबसार अलिपषटित 43 मगीएल अलिपषटित ईराम अलिपषटित एोमवणिशयो न जो श अपना कर लिलया था उसक षटिनवास

सथानो म उनक य ही अलिपषटित हए और एोमी जाषटित का मलपररषो ऐसाव ह

अधयाय३७

1 37|01 याकब तो कनान श म रहता था जहा उसका षटिपता परशी हो कर रहा था 37|02 और याकब क वश का वcानत यह ह षटिक यस6 सतरह वरषोW का हो कर भाइयो क सग भड-

बकरिरयो को चराता था और वह लडका अपन षटिपता की पतनी षटिबलहा और जिजलपा क पतरो क सग रहा

करता था और उनकी बराईयो का समाचार अपन षटिपता क पास पहचाया करता था 37|03 और इसराएल अपन सब पतरो स बढक यस6 स परीषटित रखता था कयोषटिक वह उसक बढाप

का पतर था और उसन उसक लिलय रग षटिबरगा अगरखा बनवाया 37|04 सो जब उसक भाईयो न खा षटिक हमारा षटिपता हम सब भाइयो स अलिक उसी स परीषटित

रखता ह तब व उसस बर करन लग और उसक साथ ठीक तौर स बात भी नही करत थ 37|05 और यस6 न एक सवपन खा और अपन भाइयो स उसका वणWन षटिकया तब व उसस और

भी दवरषो करन लग 37|06 और उसन उन स कहा जो सवपन म न खा ह सो सनो 37|07 हम लोग खत म पल बा( रह ह और कया खता ह षटिक मरा पला उठ कर सीा खडा होगया तब तमहार पलो न मर पल को चारो तर6 स घर लिलया और उस णडवत षटिकया 37|08 तब उसक भाइयो न उसस कहा कया सचमच त हमार ऊपर राजय करगा वा सचमच त

हम पर परभता करगा सो व उसक सवपनो और उसकी बातो क कारण उसस और भी अलिक बर करन लग 37|09 षटि6र उसन एक और सवपन खा और अपन भाइयो स उसका भी यो वणWन षटिकया षटिक सनो म न एक और सवपन खा ह षटिक सयW और चनदरमा और गयारह तार मझ णडवत कर रह ह

37|10 यह सवपन उसन अपन षटिपता और भाइयो स वणWन षटिकया तब उसक षटिपता न उसको पट क कहा यह कसा सवपन ह जो त न खा ह कया सचमच म और तरी माता और तर भाई सब जा कर

तर आग भमिम पर षटिगरक णडवत करग 37|11 उसक भाई तो उसस डाह करत थ पर उसक षटिपता न उसक उस वचन को समरण रखा 37|12 और उसक भाई अपन षटिपता की भड- बकरिरयो को चरान क लिलय शकम को गए 37|13 तब इसराएल न यस6 स कहा तर भाई तो शकम ही म भड- बकरी चरा रह होग सो जा म

तझ उनक पास भजता ह उसन उसस कहा जो आजञा म हाजिजर ह 37|14 उसन उसस कहा जा अपन भाइयो और भड- बकरिरयो का हाल ख आ षटिक व कशल स

तो ह षटि6र मर पास समाचार ल आ सो उसन उसको हबरोन की तराई म षटिवा कर दिया और वह शकम म आया

37|15 और षटिकसी मनषय न उसको मान म इर उर भटकत हए पाकर उसस पछा त कया ढढता ह

37|16 उसन कहा म तो अपन भाइयो को ढढता ह कपा कर मझ बता षटिक व भड- बकरिरयो को कहा चरा रह ह

37|17 उस मनषय न कहा व तो यहा स चल गए ह और म न उन को यह कहत सना षटिक आओ हम ोतान को चल सो यस6 अपन भाइयो क पास चला और उनह ोतान म पाया

37|18 और जयोही उनहोन उस दर स आत खा तो उसक षटिनकट आन क पषटिहल ही उस मार डालन की यलिकत की

37|19 और व आपस म कहन लग खो वह सवपन खनहारा आ रहा ह 37|20 सो आओ हम उसको घात करक षटिकसी गडह म डाल और यह कह ग षटिक कोई द

पश उसको खा गया षटि6र हम खग षटिक उसक सवपनो का कया 6ल होगा 37|21 यह सनक रबन न उसको उनक हाथ स बचान की मनसा स कहा हम उसको पराण स तो न मार

37|22 षटि6र रबन न उन स कहा लोह मत बहाओ उसको जगल क इस गडह म डाल ो और उस पर हाथ मत उठाओ वह उसको उनक हाथ स छडाकर षटिपता क पास षटि6र पहचाना चाहता था

37|23 सो ऐसा हआ षटिक जब यस6 अपन भाइयो क पास पहचा तब उनहो न उसका रगषटिबरगाअगरखा जिजस वह पषटिहन हए था उतार लिलया 37|24 और यस6 को उठा कर गडह म डाल दिया वह गडहा तो सखा था और उस म कछ जल न था 37|25 तब व रोटी खान को बठ गए और आख उठा कर कया खा षटिक इशमाएलिलयो का एक ल

ऊटो पर सग(दरवय बलसान और ग(रस ला हए षटिगला स मिमसर को चला जा रहा ह

37|26 तब यहा न अपन भाइयो स कहा अपन भाई को घात करन और उसका खन लिछपान स कया लाभ होगा

37|27 आओ हम उस इशमाएलिलयो क हाथ बच डाल और अपना हाथ उस पर न उठाए कयोषटिक वह हमारा भाई और हमारी हmी और मास ह सो उसक भाइयो न उसकी बात मान ली तब मिमदयानी

वयापारी उर स होकर उनक पास पहच 37|28 सो यस6 क भाइयो न उसको उस गडह म स खीच क बाहर षटिनकाला और इशमाएलिलयो क

हाथ चाी क बीस टकडो म बच दिया और व यस6 को मिमसर म ल गए 37|29 और रबन न गडह पर लौटकर कया खा षटिक यस6 गडह म नही ह सो उसन अपन वसतर6ाड 37|30 और अपन भाइयो क पास लौटकर कहन लगा षटिक लडका तो नही ह अब म षटिकरजाऊ 37|31 और तब उनहोन यस6 का अगरखा लिलया और एक बकर को मार क उसक लोह म उस

डबा दिया 37|32 और उनहोन उस रग षटिबरग अगरख को अपन षटिपता क पास भज कर कहला दिया षटिक यह

हम को मिमला ह सो खकर पषटिहचान ल षटिक यह तर पतर का अगरखा ह षटिक नही 37|33 उसन उसको पषटिहचान लिलया और कहा हा यह मर ही पतर का अगरखा ह षटिकसी द पश न

उसको खा लिलया ह षटिन सनह यस6 6ाड डाला गया ह 37|34 तब याकब न अपन वसतर 6ाड और कमर म टाट लपटा और अपन पतर क लिलय बहत दिनो

तक षटिवलाप करता रहा 37|35 और उसक सब बट- बदिटयो न उसको शातनिनत न का यतन षटिकया पर उसको शातनिनत न मिमली

और वह यही कहता रहा म तो षटिवलाप करता हआ अपन पतर क पास अोलोक म उतर जाऊगा इस परकार उसका षटिपता उसक लिलय रोता ही रहा

37|36 और मिमदयाषटिनयो न यस6 को मिमसर म ल जा कर पोतीपर नाम षटि6रौन क एक हाषटिकम और जललाो क परान क हाथ बच डाला

अधयाय३८

01 उनही दिनो म ऐसा हआ षटिक यहा अपन भाईयो क पास स चला गया और हीरा नाम एक अदललामवासी पररषो क पास डरा षटिकया

02 वहा यहा न शआ नाम एक कनानी पररषो की बटी को खा और उसको बयाह कर उसक पासगया 03 वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और यहा न उसका नाम एर रखा 04 और वह षटि6र गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसका नाम ओनान रखागया 05 षटि6र उसक एक पतर और उतपनन हआ और उसका नाम शला रखा गया और जिजस समय इसका

जनम हआ उस समय यहा कजीब म रहता था 06 और यहा न तामार नाम एक सतरी स अपन जठ एर का षटिववाह कर दिया 07 परनत यहा का वह जठा एर यहोवा क लख म द था इसलिलय यहोवा न उसको मार डाला 08 तब यहा न ओनान स कहा अपनी भौजाई क पास जा और उसक साथ वर का मW परा

करक अपन भाई क लिलय सनतान उतपनन कर 09 ओनान तो जानता था षटिक सनतान तो मरी न ठहरगी सो ऐसा हआ षटिक जब वह अपनी भौजाई

क पास गया तब उसन भमिम पर वीयW षटिगराकर नाश षटिकया जिजस स ऐसा न हो षटिक उसक भाई क नाम स वश चल

10 यह काम जो उसन षटिकया उस यहोवा अपरसनन हआ और उसन उसको भी मार डाला 11 तब यहा न इस डर क मार षटिक कही ऐसा न हो षटिक अपन भाइयो की नाई शला भी मर अपनी

बह तामार स कहा जब तक मरा पतर शला लिसयाना न हो तब तक अपन षटिपता क घर म षटिववा की

बठी रह सो तामार अपन षटिपता क घर म जा कर रहन लगी 12 बहत समय क बीतन पर यहा की पतनी जो शआ की बटी थी सो मर गई षटि6र यहा शोक स

छटकर अपन मिमतर हीरा अदललामवासी समत अपनी भड- बकरिरयो का ऊन कतरान क लिलय षटितमनाथ को गया

13 और तामार को यह समाचार मिमला षटिक तरा ससर अपनी भड- बकरिरयो का ऊन कतरान क लिलय षटितमनाथ को जा रहा ह

14 तब उसन यह सोच कर षटिक शला लिसयाना तो हो गया पर म उसकी सतरी नही होन पाई अपना षटिववापन का पषटिहरावा उतारा और घघट डाल कर अपन को ढाप लिलया और एनम नगर क 6ाटक

क पास जो षटितमनाथ क मागW म ह जा बठी 15 जब यहा न उसको खा उसन उसको वशया समझा कयोषटिक वह अपना मह ढाप हए थी 16 और वह मागW स उसकी ओर षटि6रा और उसस कहन लगा मझ अपन पास आन ( कयोषटिक उस

यह मालम न था षटिक वह उसकी बह ह) और वह कहन लगी षटिक यदि म तझ अपन पास आन द तो त मझ कया गा

17 उसन कहा म अपनी बकरिरयो म स बकरी का एक बचचा तर पास भज दगा तब उसन कहा भला उस क भजन तक कया त हमार पास कछ रहन रख जाएगा

18 उस न पछा म तर पास कया रहन रख जाऊ उस न कहा अपनी महर और बाजबन और अपन हाथ की छडी तब उसन उसको व वसतए ी और उसक पास गया और वह उसस गभWवती

हई 19 तब वह उठ कर चली गई और अपना घघट उतार क अपना षटिववापन का पषटिहरावा षटि6र पषटिहनलिलया 20 तब यहा न बकरी का बचचा अपन मिमतर उस अदललामवासी क हाथ भज दिया षटिक वह रहन

रखी हई वसतए उस सतरी क हाथ स छडा ल आए पर वह सतरी उसको न मिमली 21 तब उसन वहा क लोगो स पछा षटिक वह वासी जो एनम म मागW की एक और बठी थी कहाह उनहोन कहा यहा तो कोई वासी न थी 22 सो उसन यहा क पास लौट क कहा मझ वह नही मिमली और उस सथान क लोगो न कहा षटिक

यहा तो कोई वासी न थी 23 तब यहा न कहा अचछा वह ब(क उस क पास रहन नही तो हम लोग तचछ षटिगन जाएग ख म न बकरी का यह बचचा भज दिया पर वह तझ नही मिमली 24 और तीन महीन क पीछ यहा को यह समाचार मिमला षटिक तरी बह तामार न वयणिभचार षटिकया ह

वरन वह वयणिभचार स गभWवती भी हो गई ह तब यहा न कहा उसको बाहर ल आओ षटिक वह जलाई जाए

25 जब उस बाहर षटिनकाल रह थ तब उसन अपन ससर क पास यह कहला भजा षटिक जिजस पररषो की य वसतए ह उसी स म गभWवती ह षटि6र उसन यह भी कहलाया षटिक पषटिहचान तो सही षटिक यह

महर और बाजबन और छडी षटिकस की ह 26 यहा न उनह पषटिहचान कर कहा वह तो मझ स कम ोरषोी ह कयोषटिक म न उस अपन पतर शला

को न बयाह दिया और उसन उसस षटि6र कभी परसग न षटिकया 27 जब उसक जनन का समय आया तब यह जान पडा षटिक उसक गभW म जडव बचच ह 28 और जब वह जनन लगी तब एक बालक न अपना हाथ बढाया और ाय न लाल सत ल कर

उसक हाथ म यह कहत हथ बा( दिया षटिक पषटिहल यही उतपनन हआ 29 जब उसन हाथ समट लिलया तब उसका भाई उतपनन हो गया तब उस ाय न कहा त कयो

बरबस षटिनकल आया ह इसलिलय उसका नाम परस रखा गया 30 पीछ उसका भाई जिजसक हाथ म लाल सत ब(ा था उतपनन हआ और उसका नाम जरह रखागया

अधयाय३९

01 जब यस6 मिमसर म पहचाया गया तब पोतीपर नाम एक मिमसरी जो षटि6रौन का हाषटिकम और जललाो का परान था उसन उसको इशमाएलिलयो क हाथ स जो उस वहा ल गए थ मोल लिलया

02 और यस6 अपन मिमसरी सवामी क घर म रहता था और यहोवा उसक सग था सो वह भागयवान पररषो हो गया

03 और यस6 क सवामी न खा षटिक यहोवा उसक सग रहता ह और जो काम वह करता ह उसको यहोवा उसक हाथ स स6ल कर ता ह

04 तब उसकी अनगरह की दषटि उस पर हई और वह उसकी सवा टहल करन क लिलय षटिनयकत षटिकयागया षटि6र उसन उसको अपन घर का अलिकारी बना क अपना सब कछ उसक हाथ म सौप दिया 05 और जब स उसन उसको अपन घर का और अपनी सारी समपलिc का अलिकारी बनाया तब स

यहोवा यस6 क कारण उस मिमसरी क घर पर आशीरषो न लगा और कया घर म कया मान म उसका जो कछ था सब पर यहोवा की आशीरषो होन लगी

06 सो उसन अपना सब कछ यस6 क हाथ म यहा तक छोड दिया षटिक अपन खान की रोटी कोछोड वह अपनी समपलिc का हाल कछ न जानता था और यस6 सनर और रपवान था 07 इन बातो क पशचात ऐसा हआ षटिक उसक सवामी की पतनी न यस6 की ओर आख लगाई औरकहा मर साथ सो 08 पर उसन असवीकार करत हए अपन सवामी की पतनी स कहा सन जो कछ इस घर म ह मर

हाथ म ह उस मरा सवामी कछ नही जानता और उसन अपना सब कछ मर हाथ म सौप दिया ह 09 इस घर म मझ स बडा कोई नही और उसन तझ छोड जो उसकी पतनी ह मझ स कछ नही

रख छोडा सो भला म ऐसी बडी दता करक परमशवर का अपराी कयोकर बन 10 और ऐसा हआ षटिक वह परषटित दिन यस6 स बात करती रही पर उसन उसकी न मानी षटिक उसक

पास लट वा उसक सग रह 11 एक दिन कया हआ षटिक यस6 अपना काम काज करन क लिलय घर म गया और घर क सवको म स कोई भी घर क अनर न था

12 तब उस सतरी न उसका वसतर पकडकर कहा मर साथ सो पर वह अपना वसतर उसक हाथ म छोडकर भागा और बाहर षटिनकल गया

13 यह खकर षटिक वह अपना वसतर मर हाथ म छोडकर बाहर भाग गया 14 उस सतरी न अपन घर क सवको को बलाकर कहा खो वह एक इबरी मनषय को हमारा

षटितरसकार करन क लिलय हमार पास ल आया ह वह तो मर साथ सोन क मतलब स मर पास अनर आया था और म ऊच सवर स लिचलला उठी

15 और मरी बडी लिचललाहट सनकर वह अपना वसतर मर पास छोडकर भागा और बाहर षटिनकलगया 16 और वह उसका वसतर उसक सवामी क घर आन तक अपन पास रख रही 17 तब उसन उसस इस परकार की बात कही षटिक वह इबरी ास जिजस को त हमार पास ल आया ह

सो मझ स हसी करन क लिलय मर पास आया था 18 और जब म ऊच सवर स लिचलला उठी तब वह अपना वसतर मर पास छोडकर बाहर भाग गया 19 अपनी पतनी की य बात सनकर षटिक तर ास न मझ स ऐसा ऐसा काम षटिकया यस6 क सवामी

का कोप भडका 20 और यस6 क सवामी न उसको पकडकर बनीगह म जहा राजा क की बन थ डलवा दिया

सो वह उस बनीगह म रहन लगा 21 पर यहोवा यस6 क सग सग रहा और उस पर करणा की और बनीगह क रोगा क अनगरह

की दषटि उस पर हई 22 सो बनीगह क रोगा न उन सब ब(ओ को जो कारागार म थ यस6 क हाथ म सौप दिया

और जो जो काम व वहा करत थ वह उसी की आजञा स होता था 23 बनीगह क रोगा क वश म जो कछ था कयोषटिक उस म स उसको कोई भी वसत खनी न पडती थी इसलिलय षटिक यहोवा यस6 क साथ था और जो कछ वह करता था यहोवा उसको उस म

स6लता ता था

अधयाय४०

01 इन बातो क पशचात ऐसा हआ क राजा क षटिपलानहार और पकानहार न अपन सवामी का कछ अपरा षटिकया

02 तब षटि6रौन न अपन उन ोनो हाषटिकमो पर अथाWत षटिपलानहारो क परान अर पकानहारो क परान पर करोदित होकर

03 उनह क करा क जललाो क परान क घर क उसी बनीगह म जहा यस6 ब(आ था डलवादिया 04 तब जललाो क परान न उनको यस6 क हाथ सौपा और वह उनकी सवा टहल करन लगा सो व कछ दिन तक बनीगह म रह

05 और मिमसतर क राजा का षटिपलानहारा और पकानहारा जो बनीगह म बन थ उन ोनो न एक ही रात म अपन होनहार क अनसार सवपन खा

06 षटिबहान को जब यस6 उनक पास अनर गया तब उन पर दषटि की तो कया खा षटिक व उासह 07 सो उसन षटि6रौन क उन हाषटिकमो स जो उसक साथ उसक सवामी क घर क बनीगह म थ पछा

षटिक आज तमहार मह कयो उास ह 08 उनहोन उस स कहा हम ोनो न सवपन खा ह और उनक 6ल का बतान वाला कोई भी नही

यस6 न उनस कहा कया सवपनो का 6ल कहना परमशवर का काम नही मझ अपना अपना सवपनबताओ 09 तब षटिपलानहारो का परान अपना सवपन यस6 को यो बतान लगा षटिकमन सवपन म खा षटिक

मर सामन ाखलता ह 10 और उस ाखलता म तीन डालिलया ह और उसम मानो कलिलया लगी ह और व 6ली और उसक

गचछो म ाक लगकर पक गई 11 और षटि6रौन का कटोरा मर हाथ म था सो मन उन ाखो को लकर षटि6रौन क कटोर म षटिनचोडा

और कटोर को षटि6रौन क हाथ म दिया 12 यस6 न उस स कहा इसका 6ल यह ह षटिक तीन डालिलयो का अथW तीन दिन ह 13 सो अब स तीन दिन क भीतर तरा सर ऊचा करगा और षटि6र स तर प पर तझ षटिनयकत करगा

और त पहल की नाई षटि6रौन का षटिपलानहारा होकर उसका कटोरा उसक हाथ म षटि6र दिया करगा 14 सो जब तरा भला हो जाए तब मझ समरण करना और मझ पर कपा करक षटि6रौन स मरी चचाWचलाना अर इस घर स मझ छडवा ना 15 कयोषटिक सचमच इबराषटिनयो क श स मझ चरा कर ल आए ह और यहा भी मन कोई ऐसा काम

नही षटिकया जिजसक कारण म इस कारागार म डाला जाऊ 16 यह खकर षटिक उसक सवपन का 6ल अचछा षटिनकला पकानहारो क परान न यस6 स कहा

मन भी सवपन खा ह वह यह ह मन खा षटिक मर लिसर पर स6 रोटी की तीन टोकरिरया ह 17 और ऊपर की टोकरी म षटि6रौन क लिलए सब परकार की पकी पकाई वसतए ह और पकषी मर लिसर

पर की टोकरी म स उन वसतओ को खा रह ह 18 यस6 न कहा इसका 6ल यह ह तीन टोकरिरयो का अथW तीन दिन ह 19 सो अब स तीन दिन क भीतर षटि6रौन तरा लिसर कटवाकर तझ एक वकष पर टगवा गा और पकषी

तर मास को नोच नोच कर खाएग 20 और तीसर दिन षटि6रौन का जनमदिन था उसन अपन सब कमWचारिरयो की जवनार की और

उसन षटिपलानहारो क परान और पकानहारो क परान ोनो को बनीगह स षटिनकलवाया 21 और षटिपलानहारो क परान को तो षटिपलानहार क प पर षटि6र स षटिनयकत षटिकया और वह षटि6रौन क

हाथ म कटोरा न लगा 22 पर पकानहारो क परान को उस न टगवा दिया जसा षटिक यस6 न उनक सवपनो का 6ल उअनस

कहा था 23 षटि6र भी षटिपलानहारो क परान न यस6 को समरण ना रखा परनत उस भल गया

अधयाय४१

01 पर दो बरस क बीतन पर फिरौन न यह fवपन दा फिक वह नील नदी क फिकनार पर ड़ा ह 02 और उस नदी म स सात सनदर और मोNी मोNी गाय फिनकल कर कछार की घास चरन लगी 03 और $या दा फिक उनक पीछ और सात गाय जो करप और दबल ह नदी स फिनकली और दसरी

गायो क फिनकN नदी क तN पर जा ड़ी हई 04 तब य करप और दबल गाय उन सात सनदर और मोNी मोNी गायो को ा गई तब फिरौन जाग उठा 05 और वह फिर सो गया और दसरा fवपन दा फिक एक डठी म स सात मोNी और अचछी अचछी बालफिनकली 06 और $या दा फिक उनक पीछ सात बाल पतली और परवाई स मरझाई हई फिनकली 07 और इन पतली बालो न उन सातो मोNी और अनन स भरी हई बालो को फिनगल लिलया तब फिरौन जागा

और उस मालम हआ फिक यह fवपन ही था 08 भोर को फिरौन का मन वयाकल हआ और उसन मिमसर क सब जयोफितफिरषयो और पतततिणडतो को बलवा भजा

और उन को अपन fवपन बताए पर उन म स कोई भी उनका ल फिरौन स न कह सहा 09 तब फिपलानहारो का परधान फिरौन स बोल उठा फिक मर अपराध आज मझ fमरण आए 10 जब फिरौन अपन दासो स करोमिधत हआ था और मझ और पकानहारो क परधान को कद करा क जललादो

क परधान क घर क बनदीगह म डाल दिदया था 11 तब हम दोनो न एक ही रात म अपन अपन होनहार क अनसार fवपन दा 12 और वहा हमार साथ एक इबरी जवान था जो जललादो क परधान का दास था सो हम न उसको बताया

और उसन हमार fवपनो का ल हम स कहा हम म स एक एक क fवपन का ल उसन बता दिदया 13 और जसा जसा ल उसन हम स कहा था वसा ही हआ भी अथात मझ को तो मरा पद फिर मिमला पर

वह ासी पर लNकाया गया 14 तब फिरौन न यस को बलवा भजा और वह झNपN बनदीगह स बाहर फिनकाला गया और बालबनवाकर और वfतर बदलकर फिरौन क सामहन आया 15 फिरौन न यस स कहा म न एक fवपन दा ह और उसक ल का बतान वाला कोई भी नही और म न तर फिवरषय म सना ह फिक त fवपन सनत ही उसका ल बता सकता ह

16 यस न फिरौन स कहा म तो कछ नही जानता परमशवर ही फिरौन क लिलय शभ वचन दगा 17 फिर फिरौन यस स कहन लगा म न अपन fवपन म दा फिक म नील नदी क फिकनार पर ड़ा ह 18 फिर $या दा फिक नदी म स सात मोNी और सनदर सनदर गाय फिनकल कर कछार की घास चरन लगी 19 फिर $या दा फिक उनक पीछ सात और गाय फिनकली जो दबली और बहत करप और दबल ह म न

तो सार मिमसर दश म ऐसी कडौल गाय कभी नही दी 20 और इन दबल और कडौल गायो न उन पहली सातो मोNी मोNी गायो को ा लिलया 21 और जब व उन को ा गई तब यह मालम नही होता था फिक व उन को ा गई ह $योफिक व पफिहल की

नाई जसी की तसी कडौल रही तब म जाग उठा 22 फिर म न दसरा fवपन दा फिक एक ही डठी म सात अचछी अचछी और अनन स भरी हई बाल फिनकली 23 फिर $या दता ह फिक उनक पीछ और सात बाल छछी छछी और पतली और परवाई स मरझाई हईफिनकली 24 और इन पतली बालोन उन सात अचछी अचछी बालो को फिनगल लिलया इस म न जयोफितफिरषयो को बताया

पर इस का समझानहारा कोई नही मिमला 25 तब यस न फिरौन स कहा फिरौन का fवपन एक ही ह परमशवर जो काम फिकया चाहता ह उसको उसन

फिरौन को जताया ह 26 व सात अचछी अचछी गाय सात वरष ह और व सात अचछी अचछी बाल भी सात वरष ह fवपन एक ही ह 27 फिर उनक पीछ जो दबल और कडौल गाय फिनकली और जो सात छछी और परवाई स मरझाई हई बालफिनकाली व अकाल क सात वरष होग 28 यह वही बात ह जो म फिरौन स कह चका ह फिक परमशवर जो काम फिकया चाहता ह उस उसन फिरौन

को दिदाया ह 29 सन सार मिमसर दश म सात वरष तो बहतायत की उपज क होग 30 उनक पशचात सात वरष अकाल क आयग और सार मिमसर दश म लोग इस सारी उपज को भल जायग और

अकाल स दश का नाश होगा 31 और सकाल ( बहतायत की उपज) दश म फिर fमरण न रहगा $योफिक अकाल अतयनत भयकर होगा 32 और फिरौन न जो यह fवपन दो बार दा ह इसका भद यही ह फिक यह बात परमशवर की ओर स फिनयकत हो

चकी ह और परमशवर इस शीघर ही परा करगा 33 इसलिलय अब फिरौन फिकसी समझदार और बजिyमान पररष को ढढ़ करक उस मिमसर दश पर परधानमतरीठहराए 34 फिरौन यह कर फिक दश पर अमिधकारिरयो को फिनयकत कर और जब तक सकाल क सात वरष रह तब तक

वह मिमसर दश की उपज का पचमाश लिलया कर 35 और व इन अचछ वरषz म सब परकार की भोजन वfत इकटठा कर और नगर नगर म भणडार घर भोजन क

लिलय फिरौन क वश म करक उसकी रकषा कर 36 और वह भोजनवfत अकाल क उन सात वरषz क लिलय जो मिमसर दश म आएग दश क भोजन क फिनमिम

री रह जिजस स दश उस अकाल स fतयानाश न हो जाए 37 यह बात फिरौन और उसक सार कमचारिरयो को अचछी लगी 38 सो फिरौन न अपन कमचारिरयोस कहा फिक $या हम को ऐसा पररष जसा यह ह जिजस म परमशवर का

आतमा रहता ह मिमल सकता ह 39 फिर फिरौन न यस स कहा परमशवर न जो तझ इतना जञान दिदया ह फिक तर तलय कोई समझदार और

बजिyमान नही 40 इस कारण त मर घर का अमिधकारी होगा और तरी आजञा क अनसार मरी सारी परजा चलगी कवल

राजगददी क फिवरषय म तझ स बड़ा ठहरगा 41 फिर फिरौन न यस स कहा सन म तझ को मिमसर क सार दश क ऊपर अमिधकारी ठहरा दता ह 42 तब फिरौन न अपन हाथ स अगठी फिनकाल क यस क हाथ म पफिहना दी और उसको बदिढय़ा मलमल क

वfतर पफिहनवा दिदए और उसक गल म सोन की जजीर डाल दी 43 और उसको अपन दसर रथ पर चढ़वाया और लोग उसक आग आग यह परचार करत चल फिक घNन

Nककर दणडवत करो और उसन उसको मिमसर क सार दश क ऊपर परधान मतरी ठहराया 44 फिर फिरौन न यस स कहा फिरौन तो म ह और सार मिमसर दश म कोई भी तरी आजञा क फिबना हाथ

पाव न फिहलाएगा 45 और फिरौन न यस का नाम सापन तपानह रा और ओन नगर क याजक पोतीपरा की बNी आसनत स

उसका बयाह करा दिदया और यस मिमसर क सार दश म दौरा करन लगा 46 जब यस मिमसर क राजा फिरौन क समम ड़ा हआ तब वह तीस वरष का था सो वह फिरौन क

समम स फिनकलकर मिमसर क सार दश म दौरा करन लगा 47 सकाल क सातो वरषzम भमिम बहतायत स अनन उपजाती रही 48 और यस उन सातो वरषz म सब परकार की भोजनवfतए जो मिमसर दश म होती थी जमा करक नगरो म

रता गया और हर एक नगर क चारो ओर क तो की भोजनवfतओ को वह उसी नगर म इकटठा करतागया 49 सो यस न अनन को समदर की बाल क समान अतयनत बहतायत स रालिश रालिश करक रा यहा तक फिक

उसन उनका फिगनना छोड़ दिदया $योफिक व असखय हो गई 50 अकाल क परथम वरष क आन स पफिहल यस क दो पतर ओन क याजक पोतीपरा की बNी आसनत सजनम 51 और यस न अपन जठ का नाम यह कहक मनशश रा फिक परमशवर न मझ स सारा $लश और मर

फिपता का सारा घराना भला दिदया ह 52 और दसर का नाम उसन यह कहकर एपरम रा फिक मझ द भोगन क दश म परमशवर न लाया

लाया ह 53 और मिमसर दश क सकाल क व सात वरष समापत हो गए

54 और यस क कहन क अनसार सात वरषz क लिलय अकाल आरमभ हो गया और सब दशो म अकाल पड़न लगा परनत सार मिमसर दश म अनन था 55 जब मिमसर का सारा दश भो मरन लगा तब परजा फिरोन स लिचलला लिचललाकर रोNी मागन लगी और वह

सब मिमततिसरयो स कहा करता था यस क पास जाओ और जो कछ वह तम स कह वही करो 56 सो जब अकाल सारी पथवी पर ल गया और मिमसर दश म काल का भयकर रप हो गया तब यस सब

भणडारो को ोल ोल क मिमततिसरयो क हाथ अनन बचन लगा 57 सो सारी पथवी क लोग मिमसर म अनन मोल लन क लिलय यस क पास आन लग $योफिक सारी पथवी पर

भयकर अकाल था

अधयाय४२

01 जब याकब न सना फिक मिमसर म अनन ह तब उसन अपन पतरो स कहा तम एक दसर का मह $यो द रहहो 02 फिर उसन कहा म न सना ह फिक मिमसर म अनन ह इसलिलय तम लोग वहा जा कर हमार लिलय अनन मोल लआओ जिजस स हम न मर वरन जीफिवत रह 03 सो यस क दस भाई अनन मोल लन क लिलय मिमसर को गए 04 पर यस क भाई फिबनयामीन को याकब न यह सोचकर भाइयो क साथ न भजा फिक कही ऐसा न हो फिक

उस पर कोई फिवपतति आ पड़ 05 सो जो लोग अनन मोल लन आए उनक साथ इसराएल क पतर भी आए $योफिक कनान दश म भी भारी

अकाल था 06 यस तो मिमसर दश का अमिधकारी था और उस दश क सब लोगो क हाथ वही अनन बचता था इसलिलय

जब यस क भाई आए तब भमिम पर मह क बल फिगर क दणडवत फिकया 07 उन को दकर यस न पफिहचान तो लिलया परनत उनक सामहन भोला बनक कठोरता क साथ उन सपछा तम कहा स आत हो उनहोन कहा हम तो कनान दश स अनन मोल लन क लिलय आए ह 08 यस न तो अपन भाइयो को पफिहचान लिलया परनत उनहोन उसको न पफिहचाना 09 तब यस अपन उन fवपनो को fमरण करक जो उसन उनक फिवरषय म द थ उन स कहन लगा तम

भदिदए हो इस दश की ददशा को दन क लिलय आए हो 10 उनहोन उसस कहा नही नही ह परभ तर दास भोजनवfत मोल लन क लिलय आए ह 11 हम सब एक ही फिपता क पतर ह हम सीध मनषय ह तर दास भदिदए नही 12 उसन उन स कहा नही नही तम इस दश की ददशा दन ही को आए हो 13 उनहोन कहा हम तर दास बारह भाई ह और कनान दशवासी एक ही पररष क पतर ह और छोNा इस

समय हमार फिपता क पास ह और एक जाता रहा 14 तब यस न उन स कहा म न तो तम स कह दिदया फिक तम भदिदए हो 15 सो इसी रीफित स तम पर जाओग फिरौन क जीवन की शपथ जब तक तमहारा छोNा भाई यहा न आए

तब तक तम यहा स न फिनकलन पाओग 16 सो अपन म स एक को भज दो फिक वह तमहार भाई को ल आए और तम लोग बनधवाई म रहोग इस

परकार तमहारी बात परी जाएगी फिक तम म सचचाई ह फिक नही यदिद सचच न ठहर तब तो फिरौन क जीवन की शपथ तम फिनशचय ही भदिदए समझ जाओग

17 तब उसन उन को तीन दिदन तक बनदीगह म रा 18 तीसर दिदन यस न उन स कहा एक काम करो तब जीफिवत रहोग $योफिक म परमशवर का भय मानता ह 19 यदिद तम सीध मनषय हो तो तम सब भाइयो म स एक जन इस बनदीगह म बनधआ रह और तम अपन

घर वालो की भ बझान क लिलय अनन ल जाओ 20 और अपन छोN भाई को मर पास ल आओ इस परकार तमहारी बात सचची ठहरगी और तम मार डाल न

जाओग तब उनहोन वसा ही फिकया

21 उनहोन आपस म कहा फिन fनदह हम अपन भाई क फिवरषय म दोरषी ह $योफिक जब उसन हम स फिगड़फिगड़ा क फिबनती की तौभी हम न यह दकर फिक उसका जीवन कस सकN म पड़ा ह उसकी न सनी इसी कारण हम भी अब इस सकN म पड़ ह

22 रबन न उन स कहा $या म न तम स न कहा था फिक लड़क क अपराधी मत बनो परनत तम न न सना दो अब उसक लोह का पलNा दिदया जाता ह 23 यस की और उनकी बातचीत जो एक दभाफिरषया क दवारा होती थी इस स उन को मालम न हआ फिक वह

उनकी बोली समझता ह 24 तब वह उनक पास स हNकर रोन लगा फिर उनक पास लौNकर और उन स बातचीत करक उन म स

लिशमोन को छाN फिनकाला और उसक सामहन बनधआ रा 25 तब यस न आजञा दी फिक उनक बोर अनन स भरो और एक एक जन क बोर म उसक रपय को भी रदो फिर उन को माग क लिलय सीधा दो सो उनक साथ ऐसा ही फिकया गया 26 तब व अपना अनन अपन गदहो पर लादकर वहा स चल दिदए 27 सराय म जब एक न अपन गदह को चारा दन क लिलय अपना बोरा ोला तब उसका रपया बोर क मोहड़

पर रा हआ दिदलाई पड़ा 28 तब उसन अपन भाइयो स कहा मरा रपया तो र दिदया गया ह दो वह मर बोर म ह तब उनक जी म जी न रहा और व एक दसर की और भय स ताकन लग और बोल परमशवर न यह हम स $या फिकया ह

29 और व कनान दश म अपन फिपता याकब क पास आए और अपना सारा वानत उसस इस परकार वणनफिकया 30 फिक जो पररष उस दश का fवामी ह उसन हम स कठोरता क साथ बात की और हम को दश क भदिदएकहा 31 तब हम न उसस कहा हम सीध लोग ह भदिदए नही 32 हम बारह भाई एक ही फिपता क पतर ह एक तो जाता रहा परनत छोNा इस समय कनान दश म हमार फिपता

क पास ह 33 तब उस पररष न जो उस दश का fवामी ह हम स कहा इस स मालम हो जाएगा फिक तम सीध मनषयहो तम अपन म स एक को मर पास छोड़ क अपन घर वालो की भ बझान क लिलय कछ ल जाओ 34 और अपन छोN भाई को मर पास ल आओ तब मझ फिवशवास हो जाएगा फिक तम भदिदए नही सीध लोग

हो फिर म तमहार भाई को तमह सौप दगा और तम इस दश म लन दन कर सकोग 35 यह कहकर व अपन अपन बोर स अनन फिनकालन लग तब $या दा फिक एक एक जन क रपय की

थली उसी क बोर म री ह तब रपय की थलिलयो को दकर व और उनका फिपता बहत डर गए 36 तब उनक फिपता याकब न उन स कहा मझ को तम न फिनव^श कर दिदया दो यस नही रहा और

लिशमोन भी नही आया और अब तम फिबनयामीन को भी ल जाना चाहत हो य सब फिवपततिया मर ऊपर आ पड़ीह 37 रबन न अपन फिपता स कहा यदिद म उसको तर पास न लाऊ तो मर दोनो पतरो को मार डालना त उसको

मर हाथ म सौप द म उस तर पास फिर पहचा दगा 38 उसन कहा मरा पतर तमहार सग न जाएगा $योफिक उसका भाई मर गया ह और वह अब अकला रह गया

इसलिलय जिजस माग स तम जाओग उस म यदिद उस पर कोई फिवपतति आ पड़ तब तो तमहार कारण म इस बढ़ाप की अवसथा म शोक क साथ अधोलोक म उतर जाऊगा

अधयाय४३

01 और अकाल दश म और भी भयकर होता गया 02 जब वह अनन जो व मिमसर स ल आए थ समापत हो गया तब उनक फिपता न उन स कहा फिर जा कर हमार

लिलय थोड़ी सी भोजनवfत मोल ल आओ 03 तब यहदा न उसस कहा उस पररष न हम को लिचतावनी दकर कहा फिक यदिद तमहारा भाई तमहार सग न

आए तो तम मर समम न आन पाओग 04 इसलिलय यदिद त हमार भाई को हमार सग भज तब तो हम जा कर तर लिलय भोजनवfत मोल ल आएग 05 परनत यदिद त उसको न भज तो हम न जाएग $योफिक उस पररष न हम स कहा फिक यदिद तमहारा भाई

तमहार सग न हो तो तम मर समम न आन पाओग 06 तब इसराएल न कहा तम न उस पररष को यह बताकर फिक हमारा एक और भाई ह $यो मझ स बरा

बताव फिकया 07 उनहोन कहा जब उस पररष न हमारी और हमार कNमबिमबयो की दशा को इस रीफित पछा फिक $या तमहारा

फिपता अब तक जीफिवत ह $या तमहार कोई और भाई भी ह तब हम न इन परशनो क अनसार उसस वणनफिकया फिर हम $या जानत थ फिक वह कहगा फिक अपन भाई को यहा ल आओ 08 फिर यहदा न अपन फिपता इसराएल स कहा उस लड़क को मर सग भज द फिक हम चल जाए इस स हम

और त और हमार बालबचच मरन न पाएग वरन जीफिवत रहग 09 म उसका जामिमन होता ह मर ही हाथ स त उसको र लना यदिद म उसको तर पास पहचाकर सामहन न

ड़ाकर द तब तो म सदा क लिलय तरा अपराधी ठहरगा 10 यदिद हम लोग फिवलमब न करत तो अब तब दसरी बार लौN आत 11 तब उनक फिपता इसराएल न उन स कहा यदिद सचमच ऐसी ही बात ह तो यह करो इस दश की उम

उम वfतओ म स कछ कछ अपन बोरो म उस पररष क लिलय भN ल जाओ जस थोड़ा सा बलसान और थोड़ा सा मध और कछ सगनध दरवय और गनधरस फिपfत और बादाम

12 फिर अपन अपन साथ दना रपया ल जाओ और जो रपया तमहार बोरो क मह पर रकर र दिदया गया था उसको भी लत जाओ कदालिचत यह भल स हआ हो 13 और अपन भाई को भी सग ल कर उस पररष क पास फिर जाओ 14 और सवशलिकतमान ईशवर उस पररष को तम पर दयाल करगा जिजस स फिक वह तमहार दसर भाई को और

फिबनयामीन को भी आन द और यदिद म फिनवश हआ तो होन दो 15 तब उन मनषयो न वह भN और दना रपया और फिबनयामीन को भी सग लिलया और चल दिदए और मिमसर म पहचकर यस क सामहन ड़ हए

16 उनक साथ फिबनयामीन को दकर यस न अपन घर क अमिधकारी स कहा उन मनषयो को घर म पहचादो और पश मारक भोजन तयार करो $योफिक व लोग दोपहर को मर सग भोजन करग 17 तब वह अमिधकारी पररष यस क कहन क अनसार उन पररषो को यस क घर म ल गया 18 जब व यस क घर को पहचाए गए तब व आपस म डर कर कहन लग फिक जो रपया पफिहली बार हमार

बोरो म र दिदया गया था उसी क कारण हम भीतर पहचाए गए ह जिजस स फिक वह पररष हम पर NN पड़ और हम वश म करक अपन दास बनाए और हमार गदहो को भी छीन ल

19 तब व यस क घर क अमिधकारी क फिनकN जा कर घर क दवार पर इस परकार कहन लग 20 फिक ह हमार परभ जब हम पफिहली बार अनन मोल लन को आए थ 21 तब हम न सराय म पहचकर अपन बोरो को ोला तो $या दा फिक एक एक जन का परा परा रपया

उसक बोर क मह म रा ह इसलिलय हम उसको अपन साथ फिर लत आए ह 22 और दसरा रपया भी भोजनवfत मोल लन क लिलय लाए ह हम नही जानत फिक हमारा रपया हमार बोरो म फिकस न र दिदया था

23 उसन कहा तमहारा कशल हो मत डरो तमहारा परमशवर जो तमहार फिपता का भी परमशवर ह उसी न तम को तमहार बोरो म धन दिदया होगा तमहारा रपया तो मझ को मिमल गया था फिर उसन लिशमोन को फिनकाल कर

उनक सग कर दिदया 24 तब उस जन न उन मनषयो को यस क घर म ल जा कर जल दिदया तब उनहोन अपन पावो को धोया

फिर उसन उनक गदहो क लिलय चारा दिदया 25 तब यह सनकर फिक आज हम को यही भोजन करना होगा उनहोन यस क आन क समय तक अथात

दोपहर तक उस भN को इकटठा कर रा 26 जब यस घर आया तब व उस भN को जो उनक हाथ म थी उसक समम घर म ल गए और भमिम पर

फिगरकर उसको दणडवत फिकया 27 उसन उनका कशल पछा और कहा $या तमहारा बढ़ा फिपता जिजसकी तम न चचा की थी कशल स ह

$या वह अब तक जीफिवत ह 28 उनहोन कहा हा तरा दास हमारा फिपता कशल स ह और अब तक जीफिवत ह तब उनहोन लिसर झका कर

फिर दणडवत फिकया 29 तब उसन आ उठा कर और अपन सग भाई फिबनयामीन को दकर पछा $या तमहारा वह छोNा भाई

जिजसकी चचा तम न मझ स की थी यही ह फिर उसन कहा ह मर पतर परमशवर तझ पर अनगरह कर 30 तब अपन भाई क fनह स मन भर आन क कारण और यह सोचकर फिक म कहा जा कर रोऊ यस

त स अपनी कोठरी म गया और वहा रो पड़ा 31 फिर अपना मह धोकर फिनकल आया और अपन को शात कर कहा भोजन परोसो 32 तब उनहोन उसक लिलय तो अलग और भाइयो क लिलय भी अलग और जो मिमसरी उसक सग ात थ

उनक लिलय भी अलग भोजन परोसा इसलिलय फिक मिमसरी इफिबरयो क साथ भोजन नही कर सकत वरन मिमसरी ऐसा करना घणा समझत थ

33 सो यस क भाई उसक सामहन बड़ बड़ पफिहल और छोN छोN पीछ अपनी अपनी अवसथा क अनसार करम स बठाए गए यह द व फिवसमिfमत हो कर एक दसर की ओर दन लग

34 तब यस अपन सामहन स भोजन- वfतए उठा उठाक उनक पास भजन लगा और फिबनयामीन को अपन भाइयो स पचगणी अमिधक भोजनवfत मिमली और उनहोन उसक सग मनमाना ाया फिपया

अधयाय४४

01 तब उसन अपन घर क अमिधकारी को आजञा दी फिक इन मनषयो क बोरो म जिजतनी भोजनवfत समा सक उतनी भर द और एक एक जन क रपय को उसक बोर क मह पर र द

02 और मरा चादी का कNोरा छोN क बोर क मह पर उसक अनन क रपय क साथ र द यस की इस आजञा क अनसार उसन फिकया

03 फिबहान को भोर होत ही व मनषय अपन गदहो समत फिवदा फिकए गए 04 व नगर स फिनकल ही थ और दर न जान पाए थ फिक यस न अपन घर क अमिधकारी स कहा उन

मनषयो का पीछा कर और उन को पाकर उन स कह फिक तम न भलाई की सनती बराई $यो की ह 05 $या यह वह वfत नही जिजस म मरा fवामी पीता ह और जिजस स वह शकन भी फिवचारा करता ह तम न

यह जो फिकया ह सो बरा फिकया 06 तब उसन उनह जा लिलया और ऐसी ही बात उन स कही 07 उनहोन उसस कहा ह हमार परभ त ऐसी बात $यो कहता ह ऐसा काम करना तर दासो स दर रह 08 द जो रपया हमार बोरोक मह पर फिनकला था जब हम न उसको कनान दश स ल आकर तझ रदिदया तब भला तर fवामी क घर म स हम कोई चादी वा सोन की वfत $योकर चरा सकत ह 09 तर दासो म स जिजस फिकसी क पास वह फिनकल वह मार डाला जाए और हम भी अपन उस परभ क दास

जो जाए 10 उसन कहा तमहारा ही कहना सही जिजसक पास वह फिनकल सो मरा दास होगा और तम लोग फिनरपराधठहरोग 11 इस पर व त स अपन अपन बोर को उतार भमिम पर रकर उनह ोलन लग 12 तब वह ढढ़न लगा और बड़ क बोर स लकर छोN क बोर तक ोज की और कNोरा फिबनयामीन क बोर म मिमला 13 तब उनहोन अपन अपन वfतर ाड़ और अपना अपना गदहा लादकर नगर को लौN गए 14 जब यहदा और उसक भाई यस क घर पर पहच और यस वही था तब व उसक सामहन भमिम परफिगर 15 यस न उन स कहा तम लोगो न यह कसा काम फिकया ह $या तम न जानत थ फिक मझ सा मनषय

शकन फिवचार सकता ह 16 यहदा न कहा हम लोग अपन परभ स $या कह हम $या कहकर अपन को फिनदरषी ठहराए परमशवर न

तर दासो क अधम को पकड़ लिलया ह हम और जिजसक पास कNोरा फिनकला वह भी हम सब क सब अपन परभ क दास ही ह

17 उसन कहा ऐसा करना मझ स दर रह जिजस जन क पास कNोरा फिनकला ह वही मरा दास होगा और तम लोग अपन फिपता क पास कशल कषम स चल जाओ

18 तब यहदा उसक पास जा कर कहन लगा ह मर परभ तर दास को अपन परभ स एक बात कहन की आजञा हो और तरा कोप तर दास पर न भड़क त तो फिरौन क तलय ह 19 मर परभ न अपन दासो स पछा था फिक $या तमहार फिपता वा भाई ह 20 और हम न अपन परभ स कहा हा हमारा बढ़ा फिपता तो ह और उसक बढ़ाप का एक छोNा सा बालक भी ह परनत उसका भाई मर गया ह इसलिलय वह अब अपनी माता का अकला ही रह गया ह और उसका फिपता

उसस fनह रता ह 21 तब त न अपन दासो स कहा था फिक उसको मर पास ल आओ जिजस स म उसको द 22 तब हम न अपन परभ स कहा था फिक वह लड़का अपन फिपता को नही छोड़ सकता नही तो उसका फिपता

मर जाएगा 23 और त न अपन दासो स कहा यदिद तमहारा छोNा भाई तमहार सग न आए तो तम मर समम फिर न आन पाओग 24 सो जब हम अपन फिपता तर दास क पास गए तब हम न उसस अपन परभ की बात कही 25 तब हमार फिपता न कहा फिर जा कर हमार लिलय थोड़ी सी भोजनवfत मोल ल आओ 26 हम न कहा हम नही जा सकत हा यदिद हमारा छोNा भाई हमार सग रह तब हम जाएग $योफिक यदिद

हमारा छोNा भाई हमार सग न रह तो उस पररष क समम न जान पाएग 27 तब तर दास मर फिपता न हम स कहा तम तो जानत हो फिक मरी fतरी स दो पतर उतपनन हए 28 और उन म स एक तो मझ छोड़ ही गया और म न फिनशचय कर लिलया फिक वह ाड़ डाला गया होगा और

तब स म उसका मह न द पाया 29 सो यदिद तम इस को भी मरी आ की आड़ म ल जाओ और कोई फिवपतति इस पर पड़ तो तमहार कारण म इस प$क बाल की अवसथा म द क साथ अधोलोक म उतर जाऊगा

30 सो जब म अपन फिपता तर दास क पास पहच और यह लड़का सग न रह तब उसका पराण जो इसी पर अNका रहता ह

31 इस कारण यह दक फिक लड़का नही ह वह तरनत ही मर जाएगा तब तर दासो क कारण तरा दास हमारा फिपता जो प$क बालो की अवसथा का ह शोक क साथ अधोलोक म उतर जाएगा

32 फिर तरा दास अपन फिपता क यहा यह कहक इस लड़क का जामिमन हआ ह फिक यदिद म इस को तर पास न पहचा द तब तो म सदा क लिलय तरा अपराधी ठहरगा

33 सो अब तरा दास इस लड़क की सनती अपन परभ का दास हो कर रहन की आजञा पाए और यह लड़का अपन भाइयो क सग जान दिदया जाए

34 $योफिक लड़क क फिबना सग रह म $योकर अपन फिपता क पास जा सकगा ऐसा न हो फिक मर फिपता पर जोद पड़गा वह मझ दना पड़

अधयाय४५

01 तब यस उन सब क सामहन जो उसक आस पास ड़ थ अपन को और रोक न सका और पकार ककहा मर आस पास स सब लोगो को बाहर कर दो भाइयो क सामहन अपन को परगN करन क समय यस क

सग और कोई न रहा 02 तब वह लिचलला लिचललाकर रोन लगा और मिमततिसरयो न सना और फिरौन क घर क लोगो को भी इसका

समाचार मिमला 03 तब यस अपन भाइयो स कहन लगा म यस ह $या मरा फिपता अब तब जीफिवत ह इसका उर

उसक भाई न द सक $योफिक व उसक सामहन घबरा गए थ

04 फिर यस न अपन भाइयो स कहा मर फिनकN आओ यह सनकर व फिनकN गए फिर उसन कहा म तमहारा भाई यस ह जिजस को तम न मिमसर आनहारो क हाथ बच डाला था

05 अब तम लोग मत पछताओ और तम न जो मझ यहा बच डाला इस स उदास मत हो $योफिक परमशवर न तमहार पराणो को बचान क लिलय मझ आग स भज दिदया ह

06 $योफिक अब दो वरष स इस दश म अकाल ह और अब पाच वरष और ऐस ही होग फिक उन म न तो हल चलगा और न अनन काNा जाएगा

07 सो परमशवर न मझ तमहार आग इसी लिलय भजा फिक तम पथवी पर जीफिवत रहो और तमहार पराणो क बचन स तमहारा वश बढ़

08 इस रीफित अब मझ को यहा पर भजन वाल तम नही परमशवर ही ठहरा और उसी न मझ फिरौन का फिपतासा और उसक सार घर का fवामी और सार मिमसर दश का परभ ठहरा दिदया ह 09 सो शीघर मर फिपता क पास जा कर कहो तरा पतर यस इस परकार कहता ह फिक परमशवर न मझ सार

मिमसर का fवामी ठहराया ह इसलिलय त मर पास फिबना फिवलमब फिकए चला आ 10 और तरा फिनवास गोशन दश म होगा और त बN पोतो भड़-बकरिरयो गाय-बलो और अपन सब कछ

समत मर फिनकN रहगा 11 और अकाल क जो पाच वरष और होग उन म म वही तरा पालन पोरषण करगा ऐसा न हो फिक त और

तरा घराना वरन जिजतन तर ह सो भो मर 12 और तम अपनी आो स दत हो और मरा भाई फिबनयामीन भी अपनी आो स दता ह फिक जो हम

स बात कर रहा ह सो यस ह 13 और तम मर सब वभव का जो मिमसर म ह और जो कछ तम न दा ह उस सब को मर फिपता स वणनकरना और तरनत मर फिपता को यहा ल आना 14 और वह अपन भाई फिबनयामीन क गल स लिलपN कर रोया और फिबनयामीन भी उसक गल स लिलपN कररोया 15 तब वह अपन सब भाइयो को चम कर उन स मिमल कर रोया और इसक पशचात उसक भाई उसस बात

करन लग 16 इस बात की चचा फिक यस क भाई आए ह फिरौन क भवन तब पहच गई और इस स फिरौन और

उसक कमचारी परसनन हए 17 सो फिरौन न यस स कहा अपन भाइयो स कह फिक एक काम करो अपन पशओ को लादकर कनान

दश म चल जाओ 18 और अपन फिपता और अपन अपन घर क लोगो को ल कर मर पास आओ और मिमसर दश म जो कछ

अचछ स अचछा ह वह म तमह दगा और तमह दश क उम स उम पदाथ ान को मिमलग 19 और तझ आजञा मिमली ह तम एक काम करो फिक मिमसर दश स अपन बालबचचो और मबिfतरयो क लिलय

गाफिडया ल जाओ और अपन फिपता को ल आओ 20 और अपनी सामगरी का मोह न करना $योफिक सार मिमसर दश म जो कछ अचछ स अचछा ह सो तमहारा ह 21 और इसराएल क पतरो न वसा ही फिकया और यस न फिरौन की मान क उनह गाफिडया दी और माग क

लिलय सीधा भी दिदया 22 उन म स एक एक जन को तो उसन एक एक जोड़ा वfतर भी दिदया और फिबनयामीन को तीन सौ रप क

Nकड़ और पाच जोड़ वfतर दिदए 23 और अपन फिपता क पास उसन जो भजा वह यह ह अथात मिमसर की अचछी वfतओ स लद हए दस गदह

और अनन और रोNी और उसक फिपता क माग क लिलय भोजनवfत स लदी हई दस गदफिहया 24 और उसन अपन भाइयो को फिवदा फिकया और व चल दिदए और उसन उन स कहा माग म कही झगड़ा नकरना 25 मिमसर स चलकर व कनान दश म अपन फिपता याकब क पास पहच 26 और उसस यह वणन फिकया फिक यस अब तक जीफिवत ह और सार मिमसर दश पर परभता वही करता ह

पर उसन उनकी परतीफित न की और वह अपन आप म न रहा 27 तब उनहोन अपन फिपता याकब स यस की सारी बात जो उसन उन स कही थी कह दी जब उसन उन

गाफिडय़ो को दा जो यस न उसक ल आन क लिलय भजी थी तब उसका लिच तततिसथर हो गया

28 और इसराएल न कहा बस मरा पतर यस अब तक जीफिवत ह म अपनी मतय स पफिहल जा कर उसकोदगा

अधयाय४६

01 तब इसराएल अपना सब कछ ल कर कच करक बशबा को गया और वहा अपन फिपता इसहाक क परमशवर को बलिलदान चढ़ाए

02 तब परमशवर न इसराएल स रात को दशन म कहा ह याकब ह याकब उसन कहा $या आजञा 03 उसन कहा म ईशवर तर फिपता का परमशवर ह त मिमसर म जान स मत डर $योफिक म तझ स वहा एक बड़ी

जाफित बनाऊगा 04 म तर सग सग मिमसर को चलता ह और म तझ वहा स फिर फिनशचय ल आऊगा और यस अपना हाथ

तरी आो पर लगाएगा 05 तब याकब बशबा स चला और इसराएल क पतर अपन फिपता याकब और अपन बाल-बचचो और मबिfतरयो

को उन गाफिडय़ो पर जो फिरौन न उनक ल आन को भजी थी चढ़ाकर चल पड़ 06 और व अपनी भड़-बकरी गाय-बल और कनान दश म अपन इकटठा फिकए हए सार धन को ल कर मिमसर म आए 07 और याकब अपन बN-बदिNयो पोत-पोफितयो फिनदान अपन वश भर को अपन सग मिमसर म ल आया 08 याकब क साथ जो इसराएली अथात उसक बN पोत आदिद मिमसर म आए उनक नाम य ह याकब का

जठा तो रबन था 09 और रबन क पतर हनोक पलल हसरोन और कमम थ 10 और लिशमोन क पतर यमएल यामीन ओहद याकीन सोहर और एक कनानी fतरी स जनमा हआ शाऊल

भी था 11 और लवी क पतर गशन कहात और मरारी थ 12 और यहदा क एर ओनान शला परस और जरह नाम पतर हए तो थ पर एर और ओनान कनान दश म

मर गए थ और परस क पतर हfतरोन और हामल थ 13 और इfसाकार क पतर तोला पबबा योब और लिशमरोन थ 14 और जबलन क पतर सरद एलोन और यहलल थ 15 लिलआ क पतर जो याकब स पददनराम म उतपनन हए थ उनक बN पोत य ही थ और इन स अमिधक उसन

उसक साथ एक बNी दीना को भी जनम दिदया यहा तक तो याकब क सब वश वाल ततीस पराणी हए 16 फिर गाद क पतर लिसययोन हागगी शनी एसबोन एरी अरोदी और अरली थ 17 और आशर क पतर मियमना मियशवा मियfतरी और बरीआ थ और उनकी बफिहन सरह थी और बरीआ कपतर हबर और मलकीएल थ 18 जिजलपा जिजस लाबान न अपनी बNी लिलआ को दिदया था उसक बN पोत आदिद य ही थ सो उसक दवारा

याकब क सोलह पराणी उतपनन हए 19 फिर याकब की पतनी राहल क पतर यस और फिबनयामीन थ 20 और मिमसर दश म ओन क याजक पोतीपरा की बNी आसनत स यस क य पतर उतपनन हए अथात मनशश

और एपरम 21 और फिबनयामीन क पतर बला बकर अशबल गरा नामान एही रोश मपपीम हपपीम और आद थ 22 राहल क पतर जो याकब स उतपनन हए उनक य ही पतर थ उसक य सब बN पोत चौदह पराणी हए 23 फिर दान का पतर हशीम था 24 और नपताली क पतर यहसल गनी ससर और लिशललम थ 25 फिबलहा जिजस लाबान न अपनी बNी राहल को दिदया उस क बN पोत य ही ह उसक दवारा याकब क वश म

सात पराणी हए 26 याकब क फिनज वश क जो पराणी मिमसर म आए व उसकी बहओ को छोड़ सब मिमलकर लिछयासठ पराणी

हए 27 और यस क पतर जो मिमसर म उसस उतपनन हए व दो पराणी थ इस परकार याकब क घरान क जो पराणी

मिमसर म आए सो सब मिमलकर सर हए 28 फिर उसन यहदा को अपन आग यस क पास भज दिदया फिक वह उसको गोशन का माग दिदाए और व

गोशन दश म आए 29 तब यस अपना रथ जतवाकर अपन फिपता इसराएल स भN करन क लिलय गोशन दश को गया और उसस

भN करक उसक गल स लिलपNा और कछ दर तक उसक गल स लिलपNा हआ रोता रहा 30 तब इसराएल न यस स कहा म अब मरन स भी परसनन ह $योफिक तझ जीफिवत पाया और तरा मह दलिलया 31 तब यस न अपन भाइयो स और अपन फिपता क घरान स कहा म जा कर फिरौन को यह समाचार दगा

फिक मर भाई और मर फिपता क सार घरान क लोग जो कनान दश म रहत थ व मर पास आ गए ह 32 और व लोग चरवाह ह $योफिक व पशओ को पालत आए ह इसलिलय व अपनी भड़-बकरी गाय-बल और

जो कछ उनका ह सब ल आए ह 33 जब फिरौन तम को बलाक पछ फिक तमहारा उदयम $या ह 34 तब यह कहना फिक तर दास लड़कपन स ल कर आज तक पशओ को पालत आए ह वरन हमार परा भी

ऐसा ही करत थ इस स तम गोशन दश म रहन पाओग $योफिक सब चरवाहो स मिमसरी लोग घणा करत ह

अधयाय४७

01 तब यस न फिरौन क पास जा कर यह समाचार दिदया फिक मरा फिपता और मर भाई और उनकी भड़-बकरिरया गाय- बल और जो कछ उनका ह सब कनान दश स आ गया ह और अभी तो व गोशन दश म ह 02 फिर उसन अपन भाइयो म स पाच जन ल कर फिरौन क सामहन ड़ कर दिदए 03 फिरौन न उसक भाइयो स पछा तमहारा उदयम $या ह उनहोन फिरौन स कहा तर दास चरवाह ह और

हमार परा भी ऐस ही रह 04 फिर उनहोन फिरौन स कहा हम इस दश म परदशी की भाफित रहन क लिलय आए ह $योफिक कनान दश म

भारी अकाल होन क कारण तर दासो को भड़- बकरिरयो क लिलय चारा न रहा सो अपन दासो को गोशन दश म रहन की आजञा द

05 तब फिरौन न यस स कहा तरा फिपता और तर भाई तर पास आ गए ह 06 और मिमसर दश तर सामहन पड़ा ह इस दश का जो सब स अचछा भाग हो उस म अपन फिपता और भाइयो

को बसा द अथात व गोशन ही दश म रह और यदिद त जानता हो फिक उन म स परिरशरमी पररष ह तो उनह मर पशओ क अमिधकारी ठहरा द

07 तब यस न अपन फिपता याकब को ल आकर फिरौन क समम ड़ा फिकया और याकब न फिरौन को आशीवाद दिदया

08 तब फिरौन न याकब स पछा तरी अवसथा फिकतन दिदन की हई ह 09 याकब न फिरौन स कहा म तो एक सौ तीस वरष परदशी हो कर अपना जीवन बीता चका ह मर जीवन

क दिदन थोड़ और द स भर हए भी थ और मर बापदाद परदशी हो कर जिजतन दिदन तक जीफिवत रह उतन दिदन का म अभी नही हआ

10 और याकब फिरौन को आशीवाद दकर उसक समम स चला गया 11 तब यस न अपन फिपता और भाइयो को बसा दिदया और फिरौन की आजञा क अनसार मिमसर दश क अचछ

स अचछ भाग म अथात रामसस नाम दश म भमिम दकर उन को सौप दिदया 12 और यस अपन फिपता का और अपन भाइयो का और फिपता क सार घरान का एक एक क बालबचचो

क घरान की फिगनती क अनसार भोजन दिदला दिदलाकर उनका पालन पोरषण करन लगा

13 और उस सार दश म ान को कछ न रहा $योफिक अकाल बहत भारी था और अकाल क कारण मिमसर और कनान दोनो दश नाश हो गए

14 और जिजतना रपया मिमसर और कनान दश म था सब को यस न उस अनन की सनती जो उनक फिनवासी मोल लत थ इकटठा करक फिरौन क भवन म पहचा दिदया

15 जब मिमसर और कनान दश का रपया चक गया तब सब मिमसरी यस क पास आ आकर कहन लग हम को भोजनवfत द $या हम रपय क न रहन स तर रहत हए मर जाए

16 यस न कहा यदिद रपय न हो तो अपन पश द दो और म उनकी सनती तमह ान को दगा 17 तब व अपन पश यस क पास ल आए और यस उन को घोड़ो भड़-बकरिरयो गाय- बलो और गदहो

की सनती ान को दन लगा उस वरष म वह सब जाफित क पशओ की सनती भोजन दकर उनका पालन पोरषण करता रहा

18 वह वरष तो यो कN गया तब अगल वरष म उनहोन उसक पास आकर कहा हम अपन परभ स यह बात लिछपा न रग फिक हमारा रपया चक गया ह और हमार सब परकार क पश हमार परभ क पास आ चक ह

इसलिलय अब हमार परभ क सामहन हमार शरीर और भमिम छोड़कर और कछ नही रहा 19 हम तर दत $यो मर और हमारी भमिम $यो उजड़ जाए हमको और हमारी भमिम को भोजन वfत की

सनती मोल ल फिक हम अपनी भमिम समत फिरौन क दास हो और हम को बीज द फिक हम मरन न पाए वरन जीफिवत रह और भमिम न उजड़

20 तब यस न मिमसर की सारी भमिम को फिरौन क लिलय मोल लिलया $योफिक उस कदिठन अकाल क पड़न स मिमततिसरयो को अपना अपना त बच डालना पड़ा इस परकार सारी भमिम फिरौन की हो गई

21 और एक छोर स ल कर दसर छोर तक सार मिमसर दश म जो परजा रहती थी उसको उसन नगरो म लाकर बसा दिदया

22 पर याजको की भमिम तो उसन न मोल ली $योफिक याजको क लिलय फिरौन की ओर स फिनतय भोजन का बनदोबfत था और फिनतय जो भोजन फिरौन उन को दता था वही व ात थ इस कारण उन को अपनी भमिम

बचनी न पड़ी 23 तब यस न परजा क लोगो स कहा सनो म न आज क दिदन तम को और तमहारी भमिम को भी फिरौन क

लिलय मोल लिलया ह दो तमहार लिलय यहा बीज ह इस भमिम म बोओ 24 और जो कछ उपज उसका पचमाश फिरौन को दना बाकी चार अश तमहार रहग फिक तम उस अपन तो म बोओ और अपन अपन बालबचचो और घर क और लोगो समत ाया करो

25 उनहोन कहा त न हम को बचा लिलया ह हमार परभ क अनगरह की दमिषट हम पर बनी रह और हम फिरौन क दास हो कर रहग

26 सो यस न मिमसर की भमिम क फिवरषय म ऐसा फिनयम ठहराया जो आज क दिदन तक चला आता ह फिक पचमाश फिरौन को मिमला कर कवल याजको ही की भमिम फिरौन की नही हई

27 और इसराएली मिमसर क गोशन दश म रहन लग और वहा की भमिम को अपन वश म कर लिलया और ल-ल और अतयनत बढ़ गए 28 मिमसर दश म याकब सतरह वरष जीफिवत रहा इस परकार याकब की सारी आय एक सौ सतालीस वरष कीहई 29 जब इसराएल क मरन का दिदन फिनकN आ गया तब उसन अपन पतर यस को बलवाकर कहा यदिद तरा

अनगरह मझ पर हो तो अपना हाथ मरी जाघ क तल रकर शपथ ा फिक म तर साथ कपा और सचचाई का यह काम करगा फिक तझ मिमसर म मिमटटी न दगा

30 जब त अपन बापदादो क सग सो जाएगा तब म तझ मिमसर स उठा ल जा कर उनही क कबरिरfतान मरगा तब यस न कहा म तर वचन क अनसार करगा 31 फिर उसन कहा मझ स शपथ ा सो उसन उसस शपथ ाई तब इसराएल न ाN क लिसरहान की ओर

लिसर झकाया

अधयाय४८

01 इन बातो क पशचात फिकसी न यस स कहा सन तरा फिपता बीमार ह तब वह मनशश और एपरम नाम अपन दोनो पतरो को सग ल कर उसक पास चला

02 और फिकसी न याकब को बता दिदया फिक तरा पतर यस तर पास आ रहा ह तब इसराएल अपन को समभाल कर ाN पर बठ गया

03 और याकब न यस स कहा सवशलिकतमान ईशवर न कनान दश क लज नगर क पास मझ दशन दकर आशीरष दी

04 और कहा सन म तझ ला- लाकर बढ़ाऊगा और तझ राजय राजय की मणडली का मल बनाऊगा और तर पशचात तर वश को यह दश द दगा जिजस स फिक वह सदा तक उनकी फिनज भमिम बनी रह

05 और अब तर दोनो पतर जो मिमसर म मर आन स पफिहल उतपनन हए ह व मर ही ठहरग अथात जिजस रीफित स रबन और लिशमोन मर ह उसी रीफित स एपरम और मनशश भी मर ठहरग

06 और उनक पशचात जो सनतान उतपनन हो वह तर तो ठहरग परनत बNवार क समय व अपन भाइयो ही क वश म फिगन जाएग

07 जब म पददान स आता था तब एपराता पहचन स थोड़ी ही दर पफिहल राहल कनान दश म माग म मर सामहन मर गई और म न उस वही अथात एपराता जो बतलहम भी कहलाता ह उसी क माग म मिमटटी दी

08 तब इसराएल को यस क पतर द पड़ और उसन पछा य कौन ह 09 यस न अपन फिपता स कहा य मर पतर ह जो परमशवर न मझ यहा दिदए ह उसन कहा उन को मर पास

ल आ फिक म उनह आशीवाद द 10 इसराएल की आ बढ़ाप क कारण धनधली हो गई थी यहा तक फिक उस कम सझता था तब यस उनह

उनक पास ल गया और उसन उनह चमकर गल लगा लिलया 11 तब इसराएल न यस स कहा मझ आशा न थी फिक म तरा म फिर दन पाऊगा परनत द परमशवर न मझ तरा वश भी दिदाया ह

12 तब यस न उनह अपन घNनो क बीच स हNाकर और अपन मह क बल भमिम पर फिगर क दणडवत की 13 तब यस न उन दोनो को लकर अथात एपरम को अपन दाफिहन हाथ स फिक वह इसराएल क बाए हाथपड़ और मनशश को अपन बाए हाथ स फिक इसराएल क दाफिहन हाथ पड़ उनह उसक पास ल गया 14 तब इसराएल न अपना दफिहना हाथ बढ़ाकर एपरम क लिसर पर जो छोNा था और अपना बाया हाथ बढ़ाकर

मनशश क लिसर पर र दिदया उसन तो जान बझकर ऐसा फिकया नही तो जठा मनशश ही था 15 फिर उसन यस को आशीवाद दकर कहा परमशवर जिजसक समम मर बापदाद इबराहीम और इसहाक( अपन को जानकर ) चलत थ वही परमशवर मर जनम स ल कर आज क दिदन तक मरा चरवाहा बना ह 16 और वही दत मझ सारी बराई स छड़ाता आया ह वही अब इन लड़को को आशीरष द और य मर और मर

बापदाद इबराहीम और इसहाक क कहलाए और पथवी म बहतायत स बढ़ 17 जब यस न दा फिक मर फिपता न अपना दफिहना हाथ एपरम क लिसर पर रा ह तब यह बात उसको बरीलगी सो उसन अपन फिपता का हाथ इस मनसा स पकड़ लिलया फिक एपरम क लिसर पर स उठा कर मनशश क लिसर

पर र द 18 और यस न अपन फिपता स कहा ह फिपता ऐसा नही $योफिक जठा यही ह अपना दफिहना हाथ इसक लिसर

पर र 19 उसक फिपता न कहा नही सन ह मर पतर म इस बात को भली भाफित जानता ह यदयफिप इस स भी मनषयो

की एक मणडली उतपनन होगी और यह भी महान हो जाएगा तौभी इसका छोNा भाई इस स अमिधक महान होजाएगा और उसक वश स बहत सी जाफितया फिनकलगी 20 फिर उसन उसी दिदन यह कहकर उन को आशीवाद दिदया फिक इसराएली लोग तरा नाम ल ल कर ऐसा

आशीवाद दिदया करग फिक परमशवर तझ एपरम और मनशश क समान बना द और उसन मनशश स पफिहल एपरम का नाम लिलया

21 तब इसराएल न यस स कहा द म तो मरन पर ह परनत परमशवर तम लोगो क सग रहगा और तम को तमहार फिपतरो क दश म फिर पहचा दगा

22 और म तझ को तर भाइयो स अमिधक भमिम का एक भाग दता ह जिजस को म न एमोरिरयो क हाथ स अपनी तलवार और धनरष क बल स ल लिलया ह

अधयाय४९

01 फिर याकब न अपन पतरो को यह कहकर बलाया फिक इकटठ हो जाओ म तम को बताऊगा फिक अनत क दिदनो म तम पर $या $या बीतगा

02 ह याकब क पतरो इकटठ हो कर सनो अपन फिपता इसराएल की ओर कान लगाओ 03 ह रबन त मरा जठा मरा बल और मर पौररष का पफिहला ल ह परफितषठा का उम भाग और शलिकत

का भी उम भाग त ही ह 04 त जो जल की नाई उबलन वाला ह इसलिलय औरो स शरषट न ठहरगा $योफिक त अपन फिपता की ाN परचढ़ा तब त न उसको अशy फिकया वह मर फिबछौन पर चढ़ गया 05 लिशमोन और लवी तो भाई भाई ह उनकी तलवार उपदरव क हलिथयार ह 06 ह मर जीव उनक मम म न पड़ ह मरी मफिहमा उनकी सभा म मत मिमल $योफिक उनहोन कोप स मनषयो

को घात फिकया और अपनी ही इचछा पर चलकर बलो की पछ काNी ह 07 मिध$कार उनक कोप को जो परचणड था और उनक रोरष को जो फिनदय था म उनह याकब म अलग अलग

और इसराएल म फितर फिबर कर दगा 08 ह यहदा तर भाई तरा धनयवाद करग तरा हाथ तर शतरओ की गदन पर पड़गा तर फिपता क पतर तझ

दणडवत करग 09 यहदा सिसह का डावर ह ह मर पतर त अहर करक गा म गया ह वह सिसह वा सिसहनी की नाई दबकर

बठ गया फिर कौन उसको छड़गा 10 जब तक शीलो न आए तब तक न तो यहदा स राजदणड छNगा न उसक वश स वयवसथा दनवाला अलगहोगा और राजय राजय क लोग उसक आधीन हो जाएग 11 वह अपन जवान गदह को दालता म और अपनी गदही क बचच को उम जाफित की दालता म बानधा

करगा उसन अपन वfतर दामध म और अपना पफिहरावा दाो क रस म धोया ह 12 उसकी आ दामध स चमकीली और उसक दात दध स शवत होग 13 जबलन समदर क तीर पर फिनवास करगा वह जहाजो क लिलय बनदरगाह का काम दगा और उसका परला

भाग सीदोन क फिनकN पहचगा 14 इfसाकार एक बड़ा और बलवनत गदहा ह जो पशओ क बाड़ो क बीच म दबका रहता ह 15 उसन एक फिवशरामसथान दकर फिक अचछा ह और एक दश फिक मनोहर ह अपन कनध को बोझ उठान

क लिलय झकाया और बगारी म दास का सा काम करन लगा 16 दान इसराएल का एक गोतर हो कर अपन जाफितभाइयो का नयाय करगा 17 दान माग म का एक साप और राfत म का एक नाग होगा जो घोड़ की नली को डसता ह जिजस स

उसका सवार पछाड़ ाकर फिगर पड़ता ह 18 ह यहोवा म तझी स उyार पान की बाN जोहता आया ह 19 गाद पर एक दल चढ़ाई तो करगा पर वह उसी दल क फिपछल भाग पर छापा मारगा 20 आशर स जो अनन उतपनन होगा वह उम होगा और वह राजा क योगय fवादिदषट भोजन दिदया करगा 21 नपताली एक छNी हई हरिरणी ह वह सनदर बात बोलता ह 22 यस बलवनत लता की एक शाा ह वह सोत क पास लगी हई लवनत लता की एक शाा ह उसकी

डालिलया भीत पर स चढ़कर ल जाती ह 23 धनधारिरयो न उसको दिदत फिकया और उस पर तीर मार और उसक पीछ पड़ ह 24 पर उसका धनरष दढ़ रहा और उसकी बाह और हाथ याकब क उसी शलिकतमान ईशवर क हाथो क दवारा

तल हए जिजसक पास स वह चरवाहा आएगा जो इसराएल का पतथर भी ठहरगा 25 यह तर फिपता क उस ईशवर का काम ह जो तरी सहायता करगा उस सवशलिकतमान को जो तझ ऊपर स

आकाश म की आशीरष और नीच स गफिहर जल म की आशीरष और fतनो और गभ की आशीरष दगा 26 तर फिपता क आशीवाद मर फिपतरो क आशीवाद स अमिधक बढ़ गए ह और सनातन पहाफिडय़ो की मन- चाही

वfतओ की नाई बन रहग व यस क लिसर पर जो अपन भाइयो म स नयारा हआ उसी क लिसर क मकN पर

ल लग 27 फिबनयामीन ाड़नहारा हणडार ह सवर तो वह अहर भकषण करगा और साझ को लN बाN लगा 28 इसराएल क बारहो गोतर य ही ह और उनक फिपता न जिजस जिजस वचन स उन को आशीवाद दिदया सो य हीह एक एक को उसक आशीवाद क अनसार उसन आशीवाद दिदया 29 तब उसन यह कहकर उन को आजञा दी फिक म अपन लोगो क साथ मिमलन पर ह इसलिलय मझ फिही

एपरोन की भमिमवाली गा म मर बापदादो क साथ मिमटटी दना 30 अथात उसी गा म जो कनान दश म ममर क सामहन वाली मकपला की भमिम म ह उस भमिम को तो

इबराहीम न फिही एपरोन क हाथ स इसी फिनमिम मोल लिलया था फिक वह कबरिरfतान क लिलय उसकी फिनज भमिमहो 31 वहा इबराहीम और उसकी पतनी सारा को मिमटटी दी गई और वही इसहाक और उसकी पतनी रिरबका को भी

मिमटटी दी गई और वही म न लिलआ को भी मिमटटी दी 32 वह भमिम और उस म की गा फिहततियो क हाथ स मोल ली गई 33 यह आजञा जब याकब अपन पतरो को द चका तब अपन पाव ाN पर समN पराण छोड़ और अपन लोगो म जा मिमला

अधयाय५०

01 तब यस अपन फिपता क मह पर फिगरकर रोया और उस चमा 02 और यस न उन वदयो को जो उसक सवक थ आजञा दी फिक मर फिपता की लोथ म सगनधदरवय भरो तब

वदयो न इसराएल की लोथ म सगनधदरवय भर दिदए 03 और उसक चालीस दिदन पर हए $योफिक जिजनकी लोथ म सगनधदरवय भर जात ह उन को इतन ही दिदन पर

लगत ह और मिमसरी लोग उसक लिलय सर दिदन तक फिवलाप करत रह 04 जब उसक फिवलाप क दिदन बीत गए तब यस फिरौन क घरान क लोगो स कहन लगा यदिद तमहारी

अनगरह की दमिषट मझ पर हो तो मरी यह फिबनती फिरौन को सनाओ 05 फिक मर फिपता न यह कहकर फिक द म मरन पर ह मझ यह शपथ खिलाई फिक जो कबर त न अपन लिलय

कनान दश म दवाई ह उसी म म तझ मिमटटी दगा इसलिलय अब मझ वहा जा कर अपन फिपता को मिमटटी दन की आजञा द ततपशचात म लौN आऊगा

06 तब फिरौन न कहा जा कर अपन फिपता की खिलाई हई शपथ क अनसार उन को मिमटटी द 07 सो यस अपन फिपता को मिमटटी दन क लिलय चला और फिरौन क सब कमचारी अथात उसक भवन कपरफिनय और मिमसर दश क सब परफिनय उसक सग चल 08 और यस क घर क सब लोग और उसक भाई और उसक फिपता क घर क सब लोग भी सग गए पर व

अपन बालबचचो और भड़-बकरिरयो और गाय- बलो को गोशन दश म छोड़ गए 09 और उसक सग रथ और सवार गए सो भीड़ बहत भारी हो गई 10 जब व आताद क लिलहान तक जो यरदन नदी क पार ह पहच तब वहा अतयनत भारी फिवलाप फिकया

और यस न अपन फिपता क सात दिदन का फिवलाप कराया 11 आताद क लिलहान म क फिवलाप को दकर उस दश क फिनवासी कनाफिनयो न कहा यह तो मिमततिसरयो का

कोई भारी फिवलाप होगा इसी कारण उस सथान का नाम आबलमिमसरम पड़ा और वह यरदन क पार ह 12 और इसराएल क पतरो न उसस वही काम फिकया जिजसकी उसन उन को आजञा दी थी 13 अथात उनहोन उसको कनान दश म ल जाकर मकपला की उस भमिमवाली गा म जो ममर क सामहन ह

मिमटटी दी जिजस को इबराहीम न फिही एपरोन क हाथ स इस फिनमिम मोल लिलया था फिक वह कबरिरfतान क लिलय उसकी फिनज भमिम हो

14 अपन फिपता को मिमटटी दकर यस अपन भाइयोऔर उन सब समत जो उसक फिपता को मिमटटी दन क लिलय उसक सग गए थ मिमसर म लौN आया

15 जब यस क भाइयो न दा फिक हमारा फिपता मर गया ह तब कहन लग कदालिचत यस अब हमार पीछ

पड़ और जिजतनी बराई हम न उसस की थी सब का परा पलNा हम स ल 16 इसलिलय उनहोन यस क पास यह कहला भजा फिक तर फिपता न मरन स पफिहल हम यह आजञा दी थी 17 फिक तम लोग यस स इस परकार कहना फिक हम फिबनती करत ह फिक त अपन भाइयो क अपराध और

पाप को कषमा कर हम न तझ स बराई तो की थी पर अब अपन फिपता क परमशवर क दासो का अपराध कषमा कर उनकी य बात सनकर यस रो पड़ा

18 और उसक भाई आप भी जाकर उसक सामहन फिगर पड़ और कहा द हम तर दास ह 19 यस न उन स कहा मत डरो $या म परमशवर की जगह पर ह 20 यदयफिप तम लोगो न मर लिलय बराई का फिवचार फिकया था परनत परमशवर न उसी बात म भलाई का फिवचारफिकया जिजस स वह ऐसा कर जसा आज क दिदन परगN ह फिक बहत स लोगो क पराण बच ह 21 सो अब मत डरो म तमहारा और तमहार बाल- बचचो का पालन पोरषण करता रहगा इस परकार उसन उन

को समझा बझाकर शासदिनत दी 22 और यस अपन फिपता क घरान समत मिमसर म रहता रहा और यस एक सौ दस वरष जीफिवत रहा 23 और यस एपरम क परपोतो तक दन पाया और मनशश क पोत जो माकीर क पतर थ व उतपनन हो कर

यस स गोद म लिलए गए 24 और यस न अपन भाइयो स कहा म तो मरन पर ह परनत परमशवर फिनशचय तमहारी समिध लगा और तमह

इस दश स फिनकाल कर उस दश म पहचा दगा जिजसक दन की उसन इबराहीम इसहाक और याकब स शपथ ाई थी

25 फिर यस न इसराएलिलयो स यह कहकर फिक परमशवर फिनशचय तमहारी समिध लगा उन को इस फिवरषय की शपथ खिलाई फिक हम तरी हफियो को वहा स उस दश म ल जाएग

26 फिनदान यस एक सौ दस वरष का हो कर मर गया और उसकी लोथ म सगनधदरवय भर गए और वह लोथ मिमसर म एक सनदक म री गई

Genesis - -उतपतति अधयाय 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 3

1 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50

मपषठ | बह भारषा | सलिचपषठ | ोज

Page 3: WordPress.com · Web viewअध य य.१ 01. आद म परम श वर न आक श और प थ व क स ष ट क । 02. और प थ व ब ड ल और

14 और तीसरी नी का नाम षटिहददकल ह यह वही ह जो अशशर क पवW की ओर बहती ह और चौथी नी का नाम 6रात ह

15 तब यहोवा परमशवर न आम को ल कर अन की वादिटका म रख दिया षटिक वह उस म काम कर और उसकी रकषा कर

16 तब यहोवा परमशवर न आम को यह आजञा ी षटिक त वादिटका क सब वकषो का 6ल षटिबना खटक खा सकता ह

17 पर भल या बर क जञान का जो वकष ह उसका 6ल त कभी न खाना कयोषटिक जिजस दिन त उसका 6ल खाए उसी दिन अवशय मर जाएगा

18 षटि6र यहोवा परमशवर न कहा आम का अकला रहना अचछा नही म उसक लिलय एक ऐसा सहायक बनाऊगा जो उसस मल खाए

19 और यहोवा परमशवर भमिम म स सब जाषटित क बनल पशओ और आकाश क सब भाषटित क पणिकषयो को रचकर आम क पास ल आया षटिक ख षटिक वह उनका कया कया नाम रखता ह और

जिजस जिजस जीषटिवत पराणी का जो जो नाम आम न रखा वही उसका नाम हो गया 20 सो आम न सब जाषटित क घरल पशओ और आकाश क पणिकषयो और सब जाषटित क बनल

पशओ क नाम रख परनत आम क लिलय कोई ऐसा सहायक न मिमला जो उसस मल खा सक 21 तब यहोवा परमशवर न आम को भारी नीन म डाल दिया और जब वह सो गया तब उसन

उसकी एक पसली षटिनकाल कर उसकी सनती मास भर दिया 22 और यहोवा परमशवर न उस पसली को जो उसन आम म स षटिनकाली थी सतरी बना दिया और

उसको आम क पास ल आया 23 और आम न कहा अब यह मरी हषटिmयो म की हmी और मर मास म का मास ह सो इसका नाम

नारी होगा कयोषटिक यह नर म स षटिनकाली गई ह 24 इस कारण पररषो अपन माता षटिपता को छोडकर अपनी पतनी स मिमला रहगा और व एक तन बनरहग 25 और आम और उसकी पतनी ोनो नग थ पर लजात न थ

अधयाय३

01 यहोवा परमशवर न जिजतन बनल पश बनाए थ उन सब म सपW तW था और उसन सतरी स कहा कया सच ह षटिक परमशवर न कहा षटिक तम इस बादिटका क षटिकसी वकष का 6ल न खाना

02 सतरी न सपW स कहा इस बादिटका क वकषो क 6ल हम खा सकत ह 03 पर जो वकष बादिटका क बीच म ह उसक 6ल क षटिवरषोय म परमशवर न कहा ह षटिक न तो तम

उसको खाना और न उसको छना नही तो मर जाओग 04 तब सपW न सतरी स कहा तम षटिनशचय न मरोग 05 वरन परमशवर आप जानता ह षटिक जिजस दिन तम उसका 6ल खाओग उसी दिन तमहारी आख

खल जाएगी और तम भल बर का जञान पाकर परमशवर क तलय हो जाओग 06 सो जब सतरी न खा षटिक उस वकष का 6ल खान म अचछा और खन म मनभाऊ और बणिq न

क लिलय चाहन योगय भी ह तब उसन उस म स तोडकर खाया और अपन पषटित को भी दिया और उसन भी खाया

07 तब उन ोनो की आख खल गई और उन को मालम हआ षटिक व नग ह सो उनहोन अजीर क पc जोड जोड कर लगोट बना लिलय

08 तब यहोवा परमशवर जो दिन क ठड समय बादिटका म षटि6रता था उसका शब उन को सनाई दिया तब आम और उसकी पतनी बादिटका क वकषो क बीच यहोवा परमशवर स लिछप गए

09 तब यहोवा परमशवर न पकार कर आम स पछा त कहा ह 10 उसन कहा म तरा शब बारी म सन कर डर गया कयोषटिक म नगा था इसलिलय लिछप गया

11 उसन कहा षटिकस न तझ लिचताया षटिक त नगा ह जिजस वकष का 6ल खान को म न तझ बजाW था कया त न उसका 6ल खाया ह

12 आम न कहा जिजस सतरी को त न मर सग रहन को दिया ह उसी न उस वकष का 6ल मझ दिया और म न खाया

13 तब यहोवा परमशवर न सतरी स कहा त न यह कया षटिकया ह सतरी न कहा सपW न मझ बहका दिया तब म न खाया

14 तब यहोवा परमशवर न सपW स कहा त न जो यह षटिकया ह इसलिलय त सब घरल पशओ और सब बनल पशओ स अलिक शाषटिपत ह त पट क बल चला करगा और जीवन भर मिमटटी चाटता रहगा

15 और म तर और इस सतरी क बीच म और तर वश और इसक वश क बीच म बर उतपनन करगा वह तर लिसर को कचल डालगा और त उसकी एडी को डसगा

16 षटि6र सतरी स उसन कहा म तरी पीडा और तर गभWवती होन क द ख को बहत बढाऊगा त पीषटिडत हो कर बालक उतपनन करगी और तरी लालसा तर पषटित की ओर होगी और वह तझ पर परभता

करगा 17 और आम स उसन कहा त न जो अपनी पतनी की बात सनी और जिजस वकष क 6ल क षटिवरषोय म न तझ आजञा ी थी षटिक त उस न खाना उसको त न खाया ह इसलिलय भमिम तर कारण शाषटिपत ह त उसकी उपज जीवन भर द ख क साथ खाया करगा

18 और वह तर लिलय काट और ऊटकटार उगाएगी और त खत की उपज खाएगा 19 और अपन माथ क पसीन की रोटी खाया करगा और अनत म मिमटटी म मिमल जाएगा कयोषटिक त

उसी म स षटिनकाला गया ह त मिमटटी तो ह और मिमटटी ही म षटि6र मिमल जाएगा 20 और आम न अपनी पतनी का नाम हववा रखा कयोषटिक जिजतन मनषय जीषटिवत ह उन सब की

आदिमाता वही हई 21 और यहोवा परमशवर न आम और उसकी पतनी क लिलय चमड क अगरख बना कर उन को

पषटिहना दिए 22 षटि6र यहोवा परमशवर न कहा मनषय भल बर का जञान पाकर हम म स एक क समान हो गया ह

इसलिलय अब ऐसा न हो षटिक वह हाथ बढा कर जीवन क वकष का 6ल भी तोड क खा ल और सा जीषटिवत रह

23 तब यहोवा परमशवर न उसको अन की बादिटका म स षटिनकाल दिया षटिक वह उस भमिम पर खती कर जिजस म स वह बनाया गया था

24 इसलिलय आम को उसन षटिनकाल दिया और जीवन क वकष क मागW का पहरा न क लिलय अन की बादिटका क पवW की ओर करबो को और चारो ओर घमन वाली जवालामय तलवार को भी षटिनयकत कर दिया

अधयाय४

01 जब आम अपनी पतनी हववा क पास गया तब उसन गभWवती हो कर कन को जनम दिया औरकहा म न यहोवा की सहायता स एक पररषो पाया ह 02 षटि6र वह उसक भाई हाषटिबल को भी जनमी और हाषटिबल तो भड- बकरिरयो का चरवाहा बन गया

परनत कन भमिम की खती करन वाला षटिकसान बना 03 कछ दिनो क पशचात कन यहोवा क पास भमिम की उपज म स कछ भट ल आया 04 और हाषटिबल भी अपनी भड- बकरिरयो क कई एक पषटिहलौठ बचच भट चढान ल आया और उनकी

चब भट चढाई तब यहोवा न हाषटिबल और उसकी भट को तो गरहण षटिकया 05 परनत कन और उसकी भट को उसन गरहण न षटिकया तब कन अषटित करोलित हआ और उसक

मह पर उासी छा गई 06 तब यहोवा न कन स कहा त कयो करोलित हआ और तर मह पर उासी कयो छा गई ह

07 यदि त भला कर तो कया तरी भट गरहण न की जाएगी और यदि त भला न कर तो पाप दवार पर लिछपा रहता ह और उसकी लालसा तरी और होगी और त उस पर परभता करगा

08 तब कन न अपन भाई हाषटिबल स कछ कहा और जब व मान म थ तब कन न अपन भाई हाषटिबल पर चढ कर उस घात षटिकया

09 तब यहोवा न कन स पछा तरा भाई हाषटिबल कहा ह उसन कहा मालम नही कया म अपन भाई का रखवाला ह

10 उसन कहा त न कया षटिकया ह तर भाई का लोह भमिम म स मरी ओर लिचलला कर मरी ोहाई रहा ह

11 इसलिलय अब भमिम जिजसन तर भाई का लोह तर हाथ स पीन क लिलय अपना मह खोला ह उसकी ओर स त शाषटिपत ह

12 चाह त भमिम पर खती कर तौभी उसकी परी उपज षटि6र तझ न मिमलगी और त पथवी पर बहत और भगोडा होगा

13 तब कन न यहोवा स कहा मरा णड सहन स बाहर ह 14 ख त न आज क दिन मझ भमिम पर स षटिनकाला ह और म तरी दषटि की आड म रहगा और

पथवी पर बहत और भगोडा रहगा और जो कोई मझ पाएगा मझ घात करगा 15 इस कारण यहोवा न उसस कहा जो कोई कन को घात करगा उसस सात गणा पलटा लिलया

जाएगा और यहोवा न कन क लिलय एक लिचनह ठहराया ऐसा न हो षटिक कोई उस पाकर मार डाल 16 तब कन यहोवा क सममख स षटिनकल गया और नो नाम श म जो अन क पवW की ओर ह

रहन लगा 17 जब कन अपनी पतनी क पास गया जब वह गभWवती हई और हनोक को जनमी षटि6र कन न एक

नगर बसाया और उस नगर का नाम अपन पतर क नाम पर हनोक रखा 18 और हनोक स ईरा उतपनन हआ और ईरा न महयाएल को जनम दिया और महयाएल न

मतशाएल को और मतशाएल न लमक को जनम दिया 19 और लमक न ो सतरिसतरया बयाह ली जिजन म स एक का नाम आा और दसरी को लिसलला ह 20 और आा न याबाल को जनम दिया वह तमबओ म रहना और जानवरो का पालन इन ोनो

रीषटितयो का उतपाक हआ 21 और उसक भाई का नाम यबाल ह वह वीणा और बासरी आदि बाजो क बजान की सारी रीषटित

का उतपाक हआ 22 और लिसलला न भी तबलकन नाम एक पतर को जनम दिया वह पीतल और लोह क सब ार वाल

हलिथयारो का गढन वाला हआ और तबलकन की बषटिहन नामा थी 23 और लमक न अपनी पतनितनयो स कहा ह आा और ह लिसलला मरी सनो ह लमक की पतनितनयो

मरी बात पर कान लगाओ मन एक पररषो को जो मर चोट लगाता था अथाWत एक जवान को जो मझ घायल करता था घात षटिकया ह

24 जब कन का पलटा सात गणा लिलया जाएगा तो लमक का सcर गणा लिलया जाएगा 25 और आम अपनी पतनी क पास षटि6र गया और उसन एक पतर को जनम दिया और उसका नाम

यह कह क शत रखा षटिक परमशवर न मर लिलय हाषटिबल की सनती जिजस को कन न घात षटिकया एक और वश ठहरा दिया ह

26 और शत क भी एक पतर उतपनन हआ और उसन उसका नाम एनोश रखा उसी समय स लोग यहोवा स पराथWना करन लग

अधयाय५

01 आम की वशावली यह ह जब परमशवर न मनषय की सषटि की तब अपन ही सवरप म उसकोबनाया

02 उसन नर और नारी करक मनषयो की सषटि की और उनह आशीरषो ी और उनकी सषटि क दिन उनका नाम आम रखा

03 जब आम एक सौ तीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा उसकी समानता म उस ही क सवरप क अनसार एक पतर उतपनन हआ उसका नाम शत रखा

04 और शत क जनम क पशचात आम आठ सौ वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट बदिटया उतपनन हई

05 और आम की कल अवसथा नौ सौ तीस वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 06 जब शत एक सौ पाच वरषोW का हआ तब उसन एनोश को जनम दिया 07 और एनोश क जनम क पशचात शत आठ सौ सात वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 08 और शत की कल अवसथा नौ सौ बारह वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 09 जब एनोश नबब वरषोW का हआ तब उसन कनान को जनम दिया 10 और कनान क जनम क पशचात एनोश आठ सौ पनदरह वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया हई 11 और एनोश की कल अवसथा नौ सौ पाच वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 12 जब कनान सcर वरषोW का हआ तब उसन महललल को जनम दिया 13 और महललल क जनम क पशचात कनान आठ सौ चालीस वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 14 और कनान की कल अवसथा नौ सौ स वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 15 जब महललल पसठ वरषोW का हआ तब उसन यर को जनम दिया 16 और यर क जनम क पशचात महललल आठ सौ तीस वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 17 और महललल की कल अवसथा आठ सौ पचानव वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 18 जब यर एक सौ बासठ वरषोW का हआ जब उसन हनोक को जनम दिया 19 और हनोक क जनम क पशचात यर आठ सौ वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट बदिटया

उतपनन हई 20 और यर की कल अवसथा नौ सौ बासठ वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 21 जब हनोक पसठ वरषोW का हआ तब उसन मतशलह को जनम दिया 22 और मतशलह क जनम क पशचात हनोक तीन सौ वरषोW तक परमशवर क साथ साथ चलता रहा

और उसक और भी बट बदिटया उतपनन हई 23 और हनोक की कल अवसथा तीन सौ पसठ वरषोW की हई 24 और हनोक परमशवर क साथ साथ चलता था षटि6र वह लोप हो गया कयोषटिक परमशवर न उस उठालिलया 25 जब मतशलह एक सौ सcासी वरषोW का हआ तब उसन लमक को जनम दिया 26 और लमक क जनम क पशचात मतशलह सात सौ बयासी वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 27 और मतशलह की कल अवसथा नौ सौ उनहcर वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 28 जब लमक एक सौ बयासी वरषोW का हआ तब उसन एक पतर जनम दिया 29 और यह कहकर उसका नाम नह रखा षटिक यहोवा न जो पथवी को शाप दिया ह उसक षटिवरषोय

यह लडका हमार काम म और उस कदिठन परिरशरम म जो हम करत ह हम को शातनिनत गा 30 और नह क जनम क पशचात लमक पाच सौ पचानव वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 31 और लमक की कल अवसथा सात सौ सतहcर वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 32 और नह पाच सौ वरषोW का हआ और नह न शम और हाम और यपत को जनम दिया

अधयाय६

01 षटि6र जब मनषय भमिम क ऊपर बहत बढन लग और उनक बदिटया उतपनन हई 02 तब परमशवर क पतरो न मनषय की पषटितरयो को खा षटिक व सनर ह सो उनहोन जिजस जिजस को

चाहा उन स बयाह कर लिलया 03 और यहोवा न कहा मरा आतमा मनषय स सा लो षटिववा करता न रहगा कयोषटिक मनषय भी

शरीर ही ह उसकी आय एक सौ बीस वरषोW की होगी 04 उन दिनो म पथवी पर ानव रहत थ और इसक पशचात जब परमशवर क पतर मनषय की पषटितरयो क

पास गए तब उनक दवारा जो सनतान उतपनन हए व पतर शरवीर होत थ जिजनकी कीरतित पराचीन काल स परचलिलत ह

05 और यहोवा न खा षटिक मनषयो की बराई पथवी पर बढ गई ह और उनक मन क षटिवचार म जो कछ उतपनन होता ह सो षटिनरनतर बरा ही होता ह

06 और यहोवा पथवी पर मनषय को बनान स पछताया और वह मन म अषटित खदित हआ 07 तब यहोवा न सोचा षटिक म मनषय को जिजसकी म न सषटि की ह पथवी क ऊपर स मिमटा दगा कया मनषय कया पश कया रगन वाल जनत कया आकाश क पकषी सब को मिमटा दगा कयोषटिक म उनक

बनान स पछताता ह 08 परनत यहोवा क अनगरह की दषटि नह पर बनी रही 09 नह की वशावली यह ह नह म पररषो और अपन समय क लोगो म खरा था और नह परमशवर

ही क साथ साथ चलता रहा 10 और नह स शम और हाम और यपत नाम तीन पतर उतपनन हए 11 उस समय पथवी परमशवर की दषटि म षटिबगड गई थी और उपदरव स भर गई थी 12 और परमशवर न पथवी पर जो दषटि की तो कया खा षटिक वह षटिबगडी हई ह कयोषटिक सब पराणिणयो न पथवी पर अपनी अपनी चाल चलन षटिबगाड ली थी

13 तब परमशवर न नह स कहा सब पराणिणयो क अनत करन का परशन मर सामहन आ गया ह कयोषटिक उनक कारण पथवी उपदरव स भर गई ह इसलिलय म उन को पथवी समत नाश कर डालगा

14 इसलिलय त गोपर वकष की लकडी का एक जहाज बना ल उस म कोठरिरया बनाना और भीतर बाहर उस पर राल लगाना

15 और इस ढग स उसको बनाना जहाज की लमबाई तीन सौ हाथ चौडाई पचास हाथ और ऊचाई तीस हाथ की हो

16 जहाज म एक खिखडकी बनाना और इसक एक हाथ ऊपर स उसकी छत बनाना और जहाज की एक अलग म एक दवार रखना और जहाज म पषटिहला दसरा तीसरा खणड बनाना

17 और सन म आप पथवी पर जलपरलय करक सब पराणिणयो को जिजन म जीवन की आतमा ह आकाश क नीच स नाश करन पर ह और सब जो पथवी पर ह मर जाएग

18 परनत तर सग म वाचा बा(ता ह इसलिलय त अपन पतरो सतरी और बहओ समत जहाज म परवश करना 19 और सब जीषटिवत पराणिणयो म स त एक एक जाषटित क ो ो अथाWत एक नर और एक माा

जहाज म ल जा कर अपन साथ जीषटिवत रखना 20 एक एक जाषटित क पकषी और एक एक जाषटित क पश और एक एक जाषटित क भमिम पर रगनवाल सब म स ो ो तर पास आएग षटिक त उन को जीषटिवत रख 21 और भाषटित भाषटित का भोजय पाथW जो खाया जाता ह उन को त ल कर अपन पास इकटठा कर

रखना सो तर और उनक भोजन क लिलय होगा 22 परमशवर की इस आजञा क अनसार नह न षटिकया

अधयाय७

01 और यहोवा न नह स कहा त अपन सार घरान समत जहाज म जा कयोषटिक म न इस समय क लोगो म स कवल तझी को अपनी दषटि म म खा ह

02 सब जाषटित क शq पशओ म स तो त सात सात अथाWत नर और माा लना पर जो पश शq नही ह उन म स ो ो लना अथाWत नर और माा

03 और आकाश क पणिकषयो म स भी सात सात अथाWत नर और माा लना षटिक उनका वश बचकर सारी पथवी क ऊपर बना रह

04 कयोषटिक अब सात दिन और बीतन पर म पथवी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहगा जिजतनी वसतए म न बनाई ह सब को भमिम क ऊपर स मिमटा दगा

05 यहोवा की इस आजञा क अनसार नह न षटिकया 06 नह की अवसथा छ सौ वरषोW की थी जब जलपरलय पथवी पर आया 07 नह अपन पतरो पतनी और बहओ समत जलपरलय स बचन क लिलय जहाज म गया 08 और शq और अशq ोनो परकार क पशओ म स पणिकषयो 09 और भमिम पर रगन वालो म स भी ो ो अथाWत नर और माा जहाज म नह क पास गए

जिजस परकार परमशवर न नह को आजञा ी थी 10 सात दिन क उपरानत परलय का जल पथवी पर आन लगा 11 जब नह की अवसथा क छ सौव वरषोW क दसर महीन का सcरहवा दिन आया उसी दिन बड

गषटिहर समदर क सब सोत 6ट षटिनकल और आकाश क झरोख खल गए 12 और वरषोाW चालीस दिन और चालीस रात षटिनरनतर पथवी पर होती रही 13 ठीक उसी दिन नह अपन पतर शम हाम और यपत और अपनी पतनी और तीनो बहओ समत 14 और उनक सग एक एक जाषटित क सब बनल पश और एक एक जाषटित क सब घरल पश और

एक एक जाषटित क सब पथवी पर रगन वाल और एक एक जाषटित क सब उडन वाल पकषी जहाज मगए 15 जिजतन पराणिणयो म जीवन की आतमा थी उनकी सब जाषटितयो म स ो ो नह क पास जहाज मगए 16 और जो गए वह परमशवर की आजञा क अनसार सब जाषटित क पराणिणयो म स नर और माा गए

तब यहोवा न उसका दवार बन कर दिया 17 और पथवी पर चालीस दिन तक परलय होता रहा और पानी बहत बढता ही गया जिजस स जहाज

ऊपर को उठन लगा और वह पथवी पर स ऊचा उठ गया 18 और जल बढत बढत पथवी पर बहत ही बढ गया और जहाज जल क ऊपर ऊपर तरता रहा 19 और जल पथवी पर अतयनत बढ गया यहा तक षटिक सारी रती पर जिजतन बड बड पहाड थ सब

डब गए 20 जल तो पनदरह हाथ ऊपर बढ गया और पहाड भी डब गए 21 और कया पकषी कया घरल पश कया बनल पश और पथवी पर सब चलन वाल पराणी और

जिजतन जनत पथवी म बहतायत स भर गए थ व सब और सब मनषय मर गए 22 जो जो सथल पर थ उन म स जिजतनो क नथनो म जीवन का शवास था सब मर मिमट 23 और कया मनषय कया पश कया रगन वाल जनत कया आकाश क पकषी जो जो भमिम पर थ सो

सब पथवी पर स मिमट गए कवल नह और जिजतन उसक सग जहाज म थ व ही बच गए 24 और जल पथवी पर एक सौ पचास दिन तक परबल रहा

अधयाय८

01 और परमशवर न नह की और जिजतन बनल पश और घरल पश उसक सग जहाज म थ उन सभो की सलि ली और परमशवर न पथवी पर पवन बहाई और जल घटन लगा

02 और गषटिहर समदर क सोत और आकाश क झरोख ब हो गए और उसस जो वरषोाW होती थी सो

भी थम गई 03 और एक सौ पचास दिन क पशचात जल पथवी पर स लगातार घटन लगा 04 सातव महीन क सcरहव दिन को जहाज अरारात नाम पहाड पर दिटक गया 05 और जल सव महीन तक घटता चला गया और सव महीन क पषटिहल दिन को पहाडो की

चोदिटया दिखलाई ी 06 षटि6र ऐसा हआ षटिक चालीस दिन क पशचात नह न अपन बनाए हए जहाज की खिखडकी को खोलकर एक कौआ उडा दिया 07 वह जब तक जल पथवी पर स सख न गया तब तक कौआ इर उर षटि6रता रहा 08 षटि6र उसन अपन पास स एक कबतरी को उडा दिया षटिक ख षटिक जल भमिम स घट गया षटिकनही 09 उस कबतरी को अपन पर क तल टकन क लिलय कोई आार न मिमला सो वह उसक पास जहाज म लौट आई कयोषटिक सारी पथवी क ऊपर जल ही जल छाया था तब उसन हाथ बढा कर उस अपन

पास जहाज म ल लिलया 10 तब और सात दिन तक ठहर कर उसन उसी कबतरी को जहाज म स षटि6र उडा दिया 11 और कबतरी साझ क समय उसक पास आ गई तो कया खा षटिक उसकी चोच म जलपाई का

एक नया पcा ह इस स नह न जान लिलया षटिक जल पथवी पर घट गया ह 12 षटि6र उसन सात दिन और ठहरकर उसी कबतरी को उडा दिया और वह उसक पास षटि6र कभी

लौट कर न आई 13 षटि6र ऐसा हआ षटिक छ सौ एक वरषोW क पषटिहल महीन क पषटिहल दिन जल पथवी पर स सख गया

तब नह न जहाज की छत खोल कर कया खा षटिक रती सख गई ह 14 और दसर महीन क सताईसव दिन को पथवी परी रीषटित स सख गई 15 तब परमशवर न नह स कहा 16 त अपन पतरो पतनी और बहओ समत जहाज म स षटिनकल आ 17 कया पकषी कया पश कया सब भाषटित क रगन वाल जनत जो पथवी पर रगत ह जिजतन शरीरारी

जीवजनत तर सग ह उस सब को अपन साथ षटिनकाल ल आ षटिक पथवी पर उन स बहत बचच उतपननहो और व 6ल-6ल और पथवी पर 6ल जाए 18 तब नह और उसक पतर और पतनी और बहए षटिनकल आई 19 और सब चौपाए रगन वाल जनत और पकषी और जिजतन जीवजनत पथवी पर चलत षटि6रत ह

सो सब जाषटित जाषटित करक जहाज म स षटिनकल आए 20 तब नह न यहोवा क लिलय एक वी बनाई और सब शq पशओ और सब शq पणिकषयो म स

कछ कछ ल कर वी पर होमबलिल चढाया 21 इस पर यहोवा न सखायक सग( पाकर सोचा षटिक मनषय क कारण म षटि6र कभी भमिम को

शाप न दगा यदयषटिप मनषय क मन म बचपन स जो कछ उतपनन होता ह सो बरा ही होता ह तौभी जसा म न सब जीवो को अब मारा ह वसा उन को षटि6र कभी न मारगा

22 अब स जब तक पथवी बनी रहगी तब तक बोन और काटन क समय ठणड और तपन पकाल और शीतकाल दिन और रात षटिनरनतर होत चल जाएग

अधयाय९

01 षटि6र परमशवर न नह और उसक पतरो को आशीरषो ी और उन स कहा षटिक 6लो-6लो और बढो और पथवी म भर जाओ

02 और तमहारा डर और भय पथवी क सब पशओ और आकाश क सब पणिकषयो और भमिम पर क सब रगन वाल जनतओ और समदर की सब मछलिलयो पर बना रहगा व सब तमहार वश म कर दिए जात ह

03 सब चलन वाल जनत तमहारा आहार होग जसा तम को हर हर छोट पड दिए थ वसा ही अब सब कछ ता ह

04 पर मास को पराण समत अथाWत लोह समत तम न खाना 05 और षटिनशचय म तमहारा लोह अथाWत पराण का पलटा लगा सब पशओ और मनषयो ोनो स म

उस लगा मनषय क पराण का पलटा म एक एक क भाई ब( स लगा 06 जो कोई मनषय का लोह बहाएगा उसका लोह मनषय ही स बहाया जाएगा कयोषटिक परमशवर न

मनषय को अपन ही सवरप क अनसार बनाया ह 07 और तम तो 6लो-6लो और बढो और पथवी म बहत बचच जनमा क उस म भर जाओ 08 षटि6र परमशवर न नह और उसक पतरो स कहा 09 सनो म तमहार साथ और तमहार पशचात जो तमहारा वश होगा उसक साथ भी वाचा बा(ता ह 10 और सब जीषटिवत पराणिणयो स भी जो तमहार सग ह कया पकषी कया घरल पश कया पथवी क सब

बनल पश पथवी क जिजतन जीवजनत जहाज स षटिनकल ह सब क साथ भी मरी यह वाचा ब(ती ह 11 और म तमहार साथ अपनी इस वाचा को परा करगा षटिक सब पराणी षटि6र जलपरलय स नाश नहोग और पथवी क नाश करन क लिलय षटि6र जलपरलय न होगा 12 षटि6र परमशवर न कहा जो वाचा म तमहार साथ और जिजतन जीषटिवत पराणी तमहार सग ह उन सब

क साथ भी यग यग की पीदिढय़ो क लिलय बा(ता ह उसका यह लिचनह ह 13 षटिक म न बाल म अपना नरषो रखा ह वह मर और पथवी क बीच म वाचा का लिचनह होगा 14 और जब म पथवी पर बाल 6लाऊ जब बाल म नरषो ख पडगा 15 तब मरी जो वाचा तमहार और सब जीषटिवत शरीरारी पराणिणयो क साथ बा(ी ह उसको म समरण करगा तब ऐसा जलपरलय षटि6र न होगा जिजस स सब पराणिणयो का षटिवनाश हो 16 बाल म जो नरषो होगा म उस ख क यह सा की वाचा समरण करगा जो परमशवर क और

पथवी पर क सब जीषटिवत शरीरारी पराणिणयो क बीच ब(ी ह 17 षटि6र परमशवर न नह स कहा जो वाचा म न पथवी भर क सब पराणिणयो क साथ बा(ी ह उसका

लिचनह यही ह 18 नह क जो पतर जहाज म स षटिनकल व शम हाम और यपत थ और हाम तो कनान का षटिपताहआ 19 नह क तीन पतर य ही ह और इनका वश सारी पथवी पर 6ल गया 20 और नह षटिकसानी करन लगा और उसन ाख की बारी लगाई 21 और वह ाखम पीकर मतवाला हआ और अपन तमब क भीतर नगा हो गया 22 तब कनान क षटिपता हाम न अपन षटिपता को नगा खा और बाहर आकर अपन ोनो भाइयो को

बतला दिया 23 तब शम और यपत ोनो न कपडा ल कर अपन क(ो पर रखा और पीछ की ओर उलटा

चलकर अपन षटिपता क नग तन को ढाप दिया और व अपना मख पीछ षटिकए हए थ इसलिलय उनहोन अपन षटिपता को नगा न खा

24 जब नह का नशा उतर गया तब उसन जान लिलया षटिक उसक छोट पतर न उसस कया षटिकया ह 25 इसलिलय उसन कहा कनान शाषटिपत हो वह अपन भाई ब(ओ क ासो का ास हो 26 षटि6र उसन कहा शम का परमशवर यहोवा नय ह और कनान शम का ास होव 27 परमशवर यपत क वश को 6लाए और वह शम क तमबओ म बस और कनान उसका ासहोव 28 जलपरलय क पशचात नह साढ तीन सौ वरषोW जीषटिवत रहा 29 और नह की कल अवसथा साढ नौ सौ वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया

अधयाय१०

01 नह क पतर जो शम हाम और यपत थ उनक पतर जलपरलय क पशचात उतपनन हए उनकी वशावली यह ह

02 यपत क पतर गोमर मागोग मा यावान तबल मशक और तीरास हए 03 और गोमर क पतर अशकनज रीपत और तोगमाW हए 04 और यावान क वश म एलीशा और तशश और षटिकcी और ोानी लोग हए 05 इनक वश अनयजाषटितयो क दवीपो क शो म ऐस बट गए षटिक व णिभनन णिभनन भारषोाओ कलो और

जाषटितयो क अनसार अलग अलग हो गए 06 षटि6र हाम क पतर कश और मिमसर और 6त और कनान हए 07 और कश क पतर सबा हवीला सबता रामा और सबतका हए और रामा क पतर शबा और

ान हए 08 और कश क वश म षटिनमरो भी हआ पथवी पर पषटिहला वीर वही हआ ह 09 वही यहोवा की दषटि म पराकरमी णिशकार खलन वाला ठहरा इस स यह कहावत चली ह षटिक

षटिनमरो क समान यहोवा की दषटि म पराकरमी णिशकार खलन वाला 10 और उसक राजय का आरमभ णिशनार श म बाबल अकक और कलन हआ 11 उस श स वह षटिनकल कर अशशर को गया और नीनव रहोबोतीर और कालह को 12 और नीनव और कालह क बीच रसन ह उस भी बसाया बडा नगर यही ह 13 और मिमसर क वश म ली अनामी लहाबी नपतही 14 और पतरसी कसलही और कपतोरी लोग हए कसलषटिहयो म स तो पलिलशती लोग षटिनकल 15 षटि6र कनान क वश म उसका जयषठ सीोन तब षटिहc 16 और यबसी एमोरी षटिगगाWशी 17 षटिहववी अक सीनी 18 अवWी समारी और हमाती लोग भी हए षटि6र कनाषटिनयो क कल भी 6ल गए 19 और कनाषटिनयो का लिसवाना सीोन स ल कर गरार क मागW स हो कर अजजा तक और षटि6र सोम

और अमोरा और अमा और सबोयीम क मागW स हो कर लाशा तक हआ 20 हाम क वश म य ही हए और य णिभनन णिभनन कलो भारषोाओ शो और जाषटितयो क अनसार

अलग अलग हो गए 21 षटि6र शम जो सब एबरवणिशयो का मलपररषो हआ और जो यपत का जयषठ भाई था उसक भी

पतर उतपनन हए 22 शम क पतर एलाम अशशर अपWकष ल और आराम हए 23 और आराम क पतर ऊस हल गतर और मश हए 24 और अपWकष न शलह को और शलह न एबर को जनम दिया 25 और एबर क ो पतर उतपनन हए एक का नाम पलग इस कारण रखा गया षटिक उसक दिनो म पथवी

बट गई और उसक भाई का नाम योकतान ह 26 और योकतान न अलमोा शलप हसमाWवत थरह 27 योरवाम ऊजाल दिकला 28 ओबाल अबीमाएल शबा 29 ओपीर हवीला और योबाब को जनम दिया य ही सब योकतान क पतर हए 30 इनक रहन का सथान मशा स ल कर सपारा जो पवW म एक पहाड ह उसक मागW तक हआ 31 शम क पतर य ही हए और य णिभनन णिभनन कलो भारषोाओ शो और जाषटितयो क अनसार अलग

अलग हो गए 32 नह क पतरो क घरान य ही ह और उनकी जाषटितयो क अनसार उनकी वशावलिलया य ही ह और

जलपरलय क पशचात पथवी भर की जाषटितया इनही म स हो कर बट गई

अधयाय११

1 11|01 सारी पथवी पर एक ही भारषोा और एक ही बोली थी 11|02 उस समय लोग पवW की और चलत चलत णिशनार श म एक मान पाकर उस म बस गए 11|03 तब व आपस म कहन लग षटिक आओ हम ईट बना बना क भली भाषटित आग म पकाए

और उनहोन पतथर क सथान म ईट स और चन क सथान म मिमटटी क गार स काम लिलया 11|04 षटि6र उनहोन कहा आओ हम एक नगर और एक गममट बना ल जिजसकी चोटी आकाश स

बात कर इस परकार स हम अपना नाम कर ऐसा न हो षटिक हम को सारी पथवी पर 6लना पड 11|05 जब लोग नगर और गममट बनान लग तब इनह खन क लिलय यहोवा उतर आया 11|06 और यहोवा न कहा म कया खता ह षटिक सब एक ही ल क ह और भारषोा भी उन सब की

एक ही ह और उनहोन ऐसा ही काम भी आरमभ षटिकया और अब जिजतना व करन का यतन करग उस म स कछ उनक लिलय अनहोना न होगा

11|07 इसलिलय आओ हम उतर क उनकी भारषोा म बडी गडबडी डाल षटिक व एक दसर की बोली को न समझ सक

11|08 इस परकार यहोवा न उन को वहा स सारी पथवी क ऊपर 6ला दिया और उनहोन उस नगर का बनाना छोड दिया

11|09 इस कारण उस नगर को नाम बाबल पडा कयोषटिक सारी पथवी की भारषोा म जो गडबडी ह सो यहोवा न वही डाली और वही स यहोवा न मनषयो को सारी पथवी क ऊपर 6ला दिया

11|10 शम की वशावली यह ह जल परलय क ो वरषोW पशचात जब शम एक सौ वरषोW का हआ तब उसन अपWकष को जनम दिया

11|11 और अपWकष न जनम क पशचात शम पाच सौ वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट बदिटया उतपनन हई

11|12 जब अपWकष पतीस वरषोW का हआ तब उसन शलह को जनम दिया 11|13 और शलह क जनम क पशचात अपWकष चार सौ तीन वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और

भी बट बदिटया उतपनन हई 11|14 जब शलह तीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा एबर को जनम हआ 11|15 और एबर क जनम क पशचात शलह चार सौ तीन वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 11|16 जब एबर चौतीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा पलग का जनम हआ 11|17 और पलग क जनम क पशचात एबर चार सौ तीस वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 11|18 जब पलग तीस वरषोW को हआ तब उसक दवारा र का जनम हआ 11|19 और र क जनम क पशचात पलग ो सौ नौ वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 11|20 जब र बcीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा सरग का जनम हआ 11|21 और सरग क जनम क पशचात र ो सौ सात वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 11|22 जब सरग तीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा नाहोर का जनम हआ 11|23 और नाहोर क जनम क पशचात सरग ो सौ वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 11|24 जब नाहोर उनतीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा तरह का जनम हआ 11|25 और तरह क जनम क पशचात नाहोर एक सौ उननीस वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और

भी बट बदिटया उतपनन हई 11|26 जब तक तरह सcर वरषोW का हआ तब तक उसक दवारा अबराम और नाहोर और हारान

उतपनन हए 11|27 तरह की यह वशावली ह तरह न अबराम और नाहोर और हारान को जनम दिया और

हारान न लत को जनम दिया 11|28 और हारान अपन षटिपता क सामहन ही कखिसयो क ऊर नाम नगर म जो उसकी जनम भमिम

थी मर गया 11|29 अबराम और नाहोर न सतरिसतरया बयाह ली अबराम की पतनी का नाम तो सार और नाहोर की

पतनी का नाम मिमलका था यह उस हारान की बटी थी जो मिमलका और मियसका ोनो का षटिपता था 11|30 सार तो बाझ थी उसक सतान न हई 11|31 और तरह अपना पतर अबराम और अपना पोता लत जो हारान का पतर था और अपनी बहसार जो उसक पतर अबराम की पतनी थी इन सभो को ल कर कखिसयो क ऊर नगर स षटिनकल कनान

श जान को चला पर हारान नाम श म पहचकर वही रहन लगा 11|32 जब तरह ो सौ पाच वरषोW का हआ तब वह हारान श म मर गया

अधयाय१२

01 यहोवा न अबराम स कहा अपन श और अपनी जनमभमिम और अपन षटिपता क घर को छोडकर उस श म चला जा जो म तझ दिखाऊगा

02 और म तझ स एक बडी जाषटित बनाऊगा और तझ आशीरषो दगा और तरा नाम बडा करगा और त आशीरषो का मल होगा

03 और जो तझ आशीवाW उनह म आशीरषो दगा और जो तझ कोस उस म शाप दगा और भमणडल क सार कल तर दवारा आशीरषो पाएग

04 यहोवा क इस वचन क अनसार अबराम चला और लत भी उसक सग चला और जब अबराम हारान श स षटिनकला उस समय वह पचहcर वरषोW का था

05 सो अबराम अपनी पतनी सार और अपन भतीज लत को और जो न उनहोन इकटठा षटिकया था और जो पराणी उनहोन हारान म परापत षटिकए थ सब को ल कर कनान श म जान को षटिनकल चला और व कनान श म आ भी गए

06 उस श क बीच स जात हए अबराम शकम म जहा मोर का बाज वकष ह पहचा उस समय उस श म कनानी लोग रहत थ

07 तब यहोवा न अबराम को शWन कर कहा यह श म तर वश को दगा और उसन वहा यहोवा क लिलय जिजसन उस शWन दिया था एक वी बनाई

08 षटि6र वहा स कच करक वह उस पहाड पर आया जो बतल क पवW की ओर ह और अपना तमब उस सथान म खडा षटिकया जिजसकी पचछिचछम की ओर तो बतल और पवW की ओर ऐ ह और वहा भी उसन यहोवा क लिलय एक वी बनाई और यहोवा स पराथWना की

09 और अबराम कच करक चछिकखन श की ओर चला गया 10 और उस श म अकाल पडा और अबराम मिमसर श को चला गया षटिक वहा परशी हो कर रह --

कयोषटिक श म भयकर अकाल पडा था 11 षटि6र ऐसा हआ षटिक मिमसर क षटिनकट पहचकर उसन अपनी पतनी सार स कहा सन मझ मालमह षटिक त एक सनर सतरी ह 12 इस कारण जब मिमसरी तझ खग तब कहग यह उसकी पतनी ह सो व मझ को तो मार डालग

पर तझ को जीती रख लग 13 सो यह कहना षटिक म उसकी बषटिहन ह जिजस स तर कारण मरा कलयाण हो और मरा पराण तर

कारण बच 14 षटि6र ऐसा हआ षटिक जब अबराम मिमसर म आया तब मिमणिसरयो न उसकी पतनी को खा षटिक यह

अषटित सनर ह 15 और षटि6रौन क हाषटिकमो न उसको खकर षटि6रौन क सामहन उसकी परशसा की सो वह सतरी

षटि6रौन क घर म रखी गई 16 और उसन उसक कारण अबराम की भलाई की सो उसको भड-बकरी गाय-बल ास-ालिसया गह-गषटिहया और ऊट मिमल

17 तब यहोवा न षटि6रौन और उसक घरान पर अबराम की पतनी सार क कारण बडी बडी षटिवपलिcयाडाली 18 सो षटि6रौन न अबराम को बलवा कर कहा त न मझ स कया षटिकया ह त न मझ कयो नही बताया

षटिक वह तरी पतनी ह 19 त न कयो कहा षटिक वह तरी बषटिहन ह म न उस अपनी ही पतनी बनान क लिलय लिलया परनत अब

अपनी पतनी को ल कर यहा स चला जा 20 और षटि6रौन न अपन आमिमयो को उसक षटिवरषोय म आजञा ी और उनहोन उसको और उसकी

पतनी को सब समपलिc समत जो उसका था षटिवा कर दिया

अधयाय१३

01 तब अबराम अपनी पतनी और अपनी सारी समपतति ल कर लत को भी सग लिलय हए मिमसर को छोड़ कर कनान क दततति$न दश म आया

02 अबराम भड़-बकरी गाय-बल और सोन- रप का बड़ा धनी था 03 फिर वह दततति$न दश स चलकर बतल क पास उसी सथान को पहचा जहा उसका तमब पहल पड़ा था

जो बतल और ऐ क बीच म ह 04 यह सथान उस वदी का ह जिजस उसन पहल बनाई थी और वहा अबराम न फिर यहोवा स पराथना की 05 और लत क पास भी जो अबराम क साथ चलता था भड़-बकरी गाय-बल और तमब थ 06 सो उस दश म उन दोनो की समाई न हो सकी फिक व इकटठ रह $योफिक उनक पास बहत धन था इसलिलय व

इकटठ न रह सक 07 सो अबराम और लत की भड़-बकरी और गाय- बल क चरवाहो क बीच म झगड़ा हआ और उस समयकनानी और परिरजजी लोग उस दश म रहत थ 08 तब अबराम लत स कहन लगा मर और तर बीच और मर और तर चरवाहो क बीच म झगड़ा न होन पाए

$योफिक हम लोग भाई बनध ह 09 $या सारा दश तर सामहन नही सो मझ स अलग हो यदिद त बाई ओर जाए तो म दाफिहनी ओर जाऊगा

और यदिद त दाफिहनी ओर जाए तो म बाई ओर जाऊगा 10 तब लत न आ उठा कर यरदन नदी क पास वाली सारी तराई को दा फिक वह सब सिसची हई ह जब

तक यहोवा न सदोम और अमोरा को नाश न फिकया था तब तक सोअर क माग तक वह तराई यहोवा कीबादिNका और मिमसर दश क समान उपजाऊ थी 11 सो लत अपन लिलय यरदन की सारी तराई को चन क पव की ओर चला और व एक दसर स अलग होगए 12 अबराम तो कनान दश म रहा पर लत उस तराई क नगरो म रहन लगा और अपना तमब सदोम क फिनकN

ड़ा फिकया 13 सदोम क लोग यहोवा क ल म बड़ दषट और पापी थ 14 जब लत अबराम स अलग हो गया तब उसक पशचात यहोवा न अबराम स कहा आ उठा कर जिजस सथान

पर त ह वहा स उर-दततति$न पव-पततिशचम चारो ओर दमिषट कर 15 $योफिक जिजतनी भमिम तझ दिदाई दती ह उस सब को म तझ और तर वश को यग यग क लिलय दगा 16 और म तर वश को पथवी की धल क फिकनको की नाई बहत करगा यहा तक फिक जो कोई पथवी की धल

क फिकनको को फिगन सकगा वही तरा वश भी फिगन सकगा 17 उठ इस दश की लमबाई और चौड़ाई म चल फिर $योफिक म उस तझी को दगा 18 इसक पशचात अबराम अपना तमब उाड़ कर मामर क बाजो क बीच जो हबरोन म थ जा कर रहन लगा

और वहा भी यहोवा की एक वदी बनाई

अधयाय१४

01 णिशनार क राजा अमरापल और एललासार क राजा अयक और एलाम क राजा कोलाWओमर और गोयीम क राजा षटिताल क दिनो म ऐसा हआ

02 षटिक उनहोन सोम क राजा बरा और अमोरा क राजा षटिबशाW और अमा क राजा णिशनाब और सबोयीम क राजा शमबर और बला जो सोअर भी कहलाता ह इन राजाओ क षटिवरq यq षटिकया

03 इन पाचो न लिसददीम नाम तराई म जो खार ताल क पास ह एका षटिकया 04 बारह वरषोW तक तो य कोलाWओमर क आीन रह पर तरहव वरषोW म उसक षटिवरq उठ 05 सो चौहव वरषोW म कोलाWओमर और उसक सगी राजा आए और अशतरोतकनम म रपाइयोको और हाम म जजिजयो को और शबषटिकयाWतम म एमिमयो को 06 और सईर नाम पहाड म होरिरयो को मारत मारत उस एलपारान तक जो जगल क पास ह पहचगए 07 वहा स व लौट कर एनधिनमशपात को आए जो काश भी कहलाता ह और अमालषटिकयो क सार

श को और उन एमोरिरयो को भी जीत लिलया जो हससोनतामार म रहत थ 08 तब सोम अमोरा अमा सबोयीम और बला जो सोअर भी कहलाता ह इनक राजाषटिनकल और लिसददीम नाम तराई म उनक साथ यq क लिलय पाषटित बा(ी 09 अथाWत एलाम क राजा कोलाWओमर गोयीम क राजा षटिताल णिशनार क राजा अमरापल और

एललासार क राजा अयक इन चारो क षटिवरq उन पाचो न पाषटित बा(ी 10 लिसददीम नाम तराई म जहा लसार मिमटटी क गडह ही गडह थ सोम और अमोरा क राजा भागत

भागत उन म षटिगर पड और जो बच व पहाड पर भाग गए 11 तब व सोम और अमोरा क सार न और भोजन वसतओ को लट लाट कर चल गए 12 और अबराम का भतीजा लत जो सोम म रहता था उसको भी न समत व ल कर चल गए 13 तब एक जन जो भाग कर बच षटिनकला था उसन जा कर इबरी अबराम को समाचार दिया अबराम

तो एमोरी मामर जो एशकोल और आनर का भाई था उसक बाज वझो क बीच म रहता था और य लोग अबराम क सग वाचा बा( हए थ

14 यह सनकर षटिक उसका भतीजा ब(आई म गया ह अबराम न अपन तीन सौ अठारह णिशणिकषत यq कौशल म षटिनपण ासो को ल कर जो उसक कटमब म उतपनन हए थ असतर शसतर ारण करक ान तक उनका पीछा षटिकया

15 और अपन ासो क अलग अलग ल बा(कर रात को उन पर चढाई करक उन को मार लिलया और होबा तक जो मिमशक की उcर ओर ह उनका पीछा षटिकया

16 और सार न को और अपन भतीज लत और उसक न को और सतरिसतरयो को और सब ब(ओ को लौटा ल आया

17 जब वह कोलाWओमर और उसक साथी राजाओ को जीत कर लौटा आता था तब सोम का राजा शाव नाम तराई म जो राजा की भी कहलाती ह उसस भट करन क लिलय आया

18 जब शालम का राजा मलकीसक जो परमपरान ईशवर का याजक था रोटी और ाखम लआया 19 और उसन अबराम को यह आशीवाW दिया षटिक परमपरान ईशवर की ओर स जो आकाश और

पथवी का अलिकारी ह त नय हो 20 और नय ह परमपरान ईशवर जिजसन तर दरोषटिहयो को तर वश म कर दिया ह तब अबराम न

उसको सब का शमाश दिया 21 जब सोम क राजा न अबराम स कहा पराणिणयो को तो मझ और न को अपन पास रख 22 अबराम न सोम क राजा स कहा परमपरान ईशवर यहोवा जो आकाश और पथवी का अलिकारी ह 23 उसकी म यह शपथ खाता ह षटिक जो कछ तरा ह उस म स न तो म एक सत और न जती काब(न न कोई और वसत लगा षटिक त ऐसा न कहन पाए षटिक अबराम मर ही कारण नी हआ

24 पर जो कछ इन जवानो न खा लिलया ह और उनका भाग जो मर साथ गए थ अथाWत आनर एशकोल और मामर म नही लौटाऊगा व तो अपना अपना भाग रख ल

अधयाय१५

01 इन बातो क पशचात यहोवा को यह वचन दशन म अबराम क पास पहचा फिक ह अबराम मत डर तरी ढाल और तरा अतयनत बड़ा ल म ह

02 अबराम न कहा ह परभ यहोवा म तो फिनव^श ह और मर घर का वारिरस यह दमिमशकी एलीएजर होगा सो त मझ $या दगा

03 और अबराम न कहा मझ तो त न वश नही दिदया और $या दता ह फिक मर घर म उतपनन हआ एक जन मरा वारिरस होगा

04 तब यहोवा का यह वचन उसक पास पहचा फिक यह तरा वारिरस न होगा तरा जो फिनज पतर होगा वही तरा वारिरस होगा

05 और उसन उसको बाहर ल जाक कहा आकाश की ओर दमिषट करक तारागण को फिगन $या त उन को फिगन सकता ह फिर उसन उसस कहा तरा वश ऐसा ही होगा

06 उसन यहोवा पर फिवशवास फिकया और यहोवा न इस बात को उसक ल म धम फिगना 07 और उसन उसस कहा म वही यहोवा ह जो तझ कसदिfदयो क ऊर नगर स बाहर ल आया फिक तझ को इस

दश का अमिधकार द 08 उसन कहा ह परभ यहोवा म कस जान फिक म इसका अमिधकारी हगा 09 यहोवा न उसस कहा मर लिलय तीन वरष की एक कलोर और तीन वरष की एक बकरी और तीन वरष का

एक मढ़ा और एक फिपणडक और कबतर का एक बचचा ल 10 और इन सभो को ल कर उसन बीच म स दो Nकड़ कर दिदया और Nकड़ो को आमहन- सामहन रा पर

लिचफिडय़ाओ को उसन Nकड़ न फिकया 11 और जब मासाहारी पकषी लोथो पर झपN तब अबराम न उनह उड़ा दिदया 12 जब सय अfत होन लगा तब अबराम को भारी नीद आई और दो अतयनत भय और अनधकार न उस छा लिलया 13 तब यहोवा न अबराम स कहा यह फिनशचय जान फिक तर वश पराए दश म परदशी हो कर रहग और उसक

दश क लोगो क दास हो जाएग और व उन को चार सौ वरष लो द दग 14 फिर जिजस दश क व दास होग उसको म दणड दगा और उसक पशचात व बड़ा धन वहा स ल कर फिनकलआएग 15 त तो अपन फिपतरो म कशल क साथ मिमल जाएगा तझ पर बढ़ाप म मिमटटी दी जाएगी 16 पर व चौथी पीढ़ी म यहा फिर आएग $योफिक अब तक एमोरिरयो का अधम परा नही हआ 17 और ऐसा हआ फिक जब सय अfत हो गया और घोर अनधकार छा गया तब एक अगठी जिजस म स धआ

उठता था और एक जलता हआ पलीता द पड़ा जो उन Nकड़ो क बीच म स हो कर फिनकल गया 18 उसी दिदन यहोवा न अबराम क साथ यह वाचा बानधी फिक मिमसर क महानद स ल कर परात नाम बड़ नद तक

जिजतना दश ह 19 अथात कफिनयो कफिनतततिजजयो कदक़ोफिनयो 20 फिहततियो परीतततिजजयो रपाइयो 21 एमोरिरयो कनाफिनयो फिगगालिशयो और यबलिसयो का दश म न तर वश को दिदया ह

अधयाय१६

01 अबराम की पतनी सार क कोई सनतान न थी और उसक हाजिजरा नाम की एक मिमसरी लौडी थी 02 सो सार न अबराम स कहा ख यहोवा न तो मरी कोख बन कर रखी ह सो म तझ स षटिबनती

करती ह षटिक त मरी लौडी क पास जा समभव ह षटिक मरा घर उसक दवारा बस जाए 03 सो सार की यह बात अबराम न मान ली सो जब अबराम को कनान श म रहत स वरषोW बीत चक

तब उसकी सतरी सार न अपनी मिमसरी लौडी हाजिजरा को ल कर अपन पषटित अबराम को दिया षटिक वह उसकी पतनी हो

04 और वह हाजिजरा क पास गया और वह गभWवती हई और जब उसन जाना षटिक वह गभWवती ह तब वह अपनी सवामिमनी को अपनी दषटि म तचछ समझन लगी

05 तब सार न अबराम स कहा जो मझ पर उपदरव हआ सो तर ही लिसर पर हो म न तो अपनी लौडी को तरी पतनी कर दिया पर जब उसन जाना षटिक वह गभWवती ह तब वह मझ तचछ समझन लगी सो

यहोवा मर और तर बीच म नयाय कर 06 अबराम न सार स कहा ख तरी लौडी तर वश म ह जसा तझ भला लग वसा ही उसक साथ

कर सो सार उसको द ख न लगी और वह उसक सामहन स भाग गई 07 तब यहोवा क दत न उसको जगल म शर क मागW पर जल क एक सोत क पास पाकर कहा 08 ह सार की लौडी हाजिजरा त कहा स आती और कहा को जाती ह उसन कहा म अपनी

सवामिमनी सार क सामहन स भाग आई ह 09 यहोवा क दत न उसस कहा अपनी सवामिमनी क पास लौट जा और उसक वश म रह 10 और यहोवा क दत न उसस कहा म तर वश को बहत बढाऊगा यहा तक षटिक बहतायत क

कारण उसकी गणना न हो सकगी 11 और यहोवा क दत न उसस कहा ख त गभWवती ह और पतर जनगी सो उसका नाम इशमाएलरखना कयोषटिक यहोवा न तर द ख का हाल सन लिलया ह 12 और वह मनषय बनल गह क समान होगा उसका हाथ सबक षटिवरq उठगा और सब क हाथ

उसक षटिवरq उठ ग और वह अपन सब भाई ब(ओ क मधय म बसा रहगा 13 तब उसन यहोवा का नाम जिजसन उसस बात की थी अcाएलरोई रखकर कहा षटिक कया म यहा

भी उसको जात हए खन पाई जो मरा खनहारा ह 14 इस कारण उस कए का नाम लहरोई कआ पडा वह तो काश और बर क बीच म ह 15 सो हाजिजरा अबराम क दवारा एक पतर जनी और अबराम न अपन पतर का नाम जिजस हाजिजराजनी इशमाएल रखा 16 जब हाजिजरा न अबराम क दवारा इशमाएल को जनम दिया उस समय अबराम लिछयासी वरषोW का था

अधयाय१७

1 17|01 जब अबराम षटिनननानव वरषोW का हो गया तब यहोवा न उसको शWन कर कहा म सवWशलिकतमान ईशवर ह मरी उपचछिसथषटित म चल और लिसq होता जा

17|02 और म तर साथ वाचा बा(गा और तर वश को अतयनत ही बढाऊगा 17|03 तब अबराम मह क बल षटिगरा और परमशवर उसस यो बात कहता गया 17|04 ख मरी वाचा तर साथ ब(ी रहगी इसलिलय त जाषटितयो क समह का मलषटिपता हो जाएगा 17|05 सो अब स तरा नाम अबराम न रहगा परनत तरा नाम इबराहीम होगा कयोषटिक म न तझ जाषटितयो

क समह का मलषटिपता ठहरा दिया ह 17|06 और म तझ अतयनत ही 6लाऊ 6लाऊगा और तझ को जाषटित जाषटित का मल बना दगा और

तर वश म राजा उतपनन होग 17|07 और म तर साथ और तर पशचात पीढी पीढी तक तर वश क साथ भी इस आशय की यग

यग की वाचा बा(ता ह षटिक म तरा और तर पशचात तर वश का भी परमशवर रहगा 17|08 और म तझ को और तर पशचात तर वश को भी यह सारा कनान श जिजस म त परशी

हो कर रहता ह इस रीषटित दगा षटिक वह यग यग उनकी षटिनज भमिम रहगी और म उनका परमशवर रहगा 17|09 षटि6र परमशवर न इबराहीम स कहा त भी मर साथ बा(ी हई वाचा का पालन करना त और

तर पशचात तरा वश भी अपनी अपनी पीढी म उसका पालन कर 17|10 मर साथ बा(ी हई वाचा जो तझ और तर पशचात तर वश को पालनी पडगी सो यह ह षटिक

तम म स एक एक पररषो का खतना हो 17|11 तम अपनी अपनी खलडी का खतना करा लना जो वाचा मर और तमहार बीच म ह उसका

यही लिचनह होगा 17|12 पीढी पीढी म कवल तर वश ही क लोग नही पर जो तर घर म उतपनन हो वा परणिशयो को

रपा कर मोल लिलय जाए ऐस सब पररषो भी जब आठ दिन क हो जाए तब उनका खतना षटिकयाजाए 17|13 जो तर घर म उतपनन हो अथवा तर रप स मोल लिलया जाए उसका खतना अवशय ही षटिकयाजाए सो मरी वाचा जिजसका लिचनह तमहारी ह म होगा वह यग यग रहगी 17|14 जो पररषो खतनारषटिहत रह अथाWत जिजसकी खलडी का खतना न हो वह पराणी अपन लोगो म स नाश षटिकया जाए कयोषटिक उसन मर साथ बा(ी हई वाचा को तोड दिया

17|15 षटि6र परमशवर न इबराहीम स कहा तरी जो पतनी सार ह उसको त अब सार न कहना उसका नाम सारा होगा

17|16 और म उसको आशीरषो दगा और तझ को उसक दवारा एक पतर दगा और म उसको ऐसी आशीरषो दगा षटिक वह जाषटित जाषटित की मलमाता हो जाएगी और उसक वश म राजय राजय क राजा

उतपनन होग 17|17 तब इबराहीम मह क बल षटिगर पडा और हसा और अपन मन ही मन कहन लगा कया सौ वरषोW

क पररषो क भी सनतान होगा और कया सारा जो नबब वरषोW की ह पतर जनगी 17|18 और इबराहीम न परमशवर स कहा इशमाएल तरी दषटि म बना रह यही बहत ह 17|19 तब परमशवर न कहा षटिनशचय तरी पतनी सारा क तझ स एक पतर उतपनन होगा और त उसका

नाम इसहाक रखना और म उसक साथ ऐसी वाचा बा(गा जो उसक पशचात उसक वश क लिलय यग यग की वाचा होगी

17|20 और इशमाएल क षटिवरषोय म भी म न तरी सनी ह म उसको भी आशीरषो दगा और उस 6लाऊ 6लाऊगा और अतयनत ही बढा दगा उसस बारह परान उतपनन होग और म उसस एक बडी

जाषटित बनाऊगा 17|21 परनत म अपनी वाचा इसहाक ही क साथ बा(गा जो सारा स अगल वरषोW क इसी षटिनयकत

समय म उतपनन होगा 17|22 तब परमशवर न इबराहीम स बात करनी बन की और उसक पास स ऊपर चढ गया 17|23 तब इबराहीम न अपन पतर इशमाएल को उसक घर म जिजतन उतपनन हए थ और जिजतन उसक

रप स मोल लिलय गए थ षटिनान उसक घर म जिजतन पररषो थ उन सभो को लक उसी दिन परमशवर क वचन क अनसार उनकी खलडी का खतना षटिकया

17|24 जब इबराहीम की खलडी का खतना हआ तब वह षटिनननानव वरषोW का था 17|25 और जब उसक पतर इशमाएल की खलडी का खतना हआ तब वह तरह वरषोW का था 17|26 इबराहीम और उसक पतर इशमाएल ोनो का खतना एक ही दिन हआ 17|27 और उसक घर म जिजतन पररषो थ जो घर म उतपनन हए तथा जो परणिशयो क हाथ स मोल

लिलय गए थ सब का खतना उसक साथ ही हआ

अधयाय१८

01 इबराहीम मामर क बाजो क बीच कडी प क समय तमब क दवार पर बठा हआ था तब यहोवा न उस शWन दिया

02 और उसन आख उठा कर दषटि की तो कया खा षटिक तीन पररषो उसक सामहन खड ह जब उसन उनह खा तब वह उन स भट करन क लिलय तमब क दवार स ौडा और भमिम पर षटिगरकर णडवत

की और कहन लगा 03 ह परभ यदि मझ पर तरी अनगरह की दषटि ह तो म षटिबनती करता ह षटिक अपन ास क पास स

चल न जाना 04 म थोडा सा जल लाता ह और आप अपन पाव ोकर इस वकष क तल षटिवशराम कर 05 षटि6र म एक टकडा रोटी ल आऊ और उसस आप अपन जीव को तपत कर तब उसक पशचात

आग बढ कयोषटिक आप अपन ास क पास इसी लिलय पार ह उनहोन कहा जसा त कहता ह वसा ही कर

06 सो इबराहीम न तमब म सारा क पास 6त स जा कर कहा तीन सआ मा 6त स ग( और 6लक बना

07 षटि6र इबराहीम गाय बल क झणड म ौडा और एक कोमल और अचछा बछडा ल कर अपन सवक को दिया और उसन 6त स उसको पकाया

08 तब उसन मकखन और द और वह बछडा जो उसन पकवाया था ल कर उनक आग परोसदिया और आप वकष क तल उनक पास खडा रहा और व खान लग 09 उनहोन उसस पछा तरी पतनी सारा कहा ह उसन कहा वह तो तमब म ह 10 उसन कहा म वसनत ऋत म षटिनशचय तर पास षटि6र आऊगा और तब तरी पतनी सारा क एक पतर

उतपनन होगा और सारा तमब क दवार पर जो इबराहीम क पीछ था सन रही थी 11 इबराहीम और सारा ोनो बहत बढ थ और सारा का सतरीमW बन हो गया था 12 सो सारा मन म हस कर कहन लगी म तो बढी ह और मरा पषटित भी बढा ह तो कया मझ यह

सख होगा 13 तब यहोवा न इबराहीम स कहा सारा यह कहकर कयोहसी षटिक कया मर जो ऐसी बदिढय़ा हो गईह सचमच एक पतर उतपनन होगा 14 कया यहोवा क लिलय कोई काम कदिठन ह षटिनयत समय म अथाWत वसनत ऋत म म तर पास

षटि6र आऊगा और सारा क पतर उतपनन होगा15 तब सारा डर क मार यह कह कर मकर गई षटिक म नही हसी उसन कहा नही त हसी तो थी 16 षटि6र व पररषो वहा स चल कर सोम की ओर ताकन लग और इबराहीम उनह षटिवा करन क लिलय

उनक सग सग चला 17 तब यहोवा न कहा यह जो म करता ह सो कया इबराहीम स लिछपा रख 18 इबराहीम स तो षटिनशचय एक बडी और सामथ जाषटित उपजगी और पथवी की सारी जाषटितया उसक

दवारा आशीरषो पाएगी 19 कयोषटिक म जानता ह षटिक वह अपन पतरो और परिरवार को जो उसक पीछ रह जाएग आजञा गा

षटिक व यहोवा क मागW म अटल बन रह और मW और नयाय करत रह इसलिलय षटिक जो कछ यहोवा न इबराहीम क षटिवरषोय म कहा ह उस परा कर

20 षटि6र यहोवा न कहा सोम और अमोरा की लिचललाहट बढ गई ह और उनका पाप बहत भारी हो गया ह

21 इसलिलय म उतरकर खगा षटिक उसकी जसी लिचललाहट मर कान तक पहची ह उनहोन ठीक वसा ही काम षटिकया ह षटिक नही और न षटिकया हो तो म उस जान लगा

22 सो व पररषो वहा स मड क सोम की ओर जान लग पर इबराहीम यहोवा क आग खडा रहगया 23 तब इबराहीम उसक समीप जा कर कहन लगा कया सचमच द क सग म को भी नाशकरगा 24 कालिचत उस नगर म पचास म हो तो कया त सचमच उस सथान को नाश करगा और उन

पचास रमिमयो क कारण जो उस म हो न छोडगा 25 इस परकार का काम करना तझ स दर रह षटिक द क सग म को भी मार डाल और म और

द ोनो की एक ही शा हो यह तझ स दर रह कया सारी पथवी का नयायी नयाय न कर 26 यहोवा न कहा यदि मझ सोम म पचास म मिमल तो उनक कारण उस सार सथान को छोडगा 27 षटि6र इबराहीम न कहा ह परभ सन म तो मिमटटी और राख ह तौभी म न इतनी दिढठाई की षटिक तझ

स बात कर 28 कालिचत उन पचास रमिमयो म पाच घट जाए तो कया त पाच ही क घटन क कारण उस सार

नगर का नाश करगा उसन कहा यदि मझ उस म पतालीस भी मिमल तौभी उसका नाश न करगा 29 षटि6र उसन उसस यह भी कहा कालिचत वहा चालीस मिमल उसन कहा तो म चालीस क कारण

भी ऐसा न करगा 30 षटि6र उसन कहा ह परभ करो न कर तो म कछ और कह कालिचत वहा तीस मिमल उसन कहा

यदि मझ वहा तीस भी मिमल तौभी ऐसा न करगा 31 षटि6र उसन कहा ह परभ सन म न इतनी दिढठाई तो की ह षटिक तझ स बात कर कालिचत उस म बीस मिमल उसन कहा म बीस क कारण भी उसका नाश न करगा

32 षटि6र उसन कहा ह परभ करो न कर म एक ही बार और कहगा कालिचत उस म स मिमल उसन कहा तो म स क कारण भी उसका नाश न करगा

33 जब यहोवा इबराहीम स बात कर चका तब चला गया और इबराहीम अपन घर को लौट गया

अधयाय१९

01 साझ को व ो दत सोम क पास आए और लत सोम क 6ाटक क पास बठा था सो उन को ख कर वह उन स भट करन क लिलय उठा और मह क बल झक कर णडवत कर कहा

02 ह मर परभओ अपन ास क घर म पारिरए और रात भर षटिवशराम कीजिजए और अपन पावोइय षटि6र भोर को उठ कर अपन मागW पर जाइए उनहोन कहा नही हम चौक ही म रात षटिबताएग 03 और उसन उन स बहत षटिबनती करक उनह मनाया सो व उसक साथ चल कर उसक घर म आए

और उसन उनक लिलय जवनार तयार की और षटिबना खमीर की रोदिटया बनाकर उन को खिखलाई 04 उनक सो जान क पषटिहल उस सोम नगर क पररषोो न जवानो स ल कर बढो तक वरन चारो

ओर क सब लोगो न आकर उस घर को घर लिलया 05 और लत को पकार कर कहन लग षटिक जो पररषो आज रात को तर पास आए ह व कहा ह उन

को हमार पास बाहर ल आ षटिक हम उन स भोग कर 06 तब लत उनक पास दवार क बाहर गया और षटिकवाड को अपन पीछ बन करक कहा 07 ह मर भाइयो ऐसी बराई न करो 08 सनो मरी ो बदिटया ह जिजनहोन अब तक पररषो का मह नही खा इचछा हो तो म उनह तमहार

पास बाहर ल आऊ और तम को जसा अचछा लग वसा वयवहार उन स करो पर इन पररषोो स कछ न करो कयोषटिक य मरी छत क तल आए ह

09 उनहोन कहा हट जा षटि6र व कहन लग त एक परशी हो कर यहा रहन क लिलय आया पर अब नयायी भी बन बठा ह सो अब हम उन स भी अलिक तर साथ बराई करग और व उस पररषो लत को बहत बान लग और षटिकवाड तोडन क लिलय षटिनकट आए

10 तब उन पाहनो न हाथ बढाकर लत को अपन पास घर म खीच लिलया और षटिकवाड को बन कर दिया 11 और उनहोन कया छोट कया बड सब पररषोो को जो घर क दवार पर थ अ(ा कर दिया सो व

दवार को टटोलत टटोलत थक गए 12 षटि6र उन पाहनो न लत स पछा यहा तर और कौन कौन ह ामा बट बदिटया वा नगर म तरा

जो कोई हो उन सभो को ल कर इस सथान स षटिनकल जा 13 कयोषटिक हम यह सथान नाश करन पर ह इसलिलय षटिक उसकी लिचललाहट यहोवा क सममख बढ गईह और यहोवा न हम इसका सतयनाश करन क लिलय भज दिया ह 14 तब लत न षटिनकल कर अपन ामाो को जिजनक साथ उसकी बदिटयो की सगाई हो गई थी

समझा क कहा उठो इस सथान स षटिनकल चलो कयोषटिक यहोवा इस नगर को नाश षटिकया चाहता ह पर वह अपन ामाो की दषटि म ठटठा करन हारा सा जान पडा

15 जब पौ 6टन लगी तब दतो न लत स 6त कराई और कहा षटिक उठ अपनी पतनी और ोनो बदिटयो को जो यहा ह ल जा नही तो त भी इस नगर क अमW म भसम हो जाएगा

16 पर वह षटिवलमब करता रहा इस स उन पररषोो न उसका और उसकी पतनी और ोनो बदिटयो का हाथ पकड लिलया कयोषटिक यहोवा की या उस पर थी और उसको षटिनकाल कर नगर क बाहर कर

दिया 17 और ऐसा हआ षटिक जब उनहोन उन को बाहर षटिनकाला तब उसन कहा अपना पराण ल कर भागजा पीछ की और न ताकना और तराई भर म न ठहरना उस पहाड पर भाग जाना नही तो त भी

भसम हो जाएगा 18 लत न उन स कहा ह परभ ऐसा न कर 19 ख तर ास पर तरी अनगरह की दषटि हई ह और त न इस म बडी कपा दिखाई षटिक मर पराण

को बचाया ह पर म पहाड पर भाग नही सकता कही ऐसा न हो षटिक कोई षटिवपलिc मझ पर आ पड और म मर जाऊ

20 ख वह नगर ऐसा षटिनकट ह षटिक म वहा भाग सकता ह और वह छोटा भी ह मझ वही भाग जान कया वह छोटा नही ह और मरा पराण बच जाएगा

21 उसन उसस कहा ख म न इस षटिवरषोय म भी तरी षटिबनती अगीकार की ह षटिक जिजस नगर की चचाW त न की ह उसको म नाश न करगा

22 6त स वहा भाग जा कयोषटिक जब तक त वहा न पहच तब तक म कछ न कर सकगा इसी कारण उस नगर का नाम सोअर पडा

23 लत क सोअर क षटिनकट पहचत ही सयW पथवी पर उय हआ 24 तब यहोवा न अपनी ओर स सोम और अमोरा पर आकाश स ग(क और आग बरसाई 25 और उन नगरो को और समपणW तराई को और नगरो को और उस समपणW तराई को और नगरो

क सब षटिनवालिसयो भमिम की सारी उपज समत नाश कर दिया 26 लत की पतनी न जो उसक पीछ थी दषटि 6र क पीछ की ओर खा और वह नमक का खमभा

बन गई 27 भोर को इबराहीम उठ कर उस सथान को गया जहा वह यहोवा क सममख खडा था 28 और सोम और अमोरा और उस तराई क सार श की ओर आख उठा कर कया खा षटिक उस

श म स कती हई भटटी का सा आ उठ रहा ह 29 और ऐसा हआ षटिक जब परमशवर न उस तराई क नगरो को जिजन म लत रहता था उलट पलट

कर नाश षटिकया तब उसन इबराहीम को या करक लत को उस घटना स बचा लिलया 30 और लत न सोअर को छोड दिया और पहाड पर अपनी ोनो बदिटयो समत रहन लगा कयोषटिक

वह सोअर म रहन स डरता था इसलिलय वह और उसकी ोनो बदिटया वहा एक ग6ा म रहन लग 31 तब बडी बटी न छोटी स कहा हमारा षटिपता बढा ह और पथवी भर म कोई ऐसा पररषो नही जो

ससार की रीषटित क अनसार हमार पास आए 32 सो आ हम अपन षटिपता को ाखम षटिपला कर उसक साथ सोए जिजस स षटिक हम अपन षटिपता

क वश को बचाए रख 33 सो उनहोन उसी दिन रात क समय अपन षटिपता को ाखम षटिपलाया तब बडी बटी जा कर अपन

षटिपता क पास लट गई पर उसन न जाना षटिक वह कब लटी और कब उठ गई 34 और ऐसा हआ षटिक दसर दिन बडी न छोटी स कहा ख कल रात को म अपन षटिपता क साथसोई सो आज भी रात को हम उसको ाखम षटिपलाए तब त जा कर उसक साथ सोना षटिक हम

अपन षटिपता क दवारा वश उतपनन कर 35 सो उनहोन उस दिन भी रात क समय अपन षटिपता को ाखम षटिपलाया और छोटी बटी जा कर

उसक पास लट गई पर उसको उसक भी सोन और उठन क समय का जञान न था 36 इस परकार स लत की ोनो बदिटया अपन षटिपता स गभWवती हई 37 और बडी एक पतर जनी और उसका नाम मोआब रखा वह मोआब नाम जाषटित का जो आज

तक ह मलषटिपता हआ 38 और छोटी भी एक पतर जनी और उसका नाम बनममी रखा वह अममोन वणिशयो का जो आज

तक ह मलषटिपता हआ

अधयाय२०

01 षटि6र इबराहीम वहा स कच कर चछिकखन श म आकर काश और शर क बीच म ठहरा और गरार म रहन लगा

02 और इबराहीम अपनी पतनी सारा क षटिवरषोय म कहन लगा षटिक वह मरी बषटिहन ह सो गरार क राजा अबीमलक न दत भज कर सारा को बलवा लिलया

03 रात को परमशवर न सवपन म अबीमलक क पास आकर कहा सन जिजस सतरी को त न रख लिलयाह उसक कारण त मर जाएगा कयोषटिक वह सहाषटिगन ह 04 परनत अबीमलक तो उसक पास न गया था सो उसन कहा ह परभ कया त षटिनरषो जाषटित का भी

घात करगा 05 कया उसी न सवय मझ स नही कहा षटिक वह मरी बषटिहन ह और उस सतरी न भी आप कहा षटिक

वह मरा भाई ह म न तो अपन मन की खराई और अपन वयवहार की सचचाई स यह काम षटिकया 06 परमशवर न उसस सवपन म कहा हा म भी जानता ह षटिक अपन मन की खराई स त न यह काम

षटिकया ह और म न तझ रोक भी रखा षटिक त मर षटिवरq पाप न कर इसी कारण म न तझ को उस छन नही दिया

07 सो अब उस पररषो की पतनी को उस 6र कयोषटिक वह नबी ह और तर लिलय पराथWना करगा और त जीता रहगा पर यदि त उसको न 6र तो जान रख षटिक त और तर जिजतन लोग ह सब

षटिनशचय मर जाएग 08 षटिबहान को अबीमलक न तडक उठ कर अपन सब कमWचारिरयो को बलवा कर य सब बात सनाई

और व लोग बहत डर गए 09 तब अबीमलक न इबराहीम को बलवा कर कहा त न हम स यह कया षटिकया ह और म न तरा

कया षटिबगाडा था षटिक त न मर और मर राजय क ऊपर ऐसा बडा पाप डाल दिया ह त न मझ स वह काम षटिकया ह जो उलिचत न था

10 षटि6र अबीमलक न इबराहीम स पछा त न कया समझ कर ऐसा काम षटिकया 11 इबराहीम न कहा म न यह सोचा था षटिक इस सथान म परमशवर का कछ भी भय न होगा सो य

लोग मरी पतनी क कारण मरा घात करग 12 और षटि6र भी सचमच वह मरी बषटिहन ह वह मर षटिपता की बटी तो ह पर मरी माता की बटी नही

षटि6र वह मरी पतनी हो गई 13 और ऐसा हआ षटिक जब परमशवर न मझ अपन षटिपता का घर छोड कर षटिनकलन की आजञा ी तब म न उसस कहा इतनी कपा तझ मझ पर करनी होगी षटिक हम ोनोजहा जहा जाए वहा वहा त मर

षटिवरषोय म कहना षटिक यह मरा भाई ह 14 तब अबीमलक न भड-बकरी गाय-बल और ास- ालिसया ल कर इबराहीम को ी और उसकी

पतनी सारा को भी उस 6र दिया 15 और अबीमलक न कहा ख मरा श तर सामहन ह जहा तझ भाव वहा रह 16 और सारा स उसन कहा ख म न तर भाई को रप क एक हजार टकड दिए ह ख तर सार

सषटिगयो क सामहन वही तरी आखो का पाW बनगा और सभो क सामहन त ठीक होगी 17 तब इबराहीम न यहोवा स पराथWना की और यहोवा न अबीमलक और उसकी पतनी और ालिसयो

को चगा षटिकया और व जनन लगी 18 कयोषटिक यहोवा न इबराहीम की पतनी सारा क कारण अबीमलक क घर की सब सतरिसतरयो की कोखो

को परी रीषटित स बन कर दिया था

अधयाय२१

01 सो यहोवा न जसा कहा था वसा ही सारा की सलि लक उसक साथ अपन वचन क अनसारषटिकया 02 सो सारा को इबराहीम स गभWवती हो कर उसक बढाप म उसी षटिनयकत समय पर जो परमशवर न

उसस ठहराया था एक पतर उतपनन हआ 03 और इबराहीम न अपन पतर का नाम जो सारा स उतपनन हआ था इसहाक रखा 04 और जब उसका पतर इसहाक आठ दिन का हआ तब उसन परमशवर की आजञा क अनसार

उसका खतना षटिकया 05 और जब इबराहीम का पतर इसहाक उतपनन हआ तब वह एक सौ वरषोW का था 06 और सारा न कहा परमशवर न मझ पर6चछिललत कर दिया ह इसलिलय सब सनन वाल भी मर साथ

पर6चछिललत होग 07 षटि6र उसन यह भी कहा षटिक कया कोई कभी इबराहीम स कह सकता था षटिक सारा लडको को द षटिपलाएगी पर खो मझ स उसक बढाप म एक पतर उतपनन हआ 08 और वह लडका बढा और उसका द छडाया गया और इसहाक क द छडान क दिन इबराहीम न बडी जवनार की

09 तब सारा को मिमसरी हाजिजरा का पतर जो इबराहीम स उतपनन हआ था हसी करता हआ ख पडा 10 सो इस कारण उसन इबराहीम स कहा इस ासी को पतर सषटिहत बरबस षटिनकाल कयोषटिक इस

ासी का पतर मर पतर इसहाक क साथ भागी न होगा 11 यह बात इबराहीम को अपन पतर क कारण बरी लगी 12 तब परमशवर न इबराहीम स कहा उस लडक और अपनी ासी क कारण तझ बरा न लग जो

बात सारा तझ स कह उस मान कयोषटिक जो तरा वश कहलाएगा सो इसहाक ही स चलगा 13 ासी क पतर स भी म एक जाषटित उतपनन करगा इसलिलय षटिक वह तरा वश ह 14 सो इबराहीम न षटिबहान को तडक उठ कर रोटी और पानी स भरी चमड की थली भी हाजिजरा कोी और उसक क( पर रखी और उसक लडक को भी उस कर उसको षटिवा षटिकया सो वह चलीगई और बशiexclबा क जगल म भरमण करन लगी 15 जब थली का जल चक गया तब उसन लडक को एक झाडी क नीच छोड दिया 16 और आप उसस तीर भर क टपप पर दर जा कर उसक सामहन यह सोचकर बठ गई षटिक मझ को

लडक की मतय खनी न पड तब वह उसक सामहन बठी हई लिचलला लिचलला क रोन लगी 17 और परमशवर न उस लडक की सनी और उसक दत न सवगW स हाजिजरा को पकार क कहा ह

हाजिजरा तझ कया हआ मत डर कयोषटिक जहा तरा लडका ह वहा स उसकी आवाज परमशवर को सन पडी ह

18 उठ अपन लडक को उठा और अपन हाथ स समभाल कयोषटिक म उसक दवारा एक बडी जाषटितबनाऊगा 19 परमशवर न उसकी आख खोल ी और उसको एक कआ दिखाई पडा सो उसन जा कर थली

को जल स भर कर लडक को षटिपलाया 20 और परमशवर उस लडक क साथ रहा और जब वह बडा हआ तब जगल म रहत रहत नाWरी

बन गया 21 वह तो पारान नाम जगल म रहा करता था और उसकी माता न उसक लिलय मिमसर श स एक

सतरी मगवाई 22 उन दिनो म ऐसा हआ षटिक अबीमलक अपन सनापषटित पीकोल को सग ल कर इबराहीम स कहनलगा जो कछ त करता ह उस म परमशवर तर सग रहता ह 23 सो अब मझ स यहा इस षटिवरषोय म परमशवर की षटिकरिरया खा षटिक त न तो मझ स छल करगा और न कभी मर वश स करगा परनत जसी करणा म न तझ पर की ह वसी ही त मझ पर और इस श पर भी जिजस म त रहता ह करगा

24 इबराहीम न कहा म षटिकरिरया खाऊगा 25 और इबराहीम न अबीमलक को एक कए क षटिवरषोय म जो अबीमलक क ासो न बरीयाई स ल

लिलया था उलाहना दिया

26 तब अबीमलक न कहा म नही जानता षटिक षटिकस न यह काम षटिकया और त न भी मझ नहीबताया और न म न आज स पषटिहल इसक षटिवरषोय म कछ सना 27 तब इबराहीम न भड-बकरी और गाय- बल ल कर अबीमलक को दिए और उन ोनो न आपस म

वाचा बा(ी 28 और इबराहीम न भड की सात बचची अलग कर रखी 29 तब अबीमलक न इबराहीम स पछा इन सात बसतरिचचयो का जो त न अलग कर रखी ह कया

परयोजन ह 30 उसन कहा त इन सात बसतरिचचयो को इस बात की साकषी जान कर मर हाथ स ल षटिक म न कआ

खोा ह 31 उन ोनो न जो उस सथान म आपस म षटिकरिरया खाई इसी कारण उसका नाम बशiexclबा पडा 32 जब उनहोन बशiexclबा म परसपर वाचा बा(ी तब अबीमलक और उसका सनापषटित पीकोल उठ कर

पलिलसतरिशतयो क श म लौट गए 33 और इबराहीम न बशiexclबा म झाऊ का एक वकष लगाया और वहा यहोवा जो सनातन ईशव

अधयाय२२

01 इन बातो क पशचात ऐसा हआ षटिक परमशवर न इबराहीम स यह कहकर उसकी परीकषा की षटिक हइबराहीम उसन कहा ख म यहा ह 02 उसन कहा अपन पतर को अथाWत अपन एकलौत पतर इसहाक को जिजस स त परम रखता ह सग

ल कर मोरिरययाह श म चला जा और वहा उसको एक पहाड क ऊपर जो म तझ बताऊगा होमबलिल करक चढा

03 सो इबराहीम षटिबहान को तडक उठा और अपन गह पर काठी कसकर अपन ो सवक और अपन पतर इसहाक को सग लिलया और होमबलिल क लिलय लकडी चीर ली तब कच करक उस सथान

की ओर चला जिजसकी चचाW परमशवर न उसस की थी 04 तीसर दिन इबराहीम न आख उठा कर उस सथान को दर स खा 05 और उसन अपन सवको स कहा गह क पास यही ठहर रहो यह लडका और म वहा तक जाकर और णडवत करक षटि6र तमहार पास लौट आऊगा 06 सो इबराहीम न होमबलिल की लकडी ल अपन पतर इसहाक पर लाी और आग और छरी को

अपन हाथ म लिलया और व ोनो एक साथ चल पड 07 इसहाक न अपन षटिपता इबराहीम स कहा ह मर षटिपता उसन कहा ह मर पतर कया बात ह उसनकहा ख आग और लकडी तो ह पर होमबलिल क लिलय भड कहा ह 08 इबराहीम न कहा ह मर पतर परमशवर होमबलिल की भड का उपाय आप ही करगा 09 सो व ोनो सग सग आग चलत गए और व उस सथान को जिजस परमशवर न उसको बताया थापहच तब इबराहीम न वहा वी बनाकर लकडी को चन चनकर रखा और अपन पतर इसहाक को

बा( क वी पर की लकडी क ऊपर रख दिया 10 और इबराहीम न हाथ बढाकर छरी को ल लिलया षटिक अपन पतर को बलिल कर 11 तब यहोवा क दत न सवगW स उसको पकार क कहा ह इबराहीम ह इबराहीम उसन कहा ख म

यहा ह 12 उसन कहा उस लडक पर हाथ मत बढा और न उसस कछ कर कयोषटिक त न जो मझ स अपन पतर वरन अपन एकलौत पतर को भी नही रख छोडा इस स म अब जान गया षटिक त परमशवर का भय

मानता ह 13 तब इबराहीम न आख उठाई और कया खा षटिक उसक पीछ एक मढा अपन सीगो स एक झाडी म बझा हआ ह सो इबराहीम न जाक उस मढ को लिलया और अपन पतर की सनती होमबलिल करक

चढाया 14 और इबराहीम न उस सथान का नाम यहोवा मियर रखा इसक अनसार आज तक भी कहा जाताह षटिक यहोवा क पहाड पर उपाय षटिकया जाएगा

15 षटि6र यहोवा क दत न दसरी बार सवगW स इबराहीम को पकार क कहा 16 यहोवा की यह वाणी ह षटिक म अपनी ही यह शपथ खाता ह षटिक त न जो यह काम षटिकया ह षटिक

अपन पतर वरन अपन एकलौत पतर को भी नही रख छोडा 17 इस कारण म षटिनशचय तझ आशीरषो दगा और षटिनशचय तर वश को आकाश क तारागण और समदर

क तीर की बाल क षटिकनको क समान अनषटिगषटिनत करगा और तरा वश अपन शतरओ क नगरो का अलिकारी होगा

18 और पथवी की सारी जाषटितया अपन को तर वश क कारण नय मानगी कयोषटिक त न मरी बात मानी ह

19 तब इबराहीम अपन सवको क पास लौट आया और व सब बशiexclबा को सग सग गए और इबराहीम बशiexclबा म रहता रहा

20 इन बातो क पशचात ऐसा हआ षटिक इबराहीम को यह सनश मिमला षटिक मिमलका क तर भाई नाहोर स सनतान उतपनन हए ह

21 मिमलका क पतर तो य हए अथाWत उसका जठा ऊस और ऊस का भाई बज और कमएल जो अराम का षटिपता हआ

22 षटि6र कस हज़ो षटिपलाश मियलाप और बतएल 23 इन आठो को मिमलका इबराहीम क भाई नाहोर क जनमाए जनी और बतएल न रिरबका को उतपननषटिकया 24 षटि6र नाहोर क रमा नाम एक रखली भी थी जिजस स तबह गहम तहश और माका उतपननहए

अधयाय२३

01 सारा तो एक सौ सcाईस बरस की अवसथा को पहची और जब सारा की इतनी अवसथा हई 02 तब वह षटिकयWतबाW म मर गई यह तो कनान श म ह और हबरोन भी कहलाता ह सो इबराहीम

सारा क लिलय रोन पीटन को वहा गया 03 तब इबराहीम अपन मiexcl क पास स उठ कर षटिहलिcयो स कहन लगा 04 म तमहार बीच पाहन और परशी ह मझ अपन मधय म कमिबरसतान क लिलय ऐसी भमिम ो जो मरी

षटिनज की हो जाए षटिक म अपन मiexcl को गाड क अपन आख की ओट कर 05 षटिहलिcयो न इबराहीम स कहा 06 ह हमार परभ हमारी सन त तो हमार बीच म बडा परान ह सो हमारी कबरो म स जिजस को त

चाह उस म अपन मiexcl को गाड हम म स कोई तझ अपनी कबर क लन स न रोकगा षटिक त अपन मiexcl को उस म गाडन न पाए

07 तब इबराहीम उठ कर खडा हआ और षटिहलिcयो क सममख जो उस श क षटिनवासी थ णडवत करक कहन लगा

08 यदि तमहारी यह इचछा हो षटिक म अपन मiexcl को गाड क अपनी आख की ओट कर तो मरी पराथWना ह षटिक सोहर क पतर एपरोन स मर लिलय षटिबनती करो

09 षटिक वह अपनी मकपला वाली ग6ा जो उसकी भमिम की सीमा पर ह उसका परा ाम ल कर मझ षटिक वह तमहार बीच कमिबरसतान क लिलय मरी षटिनज भमिम हो जाए

10 और एपरोन तो षटिहलिcयो क बीच वहा बठा हआ था सो जिजतन षटिहcी उसक नगर क 6ाटक स हो कर भीतर जात थ उन सभो क सामहन उसन इबराहीम को उcर दिया

11 षटिक ह मर परभ ऐसा नही मरी सन वह भमिम म तझ ता ह और उस म जो ग6ा ह वह भी म तझ ता ह अपन जाषटित भाइयो क सममख म उस तझ को दिए ता ह सो अपन मiexcl को कबर म

रख 12 तब इबराहीम न उस श क षटिनवालिसयो क सामहन णडवत की

13 और उनक सनत हए एपरोन स कहा यदि त ऐसा चाह तो मरी सन उस भमिम का जो ाम हो वह म ना चाहता ह उस मझ स ल ल तब म अपन मiexcl को वहा गाडगा

14 एपरोन न इबराहीम को यह उcर दिया 15 षटिक ह मर परभ मरी बात सन एक भमिम का ाम तो चार सौ शकल रपा ह पर मर और तर

बीच म यह कया ह अपन मiexcl को कबर म रख 16 इबराहीम न एपरोन की मानकर उसको उतना रपा तौल दिया जिजतना उसन षटिहलिcयो क सनत हए

कहा था अथाWत चार सौ ऐस शकल जो वयापारिरयो म चलत थ 17 सो एपरोन की भमिम जो मामर क सममख की मकपला म थी वह ग6ा समत और उन सब वकषो

समत भी जो उस म और उसक चारोऔर सीमा पर थ 18 जिजतन षटिहcी उसक नगर क 6ाटक स हो कर भीतर जात थ उन सभो क सामहन इबराहीम क

अलिकार म पककी रीषटित स आ गई 19 इसक पशचात इबराहीम न अपनी पतनी सारा को उस मकपला वाली भमिम की ग6ा म जो मामर क

अथाWत हबरोन क सामहन कनान श म ह मिमटटी ी 20 और वह भमिम ग6ा समत जो उस म थी षटिहलिcयो की ओर स कमिबरसतान क लिलय इबराहीम क

अलिकार म पककी रीषटित स आ गई

अधयाय२४

01 इबराहीम वq था और उसकी आय बहत थी और यहोवा न सब बातो म उसको आशीरषो ी थी 02 सो इबराहीम न अपन उस ास स जो उसक घर म परषटिनया और उसकी सारी समपलिc पर

अलिकारी था कहा अपना हाथ मरी जाघ क नीच रख 03 और मझ स आकाश और पथवी क परमशवर यहोवा की इस षटिवरषोय म शपथ खा षटिक त मर पतर क

लिलय कनाषटिनयो की लडषटिकयो म स जिजनक बीच म रहता ह षटिकसी को न ल आएगा 04 परनत त मर श म मर ही कटतनिमबयो क पास जा कर मर पतर इसहाक क लिलय एक पतनी लआएगा 05 ास न उसस कहा कालिचत वह सतरी इस श म मर साथ आना न चाह तो कया मझ तर पतर

को उस श म जहा स त आया ह ल जाना पडगा 06 इबराहीम न उसस कहा चौकस रह मर पतर को वहा कभी न ल जाना 07 सवगW का परमशवर यहोवा जिजसन मझ मर षटिपता क घर स और मरी जनमभमिम स ल आकर मझ स

शपथ खाकर कहा षटिक म यह श तर वश को दगा वही अपना दत तर आग आग भजगा षटिक त मर पतर क लिलय वहा स एक सतरी ल आए

08 और यदि वह सतरी तर साथ आना न चाह तब तो त मरी इस शपथ स छट जाएगा पर मर पतर को वहा न ल जाना

09 तब उस ास न अपन सवामी इबराहीम की जाघ क नीच अपना हाथ रखकर उसस इसी षटिवरषोय की शपथ खाई

10 तब वह ास अपन सवामी क ऊटो म स स ऊट छाटकर उसक सब उcम उcम पाथN म स कछ कछ ल कर चला और मसोपोटामिमया म नाहोर क नगर क पास पहचा

11 और उसन ऊटो को नगर क बाहर एक कए क पास बठाया वह सधया का समय था जिजस समय सतरिसतरया जल भरन क लिलय षटिनकलती ह

12 सो वह कहन लगा ह मर सवामी इबराहीम क परमशवर यहोवा आज मर कायW को लिसq कर और मर सवामी इबराहीम पर करणा कर

13 ख म जल क इस सोत क पास खडा ह और नगरवालिसयो की बदिटया जल भरन क लिलय षटिनकली आती ह

14 सो ऐसा होन षटिक जिजस कनया स म कह षटिक अपना घडा मरी ओर झका षटिक म पीऊ और वह कह षटिक ल पी ल पीछ म तर ऊटो को भी पीलाऊगी सो वही हो जिजस त न अपन ास इसहाक

क लिलय ठहराया हो इसी रीषटित म जान लगा षटिक त न मर सवामी पर करणा की ह

15 और ऐसा हआ षटिक जब वह कह ही रहा था षटिक रिरबका जो इबराहीम क भाई नाहोर क जनमाय मिमलका क पतर बतएल की बटी थी वह क( पर घडा लिलय हए आई

16 वह अषटित सनर और कमारी थी और षटिकसी पररषो का मह न खा था वह कए म सोत क पास उतर गई और अपना घडा भर क षटि6र ऊपर आई

17 तब वह ास उसस भट करन को ौडा और कहा अपन घड म स थोडा पानी मझ षटिपला 18 उसन कहा ह मर परभ ल पी ल और उसन 6त स घडा उतार कर हाथ म लिलय लिलय उसको

षटिपला दिया 19 जब वह उसको षटिपला चकी तक कहा म तर ऊटो क लिलय भी तब तक पानी भर भर लाऊगी

जब तक व पी न चक 20 तब वह 6त स अपन घड का जल हौ म उणडल कर षटि6र कए पर भरन को ौड गई और

उसक सब ऊटो क लिलय पानी भर दिया 21 और वह पररषो उसकी ओर चपचाप अचमभ क साथ ताकता हआ यह सोचता था षटिक यहोवा न

मरी यातरा को स6ल षटिकया ह षटिक नही 22 जब ऊट पी चक तब उस पररषो न आ तोल सोन का एक नथ षटिनकाल कर उसको दिया और

स तोल सोन क कगन उसक हाथो म पषटिहना दिए 23 और पछा त षटिकस की बटी ह यह मझ को बता कया तर षटिपता क घर म हमार दिटकन क

लिलय सथान ह 24 उसन उcर दिया म तो नाहोर क जनमाए मिमलका क पतर बतएल की बटी ह 25 षटि6र उस न उस स कहा हमार यहा पआल और चारा बहत ह और दिटकन क लिलय सथान भी ह 26 तब उस पररषो न लिसर झका कर यहोवा को णडवत करक कहा 27 नय ह मर सवामी इबराहीम का परमशवर यहोवा षटिक उसन अपनी करणा और सचचाई को मर

सवामी पर स हटा नही लिलया यहोवा न मझ को ठीक मागW पर चला कर मर सवामी क भाई ब(ओ क घर पर पहचा दिया ह

28 और उस कनया न ौड कर अपनी माता क घर म यह सारा वcानत कह सनाया 29 तब लाबान जो रिरबका का भाई था सो बाहर कए क षटिनकट उस पररषो क पास ौडा गया 30 और ऐसा हआ षटिक जब उसन वह नथ और अपनी बषटिहन रिरबका क हाथो म व कगन भी ख

और उसकी यह बात भी सनी षटिक उस पररषो न मझ स ऐसी बात कही तब वह उस पररषो क पासगया और कया खा षटिक वह सोत क षटिनकट ऊटो क पास खडा ह 31 उसन कहा ह यहोवा की ओर स नय पररषो भीतर आ त कयो बाहर खडा ह म न घर को

और ऊटो क लिलय भी सथान तयार षटिकया ह 32 और वह पररषो घर म गया और लाबान न ऊटो की कादिठया खोल कर पआल और चारा दिया

और उसक और उसक सगी जनो क पाव ोन को जल दिया 33 तब इबराहीम क ास क आग जलपान क लिलय कछ रखा गया पर उसन कहा म जब तक अपना

परयोजन न कह द तब तक कछ न खाऊगा लाबान न कहा कह 34 तब उसन कहा म तो इबराहीम का ास ह 35 और यहोवा न मर सवामी को बडी आशीरषो ी ह सो वह महान पररषो हो गया ह और उसन

उसको भड-बकरी गाय-बल सोना-रपा ास-ालिसया ऊट और गह दिए ह 36 और मर सवामी की पतनी सारा क बढाप म उसस एक पतर उतपनन हआ ह और उस पतर को

इबराहीम न अपना सब कछ दिया ह 37 और मर सवामी न मझ यह शपथ खिखलाई षटिक म उसक पतर क लिलय कनाषटिनयो की लडषटिकयो म स

जिजन क श म वह रहता ह कोई सतरी न ल आऊगा 38 म उसक षटिपता क घर और कल क लोगो क पास जा कर उसक पतर क लिलय एक सतरी लआऊगा 39 तब म न अपन सवामी स कहा कालिचत वह सतरी मर पीछ न आए 40 तब उसन मझ स कहा यहोवा जिजसक सामहन म चलता आया ह वह तर सग अपन दत को

भज कर तरी यातरा को स6ल करगा सो त मर कल और मर षटिपता क घरान म स मर पतर क लिलय

एक सतरी ल आ सकगा 41 त तब ही मरी इस शपथ स छटगा जब त मर कल क लोगो क पास पहचगा अथाWत यदि व मझ

कोई सतरी न तो त मरी शपथ स छटगा 42 सो म आज उस कए क षटिनकट आकर कहन लगा ह मर सवामी इबराहीम क परमशवर यहोवा यदि त मरी इस यातरा को स6ल करता हो

43 तो ख म जल क इस कए क षटिनकट खडा ह सो ऐसा हो षटिक जो कमारी जल भरन क लिलय षटिनकल आए और म उसस कह अपन घड म स मझ थोडा पानी षटिपला

44 और वह मझ स कह पी ल और म तर ऊटो क पीन क लिलय भी पानी भर दगी वह वही सतरी हो जिजस को त न मर सवामी क पतर क लिलय ठहराया हो

45 म मन ही मन यह कह ही रहा था षटिक ख रिरबका क( पर घडा लिलय हए षटिनकल आई षटि6र वह सोत क पास उतर क भरन लगी और म न उसस कहा मझ षटिपला

46 और उसन 6त स अपन घड को क( पर स उतार क कहा ल पी ल पीछ म तर ऊटो को भीषटिपलाऊगी सो म न पी लिलया और उसन ऊटो को भी षटिपला दिया 47 तब म न उसस पछा षटिक त षटिकस की बटी ह और उसन कहा म तो नाहोर क जनमाए मिमलका

क पतर बतएल की बटी ह तब म न उसकी नाक म वह नथ और उसक हाथो म व कगन पषटिहनादिए 48 षटि6र म न लिसर झका कर यहोवा को णडवत षटिकया और अपन सवामी इबराहीम क परमशवर यहोवा

को नय कहा कयोषटिक उसन मझ ठीक मागW स पहचाया षटिक म अपन सवामी क पतर क लिलय उसकी भतीजी को ल जाऊ

49 सो अब यदि त मर सवामी क साथ कपा और सचचाई का वयवहार करना चाहत हो तो मझ सकहो और यदि नही चाहत हो तौभी मझ स कह ो ताषटिक म ाषटिहनी ओर वा बाई ओर षटि6र जाऊ 50 तब लाबान और बतएल न उcर दिया यह बात यहोवा की ओर स हई ह सो हम लोग तझ स न

तो भला कह सकत ह न बरा 51 ख रिरबका तर सामहन ह उसको ल जा और वह यहोवा क वचन क अनसार तर सवामी क

पतर की पतनी हो जाए 52 उनका यह वचन सनकर इबराहीम क ास न भमिम पर षटिगर क यहोवा को णडवत षटिकया 53 षटि6र उस ास न सोन और रप क गहन और वसतर षटिनकाल कर रिरबका को दिए और उसक

भाई और माता को भी उसन अनमोल अनमोल वसतए ी 54 तब उसन अपन सगी जनो समत भोजन षटिकया और रात वही षटिबताई और तडक उठ कर कहा

मझ को अपन सवामी क पास जान क लिलय षटिवा करो 55 रिरबका क भाई और माता न कहा कनया को हमार पास कछ दिन अथाWत कम स कम स दिन

रहन षटि6र उसक पशचात वह चली जाएगी56 उसन उन स कहा यहोवा न जो मरी यातरा को स6ल षटिकया ह सो तम मझ मत रोको अब मझ

षटिवा कर ो षटिक म अपन सवामी क पास जाऊ 57 उनहोन कहा हम कनया को बला कर पछत ह और खग षटिक वह कया कहती ह 58 सो उनहोन रिरबका को बला कर उसस पछा कया त इस मनषय क सग जाएगी उसन कहा हा म जाऊगी 59 तब उनहोन अपनी बषटिहन रिरबका और उसकी ाय और इबराहीम क ास और उसक साथी सभो

को षटिवा षटिकया 60 और उनहोन रिरबका को आशीवाW क कहा ह हमारी बषटिहन त हजारो लाखो की आदिमाता हो

और तरा वश अपन बरिरयो क नगरो का अलिकारी हो 61 इस पर रिरबका अपनी सहलिलयो समत चली और ऊट पर चढ क उस पररषो क पीछ हो ली सो

वह ास रिरबका को साथ ल कर चल दिया 62 इसहाक जो चछिकखन श म रहता था सो लहरोई नाम कए स हो कर चला आता था 63 और साझ क समय वह मान म धयान करन क लिलय षटिनकला था और उसन आख उठा कर कया खा षटिक ऊट चल आ रह ह

64 और रिरबका न भी आख उठा कर इसहाक को खा और खत ही ऊट पर स उतर पडी 65 तब उसन ास स पछा जो पररषो मान पर हम स मिमलन को चला आता ह सो कौन ह ास न कहा वह तो मरा सवामी ह तब रिरबका न घघट ल कर अपन मह को ढाप लिलया

66 और ास न इसहाक स अपना सारा वcानत वणWन षटिकया 67 तब इसहाक रिरबका को अपनी माता सारा क तमब म ल आया और उसको बयाह कर उसस परमषटिकया और इसहाक को माता की मतय क पशचात शातनिनत हई

अधयाय२५

01 तब इबराहीम न एक और पतनी बयाह ली जिजसका नाम कतरा था 02 और उसस जिजमरान योकषान मना मिमदयान मियशबाक और शह उतपनन हए 03 और योकषान स शबा और ान उतपनन हए और ान क वश म अशशरी लतशी और लममी

लोग हए 04 और मिमदयान क पतर एपा एपर हनोक अबीा और एला हए स सब कतरा क सनतान हए 05 इसहाक को तो इबराहीम न अपना सब कछ दिया 06 पर अपनी रखलिलयो क पतरो को कछ कछ कर अपन जीत जी अपन पतर इसहाक क पास स

परब श म भज दिया 07 इबराहीम की सारी अवसथा एक सौ पचहcर वरषोW की हई 08 और इबराहीम का ीघाWय होन क कारण अथाWत पर बढाप की अवसथा म पराण छट गया और वह

अपन लोगो म जा मिमला 09 और उसक पतर इसहाक और इशमाएल न षटिहcी सोहर क पतर एपरोन की ममर क सममख वाली

भमिम म जो मकपला की ग6ा थी उस म उसको मिमटटी ी गई 10 अथाWत जो भमिम इबराहीम न षटिहलिcयो स मोल ली थी उसी म इबराहीम और उस की पतनी सारा

ोनो को मिमटटी ी गई 11 इबराहीम क मरन क पशचात परमशवर न उसक पतर इसहाक को जो लहरोई नाम कए क पास रहता

था आशीरषो ी 12 इबराहीम का पतर इशमाएल जो सारा की लौडी हाजिजरा मिमसरी स उतपनन हआ था उसकी यह

वशावली ह 13 इशमाएल क पतरो क नाम और वशावली यह ह अथाWत इशमाएल का जठा पतर नबायोत षटि6रकार अदबल मिमबसाम 14 मिमशमा दमा मससा 15 हर तमा यतर नपीश और कमा 16 इशमाएल क पतर य ही हए और इनही क नामो क अनसार इनक गावो और छावषटिनयो क नाम

भी पड और य ही बारह अपन अपन कल क परान हए 17 इशमाएल की सारी अवसथा एक सौ सतीस वरषोW की हई तब उसक पराण छट गए और वह अपन

लोगो म जा मिमला 18 और उसक वश हवीला स शर तक जो मिमसर क सममख अशशर क मागW म ह बस गए और

उनका भाग उनक सब भाई ब(ओ क सममख पडा 19 इबराहीम क पतर इसहाक की वशावली यह ह इबराहीम स इसहाक उतपनन हआ 20 और इसहाक न चालीस वरषोW का हो कर रिरबका को जो पददनराम क वासी अरामी बतएल कीबटी और अरामी लाबान की बषटिहन भी बयाह लिलया 21 इसहाक की पतनी तो बाझ थी सो उस न उस क षटिनमिमc यहोवा स षटिबनती की और यहोवा न

उसकी षटिबनती सनी सो उसकी पतनी रिरबका गभWवती हई 22 और लडक उसक गभW म आपस म लिलपट क एक दसर को मारन लग तब उसन कहा मरी जो

ऐसी ही शा रहगी तो म कयोकर जीषटिवत रहगी और वह यहोवा की इचछा पछन को गई 23 तब यहोवा न उसस कहा तर गभW म ो जाषटितया ह और तरी कोख स षटिनकलत ही ो राजय क

लोग अलग अलग होग और एक राजय क लोग दसर स अलिक सामथ होग और बडा बटा छोट क आीन होगा

24 जब उसक पतर उतपनन होन का समय आया तब कया परगट हआ षटिक उसक गभW म जडव बालकह 25 और पषटिहला जो उतपनन हआ सो लाल षटिनकला और उसका सारा शरीर कमबल क समान रोममयथा सो उसका नाम ऐसाव रखा गया 26 पीछ उसका भाई अपन हाथ स ऐसाव की एडी पकड हए उतपनन हआ और उसका नाम याकब

रखा गया और जब रिरबका न उन को जनम दिया तब इसहाक साठ वरषोW का था 27 षटि6र व लडक बढन लग और ऐसाव तो वनवासी हो कर चतर णिशकार खलन वाला हो गया पर

याकब सीा मनषय था और तमबओ म रहा करता था 28 और इसहाक तो ऐसाव क अहर का मास खाया करता था इसलिलय वह उसस परीषटित रखता था

पर रिरबका याकब स परीषटित रखती थी 29 याकब भोजन क लिलय कछ ाल पका रहा था और ऐसाव मान स थका हआ आया 30 तब ऐसाव न याकब स कहा वह जो लाल वसत ह उसी लाल वसत म स मझ कछ खिखला

कयोषटिक म थका ह इसी कारण उसका नाम एोम भी पडा 31 याकब न कहा अपना पषटिहलौठ का अलिकार आज मर हाथ बच 32 ऐसाव न कहा ख म तो अभी मरन पर ह सो पषटिहलौठ क अलिकार स मरा कया लाभ होगा 33 याकब न कहा मझ स अभी शपथ खा सो उसन उसस शपथ खाई और अपना पषटिहलौठ का

अलिकार याकब क हाथ बच डाला 34 इस पर याकब न ऐसाव को रोटी और पकाई हई मसर की ाल ी और उसन खाया षटिपया तब

उठ कर चला गया यो ऐसाव न अपना पषटिहलौठ का अलिकार तचछ जाना

अधयाय२६

01 और उस श म अकाल पडा वह उस पषटिहल अकाल स अलग था जो इबराहीम क दिनो म पडा था सो इसहाक गरार को पलिलसतरिशतयो क राजा अबीमलक क पास गया

02 वहा यहोवा न उसको शWन कर कहा मिमसर म मत जा जो श म तझ बताऊ उसी म रह 03 त इसी श म रह और म तर सग रहगा और तझ आशीरषो दगा और य सब श म तझ को

और तर वश को दगा और जो शपथ म न तर षटिपता इबराहीम स खाई थी उस म परी करगा 04 और म तर वश को आकाश क तारागण क समान करगा और म तर वश को य सब श दगा

और पथवी की सारी जाषटितया तर वश क कारण अपन को नय मानगी 05 कयोषटिक इबराहीम न मरी मानी और जो म न उस सौपा था उसको और मरी आजञाओ षटिवलियो

और वयवसथा का पालन षटिकया 06 सो इसहाक गरार म रह गया 07 जब उस सथान क लोगो न उसकी पतनी क षटिवरषोय म पछा तब उसन यह सोच कर षटिक यदि म

उसको अपनी पतनी कह तो यहा क लोग रिरबका क कारण जो परमसनरी ह मझ को मार डालग उcर दिया वह तो मरी बषटिहन ह

08 जब उसको वहा रहत बहत दिन बीत गए तब एक दिन पलिलसतरिशतयो क राजा अबीमलक न खिखडकी म स झाक क कया खा षटिक इसहाक अपनी पतनी रिरबका क साथ करीडा कर रहा ह

09 तब अबीमलक न इसहाक को बलवा कर कहा वह तो षटिनशचय तरी पतनी ह षटि6र त न कयोकर उसको अपनी बषटिहन कहा इसहाक न उcर दिया म न सोचा था षटिक ऐसा न हो षटिक उसक कारण

मरी मतय हो 10 अबीमलक न कहा त न हम स यह कया षटिकया ऐस तो परजा म स कोई तरी पतनी क साथ

सहज स ककमW कर सकता और त हम को पाप म 6साता 11 और अबीमलक न अपनी सारी परजा को आजञा ी षटिक जो कोई उस पररषो को वा उस सतरी कोछएगा सो षटिनशचय मार डाला जाएगा

12 षटि6र इसहाक न उस श म जोता बोया और उसी वरषोW म सौ गणा 6ल पाया और यहोवा न उसको आशीरषो ी

13 और वह बढा और उसकी उननषटित होती चली गई यहा तक षटिक वह अषटित महान पररषो हो गया 14 जब उसक भड-बकरी गाय-बल और बहत स ास- ालिसया हई तब पलिलशती उसस डाह करनलग 15 सो जिजतन कओ को उसक षटिपता इबराहीम क ासो न इबराहीम क जीत जी खोा था उन को

पलिलसतरिशतयो न मिमटटी स भर दिया 16 तब अबीमलक न इसहाक स कहा हमार पास स चला जा कयोषटिक त हम स बहत सामथ हो

गया ह 17 सो इसहाक वहा स चला गया और गरार क नाल म तमब खडा करक वहा रहन लगा 18 तब जो कए उसक षटिपता इबराहीम क दिनो म खो गए थ और इबराहीम क मरन क पीछ

पलिलसतरिशतयो न भर दिए थ उन को इसहाक न षटि6र स खवाया और उनक व ही नाम रख जो उसक षटिपता न रख थ

19 षटि6र इसहाक क ासो को नाल म खोत खोत बहत जल का एक सोता मिमला 20 तब गरारी चरवाहो न इसहाक क चरवाहो स झगडा षटिकया और कहा षटिक यह जल हमारा ह सो

उसन उस कए का नाम एसक रखा इसलिलय षटिक व उसस झगड थ 21 षटि6र उनहोन दसरा कआ खोा और उनहोन उसक लिलय भी झगडा षटिकया सो उसन उसका नाम

लिसतरा रखा 22 तब उसन वहा स कच करक एक और कआ खवाया और उसक लिलय उनहोन झगडा न षटिकया

सो उसन उसका नाम यह कह कर रहोबोत रखा षटिक अब तो यहोवा न हमार लिलय बहत सथान दियाह और हम इस श म 6ल-6लग 23 वहा स वह बशiexclबा को गया 24 और उसी दिन यहोवा न रात को उस शWन कर कहा म तर षटिपता इबराहीम का परमशवर ह मतडर कयोषटिक म तर साथ ह और अपन ास इबराहीम क कारण तझ आशीरषो दगा और तरा वशबढाऊगा 25 तब उसन वहा एक वी बनाई और यहोवा स पराथWना की और अपना तमब वही खडा षटिकया

और वहा इसहाक क ासो न एक कआ खोा 26 तब अबीमलक अपन मिमतर अहजजत और अपन सनापषटित पीकोल को सग ल कर गरार स उसक

पास गया 27 इसहाक न उन स कहा तम न मझ स बर करक अपन बीच स षटिनकाल दिया था सो अब मर

पास कयो आए हो 28 उनहोन कहा हम न तो परतयकष खा ह षटिक यहोवा तर साथ रहता ह सो हम न सोचा षटिक त तो

यहोवा की ओर स नय ह सो हमार तर बीच म शपथ खाई जाए और हम तझ स इस षटिवरषोय की वाचा ब(ाए

29 षटिक जस हम न तझ नही छआ वरन तर साथ षटिनरी भलाई की ह और तझ को कशल कषम स षटिवा षटिकया उसक अनसार त भी हम स कोई बराई न करगा

30 तब उसन उनकी जवनार की और उनहोन खाया षटिपया 31 षटिबहान को उन सभो न तडक उठ कर आपस म शपथ खाई तब इसहाक न उन को षटिवा षटिकया

और व कशल कषम स उसक पास स चल गए 32 उसी दिन इसहाक क ासो न आकर अपन उस खो हए कए का वcानत सना क कहा षटिक हम

को जल का एक सोता मिमला ह 33 तब उसन उसका नाम णिशबा रखा इसी कारण उस नगर का नाम आज तक बशiexclबा पडा ह 34 जब ऐसाव चालीस वरषोW का हआ तब उसन षटिहcी बरी की बटी यहीत और षटिहcी एलोन की

बटी बाशमत को बयाह लिलया 35 और इन सतरिसतरयो क कारण इसहाक और रिरबका क मन को ख हआ

अधयाय२७

01 जब इसहाक बढा हो गया और उसकी आख ऐसी ली पड गई षटिक उसको सझता न था तब उसन अपन जठ पतर ऐसाव को बला कर कहा ह मर पतर उसन कहा कया आजञा

02 उसन कहा सन म तो बढा हो गया ह और नही जानता षटिक मरी मतय का दिन कब होगा 03 सो अब त अपना तरकश और नरषो आदि हलिथयार ल कर मान म जा और मर लिलय षटिहरन का

अहर कर ल आ 04 तब मरी रलिच क अनसार सवादि भोजन बना कर मर पास ल आना षटिक म उस खा कर मरन स

पहल तझ जी भर क आशीवाW द 05 तब ऐसाव अहर करन को मान म गया जब इसहाक ऐसाव स यह बात कह रहा था तब

रिरबका सन रही थी 06 सो उसन अपन पतर याकब स कहा सन म न तर षटिपता को तर भाई ऐसाव स यह कहत सना 07 षटिक त मर लिलय अहर कर क उसका सवादि भोजन बना षटिक म उस खा कर तझ यहोवा क आग

मरन स पषटिहल आशीवाW द 08 सो अब ह मर पतर मरी सन और यह आजञा मान 09 षटिक बकरिरयो क पास जा कर बकरिरयो क ो अचछ अचछ बचच ल आ और म तर षटिपता क लिलय

उसकी रलिच क अनसार उन क मास का सवादि भोजन बनाऊगी 10 तब त उसको अपन षटिपता क पास ल जाना षटिक वह उस खा कर मरन स पषटिहल तझ को

आशीवाW 11 याकब न अपनी माता रिरबका स कहा सन मरा भाई ऐसाव तो रोआर पररषो ह और म रोमहीन

पररषो ह 12 कालिचत मरा षटिपता मझ टटोलन लग तो म उसकी दषटि म ठग ठहरगा और आशीरषो क बल

शाप ही कमाऊगा 13 उसकी माता न उसस कहा ह मर पतर शाप तझ पर नही मझी पर पड त कवल मरी सन और

जा कर व बचच मर पास ल आ 14 तब याकब जा कर उन को अपनी माता क पास ल आया और माता न उसक षटिपता की रलिच क

अनसार सवादि भोजन बना दिया 15 तब रिरबका न अपन पषटिहलौठ पतर ऐसाव क सनर वसतर जो उसक पास घर म थ ल कर अपन

लहर पतर याकब को पषटिहना दिए 16 और बकरिरयो क बचचो की खालो को उसक हाथो म और उसक लिचकन गल म लपट दिया 17 और वह सवादि भोजन और अपनी बनाई हई रोटी भी अपन पतर याकब क हाथ म ी 18 सो वह अपन षटिपता क पास गया और कहा ह मर षटिपता उसन कहा कया बात ह ह मर पतर त

कौन ह 19 याकब न अपन षटिपता स कहा म तरा जठा पतर ऐसाव ह म न तरी आजञा क अनसार षटिकया ह

सो उठ और बठ कर मर अहर क मास म स खा षटिक त जी स मझ आशीवाW 20 इसहाक न अपन पतर स कहा ह मर पतर कया कारण ह षटिक वह तझ इतनी जली मिमल गया

उसन यह उcर दिया षटिक तर परमशवर यहोवा न उसको मर सामहन कर दिया 21 षटि6र इसहाक न याकब स कहा ह मर पतर षटिनकट आ म तझ टटोल कर जान षटिक त सचमच

मरा पतर ऐसाव ह या नही 22 तब याकब अपन षटिपता इसहाक क षटिनकट गया और उसन उसको टटोल कर कहा बोल तो

याकब का सा ह पर हाथ ऐसाव ही क स जान पडत ह 23 और उसन उसको नही चीनहा कयोषटिक उसक हाथ उसक भाई क स रोआर थ सो उस न उसको

आशीवाW दिया 24 और उसन पछा कया त सचमच मरा पतर ऐसाव ह उसन कहा हा म ह 25 तब उसन कहा भोजन को मर षटिनकट ल आ षटिक म अपन पतर क अहर क मास म स खाकर

तझ जी स आशीवाW द तब वह उसको उसक षटिनकट ल आया और उसन खाया और वह उसक

पास ाखम भी लाया और उसन षटिपया 26 तब उसक षटिपता इसहाक न उसस कहा ह मर पतर षटिनकट आकर मझ चम 27 उसन षटिनकट जा कर उसको चमा और उसन उसक वसतरो की सग( पाकर उसको य़ह आशीवाW दिया षटिक ख मर पतर का सग( जो ऐस खत का सा ह जिजस पर यहोवा न आशीरषो ी हो 28 सो परमशवर तझ आकाश स ओस और भमिम की उcम स उcम उपज और बहत सा अनाज

और नया ाखम 29 राजय राजय क लोग तर आीन हो और श श क लोग तझ णडवत कर त अपन भाइयो का

सवामी हो और तरी माता क पतर तझ णडवत कर जो तझ शाप सो आप ही सराषटिपत हो और जो तझ आशीवाW सो आशीरषो पाए

30 यह आशीवाW इसहाक याकब को ही चका और याकब अपन षटिपता इसहाक क सामहन स षटिनकला ही था षटिक ऐसाव अहर ल कर आ पहचा

31 तब वह भी सवादि भोजन बना कर अपन षटिपता क पास ल आया और उस स कहा ह मरषटिपता उठ कर अपन पतर क अहर का मास खा ताषटिक मझ जी स आशीवाW 32 उसक षटिपता इसहाक न पछा त कौन ह उसन कहा म तरा जठा पतर ऐसाव ह 33 तब इसहाक न अतयनत थरथर कापत हए कहा षटि6र वह कौन था जो अहर करक मर पास ल

आया था और म न तर आन स पषटिहल सब म स कछ कछ खा लिलया और उसको आशीवाW दिया वरन उसको आशीरषो लगी भी रहगी

34 अपन षटिपता की यह बात सनत ही ऐसाव न अतयनत ऊच और द ख भर सवर स लिचललाकर अपन षटिपता स कहा ह मर षटिपता मझ को भी आशीवाW

35 उसन कहा तरा भाई तWता स आया और तर आशीवाW को लक चला गया 36 उसन कहा कया उसका नाम याकब यथाथW नही रखा गया उसन मझ ो बार अडगा मारा मरा

पषटिहलौठ का अलिकार तो उसन ल ही लिलया था और अब ख उसन मरा आशीवाW भी ल लिलया ह षटि6र उसन कहा कया त न मर लिलय भी कोई आशीवाW नही सोच रखा ह

37 इसहाक न ऐसाव को उcर कर कहा सन म न उसको तरा सवामी ठहराया और उसक सब भाइयो को उसक आीन कर दिया और अनाज और नया ाखम कर उसको प षटिकया ह सो

अब ह मर पतर म तर लिलय कया कर 38 ऐसाव न अपन षटिपता स कहा ह मर षटिपता कया तर मन म एक ही आशीवाW ह ह मर षटिपता मझ

को भी आशीवाW यो कह कर ऐसाव 6ट 6ट क रोया 39 उसक षटिपता इसहाक न उसस कहा सन तरा षटिनवास उपजाऊ भमिम पर हो और ऊपर स

आकाश की ओस उस पर पड 40 और त अपनी तलवार क बल स जीषटिवत रह और अपन भाई क आीन तो होए पर जब त

सवाीन हो जाएगा तब उसक जए को अपन क( पर स तोड 6 क 41 ऐसाव न तो याकब स अपन षटिपता क दिए हए आशीवाW क कारण बर रखा सो उसन सोचा षटिक

मर षटिपता क अनतकाल का दिन षटिनकट ह षटि6र म अपन भाई याकब को घात करगा 42 जब रिरबका को अपन पषटिहलौठ पतर ऐसाव की य बात बताई गई तब उसन अपन लहर पतर

याकब को बला कर कहा सन तरा भाई ऐसाव तझ घात करन क लिलय अपन मन को ीरज रहाह 43 सो अब ह मर पतर मरी सन और हारान को मर भाई लाबान क पास भाग जा 44 और थोड दिन तक अथाWत जब तक तर भाई का करो न उतर तब तक उसी क पास रहना 45 षटि6र जब तर भाई का करो तझ पर स उतर और जो काम त न उस स षटिकया ह उसको वह भल जाए तब म तझ वहा स बलवा भजगी ऐसा कयो हो षटिक एक ही दिन म मझ तम ोनो स रषटिहत होनापड 46 षटि6र रिरबका न इसहाक स कहा षटिहcी लडषटिकयो क कारण म अपन पराण स मिघन करती ह सो

यदि ऐसी षटिहcी लडषटिकयो म स जसी इस श की लडषटिकया ह याकब भी एक को कही बयाह ल तो मर जीवन म कया लाभ होगा

अधयाय२८

01 तब इसहाक न याकब को बलाकर आशीवाW दिया और आजञा ी षटिक त षटिकसी कनानी लडकी को न बयाह लना

02 पददनराम म अपन नाना बतएल क घर जा कर वहा अपन मामा लाबान की एक बटी को बयाहलना 03 और सवWशलिकतमान ईशवर तझ आशीरषो और 6ला- 6ला कर बढाए और त राजय राजय की

मणडली का मल हो 04 और वह तझ और तर वश को भी इबराहीम की सी आशीरषो षटिक त यह श जिजस म त परशी

हो कर रहता ह और जिजस परमशवर न इबराहीम को दिया था उसका अलिकारी हो जाए 05 और इसहाक न याकब को षटिवा षटिकया और वह पददनराम को अरामी बतएल क उस पतर लाबान

क पास चला जो याकब और ऐसाव की माता रिरबका का भाई था 06 जब इसहाक न याकब को आशीवाW कर पददनराम भज दिया षटिक वह वही स पतनी बयाह लाए

और उसको आशीवाW न क समय यह आजञा भी ी षटिक त षटिकसी कनानी लडकी को बयाह न लना 07 और याकब माता षटिपता की मान कर पददनराम को चल दिया 08 तब ऐसाव यह सब ख क और यह भी सोच कर षटिक कनानी लडषटिकया मर षटिपता इसहाक को

बरी लगती ह 09 इबराहीम क पतर इशमाएल क पास गया और इशमाएल की बटी महलत को जो नबायोत की

बषटिहन थी बयाह कर अपनी पतनितनयो म मिमला लिलया 10 सो याकब बशiexclबा स षटिनकल कर हारान की ओर चला 11 और उसन षटिकसी सथान म पहच कर रात वही षटिबतान का षटिवचार षटिकया कयोषटिक सयW असत हो गया था सो उसन उस सथान क पतथरो म स एक पतथर ल अपना तषटिकया बना कर रखा और उसी सथान म सो गया

12 तब उसन सवपन म कया खा षटिक एक सीढी पथवी पर खडी ह और उसका लिसरा सवगW तक पहचा ह और परमशवर क दत उस पर स चढत उतरत ह 13 और यहोवा उसक ऊपर खडा हो कर कहता ह षटिक म यहोवा तर ाा इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का भी परमशवर ह जिजस भमिम पर त पडा ह उस म तझ को और तर वश को दगा 14 और तरा वश भमिम की ल क षटिकनको क समान बहत होगा और पचछिचछम परब उcर चछिकखन चारो ओर 6लता जाएगा और तर और तर वश क दवारा पथवी क सार कल आशीरषो पाएग 15 और सन म तर सग रहगा और जहा कही त जाए वहा तरी रकषा करगा और तझ इस श म

लौटा ल आऊगा म अपन कह हए को जब तक परा न कर ल तब तक तझ को न छोडगा 16 तब याकब जाग उठा और कहन लगा षटिनशचय इस सथान म यहोवा ह और म इस बात को न

जानता था 17 और भय खा कर उसन कहा यह सथान कया ही भयानक ह यह तो परमशवर क भवन को छोड

और कछ नही हो सकता वरन यह सवगW का 6ाटक ही होगा 18 भोर को याकब तडक उठा और अपन तषटिकए का पतथर ल कर उसका खमभा खडा षटिकया और

उसक लिसर पर तल डाल दिया 19 और उसन उस सथान का नाम बतल रखा पर उस नगर का नाम पषटिहल लज था 20 और याकब न यह मननत मानी षटिक यदि परमशवर मर सग रहकर इस यातरा म मरी रकषा कर और

मझ खान क लिलय रोटी और पषटिहनन क लिलय कपडा 21 और म अपन षटिपता क घर म कशल कषम स लौट आऊ तो यहोवा मरा परमशवर ठहरगा 22 और यह पतथर जिजसका म न खमभा खडा षटिकया ह परमशवर का भवन ठहरगा और जो कछ त

मझ उसका शमाश म अवशय ही तझ दिया करगा

अधयाय२९

01 षटि6र याकब न अपना मागW लिलया और परवविववयो क श म आया 02 और उसन दषटि करक कया खा षटिक मान म एक कआ ह और उसक पास भड- बकरिरयो क

तीन झणड बठ हए ह कयोषटिक जो पतथर उस कए क मह पर रा रहता था जिजस म स झणडो को जल षटिपलाया जाता था वह भारी था

03 और जब सब झणड वहा इकटठ हो जात तब चरवाह उस पतथर को कए क मह पर स लढका करभड- बकरिरयो को पानी षटिपलात और षटि6र पतथर को कए क मह पर जयो का तयो रख त थ 04 सो याकब न चरवाहो स पछा ह मर भाइयो तम कहा क हो उनहोन कहा हम हारान क ह 05 तब उसन उन स पछा कया तम नाहोर क पोत लाबान को जानत हो उनहोन कहा हा हम उस

जानत ह 06 षटि6र उसन उन स पछा कया वह कशल स ह उनहोन कहा हा कशल स तो ह और वह ख

उसकी बटी राहल भड- बकरिरयो को लिलय हए चली आती ह 07 उसन कहा खो अभी तो दिन बहत ह पशओ क इकटठ होन का समय नही सो भड- बकरिरयो

को जल षटिपलाकर षटि6र ल जा कर चराओ 08 उनहोन कहा हम अभी ऐसा नही कर सकत जब सब झणड इकटठ होत ह तब पतथर कए क मह

स लढकाया जाता ह और तब हम भड- बकरिरयो को पानी षटिपलात ह 09 उनकी यह बातचीत हो रही थी षटिक राहल जो पश चराया करती थी सो अपन षटिपता की भड-

बकरिरयो को लिलय हए आ गई 10 अपन मामा लाबान की बटी राहल को और उसकी भड- बकरिरयो को भी ख कर याकब न

षटिनकट जा कर कए क मह पर स पतथर को लढका कर अपन मामा लाबान की भड- बकरिरयो को पानीषटिपलाया 11 तब याकब न राहल को चमा और ऊच सवर स रोया 12 और याकब न राहल को बता दिया षटिक म तरा 66रा भाई ह अथाWत रिरबका का पतर ह तब

उसन ौड क अपन षटिपता स कह दिया 13 अपन भानज याकब का समाचार पात ही लाबान उसस भट करन को ौडा और उसको गल

लगाकर चमा षटि6र अपन घर ल आया और याकब न लाबान स अपना सब वcानत वणWन षटिकया 14 तब लाबान न याकब स कहा त तो सचमच मरी हmी और मास ह सो याकब एक महीना भर

उसक साथ रहा 15 तब लाबान न याकब स कहा भाईब( होन क कारण तझ स सतमत सवा कराना मझ उलिचत

नही ह सो कह म तझ सवा क बल कया द16 लाबान क ो बदिटया थी जिजन म स बडी का नाम लिलआ और छोटी का राहल था 17 लिलआ क तो (ली आख थी पर राहल रपवती और सनर थी 18 सो याकब न जो राहल स परीषटित रखता था कहा म तरी छोटी बटी राहल क लिलय सात बरस

तरी सवा करगा 19 लाबान न कहा उस पराए पररषो को न स तझ को ना उcम होगा सो मर पास रह 20 सो याकब न राहल क लिलय सात बरस सवा की और व उसको राहल की परीषटित क कारण थोड

ही दिनो क बराबर जान पड 21 तब याकब न लाबान स कहा मरी पतनी मझ और म उसक पास जाऊगा कयोषटिक मरा समय

परा हो गया ह 22 सो लाबान न उस सथान क सब मनषयो को बला कर इकटठा षटिकया और उनकी जवनार की 23 साझ क समय वह अपनी बटी लिलआ को याकब क पास ल गया और वह उसक पास गया 24 और लाबान न अपनी बटी लिलआ को उसकी लौडी होन क लिलय अपनी लौडी जिजलपा ी 25 भोर को मालम हआ षटिक यह तो लिलआ ह सो उसन लाबान स कहा यह त न मझ स कया षटिकयाह म न तर साथ रहकर जो तरी सवा की सो कया राहल क लिलय नही की षटि6र त न मझ स कयो

ऐसा छल षटिकया ह 26 लाबान न कहा हमार यहा ऐसी रीषटित नही षटिक जठी स पषटिहल दसरी का षटिववाह कर 27 इसका सपताह तो परा कर षटि6र दसरी भी तझ उस सवा क लिलय मिमलगी जो त मर साथ रह कर

और सात वरषोW तक करगा 28 सो याकब न ऐसा ही षटिकया और लिलआ क सपताह को परा षटिकया तब लाबान न उस अपनी

बटी राहल को भी दिया षटिक वह उसकी पतनी हो 29 और लाबान न अपनी बटी राहल की लौडी होन क लिलय अपनी लौडी षटिबलहा को दिया 30 तब याकब राहल क पास भी गया और उसकी परीषटित लिलआ स अलिक उसी पर हई और उसन

लाबान क साथ रहकर सात वरषोW और उसकी सवा की 31 जब यहोवा न खा षटिक लिलआ अषटिपरय हई तब उसन उसकी कोख खोली पर राहल बाझ रही 32 सो लिलआ गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसन यह कहकर उसका नाम

रबन रखा षटिक यहोवा न मर द ख पर दषटि की ह सो अब मरा पषटित मझ स परीषटित रखगा 33 षटि6र वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसन यह कहा षटिक यह सनक षटिक म

अषटिपरय ह यहोवा न मझ यह भी पतर दिया इसलिलय उसन उसका नाम णिशमोन रखा 34 षटि6र वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसन कहा अब की बार तो मरा

पषटित मझ स मिमल जाएगा कयोषटिक उसस मर तीन पतर उतपनन हए इसलिलय उसका नाम लवी रखागया 35 और षटि6र वह गभWवती हई और उसक एक और पतर उतपनन हआ और उसन कहा अब की बार

तो म यहोवा का नयवा करगी इसलिलय उसन उसका नाम यहा रखा तब उसकी कोख बन होगई

अधयाय३०

01 जब राहल न खा षटिक याकब क लिलय मझ स कोई सनतान नही होता तब वह अपनी बषटिहन स डाह करन लगी और याकब स कहा मझ भी सनतान नही तो मर जाऊगी

02 तब याकब न राहल स करोलित हो कर कहा कया म परमशवर ह तरी कोख तो उसी न बन कर रखी ह

03 राहल न कहा अचछा मरी लौडी षटिबलहा हाजिजर ह उसी क पास जा वह मर घटनो पर जनगी और उसक दवारा मरा भी घर बसगा

04 तो उसन उस अपनी लौडी षटिबलहा को दिया षटिक वह उसकी पतनी हो और याकब उसक पासगया 05 और षटिबलहा गभWवती हई और याकब स उसक एक पतर उतपनन हआ 06 और राहल न कहा परमशवर न मरा नयाय चकाया और मरी सन कर मझ एक पतर दिया इसलिलय

उसन उसका नाम ान रखा 07 और राहल की लौडी षटिबलहा षटि6र गभWवती हई और याकब स एक पतर और उतपनन हआ 08 तब राहल न कहा म न अपनी बषटिहन क साथ बड बल स लिलपट कर मललयq षटिकया और अब

जीत गई सो उसन उसका नाम नपताली रखा 09 जब लिलआ न खा षटिक म जनन स रषटिहत हो गई ह तब उसन अपनी लौडी जिजलपा को ल कर

याकब की पतनी होन क लिलय दिया 10 और लिलआ की लौडी जिजलपा क भी याकब स एक पतर उतपनन हआ 11 तब लिलआ न कहा अहो भागय सो उसन उसका नाम गा रखा 12 षटि6र लिलआ की लौडी जिजलपा क याकब स एक और पतर उतपनन हआ 13 तब लिलआ न कहा म नय ह षटिनशचय सतरिसतरया मझ नय कहगी सो उसन उसका नाम आशररखा 14 गह की कटनी क दिनो म रबन को मान म दा6ल मिमल और वह उन को अपनी माता लिलआ

क पास ल गया तब राहल न लिलआ स कहा अपन पतर क दा6लो म स कछ मझ 15 उसन उसस कहा त न जो मर पषटित को ल लिलया ह सो कया छोटी बात ह अब कया त मर पतर क

दा6ल भी लन चाहती ह राहल न कहा अचछा तर पतर क दा6लो क बल वह आज रात को तर सग सोएगा

16 सो साझ को जब याकब मान स आ रहा था तब लिलआ उसस भट करन को षटिनकली औरकहा तझ मर ही पास आना होगा कयोषटिक म न अपन पतर क दा6ल कर तझ सचमच मोल लिलया

तब वह उस रात को उसी क सग सोया 17 तब परमशवर न लिलआ की सनी सो वह गभWवती हई और याकब स उसक पाचवा पतर उतपननहआ 18 तब लिलआ न कहा म न जो अपन पषटित को अपनी लौडी ी इसलिलय परमशवर न मझ मरी मजरी

ी ह सो उसन उसका नाम इससाकार रखा 19 और लिलआ षटि6र गभWवती हई और याकब स उसक छठवा पतर उतपनन हआ 20 तब लिलआ न कहा परमशवर न मझ अचछा ान दिया ह अब की बार मरा पषटित मर सग बनारहगा कयोषटिक मर उसस छ पतर उतपनन चक ह स उसन उसका नाम जबलन रखा 21 ततपशचात उसक एक बटी भी हई और उसन उसका नाम ीना रखा 22 और परमशवर न राहल की भी सलि ली और उसकी सनकर उसकी कोख खोली 23 सो वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ सो उसन कहा परमशवर न मरी नामराई

को दर कर दिया ह 24 सो उसन यह कह कर उसका नाम यस6 रखा षटिक परमशवर मझ एक पतर और भी गा 25 जब राहल स यस6 उतपनन हआ तब याकब न लाबान स कहा मझ षटिवा कर षटिक म अपन श

और सथान को जाऊ 26 मरी सतरिसतरया और मर लडक-बाल जिजनक लिलय म न तरी सवा की ह उनह मझ षटिक म चलाजाऊ त तो जानता ह षटिक म न तरी कसी सवा की ह 27 लाबान न उसस कहा यदि तरी दषटि म म न अनगरह पाया ह तो रह जा कयोषटिक म न अनभव स

जान लिलया ह षटिक यहोवा न तर कारण स मझ आशीरषो ी ह 28 षटि6र उसन कहा त ठीक बता षटिक म तझ को कया द और म उस दगा 29 उसन उसस कहा त जानता ह षटिक म न तरी कसी सवा की और तर पश मर पास षटिकस परकार स रह 30 मर आन स पषटिहल व षटिकतन थ और अब षटिकतन हो गए ह और यहोवा न मर आन पर तझ तो

आशीरषो ी ह पर म अपन घर का काम कब करन पाऊगा 31 उसन षटि6र कहा म तझ कया द याकब न कहा त मझ कछ न यदि त मर लिलय एक कामकर तो म षटि6र तरी भड- बकरिरयो को चराऊगा और उनकी रकषा करगा 32 म आज तरी सब भड- बकरिरयो क बीच हो कर षटिनकलगा और जो भड वा बकरी लिचcीवाली वा

लिचतकबरी हो और जो भड काली हो और जो बकरी लिचतकबरी वा लिचcीवाली हो उनह म अलग कररखगा और मरी मजदरी म व ही ठहरगी 33 और जब आग को मरी मजदरी की चचाW तर सामहन चल तब मW की यही साकषी होगी अथाWत

बकरिरयो म स जो कोई न लिचcीवाली न लिचतकबरी हो और भडो म स जो कोई काली न हो सो यदि मर पास षटिनकल तो चोरी की ठहरगी

34 तब लाबान न कहा तर कहन क अनसार हो 35 सो उसन उसी दिन सब ारी वाल और लिचतकबर बकरो और सब लिचcीवाली और लिचतकबरी

बकरिरयो को अथाWत जिजन म कछ उजलापन था उन को और सब काली भडो को भी अलग करक अपन पतरो क हाथ सौप दिया

36 और उसन अपन और याकब क बीच म तीन दिन क मागW का अनतर ठहराया सो याकब लाबान की भड- बकरिरयो को चरान लगा

37 और याकब न लिचनार और बााम और अमन वकषो की हरी हरी छषटिडय़ा ल कर उनक लिछलक कही कही छील क उनह ारीार बना दिया ऐसी षटिक उन छषटिडय़ो की स6ी दिखाई न लगी

38 और तब छीली हई छषटिडय़ो को भड- बकरिरयो क सामहन उनक पानी पीन क कठौतो म खडाषटिकया और जब व पानी पीन क लिलय आई तब गाणिभन हो गई 39 और छषटिडय़ो क सामहन गाणिभन हो कर भड- बकरिरया ारीवाल लिचcीवाल और लिचतकबर बचचजनी

40 तब याकब न भडो क बचचो को अलग अलग षटिकया और लाबान की भड- बकरिरयो क मह को लिचcीवाल और सब काल बचचो की ओर कर दिया और अपन झणडो को उन स अलग रखा और

लाबान की भड- बकरिरयो स मिमलन न दिया 41 और जब जब बलवनत भड- बकरिरया गाणिभन होती थी तब तब याकब उन छषटिडय़ो को कठौतो म

उनक सामहन रख ता था जिजस स व छषटिडय़ो को खती हई गाणिभन हो जाए 42 पर जब षटिनबWल भड- बकरिरया गाणिभन होती थी तब वह उनह उनक आग नही रखता था इस स

षटिनबWल षटिनबWल लाबान की रही और बलवनत बलवनत याकब की हो गई 43 सो वह पररषो अतयनत नाढय हो गया और उसक बहत सी भड-बकरिरया और लौषटिडया और

ास और ऊट और गह हो गए

अधयाय३१

01 षटि6र लाबान क पतरो की य बात याकब क सनन म आई षटिक याकब न हमार षटिपता का सब कछ छीन लिलया ह और हमार षटिपता क न क कारण उसकी यह परषटितषठा ह

02 और याकब न लाबान क मखड पर दषटि की और ताड लिलया षटिक वह उसक परषटित पहल क समान नही ह

03 तब यहोवा न याकब स कहा अपन षटिपतरो क श और अपनी जनमभमिम को लौट जा और म तर सग रहगा

04 तब याकब न राहल और लिलआ को मान म अपनी भड- बकरिरयो क पास बलवा कर कहा 05 तमहार षटिपता क मखड स मझ समझ पडता ह षटिक वह तो मझ पषटिहल की नाई अब नही खता

पर मर षटिपता का परमशवर मर सग ह 06 और तम भी जानती हो षटिक म न तमहार षटिपता की सवा शलिकत भर की ह 07 और तमहार षटिपता न मझ स छल करक मरी मजदरी को स बार बल दिया परनत परमशवर न

उसको मरी हाषटिन करन नही दिया 08 जब उसन कहा षटिक लिचcीवाल बचच तरी मजदरी ठहरग तब सब भड- बकरिरया लिचcीवाल ही

जनन लगी और जब उसन कहा षटिक ारीवाल बचच तरी मजदरी ठहरग तब सब भड- बकरिरया ारीवाल जनन लगी

09 इस रीषटित स परमशवर न तमहार षटिपता क पश ल कर मझ को दिए 10 भड- बकरिरयोक गाणिभन होन क समय म न सवपन म कया खा षटिक जो बकर बकरिरयो पर चढ रहह सो ारीवाल लिचcीवाल और बबवाल ह 11 और परमशवर क दत न सवपन म मझ स कहा ह याकब म न कहा कया आजञा 12 उसन कहा आख उठा कर उन सब बकरो को जो बकरिरयो पर चढ रह ह ख षटिक वारीवाल लिचcीवाल और बबवाल ह कयोषटिक जो कछ लाबान तझ स करता ह सो म न खा ह 13 म उस बतल का ईशवर ह जहा त न एक खमभ पर तल डाल दिया और मरी मननत मानी थी अब चल इस श स षटिनकल कर अपनी जनमभमिम को लौट जा 14 तब राहल और लिलआ न उसस कहा कया हमार षटिपता क घर म अब भी हमारा कछ भाग वा

अश बचा ह 15 कया हम उसकी दषटि म पराय न ठहरी ख उसन हम को तो बच डाला और हमार रप को

खा बठा ह 16 सो परमशवर न हमार षटिपता का जिजतना न ल लिलया ह सो हमारा और हमार लडकबालो का ह

अब जो कछ परमशवर न तझ स कहा सो कर 18 तब याकब न अपन लडक बालो और सतरिसतरयो को ऊटो पर चढाया 19 और जिजतन पशओ को वह पददनराम म इकटठा करक नाढय हो गया था सब को कनान म

अपन षटिपता इसहाक क पास जान की मनसा स साथ ल गया 20 लाबान तो अपनी भडो का ऊन कतरन क लिलय चला गया था और राहल अपन षटिपता क

गहवताओ को चरा ल गई

21 सो याकब लाबान अरामी क पास स चोरी स चला गया उसको न बताया षटिक म भागा जाता ह 22 वह अपना सब कछ ल कर भागा और महान क पार उतर कर अपना मह षटिगला क पहाडी

श की ओर षटिकया 23 तीसर दिन लाबान को समाचार मिमला षटिक याकब भाग गया ह 24 सो उसन अपन भाइयो को साथ ल कर उसका सात दिन तक पीछा षटिकया और षटिगला क

पहाडी श म उसको जा पकडा 25 तब परमशवर न रात क सवपन म आरामी लाबान क पास आकर कहा सावान रह त याकब स न

तो भला कहना और न बरा 26 और लाबान याकब क पास पहच गया याकब तो अपना तमब षटिगला नाम पहाडी श म खडा

षटिकए पडा था और लाबान न भी अपन भाइयो क साथ अपना तमब उसी पहाडी श म खडा षटिकया 27 तब लाबान याकब स कहन लगा त न यह कया षटिकया षटिक मर पास स चोरी स चला आया और

मरी बदिटयो को ऐसा ल आया जसा कोई तलवार क बल स बनी बनाए गए 28 त कयो चपक स भाग आया और मझ स षटिबना कछ कह मर पास स चोरी स चला आया नही

तो म तझ आनन क साथ मग और वीणा बजवात और गीत गवात षटिवा करता 29 त न तो मझ अपन बट बदिटयो को चमन तक न दिया त न मखWता की ह 30 तम लोगो की हाषटिन करन की शलिकत मर हाथ म तो ह पर तमहार षटिपता क परमशवर न मझ स बीती

हई रात म कहा सावान रह याकब स न तो भला कहना और न बरा 31 भला अब त अपन षटिपता क घर का बडा अणिभलारषोी हो कर चला आया तो चला आया पर मर

वताओ को त कयो चरा ल आया ह 32 याकब न लाबान को उcर दिया म यह सोचकर डर गया था षटिक कही त अपनी बदिटयो को मझ

स छीन न ल 33 जिजस षटिकसी क पास त अपन वताओ को पाए सो जीता न बचगा मर पास तरा जो कछषटिनकल सो भाई- ब(ओ क सामहन पषटिहचान कर ल ल कयोषटिक याकब न जानता था षटिक राहल

गहवताओ को चरा ल आई ह 34 यह सनकर लाबान याकब और लिलआ और ोनो ालिसयो क तमबओ म गया और कछ न

मिमला तब लिलआ क तमब म स षटिनकल कर राहल क तमब म गया 35 राहल तो गहवताओ को ऊट की काठी म रखक उन पर बठी थी सो लाबान न उसक सार तमब म टटोलन पर भी उनह न पाया

36 राहल न अपन षटिपता स कहा ह मर परभ इस स अपरसनन न हो षटिक म तर सामहन नही उठी कयोषटिक म सतरीमW स ह सो उसक ढढ ढाढ करन पर भी गहवता उसको न मिमल

37 तब याकब करोलित हो कर लाबान स झगडन लगा और कहा मरा कया अपरा ह मरा कया पाप ह षटिक त न इतना करोलित हो कर मरा पीछा षटिकया ह

38 त न जो मरी सारी सामगरी को टटोल कर खा सो तझ को सारी सामगरी म स कया मिमला कछ मिमला हो तो उसको यहा अपन और मर भाइयो क सामहन रख और व हम ोनो क बीच नयाय

कर 39 इन बीस वरषोN स म तर पास रहा उन म न तो तरी भड- बकरिरयो क गभW षटिगर और न तर मढो

का मास म न कभी खाया 40 जिजस बनल जनतओ न 6ाड डाला उसको म तर पास न लाता था उसकी हाषटिन म ही उठाता था

चाह दिन को चोरी जाता चाह रात को त मझ ही स उसको ल लता था 41 मरी तो यह शा थी षटिक दिन को तो घाम और रात को पाला मझ खा गया और नीन मरी

आखो स भाग जाती थी 42 बीस वरषोW तक म तर घर म रहो चौह वरषोW तो म न तरी ोनो बदिटयो क लिलय और छ वरषोW तरीभड- बकरिरयो क लिलय सवा की और त न मरी मजदरी को स बार बल डाला 43 मर षटिपता का परमशवर अथाWत इबराहीम का परमशवर जिजसका भय इसहाक भी मानता ह यदि मरी

ओर न होता तो षटिनशचय त अब मझ छछ हाथ जान ता मर द ख और मर हाथो क परिरशरम को खकर परमशवर न बीती हई रात म तझ डपटा

44 लाबान ल याकब स कहा य बदिटयो तो मरी ही ह और य पतर भी मर ही ह और य भड- बकरिरया भी मरी ही ह और जो कछ तझ ख पडता ह सो सब मरा ही ह और अब म अपनी इन

बदिटयो वा इनक सनतान स कया कर सकता ह 45 अब आ म और त ोनो आपस म वाचा बा( और वह मर और तर बीच साकषी ठहरी रह 46 तब याकब न एक पतथर ल कर उसका खमभा खडा षटिकया 47 तब याकब न अपन भाई- ब(ओ स कहा पतथर इकटठा करो यह सन कर उनहोन पतथर इकटठा

करक एक ढर लगाया और वही ढर क पास उनहोन भोजन षटिकया 48 उस ढर का नाम लाबान न तो यजर सहादया पर याकब न जिजलिलया रखा 49 लाबान न कहा षटिक यह ढर आज स मर और तर बीच साकषी रहगा इस कारण उसका नाम

जिजलिलया रखा गया 50 और मिमजपा भी कयोषटिक उसन कहा षटिक जब हम उस दसर स दर रह तब यहोवा मरी और तरी

खभाल करता रह 51 यदि त मरी बदिटयो को द ख वा उनक लिसवाय और सतरिसतरया बयाह ल तो हमार साथ कोई

मनषय तो न रहगा पर ख मर तर बीच म परमशवर साकषी रहगा 52 षटि6र लाबान न याकब स कहा इस ढर को ख और इस खमभ को भी ख जिजन को म न अपन

और तर बीच म खडा षटिकया ह 53 यह ढर और यह खमभा ोनो इस बात क साकषी रह षटिक हाषटिन करन की मनसा स न तो म इस

ढर को लाघ कर तर पास जाऊगा न त इस ढर और इस खमभ को लाघ कर मर पास आएगा 54 इबराहीम और नाहोर और उनक षटिपता तीनो का जो परमशवर ह सो हम ोनो क बीच नयाय कर

तब याकब न उसकी शपथ खाई जिजसका भय उसका षटिपता इसहाक मानता था 55 और याकब न उस पहाड पर मलबलिल चढाया और अपन भाई- ब(ओ को भोजन करन क लिलय बलाया सो उनहोन भोजन करक पहाड पर रात षटिबताई 56 षटिबहान को लाबान तडक उठा और अपन बट बदिटयो को चम कर और आशीवाW कर चलदिया और अपन सथान को लौट गया

अधयाय३२

01 और याकब न भी अपना मागW लिलया और परमशवर क दत उस आ मिमल 02 उन को खत ही याकब न कहा यह तो परमशवर का ल ह सो उसन उस सथान का नाम महनमरखा 03 तब याकब न सईर श म अथाWत एोम श म अपन भाई ऐसाव क पास अपन आग दत भजदिए 04 और उसन उनह यह आजञा ी षटिक मर परभ ऐसाव स यो कहना षटिक तरा ास याकब तझ स यो

कहता ह षटिक म लाबान क यहा परशी हो कर अब तक रहा 05 और मर पास गाय-बल गह भड-बकरिरया और ास- ालिसया ह सो म न अपन परभ क पास

इसलिलय सशा भजा ह षटिक तरी अनगरह की दषटि मझ पर हो 06 व दत याकब क पास लौट क कहन लग हम तर भाई ऐसाव क पास गए थ और वह भी तझ

स भट करन को चार सौ पररषो सग लिलय हए चला आता ह 07 तब याकब षटिनपट डर गया और सकट म पडा और यह सोच कर अपन सग वालो क औरभड-बकरिरयो और गाय-बलो और ऊटो क भी अलग अलग ो ल कर लिलय 08 षटिक यदि ऐसाव आकर पषटिहल ल को मारन लग तो दसरा ल भाग कर बच जाएगा 09 षटि6र याकब न कहा ह यहोवा ह मर ाा इबराहीम क परमशवर त न तो मझ स कहा षटिक अपन

श और जनम भमिम म लौट जा और म तरी भलाई करगा 10 त न जो जो काम अपनी करणा और सचचाई स अपन ास क साथ षटिकए ह षटिक म जो अपनी

छडी ही ल कर इस यरन नी क पार उतर आया सो अब मर ो ल हो गए ह तर ऐस ऐस कामो म स म एक क भी योगय तो नही ह

11 मरी षटिवनती सन कर मझ मर भाई ऐसाव क हाथ स बचा म तो उसस डरता ह कही ऐसा न हो षटिक वह आकर मझ और मा समत लडको को भी मार डाल

12 त न तो कहा ह षटिक म षटिनशचय तरी भलाई करगा और तर वश को समदर की बाल क षटिकनको क समान बहत करगा जो बहतायत क मार षटिगन नही जो सकत

13 और उसन उस दिन की रात वही षटिबताई और जो कछ उसक पास था उस म स अपन भाई ऐसाव की भट क लिलय छाट छाट कर षटिनकाला

14 अथाWत ो सौ बकरिरया और बीस बकर और ो सौ भड और बीस मढ 15 और बचचो समत द न वाली तीस ऊटषटिनया और चालीस गाय और स बल और बीस

गषटिहया और उनक स बचच 16 इन को उसन झणड झणड करक अपन ासो को सौप कर उन स कहा मर आग बढ जाओ

और झणडो क बीच बीच म अनतर रखो 17 षटि6र उसन अगल झणड क रखवाल को यह आजञा ी षटिक जब मरा भाई ऐसाव तझ मिमल और

पछन लग षटिक त षटिकस का ास ह और कहा जाता ह और य जो तर आग आग ह सो षटिकस क ह 18 तब कहना षटिक यह तर ास याकब क ह ह मर परभ ऐसाव य भट क लिलय तर पास भज गएह और वह आप भी हमार पीछ पीछ आ रहा ह 19 और उसन दसर और तीसर रखवालो को भी वरन उस सभो को जो झणडो क पीछ पीछ थ ऐसी

ही आजञा ी षटिक जब ऐसाव तम को मिमल तब इसी परकार उसस कहना 20 और यह भी कहना षटिक तरा ास याकब हमार पीछ पीछ आ रहा ह कयोषटिक उसन यह सोचा

षटिक यह भट जो मर आग आग जाती ह इसक दवारा म उसक करो को शानत करक तब उसका शWनकरगा हो सकता ह वह मझ स परसनन हो जाए 21 सो वह भट याकब स पषटिहल पार उतर गई और वह आप उस रात को छावनी म रहा 22 उसी रात को वह उठा और अपनी ोनो सतरिसतरयो और ोनो लौषटिडयो और गयारहो लडको को सग

ल कर घाट स यबबोक नी क पार उतर गया 23 और उसन उनह उस नी क पार उतार दिया वरन अपना सब कछ पार उतार दिया 24 और याकब आप अकला रह गया तब कोई पररषो आकर पह 6टन तक उसस मललयq करतारहा 25 जब उसन खा षटिक म याकब पर परबल नही होता तब उसकी जाघ की नस को छआ सो

याकब की जाघ की नस उसस मललयq करत ही करत चढ गई 26 तब उसन कहा मझ जान कयोषटिक भोर हआ चाहता ह याकब न कहा जब तक त मझ

आशीवाW न तब तक म तझ जान न दगा 27 और उसन याकब स पछा तरा नाम कया ह उसन कहा याकब 28 उसन कहा तरा नाम अब याकब नही परनत इसराएल होगा कयोषटिक त परमशवर स और मनषयो स

भी यq कर क परबल हआ ह 29 याकब न कहा म षटिबनती करता ह मझ अपना नाम बता उसन कहा त मरा नाम कयो पछताह तब उसन उसको वही आशीवाW दिया 30 तब याकब न यह कह कर उस सथान का नाम पनीएल रखा षटिक परमशवर को आमहन सामहन

खन पर भी मरा पराण बच गया ह 31 पनएल क पास स चलत चलत सयW उय हो गया और वह जाघ स लगडाता था 32 इसराएली जो पशओ की जाघ की जोड वाल जघानस को आज क दिन तक नही खात इसका

कारण यही ह षटिक उस पररषो न याकब की जाघ की जोड म जघानस को छआ था

अधयाय३३

01 और याकब न आख उठा कर यह खा षटिक ऐसाव चार सौ पररषो सग लिलय हए चला जाता ह तब उसन लडक बालो को अलग अलग बाट कर लिलआ और राहल और ोनो लौषटिडयो को सौप

दिया

02 और उसन सब क आग लडको समत लौषटिडयो को उसक पीछ लडको समत लिलआ को और सब क पीछ राहल और यस6 को रखा

03 और आप उन सब क आग बढा और सात बार भमिम पर षटिगर क णडवत की और अपन भाई क पास पहचा

04 तब ऐसाव उसस भट करन को ौडा और उसको हय स लगा कर गल स लिलपट कर चमा षटि6र व ोनो रो पड

05 तब उसन आख उठा कर सतरिसतरयो और लडक बालो को खा और पछा य जो तर साथ ह सो कौन ह उसन कहा य तर ास क लडक ह जिजनह परमशवर न अनगरह कर क मझ को दिया ह

06 तब लडको समत लौषटिडयो न षटिनकट आकर णडवत की 07 षटि6र लडको समत लिलआ षटिनकट आई और उनहोन भी णडवत की पीछ यस6 और राहल न

भी षटिनकट आकर णडवत की 08 तब उसन पछा तरा यह बडा ल जो मझ को मिमला उसका कया परयोजन ह उसन कहा यह

षटिक मर परभ की अनगरह की दषटि मझ पर हो 09 ऐसाव न कहा ह मर भाई मर पास तो बहत ह जो कछ तरा ह सो तरा ही रह 10 याकब न कहा नही नही यदि तरा अनगरह मझ पर हो तो मरी भट गरहण कर कयोषटिक म न तरा

शWन पाकर मानो परमशवर का शWन पाया ह और त मझ स परसनन हआ ह 11 सो यह भट जो तझ भजी गई ह गरहण कर कयोषटिक परमशवर न मझ पर अनगरह षटिकया ह और

मर पास बहत ह जब उसन उस को बाया तब उस न भट को गरहण षटिकया 12 षटि6र ऐसाव न कहा आ हम बढ चल और म तर आग आग चलगा 13 याकब न कहा ह मर परभ त जानता ही ह षटिक मर साथ सकमार लडक और द न हारी भड-

बकरिरया और गाय ह यदि ऐस पश एक दिन भी अलिक हाक जाए तो सब क सब मर जाएग 14 सो मरा परभ अपन ास क आग बढ जाए और म इन पशओ की गषटित क अनसार जो मर आग ह और लडक बालो की गषटित क अनसार ीर ीर चल कर सईर म अपन परभ क पास पहचगा 15 ऐसाव न कहा तो अपन सग वालो म स म कई एक तर साथ छोड जाऊ उसन कहा यह कयो

इतना ही बहत ह षटिक मर परभ की अनगरह की दषटि मझ पर बनी रह 16 तब ऐसाव न उसी दिन सईर जान को अपना मागW लिलया 17 और याकब वहा स कच कर क सककोत को गया और वहा अपन लिलय एक घर और पशओ क

लिलय झोपड बनाए इसी कारण उस सथान का नाम सककोत पडा 18 और याकब जो पददनराम स आया था सो कनान श क शकम नगर क पास कशल कषम स

पहच कर नगर क सामहन डर खड षटिकए 19 और भमिम क जिजस खणड पर उसन अपना तमब खडा षटिकया उसको उसन शकम क षटिपता हमोर

क पतरो क हाथ स एक सौ कसीतो म मोल लिलया 20 और वहा उसन एक वी बना कर उसका नाम एललोह इसराएल रखा

अधयाय३४

01 और लिलआ की बटी ीना जो याकब स उतपनन हई थी उस श की लडषटिकयो स भट करन कोषटिनकली 02 तब उस श क परान षटिहcी हमोर क पतर शकम न उस खा और उस ल जा कर उसक साथ

ककमW करक उसको भर कर डाला 03 तब उसका मन याकब की बटी ीना स लग गया और उसन उस कनया स परम की बात की

और उसस परम करन लगा 04 और शकम न अपन षटिपता हमोर स कहा मझ इस लडकी को मरी पतनी होन क लिलय दिला 05 और याकब न सना षटिक शकम न मरी बटी ीना को अशq कर डाला ह पर उसक पतर उस

समय पशओ क सग मान म थ सो वह उनक आन तक चप रहा

06 और शकम का षटिपता हमोर षटिनकल कर याकब स बातचीत करन क लिलय उसक पास गया 07 और याकब क पतर सनत ही मान स बहत उास और करोलित हो कर आए कयोषटिक शकम न

याकब की बटी क साथ ककमW करक इसराएल क घरान स मखWता का ऐसा काम षटिकया था जिजसका करना अनलिचत था

08 हमोर न उन सब स कहा मर पतर शकम का मन तमहारी बटी पर बहत लगा ह सो उस उसकी पतनी होन क लिलय उसको ो

09 और हमार साथ बयाह षटिकया करो अपनी बदिटया हम को दिया करो और हमारी बदिटयो को आप लिलया करो

10 और हमार सग बस रहो और यह श तमहार सामन पडा ह इस म रह कर लनन करो और इसकी भमिम को अपन लिलय ल लो

11 और शकम न भी ीना क षटिपता और भाइयो स कहा यदि मझ पर तम लोगो की अनगरह की दषटि हो तो जो कछ तम मझ स कहो सो म दगा

12 तम मझ स षटिकतना ही मलय वा बला कयो न मागो तौभी म तमहार कह क अनसार दगा परनत उस कनया को पतनी होन क लिलय मझ ो

13 तब यह सोच कर षटिक शकम न हमारी बषटिहन ीना को अशq षटिकया ह याकब क पतरो न शकम और उसक षटिपता हमोर को छल क साथ यह उcर दिया

14 षटिक हम ऐसा काम नही कर सकत षटिक षटिकसी खतना रषटिहत पररषो को अपनी बषटिहन कयोषटिक इस स हमारी नामराई होगी

15 इस बात पर तो हम तमहारी मान लग षटिक हमारी नाई तम म स हर एक पररषो का खतना षटिकयाजाए 16 तब हम अपनी बदिटया तमह बयाह ग और तमहारी बदिटया बयाह लग और तमहार सग बस भीरहग और हम ोनो एक ही समाय क मनषय हो जाएग 17 पर यदि तम हमारी बात न मान कर अपना खतना न कराओग तो हम अपनी लडकी को लक

यहा स चल जाएग 18 उनकी इस बात पर हमोर और उसका पतर शकम परसनन हए 19 और वह जवान जो याकब की बटी को बहत चाहता था इस काम को करन म उसन षटिवलमब न

षटिकया वह तो अपन षटिपता क सार घरान म अलिक परषटितषटिषठत था 20 सो हमोर और उसका पतर शकम अपन नगर क 6ाटक क षटिनकट जा कर नगरवालिसयो को यो

समझान लग 21 षटिक व मनषय तो हमार सग मल स रहना चाहत ह सो उनह इस श म रह क लनन करन ो खो यह श उनक लिलय भी बहत ह षटि6र हम लोग उनकी बदिटयो को बयाह ल और अपनी बदिटयो

को उनह दिया कर 22 व लोग कवल इस बात पर हमार सग रहन और एक ही समाय क मनषय हो जान को परसनन ह

षटिक उनकी नाई हमार सब पररषोो का भी खतना षटिकया जाए 23 कया उनकी भड-बकरिरया और गाय- बल वरन उनक सार पश और न समपलिc हमारी न होजाएगी इतना ही कर षटिक हम लोग उनकी बात मान ल तो व हमार सग रहग 24 सो जिजतन उस नगर क 6ाटक स षटिनकलत थ उन सभो न हमोर की और उसक पतर शकम की

बात मानी और हर एक पररषो का खतना षटिकया गया जिजतन उस नगर क 6ाटक स षटिनकलत थ 25 तीसर दिन जब व लोग पीषटिडत पड थ तब ऐसा हआ षटिक णिशमोन और लवी नाम याकब क ो

पतरो न जो ीना क भाई थ अपनी अपनी तलवार ल उस नगर म षटिनडक घस कर सब पररषोो को घात षटिकया

26 और हमोर और उसक पतर शकम को उनहोन तलवार स मार डाला और ीना को शकम क घर स षटिनकाल ल गए

27 और याकब क पतरो न घात कर डालन पर भी चढ कर नगर को इसलिलय लट लिलया षटिक उस म उनकी बषटिहन अशq की गई थी

28 उनहोन भड-बकरी और गाय-बल और गह और नगर और मान म जिजतना न था ल

लिलया 29 उस सब को और उनक बाल-बचचो और सतरिसतरयो को भी हर ल गए वरन घर घर म जो कछ था

उसको भी उनहोन लट लिलया 30 तब याकब न णिशमोन और लवी स कहा तम न जो उस श क षटिनवासी कनाषटिनयोऔर परिरचछिजजयो

क मन म मरी ओर घणा उतपनन कराई ह इस स तम न मझ सकट म डाला ह कयोषटिक मर साथ तो थोड की लोग ह सो अब व इकटठ हो कर मझ पर चढग और मझ मार डालग सो म अपन घरान समत सतयानाश हो जाऊगा

31 उनहोन कहा कया वह हमारी बषटिहन क साथ वशया की नाई बताWव कर

अधयाय३५

01 तब परमशवर न याकब स कहा यहा स कच करक बतल को जा और वही रह और वहा ईशवर क लिलय वी बना जिजसन तझ उस समय शWन दिया जब त अपन भाई ऐसाव क डर स भागा जाता

था 02 तब याकब न अपन घरान स और उन सब स भी जो उसक सग थ कहा तमहार बीच म जो

पराए वता ह उनह षटिनकाल 6 को और अपन अपन को शq करो और अपन वसतर बल डालो 03 और आओ हम यहा स कच करक बतल को जाए वहा म ईशवर क लिलय एक वी बनाऊगा

जिजसन सकट क दिन मरी सन ली और जिजस मागW स म चलता था उस म मर सग रहा 04 सो जिजतन पराए वता उनक पास थ और जिजतन कणडल उनक कानोम थ उन सभो को उनहोन

याकब को दिया और उसन उन को उस लिसनदर वकष क नीच जो शकम क पास ह गाड दिया 05 तब उनहोन कच षटिकया और उनक चारो ओर क नगर षटिनवालिसयो क मन म परमशवर की ओर स

ऐसा भय समा गया षटिक उनहोन याकब क पतरो का पीछा न षटिकया 06 सो याकब उन सब समत जो उसक सग थ कनान श क लज नगर को आया वह नगर बतल

भी कहलाता ह 07 वहा उसन एक वी बनाई और उस सथान का नाम एलबतल रखा कयोषटिक जब वह अपन भाई

क डर स भागा जाता था तब परमशवर उस पर वही परगट हआ था 08 और रिरबका की द षटिपलानहारी ाय बोरा मर गई और बतल क नीच लिसनदर वकष क तल

उसको मिमटटी ी गई और उस लिसनदर वकष का नाम अललोनबककत रखा गया 09 षटि6र याकब क पददनराम स आन क पशचात परमशवर न दसरी बार उसको शWन कर आशीरषो ी 10 और परमशवर न उसस कहा अब तक तो तरा नाम याकब रहा ह पर आग को तरा नाम याकब न रहगा त इसराएल कहलाएगा

11 षटि6र परमशवर न उसस कहा म सवWशलिकतमान ईशवर ह त 6ल- 6ल और बढ और तझ स एक जाषटित वरन जाषटितयो की एक मणडली भी उतपनन होगी और तर वश म राजा उतपनन होग

12 और जो श म न इबराहीम और इसहाक को दिया ह वही श तझ ता ह और तर पीछ तर वश को भी दगा

13 तब परमशवर उस सथान म जहा उसन याकब स बात की उनक पास स ऊपर चढ गया 14 और जिजस सथान म परमशवर न याकब स बात की वहा याकब न पतथर का एक खमबा खडाषटिकया और उस पर अघW कर तल डाल दिया 15 और जहा परमशवर न याकब स बात की उस सथान का नाम उसन बतल रखा 16 षटि6र उनहोन बतल स कच षटिकया और एपराता थोडी ही दर रह गया था षटिक राहल को बचचा

जनन की बडी पीडा आन लगी 17 जब उसको बडी बडी पीडा उठती थी तब ाय न उसस कहा मत डर अब की भी तर बटा हीहोगा 18 तब ऐसा हआ षटिक वह मर गई और पराण षटिनकलत षटिनकलत उसन उस बट को नाम बनोनी रखा

पर उसक षटिपता न उसका नाम षटिबनयामीन रखा 19 यो राहल मर गई और एपराता अथाWत बतलहम क मागW म उसको मिमटटी ी गई

20 और याकब न उसकी कबर पर एक खमभा खडा षटिकया राहल की कबर का वही खमभा आज तक बना ह

21 षटि6र इसराएल न कच षटिकया और एर नाम गममट क आग बढकर अपना तमब खडा षटिकया 22 जब इसराएल उस श म बसा था तब एक दिन ऐसा हआ षटिक रबन न जा कर अपन षटिपता की

रखली षटिबलहा क साथ ककमW षटिकया और यह बात इसराएल को मालम हो गई 23 याकब क बारह पतर हए उन म स लिलआ क पतर य थ अथाWत याकब का जठा रबन षटि6रणिशमोन लवी यहा इससाकार और जबलन 24 और राहल क पतर य थ अथाWत यस6 और षटिबनयामीन 25 और राहल की लौनडी षटिबलहा क पतर य थ अथाWत ान और नपताली 26 और लिलआ की लौनडी जिजलपा क पतर य थ अथाWत गा और आशर याकब क य ही पतर हए

जो उसस पददनराम म उतपनन हए 27 और याकब ममर म जो करिरयतअबाW अथाWत हबरोन ह जहा इबराहीम और इसहाक परशी हो

कर रह थ अपन षटिपता इसहाक क पास आया 28 इसहाक की अवसथा एक सौ अससी बरस की हई 29 और इसहाक का पराण छट गया और वह मर गया और वह बढा और परी आय का हो कर

अपन लोगो म जा मिमला और उसक पतर ऐसाव और याकब न उसको मिमटटी ी

अधयाय३६

01 ऐसाव जो एोम भी कहलाता ह उसकी यह वशावली ह 02 ऐसाव न तो कनानी लडषटिकया बयाह ली अथाWत षटिहcी एलोन की बटी आा को और

अहोलीबामा को जो अना की बटी और षटिहववी लिसबोन की नषटितनी थी 03 षटि6र उसन इशमाएल की बटी बासमत को भी जो नबायोत की बषटिहन थी बयाह लिलया 04 आा न तो ऐसाव क जनमाए एलीपज को और बासमत न रएल को उतपनन षटिकया 05 और ओहोलीबामा न यश और यालाम और को रह को उतपनन षटिकया ऐसाव क य ही पतर

कनान श म उतपनन हए 06 और ऐसाव अपनी पतनितनयो और बट-बदिटयो और घर क सब पराणिणयो और अपनी भड-बकरी

और गाय- बल आदि सब पशओ षटिनान अपनी सारी समपलिc को जो उसन कनान श म सचय कीथी ल कर अपन भाई याकब क पास स दसर श को चला गया 07 कयोषटिक उनकी समपलिc इतनी हो गई थी षटिक व इकटठ न रह सक और पशओ की बहतायत क

मार उस श म जहा व परशी हो कर रहत थ उनकी समाई न रही 08 ऐसाव जो एोम भी कहलाता ह सो सईर नाम पहाडी श म रहन लगा 09 सईर नाम पहाडी श म रहनहार एोमिमयो क मल पररषो ऐसाव की वशावली यह ह 10 ऐसाव क पतरो क नाम य ह अथाWत ऐसाव की पतनी आा का पतर एलीपज और उसी ऐसाव की

पतनी बासमत का पतर रएल 11 और एलीपज क य पतर हए अथाWत तमान ओमार सपो गाताम और कनज 12 और ऐसाव क पतर एलीपज क षटितमना नाम एक सरषटितन थी जिजसन एलीपज क जनमाए अमालक

को जनम दिया ऐसाव की पतनी आा क वश म य ही हए 13 और रएल क य पतर हए अथाWत नहत जरह शममा और मिमजजा ऐसाव की पतनी बासमत क

वश म य ही हए 14 और ओहोलीबामा जो ऐसाव की पतनी और लिसबोन की नषटितनी और अना की बटी थी उसक य

पतर हए अथाWत उसन ऐसाव क जनमाए यश यालाम और कोरह को जनम दिया 15 ऐसाववणिशयो क अलिपषटित य हए अथाWत ऐसाव क जठ एलीपज क वश म स तो तमानअलिपषटित ओमार अलिपषटित सपो अलिपषटित कनज अलिपषटित 16 को रह अलिपषटित गाताम अलिपषटित अमालख अलिपषटित एलीपज वणिशयो म स एोम श म य

ही अलिपषटित हए और य ही आा क वश म हए

17 और ऐसाव क पतर रएल क वश म य हए अथाWत नहत अलिपषटित जरह अलिपषटित शममाअलिपषटित मिमजजा अलिपषटित रएलवणिशयो म स एोम श म य ही अलिपषटित हए और य ही ऐसाव

की पतनी बासमत क वश म हए 18 और ऐसाव की पतनी ओहोलीबामा क वश म थ हए अथाWत यश अलिपषटित यालाम अलिपषटित

कोरह अलिपषटित अना की बटी ओहोलीबामा जो ऐसाव की पतनी थी उसक वश म य ही हए 19 ऐसाव जो एोम भी कहलाता ह उसक वश य ही ह और उनक अलिपषटित भी य ही हए 20 सईर जो होरी नाम जाषटित का था उसक य पतर उस श म पषटिहल स रहत थ अथाWत लोतान शोबाल णिशबोन अना 21 ीशोन एसर और ीशान एोम श म सईर क य ही होरी जाषटितवाल अलिपषटित हए 22 और लोतान क पतर होरी और हमाम हए और लोतान की बषटिहन षटितमना थी 23 और शोबाल क य पतर हए अथाWत आलवान मानहत एबाल शपो और ओनाम 24 और लिसोन क थ पतर हए अथाWत अयया और अना यह वही अना ह जिजस को जगल म अपन

षटिपता लिसबोन क गहो को चरात चरात गरम पानी क झरन मिमल 25 और अना क ीशोन नाम पतर हआ और उसी अना क ओहोलीबामा नाम बटी हई 26 और ीशोन क य पतर हए अथाWत हमान एशबान मियतरान और करान 27 एसर क य पतर हए अथाWत षटिबलहान जावान और अकान 28 ीशान क य पतर हए अथाWत ऊस और अकान 29 होरिरयो क अलिपषटित य हए अथाWत लोतान अलिपषटित शोबाल अलिपषटित णिशबोन अलिपषटित 30 अना अलिपषटित ीशोन अलिपषटित एसर अलिपषटित ीशान अलिपषटित सईर श म होरी जाषटित

वाल य ही अलिपषटित हए 31 षटि6र जब इसराएलिलयो पर षटिकसी राजा न राजय न षटिकया था तब भी एोम क श म य राजाहए 32 अथाWत बोर क पतर बला न एोम म राजय षटिकया और उसकी राजानी का नाम दिनहाबा ह 33 बला क मरन पर बोसराषटिनवासी जरह का पतर योबाब उसक सथान पर राजा हआ 34 और योबाब क मरन पर तमाषटिनयो क श का षटिनवासी हशाम उसक सथान पर राजा हआ 35 और हशाम क मरन पर ब का पतर ह उसक सथान पर राजा हआ यह वही ह जिजसन

मिमदयाषटिनयो को मोआब क श म मार लिलया और उसकी राजानी का नाम अबीत ह 36 और ह क मरन पर मसरकावासी समला उसक सथान पर राजा हआ 37 षटि6र समला क मरन पर शाऊल जो महान क तट वाल रहोबोत नगर का था सो उसक सथान

पर राजा हआ 38 और शाऊल क मरन पर अकबोर का पतर बालहानान उसक सथान पर राजा हआ 39 और अकबोर क पतर बालहानान क मरन पर हर उसक सथान पर राजा हआ और उसकी

राजानी का नाम पाऊ ह और उसकी पतनी का नाम महतबल ह जो मजाहब की नषटितनी और मतर की बटी थी

40 षटि6र ऐसाववणिशयो क अलिपषटितयो क कलो और सथानो क अनसार उनक नाम य ह अथाWत षटितमना अलिपषटित अलबा अलिपषटित यतत अलिपषटित

41 ओहोलीबामा अलिपषटित एला अलिपषटित पीनोन अलिपषटित 42 कनज अलिपषटित तमान अलिपषटित मिमबसार अलिपषटित 43 मगीएल अलिपषटित ईराम अलिपषटित एोमवणिशयो न जो श अपना कर लिलया था उसक षटिनवास

सथानो म उनक य ही अलिपषटित हए और एोमी जाषटित का मलपररषो ऐसाव ह

अधयाय३७

1 37|01 याकब तो कनान श म रहता था जहा उसका षटिपता परशी हो कर रहा था 37|02 और याकब क वश का वcानत यह ह षटिक यस6 सतरह वरषोW का हो कर भाइयो क सग भड-

बकरिरयो को चराता था और वह लडका अपन षटिपता की पतनी षटिबलहा और जिजलपा क पतरो क सग रहा

करता था और उनकी बराईयो का समाचार अपन षटिपता क पास पहचाया करता था 37|03 और इसराएल अपन सब पतरो स बढक यस6 स परीषटित रखता था कयोषटिक वह उसक बढाप

का पतर था और उसन उसक लिलय रग षटिबरगा अगरखा बनवाया 37|04 सो जब उसक भाईयो न खा षटिक हमारा षटिपता हम सब भाइयो स अलिक उसी स परीषटित

रखता ह तब व उसस बर करन लग और उसक साथ ठीक तौर स बात भी नही करत थ 37|05 और यस6 न एक सवपन खा और अपन भाइयो स उसका वणWन षटिकया तब व उसस और

भी दवरषो करन लग 37|06 और उसन उन स कहा जो सवपन म न खा ह सो सनो 37|07 हम लोग खत म पल बा( रह ह और कया खता ह षटिक मरा पला उठ कर सीा खडा होगया तब तमहार पलो न मर पल को चारो तर6 स घर लिलया और उस णडवत षटिकया 37|08 तब उसक भाइयो न उसस कहा कया सचमच त हमार ऊपर राजय करगा वा सचमच त

हम पर परभता करगा सो व उसक सवपनो और उसकी बातो क कारण उसस और भी अलिक बर करन लग 37|09 षटि6र उसन एक और सवपन खा और अपन भाइयो स उसका भी यो वणWन षटिकया षटिक सनो म न एक और सवपन खा ह षटिक सयW और चनदरमा और गयारह तार मझ णडवत कर रह ह

37|10 यह सवपन उसन अपन षटिपता और भाइयो स वणWन षटिकया तब उसक षटिपता न उसको पट क कहा यह कसा सवपन ह जो त न खा ह कया सचमच म और तरी माता और तर भाई सब जा कर

तर आग भमिम पर षटिगरक णडवत करग 37|11 उसक भाई तो उसस डाह करत थ पर उसक षटिपता न उसक उस वचन को समरण रखा 37|12 और उसक भाई अपन षटिपता की भड- बकरिरयो को चरान क लिलय शकम को गए 37|13 तब इसराएल न यस6 स कहा तर भाई तो शकम ही म भड- बकरी चरा रह होग सो जा म

तझ उनक पास भजता ह उसन उसस कहा जो आजञा म हाजिजर ह 37|14 उसन उसस कहा जा अपन भाइयो और भड- बकरिरयो का हाल ख आ षटिक व कशल स

तो ह षटि6र मर पास समाचार ल आ सो उसन उसको हबरोन की तराई म षटिवा कर दिया और वह शकम म आया

37|15 और षटिकसी मनषय न उसको मान म इर उर भटकत हए पाकर उसस पछा त कया ढढता ह

37|16 उसन कहा म तो अपन भाइयो को ढढता ह कपा कर मझ बता षटिक व भड- बकरिरयो को कहा चरा रह ह

37|17 उस मनषय न कहा व तो यहा स चल गए ह और म न उन को यह कहत सना षटिक आओ हम ोतान को चल सो यस6 अपन भाइयो क पास चला और उनह ोतान म पाया

37|18 और जयोही उनहोन उस दर स आत खा तो उसक षटिनकट आन क पषटिहल ही उस मार डालन की यलिकत की

37|19 और व आपस म कहन लग खो वह सवपन खनहारा आ रहा ह 37|20 सो आओ हम उसको घात करक षटिकसी गडह म डाल और यह कह ग षटिक कोई द

पश उसको खा गया षटि6र हम खग षटिक उसक सवपनो का कया 6ल होगा 37|21 यह सनक रबन न उसको उनक हाथ स बचान की मनसा स कहा हम उसको पराण स तो न मार

37|22 षटि6र रबन न उन स कहा लोह मत बहाओ उसको जगल क इस गडह म डाल ो और उस पर हाथ मत उठाओ वह उसको उनक हाथ स छडाकर षटिपता क पास षटि6र पहचाना चाहता था

37|23 सो ऐसा हआ षटिक जब यस6 अपन भाइयो क पास पहचा तब उनहो न उसका रगषटिबरगाअगरखा जिजस वह पषटिहन हए था उतार लिलया 37|24 और यस6 को उठा कर गडह म डाल दिया वह गडहा तो सखा था और उस म कछ जल न था 37|25 तब व रोटी खान को बठ गए और आख उठा कर कया खा षटिक इशमाएलिलयो का एक ल

ऊटो पर सग(दरवय बलसान और ग(रस ला हए षटिगला स मिमसर को चला जा रहा ह

37|26 तब यहा न अपन भाइयो स कहा अपन भाई को घात करन और उसका खन लिछपान स कया लाभ होगा

37|27 आओ हम उस इशमाएलिलयो क हाथ बच डाल और अपना हाथ उस पर न उठाए कयोषटिक वह हमारा भाई और हमारी हmी और मास ह सो उसक भाइयो न उसकी बात मान ली तब मिमदयानी

वयापारी उर स होकर उनक पास पहच 37|28 सो यस6 क भाइयो न उसको उस गडह म स खीच क बाहर षटिनकाला और इशमाएलिलयो क

हाथ चाी क बीस टकडो म बच दिया और व यस6 को मिमसर म ल गए 37|29 और रबन न गडह पर लौटकर कया खा षटिक यस6 गडह म नही ह सो उसन अपन वसतर6ाड 37|30 और अपन भाइयो क पास लौटकर कहन लगा षटिक लडका तो नही ह अब म षटिकरजाऊ 37|31 और तब उनहोन यस6 का अगरखा लिलया और एक बकर को मार क उसक लोह म उस

डबा दिया 37|32 और उनहोन उस रग षटिबरग अगरख को अपन षटिपता क पास भज कर कहला दिया षटिक यह

हम को मिमला ह सो खकर पषटिहचान ल षटिक यह तर पतर का अगरखा ह षटिक नही 37|33 उसन उसको पषटिहचान लिलया और कहा हा यह मर ही पतर का अगरखा ह षटिकसी द पश न

उसको खा लिलया ह षटिन सनह यस6 6ाड डाला गया ह 37|34 तब याकब न अपन वसतर 6ाड और कमर म टाट लपटा और अपन पतर क लिलय बहत दिनो

तक षटिवलाप करता रहा 37|35 और उसक सब बट- बदिटयो न उसको शातनिनत न का यतन षटिकया पर उसको शातनिनत न मिमली

और वह यही कहता रहा म तो षटिवलाप करता हआ अपन पतर क पास अोलोक म उतर जाऊगा इस परकार उसका षटिपता उसक लिलय रोता ही रहा

37|36 और मिमदयाषटिनयो न यस6 को मिमसर म ल जा कर पोतीपर नाम षटि6रौन क एक हाषटिकम और जललाो क परान क हाथ बच डाला

अधयाय३८

01 उनही दिनो म ऐसा हआ षटिक यहा अपन भाईयो क पास स चला गया और हीरा नाम एक अदललामवासी पररषो क पास डरा षटिकया

02 वहा यहा न शआ नाम एक कनानी पररषो की बटी को खा और उसको बयाह कर उसक पासगया 03 वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और यहा न उसका नाम एर रखा 04 और वह षटि6र गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसका नाम ओनान रखागया 05 षटि6र उसक एक पतर और उतपनन हआ और उसका नाम शला रखा गया और जिजस समय इसका

जनम हआ उस समय यहा कजीब म रहता था 06 और यहा न तामार नाम एक सतरी स अपन जठ एर का षटिववाह कर दिया 07 परनत यहा का वह जठा एर यहोवा क लख म द था इसलिलय यहोवा न उसको मार डाला 08 तब यहा न ओनान स कहा अपनी भौजाई क पास जा और उसक साथ वर का मW परा

करक अपन भाई क लिलय सनतान उतपनन कर 09 ओनान तो जानता था षटिक सनतान तो मरी न ठहरगी सो ऐसा हआ षटिक जब वह अपनी भौजाई

क पास गया तब उसन भमिम पर वीयW षटिगराकर नाश षटिकया जिजस स ऐसा न हो षटिक उसक भाई क नाम स वश चल

10 यह काम जो उसन षटिकया उस यहोवा अपरसनन हआ और उसन उसको भी मार डाला 11 तब यहा न इस डर क मार षटिक कही ऐसा न हो षटिक अपन भाइयो की नाई शला भी मर अपनी

बह तामार स कहा जब तक मरा पतर शला लिसयाना न हो तब तक अपन षटिपता क घर म षटिववा की

बठी रह सो तामार अपन षटिपता क घर म जा कर रहन लगी 12 बहत समय क बीतन पर यहा की पतनी जो शआ की बटी थी सो मर गई षटि6र यहा शोक स

छटकर अपन मिमतर हीरा अदललामवासी समत अपनी भड- बकरिरयो का ऊन कतरान क लिलय षटितमनाथ को गया

13 और तामार को यह समाचार मिमला षटिक तरा ससर अपनी भड- बकरिरयो का ऊन कतरान क लिलय षटितमनाथ को जा रहा ह

14 तब उसन यह सोच कर षटिक शला लिसयाना तो हो गया पर म उसकी सतरी नही होन पाई अपना षटिववापन का पषटिहरावा उतारा और घघट डाल कर अपन को ढाप लिलया और एनम नगर क 6ाटक

क पास जो षटितमनाथ क मागW म ह जा बठी 15 जब यहा न उसको खा उसन उसको वशया समझा कयोषटिक वह अपना मह ढाप हए थी 16 और वह मागW स उसकी ओर षटि6रा और उसस कहन लगा मझ अपन पास आन ( कयोषटिक उस

यह मालम न था षटिक वह उसकी बह ह) और वह कहन लगी षटिक यदि म तझ अपन पास आन द तो त मझ कया गा

17 उसन कहा म अपनी बकरिरयो म स बकरी का एक बचचा तर पास भज दगा तब उसन कहा भला उस क भजन तक कया त हमार पास कछ रहन रख जाएगा

18 उस न पछा म तर पास कया रहन रख जाऊ उस न कहा अपनी महर और बाजबन और अपन हाथ की छडी तब उसन उसको व वसतए ी और उसक पास गया और वह उसस गभWवती

हई 19 तब वह उठ कर चली गई और अपना घघट उतार क अपना षटिववापन का पषटिहरावा षटि6र पषटिहनलिलया 20 तब यहा न बकरी का बचचा अपन मिमतर उस अदललामवासी क हाथ भज दिया षटिक वह रहन

रखी हई वसतए उस सतरी क हाथ स छडा ल आए पर वह सतरी उसको न मिमली 21 तब उसन वहा क लोगो स पछा षटिक वह वासी जो एनम म मागW की एक और बठी थी कहाह उनहोन कहा यहा तो कोई वासी न थी 22 सो उसन यहा क पास लौट क कहा मझ वह नही मिमली और उस सथान क लोगो न कहा षटिक

यहा तो कोई वासी न थी 23 तब यहा न कहा अचछा वह ब(क उस क पास रहन नही तो हम लोग तचछ षटिगन जाएग ख म न बकरी का यह बचचा भज दिया पर वह तझ नही मिमली 24 और तीन महीन क पीछ यहा को यह समाचार मिमला षटिक तरी बह तामार न वयणिभचार षटिकया ह

वरन वह वयणिभचार स गभWवती भी हो गई ह तब यहा न कहा उसको बाहर ल आओ षटिक वह जलाई जाए

25 जब उस बाहर षटिनकाल रह थ तब उसन अपन ससर क पास यह कहला भजा षटिक जिजस पररषो की य वसतए ह उसी स म गभWवती ह षटि6र उसन यह भी कहलाया षटिक पषटिहचान तो सही षटिक यह

महर और बाजबन और छडी षटिकस की ह 26 यहा न उनह पषटिहचान कर कहा वह तो मझ स कम ोरषोी ह कयोषटिक म न उस अपन पतर शला

को न बयाह दिया और उसन उसस षटि6र कभी परसग न षटिकया 27 जब उसक जनन का समय आया तब यह जान पडा षटिक उसक गभW म जडव बचच ह 28 और जब वह जनन लगी तब एक बालक न अपना हाथ बढाया और ाय न लाल सत ल कर

उसक हाथ म यह कहत हथ बा( दिया षटिक पषटिहल यही उतपनन हआ 29 जब उसन हाथ समट लिलया तब उसका भाई उतपनन हो गया तब उस ाय न कहा त कयो

बरबस षटिनकल आया ह इसलिलय उसका नाम परस रखा गया 30 पीछ उसका भाई जिजसक हाथ म लाल सत ब(ा था उतपनन हआ और उसका नाम जरह रखागया

अधयाय३९

01 जब यस6 मिमसर म पहचाया गया तब पोतीपर नाम एक मिमसरी जो षटि6रौन का हाषटिकम और जललाो का परान था उसन उसको इशमाएलिलयो क हाथ स जो उस वहा ल गए थ मोल लिलया

02 और यस6 अपन मिमसरी सवामी क घर म रहता था और यहोवा उसक सग था सो वह भागयवान पररषो हो गया

03 और यस6 क सवामी न खा षटिक यहोवा उसक सग रहता ह और जो काम वह करता ह उसको यहोवा उसक हाथ स स6ल कर ता ह

04 तब उसकी अनगरह की दषटि उस पर हई और वह उसकी सवा टहल करन क लिलय षटिनयकत षटिकयागया षटि6र उसन उसको अपन घर का अलिकारी बना क अपना सब कछ उसक हाथ म सौप दिया 05 और जब स उसन उसको अपन घर का और अपनी सारी समपलिc का अलिकारी बनाया तब स

यहोवा यस6 क कारण उस मिमसरी क घर पर आशीरषो न लगा और कया घर म कया मान म उसका जो कछ था सब पर यहोवा की आशीरषो होन लगी

06 सो उसन अपना सब कछ यस6 क हाथ म यहा तक छोड दिया षटिक अपन खान की रोटी कोछोड वह अपनी समपलिc का हाल कछ न जानता था और यस6 सनर और रपवान था 07 इन बातो क पशचात ऐसा हआ षटिक उसक सवामी की पतनी न यस6 की ओर आख लगाई औरकहा मर साथ सो 08 पर उसन असवीकार करत हए अपन सवामी की पतनी स कहा सन जो कछ इस घर म ह मर

हाथ म ह उस मरा सवामी कछ नही जानता और उसन अपना सब कछ मर हाथ म सौप दिया ह 09 इस घर म मझ स बडा कोई नही और उसन तझ छोड जो उसकी पतनी ह मझ स कछ नही

रख छोडा सो भला म ऐसी बडी दता करक परमशवर का अपराी कयोकर बन 10 और ऐसा हआ षटिक वह परषटित दिन यस6 स बात करती रही पर उसन उसकी न मानी षटिक उसक

पास लट वा उसक सग रह 11 एक दिन कया हआ षटिक यस6 अपना काम काज करन क लिलय घर म गया और घर क सवको म स कोई भी घर क अनर न था

12 तब उस सतरी न उसका वसतर पकडकर कहा मर साथ सो पर वह अपना वसतर उसक हाथ म छोडकर भागा और बाहर षटिनकल गया

13 यह खकर षटिक वह अपना वसतर मर हाथ म छोडकर बाहर भाग गया 14 उस सतरी न अपन घर क सवको को बलाकर कहा खो वह एक इबरी मनषय को हमारा

षटितरसकार करन क लिलय हमार पास ल आया ह वह तो मर साथ सोन क मतलब स मर पास अनर आया था और म ऊच सवर स लिचलला उठी

15 और मरी बडी लिचललाहट सनकर वह अपना वसतर मर पास छोडकर भागा और बाहर षटिनकलगया 16 और वह उसका वसतर उसक सवामी क घर आन तक अपन पास रख रही 17 तब उसन उसस इस परकार की बात कही षटिक वह इबरी ास जिजस को त हमार पास ल आया ह

सो मझ स हसी करन क लिलय मर पास आया था 18 और जब म ऊच सवर स लिचलला उठी तब वह अपना वसतर मर पास छोडकर बाहर भाग गया 19 अपनी पतनी की य बात सनकर षटिक तर ास न मझ स ऐसा ऐसा काम षटिकया यस6 क सवामी

का कोप भडका 20 और यस6 क सवामी न उसको पकडकर बनीगह म जहा राजा क की बन थ डलवा दिया

सो वह उस बनीगह म रहन लगा 21 पर यहोवा यस6 क सग सग रहा और उस पर करणा की और बनीगह क रोगा क अनगरह

की दषटि उस पर हई 22 सो बनीगह क रोगा न उन सब ब(ओ को जो कारागार म थ यस6 क हाथ म सौप दिया

और जो जो काम व वहा करत थ वह उसी की आजञा स होता था 23 बनीगह क रोगा क वश म जो कछ था कयोषटिक उस म स उसको कोई भी वसत खनी न पडती थी इसलिलय षटिक यहोवा यस6 क साथ था और जो कछ वह करता था यहोवा उसको उस म

स6लता ता था

अधयाय४०

01 इन बातो क पशचात ऐसा हआ क राजा क षटिपलानहार और पकानहार न अपन सवामी का कछ अपरा षटिकया

02 तब षटि6रौन न अपन उन ोनो हाषटिकमो पर अथाWत षटिपलानहारो क परान अर पकानहारो क परान पर करोदित होकर

03 उनह क करा क जललाो क परान क घर क उसी बनीगह म जहा यस6 ब(आ था डलवादिया 04 तब जललाो क परान न उनको यस6 क हाथ सौपा और वह उनकी सवा टहल करन लगा सो व कछ दिन तक बनीगह म रह

05 और मिमसतर क राजा का षटिपलानहारा और पकानहारा जो बनीगह म बन थ उन ोनो न एक ही रात म अपन होनहार क अनसार सवपन खा

06 षटिबहान को जब यस6 उनक पास अनर गया तब उन पर दषटि की तो कया खा षटिक व उासह 07 सो उसन षटि6रौन क उन हाषटिकमो स जो उसक साथ उसक सवामी क घर क बनीगह म थ पछा

षटिक आज तमहार मह कयो उास ह 08 उनहोन उस स कहा हम ोनो न सवपन खा ह और उनक 6ल का बतान वाला कोई भी नही

यस6 न उनस कहा कया सवपनो का 6ल कहना परमशवर का काम नही मझ अपना अपना सवपनबताओ 09 तब षटिपलानहारो का परान अपना सवपन यस6 को यो बतान लगा षटिकमन सवपन म खा षटिक

मर सामन ाखलता ह 10 और उस ाखलता म तीन डालिलया ह और उसम मानो कलिलया लगी ह और व 6ली और उसक

गचछो म ाक लगकर पक गई 11 और षटि6रौन का कटोरा मर हाथ म था सो मन उन ाखो को लकर षटि6रौन क कटोर म षटिनचोडा

और कटोर को षटि6रौन क हाथ म दिया 12 यस6 न उस स कहा इसका 6ल यह ह षटिक तीन डालिलयो का अथW तीन दिन ह 13 सो अब स तीन दिन क भीतर तरा सर ऊचा करगा और षटि6र स तर प पर तझ षटिनयकत करगा

और त पहल की नाई षटि6रौन का षटिपलानहारा होकर उसका कटोरा उसक हाथ म षटि6र दिया करगा 14 सो जब तरा भला हो जाए तब मझ समरण करना और मझ पर कपा करक षटि6रौन स मरी चचाWचलाना अर इस घर स मझ छडवा ना 15 कयोषटिक सचमच इबराषटिनयो क श स मझ चरा कर ल आए ह और यहा भी मन कोई ऐसा काम

नही षटिकया जिजसक कारण म इस कारागार म डाला जाऊ 16 यह खकर षटिक उसक सवपन का 6ल अचछा षटिनकला पकानहारो क परान न यस6 स कहा

मन भी सवपन खा ह वह यह ह मन खा षटिक मर लिसर पर स6 रोटी की तीन टोकरिरया ह 17 और ऊपर की टोकरी म षटि6रौन क लिलए सब परकार की पकी पकाई वसतए ह और पकषी मर लिसर

पर की टोकरी म स उन वसतओ को खा रह ह 18 यस6 न कहा इसका 6ल यह ह तीन टोकरिरयो का अथW तीन दिन ह 19 सो अब स तीन दिन क भीतर षटि6रौन तरा लिसर कटवाकर तझ एक वकष पर टगवा गा और पकषी

तर मास को नोच नोच कर खाएग 20 और तीसर दिन षटि6रौन का जनमदिन था उसन अपन सब कमWचारिरयो की जवनार की और

उसन षटिपलानहारो क परान और पकानहारो क परान ोनो को बनीगह स षटिनकलवाया 21 और षटिपलानहारो क परान को तो षटिपलानहार क प पर षटि6र स षटिनयकत षटिकया और वह षटि6रौन क

हाथ म कटोरा न लगा 22 पर पकानहारो क परान को उस न टगवा दिया जसा षटिक यस6 न उनक सवपनो का 6ल उअनस

कहा था 23 षटि6र भी षटिपलानहारो क परान न यस6 को समरण ना रखा परनत उस भल गया

अधयाय४१

01 पर दो बरस क बीतन पर फिरौन न यह fवपन दा फिक वह नील नदी क फिकनार पर ड़ा ह 02 और उस नदी म स सात सनदर और मोNी मोNी गाय फिनकल कर कछार की घास चरन लगी 03 और $या दा फिक उनक पीछ और सात गाय जो करप और दबल ह नदी स फिनकली और दसरी

गायो क फिनकN नदी क तN पर जा ड़ी हई 04 तब य करप और दबल गाय उन सात सनदर और मोNी मोNी गायो को ा गई तब फिरौन जाग उठा 05 और वह फिर सो गया और दसरा fवपन दा फिक एक डठी म स सात मोNी और अचछी अचछी बालफिनकली 06 और $या दा फिक उनक पीछ सात बाल पतली और परवाई स मरझाई हई फिनकली 07 और इन पतली बालो न उन सातो मोNी और अनन स भरी हई बालो को फिनगल लिलया तब फिरौन जागा

और उस मालम हआ फिक यह fवपन ही था 08 भोर को फिरौन का मन वयाकल हआ और उसन मिमसर क सब जयोफितफिरषयो और पतततिणडतो को बलवा भजा

और उन को अपन fवपन बताए पर उन म स कोई भी उनका ल फिरौन स न कह सहा 09 तब फिपलानहारो का परधान फिरौन स बोल उठा फिक मर अपराध आज मझ fमरण आए 10 जब फिरौन अपन दासो स करोमिधत हआ था और मझ और पकानहारो क परधान को कद करा क जललादो

क परधान क घर क बनदीगह म डाल दिदया था 11 तब हम दोनो न एक ही रात म अपन अपन होनहार क अनसार fवपन दा 12 और वहा हमार साथ एक इबरी जवान था जो जललादो क परधान का दास था सो हम न उसको बताया

और उसन हमार fवपनो का ल हम स कहा हम म स एक एक क fवपन का ल उसन बता दिदया 13 और जसा जसा ल उसन हम स कहा था वसा ही हआ भी अथात मझ को तो मरा पद फिर मिमला पर

वह ासी पर लNकाया गया 14 तब फिरौन न यस को बलवा भजा और वह झNपN बनदीगह स बाहर फिनकाला गया और बालबनवाकर और वfतर बदलकर फिरौन क सामहन आया 15 फिरौन न यस स कहा म न एक fवपन दा ह और उसक ल का बतान वाला कोई भी नही और म न तर फिवरषय म सना ह फिक त fवपन सनत ही उसका ल बता सकता ह

16 यस न फिरौन स कहा म तो कछ नही जानता परमशवर ही फिरौन क लिलय शभ वचन दगा 17 फिर फिरौन यस स कहन लगा म न अपन fवपन म दा फिक म नील नदी क फिकनार पर ड़ा ह 18 फिर $या दा फिक नदी म स सात मोNी और सनदर सनदर गाय फिनकल कर कछार की घास चरन लगी 19 फिर $या दा फिक उनक पीछ सात और गाय फिनकली जो दबली और बहत करप और दबल ह म न

तो सार मिमसर दश म ऐसी कडौल गाय कभी नही दी 20 और इन दबल और कडौल गायो न उन पहली सातो मोNी मोNी गायो को ा लिलया 21 और जब व उन को ा गई तब यह मालम नही होता था फिक व उन को ा गई ह $योफिक व पफिहल की

नाई जसी की तसी कडौल रही तब म जाग उठा 22 फिर म न दसरा fवपन दा फिक एक ही डठी म सात अचछी अचछी और अनन स भरी हई बाल फिनकली 23 फिर $या दता ह फिक उनक पीछ और सात बाल छछी छछी और पतली और परवाई स मरझाई हईफिनकली 24 और इन पतली बालोन उन सात अचछी अचछी बालो को फिनगल लिलया इस म न जयोफितफिरषयो को बताया

पर इस का समझानहारा कोई नही मिमला 25 तब यस न फिरौन स कहा फिरौन का fवपन एक ही ह परमशवर जो काम फिकया चाहता ह उसको उसन

फिरौन को जताया ह 26 व सात अचछी अचछी गाय सात वरष ह और व सात अचछी अचछी बाल भी सात वरष ह fवपन एक ही ह 27 फिर उनक पीछ जो दबल और कडौल गाय फिनकली और जो सात छछी और परवाई स मरझाई हई बालफिनकाली व अकाल क सात वरष होग 28 यह वही बात ह जो म फिरौन स कह चका ह फिक परमशवर जो काम फिकया चाहता ह उस उसन फिरौन

को दिदाया ह 29 सन सार मिमसर दश म सात वरष तो बहतायत की उपज क होग 30 उनक पशचात सात वरष अकाल क आयग और सार मिमसर दश म लोग इस सारी उपज को भल जायग और

अकाल स दश का नाश होगा 31 और सकाल ( बहतायत की उपज) दश म फिर fमरण न रहगा $योफिक अकाल अतयनत भयकर होगा 32 और फिरौन न जो यह fवपन दो बार दा ह इसका भद यही ह फिक यह बात परमशवर की ओर स फिनयकत हो

चकी ह और परमशवर इस शीघर ही परा करगा 33 इसलिलय अब फिरौन फिकसी समझदार और बजिyमान पररष को ढढ़ करक उस मिमसर दश पर परधानमतरीठहराए 34 फिरौन यह कर फिक दश पर अमिधकारिरयो को फिनयकत कर और जब तक सकाल क सात वरष रह तब तक

वह मिमसर दश की उपज का पचमाश लिलया कर 35 और व इन अचछ वरषz म सब परकार की भोजन वfत इकटठा कर और नगर नगर म भणडार घर भोजन क

लिलय फिरौन क वश म करक उसकी रकषा कर 36 और वह भोजनवfत अकाल क उन सात वरषz क लिलय जो मिमसर दश म आएग दश क भोजन क फिनमिम

री रह जिजस स दश उस अकाल स fतयानाश न हो जाए 37 यह बात फिरौन और उसक सार कमचारिरयो को अचछी लगी 38 सो फिरौन न अपन कमचारिरयोस कहा फिक $या हम को ऐसा पररष जसा यह ह जिजस म परमशवर का

आतमा रहता ह मिमल सकता ह 39 फिर फिरौन न यस स कहा परमशवर न जो तझ इतना जञान दिदया ह फिक तर तलय कोई समझदार और

बजिyमान नही 40 इस कारण त मर घर का अमिधकारी होगा और तरी आजञा क अनसार मरी सारी परजा चलगी कवल

राजगददी क फिवरषय म तझ स बड़ा ठहरगा 41 फिर फिरौन न यस स कहा सन म तझ को मिमसर क सार दश क ऊपर अमिधकारी ठहरा दता ह 42 तब फिरौन न अपन हाथ स अगठी फिनकाल क यस क हाथ म पफिहना दी और उसको बदिढय़ा मलमल क

वfतर पफिहनवा दिदए और उसक गल म सोन की जजीर डाल दी 43 और उसको अपन दसर रथ पर चढ़वाया और लोग उसक आग आग यह परचार करत चल फिक घNन

Nककर दणडवत करो और उसन उसको मिमसर क सार दश क ऊपर परधान मतरी ठहराया 44 फिर फिरौन न यस स कहा फिरौन तो म ह और सार मिमसर दश म कोई भी तरी आजञा क फिबना हाथ

पाव न फिहलाएगा 45 और फिरौन न यस का नाम सापन तपानह रा और ओन नगर क याजक पोतीपरा की बNी आसनत स

उसका बयाह करा दिदया और यस मिमसर क सार दश म दौरा करन लगा 46 जब यस मिमसर क राजा फिरौन क समम ड़ा हआ तब वह तीस वरष का था सो वह फिरौन क

समम स फिनकलकर मिमसर क सार दश म दौरा करन लगा 47 सकाल क सातो वरषzम भमिम बहतायत स अनन उपजाती रही 48 और यस उन सातो वरषz म सब परकार की भोजनवfतए जो मिमसर दश म होती थी जमा करक नगरो म

रता गया और हर एक नगर क चारो ओर क तो की भोजनवfतओ को वह उसी नगर म इकटठा करतागया 49 सो यस न अनन को समदर की बाल क समान अतयनत बहतायत स रालिश रालिश करक रा यहा तक फिक

उसन उनका फिगनना छोड़ दिदया $योफिक व असखय हो गई 50 अकाल क परथम वरष क आन स पफिहल यस क दो पतर ओन क याजक पोतीपरा की बNी आसनत सजनम 51 और यस न अपन जठ का नाम यह कहक मनशश रा फिक परमशवर न मझ स सारा $लश और मर

फिपता का सारा घराना भला दिदया ह 52 और दसर का नाम उसन यह कहकर एपरम रा फिक मझ द भोगन क दश म परमशवर न लाया

लाया ह 53 और मिमसर दश क सकाल क व सात वरष समापत हो गए

54 और यस क कहन क अनसार सात वरषz क लिलय अकाल आरमभ हो गया और सब दशो म अकाल पड़न लगा परनत सार मिमसर दश म अनन था 55 जब मिमसर का सारा दश भो मरन लगा तब परजा फिरोन स लिचलला लिचललाकर रोNी मागन लगी और वह

सब मिमततिसरयो स कहा करता था यस क पास जाओ और जो कछ वह तम स कह वही करो 56 सो जब अकाल सारी पथवी पर ल गया और मिमसर दश म काल का भयकर रप हो गया तब यस सब

भणडारो को ोल ोल क मिमततिसरयो क हाथ अनन बचन लगा 57 सो सारी पथवी क लोग मिमसर म अनन मोल लन क लिलय यस क पास आन लग $योफिक सारी पथवी पर

भयकर अकाल था

अधयाय४२

01 जब याकब न सना फिक मिमसर म अनन ह तब उसन अपन पतरो स कहा तम एक दसर का मह $यो द रहहो 02 फिर उसन कहा म न सना ह फिक मिमसर म अनन ह इसलिलय तम लोग वहा जा कर हमार लिलय अनन मोल लआओ जिजस स हम न मर वरन जीफिवत रह 03 सो यस क दस भाई अनन मोल लन क लिलय मिमसर को गए 04 पर यस क भाई फिबनयामीन को याकब न यह सोचकर भाइयो क साथ न भजा फिक कही ऐसा न हो फिक

उस पर कोई फिवपतति आ पड़ 05 सो जो लोग अनन मोल लन आए उनक साथ इसराएल क पतर भी आए $योफिक कनान दश म भी भारी

अकाल था 06 यस तो मिमसर दश का अमिधकारी था और उस दश क सब लोगो क हाथ वही अनन बचता था इसलिलय

जब यस क भाई आए तब भमिम पर मह क बल फिगर क दणडवत फिकया 07 उन को दकर यस न पफिहचान तो लिलया परनत उनक सामहन भोला बनक कठोरता क साथ उन सपछा तम कहा स आत हो उनहोन कहा हम तो कनान दश स अनन मोल लन क लिलय आए ह 08 यस न तो अपन भाइयो को पफिहचान लिलया परनत उनहोन उसको न पफिहचाना 09 तब यस अपन उन fवपनो को fमरण करक जो उसन उनक फिवरषय म द थ उन स कहन लगा तम

भदिदए हो इस दश की ददशा को दन क लिलय आए हो 10 उनहोन उसस कहा नही नही ह परभ तर दास भोजनवfत मोल लन क लिलय आए ह 11 हम सब एक ही फिपता क पतर ह हम सीध मनषय ह तर दास भदिदए नही 12 उसन उन स कहा नही नही तम इस दश की ददशा दन ही को आए हो 13 उनहोन कहा हम तर दास बारह भाई ह और कनान दशवासी एक ही पररष क पतर ह और छोNा इस

समय हमार फिपता क पास ह और एक जाता रहा 14 तब यस न उन स कहा म न तो तम स कह दिदया फिक तम भदिदए हो 15 सो इसी रीफित स तम पर जाओग फिरौन क जीवन की शपथ जब तक तमहारा छोNा भाई यहा न आए

तब तक तम यहा स न फिनकलन पाओग 16 सो अपन म स एक को भज दो फिक वह तमहार भाई को ल आए और तम लोग बनधवाई म रहोग इस

परकार तमहारी बात परी जाएगी फिक तम म सचचाई ह फिक नही यदिद सचच न ठहर तब तो फिरौन क जीवन की शपथ तम फिनशचय ही भदिदए समझ जाओग

17 तब उसन उन को तीन दिदन तक बनदीगह म रा 18 तीसर दिदन यस न उन स कहा एक काम करो तब जीफिवत रहोग $योफिक म परमशवर का भय मानता ह 19 यदिद तम सीध मनषय हो तो तम सब भाइयो म स एक जन इस बनदीगह म बनधआ रह और तम अपन

घर वालो की भ बझान क लिलय अनन ल जाओ 20 और अपन छोN भाई को मर पास ल आओ इस परकार तमहारी बात सचची ठहरगी और तम मार डाल न

जाओग तब उनहोन वसा ही फिकया

21 उनहोन आपस म कहा फिन fनदह हम अपन भाई क फिवरषय म दोरषी ह $योफिक जब उसन हम स फिगड़फिगड़ा क फिबनती की तौभी हम न यह दकर फिक उसका जीवन कस सकN म पड़ा ह उसकी न सनी इसी कारण हम भी अब इस सकN म पड़ ह

22 रबन न उन स कहा $या म न तम स न कहा था फिक लड़क क अपराधी मत बनो परनत तम न न सना दो अब उसक लोह का पलNा दिदया जाता ह 23 यस की और उनकी बातचीत जो एक दभाफिरषया क दवारा होती थी इस स उन को मालम न हआ फिक वह

उनकी बोली समझता ह 24 तब वह उनक पास स हNकर रोन लगा फिर उनक पास लौNकर और उन स बातचीत करक उन म स

लिशमोन को छाN फिनकाला और उसक सामहन बनधआ रा 25 तब यस न आजञा दी फिक उनक बोर अनन स भरो और एक एक जन क बोर म उसक रपय को भी रदो फिर उन को माग क लिलय सीधा दो सो उनक साथ ऐसा ही फिकया गया 26 तब व अपना अनन अपन गदहो पर लादकर वहा स चल दिदए 27 सराय म जब एक न अपन गदह को चारा दन क लिलय अपना बोरा ोला तब उसका रपया बोर क मोहड़

पर रा हआ दिदलाई पड़ा 28 तब उसन अपन भाइयो स कहा मरा रपया तो र दिदया गया ह दो वह मर बोर म ह तब उनक जी म जी न रहा और व एक दसर की और भय स ताकन लग और बोल परमशवर न यह हम स $या फिकया ह

29 और व कनान दश म अपन फिपता याकब क पास आए और अपना सारा वानत उसस इस परकार वणनफिकया 30 फिक जो पररष उस दश का fवामी ह उसन हम स कठोरता क साथ बात की और हम को दश क भदिदएकहा 31 तब हम न उसस कहा हम सीध लोग ह भदिदए नही 32 हम बारह भाई एक ही फिपता क पतर ह एक तो जाता रहा परनत छोNा इस समय कनान दश म हमार फिपता

क पास ह 33 तब उस पररष न जो उस दश का fवामी ह हम स कहा इस स मालम हो जाएगा फिक तम सीध मनषयहो तम अपन म स एक को मर पास छोड़ क अपन घर वालो की भ बझान क लिलय कछ ल जाओ 34 और अपन छोN भाई को मर पास ल आओ तब मझ फिवशवास हो जाएगा फिक तम भदिदए नही सीध लोग

हो फिर म तमहार भाई को तमह सौप दगा और तम इस दश म लन दन कर सकोग 35 यह कहकर व अपन अपन बोर स अनन फिनकालन लग तब $या दा फिक एक एक जन क रपय की

थली उसी क बोर म री ह तब रपय की थलिलयो को दकर व और उनका फिपता बहत डर गए 36 तब उनक फिपता याकब न उन स कहा मझ को तम न फिनव^श कर दिदया दो यस नही रहा और

लिशमोन भी नही आया और अब तम फिबनयामीन को भी ल जाना चाहत हो य सब फिवपततिया मर ऊपर आ पड़ीह 37 रबन न अपन फिपता स कहा यदिद म उसको तर पास न लाऊ तो मर दोनो पतरो को मार डालना त उसको

मर हाथ म सौप द म उस तर पास फिर पहचा दगा 38 उसन कहा मरा पतर तमहार सग न जाएगा $योफिक उसका भाई मर गया ह और वह अब अकला रह गया

इसलिलय जिजस माग स तम जाओग उस म यदिद उस पर कोई फिवपतति आ पड़ तब तो तमहार कारण म इस बढ़ाप की अवसथा म शोक क साथ अधोलोक म उतर जाऊगा

अधयाय४३

01 और अकाल दश म और भी भयकर होता गया 02 जब वह अनन जो व मिमसर स ल आए थ समापत हो गया तब उनक फिपता न उन स कहा फिर जा कर हमार

लिलय थोड़ी सी भोजनवfत मोल ल आओ 03 तब यहदा न उसस कहा उस पररष न हम को लिचतावनी दकर कहा फिक यदिद तमहारा भाई तमहार सग न

आए तो तम मर समम न आन पाओग 04 इसलिलय यदिद त हमार भाई को हमार सग भज तब तो हम जा कर तर लिलय भोजनवfत मोल ल आएग 05 परनत यदिद त उसको न भज तो हम न जाएग $योफिक उस पररष न हम स कहा फिक यदिद तमहारा भाई

तमहार सग न हो तो तम मर समम न आन पाओग 06 तब इसराएल न कहा तम न उस पररष को यह बताकर फिक हमारा एक और भाई ह $यो मझ स बरा

बताव फिकया 07 उनहोन कहा जब उस पररष न हमारी और हमार कNमबिमबयो की दशा को इस रीफित पछा फिक $या तमहारा

फिपता अब तक जीफिवत ह $या तमहार कोई और भाई भी ह तब हम न इन परशनो क अनसार उसस वणनफिकया फिर हम $या जानत थ फिक वह कहगा फिक अपन भाई को यहा ल आओ 08 फिर यहदा न अपन फिपता इसराएल स कहा उस लड़क को मर सग भज द फिक हम चल जाए इस स हम

और त और हमार बालबचच मरन न पाएग वरन जीफिवत रहग 09 म उसका जामिमन होता ह मर ही हाथ स त उसको र लना यदिद म उसको तर पास पहचाकर सामहन न

ड़ाकर द तब तो म सदा क लिलय तरा अपराधी ठहरगा 10 यदिद हम लोग फिवलमब न करत तो अब तब दसरी बार लौN आत 11 तब उनक फिपता इसराएल न उन स कहा यदिद सचमच ऐसी ही बात ह तो यह करो इस दश की उम

उम वfतओ म स कछ कछ अपन बोरो म उस पररष क लिलय भN ल जाओ जस थोड़ा सा बलसान और थोड़ा सा मध और कछ सगनध दरवय और गनधरस फिपfत और बादाम

12 फिर अपन अपन साथ दना रपया ल जाओ और जो रपया तमहार बोरो क मह पर रकर र दिदया गया था उसको भी लत जाओ कदालिचत यह भल स हआ हो 13 और अपन भाई को भी सग ल कर उस पररष क पास फिर जाओ 14 और सवशलिकतमान ईशवर उस पररष को तम पर दयाल करगा जिजस स फिक वह तमहार दसर भाई को और

फिबनयामीन को भी आन द और यदिद म फिनवश हआ तो होन दो 15 तब उन मनषयो न वह भN और दना रपया और फिबनयामीन को भी सग लिलया और चल दिदए और मिमसर म पहचकर यस क सामहन ड़ हए

16 उनक साथ फिबनयामीन को दकर यस न अपन घर क अमिधकारी स कहा उन मनषयो को घर म पहचादो और पश मारक भोजन तयार करो $योफिक व लोग दोपहर को मर सग भोजन करग 17 तब वह अमिधकारी पररष यस क कहन क अनसार उन पररषो को यस क घर म ल गया 18 जब व यस क घर को पहचाए गए तब व आपस म डर कर कहन लग फिक जो रपया पफिहली बार हमार

बोरो म र दिदया गया था उसी क कारण हम भीतर पहचाए गए ह जिजस स फिक वह पररष हम पर NN पड़ और हम वश म करक अपन दास बनाए और हमार गदहो को भी छीन ल

19 तब व यस क घर क अमिधकारी क फिनकN जा कर घर क दवार पर इस परकार कहन लग 20 फिक ह हमार परभ जब हम पफिहली बार अनन मोल लन को आए थ 21 तब हम न सराय म पहचकर अपन बोरो को ोला तो $या दा फिक एक एक जन का परा परा रपया

उसक बोर क मह म रा ह इसलिलय हम उसको अपन साथ फिर लत आए ह 22 और दसरा रपया भी भोजनवfत मोल लन क लिलय लाए ह हम नही जानत फिक हमारा रपया हमार बोरो म फिकस न र दिदया था

23 उसन कहा तमहारा कशल हो मत डरो तमहारा परमशवर जो तमहार फिपता का भी परमशवर ह उसी न तम को तमहार बोरो म धन दिदया होगा तमहारा रपया तो मझ को मिमल गया था फिर उसन लिशमोन को फिनकाल कर

उनक सग कर दिदया 24 तब उस जन न उन मनषयो को यस क घर म ल जा कर जल दिदया तब उनहोन अपन पावो को धोया

फिर उसन उनक गदहो क लिलय चारा दिदया 25 तब यह सनकर फिक आज हम को यही भोजन करना होगा उनहोन यस क आन क समय तक अथात

दोपहर तक उस भN को इकटठा कर रा 26 जब यस घर आया तब व उस भN को जो उनक हाथ म थी उसक समम घर म ल गए और भमिम पर

फिगरकर उसको दणडवत फिकया 27 उसन उनका कशल पछा और कहा $या तमहारा बढ़ा फिपता जिजसकी तम न चचा की थी कशल स ह

$या वह अब तक जीफिवत ह 28 उनहोन कहा हा तरा दास हमारा फिपता कशल स ह और अब तक जीफिवत ह तब उनहोन लिसर झका कर

फिर दणडवत फिकया 29 तब उसन आ उठा कर और अपन सग भाई फिबनयामीन को दकर पछा $या तमहारा वह छोNा भाई

जिजसकी चचा तम न मझ स की थी यही ह फिर उसन कहा ह मर पतर परमशवर तझ पर अनगरह कर 30 तब अपन भाई क fनह स मन भर आन क कारण और यह सोचकर फिक म कहा जा कर रोऊ यस

त स अपनी कोठरी म गया और वहा रो पड़ा 31 फिर अपना मह धोकर फिनकल आया और अपन को शात कर कहा भोजन परोसो 32 तब उनहोन उसक लिलय तो अलग और भाइयो क लिलय भी अलग और जो मिमसरी उसक सग ात थ

उनक लिलय भी अलग भोजन परोसा इसलिलय फिक मिमसरी इफिबरयो क साथ भोजन नही कर सकत वरन मिमसरी ऐसा करना घणा समझत थ

33 सो यस क भाई उसक सामहन बड़ बड़ पफिहल और छोN छोN पीछ अपनी अपनी अवसथा क अनसार करम स बठाए गए यह द व फिवसमिfमत हो कर एक दसर की ओर दन लग

34 तब यस अपन सामहन स भोजन- वfतए उठा उठाक उनक पास भजन लगा और फिबनयामीन को अपन भाइयो स पचगणी अमिधक भोजनवfत मिमली और उनहोन उसक सग मनमाना ाया फिपया

अधयाय४४

01 तब उसन अपन घर क अमिधकारी को आजञा दी फिक इन मनषयो क बोरो म जिजतनी भोजनवfत समा सक उतनी भर द और एक एक जन क रपय को उसक बोर क मह पर र द

02 और मरा चादी का कNोरा छोN क बोर क मह पर उसक अनन क रपय क साथ र द यस की इस आजञा क अनसार उसन फिकया

03 फिबहान को भोर होत ही व मनषय अपन गदहो समत फिवदा फिकए गए 04 व नगर स फिनकल ही थ और दर न जान पाए थ फिक यस न अपन घर क अमिधकारी स कहा उन

मनषयो का पीछा कर और उन को पाकर उन स कह फिक तम न भलाई की सनती बराई $यो की ह 05 $या यह वह वfत नही जिजस म मरा fवामी पीता ह और जिजस स वह शकन भी फिवचारा करता ह तम न

यह जो फिकया ह सो बरा फिकया 06 तब उसन उनह जा लिलया और ऐसी ही बात उन स कही 07 उनहोन उसस कहा ह हमार परभ त ऐसी बात $यो कहता ह ऐसा काम करना तर दासो स दर रह 08 द जो रपया हमार बोरोक मह पर फिनकला था जब हम न उसको कनान दश स ल आकर तझ रदिदया तब भला तर fवामी क घर म स हम कोई चादी वा सोन की वfत $योकर चरा सकत ह 09 तर दासो म स जिजस फिकसी क पास वह फिनकल वह मार डाला जाए और हम भी अपन उस परभ क दास

जो जाए 10 उसन कहा तमहारा ही कहना सही जिजसक पास वह फिनकल सो मरा दास होगा और तम लोग फिनरपराधठहरोग 11 इस पर व त स अपन अपन बोर को उतार भमिम पर रकर उनह ोलन लग 12 तब वह ढढ़न लगा और बड़ क बोर स लकर छोN क बोर तक ोज की और कNोरा फिबनयामीन क बोर म मिमला 13 तब उनहोन अपन अपन वfतर ाड़ और अपना अपना गदहा लादकर नगर को लौN गए 14 जब यहदा और उसक भाई यस क घर पर पहच और यस वही था तब व उसक सामहन भमिम परफिगर 15 यस न उन स कहा तम लोगो न यह कसा काम फिकया ह $या तम न जानत थ फिक मझ सा मनषय

शकन फिवचार सकता ह 16 यहदा न कहा हम लोग अपन परभ स $या कह हम $या कहकर अपन को फिनदरषी ठहराए परमशवर न

तर दासो क अधम को पकड़ लिलया ह हम और जिजसक पास कNोरा फिनकला वह भी हम सब क सब अपन परभ क दास ही ह

17 उसन कहा ऐसा करना मझ स दर रह जिजस जन क पास कNोरा फिनकला ह वही मरा दास होगा और तम लोग अपन फिपता क पास कशल कषम स चल जाओ

18 तब यहदा उसक पास जा कर कहन लगा ह मर परभ तर दास को अपन परभ स एक बात कहन की आजञा हो और तरा कोप तर दास पर न भड़क त तो फिरौन क तलय ह 19 मर परभ न अपन दासो स पछा था फिक $या तमहार फिपता वा भाई ह 20 और हम न अपन परभ स कहा हा हमारा बढ़ा फिपता तो ह और उसक बढ़ाप का एक छोNा सा बालक भी ह परनत उसका भाई मर गया ह इसलिलय वह अब अपनी माता का अकला ही रह गया ह और उसका फिपता

उसस fनह रता ह 21 तब त न अपन दासो स कहा था फिक उसको मर पास ल आओ जिजस स म उसको द 22 तब हम न अपन परभ स कहा था फिक वह लड़का अपन फिपता को नही छोड़ सकता नही तो उसका फिपता

मर जाएगा 23 और त न अपन दासो स कहा यदिद तमहारा छोNा भाई तमहार सग न आए तो तम मर समम फिर न आन पाओग 24 सो जब हम अपन फिपता तर दास क पास गए तब हम न उसस अपन परभ की बात कही 25 तब हमार फिपता न कहा फिर जा कर हमार लिलय थोड़ी सी भोजनवfत मोल ल आओ 26 हम न कहा हम नही जा सकत हा यदिद हमारा छोNा भाई हमार सग रह तब हम जाएग $योफिक यदिद

हमारा छोNा भाई हमार सग न रह तो उस पररष क समम न जान पाएग 27 तब तर दास मर फिपता न हम स कहा तम तो जानत हो फिक मरी fतरी स दो पतर उतपनन हए 28 और उन म स एक तो मझ छोड़ ही गया और म न फिनशचय कर लिलया फिक वह ाड़ डाला गया होगा और

तब स म उसका मह न द पाया 29 सो यदिद तम इस को भी मरी आ की आड़ म ल जाओ और कोई फिवपतति इस पर पड़ तो तमहार कारण म इस प$क बाल की अवसथा म द क साथ अधोलोक म उतर जाऊगा

30 सो जब म अपन फिपता तर दास क पास पहच और यह लड़का सग न रह तब उसका पराण जो इसी पर अNका रहता ह

31 इस कारण यह दक फिक लड़का नही ह वह तरनत ही मर जाएगा तब तर दासो क कारण तरा दास हमारा फिपता जो प$क बालो की अवसथा का ह शोक क साथ अधोलोक म उतर जाएगा

32 फिर तरा दास अपन फिपता क यहा यह कहक इस लड़क का जामिमन हआ ह फिक यदिद म इस को तर पास न पहचा द तब तो म सदा क लिलय तरा अपराधी ठहरगा

33 सो अब तरा दास इस लड़क की सनती अपन परभ का दास हो कर रहन की आजञा पाए और यह लड़का अपन भाइयो क सग जान दिदया जाए

34 $योफिक लड़क क फिबना सग रह म $योकर अपन फिपता क पास जा सकगा ऐसा न हो फिक मर फिपता पर जोद पड़गा वह मझ दना पड़

अधयाय४५

01 तब यस उन सब क सामहन जो उसक आस पास ड़ थ अपन को और रोक न सका और पकार ककहा मर आस पास स सब लोगो को बाहर कर दो भाइयो क सामहन अपन को परगN करन क समय यस क

सग और कोई न रहा 02 तब वह लिचलला लिचललाकर रोन लगा और मिमततिसरयो न सना और फिरौन क घर क लोगो को भी इसका

समाचार मिमला 03 तब यस अपन भाइयो स कहन लगा म यस ह $या मरा फिपता अब तब जीफिवत ह इसका उर

उसक भाई न द सक $योफिक व उसक सामहन घबरा गए थ

04 फिर यस न अपन भाइयो स कहा मर फिनकN आओ यह सनकर व फिनकN गए फिर उसन कहा म तमहारा भाई यस ह जिजस को तम न मिमसर आनहारो क हाथ बच डाला था

05 अब तम लोग मत पछताओ और तम न जो मझ यहा बच डाला इस स उदास मत हो $योफिक परमशवर न तमहार पराणो को बचान क लिलय मझ आग स भज दिदया ह

06 $योफिक अब दो वरष स इस दश म अकाल ह और अब पाच वरष और ऐस ही होग फिक उन म न तो हल चलगा और न अनन काNा जाएगा

07 सो परमशवर न मझ तमहार आग इसी लिलय भजा फिक तम पथवी पर जीफिवत रहो और तमहार पराणो क बचन स तमहारा वश बढ़

08 इस रीफित अब मझ को यहा पर भजन वाल तम नही परमशवर ही ठहरा और उसी न मझ फिरौन का फिपतासा और उसक सार घर का fवामी और सार मिमसर दश का परभ ठहरा दिदया ह 09 सो शीघर मर फिपता क पास जा कर कहो तरा पतर यस इस परकार कहता ह फिक परमशवर न मझ सार

मिमसर का fवामी ठहराया ह इसलिलय त मर पास फिबना फिवलमब फिकए चला आ 10 और तरा फिनवास गोशन दश म होगा और त बN पोतो भड़-बकरिरयो गाय-बलो और अपन सब कछ

समत मर फिनकN रहगा 11 और अकाल क जो पाच वरष और होग उन म म वही तरा पालन पोरषण करगा ऐसा न हो फिक त और

तरा घराना वरन जिजतन तर ह सो भो मर 12 और तम अपनी आो स दत हो और मरा भाई फिबनयामीन भी अपनी आो स दता ह फिक जो हम

स बात कर रहा ह सो यस ह 13 और तम मर सब वभव का जो मिमसर म ह और जो कछ तम न दा ह उस सब को मर फिपता स वणनकरना और तरनत मर फिपता को यहा ल आना 14 और वह अपन भाई फिबनयामीन क गल स लिलपN कर रोया और फिबनयामीन भी उसक गल स लिलपN कररोया 15 तब वह अपन सब भाइयो को चम कर उन स मिमल कर रोया और इसक पशचात उसक भाई उसस बात

करन लग 16 इस बात की चचा फिक यस क भाई आए ह फिरौन क भवन तब पहच गई और इस स फिरौन और

उसक कमचारी परसनन हए 17 सो फिरौन न यस स कहा अपन भाइयो स कह फिक एक काम करो अपन पशओ को लादकर कनान

दश म चल जाओ 18 और अपन फिपता और अपन अपन घर क लोगो को ल कर मर पास आओ और मिमसर दश म जो कछ

अचछ स अचछा ह वह म तमह दगा और तमह दश क उम स उम पदाथ ान को मिमलग 19 और तझ आजञा मिमली ह तम एक काम करो फिक मिमसर दश स अपन बालबचचो और मबिfतरयो क लिलय

गाफिडया ल जाओ और अपन फिपता को ल आओ 20 और अपनी सामगरी का मोह न करना $योफिक सार मिमसर दश म जो कछ अचछ स अचछा ह सो तमहारा ह 21 और इसराएल क पतरो न वसा ही फिकया और यस न फिरौन की मान क उनह गाफिडया दी और माग क

लिलय सीधा भी दिदया 22 उन म स एक एक जन को तो उसन एक एक जोड़ा वfतर भी दिदया और फिबनयामीन को तीन सौ रप क

Nकड़ और पाच जोड़ वfतर दिदए 23 और अपन फिपता क पास उसन जो भजा वह यह ह अथात मिमसर की अचछी वfतओ स लद हए दस गदह

और अनन और रोNी और उसक फिपता क माग क लिलय भोजनवfत स लदी हई दस गदफिहया 24 और उसन अपन भाइयो को फिवदा फिकया और व चल दिदए और उसन उन स कहा माग म कही झगड़ा नकरना 25 मिमसर स चलकर व कनान दश म अपन फिपता याकब क पास पहच 26 और उसस यह वणन फिकया फिक यस अब तक जीफिवत ह और सार मिमसर दश पर परभता वही करता ह

पर उसन उनकी परतीफित न की और वह अपन आप म न रहा 27 तब उनहोन अपन फिपता याकब स यस की सारी बात जो उसन उन स कही थी कह दी जब उसन उन

गाफिडय़ो को दा जो यस न उसक ल आन क लिलय भजी थी तब उसका लिच तततिसथर हो गया

28 और इसराएल न कहा बस मरा पतर यस अब तक जीफिवत ह म अपनी मतय स पफिहल जा कर उसकोदगा

अधयाय४६

01 तब इसराएल अपना सब कछ ल कर कच करक बशबा को गया और वहा अपन फिपता इसहाक क परमशवर को बलिलदान चढ़ाए

02 तब परमशवर न इसराएल स रात को दशन म कहा ह याकब ह याकब उसन कहा $या आजञा 03 उसन कहा म ईशवर तर फिपता का परमशवर ह त मिमसर म जान स मत डर $योफिक म तझ स वहा एक बड़ी

जाफित बनाऊगा 04 म तर सग सग मिमसर को चलता ह और म तझ वहा स फिर फिनशचय ल आऊगा और यस अपना हाथ

तरी आो पर लगाएगा 05 तब याकब बशबा स चला और इसराएल क पतर अपन फिपता याकब और अपन बाल-बचचो और मबिfतरयो

को उन गाफिडय़ो पर जो फिरौन न उनक ल आन को भजी थी चढ़ाकर चल पड़ 06 और व अपनी भड़-बकरी गाय-बल और कनान दश म अपन इकटठा फिकए हए सार धन को ल कर मिमसर म आए 07 और याकब अपन बN-बदिNयो पोत-पोफितयो फिनदान अपन वश भर को अपन सग मिमसर म ल आया 08 याकब क साथ जो इसराएली अथात उसक बN पोत आदिद मिमसर म आए उनक नाम य ह याकब का

जठा तो रबन था 09 और रबन क पतर हनोक पलल हसरोन और कमम थ 10 और लिशमोन क पतर यमएल यामीन ओहद याकीन सोहर और एक कनानी fतरी स जनमा हआ शाऊल

भी था 11 और लवी क पतर गशन कहात और मरारी थ 12 और यहदा क एर ओनान शला परस और जरह नाम पतर हए तो थ पर एर और ओनान कनान दश म

मर गए थ और परस क पतर हfतरोन और हामल थ 13 और इfसाकार क पतर तोला पबबा योब और लिशमरोन थ 14 और जबलन क पतर सरद एलोन और यहलल थ 15 लिलआ क पतर जो याकब स पददनराम म उतपनन हए थ उनक बN पोत य ही थ और इन स अमिधक उसन

उसक साथ एक बNी दीना को भी जनम दिदया यहा तक तो याकब क सब वश वाल ततीस पराणी हए 16 फिर गाद क पतर लिसययोन हागगी शनी एसबोन एरी अरोदी और अरली थ 17 और आशर क पतर मियमना मियशवा मियfतरी और बरीआ थ और उनकी बफिहन सरह थी और बरीआ कपतर हबर और मलकीएल थ 18 जिजलपा जिजस लाबान न अपनी बNी लिलआ को दिदया था उसक बN पोत आदिद य ही थ सो उसक दवारा

याकब क सोलह पराणी उतपनन हए 19 फिर याकब की पतनी राहल क पतर यस और फिबनयामीन थ 20 और मिमसर दश म ओन क याजक पोतीपरा की बNी आसनत स यस क य पतर उतपनन हए अथात मनशश

और एपरम 21 और फिबनयामीन क पतर बला बकर अशबल गरा नामान एही रोश मपपीम हपपीम और आद थ 22 राहल क पतर जो याकब स उतपनन हए उनक य ही पतर थ उसक य सब बN पोत चौदह पराणी हए 23 फिर दान का पतर हशीम था 24 और नपताली क पतर यहसल गनी ससर और लिशललम थ 25 फिबलहा जिजस लाबान न अपनी बNी राहल को दिदया उस क बN पोत य ही ह उसक दवारा याकब क वश म

सात पराणी हए 26 याकब क फिनज वश क जो पराणी मिमसर म आए व उसकी बहओ को छोड़ सब मिमलकर लिछयासठ पराणी

हए 27 और यस क पतर जो मिमसर म उसस उतपनन हए व दो पराणी थ इस परकार याकब क घरान क जो पराणी

मिमसर म आए सो सब मिमलकर सर हए 28 फिर उसन यहदा को अपन आग यस क पास भज दिदया फिक वह उसको गोशन का माग दिदाए और व

गोशन दश म आए 29 तब यस अपना रथ जतवाकर अपन फिपता इसराएल स भN करन क लिलय गोशन दश को गया और उसस

भN करक उसक गल स लिलपNा और कछ दर तक उसक गल स लिलपNा हआ रोता रहा 30 तब इसराएल न यस स कहा म अब मरन स भी परसनन ह $योफिक तझ जीफिवत पाया और तरा मह दलिलया 31 तब यस न अपन भाइयो स और अपन फिपता क घरान स कहा म जा कर फिरौन को यह समाचार दगा

फिक मर भाई और मर फिपता क सार घरान क लोग जो कनान दश म रहत थ व मर पास आ गए ह 32 और व लोग चरवाह ह $योफिक व पशओ को पालत आए ह इसलिलय व अपनी भड़-बकरी गाय-बल और

जो कछ उनका ह सब ल आए ह 33 जब फिरौन तम को बलाक पछ फिक तमहारा उदयम $या ह 34 तब यह कहना फिक तर दास लड़कपन स ल कर आज तक पशओ को पालत आए ह वरन हमार परा भी

ऐसा ही करत थ इस स तम गोशन दश म रहन पाओग $योफिक सब चरवाहो स मिमसरी लोग घणा करत ह

अधयाय४७

01 तब यस न फिरौन क पास जा कर यह समाचार दिदया फिक मरा फिपता और मर भाई और उनकी भड़-बकरिरया गाय- बल और जो कछ उनका ह सब कनान दश स आ गया ह और अभी तो व गोशन दश म ह 02 फिर उसन अपन भाइयो म स पाच जन ल कर फिरौन क सामहन ड़ कर दिदए 03 फिरौन न उसक भाइयो स पछा तमहारा उदयम $या ह उनहोन फिरौन स कहा तर दास चरवाह ह और

हमार परा भी ऐस ही रह 04 फिर उनहोन फिरौन स कहा हम इस दश म परदशी की भाफित रहन क लिलय आए ह $योफिक कनान दश म

भारी अकाल होन क कारण तर दासो को भड़- बकरिरयो क लिलय चारा न रहा सो अपन दासो को गोशन दश म रहन की आजञा द

05 तब फिरौन न यस स कहा तरा फिपता और तर भाई तर पास आ गए ह 06 और मिमसर दश तर सामहन पड़ा ह इस दश का जो सब स अचछा भाग हो उस म अपन फिपता और भाइयो

को बसा द अथात व गोशन ही दश म रह और यदिद त जानता हो फिक उन म स परिरशरमी पररष ह तो उनह मर पशओ क अमिधकारी ठहरा द

07 तब यस न अपन फिपता याकब को ल आकर फिरौन क समम ड़ा फिकया और याकब न फिरौन को आशीवाद दिदया

08 तब फिरौन न याकब स पछा तरी अवसथा फिकतन दिदन की हई ह 09 याकब न फिरौन स कहा म तो एक सौ तीस वरष परदशी हो कर अपना जीवन बीता चका ह मर जीवन

क दिदन थोड़ और द स भर हए भी थ और मर बापदाद परदशी हो कर जिजतन दिदन तक जीफिवत रह उतन दिदन का म अभी नही हआ

10 और याकब फिरौन को आशीवाद दकर उसक समम स चला गया 11 तब यस न अपन फिपता और भाइयो को बसा दिदया और फिरौन की आजञा क अनसार मिमसर दश क अचछ

स अचछ भाग म अथात रामसस नाम दश म भमिम दकर उन को सौप दिदया 12 और यस अपन फिपता का और अपन भाइयो का और फिपता क सार घरान का एक एक क बालबचचो

क घरान की फिगनती क अनसार भोजन दिदला दिदलाकर उनका पालन पोरषण करन लगा

13 और उस सार दश म ान को कछ न रहा $योफिक अकाल बहत भारी था और अकाल क कारण मिमसर और कनान दोनो दश नाश हो गए

14 और जिजतना रपया मिमसर और कनान दश म था सब को यस न उस अनन की सनती जो उनक फिनवासी मोल लत थ इकटठा करक फिरौन क भवन म पहचा दिदया

15 जब मिमसर और कनान दश का रपया चक गया तब सब मिमसरी यस क पास आ आकर कहन लग हम को भोजनवfत द $या हम रपय क न रहन स तर रहत हए मर जाए

16 यस न कहा यदिद रपय न हो तो अपन पश द दो और म उनकी सनती तमह ान को दगा 17 तब व अपन पश यस क पास ल आए और यस उन को घोड़ो भड़-बकरिरयो गाय- बलो और गदहो

की सनती ान को दन लगा उस वरष म वह सब जाफित क पशओ की सनती भोजन दकर उनका पालन पोरषण करता रहा

18 वह वरष तो यो कN गया तब अगल वरष म उनहोन उसक पास आकर कहा हम अपन परभ स यह बात लिछपा न रग फिक हमारा रपया चक गया ह और हमार सब परकार क पश हमार परभ क पास आ चक ह

इसलिलय अब हमार परभ क सामहन हमार शरीर और भमिम छोड़कर और कछ नही रहा 19 हम तर दत $यो मर और हमारी भमिम $यो उजड़ जाए हमको और हमारी भमिम को भोजन वfत की

सनती मोल ल फिक हम अपनी भमिम समत फिरौन क दास हो और हम को बीज द फिक हम मरन न पाए वरन जीफिवत रह और भमिम न उजड़

20 तब यस न मिमसर की सारी भमिम को फिरौन क लिलय मोल लिलया $योफिक उस कदिठन अकाल क पड़न स मिमततिसरयो को अपना अपना त बच डालना पड़ा इस परकार सारी भमिम फिरौन की हो गई

21 और एक छोर स ल कर दसर छोर तक सार मिमसर दश म जो परजा रहती थी उसको उसन नगरो म लाकर बसा दिदया

22 पर याजको की भमिम तो उसन न मोल ली $योफिक याजको क लिलय फिरौन की ओर स फिनतय भोजन का बनदोबfत था और फिनतय जो भोजन फिरौन उन को दता था वही व ात थ इस कारण उन को अपनी भमिम

बचनी न पड़ी 23 तब यस न परजा क लोगो स कहा सनो म न आज क दिदन तम को और तमहारी भमिम को भी फिरौन क

लिलय मोल लिलया ह दो तमहार लिलय यहा बीज ह इस भमिम म बोओ 24 और जो कछ उपज उसका पचमाश फिरौन को दना बाकी चार अश तमहार रहग फिक तम उस अपन तो म बोओ और अपन अपन बालबचचो और घर क और लोगो समत ाया करो

25 उनहोन कहा त न हम को बचा लिलया ह हमार परभ क अनगरह की दमिषट हम पर बनी रह और हम फिरौन क दास हो कर रहग

26 सो यस न मिमसर की भमिम क फिवरषय म ऐसा फिनयम ठहराया जो आज क दिदन तक चला आता ह फिक पचमाश फिरौन को मिमला कर कवल याजको ही की भमिम फिरौन की नही हई

27 और इसराएली मिमसर क गोशन दश म रहन लग और वहा की भमिम को अपन वश म कर लिलया और ल-ल और अतयनत बढ़ गए 28 मिमसर दश म याकब सतरह वरष जीफिवत रहा इस परकार याकब की सारी आय एक सौ सतालीस वरष कीहई 29 जब इसराएल क मरन का दिदन फिनकN आ गया तब उसन अपन पतर यस को बलवाकर कहा यदिद तरा

अनगरह मझ पर हो तो अपना हाथ मरी जाघ क तल रकर शपथ ा फिक म तर साथ कपा और सचचाई का यह काम करगा फिक तझ मिमसर म मिमटटी न दगा

30 जब त अपन बापदादो क सग सो जाएगा तब म तझ मिमसर स उठा ल जा कर उनही क कबरिरfतान मरगा तब यस न कहा म तर वचन क अनसार करगा 31 फिर उसन कहा मझ स शपथ ा सो उसन उसस शपथ ाई तब इसराएल न ाN क लिसरहान की ओर

लिसर झकाया

अधयाय४८

01 इन बातो क पशचात फिकसी न यस स कहा सन तरा फिपता बीमार ह तब वह मनशश और एपरम नाम अपन दोनो पतरो को सग ल कर उसक पास चला

02 और फिकसी न याकब को बता दिदया फिक तरा पतर यस तर पास आ रहा ह तब इसराएल अपन को समभाल कर ाN पर बठ गया

03 और याकब न यस स कहा सवशलिकतमान ईशवर न कनान दश क लज नगर क पास मझ दशन दकर आशीरष दी

04 और कहा सन म तझ ला- लाकर बढ़ाऊगा और तझ राजय राजय की मणडली का मल बनाऊगा और तर पशचात तर वश को यह दश द दगा जिजस स फिक वह सदा तक उनकी फिनज भमिम बनी रह

05 और अब तर दोनो पतर जो मिमसर म मर आन स पफिहल उतपनन हए ह व मर ही ठहरग अथात जिजस रीफित स रबन और लिशमोन मर ह उसी रीफित स एपरम और मनशश भी मर ठहरग

06 और उनक पशचात जो सनतान उतपनन हो वह तर तो ठहरग परनत बNवार क समय व अपन भाइयो ही क वश म फिगन जाएग

07 जब म पददान स आता था तब एपराता पहचन स थोड़ी ही दर पफिहल राहल कनान दश म माग म मर सामहन मर गई और म न उस वही अथात एपराता जो बतलहम भी कहलाता ह उसी क माग म मिमटटी दी

08 तब इसराएल को यस क पतर द पड़ और उसन पछा य कौन ह 09 यस न अपन फिपता स कहा य मर पतर ह जो परमशवर न मझ यहा दिदए ह उसन कहा उन को मर पास

ल आ फिक म उनह आशीवाद द 10 इसराएल की आ बढ़ाप क कारण धनधली हो गई थी यहा तक फिक उस कम सझता था तब यस उनह

उनक पास ल गया और उसन उनह चमकर गल लगा लिलया 11 तब इसराएल न यस स कहा मझ आशा न थी फिक म तरा म फिर दन पाऊगा परनत द परमशवर न मझ तरा वश भी दिदाया ह

12 तब यस न उनह अपन घNनो क बीच स हNाकर और अपन मह क बल भमिम पर फिगर क दणडवत की 13 तब यस न उन दोनो को लकर अथात एपरम को अपन दाफिहन हाथ स फिक वह इसराएल क बाए हाथपड़ और मनशश को अपन बाए हाथ स फिक इसराएल क दाफिहन हाथ पड़ उनह उसक पास ल गया 14 तब इसराएल न अपना दफिहना हाथ बढ़ाकर एपरम क लिसर पर जो छोNा था और अपना बाया हाथ बढ़ाकर

मनशश क लिसर पर र दिदया उसन तो जान बझकर ऐसा फिकया नही तो जठा मनशश ही था 15 फिर उसन यस को आशीवाद दकर कहा परमशवर जिजसक समम मर बापदाद इबराहीम और इसहाक( अपन को जानकर ) चलत थ वही परमशवर मर जनम स ल कर आज क दिदन तक मरा चरवाहा बना ह 16 और वही दत मझ सारी बराई स छड़ाता आया ह वही अब इन लड़को को आशीरष द और य मर और मर

बापदाद इबराहीम और इसहाक क कहलाए और पथवी म बहतायत स बढ़ 17 जब यस न दा फिक मर फिपता न अपना दफिहना हाथ एपरम क लिसर पर रा ह तब यह बात उसको बरीलगी सो उसन अपन फिपता का हाथ इस मनसा स पकड़ लिलया फिक एपरम क लिसर पर स उठा कर मनशश क लिसर

पर र द 18 और यस न अपन फिपता स कहा ह फिपता ऐसा नही $योफिक जठा यही ह अपना दफिहना हाथ इसक लिसर

पर र 19 उसक फिपता न कहा नही सन ह मर पतर म इस बात को भली भाफित जानता ह यदयफिप इस स भी मनषयो

की एक मणडली उतपनन होगी और यह भी महान हो जाएगा तौभी इसका छोNा भाई इस स अमिधक महान होजाएगा और उसक वश स बहत सी जाफितया फिनकलगी 20 फिर उसन उसी दिदन यह कहकर उन को आशीवाद दिदया फिक इसराएली लोग तरा नाम ल ल कर ऐसा

आशीवाद दिदया करग फिक परमशवर तझ एपरम और मनशश क समान बना द और उसन मनशश स पफिहल एपरम का नाम लिलया

21 तब इसराएल न यस स कहा द म तो मरन पर ह परनत परमशवर तम लोगो क सग रहगा और तम को तमहार फिपतरो क दश म फिर पहचा दगा

22 और म तझ को तर भाइयो स अमिधक भमिम का एक भाग दता ह जिजस को म न एमोरिरयो क हाथ स अपनी तलवार और धनरष क बल स ल लिलया ह

अधयाय४९

01 फिर याकब न अपन पतरो को यह कहकर बलाया फिक इकटठ हो जाओ म तम को बताऊगा फिक अनत क दिदनो म तम पर $या $या बीतगा

02 ह याकब क पतरो इकटठ हो कर सनो अपन फिपता इसराएल की ओर कान लगाओ 03 ह रबन त मरा जठा मरा बल और मर पौररष का पफिहला ल ह परफितषठा का उम भाग और शलिकत

का भी उम भाग त ही ह 04 त जो जल की नाई उबलन वाला ह इसलिलय औरो स शरषट न ठहरगा $योफिक त अपन फिपता की ाN परचढ़ा तब त न उसको अशy फिकया वह मर फिबछौन पर चढ़ गया 05 लिशमोन और लवी तो भाई भाई ह उनकी तलवार उपदरव क हलिथयार ह 06 ह मर जीव उनक मम म न पड़ ह मरी मफिहमा उनकी सभा म मत मिमल $योफिक उनहोन कोप स मनषयो

को घात फिकया और अपनी ही इचछा पर चलकर बलो की पछ काNी ह 07 मिध$कार उनक कोप को जो परचणड था और उनक रोरष को जो फिनदय था म उनह याकब म अलग अलग

और इसराएल म फितर फिबर कर दगा 08 ह यहदा तर भाई तरा धनयवाद करग तरा हाथ तर शतरओ की गदन पर पड़गा तर फिपता क पतर तझ

दणडवत करग 09 यहदा सिसह का डावर ह ह मर पतर त अहर करक गा म गया ह वह सिसह वा सिसहनी की नाई दबकर

बठ गया फिर कौन उसको छड़गा 10 जब तक शीलो न आए तब तक न तो यहदा स राजदणड छNगा न उसक वश स वयवसथा दनवाला अलगहोगा और राजय राजय क लोग उसक आधीन हो जाएग 11 वह अपन जवान गदह को दालता म और अपनी गदही क बचच को उम जाफित की दालता म बानधा

करगा उसन अपन वfतर दामध म और अपना पफिहरावा दाो क रस म धोया ह 12 उसकी आ दामध स चमकीली और उसक दात दध स शवत होग 13 जबलन समदर क तीर पर फिनवास करगा वह जहाजो क लिलय बनदरगाह का काम दगा और उसका परला

भाग सीदोन क फिनकN पहचगा 14 इfसाकार एक बड़ा और बलवनत गदहा ह जो पशओ क बाड़ो क बीच म दबका रहता ह 15 उसन एक फिवशरामसथान दकर फिक अचछा ह और एक दश फिक मनोहर ह अपन कनध को बोझ उठान

क लिलय झकाया और बगारी म दास का सा काम करन लगा 16 दान इसराएल का एक गोतर हो कर अपन जाफितभाइयो का नयाय करगा 17 दान माग म का एक साप और राfत म का एक नाग होगा जो घोड़ की नली को डसता ह जिजस स

उसका सवार पछाड़ ाकर फिगर पड़ता ह 18 ह यहोवा म तझी स उyार पान की बाN जोहता आया ह 19 गाद पर एक दल चढ़ाई तो करगा पर वह उसी दल क फिपछल भाग पर छापा मारगा 20 आशर स जो अनन उतपनन होगा वह उम होगा और वह राजा क योगय fवादिदषट भोजन दिदया करगा 21 नपताली एक छNी हई हरिरणी ह वह सनदर बात बोलता ह 22 यस बलवनत लता की एक शाा ह वह सोत क पास लगी हई लवनत लता की एक शाा ह उसकी

डालिलया भीत पर स चढ़कर ल जाती ह 23 धनधारिरयो न उसको दिदत फिकया और उस पर तीर मार और उसक पीछ पड़ ह 24 पर उसका धनरष दढ़ रहा और उसकी बाह और हाथ याकब क उसी शलिकतमान ईशवर क हाथो क दवारा

तल हए जिजसक पास स वह चरवाहा आएगा जो इसराएल का पतथर भी ठहरगा 25 यह तर फिपता क उस ईशवर का काम ह जो तरी सहायता करगा उस सवशलिकतमान को जो तझ ऊपर स

आकाश म की आशीरष और नीच स गफिहर जल म की आशीरष और fतनो और गभ की आशीरष दगा 26 तर फिपता क आशीवाद मर फिपतरो क आशीवाद स अमिधक बढ़ गए ह और सनातन पहाफिडय़ो की मन- चाही

वfतओ की नाई बन रहग व यस क लिसर पर जो अपन भाइयो म स नयारा हआ उसी क लिसर क मकN पर

ल लग 27 फिबनयामीन ाड़नहारा हणडार ह सवर तो वह अहर भकषण करगा और साझ को लN बाN लगा 28 इसराएल क बारहो गोतर य ही ह और उनक फिपता न जिजस जिजस वचन स उन को आशीवाद दिदया सो य हीह एक एक को उसक आशीवाद क अनसार उसन आशीवाद दिदया 29 तब उसन यह कहकर उन को आजञा दी फिक म अपन लोगो क साथ मिमलन पर ह इसलिलय मझ फिही

एपरोन की भमिमवाली गा म मर बापदादो क साथ मिमटटी दना 30 अथात उसी गा म जो कनान दश म ममर क सामहन वाली मकपला की भमिम म ह उस भमिम को तो

इबराहीम न फिही एपरोन क हाथ स इसी फिनमिम मोल लिलया था फिक वह कबरिरfतान क लिलय उसकी फिनज भमिमहो 31 वहा इबराहीम और उसकी पतनी सारा को मिमटटी दी गई और वही इसहाक और उसकी पतनी रिरबका को भी

मिमटटी दी गई और वही म न लिलआ को भी मिमटटी दी 32 वह भमिम और उस म की गा फिहततियो क हाथ स मोल ली गई 33 यह आजञा जब याकब अपन पतरो को द चका तब अपन पाव ाN पर समN पराण छोड़ और अपन लोगो म जा मिमला

अधयाय५०

01 तब यस अपन फिपता क मह पर फिगरकर रोया और उस चमा 02 और यस न उन वदयो को जो उसक सवक थ आजञा दी फिक मर फिपता की लोथ म सगनधदरवय भरो तब

वदयो न इसराएल की लोथ म सगनधदरवय भर दिदए 03 और उसक चालीस दिदन पर हए $योफिक जिजनकी लोथ म सगनधदरवय भर जात ह उन को इतन ही दिदन पर

लगत ह और मिमसरी लोग उसक लिलय सर दिदन तक फिवलाप करत रह 04 जब उसक फिवलाप क दिदन बीत गए तब यस फिरौन क घरान क लोगो स कहन लगा यदिद तमहारी

अनगरह की दमिषट मझ पर हो तो मरी यह फिबनती फिरौन को सनाओ 05 फिक मर फिपता न यह कहकर फिक द म मरन पर ह मझ यह शपथ खिलाई फिक जो कबर त न अपन लिलय

कनान दश म दवाई ह उसी म म तझ मिमटटी दगा इसलिलय अब मझ वहा जा कर अपन फिपता को मिमटटी दन की आजञा द ततपशचात म लौN आऊगा

06 तब फिरौन न कहा जा कर अपन फिपता की खिलाई हई शपथ क अनसार उन को मिमटटी द 07 सो यस अपन फिपता को मिमटटी दन क लिलय चला और फिरौन क सब कमचारी अथात उसक भवन कपरफिनय और मिमसर दश क सब परफिनय उसक सग चल 08 और यस क घर क सब लोग और उसक भाई और उसक फिपता क घर क सब लोग भी सग गए पर व

अपन बालबचचो और भड़-बकरिरयो और गाय- बलो को गोशन दश म छोड़ गए 09 और उसक सग रथ और सवार गए सो भीड़ बहत भारी हो गई 10 जब व आताद क लिलहान तक जो यरदन नदी क पार ह पहच तब वहा अतयनत भारी फिवलाप फिकया

और यस न अपन फिपता क सात दिदन का फिवलाप कराया 11 आताद क लिलहान म क फिवलाप को दकर उस दश क फिनवासी कनाफिनयो न कहा यह तो मिमततिसरयो का

कोई भारी फिवलाप होगा इसी कारण उस सथान का नाम आबलमिमसरम पड़ा और वह यरदन क पार ह 12 और इसराएल क पतरो न उसस वही काम फिकया जिजसकी उसन उन को आजञा दी थी 13 अथात उनहोन उसको कनान दश म ल जाकर मकपला की उस भमिमवाली गा म जो ममर क सामहन ह

मिमटटी दी जिजस को इबराहीम न फिही एपरोन क हाथ स इस फिनमिम मोल लिलया था फिक वह कबरिरfतान क लिलय उसकी फिनज भमिम हो

14 अपन फिपता को मिमटटी दकर यस अपन भाइयोऔर उन सब समत जो उसक फिपता को मिमटटी दन क लिलय उसक सग गए थ मिमसर म लौN आया

15 जब यस क भाइयो न दा फिक हमारा फिपता मर गया ह तब कहन लग कदालिचत यस अब हमार पीछ

पड़ और जिजतनी बराई हम न उसस की थी सब का परा पलNा हम स ल 16 इसलिलय उनहोन यस क पास यह कहला भजा फिक तर फिपता न मरन स पफिहल हम यह आजञा दी थी 17 फिक तम लोग यस स इस परकार कहना फिक हम फिबनती करत ह फिक त अपन भाइयो क अपराध और

पाप को कषमा कर हम न तझ स बराई तो की थी पर अब अपन फिपता क परमशवर क दासो का अपराध कषमा कर उनकी य बात सनकर यस रो पड़ा

18 और उसक भाई आप भी जाकर उसक सामहन फिगर पड़ और कहा द हम तर दास ह 19 यस न उन स कहा मत डरो $या म परमशवर की जगह पर ह 20 यदयफिप तम लोगो न मर लिलय बराई का फिवचार फिकया था परनत परमशवर न उसी बात म भलाई का फिवचारफिकया जिजस स वह ऐसा कर जसा आज क दिदन परगN ह फिक बहत स लोगो क पराण बच ह 21 सो अब मत डरो म तमहारा और तमहार बाल- बचचो का पालन पोरषण करता रहगा इस परकार उसन उन

को समझा बझाकर शासदिनत दी 22 और यस अपन फिपता क घरान समत मिमसर म रहता रहा और यस एक सौ दस वरष जीफिवत रहा 23 और यस एपरम क परपोतो तक दन पाया और मनशश क पोत जो माकीर क पतर थ व उतपनन हो कर

यस स गोद म लिलए गए 24 और यस न अपन भाइयो स कहा म तो मरन पर ह परनत परमशवर फिनशचय तमहारी समिध लगा और तमह

इस दश स फिनकाल कर उस दश म पहचा दगा जिजसक दन की उसन इबराहीम इसहाक और याकब स शपथ ाई थी

25 फिर यस न इसराएलिलयो स यह कहकर फिक परमशवर फिनशचय तमहारी समिध लगा उन को इस फिवरषय की शपथ खिलाई फिक हम तरी हफियो को वहा स उस दश म ल जाएग

26 फिनदान यस एक सौ दस वरष का हो कर मर गया और उसकी लोथ म सगनधदरवय भर गए और वह लोथ मिमसर म एक सनदक म री गई

Genesis - -उतपतति अधयाय 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 3

1 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50

मपषठ | बह भारषा | सलिचपषठ | ोज

Page 4: WordPress.com · Web viewअध य य.१ 01. आद म परम श वर न आक श और प थ व क स ष ट क । 02. और प थ व ब ड ल और

11 उसन कहा षटिकस न तझ लिचताया षटिक त नगा ह जिजस वकष का 6ल खान को म न तझ बजाW था कया त न उसका 6ल खाया ह

12 आम न कहा जिजस सतरी को त न मर सग रहन को दिया ह उसी न उस वकष का 6ल मझ दिया और म न खाया

13 तब यहोवा परमशवर न सतरी स कहा त न यह कया षटिकया ह सतरी न कहा सपW न मझ बहका दिया तब म न खाया

14 तब यहोवा परमशवर न सपW स कहा त न जो यह षटिकया ह इसलिलय त सब घरल पशओ और सब बनल पशओ स अलिक शाषटिपत ह त पट क बल चला करगा और जीवन भर मिमटटी चाटता रहगा

15 और म तर और इस सतरी क बीच म और तर वश और इसक वश क बीच म बर उतपनन करगा वह तर लिसर को कचल डालगा और त उसकी एडी को डसगा

16 षटि6र सतरी स उसन कहा म तरी पीडा और तर गभWवती होन क द ख को बहत बढाऊगा त पीषटिडत हो कर बालक उतपनन करगी और तरी लालसा तर पषटित की ओर होगी और वह तझ पर परभता

करगा 17 और आम स उसन कहा त न जो अपनी पतनी की बात सनी और जिजस वकष क 6ल क षटिवरषोय म न तझ आजञा ी थी षटिक त उस न खाना उसको त न खाया ह इसलिलय भमिम तर कारण शाषटिपत ह त उसकी उपज जीवन भर द ख क साथ खाया करगा

18 और वह तर लिलय काट और ऊटकटार उगाएगी और त खत की उपज खाएगा 19 और अपन माथ क पसीन की रोटी खाया करगा और अनत म मिमटटी म मिमल जाएगा कयोषटिक त

उसी म स षटिनकाला गया ह त मिमटटी तो ह और मिमटटी ही म षटि6र मिमल जाएगा 20 और आम न अपनी पतनी का नाम हववा रखा कयोषटिक जिजतन मनषय जीषटिवत ह उन सब की

आदिमाता वही हई 21 और यहोवा परमशवर न आम और उसकी पतनी क लिलय चमड क अगरख बना कर उन को

पषटिहना दिए 22 षटि6र यहोवा परमशवर न कहा मनषय भल बर का जञान पाकर हम म स एक क समान हो गया ह

इसलिलय अब ऐसा न हो षटिक वह हाथ बढा कर जीवन क वकष का 6ल भी तोड क खा ल और सा जीषटिवत रह

23 तब यहोवा परमशवर न उसको अन की बादिटका म स षटिनकाल दिया षटिक वह उस भमिम पर खती कर जिजस म स वह बनाया गया था

24 इसलिलय आम को उसन षटिनकाल दिया और जीवन क वकष क मागW का पहरा न क लिलय अन की बादिटका क पवW की ओर करबो को और चारो ओर घमन वाली जवालामय तलवार को भी षटिनयकत कर दिया

अधयाय४

01 जब आम अपनी पतनी हववा क पास गया तब उसन गभWवती हो कर कन को जनम दिया औरकहा म न यहोवा की सहायता स एक पररषो पाया ह 02 षटि6र वह उसक भाई हाषटिबल को भी जनमी और हाषटिबल तो भड- बकरिरयो का चरवाहा बन गया

परनत कन भमिम की खती करन वाला षटिकसान बना 03 कछ दिनो क पशचात कन यहोवा क पास भमिम की उपज म स कछ भट ल आया 04 और हाषटिबल भी अपनी भड- बकरिरयो क कई एक पषटिहलौठ बचच भट चढान ल आया और उनकी

चब भट चढाई तब यहोवा न हाषटिबल और उसकी भट को तो गरहण षटिकया 05 परनत कन और उसकी भट को उसन गरहण न षटिकया तब कन अषटित करोलित हआ और उसक

मह पर उासी छा गई 06 तब यहोवा न कन स कहा त कयो करोलित हआ और तर मह पर उासी कयो छा गई ह

07 यदि त भला कर तो कया तरी भट गरहण न की जाएगी और यदि त भला न कर तो पाप दवार पर लिछपा रहता ह और उसकी लालसा तरी और होगी और त उस पर परभता करगा

08 तब कन न अपन भाई हाषटिबल स कछ कहा और जब व मान म थ तब कन न अपन भाई हाषटिबल पर चढ कर उस घात षटिकया

09 तब यहोवा न कन स पछा तरा भाई हाषटिबल कहा ह उसन कहा मालम नही कया म अपन भाई का रखवाला ह

10 उसन कहा त न कया षटिकया ह तर भाई का लोह भमिम म स मरी ओर लिचलला कर मरी ोहाई रहा ह

11 इसलिलय अब भमिम जिजसन तर भाई का लोह तर हाथ स पीन क लिलय अपना मह खोला ह उसकी ओर स त शाषटिपत ह

12 चाह त भमिम पर खती कर तौभी उसकी परी उपज षटि6र तझ न मिमलगी और त पथवी पर बहत और भगोडा होगा

13 तब कन न यहोवा स कहा मरा णड सहन स बाहर ह 14 ख त न आज क दिन मझ भमिम पर स षटिनकाला ह और म तरी दषटि की आड म रहगा और

पथवी पर बहत और भगोडा रहगा और जो कोई मझ पाएगा मझ घात करगा 15 इस कारण यहोवा न उसस कहा जो कोई कन को घात करगा उसस सात गणा पलटा लिलया

जाएगा और यहोवा न कन क लिलय एक लिचनह ठहराया ऐसा न हो षटिक कोई उस पाकर मार डाल 16 तब कन यहोवा क सममख स षटिनकल गया और नो नाम श म जो अन क पवW की ओर ह

रहन लगा 17 जब कन अपनी पतनी क पास गया जब वह गभWवती हई और हनोक को जनमी षटि6र कन न एक

नगर बसाया और उस नगर का नाम अपन पतर क नाम पर हनोक रखा 18 और हनोक स ईरा उतपनन हआ और ईरा न महयाएल को जनम दिया और महयाएल न

मतशाएल को और मतशाएल न लमक को जनम दिया 19 और लमक न ो सतरिसतरया बयाह ली जिजन म स एक का नाम आा और दसरी को लिसलला ह 20 और आा न याबाल को जनम दिया वह तमबओ म रहना और जानवरो का पालन इन ोनो

रीषटितयो का उतपाक हआ 21 और उसक भाई का नाम यबाल ह वह वीणा और बासरी आदि बाजो क बजान की सारी रीषटित

का उतपाक हआ 22 और लिसलला न भी तबलकन नाम एक पतर को जनम दिया वह पीतल और लोह क सब ार वाल

हलिथयारो का गढन वाला हआ और तबलकन की बषटिहन नामा थी 23 और लमक न अपनी पतनितनयो स कहा ह आा और ह लिसलला मरी सनो ह लमक की पतनितनयो

मरी बात पर कान लगाओ मन एक पररषो को जो मर चोट लगाता था अथाWत एक जवान को जो मझ घायल करता था घात षटिकया ह

24 जब कन का पलटा सात गणा लिलया जाएगा तो लमक का सcर गणा लिलया जाएगा 25 और आम अपनी पतनी क पास षटि6र गया और उसन एक पतर को जनम दिया और उसका नाम

यह कह क शत रखा षटिक परमशवर न मर लिलय हाषटिबल की सनती जिजस को कन न घात षटिकया एक और वश ठहरा दिया ह

26 और शत क भी एक पतर उतपनन हआ और उसन उसका नाम एनोश रखा उसी समय स लोग यहोवा स पराथWना करन लग

अधयाय५

01 आम की वशावली यह ह जब परमशवर न मनषय की सषटि की तब अपन ही सवरप म उसकोबनाया

02 उसन नर और नारी करक मनषयो की सषटि की और उनह आशीरषो ी और उनकी सषटि क दिन उनका नाम आम रखा

03 जब आम एक सौ तीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा उसकी समानता म उस ही क सवरप क अनसार एक पतर उतपनन हआ उसका नाम शत रखा

04 और शत क जनम क पशचात आम आठ सौ वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट बदिटया उतपनन हई

05 और आम की कल अवसथा नौ सौ तीस वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 06 जब शत एक सौ पाच वरषोW का हआ तब उसन एनोश को जनम दिया 07 और एनोश क जनम क पशचात शत आठ सौ सात वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 08 और शत की कल अवसथा नौ सौ बारह वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 09 जब एनोश नबब वरषोW का हआ तब उसन कनान को जनम दिया 10 और कनान क जनम क पशचात एनोश आठ सौ पनदरह वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया हई 11 और एनोश की कल अवसथा नौ सौ पाच वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 12 जब कनान सcर वरषोW का हआ तब उसन महललल को जनम दिया 13 और महललल क जनम क पशचात कनान आठ सौ चालीस वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 14 और कनान की कल अवसथा नौ सौ स वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 15 जब महललल पसठ वरषोW का हआ तब उसन यर को जनम दिया 16 और यर क जनम क पशचात महललल आठ सौ तीस वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 17 और महललल की कल अवसथा आठ सौ पचानव वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 18 जब यर एक सौ बासठ वरषोW का हआ जब उसन हनोक को जनम दिया 19 और हनोक क जनम क पशचात यर आठ सौ वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट बदिटया

उतपनन हई 20 और यर की कल अवसथा नौ सौ बासठ वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 21 जब हनोक पसठ वरषोW का हआ तब उसन मतशलह को जनम दिया 22 और मतशलह क जनम क पशचात हनोक तीन सौ वरषोW तक परमशवर क साथ साथ चलता रहा

और उसक और भी बट बदिटया उतपनन हई 23 और हनोक की कल अवसथा तीन सौ पसठ वरषोW की हई 24 और हनोक परमशवर क साथ साथ चलता था षटि6र वह लोप हो गया कयोषटिक परमशवर न उस उठालिलया 25 जब मतशलह एक सौ सcासी वरषोW का हआ तब उसन लमक को जनम दिया 26 और लमक क जनम क पशचात मतशलह सात सौ बयासी वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 27 और मतशलह की कल अवसथा नौ सौ उनहcर वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 28 जब लमक एक सौ बयासी वरषोW का हआ तब उसन एक पतर जनम दिया 29 और यह कहकर उसका नाम नह रखा षटिक यहोवा न जो पथवी को शाप दिया ह उसक षटिवरषोय

यह लडका हमार काम म और उस कदिठन परिरशरम म जो हम करत ह हम को शातनिनत गा 30 और नह क जनम क पशचात लमक पाच सौ पचानव वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 31 और लमक की कल अवसथा सात सौ सतहcर वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 32 और नह पाच सौ वरषोW का हआ और नह न शम और हाम और यपत को जनम दिया

अधयाय६

01 षटि6र जब मनषय भमिम क ऊपर बहत बढन लग और उनक बदिटया उतपनन हई 02 तब परमशवर क पतरो न मनषय की पषटितरयो को खा षटिक व सनर ह सो उनहोन जिजस जिजस को

चाहा उन स बयाह कर लिलया 03 और यहोवा न कहा मरा आतमा मनषय स सा लो षटिववा करता न रहगा कयोषटिक मनषय भी

शरीर ही ह उसकी आय एक सौ बीस वरषोW की होगी 04 उन दिनो म पथवी पर ानव रहत थ और इसक पशचात जब परमशवर क पतर मनषय की पषटितरयो क

पास गए तब उनक दवारा जो सनतान उतपनन हए व पतर शरवीर होत थ जिजनकी कीरतित पराचीन काल स परचलिलत ह

05 और यहोवा न खा षटिक मनषयो की बराई पथवी पर बढ गई ह और उनक मन क षटिवचार म जो कछ उतपनन होता ह सो षटिनरनतर बरा ही होता ह

06 और यहोवा पथवी पर मनषय को बनान स पछताया और वह मन म अषटित खदित हआ 07 तब यहोवा न सोचा षटिक म मनषय को जिजसकी म न सषटि की ह पथवी क ऊपर स मिमटा दगा कया मनषय कया पश कया रगन वाल जनत कया आकाश क पकषी सब को मिमटा दगा कयोषटिक म उनक

बनान स पछताता ह 08 परनत यहोवा क अनगरह की दषटि नह पर बनी रही 09 नह की वशावली यह ह नह म पररषो और अपन समय क लोगो म खरा था और नह परमशवर

ही क साथ साथ चलता रहा 10 और नह स शम और हाम और यपत नाम तीन पतर उतपनन हए 11 उस समय पथवी परमशवर की दषटि म षटिबगड गई थी और उपदरव स भर गई थी 12 और परमशवर न पथवी पर जो दषटि की तो कया खा षटिक वह षटिबगडी हई ह कयोषटिक सब पराणिणयो न पथवी पर अपनी अपनी चाल चलन षटिबगाड ली थी

13 तब परमशवर न नह स कहा सब पराणिणयो क अनत करन का परशन मर सामहन आ गया ह कयोषटिक उनक कारण पथवी उपदरव स भर गई ह इसलिलय म उन को पथवी समत नाश कर डालगा

14 इसलिलय त गोपर वकष की लकडी का एक जहाज बना ल उस म कोठरिरया बनाना और भीतर बाहर उस पर राल लगाना

15 और इस ढग स उसको बनाना जहाज की लमबाई तीन सौ हाथ चौडाई पचास हाथ और ऊचाई तीस हाथ की हो

16 जहाज म एक खिखडकी बनाना और इसक एक हाथ ऊपर स उसकी छत बनाना और जहाज की एक अलग म एक दवार रखना और जहाज म पषटिहला दसरा तीसरा खणड बनाना

17 और सन म आप पथवी पर जलपरलय करक सब पराणिणयो को जिजन म जीवन की आतमा ह आकाश क नीच स नाश करन पर ह और सब जो पथवी पर ह मर जाएग

18 परनत तर सग म वाचा बा(ता ह इसलिलय त अपन पतरो सतरी और बहओ समत जहाज म परवश करना 19 और सब जीषटिवत पराणिणयो म स त एक एक जाषटित क ो ो अथाWत एक नर और एक माा

जहाज म ल जा कर अपन साथ जीषटिवत रखना 20 एक एक जाषटित क पकषी और एक एक जाषटित क पश और एक एक जाषटित क भमिम पर रगनवाल सब म स ो ो तर पास आएग षटिक त उन को जीषटिवत रख 21 और भाषटित भाषटित का भोजय पाथW जो खाया जाता ह उन को त ल कर अपन पास इकटठा कर

रखना सो तर और उनक भोजन क लिलय होगा 22 परमशवर की इस आजञा क अनसार नह न षटिकया

अधयाय७

01 और यहोवा न नह स कहा त अपन सार घरान समत जहाज म जा कयोषटिक म न इस समय क लोगो म स कवल तझी को अपनी दषटि म म खा ह

02 सब जाषटित क शq पशओ म स तो त सात सात अथाWत नर और माा लना पर जो पश शq नही ह उन म स ो ो लना अथाWत नर और माा

03 और आकाश क पणिकषयो म स भी सात सात अथाWत नर और माा लना षटिक उनका वश बचकर सारी पथवी क ऊपर बना रह

04 कयोषटिक अब सात दिन और बीतन पर म पथवी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहगा जिजतनी वसतए म न बनाई ह सब को भमिम क ऊपर स मिमटा दगा

05 यहोवा की इस आजञा क अनसार नह न षटिकया 06 नह की अवसथा छ सौ वरषोW की थी जब जलपरलय पथवी पर आया 07 नह अपन पतरो पतनी और बहओ समत जलपरलय स बचन क लिलय जहाज म गया 08 और शq और अशq ोनो परकार क पशओ म स पणिकषयो 09 और भमिम पर रगन वालो म स भी ो ो अथाWत नर और माा जहाज म नह क पास गए

जिजस परकार परमशवर न नह को आजञा ी थी 10 सात दिन क उपरानत परलय का जल पथवी पर आन लगा 11 जब नह की अवसथा क छ सौव वरषोW क दसर महीन का सcरहवा दिन आया उसी दिन बड

गषटिहर समदर क सब सोत 6ट षटिनकल और आकाश क झरोख खल गए 12 और वरषोाW चालीस दिन और चालीस रात षटिनरनतर पथवी पर होती रही 13 ठीक उसी दिन नह अपन पतर शम हाम और यपत और अपनी पतनी और तीनो बहओ समत 14 और उनक सग एक एक जाषटित क सब बनल पश और एक एक जाषटित क सब घरल पश और

एक एक जाषटित क सब पथवी पर रगन वाल और एक एक जाषटित क सब उडन वाल पकषी जहाज मगए 15 जिजतन पराणिणयो म जीवन की आतमा थी उनकी सब जाषटितयो म स ो ो नह क पास जहाज मगए 16 और जो गए वह परमशवर की आजञा क अनसार सब जाषटित क पराणिणयो म स नर और माा गए

तब यहोवा न उसका दवार बन कर दिया 17 और पथवी पर चालीस दिन तक परलय होता रहा और पानी बहत बढता ही गया जिजस स जहाज

ऊपर को उठन लगा और वह पथवी पर स ऊचा उठ गया 18 और जल बढत बढत पथवी पर बहत ही बढ गया और जहाज जल क ऊपर ऊपर तरता रहा 19 और जल पथवी पर अतयनत बढ गया यहा तक षटिक सारी रती पर जिजतन बड बड पहाड थ सब

डब गए 20 जल तो पनदरह हाथ ऊपर बढ गया और पहाड भी डब गए 21 और कया पकषी कया घरल पश कया बनल पश और पथवी पर सब चलन वाल पराणी और

जिजतन जनत पथवी म बहतायत स भर गए थ व सब और सब मनषय मर गए 22 जो जो सथल पर थ उन म स जिजतनो क नथनो म जीवन का शवास था सब मर मिमट 23 और कया मनषय कया पश कया रगन वाल जनत कया आकाश क पकषी जो जो भमिम पर थ सो

सब पथवी पर स मिमट गए कवल नह और जिजतन उसक सग जहाज म थ व ही बच गए 24 और जल पथवी पर एक सौ पचास दिन तक परबल रहा

अधयाय८

01 और परमशवर न नह की और जिजतन बनल पश और घरल पश उसक सग जहाज म थ उन सभो की सलि ली और परमशवर न पथवी पर पवन बहाई और जल घटन लगा

02 और गषटिहर समदर क सोत और आकाश क झरोख ब हो गए और उसस जो वरषोाW होती थी सो

भी थम गई 03 और एक सौ पचास दिन क पशचात जल पथवी पर स लगातार घटन लगा 04 सातव महीन क सcरहव दिन को जहाज अरारात नाम पहाड पर दिटक गया 05 और जल सव महीन तक घटता चला गया और सव महीन क पषटिहल दिन को पहाडो की

चोदिटया दिखलाई ी 06 षटि6र ऐसा हआ षटिक चालीस दिन क पशचात नह न अपन बनाए हए जहाज की खिखडकी को खोलकर एक कौआ उडा दिया 07 वह जब तक जल पथवी पर स सख न गया तब तक कौआ इर उर षटि6रता रहा 08 षटि6र उसन अपन पास स एक कबतरी को उडा दिया षटिक ख षटिक जल भमिम स घट गया षटिकनही 09 उस कबतरी को अपन पर क तल टकन क लिलय कोई आार न मिमला सो वह उसक पास जहाज म लौट आई कयोषटिक सारी पथवी क ऊपर जल ही जल छाया था तब उसन हाथ बढा कर उस अपन

पास जहाज म ल लिलया 10 तब और सात दिन तक ठहर कर उसन उसी कबतरी को जहाज म स षटि6र उडा दिया 11 और कबतरी साझ क समय उसक पास आ गई तो कया खा षटिक उसकी चोच म जलपाई का

एक नया पcा ह इस स नह न जान लिलया षटिक जल पथवी पर घट गया ह 12 षटि6र उसन सात दिन और ठहरकर उसी कबतरी को उडा दिया और वह उसक पास षटि6र कभी

लौट कर न आई 13 षटि6र ऐसा हआ षटिक छ सौ एक वरषोW क पषटिहल महीन क पषटिहल दिन जल पथवी पर स सख गया

तब नह न जहाज की छत खोल कर कया खा षटिक रती सख गई ह 14 और दसर महीन क सताईसव दिन को पथवी परी रीषटित स सख गई 15 तब परमशवर न नह स कहा 16 त अपन पतरो पतनी और बहओ समत जहाज म स षटिनकल आ 17 कया पकषी कया पश कया सब भाषटित क रगन वाल जनत जो पथवी पर रगत ह जिजतन शरीरारी

जीवजनत तर सग ह उस सब को अपन साथ षटिनकाल ल आ षटिक पथवी पर उन स बहत बचच उतपननहो और व 6ल-6ल और पथवी पर 6ल जाए 18 तब नह और उसक पतर और पतनी और बहए षटिनकल आई 19 और सब चौपाए रगन वाल जनत और पकषी और जिजतन जीवजनत पथवी पर चलत षटि6रत ह

सो सब जाषटित जाषटित करक जहाज म स षटिनकल आए 20 तब नह न यहोवा क लिलय एक वी बनाई और सब शq पशओ और सब शq पणिकषयो म स

कछ कछ ल कर वी पर होमबलिल चढाया 21 इस पर यहोवा न सखायक सग( पाकर सोचा षटिक मनषय क कारण म षटि6र कभी भमिम को

शाप न दगा यदयषटिप मनषय क मन म बचपन स जो कछ उतपनन होता ह सो बरा ही होता ह तौभी जसा म न सब जीवो को अब मारा ह वसा उन को षटि6र कभी न मारगा

22 अब स जब तक पथवी बनी रहगी तब तक बोन और काटन क समय ठणड और तपन पकाल और शीतकाल दिन और रात षटिनरनतर होत चल जाएग

अधयाय९

01 षटि6र परमशवर न नह और उसक पतरो को आशीरषो ी और उन स कहा षटिक 6लो-6लो और बढो और पथवी म भर जाओ

02 और तमहारा डर और भय पथवी क सब पशओ और आकाश क सब पणिकषयो और भमिम पर क सब रगन वाल जनतओ और समदर की सब मछलिलयो पर बना रहगा व सब तमहार वश म कर दिए जात ह

03 सब चलन वाल जनत तमहारा आहार होग जसा तम को हर हर छोट पड दिए थ वसा ही अब सब कछ ता ह

04 पर मास को पराण समत अथाWत लोह समत तम न खाना 05 और षटिनशचय म तमहारा लोह अथाWत पराण का पलटा लगा सब पशओ और मनषयो ोनो स म

उस लगा मनषय क पराण का पलटा म एक एक क भाई ब( स लगा 06 जो कोई मनषय का लोह बहाएगा उसका लोह मनषय ही स बहाया जाएगा कयोषटिक परमशवर न

मनषय को अपन ही सवरप क अनसार बनाया ह 07 और तम तो 6लो-6लो और बढो और पथवी म बहत बचच जनमा क उस म भर जाओ 08 षटि6र परमशवर न नह और उसक पतरो स कहा 09 सनो म तमहार साथ और तमहार पशचात जो तमहारा वश होगा उसक साथ भी वाचा बा(ता ह 10 और सब जीषटिवत पराणिणयो स भी जो तमहार सग ह कया पकषी कया घरल पश कया पथवी क सब

बनल पश पथवी क जिजतन जीवजनत जहाज स षटिनकल ह सब क साथ भी मरी यह वाचा ब(ती ह 11 और म तमहार साथ अपनी इस वाचा को परा करगा षटिक सब पराणी षटि6र जलपरलय स नाश नहोग और पथवी क नाश करन क लिलय षटि6र जलपरलय न होगा 12 षटि6र परमशवर न कहा जो वाचा म तमहार साथ और जिजतन जीषटिवत पराणी तमहार सग ह उन सब

क साथ भी यग यग की पीदिढय़ो क लिलय बा(ता ह उसका यह लिचनह ह 13 षटिक म न बाल म अपना नरषो रखा ह वह मर और पथवी क बीच म वाचा का लिचनह होगा 14 और जब म पथवी पर बाल 6लाऊ जब बाल म नरषो ख पडगा 15 तब मरी जो वाचा तमहार और सब जीषटिवत शरीरारी पराणिणयो क साथ बा(ी ह उसको म समरण करगा तब ऐसा जलपरलय षटि6र न होगा जिजस स सब पराणिणयो का षटिवनाश हो 16 बाल म जो नरषो होगा म उस ख क यह सा की वाचा समरण करगा जो परमशवर क और

पथवी पर क सब जीषटिवत शरीरारी पराणिणयो क बीच ब(ी ह 17 षटि6र परमशवर न नह स कहा जो वाचा म न पथवी भर क सब पराणिणयो क साथ बा(ी ह उसका

लिचनह यही ह 18 नह क जो पतर जहाज म स षटिनकल व शम हाम और यपत थ और हाम तो कनान का षटिपताहआ 19 नह क तीन पतर य ही ह और इनका वश सारी पथवी पर 6ल गया 20 और नह षटिकसानी करन लगा और उसन ाख की बारी लगाई 21 और वह ाखम पीकर मतवाला हआ और अपन तमब क भीतर नगा हो गया 22 तब कनान क षटिपता हाम न अपन षटिपता को नगा खा और बाहर आकर अपन ोनो भाइयो को

बतला दिया 23 तब शम और यपत ोनो न कपडा ल कर अपन क(ो पर रखा और पीछ की ओर उलटा

चलकर अपन षटिपता क नग तन को ढाप दिया और व अपना मख पीछ षटिकए हए थ इसलिलय उनहोन अपन षटिपता को नगा न खा

24 जब नह का नशा उतर गया तब उसन जान लिलया षटिक उसक छोट पतर न उसस कया षटिकया ह 25 इसलिलय उसन कहा कनान शाषटिपत हो वह अपन भाई ब(ओ क ासो का ास हो 26 षटि6र उसन कहा शम का परमशवर यहोवा नय ह और कनान शम का ास होव 27 परमशवर यपत क वश को 6लाए और वह शम क तमबओ म बस और कनान उसका ासहोव 28 जलपरलय क पशचात नह साढ तीन सौ वरषोW जीषटिवत रहा 29 और नह की कल अवसथा साढ नौ सौ वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया

अधयाय१०

01 नह क पतर जो शम हाम और यपत थ उनक पतर जलपरलय क पशचात उतपनन हए उनकी वशावली यह ह

02 यपत क पतर गोमर मागोग मा यावान तबल मशक और तीरास हए 03 और गोमर क पतर अशकनज रीपत और तोगमाW हए 04 और यावान क वश म एलीशा और तशश और षटिकcी और ोानी लोग हए 05 इनक वश अनयजाषटितयो क दवीपो क शो म ऐस बट गए षटिक व णिभनन णिभनन भारषोाओ कलो और

जाषटितयो क अनसार अलग अलग हो गए 06 षटि6र हाम क पतर कश और मिमसर और 6त और कनान हए 07 और कश क पतर सबा हवीला सबता रामा और सबतका हए और रामा क पतर शबा और

ान हए 08 और कश क वश म षटिनमरो भी हआ पथवी पर पषटिहला वीर वही हआ ह 09 वही यहोवा की दषटि म पराकरमी णिशकार खलन वाला ठहरा इस स यह कहावत चली ह षटिक

षटिनमरो क समान यहोवा की दषटि म पराकरमी णिशकार खलन वाला 10 और उसक राजय का आरमभ णिशनार श म बाबल अकक और कलन हआ 11 उस श स वह षटिनकल कर अशशर को गया और नीनव रहोबोतीर और कालह को 12 और नीनव और कालह क बीच रसन ह उस भी बसाया बडा नगर यही ह 13 और मिमसर क वश म ली अनामी लहाबी नपतही 14 और पतरसी कसलही और कपतोरी लोग हए कसलषटिहयो म स तो पलिलशती लोग षटिनकल 15 षटि6र कनान क वश म उसका जयषठ सीोन तब षटिहc 16 और यबसी एमोरी षटिगगाWशी 17 षटिहववी अक सीनी 18 अवWी समारी और हमाती लोग भी हए षटि6र कनाषटिनयो क कल भी 6ल गए 19 और कनाषटिनयो का लिसवाना सीोन स ल कर गरार क मागW स हो कर अजजा तक और षटि6र सोम

और अमोरा और अमा और सबोयीम क मागW स हो कर लाशा तक हआ 20 हाम क वश म य ही हए और य णिभनन णिभनन कलो भारषोाओ शो और जाषटितयो क अनसार

अलग अलग हो गए 21 षटि6र शम जो सब एबरवणिशयो का मलपररषो हआ और जो यपत का जयषठ भाई था उसक भी

पतर उतपनन हए 22 शम क पतर एलाम अशशर अपWकष ल और आराम हए 23 और आराम क पतर ऊस हल गतर और मश हए 24 और अपWकष न शलह को और शलह न एबर को जनम दिया 25 और एबर क ो पतर उतपनन हए एक का नाम पलग इस कारण रखा गया षटिक उसक दिनो म पथवी

बट गई और उसक भाई का नाम योकतान ह 26 और योकतान न अलमोा शलप हसमाWवत थरह 27 योरवाम ऊजाल दिकला 28 ओबाल अबीमाएल शबा 29 ओपीर हवीला और योबाब को जनम दिया य ही सब योकतान क पतर हए 30 इनक रहन का सथान मशा स ल कर सपारा जो पवW म एक पहाड ह उसक मागW तक हआ 31 शम क पतर य ही हए और य णिभनन णिभनन कलो भारषोाओ शो और जाषटितयो क अनसार अलग

अलग हो गए 32 नह क पतरो क घरान य ही ह और उनकी जाषटितयो क अनसार उनकी वशावलिलया य ही ह और

जलपरलय क पशचात पथवी भर की जाषटितया इनही म स हो कर बट गई

अधयाय११

1 11|01 सारी पथवी पर एक ही भारषोा और एक ही बोली थी 11|02 उस समय लोग पवW की और चलत चलत णिशनार श म एक मान पाकर उस म बस गए 11|03 तब व आपस म कहन लग षटिक आओ हम ईट बना बना क भली भाषटित आग म पकाए

और उनहोन पतथर क सथान म ईट स और चन क सथान म मिमटटी क गार स काम लिलया 11|04 षटि6र उनहोन कहा आओ हम एक नगर और एक गममट बना ल जिजसकी चोटी आकाश स

बात कर इस परकार स हम अपना नाम कर ऐसा न हो षटिक हम को सारी पथवी पर 6लना पड 11|05 जब लोग नगर और गममट बनान लग तब इनह खन क लिलय यहोवा उतर आया 11|06 और यहोवा न कहा म कया खता ह षटिक सब एक ही ल क ह और भारषोा भी उन सब की

एक ही ह और उनहोन ऐसा ही काम भी आरमभ षटिकया और अब जिजतना व करन का यतन करग उस म स कछ उनक लिलय अनहोना न होगा

11|07 इसलिलय आओ हम उतर क उनकी भारषोा म बडी गडबडी डाल षटिक व एक दसर की बोली को न समझ सक

11|08 इस परकार यहोवा न उन को वहा स सारी पथवी क ऊपर 6ला दिया और उनहोन उस नगर का बनाना छोड दिया

11|09 इस कारण उस नगर को नाम बाबल पडा कयोषटिक सारी पथवी की भारषोा म जो गडबडी ह सो यहोवा न वही डाली और वही स यहोवा न मनषयो को सारी पथवी क ऊपर 6ला दिया

11|10 शम की वशावली यह ह जल परलय क ो वरषोW पशचात जब शम एक सौ वरषोW का हआ तब उसन अपWकष को जनम दिया

11|11 और अपWकष न जनम क पशचात शम पाच सौ वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट बदिटया उतपनन हई

11|12 जब अपWकष पतीस वरषोW का हआ तब उसन शलह को जनम दिया 11|13 और शलह क जनम क पशचात अपWकष चार सौ तीन वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और

भी बट बदिटया उतपनन हई 11|14 जब शलह तीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा एबर को जनम हआ 11|15 और एबर क जनम क पशचात शलह चार सौ तीन वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 11|16 जब एबर चौतीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा पलग का जनम हआ 11|17 और पलग क जनम क पशचात एबर चार सौ तीस वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 11|18 जब पलग तीस वरषोW को हआ तब उसक दवारा र का जनम हआ 11|19 और र क जनम क पशचात पलग ो सौ नौ वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 11|20 जब र बcीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा सरग का जनम हआ 11|21 और सरग क जनम क पशचात र ो सौ सात वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 11|22 जब सरग तीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा नाहोर का जनम हआ 11|23 और नाहोर क जनम क पशचात सरग ो सौ वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 11|24 जब नाहोर उनतीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा तरह का जनम हआ 11|25 और तरह क जनम क पशचात नाहोर एक सौ उननीस वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और

भी बट बदिटया उतपनन हई 11|26 जब तक तरह सcर वरषोW का हआ तब तक उसक दवारा अबराम और नाहोर और हारान

उतपनन हए 11|27 तरह की यह वशावली ह तरह न अबराम और नाहोर और हारान को जनम दिया और

हारान न लत को जनम दिया 11|28 और हारान अपन षटिपता क सामहन ही कखिसयो क ऊर नाम नगर म जो उसकी जनम भमिम

थी मर गया 11|29 अबराम और नाहोर न सतरिसतरया बयाह ली अबराम की पतनी का नाम तो सार और नाहोर की

पतनी का नाम मिमलका था यह उस हारान की बटी थी जो मिमलका और मियसका ोनो का षटिपता था 11|30 सार तो बाझ थी उसक सतान न हई 11|31 और तरह अपना पतर अबराम और अपना पोता लत जो हारान का पतर था और अपनी बहसार जो उसक पतर अबराम की पतनी थी इन सभो को ल कर कखिसयो क ऊर नगर स षटिनकल कनान

श जान को चला पर हारान नाम श म पहचकर वही रहन लगा 11|32 जब तरह ो सौ पाच वरषोW का हआ तब वह हारान श म मर गया

अधयाय१२

01 यहोवा न अबराम स कहा अपन श और अपनी जनमभमिम और अपन षटिपता क घर को छोडकर उस श म चला जा जो म तझ दिखाऊगा

02 और म तझ स एक बडी जाषटित बनाऊगा और तझ आशीरषो दगा और तरा नाम बडा करगा और त आशीरषो का मल होगा

03 और जो तझ आशीवाW उनह म आशीरषो दगा और जो तझ कोस उस म शाप दगा और भमणडल क सार कल तर दवारा आशीरषो पाएग

04 यहोवा क इस वचन क अनसार अबराम चला और लत भी उसक सग चला और जब अबराम हारान श स षटिनकला उस समय वह पचहcर वरषोW का था

05 सो अबराम अपनी पतनी सार और अपन भतीज लत को और जो न उनहोन इकटठा षटिकया था और जो पराणी उनहोन हारान म परापत षटिकए थ सब को ल कर कनान श म जान को षटिनकल चला और व कनान श म आ भी गए

06 उस श क बीच स जात हए अबराम शकम म जहा मोर का बाज वकष ह पहचा उस समय उस श म कनानी लोग रहत थ

07 तब यहोवा न अबराम को शWन कर कहा यह श म तर वश को दगा और उसन वहा यहोवा क लिलय जिजसन उस शWन दिया था एक वी बनाई

08 षटि6र वहा स कच करक वह उस पहाड पर आया जो बतल क पवW की ओर ह और अपना तमब उस सथान म खडा षटिकया जिजसकी पचछिचछम की ओर तो बतल और पवW की ओर ऐ ह और वहा भी उसन यहोवा क लिलय एक वी बनाई और यहोवा स पराथWना की

09 और अबराम कच करक चछिकखन श की ओर चला गया 10 और उस श म अकाल पडा और अबराम मिमसर श को चला गया षटिक वहा परशी हो कर रह --

कयोषटिक श म भयकर अकाल पडा था 11 षटि6र ऐसा हआ षटिक मिमसर क षटिनकट पहचकर उसन अपनी पतनी सार स कहा सन मझ मालमह षटिक त एक सनर सतरी ह 12 इस कारण जब मिमसरी तझ खग तब कहग यह उसकी पतनी ह सो व मझ को तो मार डालग

पर तझ को जीती रख लग 13 सो यह कहना षटिक म उसकी बषटिहन ह जिजस स तर कारण मरा कलयाण हो और मरा पराण तर

कारण बच 14 षटि6र ऐसा हआ षटिक जब अबराम मिमसर म आया तब मिमणिसरयो न उसकी पतनी को खा षटिक यह

अषटित सनर ह 15 और षटि6रौन क हाषटिकमो न उसको खकर षटि6रौन क सामहन उसकी परशसा की सो वह सतरी

षटि6रौन क घर म रखी गई 16 और उसन उसक कारण अबराम की भलाई की सो उसको भड-बकरी गाय-बल ास-ालिसया गह-गषटिहया और ऊट मिमल

17 तब यहोवा न षटि6रौन और उसक घरान पर अबराम की पतनी सार क कारण बडी बडी षटिवपलिcयाडाली 18 सो षटि6रौन न अबराम को बलवा कर कहा त न मझ स कया षटिकया ह त न मझ कयो नही बताया

षटिक वह तरी पतनी ह 19 त न कयो कहा षटिक वह तरी बषटिहन ह म न उस अपनी ही पतनी बनान क लिलय लिलया परनत अब

अपनी पतनी को ल कर यहा स चला जा 20 और षटि6रौन न अपन आमिमयो को उसक षटिवरषोय म आजञा ी और उनहोन उसको और उसकी

पतनी को सब समपलिc समत जो उसका था षटिवा कर दिया

अधयाय१३

01 तब अबराम अपनी पतनी और अपनी सारी समपतति ल कर लत को भी सग लिलय हए मिमसर को छोड़ कर कनान क दततति$न दश म आया

02 अबराम भड़-बकरी गाय-बल और सोन- रप का बड़ा धनी था 03 फिर वह दततति$न दश स चलकर बतल क पास उसी सथान को पहचा जहा उसका तमब पहल पड़ा था

जो बतल और ऐ क बीच म ह 04 यह सथान उस वदी का ह जिजस उसन पहल बनाई थी और वहा अबराम न फिर यहोवा स पराथना की 05 और लत क पास भी जो अबराम क साथ चलता था भड़-बकरी गाय-बल और तमब थ 06 सो उस दश म उन दोनो की समाई न हो सकी फिक व इकटठ रह $योफिक उनक पास बहत धन था इसलिलय व

इकटठ न रह सक 07 सो अबराम और लत की भड़-बकरी और गाय- बल क चरवाहो क बीच म झगड़ा हआ और उस समयकनानी और परिरजजी लोग उस दश म रहत थ 08 तब अबराम लत स कहन लगा मर और तर बीच और मर और तर चरवाहो क बीच म झगड़ा न होन पाए

$योफिक हम लोग भाई बनध ह 09 $या सारा दश तर सामहन नही सो मझ स अलग हो यदिद त बाई ओर जाए तो म दाफिहनी ओर जाऊगा

और यदिद त दाफिहनी ओर जाए तो म बाई ओर जाऊगा 10 तब लत न आ उठा कर यरदन नदी क पास वाली सारी तराई को दा फिक वह सब सिसची हई ह जब

तक यहोवा न सदोम और अमोरा को नाश न फिकया था तब तक सोअर क माग तक वह तराई यहोवा कीबादिNका और मिमसर दश क समान उपजाऊ थी 11 सो लत अपन लिलय यरदन की सारी तराई को चन क पव की ओर चला और व एक दसर स अलग होगए 12 अबराम तो कनान दश म रहा पर लत उस तराई क नगरो म रहन लगा और अपना तमब सदोम क फिनकN

ड़ा फिकया 13 सदोम क लोग यहोवा क ल म बड़ दषट और पापी थ 14 जब लत अबराम स अलग हो गया तब उसक पशचात यहोवा न अबराम स कहा आ उठा कर जिजस सथान

पर त ह वहा स उर-दततति$न पव-पततिशचम चारो ओर दमिषट कर 15 $योफिक जिजतनी भमिम तझ दिदाई दती ह उस सब को म तझ और तर वश को यग यग क लिलय दगा 16 और म तर वश को पथवी की धल क फिकनको की नाई बहत करगा यहा तक फिक जो कोई पथवी की धल

क फिकनको को फिगन सकगा वही तरा वश भी फिगन सकगा 17 उठ इस दश की लमबाई और चौड़ाई म चल फिर $योफिक म उस तझी को दगा 18 इसक पशचात अबराम अपना तमब उाड़ कर मामर क बाजो क बीच जो हबरोन म थ जा कर रहन लगा

और वहा भी यहोवा की एक वदी बनाई

अधयाय१४

01 णिशनार क राजा अमरापल और एललासार क राजा अयक और एलाम क राजा कोलाWओमर और गोयीम क राजा षटिताल क दिनो म ऐसा हआ

02 षटिक उनहोन सोम क राजा बरा और अमोरा क राजा षटिबशाW और अमा क राजा णिशनाब और सबोयीम क राजा शमबर और बला जो सोअर भी कहलाता ह इन राजाओ क षटिवरq यq षटिकया

03 इन पाचो न लिसददीम नाम तराई म जो खार ताल क पास ह एका षटिकया 04 बारह वरषोW तक तो य कोलाWओमर क आीन रह पर तरहव वरषोW म उसक षटिवरq उठ 05 सो चौहव वरषोW म कोलाWओमर और उसक सगी राजा आए और अशतरोतकनम म रपाइयोको और हाम म जजिजयो को और शबषटिकयाWतम म एमिमयो को 06 और सईर नाम पहाड म होरिरयो को मारत मारत उस एलपारान तक जो जगल क पास ह पहचगए 07 वहा स व लौट कर एनधिनमशपात को आए जो काश भी कहलाता ह और अमालषटिकयो क सार

श को और उन एमोरिरयो को भी जीत लिलया जो हससोनतामार म रहत थ 08 तब सोम अमोरा अमा सबोयीम और बला जो सोअर भी कहलाता ह इनक राजाषटिनकल और लिसददीम नाम तराई म उनक साथ यq क लिलय पाषटित बा(ी 09 अथाWत एलाम क राजा कोलाWओमर गोयीम क राजा षटिताल णिशनार क राजा अमरापल और

एललासार क राजा अयक इन चारो क षटिवरq उन पाचो न पाषटित बा(ी 10 लिसददीम नाम तराई म जहा लसार मिमटटी क गडह ही गडह थ सोम और अमोरा क राजा भागत

भागत उन म षटिगर पड और जो बच व पहाड पर भाग गए 11 तब व सोम और अमोरा क सार न और भोजन वसतओ को लट लाट कर चल गए 12 और अबराम का भतीजा लत जो सोम म रहता था उसको भी न समत व ल कर चल गए 13 तब एक जन जो भाग कर बच षटिनकला था उसन जा कर इबरी अबराम को समाचार दिया अबराम

तो एमोरी मामर जो एशकोल और आनर का भाई था उसक बाज वझो क बीच म रहता था और य लोग अबराम क सग वाचा बा( हए थ

14 यह सनकर षटिक उसका भतीजा ब(आई म गया ह अबराम न अपन तीन सौ अठारह णिशणिकषत यq कौशल म षटिनपण ासो को ल कर जो उसक कटमब म उतपनन हए थ असतर शसतर ारण करक ान तक उनका पीछा षटिकया

15 और अपन ासो क अलग अलग ल बा(कर रात को उन पर चढाई करक उन को मार लिलया और होबा तक जो मिमशक की उcर ओर ह उनका पीछा षटिकया

16 और सार न को और अपन भतीज लत और उसक न को और सतरिसतरयो को और सब ब(ओ को लौटा ल आया

17 जब वह कोलाWओमर और उसक साथी राजाओ को जीत कर लौटा आता था तब सोम का राजा शाव नाम तराई म जो राजा की भी कहलाती ह उसस भट करन क लिलय आया

18 जब शालम का राजा मलकीसक जो परमपरान ईशवर का याजक था रोटी और ाखम लआया 19 और उसन अबराम को यह आशीवाW दिया षटिक परमपरान ईशवर की ओर स जो आकाश और

पथवी का अलिकारी ह त नय हो 20 और नय ह परमपरान ईशवर जिजसन तर दरोषटिहयो को तर वश म कर दिया ह तब अबराम न

उसको सब का शमाश दिया 21 जब सोम क राजा न अबराम स कहा पराणिणयो को तो मझ और न को अपन पास रख 22 अबराम न सोम क राजा स कहा परमपरान ईशवर यहोवा जो आकाश और पथवी का अलिकारी ह 23 उसकी म यह शपथ खाता ह षटिक जो कछ तरा ह उस म स न तो म एक सत और न जती काब(न न कोई और वसत लगा षटिक त ऐसा न कहन पाए षटिक अबराम मर ही कारण नी हआ

24 पर जो कछ इन जवानो न खा लिलया ह और उनका भाग जो मर साथ गए थ अथाWत आनर एशकोल और मामर म नही लौटाऊगा व तो अपना अपना भाग रख ल

अधयाय१५

01 इन बातो क पशचात यहोवा को यह वचन दशन म अबराम क पास पहचा फिक ह अबराम मत डर तरी ढाल और तरा अतयनत बड़ा ल म ह

02 अबराम न कहा ह परभ यहोवा म तो फिनव^श ह और मर घर का वारिरस यह दमिमशकी एलीएजर होगा सो त मझ $या दगा

03 और अबराम न कहा मझ तो त न वश नही दिदया और $या दता ह फिक मर घर म उतपनन हआ एक जन मरा वारिरस होगा

04 तब यहोवा का यह वचन उसक पास पहचा फिक यह तरा वारिरस न होगा तरा जो फिनज पतर होगा वही तरा वारिरस होगा

05 और उसन उसको बाहर ल जाक कहा आकाश की ओर दमिषट करक तारागण को फिगन $या त उन को फिगन सकता ह फिर उसन उसस कहा तरा वश ऐसा ही होगा

06 उसन यहोवा पर फिवशवास फिकया और यहोवा न इस बात को उसक ल म धम फिगना 07 और उसन उसस कहा म वही यहोवा ह जो तझ कसदिfदयो क ऊर नगर स बाहर ल आया फिक तझ को इस

दश का अमिधकार द 08 उसन कहा ह परभ यहोवा म कस जान फिक म इसका अमिधकारी हगा 09 यहोवा न उसस कहा मर लिलय तीन वरष की एक कलोर और तीन वरष की एक बकरी और तीन वरष का

एक मढ़ा और एक फिपणडक और कबतर का एक बचचा ल 10 और इन सभो को ल कर उसन बीच म स दो Nकड़ कर दिदया और Nकड़ो को आमहन- सामहन रा पर

लिचफिडय़ाओ को उसन Nकड़ न फिकया 11 और जब मासाहारी पकषी लोथो पर झपN तब अबराम न उनह उड़ा दिदया 12 जब सय अfत होन लगा तब अबराम को भारी नीद आई और दो अतयनत भय और अनधकार न उस छा लिलया 13 तब यहोवा न अबराम स कहा यह फिनशचय जान फिक तर वश पराए दश म परदशी हो कर रहग और उसक

दश क लोगो क दास हो जाएग और व उन को चार सौ वरष लो द दग 14 फिर जिजस दश क व दास होग उसको म दणड दगा और उसक पशचात व बड़ा धन वहा स ल कर फिनकलआएग 15 त तो अपन फिपतरो म कशल क साथ मिमल जाएगा तझ पर बढ़ाप म मिमटटी दी जाएगी 16 पर व चौथी पीढ़ी म यहा फिर आएग $योफिक अब तक एमोरिरयो का अधम परा नही हआ 17 और ऐसा हआ फिक जब सय अfत हो गया और घोर अनधकार छा गया तब एक अगठी जिजस म स धआ

उठता था और एक जलता हआ पलीता द पड़ा जो उन Nकड़ो क बीच म स हो कर फिनकल गया 18 उसी दिदन यहोवा न अबराम क साथ यह वाचा बानधी फिक मिमसर क महानद स ल कर परात नाम बड़ नद तक

जिजतना दश ह 19 अथात कफिनयो कफिनतततिजजयो कदक़ोफिनयो 20 फिहततियो परीतततिजजयो रपाइयो 21 एमोरिरयो कनाफिनयो फिगगालिशयो और यबलिसयो का दश म न तर वश को दिदया ह

अधयाय१६

01 अबराम की पतनी सार क कोई सनतान न थी और उसक हाजिजरा नाम की एक मिमसरी लौडी थी 02 सो सार न अबराम स कहा ख यहोवा न तो मरी कोख बन कर रखी ह सो म तझ स षटिबनती

करती ह षटिक त मरी लौडी क पास जा समभव ह षटिक मरा घर उसक दवारा बस जाए 03 सो सार की यह बात अबराम न मान ली सो जब अबराम को कनान श म रहत स वरषोW बीत चक

तब उसकी सतरी सार न अपनी मिमसरी लौडी हाजिजरा को ल कर अपन पषटित अबराम को दिया षटिक वह उसकी पतनी हो

04 और वह हाजिजरा क पास गया और वह गभWवती हई और जब उसन जाना षटिक वह गभWवती ह तब वह अपनी सवामिमनी को अपनी दषटि म तचछ समझन लगी

05 तब सार न अबराम स कहा जो मझ पर उपदरव हआ सो तर ही लिसर पर हो म न तो अपनी लौडी को तरी पतनी कर दिया पर जब उसन जाना षटिक वह गभWवती ह तब वह मझ तचछ समझन लगी सो

यहोवा मर और तर बीच म नयाय कर 06 अबराम न सार स कहा ख तरी लौडी तर वश म ह जसा तझ भला लग वसा ही उसक साथ

कर सो सार उसको द ख न लगी और वह उसक सामहन स भाग गई 07 तब यहोवा क दत न उसको जगल म शर क मागW पर जल क एक सोत क पास पाकर कहा 08 ह सार की लौडी हाजिजरा त कहा स आती और कहा को जाती ह उसन कहा म अपनी

सवामिमनी सार क सामहन स भाग आई ह 09 यहोवा क दत न उसस कहा अपनी सवामिमनी क पास लौट जा और उसक वश म रह 10 और यहोवा क दत न उसस कहा म तर वश को बहत बढाऊगा यहा तक षटिक बहतायत क

कारण उसकी गणना न हो सकगी 11 और यहोवा क दत न उसस कहा ख त गभWवती ह और पतर जनगी सो उसका नाम इशमाएलरखना कयोषटिक यहोवा न तर द ख का हाल सन लिलया ह 12 और वह मनषय बनल गह क समान होगा उसका हाथ सबक षटिवरq उठगा और सब क हाथ

उसक षटिवरq उठ ग और वह अपन सब भाई ब(ओ क मधय म बसा रहगा 13 तब उसन यहोवा का नाम जिजसन उसस बात की थी अcाएलरोई रखकर कहा षटिक कया म यहा

भी उसको जात हए खन पाई जो मरा खनहारा ह 14 इस कारण उस कए का नाम लहरोई कआ पडा वह तो काश और बर क बीच म ह 15 सो हाजिजरा अबराम क दवारा एक पतर जनी और अबराम न अपन पतर का नाम जिजस हाजिजराजनी इशमाएल रखा 16 जब हाजिजरा न अबराम क दवारा इशमाएल को जनम दिया उस समय अबराम लिछयासी वरषोW का था

अधयाय१७

1 17|01 जब अबराम षटिनननानव वरषोW का हो गया तब यहोवा न उसको शWन कर कहा म सवWशलिकतमान ईशवर ह मरी उपचछिसथषटित म चल और लिसq होता जा

17|02 और म तर साथ वाचा बा(गा और तर वश को अतयनत ही बढाऊगा 17|03 तब अबराम मह क बल षटिगरा और परमशवर उसस यो बात कहता गया 17|04 ख मरी वाचा तर साथ ब(ी रहगी इसलिलय त जाषटितयो क समह का मलषटिपता हो जाएगा 17|05 सो अब स तरा नाम अबराम न रहगा परनत तरा नाम इबराहीम होगा कयोषटिक म न तझ जाषटितयो

क समह का मलषटिपता ठहरा दिया ह 17|06 और म तझ अतयनत ही 6लाऊ 6लाऊगा और तझ को जाषटित जाषटित का मल बना दगा और

तर वश म राजा उतपनन होग 17|07 और म तर साथ और तर पशचात पीढी पीढी तक तर वश क साथ भी इस आशय की यग

यग की वाचा बा(ता ह षटिक म तरा और तर पशचात तर वश का भी परमशवर रहगा 17|08 और म तझ को और तर पशचात तर वश को भी यह सारा कनान श जिजस म त परशी

हो कर रहता ह इस रीषटित दगा षटिक वह यग यग उनकी षटिनज भमिम रहगी और म उनका परमशवर रहगा 17|09 षटि6र परमशवर न इबराहीम स कहा त भी मर साथ बा(ी हई वाचा का पालन करना त और

तर पशचात तरा वश भी अपनी अपनी पीढी म उसका पालन कर 17|10 मर साथ बा(ी हई वाचा जो तझ और तर पशचात तर वश को पालनी पडगी सो यह ह षटिक

तम म स एक एक पररषो का खतना हो 17|11 तम अपनी अपनी खलडी का खतना करा लना जो वाचा मर और तमहार बीच म ह उसका

यही लिचनह होगा 17|12 पीढी पीढी म कवल तर वश ही क लोग नही पर जो तर घर म उतपनन हो वा परणिशयो को

रपा कर मोल लिलय जाए ऐस सब पररषो भी जब आठ दिन क हो जाए तब उनका खतना षटिकयाजाए 17|13 जो तर घर म उतपनन हो अथवा तर रप स मोल लिलया जाए उसका खतना अवशय ही षटिकयाजाए सो मरी वाचा जिजसका लिचनह तमहारी ह म होगा वह यग यग रहगी 17|14 जो पररषो खतनारषटिहत रह अथाWत जिजसकी खलडी का खतना न हो वह पराणी अपन लोगो म स नाश षटिकया जाए कयोषटिक उसन मर साथ बा(ी हई वाचा को तोड दिया

17|15 षटि6र परमशवर न इबराहीम स कहा तरी जो पतनी सार ह उसको त अब सार न कहना उसका नाम सारा होगा

17|16 और म उसको आशीरषो दगा और तझ को उसक दवारा एक पतर दगा और म उसको ऐसी आशीरषो दगा षटिक वह जाषटित जाषटित की मलमाता हो जाएगी और उसक वश म राजय राजय क राजा

उतपनन होग 17|17 तब इबराहीम मह क बल षटिगर पडा और हसा और अपन मन ही मन कहन लगा कया सौ वरषोW

क पररषो क भी सनतान होगा और कया सारा जो नबब वरषोW की ह पतर जनगी 17|18 और इबराहीम न परमशवर स कहा इशमाएल तरी दषटि म बना रह यही बहत ह 17|19 तब परमशवर न कहा षटिनशचय तरी पतनी सारा क तझ स एक पतर उतपनन होगा और त उसका

नाम इसहाक रखना और म उसक साथ ऐसी वाचा बा(गा जो उसक पशचात उसक वश क लिलय यग यग की वाचा होगी

17|20 और इशमाएल क षटिवरषोय म भी म न तरी सनी ह म उसको भी आशीरषो दगा और उस 6लाऊ 6लाऊगा और अतयनत ही बढा दगा उसस बारह परान उतपनन होग और म उसस एक बडी

जाषटित बनाऊगा 17|21 परनत म अपनी वाचा इसहाक ही क साथ बा(गा जो सारा स अगल वरषोW क इसी षटिनयकत

समय म उतपनन होगा 17|22 तब परमशवर न इबराहीम स बात करनी बन की और उसक पास स ऊपर चढ गया 17|23 तब इबराहीम न अपन पतर इशमाएल को उसक घर म जिजतन उतपनन हए थ और जिजतन उसक

रप स मोल लिलय गए थ षटिनान उसक घर म जिजतन पररषो थ उन सभो को लक उसी दिन परमशवर क वचन क अनसार उनकी खलडी का खतना षटिकया

17|24 जब इबराहीम की खलडी का खतना हआ तब वह षटिनननानव वरषोW का था 17|25 और जब उसक पतर इशमाएल की खलडी का खतना हआ तब वह तरह वरषोW का था 17|26 इबराहीम और उसक पतर इशमाएल ोनो का खतना एक ही दिन हआ 17|27 और उसक घर म जिजतन पररषो थ जो घर म उतपनन हए तथा जो परणिशयो क हाथ स मोल

लिलय गए थ सब का खतना उसक साथ ही हआ

अधयाय१८

01 इबराहीम मामर क बाजो क बीच कडी प क समय तमब क दवार पर बठा हआ था तब यहोवा न उस शWन दिया

02 और उसन आख उठा कर दषटि की तो कया खा षटिक तीन पररषो उसक सामहन खड ह जब उसन उनह खा तब वह उन स भट करन क लिलय तमब क दवार स ौडा और भमिम पर षटिगरकर णडवत

की और कहन लगा 03 ह परभ यदि मझ पर तरी अनगरह की दषटि ह तो म षटिबनती करता ह षटिक अपन ास क पास स

चल न जाना 04 म थोडा सा जल लाता ह और आप अपन पाव ोकर इस वकष क तल षटिवशराम कर 05 षटि6र म एक टकडा रोटी ल आऊ और उसस आप अपन जीव को तपत कर तब उसक पशचात

आग बढ कयोषटिक आप अपन ास क पास इसी लिलय पार ह उनहोन कहा जसा त कहता ह वसा ही कर

06 सो इबराहीम न तमब म सारा क पास 6त स जा कर कहा तीन सआ मा 6त स ग( और 6लक बना

07 षटि6र इबराहीम गाय बल क झणड म ौडा और एक कोमल और अचछा बछडा ल कर अपन सवक को दिया और उसन 6त स उसको पकाया

08 तब उसन मकखन और द और वह बछडा जो उसन पकवाया था ल कर उनक आग परोसदिया और आप वकष क तल उनक पास खडा रहा और व खान लग 09 उनहोन उसस पछा तरी पतनी सारा कहा ह उसन कहा वह तो तमब म ह 10 उसन कहा म वसनत ऋत म षटिनशचय तर पास षटि6र आऊगा और तब तरी पतनी सारा क एक पतर

उतपनन होगा और सारा तमब क दवार पर जो इबराहीम क पीछ था सन रही थी 11 इबराहीम और सारा ोनो बहत बढ थ और सारा का सतरीमW बन हो गया था 12 सो सारा मन म हस कर कहन लगी म तो बढी ह और मरा पषटित भी बढा ह तो कया मझ यह

सख होगा 13 तब यहोवा न इबराहीम स कहा सारा यह कहकर कयोहसी षटिक कया मर जो ऐसी बदिढय़ा हो गईह सचमच एक पतर उतपनन होगा 14 कया यहोवा क लिलय कोई काम कदिठन ह षटिनयत समय म अथाWत वसनत ऋत म म तर पास

षटि6र आऊगा और सारा क पतर उतपनन होगा15 तब सारा डर क मार यह कह कर मकर गई षटिक म नही हसी उसन कहा नही त हसी तो थी 16 षटि6र व पररषो वहा स चल कर सोम की ओर ताकन लग और इबराहीम उनह षटिवा करन क लिलय

उनक सग सग चला 17 तब यहोवा न कहा यह जो म करता ह सो कया इबराहीम स लिछपा रख 18 इबराहीम स तो षटिनशचय एक बडी और सामथ जाषटित उपजगी और पथवी की सारी जाषटितया उसक

दवारा आशीरषो पाएगी 19 कयोषटिक म जानता ह षटिक वह अपन पतरो और परिरवार को जो उसक पीछ रह जाएग आजञा गा

षटिक व यहोवा क मागW म अटल बन रह और मW और नयाय करत रह इसलिलय षटिक जो कछ यहोवा न इबराहीम क षटिवरषोय म कहा ह उस परा कर

20 षटि6र यहोवा न कहा सोम और अमोरा की लिचललाहट बढ गई ह और उनका पाप बहत भारी हो गया ह

21 इसलिलय म उतरकर खगा षटिक उसकी जसी लिचललाहट मर कान तक पहची ह उनहोन ठीक वसा ही काम षटिकया ह षटिक नही और न षटिकया हो तो म उस जान लगा

22 सो व पररषो वहा स मड क सोम की ओर जान लग पर इबराहीम यहोवा क आग खडा रहगया 23 तब इबराहीम उसक समीप जा कर कहन लगा कया सचमच द क सग म को भी नाशकरगा 24 कालिचत उस नगर म पचास म हो तो कया त सचमच उस सथान को नाश करगा और उन

पचास रमिमयो क कारण जो उस म हो न छोडगा 25 इस परकार का काम करना तझ स दर रह षटिक द क सग म को भी मार डाल और म और

द ोनो की एक ही शा हो यह तझ स दर रह कया सारी पथवी का नयायी नयाय न कर 26 यहोवा न कहा यदि मझ सोम म पचास म मिमल तो उनक कारण उस सार सथान को छोडगा 27 षटि6र इबराहीम न कहा ह परभ सन म तो मिमटटी और राख ह तौभी म न इतनी दिढठाई की षटिक तझ

स बात कर 28 कालिचत उन पचास रमिमयो म पाच घट जाए तो कया त पाच ही क घटन क कारण उस सार

नगर का नाश करगा उसन कहा यदि मझ उस म पतालीस भी मिमल तौभी उसका नाश न करगा 29 षटि6र उसन उसस यह भी कहा कालिचत वहा चालीस मिमल उसन कहा तो म चालीस क कारण

भी ऐसा न करगा 30 षटि6र उसन कहा ह परभ करो न कर तो म कछ और कह कालिचत वहा तीस मिमल उसन कहा

यदि मझ वहा तीस भी मिमल तौभी ऐसा न करगा 31 षटि6र उसन कहा ह परभ सन म न इतनी दिढठाई तो की ह षटिक तझ स बात कर कालिचत उस म बीस मिमल उसन कहा म बीस क कारण भी उसका नाश न करगा

32 षटि6र उसन कहा ह परभ करो न कर म एक ही बार और कहगा कालिचत उस म स मिमल उसन कहा तो म स क कारण भी उसका नाश न करगा

33 जब यहोवा इबराहीम स बात कर चका तब चला गया और इबराहीम अपन घर को लौट गया

अधयाय१९

01 साझ को व ो दत सोम क पास आए और लत सोम क 6ाटक क पास बठा था सो उन को ख कर वह उन स भट करन क लिलय उठा और मह क बल झक कर णडवत कर कहा

02 ह मर परभओ अपन ास क घर म पारिरए और रात भर षटिवशराम कीजिजए और अपन पावोइय षटि6र भोर को उठ कर अपन मागW पर जाइए उनहोन कहा नही हम चौक ही म रात षटिबताएग 03 और उसन उन स बहत षटिबनती करक उनह मनाया सो व उसक साथ चल कर उसक घर म आए

और उसन उनक लिलय जवनार तयार की और षटिबना खमीर की रोदिटया बनाकर उन को खिखलाई 04 उनक सो जान क पषटिहल उस सोम नगर क पररषोो न जवानो स ल कर बढो तक वरन चारो

ओर क सब लोगो न आकर उस घर को घर लिलया 05 और लत को पकार कर कहन लग षटिक जो पररषो आज रात को तर पास आए ह व कहा ह उन

को हमार पास बाहर ल आ षटिक हम उन स भोग कर 06 तब लत उनक पास दवार क बाहर गया और षटिकवाड को अपन पीछ बन करक कहा 07 ह मर भाइयो ऐसी बराई न करो 08 सनो मरी ो बदिटया ह जिजनहोन अब तक पररषो का मह नही खा इचछा हो तो म उनह तमहार

पास बाहर ल आऊ और तम को जसा अचछा लग वसा वयवहार उन स करो पर इन पररषोो स कछ न करो कयोषटिक य मरी छत क तल आए ह

09 उनहोन कहा हट जा षटि6र व कहन लग त एक परशी हो कर यहा रहन क लिलय आया पर अब नयायी भी बन बठा ह सो अब हम उन स भी अलिक तर साथ बराई करग और व उस पररषो लत को बहत बान लग और षटिकवाड तोडन क लिलय षटिनकट आए

10 तब उन पाहनो न हाथ बढाकर लत को अपन पास घर म खीच लिलया और षटिकवाड को बन कर दिया 11 और उनहोन कया छोट कया बड सब पररषोो को जो घर क दवार पर थ अ(ा कर दिया सो व

दवार को टटोलत टटोलत थक गए 12 षटि6र उन पाहनो न लत स पछा यहा तर और कौन कौन ह ामा बट बदिटया वा नगर म तरा

जो कोई हो उन सभो को ल कर इस सथान स षटिनकल जा 13 कयोषटिक हम यह सथान नाश करन पर ह इसलिलय षटिक उसकी लिचललाहट यहोवा क सममख बढ गईह और यहोवा न हम इसका सतयनाश करन क लिलय भज दिया ह 14 तब लत न षटिनकल कर अपन ामाो को जिजनक साथ उसकी बदिटयो की सगाई हो गई थी

समझा क कहा उठो इस सथान स षटिनकल चलो कयोषटिक यहोवा इस नगर को नाश षटिकया चाहता ह पर वह अपन ामाो की दषटि म ठटठा करन हारा सा जान पडा

15 जब पौ 6टन लगी तब दतो न लत स 6त कराई और कहा षटिक उठ अपनी पतनी और ोनो बदिटयो को जो यहा ह ल जा नही तो त भी इस नगर क अमW म भसम हो जाएगा

16 पर वह षटिवलमब करता रहा इस स उन पररषोो न उसका और उसकी पतनी और ोनो बदिटयो का हाथ पकड लिलया कयोषटिक यहोवा की या उस पर थी और उसको षटिनकाल कर नगर क बाहर कर

दिया 17 और ऐसा हआ षटिक जब उनहोन उन को बाहर षटिनकाला तब उसन कहा अपना पराण ल कर भागजा पीछ की और न ताकना और तराई भर म न ठहरना उस पहाड पर भाग जाना नही तो त भी

भसम हो जाएगा 18 लत न उन स कहा ह परभ ऐसा न कर 19 ख तर ास पर तरी अनगरह की दषटि हई ह और त न इस म बडी कपा दिखाई षटिक मर पराण

को बचाया ह पर म पहाड पर भाग नही सकता कही ऐसा न हो षटिक कोई षटिवपलिc मझ पर आ पड और म मर जाऊ

20 ख वह नगर ऐसा षटिनकट ह षटिक म वहा भाग सकता ह और वह छोटा भी ह मझ वही भाग जान कया वह छोटा नही ह और मरा पराण बच जाएगा

21 उसन उसस कहा ख म न इस षटिवरषोय म भी तरी षटिबनती अगीकार की ह षटिक जिजस नगर की चचाW त न की ह उसको म नाश न करगा

22 6त स वहा भाग जा कयोषटिक जब तक त वहा न पहच तब तक म कछ न कर सकगा इसी कारण उस नगर का नाम सोअर पडा

23 लत क सोअर क षटिनकट पहचत ही सयW पथवी पर उय हआ 24 तब यहोवा न अपनी ओर स सोम और अमोरा पर आकाश स ग(क और आग बरसाई 25 और उन नगरो को और समपणW तराई को और नगरो को और उस समपणW तराई को और नगरो

क सब षटिनवालिसयो भमिम की सारी उपज समत नाश कर दिया 26 लत की पतनी न जो उसक पीछ थी दषटि 6र क पीछ की ओर खा और वह नमक का खमभा

बन गई 27 भोर को इबराहीम उठ कर उस सथान को गया जहा वह यहोवा क सममख खडा था 28 और सोम और अमोरा और उस तराई क सार श की ओर आख उठा कर कया खा षटिक उस

श म स कती हई भटटी का सा आ उठ रहा ह 29 और ऐसा हआ षटिक जब परमशवर न उस तराई क नगरो को जिजन म लत रहता था उलट पलट

कर नाश षटिकया तब उसन इबराहीम को या करक लत को उस घटना स बचा लिलया 30 और लत न सोअर को छोड दिया और पहाड पर अपनी ोनो बदिटयो समत रहन लगा कयोषटिक

वह सोअर म रहन स डरता था इसलिलय वह और उसकी ोनो बदिटया वहा एक ग6ा म रहन लग 31 तब बडी बटी न छोटी स कहा हमारा षटिपता बढा ह और पथवी भर म कोई ऐसा पररषो नही जो

ससार की रीषटित क अनसार हमार पास आए 32 सो आ हम अपन षटिपता को ाखम षटिपला कर उसक साथ सोए जिजस स षटिक हम अपन षटिपता

क वश को बचाए रख 33 सो उनहोन उसी दिन रात क समय अपन षटिपता को ाखम षटिपलाया तब बडी बटी जा कर अपन

षटिपता क पास लट गई पर उसन न जाना षटिक वह कब लटी और कब उठ गई 34 और ऐसा हआ षटिक दसर दिन बडी न छोटी स कहा ख कल रात को म अपन षटिपता क साथसोई सो आज भी रात को हम उसको ाखम षटिपलाए तब त जा कर उसक साथ सोना षटिक हम

अपन षटिपता क दवारा वश उतपनन कर 35 सो उनहोन उस दिन भी रात क समय अपन षटिपता को ाखम षटिपलाया और छोटी बटी जा कर

उसक पास लट गई पर उसको उसक भी सोन और उठन क समय का जञान न था 36 इस परकार स लत की ोनो बदिटया अपन षटिपता स गभWवती हई 37 और बडी एक पतर जनी और उसका नाम मोआब रखा वह मोआब नाम जाषटित का जो आज

तक ह मलषटिपता हआ 38 और छोटी भी एक पतर जनी और उसका नाम बनममी रखा वह अममोन वणिशयो का जो आज

तक ह मलषटिपता हआ

अधयाय२०

01 षटि6र इबराहीम वहा स कच कर चछिकखन श म आकर काश और शर क बीच म ठहरा और गरार म रहन लगा

02 और इबराहीम अपनी पतनी सारा क षटिवरषोय म कहन लगा षटिक वह मरी बषटिहन ह सो गरार क राजा अबीमलक न दत भज कर सारा को बलवा लिलया

03 रात को परमशवर न सवपन म अबीमलक क पास आकर कहा सन जिजस सतरी को त न रख लिलयाह उसक कारण त मर जाएगा कयोषटिक वह सहाषटिगन ह 04 परनत अबीमलक तो उसक पास न गया था सो उसन कहा ह परभ कया त षटिनरषो जाषटित का भी

घात करगा 05 कया उसी न सवय मझ स नही कहा षटिक वह मरी बषटिहन ह और उस सतरी न भी आप कहा षटिक

वह मरा भाई ह म न तो अपन मन की खराई और अपन वयवहार की सचचाई स यह काम षटिकया 06 परमशवर न उसस सवपन म कहा हा म भी जानता ह षटिक अपन मन की खराई स त न यह काम

षटिकया ह और म न तझ रोक भी रखा षटिक त मर षटिवरq पाप न कर इसी कारण म न तझ को उस छन नही दिया

07 सो अब उस पररषो की पतनी को उस 6र कयोषटिक वह नबी ह और तर लिलय पराथWना करगा और त जीता रहगा पर यदि त उसको न 6र तो जान रख षटिक त और तर जिजतन लोग ह सब

षटिनशचय मर जाएग 08 षटिबहान को अबीमलक न तडक उठ कर अपन सब कमWचारिरयो को बलवा कर य सब बात सनाई

और व लोग बहत डर गए 09 तब अबीमलक न इबराहीम को बलवा कर कहा त न हम स यह कया षटिकया ह और म न तरा

कया षटिबगाडा था षटिक त न मर और मर राजय क ऊपर ऐसा बडा पाप डाल दिया ह त न मझ स वह काम षटिकया ह जो उलिचत न था

10 षटि6र अबीमलक न इबराहीम स पछा त न कया समझ कर ऐसा काम षटिकया 11 इबराहीम न कहा म न यह सोचा था षटिक इस सथान म परमशवर का कछ भी भय न होगा सो य

लोग मरी पतनी क कारण मरा घात करग 12 और षटि6र भी सचमच वह मरी बषटिहन ह वह मर षटिपता की बटी तो ह पर मरी माता की बटी नही

षटि6र वह मरी पतनी हो गई 13 और ऐसा हआ षटिक जब परमशवर न मझ अपन षटिपता का घर छोड कर षटिनकलन की आजञा ी तब म न उसस कहा इतनी कपा तझ मझ पर करनी होगी षटिक हम ोनोजहा जहा जाए वहा वहा त मर

षटिवरषोय म कहना षटिक यह मरा भाई ह 14 तब अबीमलक न भड-बकरी गाय-बल और ास- ालिसया ल कर इबराहीम को ी और उसकी

पतनी सारा को भी उस 6र दिया 15 और अबीमलक न कहा ख मरा श तर सामहन ह जहा तझ भाव वहा रह 16 और सारा स उसन कहा ख म न तर भाई को रप क एक हजार टकड दिए ह ख तर सार

सषटिगयो क सामहन वही तरी आखो का पाW बनगा और सभो क सामहन त ठीक होगी 17 तब इबराहीम न यहोवा स पराथWना की और यहोवा न अबीमलक और उसकी पतनी और ालिसयो

को चगा षटिकया और व जनन लगी 18 कयोषटिक यहोवा न इबराहीम की पतनी सारा क कारण अबीमलक क घर की सब सतरिसतरयो की कोखो

को परी रीषटित स बन कर दिया था

अधयाय२१

01 सो यहोवा न जसा कहा था वसा ही सारा की सलि लक उसक साथ अपन वचन क अनसारषटिकया 02 सो सारा को इबराहीम स गभWवती हो कर उसक बढाप म उसी षटिनयकत समय पर जो परमशवर न

उसस ठहराया था एक पतर उतपनन हआ 03 और इबराहीम न अपन पतर का नाम जो सारा स उतपनन हआ था इसहाक रखा 04 और जब उसका पतर इसहाक आठ दिन का हआ तब उसन परमशवर की आजञा क अनसार

उसका खतना षटिकया 05 और जब इबराहीम का पतर इसहाक उतपनन हआ तब वह एक सौ वरषोW का था 06 और सारा न कहा परमशवर न मझ पर6चछिललत कर दिया ह इसलिलय सब सनन वाल भी मर साथ

पर6चछिललत होग 07 षटि6र उसन यह भी कहा षटिक कया कोई कभी इबराहीम स कह सकता था षटिक सारा लडको को द षटिपलाएगी पर खो मझ स उसक बढाप म एक पतर उतपनन हआ 08 और वह लडका बढा और उसका द छडाया गया और इसहाक क द छडान क दिन इबराहीम न बडी जवनार की

09 तब सारा को मिमसरी हाजिजरा का पतर जो इबराहीम स उतपनन हआ था हसी करता हआ ख पडा 10 सो इस कारण उसन इबराहीम स कहा इस ासी को पतर सषटिहत बरबस षटिनकाल कयोषटिक इस

ासी का पतर मर पतर इसहाक क साथ भागी न होगा 11 यह बात इबराहीम को अपन पतर क कारण बरी लगी 12 तब परमशवर न इबराहीम स कहा उस लडक और अपनी ासी क कारण तझ बरा न लग जो

बात सारा तझ स कह उस मान कयोषटिक जो तरा वश कहलाएगा सो इसहाक ही स चलगा 13 ासी क पतर स भी म एक जाषटित उतपनन करगा इसलिलय षटिक वह तरा वश ह 14 सो इबराहीम न षटिबहान को तडक उठ कर रोटी और पानी स भरी चमड की थली भी हाजिजरा कोी और उसक क( पर रखी और उसक लडक को भी उस कर उसको षटिवा षटिकया सो वह चलीगई और बशiexclबा क जगल म भरमण करन लगी 15 जब थली का जल चक गया तब उसन लडक को एक झाडी क नीच छोड दिया 16 और आप उसस तीर भर क टपप पर दर जा कर उसक सामहन यह सोचकर बठ गई षटिक मझ को

लडक की मतय खनी न पड तब वह उसक सामहन बठी हई लिचलला लिचलला क रोन लगी 17 और परमशवर न उस लडक की सनी और उसक दत न सवगW स हाजिजरा को पकार क कहा ह

हाजिजरा तझ कया हआ मत डर कयोषटिक जहा तरा लडका ह वहा स उसकी आवाज परमशवर को सन पडी ह

18 उठ अपन लडक को उठा और अपन हाथ स समभाल कयोषटिक म उसक दवारा एक बडी जाषटितबनाऊगा 19 परमशवर न उसकी आख खोल ी और उसको एक कआ दिखाई पडा सो उसन जा कर थली

को जल स भर कर लडक को षटिपलाया 20 और परमशवर उस लडक क साथ रहा और जब वह बडा हआ तब जगल म रहत रहत नाWरी

बन गया 21 वह तो पारान नाम जगल म रहा करता था और उसकी माता न उसक लिलय मिमसर श स एक

सतरी मगवाई 22 उन दिनो म ऐसा हआ षटिक अबीमलक अपन सनापषटित पीकोल को सग ल कर इबराहीम स कहनलगा जो कछ त करता ह उस म परमशवर तर सग रहता ह 23 सो अब मझ स यहा इस षटिवरषोय म परमशवर की षटिकरिरया खा षटिक त न तो मझ स छल करगा और न कभी मर वश स करगा परनत जसी करणा म न तझ पर की ह वसी ही त मझ पर और इस श पर भी जिजस म त रहता ह करगा

24 इबराहीम न कहा म षटिकरिरया खाऊगा 25 और इबराहीम न अबीमलक को एक कए क षटिवरषोय म जो अबीमलक क ासो न बरीयाई स ल

लिलया था उलाहना दिया

26 तब अबीमलक न कहा म नही जानता षटिक षटिकस न यह काम षटिकया और त न भी मझ नहीबताया और न म न आज स पषटिहल इसक षटिवरषोय म कछ सना 27 तब इबराहीम न भड-बकरी और गाय- बल ल कर अबीमलक को दिए और उन ोनो न आपस म

वाचा बा(ी 28 और इबराहीम न भड की सात बचची अलग कर रखी 29 तब अबीमलक न इबराहीम स पछा इन सात बसतरिचचयो का जो त न अलग कर रखी ह कया

परयोजन ह 30 उसन कहा त इन सात बसतरिचचयो को इस बात की साकषी जान कर मर हाथ स ल षटिक म न कआ

खोा ह 31 उन ोनो न जो उस सथान म आपस म षटिकरिरया खाई इसी कारण उसका नाम बशiexclबा पडा 32 जब उनहोन बशiexclबा म परसपर वाचा बा(ी तब अबीमलक और उसका सनापषटित पीकोल उठ कर

पलिलसतरिशतयो क श म लौट गए 33 और इबराहीम न बशiexclबा म झाऊ का एक वकष लगाया और वहा यहोवा जो सनातन ईशव

अधयाय२२

01 इन बातो क पशचात ऐसा हआ षटिक परमशवर न इबराहीम स यह कहकर उसकी परीकषा की षटिक हइबराहीम उसन कहा ख म यहा ह 02 उसन कहा अपन पतर को अथाWत अपन एकलौत पतर इसहाक को जिजस स त परम रखता ह सग

ल कर मोरिरययाह श म चला जा और वहा उसको एक पहाड क ऊपर जो म तझ बताऊगा होमबलिल करक चढा

03 सो इबराहीम षटिबहान को तडक उठा और अपन गह पर काठी कसकर अपन ो सवक और अपन पतर इसहाक को सग लिलया और होमबलिल क लिलय लकडी चीर ली तब कच करक उस सथान

की ओर चला जिजसकी चचाW परमशवर न उसस की थी 04 तीसर दिन इबराहीम न आख उठा कर उस सथान को दर स खा 05 और उसन अपन सवको स कहा गह क पास यही ठहर रहो यह लडका और म वहा तक जाकर और णडवत करक षटि6र तमहार पास लौट आऊगा 06 सो इबराहीम न होमबलिल की लकडी ल अपन पतर इसहाक पर लाी और आग और छरी को

अपन हाथ म लिलया और व ोनो एक साथ चल पड 07 इसहाक न अपन षटिपता इबराहीम स कहा ह मर षटिपता उसन कहा ह मर पतर कया बात ह उसनकहा ख आग और लकडी तो ह पर होमबलिल क लिलय भड कहा ह 08 इबराहीम न कहा ह मर पतर परमशवर होमबलिल की भड का उपाय आप ही करगा 09 सो व ोनो सग सग आग चलत गए और व उस सथान को जिजस परमशवर न उसको बताया थापहच तब इबराहीम न वहा वी बनाकर लकडी को चन चनकर रखा और अपन पतर इसहाक को

बा( क वी पर की लकडी क ऊपर रख दिया 10 और इबराहीम न हाथ बढाकर छरी को ल लिलया षटिक अपन पतर को बलिल कर 11 तब यहोवा क दत न सवगW स उसको पकार क कहा ह इबराहीम ह इबराहीम उसन कहा ख म

यहा ह 12 उसन कहा उस लडक पर हाथ मत बढा और न उसस कछ कर कयोषटिक त न जो मझ स अपन पतर वरन अपन एकलौत पतर को भी नही रख छोडा इस स म अब जान गया षटिक त परमशवर का भय

मानता ह 13 तब इबराहीम न आख उठाई और कया खा षटिक उसक पीछ एक मढा अपन सीगो स एक झाडी म बझा हआ ह सो इबराहीम न जाक उस मढ को लिलया और अपन पतर की सनती होमबलिल करक

चढाया 14 और इबराहीम न उस सथान का नाम यहोवा मियर रखा इसक अनसार आज तक भी कहा जाताह षटिक यहोवा क पहाड पर उपाय षटिकया जाएगा

15 षटि6र यहोवा क दत न दसरी बार सवगW स इबराहीम को पकार क कहा 16 यहोवा की यह वाणी ह षटिक म अपनी ही यह शपथ खाता ह षटिक त न जो यह काम षटिकया ह षटिक

अपन पतर वरन अपन एकलौत पतर को भी नही रख छोडा 17 इस कारण म षटिनशचय तझ आशीरषो दगा और षटिनशचय तर वश को आकाश क तारागण और समदर

क तीर की बाल क षटिकनको क समान अनषटिगषटिनत करगा और तरा वश अपन शतरओ क नगरो का अलिकारी होगा

18 और पथवी की सारी जाषटितया अपन को तर वश क कारण नय मानगी कयोषटिक त न मरी बात मानी ह

19 तब इबराहीम अपन सवको क पास लौट आया और व सब बशiexclबा को सग सग गए और इबराहीम बशiexclबा म रहता रहा

20 इन बातो क पशचात ऐसा हआ षटिक इबराहीम को यह सनश मिमला षटिक मिमलका क तर भाई नाहोर स सनतान उतपनन हए ह

21 मिमलका क पतर तो य हए अथाWत उसका जठा ऊस और ऊस का भाई बज और कमएल जो अराम का षटिपता हआ

22 षटि6र कस हज़ो षटिपलाश मियलाप और बतएल 23 इन आठो को मिमलका इबराहीम क भाई नाहोर क जनमाए जनी और बतएल न रिरबका को उतपननषटिकया 24 षटि6र नाहोर क रमा नाम एक रखली भी थी जिजस स तबह गहम तहश और माका उतपननहए

अधयाय२३

01 सारा तो एक सौ सcाईस बरस की अवसथा को पहची और जब सारा की इतनी अवसथा हई 02 तब वह षटिकयWतबाW म मर गई यह तो कनान श म ह और हबरोन भी कहलाता ह सो इबराहीम

सारा क लिलय रोन पीटन को वहा गया 03 तब इबराहीम अपन मiexcl क पास स उठ कर षटिहलिcयो स कहन लगा 04 म तमहार बीच पाहन और परशी ह मझ अपन मधय म कमिबरसतान क लिलय ऐसी भमिम ो जो मरी

षटिनज की हो जाए षटिक म अपन मiexcl को गाड क अपन आख की ओट कर 05 षटिहलिcयो न इबराहीम स कहा 06 ह हमार परभ हमारी सन त तो हमार बीच म बडा परान ह सो हमारी कबरो म स जिजस को त

चाह उस म अपन मiexcl को गाड हम म स कोई तझ अपनी कबर क लन स न रोकगा षटिक त अपन मiexcl को उस म गाडन न पाए

07 तब इबराहीम उठ कर खडा हआ और षटिहलिcयो क सममख जो उस श क षटिनवासी थ णडवत करक कहन लगा

08 यदि तमहारी यह इचछा हो षटिक म अपन मiexcl को गाड क अपनी आख की ओट कर तो मरी पराथWना ह षटिक सोहर क पतर एपरोन स मर लिलय षटिबनती करो

09 षटिक वह अपनी मकपला वाली ग6ा जो उसकी भमिम की सीमा पर ह उसका परा ाम ल कर मझ षटिक वह तमहार बीच कमिबरसतान क लिलय मरी षटिनज भमिम हो जाए

10 और एपरोन तो षटिहलिcयो क बीच वहा बठा हआ था सो जिजतन षटिहcी उसक नगर क 6ाटक स हो कर भीतर जात थ उन सभो क सामहन उसन इबराहीम को उcर दिया

11 षटिक ह मर परभ ऐसा नही मरी सन वह भमिम म तझ ता ह और उस म जो ग6ा ह वह भी म तझ ता ह अपन जाषटित भाइयो क सममख म उस तझ को दिए ता ह सो अपन मiexcl को कबर म

रख 12 तब इबराहीम न उस श क षटिनवालिसयो क सामहन णडवत की

13 और उनक सनत हए एपरोन स कहा यदि त ऐसा चाह तो मरी सन उस भमिम का जो ाम हो वह म ना चाहता ह उस मझ स ल ल तब म अपन मiexcl को वहा गाडगा

14 एपरोन न इबराहीम को यह उcर दिया 15 षटिक ह मर परभ मरी बात सन एक भमिम का ाम तो चार सौ शकल रपा ह पर मर और तर

बीच म यह कया ह अपन मiexcl को कबर म रख 16 इबराहीम न एपरोन की मानकर उसको उतना रपा तौल दिया जिजतना उसन षटिहलिcयो क सनत हए

कहा था अथाWत चार सौ ऐस शकल जो वयापारिरयो म चलत थ 17 सो एपरोन की भमिम जो मामर क सममख की मकपला म थी वह ग6ा समत और उन सब वकषो

समत भी जो उस म और उसक चारोऔर सीमा पर थ 18 जिजतन षटिहcी उसक नगर क 6ाटक स हो कर भीतर जात थ उन सभो क सामहन इबराहीम क

अलिकार म पककी रीषटित स आ गई 19 इसक पशचात इबराहीम न अपनी पतनी सारा को उस मकपला वाली भमिम की ग6ा म जो मामर क

अथाWत हबरोन क सामहन कनान श म ह मिमटटी ी 20 और वह भमिम ग6ा समत जो उस म थी षटिहलिcयो की ओर स कमिबरसतान क लिलय इबराहीम क

अलिकार म पककी रीषटित स आ गई

अधयाय२४

01 इबराहीम वq था और उसकी आय बहत थी और यहोवा न सब बातो म उसको आशीरषो ी थी 02 सो इबराहीम न अपन उस ास स जो उसक घर म परषटिनया और उसकी सारी समपलिc पर

अलिकारी था कहा अपना हाथ मरी जाघ क नीच रख 03 और मझ स आकाश और पथवी क परमशवर यहोवा की इस षटिवरषोय म शपथ खा षटिक त मर पतर क

लिलय कनाषटिनयो की लडषटिकयो म स जिजनक बीच म रहता ह षटिकसी को न ल आएगा 04 परनत त मर श म मर ही कटतनिमबयो क पास जा कर मर पतर इसहाक क लिलय एक पतनी लआएगा 05 ास न उसस कहा कालिचत वह सतरी इस श म मर साथ आना न चाह तो कया मझ तर पतर

को उस श म जहा स त आया ह ल जाना पडगा 06 इबराहीम न उसस कहा चौकस रह मर पतर को वहा कभी न ल जाना 07 सवगW का परमशवर यहोवा जिजसन मझ मर षटिपता क घर स और मरी जनमभमिम स ल आकर मझ स

शपथ खाकर कहा षटिक म यह श तर वश को दगा वही अपना दत तर आग आग भजगा षटिक त मर पतर क लिलय वहा स एक सतरी ल आए

08 और यदि वह सतरी तर साथ आना न चाह तब तो त मरी इस शपथ स छट जाएगा पर मर पतर को वहा न ल जाना

09 तब उस ास न अपन सवामी इबराहीम की जाघ क नीच अपना हाथ रखकर उसस इसी षटिवरषोय की शपथ खाई

10 तब वह ास अपन सवामी क ऊटो म स स ऊट छाटकर उसक सब उcम उcम पाथN म स कछ कछ ल कर चला और मसोपोटामिमया म नाहोर क नगर क पास पहचा

11 और उसन ऊटो को नगर क बाहर एक कए क पास बठाया वह सधया का समय था जिजस समय सतरिसतरया जल भरन क लिलय षटिनकलती ह

12 सो वह कहन लगा ह मर सवामी इबराहीम क परमशवर यहोवा आज मर कायW को लिसq कर और मर सवामी इबराहीम पर करणा कर

13 ख म जल क इस सोत क पास खडा ह और नगरवालिसयो की बदिटया जल भरन क लिलय षटिनकली आती ह

14 सो ऐसा होन षटिक जिजस कनया स म कह षटिक अपना घडा मरी ओर झका षटिक म पीऊ और वह कह षटिक ल पी ल पीछ म तर ऊटो को भी पीलाऊगी सो वही हो जिजस त न अपन ास इसहाक

क लिलय ठहराया हो इसी रीषटित म जान लगा षटिक त न मर सवामी पर करणा की ह

15 और ऐसा हआ षटिक जब वह कह ही रहा था षटिक रिरबका जो इबराहीम क भाई नाहोर क जनमाय मिमलका क पतर बतएल की बटी थी वह क( पर घडा लिलय हए आई

16 वह अषटित सनर और कमारी थी और षटिकसी पररषो का मह न खा था वह कए म सोत क पास उतर गई और अपना घडा भर क षटि6र ऊपर आई

17 तब वह ास उसस भट करन को ौडा और कहा अपन घड म स थोडा पानी मझ षटिपला 18 उसन कहा ह मर परभ ल पी ल और उसन 6त स घडा उतार कर हाथ म लिलय लिलय उसको

षटिपला दिया 19 जब वह उसको षटिपला चकी तक कहा म तर ऊटो क लिलय भी तब तक पानी भर भर लाऊगी

जब तक व पी न चक 20 तब वह 6त स अपन घड का जल हौ म उणडल कर षटि6र कए पर भरन को ौड गई और

उसक सब ऊटो क लिलय पानी भर दिया 21 और वह पररषो उसकी ओर चपचाप अचमभ क साथ ताकता हआ यह सोचता था षटिक यहोवा न

मरी यातरा को स6ल षटिकया ह षटिक नही 22 जब ऊट पी चक तब उस पररषो न आ तोल सोन का एक नथ षटिनकाल कर उसको दिया और

स तोल सोन क कगन उसक हाथो म पषटिहना दिए 23 और पछा त षटिकस की बटी ह यह मझ को बता कया तर षटिपता क घर म हमार दिटकन क

लिलय सथान ह 24 उसन उcर दिया म तो नाहोर क जनमाए मिमलका क पतर बतएल की बटी ह 25 षटि6र उस न उस स कहा हमार यहा पआल और चारा बहत ह और दिटकन क लिलय सथान भी ह 26 तब उस पररषो न लिसर झका कर यहोवा को णडवत करक कहा 27 नय ह मर सवामी इबराहीम का परमशवर यहोवा षटिक उसन अपनी करणा और सचचाई को मर

सवामी पर स हटा नही लिलया यहोवा न मझ को ठीक मागW पर चला कर मर सवामी क भाई ब(ओ क घर पर पहचा दिया ह

28 और उस कनया न ौड कर अपनी माता क घर म यह सारा वcानत कह सनाया 29 तब लाबान जो रिरबका का भाई था सो बाहर कए क षटिनकट उस पररषो क पास ौडा गया 30 और ऐसा हआ षटिक जब उसन वह नथ और अपनी बषटिहन रिरबका क हाथो म व कगन भी ख

और उसकी यह बात भी सनी षटिक उस पररषो न मझ स ऐसी बात कही तब वह उस पररषो क पासगया और कया खा षटिक वह सोत क षटिनकट ऊटो क पास खडा ह 31 उसन कहा ह यहोवा की ओर स नय पररषो भीतर आ त कयो बाहर खडा ह म न घर को

और ऊटो क लिलय भी सथान तयार षटिकया ह 32 और वह पररषो घर म गया और लाबान न ऊटो की कादिठया खोल कर पआल और चारा दिया

और उसक और उसक सगी जनो क पाव ोन को जल दिया 33 तब इबराहीम क ास क आग जलपान क लिलय कछ रखा गया पर उसन कहा म जब तक अपना

परयोजन न कह द तब तक कछ न खाऊगा लाबान न कहा कह 34 तब उसन कहा म तो इबराहीम का ास ह 35 और यहोवा न मर सवामी को बडी आशीरषो ी ह सो वह महान पररषो हो गया ह और उसन

उसको भड-बकरी गाय-बल सोना-रपा ास-ालिसया ऊट और गह दिए ह 36 और मर सवामी की पतनी सारा क बढाप म उसस एक पतर उतपनन हआ ह और उस पतर को

इबराहीम न अपना सब कछ दिया ह 37 और मर सवामी न मझ यह शपथ खिखलाई षटिक म उसक पतर क लिलय कनाषटिनयो की लडषटिकयो म स

जिजन क श म वह रहता ह कोई सतरी न ल आऊगा 38 म उसक षटिपता क घर और कल क लोगो क पास जा कर उसक पतर क लिलय एक सतरी लआऊगा 39 तब म न अपन सवामी स कहा कालिचत वह सतरी मर पीछ न आए 40 तब उसन मझ स कहा यहोवा जिजसक सामहन म चलता आया ह वह तर सग अपन दत को

भज कर तरी यातरा को स6ल करगा सो त मर कल और मर षटिपता क घरान म स मर पतर क लिलय

एक सतरी ल आ सकगा 41 त तब ही मरी इस शपथ स छटगा जब त मर कल क लोगो क पास पहचगा अथाWत यदि व मझ

कोई सतरी न तो त मरी शपथ स छटगा 42 सो म आज उस कए क षटिनकट आकर कहन लगा ह मर सवामी इबराहीम क परमशवर यहोवा यदि त मरी इस यातरा को स6ल करता हो

43 तो ख म जल क इस कए क षटिनकट खडा ह सो ऐसा हो षटिक जो कमारी जल भरन क लिलय षटिनकल आए और म उसस कह अपन घड म स मझ थोडा पानी षटिपला

44 और वह मझ स कह पी ल और म तर ऊटो क पीन क लिलय भी पानी भर दगी वह वही सतरी हो जिजस को त न मर सवामी क पतर क लिलय ठहराया हो

45 म मन ही मन यह कह ही रहा था षटिक ख रिरबका क( पर घडा लिलय हए षटिनकल आई षटि6र वह सोत क पास उतर क भरन लगी और म न उसस कहा मझ षटिपला

46 और उसन 6त स अपन घड को क( पर स उतार क कहा ल पी ल पीछ म तर ऊटो को भीषटिपलाऊगी सो म न पी लिलया और उसन ऊटो को भी षटिपला दिया 47 तब म न उसस पछा षटिक त षटिकस की बटी ह और उसन कहा म तो नाहोर क जनमाए मिमलका

क पतर बतएल की बटी ह तब म न उसकी नाक म वह नथ और उसक हाथो म व कगन पषटिहनादिए 48 षटि6र म न लिसर झका कर यहोवा को णडवत षटिकया और अपन सवामी इबराहीम क परमशवर यहोवा

को नय कहा कयोषटिक उसन मझ ठीक मागW स पहचाया षटिक म अपन सवामी क पतर क लिलय उसकी भतीजी को ल जाऊ

49 सो अब यदि त मर सवामी क साथ कपा और सचचाई का वयवहार करना चाहत हो तो मझ सकहो और यदि नही चाहत हो तौभी मझ स कह ो ताषटिक म ाषटिहनी ओर वा बाई ओर षटि6र जाऊ 50 तब लाबान और बतएल न उcर दिया यह बात यहोवा की ओर स हई ह सो हम लोग तझ स न

तो भला कह सकत ह न बरा 51 ख रिरबका तर सामहन ह उसको ल जा और वह यहोवा क वचन क अनसार तर सवामी क

पतर की पतनी हो जाए 52 उनका यह वचन सनकर इबराहीम क ास न भमिम पर षटिगर क यहोवा को णडवत षटिकया 53 षटि6र उस ास न सोन और रप क गहन और वसतर षटिनकाल कर रिरबका को दिए और उसक

भाई और माता को भी उसन अनमोल अनमोल वसतए ी 54 तब उसन अपन सगी जनो समत भोजन षटिकया और रात वही षटिबताई और तडक उठ कर कहा

मझ को अपन सवामी क पास जान क लिलय षटिवा करो 55 रिरबका क भाई और माता न कहा कनया को हमार पास कछ दिन अथाWत कम स कम स दिन

रहन षटि6र उसक पशचात वह चली जाएगी56 उसन उन स कहा यहोवा न जो मरी यातरा को स6ल षटिकया ह सो तम मझ मत रोको अब मझ

षटिवा कर ो षटिक म अपन सवामी क पास जाऊ 57 उनहोन कहा हम कनया को बला कर पछत ह और खग षटिक वह कया कहती ह 58 सो उनहोन रिरबका को बला कर उसस पछा कया त इस मनषय क सग जाएगी उसन कहा हा म जाऊगी 59 तब उनहोन अपनी बषटिहन रिरबका और उसकी ाय और इबराहीम क ास और उसक साथी सभो

को षटिवा षटिकया 60 और उनहोन रिरबका को आशीवाW क कहा ह हमारी बषटिहन त हजारो लाखो की आदिमाता हो

और तरा वश अपन बरिरयो क नगरो का अलिकारी हो 61 इस पर रिरबका अपनी सहलिलयो समत चली और ऊट पर चढ क उस पररषो क पीछ हो ली सो

वह ास रिरबका को साथ ल कर चल दिया 62 इसहाक जो चछिकखन श म रहता था सो लहरोई नाम कए स हो कर चला आता था 63 और साझ क समय वह मान म धयान करन क लिलय षटिनकला था और उसन आख उठा कर कया खा षटिक ऊट चल आ रह ह

64 और रिरबका न भी आख उठा कर इसहाक को खा और खत ही ऊट पर स उतर पडी 65 तब उसन ास स पछा जो पररषो मान पर हम स मिमलन को चला आता ह सो कौन ह ास न कहा वह तो मरा सवामी ह तब रिरबका न घघट ल कर अपन मह को ढाप लिलया

66 और ास न इसहाक स अपना सारा वcानत वणWन षटिकया 67 तब इसहाक रिरबका को अपनी माता सारा क तमब म ल आया और उसको बयाह कर उसस परमषटिकया और इसहाक को माता की मतय क पशचात शातनिनत हई

अधयाय२५

01 तब इबराहीम न एक और पतनी बयाह ली जिजसका नाम कतरा था 02 और उसस जिजमरान योकषान मना मिमदयान मियशबाक और शह उतपनन हए 03 और योकषान स शबा और ान उतपनन हए और ान क वश म अशशरी लतशी और लममी

लोग हए 04 और मिमदयान क पतर एपा एपर हनोक अबीा और एला हए स सब कतरा क सनतान हए 05 इसहाक को तो इबराहीम न अपना सब कछ दिया 06 पर अपनी रखलिलयो क पतरो को कछ कछ कर अपन जीत जी अपन पतर इसहाक क पास स

परब श म भज दिया 07 इबराहीम की सारी अवसथा एक सौ पचहcर वरषोW की हई 08 और इबराहीम का ीघाWय होन क कारण अथाWत पर बढाप की अवसथा म पराण छट गया और वह

अपन लोगो म जा मिमला 09 और उसक पतर इसहाक और इशमाएल न षटिहcी सोहर क पतर एपरोन की ममर क सममख वाली

भमिम म जो मकपला की ग6ा थी उस म उसको मिमटटी ी गई 10 अथाWत जो भमिम इबराहीम न षटिहलिcयो स मोल ली थी उसी म इबराहीम और उस की पतनी सारा

ोनो को मिमटटी ी गई 11 इबराहीम क मरन क पशचात परमशवर न उसक पतर इसहाक को जो लहरोई नाम कए क पास रहता

था आशीरषो ी 12 इबराहीम का पतर इशमाएल जो सारा की लौडी हाजिजरा मिमसरी स उतपनन हआ था उसकी यह

वशावली ह 13 इशमाएल क पतरो क नाम और वशावली यह ह अथाWत इशमाएल का जठा पतर नबायोत षटि6रकार अदबल मिमबसाम 14 मिमशमा दमा मससा 15 हर तमा यतर नपीश और कमा 16 इशमाएल क पतर य ही हए और इनही क नामो क अनसार इनक गावो और छावषटिनयो क नाम

भी पड और य ही बारह अपन अपन कल क परान हए 17 इशमाएल की सारी अवसथा एक सौ सतीस वरषोW की हई तब उसक पराण छट गए और वह अपन

लोगो म जा मिमला 18 और उसक वश हवीला स शर तक जो मिमसर क सममख अशशर क मागW म ह बस गए और

उनका भाग उनक सब भाई ब(ओ क सममख पडा 19 इबराहीम क पतर इसहाक की वशावली यह ह इबराहीम स इसहाक उतपनन हआ 20 और इसहाक न चालीस वरषोW का हो कर रिरबका को जो पददनराम क वासी अरामी बतएल कीबटी और अरामी लाबान की बषटिहन भी बयाह लिलया 21 इसहाक की पतनी तो बाझ थी सो उस न उस क षटिनमिमc यहोवा स षटिबनती की और यहोवा न

उसकी षटिबनती सनी सो उसकी पतनी रिरबका गभWवती हई 22 और लडक उसक गभW म आपस म लिलपट क एक दसर को मारन लग तब उसन कहा मरी जो

ऐसी ही शा रहगी तो म कयोकर जीषटिवत रहगी और वह यहोवा की इचछा पछन को गई 23 तब यहोवा न उसस कहा तर गभW म ो जाषटितया ह और तरी कोख स षटिनकलत ही ो राजय क

लोग अलग अलग होग और एक राजय क लोग दसर स अलिक सामथ होग और बडा बटा छोट क आीन होगा

24 जब उसक पतर उतपनन होन का समय आया तब कया परगट हआ षटिक उसक गभW म जडव बालकह 25 और पषटिहला जो उतपनन हआ सो लाल षटिनकला और उसका सारा शरीर कमबल क समान रोममयथा सो उसका नाम ऐसाव रखा गया 26 पीछ उसका भाई अपन हाथ स ऐसाव की एडी पकड हए उतपनन हआ और उसका नाम याकब

रखा गया और जब रिरबका न उन को जनम दिया तब इसहाक साठ वरषोW का था 27 षटि6र व लडक बढन लग और ऐसाव तो वनवासी हो कर चतर णिशकार खलन वाला हो गया पर

याकब सीा मनषय था और तमबओ म रहा करता था 28 और इसहाक तो ऐसाव क अहर का मास खाया करता था इसलिलय वह उसस परीषटित रखता था

पर रिरबका याकब स परीषटित रखती थी 29 याकब भोजन क लिलय कछ ाल पका रहा था और ऐसाव मान स थका हआ आया 30 तब ऐसाव न याकब स कहा वह जो लाल वसत ह उसी लाल वसत म स मझ कछ खिखला

कयोषटिक म थका ह इसी कारण उसका नाम एोम भी पडा 31 याकब न कहा अपना पषटिहलौठ का अलिकार आज मर हाथ बच 32 ऐसाव न कहा ख म तो अभी मरन पर ह सो पषटिहलौठ क अलिकार स मरा कया लाभ होगा 33 याकब न कहा मझ स अभी शपथ खा सो उसन उसस शपथ खाई और अपना पषटिहलौठ का

अलिकार याकब क हाथ बच डाला 34 इस पर याकब न ऐसाव को रोटी और पकाई हई मसर की ाल ी और उसन खाया षटिपया तब

उठ कर चला गया यो ऐसाव न अपना पषटिहलौठ का अलिकार तचछ जाना

अधयाय२६

01 और उस श म अकाल पडा वह उस पषटिहल अकाल स अलग था जो इबराहीम क दिनो म पडा था सो इसहाक गरार को पलिलसतरिशतयो क राजा अबीमलक क पास गया

02 वहा यहोवा न उसको शWन कर कहा मिमसर म मत जा जो श म तझ बताऊ उसी म रह 03 त इसी श म रह और म तर सग रहगा और तझ आशीरषो दगा और य सब श म तझ को

और तर वश को दगा और जो शपथ म न तर षटिपता इबराहीम स खाई थी उस म परी करगा 04 और म तर वश को आकाश क तारागण क समान करगा और म तर वश को य सब श दगा

और पथवी की सारी जाषटितया तर वश क कारण अपन को नय मानगी 05 कयोषटिक इबराहीम न मरी मानी और जो म न उस सौपा था उसको और मरी आजञाओ षटिवलियो

और वयवसथा का पालन षटिकया 06 सो इसहाक गरार म रह गया 07 जब उस सथान क लोगो न उसकी पतनी क षटिवरषोय म पछा तब उसन यह सोच कर षटिक यदि म

उसको अपनी पतनी कह तो यहा क लोग रिरबका क कारण जो परमसनरी ह मझ को मार डालग उcर दिया वह तो मरी बषटिहन ह

08 जब उसको वहा रहत बहत दिन बीत गए तब एक दिन पलिलसतरिशतयो क राजा अबीमलक न खिखडकी म स झाक क कया खा षटिक इसहाक अपनी पतनी रिरबका क साथ करीडा कर रहा ह

09 तब अबीमलक न इसहाक को बलवा कर कहा वह तो षटिनशचय तरी पतनी ह षटि6र त न कयोकर उसको अपनी बषटिहन कहा इसहाक न उcर दिया म न सोचा था षटिक ऐसा न हो षटिक उसक कारण

मरी मतय हो 10 अबीमलक न कहा त न हम स यह कया षटिकया ऐस तो परजा म स कोई तरी पतनी क साथ

सहज स ककमW कर सकता और त हम को पाप म 6साता 11 और अबीमलक न अपनी सारी परजा को आजञा ी षटिक जो कोई उस पररषो को वा उस सतरी कोछएगा सो षटिनशचय मार डाला जाएगा

12 षटि6र इसहाक न उस श म जोता बोया और उसी वरषोW म सौ गणा 6ल पाया और यहोवा न उसको आशीरषो ी

13 और वह बढा और उसकी उननषटित होती चली गई यहा तक षटिक वह अषटित महान पररषो हो गया 14 जब उसक भड-बकरी गाय-बल और बहत स ास- ालिसया हई तब पलिलशती उसस डाह करनलग 15 सो जिजतन कओ को उसक षटिपता इबराहीम क ासो न इबराहीम क जीत जी खोा था उन को

पलिलसतरिशतयो न मिमटटी स भर दिया 16 तब अबीमलक न इसहाक स कहा हमार पास स चला जा कयोषटिक त हम स बहत सामथ हो

गया ह 17 सो इसहाक वहा स चला गया और गरार क नाल म तमब खडा करक वहा रहन लगा 18 तब जो कए उसक षटिपता इबराहीम क दिनो म खो गए थ और इबराहीम क मरन क पीछ

पलिलसतरिशतयो न भर दिए थ उन को इसहाक न षटि6र स खवाया और उनक व ही नाम रख जो उसक षटिपता न रख थ

19 षटि6र इसहाक क ासो को नाल म खोत खोत बहत जल का एक सोता मिमला 20 तब गरारी चरवाहो न इसहाक क चरवाहो स झगडा षटिकया और कहा षटिक यह जल हमारा ह सो

उसन उस कए का नाम एसक रखा इसलिलय षटिक व उसस झगड थ 21 षटि6र उनहोन दसरा कआ खोा और उनहोन उसक लिलय भी झगडा षटिकया सो उसन उसका नाम

लिसतरा रखा 22 तब उसन वहा स कच करक एक और कआ खवाया और उसक लिलय उनहोन झगडा न षटिकया

सो उसन उसका नाम यह कह कर रहोबोत रखा षटिक अब तो यहोवा न हमार लिलय बहत सथान दियाह और हम इस श म 6ल-6लग 23 वहा स वह बशiexclबा को गया 24 और उसी दिन यहोवा न रात को उस शWन कर कहा म तर षटिपता इबराहीम का परमशवर ह मतडर कयोषटिक म तर साथ ह और अपन ास इबराहीम क कारण तझ आशीरषो दगा और तरा वशबढाऊगा 25 तब उसन वहा एक वी बनाई और यहोवा स पराथWना की और अपना तमब वही खडा षटिकया

और वहा इसहाक क ासो न एक कआ खोा 26 तब अबीमलक अपन मिमतर अहजजत और अपन सनापषटित पीकोल को सग ल कर गरार स उसक

पास गया 27 इसहाक न उन स कहा तम न मझ स बर करक अपन बीच स षटिनकाल दिया था सो अब मर

पास कयो आए हो 28 उनहोन कहा हम न तो परतयकष खा ह षटिक यहोवा तर साथ रहता ह सो हम न सोचा षटिक त तो

यहोवा की ओर स नय ह सो हमार तर बीच म शपथ खाई जाए और हम तझ स इस षटिवरषोय की वाचा ब(ाए

29 षटिक जस हम न तझ नही छआ वरन तर साथ षटिनरी भलाई की ह और तझ को कशल कषम स षटिवा षटिकया उसक अनसार त भी हम स कोई बराई न करगा

30 तब उसन उनकी जवनार की और उनहोन खाया षटिपया 31 षटिबहान को उन सभो न तडक उठ कर आपस म शपथ खाई तब इसहाक न उन को षटिवा षटिकया

और व कशल कषम स उसक पास स चल गए 32 उसी दिन इसहाक क ासो न आकर अपन उस खो हए कए का वcानत सना क कहा षटिक हम

को जल का एक सोता मिमला ह 33 तब उसन उसका नाम णिशबा रखा इसी कारण उस नगर का नाम आज तक बशiexclबा पडा ह 34 जब ऐसाव चालीस वरषोW का हआ तब उसन षटिहcी बरी की बटी यहीत और षटिहcी एलोन की

बटी बाशमत को बयाह लिलया 35 और इन सतरिसतरयो क कारण इसहाक और रिरबका क मन को ख हआ

अधयाय२७

01 जब इसहाक बढा हो गया और उसकी आख ऐसी ली पड गई षटिक उसको सझता न था तब उसन अपन जठ पतर ऐसाव को बला कर कहा ह मर पतर उसन कहा कया आजञा

02 उसन कहा सन म तो बढा हो गया ह और नही जानता षटिक मरी मतय का दिन कब होगा 03 सो अब त अपना तरकश और नरषो आदि हलिथयार ल कर मान म जा और मर लिलय षटिहरन का

अहर कर ल आ 04 तब मरी रलिच क अनसार सवादि भोजन बना कर मर पास ल आना षटिक म उस खा कर मरन स

पहल तझ जी भर क आशीवाW द 05 तब ऐसाव अहर करन को मान म गया जब इसहाक ऐसाव स यह बात कह रहा था तब

रिरबका सन रही थी 06 सो उसन अपन पतर याकब स कहा सन म न तर षटिपता को तर भाई ऐसाव स यह कहत सना 07 षटिक त मर लिलय अहर कर क उसका सवादि भोजन बना षटिक म उस खा कर तझ यहोवा क आग

मरन स पषटिहल आशीवाW द 08 सो अब ह मर पतर मरी सन और यह आजञा मान 09 षटिक बकरिरयो क पास जा कर बकरिरयो क ो अचछ अचछ बचच ल आ और म तर षटिपता क लिलय

उसकी रलिच क अनसार उन क मास का सवादि भोजन बनाऊगी 10 तब त उसको अपन षटिपता क पास ल जाना षटिक वह उस खा कर मरन स पषटिहल तझ को

आशीवाW 11 याकब न अपनी माता रिरबका स कहा सन मरा भाई ऐसाव तो रोआर पररषो ह और म रोमहीन

पररषो ह 12 कालिचत मरा षटिपता मझ टटोलन लग तो म उसकी दषटि म ठग ठहरगा और आशीरषो क बल

शाप ही कमाऊगा 13 उसकी माता न उसस कहा ह मर पतर शाप तझ पर नही मझी पर पड त कवल मरी सन और

जा कर व बचच मर पास ल आ 14 तब याकब जा कर उन को अपनी माता क पास ल आया और माता न उसक षटिपता की रलिच क

अनसार सवादि भोजन बना दिया 15 तब रिरबका न अपन पषटिहलौठ पतर ऐसाव क सनर वसतर जो उसक पास घर म थ ल कर अपन

लहर पतर याकब को पषटिहना दिए 16 और बकरिरयो क बचचो की खालो को उसक हाथो म और उसक लिचकन गल म लपट दिया 17 और वह सवादि भोजन और अपनी बनाई हई रोटी भी अपन पतर याकब क हाथ म ी 18 सो वह अपन षटिपता क पास गया और कहा ह मर षटिपता उसन कहा कया बात ह ह मर पतर त

कौन ह 19 याकब न अपन षटिपता स कहा म तरा जठा पतर ऐसाव ह म न तरी आजञा क अनसार षटिकया ह

सो उठ और बठ कर मर अहर क मास म स खा षटिक त जी स मझ आशीवाW 20 इसहाक न अपन पतर स कहा ह मर पतर कया कारण ह षटिक वह तझ इतनी जली मिमल गया

उसन यह उcर दिया षटिक तर परमशवर यहोवा न उसको मर सामहन कर दिया 21 षटि6र इसहाक न याकब स कहा ह मर पतर षटिनकट आ म तझ टटोल कर जान षटिक त सचमच

मरा पतर ऐसाव ह या नही 22 तब याकब अपन षटिपता इसहाक क षटिनकट गया और उसन उसको टटोल कर कहा बोल तो

याकब का सा ह पर हाथ ऐसाव ही क स जान पडत ह 23 और उसन उसको नही चीनहा कयोषटिक उसक हाथ उसक भाई क स रोआर थ सो उस न उसको

आशीवाW दिया 24 और उसन पछा कया त सचमच मरा पतर ऐसाव ह उसन कहा हा म ह 25 तब उसन कहा भोजन को मर षटिनकट ल आ षटिक म अपन पतर क अहर क मास म स खाकर

तझ जी स आशीवाW द तब वह उसको उसक षटिनकट ल आया और उसन खाया और वह उसक

पास ाखम भी लाया और उसन षटिपया 26 तब उसक षटिपता इसहाक न उसस कहा ह मर पतर षटिनकट आकर मझ चम 27 उसन षटिनकट जा कर उसको चमा और उसन उसक वसतरो की सग( पाकर उसको य़ह आशीवाW दिया षटिक ख मर पतर का सग( जो ऐस खत का सा ह जिजस पर यहोवा न आशीरषो ी हो 28 सो परमशवर तझ आकाश स ओस और भमिम की उcम स उcम उपज और बहत सा अनाज

और नया ाखम 29 राजय राजय क लोग तर आीन हो और श श क लोग तझ णडवत कर त अपन भाइयो का

सवामी हो और तरी माता क पतर तझ णडवत कर जो तझ शाप सो आप ही सराषटिपत हो और जो तझ आशीवाW सो आशीरषो पाए

30 यह आशीवाW इसहाक याकब को ही चका और याकब अपन षटिपता इसहाक क सामहन स षटिनकला ही था षटिक ऐसाव अहर ल कर आ पहचा

31 तब वह भी सवादि भोजन बना कर अपन षटिपता क पास ल आया और उस स कहा ह मरषटिपता उठ कर अपन पतर क अहर का मास खा ताषटिक मझ जी स आशीवाW 32 उसक षटिपता इसहाक न पछा त कौन ह उसन कहा म तरा जठा पतर ऐसाव ह 33 तब इसहाक न अतयनत थरथर कापत हए कहा षटि6र वह कौन था जो अहर करक मर पास ल

आया था और म न तर आन स पषटिहल सब म स कछ कछ खा लिलया और उसको आशीवाW दिया वरन उसको आशीरषो लगी भी रहगी

34 अपन षटिपता की यह बात सनत ही ऐसाव न अतयनत ऊच और द ख भर सवर स लिचललाकर अपन षटिपता स कहा ह मर षटिपता मझ को भी आशीवाW

35 उसन कहा तरा भाई तWता स आया और तर आशीवाW को लक चला गया 36 उसन कहा कया उसका नाम याकब यथाथW नही रखा गया उसन मझ ो बार अडगा मारा मरा

पषटिहलौठ का अलिकार तो उसन ल ही लिलया था और अब ख उसन मरा आशीवाW भी ल लिलया ह षटि6र उसन कहा कया त न मर लिलय भी कोई आशीवाW नही सोच रखा ह

37 इसहाक न ऐसाव को उcर कर कहा सन म न उसको तरा सवामी ठहराया और उसक सब भाइयो को उसक आीन कर दिया और अनाज और नया ाखम कर उसको प षटिकया ह सो

अब ह मर पतर म तर लिलय कया कर 38 ऐसाव न अपन षटिपता स कहा ह मर षटिपता कया तर मन म एक ही आशीवाW ह ह मर षटिपता मझ

को भी आशीवाW यो कह कर ऐसाव 6ट 6ट क रोया 39 उसक षटिपता इसहाक न उसस कहा सन तरा षटिनवास उपजाऊ भमिम पर हो और ऊपर स

आकाश की ओस उस पर पड 40 और त अपनी तलवार क बल स जीषटिवत रह और अपन भाई क आीन तो होए पर जब त

सवाीन हो जाएगा तब उसक जए को अपन क( पर स तोड 6 क 41 ऐसाव न तो याकब स अपन षटिपता क दिए हए आशीवाW क कारण बर रखा सो उसन सोचा षटिक

मर षटिपता क अनतकाल का दिन षटिनकट ह षटि6र म अपन भाई याकब को घात करगा 42 जब रिरबका को अपन पषटिहलौठ पतर ऐसाव की य बात बताई गई तब उसन अपन लहर पतर

याकब को बला कर कहा सन तरा भाई ऐसाव तझ घात करन क लिलय अपन मन को ीरज रहाह 43 सो अब ह मर पतर मरी सन और हारान को मर भाई लाबान क पास भाग जा 44 और थोड दिन तक अथाWत जब तक तर भाई का करो न उतर तब तक उसी क पास रहना 45 षटि6र जब तर भाई का करो तझ पर स उतर और जो काम त न उस स षटिकया ह उसको वह भल जाए तब म तझ वहा स बलवा भजगी ऐसा कयो हो षटिक एक ही दिन म मझ तम ोनो स रषटिहत होनापड 46 षटि6र रिरबका न इसहाक स कहा षटिहcी लडषटिकयो क कारण म अपन पराण स मिघन करती ह सो

यदि ऐसी षटिहcी लडषटिकयो म स जसी इस श की लडषटिकया ह याकब भी एक को कही बयाह ल तो मर जीवन म कया लाभ होगा

अधयाय२८

01 तब इसहाक न याकब को बलाकर आशीवाW दिया और आजञा ी षटिक त षटिकसी कनानी लडकी को न बयाह लना

02 पददनराम म अपन नाना बतएल क घर जा कर वहा अपन मामा लाबान की एक बटी को बयाहलना 03 और सवWशलिकतमान ईशवर तझ आशीरषो और 6ला- 6ला कर बढाए और त राजय राजय की

मणडली का मल हो 04 और वह तझ और तर वश को भी इबराहीम की सी आशीरषो षटिक त यह श जिजस म त परशी

हो कर रहता ह और जिजस परमशवर न इबराहीम को दिया था उसका अलिकारी हो जाए 05 और इसहाक न याकब को षटिवा षटिकया और वह पददनराम को अरामी बतएल क उस पतर लाबान

क पास चला जो याकब और ऐसाव की माता रिरबका का भाई था 06 जब इसहाक न याकब को आशीवाW कर पददनराम भज दिया षटिक वह वही स पतनी बयाह लाए

और उसको आशीवाW न क समय यह आजञा भी ी षटिक त षटिकसी कनानी लडकी को बयाह न लना 07 और याकब माता षटिपता की मान कर पददनराम को चल दिया 08 तब ऐसाव यह सब ख क और यह भी सोच कर षटिक कनानी लडषटिकया मर षटिपता इसहाक को

बरी लगती ह 09 इबराहीम क पतर इशमाएल क पास गया और इशमाएल की बटी महलत को जो नबायोत की

बषटिहन थी बयाह कर अपनी पतनितनयो म मिमला लिलया 10 सो याकब बशiexclबा स षटिनकल कर हारान की ओर चला 11 और उसन षटिकसी सथान म पहच कर रात वही षटिबतान का षटिवचार षटिकया कयोषटिक सयW असत हो गया था सो उसन उस सथान क पतथरो म स एक पतथर ल अपना तषटिकया बना कर रखा और उसी सथान म सो गया

12 तब उसन सवपन म कया खा षटिक एक सीढी पथवी पर खडी ह और उसका लिसरा सवगW तक पहचा ह और परमशवर क दत उस पर स चढत उतरत ह 13 और यहोवा उसक ऊपर खडा हो कर कहता ह षटिक म यहोवा तर ाा इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का भी परमशवर ह जिजस भमिम पर त पडा ह उस म तझ को और तर वश को दगा 14 और तरा वश भमिम की ल क षटिकनको क समान बहत होगा और पचछिचछम परब उcर चछिकखन चारो ओर 6लता जाएगा और तर और तर वश क दवारा पथवी क सार कल आशीरषो पाएग 15 और सन म तर सग रहगा और जहा कही त जाए वहा तरी रकषा करगा और तझ इस श म

लौटा ल आऊगा म अपन कह हए को जब तक परा न कर ल तब तक तझ को न छोडगा 16 तब याकब जाग उठा और कहन लगा षटिनशचय इस सथान म यहोवा ह और म इस बात को न

जानता था 17 और भय खा कर उसन कहा यह सथान कया ही भयानक ह यह तो परमशवर क भवन को छोड

और कछ नही हो सकता वरन यह सवगW का 6ाटक ही होगा 18 भोर को याकब तडक उठा और अपन तषटिकए का पतथर ल कर उसका खमभा खडा षटिकया और

उसक लिसर पर तल डाल दिया 19 और उसन उस सथान का नाम बतल रखा पर उस नगर का नाम पषटिहल लज था 20 और याकब न यह मननत मानी षटिक यदि परमशवर मर सग रहकर इस यातरा म मरी रकषा कर और

मझ खान क लिलय रोटी और पषटिहनन क लिलय कपडा 21 और म अपन षटिपता क घर म कशल कषम स लौट आऊ तो यहोवा मरा परमशवर ठहरगा 22 और यह पतथर जिजसका म न खमभा खडा षटिकया ह परमशवर का भवन ठहरगा और जो कछ त

मझ उसका शमाश म अवशय ही तझ दिया करगा

अधयाय२९

01 षटि6र याकब न अपना मागW लिलया और परवविववयो क श म आया 02 और उसन दषटि करक कया खा षटिक मान म एक कआ ह और उसक पास भड- बकरिरयो क

तीन झणड बठ हए ह कयोषटिक जो पतथर उस कए क मह पर रा रहता था जिजस म स झणडो को जल षटिपलाया जाता था वह भारी था

03 और जब सब झणड वहा इकटठ हो जात तब चरवाह उस पतथर को कए क मह पर स लढका करभड- बकरिरयो को पानी षटिपलात और षटि6र पतथर को कए क मह पर जयो का तयो रख त थ 04 सो याकब न चरवाहो स पछा ह मर भाइयो तम कहा क हो उनहोन कहा हम हारान क ह 05 तब उसन उन स पछा कया तम नाहोर क पोत लाबान को जानत हो उनहोन कहा हा हम उस

जानत ह 06 षटि6र उसन उन स पछा कया वह कशल स ह उनहोन कहा हा कशल स तो ह और वह ख

उसकी बटी राहल भड- बकरिरयो को लिलय हए चली आती ह 07 उसन कहा खो अभी तो दिन बहत ह पशओ क इकटठ होन का समय नही सो भड- बकरिरयो

को जल षटिपलाकर षटि6र ल जा कर चराओ 08 उनहोन कहा हम अभी ऐसा नही कर सकत जब सब झणड इकटठ होत ह तब पतथर कए क मह

स लढकाया जाता ह और तब हम भड- बकरिरयो को पानी षटिपलात ह 09 उनकी यह बातचीत हो रही थी षटिक राहल जो पश चराया करती थी सो अपन षटिपता की भड-

बकरिरयो को लिलय हए आ गई 10 अपन मामा लाबान की बटी राहल को और उसकी भड- बकरिरयो को भी ख कर याकब न

षटिनकट जा कर कए क मह पर स पतथर को लढका कर अपन मामा लाबान की भड- बकरिरयो को पानीषटिपलाया 11 तब याकब न राहल को चमा और ऊच सवर स रोया 12 और याकब न राहल को बता दिया षटिक म तरा 66रा भाई ह अथाWत रिरबका का पतर ह तब

उसन ौड क अपन षटिपता स कह दिया 13 अपन भानज याकब का समाचार पात ही लाबान उसस भट करन को ौडा और उसको गल

लगाकर चमा षटि6र अपन घर ल आया और याकब न लाबान स अपना सब वcानत वणWन षटिकया 14 तब लाबान न याकब स कहा त तो सचमच मरी हmी और मास ह सो याकब एक महीना भर

उसक साथ रहा 15 तब लाबान न याकब स कहा भाईब( होन क कारण तझ स सतमत सवा कराना मझ उलिचत

नही ह सो कह म तझ सवा क बल कया द16 लाबान क ो बदिटया थी जिजन म स बडी का नाम लिलआ और छोटी का राहल था 17 लिलआ क तो (ली आख थी पर राहल रपवती और सनर थी 18 सो याकब न जो राहल स परीषटित रखता था कहा म तरी छोटी बटी राहल क लिलय सात बरस

तरी सवा करगा 19 लाबान न कहा उस पराए पररषो को न स तझ को ना उcम होगा सो मर पास रह 20 सो याकब न राहल क लिलय सात बरस सवा की और व उसको राहल की परीषटित क कारण थोड

ही दिनो क बराबर जान पड 21 तब याकब न लाबान स कहा मरी पतनी मझ और म उसक पास जाऊगा कयोषटिक मरा समय

परा हो गया ह 22 सो लाबान न उस सथान क सब मनषयो को बला कर इकटठा षटिकया और उनकी जवनार की 23 साझ क समय वह अपनी बटी लिलआ को याकब क पास ल गया और वह उसक पास गया 24 और लाबान न अपनी बटी लिलआ को उसकी लौडी होन क लिलय अपनी लौडी जिजलपा ी 25 भोर को मालम हआ षटिक यह तो लिलआ ह सो उसन लाबान स कहा यह त न मझ स कया षटिकयाह म न तर साथ रहकर जो तरी सवा की सो कया राहल क लिलय नही की षटि6र त न मझ स कयो

ऐसा छल षटिकया ह 26 लाबान न कहा हमार यहा ऐसी रीषटित नही षटिक जठी स पषटिहल दसरी का षटिववाह कर 27 इसका सपताह तो परा कर षटि6र दसरी भी तझ उस सवा क लिलय मिमलगी जो त मर साथ रह कर

और सात वरषोW तक करगा 28 सो याकब न ऐसा ही षटिकया और लिलआ क सपताह को परा षटिकया तब लाबान न उस अपनी

बटी राहल को भी दिया षटिक वह उसकी पतनी हो 29 और लाबान न अपनी बटी राहल की लौडी होन क लिलय अपनी लौडी षटिबलहा को दिया 30 तब याकब राहल क पास भी गया और उसकी परीषटित लिलआ स अलिक उसी पर हई और उसन

लाबान क साथ रहकर सात वरषोW और उसकी सवा की 31 जब यहोवा न खा षटिक लिलआ अषटिपरय हई तब उसन उसकी कोख खोली पर राहल बाझ रही 32 सो लिलआ गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसन यह कहकर उसका नाम

रबन रखा षटिक यहोवा न मर द ख पर दषटि की ह सो अब मरा पषटित मझ स परीषटित रखगा 33 षटि6र वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसन यह कहा षटिक यह सनक षटिक म

अषटिपरय ह यहोवा न मझ यह भी पतर दिया इसलिलय उसन उसका नाम णिशमोन रखा 34 षटि6र वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसन कहा अब की बार तो मरा

पषटित मझ स मिमल जाएगा कयोषटिक उसस मर तीन पतर उतपनन हए इसलिलय उसका नाम लवी रखागया 35 और षटि6र वह गभWवती हई और उसक एक और पतर उतपनन हआ और उसन कहा अब की बार

तो म यहोवा का नयवा करगी इसलिलय उसन उसका नाम यहा रखा तब उसकी कोख बन होगई

अधयाय३०

01 जब राहल न खा षटिक याकब क लिलय मझ स कोई सनतान नही होता तब वह अपनी बषटिहन स डाह करन लगी और याकब स कहा मझ भी सनतान नही तो मर जाऊगी

02 तब याकब न राहल स करोलित हो कर कहा कया म परमशवर ह तरी कोख तो उसी न बन कर रखी ह

03 राहल न कहा अचछा मरी लौडी षटिबलहा हाजिजर ह उसी क पास जा वह मर घटनो पर जनगी और उसक दवारा मरा भी घर बसगा

04 तो उसन उस अपनी लौडी षटिबलहा को दिया षटिक वह उसकी पतनी हो और याकब उसक पासगया 05 और षटिबलहा गभWवती हई और याकब स उसक एक पतर उतपनन हआ 06 और राहल न कहा परमशवर न मरा नयाय चकाया और मरी सन कर मझ एक पतर दिया इसलिलय

उसन उसका नाम ान रखा 07 और राहल की लौडी षटिबलहा षटि6र गभWवती हई और याकब स एक पतर और उतपनन हआ 08 तब राहल न कहा म न अपनी बषटिहन क साथ बड बल स लिलपट कर मललयq षटिकया और अब

जीत गई सो उसन उसका नाम नपताली रखा 09 जब लिलआ न खा षटिक म जनन स रषटिहत हो गई ह तब उसन अपनी लौडी जिजलपा को ल कर

याकब की पतनी होन क लिलय दिया 10 और लिलआ की लौडी जिजलपा क भी याकब स एक पतर उतपनन हआ 11 तब लिलआ न कहा अहो भागय सो उसन उसका नाम गा रखा 12 षटि6र लिलआ की लौडी जिजलपा क याकब स एक और पतर उतपनन हआ 13 तब लिलआ न कहा म नय ह षटिनशचय सतरिसतरया मझ नय कहगी सो उसन उसका नाम आशररखा 14 गह की कटनी क दिनो म रबन को मान म दा6ल मिमल और वह उन को अपनी माता लिलआ

क पास ल गया तब राहल न लिलआ स कहा अपन पतर क दा6लो म स कछ मझ 15 उसन उसस कहा त न जो मर पषटित को ल लिलया ह सो कया छोटी बात ह अब कया त मर पतर क

दा6ल भी लन चाहती ह राहल न कहा अचछा तर पतर क दा6लो क बल वह आज रात को तर सग सोएगा

16 सो साझ को जब याकब मान स आ रहा था तब लिलआ उसस भट करन को षटिनकली औरकहा तझ मर ही पास आना होगा कयोषटिक म न अपन पतर क दा6ल कर तझ सचमच मोल लिलया

तब वह उस रात को उसी क सग सोया 17 तब परमशवर न लिलआ की सनी सो वह गभWवती हई और याकब स उसक पाचवा पतर उतपननहआ 18 तब लिलआ न कहा म न जो अपन पषटित को अपनी लौडी ी इसलिलय परमशवर न मझ मरी मजरी

ी ह सो उसन उसका नाम इससाकार रखा 19 और लिलआ षटि6र गभWवती हई और याकब स उसक छठवा पतर उतपनन हआ 20 तब लिलआ न कहा परमशवर न मझ अचछा ान दिया ह अब की बार मरा पषटित मर सग बनारहगा कयोषटिक मर उसस छ पतर उतपनन चक ह स उसन उसका नाम जबलन रखा 21 ततपशचात उसक एक बटी भी हई और उसन उसका नाम ीना रखा 22 और परमशवर न राहल की भी सलि ली और उसकी सनकर उसकी कोख खोली 23 सो वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ सो उसन कहा परमशवर न मरी नामराई

को दर कर दिया ह 24 सो उसन यह कह कर उसका नाम यस6 रखा षटिक परमशवर मझ एक पतर और भी गा 25 जब राहल स यस6 उतपनन हआ तब याकब न लाबान स कहा मझ षटिवा कर षटिक म अपन श

और सथान को जाऊ 26 मरी सतरिसतरया और मर लडक-बाल जिजनक लिलय म न तरी सवा की ह उनह मझ षटिक म चलाजाऊ त तो जानता ह षटिक म न तरी कसी सवा की ह 27 लाबान न उसस कहा यदि तरी दषटि म म न अनगरह पाया ह तो रह जा कयोषटिक म न अनभव स

जान लिलया ह षटिक यहोवा न तर कारण स मझ आशीरषो ी ह 28 षटि6र उसन कहा त ठीक बता षटिक म तझ को कया द और म उस दगा 29 उसन उसस कहा त जानता ह षटिक म न तरी कसी सवा की और तर पश मर पास षटिकस परकार स रह 30 मर आन स पषटिहल व षटिकतन थ और अब षटिकतन हो गए ह और यहोवा न मर आन पर तझ तो

आशीरषो ी ह पर म अपन घर का काम कब करन पाऊगा 31 उसन षटि6र कहा म तझ कया द याकब न कहा त मझ कछ न यदि त मर लिलय एक कामकर तो म षटि6र तरी भड- बकरिरयो को चराऊगा और उनकी रकषा करगा 32 म आज तरी सब भड- बकरिरयो क बीच हो कर षटिनकलगा और जो भड वा बकरी लिचcीवाली वा

लिचतकबरी हो और जो भड काली हो और जो बकरी लिचतकबरी वा लिचcीवाली हो उनह म अलग कररखगा और मरी मजदरी म व ही ठहरगी 33 और जब आग को मरी मजदरी की चचाW तर सामहन चल तब मW की यही साकषी होगी अथाWत

बकरिरयो म स जो कोई न लिचcीवाली न लिचतकबरी हो और भडो म स जो कोई काली न हो सो यदि मर पास षटिनकल तो चोरी की ठहरगी

34 तब लाबान न कहा तर कहन क अनसार हो 35 सो उसन उसी दिन सब ारी वाल और लिचतकबर बकरो और सब लिचcीवाली और लिचतकबरी

बकरिरयो को अथाWत जिजन म कछ उजलापन था उन को और सब काली भडो को भी अलग करक अपन पतरो क हाथ सौप दिया

36 और उसन अपन और याकब क बीच म तीन दिन क मागW का अनतर ठहराया सो याकब लाबान की भड- बकरिरयो को चरान लगा

37 और याकब न लिचनार और बााम और अमन वकषो की हरी हरी छषटिडय़ा ल कर उनक लिछलक कही कही छील क उनह ारीार बना दिया ऐसी षटिक उन छषटिडय़ो की स6ी दिखाई न लगी

38 और तब छीली हई छषटिडय़ो को भड- बकरिरयो क सामहन उनक पानी पीन क कठौतो म खडाषटिकया और जब व पानी पीन क लिलय आई तब गाणिभन हो गई 39 और छषटिडय़ो क सामहन गाणिभन हो कर भड- बकरिरया ारीवाल लिचcीवाल और लिचतकबर बचचजनी

40 तब याकब न भडो क बचचो को अलग अलग षटिकया और लाबान की भड- बकरिरयो क मह को लिचcीवाल और सब काल बचचो की ओर कर दिया और अपन झणडो को उन स अलग रखा और

लाबान की भड- बकरिरयो स मिमलन न दिया 41 और जब जब बलवनत भड- बकरिरया गाणिभन होती थी तब तब याकब उन छषटिडय़ो को कठौतो म

उनक सामहन रख ता था जिजस स व छषटिडय़ो को खती हई गाणिभन हो जाए 42 पर जब षटिनबWल भड- बकरिरया गाणिभन होती थी तब वह उनह उनक आग नही रखता था इस स

षटिनबWल षटिनबWल लाबान की रही और बलवनत बलवनत याकब की हो गई 43 सो वह पररषो अतयनत नाढय हो गया और उसक बहत सी भड-बकरिरया और लौषटिडया और

ास और ऊट और गह हो गए

अधयाय३१

01 षटि6र लाबान क पतरो की य बात याकब क सनन म आई षटिक याकब न हमार षटिपता का सब कछ छीन लिलया ह और हमार षटिपता क न क कारण उसकी यह परषटितषठा ह

02 और याकब न लाबान क मखड पर दषटि की और ताड लिलया षटिक वह उसक परषटित पहल क समान नही ह

03 तब यहोवा न याकब स कहा अपन षटिपतरो क श और अपनी जनमभमिम को लौट जा और म तर सग रहगा

04 तब याकब न राहल और लिलआ को मान म अपनी भड- बकरिरयो क पास बलवा कर कहा 05 तमहार षटिपता क मखड स मझ समझ पडता ह षटिक वह तो मझ पषटिहल की नाई अब नही खता

पर मर षटिपता का परमशवर मर सग ह 06 और तम भी जानती हो षटिक म न तमहार षटिपता की सवा शलिकत भर की ह 07 और तमहार षटिपता न मझ स छल करक मरी मजदरी को स बार बल दिया परनत परमशवर न

उसको मरी हाषटिन करन नही दिया 08 जब उसन कहा षटिक लिचcीवाल बचच तरी मजदरी ठहरग तब सब भड- बकरिरया लिचcीवाल ही

जनन लगी और जब उसन कहा षटिक ारीवाल बचच तरी मजदरी ठहरग तब सब भड- बकरिरया ारीवाल जनन लगी

09 इस रीषटित स परमशवर न तमहार षटिपता क पश ल कर मझ को दिए 10 भड- बकरिरयोक गाणिभन होन क समय म न सवपन म कया खा षटिक जो बकर बकरिरयो पर चढ रहह सो ारीवाल लिचcीवाल और बबवाल ह 11 और परमशवर क दत न सवपन म मझ स कहा ह याकब म न कहा कया आजञा 12 उसन कहा आख उठा कर उन सब बकरो को जो बकरिरयो पर चढ रह ह ख षटिक वारीवाल लिचcीवाल और बबवाल ह कयोषटिक जो कछ लाबान तझ स करता ह सो म न खा ह 13 म उस बतल का ईशवर ह जहा त न एक खमभ पर तल डाल दिया और मरी मननत मानी थी अब चल इस श स षटिनकल कर अपनी जनमभमिम को लौट जा 14 तब राहल और लिलआ न उसस कहा कया हमार षटिपता क घर म अब भी हमारा कछ भाग वा

अश बचा ह 15 कया हम उसकी दषटि म पराय न ठहरी ख उसन हम को तो बच डाला और हमार रप को

खा बठा ह 16 सो परमशवर न हमार षटिपता का जिजतना न ल लिलया ह सो हमारा और हमार लडकबालो का ह

अब जो कछ परमशवर न तझ स कहा सो कर 18 तब याकब न अपन लडक बालो और सतरिसतरयो को ऊटो पर चढाया 19 और जिजतन पशओ को वह पददनराम म इकटठा करक नाढय हो गया था सब को कनान म

अपन षटिपता इसहाक क पास जान की मनसा स साथ ल गया 20 लाबान तो अपनी भडो का ऊन कतरन क लिलय चला गया था और राहल अपन षटिपता क

गहवताओ को चरा ल गई

21 सो याकब लाबान अरामी क पास स चोरी स चला गया उसको न बताया षटिक म भागा जाता ह 22 वह अपना सब कछ ल कर भागा और महान क पार उतर कर अपना मह षटिगला क पहाडी

श की ओर षटिकया 23 तीसर दिन लाबान को समाचार मिमला षटिक याकब भाग गया ह 24 सो उसन अपन भाइयो को साथ ल कर उसका सात दिन तक पीछा षटिकया और षटिगला क

पहाडी श म उसको जा पकडा 25 तब परमशवर न रात क सवपन म आरामी लाबान क पास आकर कहा सावान रह त याकब स न

तो भला कहना और न बरा 26 और लाबान याकब क पास पहच गया याकब तो अपना तमब षटिगला नाम पहाडी श म खडा

षटिकए पडा था और लाबान न भी अपन भाइयो क साथ अपना तमब उसी पहाडी श म खडा षटिकया 27 तब लाबान याकब स कहन लगा त न यह कया षटिकया षटिक मर पास स चोरी स चला आया और

मरी बदिटयो को ऐसा ल आया जसा कोई तलवार क बल स बनी बनाए गए 28 त कयो चपक स भाग आया और मझ स षटिबना कछ कह मर पास स चोरी स चला आया नही

तो म तझ आनन क साथ मग और वीणा बजवात और गीत गवात षटिवा करता 29 त न तो मझ अपन बट बदिटयो को चमन तक न दिया त न मखWता की ह 30 तम लोगो की हाषटिन करन की शलिकत मर हाथ म तो ह पर तमहार षटिपता क परमशवर न मझ स बीती

हई रात म कहा सावान रह याकब स न तो भला कहना और न बरा 31 भला अब त अपन षटिपता क घर का बडा अणिभलारषोी हो कर चला आया तो चला आया पर मर

वताओ को त कयो चरा ल आया ह 32 याकब न लाबान को उcर दिया म यह सोचकर डर गया था षटिक कही त अपनी बदिटयो को मझ

स छीन न ल 33 जिजस षटिकसी क पास त अपन वताओ को पाए सो जीता न बचगा मर पास तरा जो कछषटिनकल सो भाई- ब(ओ क सामहन पषटिहचान कर ल ल कयोषटिक याकब न जानता था षटिक राहल

गहवताओ को चरा ल आई ह 34 यह सनकर लाबान याकब और लिलआ और ोनो ालिसयो क तमबओ म गया और कछ न

मिमला तब लिलआ क तमब म स षटिनकल कर राहल क तमब म गया 35 राहल तो गहवताओ को ऊट की काठी म रखक उन पर बठी थी सो लाबान न उसक सार तमब म टटोलन पर भी उनह न पाया

36 राहल न अपन षटिपता स कहा ह मर परभ इस स अपरसनन न हो षटिक म तर सामहन नही उठी कयोषटिक म सतरीमW स ह सो उसक ढढ ढाढ करन पर भी गहवता उसको न मिमल

37 तब याकब करोलित हो कर लाबान स झगडन लगा और कहा मरा कया अपरा ह मरा कया पाप ह षटिक त न इतना करोलित हो कर मरा पीछा षटिकया ह

38 त न जो मरी सारी सामगरी को टटोल कर खा सो तझ को सारी सामगरी म स कया मिमला कछ मिमला हो तो उसको यहा अपन और मर भाइयो क सामहन रख और व हम ोनो क बीच नयाय

कर 39 इन बीस वरषोN स म तर पास रहा उन म न तो तरी भड- बकरिरयो क गभW षटिगर और न तर मढो

का मास म न कभी खाया 40 जिजस बनल जनतओ न 6ाड डाला उसको म तर पास न लाता था उसकी हाषटिन म ही उठाता था

चाह दिन को चोरी जाता चाह रात को त मझ ही स उसको ल लता था 41 मरी तो यह शा थी षटिक दिन को तो घाम और रात को पाला मझ खा गया और नीन मरी

आखो स भाग जाती थी 42 बीस वरषोW तक म तर घर म रहो चौह वरषोW तो म न तरी ोनो बदिटयो क लिलय और छ वरषोW तरीभड- बकरिरयो क लिलय सवा की और त न मरी मजदरी को स बार बल डाला 43 मर षटिपता का परमशवर अथाWत इबराहीम का परमशवर जिजसका भय इसहाक भी मानता ह यदि मरी

ओर न होता तो षटिनशचय त अब मझ छछ हाथ जान ता मर द ख और मर हाथो क परिरशरम को खकर परमशवर न बीती हई रात म तझ डपटा

44 लाबान ल याकब स कहा य बदिटयो तो मरी ही ह और य पतर भी मर ही ह और य भड- बकरिरया भी मरी ही ह और जो कछ तझ ख पडता ह सो सब मरा ही ह और अब म अपनी इन

बदिटयो वा इनक सनतान स कया कर सकता ह 45 अब आ म और त ोनो आपस म वाचा बा( और वह मर और तर बीच साकषी ठहरी रह 46 तब याकब न एक पतथर ल कर उसका खमभा खडा षटिकया 47 तब याकब न अपन भाई- ब(ओ स कहा पतथर इकटठा करो यह सन कर उनहोन पतथर इकटठा

करक एक ढर लगाया और वही ढर क पास उनहोन भोजन षटिकया 48 उस ढर का नाम लाबान न तो यजर सहादया पर याकब न जिजलिलया रखा 49 लाबान न कहा षटिक यह ढर आज स मर और तर बीच साकषी रहगा इस कारण उसका नाम

जिजलिलया रखा गया 50 और मिमजपा भी कयोषटिक उसन कहा षटिक जब हम उस दसर स दर रह तब यहोवा मरी और तरी

खभाल करता रह 51 यदि त मरी बदिटयो को द ख वा उनक लिसवाय और सतरिसतरया बयाह ल तो हमार साथ कोई

मनषय तो न रहगा पर ख मर तर बीच म परमशवर साकषी रहगा 52 षटि6र लाबान न याकब स कहा इस ढर को ख और इस खमभ को भी ख जिजन को म न अपन

और तर बीच म खडा षटिकया ह 53 यह ढर और यह खमभा ोनो इस बात क साकषी रह षटिक हाषटिन करन की मनसा स न तो म इस

ढर को लाघ कर तर पास जाऊगा न त इस ढर और इस खमभ को लाघ कर मर पास आएगा 54 इबराहीम और नाहोर और उनक षटिपता तीनो का जो परमशवर ह सो हम ोनो क बीच नयाय कर

तब याकब न उसकी शपथ खाई जिजसका भय उसका षटिपता इसहाक मानता था 55 और याकब न उस पहाड पर मलबलिल चढाया और अपन भाई- ब(ओ को भोजन करन क लिलय बलाया सो उनहोन भोजन करक पहाड पर रात षटिबताई 56 षटिबहान को लाबान तडक उठा और अपन बट बदिटयो को चम कर और आशीवाW कर चलदिया और अपन सथान को लौट गया

अधयाय३२

01 और याकब न भी अपना मागW लिलया और परमशवर क दत उस आ मिमल 02 उन को खत ही याकब न कहा यह तो परमशवर का ल ह सो उसन उस सथान का नाम महनमरखा 03 तब याकब न सईर श म अथाWत एोम श म अपन भाई ऐसाव क पास अपन आग दत भजदिए 04 और उसन उनह यह आजञा ी षटिक मर परभ ऐसाव स यो कहना षटिक तरा ास याकब तझ स यो

कहता ह षटिक म लाबान क यहा परशी हो कर अब तक रहा 05 और मर पास गाय-बल गह भड-बकरिरया और ास- ालिसया ह सो म न अपन परभ क पास

इसलिलय सशा भजा ह षटिक तरी अनगरह की दषटि मझ पर हो 06 व दत याकब क पास लौट क कहन लग हम तर भाई ऐसाव क पास गए थ और वह भी तझ

स भट करन को चार सौ पररषो सग लिलय हए चला आता ह 07 तब याकब षटिनपट डर गया और सकट म पडा और यह सोच कर अपन सग वालो क औरभड-बकरिरयो और गाय-बलो और ऊटो क भी अलग अलग ो ल कर लिलय 08 षटिक यदि ऐसाव आकर पषटिहल ल को मारन लग तो दसरा ल भाग कर बच जाएगा 09 षटि6र याकब न कहा ह यहोवा ह मर ाा इबराहीम क परमशवर त न तो मझ स कहा षटिक अपन

श और जनम भमिम म लौट जा और म तरी भलाई करगा 10 त न जो जो काम अपनी करणा और सचचाई स अपन ास क साथ षटिकए ह षटिक म जो अपनी

छडी ही ल कर इस यरन नी क पार उतर आया सो अब मर ो ल हो गए ह तर ऐस ऐस कामो म स म एक क भी योगय तो नही ह

11 मरी षटिवनती सन कर मझ मर भाई ऐसाव क हाथ स बचा म तो उसस डरता ह कही ऐसा न हो षटिक वह आकर मझ और मा समत लडको को भी मार डाल

12 त न तो कहा ह षटिक म षटिनशचय तरी भलाई करगा और तर वश को समदर की बाल क षटिकनको क समान बहत करगा जो बहतायत क मार षटिगन नही जो सकत

13 और उसन उस दिन की रात वही षटिबताई और जो कछ उसक पास था उस म स अपन भाई ऐसाव की भट क लिलय छाट छाट कर षटिनकाला

14 अथाWत ो सौ बकरिरया और बीस बकर और ो सौ भड और बीस मढ 15 और बचचो समत द न वाली तीस ऊटषटिनया और चालीस गाय और स बल और बीस

गषटिहया और उनक स बचच 16 इन को उसन झणड झणड करक अपन ासो को सौप कर उन स कहा मर आग बढ जाओ

और झणडो क बीच बीच म अनतर रखो 17 षटि6र उसन अगल झणड क रखवाल को यह आजञा ी षटिक जब मरा भाई ऐसाव तझ मिमल और

पछन लग षटिक त षटिकस का ास ह और कहा जाता ह और य जो तर आग आग ह सो षटिकस क ह 18 तब कहना षटिक यह तर ास याकब क ह ह मर परभ ऐसाव य भट क लिलय तर पास भज गएह और वह आप भी हमार पीछ पीछ आ रहा ह 19 और उसन दसर और तीसर रखवालो को भी वरन उस सभो को जो झणडो क पीछ पीछ थ ऐसी

ही आजञा ी षटिक जब ऐसाव तम को मिमल तब इसी परकार उसस कहना 20 और यह भी कहना षटिक तरा ास याकब हमार पीछ पीछ आ रहा ह कयोषटिक उसन यह सोचा

षटिक यह भट जो मर आग आग जाती ह इसक दवारा म उसक करो को शानत करक तब उसका शWनकरगा हो सकता ह वह मझ स परसनन हो जाए 21 सो वह भट याकब स पषटिहल पार उतर गई और वह आप उस रात को छावनी म रहा 22 उसी रात को वह उठा और अपनी ोनो सतरिसतरयो और ोनो लौषटिडयो और गयारहो लडको को सग

ल कर घाट स यबबोक नी क पार उतर गया 23 और उसन उनह उस नी क पार उतार दिया वरन अपना सब कछ पार उतार दिया 24 और याकब आप अकला रह गया तब कोई पररषो आकर पह 6टन तक उसस मललयq करतारहा 25 जब उसन खा षटिक म याकब पर परबल नही होता तब उसकी जाघ की नस को छआ सो

याकब की जाघ की नस उसस मललयq करत ही करत चढ गई 26 तब उसन कहा मझ जान कयोषटिक भोर हआ चाहता ह याकब न कहा जब तक त मझ

आशीवाW न तब तक म तझ जान न दगा 27 और उसन याकब स पछा तरा नाम कया ह उसन कहा याकब 28 उसन कहा तरा नाम अब याकब नही परनत इसराएल होगा कयोषटिक त परमशवर स और मनषयो स

भी यq कर क परबल हआ ह 29 याकब न कहा म षटिबनती करता ह मझ अपना नाम बता उसन कहा त मरा नाम कयो पछताह तब उसन उसको वही आशीवाW दिया 30 तब याकब न यह कह कर उस सथान का नाम पनीएल रखा षटिक परमशवर को आमहन सामहन

खन पर भी मरा पराण बच गया ह 31 पनएल क पास स चलत चलत सयW उय हो गया और वह जाघ स लगडाता था 32 इसराएली जो पशओ की जाघ की जोड वाल जघानस को आज क दिन तक नही खात इसका

कारण यही ह षटिक उस पररषो न याकब की जाघ की जोड म जघानस को छआ था

अधयाय३३

01 और याकब न आख उठा कर यह खा षटिक ऐसाव चार सौ पररषो सग लिलय हए चला जाता ह तब उसन लडक बालो को अलग अलग बाट कर लिलआ और राहल और ोनो लौषटिडयो को सौप

दिया

02 और उसन सब क आग लडको समत लौषटिडयो को उसक पीछ लडको समत लिलआ को और सब क पीछ राहल और यस6 को रखा

03 और आप उन सब क आग बढा और सात बार भमिम पर षटिगर क णडवत की और अपन भाई क पास पहचा

04 तब ऐसाव उसस भट करन को ौडा और उसको हय स लगा कर गल स लिलपट कर चमा षटि6र व ोनो रो पड

05 तब उसन आख उठा कर सतरिसतरयो और लडक बालो को खा और पछा य जो तर साथ ह सो कौन ह उसन कहा य तर ास क लडक ह जिजनह परमशवर न अनगरह कर क मझ को दिया ह

06 तब लडको समत लौषटिडयो न षटिनकट आकर णडवत की 07 षटि6र लडको समत लिलआ षटिनकट आई और उनहोन भी णडवत की पीछ यस6 और राहल न

भी षटिनकट आकर णडवत की 08 तब उसन पछा तरा यह बडा ल जो मझ को मिमला उसका कया परयोजन ह उसन कहा यह

षटिक मर परभ की अनगरह की दषटि मझ पर हो 09 ऐसाव न कहा ह मर भाई मर पास तो बहत ह जो कछ तरा ह सो तरा ही रह 10 याकब न कहा नही नही यदि तरा अनगरह मझ पर हो तो मरी भट गरहण कर कयोषटिक म न तरा

शWन पाकर मानो परमशवर का शWन पाया ह और त मझ स परसनन हआ ह 11 सो यह भट जो तझ भजी गई ह गरहण कर कयोषटिक परमशवर न मझ पर अनगरह षटिकया ह और

मर पास बहत ह जब उसन उस को बाया तब उस न भट को गरहण षटिकया 12 षटि6र ऐसाव न कहा आ हम बढ चल और म तर आग आग चलगा 13 याकब न कहा ह मर परभ त जानता ही ह षटिक मर साथ सकमार लडक और द न हारी भड-

बकरिरया और गाय ह यदि ऐस पश एक दिन भी अलिक हाक जाए तो सब क सब मर जाएग 14 सो मरा परभ अपन ास क आग बढ जाए और म इन पशओ की गषटित क अनसार जो मर आग ह और लडक बालो की गषटित क अनसार ीर ीर चल कर सईर म अपन परभ क पास पहचगा 15 ऐसाव न कहा तो अपन सग वालो म स म कई एक तर साथ छोड जाऊ उसन कहा यह कयो

इतना ही बहत ह षटिक मर परभ की अनगरह की दषटि मझ पर बनी रह 16 तब ऐसाव न उसी दिन सईर जान को अपना मागW लिलया 17 और याकब वहा स कच कर क सककोत को गया और वहा अपन लिलय एक घर और पशओ क

लिलय झोपड बनाए इसी कारण उस सथान का नाम सककोत पडा 18 और याकब जो पददनराम स आया था सो कनान श क शकम नगर क पास कशल कषम स

पहच कर नगर क सामहन डर खड षटिकए 19 और भमिम क जिजस खणड पर उसन अपना तमब खडा षटिकया उसको उसन शकम क षटिपता हमोर

क पतरो क हाथ स एक सौ कसीतो म मोल लिलया 20 और वहा उसन एक वी बना कर उसका नाम एललोह इसराएल रखा

अधयाय३४

01 और लिलआ की बटी ीना जो याकब स उतपनन हई थी उस श की लडषटिकयो स भट करन कोषटिनकली 02 तब उस श क परान षटिहcी हमोर क पतर शकम न उस खा और उस ल जा कर उसक साथ

ककमW करक उसको भर कर डाला 03 तब उसका मन याकब की बटी ीना स लग गया और उसन उस कनया स परम की बात की

और उसस परम करन लगा 04 और शकम न अपन षटिपता हमोर स कहा मझ इस लडकी को मरी पतनी होन क लिलय दिला 05 और याकब न सना षटिक शकम न मरी बटी ीना को अशq कर डाला ह पर उसक पतर उस

समय पशओ क सग मान म थ सो वह उनक आन तक चप रहा

06 और शकम का षटिपता हमोर षटिनकल कर याकब स बातचीत करन क लिलय उसक पास गया 07 और याकब क पतर सनत ही मान स बहत उास और करोलित हो कर आए कयोषटिक शकम न

याकब की बटी क साथ ककमW करक इसराएल क घरान स मखWता का ऐसा काम षटिकया था जिजसका करना अनलिचत था

08 हमोर न उन सब स कहा मर पतर शकम का मन तमहारी बटी पर बहत लगा ह सो उस उसकी पतनी होन क लिलय उसको ो

09 और हमार साथ बयाह षटिकया करो अपनी बदिटया हम को दिया करो और हमारी बदिटयो को आप लिलया करो

10 और हमार सग बस रहो और यह श तमहार सामन पडा ह इस म रह कर लनन करो और इसकी भमिम को अपन लिलय ल लो

11 और शकम न भी ीना क षटिपता और भाइयो स कहा यदि मझ पर तम लोगो की अनगरह की दषटि हो तो जो कछ तम मझ स कहो सो म दगा

12 तम मझ स षटिकतना ही मलय वा बला कयो न मागो तौभी म तमहार कह क अनसार दगा परनत उस कनया को पतनी होन क लिलय मझ ो

13 तब यह सोच कर षटिक शकम न हमारी बषटिहन ीना को अशq षटिकया ह याकब क पतरो न शकम और उसक षटिपता हमोर को छल क साथ यह उcर दिया

14 षटिक हम ऐसा काम नही कर सकत षटिक षटिकसी खतना रषटिहत पररषो को अपनी बषटिहन कयोषटिक इस स हमारी नामराई होगी

15 इस बात पर तो हम तमहारी मान लग षटिक हमारी नाई तम म स हर एक पररषो का खतना षटिकयाजाए 16 तब हम अपनी बदिटया तमह बयाह ग और तमहारी बदिटया बयाह लग और तमहार सग बस भीरहग और हम ोनो एक ही समाय क मनषय हो जाएग 17 पर यदि तम हमारी बात न मान कर अपना खतना न कराओग तो हम अपनी लडकी को लक

यहा स चल जाएग 18 उनकी इस बात पर हमोर और उसका पतर शकम परसनन हए 19 और वह जवान जो याकब की बटी को बहत चाहता था इस काम को करन म उसन षटिवलमब न

षटिकया वह तो अपन षटिपता क सार घरान म अलिक परषटितषटिषठत था 20 सो हमोर और उसका पतर शकम अपन नगर क 6ाटक क षटिनकट जा कर नगरवालिसयो को यो

समझान लग 21 षटिक व मनषय तो हमार सग मल स रहना चाहत ह सो उनह इस श म रह क लनन करन ो खो यह श उनक लिलय भी बहत ह षटि6र हम लोग उनकी बदिटयो को बयाह ल और अपनी बदिटयो

को उनह दिया कर 22 व लोग कवल इस बात पर हमार सग रहन और एक ही समाय क मनषय हो जान को परसनन ह

षटिक उनकी नाई हमार सब पररषोो का भी खतना षटिकया जाए 23 कया उनकी भड-बकरिरया और गाय- बल वरन उनक सार पश और न समपलिc हमारी न होजाएगी इतना ही कर षटिक हम लोग उनकी बात मान ल तो व हमार सग रहग 24 सो जिजतन उस नगर क 6ाटक स षटिनकलत थ उन सभो न हमोर की और उसक पतर शकम की

बात मानी और हर एक पररषो का खतना षटिकया गया जिजतन उस नगर क 6ाटक स षटिनकलत थ 25 तीसर दिन जब व लोग पीषटिडत पड थ तब ऐसा हआ षटिक णिशमोन और लवी नाम याकब क ो

पतरो न जो ीना क भाई थ अपनी अपनी तलवार ल उस नगर म षटिनडक घस कर सब पररषोो को घात षटिकया

26 और हमोर और उसक पतर शकम को उनहोन तलवार स मार डाला और ीना को शकम क घर स षटिनकाल ल गए

27 और याकब क पतरो न घात कर डालन पर भी चढ कर नगर को इसलिलय लट लिलया षटिक उस म उनकी बषटिहन अशq की गई थी

28 उनहोन भड-बकरी और गाय-बल और गह और नगर और मान म जिजतना न था ल

लिलया 29 उस सब को और उनक बाल-बचचो और सतरिसतरयो को भी हर ल गए वरन घर घर म जो कछ था

उसको भी उनहोन लट लिलया 30 तब याकब न णिशमोन और लवी स कहा तम न जो उस श क षटिनवासी कनाषटिनयोऔर परिरचछिजजयो

क मन म मरी ओर घणा उतपनन कराई ह इस स तम न मझ सकट म डाला ह कयोषटिक मर साथ तो थोड की लोग ह सो अब व इकटठ हो कर मझ पर चढग और मझ मार डालग सो म अपन घरान समत सतयानाश हो जाऊगा

31 उनहोन कहा कया वह हमारी बषटिहन क साथ वशया की नाई बताWव कर

अधयाय३५

01 तब परमशवर न याकब स कहा यहा स कच करक बतल को जा और वही रह और वहा ईशवर क लिलय वी बना जिजसन तझ उस समय शWन दिया जब त अपन भाई ऐसाव क डर स भागा जाता

था 02 तब याकब न अपन घरान स और उन सब स भी जो उसक सग थ कहा तमहार बीच म जो

पराए वता ह उनह षटिनकाल 6 को और अपन अपन को शq करो और अपन वसतर बल डालो 03 और आओ हम यहा स कच करक बतल को जाए वहा म ईशवर क लिलय एक वी बनाऊगा

जिजसन सकट क दिन मरी सन ली और जिजस मागW स म चलता था उस म मर सग रहा 04 सो जिजतन पराए वता उनक पास थ और जिजतन कणडल उनक कानोम थ उन सभो को उनहोन

याकब को दिया और उसन उन को उस लिसनदर वकष क नीच जो शकम क पास ह गाड दिया 05 तब उनहोन कच षटिकया और उनक चारो ओर क नगर षटिनवालिसयो क मन म परमशवर की ओर स

ऐसा भय समा गया षटिक उनहोन याकब क पतरो का पीछा न षटिकया 06 सो याकब उन सब समत जो उसक सग थ कनान श क लज नगर को आया वह नगर बतल

भी कहलाता ह 07 वहा उसन एक वी बनाई और उस सथान का नाम एलबतल रखा कयोषटिक जब वह अपन भाई

क डर स भागा जाता था तब परमशवर उस पर वही परगट हआ था 08 और रिरबका की द षटिपलानहारी ाय बोरा मर गई और बतल क नीच लिसनदर वकष क तल

उसको मिमटटी ी गई और उस लिसनदर वकष का नाम अललोनबककत रखा गया 09 षटि6र याकब क पददनराम स आन क पशचात परमशवर न दसरी बार उसको शWन कर आशीरषो ी 10 और परमशवर न उसस कहा अब तक तो तरा नाम याकब रहा ह पर आग को तरा नाम याकब न रहगा त इसराएल कहलाएगा

11 षटि6र परमशवर न उसस कहा म सवWशलिकतमान ईशवर ह त 6ल- 6ल और बढ और तझ स एक जाषटित वरन जाषटितयो की एक मणडली भी उतपनन होगी और तर वश म राजा उतपनन होग

12 और जो श म न इबराहीम और इसहाक को दिया ह वही श तझ ता ह और तर पीछ तर वश को भी दगा

13 तब परमशवर उस सथान म जहा उसन याकब स बात की उनक पास स ऊपर चढ गया 14 और जिजस सथान म परमशवर न याकब स बात की वहा याकब न पतथर का एक खमबा खडाषटिकया और उस पर अघW कर तल डाल दिया 15 और जहा परमशवर न याकब स बात की उस सथान का नाम उसन बतल रखा 16 षटि6र उनहोन बतल स कच षटिकया और एपराता थोडी ही दर रह गया था षटिक राहल को बचचा

जनन की बडी पीडा आन लगी 17 जब उसको बडी बडी पीडा उठती थी तब ाय न उसस कहा मत डर अब की भी तर बटा हीहोगा 18 तब ऐसा हआ षटिक वह मर गई और पराण षटिनकलत षटिनकलत उसन उस बट को नाम बनोनी रखा

पर उसक षटिपता न उसका नाम षटिबनयामीन रखा 19 यो राहल मर गई और एपराता अथाWत बतलहम क मागW म उसको मिमटटी ी गई

20 और याकब न उसकी कबर पर एक खमभा खडा षटिकया राहल की कबर का वही खमभा आज तक बना ह

21 षटि6र इसराएल न कच षटिकया और एर नाम गममट क आग बढकर अपना तमब खडा षटिकया 22 जब इसराएल उस श म बसा था तब एक दिन ऐसा हआ षटिक रबन न जा कर अपन षटिपता की

रखली षटिबलहा क साथ ककमW षटिकया और यह बात इसराएल को मालम हो गई 23 याकब क बारह पतर हए उन म स लिलआ क पतर य थ अथाWत याकब का जठा रबन षटि6रणिशमोन लवी यहा इससाकार और जबलन 24 और राहल क पतर य थ अथाWत यस6 और षटिबनयामीन 25 और राहल की लौनडी षटिबलहा क पतर य थ अथाWत ान और नपताली 26 और लिलआ की लौनडी जिजलपा क पतर य थ अथाWत गा और आशर याकब क य ही पतर हए

जो उसस पददनराम म उतपनन हए 27 और याकब ममर म जो करिरयतअबाW अथाWत हबरोन ह जहा इबराहीम और इसहाक परशी हो

कर रह थ अपन षटिपता इसहाक क पास आया 28 इसहाक की अवसथा एक सौ अससी बरस की हई 29 और इसहाक का पराण छट गया और वह मर गया और वह बढा और परी आय का हो कर

अपन लोगो म जा मिमला और उसक पतर ऐसाव और याकब न उसको मिमटटी ी

अधयाय३६

01 ऐसाव जो एोम भी कहलाता ह उसकी यह वशावली ह 02 ऐसाव न तो कनानी लडषटिकया बयाह ली अथाWत षटिहcी एलोन की बटी आा को और

अहोलीबामा को जो अना की बटी और षटिहववी लिसबोन की नषटितनी थी 03 षटि6र उसन इशमाएल की बटी बासमत को भी जो नबायोत की बषटिहन थी बयाह लिलया 04 आा न तो ऐसाव क जनमाए एलीपज को और बासमत न रएल को उतपनन षटिकया 05 और ओहोलीबामा न यश और यालाम और को रह को उतपनन षटिकया ऐसाव क य ही पतर

कनान श म उतपनन हए 06 और ऐसाव अपनी पतनितनयो और बट-बदिटयो और घर क सब पराणिणयो और अपनी भड-बकरी

और गाय- बल आदि सब पशओ षटिनान अपनी सारी समपलिc को जो उसन कनान श म सचय कीथी ल कर अपन भाई याकब क पास स दसर श को चला गया 07 कयोषटिक उनकी समपलिc इतनी हो गई थी षटिक व इकटठ न रह सक और पशओ की बहतायत क

मार उस श म जहा व परशी हो कर रहत थ उनकी समाई न रही 08 ऐसाव जो एोम भी कहलाता ह सो सईर नाम पहाडी श म रहन लगा 09 सईर नाम पहाडी श म रहनहार एोमिमयो क मल पररषो ऐसाव की वशावली यह ह 10 ऐसाव क पतरो क नाम य ह अथाWत ऐसाव की पतनी आा का पतर एलीपज और उसी ऐसाव की

पतनी बासमत का पतर रएल 11 और एलीपज क य पतर हए अथाWत तमान ओमार सपो गाताम और कनज 12 और ऐसाव क पतर एलीपज क षटितमना नाम एक सरषटितन थी जिजसन एलीपज क जनमाए अमालक

को जनम दिया ऐसाव की पतनी आा क वश म य ही हए 13 और रएल क य पतर हए अथाWत नहत जरह शममा और मिमजजा ऐसाव की पतनी बासमत क

वश म य ही हए 14 और ओहोलीबामा जो ऐसाव की पतनी और लिसबोन की नषटितनी और अना की बटी थी उसक य

पतर हए अथाWत उसन ऐसाव क जनमाए यश यालाम और कोरह को जनम दिया 15 ऐसाववणिशयो क अलिपषटित य हए अथाWत ऐसाव क जठ एलीपज क वश म स तो तमानअलिपषटित ओमार अलिपषटित सपो अलिपषटित कनज अलिपषटित 16 को रह अलिपषटित गाताम अलिपषटित अमालख अलिपषटित एलीपज वणिशयो म स एोम श म य

ही अलिपषटित हए और य ही आा क वश म हए

17 और ऐसाव क पतर रएल क वश म य हए अथाWत नहत अलिपषटित जरह अलिपषटित शममाअलिपषटित मिमजजा अलिपषटित रएलवणिशयो म स एोम श म य ही अलिपषटित हए और य ही ऐसाव

की पतनी बासमत क वश म हए 18 और ऐसाव की पतनी ओहोलीबामा क वश म थ हए अथाWत यश अलिपषटित यालाम अलिपषटित

कोरह अलिपषटित अना की बटी ओहोलीबामा जो ऐसाव की पतनी थी उसक वश म य ही हए 19 ऐसाव जो एोम भी कहलाता ह उसक वश य ही ह और उनक अलिपषटित भी य ही हए 20 सईर जो होरी नाम जाषटित का था उसक य पतर उस श म पषटिहल स रहत थ अथाWत लोतान शोबाल णिशबोन अना 21 ीशोन एसर और ीशान एोम श म सईर क य ही होरी जाषटितवाल अलिपषटित हए 22 और लोतान क पतर होरी और हमाम हए और लोतान की बषटिहन षटितमना थी 23 और शोबाल क य पतर हए अथाWत आलवान मानहत एबाल शपो और ओनाम 24 और लिसोन क थ पतर हए अथाWत अयया और अना यह वही अना ह जिजस को जगल म अपन

षटिपता लिसबोन क गहो को चरात चरात गरम पानी क झरन मिमल 25 और अना क ीशोन नाम पतर हआ और उसी अना क ओहोलीबामा नाम बटी हई 26 और ीशोन क य पतर हए अथाWत हमान एशबान मियतरान और करान 27 एसर क य पतर हए अथाWत षटिबलहान जावान और अकान 28 ीशान क य पतर हए अथाWत ऊस और अकान 29 होरिरयो क अलिपषटित य हए अथाWत लोतान अलिपषटित शोबाल अलिपषटित णिशबोन अलिपषटित 30 अना अलिपषटित ीशोन अलिपषटित एसर अलिपषटित ीशान अलिपषटित सईर श म होरी जाषटित

वाल य ही अलिपषटित हए 31 षटि6र जब इसराएलिलयो पर षटिकसी राजा न राजय न षटिकया था तब भी एोम क श म य राजाहए 32 अथाWत बोर क पतर बला न एोम म राजय षटिकया और उसकी राजानी का नाम दिनहाबा ह 33 बला क मरन पर बोसराषटिनवासी जरह का पतर योबाब उसक सथान पर राजा हआ 34 और योबाब क मरन पर तमाषटिनयो क श का षटिनवासी हशाम उसक सथान पर राजा हआ 35 और हशाम क मरन पर ब का पतर ह उसक सथान पर राजा हआ यह वही ह जिजसन

मिमदयाषटिनयो को मोआब क श म मार लिलया और उसकी राजानी का नाम अबीत ह 36 और ह क मरन पर मसरकावासी समला उसक सथान पर राजा हआ 37 षटि6र समला क मरन पर शाऊल जो महान क तट वाल रहोबोत नगर का था सो उसक सथान

पर राजा हआ 38 और शाऊल क मरन पर अकबोर का पतर बालहानान उसक सथान पर राजा हआ 39 और अकबोर क पतर बालहानान क मरन पर हर उसक सथान पर राजा हआ और उसकी

राजानी का नाम पाऊ ह और उसकी पतनी का नाम महतबल ह जो मजाहब की नषटितनी और मतर की बटी थी

40 षटि6र ऐसाववणिशयो क अलिपषटितयो क कलो और सथानो क अनसार उनक नाम य ह अथाWत षटितमना अलिपषटित अलबा अलिपषटित यतत अलिपषटित

41 ओहोलीबामा अलिपषटित एला अलिपषटित पीनोन अलिपषटित 42 कनज अलिपषटित तमान अलिपषटित मिमबसार अलिपषटित 43 मगीएल अलिपषटित ईराम अलिपषटित एोमवणिशयो न जो श अपना कर लिलया था उसक षटिनवास

सथानो म उनक य ही अलिपषटित हए और एोमी जाषटित का मलपररषो ऐसाव ह

अधयाय३७

1 37|01 याकब तो कनान श म रहता था जहा उसका षटिपता परशी हो कर रहा था 37|02 और याकब क वश का वcानत यह ह षटिक यस6 सतरह वरषोW का हो कर भाइयो क सग भड-

बकरिरयो को चराता था और वह लडका अपन षटिपता की पतनी षटिबलहा और जिजलपा क पतरो क सग रहा

करता था और उनकी बराईयो का समाचार अपन षटिपता क पास पहचाया करता था 37|03 और इसराएल अपन सब पतरो स बढक यस6 स परीषटित रखता था कयोषटिक वह उसक बढाप

का पतर था और उसन उसक लिलय रग षटिबरगा अगरखा बनवाया 37|04 सो जब उसक भाईयो न खा षटिक हमारा षटिपता हम सब भाइयो स अलिक उसी स परीषटित

रखता ह तब व उसस बर करन लग और उसक साथ ठीक तौर स बात भी नही करत थ 37|05 और यस6 न एक सवपन खा और अपन भाइयो स उसका वणWन षटिकया तब व उसस और

भी दवरषो करन लग 37|06 और उसन उन स कहा जो सवपन म न खा ह सो सनो 37|07 हम लोग खत म पल बा( रह ह और कया खता ह षटिक मरा पला उठ कर सीा खडा होगया तब तमहार पलो न मर पल को चारो तर6 स घर लिलया और उस णडवत षटिकया 37|08 तब उसक भाइयो न उसस कहा कया सचमच त हमार ऊपर राजय करगा वा सचमच त

हम पर परभता करगा सो व उसक सवपनो और उसकी बातो क कारण उसस और भी अलिक बर करन लग 37|09 षटि6र उसन एक और सवपन खा और अपन भाइयो स उसका भी यो वणWन षटिकया षटिक सनो म न एक और सवपन खा ह षटिक सयW और चनदरमा और गयारह तार मझ णडवत कर रह ह

37|10 यह सवपन उसन अपन षटिपता और भाइयो स वणWन षटिकया तब उसक षटिपता न उसको पट क कहा यह कसा सवपन ह जो त न खा ह कया सचमच म और तरी माता और तर भाई सब जा कर

तर आग भमिम पर षटिगरक णडवत करग 37|11 उसक भाई तो उसस डाह करत थ पर उसक षटिपता न उसक उस वचन को समरण रखा 37|12 और उसक भाई अपन षटिपता की भड- बकरिरयो को चरान क लिलय शकम को गए 37|13 तब इसराएल न यस6 स कहा तर भाई तो शकम ही म भड- बकरी चरा रह होग सो जा म

तझ उनक पास भजता ह उसन उसस कहा जो आजञा म हाजिजर ह 37|14 उसन उसस कहा जा अपन भाइयो और भड- बकरिरयो का हाल ख आ षटिक व कशल स

तो ह षटि6र मर पास समाचार ल आ सो उसन उसको हबरोन की तराई म षटिवा कर दिया और वह शकम म आया

37|15 और षटिकसी मनषय न उसको मान म इर उर भटकत हए पाकर उसस पछा त कया ढढता ह

37|16 उसन कहा म तो अपन भाइयो को ढढता ह कपा कर मझ बता षटिक व भड- बकरिरयो को कहा चरा रह ह

37|17 उस मनषय न कहा व तो यहा स चल गए ह और म न उन को यह कहत सना षटिक आओ हम ोतान को चल सो यस6 अपन भाइयो क पास चला और उनह ोतान म पाया

37|18 और जयोही उनहोन उस दर स आत खा तो उसक षटिनकट आन क पषटिहल ही उस मार डालन की यलिकत की

37|19 और व आपस म कहन लग खो वह सवपन खनहारा आ रहा ह 37|20 सो आओ हम उसको घात करक षटिकसी गडह म डाल और यह कह ग षटिक कोई द

पश उसको खा गया षटि6र हम खग षटिक उसक सवपनो का कया 6ल होगा 37|21 यह सनक रबन न उसको उनक हाथ स बचान की मनसा स कहा हम उसको पराण स तो न मार

37|22 षटि6र रबन न उन स कहा लोह मत बहाओ उसको जगल क इस गडह म डाल ो और उस पर हाथ मत उठाओ वह उसको उनक हाथ स छडाकर षटिपता क पास षटि6र पहचाना चाहता था

37|23 सो ऐसा हआ षटिक जब यस6 अपन भाइयो क पास पहचा तब उनहो न उसका रगषटिबरगाअगरखा जिजस वह पषटिहन हए था उतार लिलया 37|24 और यस6 को उठा कर गडह म डाल दिया वह गडहा तो सखा था और उस म कछ जल न था 37|25 तब व रोटी खान को बठ गए और आख उठा कर कया खा षटिक इशमाएलिलयो का एक ल

ऊटो पर सग(दरवय बलसान और ग(रस ला हए षटिगला स मिमसर को चला जा रहा ह

37|26 तब यहा न अपन भाइयो स कहा अपन भाई को घात करन और उसका खन लिछपान स कया लाभ होगा

37|27 आओ हम उस इशमाएलिलयो क हाथ बच डाल और अपना हाथ उस पर न उठाए कयोषटिक वह हमारा भाई और हमारी हmी और मास ह सो उसक भाइयो न उसकी बात मान ली तब मिमदयानी

वयापारी उर स होकर उनक पास पहच 37|28 सो यस6 क भाइयो न उसको उस गडह म स खीच क बाहर षटिनकाला और इशमाएलिलयो क

हाथ चाी क बीस टकडो म बच दिया और व यस6 को मिमसर म ल गए 37|29 और रबन न गडह पर लौटकर कया खा षटिक यस6 गडह म नही ह सो उसन अपन वसतर6ाड 37|30 और अपन भाइयो क पास लौटकर कहन लगा षटिक लडका तो नही ह अब म षटिकरजाऊ 37|31 और तब उनहोन यस6 का अगरखा लिलया और एक बकर को मार क उसक लोह म उस

डबा दिया 37|32 और उनहोन उस रग षटिबरग अगरख को अपन षटिपता क पास भज कर कहला दिया षटिक यह

हम को मिमला ह सो खकर पषटिहचान ल षटिक यह तर पतर का अगरखा ह षटिक नही 37|33 उसन उसको पषटिहचान लिलया और कहा हा यह मर ही पतर का अगरखा ह षटिकसी द पश न

उसको खा लिलया ह षटिन सनह यस6 6ाड डाला गया ह 37|34 तब याकब न अपन वसतर 6ाड और कमर म टाट लपटा और अपन पतर क लिलय बहत दिनो

तक षटिवलाप करता रहा 37|35 और उसक सब बट- बदिटयो न उसको शातनिनत न का यतन षटिकया पर उसको शातनिनत न मिमली

और वह यही कहता रहा म तो षटिवलाप करता हआ अपन पतर क पास अोलोक म उतर जाऊगा इस परकार उसका षटिपता उसक लिलय रोता ही रहा

37|36 और मिमदयाषटिनयो न यस6 को मिमसर म ल जा कर पोतीपर नाम षटि6रौन क एक हाषटिकम और जललाो क परान क हाथ बच डाला

अधयाय३८

01 उनही दिनो म ऐसा हआ षटिक यहा अपन भाईयो क पास स चला गया और हीरा नाम एक अदललामवासी पररषो क पास डरा षटिकया

02 वहा यहा न शआ नाम एक कनानी पररषो की बटी को खा और उसको बयाह कर उसक पासगया 03 वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और यहा न उसका नाम एर रखा 04 और वह षटि6र गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसका नाम ओनान रखागया 05 षटि6र उसक एक पतर और उतपनन हआ और उसका नाम शला रखा गया और जिजस समय इसका

जनम हआ उस समय यहा कजीब म रहता था 06 और यहा न तामार नाम एक सतरी स अपन जठ एर का षटिववाह कर दिया 07 परनत यहा का वह जठा एर यहोवा क लख म द था इसलिलय यहोवा न उसको मार डाला 08 तब यहा न ओनान स कहा अपनी भौजाई क पास जा और उसक साथ वर का मW परा

करक अपन भाई क लिलय सनतान उतपनन कर 09 ओनान तो जानता था षटिक सनतान तो मरी न ठहरगी सो ऐसा हआ षटिक जब वह अपनी भौजाई

क पास गया तब उसन भमिम पर वीयW षटिगराकर नाश षटिकया जिजस स ऐसा न हो षटिक उसक भाई क नाम स वश चल

10 यह काम जो उसन षटिकया उस यहोवा अपरसनन हआ और उसन उसको भी मार डाला 11 तब यहा न इस डर क मार षटिक कही ऐसा न हो षटिक अपन भाइयो की नाई शला भी मर अपनी

बह तामार स कहा जब तक मरा पतर शला लिसयाना न हो तब तक अपन षटिपता क घर म षटिववा की

बठी रह सो तामार अपन षटिपता क घर म जा कर रहन लगी 12 बहत समय क बीतन पर यहा की पतनी जो शआ की बटी थी सो मर गई षटि6र यहा शोक स

छटकर अपन मिमतर हीरा अदललामवासी समत अपनी भड- बकरिरयो का ऊन कतरान क लिलय षटितमनाथ को गया

13 और तामार को यह समाचार मिमला षटिक तरा ससर अपनी भड- बकरिरयो का ऊन कतरान क लिलय षटितमनाथ को जा रहा ह

14 तब उसन यह सोच कर षटिक शला लिसयाना तो हो गया पर म उसकी सतरी नही होन पाई अपना षटिववापन का पषटिहरावा उतारा और घघट डाल कर अपन को ढाप लिलया और एनम नगर क 6ाटक

क पास जो षटितमनाथ क मागW म ह जा बठी 15 जब यहा न उसको खा उसन उसको वशया समझा कयोषटिक वह अपना मह ढाप हए थी 16 और वह मागW स उसकी ओर षटि6रा और उसस कहन लगा मझ अपन पास आन ( कयोषटिक उस

यह मालम न था षटिक वह उसकी बह ह) और वह कहन लगी षटिक यदि म तझ अपन पास आन द तो त मझ कया गा

17 उसन कहा म अपनी बकरिरयो म स बकरी का एक बचचा तर पास भज दगा तब उसन कहा भला उस क भजन तक कया त हमार पास कछ रहन रख जाएगा

18 उस न पछा म तर पास कया रहन रख जाऊ उस न कहा अपनी महर और बाजबन और अपन हाथ की छडी तब उसन उसको व वसतए ी और उसक पास गया और वह उसस गभWवती

हई 19 तब वह उठ कर चली गई और अपना घघट उतार क अपना षटिववापन का पषटिहरावा षटि6र पषटिहनलिलया 20 तब यहा न बकरी का बचचा अपन मिमतर उस अदललामवासी क हाथ भज दिया षटिक वह रहन

रखी हई वसतए उस सतरी क हाथ स छडा ल आए पर वह सतरी उसको न मिमली 21 तब उसन वहा क लोगो स पछा षटिक वह वासी जो एनम म मागW की एक और बठी थी कहाह उनहोन कहा यहा तो कोई वासी न थी 22 सो उसन यहा क पास लौट क कहा मझ वह नही मिमली और उस सथान क लोगो न कहा षटिक

यहा तो कोई वासी न थी 23 तब यहा न कहा अचछा वह ब(क उस क पास रहन नही तो हम लोग तचछ षटिगन जाएग ख म न बकरी का यह बचचा भज दिया पर वह तझ नही मिमली 24 और तीन महीन क पीछ यहा को यह समाचार मिमला षटिक तरी बह तामार न वयणिभचार षटिकया ह

वरन वह वयणिभचार स गभWवती भी हो गई ह तब यहा न कहा उसको बाहर ल आओ षटिक वह जलाई जाए

25 जब उस बाहर षटिनकाल रह थ तब उसन अपन ससर क पास यह कहला भजा षटिक जिजस पररषो की य वसतए ह उसी स म गभWवती ह षटि6र उसन यह भी कहलाया षटिक पषटिहचान तो सही षटिक यह

महर और बाजबन और छडी षटिकस की ह 26 यहा न उनह पषटिहचान कर कहा वह तो मझ स कम ोरषोी ह कयोषटिक म न उस अपन पतर शला

को न बयाह दिया और उसन उसस षटि6र कभी परसग न षटिकया 27 जब उसक जनन का समय आया तब यह जान पडा षटिक उसक गभW म जडव बचच ह 28 और जब वह जनन लगी तब एक बालक न अपना हाथ बढाया और ाय न लाल सत ल कर

उसक हाथ म यह कहत हथ बा( दिया षटिक पषटिहल यही उतपनन हआ 29 जब उसन हाथ समट लिलया तब उसका भाई उतपनन हो गया तब उस ाय न कहा त कयो

बरबस षटिनकल आया ह इसलिलय उसका नाम परस रखा गया 30 पीछ उसका भाई जिजसक हाथ म लाल सत ब(ा था उतपनन हआ और उसका नाम जरह रखागया

अधयाय३९

01 जब यस6 मिमसर म पहचाया गया तब पोतीपर नाम एक मिमसरी जो षटि6रौन का हाषटिकम और जललाो का परान था उसन उसको इशमाएलिलयो क हाथ स जो उस वहा ल गए थ मोल लिलया

02 और यस6 अपन मिमसरी सवामी क घर म रहता था और यहोवा उसक सग था सो वह भागयवान पररषो हो गया

03 और यस6 क सवामी न खा षटिक यहोवा उसक सग रहता ह और जो काम वह करता ह उसको यहोवा उसक हाथ स स6ल कर ता ह

04 तब उसकी अनगरह की दषटि उस पर हई और वह उसकी सवा टहल करन क लिलय षटिनयकत षटिकयागया षटि6र उसन उसको अपन घर का अलिकारी बना क अपना सब कछ उसक हाथ म सौप दिया 05 और जब स उसन उसको अपन घर का और अपनी सारी समपलिc का अलिकारी बनाया तब स

यहोवा यस6 क कारण उस मिमसरी क घर पर आशीरषो न लगा और कया घर म कया मान म उसका जो कछ था सब पर यहोवा की आशीरषो होन लगी

06 सो उसन अपना सब कछ यस6 क हाथ म यहा तक छोड दिया षटिक अपन खान की रोटी कोछोड वह अपनी समपलिc का हाल कछ न जानता था और यस6 सनर और रपवान था 07 इन बातो क पशचात ऐसा हआ षटिक उसक सवामी की पतनी न यस6 की ओर आख लगाई औरकहा मर साथ सो 08 पर उसन असवीकार करत हए अपन सवामी की पतनी स कहा सन जो कछ इस घर म ह मर

हाथ म ह उस मरा सवामी कछ नही जानता और उसन अपना सब कछ मर हाथ म सौप दिया ह 09 इस घर म मझ स बडा कोई नही और उसन तझ छोड जो उसकी पतनी ह मझ स कछ नही

रख छोडा सो भला म ऐसी बडी दता करक परमशवर का अपराी कयोकर बन 10 और ऐसा हआ षटिक वह परषटित दिन यस6 स बात करती रही पर उसन उसकी न मानी षटिक उसक

पास लट वा उसक सग रह 11 एक दिन कया हआ षटिक यस6 अपना काम काज करन क लिलय घर म गया और घर क सवको म स कोई भी घर क अनर न था

12 तब उस सतरी न उसका वसतर पकडकर कहा मर साथ सो पर वह अपना वसतर उसक हाथ म छोडकर भागा और बाहर षटिनकल गया

13 यह खकर षटिक वह अपना वसतर मर हाथ म छोडकर बाहर भाग गया 14 उस सतरी न अपन घर क सवको को बलाकर कहा खो वह एक इबरी मनषय को हमारा

षटितरसकार करन क लिलय हमार पास ल आया ह वह तो मर साथ सोन क मतलब स मर पास अनर आया था और म ऊच सवर स लिचलला उठी

15 और मरी बडी लिचललाहट सनकर वह अपना वसतर मर पास छोडकर भागा और बाहर षटिनकलगया 16 और वह उसका वसतर उसक सवामी क घर आन तक अपन पास रख रही 17 तब उसन उसस इस परकार की बात कही षटिक वह इबरी ास जिजस को त हमार पास ल आया ह

सो मझ स हसी करन क लिलय मर पास आया था 18 और जब म ऊच सवर स लिचलला उठी तब वह अपना वसतर मर पास छोडकर बाहर भाग गया 19 अपनी पतनी की य बात सनकर षटिक तर ास न मझ स ऐसा ऐसा काम षटिकया यस6 क सवामी

का कोप भडका 20 और यस6 क सवामी न उसको पकडकर बनीगह म जहा राजा क की बन थ डलवा दिया

सो वह उस बनीगह म रहन लगा 21 पर यहोवा यस6 क सग सग रहा और उस पर करणा की और बनीगह क रोगा क अनगरह

की दषटि उस पर हई 22 सो बनीगह क रोगा न उन सब ब(ओ को जो कारागार म थ यस6 क हाथ म सौप दिया

और जो जो काम व वहा करत थ वह उसी की आजञा स होता था 23 बनीगह क रोगा क वश म जो कछ था कयोषटिक उस म स उसको कोई भी वसत खनी न पडती थी इसलिलय षटिक यहोवा यस6 क साथ था और जो कछ वह करता था यहोवा उसको उस म

स6लता ता था

अधयाय४०

01 इन बातो क पशचात ऐसा हआ क राजा क षटिपलानहार और पकानहार न अपन सवामी का कछ अपरा षटिकया

02 तब षटि6रौन न अपन उन ोनो हाषटिकमो पर अथाWत षटिपलानहारो क परान अर पकानहारो क परान पर करोदित होकर

03 उनह क करा क जललाो क परान क घर क उसी बनीगह म जहा यस6 ब(आ था डलवादिया 04 तब जललाो क परान न उनको यस6 क हाथ सौपा और वह उनकी सवा टहल करन लगा सो व कछ दिन तक बनीगह म रह

05 और मिमसतर क राजा का षटिपलानहारा और पकानहारा जो बनीगह म बन थ उन ोनो न एक ही रात म अपन होनहार क अनसार सवपन खा

06 षटिबहान को जब यस6 उनक पास अनर गया तब उन पर दषटि की तो कया खा षटिक व उासह 07 सो उसन षटि6रौन क उन हाषटिकमो स जो उसक साथ उसक सवामी क घर क बनीगह म थ पछा

षटिक आज तमहार मह कयो उास ह 08 उनहोन उस स कहा हम ोनो न सवपन खा ह और उनक 6ल का बतान वाला कोई भी नही

यस6 न उनस कहा कया सवपनो का 6ल कहना परमशवर का काम नही मझ अपना अपना सवपनबताओ 09 तब षटिपलानहारो का परान अपना सवपन यस6 को यो बतान लगा षटिकमन सवपन म खा षटिक

मर सामन ाखलता ह 10 और उस ाखलता म तीन डालिलया ह और उसम मानो कलिलया लगी ह और व 6ली और उसक

गचछो म ाक लगकर पक गई 11 और षटि6रौन का कटोरा मर हाथ म था सो मन उन ाखो को लकर षटि6रौन क कटोर म षटिनचोडा

और कटोर को षटि6रौन क हाथ म दिया 12 यस6 न उस स कहा इसका 6ल यह ह षटिक तीन डालिलयो का अथW तीन दिन ह 13 सो अब स तीन दिन क भीतर तरा सर ऊचा करगा और षटि6र स तर प पर तझ षटिनयकत करगा

और त पहल की नाई षटि6रौन का षटिपलानहारा होकर उसका कटोरा उसक हाथ म षटि6र दिया करगा 14 सो जब तरा भला हो जाए तब मझ समरण करना और मझ पर कपा करक षटि6रौन स मरी चचाWचलाना अर इस घर स मझ छडवा ना 15 कयोषटिक सचमच इबराषटिनयो क श स मझ चरा कर ल आए ह और यहा भी मन कोई ऐसा काम

नही षटिकया जिजसक कारण म इस कारागार म डाला जाऊ 16 यह खकर षटिक उसक सवपन का 6ल अचछा षटिनकला पकानहारो क परान न यस6 स कहा

मन भी सवपन खा ह वह यह ह मन खा षटिक मर लिसर पर स6 रोटी की तीन टोकरिरया ह 17 और ऊपर की टोकरी म षटि6रौन क लिलए सब परकार की पकी पकाई वसतए ह और पकषी मर लिसर

पर की टोकरी म स उन वसतओ को खा रह ह 18 यस6 न कहा इसका 6ल यह ह तीन टोकरिरयो का अथW तीन दिन ह 19 सो अब स तीन दिन क भीतर षटि6रौन तरा लिसर कटवाकर तझ एक वकष पर टगवा गा और पकषी

तर मास को नोच नोच कर खाएग 20 और तीसर दिन षटि6रौन का जनमदिन था उसन अपन सब कमWचारिरयो की जवनार की और

उसन षटिपलानहारो क परान और पकानहारो क परान ोनो को बनीगह स षटिनकलवाया 21 और षटिपलानहारो क परान को तो षटिपलानहार क प पर षटि6र स षटिनयकत षटिकया और वह षटि6रौन क

हाथ म कटोरा न लगा 22 पर पकानहारो क परान को उस न टगवा दिया जसा षटिक यस6 न उनक सवपनो का 6ल उअनस

कहा था 23 षटि6र भी षटिपलानहारो क परान न यस6 को समरण ना रखा परनत उस भल गया

अधयाय४१

01 पर दो बरस क बीतन पर फिरौन न यह fवपन दा फिक वह नील नदी क फिकनार पर ड़ा ह 02 और उस नदी म स सात सनदर और मोNी मोNी गाय फिनकल कर कछार की घास चरन लगी 03 और $या दा फिक उनक पीछ और सात गाय जो करप और दबल ह नदी स फिनकली और दसरी

गायो क फिनकN नदी क तN पर जा ड़ी हई 04 तब य करप और दबल गाय उन सात सनदर और मोNी मोNी गायो को ा गई तब फिरौन जाग उठा 05 और वह फिर सो गया और दसरा fवपन दा फिक एक डठी म स सात मोNी और अचछी अचछी बालफिनकली 06 और $या दा फिक उनक पीछ सात बाल पतली और परवाई स मरझाई हई फिनकली 07 और इन पतली बालो न उन सातो मोNी और अनन स भरी हई बालो को फिनगल लिलया तब फिरौन जागा

और उस मालम हआ फिक यह fवपन ही था 08 भोर को फिरौन का मन वयाकल हआ और उसन मिमसर क सब जयोफितफिरषयो और पतततिणडतो को बलवा भजा

और उन को अपन fवपन बताए पर उन म स कोई भी उनका ल फिरौन स न कह सहा 09 तब फिपलानहारो का परधान फिरौन स बोल उठा फिक मर अपराध आज मझ fमरण आए 10 जब फिरौन अपन दासो स करोमिधत हआ था और मझ और पकानहारो क परधान को कद करा क जललादो

क परधान क घर क बनदीगह म डाल दिदया था 11 तब हम दोनो न एक ही रात म अपन अपन होनहार क अनसार fवपन दा 12 और वहा हमार साथ एक इबरी जवान था जो जललादो क परधान का दास था सो हम न उसको बताया

और उसन हमार fवपनो का ल हम स कहा हम म स एक एक क fवपन का ल उसन बता दिदया 13 और जसा जसा ल उसन हम स कहा था वसा ही हआ भी अथात मझ को तो मरा पद फिर मिमला पर

वह ासी पर लNकाया गया 14 तब फिरौन न यस को बलवा भजा और वह झNपN बनदीगह स बाहर फिनकाला गया और बालबनवाकर और वfतर बदलकर फिरौन क सामहन आया 15 फिरौन न यस स कहा म न एक fवपन दा ह और उसक ल का बतान वाला कोई भी नही और म न तर फिवरषय म सना ह फिक त fवपन सनत ही उसका ल बता सकता ह

16 यस न फिरौन स कहा म तो कछ नही जानता परमशवर ही फिरौन क लिलय शभ वचन दगा 17 फिर फिरौन यस स कहन लगा म न अपन fवपन म दा फिक म नील नदी क फिकनार पर ड़ा ह 18 फिर $या दा फिक नदी म स सात मोNी और सनदर सनदर गाय फिनकल कर कछार की घास चरन लगी 19 फिर $या दा फिक उनक पीछ सात और गाय फिनकली जो दबली और बहत करप और दबल ह म न

तो सार मिमसर दश म ऐसी कडौल गाय कभी नही दी 20 और इन दबल और कडौल गायो न उन पहली सातो मोNी मोNी गायो को ा लिलया 21 और जब व उन को ा गई तब यह मालम नही होता था फिक व उन को ा गई ह $योफिक व पफिहल की

नाई जसी की तसी कडौल रही तब म जाग उठा 22 फिर म न दसरा fवपन दा फिक एक ही डठी म सात अचछी अचछी और अनन स भरी हई बाल फिनकली 23 फिर $या दता ह फिक उनक पीछ और सात बाल छछी छछी और पतली और परवाई स मरझाई हईफिनकली 24 और इन पतली बालोन उन सात अचछी अचछी बालो को फिनगल लिलया इस म न जयोफितफिरषयो को बताया

पर इस का समझानहारा कोई नही मिमला 25 तब यस न फिरौन स कहा फिरौन का fवपन एक ही ह परमशवर जो काम फिकया चाहता ह उसको उसन

फिरौन को जताया ह 26 व सात अचछी अचछी गाय सात वरष ह और व सात अचछी अचछी बाल भी सात वरष ह fवपन एक ही ह 27 फिर उनक पीछ जो दबल और कडौल गाय फिनकली और जो सात छछी और परवाई स मरझाई हई बालफिनकाली व अकाल क सात वरष होग 28 यह वही बात ह जो म फिरौन स कह चका ह फिक परमशवर जो काम फिकया चाहता ह उस उसन फिरौन

को दिदाया ह 29 सन सार मिमसर दश म सात वरष तो बहतायत की उपज क होग 30 उनक पशचात सात वरष अकाल क आयग और सार मिमसर दश म लोग इस सारी उपज को भल जायग और

अकाल स दश का नाश होगा 31 और सकाल ( बहतायत की उपज) दश म फिर fमरण न रहगा $योफिक अकाल अतयनत भयकर होगा 32 और फिरौन न जो यह fवपन दो बार दा ह इसका भद यही ह फिक यह बात परमशवर की ओर स फिनयकत हो

चकी ह और परमशवर इस शीघर ही परा करगा 33 इसलिलय अब फिरौन फिकसी समझदार और बजिyमान पररष को ढढ़ करक उस मिमसर दश पर परधानमतरीठहराए 34 फिरौन यह कर फिक दश पर अमिधकारिरयो को फिनयकत कर और जब तक सकाल क सात वरष रह तब तक

वह मिमसर दश की उपज का पचमाश लिलया कर 35 और व इन अचछ वरषz म सब परकार की भोजन वfत इकटठा कर और नगर नगर म भणडार घर भोजन क

लिलय फिरौन क वश म करक उसकी रकषा कर 36 और वह भोजनवfत अकाल क उन सात वरषz क लिलय जो मिमसर दश म आएग दश क भोजन क फिनमिम

री रह जिजस स दश उस अकाल स fतयानाश न हो जाए 37 यह बात फिरौन और उसक सार कमचारिरयो को अचछी लगी 38 सो फिरौन न अपन कमचारिरयोस कहा फिक $या हम को ऐसा पररष जसा यह ह जिजस म परमशवर का

आतमा रहता ह मिमल सकता ह 39 फिर फिरौन न यस स कहा परमशवर न जो तझ इतना जञान दिदया ह फिक तर तलय कोई समझदार और

बजिyमान नही 40 इस कारण त मर घर का अमिधकारी होगा और तरी आजञा क अनसार मरी सारी परजा चलगी कवल

राजगददी क फिवरषय म तझ स बड़ा ठहरगा 41 फिर फिरौन न यस स कहा सन म तझ को मिमसर क सार दश क ऊपर अमिधकारी ठहरा दता ह 42 तब फिरौन न अपन हाथ स अगठी फिनकाल क यस क हाथ म पफिहना दी और उसको बदिढय़ा मलमल क

वfतर पफिहनवा दिदए और उसक गल म सोन की जजीर डाल दी 43 और उसको अपन दसर रथ पर चढ़वाया और लोग उसक आग आग यह परचार करत चल फिक घNन

Nककर दणडवत करो और उसन उसको मिमसर क सार दश क ऊपर परधान मतरी ठहराया 44 फिर फिरौन न यस स कहा फिरौन तो म ह और सार मिमसर दश म कोई भी तरी आजञा क फिबना हाथ

पाव न फिहलाएगा 45 और फिरौन न यस का नाम सापन तपानह रा और ओन नगर क याजक पोतीपरा की बNी आसनत स

उसका बयाह करा दिदया और यस मिमसर क सार दश म दौरा करन लगा 46 जब यस मिमसर क राजा फिरौन क समम ड़ा हआ तब वह तीस वरष का था सो वह फिरौन क

समम स फिनकलकर मिमसर क सार दश म दौरा करन लगा 47 सकाल क सातो वरषzम भमिम बहतायत स अनन उपजाती रही 48 और यस उन सातो वरषz म सब परकार की भोजनवfतए जो मिमसर दश म होती थी जमा करक नगरो म

रता गया और हर एक नगर क चारो ओर क तो की भोजनवfतओ को वह उसी नगर म इकटठा करतागया 49 सो यस न अनन को समदर की बाल क समान अतयनत बहतायत स रालिश रालिश करक रा यहा तक फिक

उसन उनका फिगनना छोड़ दिदया $योफिक व असखय हो गई 50 अकाल क परथम वरष क आन स पफिहल यस क दो पतर ओन क याजक पोतीपरा की बNी आसनत सजनम 51 और यस न अपन जठ का नाम यह कहक मनशश रा फिक परमशवर न मझ स सारा $लश और मर

फिपता का सारा घराना भला दिदया ह 52 और दसर का नाम उसन यह कहकर एपरम रा फिक मझ द भोगन क दश म परमशवर न लाया

लाया ह 53 और मिमसर दश क सकाल क व सात वरष समापत हो गए

54 और यस क कहन क अनसार सात वरषz क लिलय अकाल आरमभ हो गया और सब दशो म अकाल पड़न लगा परनत सार मिमसर दश म अनन था 55 जब मिमसर का सारा दश भो मरन लगा तब परजा फिरोन स लिचलला लिचललाकर रोNी मागन लगी और वह

सब मिमततिसरयो स कहा करता था यस क पास जाओ और जो कछ वह तम स कह वही करो 56 सो जब अकाल सारी पथवी पर ल गया और मिमसर दश म काल का भयकर रप हो गया तब यस सब

भणडारो को ोल ोल क मिमततिसरयो क हाथ अनन बचन लगा 57 सो सारी पथवी क लोग मिमसर म अनन मोल लन क लिलय यस क पास आन लग $योफिक सारी पथवी पर

भयकर अकाल था

अधयाय४२

01 जब याकब न सना फिक मिमसर म अनन ह तब उसन अपन पतरो स कहा तम एक दसर का मह $यो द रहहो 02 फिर उसन कहा म न सना ह फिक मिमसर म अनन ह इसलिलय तम लोग वहा जा कर हमार लिलय अनन मोल लआओ जिजस स हम न मर वरन जीफिवत रह 03 सो यस क दस भाई अनन मोल लन क लिलय मिमसर को गए 04 पर यस क भाई फिबनयामीन को याकब न यह सोचकर भाइयो क साथ न भजा फिक कही ऐसा न हो फिक

उस पर कोई फिवपतति आ पड़ 05 सो जो लोग अनन मोल लन आए उनक साथ इसराएल क पतर भी आए $योफिक कनान दश म भी भारी

अकाल था 06 यस तो मिमसर दश का अमिधकारी था और उस दश क सब लोगो क हाथ वही अनन बचता था इसलिलय

जब यस क भाई आए तब भमिम पर मह क बल फिगर क दणडवत फिकया 07 उन को दकर यस न पफिहचान तो लिलया परनत उनक सामहन भोला बनक कठोरता क साथ उन सपछा तम कहा स आत हो उनहोन कहा हम तो कनान दश स अनन मोल लन क लिलय आए ह 08 यस न तो अपन भाइयो को पफिहचान लिलया परनत उनहोन उसको न पफिहचाना 09 तब यस अपन उन fवपनो को fमरण करक जो उसन उनक फिवरषय म द थ उन स कहन लगा तम

भदिदए हो इस दश की ददशा को दन क लिलय आए हो 10 उनहोन उसस कहा नही नही ह परभ तर दास भोजनवfत मोल लन क लिलय आए ह 11 हम सब एक ही फिपता क पतर ह हम सीध मनषय ह तर दास भदिदए नही 12 उसन उन स कहा नही नही तम इस दश की ददशा दन ही को आए हो 13 उनहोन कहा हम तर दास बारह भाई ह और कनान दशवासी एक ही पररष क पतर ह और छोNा इस

समय हमार फिपता क पास ह और एक जाता रहा 14 तब यस न उन स कहा म न तो तम स कह दिदया फिक तम भदिदए हो 15 सो इसी रीफित स तम पर जाओग फिरौन क जीवन की शपथ जब तक तमहारा छोNा भाई यहा न आए

तब तक तम यहा स न फिनकलन पाओग 16 सो अपन म स एक को भज दो फिक वह तमहार भाई को ल आए और तम लोग बनधवाई म रहोग इस

परकार तमहारी बात परी जाएगी फिक तम म सचचाई ह फिक नही यदिद सचच न ठहर तब तो फिरौन क जीवन की शपथ तम फिनशचय ही भदिदए समझ जाओग

17 तब उसन उन को तीन दिदन तक बनदीगह म रा 18 तीसर दिदन यस न उन स कहा एक काम करो तब जीफिवत रहोग $योफिक म परमशवर का भय मानता ह 19 यदिद तम सीध मनषय हो तो तम सब भाइयो म स एक जन इस बनदीगह म बनधआ रह और तम अपन

घर वालो की भ बझान क लिलय अनन ल जाओ 20 और अपन छोN भाई को मर पास ल आओ इस परकार तमहारी बात सचची ठहरगी और तम मार डाल न

जाओग तब उनहोन वसा ही फिकया

21 उनहोन आपस म कहा फिन fनदह हम अपन भाई क फिवरषय म दोरषी ह $योफिक जब उसन हम स फिगड़फिगड़ा क फिबनती की तौभी हम न यह दकर फिक उसका जीवन कस सकN म पड़ा ह उसकी न सनी इसी कारण हम भी अब इस सकN म पड़ ह

22 रबन न उन स कहा $या म न तम स न कहा था फिक लड़क क अपराधी मत बनो परनत तम न न सना दो अब उसक लोह का पलNा दिदया जाता ह 23 यस की और उनकी बातचीत जो एक दभाफिरषया क दवारा होती थी इस स उन को मालम न हआ फिक वह

उनकी बोली समझता ह 24 तब वह उनक पास स हNकर रोन लगा फिर उनक पास लौNकर और उन स बातचीत करक उन म स

लिशमोन को छाN फिनकाला और उसक सामहन बनधआ रा 25 तब यस न आजञा दी फिक उनक बोर अनन स भरो और एक एक जन क बोर म उसक रपय को भी रदो फिर उन को माग क लिलय सीधा दो सो उनक साथ ऐसा ही फिकया गया 26 तब व अपना अनन अपन गदहो पर लादकर वहा स चल दिदए 27 सराय म जब एक न अपन गदह को चारा दन क लिलय अपना बोरा ोला तब उसका रपया बोर क मोहड़

पर रा हआ दिदलाई पड़ा 28 तब उसन अपन भाइयो स कहा मरा रपया तो र दिदया गया ह दो वह मर बोर म ह तब उनक जी म जी न रहा और व एक दसर की और भय स ताकन लग और बोल परमशवर न यह हम स $या फिकया ह

29 और व कनान दश म अपन फिपता याकब क पास आए और अपना सारा वानत उसस इस परकार वणनफिकया 30 फिक जो पररष उस दश का fवामी ह उसन हम स कठोरता क साथ बात की और हम को दश क भदिदएकहा 31 तब हम न उसस कहा हम सीध लोग ह भदिदए नही 32 हम बारह भाई एक ही फिपता क पतर ह एक तो जाता रहा परनत छोNा इस समय कनान दश म हमार फिपता

क पास ह 33 तब उस पररष न जो उस दश का fवामी ह हम स कहा इस स मालम हो जाएगा फिक तम सीध मनषयहो तम अपन म स एक को मर पास छोड़ क अपन घर वालो की भ बझान क लिलय कछ ल जाओ 34 और अपन छोN भाई को मर पास ल आओ तब मझ फिवशवास हो जाएगा फिक तम भदिदए नही सीध लोग

हो फिर म तमहार भाई को तमह सौप दगा और तम इस दश म लन दन कर सकोग 35 यह कहकर व अपन अपन बोर स अनन फिनकालन लग तब $या दा फिक एक एक जन क रपय की

थली उसी क बोर म री ह तब रपय की थलिलयो को दकर व और उनका फिपता बहत डर गए 36 तब उनक फिपता याकब न उन स कहा मझ को तम न फिनव^श कर दिदया दो यस नही रहा और

लिशमोन भी नही आया और अब तम फिबनयामीन को भी ल जाना चाहत हो य सब फिवपततिया मर ऊपर आ पड़ीह 37 रबन न अपन फिपता स कहा यदिद म उसको तर पास न लाऊ तो मर दोनो पतरो को मार डालना त उसको

मर हाथ म सौप द म उस तर पास फिर पहचा दगा 38 उसन कहा मरा पतर तमहार सग न जाएगा $योफिक उसका भाई मर गया ह और वह अब अकला रह गया

इसलिलय जिजस माग स तम जाओग उस म यदिद उस पर कोई फिवपतति आ पड़ तब तो तमहार कारण म इस बढ़ाप की अवसथा म शोक क साथ अधोलोक म उतर जाऊगा

अधयाय४३

01 और अकाल दश म और भी भयकर होता गया 02 जब वह अनन जो व मिमसर स ल आए थ समापत हो गया तब उनक फिपता न उन स कहा फिर जा कर हमार

लिलय थोड़ी सी भोजनवfत मोल ल आओ 03 तब यहदा न उसस कहा उस पररष न हम को लिचतावनी दकर कहा फिक यदिद तमहारा भाई तमहार सग न

आए तो तम मर समम न आन पाओग 04 इसलिलय यदिद त हमार भाई को हमार सग भज तब तो हम जा कर तर लिलय भोजनवfत मोल ल आएग 05 परनत यदिद त उसको न भज तो हम न जाएग $योफिक उस पररष न हम स कहा फिक यदिद तमहारा भाई

तमहार सग न हो तो तम मर समम न आन पाओग 06 तब इसराएल न कहा तम न उस पररष को यह बताकर फिक हमारा एक और भाई ह $यो मझ स बरा

बताव फिकया 07 उनहोन कहा जब उस पररष न हमारी और हमार कNमबिमबयो की दशा को इस रीफित पछा फिक $या तमहारा

फिपता अब तक जीफिवत ह $या तमहार कोई और भाई भी ह तब हम न इन परशनो क अनसार उसस वणनफिकया फिर हम $या जानत थ फिक वह कहगा फिक अपन भाई को यहा ल आओ 08 फिर यहदा न अपन फिपता इसराएल स कहा उस लड़क को मर सग भज द फिक हम चल जाए इस स हम

और त और हमार बालबचच मरन न पाएग वरन जीफिवत रहग 09 म उसका जामिमन होता ह मर ही हाथ स त उसको र लना यदिद म उसको तर पास पहचाकर सामहन न

ड़ाकर द तब तो म सदा क लिलय तरा अपराधी ठहरगा 10 यदिद हम लोग फिवलमब न करत तो अब तब दसरी बार लौN आत 11 तब उनक फिपता इसराएल न उन स कहा यदिद सचमच ऐसी ही बात ह तो यह करो इस दश की उम

उम वfतओ म स कछ कछ अपन बोरो म उस पररष क लिलय भN ल जाओ जस थोड़ा सा बलसान और थोड़ा सा मध और कछ सगनध दरवय और गनधरस फिपfत और बादाम

12 फिर अपन अपन साथ दना रपया ल जाओ और जो रपया तमहार बोरो क मह पर रकर र दिदया गया था उसको भी लत जाओ कदालिचत यह भल स हआ हो 13 और अपन भाई को भी सग ल कर उस पररष क पास फिर जाओ 14 और सवशलिकतमान ईशवर उस पररष को तम पर दयाल करगा जिजस स फिक वह तमहार दसर भाई को और

फिबनयामीन को भी आन द और यदिद म फिनवश हआ तो होन दो 15 तब उन मनषयो न वह भN और दना रपया और फिबनयामीन को भी सग लिलया और चल दिदए और मिमसर म पहचकर यस क सामहन ड़ हए

16 उनक साथ फिबनयामीन को दकर यस न अपन घर क अमिधकारी स कहा उन मनषयो को घर म पहचादो और पश मारक भोजन तयार करो $योफिक व लोग दोपहर को मर सग भोजन करग 17 तब वह अमिधकारी पररष यस क कहन क अनसार उन पररषो को यस क घर म ल गया 18 जब व यस क घर को पहचाए गए तब व आपस म डर कर कहन लग फिक जो रपया पफिहली बार हमार

बोरो म र दिदया गया था उसी क कारण हम भीतर पहचाए गए ह जिजस स फिक वह पररष हम पर NN पड़ और हम वश म करक अपन दास बनाए और हमार गदहो को भी छीन ल

19 तब व यस क घर क अमिधकारी क फिनकN जा कर घर क दवार पर इस परकार कहन लग 20 फिक ह हमार परभ जब हम पफिहली बार अनन मोल लन को आए थ 21 तब हम न सराय म पहचकर अपन बोरो को ोला तो $या दा फिक एक एक जन का परा परा रपया

उसक बोर क मह म रा ह इसलिलय हम उसको अपन साथ फिर लत आए ह 22 और दसरा रपया भी भोजनवfत मोल लन क लिलय लाए ह हम नही जानत फिक हमारा रपया हमार बोरो म फिकस न र दिदया था

23 उसन कहा तमहारा कशल हो मत डरो तमहारा परमशवर जो तमहार फिपता का भी परमशवर ह उसी न तम को तमहार बोरो म धन दिदया होगा तमहारा रपया तो मझ को मिमल गया था फिर उसन लिशमोन को फिनकाल कर

उनक सग कर दिदया 24 तब उस जन न उन मनषयो को यस क घर म ल जा कर जल दिदया तब उनहोन अपन पावो को धोया

फिर उसन उनक गदहो क लिलय चारा दिदया 25 तब यह सनकर फिक आज हम को यही भोजन करना होगा उनहोन यस क आन क समय तक अथात

दोपहर तक उस भN को इकटठा कर रा 26 जब यस घर आया तब व उस भN को जो उनक हाथ म थी उसक समम घर म ल गए और भमिम पर

फिगरकर उसको दणडवत फिकया 27 उसन उनका कशल पछा और कहा $या तमहारा बढ़ा फिपता जिजसकी तम न चचा की थी कशल स ह

$या वह अब तक जीफिवत ह 28 उनहोन कहा हा तरा दास हमारा फिपता कशल स ह और अब तक जीफिवत ह तब उनहोन लिसर झका कर

फिर दणडवत फिकया 29 तब उसन आ उठा कर और अपन सग भाई फिबनयामीन को दकर पछा $या तमहारा वह छोNा भाई

जिजसकी चचा तम न मझ स की थी यही ह फिर उसन कहा ह मर पतर परमशवर तझ पर अनगरह कर 30 तब अपन भाई क fनह स मन भर आन क कारण और यह सोचकर फिक म कहा जा कर रोऊ यस

त स अपनी कोठरी म गया और वहा रो पड़ा 31 फिर अपना मह धोकर फिनकल आया और अपन को शात कर कहा भोजन परोसो 32 तब उनहोन उसक लिलय तो अलग और भाइयो क लिलय भी अलग और जो मिमसरी उसक सग ात थ

उनक लिलय भी अलग भोजन परोसा इसलिलय फिक मिमसरी इफिबरयो क साथ भोजन नही कर सकत वरन मिमसरी ऐसा करना घणा समझत थ

33 सो यस क भाई उसक सामहन बड़ बड़ पफिहल और छोN छोN पीछ अपनी अपनी अवसथा क अनसार करम स बठाए गए यह द व फिवसमिfमत हो कर एक दसर की ओर दन लग

34 तब यस अपन सामहन स भोजन- वfतए उठा उठाक उनक पास भजन लगा और फिबनयामीन को अपन भाइयो स पचगणी अमिधक भोजनवfत मिमली और उनहोन उसक सग मनमाना ाया फिपया

अधयाय४४

01 तब उसन अपन घर क अमिधकारी को आजञा दी फिक इन मनषयो क बोरो म जिजतनी भोजनवfत समा सक उतनी भर द और एक एक जन क रपय को उसक बोर क मह पर र द

02 और मरा चादी का कNोरा छोN क बोर क मह पर उसक अनन क रपय क साथ र द यस की इस आजञा क अनसार उसन फिकया

03 फिबहान को भोर होत ही व मनषय अपन गदहो समत फिवदा फिकए गए 04 व नगर स फिनकल ही थ और दर न जान पाए थ फिक यस न अपन घर क अमिधकारी स कहा उन

मनषयो का पीछा कर और उन को पाकर उन स कह फिक तम न भलाई की सनती बराई $यो की ह 05 $या यह वह वfत नही जिजस म मरा fवामी पीता ह और जिजस स वह शकन भी फिवचारा करता ह तम न

यह जो फिकया ह सो बरा फिकया 06 तब उसन उनह जा लिलया और ऐसी ही बात उन स कही 07 उनहोन उसस कहा ह हमार परभ त ऐसी बात $यो कहता ह ऐसा काम करना तर दासो स दर रह 08 द जो रपया हमार बोरोक मह पर फिनकला था जब हम न उसको कनान दश स ल आकर तझ रदिदया तब भला तर fवामी क घर म स हम कोई चादी वा सोन की वfत $योकर चरा सकत ह 09 तर दासो म स जिजस फिकसी क पास वह फिनकल वह मार डाला जाए और हम भी अपन उस परभ क दास

जो जाए 10 उसन कहा तमहारा ही कहना सही जिजसक पास वह फिनकल सो मरा दास होगा और तम लोग फिनरपराधठहरोग 11 इस पर व त स अपन अपन बोर को उतार भमिम पर रकर उनह ोलन लग 12 तब वह ढढ़न लगा और बड़ क बोर स लकर छोN क बोर तक ोज की और कNोरा फिबनयामीन क बोर म मिमला 13 तब उनहोन अपन अपन वfतर ाड़ और अपना अपना गदहा लादकर नगर को लौN गए 14 जब यहदा और उसक भाई यस क घर पर पहच और यस वही था तब व उसक सामहन भमिम परफिगर 15 यस न उन स कहा तम लोगो न यह कसा काम फिकया ह $या तम न जानत थ फिक मझ सा मनषय

शकन फिवचार सकता ह 16 यहदा न कहा हम लोग अपन परभ स $या कह हम $या कहकर अपन को फिनदरषी ठहराए परमशवर न

तर दासो क अधम को पकड़ लिलया ह हम और जिजसक पास कNोरा फिनकला वह भी हम सब क सब अपन परभ क दास ही ह

17 उसन कहा ऐसा करना मझ स दर रह जिजस जन क पास कNोरा फिनकला ह वही मरा दास होगा और तम लोग अपन फिपता क पास कशल कषम स चल जाओ

18 तब यहदा उसक पास जा कर कहन लगा ह मर परभ तर दास को अपन परभ स एक बात कहन की आजञा हो और तरा कोप तर दास पर न भड़क त तो फिरौन क तलय ह 19 मर परभ न अपन दासो स पछा था फिक $या तमहार फिपता वा भाई ह 20 और हम न अपन परभ स कहा हा हमारा बढ़ा फिपता तो ह और उसक बढ़ाप का एक छोNा सा बालक भी ह परनत उसका भाई मर गया ह इसलिलय वह अब अपनी माता का अकला ही रह गया ह और उसका फिपता

उसस fनह रता ह 21 तब त न अपन दासो स कहा था फिक उसको मर पास ल आओ जिजस स म उसको द 22 तब हम न अपन परभ स कहा था फिक वह लड़का अपन फिपता को नही छोड़ सकता नही तो उसका फिपता

मर जाएगा 23 और त न अपन दासो स कहा यदिद तमहारा छोNा भाई तमहार सग न आए तो तम मर समम फिर न आन पाओग 24 सो जब हम अपन फिपता तर दास क पास गए तब हम न उसस अपन परभ की बात कही 25 तब हमार फिपता न कहा फिर जा कर हमार लिलय थोड़ी सी भोजनवfत मोल ल आओ 26 हम न कहा हम नही जा सकत हा यदिद हमारा छोNा भाई हमार सग रह तब हम जाएग $योफिक यदिद

हमारा छोNा भाई हमार सग न रह तो उस पररष क समम न जान पाएग 27 तब तर दास मर फिपता न हम स कहा तम तो जानत हो फिक मरी fतरी स दो पतर उतपनन हए 28 और उन म स एक तो मझ छोड़ ही गया और म न फिनशचय कर लिलया फिक वह ाड़ डाला गया होगा और

तब स म उसका मह न द पाया 29 सो यदिद तम इस को भी मरी आ की आड़ म ल जाओ और कोई फिवपतति इस पर पड़ तो तमहार कारण म इस प$क बाल की अवसथा म द क साथ अधोलोक म उतर जाऊगा

30 सो जब म अपन फिपता तर दास क पास पहच और यह लड़का सग न रह तब उसका पराण जो इसी पर अNका रहता ह

31 इस कारण यह दक फिक लड़का नही ह वह तरनत ही मर जाएगा तब तर दासो क कारण तरा दास हमारा फिपता जो प$क बालो की अवसथा का ह शोक क साथ अधोलोक म उतर जाएगा

32 फिर तरा दास अपन फिपता क यहा यह कहक इस लड़क का जामिमन हआ ह फिक यदिद म इस को तर पास न पहचा द तब तो म सदा क लिलय तरा अपराधी ठहरगा

33 सो अब तरा दास इस लड़क की सनती अपन परभ का दास हो कर रहन की आजञा पाए और यह लड़का अपन भाइयो क सग जान दिदया जाए

34 $योफिक लड़क क फिबना सग रह म $योकर अपन फिपता क पास जा सकगा ऐसा न हो फिक मर फिपता पर जोद पड़गा वह मझ दना पड़

अधयाय४५

01 तब यस उन सब क सामहन जो उसक आस पास ड़ थ अपन को और रोक न सका और पकार ककहा मर आस पास स सब लोगो को बाहर कर दो भाइयो क सामहन अपन को परगN करन क समय यस क

सग और कोई न रहा 02 तब वह लिचलला लिचललाकर रोन लगा और मिमततिसरयो न सना और फिरौन क घर क लोगो को भी इसका

समाचार मिमला 03 तब यस अपन भाइयो स कहन लगा म यस ह $या मरा फिपता अब तब जीफिवत ह इसका उर

उसक भाई न द सक $योफिक व उसक सामहन घबरा गए थ

04 फिर यस न अपन भाइयो स कहा मर फिनकN आओ यह सनकर व फिनकN गए फिर उसन कहा म तमहारा भाई यस ह जिजस को तम न मिमसर आनहारो क हाथ बच डाला था

05 अब तम लोग मत पछताओ और तम न जो मझ यहा बच डाला इस स उदास मत हो $योफिक परमशवर न तमहार पराणो को बचान क लिलय मझ आग स भज दिदया ह

06 $योफिक अब दो वरष स इस दश म अकाल ह और अब पाच वरष और ऐस ही होग फिक उन म न तो हल चलगा और न अनन काNा जाएगा

07 सो परमशवर न मझ तमहार आग इसी लिलय भजा फिक तम पथवी पर जीफिवत रहो और तमहार पराणो क बचन स तमहारा वश बढ़

08 इस रीफित अब मझ को यहा पर भजन वाल तम नही परमशवर ही ठहरा और उसी न मझ फिरौन का फिपतासा और उसक सार घर का fवामी और सार मिमसर दश का परभ ठहरा दिदया ह 09 सो शीघर मर फिपता क पास जा कर कहो तरा पतर यस इस परकार कहता ह फिक परमशवर न मझ सार

मिमसर का fवामी ठहराया ह इसलिलय त मर पास फिबना फिवलमब फिकए चला आ 10 और तरा फिनवास गोशन दश म होगा और त बN पोतो भड़-बकरिरयो गाय-बलो और अपन सब कछ

समत मर फिनकN रहगा 11 और अकाल क जो पाच वरष और होग उन म म वही तरा पालन पोरषण करगा ऐसा न हो फिक त और

तरा घराना वरन जिजतन तर ह सो भो मर 12 और तम अपनी आो स दत हो और मरा भाई फिबनयामीन भी अपनी आो स दता ह फिक जो हम

स बात कर रहा ह सो यस ह 13 और तम मर सब वभव का जो मिमसर म ह और जो कछ तम न दा ह उस सब को मर फिपता स वणनकरना और तरनत मर फिपता को यहा ल आना 14 और वह अपन भाई फिबनयामीन क गल स लिलपN कर रोया और फिबनयामीन भी उसक गल स लिलपN कररोया 15 तब वह अपन सब भाइयो को चम कर उन स मिमल कर रोया और इसक पशचात उसक भाई उसस बात

करन लग 16 इस बात की चचा फिक यस क भाई आए ह फिरौन क भवन तब पहच गई और इस स फिरौन और

उसक कमचारी परसनन हए 17 सो फिरौन न यस स कहा अपन भाइयो स कह फिक एक काम करो अपन पशओ को लादकर कनान

दश म चल जाओ 18 और अपन फिपता और अपन अपन घर क लोगो को ल कर मर पास आओ और मिमसर दश म जो कछ

अचछ स अचछा ह वह म तमह दगा और तमह दश क उम स उम पदाथ ान को मिमलग 19 और तझ आजञा मिमली ह तम एक काम करो फिक मिमसर दश स अपन बालबचचो और मबिfतरयो क लिलय

गाफिडया ल जाओ और अपन फिपता को ल आओ 20 और अपनी सामगरी का मोह न करना $योफिक सार मिमसर दश म जो कछ अचछ स अचछा ह सो तमहारा ह 21 और इसराएल क पतरो न वसा ही फिकया और यस न फिरौन की मान क उनह गाफिडया दी और माग क

लिलय सीधा भी दिदया 22 उन म स एक एक जन को तो उसन एक एक जोड़ा वfतर भी दिदया और फिबनयामीन को तीन सौ रप क

Nकड़ और पाच जोड़ वfतर दिदए 23 और अपन फिपता क पास उसन जो भजा वह यह ह अथात मिमसर की अचछी वfतओ स लद हए दस गदह

और अनन और रोNी और उसक फिपता क माग क लिलय भोजनवfत स लदी हई दस गदफिहया 24 और उसन अपन भाइयो को फिवदा फिकया और व चल दिदए और उसन उन स कहा माग म कही झगड़ा नकरना 25 मिमसर स चलकर व कनान दश म अपन फिपता याकब क पास पहच 26 और उसस यह वणन फिकया फिक यस अब तक जीफिवत ह और सार मिमसर दश पर परभता वही करता ह

पर उसन उनकी परतीफित न की और वह अपन आप म न रहा 27 तब उनहोन अपन फिपता याकब स यस की सारी बात जो उसन उन स कही थी कह दी जब उसन उन

गाफिडय़ो को दा जो यस न उसक ल आन क लिलय भजी थी तब उसका लिच तततिसथर हो गया

28 और इसराएल न कहा बस मरा पतर यस अब तक जीफिवत ह म अपनी मतय स पफिहल जा कर उसकोदगा

अधयाय४६

01 तब इसराएल अपना सब कछ ल कर कच करक बशबा को गया और वहा अपन फिपता इसहाक क परमशवर को बलिलदान चढ़ाए

02 तब परमशवर न इसराएल स रात को दशन म कहा ह याकब ह याकब उसन कहा $या आजञा 03 उसन कहा म ईशवर तर फिपता का परमशवर ह त मिमसर म जान स मत डर $योफिक म तझ स वहा एक बड़ी

जाफित बनाऊगा 04 म तर सग सग मिमसर को चलता ह और म तझ वहा स फिर फिनशचय ल आऊगा और यस अपना हाथ

तरी आो पर लगाएगा 05 तब याकब बशबा स चला और इसराएल क पतर अपन फिपता याकब और अपन बाल-बचचो और मबिfतरयो

को उन गाफिडय़ो पर जो फिरौन न उनक ल आन को भजी थी चढ़ाकर चल पड़ 06 और व अपनी भड़-बकरी गाय-बल और कनान दश म अपन इकटठा फिकए हए सार धन को ल कर मिमसर म आए 07 और याकब अपन बN-बदिNयो पोत-पोफितयो फिनदान अपन वश भर को अपन सग मिमसर म ल आया 08 याकब क साथ जो इसराएली अथात उसक बN पोत आदिद मिमसर म आए उनक नाम य ह याकब का

जठा तो रबन था 09 और रबन क पतर हनोक पलल हसरोन और कमम थ 10 और लिशमोन क पतर यमएल यामीन ओहद याकीन सोहर और एक कनानी fतरी स जनमा हआ शाऊल

भी था 11 और लवी क पतर गशन कहात और मरारी थ 12 और यहदा क एर ओनान शला परस और जरह नाम पतर हए तो थ पर एर और ओनान कनान दश म

मर गए थ और परस क पतर हfतरोन और हामल थ 13 और इfसाकार क पतर तोला पबबा योब और लिशमरोन थ 14 और जबलन क पतर सरद एलोन और यहलल थ 15 लिलआ क पतर जो याकब स पददनराम म उतपनन हए थ उनक बN पोत य ही थ और इन स अमिधक उसन

उसक साथ एक बNी दीना को भी जनम दिदया यहा तक तो याकब क सब वश वाल ततीस पराणी हए 16 फिर गाद क पतर लिसययोन हागगी शनी एसबोन एरी अरोदी और अरली थ 17 और आशर क पतर मियमना मियशवा मियfतरी और बरीआ थ और उनकी बफिहन सरह थी और बरीआ कपतर हबर और मलकीएल थ 18 जिजलपा जिजस लाबान न अपनी बNी लिलआ को दिदया था उसक बN पोत आदिद य ही थ सो उसक दवारा

याकब क सोलह पराणी उतपनन हए 19 फिर याकब की पतनी राहल क पतर यस और फिबनयामीन थ 20 और मिमसर दश म ओन क याजक पोतीपरा की बNी आसनत स यस क य पतर उतपनन हए अथात मनशश

और एपरम 21 और फिबनयामीन क पतर बला बकर अशबल गरा नामान एही रोश मपपीम हपपीम और आद थ 22 राहल क पतर जो याकब स उतपनन हए उनक य ही पतर थ उसक य सब बN पोत चौदह पराणी हए 23 फिर दान का पतर हशीम था 24 और नपताली क पतर यहसल गनी ससर और लिशललम थ 25 फिबलहा जिजस लाबान न अपनी बNी राहल को दिदया उस क बN पोत य ही ह उसक दवारा याकब क वश म

सात पराणी हए 26 याकब क फिनज वश क जो पराणी मिमसर म आए व उसकी बहओ को छोड़ सब मिमलकर लिछयासठ पराणी

हए 27 और यस क पतर जो मिमसर म उसस उतपनन हए व दो पराणी थ इस परकार याकब क घरान क जो पराणी

मिमसर म आए सो सब मिमलकर सर हए 28 फिर उसन यहदा को अपन आग यस क पास भज दिदया फिक वह उसको गोशन का माग दिदाए और व

गोशन दश म आए 29 तब यस अपना रथ जतवाकर अपन फिपता इसराएल स भN करन क लिलय गोशन दश को गया और उसस

भN करक उसक गल स लिलपNा और कछ दर तक उसक गल स लिलपNा हआ रोता रहा 30 तब इसराएल न यस स कहा म अब मरन स भी परसनन ह $योफिक तझ जीफिवत पाया और तरा मह दलिलया 31 तब यस न अपन भाइयो स और अपन फिपता क घरान स कहा म जा कर फिरौन को यह समाचार दगा

फिक मर भाई और मर फिपता क सार घरान क लोग जो कनान दश म रहत थ व मर पास आ गए ह 32 और व लोग चरवाह ह $योफिक व पशओ को पालत आए ह इसलिलय व अपनी भड़-बकरी गाय-बल और

जो कछ उनका ह सब ल आए ह 33 जब फिरौन तम को बलाक पछ फिक तमहारा उदयम $या ह 34 तब यह कहना फिक तर दास लड़कपन स ल कर आज तक पशओ को पालत आए ह वरन हमार परा भी

ऐसा ही करत थ इस स तम गोशन दश म रहन पाओग $योफिक सब चरवाहो स मिमसरी लोग घणा करत ह

अधयाय४७

01 तब यस न फिरौन क पास जा कर यह समाचार दिदया फिक मरा फिपता और मर भाई और उनकी भड़-बकरिरया गाय- बल और जो कछ उनका ह सब कनान दश स आ गया ह और अभी तो व गोशन दश म ह 02 फिर उसन अपन भाइयो म स पाच जन ल कर फिरौन क सामहन ड़ कर दिदए 03 फिरौन न उसक भाइयो स पछा तमहारा उदयम $या ह उनहोन फिरौन स कहा तर दास चरवाह ह और

हमार परा भी ऐस ही रह 04 फिर उनहोन फिरौन स कहा हम इस दश म परदशी की भाफित रहन क लिलय आए ह $योफिक कनान दश म

भारी अकाल होन क कारण तर दासो को भड़- बकरिरयो क लिलय चारा न रहा सो अपन दासो को गोशन दश म रहन की आजञा द

05 तब फिरौन न यस स कहा तरा फिपता और तर भाई तर पास आ गए ह 06 और मिमसर दश तर सामहन पड़ा ह इस दश का जो सब स अचछा भाग हो उस म अपन फिपता और भाइयो

को बसा द अथात व गोशन ही दश म रह और यदिद त जानता हो फिक उन म स परिरशरमी पररष ह तो उनह मर पशओ क अमिधकारी ठहरा द

07 तब यस न अपन फिपता याकब को ल आकर फिरौन क समम ड़ा फिकया और याकब न फिरौन को आशीवाद दिदया

08 तब फिरौन न याकब स पछा तरी अवसथा फिकतन दिदन की हई ह 09 याकब न फिरौन स कहा म तो एक सौ तीस वरष परदशी हो कर अपना जीवन बीता चका ह मर जीवन

क दिदन थोड़ और द स भर हए भी थ और मर बापदाद परदशी हो कर जिजतन दिदन तक जीफिवत रह उतन दिदन का म अभी नही हआ

10 और याकब फिरौन को आशीवाद दकर उसक समम स चला गया 11 तब यस न अपन फिपता और भाइयो को बसा दिदया और फिरौन की आजञा क अनसार मिमसर दश क अचछ

स अचछ भाग म अथात रामसस नाम दश म भमिम दकर उन को सौप दिदया 12 और यस अपन फिपता का और अपन भाइयो का और फिपता क सार घरान का एक एक क बालबचचो

क घरान की फिगनती क अनसार भोजन दिदला दिदलाकर उनका पालन पोरषण करन लगा

13 और उस सार दश म ान को कछ न रहा $योफिक अकाल बहत भारी था और अकाल क कारण मिमसर और कनान दोनो दश नाश हो गए

14 और जिजतना रपया मिमसर और कनान दश म था सब को यस न उस अनन की सनती जो उनक फिनवासी मोल लत थ इकटठा करक फिरौन क भवन म पहचा दिदया

15 जब मिमसर और कनान दश का रपया चक गया तब सब मिमसरी यस क पास आ आकर कहन लग हम को भोजनवfत द $या हम रपय क न रहन स तर रहत हए मर जाए

16 यस न कहा यदिद रपय न हो तो अपन पश द दो और म उनकी सनती तमह ान को दगा 17 तब व अपन पश यस क पास ल आए और यस उन को घोड़ो भड़-बकरिरयो गाय- बलो और गदहो

की सनती ान को दन लगा उस वरष म वह सब जाफित क पशओ की सनती भोजन दकर उनका पालन पोरषण करता रहा

18 वह वरष तो यो कN गया तब अगल वरष म उनहोन उसक पास आकर कहा हम अपन परभ स यह बात लिछपा न रग फिक हमारा रपया चक गया ह और हमार सब परकार क पश हमार परभ क पास आ चक ह

इसलिलय अब हमार परभ क सामहन हमार शरीर और भमिम छोड़कर और कछ नही रहा 19 हम तर दत $यो मर और हमारी भमिम $यो उजड़ जाए हमको और हमारी भमिम को भोजन वfत की

सनती मोल ल फिक हम अपनी भमिम समत फिरौन क दास हो और हम को बीज द फिक हम मरन न पाए वरन जीफिवत रह और भमिम न उजड़

20 तब यस न मिमसर की सारी भमिम को फिरौन क लिलय मोल लिलया $योफिक उस कदिठन अकाल क पड़न स मिमततिसरयो को अपना अपना त बच डालना पड़ा इस परकार सारी भमिम फिरौन की हो गई

21 और एक छोर स ल कर दसर छोर तक सार मिमसर दश म जो परजा रहती थी उसको उसन नगरो म लाकर बसा दिदया

22 पर याजको की भमिम तो उसन न मोल ली $योफिक याजको क लिलय फिरौन की ओर स फिनतय भोजन का बनदोबfत था और फिनतय जो भोजन फिरौन उन को दता था वही व ात थ इस कारण उन को अपनी भमिम

बचनी न पड़ी 23 तब यस न परजा क लोगो स कहा सनो म न आज क दिदन तम को और तमहारी भमिम को भी फिरौन क

लिलय मोल लिलया ह दो तमहार लिलय यहा बीज ह इस भमिम म बोओ 24 और जो कछ उपज उसका पचमाश फिरौन को दना बाकी चार अश तमहार रहग फिक तम उस अपन तो म बोओ और अपन अपन बालबचचो और घर क और लोगो समत ाया करो

25 उनहोन कहा त न हम को बचा लिलया ह हमार परभ क अनगरह की दमिषट हम पर बनी रह और हम फिरौन क दास हो कर रहग

26 सो यस न मिमसर की भमिम क फिवरषय म ऐसा फिनयम ठहराया जो आज क दिदन तक चला आता ह फिक पचमाश फिरौन को मिमला कर कवल याजको ही की भमिम फिरौन की नही हई

27 और इसराएली मिमसर क गोशन दश म रहन लग और वहा की भमिम को अपन वश म कर लिलया और ल-ल और अतयनत बढ़ गए 28 मिमसर दश म याकब सतरह वरष जीफिवत रहा इस परकार याकब की सारी आय एक सौ सतालीस वरष कीहई 29 जब इसराएल क मरन का दिदन फिनकN आ गया तब उसन अपन पतर यस को बलवाकर कहा यदिद तरा

अनगरह मझ पर हो तो अपना हाथ मरी जाघ क तल रकर शपथ ा फिक म तर साथ कपा और सचचाई का यह काम करगा फिक तझ मिमसर म मिमटटी न दगा

30 जब त अपन बापदादो क सग सो जाएगा तब म तझ मिमसर स उठा ल जा कर उनही क कबरिरfतान मरगा तब यस न कहा म तर वचन क अनसार करगा 31 फिर उसन कहा मझ स शपथ ा सो उसन उसस शपथ ाई तब इसराएल न ाN क लिसरहान की ओर

लिसर झकाया

अधयाय४८

01 इन बातो क पशचात फिकसी न यस स कहा सन तरा फिपता बीमार ह तब वह मनशश और एपरम नाम अपन दोनो पतरो को सग ल कर उसक पास चला

02 और फिकसी न याकब को बता दिदया फिक तरा पतर यस तर पास आ रहा ह तब इसराएल अपन को समभाल कर ाN पर बठ गया

03 और याकब न यस स कहा सवशलिकतमान ईशवर न कनान दश क लज नगर क पास मझ दशन दकर आशीरष दी

04 और कहा सन म तझ ला- लाकर बढ़ाऊगा और तझ राजय राजय की मणडली का मल बनाऊगा और तर पशचात तर वश को यह दश द दगा जिजस स फिक वह सदा तक उनकी फिनज भमिम बनी रह

05 और अब तर दोनो पतर जो मिमसर म मर आन स पफिहल उतपनन हए ह व मर ही ठहरग अथात जिजस रीफित स रबन और लिशमोन मर ह उसी रीफित स एपरम और मनशश भी मर ठहरग

06 और उनक पशचात जो सनतान उतपनन हो वह तर तो ठहरग परनत बNवार क समय व अपन भाइयो ही क वश म फिगन जाएग

07 जब म पददान स आता था तब एपराता पहचन स थोड़ी ही दर पफिहल राहल कनान दश म माग म मर सामहन मर गई और म न उस वही अथात एपराता जो बतलहम भी कहलाता ह उसी क माग म मिमटटी दी

08 तब इसराएल को यस क पतर द पड़ और उसन पछा य कौन ह 09 यस न अपन फिपता स कहा य मर पतर ह जो परमशवर न मझ यहा दिदए ह उसन कहा उन को मर पास

ल आ फिक म उनह आशीवाद द 10 इसराएल की आ बढ़ाप क कारण धनधली हो गई थी यहा तक फिक उस कम सझता था तब यस उनह

उनक पास ल गया और उसन उनह चमकर गल लगा लिलया 11 तब इसराएल न यस स कहा मझ आशा न थी फिक म तरा म फिर दन पाऊगा परनत द परमशवर न मझ तरा वश भी दिदाया ह

12 तब यस न उनह अपन घNनो क बीच स हNाकर और अपन मह क बल भमिम पर फिगर क दणडवत की 13 तब यस न उन दोनो को लकर अथात एपरम को अपन दाफिहन हाथ स फिक वह इसराएल क बाए हाथपड़ और मनशश को अपन बाए हाथ स फिक इसराएल क दाफिहन हाथ पड़ उनह उसक पास ल गया 14 तब इसराएल न अपना दफिहना हाथ बढ़ाकर एपरम क लिसर पर जो छोNा था और अपना बाया हाथ बढ़ाकर

मनशश क लिसर पर र दिदया उसन तो जान बझकर ऐसा फिकया नही तो जठा मनशश ही था 15 फिर उसन यस को आशीवाद दकर कहा परमशवर जिजसक समम मर बापदाद इबराहीम और इसहाक( अपन को जानकर ) चलत थ वही परमशवर मर जनम स ल कर आज क दिदन तक मरा चरवाहा बना ह 16 और वही दत मझ सारी बराई स छड़ाता आया ह वही अब इन लड़को को आशीरष द और य मर और मर

बापदाद इबराहीम और इसहाक क कहलाए और पथवी म बहतायत स बढ़ 17 जब यस न दा फिक मर फिपता न अपना दफिहना हाथ एपरम क लिसर पर रा ह तब यह बात उसको बरीलगी सो उसन अपन फिपता का हाथ इस मनसा स पकड़ लिलया फिक एपरम क लिसर पर स उठा कर मनशश क लिसर

पर र द 18 और यस न अपन फिपता स कहा ह फिपता ऐसा नही $योफिक जठा यही ह अपना दफिहना हाथ इसक लिसर

पर र 19 उसक फिपता न कहा नही सन ह मर पतर म इस बात को भली भाफित जानता ह यदयफिप इस स भी मनषयो

की एक मणडली उतपनन होगी और यह भी महान हो जाएगा तौभी इसका छोNा भाई इस स अमिधक महान होजाएगा और उसक वश स बहत सी जाफितया फिनकलगी 20 फिर उसन उसी दिदन यह कहकर उन को आशीवाद दिदया फिक इसराएली लोग तरा नाम ल ल कर ऐसा

आशीवाद दिदया करग फिक परमशवर तझ एपरम और मनशश क समान बना द और उसन मनशश स पफिहल एपरम का नाम लिलया

21 तब इसराएल न यस स कहा द म तो मरन पर ह परनत परमशवर तम लोगो क सग रहगा और तम को तमहार फिपतरो क दश म फिर पहचा दगा

22 और म तझ को तर भाइयो स अमिधक भमिम का एक भाग दता ह जिजस को म न एमोरिरयो क हाथ स अपनी तलवार और धनरष क बल स ल लिलया ह

अधयाय४९

01 फिर याकब न अपन पतरो को यह कहकर बलाया फिक इकटठ हो जाओ म तम को बताऊगा फिक अनत क दिदनो म तम पर $या $या बीतगा

02 ह याकब क पतरो इकटठ हो कर सनो अपन फिपता इसराएल की ओर कान लगाओ 03 ह रबन त मरा जठा मरा बल और मर पौररष का पफिहला ल ह परफितषठा का उम भाग और शलिकत

का भी उम भाग त ही ह 04 त जो जल की नाई उबलन वाला ह इसलिलय औरो स शरषट न ठहरगा $योफिक त अपन फिपता की ाN परचढ़ा तब त न उसको अशy फिकया वह मर फिबछौन पर चढ़ गया 05 लिशमोन और लवी तो भाई भाई ह उनकी तलवार उपदरव क हलिथयार ह 06 ह मर जीव उनक मम म न पड़ ह मरी मफिहमा उनकी सभा म मत मिमल $योफिक उनहोन कोप स मनषयो

को घात फिकया और अपनी ही इचछा पर चलकर बलो की पछ काNी ह 07 मिध$कार उनक कोप को जो परचणड था और उनक रोरष को जो फिनदय था म उनह याकब म अलग अलग

और इसराएल म फितर फिबर कर दगा 08 ह यहदा तर भाई तरा धनयवाद करग तरा हाथ तर शतरओ की गदन पर पड़गा तर फिपता क पतर तझ

दणडवत करग 09 यहदा सिसह का डावर ह ह मर पतर त अहर करक गा म गया ह वह सिसह वा सिसहनी की नाई दबकर

बठ गया फिर कौन उसको छड़गा 10 जब तक शीलो न आए तब तक न तो यहदा स राजदणड छNगा न उसक वश स वयवसथा दनवाला अलगहोगा और राजय राजय क लोग उसक आधीन हो जाएग 11 वह अपन जवान गदह को दालता म और अपनी गदही क बचच को उम जाफित की दालता म बानधा

करगा उसन अपन वfतर दामध म और अपना पफिहरावा दाो क रस म धोया ह 12 उसकी आ दामध स चमकीली और उसक दात दध स शवत होग 13 जबलन समदर क तीर पर फिनवास करगा वह जहाजो क लिलय बनदरगाह का काम दगा और उसका परला

भाग सीदोन क फिनकN पहचगा 14 इfसाकार एक बड़ा और बलवनत गदहा ह जो पशओ क बाड़ो क बीच म दबका रहता ह 15 उसन एक फिवशरामसथान दकर फिक अचछा ह और एक दश फिक मनोहर ह अपन कनध को बोझ उठान

क लिलय झकाया और बगारी म दास का सा काम करन लगा 16 दान इसराएल का एक गोतर हो कर अपन जाफितभाइयो का नयाय करगा 17 दान माग म का एक साप और राfत म का एक नाग होगा जो घोड़ की नली को डसता ह जिजस स

उसका सवार पछाड़ ाकर फिगर पड़ता ह 18 ह यहोवा म तझी स उyार पान की बाN जोहता आया ह 19 गाद पर एक दल चढ़ाई तो करगा पर वह उसी दल क फिपछल भाग पर छापा मारगा 20 आशर स जो अनन उतपनन होगा वह उम होगा और वह राजा क योगय fवादिदषट भोजन दिदया करगा 21 नपताली एक छNी हई हरिरणी ह वह सनदर बात बोलता ह 22 यस बलवनत लता की एक शाा ह वह सोत क पास लगी हई लवनत लता की एक शाा ह उसकी

डालिलया भीत पर स चढ़कर ल जाती ह 23 धनधारिरयो न उसको दिदत फिकया और उस पर तीर मार और उसक पीछ पड़ ह 24 पर उसका धनरष दढ़ रहा और उसकी बाह और हाथ याकब क उसी शलिकतमान ईशवर क हाथो क दवारा

तल हए जिजसक पास स वह चरवाहा आएगा जो इसराएल का पतथर भी ठहरगा 25 यह तर फिपता क उस ईशवर का काम ह जो तरी सहायता करगा उस सवशलिकतमान को जो तझ ऊपर स

आकाश म की आशीरष और नीच स गफिहर जल म की आशीरष और fतनो और गभ की आशीरष दगा 26 तर फिपता क आशीवाद मर फिपतरो क आशीवाद स अमिधक बढ़ गए ह और सनातन पहाफिडय़ो की मन- चाही

वfतओ की नाई बन रहग व यस क लिसर पर जो अपन भाइयो म स नयारा हआ उसी क लिसर क मकN पर

ल लग 27 फिबनयामीन ाड़नहारा हणडार ह सवर तो वह अहर भकषण करगा और साझ को लN बाN लगा 28 इसराएल क बारहो गोतर य ही ह और उनक फिपता न जिजस जिजस वचन स उन को आशीवाद दिदया सो य हीह एक एक को उसक आशीवाद क अनसार उसन आशीवाद दिदया 29 तब उसन यह कहकर उन को आजञा दी फिक म अपन लोगो क साथ मिमलन पर ह इसलिलय मझ फिही

एपरोन की भमिमवाली गा म मर बापदादो क साथ मिमटटी दना 30 अथात उसी गा म जो कनान दश म ममर क सामहन वाली मकपला की भमिम म ह उस भमिम को तो

इबराहीम न फिही एपरोन क हाथ स इसी फिनमिम मोल लिलया था फिक वह कबरिरfतान क लिलय उसकी फिनज भमिमहो 31 वहा इबराहीम और उसकी पतनी सारा को मिमटटी दी गई और वही इसहाक और उसकी पतनी रिरबका को भी

मिमटटी दी गई और वही म न लिलआ को भी मिमटटी दी 32 वह भमिम और उस म की गा फिहततियो क हाथ स मोल ली गई 33 यह आजञा जब याकब अपन पतरो को द चका तब अपन पाव ाN पर समN पराण छोड़ और अपन लोगो म जा मिमला

अधयाय५०

01 तब यस अपन फिपता क मह पर फिगरकर रोया और उस चमा 02 और यस न उन वदयो को जो उसक सवक थ आजञा दी फिक मर फिपता की लोथ म सगनधदरवय भरो तब

वदयो न इसराएल की लोथ म सगनधदरवय भर दिदए 03 और उसक चालीस दिदन पर हए $योफिक जिजनकी लोथ म सगनधदरवय भर जात ह उन को इतन ही दिदन पर

लगत ह और मिमसरी लोग उसक लिलय सर दिदन तक फिवलाप करत रह 04 जब उसक फिवलाप क दिदन बीत गए तब यस फिरौन क घरान क लोगो स कहन लगा यदिद तमहारी

अनगरह की दमिषट मझ पर हो तो मरी यह फिबनती फिरौन को सनाओ 05 फिक मर फिपता न यह कहकर फिक द म मरन पर ह मझ यह शपथ खिलाई फिक जो कबर त न अपन लिलय

कनान दश म दवाई ह उसी म म तझ मिमटटी दगा इसलिलय अब मझ वहा जा कर अपन फिपता को मिमटटी दन की आजञा द ततपशचात म लौN आऊगा

06 तब फिरौन न कहा जा कर अपन फिपता की खिलाई हई शपथ क अनसार उन को मिमटटी द 07 सो यस अपन फिपता को मिमटटी दन क लिलय चला और फिरौन क सब कमचारी अथात उसक भवन कपरफिनय और मिमसर दश क सब परफिनय उसक सग चल 08 और यस क घर क सब लोग और उसक भाई और उसक फिपता क घर क सब लोग भी सग गए पर व

अपन बालबचचो और भड़-बकरिरयो और गाय- बलो को गोशन दश म छोड़ गए 09 और उसक सग रथ और सवार गए सो भीड़ बहत भारी हो गई 10 जब व आताद क लिलहान तक जो यरदन नदी क पार ह पहच तब वहा अतयनत भारी फिवलाप फिकया

और यस न अपन फिपता क सात दिदन का फिवलाप कराया 11 आताद क लिलहान म क फिवलाप को दकर उस दश क फिनवासी कनाफिनयो न कहा यह तो मिमततिसरयो का

कोई भारी फिवलाप होगा इसी कारण उस सथान का नाम आबलमिमसरम पड़ा और वह यरदन क पार ह 12 और इसराएल क पतरो न उसस वही काम फिकया जिजसकी उसन उन को आजञा दी थी 13 अथात उनहोन उसको कनान दश म ल जाकर मकपला की उस भमिमवाली गा म जो ममर क सामहन ह

मिमटटी दी जिजस को इबराहीम न फिही एपरोन क हाथ स इस फिनमिम मोल लिलया था फिक वह कबरिरfतान क लिलय उसकी फिनज भमिम हो

14 अपन फिपता को मिमटटी दकर यस अपन भाइयोऔर उन सब समत जो उसक फिपता को मिमटटी दन क लिलय उसक सग गए थ मिमसर म लौN आया

15 जब यस क भाइयो न दा फिक हमारा फिपता मर गया ह तब कहन लग कदालिचत यस अब हमार पीछ

पड़ और जिजतनी बराई हम न उसस की थी सब का परा पलNा हम स ल 16 इसलिलय उनहोन यस क पास यह कहला भजा फिक तर फिपता न मरन स पफिहल हम यह आजञा दी थी 17 फिक तम लोग यस स इस परकार कहना फिक हम फिबनती करत ह फिक त अपन भाइयो क अपराध और

पाप को कषमा कर हम न तझ स बराई तो की थी पर अब अपन फिपता क परमशवर क दासो का अपराध कषमा कर उनकी य बात सनकर यस रो पड़ा

18 और उसक भाई आप भी जाकर उसक सामहन फिगर पड़ और कहा द हम तर दास ह 19 यस न उन स कहा मत डरो $या म परमशवर की जगह पर ह 20 यदयफिप तम लोगो न मर लिलय बराई का फिवचार फिकया था परनत परमशवर न उसी बात म भलाई का फिवचारफिकया जिजस स वह ऐसा कर जसा आज क दिदन परगN ह फिक बहत स लोगो क पराण बच ह 21 सो अब मत डरो म तमहारा और तमहार बाल- बचचो का पालन पोरषण करता रहगा इस परकार उसन उन

को समझा बझाकर शासदिनत दी 22 और यस अपन फिपता क घरान समत मिमसर म रहता रहा और यस एक सौ दस वरष जीफिवत रहा 23 और यस एपरम क परपोतो तक दन पाया और मनशश क पोत जो माकीर क पतर थ व उतपनन हो कर

यस स गोद म लिलए गए 24 और यस न अपन भाइयो स कहा म तो मरन पर ह परनत परमशवर फिनशचय तमहारी समिध लगा और तमह

इस दश स फिनकाल कर उस दश म पहचा दगा जिजसक दन की उसन इबराहीम इसहाक और याकब स शपथ ाई थी

25 फिर यस न इसराएलिलयो स यह कहकर फिक परमशवर फिनशचय तमहारी समिध लगा उन को इस फिवरषय की शपथ खिलाई फिक हम तरी हफियो को वहा स उस दश म ल जाएग

26 फिनदान यस एक सौ दस वरष का हो कर मर गया और उसकी लोथ म सगनधदरवय भर गए और वह लोथ मिमसर म एक सनदक म री गई

Genesis - -उतपतति अधयाय 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 3

1 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50

मपषठ | बह भारषा | सलिचपषठ | ोज

Page 5: WordPress.com · Web viewअध य य.१ 01. आद म परम श वर न आक श और प थ व क स ष ट क । 02. और प थ व ब ड ल और

07 यदि त भला कर तो कया तरी भट गरहण न की जाएगी और यदि त भला न कर तो पाप दवार पर लिछपा रहता ह और उसकी लालसा तरी और होगी और त उस पर परभता करगा

08 तब कन न अपन भाई हाषटिबल स कछ कहा और जब व मान म थ तब कन न अपन भाई हाषटिबल पर चढ कर उस घात षटिकया

09 तब यहोवा न कन स पछा तरा भाई हाषटिबल कहा ह उसन कहा मालम नही कया म अपन भाई का रखवाला ह

10 उसन कहा त न कया षटिकया ह तर भाई का लोह भमिम म स मरी ओर लिचलला कर मरी ोहाई रहा ह

11 इसलिलय अब भमिम जिजसन तर भाई का लोह तर हाथ स पीन क लिलय अपना मह खोला ह उसकी ओर स त शाषटिपत ह

12 चाह त भमिम पर खती कर तौभी उसकी परी उपज षटि6र तझ न मिमलगी और त पथवी पर बहत और भगोडा होगा

13 तब कन न यहोवा स कहा मरा णड सहन स बाहर ह 14 ख त न आज क दिन मझ भमिम पर स षटिनकाला ह और म तरी दषटि की आड म रहगा और

पथवी पर बहत और भगोडा रहगा और जो कोई मझ पाएगा मझ घात करगा 15 इस कारण यहोवा न उसस कहा जो कोई कन को घात करगा उसस सात गणा पलटा लिलया

जाएगा और यहोवा न कन क लिलय एक लिचनह ठहराया ऐसा न हो षटिक कोई उस पाकर मार डाल 16 तब कन यहोवा क सममख स षटिनकल गया और नो नाम श म जो अन क पवW की ओर ह

रहन लगा 17 जब कन अपनी पतनी क पास गया जब वह गभWवती हई और हनोक को जनमी षटि6र कन न एक

नगर बसाया और उस नगर का नाम अपन पतर क नाम पर हनोक रखा 18 और हनोक स ईरा उतपनन हआ और ईरा न महयाएल को जनम दिया और महयाएल न

मतशाएल को और मतशाएल न लमक को जनम दिया 19 और लमक न ो सतरिसतरया बयाह ली जिजन म स एक का नाम आा और दसरी को लिसलला ह 20 और आा न याबाल को जनम दिया वह तमबओ म रहना और जानवरो का पालन इन ोनो

रीषटितयो का उतपाक हआ 21 और उसक भाई का नाम यबाल ह वह वीणा और बासरी आदि बाजो क बजान की सारी रीषटित

का उतपाक हआ 22 और लिसलला न भी तबलकन नाम एक पतर को जनम दिया वह पीतल और लोह क सब ार वाल

हलिथयारो का गढन वाला हआ और तबलकन की बषटिहन नामा थी 23 और लमक न अपनी पतनितनयो स कहा ह आा और ह लिसलला मरी सनो ह लमक की पतनितनयो

मरी बात पर कान लगाओ मन एक पररषो को जो मर चोट लगाता था अथाWत एक जवान को जो मझ घायल करता था घात षटिकया ह

24 जब कन का पलटा सात गणा लिलया जाएगा तो लमक का सcर गणा लिलया जाएगा 25 और आम अपनी पतनी क पास षटि6र गया और उसन एक पतर को जनम दिया और उसका नाम

यह कह क शत रखा षटिक परमशवर न मर लिलय हाषटिबल की सनती जिजस को कन न घात षटिकया एक और वश ठहरा दिया ह

26 और शत क भी एक पतर उतपनन हआ और उसन उसका नाम एनोश रखा उसी समय स लोग यहोवा स पराथWना करन लग

अधयाय५

01 आम की वशावली यह ह जब परमशवर न मनषय की सषटि की तब अपन ही सवरप म उसकोबनाया

02 उसन नर और नारी करक मनषयो की सषटि की और उनह आशीरषो ी और उनकी सषटि क दिन उनका नाम आम रखा

03 जब आम एक सौ तीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा उसकी समानता म उस ही क सवरप क अनसार एक पतर उतपनन हआ उसका नाम शत रखा

04 और शत क जनम क पशचात आम आठ सौ वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट बदिटया उतपनन हई

05 और आम की कल अवसथा नौ सौ तीस वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 06 जब शत एक सौ पाच वरषोW का हआ तब उसन एनोश को जनम दिया 07 और एनोश क जनम क पशचात शत आठ सौ सात वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 08 और शत की कल अवसथा नौ सौ बारह वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 09 जब एनोश नबब वरषोW का हआ तब उसन कनान को जनम दिया 10 और कनान क जनम क पशचात एनोश आठ सौ पनदरह वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया हई 11 और एनोश की कल अवसथा नौ सौ पाच वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 12 जब कनान सcर वरषोW का हआ तब उसन महललल को जनम दिया 13 और महललल क जनम क पशचात कनान आठ सौ चालीस वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 14 और कनान की कल अवसथा नौ सौ स वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 15 जब महललल पसठ वरषोW का हआ तब उसन यर को जनम दिया 16 और यर क जनम क पशचात महललल आठ सौ तीस वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 17 और महललल की कल अवसथा आठ सौ पचानव वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 18 जब यर एक सौ बासठ वरषोW का हआ जब उसन हनोक को जनम दिया 19 और हनोक क जनम क पशचात यर आठ सौ वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट बदिटया

उतपनन हई 20 और यर की कल अवसथा नौ सौ बासठ वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 21 जब हनोक पसठ वरषोW का हआ तब उसन मतशलह को जनम दिया 22 और मतशलह क जनम क पशचात हनोक तीन सौ वरषोW तक परमशवर क साथ साथ चलता रहा

और उसक और भी बट बदिटया उतपनन हई 23 और हनोक की कल अवसथा तीन सौ पसठ वरषोW की हई 24 और हनोक परमशवर क साथ साथ चलता था षटि6र वह लोप हो गया कयोषटिक परमशवर न उस उठालिलया 25 जब मतशलह एक सौ सcासी वरषोW का हआ तब उसन लमक को जनम दिया 26 और लमक क जनम क पशचात मतशलह सात सौ बयासी वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 27 और मतशलह की कल अवसथा नौ सौ उनहcर वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 28 जब लमक एक सौ बयासी वरषोW का हआ तब उसन एक पतर जनम दिया 29 और यह कहकर उसका नाम नह रखा षटिक यहोवा न जो पथवी को शाप दिया ह उसक षटिवरषोय

यह लडका हमार काम म और उस कदिठन परिरशरम म जो हम करत ह हम को शातनिनत गा 30 और नह क जनम क पशचात लमक पाच सौ पचानव वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 31 और लमक की कल अवसथा सात सौ सतहcर वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 32 और नह पाच सौ वरषोW का हआ और नह न शम और हाम और यपत को जनम दिया

अधयाय६

01 षटि6र जब मनषय भमिम क ऊपर बहत बढन लग और उनक बदिटया उतपनन हई 02 तब परमशवर क पतरो न मनषय की पषटितरयो को खा षटिक व सनर ह सो उनहोन जिजस जिजस को

चाहा उन स बयाह कर लिलया 03 और यहोवा न कहा मरा आतमा मनषय स सा लो षटिववा करता न रहगा कयोषटिक मनषय भी

शरीर ही ह उसकी आय एक सौ बीस वरषोW की होगी 04 उन दिनो म पथवी पर ानव रहत थ और इसक पशचात जब परमशवर क पतर मनषय की पषटितरयो क

पास गए तब उनक दवारा जो सनतान उतपनन हए व पतर शरवीर होत थ जिजनकी कीरतित पराचीन काल स परचलिलत ह

05 और यहोवा न खा षटिक मनषयो की बराई पथवी पर बढ गई ह और उनक मन क षटिवचार म जो कछ उतपनन होता ह सो षटिनरनतर बरा ही होता ह

06 और यहोवा पथवी पर मनषय को बनान स पछताया और वह मन म अषटित खदित हआ 07 तब यहोवा न सोचा षटिक म मनषय को जिजसकी म न सषटि की ह पथवी क ऊपर स मिमटा दगा कया मनषय कया पश कया रगन वाल जनत कया आकाश क पकषी सब को मिमटा दगा कयोषटिक म उनक

बनान स पछताता ह 08 परनत यहोवा क अनगरह की दषटि नह पर बनी रही 09 नह की वशावली यह ह नह म पररषो और अपन समय क लोगो म खरा था और नह परमशवर

ही क साथ साथ चलता रहा 10 और नह स शम और हाम और यपत नाम तीन पतर उतपनन हए 11 उस समय पथवी परमशवर की दषटि म षटिबगड गई थी और उपदरव स भर गई थी 12 और परमशवर न पथवी पर जो दषटि की तो कया खा षटिक वह षटिबगडी हई ह कयोषटिक सब पराणिणयो न पथवी पर अपनी अपनी चाल चलन षटिबगाड ली थी

13 तब परमशवर न नह स कहा सब पराणिणयो क अनत करन का परशन मर सामहन आ गया ह कयोषटिक उनक कारण पथवी उपदरव स भर गई ह इसलिलय म उन को पथवी समत नाश कर डालगा

14 इसलिलय त गोपर वकष की लकडी का एक जहाज बना ल उस म कोठरिरया बनाना और भीतर बाहर उस पर राल लगाना

15 और इस ढग स उसको बनाना जहाज की लमबाई तीन सौ हाथ चौडाई पचास हाथ और ऊचाई तीस हाथ की हो

16 जहाज म एक खिखडकी बनाना और इसक एक हाथ ऊपर स उसकी छत बनाना और जहाज की एक अलग म एक दवार रखना और जहाज म पषटिहला दसरा तीसरा खणड बनाना

17 और सन म आप पथवी पर जलपरलय करक सब पराणिणयो को जिजन म जीवन की आतमा ह आकाश क नीच स नाश करन पर ह और सब जो पथवी पर ह मर जाएग

18 परनत तर सग म वाचा बा(ता ह इसलिलय त अपन पतरो सतरी और बहओ समत जहाज म परवश करना 19 और सब जीषटिवत पराणिणयो म स त एक एक जाषटित क ो ो अथाWत एक नर और एक माा

जहाज म ल जा कर अपन साथ जीषटिवत रखना 20 एक एक जाषटित क पकषी और एक एक जाषटित क पश और एक एक जाषटित क भमिम पर रगनवाल सब म स ो ो तर पास आएग षटिक त उन को जीषटिवत रख 21 और भाषटित भाषटित का भोजय पाथW जो खाया जाता ह उन को त ल कर अपन पास इकटठा कर

रखना सो तर और उनक भोजन क लिलय होगा 22 परमशवर की इस आजञा क अनसार नह न षटिकया

अधयाय७

01 और यहोवा न नह स कहा त अपन सार घरान समत जहाज म जा कयोषटिक म न इस समय क लोगो म स कवल तझी को अपनी दषटि म म खा ह

02 सब जाषटित क शq पशओ म स तो त सात सात अथाWत नर और माा लना पर जो पश शq नही ह उन म स ो ो लना अथाWत नर और माा

03 और आकाश क पणिकषयो म स भी सात सात अथाWत नर और माा लना षटिक उनका वश बचकर सारी पथवी क ऊपर बना रह

04 कयोषटिक अब सात दिन और बीतन पर म पथवी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहगा जिजतनी वसतए म न बनाई ह सब को भमिम क ऊपर स मिमटा दगा

05 यहोवा की इस आजञा क अनसार नह न षटिकया 06 नह की अवसथा छ सौ वरषोW की थी जब जलपरलय पथवी पर आया 07 नह अपन पतरो पतनी और बहओ समत जलपरलय स बचन क लिलय जहाज म गया 08 और शq और अशq ोनो परकार क पशओ म स पणिकषयो 09 और भमिम पर रगन वालो म स भी ो ो अथाWत नर और माा जहाज म नह क पास गए

जिजस परकार परमशवर न नह को आजञा ी थी 10 सात दिन क उपरानत परलय का जल पथवी पर आन लगा 11 जब नह की अवसथा क छ सौव वरषोW क दसर महीन का सcरहवा दिन आया उसी दिन बड

गषटिहर समदर क सब सोत 6ट षटिनकल और आकाश क झरोख खल गए 12 और वरषोाW चालीस दिन और चालीस रात षटिनरनतर पथवी पर होती रही 13 ठीक उसी दिन नह अपन पतर शम हाम और यपत और अपनी पतनी और तीनो बहओ समत 14 और उनक सग एक एक जाषटित क सब बनल पश और एक एक जाषटित क सब घरल पश और

एक एक जाषटित क सब पथवी पर रगन वाल और एक एक जाषटित क सब उडन वाल पकषी जहाज मगए 15 जिजतन पराणिणयो म जीवन की आतमा थी उनकी सब जाषटितयो म स ो ो नह क पास जहाज मगए 16 और जो गए वह परमशवर की आजञा क अनसार सब जाषटित क पराणिणयो म स नर और माा गए

तब यहोवा न उसका दवार बन कर दिया 17 और पथवी पर चालीस दिन तक परलय होता रहा और पानी बहत बढता ही गया जिजस स जहाज

ऊपर को उठन लगा और वह पथवी पर स ऊचा उठ गया 18 और जल बढत बढत पथवी पर बहत ही बढ गया और जहाज जल क ऊपर ऊपर तरता रहा 19 और जल पथवी पर अतयनत बढ गया यहा तक षटिक सारी रती पर जिजतन बड बड पहाड थ सब

डब गए 20 जल तो पनदरह हाथ ऊपर बढ गया और पहाड भी डब गए 21 और कया पकषी कया घरल पश कया बनल पश और पथवी पर सब चलन वाल पराणी और

जिजतन जनत पथवी म बहतायत स भर गए थ व सब और सब मनषय मर गए 22 जो जो सथल पर थ उन म स जिजतनो क नथनो म जीवन का शवास था सब मर मिमट 23 और कया मनषय कया पश कया रगन वाल जनत कया आकाश क पकषी जो जो भमिम पर थ सो

सब पथवी पर स मिमट गए कवल नह और जिजतन उसक सग जहाज म थ व ही बच गए 24 और जल पथवी पर एक सौ पचास दिन तक परबल रहा

अधयाय८

01 और परमशवर न नह की और जिजतन बनल पश और घरल पश उसक सग जहाज म थ उन सभो की सलि ली और परमशवर न पथवी पर पवन बहाई और जल घटन लगा

02 और गषटिहर समदर क सोत और आकाश क झरोख ब हो गए और उसस जो वरषोाW होती थी सो

भी थम गई 03 और एक सौ पचास दिन क पशचात जल पथवी पर स लगातार घटन लगा 04 सातव महीन क सcरहव दिन को जहाज अरारात नाम पहाड पर दिटक गया 05 और जल सव महीन तक घटता चला गया और सव महीन क पषटिहल दिन को पहाडो की

चोदिटया दिखलाई ी 06 षटि6र ऐसा हआ षटिक चालीस दिन क पशचात नह न अपन बनाए हए जहाज की खिखडकी को खोलकर एक कौआ उडा दिया 07 वह जब तक जल पथवी पर स सख न गया तब तक कौआ इर उर षटि6रता रहा 08 षटि6र उसन अपन पास स एक कबतरी को उडा दिया षटिक ख षटिक जल भमिम स घट गया षटिकनही 09 उस कबतरी को अपन पर क तल टकन क लिलय कोई आार न मिमला सो वह उसक पास जहाज म लौट आई कयोषटिक सारी पथवी क ऊपर जल ही जल छाया था तब उसन हाथ बढा कर उस अपन

पास जहाज म ल लिलया 10 तब और सात दिन तक ठहर कर उसन उसी कबतरी को जहाज म स षटि6र उडा दिया 11 और कबतरी साझ क समय उसक पास आ गई तो कया खा षटिक उसकी चोच म जलपाई का

एक नया पcा ह इस स नह न जान लिलया षटिक जल पथवी पर घट गया ह 12 षटि6र उसन सात दिन और ठहरकर उसी कबतरी को उडा दिया और वह उसक पास षटि6र कभी

लौट कर न आई 13 षटि6र ऐसा हआ षटिक छ सौ एक वरषोW क पषटिहल महीन क पषटिहल दिन जल पथवी पर स सख गया

तब नह न जहाज की छत खोल कर कया खा षटिक रती सख गई ह 14 और दसर महीन क सताईसव दिन को पथवी परी रीषटित स सख गई 15 तब परमशवर न नह स कहा 16 त अपन पतरो पतनी और बहओ समत जहाज म स षटिनकल आ 17 कया पकषी कया पश कया सब भाषटित क रगन वाल जनत जो पथवी पर रगत ह जिजतन शरीरारी

जीवजनत तर सग ह उस सब को अपन साथ षटिनकाल ल आ षटिक पथवी पर उन स बहत बचच उतपननहो और व 6ल-6ल और पथवी पर 6ल जाए 18 तब नह और उसक पतर और पतनी और बहए षटिनकल आई 19 और सब चौपाए रगन वाल जनत और पकषी और जिजतन जीवजनत पथवी पर चलत षटि6रत ह

सो सब जाषटित जाषटित करक जहाज म स षटिनकल आए 20 तब नह न यहोवा क लिलय एक वी बनाई और सब शq पशओ और सब शq पणिकषयो म स

कछ कछ ल कर वी पर होमबलिल चढाया 21 इस पर यहोवा न सखायक सग( पाकर सोचा षटिक मनषय क कारण म षटि6र कभी भमिम को

शाप न दगा यदयषटिप मनषय क मन म बचपन स जो कछ उतपनन होता ह सो बरा ही होता ह तौभी जसा म न सब जीवो को अब मारा ह वसा उन को षटि6र कभी न मारगा

22 अब स जब तक पथवी बनी रहगी तब तक बोन और काटन क समय ठणड और तपन पकाल और शीतकाल दिन और रात षटिनरनतर होत चल जाएग

अधयाय९

01 षटि6र परमशवर न नह और उसक पतरो को आशीरषो ी और उन स कहा षटिक 6लो-6लो और बढो और पथवी म भर जाओ

02 और तमहारा डर और भय पथवी क सब पशओ और आकाश क सब पणिकषयो और भमिम पर क सब रगन वाल जनतओ और समदर की सब मछलिलयो पर बना रहगा व सब तमहार वश म कर दिए जात ह

03 सब चलन वाल जनत तमहारा आहार होग जसा तम को हर हर छोट पड दिए थ वसा ही अब सब कछ ता ह

04 पर मास को पराण समत अथाWत लोह समत तम न खाना 05 और षटिनशचय म तमहारा लोह अथाWत पराण का पलटा लगा सब पशओ और मनषयो ोनो स म

उस लगा मनषय क पराण का पलटा म एक एक क भाई ब( स लगा 06 जो कोई मनषय का लोह बहाएगा उसका लोह मनषय ही स बहाया जाएगा कयोषटिक परमशवर न

मनषय को अपन ही सवरप क अनसार बनाया ह 07 और तम तो 6लो-6लो और बढो और पथवी म बहत बचच जनमा क उस म भर जाओ 08 षटि6र परमशवर न नह और उसक पतरो स कहा 09 सनो म तमहार साथ और तमहार पशचात जो तमहारा वश होगा उसक साथ भी वाचा बा(ता ह 10 और सब जीषटिवत पराणिणयो स भी जो तमहार सग ह कया पकषी कया घरल पश कया पथवी क सब

बनल पश पथवी क जिजतन जीवजनत जहाज स षटिनकल ह सब क साथ भी मरी यह वाचा ब(ती ह 11 और म तमहार साथ अपनी इस वाचा को परा करगा षटिक सब पराणी षटि6र जलपरलय स नाश नहोग और पथवी क नाश करन क लिलय षटि6र जलपरलय न होगा 12 षटि6र परमशवर न कहा जो वाचा म तमहार साथ और जिजतन जीषटिवत पराणी तमहार सग ह उन सब

क साथ भी यग यग की पीदिढय़ो क लिलय बा(ता ह उसका यह लिचनह ह 13 षटिक म न बाल म अपना नरषो रखा ह वह मर और पथवी क बीच म वाचा का लिचनह होगा 14 और जब म पथवी पर बाल 6लाऊ जब बाल म नरषो ख पडगा 15 तब मरी जो वाचा तमहार और सब जीषटिवत शरीरारी पराणिणयो क साथ बा(ी ह उसको म समरण करगा तब ऐसा जलपरलय षटि6र न होगा जिजस स सब पराणिणयो का षटिवनाश हो 16 बाल म जो नरषो होगा म उस ख क यह सा की वाचा समरण करगा जो परमशवर क और

पथवी पर क सब जीषटिवत शरीरारी पराणिणयो क बीच ब(ी ह 17 षटि6र परमशवर न नह स कहा जो वाचा म न पथवी भर क सब पराणिणयो क साथ बा(ी ह उसका

लिचनह यही ह 18 नह क जो पतर जहाज म स षटिनकल व शम हाम और यपत थ और हाम तो कनान का षटिपताहआ 19 नह क तीन पतर य ही ह और इनका वश सारी पथवी पर 6ल गया 20 और नह षटिकसानी करन लगा और उसन ाख की बारी लगाई 21 और वह ाखम पीकर मतवाला हआ और अपन तमब क भीतर नगा हो गया 22 तब कनान क षटिपता हाम न अपन षटिपता को नगा खा और बाहर आकर अपन ोनो भाइयो को

बतला दिया 23 तब शम और यपत ोनो न कपडा ल कर अपन क(ो पर रखा और पीछ की ओर उलटा

चलकर अपन षटिपता क नग तन को ढाप दिया और व अपना मख पीछ षटिकए हए थ इसलिलय उनहोन अपन षटिपता को नगा न खा

24 जब नह का नशा उतर गया तब उसन जान लिलया षटिक उसक छोट पतर न उसस कया षटिकया ह 25 इसलिलय उसन कहा कनान शाषटिपत हो वह अपन भाई ब(ओ क ासो का ास हो 26 षटि6र उसन कहा शम का परमशवर यहोवा नय ह और कनान शम का ास होव 27 परमशवर यपत क वश को 6लाए और वह शम क तमबओ म बस और कनान उसका ासहोव 28 जलपरलय क पशचात नह साढ तीन सौ वरषोW जीषटिवत रहा 29 और नह की कल अवसथा साढ नौ सौ वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया

अधयाय१०

01 नह क पतर जो शम हाम और यपत थ उनक पतर जलपरलय क पशचात उतपनन हए उनकी वशावली यह ह

02 यपत क पतर गोमर मागोग मा यावान तबल मशक और तीरास हए 03 और गोमर क पतर अशकनज रीपत और तोगमाW हए 04 और यावान क वश म एलीशा और तशश और षटिकcी और ोानी लोग हए 05 इनक वश अनयजाषटितयो क दवीपो क शो म ऐस बट गए षटिक व णिभनन णिभनन भारषोाओ कलो और

जाषटितयो क अनसार अलग अलग हो गए 06 षटि6र हाम क पतर कश और मिमसर और 6त और कनान हए 07 और कश क पतर सबा हवीला सबता रामा और सबतका हए और रामा क पतर शबा और

ान हए 08 और कश क वश म षटिनमरो भी हआ पथवी पर पषटिहला वीर वही हआ ह 09 वही यहोवा की दषटि म पराकरमी णिशकार खलन वाला ठहरा इस स यह कहावत चली ह षटिक

षटिनमरो क समान यहोवा की दषटि म पराकरमी णिशकार खलन वाला 10 और उसक राजय का आरमभ णिशनार श म बाबल अकक और कलन हआ 11 उस श स वह षटिनकल कर अशशर को गया और नीनव रहोबोतीर और कालह को 12 और नीनव और कालह क बीच रसन ह उस भी बसाया बडा नगर यही ह 13 और मिमसर क वश म ली अनामी लहाबी नपतही 14 और पतरसी कसलही और कपतोरी लोग हए कसलषटिहयो म स तो पलिलशती लोग षटिनकल 15 षटि6र कनान क वश म उसका जयषठ सीोन तब षटिहc 16 और यबसी एमोरी षटिगगाWशी 17 षटिहववी अक सीनी 18 अवWी समारी और हमाती लोग भी हए षटि6र कनाषटिनयो क कल भी 6ल गए 19 और कनाषटिनयो का लिसवाना सीोन स ल कर गरार क मागW स हो कर अजजा तक और षटि6र सोम

और अमोरा और अमा और सबोयीम क मागW स हो कर लाशा तक हआ 20 हाम क वश म य ही हए और य णिभनन णिभनन कलो भारषोाओ शो और जाषटितयो क अनसार

अलग अलग हो गए 21 षटि6र शम जो सब एबरवणिशयो का मलपररषो हआ और जो यपत का जयषठ भाई था उसक भी

पतर उतपनन हए 22 शम क पतर एलाम अशशर अपWकष ल और आराम हए 23 और आराम क पतर ऊस हल गतर और मश हए 24 और अपWकष न शलह को और शलह न एबर को जनम दिया 25 और एबर क ो पतर उतपनन हए एक का नाम पलग इस कारण रखा गया षटिक उसक दिनो म पथवी

बट गई और उसक भाई का नाम योकतान ह 26 और योकतान न अलमोा शलप हसमाWवत थरह 27 योरवाम ऊजाल दिकला 28 ओबाल अबीमाएल शबा 29 ओपीर हवीला और योबाब को जनम दिया य ही सब योकतान क पतर हए 30 इनक रहन का सथान मशा स ल कर सपारा जो पवW म एक पहाड ह उसक मागW तक हआ 31 शम क पतर य ही हए और य णिभनन णिभनन कलो भारषोाओ शो और जाषटितयो क अनसार अलग

अलग हो गए 32 नह क पतरो क घरान य ही ह और उनकी जाषटितयो क अनसार उनकी वशावलिलया य ही ह और

जलपरलय क पशचात पथवी भर की जाषटितया इनही म स हो कर बट गई

अधयाय११

1 11|01 सारी पथवी पर एक ही भारषोा और एक ही बोली थी 11|02 उस समय लोग पवW की और चलत चलत णिशनार श म एक मान पाकर उस म बस गए 11|03 तब व आपस म कहन लग षटिक आओ हम ईट बना बना क भली भाषटित आग म पकाए

और उनहोन पतथर क सथान म ईट स और चन क सथान म मिमटटी क गार स काम लिलया 11|04 षटि6र उनहोन कहा आओ हम एक नगर और एक गममट बना ल जिजसकी चोटी आकाश स

बात कर इस परकार स हम अपना नाम कर ऐसा न हो षटिक हम को सारी पथवी पर 6लना पड 11|05 जब लोग नगर और गममट बनान लग तब इनह खन क लिलय यहोवा उतर आया 11|06 और यहोवा न कहा म कया खता ह षटिक सब एक ही ल क ह और भारषोा भी उन सब की

एक ही ह और उनहोन ऐसा ही काम भी आरमभ षटिकया और अब जिजतना व करन का यतन करग उस म स कछ उनक लिलय अनहोना न होगा

11|07 इसलिलय आओ हम उतर क उनकी भारषोा म बडी गडबडी डाल षटिक व एक दसर की बोली को न समझ सक

11|08 इस परकार यहोवा न उन को वहा स सारी पथवी क ऊपर 6ला दिया और उनहोन उस नगर का बनाना छोड दिया

11|09 इस कारण उस नगर को नाम बाबल पडा कयोषटिक सारी पथवी की भारषोा म जो गडबडी ह सो यहोवा न वही डाली और वही स यहोवा न मनषयो को सारी पथवी क ऊपर 6ला दिया

11|10 शम की वशावली यह ह जल परलय क ो वरषोW पशचात जब शम एक सौ वरषोW का हआ तब उसन अपWकष को जनम दिया

11|11 और अपWकष न जनम क पशचात शम पाच सौ वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट बदिटया उतपनन हई

11|12 जब अपWकष पतीस वरषोW का हआ तब उसन शलह को जनम दिया 11|13 और शलह क जनम क पशचात अपWकष चार सौ तीन वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और

भी बट बदिटया उतपनन हई 11|14 जब शलह तीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा एबर को जनम हआ 11|15 और एबर क जनम क पशचात शलह चार सौ तीन वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 11|16 जब एबर चौतीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा पलग का जनम हआ 11|17 और पलग क जनम क पशचात एबर चार सौ तीस वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 11|18 जब पलग तीस वरषोW को हआ तब उसक दवारा र का जनम हआ 11|19 और र क जनम क पशचात पलग ो सौ नौ वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 11|20 जब र बcीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा सरग का जनम हआ 11|21 और सरग क जनम क पशचात र ो सौ सात वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 11|22 जब सरग तीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा नाहोर का जनम हआ 11|23 और नाहोर क जनम क पशचात सरग ो सौ वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 11|24 जब नाहोर उनतीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा तरह का जनम हआ 11|25 और तरह क जनम क पशचात नाहोर एक सौ उननीस वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और

भी बट बदिटया उतपनन हई 11|26 जब तक तरह सcर वरषोW का हआ तब तक उसक दवारा अबराम और नाहोर और हारान

उतपनन हए 11|27 तरह की यह वशावली ह तरह न अबराम और नाहोर और हारान को जनम दिया और

हारान न लत को जनम दिया 11|28 और हारान अपन षटिपता क सामहन ही कखिसयो क ऊर नाम नगर म जो उसकी जनम भमिम

थी मर गया 11|29 अबराम और नाहोर न सतरिसतरया बयाह ली अबराम की पतनी का नाम तो सार और नाहोर की

पतनी का नाम मिमलका था यह उस हारान की बटी थी जो मिमलका और मियसका ोनो का षटिपता था 11|30 सार तो बाझ थी उसक सतान न हई 11|31 और तरह अपना पतर अबराम और अपना पोता लत जो हारान का पतर था और अपनी बहसार जो उसक पतर अबराम की पतनी थी इन सभो को ल कर कखिसयो क ऊर नगर स षटिनकल कनान

श जान को चला पर हारान नाम श म पहचकर वही रहन लगा 11|32 जब तरह ो सौ पाच वरषोW का हआ तब वह हारान श म मर गया

अधयाय१२

01 यहोवा न अबराम स कहा अपन श और अपनी जनमभमिम और अपन षटिपता क घर को छोडकर उस श म चला जा जो म तझ दिखाऊगा

02 और म तझ स एक बडी जाषटित बनाऊगा और तझ आशीरषो दगा और तरा नाम बडा करगा और त आशीरषो का मल होगा

03 और जो तझ आशीवाW उनह म आशीरषो दगा और जो तझ कोस उस म शाप दगा और भमणडल क सार कल तर दवारा आशीरषो पाएग

04 यहोवा क इस वचन क अनसार अबराम चला और लत भी उसक सग चला और जब अबराम हारान श स षटिनकला उस समय वह पचहcर वरषोW का था

05 सो अबराम अपनी पतनी सार और अपन भतीज लत को और जो न उनहोन इकटठा षटिकया था और जो पराणी उनहोन हारान म परापत षटिकए थ सब को ल कर कनान श म जान को षटिनकल चला और व कनान श म आ भी गए

06 उस श क बीच स जात हए अबराम शकम म जहा मोर का बाज वकष ह पहचा उस समय उस श म कनानी लोग रहत थ

07 तब यहोवा न अबराम को शWन कर कहा यह श म तर वश को दगा और उसन वहा यहोवा क लिलय जिजसन उस शWन दिया था एक वी बनाई

08 षटि6र वहा स कच करक वह उस पहाड पर आया जो बतल क पवW की ओर ह और अपना तमब उस सथान म खडा षटिकया जिजसकी पचछिचछम की ओर तो बतल और पवW की ओर ऐ ह और वहा भी उसन यहोवा क लिलय एक वी बनाई और यहोवा स पराथWना की

09 और अबराम कच करक चछिकखन श की ओर चला गया 10 और उस श म अकाल पडा और अबराम मिमसर श को चला गया षटिक वहा परशी हो कर रह --

कयोषटिक श म भयकर अकाल पडा था 11 षटि6र ऐसा हआ षटिक मिमसर क षटिनकट पहचकर उसन अपनी पतनी सार स कहा सन मझ मालमह षटिक त एक सनर सतरी ह 12 इस कारण जब मिमसरी तझ खग तब कहग यह उसकी पतनी ह सो व मझ को तो मार डालग

पर तझ को जीती रख लग 13 सो यह कहना षटिक म उसकी बषटिहन ह जिजस स तर कारण मरा कलयाण हो और मरा पराण तर

कारण बच 14 षटि6र ऐसा हआ षटिक जब अबराम मिमसर म आया तब मिमणिसरयो न उसकी पतनी को खा षटिक यह

अषटित सनर ह 15 और षटि6रौन क हाषटिकमो न उसको खकर षटि6रौन क सामहन उसकी परशसा की सो वह सतरी

षटि6रौन क घर म रखी गई 16 और उसन उसक कारण अबराम की भलाई की सो उसको भड-बकरी गाय-बल ास-ालिसया गह-गषटिहया और ऊट मिमल

17 तब यहोवा न षटि6रौन और उसक घरान पर अबराम की पतनी सार क कारण बडी बडी षटिवपलिcयाडाली 18 सो षटि6रौन न अबराम को बलवा कर कहा त न मझ स कया षटिकया ह त न मझ कयो नही बताया

षटिक वह तरी पतनी ह 19 त न कयो कहा षटिक वह तरी बषटिहन ह म न उस अपनी ही पतनी बनान क लिलय लिलया परनत अब

अपनी पतनी को ल कर यहा स चला जा 20 और षटि6रौन न अपन आमिमयो को उसक षटिवरषोय म आजञा ी और उनहोन उसको और उसकी

पतनी को सब समपलिc समत जो उसका था षटिवा कर दिया

अधयाय१३

01 तब अबराम अपनी पतनी और अपनी सारी समपतति ल कर लत को भी सग लिलय हए मिमसर को छोड़ कर कनान क दततति$न दश म आया

02 अबराम भड़-बकरी गाय-बल और सोन- रप का बड़ा धनी था 03 फिर वह दततति$न दश स चलकर बतल क पास उसी सथान को पहचा जहा उसका तमब पहल पड़ा था

जो बतल और ऐ क बीच म ह 04 यह सथान उस वदी का ह जिजस उसन पहल बनाई थी और वहा अबराम न फिर यहोवा स पराथना की 05 और लत क पास भी जो अबराम क साथ चलता था भड़-बकरी गाय-बल और तमब थ 06 सो उस दश म उन दोनो की समाई न हो सकी फिक व इकटठ रह $योफिक उनक पास बहत धन था इसलिलय व

इकटठ न रह सक 07 सो अबराम और लत की भड़-बकरी और गाय- बल क चरवाहो क बीच म झगड़ा हआ और उस समयकनानी और परिरजजी लोग उस दश म रहत थ 08 तब अबराम लत स कहन लगा मर और तर बीच और मर और तर चरवाहो क बीच म झगड़ा न होन पाए

$योफिक हम लोग भाई बनध ह 09 $या सारा दश तर सामहन नही सो मझ स अलग हो यदिद त बाई ओर जाए तो म दाफिहनी ओर जाऊगा

और यदिद त दाफिहनी ओर जाए तो म बाई ओर जाऊगा 10 तब लत न आ उठा कर यरदन नदी क पास वाली सारी तराई को दा फिक वह सब सिसची हई ह जब

तक यहोवा न सदोम और अमोरा को नाश न फिकया था तब तक सोअर क माग तक वह तराई यहोवा कीबादिNका और मिमसर दश क समान उपजाऊ थी 11 सो लत अपन लिलय यरदन की सारी तराई को चन क पव की ओर चला और व एक दसर स अलग होगए 12 अबराम तो कनान दश म रहा पर लत उस तराई क नगरो म रहन लगा और अपना तमब सदोम क फिनकN

ड़ा फिकया 13 सदोम क लोग यहोवा क ल म बड़ दषट और पापी थ 14 जब लत अबराम स अलग हो गया तब उसक पशचात यहोवा न अबराम स कहा आ उठा कर जिजस सथान

पर त ह वहा स उर-दततति$न पव-पततिशचम चारो ओर दमिषट कर 15 $योफिक जिजतनी भमिम तझ दिदाई दती ह उस सब को म तझ और तर वश को यग यग क लिलय दगा 16 और म तर वश को पथवी की धल क फिकनको की नाई बहत करगा यहा तक फिक जो कोई पथवी की धल

क फिकनको को फिगन सकगा वही तरा वश भी फिगन सकगा 17 उठ इस दश की लमबाई और चौड़ाई म चल फिर $योफिक म उस तझी को दगा 18 इसक पशचात अबराम अपना तमब उाड़ कर मामर क बाजो क बीच जो हबरोन म थ जा कर रहन लगा

और वहा भी यहोवा की एक वदी बनाई

अधयाय१४

01 णिशनार क राजा अमरापल और एललासार क राजा अयक और एलाम क राजा कोलाWओमर और गोयीम क राजा षटिताल क दिनो म ऐसा हआ

02 षटिक उनहोन सोम क राजा बरा और अमोरा क राजा षटिबशाW और अमा क राजा णिशनाब और सबोयीम क राजा शमबर और बला जो सोअर भी कहलाता ह इन राजाओ क षटिवरq यq षटिकया

03 इन पाचो न लिसददीम नाम तराई म जो खार ताल क पास ह एका षटिकया 04 बारह वरषोW तक तो य कोलाWओमर क आीन रह पर तरहव वरषोW म उसक षटिवरq उठ 05 सो चौहव वरषोW म कोलाWओमर और उसक सगी राजा आए और अशतरोतकनम म रपाइयोको और हाम म जजिजयो को और शबषटिकयाWतम म एमिमयो को 06 और सईर नाम पहाड म होरिरयो को मारत मारत उस एलपारान तक जो जगल क पास ह पहचगए 07 वहा स व लौट कर एनधिनमशपात को आए जो काश भी कहलाता ह और अमालषटिकयो क सार

श को और उन एमोरिरयो को भी जीत लिलया जो हससोनतामार म रहत थ 08 तब सोम अमोरा अमा सबोयीम और बला जो सोअर भी कहलाता ह इनक राजाषटिनकल और लिसददीम नाम तराई म उनक साथ यq क लिलय पाषटित बा(ी 09 अथाWत एलाम क राजा कोलाWओमर गोयीम क राजा षटिताल णिशनार क राजा अमरापल और

एललासार क राजा अयक इन चारो क षटिवरq उन पाचो न पाषटित बा(ी 10 लिसददीम नाम तराई म जहा लसार मिमटटी क गडह ही गडह थ सोम और अमोरा क राजा भागत

भागत उन म षटिगर पड और जो बच व पहाड पर भाग गए 11 तब व सोम और अमोरा क सार न और भोजन वसतओ को लट लाट कर चल गए 12 और अबराम का भतीजा लत जो सोम म रहता था उसको भी न समत व ल कर चल गए 13 तब एक जन जो भाग कर बच षटिनकला था उसन जा कर इबरी अबराम को समाचार दिया अबराम

तो एमोरी मामर जो एशकोल और आनर का भाई था उसक बाज वझो क बीच म रहता था और य लोग अबराम क सग वाचा बा( हए थ

14 यह सनकर षटिक उसका भतीजा ब(आई म गया ह अबराम न अपन तीन सौ अठारह णिशणिकषत यq कौशल म षटिनपण ासो को ल कर जो उसक कटमब म उतपनन हए थ असतर शसतर ारण करक ान तक उनका पीछा षटिकया

15 और अपन ासो क अलग अलग ल बा(कर रात को उन पर चढाई करक उन को मार लिलया और होबा तक जो मिमशक की उcर ओर ह उनका पीछा षटिकया

16 और सार न को और अपन भतीज लत और उसक न को और सतरिसतरयो को और सब ब(ओ को लौटा ल आया

17 जब वह कोलाWओमर और उसक साथी राजाओ को जीत कर लौटा आता था तब सोम का राजा शाव नाम तराई म जो राजा की भी कहलाती ह उसस भट करन क लिलय आया

18 जब शालम का राजा मलकीसक जो परमपरान ईशवर का याजक था रोटी और ाखम लआया 19 और उसन अबराम को यह आशीवाW दिया षटिक परमपरान ईशवर की ओर स जो आकाश और

पथवी का अलिकारी ह त नय हो 20 और नय ह परमपरान ईशवर जिजसन तर दरोषटिहयो को तर वश म कर दिया ह तब अबराम न

उसको सब का शमाश दिया 21 जब सोम क राजा न अबराम स कहा पराणिणयो को तो मझ और न को अपन पास रख 22 अबराम न सोम क राजा स कहा परमपरान ईशवर यहोवा जो आकाश और पथवी का अलिकारी ह 23 उसकी म यह शपथ खाता ह षटिक जो कछ तरा ह उस म स न तो म एक सत और न जती काब(न न कोई और वसत लगा षटिक त ऐसा न कहन पाए षटिक अबराम मर ही कारण नी हआ

24 पर जो कछ इन जवानो न खा लिलया ह और उनका भाग जो मर साथ गए थ अथाWत आनर एशकोल और मामर म नही लौटाऊगा व तो अपना अपना भाग रख ल

अधयाय१५

01 इन बातो क पशचात यहोवा को यह वचन दशन म अबराम क पास पहचा फिक ह अबराम मत डर तरी ढाल और तरा अतयनत बड़ा ल म ह

02 अबराम न कहा ह परभ यहोवा म तो फिनव^श ह और मर घर का वारिरस यह दमिमशकी एलीएजर होगा सो त मझ $या दगा

03 और अबराम न कहा मझ तो त न वश नही दिदया और $या दता ह फिक मर घर म उतपनन हआ एक जन मरा वारिरस होगा

04 तब यहोवा का यह वचन उसक पास पहचा फिक यह तरा वारिरस न होगा तरा जो फिनज पतर होगा वही तरा वारिरस होगा

05 और उसन उसको बाहर ल जाक कहा आकाश की ओर दमिषट करक तारागण को फिगन $या त उन को फिगन सकता ह फिर उसन उसस कहा तरा वश ऐसा ही होगा

06 उसन यहोवा पर फिवशवास फिकया और यहोवा न इस बात को उसक ल म धम फिगना 07 और उसन उसस कहा म वही यहोवा ह जो तझ कसदिfदयो क ऊर नगर स बाहर ल आया फिक तझ को इस

दश का अमिधकार द 08 उसन कहा ह परभ यहोवा म कस जान फिक म इसका अमिधकारी हगा 09 यहोवा न उसस कहा मर लिलय तीन वरष की एक कलोर और तीन वरष की एक बकरी और तीन वरष का

एक मढ़ा और एक फिपणडक और कबतर का एक बचचा ल 10 और इन सभो को ल कर उसन बीच म स दो Nकड़ कर दिदया और Nकड़ो को आमहन- सामहन रा पर

लिचफिडय़ाओ को उसन Nकड़ न फिकया 11 और जब मासाहारी पकषी लोथो पर झपN तब अबराम न उनह उड़ा दिदया 12 जब सय अfत होन लगा तब अबराम को भारी नीद आई और दो अतयनत भय और अनधकार न उस छा लिलया 13 तब यहोवा न अबराम स कहा यह फिनशचय जान फिक तर वश पराए दश म परदशी हो कर रहग और उसक

दश क लोगो क दास हो जाएग और व उन को चार सौ वरष लो द दग 14 फिर जिजस दश क व दास होग उसको म दणड दगा और उसक पशचात व बड़ा धन वहा स ल कर फिनकलआएग 15 त तो अपन फिपतरो म कशल क साथ मिमल जाएगा तझ पर बढ़ाप म मिमटटी दी जाएगी 16 पर व चौथी पीढ़ी म यहा फिर आएग $योफिक अब तक एमोरिरयो का अधम परा नही हआ 17 और ऐसा हआ फिक जब सय अfत हो गया और घोर अनधकार छा गया तब एक अगठी जिजस म स धआ

उठता था और एक जलता हआ पलीता द पड़ा जो उन Nकड़ो क बीच म स हो कर फिनकल गया 18 उसी दिदन यहोवा न अबराम क साथ यह वाचा बानधी फिक मिमसर क महानद स ल कर परात नाम बड़ नद तक

जिजतना दश ह 19 अथात कफिनयो कफिनतततिजजयो कदक़ोफिनयो 20 फिहततियो परीतततिजजयो रपाइयो 21 एमोरिरयो कनाफिनयो फिगगालिशयो और यबलिसयो का दश म न तर वश को दिदया ह

अधयाय१६

01 अबराम की पतनी सार क कोई सनतान न थी और उसक हाजिजरा नाम की एक मिमसरी लौडी थी 02 सो सार न अबराम स कहा ख यहोवा न तो मरी कोख बन कर रखी ह सो म तझ स षटिबनती

करती ह षटिक त मरी लौडी क पास जा समभव ह षटिक मरा घर उसक दवारा बस जाए 03 सो सार की यह बात अबराम न मान ली सो जब अबराम को कनान श म रहत स वरषोW बीत चक

तब उसकी सतरी सार न अपनी मिमसरी लौडी हाजिजरा को ल कर अपन पषटित अबराम को दिया षटिक वह उसकी पतनी हो

04 और वह हाजिजरा क पास गया और वह गभWवती हई और जब उसन जाना षटिक वह गभWवती ह तब वह अपनी सवामिमनी को अपनी दषटि म तचछ समझन लगी

05 तब सार न अबराम स कहा जो मझ पर उपदरव हआ सो तर ही लिसर पर हो म न तो अपनी लौडी को तरी पतनी कर दिया पर जब उसन जाना षटिक वह गभWवती ह तब वह मझ तचछ समझन लगी सो

यहोवा मर और तर बीच म नयाय कर 06 अबराम न सार स कहा ख तरी लौडी तर वश म ह जसा तझ भला लग वसा ही उसक साथ

कर सो सार उसको द ख न लगी और वह उसक सामहन स भाग गई 07 तब यहोवा क दत न उसको जगल म शर क मागW पर जल क एक सोत क पास पाकर कहा 08 ह सार की लौडी हाजिजरा त कहा स आती और कहा को जाती ह उसन कहा म अपनी

सवामिमनी सार क सामहन स भाग आई ह 09 यहोवा क दत न उसस कहा अपनी सवामिमनी क पास लौट जा और उसक वश म रह 10 और यहोवा क दत न उसस कहा म तर वश को बहत बढाऊगा यहा तक षटिक बहतायत क

कारण उसकी गणना न हो सकगी 11 और यहोवा क दत न उसस कहा ख त गभWवती ह और पतर जनगी सो उसका नाम इशमाएलरखना कयोषटिक यहोवा न तर द ख का हाल सन लिलया ह 12 और वह मनषय बनल गह क समान होगा उसका हाथ सबक षटिवरq उठगा और सब क हाथ

उसक षटिवरq उठ ग और वह अपन सब भाई ब(ओ क मधय म बसा रहगा 13 तब उसन यहोवा का नाम जिजसन उसस बात की थी अcाएलरोई रखकर कहा षटिक कया म यहा

भी उसको जात हए खन पाई जो मरा खनहारा ह 14 इस कारण उस कए का नाम लहरोई कआ पडा वह तो काश और बर क बीच म ह 15 सो हाजिजरा अबराम क दवारा एक पतर जनी और अबराम न अपन पतर का नाम जिजस हाजिजराजनी इशमाएल रखा 16 जब हाजिजरा न अबराम क दवारा इशमाएल को जनम दिया उस समय अबराम लिछयासी वरषोW का था

अधयाय१७

1 17|01 जब अबराम षटिनननानव वरषोW का हो गया तब यहोवा न उसको शWन कर कहा म सवWशलिकतमान ईशवर ह मरी उपचछिसथषटित म चल और लिसq होता जा

17|02 और म तर साथ वाचा बा(गा और तर वश को अतयनत ही बढाऊगा 17|03 तब अबराम मह क बल षटिगरा और परमशवर उसस यो बात कहता गया 17|04 ख मरी वाचा तर साथ ब(ी रहगी इसलिलय त जाषटितयो क समह का मलषटिपता हो जाएगा 17|05 सो अब स तरा नाम अबराम न रहगा परनत तरा नाम इबराहीम होगा कयोषटिक म न तझ जाषटितयो

क समह का मलषटिपता ठहरा दिया ह 17|06 और म तझ अतयनत ही 6लाऊ 6लाऊगा और तझ को जाषटित जाषटित का मल बना दगा और

तर वश म राजा उतपनन होग 17|07 और म तर साथ और तर पशचात पीढी पीढी तक तर वश क साथ भी इस आशय की यग

यग की वाचा बा(ता ह षटिक म तरा और तर पशचात तर वश का भी परमशवर रहगा 17|08 और म तझ को और तर पशचात तर वश को भी यह सारा कनान श जिजस म त परशी

हो कर रहता ह इस रीषटित दगा षटिक वह यग यग उनकी षटिनज भमिम रहगी और म उनका परमशवर रहगा 17|09 षटि6र परमशवर न इबराहीम स कहा त भी मर साथ बा(ी हई वाचा का पालन करना त और

तर पशचात तरा वश भी अपनी अपनी पीढी म उसका पालन कर 17|10 मर साथ बा(ी हई वाचा जो तझ और तर पशचात तर वश को पालनी पडगी सो यह ह षटिक

तम म स एक एक पररषो का खतना हो 17|11 तम अपनी अपनी खलडी का खतना करा लना जो वाचा मर और तमहार बीच म ह उसका

यही लिचनह होगा 17|12 पीढी पीढी म कवल तर वश ही क लोग नही पर जो तर घर म उतपनन हो वा परणिशयो को

रपा कर मोल लिलय जाए ऐस सब पररषो भी जब आठ दिन क हो जाए तब उनका खतना षटिकयाजाए 17|13 जो तर घर म उतपनन हो अथवा तर रप स मोल लिलया जाए उसका खतना अवशय ही षटिकयाजाए सो मरी वाचा जिजसका लिचनह तमहारी ह म होगा वह यग यग रहगी 17|14 जो पररषो खतनारषटिहत रह अथाWत जिजसकी खलडी का खतना न हो वह पराणी अपन लोगो म स नाश षटिकया जाए कयोषटिक उसन मर साथ बा(ी हई वाचा को तोड दिया

17|15 षटि6र परमशवर न इबराहीम स कहा तरी जो पतनी सार ह उसको त अब सार न कहना उसका नाम सारा होगा

17|16 और म उसको आशीरषो दगा और तझ को उसक दवारा एक पतर दगा और म उसको ऐसी आशीरषो दगा षटिक वह जाषटित जाषटित की मलमाता हो जाएगी और उसक वश म राजय राजय क राजा

उतपनन होग 17|17 तब इबराहीम मह क बल षटिगर पडा और हसा और अपन मन ही मन कहन लगा कया सौ वरषोW

क पररषो क भी सनतान होगा और कया सारा जो नबब वरषोW की ह पतर जनगी 17|18 और इबराहीम न परमशवर स कहा इशमाएल तरी दषटि म बना रह यही बहत ह 17|19 तब परमशवर न कहा षटिनशचय तरी पतनी सारा क तझ स एक पतर उतपनन होगा और त उसका

नाम इसहाक रखना और म उसक साथ ऐसी वाचा बा(गा जो उसक पशचात उसक वश क लिलय यग यग की वाचा होगी

17|20 और इशमाएल क षटिवरषोय म भी म न तरी सनी ह म उसको भी आशीरषो दगा और उस 6लाऊ 6लाऊगा और अतयनत ही बढा दगा उसस बारह परान उतपनन होग और म उसस एक बडी

जाषटित बनाऊगा 17|21 परनत म अपनी वाचा इसहाक ही क साथ बा(गा जो सारा स अगल वरषोW क इसी षटिनयकत

समय म उतपनन होगा 17|22 तब परमशवर न इबराहीम स बात करनी बन की और उसक पास स ऊपर चढ गया 17|23 तब इबराहीम न अपन पतर इशमाएल को उसक घर म जिजतन उतपनन हए थ और जिजतन उसक

रप स मोल लिलय गए थ षटिनान उसक घर म जिजतन पररषो थ उन सभो को लक उसी दिन परमशवर क वचन क अनसार उनकी खलडी का खतना षटिकया

17|24 जब इबराहीम की खलडी का खतना हआ तब वह षटिनननानव वरषोW का था 17|25 और जब उसक पतर इशमाएल की खलडी का खतना हआ तब वह तरह वरषोW का था 17|26 इबराहीम और उसक पतर इशमाएल ोनो का खतना एक ही दिन हआ 17|27 और उसक घर म जिजतन पररषो थ जो घर म उतपनन हए तथा जो परणिशयो क हाथ स मोल

लिलय गए थ सब का खतना उसक साथ ही हआ

अधयाय१८

01 इबराहीम मामर क बाजो क बीच कडी प क समय तमब क दवार पर बठा हआ था तब यहोवा न उस शWन दिया

02 और उसन आख उठा कर दषटि की तो कया खा षटिक तीन पररषो उसक सामहन खड ह जब उसन उनह खा तब वह उन स भट करन क लिलय तमब क दवार स ौडा और भमिम पर षटिगरकर णडवत

की और कहन लगा 03 ह परभ यदि मझ पर तरी अनगरह की दषटि ह तो म षटिबनती करता ह षटिक अपन ास क पास स

चल न जाना 04 म थोडा सा जल लाता ह और आप अपन पाव ोकर इस वकष क तल षटिवशराम कर 05 षटि6र म एक टकडा रोटी ल आऊ और उसस आप अपन जीव को तपत कर तब उसक पशचात

आग बढ कयोषटिक आप अपन ास क पास इसी लिलय पार ह उनहोन कहा जसा त कहता ह वसा ही कर

06 सो इबराहीम न तमब म सारा क पास 6त स जा कर कहा तीन सआ मा 6त स ग( और 6लक बना

07 षटि6र इबराहीम गाय बल क झणड म ौडा और एक कोमल और अचछा बछडा ल कर अपन सवक को दिया और उसन 6त स उसको पकाया

08 तब उसन मकखन और द और वह बछडा जो उसन पकवाया था ल कर उनक आग परोसदिया और आप वकष क तल उनक पास खडा रहा और व खान लग 09 उनहोन उसस पछा तरी पतनी सारा कहा ह उसन कहा वह तो तमब म ह 10 उसन कहा म वसनत ऋत म षटिनशचय तर पास षटि6र आऊगा और तब तरी पतनी सारा क एक पतर

उतपनन होगा और सारा तमब क दवार पर जो इबराहीम क पीछ था सन रही थी 11 इबराहीम और सारा ोनो बहत बढ थ और सारा का सतरीमW बन हो गया था 12 सो सारा मन म हस कर कहन लगी म तो बढी ह और मरा पषटित भी बढा ह तो कया मझ यह

सख होगा 13 तब यहोवा न इबराहीम स कहा सारा यह कहकर कयोहसी षटिक कया मर जो ऐसी बदिढय़ा हो गईह सचमच एक पतर उतपनन होगा 14 कया यहोवा क लिलय कोई काम कदिठन ह षटिनयत समय म अथाWत वसनत ऋत म म तर पास

षटि6र आऊगा और सारा क पतर उतपनन होगा15 तब सारा डर क मार यह कह कर मकर गई षटिक म नही हसी उसन कहा नही त हसी तो थी 16 षटि6र व पररषो वहा स चल कर सोम की ओर ताकन लग और इबराहीम उनह षटिवा करन क लिलय

उनक सग सग चला 17 तब यहोवा न कहा यह जो म करता ह सो कया इबराहीम स लिछपा रख 18 इबराहीम स तो षटिनशचय एक बडी और सामथ जाषटित उपजगी और पथवी की सारी जाषटितया उसक

दवारा आशीरषो पाएगी 19 कयोषटिक म जानता ह षटिक वह अपन पतरो और परिरवार को जो उसक पीछ रह जाएग आजञा गा

षटिक व यहोवा क मागW म अटल बन रह और मW और नयाय करत रह इसलिलय षटिक जो कछ यहोवा न इबराहीम क षटिवरषोय म कहा ह उस परा कर

20 षटि6र यहोवा न कहा सोम और अमोरा की लिचललाहट बढ गई ह और उनका पाप बहत भारी हो गया ह

21 इसलिलय म उतरकर खगा षटिक उसकी जसी लिचललाहट मर कान तक पहची ह उनहोन ठीक वसा ही काम षटिकया ह षटिक नही और न षटिकया हो तो म उस जान लगा

22 सो व पररषो वहा स मड क सोम की ओर जान लग पर इबराहीम यहोवा क आग खडा रहगया 23 तब इबराहीम उसक समीप जा कर कहन लगा कया सचमच द क सग म को भी नाशकरगा 24 कालिचत उस नगर म पचास म हो तो कया त सचमच उस सथान को नाश करगा और उन

पचास रमिमयो क कारण जो उस म हो न छोडगा 25 इस परकार का काम करना तझ स दर रह षटिक द क सग म को भी मार डाल और म और

द ोनो की एक ही शा हो यह तझ स दर रह कया सारी पथवी का नयायी नयाय न कर 26 यहोवा न कहा यदि मझ सोम म पचास म मिमल तो उनक कारण उस सार सथान को छोडगा 27 षटि6र इबराहीम न कहा ह परभ सन म तो मिमटटी और राख ह तौभी म न इतनी दिढठाई की षटिक तझ

स बात कर 28 कालिचत उन पचास रमिमयो म पाच घट जाए तो कया त पाच ही क घटन क कारण उस सार

नगर का नाश करगा उसन कहा यदि मझ उस म पतालीस भी मिमल तौभी उसका नाश न करगा 29 षटि6र उसन उसस यह भी कहा कालिचत वहा चालीस मिमल उसन कहा तो म चालीस क कारण

भी ऐसा न करगा 30 षटि6र उसन कहा ह परभ करो न कर तो म कछ और कह कालिचत वहा तीस मिमल उसन कहा

यदि मझ वहा तीस भी मिमल तौभी ऐसा न करगा 31 षटि6र उसन कहा ह परभ सन म न इतनी दिढठाई तो की ह षटिक तझ स बात कर कालिचत उस म बीस मिमल उसन कहा म बीस क कारण भी उसका नाश न करगा

32 षटि6र उसन कहा ह परभ करो न कर म एक ही बार और कहगा कालिचत उस म स मिमल उसन कहा तो म स क कारण भी उसका नाश न करगा

33 जब यहोवा इबराहीम स बात कर चका तब चला गया और इबराहीम अपन घर को लौट गया

अधयाय१९

01 साझ को व ो दत सोम क पास आए और लत सोम क 6ाटक क पास बठा था सो उन को ख कर वह उन स भट करन क लिलय उठा और मह क बल झक कर णडवत कर कहा

02 ह मर परभओ अपन ास क घर म पारिरए और रात भर षटिवशराम कीजिजए और अपन पावोइय षटि6र भोर को उठ कर अपन मागW पर जाइए उनहोन कहा नही हम चौक ही म रात षटिबताएग 03 और उसन उन स बहत षटिबनती करक उनह मनाया सो व उसक साथ चल कर उसक घर म आए

और उसन उनक लिलय जवनार तयार की और षटिबना खमीर की रोदिटया बनाकर उन को खिखलाई 04 उनक सो जान क पषटिहल उस सोम नगर क पररषोो न जवानो स ल कर बढो तक वरन चारो

ओर क सब लोगो न आकर उस घर को घर लिलया 05 और लत को पकार कर कहन लग षटिक जो पररषो आज रात को तर पास आए ह व कहा ह उन

को हमार पास बाहर ल आ षटिक हम उन स भोग कर 06 तब लत उनक पास दवार क बाहर गया और षटिकवाड को अपन पीछ बन करक कहा 07 ह मर भाइयो ऐसी बराई न करो 08 सनो मरी ो बदिटया ह जिजनहोन अब तक पररषो का मह नही खा इचछा हो तो म उनह तमहार

पास बाहर ल आऊ और तम को जसा अचछा लग वसा वयवहार उन स करो पर इन पररषोो स कछ न करो कयोषटिक य मरी छत क तल आए ह

09 उनहोन कहा हट जा षटि6र व कहन लग त एक परशी हो कर यहा रहन क लिलय आया पर अब नयायी भी बन बठा ह सो अब हम उन स भी अलिक तर साथ बराई करग और व उस पररषो लत को बहत बान लग और षटिकवाड तोडन क लिलय षटिनकट आए

10 तब उन पाहनो न हाथ बढाकर लत को अपन पास घर म खीच लिलया और षटिकवाड को बन कर दिया 11 और उनहोन कया छोट कया बड सब पररषोो को जो घर क दवार पर थ अ(ा कर दिया सो व

दवार को टटोलत टटोलत थक गए 12 षटि6र उन पाहनो न लत स पछा यहा तर और कौन कौन ह ामा बट बदिटया वा नगर म तरा

जो कोई हो उन सभो को ल कर इस सथान स षटिनकल जा 13 कयोषटिक हम यह सथान नाश करन पर ह इसलिलय षटिक उसकी लिचललाहट यहोवा क सममख बढ गईह और यहोवा न हम इसका सतयनाश करन क लिलय भज दिया ह 14 तब लत न षटिनकल कर अपन ामाो को जिजनक साथ उसकी बदिटयो की सगाई हो गई थी

समझा क कहा उठो इस सथान स षटिनकल चलो कयोषटिक यहोवा इस नगर को नाश षटिकया चाहता ह पर वह अपन ामाो की दषटि म ठटठा करन हारा सा जान पडा

15 जब पौ 6टन लगी तब दतो न लत स 6त कराई और कहा षटिक उठ अपनी पतनी और ोनो बदिटयो को जो यहा ह ल जा नही तो त भी इस नगर क अमW म भसम हो जाएगा

16 पर वह षटिवलमब करता रहा इस स उन पररषोो न उसका और उसकी पतनी और ोनो बदिटयो का हाथ पकड लिलया कयोषटिक यहोवा की या उस पर थी और उसको षटिनकाल कर नगर क बाहर कर

दिया 17 और ऐसा हआ षटिक जब उनहोन उन को बाहर षटिनकाला तब उसन कहा अपना पराण ल कर भागजा पीछ की और न ताकना और तराई भर म न ठहरना उस पहाड पर भाग जाना नही तो त भी

भसम हो जाएगा 18 लत न उन स कहा ह परभ ऐसा न कर 19 ख तर ास पर तरी अनगरह की दषटि हई ह और त न इस म बडी कपा दिखाई षटिक मर पराण

को बचाया ह पर म पहाड पर भाग नही सकता कही ऐसा न हो षटिक कोई षटिवपलिc मझ पर आ पड और म मर जाऊ

20 ख वह नगर ऐसा षटिनकट ह षटिक म वहा भाग सकता ह और वह छोटा भी ह मझ वही भाग जान कया वह छोटा नही ह और मरा पराण बच जाएगा

21 उसन उसस कहा ख म न इस षटिवरषोय म भी तरी षटिबनती अगीकार की ह षटिक जिजस नगर की चचाW त न की ह उसको म नाश न करगा

22 6त स वहा भाग जा कयोषटिक जब तक त वहा न पहच तब तक म कछ न कर सकगा इसी कारण उस नगर का नाम सोअर पडा

23 लत क सोअर क षटिनकट पहचत ही सयW पथवी पर उय हआ 24 तब यहोवा न अपनी ओर स सोम और अमोरा पर आकाश स ग(क और आग बरसाई 25 और उन नगरो को और समपणW तराई को और नगरो को और उस समपणW तराई को और नगरो

क सब षटिनवालिसयो भमिम की सारी उपज समत नाश कर दिया 26 लत की पतनी न जो उसक पीछ थी दषटि 6र क पीछ की ओर खा और वह नमक का खमभा

बन गई 27 भोर को इबराहीम उठ कर उस सथान को गया जहा वह यहोवा क सममख खडा था 28 और सोम और अमोरा और उस तराई क सार श की ओर आख उठा कर कया खा षटिक उस

श म स कती हई भटटी का सा आ उठ रहा ह 29 और ऐसा हआ षटिक जब परमशवर न उस तराई क नगरो को जिजन म लत रहता था उलट पलट

कर नाश षटिकया तब उसन इबराहीम को या करक लत को उस घटना स बचा लिलया 30 और लत न सोअर को छोड दिया और पहाड पर अपनी ोनो बदिटयो समत रहन लगा कयोषटिक

वह सोअर म रहन स डरता था इसलिलय वह और उसकी ोनो बदिटया वहा एक ग6ा म रहन लग 31 तब बडी बटी न छोटी स कहा हमारा षटिपता बढा ह और पथवी भर म कोई ऐसा पररषो नही जो

ससार की रीषटित क अनसार हमार पास आए 32 सो आ हम अपन षटिपता को ाखम षटिपला कर उसक साथ सोए जिजस स षटिक हम अपन षटिपता

क वश को बचाए रख 33 सो उनहोन उसी दिन रात क समय अपन षटिपता को ाखम षटिपलाया तब बडी बटी जा कर अपन

षटिपता क पास लट गई पर उसन न जाना षटिक वह कब लटी और कब उठ गई 34 और ऐसा हआ षटिक दसर दिन बडी न छोटी स कहा ख कल रात को म अपन षटिपता क साथसोई सो आज भी रात को हम उसको ाखम षटिपलाए तब त जा कर उसक साथ सोना षटिक हम

अपन षटिपता क दवारा वश उतपनन कर 35 सो उनहोन उस दिन भी रात क समय अपन षटिपता को ाखम षटिपलाया और छोटी बटी जा कर

उसक पास लट गई पर उसको उसक भी सोन और उठन क समय का जञान न था 36 इस परकार स लत की ोनो बदिटया अपन षटिपता स गभWवती हई 37 और बडी एक पतर जनी और उसका नाम मोआब रखा वह मोआब नाम जाषटित का जो आज

तक ह मलषटिपता हआ 38 और छोटी भी एक पतर जनी और उसका नाम बनममी रखा वह अममोन वणिशयो का जो आज

तक ह मलषटिपता हआ

अधयाय२०

01 षटि6र इबराहीम वहा स कच कर चछिकखन श म आकर काश और शर क बीच म ठहरा और गरार म रहन लगा

02 और इबराहीम अपनी पतनी सारा क षटिवरषोय म कहन लगा षटिक वह मरी बषटिहन ह सो गरार क राजा अबीमलक न दत भज कर सारा को बलवा लिलया

03 रात को परमशवर न सवपन म अबीमलक क पास आकर कहा सन जिजस सतरी को त न रख लिलयाह उसक कारण त मर जाएगा कयोषटिक वह सहाषटिगन ह 04 परनत अबीमलक तो उसक पास न गया था सो उसन कहा ह परभ कया त षटिनरषो जाषटित का भी

घात करगा 05 कया उसी न सवय मझ स नही कहा षटिक वह मरी बषटिहन ह और उस सतरी न भी आप कहा षटिक

वह मरा भाई ह म न तो अपन मन की खराई और अपन वयवहार की सचचाई स यह काम षटिकया 06 परमशवर न उसस सवपन म कहा हा म भी जानता ह षटिक अपन मन की खराई स त न यह काम

षटिकया ह और म न तझ रोक भी रखा षटिक त मर षटिवरq पाप न कर इसी कारण म न तझ को उस छन नही दिया

07 सो अब उस पररषो की पतनी को उस 6र कयोषटिक वह नबी ह और तर लिलय पराथWना करगा और त जीता रहगा पर यदि त उसको न 6र तो जान रख षटिक त और तर जिजतन लोग ह सब

षटिनशचय मर जाएग 08 षटिबहान को अबीमलक न तडक उठ कर अपन सब कमWचारिरयो को बलवा कर य सब बात सनाई

और व लोग बहत डर गए 09 तब अबीमलक न इबराहीम को बलवा कर कहा त न हम स यह कया षटिकया ह और म न तरा

कया षटिबगाडा था षटिक त न मर और मर राजय क ऊपर ऐसा बडा पाप डाल दिया ह त न मझ स वह काम षटिकया ह जो उलिचत न था

10 षटि6र अबीमलक न इबराहीम स पछा त न कया समझ कर ऐसा काम षटिकया 11 इबराहीम न कहा म न यह सोचा था षटिक इस सथान म परमशवर का कछ भी भय न होगा सो य

लोग मरी पतनी क कारण मरा घात करग 12 और षटि6र भी सचमच वह मरी बषटिहन ह वह मर षटिपता की बटी तो ह पर मरी माता की बटी नही

षटि6र वह मरी पतनी हो गई 13 और ऐसा हआ षटिक जब परमशवर न मझ अपन षटिपता का घर छोड कर षटिनकलन की आजञा ी तब म न उसस कहा इतनी कपा तझ मझ पर करनी होगी षटिक हम ोनोजहा जहा जाए वहा वहा त मर

षटिवरषोय म कहना षटिक यह मरा भाई ह 14 तब अबीमलक न भड-बकरी गाय-बल और ास- ालिसया ल कर इबराहीम को ी और उसकी

पतनी सारा को भी उस 6र दिया 15 और अबीमलक न कहा ख मरा श तर सामहन ह जहा तझ भाव वहा रह 16 और सारा स उसन कहा ख म न तर भाई को रप क एक हजार टकड दिए ह ख तर सार

सषटिगयो क सामहन वही तरी आखो का पाW बनगा और सभो क सामहन त ठीक होगी 17 तब इबराहीम न यहोवा स पराथWना की और यहोवा न अबीमलक और उसकी पतनी और ालिसयो

को चगा षटिकया और व जनन लगी 18 कयोषटिक यहोवा न इबराहीम की पतनी सारा क कारण अबीमलक क घर की सब सतरिसतरयो की कोखो

को परी रीषटित स बन कर दिया था

अधयाय२१

01 सो यहोवा न जसा कहा था वसा ही सारा की सलि लक उसक साथ अपन वचन क अनसारषटिकया 02 सो सारा को इबराहीम स गभWवती हो कर उसक बढाप म उसी षटिनयकत समय पर जो परमशवर न

उसस ठहराया था एक पतर उतपनन हआ 03 और इबराहीम न अपन पतर का नाम जो सारा स उतपनन हआ था इसहाक रखा 04 और जब उसका पतर इसहाक आठ दिन का हआ तब उसन परमशवर की आजञा क अनसार

उसका खतना षटिकया 05 और जब इबराहीम का पतर इसहाक उतपनन हआ तब वह एक सौ वरषोW का था 06 और सारा न कहा परमशवर न मझ पर6चछिललत कर दिया ह इसलिलय सब सनन वाल भी मर साथ

पर6चछिललत होग 07 षटि6र उसन यह भी कहा षटिक कया कोई कभी इबराहीम स कह सकता था षटिक सारा लडको को द षटिपलाएगी पर खो मझ स उसक बढाप म एक पतर उतपनन हआ 08 और वह लडका बढा और उसका द छडाया गया और इसहाक क द छडान क दिन इबराहीम न बडी जवनार की

09 तब सारा को मिमसरी हाजिजरा का पतर जो इबराहीम स उतपनन हआ था हसी करता हआ ख पडा 10 सो इस कारण उसन इबराहीम स कहा इस ासी को पतर सषटिहत बरबस षटिनकाल कयोषटिक इस

ासी का पतर मर पतर इसहाक क साथ भागी न होगा 11 यह बात इबराहीम को अपन पतर क कारण बरी लगी 12 तब परमशवर न इबराहीम स कहा उस लडक और अपनी ासी क कारण तझ बरा न लग जो

बात सारा तझ स कह उस मान कयोषटिक जो तरा वश कहलाएगा सो इसहाक ही स चलगा 13 ासी क पतर स भी म एक जाषटित उतपनन करगा इसलिलय षटिक वह तरा वश ह 14 सो इबराहीम न षटिबहान को तडक उठ कर रोटी और पानी स भरी चमड की थली भी हाजिजरा कोी और उसक क( पर रखी और उसक लडक को भी उस कर उसको षटिवा षटिकया सो वह चलीगई और बशiexclबा क जगल म भरमण करन लगी 15 जब थली का जल चक गया तब उसन लडक को एक झाडी क नीच छोड दिया 16 और आप उसस तीर भर क टपप पर दर जा कर उसक सामहन यह सोचकर बठ गई षटिक मझ को

लडक की मतय खनी न पड तब वह उसक सामहन बठी हई लिचलला लिचलला क रोन लगी 17 और परमशवर न उस लडक की सनी और उसक दत न सवगW स हाजिजरा को पकार क कहा ह

हाजिजरा तझ कया हआ मत डर कयोषटिक जहा तरा लडका ह वहा स उसकी आवाज परमशवर को सन पडी ह

18 उठ अपन लडक को उठा और अपन हाथ स समभाल कयोषटिक म उसक दवारा एक बडी जाषटितबनाऊगा 19 परमशवर न उसकी आख खोल ी और उसको एक कआ दिखाई पडा सो उसन जा कर थली

को जल स भर कर लडक को षटिपलाया 20 और परमशवर उस लडक क साथ रहा और जब वह बडा हआ तब जगल म रहत रहत नाWरी

बन गया 21 वह तो पारान नाम जगल म रहा करता था और उसकी माता न उसक लिलय मिमसर श स एक

सतरी मगवाई 22 उन दिनो म ऐसा हआ षटिक अबीमलक अपन सनापषटित पीकोल को सग ल कर इबराहीम स कहनलगा जो कछ त करता ह उस म परमशवर तर सग रहता ह 23 सो अब मझ स यहा इस षटिवरषोय म परमशवर की षटिकरिरया खा षटिक त न तो मझ स छल करगा और न कभी मर वश स करगा परनत जसी करणा म न तझ पर की ह वसी ही त मझ पर और इस श पर भी जिजस म त रहता ह करगा

24 इबराहीम न कहा म षटिकरिरया खाऊगा 25 और इबराहीम न अबीमलक को एक कए क षटिवरषोय म जो अबीमलक क ासो न बरीयाई स ल

लिलया था उलाहना दिया

26 तब अबीमलक न कहा म नही जानता षटिक षटिकस न यह काम षटिकया और त न भी मझ नहीबताया और न म न आज स पषटिहल इसक षटिवरषोय म कछ सना 27 तब इबराहीम न भड-बकरी और गाय- बल ल कर अबीमलक को दिए और उन ोनो न आपस म

वाचा बा(ी 28 और इबराहीम न भड की सात बचची अलग कर रखी 29 तब अबीमलक न इबराहीम स पछा इन सात बसतरिचचयो का जो त न अलग कर रखी ह कया

परयोजन ह 30 उसन कहा त इन सात बसतरिचचयो को इस बात की साकषी जान कर मर हाथ स ल षटिक म न कआ

खोा ह 31 उन ोनो न जो उस सथान म आपस म षटिकरिरया खाई इसी कारण उसका नाम बशiexclबा पडा 32 जब उनहोन बशiexclबा म परसपर वाचा बा(ी तब अबीमलक और उसका सनापषटित पीकोल उठ कर

पलिलसतरिशतयो क श म लौट गए 33 और इबराहीम न बशiexclबा म झाऊ का एक वकष लगाया और वहा यहोवा जो सनातन ईशव

अधयाय२२

01 इन बातो क पशचात ऐसा हआ षटिक परमशवर न इबराहीम स यह कहकर उसकी परीकषा की षटिक हइबराहीम उसन कहा ख म यहा ह 02 उसन कहा अपन पतर को अथाWत अपन एकलौत पतर इसहाक को जिजस स त परम रखता ह सग

ल कर मोरिरययाह श म चला जा और वहा उसको एक पहाड क ऊपर जो म तझ बताऊगा होमबलिल करक चढा

03 सो इबराहीम षटिबहान को तडक उठा और अपन गह पर काठी कसकर अपन ो सवक और अपन पतर इसहाक को सग लिलया और होमबलिल क लिलय लकडी चीर ली तब कच करक उस सथान

की ओर चला जिजसकी चचाW परमशवर न उसस की थी 04 तीसर दिन इबराहीम न आख उठा कर उस सथान को दर स खा 05 और उसन अपन सवको स कहा गह क पास यही ठहर रहो यह लडका और म वहा तक जाकर और णडवत करक षटि6र तमहार पास लौट आऊगा 06 सो इबराहीम न होमबलिल की लकडी ल अपन पतर इसहाक पर लाी और आग और छरी को

अपन हाथ म लिलया और व ोनो एक साथ चल पड 07 इसहाक न अपन षटिपता इबराहीम स कहा ह मर षटिपता उसन कहा ह मर पतर कया बात ह उसनकहा ख आग और लकडी तो ह पर होमबलिल क लिलय भड कहा ह 08 इबराहीम न कहा ह मर पतर परमशवर होमबलिल की भड का उपाय आप ही करगा 09 सो व ोनो सग सग आग चलत गए और व उस सथान को जिजस परमशवर न उसको बताया थापहच तब इबराहीम न वहा वी बनाकर लकडी को चन चनकर रखा और अपन पतर इसहाक को

बा( क वी पर की लकडी क ऊपर रख दिया 10 और इबराहीम न हाथ बढाकर छरी को ल लिलया षटिक अपन पतर को बलिल कर 11 तब यहोवा क दत न सवगW स उसको पकार क कहा ह इबराहीम ह इबराहीम उसन कहा ख म

यहा ह 12 उसन कहा उस लडक पर हाथ मत बढा और न उसस कछ कर कयोषटिक त न जो मझ स अपन पतर वरन अपन एकलौत पतर को भी नही रख छोडा इस स म अब जान गया षटिक त परमशवर का भय

मानता ह 13 तब इबराहीम न आख उठाई और कया खा षटिक उसक पीछ एक मढा अपन सीगो स एक झाडी म बझा हआ ह सो इबराहीम न जाक उस मढ को लिलया और अपन पतर की सनती होमबलिल करक

चढाया 14 और इबराहीम न उस सथान का नाम यहोवा मियर रखा इसक अनसार आज तक भी कहा जाताह षटिक यहोवा क पहाड पर उपाय षटिकया जाएगा

15 षटि6र यहोवा क दत न दसरी बार सवगW स इबराहीम को पकार क कहा 16 यहोवा की यह वाणी ह षटिक म अपनी ही यह शपथ खाता ह षटिक त न जो यह काम षटिकया ह षटिक

अपन पतर वरन अपन एकलौत पतर को भी नही रख छोडा 17 इस कारण म षटिनशचय तझ आशीरषो दगा और षटिनशचय तर वश को आकाश क तारागण और समदर

क तीर की बाल क षटिकनको क समान अनषटिगषटिनत करगा और तरा वश अपन शतरओ क नगरो का अलिकारी होगा

18 और पथवी की सारी जाषटितया अपन को तर वश क कारण नय मानगी कयोषटिक त न मरी बात मानी ह

19 तब इबराहीम अपन सवको क पास लौट आया और व सब बशiexclबा को सग सग गए और इबराहीम बशiexclबा म रहता रहा

20 इन बातो क पशचात ऐसा हआ षटिक इबराहीम को यह सनश मिमला षटिक मिमलका क तर भाई नाहोर स सनतान उतपनन हए ह

21 मिमलका क पतर तो य हए अथाWत उसका जठा ऊस और ऊस का भाई बज और कमएल जो अराम का षटिपता हआ

22 षटि6र कस हज़ो षटिपलाश मियलाप और बतएल 23 इन आठो को मिमलका इबराहीम क भाई नाहोर क जनमाए जनी और बतएल न रिरबका को उतपननषटिकया 24 षटि6र नाहोर क रमा नाम एक रखली भी थी जिजस स तबह गहम तहश और माका उतपननहए

अधयाय२३

01 सारा तो एक सौ सcाईस बरस की अवसथा को पहची और जब सारा की इतनी अवसथा हई 02 तब वह षटिकयWतबाW म मर गई यह तो कनान श म ह और हबरोन भी कहलाता ह सो इबराहीम

सारा क लिलय रोन पीटन को वहा गया 03 तब इबराहीम अपन मiexcl क पास स उठ कर षटिहलिcयो स कहन लगा 04 म तमहार बीच पाहन और परशी ह मझ अपन मधय म कमिबरसतान क लिलय ऐसी भमिम ो जो मरी

षटिनज की हो जाए षटिक म अपन मiexcl को गाड क अपन आख की ओट कर 05 षटिहलिcयो न इबराहीम स कहा 06 ह हमार परभ हमारी सन त तो हमार बीच म बडा परान ह सो हमारी कबरो म स जिजस को त

चाह उस म अपन मiexcl को गाड हम म स कोई तझ अपनी कबर क लन स न रोकगा षटिक त अपन मiexcl को उस म गाडन न पाए

07 तब इबराहीम उठ कर खडा हआ और षटिहलिcयो क सममख जो उस श क षटिनवासी थ णडवत करक कहन लगा

08 यदि तमहारी यह इचछा हो षटिक म अपन मiexcl को गाड क अपनी आख की ओट कर तो मरी पराथWना ह षटिक सोहर क पतर एपरोन स मर लिलय षटिबनती करो

09 षटिक वह अपनी मकपला वाली ग6ा जो उसकी भमिम की सीमा पर ह उसका परा ाम ल कर मझ षटिक वह तमहार बीच कमिबरसतान क लिलय मरी षटिनज भमिम हो जाए

10 और एपरोन तो षटिहलिcयो क बीच वहा बठा हआ था सो जिजतन षटिहcी उसक नगर क 6ाटक स हो कर भीतर जात थ उन सभो क सामहन उसन इबराहीम को उcर दिया

11 षटिक ह मर परभ ऐसा नही मरी सन वह भमिम म तझ ता ह और उस म जो ग6ा ह वह भी म तझ ता ह अपन जाषटित भाइयो क सममख म उस तझ को दिए ता ह सो अपन मiexcl को कबर म

रख 12 तब इबराहीम न उस श क षटिनवालिसयो क सामहन णडवत की

13 और उनक सनत हए एपरोन स कहा यदि त ऐसा चाह तो मरी सन उस भमिम का जो ाम हो वह म ना चाहता ह उस मझ स ल ल तब म अपन मiexcl को वहा गाडगा

14 एपरोन न इबराहीम को यह उcर दिया 15 षटिक ह मर परभ मरी बात सन एक भमिम का ाम तो चार सौ शकल रपा ह पर मर और तर

बीच म यह कया ह अपन मiexcl को कबर म रख 16 इबराहीम न एपरोन की मानकर उसको उतना रपा तौल दिया जिजतना उसन षटिहलिcयो क सनत हए

कहा था अथाWत चार सौ ऐस शकल जो वयापारिरयो म चलत थ 17 सो एपरोन की भमिम जो मामर क सममख की मकपला म थी वह ग6ा समत और उन सब वकषो

समत भी जो उस म और उसक चारोऔर सीमा पर थ 18 जिजतन षटिहcी उसक नगर क 6ाटक स हो कर भीतर जात थ उन सभो क सामहन इबराहीम क

अलिकार म पककी रीषटित स आ गई 19 इसक पशचात इबराहीम न अपनी पतनी सारा को उस मकपला वाली भमिम की ग6ा म जो मामर क

अथाWत हबरोन क सामहन कनान श म ह मिमटटी ी 20 और वह भमिम ग6ा समत जो उस म थी षटिहलिcयो की ओर स कमिबरसतान क लिलय इबराहीम क

अलिकार म पककी रीषटित स आ गई

अधयाय२४

01 इबराहीम वq था और उसकी आय बहत थी और यहोवा न सब बातो म उसको आशीरषो ी थी 02 सो इबराहीम न अपन उस ास स जो उसक घर म परषटिनया और उसकी सारी समपलिc पर

अलिकारी था कहा अपना हाथ मरी जाघ क नीच रख 03 और मझ स आकाश और पथवी क परमशवर यहोवा की इस षटिवरषोय म शपथ खा षटिक त मर पतर क

लिलय कनाषटिनयो की लडषटिकयो म स जिजनक बीच म रहता ह षटिकसी को न ल आएगा 04 परनत त मर श म मर ही कटतनिमबयो क पास जा कर मर पतर इसहाक क लिलय एक पतनी लआएगा 05 ास न उसस कहा कालिचत वह सतरी इस श म मर साथ आना न चाह तो कया मझ तर पतर

को उस श म जहा स त आया ह ल जाना पडगा 06 इबराहीम न उसस कहा चौकस रह मर पतर को वहा कभी न ल जाना 07 सवगW का परमशवर यहोवा जिजसन मझ मर षटिपता क घर स और मरी जनमभमिम स ल आकर मझ स

शपथ खाकर कहा षटिक म यह श तर वश को दगा वही अपना दत तर आग आग भजगा षटिक त मर पतर क लिलय वहा स एक सतरी ल आए

08 और यदि वह सतरी तर साथ आना न चाह तब तो त मरी इस शपथ स छट जाएगा पर मर पतर को वहा न ल जाना

09 तब उस ास न अपन सवामी इबराहीम की जाघ क नीच अपना हाथ रखकर उसस इसी षटिवरषोय की शपथ खाई

10 तब वह ास अपन सवामी क ऊटो म स स ऊट छाटकर उसक सब उcम उcम पाथN म स कछ कछ ल कर चला और मसोपोटामिमया म नाहोर क नगर क पास पहचा

11 और उसन ऊटो को नगर क बाहर एक कए क पास बठाया वह सधया का समय था जिजस समय सतरिसतरया जल भरन क लिलय षटिनकलती ह

12 सो वह कहन लगा ह मर सवामी इबराहीम क परमशवर यहोवा आज मर कायW को लिसq कर और मर सवामी इबराहीम पर करणा कर

13 ख म जल क इस सोत क पास खडा ह और नगरवालिसयो की बदिटया जल भरन क लिलय षटिनकली आती ह

14 सो ऐसा होन षटिक जिजस कनया स म कह षटिक अपना घडा मरी ओर झका षटिक म पीऊ और वह कह षटिक ल पी ल पीछ म तर ऊटो को भी पीलाऊगी सो वही हो जिजस त न अपन ास इसहाक

क लिलय ठहराया हो इसी रीषटित म जान लगा षटिक त न मर सवामी पर करणा की ह

15 और ऐसा हआ षटिक जब वह कह ही रहा था षटिक रिरबका जो इबराहीम क भाई नाहोर क जनमाय मिमलका क पतर बतएल की बटी थी वह क( पर घडा लिलय हए आई

16 वह अषटित सनर और कमारी थी और षटिकसी पररषो का मह न खा था वह कए म सोत क पास उतर गई और अपना घडा भर क षटि6र ऊपर आई

17 तब वह ास उसस भट करन को ौडा और कहा अपन घड म स थोडा पानी मझ षटिपला 18 उसन कहा ह मर परभ ल पी ल और उसन 6त स घडा उतार कर हाथ म लिलय लिलय उसको

षटिपला दिया 19 जब वह उसको षटिपला चकी तक कहा म तर ऊटो क लिलय भी तब तक पानी भर भर लाऊगी

जब तक व पी न चक 20 तब वह 6त स अपन घड का जल हौ म उणडल कर षटि6र कए पर भरन को ौड गई और

उसक सब ऊटो क लिलय पानी भर दिया 21 और वह पररषो उसकी ओर चपचाप अचमभ क साथ ताकता हआ यह सोचता था षटिक यहोवा न

मरी यातरा को स6ल षटिकया ह षटिक नही 22 जब ऊट पी चक तब उस पररषो न आ तोल सोन का एक नथ षटिनकाल कर उसको दिया और

स तोल सोन क कगन उसक हाथो म पषटिहना दिए 23 और पछा त षटिकस की बटी ह यह मझ को बता कया तर षटिपता क घर म हमार दिटकन क

लिलय सथान ह 24 उसन उcर दिया म तो नाहोर क जनमाए मिमलका क पतर बतएल की बटी ह 25 षटि6र उस न उस स कहा हमार यहा पआल और चारा बहत ह और दिटकन क लिलय सथान भी ह 26 तब उस पररषो न लिसर झका कर यहोवा को णडवत करक कहा 27 नय ह मर सवामी इबराहीम का परमशवर यहोवा षटिक उसन अपनी करणा और सचचाई को मर

सवामी पर स हटा नही लिलया यहोवा न मझ को ठीक मागW पर चला कर मर सवामी क भाई ब(ओ क घर पर पहचा दिया ह

28 और उस कनया न ौड कर अपनी माता क घर म यह सारा वcानत कह सनाया 29 तब लाबान जो रिरबका का भाई था सो बाहर कए क षटिनकट उस पररषो क पास ौडा गया 30 और ऐसा हआ षटिक जब उसन वह नथ और अपनी बषटिहन रिरबका क हाथो म व कगन भी ख

और उसकी यह बात भी सनी षटिक उस पररषो न मझ स ऐसी बात कही तब वह उस पररषो क पासगया और कया खा षटिक वह सोत क षटिनकट ऊटो क पास खडा ह 31 उसन कहा ह यहोवा की ओर स नय पररषो भीतर आ त कयो बाहर खडा ह म न घर को

और ऊटो क लिलय भी सथान तयार षटिकया ह 32 और वह पररषो घर म गया और लाबान न ऊटो की कादिठया खोल कर पआल और चारा दिया

और उसक और उसक सगी जनो क पाव ोन को जल दिया 33 तब इबराहीम क ास क आग जलपान क लिलय कछ रखा गया पर उसन कहा म जब तक अपना

परयोजन न कह द तब तक कछ न खाऊगा लाबान न कहा कह 34 तब उसन कहा म तो इबराहीम का ास ह 35 और यहोवा न मर सवामी को बडी आशीरषो ी ह सो वह महान पररषो हो गया ह और उसन

उसको भड-बकरी गाय-बल सोना-रपा ास-ालिसया ऊट और गह दिए ह 36 और मर सवामी की पतनी सारा क बढाप म उसस एक पतर उतपनन हआ ह और उस पतर को

इबराहीम न अपना सब कछ दिया ह 37 और मर सवामी न मझ यह शपथ खिखलाई षटिक म उसक पतर क लिलय कनाषटिनयो की लडषटिकयो म स

जिजन क श म वह रहता ह कोई सतरी न ल आऊगा 38 म उसक षटिपता क घर और कल क लोगो क पास जा कर उसक पतर क लिलय एक सतरी लआऊगा 39 तब म न अपन सवामी स कहा कालिचत वह सतरी मर पीछ न आए 40 तब उसन मझ स कहा यहोवा जिजसक सामहन म चलता आया ह वह तर सग अपन दत को

भज कर तरी यातरा को स6ल करगा सो त मर कल और मर षटिपता क घरान म स मर पतर क लिलय

एक सतरी ल आ सकगा 41 त तब ही मरी इस शपथ स छटगा जब त मर कल क लोगो क पास पहचगा अथाWत यदि व मझ

कोई सतरी न तो त मरी शपथ स छटगा 42 सो म आज उस कए क षटिनकट आकर कहन लगा ह मर सवामी इबराहीम क परमशवर यहोवा यदि त मरी इस यातरा को स6ल करता हो

43 तो ख म जल क इस कए क षटिनकट खडा ह सो ऐसा हो षटिक जो कमारी जल भरन क लिलय षटिनकल आए और म उसस कह अपन घड म स मझ थोडा पानी षटिपला

44 और वह मझ स कह पी ल और म तर ऊटो क पीन क लिलय भी पानी भर दगी वह वही सतरी हो जिजस को त न मर सवामी क पतर क लिलय ठहराया हो

45 म मन ही मन यह कह ही रहा था षटिक ख रिरबका क( पर घडा लिलय हए षटिनकल आई षटि6र वह सोत क पास उतर क भरन लगी और म न उसस कहा मझ षटिपला

46 और उसन 6त स अपन घड को क( पर स उतार क कहा ल पी ल पीछ म तर ऊटो को भीषटिपलाऊगी सो म न पी लिलया और उसन ऊटो को भी षटिपला दिया 47 तब म न उसस पछा षटिक त षटिकस की बटी ह और उसन कहा म तो नाहोर क जनमाए मिमलका

क पतर बतएल की बटी ह तब म न उसकी नाक म वह नथ और उसक हाथो म व कगन पषटिहनादिए 48 षटि6र म न लिसर झका कर यहोवा को णडवत षटिकया और अपन सवामी इबराहीम क परमशवर यहोवा

को नय कहा कयोषटिक उसन मझ ठीक मागW स पहचाया षटिक म अपन सवामी क पतर क लिलय उसकी भतीजी को ल जाऊ

49 सो अब यदि त मर सवामी क साथ कपा और सचचाई का वयवहार करना चाहत हो तो मझ सकहो और यदि नही चाहत हो तौभी मझ स कह ो ताषटिक म ाषटिहनी ओर वा बाई ओर षटि6र जाऊ 50 तब लाबान और बतएल न उcर दिया यह बात यहोवा की ओर स हई ह सो हम लोग तझ स न

तो भला कह सकत ह न बरा 51 ख रिरबका तर सामहन ह उसको ल जा और वह यहोवा क वचन क अनसार तर सवामी क

पतर की पतनी हो जाए 52 उनका यह वचन सनकर इबराहीम क ास न भमिम पर षटिगर क यहोवा को णडवत षटिकया 53 षटि6र उस ास न सोन और रप क गहन और वसतर षटिनकाल कर रिरबका को दिए और उसक

भाई और माता को भी उसन अनमोल अनमोल वसतए ी 54 तब उसन अपन सगी जनो समत भोजन षटिकया और रात वही षटिबताई और तडक उठ कर कहा

मझ को अपन सवामी क पास जान क लिलय षटिवा करो 55 रिरबका क भाई और माता न कहा कनया को हमार पास कछ दिन अथाWत कम स कम स दिन

रहन षटि6र उसक पशचात वह चली जाएगी56 उसन उन स कहा यहोवा न जो मरी यातरा को स6ल षटिकया ह सो तम मझ मत रोको अब मझ

षटिवा कर ो षटिक म अपन सवामी क पास जाऊ 57 उनहोन कहा हम कनया को बला कर पछत ह और खग षटिक वह कया कहती ह 58 सो उनहोन रिरबका को बला कर उसस पछा कया त इस मनषय क सग जाएगी उसन कहा हा म जाऊगी 59 तब उनहोन अपनी बषटिहन रिरबका और उसकी ाय और इबराहीम क ास और उसक साथी सभो

को षटिवा षटिकया 60 और उनहोन रिरबका को आशीवाW क कहा ह हमारी बषटिहन त हजारो लाखो की आदिमाता हो

और तरा वश अपन बरिरयो क नगरो का अलिकारी हो 61 इस पर रिरबका अपनी सहलिलयो समत चली और ऊट पर चढ क उस पररषो क पीछ हो ली सो

वह ास रिरबका को साथ ल कर चल दिया 62 इसहाक जो चछिकखन श म रहता था सो लहरोई नाम कए स हो कर चला आता था 63 और साझ क समय वह मान म धयान करन क लिलय षटिनकला था और उसन आख उठा कर कया खा षटिक ऊट चल आ रह ह

64 और रिरबका न भी आख उठा कर इसहाक को खा और खत ही ऊट पर स उतर पडी 65 तब उसन ास स पछा जो पररषो मान पर हम स मिमलन को चला आता ह सो कौन ह ास न कहा वह तो मरा सवामी ह तब रिरबका न घघट ल कर अपन मह को ढाप लिलया

66 और ास न इसहाक स अपना सारा वcानत वणWन षटिकया 67 तब इसहाक रिरबका को अपनी माता सारा क तमब म ल आया और उसको बयाह कर उसस परमषटिकया और इसहाक को माता की मतय क पशचात शातनिनत हई

अधयाय२५

01 तब इबराहीम न एक और पतनी बयाह ली जिजसका नाम कतरा था 02 और उसस जिजमरान योकषान मना मिमदयान मियशबाक और शह उतपनन हए 03 और योकषान स शबा और ान उतपनन हए और ान क वश म अशशरी लतशी और लममी

लोग हए 04 और मिमदयान क पतर एपा एपर हनोक अबीा और एला हए स सब कतरा क सनतान हए 05 इसहाक को तो इबराहीम न अपना सब कछ दिया 06 पर अपनी रखलिलयो क पतरो को कछ कछ कर अपन जीत जी अपन पतर इसहाक क पास स

परब श म भज दिया 07 इबराहीम की सारी अवसथा एक सौ पचहcर वरषोW की हई 08 और इबराहीम का ीघाWय होन क कारण अथाWत पर बढाप की अवसथा म पराण छट गया और वह

अपन लोगो म जा मिमला 09 और उसक पतर इसहाक और इशमाएल न षटिहcी सोहर क पतर एपरोन की ममर क सममख वाली

भमिम म जो मकपला की ग6ा थी उस म उसको मिमटटी ी गई 10 अथाWत जो भमिम इबराहीम न षटिहलिcयो स मोल ली थी उसी म इबराहीम और उस की पतनी सारा

ोनो को मिमटटी ी गई 11 इबराहीम क मरन क पशचात परमशवर न उसक पतर इसहाक को जो लहरोई नाम कए क पास रहता

था आशीरषो ी 12 इबराहीम का पतर इशमाएल जो सारा की लौडी हाजिजरा मिमसरी स उतपनन हआ था उसकी यह

वशावली ह 13 इशमाएल क पतरो क नाम और वशावली यह ह अथाWत इशमाएल का जठा पतर नबायोत षटि6रकार अदबल मिमबसाम 14 मिमशमा दमा मससा 15 हर तमा यतर नपीश और कमा 16 इशमाएल क पतर य ही हए और इनही क नामो क अनसार इनक गावो और छावषटिनयो क नाम

भी पड और य ही बारह अपन अपन कल क परान हए 17 इशमाएल की सारी अवसथा एक सौ सतीस वरषोW की हई तब उसक पराण छट गए और वह अपन

लोगो म जा मिमला 18 और उसक वश हवीला स शर तक जो मिमसर क सममख अशशर क मागW म ह बस गए और

उनका भाग उनक सब भाई ब(ओ क सममख पडा 19 इबराहीम क पतर इसहाक की वशावली यह ह इबराहीम स इसहाक उतपनन हआ 20 और इसहाक न चालीस वरषोW का हो कर रिरबका को जो पददनराम क वासी अरामी बतएल कीबटी और अरामी लाबान की बषटिहन भी बयाह लिलया 21 इसहाक की पतनी तो बाझ थी सो उस न उस क षटिनमिमc यहोवा स षटिबनती की और यहोवा न

उसकी षटिबनती सनी सो उसकी पतनी रिरबका गभWवती हई 22 और लडक उसक गभW म आपस म लिलपट क एक दसर को मारन लग तब उसन कहा मरी जो

ऐसी ही शा रहगी तो म कयोकर जीषटिवत रहगी और वह यहोवा की इचछा पछन को गई 23 तब यहोवा न उसस कहा तर गभW म ो जाषटितया ह और तरी कोख स षटिनकलत ही ो राजय क

लोग अलग अलग होग और एक राजय क लोग दसर स अलिक सामथ होग और बडा बटा छोट क आीन होगा

24 जब उसक पतर उतपनन होन का समय आया तब कया परगट हआ षटिक उसक गभW म जडव बालकह 25 और पषटिहला जो उतपनन हआ सो लाल षटिनकला और उसका सारा शरीर कमबल क समान रोममयथा सो उसका नाम ऐसाव रखा गया 26 पीछ उसका भाई अपन हाथ स ऐसाव की एडी पकड हए उतपनन हआ और उसका नाम याकब

रखा गया और जब रिरबका न उन को जनम दिया तब इसहाक साठ वरषोW का था 27 षटि6र व लडक बढन लग और ऐसाव तो वनवासी हो कर चतर णिशकार खलन वाला हो गया पर

याकब सीा मनषय था और तमबओ म रहा करता था 28 और इसहाक तो ऐसाव क अहर का मास खाया करता था इसलिलय वह उसस परीषटित रखता था

पर रिरबका याकब स परीषटित रखती थी 29 याकब भोजन क लिलय कछ ाल पका रहा था और ऐसाव मान स थका हआ आया 30 तब ऐसाव न याकब स कहा वह जो लाल वसत ह उसी लाल वसत म स मझ कछ खिखला

कयोषटिक म थका ह इसी कारण उसका नाम एोम भी पडा 31 याकब न कहा अपना पषटिहलौठ का अलिकार आज मर हाथ बच 32 ऐसाव न कहा ख म तो अभी मरन पर ह सो पषटिहलौठ क अलिकार स मरा कया लाभ होगा 33 याकब न कहा मझ स अभी शपथ खा सो उसन उसस शपथ खाई और अपना पषटिहलौठ का

अलिकार याकब क हाथ बच डाला 34 इस पर याकब न ऐसाव को रोटी और पकाई हई मसर की ाल ी और उसन खाया षटिपया तब

उठ कर चला गया यो ऐसाव न अपना पषटिहलौठ का अलिकार तचछ जाना

अधयाय२६

01 और उस श म अकाल पडा वह उस पषटिहल अकाल स अलग था जो इबराहीम क दिनो म पडा था सो इसहाक गरार को पलिलसतरिशतयो क राजा अबीमलक क पास गया

02 वहा यहोवा न उसको शWन कर कहा मिमसर म मत जा जो श म तझ बताऊ उसी म रह 03 त इसी श म रह और म तर सग रहगा और तझ आशीरषो दगा और य सब श म तझ को

और तर वश को दगा और जो शपथ म न तर षटिपता इबराहीम स खाई थी उस म परी करगा 04 और म तर वश को आकाश क तारागण क समान करगा और म तर वश को य सब श दगा

और पथवी की सारी जाषटितया तर वश क कारण अपन को नय मानगी 05 कयोषटिक इबराहीम न मरी मानी और जो म न उस सौपा था उसको और मरी आजञाओ षटिवलियो

और वयवसथा का पालन षटिकया 06 सो इसहाक गरार म रह गया 07 जब उस सथान क लोगो न उसकी पतनी क षटिवरषोय म पछा तब उसन यह सोच कर षटिक यदि म

उसको अपनी पतनी कह तो यहा क लोग रिरबका क कारण जो परमसनरी ह मझ को मार डालग उcर दिया वह तो मरी बषटिहन ह

08 जब उसको वहा रहत बहत दिन बीत गए तब एक दिन पलिलसतरिशतयो क राजा अबीमलक न खिखडकी म स झाक क कया खा षटिक इसहाक अपनी पतनी रिरबका क साथ करीडा कर रहा ह

09 तब अबीमलक न इसहाक को बलवा कर कहा वह तो षटिनशचय तरी पतनी ह षटि6र त न कयोकर उसको अपनी बषटिहन कहा इसहाक न उcर दिया म न सोचा था षटिक ऐसा न हो षटिक उसक कारण

मरी मतय हो 10 अबीमलक न कहा त न हम स यह कया षटिकया ऐस तो परजा म स कोई तरी पतनी क साथ

सहज स ककमW कर सकता और त हम को पाप म 6साता 11 और अबीमलक न अपनी सारी परजा को आजञा ी षटिक जो कोई उस पररषो को वा उस सतरी कोछएगा सो षटिनशचय मार डाला जाएगा

12 षटि6र इसहाक न उस श म जोता बोया और उसी वरषोW म सौ गणा 6ल पाया और यहोवा न उसको आशीरषो ी

13 और वह बढा और उसकी उननषटित होती चली गई यहा तक षटिक वह अषटित महान पररषो हो गया 14 जब उसक भड-बकरी गाय-बल और बहत स ास- ालिसया हई तब पलिलशती उसस डाह करनलग 15 सो जिजतन कओ को उसक षटिपता इबराहीम क ासो न इबराहीम क जीत जी खोा था उन को

पलिलसतरिशतयो न मिमटटी स भर दिया 16 तब अबीमलक न इसहाक स कहा हमार पास स चला जा कयोषटिक त हम स बहत सामथ हो

गया ह 17 सो इसहाक वहा स चला गया और गरार क नाल म तमब खडा करक वहा रहन लगा 18 तब जो कए उसक षटिपता इबराहीम क दिनो म खो गए थ और इबराहीम क मरन क पीछ

पलिलसतरिशतयो न भर दिए थ उन को इसहाक न षटि6र स खवाया और उनक व ही नाम रख जो उसक षटिपता न रख थ

19 षटि6र इसहाक क ासो को नाल म खोत खोत बहत जल का एक सोता मिमला 20 तब गरारी चरवाहो न इसहाक क चरवाहो स झगडा षटिकया और कहा षटिक यह जल हमारा ह सो

उसन उस कए का नाम एसक रखा इसलिलय षटिक व उसस झगड थ 21 षटि6र उनहोन दसरा कआ खोा और उनहोन उसक लिलय भी झगडा षटिकया सो उसन उसका नाम

लिसतरा रखा 22 तब उसन वहा स कच करक एक और कआ खवाया और उसक लिलय उनहोन झगडा न षटिकया

सो उसन उसका नाम यह कह कर रहोबोत रखा षटिक अब तो यहोवा न हमार लिलय बहत सथान दियाह और हम इस श म 6ल-6लग 23 वहा स वह बशiexclबा को गया 24 और उसी दिन यहोवा न रात को उस शWन कर कहा म तर षटिपता इबराहीम का परमशवर ह मतडर कयोषटिक म तर साथ ह और अपन ास इबराहीम क कारण तझ आशीरषो दगा और तरा वशबढाऊगा 25 तब उसन वहा एक वी बनाई और यहोवा स पराथWना की और अपना तमब वही खडा षटिकया

और वहा इसहाक क ासो न एक कआ खोा 26 तब अबीमलक अपन मिमतर अहजजत और अपन सनापषटित पीकोल को सग ल कर गरार स उसक

पास गया 27 इसहाक न उन स कहा तम न मझ स बर करक अपन बीच स षटिनकाल दिया था सो अब मर

पास कयो आए हो 28 उनहोन कहा हम न तो परतयकष खा ह षटिक यहोवा तर साथ रहता ह सो हम न सोचा षटिक त तो

यहोवा की ओर स नय ह सो हमार तर बीच म शपथ खाई जाए और हम तझ स इस षटिवरषोय की वाचा ब(ाए

29 षटिक जस हम न तझ नही छआ वरन तर साथ षटिनरी भलाई की ह और तझ को कशल कषम स षटिवा षटिकया उसक अनसार त भी हम स कोई बराई न करगा

30 तब उसन उनकी जवनार की और उनहोन खाया षटिपया 31 षटिबहान को उन सभो न तडक उठ कर आपस म शपथ खाई तब इसहाक न उन को षटिवा षटिकया

और व कशल कषम स उसक पास स चल गए 32 उसी दिन इसहाक क ासो न आकर अपन उस खो हए कए का वcानत सना क कहा षटिक हम

को जल का एक सोता मिमला ह 33 तब उसन उसका नाम णिशबा रखा इसी कारण उस नगर का नाम आज तक बशiexclबा पडा ह 34 जब ऐसाव चालीस वरषोW का हआ तब उसन षटिहcी बरी की बटी यहीत और षटिहcी एलोन की

बटी बाशमत को बयाह लिलया 35 और इन सतरिसतरयो क कारण इसहाक और रिरबका क मन को ख हआ

अधयाय२७

01 जब इसहाक बढा हो गया और उसकी आख ऐसी ली पड गई षटिक उसको सझता न था तब उसन अपन जठ पतर ऐसाव को बला कर कहा ह मर पतर उसन कहा कया आजञा

02 उसन कहा सन म तो बढा हो गया ह और नही जानता षटिक मरी मतय का दिन कब होगा 03 सो अब त अपना तरकश और नरषो आदि हलिथयार ल कर मान म जा और मर लिलय षटिहरन का

अहर कर ल आ 04 तब मरी रलिच क अनसार सवादि भोजन बना कर मर पास ल आना षटिक म उस खा कर मरन स

पहल तझ जी भर क आशीवाW द 05 तब ऐसाव अहर करन को मान म गया जब इसहाक ऐसाव स यह बात कह रहा था तब

रिरबका सन रही थी 06 सो उसन अपन पतर याकब स कहा सन म न तर षटिपता को तर भाई ऐसाव स यह कहत सना 07 षटिक त मर लिलय अहर कर क उसका सवादि भोजन बना षटिक म उस खा कर तझ यहोवा क आग

मरन स पषटिहल आशीवाW द 08 सो अब ह मर पतर मरी सन और यह आजञा मान 09 षटिक बकरिरयो क पास जा कर बकरिरयो क ो अचछ अचछ बचच ल आ और म तर षटिपता क लिलय

उसकी रलिच क अनसार उन क मास का सवादि भोजन बनाऊगी 10 तब त उसको अपन षटिपता क पास ल जाना षटिक वह उस खा कर मरन स पषटिहल तझ को

आशीवाW 11 याकब न अपनी माता रिरबका स कहा सन मरा भाई ऐसाव तो रोआर पररषो ह और म रोमहीन

पररषो ह 12 कालिचत मरा षटिपता मझ टटोलन लग तो म उसकी दषटि म ठग ठहरगा और आशीरषो क बल

शाप ही कमाऊगा 13 उसकी माता न उसस कहा ह मर पतर शाप तझ पर नही मझी पर पड त कवल मरी सन और

जा कर व बचच मर पास ल आ 14 तब याकब जा कर उन को अपनी माता क पास ल आया और माता न उसक षटिपता की रलिच क

अनसार सवादि भोजन बना दिया 15 तब रिरबका न अपन पषटिहलौठ पतर ऐसाव क सनर वसतर जो उसक पास घर म थ ल कर अपन

लहर पतर याकब को पषटिहना दिए 16 और बकरिरयो क बचचो की खालो को उसक हाथो म और उसक लिचकन गल म लपट दिया 17 और वह सवादि भोजन और अपनी बनाई हई रोटी भी अपन पतर याकब क हाथ म ी 18 सो वह अपन षटिपता क पास गया और कहा ह मर षटिपता उसन कहा कया बात ह ह मर पतर त

कौन ह 19 याकब न अपन षटिपता स कहा म तरा जठा पतर ऐसाव ह म न तरी आजञा क अनसार षटिकया ह

सो उठ और बठ कर मर अहर क मास म स खा षटिक त जी स मझ आशीवाW 20 इसहाक न अपन पतर स कहा ह मर पतर कया कारण ह षटिक वह तझ इतनी जली मिमल गया

उसन यह उcर दिया षटिक तर परमशवर यहोवा न उसको मर सामहन कर दिया 21 षटि6र इसहाक न याकब स कहा ह मर पतर षटिनकट आ म तझ टटोल कर जान षटिक त सचमच

मरा पतर ऐसाव ह या नही 22 तब याकब अपन षटिपता इसहाक क षटिनकट गया और उसन उसको टटोल कर कहा बोल तो

याकब का सा ह पर हाथ ऐसाव ही क स जान पडत ह 23 और उसन उसको नही चीनहा कयोषटिक उसक हाथ उसक भाई क स रोआर थ सो उस न उसको

आशीवाW दिया 24 और उसन पछा कया त सचमच मरा पतर ऐसाव ह उसन कहा हा म ह 25 तब उसन कहा भोजन को मर षटिनकट ल आ षटिक म अपन पतर क अहर क मास म स खाकर

तझ जी स आशीवाW द तब वह उसको उसक षटिनकट ल आया और उसन खाया और वह उसक

पास ाखम भी लाया और उसन षटिपया 26 तब उसक षटिपता इसहाक न उसस कहा ह मर पतर षटिनकट आकर मझ चम 27 उसन षटिनकट जा कर उसको चमा और उसन उसक वसतरो की सग( पाकर उसको य़ह आशीवाW दिया षटिक ख मर पतर का सग( जो ऐस खत का सा ह जिजस पर यहोवा न आशीरषो ी हो 28 सो परमशवर तझ आकाश स ओस और भमिम की उcम स उcम उपज और बहत सा अनाज

और नया ाखम 29 राजय राजय क लोग तर आीन हो और श श क लोग तझ णडवत कर त अपन भाइयो का

सवामी हो और तरी माता क पतर तझ णडवत कर जो तझ शाप सो आप ही सराषटिपत हो और जो तझ आशीवाW सो आशीरषो पाए

30 यह आशीवाW इसहाक याकब को ही चका और याकब अपन षटिपता इसहाक क सामहन स षटिनकला ही था षटिक ऐसाव अहर ल कर आ पहचा

31 तब वह भी सवादि भोजन बना कर अपन षटिपता क पास ल आया और उस स कहा ह मरषटिपता उठ कर अपन पतर क अहर का मास खा ताषटिक मझ जी स आशीवाW 32 उसक षटिपता इसहाक न पछा त कौन ह उसन कहा म तरा जठा पतर ऐसाव ह 33 तब इसहाक न अतयनत थरथर कापत हए कहा षटि6र वह कौन था जो अहर करक मर पास ल

आया था और म न तर आन स पषटिहल सब म स कछ कछ खा लिलया और उसको आशीवाW दिया वरन उसको आशीरषो लगी भी रहगी

34 अपन षटिपता की यह बात सनत ही ऐसाव न अतयनत ऊच और द ख भर सवर स लिचललाकर अपन षटिपता स कहा ह मर षटिपता मझ को भी आशीवाW

35 उसन कहा तरा भाई तWता स आया और तर आशीवाW को लक चला गया 36 उसन कहा कया उसका नाम याकब यथाथW नही रखा गया उसन मझ ो बार अडगा मारा मरा

पषटिहलौठ का अलिकार तो उसन ल ही लिलया था और अब ख उसन मरा आशीवाW भी ल लिलया ह षटि6र उसन कहा कया त न मर लिलय भी कोई आशीवाW नही सोच रखा ह

37 इसहाक न ऐसाव को उcर कर कहा सन म न उसको तरा सवामी ठहराया और उसक सब भाइयो को उसक आीन कर दिया और अनाज और नया ाखम कर उसको प षटिकया ह सो

अब ह मर पतर म तर लिलय कया कर 38 ऐसाव न अपन षटिपता स कहा ह मर षटिपता कया तर मन म एक ही आशीवाW ह ह मर षटिपता मझ

को भी आशीवाW यो कह कर ऐसाव 6ट 6ट क रोया 39 उसक षटिपता इसहाक न उसस कहा सन तरा षटिनवास उपजाऊ भमिम पर हो और ऊपर स

आकाश की ओस उस पर पड 40 और त अपनी तलवार क बल स जीषटिवत रह और अपन भाई क आीन तो होए पर जब त

सवाीन हो जाएगा तब उसक जए को अपन क( पर स तोड 6 क 41 ऐसाव न तो याकब स अपन षटिपता क दिए हए आशीवाW क कारण बर रखा सो उसन सोचा षटिक

मर षटिपता क अनतकाल का दिन षटिनकट ह षटि6र म अपन भाई याकब को घात करगा 42 जब रिरबका को अपन पषटिहलौठ पतर ऐसाव की य बात बताई गई तब उसन अपन लहर पतर

याकब को बला कर कहा सन तरा भाई ऐसाव तझ घात करन क लिलय अपन मन को ीरज रहाह 43 सो अब ह मर पतर मरी सन और हारान को मर भाई लाबान क पास भाग जा 44 और थोड दिन तक अथाWत जब तक तर भाई का करो न उतर तब तक उसी क पास रहना 45 षटि6र जब तर भाई का करो तझ पर स उतर और जो काम त न उस स षटिकया ह उसको वह भल जाए तब म तझ वहा स बलवा भजगी ऐसा कयो हो षटिक एक ही दिन म मझ तम ोनो स रषटिहत होनापड 46 षटि6र रिरबका न इसहाक स कहा षटिहcी लडषटिकयो क कारण म अपन पराण स मिघन करती ह सो

यदि ऐसी षटिहcी लडषटिकयो म स जसी इस श की लडषटिकया ह याकब भी एक को कही बयाह ल तो मर जीवन म कया लाभ होगा

अधयाय२८

01 तब इसहाक न याकब को बलाकर आशीवाW दिया और आजञा ी षटिक त षटिकसी कनानी लडकी को न बयाह लना

02 पददनराम म अपन नाना बतएल क घर जा कर वहा अपन मामा लाबान की एक बटी को बयाहलना 03 और सवWशलिकतमान ईशवर तझ आशीरषो और 6ला- 6ला कर बढाए और त राजय राजय की

मणडली का मल हो 04 और वह तझ और तर वश को भी इबराहीम की सी आशीरषो षटिक त यह श जिजस म त परशी

हो कर रहता ह और जिजस परमशवर न इबराहीम को दिया था उसका अलिकारी हो जाए 05 और इसहाक न याकब को षटिवा षटिकया और वह पददनराम को अरामी बतएल क उस पतर लाबान

क पास चला जो याकब और ऐसाव की माता रिरबका का भाई था 06 जब इसहाक न याकब को आशीवाW कर पददनराम भज दिया षटिक वह वही स पतनी बयाह लाए

और उसको आशीवाW न क समय यह आजञा भी ी षटिक त षटिकसी कनानी लडकी को बयाह न लना 07 और याकब माता षटिपता की मान कर पददनराम को चल दिया 08 तब ऐसाव यह सब ख क और यह भी सोच कर षटिक कनानी लडषटिकया मर षटिपता इसहाक को

बरी लगती ह 09 इबराहीम क पतर इशमाएल क पास गया और इशमाएल की बटी महलत को जो नबायोत की

बषटिहन थी बयाह कर अपनी पतनितनयो म मिमला लिलया 10 सो याकब बशiexclबा स षटिनकल कर हारान की ओर चला 11 और उसन षटिकसी सथान म पहच कर रात वही षटिबतान का षटिवचार षटिकया कयोषटिक सयW असत हो गया था सो उसन उस सथान क पतथरो म स एक पतथर ल अपना तषटिकया बना कर रखा और उसी सथान म सो गया

12 तब उसन सवपन म कया खा षटिक एक सीढी पथवी पर खडी ह और उसका लिसरा सवगW तक पहचा ह और परमशवर क दत उस पर स चढत उतरत ह 13 और यहोवा उसक ऊपर खडा हो कर कहता ह षटिक म यहोवा तर ाा इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का भी परमशवर ह जिजस भमिम पर त पडा ह उस म तझ को और तर वश को दगा 14 और तरा वश भमिम की ल क षटिकनको क समान बहत होगा और पचछिचछम परब उcर चछिकखन चारो ओर 6लता जाएगा और तर और तर वश क दवारा पथवी क सार कल आशीरषो पाएग 15 और सन म तर सग रहगा और जहा कही त जाए वहा तरी रकषा करगा और तझ इस श म

लौटा ल आऊगा म अपन कह हए को जब तक परा न कर ल तब तक तझ को न छोडगा 16 तब याकब जाग उठा और कहन लगा षटिनशचय इस सथान म यहोवा ह और म इस बात को न

जानता था 17 और भय खा कर उसन कहा यह सथान कया ही भयानक ह यह तो परमशवर क भवन को छोड

और कछ नही हो सकता वरन यह सवगW का 6ाटक ही होगा 18 भोर को याकब तडक उठा और अपन तषटिकए का पतथर ल कर उसका खमभा खडा षटिकया और

उसक लिसर पर तल डाल दिया 19 और उसन उस सथान का नाम बतल रखा पर उस नगर का नाम पषटिहल लज था 20 और याकब न यह मननत मानी षटिक यदि परमशवर मर सग रहकर इस यातरा म मरी रकषा कर और

मझ खान क लिलय रोटी और पषटिहनन क लिलय कपडा 21 और म अपन षटिपता क घर म कशल कषम स लौट आऊ तो यहोवा मरा परमशवर ठहरगा 22 और यह पतथर जिजसका म न खमभा खडा षटिकया ह परमशवर का भवन ठहरगा और जो कछ त

मझ उसका शमाश म अवशय ही तझ दिया करगा

अधयाय२९

01 षटि6र याकब न अपना मागW लिलया और परवविववयो क श म आया 02 और उसन दषटि करक कया खा षटिक मान म एक कआ ह और उसक पास भड- बकरिरयो क

तीन झणड बठ हए ह कयोषटिक जो पतथर उस कए क मह पर रा रहता था जिजस म स झणडो को जल षटिपलाया जाता था वह भारी था

03 और जब सब झणड वहा इकटठ हो जात तब चरवाह उस पतथर को कए क मह पर स लढका करभड- बकरिरयो को पानी षटिपलात और षटि6र पतथर को कए क मह पर जयो का तयो रख त थ 04 सो याकब न चरवाहो स पछा ह मर भाइयो तम कहा क हो उनहोन कहा हम हारान क ह 05 तब उसन उन स पछा कया तम नाहोर क पोत लाबान को जानत हो उनहोन कहा हा हम उस

जानत ह 06 षटि6र उसन उन स पछा कया वह कशल स ह उनहोन कहा हा कशल स तो ह और वह ख

उसकी बटी राहल भड- बकरिरयो को लिलय हए चली आती ह 07 उसन कहा खो अभी तो दिन बहत ह पशओ क इकटठ होन का समय नही सो भड- बकरिरयो

को जल षटिपलाकर षटि6र ल जा कर चराओ 08 उनहोन कहा हम अभी ऐसा नही कर सकत जब सब झणड इकटठ होत ह तब पतथर कए क मह

स लढकाया जाता ह और तब हम भड- बकरिरयो को पानी षटिपलात ह 09 उनकी यह बातचीत हो रही थी षटिक राहल जो पश चराया करती थी सो अपन षटिपता की भड-

बकरिरयो को लिलय हए आ गई 10 अपन मामा लाबान की बटी राहल को और उसकी भड- बकरिरयो को भी ख कर याकब न

षटिनकट जा कर कए क मह पर स पतथर को लढका कर अपन मामा लाबान की भड- बकरिरयो को पानीषटिपलाया 11 तब याकब न राहल को चमा और ऊच सवर स रोया 12 और याकब न राहल को बता दिया षटिक म तरा 66रा भाई ह अथाWत रिरबका का पतर ह तब

उसन ौड क अपन षटिपता स कह दिया 13 अपन भानज याकब का समाचार पात ही लाबान उसस भट करन को ौडा और उसको गल

लगाकर चमा षटि6र अपन घर ल आया और याकब न लाबान स अपना सब वcानत वणWन षटिकया 14 तब लाबान न याकब स कहा त तो सचमच मरी हmी और मास ह सो याकब एक महीना भर

उसक साथ रहा 15 तब लाबान न याकब स कहा भाईब( होन क कारण तझ स सतमत सवा कराना मझ उलिचत

नही ह सो कह म तझ सवा क बल कया द16 लाबान क ो बदिटया थी जिजन म स बडी का नाम लिलआ और छोटी का राहल था 17 लिलआ क तो (ली आख थी पर राहल रपवती और सनर थी 18 सो याकब न जो राहल स परीषटित रखता था कहा म तरी छोटी बटी राहल क लिलय सात बरस

तरी सवा करगा 19 लाबान न कहा उस पराए पररषो को न स तझ को ना उcम होगा सो मर पास रह 20 सो याकब न राहल क लिलय सात बरस सवा की और व उसको राहल की परीषटित क कारण थोड

ही दिनो क बराबर जान पड 21 तब याकब न लाबान स कहा मरी पतनी मझ और म उसक पास जाऊगा कयोषटिक मरा समय

परा हो गया ह 22 सो लाबान न उस सथान क सब मनषयो को बला कर इकटठा षटिकया और उनकी जवनार की 23 साझ क समय वह अपनी बटी लिलआ को याकब क पास ल गया और वह उसक पास गया 24 और लाबान न अपनी बटी लिलआ को उसकी लौडी होन क लिलय अपनी लौडी जिजलपा ी 25 भोर को मालम हआ षटिक यह तो लिलआ ह सो उसन लाबान स कहा यह त न मझ स कया षटिकयाह म न तर साथ रहकर जो तरी सवा की सो कया राहल क लिलय नही की षटि6र त न मझ स कयो

ऐसा छल षटिकया ह 26 लाबान न कहा हमार यहा ऐसी रीषटित नही षटिक जठी स पषटिहल दसरी का षटिववाह कर 27 इसका सपताह तो परा कर षटि6र दसरी भी तझ उस सवा क लिलय मिमलगी जो त मर साथ रह कर

और सात वरषोW तक करगा 28 सो याकब न ऐसा ही षटिकया और लिलआ क सपताह को परा षटिकया तब लाबान न उस अपनी

बटी राहल को भी दिया षटिक वह उसकी पतनी हो 29 और लाबान न अपनी बटी राहल की लौडी होन क लिलय अपनी लौडी षटिबलहा को दिया 30 तब याकब राहल क पास भी गया और उसकी परीषटित लिलआ स अलिक उसी पर हई और उसन

लाबान क साथ रहकर सात वरषोW और उसकी सवा की 31 जब यहोवा न खा षटिक लिलआ अषटिपरय हई तब उसन उसकी कोख खोली पर राहल बाझ रही 32 सो लिलआ गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसन यह कहकर उसका नाम

रबन रखा षटिक यहोवा न मर द ख पर दषटि की ह सो अब मरा पषटित मझ स परीषटित रखगा 33 षटि6र वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसन यह कहा षटिक यह सनक षटिक म

अषटिपरय ह यहोवा न मझ यह भी पतर दिया इसलिलय उसन उसका नाम णिशमोन रखा 34 षटि6र वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसन कहा अब की बार तो मरा

पषटित मझ स मिमल जाएगा कयोषटिक उसस मर तीन पतर उतपनन हए इसलिलय उसका नाम लवी रखागया 35 और षटि6र वह गभWवती हई और उसक एक और पतर उतपनन हआ और उसन कहा अब की बार

तो म यहोवा का नयवा करगी इसलिलय उसन उसका नाम यहा रखा तब उसकी कोख बन होगई

अधयाय३०

01 जब राहल न खा षटिक याकब क लिलय मझ स कोई सनतान नही होता तब वह अपनी बषटिहन स डाह करन लगी और याकब स कहा मझ भी सनतान नही तो मर जाऊगी

02 तब याकब न राहल स करोलित हो कर कहा कया म परमशवर ह तरी कोख तो उसी न बन कर रखी ह

03 राहल न कहा अचछा मरी लौडी षटिबलहा हाजिजर ह उसी क पास जा वह मर घटनो पर जनगी और उसक दवारा मरा भी घर बसगा

04 तो उसन उस अपनी लौडी षटिबलहा को दिया षटिक वह उसकी पतनी हो और याकब उसक पासगया 05 और षटिबलहा गभWवती हई और याकब स उसक एक पतर उतपनन हआ 06 और राहल न कहा परमशवर न मरा नयाय चकाया और मरी सन कर मझ एक पतर दिया इसलिलय

उसन उसका नाम ान रखा 07 और राहल की लौडी षटिबलहा षटि6र गभWवती हई और याकब स एक पतर और उतपनन हआ 08 तब राहल न कहा म न अपनी बषटिहन क साथ बड बल स लिलपट कर मललयq षटिकया और अब

जीत गई सो उसन उसका नाम नपताली रखा 09 जब लिलआ न खा षटिक म जनन स रषटिहत हो गई ह तब उसन अपनी लौडी जिजलपा को ल कर

याकब की पतनी होन क लिलय दिया 10 और लिलआ की लौडी जिजलपा क भी याकब स एक पतर उतपनन हआ 11 तब लिलआ न कहा अहो भागय सो उसन उसका नाम गा रखा 12 षटि6र लिलआ की लौडी जिजलपा क याकब स एक और पतर उतपनन हआ 13 तब लिलआ न कहा म नय ह षटिनशचय सतरिसतरया मझ नय कहगी सो उसन उसका नाम आशररखा 14 गह की कटनी क दिनो म रबन को मान म दा6ल मिमल और वह उन को अपनी माता लिलआ

क पास ल गया तब राहल न लिलआ स कहा अपन पतर क दा6लो म स कछ मझ 15 उसन उसस कहा त न जो मर पषटित को ल लिलया ह सो कया छोटी बात ह अब कया त मर पतर क

दा6ल भी लन चाहती ह राहल न कहा अचछा तर पतर क दा6लो क बल वह आज रात को तर सग सोएगा

16 सो साझ को जब याकब मान स आ रहा था तब लिलआ उसस भट करन को षटिनकली औरकहा तझ मर ही पास आना होगा कयोषटिक म न अपन पतर क दा6ल कर तझ सचमच मोल लिलया

तब वह उस रात को उसी क सग सोया 17 तब परमशवर न लिलआ की सनी सो वह गभWवती हई और याकब स उसक पाचवा पतर उतपननहआ 18 तब लिलआ न कहा म न जो अपन पषटित को अपनी लौडी ी इसलिलय परमशवर न मझ मरी मजरी

ी ह सो उसन उसका नाम इससाकार रखा 19 और लिलआ षटि6र गभWवती हई और याकब स उसक छठवा पतर उतपनन हआ 20 तब लिलआ न कहा परमशवर न मझ अचछा ान दिया ह अब की बार मरा पषटित मर सग बनारहगा कयोषटिक मर उसस छ पतर उतपनन चक ह स उसन उसका नाम जबलन रखा 21 ततपशचात उसक एक बटी भी हई और उसन उसका नाम ीना रखा 22 और परमशवर न राहल की भी सलि ली और उसकी सनकर उसकी कोख खोली 23 सो वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ सो उसन कहा परमशवर न मरी नामराई

को दर कर दिया ह 24 सो उसन यह कह कर उसका नाम यस6 रखा षटिक परमशवर मझ एक पतर और भी गा 25 जब राहल स यस6 उतपनन हआ तब याकब न लाबान स कहा मझ षटिवा कर षटिक म अपन श

और सथान को जाऊ 26 मरी सतरिसतरया और मर लडक-बाल जिजनक लिलय म न तरी सवा की ह उनह मझ षटिक म चलाजाऊ त तो जानता ह षटिक म न तरी कसी सवा की ह 27 लाबान न उसस कहा यदि तरी दषटि म म न अनगरह पाया ह तो रह जा कयोषटिक म न अनभव स

जान लिलया ह षटिक यहोवा न तर कारण स मझ आशीरषो ी ह 28 षटि6र उसन कहा त ठीक बता षटिक म तझ को कया द और म उस दगा 29 उसन उसस कहा त जानता ह षटिक म न तरी कसी सवा की और तर पश मर पास षटिकस परकार स रह 30 मर आन स पषटिहल व षटिकतन थ और अब षटिकतन हो गए ह और यहोवा न मर आन पर तझ तो

आशीरषो ी ह पर म अपन घर का काम कब करन पाऊगा 31 उसन षटि6र कहा म तझ कया द याकब न कहा त मझ कछ न यदि त मर लिलय एक कामकर तो म षटि6र तरी भड- बकरिरयो को चराऊगा और उनकी रकषा करगा 32 म आज तरी सब भड- बकरिरयो क बीच हो कर षटिनकलगा और जो भड वा बकरी लिचcीवाली वा

लिचतकबरी हो और जो भड काली हो और जो बकरी लिचतकबरी वा लिचcीवाली हो उनह म अलग कररखगा और मरी मजदरी म व ही ठहरगी 33 और जब आग को मरी मजदरी की चचाW तर सामहन चल तब मW की यही साकषी होगी अथाWत

बकरिरयो म स जो कोई न लिचcीवाली न लिचतकबरी हो और भडो म स जो कोई काली न हो सो यदि मर पास षटिनकल तो चोरी की ठहरगी

34 तब लाबान न कहा तर कहन क अनसार हो 35 सो उसन उसी दिन सब ारी वाल और लिचतकबर बकरो और सब लिचcीवाली और लिचतकबरी

बकरिरयो को अथाWत जिजन म कछ उजलापन था उन को और सब काली भडो को भी अलग करक अपन पतरो क हाथ सौप दिया

36 और उसन अपन और याकब क बीच म तीन दिन क मागW का अनतर ठहराया सो याकब लाबान की भड- बकरिरयो को चरान लगा

37 और याकब न लिचनार और बााम और अमन वकषो की हरी हरी छषटिडय़ा ल कर उनक लिछलक कही कही छील क उनह ारीार बना दिया ऐसी षटिक उन छषटिडय़ो की स6ी दिखाई न लगी

38 और तब छीली हई छषटिडय़ो को भड- बकरिरयो क सामहन उनक पानी पीन क कठौतो म खडाषटिकया और जब व पानी पीन क लिलय आई तब गाणिभन हो गई 39 और छषटिडय़ो क सामहन गाणिभन हो कर भड- बकरिरया ारीवाल लिचcीवाल और लिचतकबर बचचजनी

40 तब याकब न भडो क बचचो को अलग अलग षटिकया और लाबान की भड- बकरिरयो क मह को लिचcीवाल और सब काल बचचो की ओर कर दिया और अपन झणडो को उन स अलग रखा और

लाबान की भड- बकरिरयो स मिमलन न दिया 41 और जब जब बलवनत भड- बकरिरया गाणिभन होती थी तब तब याकब उन छषटिडय़ो को कठौतो म

उनक सामहन रख ता था जिजस स व छषटिडय़ो को खती हई गाणिभन हो जाए 42 पर जब षटिनबWल भड- बकरिरया गाणिभन होती थी तब वह उनह उनक आग नही रखता था इस स

षटिनबWल षटिनबWल लाबान की रही और बलवनत बलवनत याकब की हो गई 43 सो वह पररषो अतयनत नाढय हो गया और उसक बहत सी भड-बकरिरया और लौषटिडया और

ास और ऊट और गह हो गए

अधयाय३१

01 षटि6र लाबान क पतरो की य बात याकब क सनन म आई षटिक याकब न हमार षटिपता का सब कछ छीन लिलया ह और हमार षटिपता क न क कारण उसकी यह परषटितषठा ह

02 और याकब न लाबान क मखड पर दषटि की और ताड लिलया षटिक वह उसक परषटित पहल क समान नही ह

03 तब यहोवा न याकब स कहा अपन षटिपतरो क श और अपनी जनमभमिम को लौट जा और म तर सग रहगा

04 तब याकब न राहल और लिलआ को मान म अपनी भड- बकरिरयो क पास बलवा कर कहा 05 तमहार षटिपता क मखड स मझ समझ पडता ह षटिक वह तो मझ पषटिहल की नाई अब नही खता

पर मर षटिपता का परमशवर मर सग ह 06 और तम भी जानती हो षटिक म न तमहार षटिपता की सवा शलिकत भर की ह 07 और तमहार षटिपता न मझ स छल करक मरी मजदरी को स बार बल दिया परनत परमशवर न

उसको मरी हाषटिन करन नही दिया 08 जब उसन कहा षटिक लिचcीवाल बचच तरी मजदरी ठहरग तब सब भड- बकरिरया लिचcीवाल ही

जनन लगी और जब उसन कहा षटिक ारीवाल बचच तरी मजदरी ठहरग तब सब भड- बकरिरया ारीवाल जनन लगी

09 इस रीषटित स परमशवर न तमहार षटिपता क पश ल कर मझ को दिए 10 भड- बकरिरयोक गाणिभन होन क समय म न सवपन म कया खा षटिक जो बकर बकरिरयो पर चढ रहह सो ारीवाल लिचcीवाल और बबवाल ह 11 और परमशवर क दत न सवपन म मझ स कहा ह याकब म न कहा कया आजञा 12 उसन कहा आख उठा कर उन सब बकरो को जो बकरिरयो पर चढ रह ह ख षटिक वारीवाल लिचcीवाल और बबवाल ह कयोषटिक जो कछ लाबान तझ स करता ह सो म न खा ह 13 म उस बतल का ईशवर ह जहा त न एक खमभ पर तल डाल दिया और मरी मननत मानी थी अब चल इस श स षटिनकल कर अपनी जनमभमिम को लौट जा 14 तब राहल और लिलआ न उसस कहा कया हमार षटिपता क घर म अब भी हमारा कछ भाग वा

अश बचा ह 15 कया हम उसकी दषटि म पराय न ठहरी ख उसन हम को तो बच डाला और हमार रप को

खा बठा ह 16 सो परमशवर न हमार षटिपता का जिजतना न ल लिलया ह सो हमारा और हमार लडकबालो का ह

अब जो कछ परमशवर न तझ स कहा सो कर 18 तब याकब न अपन लडक बालो और सतरिसतरयो को ऊटो पर चढाया 19 और जिजतन पशओ को वह पददनराम म इकटठा करक नाढय हो गया था सब को कनान म

अपन षटिपता इसहाक क पास जान की मनसा स साथ ल गया 20 लाबान तो अपनी भडो का ऊन कतरन क लिलय चला गया था और राहल अपन षटिपता क

गहवताओ को चरा ल गई

21 सो याकब लाबान अरामी क पास स चोरी स चला गया उसको न बताया षटिक म भागा जाता ह 22 वह अपना सब कछ ल कर भागा और महान क पार उतर कर अपना मह षटिगला क पहाडी

श की ओर षटिकया 23 तीसर दिन लाबान को समाचार मिमला षटिक याकब भाग गया ह 24 सो उसन अपन भाइयो को साथ ल कर उसका सात दिन तक पीछा षटिकया और षटिगला क

पहाडी श म उसको जा पकडा 25 तब परमशवर न रात क सवपन म आरामी लाबान क पास आकर कहा सावान रह त याकब स न

तो भला कहना और न बरा 26 और लाबान याकब क पास पहच गया याकब तो अपना तमब षटिगला नाम पहाडी श म खडा

षटिकए पडा था और लाबान न भी अपन भाइयो क साथ अपना तमब उसी पहाडी श म खडा षटिकया 27 तब लाबान याकब स कहन लगा त न यह कया षटिकया षटिक मर पास स चोरी स चला आया और

मरी बदिटयो को ऐसा ल आया जसा कोई तलवार क बल स बनी बनाए गए 28 त कयो चपक स भाग आया और मझ स षटिबना कछ कह मर पास स चोरी स चला आया नही

तो म तझ आनन क साथ मग और वीणा बजवात और गीत गवात षटिवा करता 29 त न तो मझ अपन बट बदिटयो को चमन तक न दिया त न मखWता की ह 30 तम लोगो की हाषटिन करन की शलिकत मर हाथ म तो ह पर तमहार षटिपता क परमशवर न मझ स बीती

हई रात म कहा सावान रह याकब स न तो भला कहना और न बरा 31 भला अब त अपन षटिपता क घर का बडा अणिभलारषोी हो कर चला आया तो चला आया पर मर

वताओ को त कयो चरा ल आया ह 32 याकब न लाबान को उcर दिया म यह सोचकर डर गया था षटिक कही त अपनी बदिटयो को मझ

स छीन न ल 33 जिजस षटिकसी क पास त अपन वताओ को पाए सो जीता न बचगा मर पास तरा जो कछषटिनकल सो भाई- ब(ओ क सामहन पषटिहचान कर ल ल कयोषटिक याकब न जानता था षटिक राहल

गहवताओ को चरा ल आई ह 34 यह सनकर लाबान याकब और लिलआ और ोनो ालिसयो क तमबओ म गया और कछ न

मिमला तब लिलआ क तमब म स षटिनकल कर राहल क तमब म गया 35 राहल तो गहवताओ को ऊट की काठी म रखक उन पर बठी थी सो लाबान न उसक सार तमब म टटोलन पर भी उनह न पाया

36 राहल न अपन षटिपता स कहा ह मर परभ इस स अपरसनन न हो षटिक म तर सामहन नही उठी कयोषटिक म सतरीमW स ह सो उसक ढढ ढाढ करन पर भी गहवता उसको न मिमल

37 तब याकब करोलित हो कर लाबान स झगडन लगा और कहा मरा कया अपरा ह मरा कया पाप ह षटिक त न इतना करोलित हो कर मरा पीछा षटिकया ह

38 त न जो मरी सारी सामगरी को टटोल कर खा सो तझ को सारी सामगरी म स कया मिमला कछ मिमला हो तो उसको यहा अपन और मर भाइयो क सामहन रख और व हम ोनो क बीच नयाय

कर 39 इन बीस वरषोN स म तर पास रहा उन म न तो तरी भड- बकरिरयो क गभW षटिगर और न तर मढो

का मास म न कभी खाया 40 जिजस बनल जनतओ न 6ाड डाला उसको म तर पास न लाता था उसकी हाषटिन म ही उठाता था

चाह दिन को चोरी जाता चाह रात को त मझ ही स उसको ल लता था 41 मरी तो यह शा थी षटिक दिन को तो घाम और रात को पाला मझ खा गया और नीन मरी

आखो स भाग जाती थी 42 बीस वरषोW तक म तर घर म रहो चौह वरषोW तो म न तरी ोनो बदिटयो क लिलय और छ वरषोW तरीभड- बकरिरयो क लिलय सवा की और त न मरी मजदरी को स बार बल डाला 43 मर षटिपता का परमशवर अथाWत इबराहीम का परमशवर जिजसका भय इसहाक भी मानता ह यदि मरी

ओर न होता तो षटिनशचय त अब मझ छछ हाथ जान ता मर द ख और मर हाथो क परिरशरम को खकर परमशवर न बीती हई रात म तझ डपटा

44 लाबान ल याकब स कहा य बदिटयो तो मरी ही ह और य पतर भी मर ही ह और य भड- बकरिरया भी मरी ही ह और जो कछ तझ ख पडता ह सो सब मरा ही ह और अब म अपनी इन

बदिटयो वा इनक सनतान स कया कर सकता ह 45 अब आ म और त ोनो आपस म वाचा बा( और वह मर और तर बीच साकषी ठहरी रह 46 तब याकब न एक पतथर ल कर उसका खमभा खडा षटिकया 47 तब याकब न अपन भाई- ब(ओ स कहा पतथर इकटठा करो यह सन कर उनहोन पतथर इकटठा

करक एक ढर लगाया और वही ढर क पास उनहोन भोजन षटिकया 48 उस ढर का नाम लाबान न तो यजर सहादया पर याकब न जिजलिलया रखा 49 लाबान न कहा षटिक यह ढर आज स मर और तर बीच साकषी रहगा इस कारण उसका नाम

जिजलिलया रखा गया 50 और मिमजपा भी कयोषटिक उसन कहा षटिक जब हम उस दसर स दर रह तब यहोवा मरी और तरी

खभाल करता रह 51 यदि त मरी बदिटयो को द ख वा उनक लिसवाय और सतरिसतरया बयाह ल तो हमार साथ कोई

मनषय तो न रहगा पर ख मर तर बीच म परमशवर साकषी रहगा 52 षटि6र लाबान न याकब स कहा इस ढर को ख और इस खमभ को भी ख जिजन को म न अपन

और तर बीच म खडा षटिकया ह 53 यह ढर और यह खमभा ोनो इस बात क साकषी रह षटिक हाषटिन करन की मनसा स न तो म इस

ढर को लाघ कर तर पास जाऊगा न त इस ढर और इस खमभ को लाघ कर मर पास आएगा 54 इबराहीम और नाहोर और उनक षटिपता तीनो का जो परमशवर ह सो हम ोनो क बीच नयाय कर

तब याकब न उसकी शपथ खाई जिजसका भय उसका षटिपता इसहाक मानता था 55 और याकब न उस पहाड पर मलबलिल चढाया और अपन भाई- ब(ओ को भोजन करन क लिलय बलाया सो उनहोन भोजन करक पहाड पर रात षटिबताई 56 षटिबहान को लाबान तडक उठा और अपन बट बदिटयो को चम कर और आशीवाW कर चलदिया और अपन सथान को लौट गया

अधयाय३२

01 और याकब न भी अपना मागW लिलया और परमशवर क दत उस आ मिमल 02 उन को खत ही याकब न कहा यह तो परमशवर का ल ह सो उसन उस सथान का नाम महनमरखा 03 तब याकब न सईर श म अथाWत एोम श म अपन भाई ऐसाव क पास अपन आग दत भजदिए 04 और उसन उनह यह आजञा ी षटिक मर परभ ऐसाव स यो कहना षटिक तरा ास याकब तझ स यो

कहता ह षटिक म लाबान क यहा परशी हो कर अब तक रहा 05 और मर पास गाय-बल गह भड-बकरिरया और ास- ालिसया ह सो म न अपन परभ क पास

इसलिलय सशा भजा ह षटिक तरी अनगरह की दषटि मझ पर हो 06 व दत याकब क पास लौट क कहन लग हम तर भाई ऐसाव क पास गए थ और वह भी तझ

स भट करन को चार सौ पररषो सग लिलय हए चला आता ह 07 तब याकब षटिनपट डर गया और सकट म पडा और यह सोच कर अपन सग वालो क औरभड-बकरिरयो और गाय-बलो और ऊटो क भी अलग अलग ो ल कर लिलय 08 षटिक यदि ऐसाव आकर पषटिहल ल को मारन लग तो दसरा ल भाग कर बच जाएगा 09 षटि6र याकब न कहा ह यहोवा ह मर ाा इबराहीम क परमशवर त न तो मझ स कहा षटिक अपन

श और जनम भमिम म लौट जा और म तरी भलाई करगा 10 त न जो जो काम अपनी करणा और सचचाई स अपन ास क साथ षटिकए ह षटिक म जो अपनी

छडी ही ल कर इस यरन नी क पार उतर आया सो अब मर ो ल हो गए ह तर ऐस ऐस कामो म स म एक क भी योगय तो नही ह

11 मरी षटिवनती सन कर मझ मर भाई ऐसाव क हाथ स बचा म तो उसस डरता ह कही ऐसा न हो षटिक वह आकर मझ और मा समत लडको को भी मार डाल

12 त न तो कहा ह षटिक म षटिनशचय तरी भलाई करगा और तर वश को समदर की बाल क षटिकनको क समान बहत करगा जो बहतायत क मार षटिगन नही जो सकत

13 और उसन उस दिन की रात वही षटिबताई और जो कछ उसक पास था उस म स अपन भाई ऐसाव की भट क लिलय छाट छाट कर षटिनकाला

14 अथाWत ो सौ बकरिरया और बीस बकर और ो सौ भड और बीस मढ 15 और बचचो समत द न वाली तीस ऊटषटिनया और चालीस गाय और स बल और बीस

गषटिहया और उनक स बचच 16 इन को उसन झणड झणड करक अपन ासो को सौप कर उन स कहा मर आग बढ जाओ

और झणडो क बीच बीच म अनतर रखो 17 षटि6र उसन अगल झणड क रखवाल को यह आजञा ी षटिक जब मरा भाई ऐसाव तझ मिमल और

पछन लग षटिक त षटिकस का ास ह और कहा जाता ह और य जो तर आग आग ह सो षटिकस क ह 18 तब कहना षटिक यह तर ास याकब क ह ह मर परभ ऐसाव य भट क लिलय तर पास भज गएह और वह आप भी हमार पीछ पीछ आ रहा ह 19 और उसन दसर और तीसर रखवालो को भी वरन उस सभो को जो झणडो क पीछ पीछ थ ऐसी

ही आजञा ी षटिक जब ऐसाव तम को मिमल तब इसी परकार उसस कहना 20 और यह भी कहना षटिक तरा ास याकब हमार पीछ पीछ आ रहा ह कयोषटिक उसन यह सोचा

षटिक यह भट जो मर आग आग जाती ह इसक दवारा म उसक करो को शानत करक तब उसका शWनकरगा हो सकता ह वह मझ स परसनन हो जाए 21 सो वह भट याकब स पषटिहल पार उतर गई और वह आप उस रात को छावनी म रहा 22 उसी रात को वह उठा और अपनी ोनो सतरिसतरयो और ोनो लौषटिडयो और गयारहो लडको को सग

ल कर घाट स यबबोक नी क पार उतर गया 23 और उसन उनह उस नी क पार उतार दिया वरन अपना सब कछ पार उतार दिया 24 और याकब आप अकला रह गया तब कोई पररषो आकर पह 6टन तक उसस मललयq करतारहा 25 जब उसन खा षटिक म याकब पर परबल नही होता तब उसकी जाघ की नस को छआ सो

याकब की जाघ की नस उसस मललयq करत ही करत चढ गई 26 तब उसन कहा मझ जान कयोषटिक भोर हआ चाहता ह याकब न कहा जब तक त मझ

आशीवाW न तब तक म तझ जान न दगा 27 और उसन याकब स पछा तरा नाम कया ह उसन कहा याकब 28 उसन कहा तरा नाम अब याकब नही परनत इसराएल होगा कयोषटिक त परमशवर स और मनषयो स

भी यq कर क परबल हआ ह 29 याकब न कहा म षटिबनती करता ह मझ अपना नाम बता उसन कहा त मरा नाम कयो पछताह तब उसन उसको वही आशीवाW दिया 30 तब याकब न यह कह कर उस सथान का नाम पनीएल रखा षटिक परमशवर को आमहन सामहन

खन पर भी मरा पराण बच गया ह 31 पनएल क पास स चलत चलत सयW उय हो गया और वह जाघ स लगडाता था 32 इसराएली जो पशओ की जाघ की जोड वाल जघानस को आज क दिन तक नही खात इसका

कारण यही ह षटिक उस पररषो न याकब की जाघ की जोड म जघानस को छआ था

अधयाय३३

01 और याकब न आख उठा कर यह खा षटिक ऐसाव चार सौ पररषो सग लिलय हए चला जाता ह तब उसन लडक बालो को अलग अलग बाट कर लिलआ और राहल और ोनो लौषटिडयो को सौप

दिया

02 और उसन सब क आग लडको समत लौषटिडयो को उसक पीछ लडको समत लिलआ को और सब क पीछ राहल और यस6 को रखा

03 और आप उन सब क आग बढा और सात बार भमिम पर षटिगर क णडवत की और अपन भाई क पास पहचा

04 तब ऐसाव उसस भट करन को ौडा और उसको हय स लगा कर गल स लिलपट कर चमा षटि6र व ोनो रो पड

05 तब उसन आख उठा कर सतरिसतरयो और लडक बालो को खा और पछा य जो तर साथ ह सो कौन ह उसन कहा य तर ास क लडक ह जिजनह परमशवर न अनगरह कर क मझ को दिया ह

06 तब लडको समत लौषटिडयो न षटिनकट आकर णडवत की 07 षटि6र लडको समत लिलआ षटिनकट आई और उनहोन भी णडवत की पीछ यस6 और राहल न

भी षटिनकट आकर णडवत की 08 तब उसन पछा तरा यह बडा ल जो मझ को मिमला उसका कया परयोजन ह उसन कहा यह

षटिक मर परभ की अनगरह की दषटि मझ पर हो 09 ऐसाव न कहा ह मर भाई मर पास तो बहत ह जो कछ तरा ह सो तरा ही रह 10 याकब न कहा नही नही यदि तरा अनगरह मझ पर हो तो मरी भट गरहण कर कयोषटिक म न तरा

शWन पाकर मानो परमशवर का शWन पाया ह और त मझ स परसनन हआ ह 11 सो यह भट जो तझ भजी गई ह गरहण कर कयोषटिक परमशवर न मझ पर अनगरह षटिकया ह और

मर पास बहत ह जब उसन उस को बाया तब उस न भट को गरहण षटिकया 12 षटि6र ऐसाव न कहा आ हम बढ चल और म तर आग आग चलगा 13 याकब न कहा ह मर परभ त जानता ही ह षटिक मर साथ सकमार लडक और द न हारी भड-

बकरिरया और गाय ह यदि ऐस पश एक दिन भी अलिक हाक जाए तो सब क सब मर जाएग 14 सो मरा परभ अपन ास क आग बढ जाए और म इन पशओ की गषटित क अनसार जो मर आग ह और लडक बालो की गषटित क अनसार ीर ीर चल कर सईर म अपन परभ क पास पहचगा 15 ऐसाव न कहा तो अपन सग वालो म स म कई एक तर साथ छोड जाऊ उसन कहा यह कयो

इतना ही बहत ह षटिक मर परभ की अनगरह की दषटि मझ पर बनी रह 16 तब ऐसाव न उसी दिन सईर जान को अपना मागW लिलया 17 और याकब वहा स कच कर क सककोत को गया और वहा अपन लिलय एक घर और पशओ क

लिलय झोपड बनाए इसी कारण उस सथान का नाम सककोत पडा 18 और याकब जो पददनराम स आया था सो कनान श क शकम नगर क पास कशल कषम स

पहच कर नगर क सामहन डर खड षटिकए 19 और भमिम क जिजस खणड पर उसन अपना तमब खडा षटिकया उसको उसन शकम क षटिपता हमोर

क पतरो क हाथ स एक सौ कसीतो म मोल लिलया 20 और वहा उसन एक वी बना कर उसका नाम एललोह इसराएल रखा

अधयाय३४

01 और लिलआ की बटी ीना जो याकब स उतपनन हई थी उस श की लडषटिकयो स भट करन कोषटिनकली 02 तब उस श क परान षटिहcी हमोर क पतर शकम न उस खा और उस ल जा कर उसक साथ

ककमW करक उसको भर कर डाला 03 तब उसका मन याकब की बटी ीना स लग गया और उसन उस कनया स परम की बात की

और उसस परम करन लगा 04 और शकम न अपन षटिपता हमोर स कहा मझ इस लडकी को मरी पतनी होन क लिलय दिला 05 और याकब न सना षटिक शकम न मरी बटी ीना को अशq कर डाला ह पर उसक पतर उस

समय पशओ क सग मान म थ सो वह उनक आन तक चप रहा

06 और शकम का षटिपता हमोर षटिनकल कर याकब स बातचीत करन क लिलय उसक पास गया 07 और याकब क पतर सनत ही मान स बहत उास और करोलित हो कर आए कयोषटिक शकम न

याकब की बटी क साथ ककमW करक इसराएल क घरान स मखWता का ऐसा काम षटिकया था जिजसका करना अनलिचत था

08 हमोर न उन सब स कहा मर पतर शकम का मन तमहारी बटी पर बहत लगा ह सो उस उसकी पतनी होन क लिलय उसको ो

09 और हमार साथ बयाह षटिकया करो अपनी बदिटया हम को दिया करो और हमारी बदिटयो को आप लिलया करो

10 और हमार सग बस रहो और यह श तमहार सामन पडा ह इस म रह कर लनन करो और इसकी भमिम को अपन लिलय ल लो

11 और शकम न भी ीना क षटिपता और भाइयो स कहा यदि मझ पर तम लोगो की अनगरह की दषटि हो तो जो कछ तम मझ स कहो सो म दगा

12 तम मझ स षटिकतना ही मलय वा बला कयो न मागो तौभी म तमहार कह क अनसार दगा परनत उस कनया को पतनी होन क लिलय मझ ो

13 तब यह सोच कर षटिक शकम न हमारी बषटिहन ीना को अशq षटिकया ह याकब क पतरो न शकम और उसक षटिपता हमोर को छल क साथ यह उcर दिया

14 षटिक हम ऐसा काम नही कर सकत षटिक षटिकसी खतना रषटिहत पररषो को अपनी बषटिहन कयोषटिक इस स हमारी नामराई होगी

15 इस बात पर तो हम तमहारी मान लग षटिक हमारी नाई तम म स हर एक पररषो का खतना षटिकयाजाए 16 तब हम अपनी बदिटया तमह बयाह ग और तमहारी बदिटया बयाह लग और तमहार सग बस भीरहग और हम ोनो एक ही समाय क मनषय हो जाएग 17 पर यदि तम हमारी बात न मान कर अपना खतना न कराओग तो हम अपनी लडकी को लक

यहा स चल जाएग 18 उनकी इस बात पर हमोर और उसका पतर शकम परसनन हए 19 और वह जवान जो याकब की बटी को बहत चाहता था इस काम को करन म उसन षटिवलमब न

षटिकया वह तो अपन षटिपता क सार घरान म अलिक परषटितषटिषठत था 20 सो हमोर और उसका पतर शकम अपन नगर क 6ाटक क षटिनकट जा कर नगरवालिसयो को यो

समझान लग 21 षटिक व मनषय तो हमार सग मल स रहना चाहत ह सो उनह इस श म रह क लनन करन ो खो यह श उनक लिलय भी बहत ह षटि6र हम लोग उनकी बदिटयो को बयाह ल और अपनी बदिटयो

को उनह दिया कर 22 व लोग कवल इस बात पर हमार सग रहन और एक ही समाय क मनषय हो जान को परसनन ह

षटिक उनकी नाई हमार सब पररषोो का भी खतना षटिकया जाए 23 कया उनकी भड-बकरिरया और गाय- बल वरन उनक सार पश और न समपलिc हमारी न होजाएगी इतना ही कर षटिक हम लोग उनकी बात मान ल तो व हमार सग रहग 24 सो जिजतन उस नगर क 6ाटक स षटिनकलत थ उन सभो न हमोर की और उसक पतर शकम की

बात मानी और हर एक पररषो का खतना षटिकया गया जिजतन उस नगर क 6ाटक स षटिनकलत थ 25 तीसर दिन जब व लोग पीषटिडत पड थ तब ऐसा हआ षटिक णिशमोन और लवी नाम याकब क ो

पतरो न जो ीना क भाई थ अपनी अपनी तलवार ल उस नगर म षटिनडक घस कर सब पररषोो को घात षटिकया

26 और हमोर और उसक पतर शकम को उनहोन तलवार स मार डाला और ीना को शकम क घर स षटिनकाल ल गए

27 और याकब क पतरो न घात कर डालन पर भी चढ कर नगर को इसलिलय लट लिलया षटिक उस म उनकी बषटिहन अशq की गई थी

28 उनहोन भड-बकरी और गाय-बल और गह और नगर और मान म जिजतना न था ल

लिलया 29 उस सब को और उनक बाल-बचचो और सतरिसतरयो को भी हर ल गए वरन घर घर म जो कछ था

उसको भी उनहोन लट लिलया 30 तब याकब न णिशमोन और लवी स कहा तम न जो उस श क षटिनवासी कनाषटिनयोऔर परिरचछिजजयो

क मन म मरी ओर घणा उतपनन कराई ह इस स तम न मझ सकट म डाला ह कयोषटिक मर साथ तो थोड की लोग ह सो अब व इकटठ हो कर मझ पर चढग और मझ मार डालग सो म अपन घरान समत सतयानाश हो जाऊगा

31 उनहोन कहा कया वह हमारी बषटिहन क साथ वशया की नाई बताWव कर

अधयाय३५

01 तब परमशवर न याकब स कहा यहा स कच करक बतल को जा और वही रह और वहा ईशवर क लिलय वी बना जिजसन तझ उस समय शWन दिया जब त अपन भाई ऐसाव क डर स भागा जाता

था 02 तब याकब न अपन घरान स और उन सब स भी जो उसक सग थ कहा तमहार बीच म जो

पराए वता ह उनह षटिनकाल 6 को और अपन अपन को शq करो और अपन वसतर बल डालो 03 और आओ हम यहा स कच करक बतल को जाए वहा म ईशवर क लिलय एक वी बनाऊगा

जिजसन सकट क दिन मरी सन ली और जिजस मागW स म चलता था उस म मर सग रहा 04 सो जिजतन पराए वता उनक पास थ और जिजतन कणडल उनक कानोम थ उन सभो को उनहोन

याकब को दिया और उसन उन को उस लिसनदर वकष क नीच जो शकम क पास ह गाड दिया 05 तब उनहोन कच षटिकया और उनक चारो ओर क नगर षटिनवालिसयो क मन म परमशवर की ओर स

ऐसा भय समा गया षटिक उनहोन याकब क पतरो का पीछा न षटिकया 06 सो याकब उन सब समत जो उसक सग थ कनान श क लज नगर को आया वह नगर बतल

भी कहलाता ह 07 वहा उसन एक वी बनाई और उस सथान का नाम एलबतल रखा कयोषटिक जब वह अपन भाई

क डर स भागा जाता था तब परमशवर उस पर वही परगट हआ था 08 और रिरबका की द षटिपलानहारी ाय बोरा मर गई और बतल क नीच लिसनदर वकष क तल

उसको मिमटटी ी गई और उस लिसनदर वकष का नाम अललोनबककत रखा गया 09 षटि6र याकब क पददनराम स आन क पशचात परमशवर न दसरी बार उसको शWन कर आशीरषो ी 10 और परमशवर न उसस कहा अब तक तो तरा नाम याकब रहा ह पर आग को तरा नाम याकब न रहगा त इसराएल कहलाएगा

11 षटि6र परमशवर न उसस कहा म सवWशलिकतमान ईशवर ह त 6ल- 6ल और बढ और तझ स एक जाषटित वरन जाषटितयो की एक मणडली भी उतपनन होगी और तर वश म राजा उतपनन होग

12 और जो श म न इबराहीम और इसहाक को दिया ह वही श तझ ता ह और तर पीछ तर वश को भी दगा

13 तब परमशवर उस सथान म जहा उसन याकब स बात की उनक पास स ऊपर चढ गया 14 और जिजस सथान म परमशवर न याकब स बात की वहा याकब न पतथर का एक खमबा खडाषटिकया और उस पर अघW कर तल डाल दिया 15 और जहा परमशवर न याकब स बात की उस सथान का नाम उसन बतल रखा 16 षटि6र उनहोन बतल स कच षटिकया और एपराता थोडी ही दर रह गया था षटिक राहल को बचचा

जनन की बडी पीडा आन लगी 17 जब उसको बडी बडी पीडा उठती थी तब ाय न उसस कहा मत डर अब की भी तर बटा हीहोगा 18 तब ऐसा हआ षटिक वह मर गई और पराण षटिनकलत षटिनकलत उसन उस बट को नाम बनोनी रखा

पर उसक षटिपता न उसका नाम षटिबनयामीन रखा 19 यो राहल मर गई और एपराता अथाWत बतलहम क मागW म उसको मिमटटी ी गई

20 और याकब न उसकी कबर पर एक खमभा खडा षटिकया राहल की कबर का वही खमभा आज तक बना ह

21 षटि6र इसराएल न कच षटिकया और एर नाम गममट क आग बढकर अपना तमब खडा षटिकया 22 जब इसराएल उस श म बसा था तब एक दिन ऐसा हआ षटिक रबन न जा कर अपन षटिपता की

रखली षटिबलहा क साथ ककमW षटिकया और यह बात इसराएल को मालम हो गई 23 याकब क बारह पतर हए उन म स लिलआ क पतर य थ अथाWत याकब का जठा रबन षटि6रणिशमोन लवी यहा इससाकार और जबलन 24 और राहल क पतर य थ अथाWत यस6 और षटिबनयामीन 25 और राहल की लौनडी षटिबलहा क पतर य थ अथाWत ान और नपताली 26 और लिलआ की लौनडी जिजलपा क पतर य थ अथाWत गा और आशर याकब क य ही पतर हए

जो उसस पददनराम म उतपनन हए 27 और याकब ममर म जो करिरयतअबाW अथाWत हबरोन ह जहा इबराहीम और इसहाक परशी हो

कर रह थ अपन षटिपता इसहाक क पास आया 28 इसहाक की अवसथा एक सौ अससी बरस की हई 29 और इसहाक का पराण छट गया और वह मर गया और वह बढा और परी आय का हो कर

अपन लोगो म जा मिमला और उसक पतर ऐसाव और याकब न उसको मिमटटी ी

अधयाय३६

01 ऐसाव जो एोम भी कहलाता ह उसकी यह वशावली ह 02 ऐसाव न तो कनानी लडषटिकया बयाह ली अथाWत षटिहcी एलोन की बटी आा को और

अहोलीबामा को जो अना की बटी और षटिहववी लिसबोन की नषटितनी थी 03 षटि6र उसन इशमाएल की बटी बासमत को भी जो नबायोत की बषटिहन थी बयाह लिलया 04 आा न तो ऐसाव क जनमाए एलीपज को और बासमत न रएल को उतपनन षटिकया 05 और ओहोलीबामा न यश और यालाम और को रह को उतपनन षटिकया ऐसाव क य ही पतर

कनान श म उतपनन हए 06 और ऐसाव अपनी पतनितनयो और बट-बदिटयो और घर क सब पराणिणयो और अपनी भड-बकरी

और गाय- बल आदि सब पशओ षटिनान अपनी सारी समपलिc को जो उसन कनान श म सचय कीथी ल कर अपन भाई याकब क पास स दसर श को चला गया 07 कयोषटिक उनकी समपलिc इतनी हो गई थी षटिक व इकटठ न रह सक और पशओ की बहतायत क

मार उस श म जहा व परशी हो कर रहत थ उनकी समाई न रही 08 ऐसाव जो एोम भी कहलाता ह सो सईर नाम पहाडी श म रहन लगा 09 सईर नाम पहाडी श म रहनहार एोमिमयो क मल पररषो ऐसाव की वशावली यह ह 10 ऐसाव क पतरो क नाम य ह अथाWत ऐसाव की पतनी आा का पतर एलीपज और उसी ऐसाव की

पतनी बासमत का पतर रएल 11 और एलीपज क य पतर हए अथाWत तमान ओमार सपो गाताम और कनज 12 और ऐसाव क पतर एलीपज क षटितमना नाम एक सरषटितन थी जिजसन एलीपज क जनमाए अमालक

को जनम दिया ऐसाव की पतनी आा क वश म य ही हए 13 और रएल क य पतर हए अथाWत नहत जरह शममा और मिमजजा ऐसाव की पतनी बासमत क

वश म य ही हए 14 और ओहोलीबामा जो ऐसाव की पतनी और लिसबोन की नषटितनी और अना की बटी थी उसक य

पतर हए अथाWत उसन ऐसाव क जनमाए यश यालाम और कोरह को जनम दिया 15 ऐसाववणिशयो क अलिपषटित य हए अथाWत ऐसाव क जठ एलीपज क वश म स तो तमानअलिपषटित ओमार अलिपषटित सपो अलिपषटित कनज अलिपषटित 16 को रह अलिपषटित गाताम अलिपषटित अमालख अलिपषटित एलीपज वणिशयो म स एोम श म य

ही अलिपषटित हए और य ही आा क वश म हए

17 और ऐसाव क पतर रएल क वश म य हए अथाWत नहत अलिपषटित जरह अलिपषटित शममाअलिपषटित मिमजजा अलिपषटित रएलवणिशयो म स एोम श म य ही अलिपषटित हए और य ही ऐसाव

की पतनी बासमत क वश म हए 18 और ऐसाव की पतनी ओहोलीबामा क वश म थ हए अथाWत यश अलिपषटित यालाम अलिपषटित

कोरह अलिपषटित अना की बटी ओहोलीबामा जो ऐसाव की पतनी थी उसक वश म य ही हए 19 ऐसाव जो एोम भी कहलाता ह उसक वश य ही ह और उनक अलिपषटित भी य ही हए 20 सईर जो होरी नाम जाषटित का था उसक य पतर उस श म पषटिहल स रहत थ अथाWत लोतान शोबाल णिशबोन अना 21 ीशोन एसर और ीशान एोम श म सईर क य ही होरी जाषटितवाल अलिपषटित हए 22 और लोतान क पतर होरी और हमाम हए और लोतान की बषटिहन षटितमना थी 23 और शोबाल क य पतर हए अथाWत आलवान मानहत एबाल शपो और ओनाम 24 और लिसोन क थ पतर हए अथाWत अयया और अना यह वही अना ह जिजस को जगल म अपन

षटिपता लिसबोन क गहो को चरात चरात गरम पानी क झरन मिमल 25 और अना क ीशोन नाम पतर हआ और उसी अना क ओहोलीबामा नाम बटी हई 26 और ीशोन क य पतर हए अथाWत हमान एशबान मियतरान और करान 27 एसर क य पतर हए अथाWत षटिबलहान जावान और अकान 28 ीशान क य पतर हए अथाWत ऊस और अकान 29 होरिरयो क अलिपषटित य हए अथाWत लोतान अलिपषटित शोबाल अलिपषटित णिशबोन अलिपषटित 30 अना अलिपषटित ीशोन अलिपषटित एसर अलिपषटित ीशान अलिपषटित सईर श म होरी जाषटित

वाल य ही अलिपषटित हए 31 षटि6र जब इसराएलिलयो पर षटिकसी राजा न राजय न षटिकया था तब भी एोम क श म य राजाहए 32 अथाWत बोर क पतर बला न एोम म राजय षटिकया और उसकी राजानी का नाम दिनहाबा ह 33 बला क मरन पर बोसराषटिनवासी जरह का पतर योबाब उसक सथान पर राजा हआ 34 और योबाब क मरन पर तमाषटिनयो क श का षटिनवासी हशाम उसक सथान पर राजा हआ 35 और हशाम क मरन पर ब का पतर ह उसक सथान पर राजा हआ यह वही ह जिजसन

मिमदयाषटिनयो को मोआब क श म मार लिलया और उसकी राजानी का नाम अबीत ह 36 और ह क मरन पर मसरकावासी समला उसक सथान पर राजा हआ 37 षटि6र समला क मरन पर शाऊल जो महान क तट वाल रहोबोत नगर का था सो उसक सथान

पर राजा हआ 38 और शाऊल क मरन पर अकबोर का पतर बालहानान उसक सथान पर राजा हआ 39 और अकबोर क पतर बालहानान क मरन पर हर उसक सथान पर राजा हआ और उसकी

राजानी का नाम पाऊ ह और उसकी पतनी का नाम महतबल ह जो मजाहब की नषटितनी और मतर की बटी थी

40 षटि6र ऐसाववणिशयो क अलिपषटितयो क कलो और सथानो क अनसार उनक नाम य ह अथाWत षटितमना अलिपषटित अलबा अलिपषटित यतत अलिपषटित

41 ओहोलीबामा अलिपषटित एला अलिपषटित पीनोन अलिपषटित 42 कनज अलिपषटित तमान अलिपषटित मिमबसार अलिपषटित 43 मगीएल अलिपषटित ईराम अलिपषटित एोमवणिशयो न जो श अपना कर लिलया था उसक षटिनवास

सथानो म उनक य ही अलिपषटित हए और एोमी जाषटित का मलपररषो ऐसाव ह

अधयाय३७

1 37|01 याकब तो कनान श म रहता था जहा उसका षटिपता परशी हो कर रहा था 37|02 और याकब क वश का वcानत यह ह षटिक यस6 सतरह वरषोW का हो कर भाइयो क सग भड-

बकरिरयो को चराता था और वह लडका अपन षटिपता की पतनी षटिबलहा और जिजलपा क पतरो क सग रहा

करता था और उनकी बराईयो का समाचार अपन षटिपता क पास पहचाया करता था 37|03 और इसराएल अपन सब पतरो स बढक यस6 स परीषटित रखता था कयोषटिक वह उसक बढाप

का पतर था और उसन उसक लिलय रग षटिबरगा अगरखा बनवाया 37|04 सो जब उसक भाईयो न खा षटिक हमारा षटिपता हम सब भाइयो स अलिक उसी स परीषटित

रखता ह तब व उसस बर करन लग और उसक साथ ठीक तौर स बात भी नही करत थ 37|05 और यस6 न एक सवपन खा और अपन भाइयो स उसका वणWन षटिकया तब व उसस और

भी दवरषो करन लग 37|06 और उसन उन स कहा जो सवपन म न खा ह सो सनो 37|07 हम लोग खत म पल बा( रह ह और कया खता ह षटिक मरा पला उठ कर सीा खडा होगया तब तमहार पलो न मर पल को चारो तर6 स घर लिलया और उस णडवत षटिकया 37|08 तब उसक भाइयो न उसस कहा कया सचमच त हमार ऊपर राजय करगा वा सचमच त

हम पर परभता करगा सो व उसक सवपनो और उसकी बातो क कारण उसस और भी अलिक बर करन लग 37|09 षटि6र उसन एक और सवपन खा और अपन भाइयो स उसका भी यो वणWन षटिकया षटिक सनो म न एक और सवपन खा ह षटिक सयW और चनदरमा और गयारह तार मझ णडवत कर रह ह

37|10 यह सवपन उसन अपन षटिपता और भाइयो स वणWन षटिकया तब उसक षटिपता न उसको पट क कहा यह कसा सवपन ह जो त न खा ह कया सचमच म और तरी माता और तर भाई सब जा कर

तर आग भमिम पर षटिगरक णडवत करग 37|11 उसक भाई तो उसस डाह करत थ पर उसक षटिपता न उसक उस वचन को समरण रखा 37|12 और उसक भाई अपन षटिपता की भड- बकरिरयो को चरान क लिलय शकम को गए 37|13 तब इसराएल न यस6 स कहा तर भाई तो शकम ही म भड- बकरी चरा रह होग सो जा म

तझ उनक पास भजता ह उसन उसस कहा जो आजञा म हाजिजर ह 37|14 उसन उसस कहा जा अपन भाइयो और भड- बकरिरयो का हाल ख आ षटिक व कशल स

तो ह षटि6र मर पास समाचार ल आ सो उसन उसको हबरोन की तराई म षटिवा कर दिया और वह शकम म आया

37|15 और षटिकसी मनषय न उसको मान म इर उर भटकत हए पाकर उसस पछा त कया ढढता ह

37|16 उसन कहा म तो अपन भाइयो को ढढता ह कपा कर मझ बता षटिक व भड- बकरिरयो को कहा चरा रह ह

37|17 उस मनषय न कहा व तो यहा स चल गए ह और म न उन को यह कहत सना षटिक आओ हम ोतान को चल सो यस6 अपन भाइयो क पास चला और उनह ोतान म पाया

37|18 और जयोही उनहोन उस दर स आत खा तो उसक षटिनकट आन क पषटिहल ही उस मार डालन की यलिकत की

37|19 और व आपस म कहन लग खो वह सवपन खनहारा आ रहा ह 37|20 सो आओ हम उसको घात करक षटिकसी गडह म डाल और यह कह ग षटिक कोई द

पश उसको खा गया षटि6र हम खग षटिक उसक सवपनो का कया 6ल होगा 37|21 यह सनक रबन न उसको उनक हाथ स बचान की मनसा स कहा हम उसको पराण स तो न मार

37|22 षटि6र रबन न उन स कहा लोह मत बहाओ उसको जगल क इस गडह म डाल ो और उस पर हाथ मत उठाओ वह उसको उनक हाथ स छडाकर षटिपता क पास षटि6र पहचाना चाहता था

37|23 सो ऐसा हआ षटिक जब यस6 अपन भाइयो क पास पहचा तब उनहो न उसका रगषटिबरगाअगरखा जिजस वह पषटिहन हए था उतार लिलया 37|24 और यस6 को उठा कर गडह म डाल दिया वह गडहा तो सखा था और उस म कछ जल न था 37|25 तब व रोटी खान को बठ गए और आख उठा कर कया खा षटिक इशमाएलिलयो का एक ल

ऊटो पर सग(दरवय बलसान और ग(रस ला हए षटिगला स मिमसर को चला जा रहा ह

37|26 तब यहा न अपन भाइयो स कहा अपन भाई को घात करन और उसका खन लिछपान स कया लाभ होगा

37|27 आओ हम उस इशमाएलिलयो क हाथ बच डाल और अपना हाथ उस पर न उठाए कयोषटिक वह हमारा भाई और हमारी हmी और मास ह सो उसक भाइयो न उसकी बात मान ली तब मिमदयानी

वयापारी उर स होकर उनक पास पहच 37|28 सो यस6 क भाइयो न उसको उस गडह म स खीच क बाहर षटिनकाला और इशमाएलिलयो क

हाथ चाी क बीस टकडो म बच दिया और व यस6 को मिमसर म ल गए 37|29 और रबन न गडह पर लौटकर कया खा षटिक यस6 गडह म नही ह सो उसन अपन वसतर6ाड 37|30 और अपन भाइयो क पास लौटकर कहन लगा षटिक लडका तो नही ह अब म षटिकरजाऊ 37|31 और तब उनहोन यस6 का अगरखा लिलया और एक बकर को मार क उसक लोह म उस

डबा दिया 37|32 और उनहोन उस रग षटिबरग अगरख को अपन षटिपता क पास भज कर कहला दिया षटिक यह

हम को मिमला ह सो खकर पषटिहचान ल षटिक यह तर पतर का अगरखा ह षटिक नही 37|33 उसन उसको पषटिहचान लिलया और कहा हा यह मर ही पतर का अगरखा ह षटिकसी द पश न

उसको खा लिलया ह षटिन सनह यस6 6ाड डाला गया ह 37|34 तब याकब न अपन वसतर 6ाड और कमर म टाट लपटा और अपन पतर क लिलय बहत दिनो

तक षटिवलाप करता रहा 37|35 और उसक सब बट- बदिटयो न उसको शातनिनत न का यतन षटिकया पर उसको शातनिनत न मिमली

और वह यही कहता रहा म तो षटिवलाप करता हआ अपन पतर क पास अोलोक म उतर जाऊगा इस परकार उसका षटिपता उसक लिलय रोता ही रहा

37|36 और मिमदयाषटिनयो न यस6 को मिमसर म ल जा कर पोतीपर नाम षटि6रौन क एक हाषटिकम और जललाो क परान क हाथ बच डाला

अधयाय३८

01 उनही दिनो म ऐसा हआ षटिक यहा अपन भाईयो क पास स चला गया और हीरा नाम एक अदललामवासी पररषो क पास डरा षटिकया

02 वहा यहा न शआ नाम एक कनानी पररषो की बटी को खा और उसको बयाह कर उसक पासगया 03 वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और यहा न उसका नाम एर रखा 04 और वह षटि6र गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसका नाम ओनान रखागया 05 षटि6र उसक एक पतर और उतपनन हआ और उसका नाम शला रखा गया और जिजस समय इसका

जनम हआ उस समय यहा कजीब म रहता था 06 और यहा न तामार नाम एक सतरी स अपन जठ एर का षटिववाह कर दिया 07 परनत यहा का वह जठा एर यहोवा क लख म द था इसलिलय यहोवा न उसको मार डाला 08 तब यहा न ओनान स कहा अपनी भौजाई क पास जा और उसक साथ वर का मW परा

करक अपन भाई क लिलय सनतान उतपनन कर 09 ओनान तो जानता था षटिक सनतान तो मरी न ठहरगी सो ऐसा हआ षटिक जब वह अपनी भौजाई

क पास गया तब उसन भमिम पर वीयW षटिगराकर नाश षटिकया जिजस स ऐसा न हो षटिक उसक भाई क नाम स वश चल

10 यह काम जो उसन षटिकया उस यहोवा अपरसनन हआ और उसन उसको भी मार डाला 11 तब यहा न इस डर क मार षटिक कही ऐसा न हो षटिक अपन भाइयो की नाई शला भी मर अपनी

बह तामार स कहा जब तक मरा पतर शला लिसयाना न हो तब तक अपन षटिपता क घर म षटिववा की

बठी रह सो तामार अपन षटिपता क घर म जा कर रहन लगी 12 बहत समय क बीतन पर यहा की पतनी जो शआ की बटी थी सो मर गई षटि6र यहा शोक स

छटकर अपन मिमतर हीरा अदललामवासी समत अपनी भड- बकरिरयो का ऊन कतरान क लिलय षटितमनाथ को गया

13 और तामार को यह समाचार मिमला षटिक तरा ससर अपनी भड- बकरिरयो का ऊन कतरान क लिलय षटितमनाथ को जा रहा ह

14 तब उसन यह सोच कर षटिक शला लिसयाना तो हो गया पर म उसकी सतरी नही होन पाई अपना षटिववापन का पषटिहरावा उतारा और घघट डाल कर अपन को ढाप लिलया और एनम नगर क 6ाटक

क पास जो षटितमनाथ क मागW म ह जा बठी 15 जब यहा न उसको खा उसन उसको वशया समझा कयोषटिक वह अपना मह ढाप हए थी 16 और वह मागW स उसकी ओर षटि6रा और उसस कहन लगा मझ अपन पास आन ( कयोषटिक उस

यह मालम न था षटिक वह उसकी बह ह) और वह कहन लगी षटिक यदि म तझ अपन पास आन द तो त मझ कया गा

17 उसन कहा म अपनी बकरिरयो म स बकरी का एक बचचा तर पास भज दगा तब उसन कहा भला उस क भजन तक कया त हमार पास कछ रहन रख जाएगा

18 उस न पछा म तर पास कया रहन रख जाऊ उस न कहा अपनी महर और बाजबन और अपन हाथ की छडी तब उसन उसको व वसतए ी और उसक पास गया और वह उसस गभWवती

हई 19 तब वह उठ कर चली गई और अपना घघट उतार क अपना षटिववापन का पषटिहरावा षटि6र पषटिहनलिलया 20 तब यहा न बकरी का बचचा अपन मिमतर उस अदललामवासी क हाथ भज दिया षटिक वह रहन

रखी हई वसतए उस सतरी क हाथ स छडा ल आए पर वह सतरी उसको न मिमली 21 तब उसन वहा क लोगो स पछा षटिक वह वासी जो एनम म मागW की एक और बठी थी कहाह उनहोन कहा यहा तो कोई वासी न थी 22 सो उसन यहा क पास लौट क कहा मझ वह नही मिमली और उस सथान क लोगो न कहा षटिक

यहा तो कोई वासी न थी 23 तब यहा न कहा अचछा वह ब(क उस क पास रहन नही तो हम लोग तचछ षटिगन जाएग ख म न बकरी का यह बचचा भज दिया पर वह तझ नही मिमली 24 और तीन महीन क पीछ यहा को यह समाचार मिमला षटिक तरी बह तामार न वयणिभचार षटिकया ह

वरन वह वयणिभचार स गभWवती भी हो गई ह तब यहा न कहा उसको बाहर ल आओ षटिक वह जलाई जाए

25 जब उस बाहर षटिनकाल रह थ तब उसन अपन ससर क पास यह कहला भजा षटिक जिजस पररषो की य वसतए ह उसी स म गभWवती ह षटि6र उसन यह भी कहलाया षटिक पषटिहचान तो सही षटिक यह

महर और बाजबन और छडी षटिकस की ह 26 यहा न उनह पषटिहचान कर कहा वह तो मझ स कम ोरषोी ह कयोषटिक म न उस अपन पतर शला

को न बयाह दिया और उसन उसस षटि6र कभी परसग न षटिकया 27 जब उसक जनन का समय आया तब यह जान पडा षटिक उसक गभW म जडव बचच ह 28 और जब वह जनन लगी तब एक बालक न अपना हाथ बढाया और ाय न लाल सत ल कर

उसक हाथ म यह कहत हथ बा( दिया षटिक पषटिहल यही उतपनन हआ 29 जब उसन हाथ समट लिलया तब उसका भाई उतपनन हो गया तब उस ाय न कहा त कयो

बरबस षटिनकल आया ह इसलिलय उसका नाम परस रखा गया 30 पीछ उसका भाई जिजसक हाथ म लाल सत ब(ा था उतपनन हआ और उसका नाम जरह रखागया

अधयाय३९

01 जब यस6 मिमसर म पहचाया गया तब पोतीपर नाम एक मिमसरी जो षटि6रौन का हाषटिकम और जललाो का परान था उसन उसको इशमाएलिलयो क हाथ स जो उस वहा ल गए थ मोल लिलया

02 और यस6 अपन मिमसरी सवामी क घर म रहता था और यहोवा उसक सग था सो वह भागयवान पररषो हो गया

03 और यस6 क सवामी न खा षटिक यहोवा उसक सग रहता ह और जो काम वह करता ह उसको यहोवा उसक हाथ स स6ल कर ता ह

04 तब उसकी अनगरह की दषटि उस पर हई और वह उसकी सवा टहल करन क लिलय षटिनयकत षटिकयागया षटि6र उसन उसको अपन घर का अलिकारी बना क अपना सब कछ उसक हाथ म सौप दिया 05 और जब स उसन उसको अपन घर का और अपनी सारी समपलिc का अलिकारी बनाया तब स

यहोवा यस6 क कारण उस मिमसरी क घर पर आशीरषो न लगा और कया घर म कया मान म उसका जो कछ था सब पर यहोवा की आशीरषो होन लगी

06 सो उसन अपना सब कछ यस6 क हाथ म यहा तक छोड दिया षटिक अपन खान की रोटी कोछोड वह अपनी समपलिc का हाल कछ न जानता था और यस6 सनर और रपवान था 07 इन बातो क पशचात ऐसा हआ षटिक उसक सवामी की पतनी न यस6 की ओर आख लगाई औरकहा मर साथ सो 08 पर उसन असवीकार करत हए अपन सवामी की पतनी स कहा सन जो कछ इस घर म ह मर

हाथ म ह उस मरा सवामी कछ नही जानता और उसन अपना सब कछ मर हाथ म सौप दिया ह 09 इस घर म मझ स बडा कोई नही और उसन तझ छोड जो उसकी पतनी ह मझ स कछ नही

रख छोडा सो भला म ऐसी बडी दता करक परमशवर का अपराी कयोकर बन 10 और ऐसा हआ षटिक वह परषटित दिन यस6 स बात करती रही पर उसन उसकी न मानी षटिक उसक

पास लट वा उसक सग रह 11 एक दिन कया हआ षटिक यस6 अपना काम काज करन क लिलय घर म गया और घर क सवको म स कोई भी घर क अनर न था

12 तब उस सतरी न उसका वसतर पकडकर कहा मर साथ सो पर वह अपना वसतर उसक हाथ म छोडकर भागा और बाहर षटिनकल गया

13 यह खकर षटिक वह अपना वसतर मर हाथ म छोडकर बाहर भाग गया 14 उस सतरी न अपन घर क सवको को बलाकर कहा खो वह एक इबरी मनषय को हमारा

षटितरसकार करन क लिलय हमार पास ल आया ह वह तो मर साथ सोन क मतलब स मर पास अनर आया था और म ऊच सवर स लिचलला उठी

15 और मरी बडी लिचललाहट सनकर वह अपना वसतर मर पास छोडकर भागा और बाहर षटिनकलगया 16 और वह उसका वसतर उसक सवामी क घर आन तक अपन पास रख रही 17 तब उसन उसस इस परकार की बात कही षटिक वह इबरी ास जिजस को त हमार पास ल आया ह

सो मझ स हसी करन क लिलय मर पास आया था 18 और जब म ऊच सवर स लिचलला उठी तब वह अपना वसतर मर पास छोडकर बाहर भाग गया 19 अपनी पतनी की य बात सनकर षटिक तर ास न मझ स ऐसा ऐसा काम षटिकया यस6 क सवामी

का कोप भडका 20 और यस6 क सवामी न उसको पकडकर बनीगह म जहा राजा क की बन थ डलवा दिया

सो वह उस बनीगह म रहन लगा 21 पर यहोवा यस6 क सग सग रहा और उस पर करणा की और बनीगह क रोगा क अनगरह

की दषटि उस पर हई 22 सो बनीगह क रोगा न उन सब ब(ओ को जो कारागार म थ यस6 क हाथ म सौप दिया

और जो जो काम व वहा करत थ वह उसी की आजञा स होता था 23 बनीगह क रोगा क वश म जो कछ था कयोषटिक उस म स उसको कोई भी वसत खनी न पडती थी इसलिलय षटिक यहोवा यस6 क साथ था और जो कछ वह करता था यहोवा उसको उस म

स6लता ता था

अधयाय४०

01 इन बातो क पशचात ऐसा हआ क राजा क षटिपलानहार और पकानहार न अपन सवामी का कछ अपरा षटिकया

02 तब षटि6रौन न अपन उन ोनो हाषटिकमो पर अथाWत षटिपलानहारो क परान अर पकानहारो क परान पर करोदित होकर

03 उनह क करा क जललाो क परान क घर क उसी बनीगह म जहा यस6 ब(आ था डलवादिया 04 तब जललाो क परान न उनको यस6 क हाथ सौपा और वह उनकी सवा टहल करन लगा सो व कछ दिन तक बनीगह म रह

05 और मिमसतर क राजा का षटिपलानहारा और पकानहारा जो बनीगह म बन थ उन ोनो न एक ही रात म अपन होनहार क अनसार सवपन खा

06 षटिबहान को जब यस6 उनक पास अनर गया तब उन पर दषटि की तो कया खा षटिक व उासह 07 सो उसन षटि6रौन क उन हाषटिकमो स जो उसक साथ उसक सवामी क घर क बनीगह म थ पछा

षटिक आज तमहार मह कयो उास ह 08 उनहोन उस स कहा हम ोनो न सवपन खा ह और उनक 6ल का बतान वाला कोई भी नही

यस6 न उनस कहा कया सवपनो का 6ल कहना परमशवर का काम नही मझ अपना अपना सवपनबताओ 09 तब षटिपलानहारो का परान अपना सवपन यस6 को यो बतान लगा षटिकमन सवपन म खा षटिक

मर सामन ाखलता ह 10 और उस ाखलता म तीन डालिलया ह और उसम मानो कलिलया लगी ह और व 6ली और उसक

गचछो म ाक लगकर पक गई 11 और षटि6रौन का कटोरा मर हाथ म था सो मन उन ाखो को लकर षटि6रौन क कटोर म षटिनचोडा

और कटोर को षटि6रौन क हाथ म दिया 12 यस6 न उस स कहा इसका 6ल यह ह षटिक तीन डालिलयो का अथW तीन दिन ह 13 सो अब स तीन दिन क भीतर तरा सर ऊचा करगा और षटि6र स तर प पर तझ षटिनयकत करगा

और त पहल की नाई षटि6रौन का षटिपलानहारा होकर उसका कटोरा उसक हाथ म षटि6र दिया करगा 14 सो जब तरा भला हो जाए तब मझ समरण करना और मझ पर कपा करक षटि6रौन स मरी चचाWचलाना अर इस घर स मझ छडवा ना 15 कयोषटिक सचमच इबराषटिनयो क श स मझ चरा कर ल आए ह और यहा भी मन कोई ऐसा काम

नही षटिकया जिजसक कारण म इस कारागार म डाला जाऊ 16 यह खकर षटिक उसक सवपन का 6ल अचछा षटिनकला पकानहारो क परान न यस6 स कहा

मन भी सवपन खा ह वह यह ह मन खा षटिक मर लिसर पर स6 रोटी की तीन टोकरिरया ह 17 और ऊपर की टोकरी म षटि6रौन क लिलए सब परकार की पकी पकाई वसतए ह और पकषी मर लिसर

पर की टोकरी म स उन वसतओ को खा रह ह 18 यस6 न कहा इसका 6ल यह ह तीन टोकरिरयो का अथW तीन दिन ह 19 सो अब स तीन दिन क भीतर षटि6रौन तरा लिसर कटवाकर तझ एक वकष पर टगवा गा और पकषी

तर मास को नोच नोच कर खाएग 20 और तीसर दिन षटि6रौन का जनमदिन था उसन अपन सब कमWचारिरयो की जवनार की और

उसन षटिपलानहारो क परान और पकानहारो क परान ोनो को बनीगह स षटिनकलवाया 21 और षटिपलानहारो क परान को तो षटिपलानहार क प पर षटि6र स षटिनयकत षटिकया और वह षटि6रौन क

हाथ म कटोरा न लगा 22 पर पकानहारो क परान को उस न टगवा दिया जसा षटिक यस6 न उनक सवपनो का 6ल उअनस

कहा था 23 षटि6र भी षटिपलानहारो क परान न यस6 को समरण ना रखा परनत उस भल गया

अधयाय४१

01 पर दो बरस क बीतन पर फिरौन न यह fवपन दा फिक वह नील नदी क फिकनार पर ड़ा ह 02 और उस नदी म स सात सनदर और मोNी मोNी गाय फिनकल कर कछार की घास चरन लगी 03 और $या दा फिक उनक पीछ और सात गाय जो करप और दबल ह नदी स फिनकली और दसरी

गायो क फिनकN नदी क तN पर जा ड़ी हई 04 तब य करप और दबल गाय उन सात सनदर और मोNी मोNी गायो को ा गई तब फिरौन जाग उठा 05 और वह फिर सो गया और दसरा fवपन दा फिक एक डठी म स सात मोNी और अचछी अचछी बालफिनकली 06 और $या दा फिक उनक पीछ सात बाल पतली और परवाई स मरझाई हई फिनकली 07 और इन पतली बालो न उन सातो मोNी और अनन स भरी हई बालो को फिनगल लिलया तब फिरौन जागा

और उस मालम हआ फिक यह fवपन ही था 08 भोर को फिरौन का मन वयाकल हआ और उसन मिमसर क सब जयोफितफिरषयो और पतततिणडतो को बलवा भजा

और उन को अपन fवपन बताए पर उन म स कोई भी उनका ल फिरौन स न कह सहा 09 तब फिपलानहारो का परधान फिरौन स बोल उठा फिक मर अपराध आज मझ fमरण आए 10 जब फिरौन अपन दासो स करोमिधत हआ था और मझ और पकानहारो क परधान को कद करा क जललादो

क परधान क घर क बनदीगह म डाल दिदया था 11 तब हम दोनो न एक ही रात म अपन अपन होनहार क अनसार fवपन दा 12 और वहा हमार साथ एक इबरी जवान था जो जललादो क परधान का दास था सो हम न उसको बताया

और उसन हमार fवपनो का ल हम स कहा हम म स एक एक क fवपन का ल उसन बता दिदया 13 और जसा जसा ल उसन हम स कहा था वसा ही हआ भी अथात मझ को तो मरा पद फिर मिमला पर

वह ासी पर लNकाया गया 14 तब फिरौन न यस को बलवा भजा और वह झNपN बनदीगह स बाहर फिनकाला गया और बालबनवाकर और वfतर बदलकर फिरौन क सामहन आया 15 फिरौन न यस स कहा म न एक fवपन दा ह और उसक ल का बतान वाला कोई भी नही और म न तर फिवरषय म सना ह फिक त fवपन सनत ही उसका ल बता सकता ह

16 यस न फिरौन स कहा म तो कछ नही जानता परमशवर ही फिरौन क लिलय शभ वचन दगा 17 फिर फिरौन यस स कहन लगा म न अपन fवपन म दा फिक म नील नदी क फिकनार पर ड़ा ह 18 फिर $या दा फिक नदी म स सात मोNी और सनदर सनदर गाय फिनकल कर कछार की घास चरन लगी 19 फिर $या दा फिक उनक पीछ सात और गाय फिनकली जो दबली और बहत करप और दबल ह म न

तो सार मिमसर दश म ऐसी कडौल गाय कभी नही दी 20 और इन दबल और कडौल गायो न उन पहली सातो मोNी मोNी गायो को ा लिलया 21 और जब व उन को ा गई तब यह मालम नही होता था फिक व उन को ा गई ह $योफिक व पफिहल की

नाई जसी की तसी कडौल रही तब म जाग उठा 22 फिर म न दसरा fवपन दा फिक एक ही डठी म सात अचछी अचछी और अनन स भरी हई बाल फिनकली 23 फिर $या दता ह फिक उनक पीछ और सात बाल छछी छछी और पतली और परवाई स मरझाई हईफिनकली 24 और इन पतली बालोन उन सात अचछी अचछी बालो को फिनगल लिलया इस म न जयोफितफिरषयो को बताया

पर इस का समझानहारा कोई नही मिमला 25 तब यस न फिरौन स कहा फिरौन का fवपन एक ही ह परमशवर जो काम फिकया चाहता ह उसको उसन

फिरौन को जताया ह 26 व सात अचछी अचछी गाय सात वरष ह और व सात अचछी अचछी बाल भी सात वरष ह fवपन एक ही ह 27 फिर उनक पीछ जो दबल और कडौल गाय फिनकली और जो सात छछी और परवाई स मरझाई हई बालफिनकाली व अकाल क सात वरष होग 28 यह वही बात ह जो म फिरौन स कह चका ह फिक परमशवर जो काम फिकया चाहता ह उस उसन फिरौन

को दिदाया ह 29 सन सार मिमसर दश म सात वरष तो बहतायत की उपज क होग 30 उनक पशचात सात वरष अकाल क आयग और सार मिमसर दश म लोग इस सारी उपज को भल जायग और

अकाल स दश का नाश होगा 31 और सकाल ( बहतायत की उपज) दश म फिर fमरण न रहगा $योफिक अकाल अतयनत भयकर होगा 32 और फिरौन न जो यह fवपन दो बार दा ह इसका भद यही ह फिक यह बात परमशवर की ओर स फिनयकत हो

चकी ह और परमशवर इस शीघर ही परा करगा 33 इसलिलय अब फिरौन फिकसी समझदार और बजिyमान पररष को ढढ़ करक उस मिमसर दश पर परधानमतरीठहराए 34 फिरौन यह कर फिक दश पर अमिधकारिरयो को फिनयकत कर और जब तक सकाल क सात वरष रह तब तक

वह मिमसर दश की उपज का पचमाश लिलया कर 35 और व इन अचछ वरषz म सब परकार की भोजन वfत इकटठा कर और नगर नगर म भणडार घर भोजन क

लिलय फिरौन क वश म करक उसकी रकषा कर 36 और वह भोजनवfत अकाल क उन सात वरषz क लिलय जो मिमसर दश म आएग दश क भोजन क फिनमिम

री रह जिजस स दश उस अकाल स fतयानाश न हो जाए 37 यह बात फिरौन और उसक सार कमचारिरयो को अचछी लगी 38 सो फिरौन न अपन कमचारिरयोस कहा फिक $या हम को ऐसा पररष जसा यह ह जिजस म परमशवर का

आतमा रहता ह मिमल सकता ह 39 फिर फिरौन न यस स कहा परमशवर न जो तझ इतना जञान दिदया ह फिक तर तलय कोई समझदार और

बजिyमान नही 40 इस कारण त मर घर का अमिधकारी होगा और तरी आजञा क अनसार मरी सारी परजा चलगी कवल

राजगददी क फिवरषय म तझ स बड़ा ठहरगा 41 फिर फिरौन न यस स कहा सन म तझ को मिमसर क सार दश क ऊपर अमिधकारी ठहरा दता ह 42 तब फिरौन न अपन हाथ स अगठी फिनकाल क यस क हाथ म पफिहना दी और उसको बदिढय़ा मलमल क

वfतर पफिहनवा दिदए और उसक गल म सोन की जजीर डाल दी 43 और उसको अपन दसर रथ पर चढ़वाया और लोग उसक आग आग यह परचार करत चल फिक घNन

Nककर दणडवत करो और उसन उसको मिमसर क सार दश क ऊपर परधान मतरी ठहराया 44 फिर फिरौन न यस स कहा फिरौन तो म ह और सार मिमसर दश म कोई भी तरी आजञा क फिबना हाथ

पाव न फिहलाएगा 45 और फिरौन न यस का नाम सापन तपानह रा और ओन नगर क याजक पोतीपरा की बNी आसनत स

उसका बयाह करा दिदया और यस मिमसर क सार दश म दौरा करन लगा 46 जब यस मिमसर क राजा फिरौन क समम ड़ा हआ तब वह तीस वरष का था सो वह फिरौन क

समम स फिनकलकर मिमसर क सार दश म दौरा करन लगा 47 सकाल क सातो वरषzम भमिम बहतायत स अनन उपजाती रही 48 और यस उन सातो वरषz म सब परकार की भोजनवfतए जो मिमसर दश म होती थी जमा करक नगरो म

रता गया और हर एक नगर क चारो ओर क तो की भोजनवfतओ को वह उसी नगर म इकटठा करतागया 49 सो यस न अनन को समदर की बाल क समान अतयनत बहतायत स रालिश रालिश करक रा यहा तक फिक

उसन उनका फिगनना छोड़ दिदया $योफिक व असखय हो गई 50 अकाल क परथम वरष क आन स पफिहल यस क दो पतर ओन क याजक पोतीपरा की बNी आसनत सजनम 51 और यस न अपन जठ का नाम यह कहक मनशश रा फिक परमशवर न मझ स सारा $लश और मर

फिपता का सारा घराना भला दिदया ह 52 और दसर का नाम उसन यह कहकर एपरम रा फिक मझ द भोगन क दश म परमशवर न लाया

लाया ह 53 और मिमसर दश क सकाल क व सात वरष समापत हो गए

54 और यस क कहन क अनसार सात वरषz क लिलय अकाल आरमभ हो गया और सब दशो म अकाल पड़न लगा परनत सार मिमसर दश म अनन था 55 जब मिमसर का सारा दश भो मरन लगा तब परजा फिरोन स लिचलला लिचललाकर रोNी मागन लगी और वह

सब मिमततिसरयो स कहा करता था यस क पास जाओ और जो कछ वह तम स कह वही करो 56 सो जब अकाल सारी पथवी पर ल गया और मिमसर दश म काल का भयकर रप हो गया तब यस सब

भणडारो को ोल ोल क मिमततिसरयो क हाथ अनन बचन लगा 57 सो सारी पथवी क लोग मिमसर म अनन मोल लन क लिलय यस क पास आन लग $योफिक सारी पथवी पर

भयकर अकाल था

अधयाय४२

01 जब याकब न सना फिक मिमसर म अनन ह तब उसन अपन पतरो स कहा तम एक दसर का मह $यो द रहहो 02 फिर उसन कहा म न सना ह फिक मिमसर म अनन ह इसलिलय तम लोग वहा जा कर हमार लिलय अनन मोल लआओ जिजस स हम न मर वरन जीफिवत रह 03 सो यस क दस भाई अनन मोल लन क लिलय मिमसर को गए 04 पर यस क भाई फिबनयामीन को याकब न यह सोचकर भाइयो क साथ न भजा फिक कही ऐसा न हो फिक

उस पर कोई फिवपतति आ पड़ 05 सो जो लोग अनन मोल लन आए उनक साथ इसराएल क पतर भी आए $योफिक कनान दश म भी भारी

अकाल था 06 यस तो मिमसर दश का अमिधकारी था और उस दश क सब लोगो क हाथ वही अनन बचता था इसलिलय

जब यस क भाई आए तब भमिम पर मह क बल फिगर क दणडवत फिकया 07 उन को दकर यस न पफिहचान तो लिलया परनत उनक सामहन भोला बनक कठोरता क साथ उन सपछा तम कहा स आत हो उनहोन कहा हम तो कनान दश स अनन मोल लन क लिलय आए ह 08 यस न तो अपन भाइयो को पफिहचान लिलया परनत उनहोन उसको न पफिहचाना 09 तब यस अपन उन fवपनो को fमरण करक जो उसन उनक फिवरषय म द थ उन स कहन लगा तम

भदिदए हो इस दश की ददशा को दन क लिलय आए हो 10 उनहोन उसस कहा नही नही ह परभ तर दास भोजनवfत मोल लन क लिलय आए ह 11 हम सब एक ही फिपता क पतर ह हम सीध मनषय ह तर दास भदिदए नही 12 उसन उन स कहा नही नही तम इस दश की ददशा दन ही को आए हो 13 उनहोन कहा हम तर दास बारह भाई ह और कनान दशवासी एक ही पररष क पतर ह और छोNा इस

समय हमार फिपता क पास ह और एक जाता रहा 14 तब यस न उन स कहा म न तो तम स कह दिदया फिक तम भदिदए हो 15 सो इसी रीफित स तम पर जाओग फिरौन क जीवन की शपथ जब तक तमहारा छोNा भाई यहा न आए

तब तक तम यहा स न फिनकलन पाओग 16 सो अपन म स एक को भज दो फिक वह तमहार भाई को ल आए और तम लोग बनधवाई म रहोग इस

परकार तमहारी बात परी जाएगी फिक तम म सचचाई ह फिक नही यदिद सचच न ठहर तब तो फिरौन क जीवन की शपथ तम फिनशचय ही भदिदए समझ जाओग

17 तब उसन उन को तीन दिदन तक बनदीगह म रा 18 तीसर दिदन यस न उन स कहा एक काम करो तब जीफिवत रहोग $योफिक म परमशवर का भय मानता ह 19 यदिद तम सीध मनषय हो तो तम सब भाइयो म स एक जन इस बनदीगह म बनधआ रह और तम अपन

घर वालो की भ बझान क लिलय अनन ल जाओ 20 और अपन छोN भाई को मर पास ल आओ इस परकार तमहारी बात सचची ठहरगी और तम मार डाल न

जाओग तब उनहोन वसा ही फिकया

21 उनहोन आपस म कहा फिन fनदह हम अपन भाई क फिवरषय म दोरषी ह $योफिक जब उसन हम स फिगड़फिगड़ा क फिबनती की तौभी हम न यह दकर फिक उसका जीवन कस सकN म पड़ा ह उसकी न सनी इसी कारण हम भी अब इस सकN म पड़ ह

22 रबन न उन स कहा $या म न तम स न कहा था फिक लड़क क अपराधी मत बनो परनत तम न न सना दो अब उसक लोह का पलNा दिदया जाता ह 23 यस की और उनकी बातचीत जो एक दभाफिरषया क दवारा होती थी इस स उन को मालम न हआ फिक वह

उनकी बोली समझता ह 24 तब वह उनक पास स हNकर रोन लगा फिर उनक पास लौNकर और उन स बातचीत करक उन म स

लिशमोन को छाN फिनकाला और उसक सामहन बनधआ रा 25 तब यस न आजञा दी फिक उनक बोर अनन स भरो और एक एक जन क बोर म उसक रपय को भी रदो फिर उन को माग क लिलय सीधा दो सो उनक साथ ऐसा ही फिकया गया 26 तब व अपना अनन अपन गदहो पर लादकर वहा स चल दिदए 27 सराय म जब एक न अपन गदह को चारा दन क लिलय अपना बोरा ोला तब उसका रपया बोर क मोहड़

पर रा हआ दिदलाई पड़ा 28 तब उसन अपन भाइयो स कहा मरा रपया तो र दिदया गया ह दो वह मर बोर म ह तब उनक जी म जी न रहा और व एक दसर की और भय स ताकन लग और बोल परमशवर न यह हम स $या फिकया ह

29 और व कनान दश म अपन फिपता याकब क पास आए और अपना सारा वानत उसस इस परकार वणनफिकया 30 फिक जो पररष उस दश का fवामी ह उसन हम स कठोरता क साथ बात की और हम को दश क भदिदएकहा 31 तब हम न उसस कहा हम सीध लोग ह भदिदए नही 32 हम बारह भाई एक ही फिपता क पतर ह एक तो जाता रहा परनत छोNा इस समय कनान दश म हमार फिपता

क पास ह 33 तब उस पररष न जो उस दश का fवामी ह हम स कहा इस स मालम हो जाएगा फिक तम सीध मनषयहो तम अपन म स एक को मर पास छोड़ क अपन घर वालो की भ बझान क लिलय कछ ल जाओ 34 और अपन छोN भाई को मर पास ल आओ तब मझ फिवशवास हो जाएगा फिक तम भदिदए नही सीध लोग

हो फिर म तमहार भाई को तमह सौप दगा और तम इस दश म लन दन कर सकोग 35 यह कहकर व अपन अपन बोर स अनन फिनकालन लग तब $या दा फिक एक एक जन क रपय की

थली उसी क बोर म री ह तब रपय की थलिलयो को दकर व और उनका फिपता बहत डर गए 36 तब उनक फिपता याकब न उन स कहा मझ को तम न फिनव^श कर दिदया दो यस नही रहा और

लिशमोन भी नही आया और अब तम फिबनयामीन को भी ल जाना चाहत हो य सब फिवपततिया मर ऊपर आ पड़ीह 37 रबन न अपन फिपता स कहा यदिद म उसको तर पास न लाऊ तो मर दोनो पतरो को मार डालना त उसको

मर हाथ म सौप द म उस तर पास फिर पहचा दगा 38 उसन कहा मरा पतर तमहार सग न जाएगा $योफिक उसका भाई मर गया ह और वह अब अकला रह गया

इसलिलय जिजस माग स तम जाओग उस म यदिद उस पर कोई फिवपतति आ पड़ तब तो तमहार कारण म इस बढ़ाप की अवसथा म शोक क साथ अधोलोक म उतर जाऊगा

अधयाय४३

01 और अकाल दश म और भी भयकर होता गया 02 जब वह अनन जो व मिमसर स ल आए थ समापत हो गया तब उनक फिपता न उन स कहा फिर जा कर हमार

लिलय थोड़ी सी भोजनवfत मोल ल आओ 03 तब यहदा न उसस कहा उस पररष न हम को लिचतावनी दकर कहा फिक यदिद तमहारा भाई तमहार सग न

आए तो तम मर समम न आन पाओग 04 इसलिलय यदिद त हमार भाई को हमार सग भज तब तो हम जा कर तर लिलय भोजनवfत मोल ल आएग 05 परनत यदिद त उसको न भज तो हम न जाएग $योफिक उस पररष न हम स कहा फिक यदिद तमहारा भाई

तमहार सग न हो तो तम मर समम न आन पाओग 06 तब इसराएल न कहा तम न उस पररष को यह बताकर फिक हमारा एक और भाई ह $यो मझ स बरा

बताव फिकया 07 उनहोन कहा जब उस पररष न हमारी और हमार कNमबिमबयो की दशा को इस रीफित पछा फिक $या तमहारा

फिपता अब तक जीफिवत ह $या तमहार कोई और भाई भी ह तब हम न इन परशनो क अनसार उसस वणनफिकया फिर हम $या जानत थ फिक वह कहगा फिक अपन भाई को यहा ल आओ 08 फिर यहदा न अपन फिपता इसराएल स कहा उस लड़क को मर सग भज द फिक हम चल जाए इस स हम

और त और हमार बालबचच मरन न पाएग वरन जीफिवत रहग 09 म उसका जामिमन होता ह मर ही हाथ स त उसको र लना यदिद म उसको तर पास पहचाकर सामहन न

ड़ाकर द तब तो म सदा क लिलय तरा अपराधी ठहरगा 10 यदिद हम लोग फिवलमब न करत तो अब तब दसरी बार लौN आत 11 तब उनक फिपता इसराएल न उन स कहा यदिद सचमच ऐसी ही बात ह तो यह करो इस दश की उम

उम वfतओ म स कछ कछ अपन बोरो म उस पररष क लिलय भN ल जाओ जस थोड़ा सा बलसान और थोड़ा सा मध और कछ सगनध दरवय और गनधरस फिपfत और बादाम

12 फिर अपन अपन साथ दना रपया ल जाओ और जो रपया तमहार बोरो क मह पर रकर र दिदया गया था उसको भी लत जाओ कदालिचत यह भल स हआ हो 13 और अपन भाई को भी सग ल कर उस पररष क पास फिर जाओ 14 और सवशलिकतमान ईशवर उस पररष को तम पर दयाल करगा जिजस स फिक वह तमहार दसर भाई को और

फिबनयामीन को भी आन द और यदिद म फिनवश हआ तो होन दो 15 तब उन मनषयो न वह भN और दना रपया और फिबनयामीन को भी सग लिलया और चल दिदए और मिमसर म पहचकर यस क सामहन ड़ हए

16 उनक साथ फिबनयामीन को दकर यस न अपन घर क अमिधकारी स कहा उन मनषयो को घर म पहचादो और पश मारक भोजन तयार करो $योफिक व लोग दोपहर को मर सग भोजन करग 17 तब वह अमिधकारी पररष यस क कहन क अनसार उन पररषो को यस क घर म ल गया 18 जब व यस क घर को पहचाए गए तब व आपस म डर कर कहन लग फिक जो रपया पफिहली बार हमार

बोरो म र दिदया गया था उसी क कारण हम भीतर पहचाए गए ह जिजस स फिक वह पररष हम पर NN पड़ और हम वश म करक अपन दास बनाए और हमार गदहो को भी छीन ल

19 तब व यस क घर क अमिधकारी क फिनकN जा कर घर क दवार पर इस परकार कहन लग 20 फिक ह हमार परभ जब हम पफिहली बार अनन मोल लन को आए थ 21 तब हम न सराय म पहचकर अपन बोरो को ोला तो $या दा फिक एक एक जन का परा परा रपया

उसक बोर क मह म रा ह इसलिलय हम उसको अपन साथ फिर लत आए ह 22 और दसरा रपया भी भोजनवfत मोल लन क लिलय लाए ह हम नही जानत फिक हमारा रपया हमार बोरो म फिकस न र दिदया था

23 उसन कहा तमहारा कशल हो मत डरो तमहारा परमशवर जो तमहार फिपता का भी परमशवर ह उसी न तम को तमहार बोरो म धन दिदया होगा तमहारा रपया तो मझ को मिमल गया था फिर उसन लिशमोन को फिनकाल कर

उनक सग कर दिदया 24 तब उस जन न उन मनषयो को यस क घर म ल जा कर जल दिदया तब उनहोन अपन पावो को धोया

फिर उसन उनक गदहो क लिलय चारा दिदया 25 तब यह सनकर फिक आज हम को यही भोजन करना होगा उनहोन यस क आन क समय तक अथात

दोपहर तक उस भN को इकटठा कर रा 26 जब यस घर आया तब व उस भN को जो उनक हाथ म थी उसक समम घर म ल गए और भमिम पर

फिगरकर उसको दणडवत फिकया 27 उसन उनका कशल पछा और कहा $या तमहारा बढ़ा फिपता जिजसकी तम न चचा की थी कशल स ह

$या वह अब तक जीफिवत ह 28 उनहोन कहा हा तरा दास हमारा फिपता कशल स ह और अब तक जीफिवत ह तब उनहोन लिसर झका कर

फिर दणडवत फिकया 29 तब उसन आ उठा कर और अपन सग भाई फिबनयामीन को दकर पछा $या तमहारा वह छोNा भाई

जिजसकी चचा तम न मझ स की थी यही ह फिर उसन कहा ह मर पतर परमशवर तझ पर अनगरह कर 30 तब अपन भाई क fनह स मन भर आन क कारण और यह सोचकर फिक म कहा जा कर रोऊ यस

त स अपनी कोठरी म गया और वहा रो पड़ा 31 फिर अपना मह धोकर फिनकल आया और अपन को शात कर कहा भोजन परोसो 32 तब उनहोन उसक लिलय तो अलग और भाइयो क लिलय भी अलग और जो मिमसरी उसक सग ात थ

उनक लिलय भी अलग भोजन परोसा इसलिलय फिक मिमसरी इफिबरयो क साथ भोजन नही कर सकत वरन मिमसरी ऐसा करना घणा समझत थ

33 सो यस क भाई उसक सामहन बड़ बड़ पफिहल और छोN छोN पीछ अपनी अपनी अवसथा क अनसार करम स बठाए गए यह द व फिवसमिfमत हो कर एक दसर की ओर दन लग

34 तब यस अपन सामहन स भोजन- वfतए उठा उठाक उनक पास भजन लगा और फिबनयामीन को अपन भाइयो स पचगणी अमिधक भोजनवfत मिमली और उनहोन उसक सग मनमाना ाया फिपया

अधयाय४४

01 तब उसन अपन घर क अमिधकारी को आजञा दी फिक इन मनषयो क बोरो म जिजतनी भोजनवfत समा सक उतनी भर द और एक एक जन क रपय को उसक बोर क मह पर र द

02 और मरा चादी का कNोरा छोN क बोर क मह पर उसक अनन क रपय क साथ र द यस की इस आजञा क अनसार उसन फिकया

03 फिबहान को भोर होत ही व मनषय अपन गदहो समत फिवदा फिकए गए 04 व नगर स फिनकल ही थ और दर न जान पाए थ फिक यस न अपन घर क अमिधकारी स कहा उन

मनषयो का पीछा कर और उन को पाकर उन स कह फिक तम न भलाई की सनती बराई $यो की ह 05 $या यह वह वfत नही जिजस म मरा fवामी पीता ह और जिजस स वह शकन भी फिवचारा करता ह तम न

यह जो फिकया ह सो बरा फिकया 06 तब उसन उनह जा लिलया और ऐसी ही बात उन स कही 07 उनहोन उसस कहा ह हमार परभ त ऐसी बात $यो कहता ह ऐसा काम करना तर दासो स दर रह 08 द जो रपया हमार बोरोक मह पर फिनकला था जब हम न उसको कनान दश स ल आकर तझ रदिदया तब भला तर fवामी क घर म स हम कोई चादी वा सोन की वfत $योकर चरा सकत ह 09 तर दासो म स जिजस फिकसी क पास वह फिनकल वह मार डाला जाए और हम भी अपन उस परभ क दास

जो जाए 10 उसन कहा तमहारा ही कहना सही जिजसक पास वह फिनकल सो मरा दास होगा और तम लोग फिनरपराधठहरोग 11 इस पर व त स अपन अपन बोर को उतार भमिम पर रकर उनह ोलन लग 12 तब वह ढढ़न लगा और बड़ क बोर स लकर छोN क बोर तक ोज की और कNोरा फिबनयामीन क बोर म मिमला 13 तब उनहोन अपन अपन वfतर ाड़ और अपना अपना गदहा लादकर नगर को लौN गए 14 जब यहदा और उसक भाई यस क घर पर पहच और यस वही था तब व उसक सामहन भमिम परफिगर 15 यस न उन स कहा तम लोगो न यह कसा काम फिकया ह $या तम न जानत थ फिक मझ सा मनषय

शकन फिवचार सकता ह 16 यहदा न कहा हम लोग अपन परभ स $या कह हम $या कहकर अपन को फिनदरषी ठहराए परमशवर न

तर दासो क अधम को पकड़ लिलया ह हम और जिजसक पास कNोरा फिनकला वह भी हम सब क सब अपन परभ क दास ही ह

17 उसन कहा ऐसा करना मझ स दर रह जिजस जन क पास कNोरा फिनकला ह वही मरा दास होगा और तम लोग अपन फिपता क पास कशल कषम स चल जाओ

18 तब यहदा उसक पास जा कर कहन लगा ह मर परभ तर दास को अपन परभ स एक बात कहन की आजञा हो और तरा कोप तर दास पर न भड़क त तो फिरौन क तलय ह 19 मर परभ न अपन दासो स पछा था फिक $या तमहार फिपता वा भाई ह 20 और हम न अपन परभ स कहा हा हमारा बढ़ा फिपता तो ह और उसक बढ़ाप का एक छोNा सा बालक भी ह परनत उसका भाई मर गया ह इसलिलय वह अब अपनी माता का अकला ही रह गया ह और उसका फिपता

उसस fनह रता ह 21 तब त न अपन दासो स कहा था फिक उसको मर पास ल आओ जिजस स म उसको द 22 तब हम न अपन परभ स कहा था फिक वह लड़का अपन फिपता को नही छोड़ सकता नही तो उसका फिपता

मर जाएगा 23 और त न अपन दासो स कहा यदिद तमहारा छोNा भाई तमहार सग न आए तो तम मर समम फिर न आन पाओग 24 सो जब हम अपन फिपता तर दास क पास गए तब हम न उसस अपन परभ की बात कही 25 तब हमार फिपता न कहा फिर जा कर हमार लिलय थोड़ी सी भोजनवfत मोल ल आओ 26 हम न कहा हम नही जा सकत हा यदिद हमारा छोNा भाई हमार सग रह तब हम जाएग $योफिक यदिद

हमारा छोNा भाई हमार सग न रह तो उस पररष क समम न जान पाएग 27 तब तर दास मर फिपता न हम स कहा तम तो जानत हो फिक मरी fतरी स दो पतर उतपनन हए 28 और उन म स एक तो मझ छोड़ ही गया और म न फिनशचय कर लिलया फिक वह ाड़ डाला गया होगा और

तब स म उसका मह न द पाया 29 सो यदिद तम इस को भी मरी आ की आड़ म ल जाओ और कोई फिवपतति इस पर पड़ तो तमहार कारण म इस प$क बाल की अवसथा म द क साथ अधोलोक म उतर जाऊगा

30 सो जब म अपन फिपता तर दास क पास पहच और यह लड़का सग न रह तब उसका पराण जो इसी पर अNका रहता ह

31 इस कारण यह दक फिक लड़का नही ह वह तरनत ही मर जाएगा तब तर दासो क कारण तरा दास हमारा फिपता जो प$क बालो की अवसथा का ह शोक क साथ अधोलोक म उतर जाएगा

32 फिर तरा दास अपन फिपता क यहा यह कहक इस लड़क का जामिमन हआ ह फिक यदिद म इस को तर पास न पहचा द तब तो म सदा क लिलय तरा अपराधी ठहरगा

33 सो अब तरा दास इस लड़क की सनती अपन परभ का दास हो कर रहन की आजञा पाए और यह लड़का अपन भाइयो क सग जान दिदया जाए

34 $योफिक लड़क क फिबना सग रह म $योकर अपन फिपता क पास जा सकगा ऐसा न हो फिक मर फिपता पर जोद पड़गा वह मझ दना पड़

अधयाय४५

01 तब यस उन सब क सामहन जो उसक आस पास ड़ थ अपन को और रोक न सका और पकार ककहा मर आस पास स सब लोगो को बाहर कर दो भाइयो क सामहन अपन को परगN करन क समय यस क

सग और कोई न रहा 02 तब वह लिचलला लिचललाकर रोन लगा और मिमततिसरयो न सना और फिरौन क घर क लोगो को भी इसका

समाचार मिमला 03 तब यस अपन भाइयो स कहन लगा म यस ह $या मरा फिपता अब तब जीफिवत ह इसका उर

उसक भाई न द सक $योफिक व उसक सामहन घबरा गए थ

04 फिर यस न अपन भाइयो स कहा मर फिनकN आओ यह सनकर व फिनकN गए फिर उसन कहा म तमहारा भाई यस ह जिजस को तम न मिमसर आनहारो क हाथ बच डाला था

05 अब तम लोग मत पछताओ और तम न जो मझ यहा बच डाला इस स उदास मत हो $योफिक परमशवर न तमहार पराणो को बचान क लिलय मझ आग स भज दिदया ह

06 $योफिक अब दो वरष स इस दश म अकाल ह और अब पाच वरष और ऐस ही होग फिक उन म न तो हल चलगा और न अनन काNा जाएगा

07 सो परमशवर न मझ तमहार आग इसी लिलय भजा फिक तम पथवी पर जीफिवत रहो और तमहार पराणो क बचन स तमहारा वश बढ़

08 इस रीफित अब मझ को यहा पर भजन वाल तम नही परमशवर ही ठहरा और उसी न मझ फिरौन का फिपतासा और उसक सार घर का fवामी और सार मिमसर दश का परभ ठहरा दिदया ह 09 सो शीघर मर फिपता क पास जा कर कहो तरा पतर यस इस परकार कहता ह फिक परमशवर न मझ सार

मिमसर का fवामी ठहराया ह इसलिलय त मर पास फिबना फिवलमब फिकए चला आ 10 और तरा फिनवास गोशन दश म होगा और त बN पोतो भड़-बकरिरयो गाय-बलो और अपन सब कछ

समत मर फिनकN रहगा 11 और अकाल क जो पाच वरष और होग उन म म वही तरा पालन पोरषण करगा ऐसा न हो फिक त और

तरा घराना वरन जिजतन तर ह सो भो मर 12 और तम अपनी आो स दत हो और मरा भाई फिबनयामीन भी अपनी आो स दता ह फिक जो हम

स बात कर रहा ह सो यस ह 13 और तम मर सब वभव का जो मिमसर म ह और जो कछ तम न दा ह उस सब को मर फिपता स वणनकरना और तरनत मर फिपता को यहा ल आना 14 और वह अपन भाई फिबनयामीन क गल स लिलपN कर रोया और फिबनयामीन भी उसक गल स लिलपN कररोया 15 तब वह अपन सब भाइयो को चम कर उन स मिमल कर रोया और इसक पशचात उसक भाई उसस बात

करन लग 16 इस बात की चचा फिक यस क भाई आए ह फिरौन क भवन तब पहच गई और इस स फिरौन और

उसक कमचारी परसनन हए 17 सो फिरौन न यस स कहा अपन भाइयो स कह फिक एक काम करो अपन पशओ को लादकर कनान

दश म चल जाओ 18 और अपन फिपता और अपन अपन घर क लोगो को ल कर मर पास आओ और मिमसर दश म जो कछ

अचछ स अचछा ह वह म तमह दगा और तमह दश क उम स उम पदाथ ान को मिमलग 19 और तझ आजञा मिमली ह तम एक काम करो फिक मिमसर दश स अपन बालबचचो और मबिfतरयो क लिलय

गाफिडया ल जाओ और अपन फिपता को ल आओ 20 और अपनी सामगरी का मोह न करना $योफिक सार मिमसर दश म जो कछ अचछ स अचछा ह सो तमहारा ह 21 और इसराएल क पतरो न वसा ही फिकया और यस न फिरौन की मान क उनह गाफिडया दी और माग क

लिलय सीधा भी दिदया 22 उन म स एक एक जन को तो उसन एक एक जोड़ा वfतर भी दिदया और फिबनयामीन को तीन सौ रप क

Nकड़ और पाच जोड़ वfतर दिदए 23 और अपन फिपता क पास उसन जो भजा वह यह ह अथात मिमसर की अचछी वfतओ स लद हए दस गदह

और अनन और रोNी और उसक फिपता क माग क लिलय भोजनवfत स लदी हई दस गदफिहया 24 और उसन अपन भाइयो को फिवदा फिकया और व चल दिदए और उसन उन स कहा माग म कही झगड़ा नकरना 25 मिमसर स चलकर व कनान दश म अपन फिपता याकब क पास पहच 26 और उसस यह वणन फिकया फिक यस अब तक जीफिवत ह और सार मिमसर दश पर परभता वही करता ह

पर उसन उनकी परतीफित न की और वह अपन आप म न रहा 27 तब उनहोन अपन फिपता याकब स यस की सारी बात जो उसन उन स कही थी कह दी जब उसन उन

गाफिडय़ो को दा जो यस न उसक ल आन क लिलय भजी थी तब उसका लिच तततिसथर हो गया

28 और इसराएल न कहा बस मरा पतर यस अब तक जीफिवत ह म अपनी मतय स पफिहल जा कर उसकोदगा

अधयाय४६

01 तब इसराएल अपना सब कछ ल कर कच करक बशबा को गया और वहा अपन फिपता इसहाक क परमशवर को बलिलदान चढ़ाए

02 तब परमशवर न इसराएल स रात को दशन म कहा ह याकब ह याकब उसन कहा $या आजञा 03 उसन कहा म ईशवर तर फिपता का परमशवर ह त मिमसर म जान स मत डर $योफिक म तझ स वहा एक बड़ी

जाफित बनाऊगा 04 म तर सग सग मिमसर को चलता ह और म तझ वहा स फिर फिनशचय ल आऊगा और यस अपना हाथ

तरी आो पर लगाएगा 05 तब याकब बशबा स चला और इसराएल क पतर अपन फिपता याकब और अपन बाल-बचचो और मबिfतरयो

को उन गाफिडय़ो पर जो फिरौन न उनक ल आन को भजी थी चढ़ाकर चल पड़ 06 और व अपनी भड़-बकरी गाय-बल और कनान दश म अपन इकटठा फिकए हए सार धन को ल कर मिमसर म आए 07 और याकब अपन बN-बदिNयो पोत-पोफितयो फिनदान अपन वश भर को अपन सग मिमसर म ल आया 08 याकब क साथ जो इसराएली अथात उसक बN पोत आदिद मिमसर म आए उनक नाम य ह याकब का

जठा तो रबन था 09 और रबन क पतर हनोक पलल हसरोन और कमम थ 10 और लिशमोन क पतर यमएल यामीन ओहद याकीन सोहर और एक कनानी fतरी स जनमा हआ शाऊल

भी था 11 और लवी क पतर गशन कहात और मरारी थ 12 और यहदा क एर ओनान शला परस और जरह नाम पतर हए तो थ पर एर और ओनान कनान दश म

मर गए थ और परस क पतर हfतरोन और हामल थ 13 और इfसाकार क पतर तोला पबबा योब और लिशमरोन थ 14 और जबलन क पतर सरद एलोन और यहलल थ 15 लिलआ क पतर जो याकब स पददनराम म उतपनन हए थ उनक बN पोत य ही थ और इन स अमिधक उसन

उसक साथ एक बNी दीना को भी जनम दिदया यहा तक तो याकब क सब वश वाल ततीस पराणी हए 16 फिर गाद क पतर लिसययोन हागगी शनी एसबोन एरी अरोदी और अरली थ 17 और आशर क पतर मियमना मियशवा मियfतरी और बरीआ थ और उनकी बफिहन सरह थी और बरीआ कपतर हबर और मलकीएल थ 18 जिजलपा जिजस लाबान न अपनी बNी लिलआ को दिदया था उसक बN पोत आदिद य ही थ सो उसक दवारा

याकब क सोलह पराणी उतपनन हए 19 फिर याकब की पतनी राहल क पतर यस और फिबनयामीन थ 20 और मिमसर दश म ओन क याजक पोतीपरा की बNी आसनत स यस क य पतर उतपनन हए अथात मनशश

और एपरम 21 और फिबनयामीन क पतर बला बकर अशबल गरा नामान एही रोश मपपीम हपपीम और आद थ 22 राहल क पतर जो याकब स उतपनन हए उनक य ही पतर थ उसक य सब बN पोत चौदह पराणी हए 23 फिर दान का पतर हशीम था 24 और नपताली क पतर यहसल गनी ससर और लिशललम थ 25 फिबलहा जिजस लाबान न अपनी बNी राहल को दिदया उस क बN पोत य ही ह उसक दवारा याकब क वश म

सात पराणी हए 26 याकब क फिनज वश क जो पराणी मिमसर म आए व उसकी बहओ को छोड़ सब मिमलकर लिछयासठ पराणी

हए 27 और यस क पतर जो मिमसर म उसस उतपनन हए व दो पराणी थ इस परकार याकब क घरान क जो पराणी

मिमसर म आए सो सब मिमलकर सर हए 28 फिर उसन यहदा को अपन आग यस क पास भज दिदया फिक वह उसको गोशन का माग दिदाए और व

गोशन दश म आए 29 तब यस अपना रथ जतवाकर अपन फिपता इसराएल स भN करन क लिलय गोशन दश को गया और उसस

भN करक उसक गल स लिलपNा और कछ दर तक उसक गल स लिलपNा हआ रोता रहा 30 तब इसराएल न यस स कहा म अब मरन स भी परसनन ह $योफिक तझ जीफिवत पाया और तरा मह दलिलया 31 तब यस न अपन भाइयो स और अपन फिपता क घरान स कहा म जा कर फिरौन को यह समाचार दगा

फिक मर भाई और मर फिपता क सार घरान क लोग जो कनान दश म रहत थ व मर पास आ गए ह 32 और व लोग चरवाह ह $योफिक व पशओ को पालत आए ह इसलिलय व अपनी भड़-बकरी गाय-बल और

जो कछ उनका ह सब ल आए ह 33 जब फिरौन तम को बलाक पछ फिक तमहारा उदयम $या ह 34 तब यह कहना फिक तर दास लड़कपन स ल कर आज तक पशओ को पालत आए ह वरन हमार परा भी

ऐसा ही करत थ इस स तम गोशन दश म रहन पाओग $योफिक सब चरवाहो स मिमसरी लोग घणा करत ह

अधयाय४७

01 तब यस न फिरौन क पास जा कर यह समाचार दिदया फिक मरा फिपता और मर भाई और उनकी भड़-बकरिरया गाय- बल और जो कछ उनका ह सब कनान दश स आ गया ह और अभी तो व गोशन दश म ह 02 फिर उसन अपन भाइयो म स पाच जन ल कर फिरौन क सामहन ड़ कर दिदए 03 फिरौन न उसक भाइयो स पछा तमहारा उदयम $या ह उनहोन फिरौन स कहा तर दास चरवाह ह और

हमार परा भी ऐस ही रह 04 फिर उनहोन फिरौन स कहा हम इस दश म परदशी की भाफित रहन क लिलय आए ह $योफिक कनान दश म

भारी अकाल होन क कारण तर दासो को भड़- बकरिरयो क लिलय चारा न रहा सो अपन दासो को गोशन दश म रहन की आजञा द

05 तब फिरौन न यस स कहा तरा फिपता और तर भाई तर पास आ गए ह 06 और मिमसर दश तर सामहन पड़ा ह इस दश का जो सब स अचछा भाग हो उस म अपन फिपता और भाइयो

को बसा द अथात व गोशन ही दश म रह और यदिद त जानता हो फिक उन म स परिरशरमी पररष ह तो उनह मर पशओ क अमिधकारी ठहरा द

07 तब यस न अपन फिपता याकब को ल आकर फिरौन क समम ड़ा फिकया और याकब न फिरौन को आशीवाद दिदया

08 तब फिरौन न याकब स पछा तरी अवसथा फिकतन दिदन की हई ह 09 याकब न फिरौन स कहा म तो एक सौ तीस वरष परदशी हो कर अपना जीवन बीता चका ह मर जीवन

क दिदन थोड़ और द स भर हए भी थ और मर बापदाद परदशी हो कर जिजतन दिदन तक जीफिवत रह उतन दिदन का म अभी नही हआ

10 और याकब फिरौन को आशीवाद दकर उसक समम स चला गया 11 तब यस न अपन फिपता और भाइयो को बसा दिदया और फिरौन की आजञा क अनसार मिमसर दश क अचछ

स अचछ भाग म अथात रामसस नाम दश म भमिम दकर उन को सौप दिदया 12 और यस अपन फिपता का और अपन भाइयो का और फिपता क सार घरान का एक एक क बालबचचो

क घरान की फिगनती क अनसार भोजन दिदला दिदलाकर उनका पालन पोरषण करन लगा

13 और उस सार दश म ान को कछ न रहा $योफिक अकाल बहत भारी था और अकाल क कारण मिमसर और कनान दोनो दश नाश हो गए

14 और जिजतना रपया मिमसर और कनान दश म था सब को यस न उस अनन की सनती जो उनक फिनवासी मोल लत थ इकटठा करक फिरौन क भवन म पहचा दिदया

15 जब मिमसर और कनान दश का रपया चक गया तब सब मिमसरी यस क पास आ आकर कहन लग हम को भोजनवfत द $या हम रपय क न रहन स तर रहत हए मर जाए

16 यस न कहा यदिद रपय न हो तो अपन पश द दो और म उनकी सनती तमह ान को दगा 17 तब व अपन पश यस क पास ल आए और यस उन को घोड़ो भड़-बकरिरयो गाय- बलो और गदहो

की सनती ान को दन लगा उस वरष म वह सब जाफित क पशओ की सनती भोजन दकर उनका पालन पोरषण करता रहा

18 वह वरष तो यो कN गया तब अगल वरष म उनहोन उसक पास आकर कहा हम अपन परभ स यह बात लिछपा न रग फिक हमारा रपया चक गया ह और हमार सब परकार क पश हमार परभ क पास आ चक ह

इसलिलय अब हमार परभ क सामहन हमार शरीर और भमिम छोड़कर और कछ नही रहा 19 हम तर दत $यो मर और हमारी भमिम $यो उजड़ जाए हमको और हमारी भमिम को भोजन वfत की

सनती मोल ल फिक हम अपनी भमिम समत फिरौन क दास हो और हम को बीज द फिक हम मरन न पाए वरन जीफिवत रह और भमिम न उजड़

20 तब यस न मिमसर की सारी भमिम को फिरौन क लिलय मोल लिलया $योफिक उस कदिठन अकाल क पड़न स मिमततिसरयो को अपना अपना त बच डालना पड़ा इस परकार सारी भमिम फिरौन की हो गई

21 और एक छोर स ल कर दसर छोर तक सार मिमसर दश म जो परजा रहती थी उसको उसन नगरो म लाकर बसा दिदया

22 पर याजको की भमिम तो उसन न मोल ली $योफिक याजको क लिलय फिरौन की ओर स फिनतय भोजन का बनदोबfत था और फिनतय जो भोजन फिरौन उन को दता था वही व ात थ इस कारण उन को अपनी भमिम

बचनी न पड़ी 23 तब यस न परजा क लोगो स कहा सनो म न आज क दिदन तम को और तमहारी भमिम को भी फिरौन क

लिलय मोल लिलया ह दो तमहार लिलय यहा बीज ह इस भमिम म बोओ 24 और जो कछ उपज उसका पचमाश फिरौन को दना बाकी चार अश तमहार रहग फिक तम उस अपन तो म बोओ और अपन अपन बालबचचो और घर क और लोगो समत ाया करो

25 उनहोन कहा त न हम को बचा लिलया ह हमार परभ क अनगरह की दमिषट हम पर बनी रह और हम फिरौन क दास हो कर रहग

26 सो यस न मिमसर की भमिम क फिवरषय म ऐसा फिनयम ठहराया जो आज क दिदन तक चला आता ह फिक पचमाश फिरौन को मिमला कर कवल याजको ही की भमिम फिरौन की नही हई

27 और इसराएली मिमसर क गोशन दश म रहन लग और वहा की भमिम को अपन वश म कर लिलया और ल-ल और अतयनत बढ़ गए 28 मिमसर दश म याकब सतरह वरष जीफिवत रहा इस परकार याकब की सारी आय एक सौ सतालीस वरष कीहई 29 जब इसराएल क मरन का दिदन फिनकN आ गया तब उसन अपन पतर यस को बलवाकर कहा यदिद तरा

अनगरह मझ पर हो तो अपना हाथ मरी जाघ क तल रकर शपथ ा फिक म तर साथ कपा और सचचाई का यह काम करगा फिक तझ मिमसर म मिमटटी न दगा

30 जब त अपन बापदादो क सग सो जाएगा तब म तझ मिमसर स उठा ल जा कर उनही क कबरिरfतान मरगा तब यस न कहा म तर वचन क अनसार करगा 31 फिर उसन कहा मझ स शपथ ा सो उसन उसस शपथ ाई तब इसराएल न ाN क लिसरहान की ओर

लिसर झकाया

अधयाय४८

01 इन बातो क पशचात फिकसी न यस स कहा सन तरा फिपता बीमार ह तब वह मनशश और एपरम नाम अपन दोनो पतरो को सग ल कर उसक पास चला

02 और फिकसी न याकब को बता दिदया फिक तरा पतर यस तर पास आ रहा ह तब इसराएल अपन को समभाल कर ाN पर बठ गया

03 और याकब न यस स कहा सवशलिकतमान ईशवर न कनान दश क लज नगर क पास मझ दशन दकर आशीरष दी

04 और कहा सन म तझ ला- लाकर बढ़ाऊगा और तझ राजय राजय की मणडली का मल बनाऊगा और तर पशचात तर वश को यह दश द दगा जिजस स फिक वह सदा तक उनकी फिनज भमिम बनी रह

05 और अब तर दोनो पतर जो मिमसर म मर आन स पफिहल उतपनन हए ह व मर ही ठहरग अथात जिजस रीफित स रबन और लिशमोन मर ह उसी रीफित स एपरम और मनशश भी मर ठहरग

06 और उनक पशचात जो सनतान उतपनन हो वह तर तो ठहरग परनत बNवार क समय व अपन भाइयो ही क वश म फिगन जाएग

07 जब म पददान स आता था तब एपराता पहचन स थोड़ी ही दर पफिहल राहल कनान दश म माग म मर सामहन मर गई और म न उस वही अथात एपराता जो बतलहम भी कहलाता ह उसी क माग म मिमटटी दी

08 तब इसराएल को यस क पतर द पड़ और उसन पछा य कौन ह 09 यस न अपन फिपता स कहा य मर पतर ह जो परमशवर न मझ यहा दिदए ह उसन कहा उन को मर पास

ल आ फिक म उनह आशीवाद द 10 इसराएल की आ बढ़ाप क कारण धनधली हो गई थी यहा तक फिक उस कम सझता था तब यस उनह

उनक पास ल गया और उसन उनह चमकर गल लगा लिलया 11 तब इसराएल न यस स कहा मझ आशा न थी फिक म तरा म फिर दन पाऊगा परनत द परमशवर न मझ तरा वश भी दिदाया ह

12 तब यस न उनह अपन घNनो क बीच स हNाकर और अपन मह क बल भमिम पर फिगर क दणडवत की 13 तब यस न उन दोनो को लकर अथात एपरम को अपन दाफिहन हाथ स फिक वह इसराएल क बाए हाथपड़ और मनशश को अपन बाए हाथ स फिक इसराएल क दाफिहन हाथ पड़ उनह उसक पास ल गया 14 तब इसराएल न अपना दफिहना हाथ बढ़ाकर एपरम क लिसर पर जो छोNा था और अपना बाया हाथ बढ़ाकर

मनशश क लिसर पर र दिदया उसन तो जान बझकर ऐसा फिकया नही तो जठा मनशश ही था 15 फिर उसन यस को आशीवाद दकर कहा परमशवर जिजसक समम मर बापदाद इबराहीम और इसहाक( अपन को जानकर ) चलत थ वही परमशवर मर जनम स ल कर आज क दिदन तक मरा चरवाहा बना ह 16 और वही दत मझ सारी बराई स छड़ाता आया ह वही अब इन लड़को को आशीरष द और य मर और मर

बापदाद इबराहीम और इसहाक क कहलाए और पथवी म बहतायत स बढ़ 17 जब यस न दा फिक मर फिपता न अपना दफिहना हाथ एपरम क लिसर पर रा ह तब यह बात उसको बरीलगी सो उसन अपन फिपता का हाथ इस मनसा स पकड़ लिलया फिक एपरम क लिसर पर स उठा कर मनशश क लिसर

पर र द 18 और यस न अपन फिपता स कहा ह फिपता ऐसा नही $योफिक जठा यही ह अपना दफिहना हाथ इसक लिसर

पर र 19 उसक फिपता न कहा नही सन ह मर पतर म इस बात को भली भाफित जानता ह यदयफिप इस स भी मनषयो

की एक मणडली उतपनन होगी और यह भी महान हो जाएगा तौभी इसका छोNा भाई इस स अमिधक महान होजाएगा और उसक वश स बहत सी जाफितया फिनकलगी 20 फिर उसन उसी दिदन यह कहकर उन को आशीवाद दिदया फिक इसराएली लोग तरा नाम ल ल कर ऐसा

आशीवाद दिदया करग फिक परमशवर तझ एपरम और मनशश क समान बना द और उसन मनशश स पफिहल एपरम का नाम लिलया

21 तब इसराएल न यस स कहा द म तो मरन पर ह परनत परमशवर तम लोगो क सग रहगा और तम को तमहार फिपतरो क दश म फिर पहचा दगा

22 और म तझ को तर भाइयो स अमिधक भमिम का एक भाग दता ह जिजस को म न एमोरिरयो क हाथ स अपनी तलवार और धनरष क बल स ल लिलया ह

अधयाय४९

01 फिर याकब न अपन पतरो को यह कहकर बलाया फिक इकटठ हो जाओ म तम को बताऊगा फिक अनत क दिदनो म तम पर $या $या बीतगा

02 ह याकब क पतरो इकटठ हो कर सनो अपन फिपता इसराएल की ओर कान लगाओ 03 ह रबन त मरा जठा मरा बल और मर पौररष का पफिहला ल ह परफितषठा का उम भाग और शलिकत

का भी उम भाग त ही ह 04 त जो जल की नाई उबलन वाला ह इसलिलय औरो स शरषट न ठहरगा $योफिक त अपन फिपता की ाN परचढ़ा तब त न उसको अशy फिकया वह मर फिबछौन पर चढ़ गया 05 लिशमोन और लवी तो भाई भाई ह उनकी तलवार उपदरव क हलिथयार ह 06 ह मर जीव उनक मम म न पड़ ह मरी मफिहमा उनकी सभा म मत मिमल $योफिक उनहोन कोप स मनषयो

को घात फिकया और अपनी ही इचछा पर चलकर बलो की पछ काNी ह 07 मिध$कार उनक कोप को जो परचणड था और उनक रोरष को जो फिनदय था म उनह याकब म अलग अलग

और इसराएल म फितर फिबर कर दगा 08 ह यहदा तर भाई तरा धनयवाद करग तरा हाथ तर शतरओ की गदन पर पड़गा तर फिपता क पतर तझ

दणडवत करग 09 यहदा सिसह का डावर ह ह मर पतर त अहर करक गा म गया ह वह सिसह वा सिसहनी की नाई दबकर

बठ गया फिर कौन उसको छड़गा 10 जब तक शीलो न आए तब तक न तो यहदा स राजदणड छNगा न उसक वश स वयवसथा दनवाला अलगहोगा और राजय राजय क लोग उसक आधीन हो जाएग 11 वह अपन जवान गदह को दालता म और अपनी गदही क बचच को उम जाफित की दालता म बानधा

करगा उसन अपन वfतर दामध म और अपना पफिहरावा दाो क रस म धोया ह 12 उसकी आ दामध स चमकीली और उसक दात दध स शवत होग 13 जबलन समदर क तीर पर फिनवास करगा वह जहाजो क लिलय बनदरगाह का काम दगा और उसका परला

भाग सीदोन क फिनकN पहचगा 14 इfसाकार एक बड़ा और बलवनत गदहा ह जो पशओ क बाड़ो क बीच म दबका रहता ह 15 उसन एक फिवशरामसथान दकर फिक अचछा ह और एक दश फिक मनोहर ह अपन कनध को बोझ उठान

क लिलय झकाया और बगारी म दास का सा काम करन लगा 16 दान इसराएल का एक गोतर हो कर अपन जाफितभाइयो का नयाय करगा 17 दान माग म का एक साप और राfत म का एक नाग होगा जो घोड़ की नली को डसता ह जिजस स

उसका सवार पछाड़ ाकर फिगर पड़ता ह 18 ह यहोवा म तझी स उyार पान की बाN जोहता आया ह 19 गाद पर एक दल चढ़ाई तो करगा पर वह उसी दल क फिपछल भाग पर छापा मारगा 20 आशर स जो अनन उतपनन होगा वह उम होगा और वह राजा क योगय fवादिदषट भोजन दिदया करगा 21 नपताली एक छNी हई हरिरणी ह वह सनदर बात बोलता ह 22 यस बलवनत लता की एक शाा ह वह सोत क पास लगी हई लवनत लता की एक शाा ह उसकी

डालिलया भीत पर स चढ़कर ल जाती ह 23 धनधारिरयो न उसको दिदत फिकया और उस पर तीर मार और उसक पीछ पड़ ह 24 पर उसका धनरष दढ़ रहा और उसकी बाह और हाथ याकब क उसी शलिकतमान ईशवर क हाथो क दवारा

तल हए जिजसक पास स वह चरवाहा आएगा जो इसराएल का पतथर भी ठहरगा 25 यह तर फिपता क उस ईशवर का काम ह जो तरी सहायता करगा उस सवशलिकतमान को जो तझ ऊपर स

आकाश म की आशीरष और नीच स गफिहर जल म की आशीरष और fतनो और गभ की आशीरष दगा 26 तर फिपता क आशीवाद मर फिपतरो क आशीवाद स अमिधक बढ़ गए ह और सनातन पहाफिडय़ो की मन- चाही

वfतओ की नाई बन रहग व यस क लिसर पर जो अपन भाइयो म स नयारा हआ उसी क लिसर क मकN पर

ल लग 27 फिबनयामीन ाड़नहारा हणडार ह सवर तो वह अहर भकषण करगा और साझ को लN बाN लगा 28 इसराएल क बारहो गोतर य ही ह और उनक फिपता न जिजस जिजस वचन स उन को आशीवाद दिदया सो य हीह एक एक को उसक आशीवाद क अनसार उसन आशीवाद दिदया 29 तब उसन यह कहकर उन को आजञा दी फिक म अपन लोगो क साथ मिमलन पर ह इसलिलय मझ फिही

एपरोन की भमिमवाली गा म मर बापदादो क साथ मिमटटी दना 30 अथात उसी गा म जो कनान दश म ममर क सामहन वाली मकपला की भमिम म ह उस भमिम को तो

इबराहीम न फिही एपरोन क हाथ स इसी फिनमिम मोल लिलया था फिक वह कबरिरfतान क लिलय उसकी फिनज भमिमहो 31 वहा इबराहीम और उसकी पतनी सारा को मिमटटी दी गई और वही इसहाक और उसकी पतनी रिरबका को भी

मिमटटी दी गई और वही म न लिलआ को भी मिमटटी दी 32 वह भमिम और उस म की गा फिहततियो क हाथ स मोल ली गई 33 यह आजञा जब याकब अपन पतरो को द चका तब अपन पाव ाN पर समN पराण छोड़ और अपन लोगो म जा मिमला

अधयाय५०

01 तब यस अपन फिपता क मह पर फिगरकर रोया और उस चमा 02 और यस न उन वदयो को जो उसक सवक थ आजञा दी फिक मर फिपता की लोथ म सगनधदरवय भरो तब

वदयो न इसराएल की लोथ म सगनधदरवय भर दिदए 03 और उसक चालीस दिदन पर हए $योफिक जिजनकी लोथ म सगनधदरवय भर जात ह उन को इतन ही दिदन पर

लगत ह और मिमसरी लोग उसक लिलय सर दिदन तक फिवलाप करत रह 04 जब उसक फिवलाप क दिदन बीत गए तब यस फिरौन क घरान क लोगो स कहन लगा यदिद तमहारी

अनगरह की दमिषट मझ पर हो तो मरी यह फिबनती फिरौन को सनाओ 05 फिक मर फिपता न यह कहकर फिक द म मरन पर ह मझ यह शपथ खिलाई फिक जो कबर त न अपन लिलय

कनान दश म दवाई ह उसी म म तझ मिमटटी दगा इसलिलय अब मझ वहा जा कर अपन फिपता को मिमटटी दन की आजञा द ततपशचात म लौN आऊगा

06 तब फिरौन न कहा जा कर अपन फिपता की खिलाई हई शपथ क अनसार उन को मिमटटी द 07 सो यस अपन फिपता को मिमटटी दन क लिलय चला और फिरौन क सब कमचारी अथात उसक भवन कपरफिनय और मिमसर दश क सब परफिनय उसक सग चल 08 और यस क घर क सब लोग और उसक भाई और उसक फिपता क घर क सब लोग भी सग गए पर व

अपन बालबचचो और भड़-बकरिरयो और गाय- बलो को गोशन दश म छोड़ गए 09 और उसक सग रथ और सवार गए सो भीड़ बहत भारी हो गई 10 जब व आताद क लिलहान तक जो यरदन नदी क पार ह पहच तब वहा अतयनत भारी फिवलाप फिकया

और यस न अपन फिपता क सात दिदन का फिवलाप कराया 11 आताद क लिलहान म क फिवलाप को दकर उस दश क फिनवासी कनाफिनयो न कहा यह तो मिमततिसरयो का

कोई भारी फिवलाप होगा इसी कारण उस सथान का नाम आबलमिमसरम पड़ा और वह यरदन क पार ह 12 और इसराएल क पतरो न उसस वही काम फिकया जिजसकी उसन उन को आजञा दी थी 13 अथात उनहोन उसको कनान दश म ल जाकर मकपला की उस भमिमवाली गा म जो ममर क सामहन ह

मिमटटी दी जिजस को इबराहीम न फिही एपरोन क हाथ स इस फिनमिम मोल लिलया था फिक वह कबरिरfतान क लिलय उसकी फिनज भमिम हो

14 अपन फिपता को मिमटटी दकर यस अपन भाइयोऔर उन सब समत जो उसक फिपता को मिमटटी दन क लिलय उसक सग गए थ मिमसर म लौN आया

15 जब यस क भाइयो न दा फिक हमारा फिपता मर गया ह तब कहन लग कदालिचत यस अब हमार पीछ

पड़ और जिजतनी बराई हम न उसस की थी सब का परा पलNा हम स ल 16 इसलिलय उनहोन यस क पास यह कहला भजा फिक तर फिपता न मरन स पफिहल हम यह आजञा दी थी 17 फिक तम लोग यस स इस परकार कहना फिक हम फिबनती करत ह फिक त अपन भाइयो क अपराध और

पाप को कषमा कर हम न तझ स बराई तो की थी पर अब अपन फिपता क परमशवर क दासो का अपराध कषमा कर उनकी य बात सनकर यस रो पड़ा

18 और उसक भाई आप भी जाकर उसक सामहन फिगर पड़ और कहा द हम तर दास ह 19 यस न उन स कहा मत डरो $या म परमशवर की जगह पर ह 20 यदयफिप तम लोगो न मर लिलय बराई का फिवचार फिकया था परनत परमशवर न उसी बात म भलाई का फिवचारफिकया जिजस स वह ऐसा कर जसा आज क दिदन परगN ह फिक बहत स लोगो क पराण बच ह 21 सो अब मत डरो म तमहारा और तमहार बाल- बचचो का पालन पोरषण करता रहगा इस परकार उसन उन

को समझा बझाकर शासदिनत दी 22 और यस अपन फिपता क घरान समत मिमसर म रहता रहा और यस एक सौ दस वरष जीफिवत रहा 23 और यस एपरम क परपोतो तक दन पाया और मनशश क पोत जो माकीर क पतर थ व उतपनन हो कर

यस स गोद म लिलए गए 24 और यस न अपन भाइयो स कहा म तो मरन पर ह परनत परमशवर फिनशचय तमहारी समिध लगा और तमह

इस दश स फिनकाल कर उस दश म पहचा दगा जिजसक दन की उसन इबराहीम इसहाक और याकब स शपथ ाई थी

25 फिर यस न इसराएलिलयो स यह कहकर फिक परमशवर फिनशचय तमहारी समिध लगा उन को इस फिवरषय की शपथ खिलाई फिक हम तरी हफियो को वहा स उस दश म ल जाएग

26 फिनदान यस एक सौ दस वरष का हो कर मर गया और उसकी लोथ म सगनधदरवय भर गए और वह लोथ मिमसर म एक सनदक म री गई

Genesis - -उतपतति अधयाय 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 3

1 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50

मपषठ | बह भारषा | सलिचपषठ | ोज

Page 6: WordPress.com · Web viewअध य य.१ 01. आद म परम श वर न आक श और प थ व क स ष ट क । 02. और प थ व ब ड ल और

02 उसन नर और नारी करक मनषयो की सषटि की और उनह आशीरषो ी और उनकी सषटि क दिन उनका नाम आम रखा

03 जब आम एक सौ तीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा उसकी समानता म उस ही क सवरप क अनसार एक पतर उतपनन हआ उसका नाम शत रखा

04 और शत क जनम क पशचात आम आठ सौ वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट बदिटया उतपनन हई

05 और आम की कल अवसथा नौ सौ तीस वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 06 जब शत एक सौ पाच वरषोW का हआ तब उसन एनोश को जनम दिया 07 और एनोश क जनम क पशचात शत आठ सौ सात वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 08 और शत की कल अवसथा नौ सौ बारह वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 09 जब एनोश नबब वरषोW का हआ तब उसन कनान को जनम दिया 10 और कनान क जनम क पशचात एनोश आठ सौ पनदरह वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया हई 11 और एनोश की कल अवसथा नौ सौ पाच वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 12 जब कनान सcर वरषोW का हआ तब उसन महललल को जनम दिया 13 और महललल क जनम क पशचात कनान आठ सौ चालीस वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 14 और कनान की कल अवसथा नौ सौ स वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 15 जब महललल पसठ वरषोW का हआ तब उसन यर को जनम दिया 16 और यर क जनम क पशचात महललल आठ सौ तीस वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 17 और महललल की कल अवसथा आठ सौ पचानव वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 18 जब यर एक सौ बासठ वरषोW का हआ जब उसन हनोक को जनम दिया 19 और हनोक क जनम क पशचात यर आठ सौ वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट बदिटया

उतपनन हई 20 और यर की कल अवसथा नौ सौ बासठ वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 21 जब हनोक पसठ वरषोW का हआ तब उसन मतशलह को जनम दिया 22 और मतशलह क जनम क पशचात हनोक तीन सौ वरषोW तक परमशवर क साथ साथ चलता रहा

और उसक और भी बट बदिटया उतपनन हई 23 और हनोक की कल अवसथा तीन सौ पसठ वरषोW की हई 24 और हनोक परमशवर क साथ साथ चलता था षटि6र वह लोप हो गया कयोषटिक परमशवर न उस उठालिलया 25 जब मतशलह एक सौ सcासी वरषोW का हआ तब उसन लमक को जनम दिया 26 और लमक क जनम क पशचात मतशलह सात सौ बयासी वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 27 और मतशलह की कल अवसथा नौ सौ उनहcर वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 28 जब लमक एक सौ बयासी वरषोW का हआ तब उसन एक पतर जनम दिया 29 और यह कहकर उसका नाम नह रखा षटिक यहोवा न जो पथवी को शाप दिया ह उसक षटिवरषोय

यह लडका हमार काम म और उस कदिठन परिरशरम म जो हम करत ह हम को शातनिनत गा 30 और नह क जनम क पशचात लमक पाच सौ पचानव वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 31 और लमक की कल अवसथा सात सौ सतहcर वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया 32 और नह पाच सौ वरषोW का हआ और नह न शम और हाम और यपत को जनम दिया

अधयाय६

01 षटि6र जब मनषय भमिम क ऊपर बहत बढन लग और उनक बदिटया उतपनन हई 02 तब परमशवर क पतरो न मनषय की पषटितरयो को खा षटिक व सनर ह सो उनहोन जिजस जिजस को

चाहा उन स बयाह कर लिलया 03 और यहोवा न कहा मरा आतमा मनषय स सा लो षटिववा करता न रहगा कयोषटिक मनषय भी

शरीर ही ह उसकी आय एक सौ बीस वरषोW की होगी 04 उन दिनो म पथवी पर ानव रहत थ और इसक पशचात जब परमशवर क पतर मनषय की पषटितरयो क

पास गए तब उनक दवारा जो सनतान उतपनन हए व पतर शरवीर होत थ जिजनकी कीरतित पराचीन काल स परचलिलत ह

05 और यहोवा न खा षटिक मनषयो की बराई पथवी पर बढ गई ह और उनक मन क षटिवचार म जो कछ उतपनन होता ह सो षटिनरनतर बरा ही होता ह

06 और यहोवा पथवी पर मनषय को बनान स पछताया और वह मन म अषटित खदित हआ 07 तब यहोवा न सोचा षटिक म मनषय को जिजसकी म न सषटि की ह पथवी क ऊपर स मिमटा दगा कया मनषय कया पश कया रगन वाल जनत कया आकाश क पकषी सब को मिमटा दगा कयोषटिक म उनक

बनान स पछताता ह 08 परनत यहोवा क अनगरह की दषटि नह पर बनी रही 09 नह की वशावली यह ह नह म पररषो और अपन समय क लोगो म खरा था और नह परमशवर

ही क साथ साथ चलता रहा 10 और नह स शम और हाम और यपत नाम तीन पतर उतपनन हए 11 उस समय पथवी परमशवर की दषटि म षटिबगड गई थी और उपदरव स भर गई थी 12 और परमशवर न पथवी पर जो दषटि की तो कया खा षटिक वह षटिबगडी हई ह कयोषटिक सब पराणिणयो न पथवी पर अपनी अपनी चाल चलन षटिबगाड ली थी

13 तब परमशवर न नह स कहा सब पराणिणयो क अनत करन का परशन मर सामहन आ गया ह कयोषटिक उनक कारण पथवी उपदरव स भर गई ह इसलिलय म उन को पथवी समत नाश कर डालगा

14 इसलिलय त गोपर वकष की लकडी का एक जहाज बना ल उस म कोठरिरया बनाना और भीतर बाहर उस पर राल लगाना

15 और इस ढग स उसको बनाना जहाज की लमबाई तीन सौ हाथ चौडाई पचास हाथ और ऊचाई तीस हाथ की हो

16 जहाज म एक खिखडकी बनाना और इसक एक हाथ ऊपर स उसकी छत बनाना और जहाज की एक अलग म एक दवार रखना और जहाज म पषटिहला दसरा तीसरा खणड बनाना

17 और सन म आप पथवी पर जलपरलय करक सब पराणिणयो को जिजन म जीवन की आतमा ह आकाश क नीच स नाश करन पर ह और सब जो पथवी पर ह मर जाएग

18 परनत तर सग म वाचा बा(ता ह इसलिलय त अपन पतरो सतरी और बहओ समत जहाज म परवश करना 19 और सब जीषटिवत पराणिणयो म स त एक एक जाषटित क ो ो अथाWत एक नर और एक माा

जहाज म ल जा कर अपन साथ जीषटिवत रखना 20 एक एक जाषटित क पकषी और एक एक जाषटित क पश और एक एक जाषटित क भमिम पर रगनवाल सब म स ो ो तर पास आएग षटिक त उन को जीषटिवत रख 21 और भाषटित भाषटित का भोजय पाथW जो खाया जाता ह उन को त ल कर अपन पास इकटठा कर

रखना सो तर और उनक भोजन क लिलय होगा 22 परमशवर की इस आजञा क अनसार नह न षटिकया

अधयाय७

01 और यहोवा न नह स कहा त अपन सार घरान समत जहाज म जा कयोषटिक म न इस समय क लोगो म स कवल तझी को अपनी दषटि म म खा ह

02 सब जाषटित क शq पशओ म स तो त सात सात अथाWत नर और माा लना पर जो पश शq नही ह उन म स ो ो लना अथाWत नर और माा

03 और आकाश क पणिकषयो म स भी सात सात अथाWत नर और माा लना षटिक उनका वश बचकर सारी पथवी क ऊपर बना रह

04 कयोषटिक अब सात दिन और बीतन पर म पथवी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहगा जिजतनी वसतए म न बनाई ह सब को भमिम क ऊपर स मिमटा दगा

05 यहोवा की इस आजञा क अनसार नह न षटिकया 06 नह की अवसथा छ सौ वरषोW की थी जब जलपरलय पथवी पर आया 07 नह अपन पतरो पतनी और बहओ समत जलपरलय स बचन क लिलय जहाज म गया 08 और शq और अशq ोनो परकार क पशओ म स पणिकषयो 09 और भमिम पर रगन वालो म स भी ो ो अथाWत नर और माा जहाज म नह क पास गए

जिजस परकार परमशवर न नह को आजञा ी थी 10 सात दिन क उपरानत परलय का जल पथवी पर आन लगा 11 जब नह की अवसथा क छ सौव वरषोW क दसर महीन का सcरहवा दिन आया उसी दिन बड

गषटिहर समदर क सब सोत 6ट षटिनकल और आकाश क झरोख खल गए 12 और वरषोाW चालीस दिन और चालीस रात षटिनरनतर पथवी पर होती रही 13 ठीक उसी दिन नह अपन पतर शम हाम और यपत और अपनी पतनी और तीनो बहओ समत 14 और उनक सग एक एक जाषटित क सब बनल पश और एक एक जाषटित क सब घरल पश और

एक एक जाषटित क सब पथवी पर रगन वाल और एक एक जाषटित क सब उडन वाल पकषी जहाज मगए 15 जिजतन पराणिणयो म जीवन की आतमा थी उनकी सब जाषटितयो म स ो ो नह क पास जहाज मगए 16 और जो गए वह परमशवर की आजञा क अनसार सब जाषटित क पराणिणयो म स नर और माा गए

तब यहोवा न उसका दवार बन कर दिया 17 और पथवी पर चालीस दिन तक परलय होता रहा और पानी बहत बढता ही गया जिजस स जहाज

ऊपर को उठन लगा और वह पथवी पर स ऊचा उठ गया 18 और जल बढत बढत पथवी पर बहत ही बढ गया और जहाज जल क ऊपर ऊपर तरता रहा 19 और जल पथवी पर अतयनत बढ गया यहा तक षटिक सारी रती पर जिजतन बड बड पहाड थ सब

डब गए 20 जल तो पनदरह हाथ ऊपर बढ गया और पहाड भी डब गए 21 और कया पकषी कया घरल पश कया बनल पश और पथवी पर सब चलन वाल पराणी और

जिजतन जनत पथवी म बहतायत स भर गए थ व सब और सब मनषय मर गए 22 जो जो सथल पर थ उन म स जिजतनो क नथनो म जीवन का शवास था सब मर मिमट 23 और कया मनषय कया पश कया रगन वाल जनत कया आकाश क पकषी जो जो भमिम पर थ सो

सब पथवी पर स मिमट गए कवल नह और जिजतन उसक सग जहाज म थ व ही बच गए 24 और जल पथवी पर एक सौ पचास दिन तक परबल रहा

अधयाय८

01 और परमशवर न नह की और जिजतन बनल पश और घरल पश उसक सग जहाज म थ उन सभो की सलि ली और परमशवर न पथवी पर पवन बहाई और जल घटन लगा

02 और गषटिहर समदर क सोत और आकाश क झरोख ब हो गए और उसस जो वरषोाW होती थी सो

भी थम गई 03 और एक सौ पचास दिन क पशचात जल पथवी पर स लगातार घटन लगा 04 सातव महीन क सcरहव दिन को जहाज अरारात नाम पहाड पर दिटक गया 05 और जल सव महीन तक घटता चला गया और सव महीन क पषटिहल दिन को पहाडो की

चोदिटया दिखलाई ी 06 षटि6र ऐसा हआ षटिक चालीस दिन क पशचात नह न अपन बनाए हए जहाज की खिखडकी को खोलकर एक कौआ उडा दिया 07 वह जब तक जल पथवी पर स सख न गया तब तक कौआ इर उर षटि6रता रहा 08 षटि6र उसन अपन पास स एक कबतरी को उडा दिया षटिक ख षटिक जल भमिम स घट गया षटिकनही 09 उस कबतरी को अपन पर क तल टकन क लिलय कोई आार न मिमला सो वह उसक पास जहाज म लौट आई कयोषटिक सारी पथवी क ऊपर जल ही जल छाया था तब उसन हाथ बढा कर उस अपन

पास जहाज म ल लिलया 10 तब और सात दिन तक ठहर कर उसन उसी कबतरी को जहाज म स षटि6र उडा दिया 11 और कबतरी साझ क समय उसक पास आ गई तो कया खा षटिक उसकी चोच म जलपाई का

एक नया पcा ह इस स नह न जान लिलया षटिक जल पथवी पर घट गया ह 12 षटि6र उसन सात दिन और ठहरकर उसी कबतरी को उडा दिया और वह उसक पास षटि6र कभी

लौट कर न आई 13 षटि6र ऐसा हआ षटिक छ सौ एक वरषोW क पषटिहल महीन क पषटिहल दिन जल पथवी पर स सख गया

तब नह न जहाज की छत खोल कर कया खा षटिक रती सख गई ह 14 और दसर महीन क सताईसव दिन को पथवी परी रीषटित स सख गई 15 तब परमशवर न नह स कहा 16 त अपन पतरो पतनी और बहओ समत जहाज म स षटिनकल आ 17 कया पकषी कया पश कया सब भाषटित क रगन वाल जनत जो पथवी पर रगत ह जिजतन शरीरारी

जीवजनत तर सग ह उस सब को अपन साथ षटिनकाल ल आ षटिक पथवी पर उन स बहत बचच उतपननहो और व 6ल-6ल और पथवी पर 6ल जाए 18 तब नह और उसक पतर और पतनी और बहए षटिनकल आई 19 और सब चौपाए रगन वाल जनत और पकषी और जिजतन जीवजनत पथवी पर चलत षटि6रत ह

सो सब जाषटित जाषटित करक जहाज म स षटिनकल आए 20 तब नह न यहोवा क लिलय एक वी बनाई और सब शq पशओ और सब शq पणिकषयो म स

कछ कछ ल कर वी पर होमबलिल चढाया 21 इस पर यहोवा न सखायक सग( पाकर सोचा षटिक मनषय क कारण म षटि6र कभी भमिम को

शाप न दगा यदयषटिप मनषय क मन म बचपन स जो कछ उतपनन होता ह सो बरा ही होता ह तौभी जसा म न सब जीवो को अब मारा ह वसा उन को षटि6र कभी न मारगा

22 अब स जब तक पथवी बनी रहगी तब तक बोन और काटन क समय ठणड और तपन पकाल और शीतकाल दिन और रात षटिनरनतर होत चल जाएग

अधयाय९

01 षटि6र परमशवर न नह और उसक पतरो को आशीरषो ी और उन स कहा षटिक 6लो-6लो और बढो और पथवी म भर जाओ

02 और तमहारा डर और भय पथवी क सब पशओ और आकाश क सब पणिकषयो और भमिम पर क सब रगन वाल जनतओ और समदर की सब मछलिलयो पर बना रहगा व सब तमहार वश म कर दिए जात ह

03 सब चलन वाल जनत तमहारा आहार होग जसा तम को हर हर छोट पड दिए थ वसा ही अब सब कछ ता ह

04 पर मास को पराण समत अथाWत लोह समत तम न खाना 05 और षटिनशचय म तमहारा लोह अथाWत पराण का पलटा लगा सब पशओ और मनषयो ोनो स म

उस लगा मनषय क पराण का पलटा म एक एक क भाई ब( स लगा 06 जो कोई मनषय का लोह बहाएगा उसका लोह मनषय ही स बहाया जाएगा कयोषटिक परमशवर न

मनषय को अपन ही सवरप क अनसार बनाया ह 07 और तम तो 6लो-6लो और बढो और पथवी म बहत बचच जनमा क उस म भर जाओ 08 षटि6र परमशवर न नह और उसक पतरो स कहा 09 सनो म तमहार साथ और तमहार पशचात जो तमहारा वश होगा उसक साथ भी वाचा बा(ता ह 10 और सब जीषटिवत पराणिणयो स भी जो तमहार सग ह कया पकषी कया घरल पश कया पथवी क सब

बनल पश पथवी क जिजतन जीवजनत जहाज स षटिनकल ह सब क साथ भी मरी यह वाचा ब(ती ह 11 और म तमहार साथ अपनी इस वाचा को परा करगा षटिक सब पराणी षटि6र जलपरलय स नाश नहोग और पथवी क नाश करन क लिलय षटि6र जलपरलय न होगा 12 षटि6र परमशवर न कहा जो वाचा म तमहार साथ और जिजतन जीषटिवत पराणी तमहार सग ह उन सब

क साथ भी यग यग की पीदिढय़ो क लिलय बा(ता ह उसका यह लिचनह ह 13 षटिक म न बाल म अपना नरषो रखा ह वह मर और पथवी क बीच म वाचा का लिचनह होगा 14 और जब म पथवी पर बाल 6लाऊ जब बाल म नरषो ख पडगा 15 तब मरी जो वाचा तमहार और सब जीषटिवत शरीरारी पराणिणयो क साथ बा(ी ह उसको म समरण करगा तब ऐसा जलपरलय षटि6र न होगा जिजस स सब पराणिणयो का षटिवनाश हो 16 बाल म जो नरषो होगा म उस ख क यह सा की वाचा समरण करगा जो परमशवर क और

पथवी पर क सब जीषटिवत शरीरारी पराणिणयो क बीच ब(ी ह 17 षटि6र परमशवर न नह स कहा जो वाचा म न पथवी भर क सब पराणिणयो क साथ बा(ी ह उसका

लिचनह यही ह 18 नह क जो पतर जहाज म स षटिनकल व शम हाम और यपत थ और हाम तो कनान का षटिपताहआ 19 नह क तीन पतर य ही ह और इनका वश सारी पथवी पर 6ल गया 20 और नह षटिकसानी करन लगा और उसन ाख की बारी लगाई 21 और वह ाखम पीकर मतवाला हआ और अपन तमब क भीतर नगा हो गया 22 तब कनान क षटिपता हाम न अपन षटिपता को नगा खा और बाहर आकर अपन ोनो भाइयो को

बतला दिया 23 तब शम और यपत ोनो न कपडा ल कर अपन क(ो पर रखा और पीछ की ओर उलटा

चलकर अपन षटिपता क नग तन को ढाप दिया और व अपना मख पीछ षटिकए हए थ इसलिलय उनहोन अपन षटिपता को नगा न खा

24 जब नह का नशा उतर गया तब उसन जान लिलया षटिक उसक छोट पतर न उसस कया षटिकया ह 25 इसलिलय उसन कहा कनान शाषटिपत हो वह अपन भाई ब(ओ क ासो का ास हो 26 षटि6र उसन कहा शम का परमशवर यहोवा नय ह और कनान शम का ास होव 27 परमशवर यपत क वश को 6लाए और वह शम क तमबओ म बस और कनान उसका ासहोव 28 जलपरलय क पशचात नह साढ तीन सौ वरषोW जीषटिवत रहा 29 और नह की कल अवसथा साढ नौ सौ वरषोW की हई ततपशचात वह मर गया

अधयाय१०

01 नह क पतर जो शम हाम और यपत थ उनक पतर जलपरलय क पशचात उतपनन हए उनकी वशावली यह ह

02 यपत क पतर गोमर मागोग मा यावान तबल मशक और तीरास हए 03 और गोमर क पतर अशकनज रीपत और तोगमाW हए 04 और यावान क वश म एलीशा और तशश और षटिकcी और ोानी लोग हए 05 इनक वश अनयजाषटितयो क दवीपो क शो म ऐस बट गए षटिक व णिभनन णिभनन भारषोाओ कलो और

जाषटितयो क अनसार अलग अलग हो गए 06 षटि6र हाम क पतर कश और मिमसर और 6त और कनान हए 07 और कश क पतर सबा हवीला सबता रामा और सबतका हए और रामा क पतर शबा और

ान हए 08 और कश क वश म षटिनमरो भी हआ पथवी पर पषटिहला वीर वही हआ ह 09 वही यहोवा की दषटि म पराकरमी णिशकार खलन वाला ठहरा इस स यह कहावत चली ह षटिक

षटिनमरो क समान यहोवा की दषटि म पराकरमी णिशकार खलन वाला 10 और उसक राजय का आरमभ णिशनार श म बाबल अकक और कलन हआ 11 उस श स वह षटिनकल कर अशशर को गया और नीनव रहोबोतीर और कालह को 12 और नीनव और कालह क बीच रसन ह उस भी बसाया बडा नगर यही ह 13 और मिमसर क वश म ली अनामी लहाबी नपतही 14 और पतरसी कसलही और कपतोरी लोग हए कसलषटिहयो म स तो पलिलशती लोग षटिनकल 15 षटि6र कनान क वश म उसका जयषठ सीोन तब षटिहc 16 और यबसी एमोरी षटिगगाWशी 17 षटिहववी अक सीनी 18 अवWी समारी और हमाती लोग भी हए षटि6र कनाषटिनयो क कल भी 6ल गए 19 और कनाषटिनयो का लिसवाना सीोन स ल कर गरार क मागW स हो कर अजजा तक और षटि6र सोम

और अमोरा और अमा और सबोयीम क मागW स हो कर लाशा तक हआ 20 हाम क वश म य ही हए और य णिभनन णिभनन कलो भारषोाओ शो और जाषटितयो क अनसार

अलग अलग हो गए 21 षटि6र शम जो सब एबरवणिशयो का मलपररषो हआ और जो यपत का जयषठ भाई था उसक भी

पतर उतपनन हए 22 शम क पतर एलाम अशशर अपWकष ल और आराम हए 23 और आराम क पतर ऊस हल गतर और मश हए 24 और अपWकष न शलह को और शलह न एबर को जनम दिया 25 और एबर क ो पतर उतपनन हए एक का नाम पलग इस कारण रखा गया षटिक उसक दिनो म पथवी

बट गई और उसक भाई का नाम योकतान ह 26 और योकतान न अलमोा शलप हसमाWवत थरह 27 योरवाम ऊजाल दिकला 28 ओबाल अबीमाएल शबा 29 ओपीर हवीला और योबाब को जनम दिया य ही सब योकतान क पतर हए 30 इनक रहन का सथान मशा स ल कर सपारा जो पवW म एक पहाड ह उसक मागW तक हआ 31 शम क पतर य ही हए और य णिभनन णिभनन कलो भारषोाओ शो और जाषटितयो क अनसार अलग

अलग हो गए 32 नह क पतरो क घरान य ही ह और उनकी जाषटितयो क अनसार उनकी वशावलिलया य ही ह और

जलपरलय क पशचात पथवी भर की जाषटितया इनही म स हो कर बट गई

अधयाय११

1 11|01 सारी पथवी पर एक ही भारषोा और एक ही बोली थी 11|02 उस समय लोग पवW की और चलत चलत णिशनार श म एक मान पाकर उस म बस गए 11|03 तब व आपस म कहन लग षटिक आओ हम ईट बना बना क भली भाषटित आग म पकाए

और उनहोन पतथर क सथान म ईट स और चन क सथान म मिमटटी क गार स काम लिलया 11|04 षटि6र उनहोन कहा आओ हम एक नगर और एक गममट बना ल जिजसकी चोटी आकाश स

बात कर इस परकार स हम अपना नाम कर ऐसा न हो षटिक हम को सारी पथवी पर 6लना पड 11|05 जब लोग नगर और गममट बनान लग तब इनह खन क लिलय यहोवा उतर आया 11|06 और यहोवा न कहा म कया खता ह षटिक सब एक ही ल क ह और भारषोा भी उन सब की

एक ही ह और उनहोन ऐसा ही काम भी आरमभ षटिकया और अब जिजतना व करन का यतन करग उस म स कछ उनक लिलय अनहोना न होगा

11|07 इसलिलय आओ हम उतर क उनकी भारषोा म बडी गडबडी डाल षटिक व एक दसर की बोली को न समझ सक

11|08 इस परकार यहोवा न उन को वहा स सारी पथवी क ऊपर 6ला दिया और उनहोन उस नगर का बनाना छोड दिया

11|09 इस कारण उस नगर को नाम बाबल पडा कयोषटिक सारी पथवी की भारषोा म जो गडबडी ह सो यहोवा न वही डाली और वही स यहोवा न मनषयो को सारी पथवी क ऊपर 6ला दिया

11|10 शम की वशावली यह ह जल परलय क ो वरषोW पशचात जब शम एक सौ वरषोW का हआ तब उसन अपWकष को जनम दिया

11|11 और अपWकष न जनम क पशचात शम पाच सौ वरषोW जीषटिवत रहा और उसक और भी बट बदिटया उतपनन हई

11|12 जब अपWकष पतीस वरषोW का हआ तब उसन शलह को जनम दिया 11|13 और शलह क जनम क पशचात अपWकष चार सौ तीन वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और

भी बट बदिटया उतपनन हई 11|14 जब शलह तीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा एबर को जनम हआ 11|15 और एबर क जनम क पशचात शलह चार सौ तीन वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 11|16 जब एबर चौतीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा पलग का जनम हआ 11|17 और पलग क जनम क पशचात एबर चार सौ तीस वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी

बट बदिटया उतपनन हई 11|18 जब पलग तीस वरषोW को हआ तब उसक दवारा र का जनम हआ 11|19 और र क जनम क पशचात पलग ो सौ नौ वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 11|20 जब र बcीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा सरग का जनम हआ 11|21 और सरग क जनम क पशचात र ो सौ सात वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 11|22 जब सरग तीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा नाहोर का जनम हआ 11|23 और नाहोर क जनम क पशचात सरग ो सौ वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और भी बट

बदिटया उतपनन हई 11|24 जब नाहोर उनतीस वरषोW का हआ तब उसक दवारा तरह का जनम हआ 11|25 और तरह क जनम क पशचात नाहोर एक सौ उननीस वरषोW और जीषटिवत रहा और उसक और

भी बट बदिटया उतपनन हई 11|26 जब तक तरह सcर वरषोW का हआ तब तक उसक दवारा अबराम और नाहोर और हारान

उतपनन हए 11|27 तरह की यह वशावली ह तरह न अबराम और नाहोर और हारान को जनम दिया और

हारान न लत को जनम दिया 11|28 और हारान अपन षटिपता क सामहन ही कखिसयो क ऊर नाम नगर म जो उसकी जनम भमिम

थी मर गया 11|29 अबराम और नाहोर न सतरिसतरया बयाह ली अबराम की पतनी का नाम तो सार और नाहोर की

पतनी का नाम मिमलका था यह उस हारान की बटी थी जो मिमलका और मियसका ोनो का षटिपता था 11|30 सार तो बाझ थी उसक सतान न हई 11|31 और तरह अपना पतर अबराम और अपना पोता लत जो हारान का पतर था और अपनी बहसार जो उसक पतर अबराम की पतनी थी इन सभो को ल कर कखिसयो क ऊर नगर स षटिनकल कनान

श जान को चला पर हारान नाम श म पहचकर वही रहन लगा 11|32 जब तरह ो सौ पाच वरषोW का हआ तब वह हारान श म मर गया

अधयाय१२

01 यहोवा न अबराम स कहा अपन श और अपनी जनमभमिम और अपन षटिपता क घर को छोडकर उस श म चला जा जो म तझ दिखाऊगा

02 और म तझ स एक बडी जाषटित बनाऊगा और तझ आशीरषो दगा और तरा नाम बडा करगा और त आशीरषो का मल होगा

03 और जो तझ आशीवाW उनह म आशीरषो दगा और जो तझ कोस उस म शाप दगा और भमणडल क सार कल तर दवारा आशीरषो पाएग

04 यहोवा क इस वचन क अनसार अबराम चला और लत भी उसक सग चला और जब अबराम हारान श स षटिनकला उस समय वह पचहcर वरषोW का था

05 सो अबराम अपनी पतनी सार और अपन भतीज लत को और जो न उनहोन इकटठा षटिकया था और जो पराणी उनहोन हारान म परापत षटिकए थ सब को ल कर कनान श म जान को षटिनकल चला और व कनान श म आ भी गए

06 उस श क बीच स जात हए अबराम शकम म जहा मोर का बाज वकष ह पहचा उस समय उस श म कनानी लोग रहत थ

07 तब यहोवा न अबराम को शWन कर कहा यह श म तर वश को दगा और उसन वहा यहोवा क लिलय जिजसन उस शWन दिया था एक वी बनाई

08 षटि6र वहा स कच करक वह उस पहाड पर आया जो बतल क पवW की ओर ह और अपना तमब उस सथान म खडा षटिकया जिजसकी पचछिचछम की ओर तो बतल और पवW की ओर ऐ ह और वहा भी उसन यहोवा क लिलय एक वी बनाई और यहोवा स पराथWना की

09 और अबराम कच करक चछिकखन श की ओर चला गया 10 और उस श म अकाल पडा और अबराम मिमसर श को चला गया षटिक वहा परशी हो कर रह --

कयोषटिक श म भयकर अकाल पडा था 11 षटि6र ऐसा हआ षटिक मिमसर क षटिनकट पहचकर उसन अपनी पतनी सार स कहा सन मझ मालमह षटिक त एक सनर सतरी ह 12 इस कारण जब मिमसरी तझ खग तब कहग यह उसकी पतनी ह सो व मझ को तो मार डालग

पर तझ को जीती रख लग 13 सो यह कहना षटिक म उसकी बषटिहन ह जिजस स तर कारण मरा कलयाण हो और मरा पराण तर

कारण बच 14 षटि6र ऐसा हआ षटिक जब अबराम मिमसर म आया तब मिमणिसरयो न उसकी पतनी को खा षटिक यह

अषटित सनर ह 15 और षटि6रौन क हाषटिकमो न उसको खकर षटि6रौन क सामहन उसकी परशसा की सो वह सतरी

षटि6रौन क घर म रखी गई 16 और उसन उसक कारण अबराम की भलाई की सो उसको भड-बकरी गाय-बल ास-ालिसया गह-गषटिहया और ऊट मिमल

17 तब यहोवा न षटि6रौन और उसक घरान पर अबराम की पतनी सार क कारण बडी बडी षटिवपलिcयाडाली 18 सो षटि6रौन न अबराम को बलवा कर कहा त न मझ स कया षटिकया ह त न मझ कयो नही बताया

षटिक वह तरी पतनी ह 19 त न कयो कहा षटिक वह तरी बषटिहन ह म न उस अपनी ही पतनी बनान क लिलय लिलया परनत अब

अपनी पतनी को ल कर यहा स चला जा 20 और षटि6रौन न अपन आमिमयो को उसक षटिवरषोय म आजञा ी और उनहोन उसको और उसकी

पतनी को सब समपलिc समत जो उसका था षटिवा कर दिया

अधयाय१३

01 तब अबराम अपनी पतनी और अपनी सारी समपतति ल कर लत को भी सग लिलय हए मिमसर को छोड़ कर कनान क दततति$न दश म आया

02 अबराम भड़-बकरी गाय-बल और सोन- रप का बड़ा धनी था 03 फिर वह दततति$न दश स चलकर बतल क पास उसी सथान को पहचा जहा उसका तमब पहल पड़ा था

जो बतल और ऐ क बीच म ह 04 यह सथान उस वदी का ह जिजस उसन पहल बनाई थी और वहा अबराम न फिर यहोवा स पराथना की 05 और लत क पास भी जो अबराम क साथ चलता था भड़-बकरी गाय-बल और तमब थ 06 सो उस दश म उन दोनो की समाई न हो सकी फिक व इकटठ रह $योफिक उनक पास बहत धन था इसलिलय व

इकटठ न रह सक 07 सो अबराम और लत की भड़-बकरी और गाय- बल क चरवाहो क बीच म झगड़ा हआ और उस समयकनानी और परिरजजी लोग उस दश म रहत थ 08 तब अबराम लत स कहन लगा मर और तर बीच और मर और तर चरवाहो क बीच म झगड़ा न होन पाए

$योफिक हम लोग भाई बनध ह 09 $या सारा दश तर सामहन नही सो मझ स अलग हो यदिद त बाई ओर जाए तो म दाफिहनी ओर जाऊगा

और यदिद त दाफिहनी ओर जाए तो म बाई ओर जाऊगा 10 तब लत न आ उठा कर यरदन नदी क पास वाली सारी तराई को दा फिक वह सब सिसची हई ह जब

तक यहोवा न सदोम और अमोरा को नाश न फिकया था तब तक सोअर क माग तक वह तराई यहोवा कीबादिNका और मिमसर दश क समान उपजाऊ थी 11 सो लत अपन लिलय यरदन की सारी तराई को चन क पव की ओर चला और व एक दसर स अलग होगए 12 अबराम तो कनान दश म रहा पर लत उस तराई क नगरो म रहन लगा और अपना तमब सदोम क फिनकN

ड़ा फिकया 13 सदोम क लोग यहोवा क ल म बड़ दषट और पापी थ 14 जब लत अबराम स अलग हो गया तब उसक पशचात यहोवा न अबराम स कहा आ उठा कर जिजस सथान

पर त ह वहा स उर-दततति$न पव-पततिशचम चारो ओर दमिषट कर 15 $योफिक जिजतनी भमिम तझ दिदाई दती ह उस सब को म तझ और तर वश को यग यग क लिलय दगा 16 और म तर वश को पथवी की धल क फिकनको की नाई बहत करगा यहा तक फिक जो कोई पथवी की धल

क फिकनको को फिगन सकगा वही तरा वश भी फिगन सकगा 17 उठ इस दश की लमबाई और चौड़ाई म चल फिर $योफिक म उस तझी को दगा 18 इसक पशचात अबराम अपना तमब उाड़ कर मामर क बाजो क बीच जो हबरोन म थ जा कर रहन लगा

और वहा भी यहोवा की एक वदी बनाई

अधयाय१४

01 णिशनार क राजा अमरापल और एललासार क राजा अयक और एलाम क राजा कोलाWओमर और गोयीम क राजा षटिताल क दिनो म ऐसा हआ

02 षटिक उनहोन सोम क राजा बरा और अमोरा क राजा षटिबशाW और अमा क राजा णिशनाब और सबोयीम क राजा शमबर और बला जो सोअर भी कहलाता ह इन राजाओ क षटिवरq यq षटिकया

03 इन पाचो न लिसददीम नाम तराई म जो खार ताल क पास ह एका षटिकया 04 बारह वरषोW तक तो य कोलाWओमर क आीन रह पर तरहव वरषोW म उसक षटिवरq उठ 05 सो चौहव वरषोW म कोलाWओमर और उसक सगी राजा आए और अशतरोतकनम म रपाइयोको और हाम म जजिजयो को और शबषटिकयाWतम म एमिमयो को 06 और सईर नाम पहाड म होरिरयो को मारत मारत उस एलपारान तक जो जगल क पास ह पहचगए 07 वहा स व लौट कर एनधिनमशपात को आए जो काश भी कहलाता ह और अमालषटिकयो क सार

श को और उन एमोरिरयो को भी जीत लिलया जो हससोनतामार म रहत थ 08 तब सोम अमोरा अमा सबोयीम और बला जो सोअर भी कहलाता ह इनक राजाषटिनकल और लिसददीम नाम तराई म उनक साथ यq क लिलय पाषटित बा(ी 09 अथाWत एलाम क राजा कोलाWओमर गोयीम क राजा षटिताल णिशनार क राजा अमरापल और

एललासार क राजा अयक इन चारो क षटिवरq उन पाचो न पाषटित बा(ी 10 लिसददीम नाम तराई म जहा लसार मिमटटी क गडह ही गडह थ सोम और अमोरा क राजा भागत

भागत उन म षटिगर पड और जो बच व पहाड पर भाग गए 11 तब व सोम और अमोरा क सार न और भोजन वसतओ को लट लाट कर चल गए 12 और अबराम का भतीजा लत जो सोम म रहता था उसको भी न समत व ल कर चल गए 13 तब एक जन जो भाग कर बच षटिनकला था उसन जा कर इबरी अबराम को समाचार दिया अबराम

तो एमोरी मामर जो एशकोल और आनर का भाई था उसक बाज वझो क बीच म रहता था और य लोग अबराम क सग वाचा बा( हए थ

14 यह सनकर षटिक उसका भतीजा ब(आई म गया ह अबराम न अपन तीन सौ अठारह णिशणिकषत यq कौशल म षटिनपण ासो को ल कर जो उसक कटमब म उतपनन हए थ असतर शसतर ारण करक ान तक उनका पीछा षटिकया

15 और अपन ासो क अलग अलग ल बा(कर रात को उन पर चढाई करक उन को मार लिलया और होबा तक जो मिमशक की उcर ओर ह उनका पीछा षटिकया

16 और सार न को और अपन भतीज लत और उसक न को और सतरिसतरयो को और सब ब(ओ को लौटा ल आया

17 जब वह कोलाWओमर और उसक साथी राजाओ को जीत कर लौटा आता था तब सोम का राजा शाव नाम तराई म जो राजा की भी कहलाती ह उसस भट करन क लिलय आया

18 जब शालम का राजा मलकीसक जो परमपरान ईशवर का याजक था रोटी और ाखम लआया 19 और उसन अबराम को यह आशीवाW दिया षटिक परमपरान ईशवर की ओर स जो आकाश और

पथवी का अलिकारी ह त नय हो 20 और नय ह परमपरान ईशवर जिजसन तर दरोषटिहयो को तर वश म कर दिया ह तब अबराम न

उसको सब का शमाश दिया 21 जब सोम क राजा न अबराम स कहा पराणिणयो को तो मझ और न को अपन पास रख 22 अबराम न सोम क राजा स कहा परमपरान ईशवर यहोवा जो आकाश और पथवी का अलिकारी ह 23 उसकी म यह शपथ खाता ह षटिक जो कछ तरा ह उस म स न तो म एक सत और न जती काब(न न कोई और वसत लगा षटिक त ऐसा न कहन पाए षटिक अबराम मर ही कारण नी हआ

24 पर जो कछ इन जवानो न खा लिलया ह और उनका भाग जो मर साथ गए थ अथाWत आनर एशकोल और मामर म नही लौटाऊगा व तो अपना अपना भाग रख ल

अधयाय१५

01 इन बातो क पशचात यहोवा को यह वचन दशन म अबराम क पास पहचा फिक ह अबराम मत डर तरी ढाल और तरा अतयनत बड़ा ल म ह

02 अबराम न कहा ह परभ यहोवा म तो फिनव^श ह और मर घर का वारिरस यह दमिमशकी एलीएजर होगा सो त मझ $या दगा

03 और अबराम न कहा मझ तो त न वश नही दिदया और $या दता ह फिक मर घर म उतपनन हआ एक जन मरा वारिरस होगा

04 तब यहोवा का यह वचन उसक पास पहचा फिक यह तरा वारिरस न होगा तरा जो फिनज पतर होगा वही तरा वारिरस होगा

05 और उसन उसको बाहर ल जाक कहा आकाश की ओर दमिषट करक तारागण को फिगन $या त उन को फिगन सकता ह फिर उसन उसस कहा तरा वश ऐसा ही होगा

06 उसन यहोवा पर फिवशवास फिकया और यहोवा न इस बात को उसक ल म धम फिगना 07 और उसन उसस कहा म वही यहोवा ह जो तझ कसदिfदयो क ऊर नगर स बाहर ल आया फिक तझ को इस

दश का अमिधकार द 08 उसन कहा ह परभ यहोवा म कस जान फिक म इसका अमिधकारी हगा 09 यहोवा न उसस कहा मर लिलय तीन वरष की एक कलोर और तीन वरष की एक बकरी और तीन वरष का

एक मढ़ा और एक फिपणडक और कबतर का एक बचचा ल 10 और इन सभो को ल कर उसन बीच म स दो Nकड़ कर दिदया और Nकड़ो को आमहन- सामहन रा पर

लिचफिडय़ाओ को उसन Nकड़ न फिकया 11 और जब मासाहारी पकषी लोथो पर झपN तब अबराम न उनह उड़ा दिदया 12 जब सय अfत होन लगा तब अबराम को भारी नीद आई और दो अतयनत भय और अनधकार न उस छा लिलया 13 तब यहोवा न अबराम स कहा यह फिनशचय जान फिक तर वश पराए दश म परदशी हो कर रहग और उसक

दश क लोगो क दास हो जाएग और व उन को चार सौ वरष लो द दग 14 फिर जिजस दश क व दास होग उसको म दणड दगा और उसक पशचात व बड़ा धन वहा स ल कर फिनकलआएग 15 त तो अपन फिपतरो म कशल क साथ मिमल जाएगा तझ पर बढ़ाप म मिमटटी दी जाएगी 16 पर व चौथी पीढ़ी म यहा फिर आएग $योफिक अब तक एमोरिरयो का अधम परा नही हआ 17 और ऐसा हआ फिक जब सय अfत हो गया और घोर अनधकार छा गया तब एक अगठी जिजस म स धआ

उठता था और एक जलता हआ पलीता द पड़ा जो उन Nकड़ो क बीच म स हो कर फिनकल गया 18 उसी दिदन यहोवा न अबराम क साथ यह वाचा बानधी फिक मिमसर क महानद स ल कर परात नाम बड़ नद तक

जिजतना दश ह 19 अथात कफिनयो कफिनतततिजजयो कदक़ोफिनयो 20 फिहततियो परीतततिजजयो रपाइयो 21 एमोरिरयो कनाफिनयो फिगगालिशयो और यबलिसयो का दश म न तर वश को दिदया ह

अधयाय१६

01 अबराम की पतनी सार क कोई सनतान न थी और उसक हाजिजरा नाम की एक मिमसरी लौडी थी 02 सो सार न अबराम स कहा ख यहोवा न तो मरी कोख बन कर रखी ह सो म तझ स षटिबनती

करती ह षटिक त मरी लौडी क पास जा समभव ह षटिक मरा घर उसक दवारा बस जाए 03 सो सार की यह बात अबराम न मान ली सो जब अबराम को कनान श म रहत स वरषोW बीत चक

तब उसकी सतरी सार न अपनी मिमसरी लौडी हाजिजरा को ल कर अपन पषटित अबराम को दिया षटिक वह उसकी पतनी हो

04 और वह हाजिजरा क पास गया और वह गभWवती हई और जब उसन जाना षटिक वह गभWवती ह तब वह अपनी सवामिमनी को अपनी दषटि म तचछ समझन लगी

05 तब सार न अबराम स कहा जो मझ पर उपदरव हआ सो तर ही लिसर पर हो म न तो अपनी लौडी को तरी पतनी कर दिया पर जब उसन जाना षटिक वह गभWवती ह तब वह मझ तचछ समझन लगी सो

यहोवा मर और तर बीच म नयाय कर 06 अबराम न सार स कहा ख तरी लौडी तर वश म ह जसा तझ भला लग वसा ही उसक साथ

कर सो सार उसको द ख न लगी और वह उसक सामहन स भाग गई 07 तब यहोवा क दत न उसको जगल म शर क मागW पर जल क एक सोत क पास पाकर कहा 08 ह सार की लौडी हाजिजरा त कहा स आती और कहा को जाती ह उसन कहा म अपनी

सवामिमनी सार क सामहन स भाग आई ह 09 यहोवा क दत न उसस कहा अपनी सवामिमनी क पास लौट जा और उसक वश म रह 10 और यहोवा क दत न उसस कहा म तर वश को बहत बढाऊगा यहा तक षटिक बहतायत क

कारण उसकी गणना न हो सकगी 11 और यहोवा क दत न उसस कहा ख त गभWवती ह और पतर जनगी सो उसका नाम इशमाएलरखना कयोषटिक यहोवा न तर द ख का हाल सन लिलया ह 12 और वह मनषय बनल गह क समान होगा उसका हाथ सबक षटिवरq उठगा और सब क हाथ

उसक षटिवरq उठ ग और वह अपन सब भाई ब(ओ क मधय म बसा रहगा 13 तब उसन यहोवा का नाम जिजसन उसस बात की थी अcाएलरोई रखकर कहा षटिक कया म यहा

भी उसको जात हए खन पाई जो मरा खनहारा ह 14 इस कारण उस कए का नाम लहरोई कआ पडा वह तो काश और बर क बीच म ह 15 सो हाजिजरा अबराम क दवारा एक पतर जनी और अबराम न अपन पतर का नाम जिजस हाजिजराजनी इशमाएल रखा 16 जब हाजिजरा न अबराम क दवारा इशमाएल को जनम दिया उस समय अबराम लिछयासी वरषोW का था

अधयाय१७

1 17|01 जब अबराम षटिनननानव वरषोW का हो गया तब यहोवा न उसको शWन कर कहा म सवWशलिकतमान ईशवर ह मरी उपचछिसथषटित म चल और लिसq होता जा

17|02 और म तर साथ वाचा बा(गा और तर वश को अतयनत ही बढाऊगा 17|03 तब अबराम मह क बल षटिगरा और परमशवर उसस यो बात कहता गया 17|04 ख मरी वाचा तर साथ ब(ी रहगी इसलिलय त जाषटितयो क समह का मलषटिपता हो जाएगा 17|05 सो अब स तरा नाम अबराम न रहगा परनत तरा नाम इबराहीम होगा कयोषटिक म न तझ जाषटितयो

क समह का मलषटिपता ठहरा दिया ह 17|06 और म तझ अतयनत ही 6लाऊ 6लाऊगा और तझ को जाषटित जाषटित का मल बना दगा और

तर वश म राजा उतपनन होग 17|07 और म तर साथ और तर पशचात पीढी पीढी तक तर वश क साथ भी इस आशय की यग

यग की वाचा बा(ता ह षटिक म तरा और तर पशचात तर वश का भी परमशवर रहगा 17|08 और म तझ को और तर पशचात तर वश को भी यह सारा कनान श जिजस म त परशी

हो कर रहता ह इस रीषटित दगा षटिक वह यग यग उनकी षटिनज भमिम रहगी और म उनका परमशवर रहगा 17|09 षटि6र परमशवर न इबराहीम स कहा त भी मर साथ बा(ी हई वाचा का पालन करना त और

तर पशचात तरा वश भी अपनी अपनी पीढी म उसका पालन कर 17|10 मर साथ बा(ी हई वाचा जो तझ और तर पशचात तर वश को पालनी पडगी सो यह ह षटिक

तम म स एक एक पररषो का खतना हो 17|11 तम अपनी अपनी खलडी का खतना करा लना जो वाचा मर और तमहार बीच म ह उसका

यही लिचनह होगा 17|12 पीढी पीढी म कवल तर वश ही क लोग नही पर जो तर घर म उतपनन हो वा परणिशयो को

रपा कर मोल लिलय जाए ऐस सब पररषो भी जब आठ दिन क हो जाए तब उनका खतना षटिकयाजाए 17|13 जो तर घर म उतपनन हो अथवा तर रप स मोल लिलया जाए उसका खतना अवशय ही षटिकयाजाए सो मरी वाचा जिजसका लिचनह तमहारी ह म होगा वह यग यग रहगी 17|14 जो पररषो खतनारषटिहत रह अथाWत जिजसकी खलडी का खतना न हो वह पराणी अपन लोगो म स नाश षटिकया जाए कयोषटिक उसन मर साथ बा(ी हई वाचा को तोड दिया

17|15 षटि6र परमशवर न इबराहीम स कहा तरी जो पतनी सार ह उसको त अब सार न कहना उसका नाम सारा होगा

17|16 और म उसको आशीरषो दगा और तझ को उसक दवारा एक पतर दगा और म उसको ऐसी आशीरषो दगा षटिक वह जाषटित जाषटित की मलमाता हो जाएगी और उसक वश म राजय राजय क राजा

उतपनन होग 17|17 तब इबराहीम मह क बल षटिगर पडा और हसा और अपन मन ही मन कहन लगा कया सौ वरषोW

क पररषो क भी सनतान होगा और कया सारा जो नबब वरषोW की ह पतर जनगी 17|18 और इबराहीम न परमशवर स कहा इशमाएल तरी दषटि म बना रह यही बहत ह 17|19 तब परमशवर न कहा षटिनशचय तरी पतनी सारा क तझ स एक पतर उतपनन होगा और त उसका

नाम इसहाक रखना और म उसक साथ ऐसी वाचा बा(गा जो उसक पशचात उसक वश क लिलय यग यग की वाचा होगी

17|20 और इशमाएल क षटिवरषोय म भी म न तरी सनी ह म उसको भी आशीरषो दगा और उस 6लाऊ 6लाऊगा और अतयनत ही बढा दगा उसस बारह परान उतपनन होग और म उसस एक बडी

जाषटित बनाऊगा 17|21 परनत म अपनी वाचा इसहाक ही क साथ बा(गा जो सारा स अगल वरषोW क इसी षटिनयकत

समय म उतपनन होगा 17|22 तब परमशवर न इबराहीम स बात करनी बन की और उसक पास स ऊपर चढ गया 17|23 तब इबराहीम न अपन पतर इशमाएल को उसक घर म जिजतन उतपनन हए थ और जिजतन उसक

रप स मोल लिलय गए थ षटिनान उसक घर म जिजतन पररषो थ उन सभो को लक उसी दिन परमशवर क वचन क अनसार उनकी खलडी का खतना षटिकया

17|24 जब इबराहीम की खलडी का खतना हआ तब वह षटिनननानव वरषोW का था 17|25 और जब उसक पतर इशमाएल की खलडी का खतना हआ तब वह तरह वरषोW का था 17|26 इबराहीम और उसक पतर इशमाएल ोनो का खतना एक ही दिन हआ 17|27 और उसक घर म जिजतन पररषो थ जो घर म उतपनन हए तथा जो परणिशयो क हाथ स मोल

लिलय गए थ सब का खतना उसक साथ ही हआ

अधयाय१८

01 इबराहीम मामर क बाजो क बीच कडी प क समय तमब क दवार पर बठा हआ था तब यहोवा न उस शWन दिया

02 और उसन आख उठा कर दषटि की तो कया खा षटिक तीन पररषो उसक सामहन खड ह जब उसन उनह खा तब वह उन स भट करन क लिलय तमब क दवार स ौडा और भमिम पर षटिगरकर णडवत

की और कहन लगा 03 ह परभ यदि मझ पर तरी अनगरह की दषटि ह तो म षटिबनती करता ह षटिक अपन ास क पास स

चल न जाना 04 म थोडा सा जल लाता ह और आप अपन पाव ोकर इस वकष क तल षटिवशराम कर 05 षटि6र म एक टकडा रोटी ल आऊ और उसस आप अपन जीव को तपत कर तब उसक पशचात

आग बढ कयोषटिक आप अपन ास क पास इसी लिलय पार ह उनहोन कहा जसा त कहता ह वसा ही कर

06 सो इबराहीम न तमब म सारा क पास 6त स जा कर कहा तीन सआ मा 6त स ग( और 6लक बना

07 षटि6र इबराहीम गाय बल क झणड म ौडा और एक कोमल और अचछा बछडा ल कर अपन सवक को दिया और उसन 6त स उसको पकाया

08 तब उसन मकखन और द और वह बछडा जो उसन पकवाया था ल कर उनक आग परोसदिया और आप वकष क तल उनक पास खडा रहा और व खान लग 09 उनहोन उसस पछा तरी पतनी सारा कहा ह उसन कहा वह तो तमब म ह 10 उसन कहा म वसनत ऋत म षटिनशचय तर पास षटि6र आऊगा और तब तरी पतनी सारा क एक पतर

उतपनन होगा और सारा तमब क दवार पर जो इबराहीम क पीछ था सन रही थी 11 इबराहीम और सारा ोनो बहत बढ थ और सारा का सतरीमW बन हो गया था 12 सो सारा मन म हस कर कहन लगी म तो बढी ह और मरा पषटित भी बढा ह तो कया मझ यह

सख होगा 13 तब यहोवा न इबराहीम स कहा सारा यह कहकर कयोहसी षटिक कया मर जो ऐसी बदिढय़ा हो गईह सचमच एक पतर उतपनन होगा 14 कया यहोवा क लिलय कोई काम कदिठन ह षटिनयत समय म अथाWत वसनत ऋत म म तर पास

षटि6र आऊगा और सारा क पतर उतपनन होगा15 तब सारा डर क मार यह कह कर मकर गई षटिक म नही हसी उसन कहा नही त हसी तो थी 16 षटि6र व पररषो वहा स चल कर सोम की ओर ताकन लग और इबराहीम उनह षटिवा करन क लिलय

उनक सग सग चला 17 तब यहोवा न कहा यह जो म करता ह सो कया इबराहीम स लिछपा रख 18 इबराहीम स तो षटिनशचय एक बडी और सामथ जाषटित उपजगी और पथवी की सारी जाषटितया उसक

दवारा आशीरषो पाएगी 19 कयोषटिक म जानता ह षटिक वह अपन पतरो और परिरवार को जो उसक पीछ रह जाएग आजञा गा

षटिक व यहोवा क मागW म अटल बन रह और मW और नयाय करत रह इसलिलय षटिक जो कछ यहोवा न इबराहीम क षटिवरषोय म कहा ह उस परा कर

20 षटि6र यहोवा न कहा सोम और अमोरा की लिचललाहट बढ गई ह और उनका पाप बहत भारी हो गया ह

21 इसलिलय म उतरकर खगा षटिक उसकी जसी लिचललाहट मर कान तक पहची ह उनहोन ठीक वसा ही काम षटिकया ह षटिक नही और न षटिकया हो तो म उस जान लगा

22 सो व पररषो वहा स मड क सोम की ओर जान लग पर इबराहीम यहोवा क आग खडा रहगया 23 तब इबराहीम उसक समीप जा कर कहन लगा कया सचमच द क सग म को भी नाशकरगा 24 कालिचत उस नगर म पचास म हो तो कया त सचमच उस सथान को नाश करगा और उन

पचास रमिमयो क कारण जो उस म हो न छोडगा 25 इस परकार का काम करना तझ स दर रह षटिक द क सग म को भी मार डाल और म और

द ोनो की एक ही शा हो यह तझ स दर रह कया सारी पथवी का नयायी नयाय न कर 26 यहोवा न कहा यदि मझ सोम म पचास म मिमल तो उनक कारण उस सार सथान को छोडगा 27 षटि6र इबराहीम न कहा ह परभ सन म तो मिमटटी और राख ह तौभी म न इतनी दिढठाई की षटिक तझ

स बात कर 28 कालिचत उन पचास रमिमयो म पाच घट जाए तो कया त पाच ही क घटन क कारण उस सार

नगर का नाश करगा उसन कहा यदि मझ उस म पतालीस भी मिमल तौभी उसका नाश न करगा 29 षटि6र उसन उसस यह भी कहा कालिचत वहा चालीस मिमल उसन कहा तो म चालीस क कारण

भी ऐसा न करगा 30 षटि6र उसन कहा ह परभ करो न कर तो म कछ और कह कालिचत वहा तीस मिमल उसन कहा

यदि मझ वहा तीस भी मिमल तौभी ऐसा न करगा 31 षटि6र उसन कहा ह परभ सन म न इतनी दिढठाई तो की ह षटिक तझ स बात कर कालिचत उस म बीस मिमल उसन कहा म बीस क कारण भी उसका नाश न करगा

32 षटि6र उसन कहा ह परभ करो न कर म एक ही बार और कहगा कालिचत उस म स मिमल उसन कहा तो म स क कारण भी उसका नाश न करगा

33 जब यहोवा इबराहीम स बात कर चका तब चला गया और इबराहीम अपन घर को लौट गया

अधयाय१९

01 साझ को व ो दत सोम क पास आए और लत सोम क 6ाटक क पास बठा था सो उन को ख कर वह उन स भट करन क लिलय उठा और मह क बल झक कर णडवत कर कहा

02 ह मर परभओ अपन ास क घर म पारिरए और रात भर षटिवशराम कीजिजए और अपन पावोइय षटि6र भोर को उठ कर अपन मागW पर जाइए उनहोन कहा नही हम चौक ही म रात षटिबताएग 03 और उसन उन स बहत षटिबनती करक उनह मनाया सो व उसक साथ चल कर उसक घर म आए

और उसन उनक लिलय जवनार तयार की और षटिबना खमीर की रोदिटया बनाकर उन को खिखलाई 04 उनक सो जान क पषटिहल उस सोम नगर क पररषोो न जवानो स ल कर बढो तक वरन चारो

ओर क सब लोगो न आकर उस घर को घर लिलया 05 और लत को पकार कर कहन लग षटिक जो पररषो आज रात को तर पास आए ह व कहा ह उन

को हमार पास बाहर ल आ षटिक हम उन स भोग कर 06 तब लत उनक पास दवार क बाहर गया और षटिकवाड को अपन पीछ बन करक कहा 07 ह मर भाइयो ऐसी बराई न करो 08 सनो मरी ो बदिटया ह जिजनहोन अब तक पररषो का मह नही खा इचछा हो तो म उनह तमहार

पास बाहर ल आऊ और तम को जसा अचछा लग वसा वयवहार उन स करो पर इन पररषोो स कछ न करो कयोषटिक य मरी छत क तल आए ह

09 उनहोन कहा हट जा षटि6र व कहन लग त एक परशी हो कर यहा रहन क लिलय आया पर अब नयायी भी बन बठा ह सो अब हम उन स भी अलिक तर साथ बराई करग और व उस पररषो लत को बहत बान लग और षटिकवाड तोडन क लिलय षटिनकट आए

10 तब उन पाहनो न हाथ बढाकर लत को अपन पास घर म खीच लिलया और षटिकवाड को बन कर दिया 11 और उनहोन कया छोट कया बड सब पररषोो को जो घर क दवार पर थ अ(ा कर दिया सो व

दवार को टटोलत टटोलत थक गए 12 षटि6र उन पाहनो न लत स पछा यहा तर और कौन कौन ह ामा बट बदिटया वा नगर म तरा

जो कोई हो उन सभो को ल कर इस सथान स षटिनकल जा 13 कयोषटिक हम यह सथान नाश करन पर ह इसलिलय षटिक उसकी लिचललाहट यहोवा क सममख बढ गईह और यहोवा न हम इसका सतयनाश करन क लिलय भज दिया ह 14 तब लत न षटिनकल कर अपन ामाो को जिजनक साथ उसकी बदिटयो की सगाई हो गई थी

समझा क कहा उठो इस सथान स षटिनकल चलो कयोषटिक यहोवा इस नगर को नाश षटिकया चाहता ह पर वह अपन ामाो की दषटि म ठटठा करन हारा सा जान पडा

15 जब पौ 6टन लगी तब दतो न लत स 6त कराई और कहा षटिक उठ अपनी पतनी और ोनो बदिटयो को जो यहा ह ल जा नही तो त भी इस नगर क अमW म भसम हो जाएगा

16 पर वह षटिवलमब करता रहा इस स उन पररषोो न उसका और उसकी पतनी और ोनो बदिटयो का हाथ पकड लिलया कयोषटिक यहोवा की या उस पर थी और उसको षटिनकाल कर नगर क बाहर कर

दिया 17 और ऐसा हआ षटिक जब उनहोन उन को बाहर षटिनकाला तब उसन कहा अपना पराण ल कर भागजा पीछ की और न ताकना और तराई भर म न ठहरना उस पहाड पर भाग जाना नही तो त भी

भसम हो जाएगा 18 लत न उन स कहा ह परभ ऐसा न कर 19 ख तर ास पर तरी अनगरह की दषटि हई ह और त न इस म बडी कपा दिखाई षटिक मर पराण

को बचाया ह पर म पहाड पर भाग नही सकता कही ऐसा न हो षटिक कोई षटिवपलिc मझ पर आ पड और म मर जाऊ

20 ख वह नगर ऐसा षटिनकट ह षटिक म वहा भाग सकता ह और वह छोटा भी ह मझ वही भाग जान कया वह छोटा नही ह और मरा पराण बच जाएगा

21 उसन उसस कहा ख म न इस षटिवरषोय म भी तरी षटिबनती अगीकार की ह षटिक जिजस नगर की चचाW त न की ह उसको म नाश न करगा

22 6त स वहा भाग जा कयोषटिक जब तक त वहा न पहच तब तक म कछ न कर सकगा इसी कारण उस नगर का नाम सोअर पडा

23 लत क सोअर क षटिनकट पहचत ही सयW पथवी पर उय हआ 24 तब यहोवा न अपनी ओर स सोम और अमोरा पर आकाश स ग(क और आग बरसाई 25 और उन नगरो को और समपणW तराई को और नगरो को और उस समपणW तराई को और नगरो

क सब षटिनवालिसयो भमिम की सारी उपज समत नाश कर दिया 26 लत की पतनी न जो उसक पीछ थी दषटि 6र क पीछ की ओर खा और वह नमक का खमभा

बन गई 27 भोर को इबराहीम उठ कर उस सथान को गया जहा वह यहोवा क सममख खडा था 28 और सोम और अमोरा और उस तराई क सार श की ओर आख उठा कर कया खा षटिक उस

श म स कती हई भटटी का सा आ उठ रहा ह 29 और ऐसा हआ षटिक जब परमशवर न उस तराई क नगरो को जिजन म लत रहता था उलट पलट

कर नाश षटिकया तब उसन इबराहीम को या करक लत को उस घटना स बचा लिलया 30 और लत न सोअर को छोड दिया और पहाड पर अपनी ोनो बदिटयो समत रहन लगा कयोषटिक

वह सोअर म रहन स डरता था इसलिलय वह और उसकी ोनो बदिटया वहा एक ग6ा म रहन लग 31 तब बडी बटी न छोटी स कहा हमारा षटिपता बढा ह और पथवी भर म कोई ऐसा पररषो नही जो

ससार की रीषटित क अनसार हमार पास आए 32 सो आ हम अपन षटिपता को ाखम षटिपला कर उसक साथ सोए जिजस स षटिक हम अपन षटिपता

क वश को बचाए रख 33 सो उनहोन उसी दिन रात क समय अपन षटिपता को ाखम षटिपलाया तब बडी बटी जा कर अपन

षटिपता क पास लट गई पर उसन न जाना षटिक वह कब लटी और कब उठ गई 34 और ऐसा हआ षटिक दसर दिन बडी न छोटी स कहा ख कल रात को म अपन षटिपता क साथसोई सो आज भी रात को हम उसको ाखम षटिपलाए तब त जा कर उसक साथ सोना षटिक हम

अपन षटिपता क दवारा वश उतपनन कर 35 सो उनहोन उस दिन भी रात क समय अपन षटिपता को ाखम षटिपलाया और छोटी बटी जा कर

उसक पास लट गई पर उसको उसक भी सोन और उठन क समय का जञान न था 36 इस परकार स लत की ोनो बदिटया अपन षटिपता स गभWवती हई 37 और बडी एक पतर जनी और उसका नाम मोआब रखा वह मोआब नाम जाषटित का जो आज

तक ह मलषटिपता हआ 38 और छोटी भी एक पतर जनी और उसका नाम बनममी रखा वह अममोन वणिशयो का जो आज

तक ह मलषटिपता हआ

अधयाय२०

01 षटि6र इबराहीम वहा स कच कर चछिकखन श म आकर काश और शर क बीच म ठहरा और गरार म रहन लगा

02 और इबराहीम अपनी पतनी सारा क षटिवरषोय म कहन लगा षटिक वह मरी बषटिहन ह सो गरार क राजा अबीमलक न दत भज कर सारा को बलवा लिलया

03 रात को परमशवर न सवपन म अबीमलक क पास आकर कहा सन जिजस सतरी को त न रख लिलयाह उसक कारण त मर जाएगा कयोषटिक वह सहाषटिगन ह 04 परनत अबीमलक तो उसक पास न गया था सो उसन कहा ह परभ कया त षटिनरषो जाषटित का भी

घात करगा 05 कया उसी न सवय मझ स नही कहा षटिक वह मरी बषटिहन ह और उस सतरी न भी आप कहा षटिक

वह मरा भाई ह म न तो अपन मन की खराई और अपन वयवहार की सचचाई स यह काम षटिकया 06 परमशवर न उसस सवपन म कहा हा म भी जानता ह षटिक अपन मन की खराई स त न यह काम

षटिकया ह और म न तझ रोक भी रखा षटिक त मर षटिवरq पाप न कर इसी कारण म न तझ को उस छन नही दिया

07 सो अब उस पररषो की पतनी को उस 6र कयोषटिक वह नबी ह और तर लिलय पराथWना करगा और त जीता रहगा पर यदि त उसको न 6र तो जान रख षटिक त और तर जिजतन लोग ह सब

षटिनशचय मर जाएग 08 षटिबहान को अबीमलक न तडक उठ कर अपन सब कमWचारिरयो को बलवा कर य सब बात सनाई

और व लोग बहत डर गए 09 तब अबीमलक न इबराहीम को बलवा कर कहा त न हम स यह कया षटिकया ह और म न तरा

कया षटिबगाडा था षटिक त न मर और मर राजय क ऊपर ऐसा बडा पाप डाल दिया ह त न मझ स वह काम षटिकया ह जो उलिचत न था

10 षटि6र अबीमलक न इबराहीम स पछा त न कया समझ कर ऐसा काम षटिकया 11 इबराहीम न कहा म न यह सोचा था षटिक इस सथान म परमशवर का कछ भी भय न होगा सो य

लोग मरी पतनी क कारण मरा घात करग 12 और षटि6र भी सचमच वह मरी बषटिहन ह वह मर षटिपता की बटी तो ह पर मरी माता की बटी नही

षटि6र वह मरी पतनी हो गई 13 और ऐसा हआ षटिक जब परमशवर न मझ अपन षटिपता का घर छोड कर षटिनकलन की आजञा ी तब म न उसस कहा इतनी कपा तझ मझ पर करनी होगी षटिक हम ोनोजहा जहा जाए वहा वहा त मर

षटिवरषोय म कहना षटिक यह मरा भाई ह 14 तब अबीमलक न भड-बकरी गाय-बल और ास- ालिसया ल कर इबराहीम को ी और उसकी

पतनी सारा को भी उस 6र दिया 15 और अबीमलक न कहा ख मरा श तर सामहन ह जहा तझ भाव वहा रह 16 और सारा स उसन कहा ख म न तर भाई को रप क एक हजार टकड दिए ह ख तर सार

सषटिगयो क सामहन वही तरी आखो का पाW बनगा और सभो क सामहन त ठीक होगी 17 तब इबराहीम न यहोवा स पराथWना की और यहोवा न अबीमलक और उसकी पतनी और ालिसयो

को चगा षटिकया और व जनन लगी 18 कयोषटिक यहोवा न इबराहीम की पतनी सारा क कारण अबीमलक क घर की सब सतरिसतरयो की कोखो

को परी रीषटित स बन कर दिया था

अधयाय२१

01 सो यहोवा न जसा कहा था वसा ही सारा की सलि लक उसक साथ अपन वचन क अनसारषटिकया 02 सो सारा को इबराहीम स गभWवती हो कर उसक बढाप म उसी षटिनयकत समय पर जो परमशवर न

उसस ठहराया था एक पतर उतपनन हआ 03 और इबराहीम न अपन पतर का नाम जो सारा स उतपनन हआ था इसहाक रखा 04 और जब उसका पतर इसहाक आठ दिन का हआ तब उसन परमशवर की आजञा क अनसार

उसका खतना षटिकया 05 और जब इबराहीम का पतर इसहाक उतपनन हआ तब वह एक सौ वरषोW का था 06 और सारा न कहा परमशवर न मझ पर6चछिललत कर दिया ह इसलिलय सब सनन वाल भी मर साथ

पर6चछिललत होग 07 षटि6र उसन यह भी कहा षटिक कया कोई कभी इबराहीम स कह सकता था षटिक सारा लडको को द षटिपलाएगी पर खो मझ स उसक बढाप म एक पतर उतपनन हआ 08 और वह लडका बढा और उसका द छडाया गया और इसहाक क द छडान क दिन इबराहीम न बडी जवनार की

09 तब सारा को मिमसरी हाजिजरा का पतर जो इबराहीम स उतपनन हआ था हसी करता हआ ख पडा 10 सो इस कारण उसन इबराहीम स कहा इस ासी को पतर सषटिहत बरबस षटिनकाल कयोषटिक इस

ासी का पतर मर पतर इसहाक क साथ भागी न होगा 11 यह बात इबराहीम को अपन पतर क कारण बरी लगी 12 तब परमशवर न इबराहीम स कहा उस लडक और अपनी ासी क कारण तझ बरा न लग जो

बात सारा तझ स कह उस मान कयोषटिक जो तरा वश कहलाएगा सो इसहाक ही स चलगा 13 ासी क पतर स भी म एक जाषटित उतपनन करगा इसलिलय षटिक वह तरा वश ह 14 सो इबराहीम न षटिबहान को तडक उठ कर रोटी और पानी स भरी चमड की थली भी हाजिजरा कोी और उसक क( पर रखी और उसक लडक को भी उस कर उसको षटिवा षटिकया सो वह चलीगई और बशiexclबा क जगल म भरमण करन लगी 15 जब थली का जल चक गया तब उसन लडक को एक झाडी क नीच छोड दिया 16 और आप उसस तीर भर क टपप पर दर जा कर उसक सामहन यह सोचकर बठ गई षटिक मझ को

लडक की मतय खनी न पड तब वह उसक सामहन बठी हई लिचलला लिचलला क रोन लगी 17 और परमशवर न उस लडक की सनी और उसक दत न सवगW स हाजिजरा को पकार क कहा ह

हाजिजरा तझ कया हआ मत डर कयोषटिक जहा तरा लडका ह वहा स उसकी आवाज परमशवर को सन पडी ह

18 उठ अपन लडक को उठा और अपन हाथ स समभाल कयोषटिक म उसक दवारा एक बडी जाषटितबनाऊगा 19 परमशवर न उसकी आख खोल ी और उसको एक कआ दिखाई पडा सो उसन जा कर थली

को जल स भर कर लडक को षटिपलाया 20 और परमशवर उस लडक क साथ रहा और जब वह बडा हआ तब जगल म रहत रहत नाWरी

बन गया 21 वह तो पारान नाम जगल म रहा करता था और उसकी माता न उसक लिलय मिमसर श स एक

सतरी मगवाई 22 उन दिनो म ऐसा हआ षटिक अबीमलक अपन सनापषटित पीकोल को सग ल कर इबराहीम स कहनलगा जो कछ त करता ह उस म परमशवर तर सग रहता ह 23 सो अब मझ स यहा इस षटिवरषोय म परमशवर की षटिकरिरया खा षटिक त न तो मझ स छल करगा और न कभी मर वश स करगा परनत जसी करणा म न तझ पर की ह वसी ही त मझ पर और इस श पर भी जिजस म त रहता ह करगा

24 इबराहीम न कहा म षटिकरिरया खाऊगा 25 और इबराहीम न अबीमलक को एक कए क षटिवरषोय म जो अबीमलक क ासो न बरीयाई स ल

लिलया था उलाहना दिया

26 तब अबीमलक न कहा म नही जानता षटिक षटिकस न यह काम षटिकया और त न भी मझ नहीबताया और न म न आज स पषटिहल इसक षटिवरषोय म कछ सना 27 तब इबराहीम न भड-बकरी और गाय- बल ल कर अबीमलक को दिए और उन ोनो न आपस म

वाचा बा(ी 28 और इबराहीम न भड की सात बचची अलग कर रखी 29 तब अबीमलक न इबराहीम स पछा इन सात बसतरिचचयो का जो त न अलग कर रखी ह कया

परयोजन ह 30 उसन कहा त इन सात बसतरिचचयो को इस बात की साकषी जान कर मर हाथ स ल षटिक म न कआ

खोा ह 31 उन ोनो न जो उस सथान म आपस म षटिकरिरया खाई इसी कारण उसका नाम बशiexclबा पडा 32 जब उनहोन बशiexclबा म परसपर वाचा बा(ी तब अबीमलक और उसका सनापषटित पीकोल उठ कर

पलिलसतरिशतयो क श म लौट गए 33 और इबराहीम न बशiexclबा म झाऊ का एक वकष लगाया और वहा यहोवा जो सनातन ईशव

अधयाय२२

01 इन बातो क पशचात ऐसा हआ षटिक परमशवर न इबराहीम स यह कहकर उसकी परीकषा की षटिक हइबराहीम उसन कहा ख म यहा ह 02 उसन कहा अपन पतर को अथाWत अपन एकलौत पतर इसहाक को जिजस स त परम रखता ह सग

ल कर मोरिरययाह श म चला जा और वहा उसको एक पहाड क ऊपर जो म तझ बताऊगा होमबलिल करक चढा

03 सो इबराहीम षटिबहान को तडक उठा और अपन गह पर काठी कसकर अपन ो सवक और अपन पतर इसहाक को सग लिलया और होमबलिल क लिलय लकडी चीर ली तब कच करक उस सथान

की ओर चला जिजसकी चचाW परमशवर न उसस की थी 04 तीसर दिन इबराहीम न आख उठा कर उस सथान को दर स खा 05 और उसन अपन सवको स कहा गह क पास यही ठहर रहो यह लडका और म वहा तक जाकर और णडवत करक षटि6र तमहार पास लौट आऊगा 06 सो इबराहीम न होमबलिल की लकडी ल अपन पतर इसहाक पर लाी और आग और छरी को

अपन हाथ म लिलया और व ोनो एक साथ चल पड 07 इसहाक न अपन षटिपता इबराहीम स कहा ह मर षटिपता उसन कहा ह मर पतर कया बात ह उसनकहा ख आग और लकडी तो ह पर होमबलिल क लिलय भड कहा ह 08 इबराहीम न कहा ह मर पतर परमशवर होमबलिल की भड का उपाय आप ही करगा 09 सो व ोनो सग सग आग चलत गए और व उस सथान को जिजस परमशवर न उसको बताया थापहच तब इबराहीम न वहा वी बनाकर लकडी को चन चनकर रखा और अपन पतर इसहाक को

बा( क वी पर की लकडी क ऊपर रख दिया 10 और इबराहीम न हाथ बढाकर छरी को ल लिलया षटिक अपन पतर को बलिल कर 11 तब यहोवा क दत न सवगW स उसको पकार क कहा ह इबराहीम ह इबराहीम उसन कहा ख म

यहा ह 12 उसन कहा उस लडक पर हाथ मत बढा और न उसस कछ कर कयोषटिक त न जो मझ स अपन पतर वरन अपन एकलौत पतर को भी नही रख छोडा इस स म अब जान गया षटिक त परमशवर का भय

मानता ह 13 तब इबराहीम न आख उठाई और कया खा षटिक उसक पीछ एक मढा अपन सीगो स एक झाडी म बझा हआ ह सो इबराहीम न जाक उस मढ को लिलया और अपन पतर की सनती होमबलिल करक

चढाया 14 और इबराहीम न उस सथान का नाम यहोवा मियर रखा इसक अनसार आज तक भी कहा जाताह षटिक यहोवा क पहाड पर उपाय षटिकया जाएगा

15 षटि6र यहोवा क दत न दसरी बार सवगW स इबराहीम को पकार क कहा 16 यहोवा की यह वाणी ह षटिक म अपनी ही यह शपथ खाता ह षटिक त न जो यह काम षटिकया ह षटिक

अपन पतर वरन अपन एकलौत पतर को भी नही रख छोडा 17 इस कारण म षटिनशचय तझ आशीरषो दगा और षटिनशचय तर वश को आकाश क तारागण और समदर

क तीर की बाल क षटिकनको क समान अनषटिगषटिनत करगा और तरा वश अपन शतरओ क नगरो का अलिकारी होगा

18 और पथवी की सारी जाषटितया अपन को तर वश क कारण नय मानगी कयोषटिक त न मरी बात मानी ह

19 तब इबराहीम अपन सवको क पास लौट आया और व सब बशiexclबा को सग सग गए और इबराहीम बशiexclबा म रहता रहा

20 इन बातो क पशचात ऐसा हआ षटिक इबराहीम को यह सनश मिमला षटिक मिमलका क तर भाई नाहोर स सनतान उतपनन हए ह

21 मिमलका क पतर तो य हए अथाWत उसका जठा ऊस और ऊस का भाई बज और कमएल जो अराम का षटिपता हआ

22 षटि6र कस हज़ो षटिपलाश मियलाप और बतएल 23 इन आठो को मिमलका इबराहीम क भाई नाहोर क जनमाए जनी और बतएल न रिरबका को उतपननषटिकया 24 षटि6र नाहोर क रमा नाम एक रखली भी थी जिजस स तबह गहम तहश और माका उतपननहए

अधयाय२३

01 सारा तो एक सौ सcाईस बरस की अवसथा को पहची और जब सारा की इतनी अवसथा हई 02 तब वह षटिकयWतबाW म मर गई यह तो कनान श म ह और हबरोन भी कहलाता ह सो इबराहीम

सारा क लिलय रोन पीटन को वहा गया 03 तब इबराहीम अपन मiexcl क पास स उठ कर षटिहलिcयो स कहन लगा 04 म तमहार बीच पाहन और परशी ह मझ अपन मधय म कमिबरसतान क लिलय ऐसी भमिम ो जो मरी

षटिनज की हो जाए षटिक म अपन मiexcl को गाड क अपन आख की ओट कर 05 षटिहलिcयो न इबराहीम स कहा 06 ह हमार परभ हमारी सन त तो हमार बीच म बडा परान ह सो हमारी कबरो म स जिजस को त

चाह उस म अपन मiexcl को गाड हम म स कोई तझ अपनी कबर क लन स न रोकगा षटिक त अपन मiexcl को उस म गाडन न पाए

07 तब इबराहीम उठ कर खडा हआ और षटिहलिcयो क सममख जो उस श क षटिनवासी थ णडवत करक कहन लगा

08 यदि तमहारी यह इचछा हो षटिक म अपन मiexcl को गाड क अपनी आख की ओट कर तो मरी पराथWना ह षटिक सोहर क पतर एपरोन स मर लिलय षटिबनती करो

09 षटिक वह अपनी मकपला वाली ग6ा जो उसकी भमिम की सीमा पर ह उसका परा ाम ल कर मझ षटिक वह तमहार बीच कमिबरसतान क लिलय मरी षटिनज भमिम हो जाए

10 और एपरोन तो षटिहलिcयो क बीच वहा बठा हआ था सो जिजतन षटिहcी उसक नगर क 6ाटक स हो कर भीतर जात थ उन सभो क सामहन उसन इबराहीम को उcर दिया

11 षटिक ह मर परभ ऐसा नही मरी सन वह भमिम म तझ ता ह और उस म जो ग6ा ह वह भी म तझ ता ह अपन जाषटित भाइयो क सममख म उस तझ को दिए ता ह सो अपन मiexcl को कबर म

रख 12 तब इबराहीम न उस श क षटिनवालिसयो क सामहन णडवत की

13 और उनक सनत हए एपरोन स कहा यदि त ऐसा चाह तो मरी सन उस भमिम का जो ाम हो वह म ना चाहता ह उस मझ स ल ल तब म अपन मiexcl को वहा गाडगा

14 एपरोन न इबराहीम को यह उcर दिया 15 षटिक ह मर परभ मरी बात सन एक भमिम का ाम तो चार सौ शकल रपा ह पर मर और तर

बीच म यह कया ह अपन मiexcl को कबर म रख 16 इबराहीम न एपरोन की मानकर उसको उतना रपा तौल दिया जिजतना उसन षटिहलिcयो क सनत हए

कहा था अथाWत चार सौ ऐस शकल जो वयापारिरयो म चलत थ 17 सो एपरोन की भमिम जो मामर क सममख की मकपला म थी वह ग6ा समत और उन सब वकषो

समत भी जो उस म और उसक चारोऔर सीमा पर थ 18 जिजतन षटिहcी उसक नगर क 6ाटक स हो कर भीतर जात थ उन सभो क सामहन इबराहीम क

अलिकार म पककी रीषटित स आ गई 19 इसक पशचात इबराहीम न अपनी पतनी सारा को उस मकपला वाली भमिम की ग6ा म जो मामर क

अथाWत हबरोन क सामहन कनान श म ह मिमटटी ी 20 और वह भमिम ग6ा समत जो उस म थी षटिहलिcयो की ओर स कमिबरसतान क लिलय इबराहीम क

अलिकार म पककी रीषटित स आ गई

अधयाय२४

01 इबराहीम वq था और उसकी आय बहत थी और यहोवा न सब बातो म उसको आशीरषो ी थी 02 सो इबराहीम न अपन उस ास स जो उसक घर म परषटिनया और उसकी सारी समपलिc पर

अलिकारी था कहा अपना हाथ मरी जाघ क नीच रख 03 और मझ स आकाश और पथवी क परमशवर यहोवा की इस षटिवरषोय म शपथ खा षटिक त मर पतर क

लिलय कनाषटिनयो की लडषटिकयो म स जिजनक बीच म रहता ह षटिकसी को न ल आएगा 04 परनत त मर श म मर ही कटतनिमबयो क पास जा कर मर पतर इसहाक क लिलय एक पतनी लआएगा 05 ास न उसस कहा कालिचत वह सतरी इस श म मर साथ आना न चाह तो कया मझ तर पतर

को उस श म जहा स त आया ह ल जाना पडगा 06 इबराहीम न उसस कहा चौकस रह मर पतर को वहा कभी न ल जाना 07 सवगW का परमशवर यहोवा जिजसन मझ मर षटिपता क घर स और मरी जनमभमिम स ल आकर मझ स

शपथ खाकर कहा षटिक म यह श तर वश को दगा वही अपना दत तर आग आग भजगा षटिक त मर पतर क लिलय वहा स एक सतरी ल आए

08 और यदि वह सतरी तर साथ आना न चाह तब तो त मरी इस शपथ स छट जाएगा पर मर पतर को वहा न ल जाना

09 तब उस ास न अपन सवामी इबराहीम की जाघ क नीच अपना हाथ रखकर उसस इसी षटिवरषोय की शपथ खाई

10 तब वह ास अपन सवामी क ऊटो म स स ऊट छाटकर उसक सब उcम उcम पाथN म स कछ कछ ल कर चला और मसोपोटामिमया म नाहोर क नगर क पास पहचा

11 और उसन ऊटो को नगर क बाहर एक कए क पास बठाया वह सधया का समय था जिजस समय सतरिसतरया जल भरन क लिलय षटिनकलती ह

12 सो वह कहन लगा ह मर सवामी इबराहीम क परमशवर यहोवा आज मर कायW को लिसq कर और मर सवामी इबराहीम पर करणा कर

13 ख म जल क इस सोत क पास खडा ह और नगरवालिसयो की बदिटया जल भरन क लिलय षटिनकली आती ह

14 सो ऐसा होन षटिक जिजस कनया स म कह षटिक अपना घडा मरी ओर झका षटिक म पीऊ और वह कह षटिक ल पी ल पीछ म तर ऊटो को भी पीलाऊगी सो वही हो जिजस त न अपन ास इसहाक

क लिलय ठहराया हो इसी रीषटित म जान लगा षटिक त न मर सवामी पर करणा की ह

15 और ऐसा हआ षटिक जब वह कह ही रहा था षटिक रिरबका जो इबराहीम क भाई नाहोर क जनमाय मिमलका क पतर बतएल की बटी थी वह क( पर घडा लिलय हए आई

16 वह अषटित सनर और कमारी थी और षटिकसी पररषो का मह न खा था वह कए म सोत क पास उतर गई और अपना घडा भर क षटि6र ऊपर आई

17 तब वह ास उसस भट करन को ौडा और कहा अपन घड म स थोडा पानी मझ षटिपला 18 उसन कहा ह मर परभ ल पी ल और उसन 6त स घडा उतार कर हाथ म लिलय लिलय उसको

षटिपला दिया 19 जब वह उसको षटिपला चकी तक कहा म तर ऊटो क लिलय भी तब तक पानी भर भर लाऊगी

जब तक व पी न चक 20 तब वह 6त स अपन घड का जल हौ म उणडल कर षटि6र कए पर भरन को ौड गई और

उसक सब ऊटो क लिलय पानी भर दिया 21 और वह पररषो उसकी ओर चपचाप अचमभ क साथ ताकता हआ यह सोचता था षटिक यहोवा न

मरी यातरा को स6ल षटिकया ह षटिक नही 22 जब ऊट पी चक तब उस पररषो न आ तोल सोन का एक नथ षटिनकाल कर उसको दिया और

स तोल सोन क कगन उसक हाथो म पषटिहना दिए 23 और पछा त षटिकस की बटी ह यह मझ को बता कया तर षटिपता क घर म हमार दिटकन क

लिलय सथान ह 24 उसन उcर दिया म तो नाहोर क जनमाए मिमलका क पतर बतएल की बटी ह 25 षटि6र उस न उस स कहा हमार यहा पआल और चारा बहत ह और दिटकन क लिलय सथान भी ह 26 तब उस पररषो न लिसर झका कर यहोवा को णडवत करक कहा 27 नय ह मर सवामी इबराहीम का परमशवर यहोवा षटिक उसन अपनी करणा और सचचाई को मर

सवामी पर स हटा नही लिलया यहोवा न मझ को ठीक मागW पर चला कर मर सवामी क भाई ब(ओ क घर पर पहचा दिया ह

28 और उस कनया न ौड कर अपनी माता क घर म यह सारा वcानत कह सनाया 29 तब लाबान जो रिरबका का भाई था सो बाहर कए क षटिनकट उस पररषो क पास ौडा गया 30 और ऐसा हआ षटिक जब उसन वह नथ और अपनी बषटिहन रिरबका क हाथो म व कगन भी ख

और उसकी यह बात भी सनी षटिक उस पररषो न मझ स ऐसी बात कही तब वह उस पररषो क पासगया और कया खा षटिक वह सोत क षटिनकट ऊटो क पास खडा ह 31 उसन कहा ह यहोवा की ओर स नय पररषो भीतर आ त कयो बाहर खडा ह म न घर को

और ऊटो क लिलय भी सथान तयार षटिकया ह 32 और वह पररषो घर म गया और लाबान न ऊटो की कादिठया खोल कर पआल और चारा दिया

और उसक और उसक सगी जनो क पाव ोन को जल दिया 33 तब इबराहीम क ास क आग जलपान क लिलय कछ रखा गया पर उसन कहा म जब तक अपना

परयोजन न कह द तब तक कछ न खाऊगा लाबान न कहा कह 34 तब उसन कहा म तो इबराहीम का ास ह 35 और यहोवा न मर सवामी को बडी आशीरषो ी ह सो वह महान पररषो हो गया ह और उसन

उसको भड-बकरी गाय-बल सोना-रपा ास-ालिसया ऊट और गह दिए ह 36 और मर सवामी की पतनी सारा क बढाप म उसस एक पतर उतपनन हआ ह और उस पतर को

इबराहीम न अपना सब कछ दिया ह 37 और मर सवामी न मझ यह शपथ खिखलाई षटिक म उसक पतर क लिलय कनाषटिनयो की लडषटिकयो म स

जिजन क श म वह रहता ह कोई सतरी न ल आऊगा 38 म उसक षटिपता क घर और कल क लोगो क पास जा कर उसक पतर क लिलय एक सतरी लआऊगा 39 तब म न अपन सवामी स कहा कालिचत वह सतरी मर पीछ न आए 40 तब उसन मझ स कहा यहोवा जिजसक सामहन म चलता आया ह वह तर सग अपन दत को

भज कर तरी यातरा को स6ल करगा सो त मर कल और मर षटिपता क घरान म स मर पतर क लिलय

एक सतरी ल आ सकगा 41 त तब ही मरी इस शपथ स छटगा जब त मर कल क लोगो क पास पहचगा अथाWत यदि व मझ

कोई सतरी न तो त मरी शपथ स छटगा 42 सो म आज उस कए क षटिनकट आकर कहन लगा ह मर सवामी इबराहीम क परमशवर यहोवा यदि त मरी इस यातरा को स6ल करता हो

43 तो ख म जल क इस कए क षटिनकट खडा ह सो ऐसा हो षटिक जो कमारी जल भरन क लिलय षटिनकल आए और म उसस कह अपन घड म स मझ थोडा पानी षटिपला

44 और वह मझ स कह पी ल और म तर ऊटो क पीन क लिलय भी पानी भर दगी वह वही सतरी हो जिजस को त न मर सवामी क पतर क लिलय ठहराया हो

45 म मन ही मन यह कह ही रहा था षटिक ख रिरबका क( पर घडा लिलय हए षटिनकल आई षटि6र वह सोत क पास उतर क भरन लगी और म न उसस कहा मझ षटिपला

46 और उसन 6त स अपन घड को क( पर स उतार क कहा ल पी ल पीछ म तर ऊटो को भीषटिपलाऊगी सो म न पी लिलया और उसन ऊटो को भी षटिपला दिया 47 तब म न उसस पछा षटिक त षटिकस की बटी ह और उसन कहा म तो नाहोर क जनमाए मिमलका

क पतर बतएल की बटी ह तब म न उसकी नाक म वह नथ और उसक हाथो म व कगन पषटिहनादिए 48 षटि6र म न लिसर झका कर यहोवा को णडवत षटिकया और अपन सवामी इबराहीम क परमशवर यहोवा

को नय कहा कयोषटिक उसन मझ ठीक मागW स पहचाया षटिक म अपन सवामी क पतर क लिलय उसकी भतीजी को ल जाऊ

49 सो अब यदि त मर सवामी क साथ कपा और सचचाई का वयवहार करना चाहत हो तो मझ सकहो और यदि नही चाहत हो तौभी मझ स कह ो ताषटिक म ाषटिहनी ओर वा बाई ओर षटि6र जाऊ 50 तब लाबान और बतएल न उcर दिया यह बात यहोवा की ओर स हई ह सो हम लोग तझ स न

तो भला कह सकत ह न बरा 51 ख रिरबका तर सामहन ह उसको ल जा और वह यहोवा क वचन क अनसार तर सवामी क

पतर की पतनी हो जाए 52 उनका यह वचन सनकर इबराहीम क ास न भमिम पर षटिगर क यहोवा को णडवत षटिकया 53 षटि6र उस ास न सोन और रप क गहन और वसतर षटिनकाल कर रिरबका को दिए और उसक

भाई और माता को भी उसन अनमोल अनमोल वसतए ी 54 तब उसन अपन सगी जनो समत भोजन षटिकया और रात वही षटिबताई और तडक उठ कर कहा

मझ को अपन सवामी क पास जान क लिलय षटिवा करो 55 रिरबका क भाई और माता न कहा कनया को हमार पास कछ दिन अथाWत कम स कम स दिन

रहन षटि6र उसक पशचात वह चली जाएगी56 उसन उन स कहा यहोवा न जो मरी यातरा को स6ल षटिकया ह सो तम मझ मत रोको अब मझ

षटिवा कर ो षटिक म अपन सवामी क पास जाऊ 57 उनहोन कहा हम कनया को बला कर पछत ह और खग षटिक वह कया कहती ह 58 सो उनहोन रिरबका को बला कर उसस पछा कया त इस मनषय क सग जाएगी उसन कहा हा म जाऊगी 59 तब उनहोन अपनी बषटिहन रिरबका और उसकी ाय और इबराहीम क ास और उसक साथी सभो

को षटिवा षटिकया 60 और उनहोन रिरबका को आशीवाW क कहा ह हमारी बषटिहन त हजारो लाखो की आदिमाता हो

और तरा वश अपन बरिरयो क नगरो का अलिकारी हो 61 इस पर रिरबका अपनी सहलिलयो समत चली और ऊट पर चढ क उस पररषो क पीछ हो ली सो

वह ास रिरबका को साथ ल कर चल दिया 62 इसहाक जो चछिकखन श म रहता था सो लहरोई नाम कए स हो कर चला आता था 63 और साझ क समय वह मान म धयान करन क लिलय षटिनकला था और उसन आख उठा कर कया खा षटिक ऊट चल आ रह ह

64 और रिरबका न भी आख उठा कर इसहाक को खा और खत ही ऊट पर स उतर पडी 65 तब उसन ास स पछा जो पररषो मान पर हम स मिमलन को चला आता ह सो कौन ह ास न कहा वह तो मरा सवामी ह तब रिरबका न घघट ल कर अपन मह को ढाप लिलया

66 और ास न इसहाक स अपना सारा वcानत वणWन षटिकया 67 तब इसहाक रिरबका को अपनी माता सारा क तमब म ल आया और उसको बयाह कर उसस परमषटिकया और इसहाक को माता की मतय क पशचात शातनिनत हई

अधयाय२५

01 तब इबराहीम न एक और पतनी बयाह ली जिजसका नाम कतरा था 02 और उसस जिजमरान योकषान मना मिमदयान मियशबाक और शह उतपनन हए 03 और योकषान स शबा और ान उतपनन हए और ान क वश म अशशरी लतशी और लममी

लोग हए 04 और मिमदयान क पतर एपा एपर हनोक अबीा और एला हए स सब कतरा क सनतान हए 05 इसहाक को तो इबराहीम न अपना सब कछ दिया 06 पर अपनी रखलिलयो क पतरो को कछ कछ कर अपन जीत जी अपन पतर इसहाक क पास स

परब श म भज दिया 07 इबराहीम की सारी अवसथा एक सौ पचहcर वरषोW की हई 08 और इबराहीम का ीघाWय होन क कारण अथाWत पर बढाप की अवसथा म पराण छट गया और वह

अपन लोगो म जा मिमला 09 और उसक पतर इसहाक और इशमाएल न षटिहcी सोहर क पतर एपरोन की ममर क सममख वाली

भमिम म जो मकपला की ग6ा थी उस म उसको मिमटटी ी गई 10 अथाWत जो भमिम इबराहीम न षटिहलिcयो स मोल ली थी उसी म इबराहीम और उस की पतनी सारा

ोनो को मिमटटी ी गई 11 इबराहीम क मरन क पशचात परमशवर न उसक पतर इसहाक को जो लहरोई नाम कए क पास रहता

था आशीरषो ी 12 इबराहीम का पतर इशमाएल जो सारा की लौडी हाजिजरा मिमसरी स उतपनन हआ था उसकी यह

वशावली ह 13 इशमाएल क पतरो क नाम और वशावली यह ह अथाWत इशमाएल का जठा पतर नबायोत षटि6रकार अदबल मिमबसाम 14 मिमशमा दमा मससा 15 हर तमा यतर नपीश और कमा 16 इशमाएल क पतर य ही हए और इनही क नामो क अनसार इनक गावो और छावषटिनयो क नाम

भी पड और य ही बारह अपन अपन कल क परान हए 17 इशमाएल की सारी अवसथा एक सौ सतीस वरषोW की हई तब उसक पराण छट गए और वह अपन

लोगो म जा मिमला 18 और उसक वश हवीला स शर तक जो मिमसर क सममख अशशर क मागW म ह बस गए और

उनका भाग उनक सब भाई ब(ओ क सममख पडा 19 इबराहीम क पतर इसहाक की वशावली यह ह इबराहीम स इसहाक उतपनन हआ 20 और इसहाक न चालीस वरषोW का हो कर रिरबका को जो पददनराम क वासी अरामी बतएल कीबटी और अरामी लाबान की बषटिहन भी बयाह लिलया 21 इसहाक की पतनी तो बाझ थी सो उस न उस क षटिनमिमc यहोवा स षटिबनती की और यहोवा न

उसकी षटिबनती सनी सो उसकी पतनी रिरबका गभWवती हई 22 और लडक उसक गभW म आपस म लिलपट क एक दसर को मारन लग तब उसन कहा मरी जो

ऐसी ही शा रहगी तो म कयोकर जीषटिवत रहगी और वह यहोवा की इचछा पछन को गई 23 तब यहोवा न उसस कहा तर गभW म ो जाषटितया ह और तरी कोख स षटिनकलत ही ो राजय क

लोग अलग अलग होग और एक राजय क लोग दसर स अलिक सामथ होग और बडा बटा छोट क आीन होगा

24 जब उसक पतर उतपनन होन का समय आया तब कया परगट हआ षटिक उसक गभW म जडव बालकह 25 और पषटिहला जो उतपनन हआ सो लाल षटिनकला और उसका सारा शरीर कमबल क समान रोममयथा सो उसका नाम ऐसाव रखा गया 26 पीछ उसका भाई अपन हाथ स ऐसाव की एडी पकड हए उतपनन हआ और उसका नाम याकब

रखा गया और जब रिरबका न उन को जनम दिया तब इसहाक साठ वरषोW का था 27 षटि6र व लडक बढन लग और ऐसाव तो वनवासी हो कर चतर णिशकार खलन वाला हो गया पर

याकब सीा मनषय था और तमबओ म रहा करता था 28 और इसहाक तो ऐसाव क अहर का मास खाया करता था इसलिलय वह उसस परीषटित रखता था

पर रिरबका याकब स परीषटित रखती थी 29 याकब भोजन क लिलय कछ ाल पका रहा था और ऐसाव मान स थका हआ आया 30 तब ऐसाव न याकब स कहा वह जो लाल वसत ह उसी लाल वसत म स मझ कछ खिखला

कयोषटिक म थका ह इसी कारण उसका नाम एोम भी पडा 31 याकब न कहा अपना पषटिहलौठ का अलिकार आज मर हाथ बच 32 ऐसाव न कहा ख म तो अभी मरन पर ह सो पषटिहलौठ क अलिकार स मरा कया लाभ होगा 33 याकब न कहा मझ स अभी शपथ खा सो उसन उसस शपथ खाई और अपना पषटिहलौठ का

अलिकार याकब क हाथ बच डाला 34 इस पर याकब न ऐसाव को रोटी और पकाई हई मसर की ाल ी और उसन खाया षटिपया तब

उठ कर चला गया यो ऐसाव न अपना पषटिहलौठ का अलिकार तचछ जाना

अधयाय२६

01 और उस श म अकाल पडा वह उस पषटिहल अकाल स अलग था जो इबराहीम क दिनो म पडा था सो इसहाक गरार को पलिलसतरिशतयो क राजा अबीमलक क पास गया

02 वहा यहोवा न उसको शWन कर कहा मिमसर म मत जा जो श म तझ बताऊ उसी म रह 03 त इसी श म रह और म तर सग रहगा और तझ आशीरषो दगा और य सब श म तझ को

और तर वश को दगा और जो शपथ म न तर षटिपता इबराहीम स खाई थी उस म परी करगा 04 और म तर वश को आकाश क तारागण क समान करगा और म तर वश को य सब श दगा

और पथवी की सारी जाषटितया तर वश क कारण अपन को नय मानगी 05 कयोषटिक इबराहीम न मरी मानी और जो म न उस सौपा था उसको और मरी आजञाओ षटिवलियो

और वयवसथा का पालन षटिकया 06 सो इसहाक गरार म रह गया 07 जब उस सथान क लोगो न उसकी पतनी क षटिवरषोय म पछा तब उसन यह सोच कर षटिक यदि म

उसको अपनी पतनी कह तो यहा क लोग रिरबका क कारण जो परमसनरी ह मझ को मार डालग उcर दिया वह तो मरी बषटिहन ह

08 जब उसको वहा रहत बहत दिन बीत गए तब एक दिन पलिलसतरिशतयो क राजा अबीमलक न खिखडकी म स झाक क कया खा षटिक इसहाक अपनी पतनी रिरबका क साथ करीडा कर रहा ह

09 तब अबीमलक न इसहाक को बलवा कर कहा वह तो षटिनशचय तरी पतनी ह षटि6र त न कयोकर उसको अपनी बषटिहन कहा इसहाक न उcर दिया म न सोचा था षटिक ऐसा न हो षटिक उसक कारण

मरी मतय हो 10 अबीमलक न कहा त न हम स यह कया षटिकया ऐस तो परजा म स कोई तरी पतनी क साथ

सहज स ककमW कर सकता और त हम को पाप म 6साता 11 और अबीमलक न अपनी सारी परजा को आजञा ी षटिक जो कोई उस पररषो को वा उस सतरी कोछएगा सो षटिनशचय मार डाला जाएगा

12 षटि6र इसहाक न उस श म जोता बोया और उसी वरषोW म सौ गणा 6ल पाया और यहोवा न उसको आशीरषो ी

13 और वह बढा और उसकी उननषटित होती चली गई यहा तक षटिक वह अषटित महान पररषो हो गया 14 जब उसक भड-बकरी गाय-बल और बहत स ास- ालिसया हई तब पलिलशती उसस डाह करनलग 15 सो जिजतन कओ को उसक षटिपता इबराहीम क ासो न इबराहीम क जीत जी खोा था उन को

पलिलसतरिशतयो न मिमटटी स भर दिया 16 तब अबीमलक न इसहाक स कहा हमार पास स चला जा कयोषटिक त हम स बहत सामथ हो

गया ह 17 सो इसहाक वहा स चला गया और गरार क नाल म तमब खडा करक वहा रहन लगा 18 तब जो कए उसक षटिपता इबराहीम क दिनो म खो गए थ और इबराहीम क मरन क पीछ

पलिलसतरिशतयो न भर दिए थ उन को इसहाक न षटि6र स खवाया और उनक व ही नाम रख जो उसक षटिपता न रख थ

19 षटि6र इसहाक क ासो को नाल म खोत खोत बहत जल का एक सोता मिमला 20 तब गरारी चरवाहो न इसहाक क चरवाहो स झगडा षटिकया और कहा षटिक यह जल हमारा ह सो

उसन उस कए का नाम एसक रखा इसलिलय षटिक व उसस झगड थ 21 षटि6र उनहोन दसरा कआ खोा और उनहोन उसक लिलय भी झगडा षटिकया सो उसन उसका नाम

लिसतरा रखा 22 तब उसन वहा स कच करक एक और कआ खवाया और उसक लिलय उनहोन झगडा न षटिकया

सो उसन उसका नाम यह कह कर रहोबोत रखा षटिक अब तो यहोवा न हमार लिलय बहत सथान दियाह और हम इस श म 6ल-6लग 23 वहा स वह बशiexclबा को गया 24 और उसी दिन यहोवा न रात को उस शWन कर कहा म तर षटिपता इबराहीम का परमशवर ह मतडर कयोषटिक म तर साथ ह और अपन ास इबराहीम क कारण तझ आशीरषो दगा और तरा वशबढाऊगा 25 तब उसन वहा एक वी बनाई और यहोवा स पराथWना की और अपना तमब वही खडा षटिकया

और वहा इसहाक क ासो न एक कआ खोा 26 तब अबीमलक अपन मिमतर अहजजत और अपन सनापषटित पीकोल को सग ल कर गरार स उसक

पास गया 27 इसहाक न उन स कहा तम न मझ स बर करक अपन बीच स षटिनकाल दिया था सो अब मर

पास कयो आए हो 28 उनहोन कहा हम न तो परतयकष खा ह षटिक यहोवा तर साथ रहता ह सो हम न सोचा षटिक त तो

यहोवा की ओर स नय ह सो हमार तर बीच म शपथ खाई जाए और हम तझ स इस षटिवरषोय की वाचा ब(ाए

29 षटिक जस हम न तझ नही छआ वरन तर साथ षटिनरी भलाई की ह और तझ को कशल कषम स षटिवा षटिकया उसक अनसार त भी हम स कोई बराई न करगा

30 तब उसन उनकी जवनार की और उनहोन खाया षटिपया 31 षटिबहान को उन सभो न तडक उठ कर आपस म शपथ खाई तब इसहाक न उन को षटिवा षटिकया

और व कशल कषम स उसक पास स चल गए 32 उसी दिन इसहाक क ासो न आकर अपन उस खो हए कए का वcानत सना क कहा षटिक हम

को जल का एक सोता मिमला ह 33 तब उसन उसका नाम णिशबा रखा इसी कारण उस नगर का नाम आज तक बशiexclबा पडा ह 34 जब ऐसाव चालीस वरषोW का हआ तब उसन षटिहcी बरी की बटी यहीत और षटिहcी एलोन की

बटी बाशमत को बयाह लिलया 35 और इन सतरिसतरयो क कारण इसहाक और रिरबका क मन को ख हआ

अधयाय२७

01 जब इसहाक बढा हो गया और उसकी आख ऐसी ली पड गई षटिक उसको सझता न था तब उसन अपन जठ पतर ऐसाव को बला कर कहा ह मर पतर उसन कहा कया आजञा

02 उसन कहा सन म तो बढा हो गया ह और नही जानता षटिक मरी मतय का दिन कब होगा 03 सो अब त अपना तरकश और नरषो आदि हलिथयार ल कर मान म जा और मर लिलय षटिहरन का

अहर कर ल आ 04 तब मरी रलिच क अनसार सवादि भोजन बना कर मर पास ल आना षटिक म उस खा कर मरन स

पहल तझ जी भर क आशीवाW द 05 तब ऐसाव अहर करन को मान म गया जब इसहाक ऐसाव स यह बात कह रहा था तब

रिरबका सन रही थी 06 सो उसन अपन पतर याकब स कहा सन म न तर षटिपता को तर भाई ऐसाव स यह कहत सना 07 षटिक त मर लिलय अहर कर क उसका सवादि भोजन बना षटिक म उस खा कर तझ यहोवा क आग

मरन स पषटिहल आशीवाW द 08 सो अब ह मर पतर मरी सन और यह आजञा मान 09 षटिक बकरिरयो क पास जा कर बकरिरयो क ो अचछ अचछ बचच ल आ और म तर षटिपता क लिलय

उसकी रलिच क अनसार उन क मास का सवादि भोजन बनाऊगी 10 तब त उसको अपन षटिपता क पास ल जाना षटिक वह उस खा कर मरन स पषटिहल तझ को

आशीवाW 11 याकब न अपनी माता रिरबका स कहा सन मरा भाई ऐसाव तो रोआर पररषो ह और म रोमहीन

पररषो ह 12 कालिचत मरा षटिपता मझ टटोलन लग तो म उसकी दषटि म ठग ठहरगा और आशीरषो क बल

शाप ही कमाऊगा 13 उसकी माता न उसस कहा ह मर पतर शाप तझ पर नही मझी पर पड त कवल मरी सन और

जा कर व बचच मर पास ल आ 14 तब याकब जा कर उन को अपनी माता क पास ल आया और माता न उसक षटिपता की रलिच क

अनसार सवादि भोजन बना दिया 15 तब रिरबका न अपन पषटिहलौठ पतर ऐसाव क सनर वसतर जो उसक पास घर म थ ल कर अपन

लहर पतर याकब को पषटिहना दिए 16 और बकरिरयो क बचचो की खालो को उसक हाथो म और उसक लिचकन गल म लपट दिया 17 और वह सवादि भोजन और अपनी बनाई हई रोटी भी अपन पतर याकब क हाथ म ी 18 सो वह अपन षटिपता क पास गया और कहा ह मर षटिपता उसन कहा कया बात ह ह मर पतर त

कौन ह 19 याकब न अपन षटिपता स कहा म तरा जठा पतर ऐसाव ह म न तरी आजञा क अनसार षटिकया ह

सो उठ और बठ कर मर अहर क मास म स खा षटिक त जी स मझ आशीवाW 20 इसहाक न अपन पतर स कहा ह मर पतर कया कारण ह षटिक वह तझ इतनी जली मिमल गया

उसन यह उcर दिया षटिक तर परमशवर यहोवा न उसको मर सामहन कर दिया 21 षटि6र इसहाक न याकब स कहा ह मर पतर षटिनकट आ म तझ टटोल कर जान षटिक त सचमच

मरा पतर ऐसाव ह या नही 22 तब याकब अपन षटिपता इसहाक क षटिनकट गया और उसन उसको टटोल कर कहा बोल तो

याकब का सा ह पर हाथ ऐसाव ही क स जान पडत ह 23 और उसन उसको नही चीनहा कयोषटिक उसक हाथ उसक भाई क स रोआर थ सो उस न उसको

आशीवाW दिया 24 और उसन पछा कया त सचमच मरा पतर ऐसाव ह उसन कहा हा म ह 25 तब उसन कहा भोजन को मर षटिनकट ल आ षटिक म अपन पतर क अहर क मास म स खाकर

तझ जी स आशीवाW द तब वह उसको उसक षटिनकट ल आया और उसन खाया और वह उसक

पास ाखम भी लाया और उसन षटिपया 26 तब उसक षटिपता इसहाक न उसस कहा ह मर पतर षटिनकट आकर मझ चम 27 उसन षटिनकट जा कर उसको चमा और उसन उसक वसतरो की सग( पाकर उसको य़ह आशीवाW दिया षटिक ख मर पतर का सग( जो ऐस खत का सा ह जिजस पर यहोवा न आशीरषो ी हो 28 सो परमशवर तझ आकाश स ओस और भमिम की उcम स उcम उपज और बहत सा अनाज

और नया ाखम 29 राजय राजय क लोग तर आीन हो और श श क लोग तझ णडवत कर त अपन भाइयो का

सवामी हो और तरी माता क पतर तझ णडवत कर जो तझ शाप सो आप ही सराषटिपत हो और जो तझ आशीवाW सो आशीरषो पाए

30 यह आशीवाW इसहाक याकब को ही चका और याकब अपन षटिपता इसहाक क सामहन स षटिनकला ही था षटिक ऐसाव अहर ल कर आ पहचा

31 तब वह भी सवादि भोजन बना कर अपन षटिपता क पास ल आया और उस स कहा ह मरषटिपता उठ कर अपन पतर क अहर का मास खा ताषटिक मझ जी स आशीवाW 32 उसक षटिपता इसहाक न पछा त कौन ह उसन कहा म तरा जठा पतर ऐसाव ह 33 तब इसहाक न अतयनत थरथर कापत हए कहा षटि6र वह कौन था जो अहर करक मर पास ल

आया था और म न तर आन स पषटिहल सब म स कछ कछ खा लिलया और उसको आशीवाW दिया वरन उसको आशीरषो लगी भी रहगी

34 अपन षटिपता की यह बात सनत ही ऐसाव न अतयनत ऊच और द ख भर सवर स लिचललाकर अपन षटिपता स कहा ह मर षटिपता मझ को भी आशीवाW

35 उसन कहा तरा भाई तWता स आया और तर आशीवाW को लक चला गया 36 उसन कहा कया उसका नाम याकब यथाथW नही रखा गया उसन मझ ो बार अडगा मारा मरा

पषटिहलौठ का अलिकार तो उसन ल ही लिलया था और अब ख उसन मरा आशीवाW भी ल लिलया ह षटि6र उसन कहा कया त न मर लिलय भी कोई आशीवाW नही सोच रखा ह

37 इसहाक न ऐसाव को उcर कर कहा सन म न उसको तरा सवामी ठहराया और उसक सब भाइयो को उसक आीन कर दिया और अनाज और नया ाखम कर उसको प षटिकया ह सो

अब ह मर पतर म तर लिलय कया कर 38 ऐसाव न अपन षटिपता स कहा ह मर षटिपता कया तर मन म एक ही आशीवाW ह ह मर षटिपता मझ

को भी आशीवाW यो कह कर ऐसाव 6ट 6ट क रोया 39 उसक षटिपता इसहाक न उसस कहा सन तरा षटिनवास उपजाऊ भमिम पर हो और ऊपर स

आकाश की ओस उस पर पड 40 और त अपनी तलवार क बल स जीषटिवत रह और अपन भाई क आीन तो होए पर जब त

सवाीन हो जाएगा तब उसक जए को अपन क( पर स तोड 6 क 41 ऐसाव न तो याकब स अपन षटिपता क दिए हए आशीवाW क कारण बर रखा सो उसन सोचा षटिक

मर षटिपता क अनतकाल का दिन षटिनकट ह षटि6र म अपन भाई याकब को घात करगा 42 जब रिरबका को अपन पषटिहलौठ पतर ऐसाव की य बात बताई गई तब उसन अपन लहर पतर

याकब को बला कर कहा सन तरा भाई ऐसाव तझ घात करन क लिलय अपन मन को ीरज रहाह 43 सो अब ह मर पतर मरी सन और हारान को मर भाई लाबान क पास भाग जा 44 और थोड दिन तक अथाWत जब तक तर भाई का करो न उतर तब तक उसी क पास रहना 45 षटि6र जब तर भाई का करो तझ पर स उतर और जो काम त न उस स षटिकया ह उसको वह भल जाए तब म तझ वहा स बलवा भजगी ऐसा कयो हो षटिक एक ही दिन म मझ तम ोनो स रषटिहत होनापड 46 षटि6र रिरबका न इसहाक स कहा षटिहcी लडषटिकयो क कारण म अपन पराण स मिघन करती ह सो

यदि ऐसी षटिहcी लडषटिकयो म स जसी इस श की लडषटिकया ह याकब भी एक को कही बयाह ल तो मर जीवन म कया लाभ होगा

अधयाय२८

01 तब इसहाक न याकब को बलाकर आशीवाW दिया और आजञा ी षटिक त षटिकसी कनानी लडकी को न बयाह लना

02 पददनराम म अपन नाना बतएल क घर जा कर वहा अपन मामा लाबान की एक बटी को बयाहलना 03 और सवWशलिकतमान ईशवर तझ आशीरषो और 6ला- 6ला कर बढाए और त राजय राजय की

मणडली का मल हो 04 और वह तझ और तर वश को भी इबराहीम की सी आशीरषो षटिक त यह श जिजस म त परशी

हो कर रहता ह और जिजस परमशवर न इबराहीम को दिया था उसका अलिकारी हो जाए 05 और इसहाक न याकब को षटिवा षटिकया और वह पददनराम को अरामी बतएल क उस पतर लाबान

क पास चला जो याकब और ऐसाव की माता रिरबका का भाई था 06 जब इसहाक न याकब को आशीवाW कर पददनराम भज दिया षटिक वह वही स पतनी बयाह लाए

और उसको आशीवाW न क समय यह आजञा भी ी षटिक त षटिकसी कनानी लडकी को बयाह न लना 07 और याकब माता षटिपता की मान कर पददनराम को चल दिया 08 तब ऐसाव यह सब ख क और यह भी सोच कर षटिक कनानी लडषटिकया मर षटिपता इसहाक को

बरी लगती ह 09 इबराहीम क पतर इशमाएल क पास गया और इशमाएल की बटी महलत को जो नबायोत की

बषटिहन थी बयाह कर अपनी पतनितनयो म मिमला लिलया 10 सो याकब बशiexclबा स षटिनकल कर हारान की ओर चला 11 और उसन षटिकसी सथान म पहच कर रात वही षटिबतान का षटिवचार षटिकया कयोषटिक सयW असत हो गया था सो उसन उस सथान क पतथरो म स एक पतथर ल अपना तषटिकया बना कर रखा और उसी सथान म सो गया

12 तब उसन सवपन म कया खा षटिक एक सीढी पथवी पर खडी ह और उसका लिसरा सवगW तक पहचा ह और परमशवर क दत उस पर स चढत उतरत ह 13 और यहोवा उसक ऊपर खडा हो कर कहता ह षटिक म यहोवा तर ाा इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का भी परमशवर ह जिजस भमिम पर त पडा ह उस म तझ को और तर वश को दगा 14 और तरा वश भमिम की ल क षटिकनको क समान बहत होगा और पचछिचछम परब उcर चछिकखन चारो ओर 6लता जाएगा और तर और तर वश क दवारा पथवी क सार कल आशीरषो पाएग 15 और सन म तर सग रहगा और जहा कही त जाए वहा तरी रकषा करगा और तझ इस श म

लौटा ल आऊगा म अपन कह हए को जब तक परा न कर ल तब तक तझ को न छोडगा 16 तब याकब जाग उठा और कहन लगा षटिनशचय इस सथान म यहोवा ह और म इस बात को न

जानता था 17 और भय खा कर उसन कहा यह सथान कया ही भयानक ह यह तो परमशवर क भवन को छोड

और कछ नही हो सकता वरन यह सवगW का 6ाटक ही होगा 18 भोर को याकब तडक उठा और अपन तषटिकए का पतथर ल कर उसका खमभा खडा षटिकया और

उसक लिसर पर तल डाल दिया 19 और उसन उस सथान का नाम बतल रखा पर उस नगर का नाम पषटिहल लज था 20 और याकब न यह मननत मानी षटिक यदि परमशवर मर सग रहकर इस यातरा म मरी रकषा कर और

मझ खान क लिलय रोटी और पषटिहनन क लिलय कपडा 21 और म अपन षटिपता क घर म कशल कषम स लौट आऊ तो यहोवा मरा परमशवर ठहरगा 22 और यह पतथर जिजसका म न खमभा खडा षटिकया ह परमशवर का भवन ठहरगा और जो कछ त

मझ उसका शमाश म अवशय ही तझ दिया करगा

अधयाय२९

01 षटि6र याकब न अपना मागW लिलया और परवविववयो क श म आया 02 और उसन दषटि करक कया खा षटिक मान म एक कआ ह और उसक पास भड- बकरिरयो क

तीन झणड बठ हए ह कयोषटिक जो पतथर उस कए क मह पर रा रहता था जिजस म स झणडो को जल षटिपलाया जाता था वह भारी था

03 और जब सब झणड वहा इकटठ हो जात तब चरवाह उस पतथर को कए क मह पर स लढका करभड- बकरिरयो को पानी षटिपलात और षटि6र पतथर को कए क मह पर जयो का तयो रख त थ 04 सो याकब न चरवाहो स पछा ह मर भाइयो तम कहा क हो उनहोन कहा हम हारान क ह 05 तब उसन उन स पछा कया तम नाहोर क पोत लाबान को जानत हो उनहोन कहा हा हम उस

जानत ह 06 षटि6र उसन उन स पछा कया वह कशल स ह उनहोन कहा हा कशल स तो ह और वह ख

उसकी बटी राहल भड- बकरिरयो को लिलय हए चली आती ह 07 उसन कहा खो अभी तो दिन बहत ह पशओ क इकटठ होन का समय नही सो भड- बकरिरयो

को जल षटिपलाकर षटि6र ल जा कर चराओ 08 उनहोन कहा हम अभी ऐसा नही कर सकत जब सब झणड इकटठ होत ह तब पतथर कए क मह

स लढकाया जाता ह और तब हम भड- बकरिरयो को पानी षटिपलात ह 09 उनकी यह बातचीत हो रही थी षटिक राहल जो पश चराया करती थी सो अपन षटिपता की भड-

बकरिरयो को लिलय हए आ गई 10 अपन मामा लाबान की बटी राहल को और उसकी भड- बकरिरयो को भी ख कर याकब न

षटिनकट जा कर कए क मह पर स पतथर को लढका कर अपन मामा लाबान की भड- बकरिरयो को पानीषटिपलाया 11 तब याकब न राहल को चमा और ऊच सवर स रोया 12 और याकब न राहल को बता दिया षटिक म तरा 66रा भाई ह अथाWत रिरबका का पतर ह तब

उसन ौड क अपन षटिपता स कह दिया 13 अपन भानज याकब का समाचार पात ही लाबान उसस भट करन को ौडा और उसको गल

लगाकर चमा षटि6र अपन घर ल आया और याकब न लाबान स अपना सब वcानत वणWन षटिकया 14 तब लाबान न याकब स कहा त तो सचमच मरी हmी और मास ह सो याकब एक महीना भर

उसक साथ रहा 15 तब लाबान न याकब स कहा भाईब( होन क कारण तझ स सतमत सवा कराना मझ उलिचत

नही ह सो कह म तझ सवा क बल कया द16 लाबान क ो बदिटया थी जिजन म स बडी का नाम लिलआ और छोटी का राहल था 17 लिलआ क तो (ली आख थी पर राहल रपवती और सनर थी 18 सो याकब न जो राहल स परीषटित रखता था कहा म तरी छोटी बटी राहल क लिलय सात बरस

तरी सवा करगा 19 लाबान न कहा उस पराए पररषो को न स तझ को ना उcम होगा सो मर पास रह 20 सो याकब न राहल क लिलय सात बरस सवा की और व उसको राहल की परीषटित क कारण थोड

ही दिनो क बराबर जान पड 21 तब याकब न लाबान स कहा मरी पतनी मझ और म उसक पास जाऊगा कयोषटिक मरा समय

परा हो गया ह 22 सो लाबान न उस सथान क सब मनषयो को बला कर इकटठा षटिकया और उनकी जवनार की 23 साझ क समय वह अपनी बटी लिलआ को याकब क पास ल गया और वह उसक पास गया 24 और लाबान न अपनी बटी लिलआ को उसकी लौडी होन क लिलय अपनी लौडी जिजलपा ी 25 भोर को मालम हआ षटिक यह तो लिलआ ह सो उसन लाबान स कहा यह त न मझ स कया षटिकयाह म न तर साथ रहकर जो तरी सवा की सो कया राहल क लिलय नही की षटि6र त न मझ स कयो

ऐसा छल षटिकया ह 26 लाबान न कहा हमार यहा ऐसी रीषटित नही षटिक जठी स पषटिहल दसरी का षटिववाह कर 27 इसका सपताह तो परा कर षटि6र दसरी भी तझ उस सवा क लिलय मिमलगी जो त मर साथ रह कर

और सात वरषोW तक करगा 28 सो याकब न ऐसा ही षटिकया और लिलआ क सपताह को परा षटिकया तब लाबान न उस अपनी

बटी राहल को भी दिया षटिक वह उसकी पतनी हो 29 और लाबान न अपनी बटी राहल की लौडी होन क लिलय अपनी लौडी षटिबलहा को दिया 30 तब याकब राहल क पास भी गया और उसकी परीषटित लिलआ स अलिक उसी पर हई और उसन

लाबान क साथ रहकर सात वरषोW और उसकी सवा की 31 जब यहोवा न खा षटिक लिलआ अषटिपरय हई तब उसन उसकी कोख खोली पर राहल बाझ रही 32 सो लिलआ गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसन यह कहकर उसका नाम

रबन रखा षटिक यहोवा न मर द ख पर दषटि की ह सो अब मरा पषटित मझ स परीषटित रखगा 33 षटि6र वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसन यह कहा षटिक यह सनक षटिक म

अषटिपरय ह यहोवा न मझ यह भी पतर दिया इसलिलय उसन उसका नाम णिशमोन रखा 34 षटि6र वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसन कहा अब की बार तो मरा

पषटित मझ स मिमल जाएगा कयोषटिक उसस मर तीन पतर उतपनन हए इसलिलय उसका नाम लवी रखागया 35 और षटि6र वह गभWवती हई और उसक एक और पतर उतपनन हआ और उसन कहा अब की बार

तो म यहोवा का नयवा करगी इसलिलय उसन उसका नाम यहा रखा तब उसकी कोख बन होगई

अधयाय३०

01 जब राहल न खा षटिक याकब क लिलय मझ स कोई सनतान नही होता तब वह अपनी बषटिहन स डाह करन लगी और याकब स कहा मझ भी सनतान नही तो मर जाऊगी

02 तब याकब न राहल स करोलित हो कर कहा कया म परमशवर ह तरी कोख तो उसी न बन कर रखी ह

03 राहल न कहा अचछा मरी लौडी षटिबलहा हाजिजर ह उसी क पास जा वह मर घटनो पर जनगी और उसक दवारा मरा भी घर बसगा

04 तो उसन उस अपनी लौडी षटिबलहा को दिया षटिक वह उसकी पतनी हो और याकब उसक पासगया 05 और षटिबलहा गभWवती हई और याकब स उसक एक पतर उतपनन हआ 06 और राहल न कहा परमशवर न मरा नयाय चकाया और मरी सन कर मझ एक पतर दिया इसलिलय

उसन उसका नाम ान रखा 07 और राहल की लौडी षटिबलहा षटि6र गभWवती हई और याकब स एक पतर और उतपनन हआ 08 तब राहल न कहा म न अपनी बषटिहन क साथ बड बल स लिलपट कर मललयq षटिकया और अब

जीत गई सो उसन उसका नाम नपताली रखा 09 जब लिलआ न खा षटिक म जनन स रषटिहत हो गई ह तब उसन अपनी लौडी जिजलपा को ल कर

याकब की पतनी होन क लिलय दिया 10 और लिलआ की लौडी जिजलपा क भी याकब स एक पतर उतपनन हआ 11 तब लिलआ न कहा अहो भागय सो उसन उसका नाम गा रखा 12 षटि6र लिलआ की लौडी जिजलपा क याकब स एक और पतर उतपनन हआ 13 तब लिलआ न कहा म नय ह षटिनशचय सतरिसतरया मझ नय कहगी सो उसन उसका नाम आशररखा 14 गह की कटनी क दिनो म रबन को मान म दा6ल मिमल और वह उन को अपनी माता लिलआ

क पास ल गया तब राहल न लिलआ स कहा अपन पतर क दा6लो म स कछ मझ 15 उसन उसस कहा त न जो मर पषटित को ल लिलया ह सो कया छोटी बात ह अब कया त मर पतर क

दा6ल भी लन चाहती ह राहल न कहा अचछा तर पतर क दा6लो क बल वह आज रात को तर सग सोएगा

16 सो साझ को जब याकब मान स आ रहा था तब लिलआ उसस भट करन को षटिनकली औरकहा तझ मर ही पास आना होगा कयोषटिक म न अपन पतर क दा6ल कर तझ सचमच मोल लिलया

तब वह उस रात को उसी क सग सोया 17 तब परमशवर न लिलआ की सनी सो वह गभWवती हई और याकब स उसक पाचवा पतर उतपननहआ 18 तब लिलआ न कहा म न जो अपन पषटित को अपनी लौडी ी इसलिलय परमशवर न मझ मरी मजरी

ी ह सो उसन उसका नाम इससाकार रखा 19 और लिलआ षटि6र गभWवती हई और याकब स उसक छठवा पतर उतपनन हआ 20 तब लिलआ न कहा परमशवर न मझ अचछा ान दिया ह अब की बार मरा पषटित मर सग बनारहगा कयोषटिक मर उसस छ पतर उतपनन चक ह स उसन उसका नाम जबलन रखा 21 ततपशचात उसक एक बटी भी हई और उसन उसका नाम ीना रखा 22 और परमशवर न राहल की भी सलि ली और उसकी सनकर उसकी कोख खोली 23 सो वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ सो उसन कहा परमशवर न मरी नामराई

को दर कर दिया ह 24 सो उसन यह कह कर उसका नाम यस6 रखा षटिक परमशवर मझ एक पतर और भी गा 25 जब राहल स यस6 उतपनन हआ तब याकब न लाबान स कहा मझ षटिवा कर षटिक म अपन श

और सथान को जाऊ 26 मरी सतरिसतरया और मर लडक-बाल जिजनक लिलय म न तरी सवा की ह उनह मझ षटिक म चलाजाऊ त तो जानता ह षटिक म न तरी कसी सवा की ह 27 लाबान न उसस कहा यदि तरी दषटि म म न अनगरह पाया ह तो रह जा कयोषटिक म न अनभव स

जान लिलया ह षटिक यहोवा न तर कारण स मझ आशीरषो ी ह 28 षटि6र उसन कहा त ठीक बता षटिक म तझ को कया द और म उस दगा 29 उसन उसस कहा त जानता ह षटिक म न तरी कसी सवा की और तर पश मर पास षटिकस परकार स रह 30 मर आन स पषटिहल व षटिकतन थ और अब षटिकतन हो गए ह और यहोवा न मर आन पर तझ तो

आशीरषो ी ह पर म अपन घर का काम कब करन पाऊगा 31 उसन षटि6र कहा म तझ कया द याकब न कहा त मझ कछ न यदि त मर लिलय एक कामकर तो म षटि6र तरी भड- बकरिरयो को चराऊगा और उनकी रकषा करगा 32 म आज तरी सब भड- बकरिरयो क बीच हो कर षटिनकलगा और जो भड वा बकरी लिचcीवाली वा

लिचतकबरी हो और जो भड काली हो और जो बकरी लिचतकबरी वा लिचcीवाली हो उनह म अलग कररखगा और मरी मजदरी म व ही ठहरगी 33 और जब आग को मरी मजदरी की चचाW तर सामहन चल तब मW की यही साकषी होगी अथाWत

बकरिरयो म स जो कोई न लिचcीवाली न लिचतकबरी हो और भडो म स जो कोई काली न हो सो यदि मर पास षटिनकल तो चोरी की ठहरगी

34 तब लाबान न कहा तर कहन क अनसार हो 35 सो उसन उसी दिन सब ारी वाल और लिचतकबर बकरो और सब लिचcीवाली और लिचतकबरी

बकरिरयो को अथाWत जिजन म कछ उजलापन था उन को और सब काली भडो को भी अलग करक अपन पतरो क हाथ सौप दिया

36 और उसन अपन और याकब क बीच म तीन दिन क मागW का अनतर ठहराया सो याकब लाबान की भड- बकरिरयो को चरान लगा

37 और याकब न लिचनार और बााम और अमन वकषो की हरी हरी छषटिडय़ा ल कर उनक लिछलक कही कही छील क उनह ारीार बना दिया ऐसी षटिक उन छषटिडय़ो की स6ी दिखाई न लगी

38 और तब छीली हई छषटिडय़ो को भड- बकरिरयो क सामहन उनक पानी पीन क कठौतो म खडाषटिकया और जब व पानी पीन क लिलय आई तब गाणिभन हो गई 39 और छषटिडय़ो क सामहन गाणिभन हो कर भड- बकरिरया ारीवाल लिचcीवाल और लिचतकबर बचचजनी

40 तब याकब न भडो क बचचो को अलग अलग षटिकया और लाबान की भड- बकरिरयो क मह को लिचcीवाल और सब काल बचचो की ओर कर दिया और अपन झणडो को उन स अलग रखा और

लाबान की भड- बकरिरयो स मिमलन न दिया 41 और जब जब बलवनत भड- बकरिरया गाणिभन होती थी तब तब याकब उन छषटिडय़ो को कठौतो म

उनक सामहन रख ता था जिजस स व छषटिडय़ो को खती हई गाणिभन हो जाए 42 पर जब षटिनबWल भड- बकरिरया गाणिभन होती थी तब वह उनह उनक आग नही रखता था इस स

षटिनबWल षटिनबWल लाबान की रही और बलवनत बलवनत याकब की हो गई 43 सो वह पररषो अतयनत नाढय हो गया और उसक बहत सी भड-बकरिरया और लौषटिडया और

ास और ऊट और गह हो गए

अधयाय३१

01 षटि6र लाबान क पतरो की य बात याकब क सनन म आई षटिक याकब न हमार षटिपता का सब कछ छीन लिलया ह और हमार षटिपता क न क कारण उसकी यह परषटितषठा ह

02 और याकब न लाबान क मखड पर दषटि की और ताड लिलया षटिक वह उसक परषटित पहल क समान नही ह

03 तब यहोवा न याकब स कहा अपन षटिपतरो क श और अपनी जनमभमिम को लौट जा और म तर सग रहगा

04 तब याकब न राहल और लिलआ को मान म अपनी भड- बकरिरयो क पास बलवा कर कहा 05 तमहार षटिपता क मखड स मझ समझ पडता ह षटिक वह तो मझ पषटिहल की नाई अब नही खता

पर मर षटिपता का परमशवर मर सग ह 06 और तम भी जानती हो षटिक म न तमहार षटिपता की सवा शलिकत भर की ह 07 और तमहार षटिपता न मझ स छल करक मरी मजदरी को स बार बल दिया परनत परमशवर न

उसको मरी हाषटिन करन नही दिया 08 जब उसन कहा षटिक लिचcीवाल बचच तरी मजदरी ठहरग तब सब भड- बकरिरया लिचcीवाल ही

जनन लगी और जब उसन कहा षटिक ारीवाल बचच तरी मजदरी ठहरग तब सब भड- बकरिरया ारीवाल जनन लगी

09 इस रीषटित स परमशवर न तमहार षटिपता क पश ल कर मझ को दिए 10 भड- बकरिरयोक गाणिभन होन क समय म न सवपन म कया खा षटिक जो बकर बकरिरयो पर चढ रहह सो ारीवाल लिचcीवाल और बबवाल ह 11 और परमशवर क दत न सवपन म मझ स कहा ह याकब म न कहा कया आजञा 12 उसन कहा आख उठा कर उन सब बकरो को जो बकरिरयो पर चढ रह ह ख षटिक वारीवाल लिचcीवाल और बबवाल ह कयोषटिक जो कछ लाबान तझ स करता ह सो म न खा ह 13 म उस बतल का ईशवर ह जहा त न एक खमभ पर तल डाल दिया और मरी मननत मानी थी अब चल इस श स षटिनकल कर अपनी जनमभमिम को लौट जा 14 तब राहल और लिलआ न उसस कहा कया हमार षटिपता क घर म अब भी हमारा कछ भाग वा

अश बचा ह 15 कया हम उसकी दषटि म पराय न ठहरी ख उसन हम को तो बच डाला और हमार रप को

खा बठा ह 16 सो परमशवर न हमार षटिपता का जिजतना न ल लिलया ह सो हमारा और हमार लडकबालो का ह

अब जो कछ परमशवर न तझ स कहा सो कर 18 तब याकब न अपन लडक बालो और सतरिसतरयो को ऊटो पर चढाया 19 और जिजतन पशओ को वह पददनराम म इकटठा करक नाढय हो गया था सब को कनान म

अपन षटिपता इसहाक क पास जान की मनसा स साथ ल गया 20 लाबान तो अपनी भडो का ऊन कतरन क लिलय चला गया था और राहल अपन षटिपता क

गहवताओ को चरा ल गई

21 सो याकब लाबान अरामी क पास स चोरी स चला गया उसको न बताया षटिक म भागा जाता ह 22 वह अपना सब कछ ल कर भागा और महान क पार उतर कर अपना मह षटिगला क पहाडी

श की ओर षटिकया 23 तीसर दिन लाबान को समाचार मिमला षटिक याकब भाग गया ह 24 सो उसन अपन भाइयो को साथ ल कर उसका सात दिन तक पीछा षटिकया और षटिगला क

पहाडी श म उसको जा पकडा 25 तब परमशवर न रात क सवपन म आरामी लाबान क पास आकर कहा सावान रह त याकब स न

तो भला कहना और न बरा 26 और लाबान याकब क पास पहच गया याकब तो अपना तमब षटिगला नाम पहाडी श म खडा

षटिकए पडा था और लाबान न भी अपन भाइयो क साथ अपना तमब उसी पहाडी श म खडा षटिकया 27 तब लाबान याकब स कहन लगा त न यह कया षटिकया षटिक मर पास स चोरी स चला आया और

मरी बदिटयो को ऐसा ल आया जसा कोई तलवार क बल स बनी बनाए गए 28 त कयो चपक स भाग आया और मझ स षटिबना कछ कह मर पास स चोरी स चला आया नही

तो म तझ आनन क साथ मग और वीणा बजवात और गीत गवात षटिवा करता 29 त न तो मझ अपन बट बदिटयो को चमन तक न दिया त न मखWता की ह 30 तम लोगो की हाषटिन करन की शलिकत मर हाथ म तो ह पर तमहार षटिपता क परमशवर न मझ स बीती

हई रात म कहा सावान रह याकब स न तो भला कहना और न बरा 31 भला अब त अपन षटिपता क घर का बडा अणिभलारषोी हो कर चला आया तो चला आया पर मर

वताओ को त कयो चरा ल आया ह 32 याकब न लाबान को उcर दिया म यह सोचकर डर गया था षटिक कही त अपनी बदिटयो को मझ

स छीन न ल 33 जिजस षटिकसी क पास त अपन वताओ को पाए सो जीता न बचगा मर पास तरा जो कछषटिनकल सो भाई- ब(ओ क सामहन पषटिहचान कर ल ल कयोषटिक याकब न जानता था षटिक राहल

गहवताओ को चरा ल आई ह 34 यह सनकर लाबान याकब और लिलआ और ोनो ालिसयो क तमबओ म गया और कछ न

मिमला तब लिलआ क तमब म स षटिनकल कर राहल क तमब म गया 35 राहल तो गहवताओ को ऊट की काठी म रखक उन पर बठी थी सो लाबान न उसक सार तमब म टटोलन पर भी उनह न पाया

36 राहल न अपन षटिपता स कहा ह मर परभ इस स अपरसनन न हो षटिक म तर सामहन नही उठी कयोषटिक म सतरीमW स ह सो उसक ढढ ढाढ करन पर भी गहवता उसको न मिमल

37 तब याकब करोलित हो कर लाबान स झगडन लगा और कहा मरा कया अपरा ह मरा कया पाप ह षटिक त न इतना करोलित हो कर मरा पीछा षटिकया ह

38 त न जो मरी सारी सामगरी को टटोल कर खा सो तझ को सारी सामगरी म स कया मिमला कछ मिमला हो तो उसको यहा अपन और मर भाइयो क सामहन रख और व हम ोनो क बीच नयाय

कर 39 इन बीस वरषोN स म तर पास रहा उन म न तो तरी भड- बकरिरयो क गभW षटिगर और न तर मढो

का मास म न कभी खाया 40 जिजस बनल जनतओ न 6ाड डाला उसको म तर पास न लाता था उसकी हाषटिन म ही उठाता था

चाह दिन को चोरी जाता चाह रात को त मझ ही स उसको ल लता था 41 मरी तो यह शा थी षटिक दिन को तो घाम और रात को पाला मझ खा गया और नीन मरी

आखो स भाग जाती थी 42 बीस वरषोW तक म तर घर म रहो चौह वरषोW तो म न तरी ोनो बदिटयो क लिलय और छ वरषोW तरीभड- बकरिरयो क लिलय सवा की और त न मरी मजदरी को स बार बल डाला 43 मर षटिपता का परमशवर अथाWत इबराहीम का परमशवर जिजसका भय इसहाक भी मानता ह यदि मरी

ओर न होता तो षटिनशचय त अब मझ छछ हाथ जान ता मर द ख और मर हाथो क परिरशरम को खकर परमशवर न बीती हई रात म तझ डपटा

44 लाबान ल याकब स कहा य बदिटयो तो मरी ही ह और य पतर भी मर ही ह और य भड- बकरिरया भी मरी ही ह और जो कछ तझ ख पडता ह सो सब मरा ही ह और अब म अपनी इन

बदिटयो वा इनक सनतान स कया कर सकता ह 45 अब आ म और त ोनो आपस म वाचा बा( और वह मर और तर बीच साकषी ठहरी रह 46 तब याकब न एक पतथर ल कर उसका खमभा खडा षटिकया 47 तब याकब न अपन भाई- ब(ओ स कहा पतथर इकटठा करो यह सन कर उनहोन पतथर इकटठा

करक एक ढर लगाया और वही ढर क पास उनहोन भोजन षटिकया 48 उस ढर का नाम लाबान न तो यजर सहादया पर याकब न जिजलिलया रखा 49 लाबान न कहा षटिक यह ढर आज स मर और तर बीच साकषी रहगा इस कारण उसका नाम

जिजलिलया रखा गया 50 और मिमजपा भी कयोषटिक उसन कहा षटिक जब हम उस दसर स दर रह तब यहोवा मरी और तरी

खभाल करता रह 51 यदि त मरी बदिटयो को द ख वा उनक लिसवाय और सतरिसतरया बयाह ल तो हमार साथ कोई

मनषय तो न रहगा पर ख मर तर बीच म परमशवर साकषी रहगा 52 षटि6र लाबान न याकब स कहा इस ढर को ख और इस खमभ को भी ख जिजन को म न अपन

और तर बीच म खडा षटिकया ह 53 यह ढर और यह खमभा ोनो इस बात क साकषी रह षटिक हाषटिन करन की मनसा स न तो म इस

ढर को लाघ कर तर पास जाऊगा न त इस ढर और इस खमभ को लाघ कर मर पास आएगा 54 इबराहीम और नाहोर और उनक षटिपता तीनो का जो परमशवर ह सो हम ोनो क बीच नयाय कर

तब याकब न उसकी शपथ खाई जिजसका भय उसका षटिपता इसहाक मानता था 55 और याकब न उस पहाड पर मलबलिल चढाया और अपन भाई- ब(ओ को भोजन करन क लिलय बलाया सो उनहोन भोजन करक पहाड पर रात षटिबताई 56 षटिबहान को लाबान तडक उठा और अपन बट बदिटयो को चम कर और आशीवाW कर चलदिया और अपन सथान को लौट गया

अधयाय३२

01 और याकब न भी अपना मागW लिलया और परमशवर क दत उस आ मिमल 02 उन को खत ही याकब न कहा यह तो परमशवर का ल ह सो उसन उस सथान का नाम महनमरखा 03 तब याकब न सईर श म अथाWत एोम श म अपन भाई ऐसाव क पास अपन आग दत भजदिए 04 और उसन उनह यह आजञा ी षटिक मर परभ ऐसाव स यो कहना षटिक तरा ास याकब तझ स यो

कहता ह षटिक म लाबान क यहा परशी हो कर अब तक रहा 05 और मर पास गाय-बल गह भड-बकरिरया और ास- ालिसया ह सो म न अपन परभ क पास

इसलिलय सशा भजा ह षटिक तरी अनगरह की दषटि मझ पर हो 06 व दत याकब क पास लौट क कहन लग हम तर भाई ऐसाव क पास गए थ और वह भी तझ

स भट करन को चार सौ पररषो सग लिलय हए चला आता ह 07 तब याकब षटिनपट डर गया और सकट म पडा और यह सोच कर अपन सग वालो क औरभड-बकरिरयो और गाय-बलो और ऊटो क भी अलग अलग ो ल कर लिलय 08 षटिक यदि ऐसाव आकर पषटिहल ल को मारन लग तो दसरा ल भाग कर बच जाएगा 09 षटि6र याकब न कहा ह यहोवा ह मर ाा इबराहीम क परमशवर त न तो मझ स कहा षटिक अपन

श और जनम भमिम म लौट जा और म तरी भलाई करगा 10 त न जो जो काम अपनी करणा और सचचाई स अपन ास क साथ षटिकए ह षटिक म जो अपनी

छडी ही ल कर इस यरन नी क पार उतर आया सो अब मर ो ल हो गए ह तर ऐस ऐस कामो म स म एक क भी योगय तो नही ह

11 मरी षटिवनती सन कर मझ मर भाई ऐसाव क हाथ स बचा म तो उसस डरता ह कही ऐसा न हो षटिक वह आकर मझ और मा समत लडको को भी मार डाल

12 त न तो कहा ह षटिक म षटिनशचय तरी भलाई करगा और तर वश को समदर की बाल क षटिकनको क समान बहत करगा जो बहतायत क मार षटिगन नही जो सकत

13 और उसन उस दिन की रात वही षटिबताई और जो कछ उसक पास था उस म स अपन भाई ऐसाव की भट क लिलय छाट छाट कर षटिनकाला

14 अथाWत ो सौ बकरिरया और बीस बकर और ो सौ भड और बीस मढ 15 और बचचो समत द न वाली तीस ऊटषटिनया और चालीस गाय और स बल और बीस

गषटिहया और उनक स बचच 16 इन को उसन झणड झणड करक अपन ासो को सौप कर उन स कहा मर आग बढ जाओ

और झणडो क बीच बीच म अनतर रखो 17 षटि6र उसन अगल झणड क रखवाल को यह आजञा ी षटिक जब मरा भाई ऐसाव तझ मिमल और

पछन लग षटिक त षटिकस का ास ह और कहा जाता ह और य जो तर आग आग ह सो षटिकस क ह 18 तब कहना षटिक यह तर ास याकब क ह ह मर परभ ऐसाव य भट क लिलय तर पास भज गएह और वह आप भी हमार पीछ पीछ आ रहा ह 19 और उसन दसर और तीसर रखवालो को भी वरन उस सभो को जो झणडो क पीछ पीछ थ ऐसी

ही आजञा ी षटिक जब ऐसाव तम को मिमल तब इसी परकार उसस कहना 20 और यह भी कहना षटिक तरा ास याकब हमार पीछ पीछ आ रहा ह कयोषटिक उसन यह सोचा

षटिक यह भट जो मर आग आग जाती ह इसक दवारा म उसक करो को शानत करक तब उसका शWनकरगा हो सकता ह वह मझ स परसनन हो जाए 21 सो वह भट याकब स पषटिहल पार उतर गई और वह आप उस रात को छावनी म रहा 22 उसी रात को वह उठा और अपनी ोनो सतरिसतरयो और ोनो लौषटिडयो और गयारहो लडको को सग

ल कर घाट स यबबोक नी क पार उतर गया 23 और उसन उनह उस नी क पार उतार दिया वरन अपना सब कछ पार उतार दिया 24 और याकब आप अकला रह गया तब कोई पररषो आकर पह 6टन तक उसस मललयq करतारहा 25 जब उसन खा षटिक म याकब पर परबल नही होता तब उसकी जाघ की नस को छआ सो

याकब की जाघ की नस उसस मललयq करत ही करत चढ गई 26 तब उसन कहा मझ जान कयोषटिक भोर हआ चाहता ह याकब न कहा जब तक त मझ

आशीवाW न तब तक म तझ जान न दगा 27 और उसन याकब स पछा तरा नाम कया ह उसन कहा याकब 28 उसन कहा तरा नाम अब याकब नही परनत इसराएल होगा कयोषटिक त परमशवर स और मनषयो स

भी यq कर क परबल हआ ह 29 याकब न कहा म षटिबनती करता ह मझ अपना नाम बता उसन कहा त मरा नाम कयो पछताह तब उसन उसको वही आशीवाW दिया 30 तब याकब न यह कह कर उस सथान का नाम पनीएल रखा षटिक परमशवर को आमहन सामहन

खन पर भी मरा पराण बच गया ह 31 पनएल क पास स चलत चलत सयW उय हो गया और वह जाघ स लगडाता था 32 इसराएली जो पशओ की जाघ की जोड वाल जघानस को आज क दिन तक नही खात इसका

कारण यही ह षटिक उस पररषो न याकब की जाघ की जोड म जघानस को छआ था

अधयाय३३

01 और याकब न आख उठा कर यह खा षटिक ऐसाव चार सौ पररषो सग लिलय हए चला जाता ह तब उसन लडक बालो को अलग अलग बाट कर लिलआ और राहल और ोनो लौषटिडयो को सौप

दिया

02 और उसन सब क आग लडको समत लौषटिडयो को उसक पीछ लडको समत लिलआ को और सब क पीछ राहल और यस6 को रखा

03 और आप उन सब क आग बढा और सात बार भमिम पर षटिगर क णडवत की और अपन भाई क पास पहचा

04 तब ऐसाव उसस भट करन को ौडा और उसको हय स लगा कर गल स लिलपट कर चमा षटि6र व ोनो रो पड

05 तब उसन आख उठा कर सतरिसतरयो और लडक बालो को खा और पछा य जो तर साथ ह सो कौन ह उसन कहा य तर ास क लडक ह जिजनह परमशवर न अनगरह कर क मझ को दिया ह

06 तब लडको समत लौषटिडयो न षटिनकट आकर णडवत की 07 षटि6र लडको समत लिलआ षटिनकट आई और उनहोन भी णडवत की पीछ यस6 और राहल न

भी षटिनकट आकर णडवत की 08 तब उसन पछा तरा यह बडा ल जो मझ को मिमला उसका कया परयोजन ह उसन कहा यह

षटिक मर परभ की अनगरह की दषटि मझ पर हो 09 ऐसाव न कहा ह मर भाई मर पास तो बहत ह जो कछ तरा ह सो तरा ही रह 10 याकब न कहा नही नही यदि तरा अनगरह मझ पर हो तो मरी भट गरहण कर कयोषटिक म न तरा

शWन पाकर मानो परमशवर का शWन पाया ह और त मझ स परसनन हआ ह 11 सो यह भट जो तझ भजी गई ह गरहण कर कयोषटिक परमशवर न मझ पर अनगरह षटिकया ह और

मर पास बहत ह जब उसन उस को बाया तब उस न भट को गरहण षटिकया 12 षटि6र ऐसाव न कहा आ हम बढ चल और म तर आग आग चलगा 13 याकब न कहा ह मर परभ त जानता ही ह षटिक मर साथ सकमार लडक और द न हारी भड-

बकरिरया और गाय ह यदि ऐस पश एक दिन भी अलिक हाक जाए तो सब क सब मर जाएग 14 सो मरा परभ अपन ास क आग बढ जाए और म इन पशओ की गषटित क अनसार जो मर आग ह और लडक बालो की गषटित क अनसार ीर ीर चल कर सईर म अपन परभ क पास पहचगा 15 ऐसाव न कहा तो अपन सग वालो म स म कई एक तर साथ छोड जाऊ उसन कहा यह कयो

इतना ही बहत ह षटिक मर परभ की अनगरह की दषटि मझ पर बनी रह 16 तब ऐसाव न उसी दिन सईर जान को अपना मागW लिलया 17 और याकब वहा स कच कर क सककोत को गया और वहा अपन लिलय एक घर और पशओ क

लिलय झोपड बनाए इसी कारण उस सथान का नाम सककोत पडा 18 और याकब जो पददनराम स आया था सो कनान श क शकम नगर क पास कशल कषम स

पहच कर नगर क सामहन डर खड षटिकए 19 और भमिम क जिजस खणड पर उसन अपना तमब खडा षटिकया उसको उसन शकम क षटिपता हमोर

क पतरो क हाथ स एक सौ कसीतो म मोल लिलया 20 और वहा उसन एक वी बना कर उसका नाम एललोह इसराएल रखा

अधयाय३४

01 और लिलआ की बटी ीना जो याकब स उतपनन हई थी उस श की लडषटिकयो स भट करन कोषटिनकली 02 तब उस श क परान षटिहcी हमोर क पतर शकम न उस खा और उस ल जा कर उसक साथ

ककमW करक उसको भर कर डाला 03 तब उसका मन याकब की बटी ीना स लग गया और उसन उस कनया स परम की बात की

और उसस परम करन लगा 04 और शकम न अपन षटिपता हमोर स कहा मझ इस लडकी को मरी पतनी होन क लिलय दिला 05 और याकब न सना षटिक शकम न मरी बटी ीना को अशq कर डाला ह पर उसक पतर उस

समय पशओ क सग मान म थ सो वह उनक आन तक चप रहा

06 और शकम का षटिपता हमोर षटिनकल कर याकब स बातचीत करन क लिलय उसक पास गया 07 और याकब क पतर सनत ही मान स बहत उास और करोलित हो कर आए कयोषटिक शकम न

याकब की बटी क साथ ककमW करक इसराएल क घरान स मखWता का ऐसा काम षटिकया था जिजसका करना अनलिचत था

08 हमोर न उन सब स कहा मर पतर शकम का मन तमहारी बटी पर बहत लगा ह सो उस उसकी पतनी होन क लिलय उसको ो

09 और हमार साथ बयाह षटिकया करो अपनी बदिटया हम को दिया करो और हमारी बदिटयो को आप लिलया करो

10 और हमार सग बस रहो और यह श तमहार सामन पडा ह इस म रह कर लनन करो और इसकी भमिम को अपन लिलय ल लो

11 और शकम न भी ीना क षटिपता और भाइयो स कहा यदि मझ पर तम लोगो की अनगरह की दषटि हो तो जो कछ तम मझ स कहो सो म दगा

12 तम मझ स षटिकतना ही मलय वा बला कयो न मागो तौभी म तमहार कह क अनसार दगा परनत उस कनया को पतनी होन क लिलय मझ ो

13 तब यह सोच कर षटिक शकम न हमारी बषटिहन ीना को अशq षटिकया ह याकब क पतरो न शकम और उसक षटिपता हमोर को छल क साथ यह उcर दिया

14 षटिक हम ऐसा काम नही कर सकत षटिक षटिकसी खतना रषटिहत पररषो को अपनी बषटिहन कयोषटिक इस स हमारी नामराई होगी

15 इस बात पर तो हम तमहारी मान लग षटिक हमारी नाई तम म स हर एक पररषो का खतना षटिकयाजाए 16 तब हम अपनी बदिटया तमह बयाह ग और तमहारी बदिटया बयाह लग और तमहार सग बस भीरहग और हम ोनो एक ही समाय क मनषय हो जाएग 17 पर यदि तम हमारी बात न मान कर अपना खतना न कराओग तो हम अपनी लडकी को लक

यहा स चल जाएग 18 उनकी इस बात पर हमोर और उसका पतर शकम परसनन हए 19 और वह जवान जो याकब की बटी को बहत चाहता था इस काम को करन म उसन षटिवलमब न

षटिकया वह तो अपन षटिपता क सार घरान म अलिक परषटितषटिषठत था 20 सो हमोर और उसका पतर शकम अपन नगर क 6ाटक क षटिनकट जा कर नगरवालिसयो को यो

समझान लग 21 षटिक व मनषय तो हमार सग मल स रहना चाहत ह सो उनह इस श म रह क लनन करन ो खो यह श उनक लिलय भी बहत ह षटि6र हम लोग उनकी बदिटयो को बयाह ल और अपनी बदिटयो

को उनह दिया कर 22 व लोग कवल इस बात पर हमार सग रहन और एक ही समाय क मनषय हो जान को परसनन ह

षटिक उनकी नाई हमार सब पररषोो का भी खतना षटिकया जाए 23 कया उनकी भड-बकरिरया और गाय- बल वरन उनक सार पश और न समपलिc हमारी न होजाएगी इतना ही कर षटिक हम लोग उनकी बात मान ल तो व हमार सग रहग 24 सो जिजतन उस नगर क 6ाटक स षटिनकलत थ उन सभो न हमोर की और उसक पतर शकम की

बात मानी और हर एक पररषो का खतना षटिकया गया जिजतन उस नगर क 6ाटक स षटिनकलत थ 25 तीसर दिन जब व लोग पीषटिडत पड थ तब ऐसा हआ षटिक णिशमोन और लवी नाम याकब क ो

पतरो न जो ीना क भाई थ अपनी अपनी तलवार ल उस नगर म षटिनडक घस कर सब पररषोो को घात षटिकया

26 और हमोर और उसक पतर शकम को उनहोन तलवार स मार डाला और ीना को शकम क घर स षटिनकाल ल गए

27 और याकब क पतरो न घात कर डालन पर भी चढ कर नगर को इसलिलय लट लिलया षटिक उस म उनकी बषटिहन अशq की गई थी

28 उनहोन भड-बकरी और गाय-बल और गह और नगर और मान म जिजतना न था ल

लिलया 29 उस सब को और उनक बाल-बचचो और सतरिसतरयो को भी हर ल गए वरन घर घर म जो कछ था

उसको भी उनहोन लट लिलया 30 तब याकब न णिशमोन और लवी स कहा तम न जो उस श क षटिनवासी कनाषटिनयोऔर परिरचछिजजयो

क मन म मरी ओर घणा उतपनन कराई ह इस स तम न मझ सकट म डाला ह कयोषटिक मर साथ तो थोड की लोग ह सो अब व इकटठ हो कर मझ पर चढग और मझ मार डालग सो म अपन घरान समत सतयानाश हो जाऊगा

31 उनहोन कहा कया वह हमारी बषटिहन क साथ वशया की नाई बताWव कर

अधयाय३५

01 तब परमशवर न याकब स कहा यहा स कच करक बतल को जा और वही रह और वहा ईशवर क लिलय वी बना जिजसन तझ उस समय शWन दिया जब त अपन भाई ऐसाव क डर स भागा जाता

था 02 तब याकब न अपन घरान स और उन सब स भी जो उसक सग थ कहा तमहार बीच म जो

पराए वता ह उनह षटिनकाल 6 को और अपन अपन को शq करो और अपन वसतर बल डालो 03 और आओ हम यहा स कच करक बतल को जाए वहा म ईशवर क लिलय एक वी बनाऊगा

जिजसन सकट क दिन मरी सन ली और जिजस मागW स म चलता था उस म मर सग रहा 04 सो जिजतन पराए वता उनक पास थ और जिजतन कणडल उनक कानोम थ उन सभो को उनहोन

याकब को दिया और उसन उन को उस लिसनदर वकष क नीच जो शकम क पास ह गाड दिया 05 तब उनहोन कच षटिकया और उनक चारो ओर क नगर षटिनवालिसयो क मन म परमशवर की ओर स

ऐसा भय समा गया षटिक उनहोन याकब क पतरो का पीछा न षटिकया 06 सो याकब उन सब समत जो उसक सग थ कनान श क लज नगर को आया वह नगर बतल

भी कहलाता ह 07 वहा उसन एक वी बनाई और उस सथान का नाम एलबतल रखा कयोषटिक जब वह अपन भाई

क डर स भागा जाता था तब परमशवर उस पर वही परगट हआ था 08 और रिरबका की द षटिपलानहारी ाय बोरा मर गई और बतल क नीच लिसनदर वकष क तल

उसको मिमटटी ी गई और उस लिसनदर वकष का नाम अललोनबककत रखा गया 09 षटि6र याकब क पददनराम स आन क पशचात परमशवर न दसरी बार उसको शWन कर आशीरषो ी 10 और परमशवर न उसस कहा अब तक तो तरा नाम याकब रहा ह पर आग को तरा नाम याकब न रहगा त इसराएल कहलाएगा

11 षटि6र परमशवर न उसस कहा म सवWशलिकतमान ईशवर ह त 6ल- 6ल और बढ और तझ स एक जाषटित वरन जाषटितयो की एक मणडली भी उतपनन होगी और तर वश म राजा उतपनन होग

12 और जो श म न इबराहीम और इसहाक को दिया ह वही श तझ ता ह और तर पीछ तर वश को भी दगा

13 तब परमशवर उस सथान म जहा उसन याकब स बात की उनक पास स ऊपर चढ गया 14 और जिजस सथान म परमशवर न याकब स बात की वहा याकब न पतथर का एक खमबा खडाषटिकया और उस पर अघW कर तल डाल दिया 15 और जहा परमशवर न याकब स बात की उस सथान का नाम उसन बतल रखा 16 षटि6र उनहोन बतल स कच षटिकया और एपराता थोडी ही दर रह गया था षटिक राहल को बचचा

जनन की बडी पीडा आन लगी 17 जब उसको बडी बडी पीडा उठती थी तब ाय न उसस कहा मत डर अब की भी तर बटा हीहोगा 18 तब ऐसा हआ षटिक वह मर गई और पराण षटिनकलत षटिनकलत उसन उस बट को नाम बनोनी रखा

पर उसक षटिपता न उसका नाम षटिबनयामीन रखा 19 यो राहल मर गई और एपराता अथाWत बतलहम क मागW म उसको मिमटटी ी गई

20 और याकब न उसकी कबर पर एक खमभा खडा षटिकया राहल की कबर का वही खमभा आज तक बना ह

21 षटि6र इसराएल न कच षटिकया और एर नाम गममट क आग बढकर अपना तमब खडा षटिकया 22 जब इसराएल उस श म बसा था तब एक दिन ऐसा हआ षटिक रबन न जा कर अपन षटिपता की

रखली षटिबलहा क साथ ककमW षटिकया और यह बात इसराएल को मालम हो गई 23 याकब क बारह पतर हए उन म स लिलआ क पतर य थ अथाWत याकब का जठा रबन षटि6रणिशमोन लवी यहा इससाकार और जबलन 24 और राहल क पतर य थ अथाWत यस6 और षटिबनयामीन 25 और राहल की लौनडी षटिबलहा क पतर य थ अथाWत ान और नपताली 26 और लिलआ की लौनडी जिजलपा क पतर य थ अथाWत गा और आशर याकब क य ही पतर हए

जो उसस पददनराम म उतपनन हए 27 और याकब ममर म जो करिरयतअबाW अथाWत हबरोन ह जहा इबराहीम और इसहाक परशी हो

कर रह थ अपन षटिपता इसहाक क पास आया 28 इसहाक की अवसथा एक सौ अससी बरस की हई 29 और इसहाक का पराण छट गया और वह मर गया और वह बढा और परी आय का हो कर

अपन लोगो म जा मिमला और उसक पतर ऐसाव और याकब न उसको मिमटटी ी

अधयाय३६

01 ऐसाव जो एोम भी कहलाता ह उसकी यह वशावली ह 02 ऐसाव न तो कनानी लडषटिकया बयाह ली अथाWत षटिहcी एलोन की बटी आा को और

अहोलीबामा को जो अना की बटी और षटिहववी लिसबोन की नषटितनी थी 03 षटि6र उसन इशमाएल की बटी बासमत को भी जो नबायोत की बषटिहन थी बयाह लिलया 04 आा न तो ऐसाव क जनमाए एलीपज को और बासमत न रएल को उतपनन षटिकया 05 और ओहोलीबामा न यश और यालाम और को रह को उतपनन षटिकया ऐसाव क य ही पतर

कनान श म उतपनन हए 06 और ऐसाव अपनी पतनितनयो और बट-बदिटयो और घर क सब पराणिणयो और अपनी भड-बकरी

और गाय- बल आदि सब पशओ षटिनान अपनी सारी समपलिc को जो उसन कनान श म सचय कीथी ल कर अपन भाई याकब क पास स दसर श को चला गया 07 कयोषटिक उनकी समपलिc इतनी हो गई थी षटिक व इकटठ न रह सक और पशओ की बहतायत क

मार उस श म जहा व परशी हो कर रहत थ उनकी समाई न रही 08 ऐसाव जो एोम भी कहलाता ह सो सईर नाम पहाडी श म रहन लगा 09 सईर नाम पहाडी श म रहनहार एोमिमयो क मल पररषो ऐसाव की वशावली यह ह 10 ऐसाव क पतरो क नाम य ह अथाWत ऐसाव की पतनी आा का पतर एलीपज और उसी ऐसाव की

पतनी बासमत का पतर रएल 11 और एलीपज क य पतर हए अथाWत तमान ओमार सपो गाताम और कनज 12 और ऐसाव क पतर एलीपज क षटितमना नाम एक सरषटितन थी जिजसन एलीपज क जनमाए अमालक

को जनम दिया ऐसाव की पतनी आा क वश म य ही हए 13 और रएल क य पतर हए अथाWत नहत जरह शममा और मिमजजा ऐसाव की पतनी बासमत क

वश म य ही हए 14 और ओहोलीबामा जो ऐसाव की पतनी और लिसबोन की नषटितनी और अना की बटी थी उसक य

पतर हए अथाWत उसन ऐसाव क जनमाए यश यालाम और कोरह को जनम दिया 15 ऐसाववणिशयो क अलिपषटित य हए अथाWत ऐसाव क जठ एलीपज क वश म स तो तमानअलिपषटित ओमार अलिपषटित सपो अलिपषटित कनज अलिपषटित 16 को रह अलिपषटित गाताम अलिपषटित अमालख अलिपषटित एलीपज वणिशयो म स एोम श म य

ही अलिपषटित हए और य ही आा क वश म हए

17 और ऐसाव क पतर रएल क वश म य हए अथाWत नहत अलिपषटित जरह अलिपषटित शममाअलिपषटित मिमजजा अलिपषटित रएलवणिशयो म स एोम श म य ही अलिपषटित हए और य ही ऐसाव

की पतनी बासमत क वश म हए 18 और ऐसाव की पतनी ओहोलीबामा क वश म थ हए अथाWत यश अलिपषटित यालाम अलिपषटित

कोरह अलिपषटित अना की बटी ओहोलीबामा जो ऐसाव की पतनी थी उसक वश म य ही हए 19 ऐसाव जो एोम भी कहलाता ह उसक वश य ही ह और उनक अलिपषटित भी य ही हए 20 सईर जो होरी नाम जाषटित का था उसक य पतर उस श म पषटिहल स रहत थ अथाWत लोतान शोबाल णिशबोन अना 21 ीशोन एसर और ीशान एोम श म सईर क य ही होरी जाषटितवाल अलिपषटित हए 22 और लोतान क पतर होरी और हमाम हए और लोतान की बषटिहन षटितमना थी 23 और शोबाल क य पतर हए अथाWत आलवान मानहत एबाल शपो और ओनाम 24 और लिसोन क थ पतर हए अथाWत अयया और अना यह वही अना ह जिजस को जगल म अपन

षटिपता लिसबोन क गहो को चरात चरात गरम पानी क झरन मिमल 25 और अना क ीशोन नाम पतर हआ और उसी अना क ओहोलीबामा नाम बटी हई 26 और ीशोन क य पतर हए अथाWत हमान एशबान मियतरान और करान 27 एसर क य पतर हए अथाWत षटिबलहान जावान और अकान 28 ीशान क य पतर हए अथाWत ऊस और अकान 29 होरिरयो क अलिपषटित य हए अथाWत लोतान अलिपषटित शोबाल अलिपषटित णिशबोन अलिपषटित 30 अना अलिपषटित ीशोन अलिपषटित एसर अलिपषटित ीशान अलिपषटित सईर श म होरी जाषटित

वाल य ही अलिपषटित हए 31 षटि6र जब इसराएलिलयो पर षटिकसी राजा न राजय न षटिकया था तब भी एोम क श म य राजाहए 32 अथाWत बोर क पतर बला न एोम म राजय षटिकया और उसकी राजानी का नाम दिनहाबा ह 33 बला क मरन पर बोसराषटिनवासी जरह का पतर योबाब उसक सथान पर राजा हआ 34 और योबाब क मरन पर तमाषटिनयो क श का षटिनवासी हशाम उसक सथान पर राजा हआ 35 और हशाम क मरन पर ब का पतर ह उसक सथान पर राजा हआ यह वही ह जिजसन

मिमदयाषटिनयो को मोआब क श म मार लिलया और उसकी राजानी का नाम अबीत ह 36 और ह क मरन पर मसरकावासी समला उसक सथान पर राजा हआ 37 षटि6र समला क मरन पर शाऊल जो महान क तट वाल रहोबोत नगर का था सो उसक सथान

पर राजा हआ 38 और शाऊल क मरन पर अकबोर का पतर बालहानान उसक सथान पर राजा हआ 39 और अकबोर क पतर बालहानान क मरन पर हर उसक सथान पर राजा हआ और उसकी

राजानी का नाम पाऊ ह और उसकी पतनी का नाम महतबल ह जो मजाहब की नषटितनी और मतर की बटी थी

40 षटि6र ऐसाववणिशयो क अलिपषटितयो क कलो और सथानो क अनसार उनक नाम य ह अथाWत षटितमना अलिपषटित अलबा अलिपषटित यतत अलिपषटित

41 ओहोलीबामा अलिपषटित एला अलिपषटित पीनोन अलिपषटित 42 कनज अलिपषटित तमान अलिपषटित मिमबसार अलिपषटित 43 मगीएल अलिपषटित ईराम अलिपषटित एोमवणिशयो न जो श अपना कर लिलया था उसक षटिनवास

सथानो म उनक य ही अलिपषटित हए और एोमी जाषटित का मलपररषो ऐसाव ह

अधयाय३७

1 37|01 याकब तो कनान श म रहता था जहा उसका षटिपता परशी हो कर रहा था 37|02 और याकब क वश का वcानत यह ह षटिक यस6 सतरह वरषोW का हो कर भाइयो क सग भड-

बकरिरयो को चराता था और वह लडका अपन षटिपता की पतनी षटिबलहा और जिजलपा क पतरो क सग रहा

करता था और उनकी बराईयो का समाचार अपन षटिपता क पास पहचाया करता था 37|03 और इसराएल अपन सब पतरो स बढक यस6 स परीषटित रखता था कयोषटिक वह उसक बढाप

का पतर था और उसन उसक लिलय रग षटिबरगा अगरखा बनवाया 37|04 सो जब उसक भाईयो न खा षटिक हमारा षटिपता हम सब भाइयो स अलिक उसी स परीषटित

रखता ह तब व उसस बर करन लग और उसक साथ ठीक तौर स बात भी नही करत थ 37|05 और यस6 न एक सवपन खा और अपन भाइयो स उसका वणWन षटिकया तब व उसस और

भी दवरषो करन लग 37|06 और उसन उन स कहा जो सवपन म न खा ह सो सनो 37|07 हम लोग खत म पल बा( रह ह और कया खता ह षटिक मरा पला उठ कर सीा खडा होगया तब तमहार पलो न मर पल को चारो तर6 स घर लिलया और उस णडवत षटिकया 37|08 तब उसक भाइयो न उसस कहा कया सचमच त हमार ऊपर राजय करगा वा सचमच त

हम पर परभता करगा सो व उसक सवपनो और उसकी बातो क कारण उसस और भी अलिक बर करन लग 37|09 षटि6र उसन एक और सवपन खा और अपन भाइयो स उसका भी यो वणWन षटिकया षटिक सनो म न एक और सवपन खा ह षटिक सयW और चनदरमा और गयारह तार मझ णडवत कर रह ह

37|10 यह सवपन उसन अपन षटिपता और भाइयो स वणWन षटिकया तब उसक षटिपता न उसको पट क कहा यह कसा सवपन ह जो त न खा ह कया सचमच म और तरी माता और तर भाई सब जा कर

तर आग भमिम पर षटिगरक णडवत करग 37|11 उसक भाई तो उसस डाह करत थ पर उसक षटिपता न उसक उस वचन को समरण रखा 37|12 और उसक भाई अपन षटिपता की भड- बकरिरयो को चरान क लिलय शकम को गए 37|13 तब इसराएल न यस6 स कहा तर भाई तो शकम ही म भड- बकरी चरा रह होग सो जा म

तझ उनक पास भजता ह उसन उसस कहा जो आजञा म हाजिजर ह 37|14 उसन उसस कहा जा अपन भाइयो और भड- बकरिरयो का हाल ख आ षटिक व कशल स

तो ह षटि6र मर पास समाचार ल आ सो उसन उसको हबरोन की तराई म षटिवा कर दिया और वह शकम म आया

37|15 और षटिकसी मनषय न उसको मान म इर उर भटकत हए पाकर उसस पछा त कया ढढता ह

37|16 उसन कहा म तो अपन भाइयो को ढढता ह कपा कर मझ बता षटिक व भड- बकरिरयो को कहा चरा रह ह

37|17 उस मनषय न कहा व तो यहा स चल गए ह और म न उन को यह कहत सना षटिक आओ हम ोतान को चल सो यस6 अपन भाइयो क पास चला और उनह ोतान म पाया

37|18 और जयोही उनहोन उस दर स आत खा तो उसक षटिनकट आन क पषटिहल ही उस मार डालन की यलिकत की

37|19 और व आपस म कहन लग खो वह सवपन खनहारा आ रहा ह 37|20 सो आओ हम उसको घात करक षटिकसी गडह म डाल और यह कह ग षटिक कोई द

पश उसको खा गया षटि6र हम खग षटिक उसक सवपनो का कया 6ल होगा 37|21 यह सनक रबन न उसको उनक हाथ स बचान की मनसा स कहा हम उसको पराण स तो न मार

37|22 षटि6र रबन न उन स कहा लोह मत बहाओ उसको जगल क इस गडह म डाल ो और उस पर हाथ मत उठाओ वह उसको उनक हाथ स छडाकर षटिपता क पास षटि6र पहचाना चाहता था

37|23 सो ऐसा हआ षटिक जब यस6 अपन भाइयो क पास पहचा तब उनहो न उसका रगषटिबरगाअगरखा जिजस वह पषटिहन हए था उतार लिलया 37|24 और यस6 को उठा कर गडह म डाल दिया वह गडहा तो सखा था और उस म कछ जल न था 37|25 तब व रोटी खान को बठ गए और आख उठा कर कया खा षटिक इशमाएलिलयो का एक ल

ऊटो पर सग(दरवय बलसान और ग(रस ला हए षटिगला स मिमसर को चला जा रहा ह

37|26 तब यहा न अपन भाइयो स कहा अपन भाई को घात करन और उसका खन लिछपान स कया लाभ होगा

37|27 आओ हम उस इशमाएलिलयो क हाथ बच डाल और अपना हाथ उस पर न उठाए कयोषटिक वह हमारा भाई और हमारी हmी और मास ह सो उसक भाइयो न उसकी बात मान ली तब मिमदयानी

वयापारी उर स होकर उनक पास पहच 37|28 सो यस6 क भाइयो न उसको उस गडह म स खीच क बाहर षटिनकाला और इशमाएलिलयो क

हाथ चाी क बीस टकडो म बच दिया और व यस6 को मिमसर म ल गए 37|29 और रबन न गडह पर लौटकर कया खा षटिक यस6 गडह म नही ह सो उसन अपन वसतर6ाड 37|30 और अपन भाइयो क पास लौटकर कहन लगा षटिक लडका तो नही ह अब म षटिकरजाऊ 37|31 और तब उनहोन यस6 का अगरखा लिलया और एक बकर को मार क उसक लोह म उस

डबा दिया 37|32 और उनहोन उस रग षटिबरग अगरख को अपन षटिपता क पास भज कर कहला दिया षटिक यह

हम को मिमला ह सो खकर पषटिहचान ल षटिक यह तर पतर का अगरखा ह षटिक नही 37|33 उसन उसको पषटिहचान लिलया और कहा हा यह मर ही पतर का अगरखा ह षटिकसी द पश न

उसको खा लिलया ह षटिन सनह यस6 6ाड डाला गया ह 37|34 तब याकब न अपन वसतर 6ाड और कमर म टाट लपटा और अपन पतर क लिलय बहत दिनो

तक षटिवलाप करता रहा 37|35 और उसक सब बट- बदिटयो न उसको शातनिनत न का यतन षटिकया पर उसको शातनिनत न मिमली

और वह यही कहता रहा म तो षटिवलाप करता हआ अपन पतर क पास अोलोक म उतर जाऊगा इस परकार उसका षटिपता उसक लिलय रोता ही रहा

37|36 और मिमदयाषटिनयो न यस6 को मिमसर म ल जा कर पोतीपर नाम षटि6रौन क एक हाषटिकम और जललाो क परान क हाथ बच डाला

अधयाय३८

01 उनही दिनो म ऐसा हआ षटिक यहा अपन भाईयो क पास स चला गया और हीरा नाम एक अदललामवासी पररषो क पास डरा षटिकया

02 वहा यहा न शआ नाम एक कनानी पररषो की बटी को खा और उसको बयाह कर उसक पासगया 03 वह गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और यहा न उसका नाम एर रखा 04 और वह षटि6र गभWवती हई और उसक एक पतर उतपनन हआ और उसका नाम ओनान रखागया 05 षटि6र उसक एक पतर और उतपनन हआ और उसका नाम शला रखा गया और जिजस समय इसका

जनम हआ उस समय यहा कजीब म रहता था 06 और यहा न तामार नाम एक सतरी स अपन जठ एर का षटिववाह कर दिया 07 परनत यहा का वह जठा एर यहोवा क लख म द था इसलिलय यहोवा न उसको मार डाला 08 तब यहा न ओनान स कहा अपनी भौजाई क पास जा और उसक साथ वर का मW परा

करक अपन भाई क लिलय सनतान उतपनन कर 09 ओनान तो जानता था षटिक सनतान तो मरी न ठहरगी सो ऐसा हआ षटिक जब वह अपनी भौजाई

क पास गया तब उसन भमिम पर वीयW षटिगराकर नाश षटिकया जिजस स ऐसा न हो षटिक उसक भाई क नाम स वश चल

10 यह काम जो उसन षटिकया उस यहोवा अपरसनन हआ और उसन उसको भी मार डाला 11 तब यहा न इस डर क मार षटिक कही ऐसा न हो षटिक अपन भाइयो की नाई शला भी मर अपनी

बह तामार स कहा जब तक मरा पतर शला लिसयाना न हो तब तक अपन षटिपता क घर म षटिववा की

बठी रह सो तामार अपन षटिपता क घर म जा कर रहन लगी 12 बहत समय क बीतन पर यहा की पतनी जो शआ की बटी थी सो मर गई षटि6र यहा शोक स

छटकर अपन मिमतर हीरा अदललामवासी समत अपनी भड- बकरिरयो का ऊन कतरान क लिलय षटितमनाथ को गया

13 और तामार को यह समाचार मिमला षटिक तरा ससर अपनी भड- बकरिरयो का ऊन कतरान क लिलय षटितमनाथ को जा रहा ह

14 तब उसन यह सोच कर षटिक शला लिसयाना तो हो गया पर म उसकी सतरी नही होन पाई अपना षटिववापन का पषटिहरावा उतारा और घघट डाल कर अपन को ढाप लिलया और एनम नगर क 6ाटक

क पास जो षटितमनाथ क मागW म ह जा बठी 15 जब यहा न उसको खा उसन उसको वशया समझा कयोषटिक वह अपना मह ढाप हए थी 16 और वह मागW स उसकी ओर षटि6रा और उसस कहन लगा मझ अपन पास आन ( कयोषटिक उस

यह मालम न था षटिक वह उसकी बह ह) और वह कहन लगी षटिक यदि म तझ अपन पास आन द तो त मझ कया गा

17 उसन कहा म अपनी बकरिरयो म स बकरी का एक बचचा तर पास भज दगा तब उसन कहा भला उस क भजन तक कया त हमार पास कछ रहन रख जाएगा

18 उस न पछा म तर पास कया रहन रख जाऊ उस न कहा अपनी महर और बाजबन और अपन हाथ की छडी तब उसन उसको व वसतए ी और उसक पास गया और वह उसस गभWवती

हई 19 तब वह उठ कर चली गई और अपना घघट उतार क अपना षटिववापन का पषटिहरावा षटि6र पषटिहनलिलया 20 तब यहा न बकरी का बचचा अपन मिमतर उस अदललामवासी क हाथ भज दिया षटिक वह रहन

रखी हई वसतए उस सतरी क हाथ स छडा ल आए पर वह सतरी उसको न मिमली 21 तब उसन वहा क लोगो स पछा षटिक वह वासी जो एनम म मागW की एक और बठी थी कहाह उनहोन कहा यहा तो कोई वासी न थी 22 सो उसन यहा क पास लौट क कहा मझ वह नही मिमली और उस सथान क लोगो न कहा षटिक

यहा तो कोई वासी न थी 23 तब यहा न कहा अचछा वह ब(क उस क पास रहन नही तो हम लोग तचछ षटिगन जाएग ख म न बकरी का यह बचचा भज दिया पर वह तझ नही मिमली 24 और तीन महीन क पीछ यहा को यह समाचार मिमला षटिक तरी बह तामार न वयणिभचार षटिकया ह

वरन वह वयणिभचार स गभWवती भी हो गई ह तब यहा न कहा उसको बाहर ल आओ षटिक वह जलाई जाए

25 जब उस बाहर षटिनकाल रह थ तब उसन अपन ससर क पास यह कहला भजा षटिक जिजस पररषो की य वसतए ह उसी स म गभWवती ह षटि6र उसन यह भी कहलाया षटिक पषटिहचान तो सही षटिक यह

महर और बाजबन और छडी षटिकस की ह 26 यहा न उनह पषटिहचान कर कहा वह तो मझ स कम ोरषोी ह कयोषटिक म न उस अपन पतर शला

को न बयाह दिया और उसन उसस षटि6र कभी परसग न षटिकया 27 जब उसक जनन का समय आया तब यह जान पडा षटिक उसक गभW म जडव बचच ह 28 और जब वह जनन लगी तब एक बालक न अपना हाथ बढाया और ाय न लाल सत ल कर

उसक हाथ म यह कहत हथ बा( दिया षटिक पषटिहल यही उतपनन हआ 29 जब उसन हाथ समट लिलया तब उसका भाई उतपनन हो गया तब उस ाय न कहा त कयो

बरबस षटिनकल आया ह इसलिलय उसका नाम परस रखा गया 30 पीछ उसका भाई जिजसक हाथ म लाल सत ब(ा था उतपनन हआ और उसका नाम जरह रखागया

अधयाय३९

01 जब यस6 मिमसर म पहचाया गया तब पोतीपर नाम एक मिमसरी जो षटि6रौन का हाषटिकम और जललाो का परान था उसन उसको इशमाएलिलयो क हाथ स जो उस वहा ल गए थ मोल लिलया

02 और यस6 अपन मिमसरी सवामी क घर म रहता था और यहोवा उसक सग था सो वह भागयवान पररषो हो गया

03 और यस6 क सवामी न खा षटिक यहोवा उसक सग रहता ह और जो काम वह करता ह उसको यहोवा उसक हाथ स स6ल कर ता ह

04 तब उसकी अनगरह की दषटि उस पर हई और वह उसकी सवा टहल करन क लिलय षटिनयकत षटिकयागया षटि6र उसन उसको अपन घर का अलिकारी बना क अपना सब कछ उसक हाथ म सौप दिया 05 और जब स उसन उसको अपन घर का और अपनी सारी समपलिc का अलिकारी बनाया तब स

यहोवा यस6 क कारण उस मिमसरी क घर पर आशीरषो न लगा और कया घर म कया मान म उसका जो कछ था सब पर यहोवा की आशीरषो होन लगी

06 सो उसन अपना सब कछ यस6 क हाथ म यहा तक छोड दिया षटिक अपन खान की रोटी कोछोड वह अपनी समपलिc का हाल कछ न जानता था और यस6 सनर और रपवान था 07 इन बातो क पशचात ऐसा हआ षटिक उसक सवामी की पतनी न यस6 की ओर आख लगाई औरकहा मर साथ सो 08 पर उसन असवीकार करत हए अपन सवामी की पतनी स कहा सन जो कछ इस घर म ह मर

हाथ म ह उस मरा सवामी कछ नही जानता और उसन अपना सब कछ मर हाथ म सौप दिया ह 09 इस घर म मझ स बडा कोई नही और उसन तझ छोड जो उसकी पतनी ह मझ स कछ नही

रख छोडा सो भला म ऐसी बडी दता करक परमशवर का अपराी कयोकर बन 10 और ऐसा हआ षटिक वह परषटित दिन यस6 स बात करती रही पर उसन उसकी न मानी षटिक उसक

पास लट वा उसक सग रह 11 एक दिन कया हआ षटिक यस6 अपना काम काज करन क लिलय घर म गया और घर क सवको म स कोई भी घर क अनर न था

12 तब उस सतरी न उसका वसतर पकडकर कहा मर साथ सो पर वह अपना वसतर उसक हाथ म छोडकर भागा और बाहर षटिनकल गया

13 यह खकर षटिक वह अपना वसतर मर हाथ म छोडकर बाहर भाग गया 14 उस सतरी न अपन घर क सवको को बलाकर कहा खो वह एक इबरी मनषय को हमारा

षटितरसकार करन क लिलय हमार पास ल आया ह वह तो मर साथ सोन क मतलब स मर पास अनर आया था और म ऊच सवर स लिचलला उठी

15 और मरी बडी लिचललाहट सनकर वह अपना वसतर मर पास छोडकर भागा और बाहर षटिनकलगया 16 और वह उसका वसतर उसक सवामी क घर आन तक अपन पास रख रही 17 तब उसन उसस इस परकार की बात कही षटिक वह इबरी ास जिजस को त हमार पास ल आया ह

सो मझ स हसी करन क लिलय मर पास आया था 18 और जब म ऊच सवर स लिचलला उठी तब वह अपना वसतर मर पास छोडकर बाहर भाग गया 19 अपनी पतनी की य बात सनकर षटिक तर ास न मझ स ऐसा ऐसा काम षटिकया यस6 क सवामी

का कोप भडका 20 और यस6 क सवामी न उसको पकडकर बनीगह म जहा राजा क की बन थ डलवा दिया

सो वह उस बनीगह म रहन लगा 21 पर यहोवा यस6 क सग सग रहा और उस पर करणा की और बनीगह क रोगा क अनगरह

की दषटि उस पर हई 22 सो बनीगह क रोगा न उन सब ब(ओ को जो कारागार म थ यस6 क हाथ म सौप दिया

और जो जो काम व वहा करत थ वह उसी की आजञा स होता था 23 बनीगह क रोगा क वश म जो कछ था कयोषटिक उस म स उसको कोई भी वसत खनी न पडती थी इसलिलय षटिक यहोवा यस6 क साथ था और जो कछ वह करता था यहोवा उसको उस म

स6लता ता था

अधयाय४०

01 इन बातो क पशचात ऐसा हआ क राजा क षटिपलानहार और पकानहार न अपन सवामी का कछ अपरा षटिकया

02 तब षटि6रौन न अपन उन ोनो हाषटिकमो पर अथाWत षटिपलानहारो क परान अर पकानहारो क परान पर करोदित होकर

03 उनह क करा क जललाो क परान क घर क उसी बनीगह म जहा यस6 ब(आ था डलवादिया 04 तब जललाो क परान न उनको यस6 क हाथ सौपा और वह उनकी सवा टहल करन लगा सो व कछ दिन तक बनीगह म रह

05 और मिमसतर क राजा का षटिपलानहारा और पकानहारा जो बनीगह म बन थ उन ोनो न एक ही रात म अपन होनहार क अनसार सवपन खा

06 षटिबहान को जब यस6 उनक पास अनर गया तब उन पर दषटि की तो कया खा षटिक व उासह 07 सो उसन षटि6रौन क उन हाषटिकमो स जो उसक साथ उसक सवामी क घर क बनीगह म थ पछा

षटिक आज तमहार मह कयो उास ह 08 उनहोन उस स कहा हम ोनो न सवपन खा ह और उनक 6ल का बतान वाला कोई भी नही

यस6 न उनस कहा कया सवपनो का 6ल कहना परमशवर का काम नही मझ अपना अपना सवपनबताओ 09 तब षटिपलानहारो का परान अपना सवपन यस6 को यो बतान लगा षटिकमन सवपन म खा षटिक

मर सामन ाखलता ह 10 और उस ाखलता म तीन डालिलया ह और उसम मानो कलिलया लगी ह और व 6ली और उसक

गचछो म ाक लगकर पक गई 11 और षटि6रौन का कटोरा मर हाथ म था सो मन उन ाखो को लकर षटि6रौन क कटोर म षटिनचोडा

और कटोर को षटि6रौन क हाथ म दिया 12 यस6 न उस स कहा इसका 6ल यह ह षटिक तीन डालिलयो का अथW तीन दिन ह 13 सो अब स तीन दिन क भीतर तरा सर ऊचा करगा और षटि6र स तर प पर तझ षटिनयकत करगा

और त पहल की नाई षटि6रौन का षटिपलानहारा होकर उसका कटोरा उसक हाथ म षटि6र दिया करगा 14 सो जब तरा भला हो जाए तब मझ समरण करना और मझ पर कपा करक षटि6रौन स मरी चचाWचलाना अर इस घर स मझ छडवा ना 15 कयोषटिक सचमच इबराषटिनयो क श स मझ चरा कर ल आए ह और यहा भी मन कोई ऐसा काम

नही षटिकया जिजसक कारण म इस कारागार म डाला जाऊ 16 यह खकर षटिक उसक सवपन का 6ल अचछा षटिनकला पकानहारो क परान न यस6 स कहा

मन भी सवपन खा ह वह यह ह मन खा षटिक मर लिसर पर स6 रोटी की तीन टोकरिरया ह 17 और ऊपर की टोकरी म षटि6रौन क लिलए सब परकार की पकी पकाई वसतए ह और पकषी मर लिसर

पर की टोकरी म स उन वसतओ को खा रह ह 18 यस6 न कहा इसका 6ल यह ह तीन टोकरिरयो का अथW तीन दिन ह 19 सो अब स तीन दिन क भीतर षटि6रौन तरा लिसर कटवाकर तझ एक वकष पर टगवा गा और पकषी

तर मास को नोच नोच कर खाएग 20 और तीसर दिन षटि6रौन का जनमदिन था उसन अपन सब कमWचारिरयो की जवनार की और

उसन षटिपलानहारो क परान और पकानहारो क परान ोनो को बनीगह स षटिनकलवाया 21 और षटिपलानहारो क परान को तो षटिपलानहार क प पर षटि6र स षटिनयकत षटिकया और वह षटि6रौन क

हाथ म कटोरा न लगा 22 पर पकानहारो क परान को उस न टगवा दिया जसा षटिक यस6 न उनक सवपनो का 6ल उअनस

कहा था 23 षटि6र भी षटिपलानहारो क परान न यस6 को समरण ना रखा परनत उस भल गया

अधयाय४१

01 पर दो बरस क बीतन पर फिरौन न यह fवपन दा फिक वह नील नदी क फिकनार पर ड़ा ह 02 और उस नदी म स सात सनदर और मोNी मोNी गाय फिनकल कर कछार की घास चरन लगी 03 और $या दा फिक उनक पीछ और सात गाय जो करप और दबल ह नदी स फिनकली और दसरी

गायो क फिनकN नदी क तN पर जा ड़ी हई 04 तब य करप और दबल गाय उन सात सनदर और मोNी मोNी गायो को ा गई तब फिरौन जाग उठा 05 और वह फिर सो गया और दसरा fवपन दा फिक एक डठी म स सात मोNी और अचछी अचछी बालफिनकली 06 और $या दा फिक उनक पीछ सात बाल पतली और परवाई स मरझाई हई फिनकली 07 और इन पतली बालो न उन सातो मोNी और अनन स भरी हई बालो को फिनगल लिलया तब फिरौन जागा

और उस मालम हआ फिक यह fवपन ही था 08 भोर को फिरौन का मन वयाकल हआ और उसन मिमसर क सब जयोफितफिरषयो और पतततिणडतो को बलवा भजा

और उन को अपन fवपन बताए पर उन म स कोई भी उनका ल फिरौन स न कह सहा 09 तब फिपलानहारो का परधान फिरौन स बोल उठा फिक मर अपराध आज मझ fमरण आए 10 जब फिरौन अपन दासो स करोमिधत हआ था और मझ और पकानहारो क परधान को कद करा क जललादो

क परधान क घर क बनदीगह म डाल दिदया था 11 तब हम दोनो न एक ही रात म अपन अपन होनहार क अनसार fवपन दा 12 और वहा हमार साथ एक इबरी जवान था जो जललादो क परधान का दास था सो हम न उसको बताया

और उसन हमार fवपनो का ल हम स कहा हम म स एक एक क fवपन का ल उसन बता दिदया 13 और जसा जसा ल उसन हम स कहा था वसा ही हआ भी अथात मझ को तो मरा पद फिर मिमला पर

वह ासी पर लNकाया गया 14 तब फिरौन न यस को बलवा भजा और वह झNपN बनदीगह स बाहर फिनकाला गया और बालबनवाकर और वfतर बदलकर फिरौन क सामहन आया 15 फिरौन न यस स कहा म न एक fवपन दा ह और उसक ल का बतान वाला कोई भी नही और म न तर फिवरषय म सना ह फिक त fवपन सनत ही उसका ल बता सकता ह

16 यस न फिरौन स कहा म तो कछ नही जानता परमशवर ही फिरौन क लिलय शभ वचन दगा 17 फिर फिरौन यस स कहन लगा म न अपन fवपन म दा फिक म नील नदी क फिकनार पर ड़ा ह 18 फिर $या दा फिक नदी म स सात मोNी और सनदर सनदर गाय फिनकल कर कछार की घास चरन लगी 19 फिर $या दा फिक उनक पीछ सात और गाय फिनकली जो दबली और बहत करप और दबल ह म न

तो सार मिमसर दश म ऐसी कडौल गाय कभी नही दी 20 और इन दबल और कडौल गायो न उन पहली सातो मोNी मोNी गायो को ा लिलया 21 और जब व उन को ा गई तब यह मालम नही होता था फिक व उन को ा गई ह $योफिक व पफिहल की

नाई जसी की तसी कडौल रही तब म जाग उठा 22 फिर म न दसरा fवपन दा फिक एक ही डठी म सात अचछी अचछी और अनन स भरी हई बाल फिनकली 23 फिर $या दता ह फिक उनक पीछ और सात बाल छछी छछी और पतली और परवाई स मरझाई हईफिनकली 24 और इन पतली बालोन उन सात अचछी अचछी बालो को फिनगल लिलया इस म न जयोफितफिरषयो को बताया

पर इस का समझानहारा कोई नही मिमला 25 तब यस न फिरौन स कहा फिरौन का fवपन एक ही ह परमशवर जो काम फिकया चाहता ह उसको उसन

फिरौन को जताया ह 26 व सात अचछी अचछी गाय सात वरष ह और व सात अचछी अचछी बाल भी सात वरष ह fवपन एक ही ह 27 फिर उनक पीछ जो दबल और कडौल गाय फिनकली और जो सात छछी और परवाई स मरझाई हई बालफिनकाली व अकाल क सात वरष होग 28 यह वही बात ह जो म फिरौन स कह चका ह फिक परमशवर जो काम फिकया चाहता ह उस उसन फिरौन

को दिदाया ह 29 सन सार मिमसर दश म सात वरष तो बहतायत की उपज क होग 30 उनक पशचात सात वरष अकाल क आयग और सार मिमसर दश म लोग इस सारी उपज को भल जायग और

अकाल स दश का नाश होगा 31 और सकाल ( बहतायत की उपज) दश म फिर fमरण न रहगा $योफिक अकाल अतयनत भयकर होगा 32 और फिरौन न जो यह fवपन दो बार दा ह इसका भद यही ह फिक यह बात परमशवर की ओर स फिनयकत हो

चकी ह और परमशवर इस शीघर ही परा करगा 33 इसलिलय अब फिरौन फिकसी समझदार और बजिyमान पररष को ढढ़ करक उस मिमसर दश पर परधानमतरीठहराए 34 फिरौन यह कर फिक दश पर अमिधकारिरयो को फिनयकत कर और जब तक सकाल क सात वरष रह तब तक

वह मिमसर दश की उपज का पचमाश लिलया कर 35 और व इन अचछ वरषz म सब परकार की भोजन वfत इकटठा कर और नगर नगर म भणडार घर भोजन क

लिलय फिरौन क वश म करक उसकी रकषा कर 36 और वह भोजनवfत अकाल क उन सात वरषz क लिलय जो मिमसर दश म आएग दश क भोजन क फिनमिम

री रह जिजस स दश उस अकाल स fतयानाश न हो जाए 37 यह बात फिरौन और उसक सार कमचारिरयो को अचछी लगी 38 सो फिरौन न अपन कमचारिरयोस कहा फिक $या हम को ऐसा पररष जसा यह ह जिजस म परमशवर का

आतमा रहता ह मिमल सकता ह 39 फिर फिरौन न यस स कहा परमशवर न जो तझ इतना जञान दिदया ह फिक तर तलय कोई समझदार और

बजिyमान नही 40 इस कारण त मर घर का अमिधकारी होगा और तरी आजञा क अनसार मरी सारी परजा चलगी कवल

राजगददी क फिवरषय म तझ स बड़ा ठहरगा 41 फिर फिरौन न यस स कहा सन म तझ को मिमसर क सार दश क ऊपर अमिधकारी ठहरा दता ह 42 तब फिरौन न अपन हाथ स अगठी फिनकाल क यस क हाथ म पफिहना दी और उसको बदिढय़ा मलमल क

वfतर पफिहनवा दिदए और उसक गल म सोन की जजीर डाल दी 43 और उसको अपन दसर रथ पर चढ़वाया और लोग उसक आग आग यह परचार करत चल फिक घNन

Nककर दणडवत करो और उसन उसको मिमसर क सार दश क ऊपर परधान मतरी ठहराया 44 फिर फिरौन न यस स कहा फिरौन तो म ह और सार मिमसर दश म कोई भी तरी आजञा क फिबना हाथ

पाव न फिहलाएगा 45 और फिरौन न यस का नाम सापन तपानह रा और ओन नगर क याजक पोतीपरा की बNी आसनत स

उसका बयाह करा दिदया और यस मिमसर क सार दश म दौरा करन लगा 46 जब यस मिमसर क राजा फिरौन क समम ड़ा हआ तब वह तीस वरष का था सो वह फिरौन क

समम स फिनकलकर मिमसर क सार दश म दौरा करन लगा 47 सकाल क सातो वरषzम भमिम बहतायत स अनन उपजाती रही 48 और यस उन सातो वरषz म सब परकार की भोजनवfतए जो मिमसर दश म होती थी जमा करक नगरो म

रता गया और हर एक नगर क चारो ओर क तो की भोजनवfतओ को वह उसी नगर म इकटठा करतागया 49 सो यस न अनन को समदर की बाल क समान अतयनत बहतायत स रालिश रालिश करक रा यहा तक फिक

उसन उनका फिगनना छोड़ दिदया $योफिक व असखय हो गई 50 अकाल क परथम वरष क आन स पफिहल यस क दो पतर ओन क याजक पोतीपरा की बNी आसनत सजनम 51 और यस न अपन जठ का नाम यह कहक मनशश रा फिक परमशवर न मझ स सारा $लश और मर

फिपता का सारा घराना भला दिदया ह 52 और दसर का नाम उसन यह कहकर एपरम रा फिक मझ द भोगन क दश म परमशवर न लाया

लाया ह 53 और मिमसर दश क सकाल क व सात वरष समापत हो गए

54 और यस क कहन क अनसार सात वरषz क लिलय अकाल आरमभ हो गया और सब दशो म अकाल पड़न लगा परनत सार मिमसर दश म अनन था 55 जब मिमसर का सारा दश भो मरन लगा तब परजा फिरोन स लिचलला लिचललाकर रोNी मागन लगी और वह

सब मिमततिसरयो स कहा करता था यस क पास जाओ और जो कछ वह तम स कह वही करो 56 सो जब अकाल सारी पथवी पर ल गया और मिमसर दश म काल का भयकर रप हो गया तब यस सब

भणडारो को ोल ोल क मिमततिसरयो क हाथ अनन बचन लगा 57 सो सारी पथवी क लोग मिमसर म अनन मोल लन क लिलय यस क पास आन लग $योफिक सारी पथवी पर

भयकर अकाल था

अधयाय४२

01 जब याकब न सना फिक मिमसर म अनन ह तब उसन अपन पतरो स कहा तम एक दसर का मह $यो द रहहो 02 फिर उसन कहा म न सना ह फिक मिमसर म अनन ह इसलिलय तम लोग वहा जा कर हमार लिलय अनन मोल लआओ जिजस स हम न मर वरन जीफिवत रह 03 सो यस क दस भाई अनन मोल लन क लिलय मिमसर को गए 04 पर यस क भाई फिबनयामीन को याकब न यह सोचकर भाइयो क साथ न भजा फिक कही ऐसा न हो फिक

उस पर कोई फिवपतति आ पड़ 05 सो जो लोग अनन मोल लन आए उनक साथ इसराएल क पतर भी आए $योफिक कनान दश म भी भारी

अकाल था 06 यस तो मिमसर दश का अमिधकारी था और उस दश क सब लोगो क हाथ वही अनन बचता था इसलिलय

जब यस क भाई आए तब भमिम पर मह क बल फिगर क दणडवत फिकया 07 उन को दकर यस न पफिहचान तो लिलया परनत उनक सामहन भोला बनक कठोरता क साथ उन सपछा तम कहा स आत हो उनहोन कहा हम तो कनान दश स अनन मोल लन क लिलय आए ह 08 यस न तो अपन भाइयो को पफिहचान लिलया परनत उनहोन उसको न पफिहचाना 09 तब यस अपन उन fवपनो को fमरण करक जो उसन उनक फिवरषय म द थ उन स कहन लगा तम

भदिदए हो इस दश की ददशा को दन क लिलय आए हो 10 उनहोन उसस कहा नही नही ह परभ तर दास भोजनवfत मोल लन क लिलय आए ह 11 हम सब एक ही फिपता क पतर ह हम सीध मनषय ह तर दास भदिदए नही 12 उसन उन स कहा नही नही तम इस दश की ददशा दन ही को आए हो 13 उनहोन कहा हम तर दास बारह भाई ह और कनान दशवासी एक ही पररष क पतर ह और छोNा इस

समय हमार फिपता क पास ह और एक जाता रहा 14 तब यस न उन स कहा म न तो तम स कह दिदया फिक तम भदिदए हो 15 सो इसी रीफित स तम पर जाओग फिरौन क जीवन की शपथ जब तक तमहारा छोNा भाई यहा न आए

तब तक तम यहा स न फिनकलन पाओग 16 सो अपन म स एक को भज दो फिक वह तमहार भाई को ल आए और तम लोग बनधवाई म रहोग इस

परकार तमहारी बात परी जाएगी फिक तम म सचचाई ह फिक नही यदिद सचच न ठहर तब तो फिरौन क जीवन की शपथ तम फिनशचय ही भदिदए समझ जाओग

17 तब उसन उन को तीन दिदन तक बनदीगह म रा 18 तीसर दिदन यस न उन स कहा एक काम करो तब जीफिवत रहोग $योफिक म परमशवर का भय मानता ह 19 यदिद तम सीध मनषय हो तो तम सब भाइयो म स एक जन इस बनदीगह म बनधआ रह और तम अपन

घर वालो की भ बझान क लिलय अनन ल जाओ 20 और अपन छोN भाई को मर पास ल आओ इस परकार तमहारी बात सचची ठहरगी और तम मार डाल न

जाओग तब उनहोन वसा ही फिकया

21 उनहोन आपस म कहा फिन fनदह हम अपन भाई क फिवरषय म दोरषी ह $योफिक जब उसन हम स फिगड़फिगड़ा क फिबनती की तौभी हम न यह दकर फिक उसका जीवन कस सकN म पड़ा ह उसकी न सनी इसी कारण हम भी अब इस सकN म पड़ ह

22 रबन न उन स कहा $या म न तम स न कहा था फिक लड़क क अपराधी मत बनो परनत तम न न सना दो अब उसक लोह का पलNा दिदया जाता ह 23 यस की और उनकी बातचीत जो एक दभाफिरषया क दवारा होती थी इस स उन को मालम न हआ फिक वह

उनकी बोली समझता ह 24 तब वह उनक पास स हNकर रोन लगा फिर उनक पास लौNकर और उन स बातचीत करक उन म स

लिशमोन को छाN फिनकाला और उसक सामहन बनधआ रा 25 तब यस न आजञा दी फिक उनक बोर अनन स भरो और एक एक जन क बोर म उसक रपय को भी रदो फिर उन को माग क लिलय सीधा दो सो उनक साथ ऐसा ही फिकया गया 26 तब व अपना अनन अपन गदहो पर लादकर वहा स चल दिदए 27 सराय म जब एक न अपन गदह को चारा दन क लिलय अपना बोरा ोला तब उसका रपया बोर क मोहड़

पर रा हआ दिदलाई पड़ा 28 तब उसन अपन भाइयो स कहा मरा रपया तो र दिदया गया ह दो वह मर बोर म ह तब उनक जी म जी न रहा और व एक दसर की और भय स ताकन लग और बोल परमशवर न यह हम स $या फिकया ह

29 और व कनान दश म अपन फिपता याकब क पास आए और अपना सारा वानत उसस इस परकार वणनफिकया 30 फिक जो पररष उस दश का fवामी ह उसन हम स कठोरता क साथ बात की और हम को दश क भदिदएकहा 31 तब हम न उसस कहा हम सीध लोग ह भदिदए नही 32 हम बारह भाई एक ही फिपता क पतर ह एक तो जाता रहा परनत छोNा इस समय कनान दश म हमार फिपता

क पास ह 33 तब उस पररष न जो उस दश का fवामी ह हम स कहा इस स मालम हो जाएगा फिक तम सीध मनषयहो तम अपन म स एक को मर पास छोड़ क अपन घर वालो की भ बझान क लिलय कछ ल जाओ 34 और अपन छोN भाई को मर पास ल आओ तब मझ फिवशवास हो जाएगा फिक तम भदिदए नही सीध लोग

हो फिर म तमहार भाई को तमह सौप दगा और तम इस दश म लन दन कर सकोग 35 यह कहकर व अपन अपन बोर स अनन फिनकालन लग तब $या दा फिक एक एक जन क रपय की

थली उसी क बोर म री ह तब रपय की थलिलयो को दकर व और उनका फिपता बहत डर गए 36 तब उनक फिपता याकब न उन स कहा मझ को तम न फिनव^श कर दिदया दो यस नही रहा और

लिशमोन भी नही आया और अब तम फिबनयामीन को भी ल जाना चाहत हो य सब फिवपततिया मर ऊपर आ पड़ीह 37 रबन न अपन फिपता स कहा यदिद म उसको तर पास न लाऊ तो मर दोनो पतरो को मार डालना त उसको

मर हाथ म सौप द म उस तर पास फिर पहचा दगा 38 उसन कहा मरा पतर तमहार सग न जाएगा $योफिक उसका भाई मर गया ह और वह अब अकला रह गया

इसलिलय जिजस माग स तम जाओग उस म यदिद उस पर कोई फिवपतति आ पड़ तब तो तमहार कारण म इस बढ़ाप की अवसथा म शोक क साथ अधोलोक म उतर जाऊगा

अधयाय४३

01 और अकाल दश म और भी भयकर होता गया 02 जब वह अनन जो व मिमसर स ल आए थ समापत हो गया तब उनक फिपता न उन स कहा फिर जा कर हमार

लिलय थोड़ी सी भोजनवfत मोल ल आओ 03 तब यहदा न उसस कहा उस पररष न हम को लिचतावनी दकर कहा फिक यदिद तमहारा भाई तमहार सग न

आए तो तम मर समम न आन पाओग 04 इसलिलय यदिद त हमार भाई को हमार सग भज तब तो हम जा कर तर लिलय भोजनवfत मोल ल आएग 05 परनत यदिद त उसको न भज तो हम न जाएग $योफिक उस पररष न हम स कहा फिक यदिद तमहारा भाई

तमहार सग न हो तो तम मर समम न आन पाओग 06 तब इसराएल न कहा तम न उस पररष को यह बताकर फिक हमारा एक और भाई ह $यो मझ स बरा

बताव फिकया 07 उनहोन कहा जब उस पररष न हमारी और हमार कNमबिमबयो की दशा को इस रीफित पछा फिक $या तमहारा

फिपता अब तक जीफिवत ह $या तमहार कोई और भाई भी ह तब हम न इन परशनो क अनसार उसस वणनफिकया फिर हम $या जानत थ फिक वह कहगा फिक अपन भाई को यहा ल आओ 08 फिर यहदा न अपन फिपता इसराएल स कहा उस लड़क को मर सग भज द फिक हम चल जाए इस स हम

और त और हमार बालबचच मरन न पाएग वरन जीफिवत रहग 09 म उसका जामिमन होता ह मर ही हाथ स त उसको र लना यदिद म उसको तर पास पहचाकर सामहन न

ड़ाकर द तब तो म सदा क लिलय तरा अपराधी ठहरगा 10 यदिद हम लोग फिवलमब न करत तो अब तब दसरी बार लौN आत 11 तब उनक फिपता इसराएल न उन स कहा यदिद सचमच ऐसी ही बात ह तो यह करो इस दश की उम

उम वfतओ म स कछ कछ अपन बोरो म उस पररष क लिलय भN ल जाओ जस थोड़ा सा बलसान और थोड़ा सा मध और कछ सगनध दरवय और गनधरस फिपfत और बादाम

12 फिर अपन अपन साथ दना रपया ल जाओ और जो रपया तमहार बोरो क मह पर रकर र दिदया गया था उसको भी लत जाओ कदालिचत यह भल स हआ हो 13 और अपन भाई को भी सग ल कर उस पररष क पास फिर जाओ 14 और सवशलिकतमान ईशवर उस पररष को तम पर दयाल करगा जिजस स फिक वह तमहार दसर भाई को और

फिबनयामीन को भी आन द और यदिद म फिनवश हआ तो होन दो 15 तब उन मनषयो न वह भN और दना रपया और फिबनयामीन को भी सग लिलया और चल दिदए और मिमसर म पहचकर यस क सामहन ड़ हए

16 उनक साथ फिबनयामीन को दकर यस न अपन घर क अमिधकारी स कहा उन मनषयो को घर म पहचादो और पश मारक भोजन तयार करो $योफिक व लोग दोपहर को मर सग भोजन करग 17 तब वह अमिधकारी पररष यस क कहन क अनसार उन पररषो को यस क घर म ल गया 18 जब व यस क घर को पहचाए गए तब व आपस म डर कर कहन लग फिक जो रपया पफिहली बार हमार

बोरो म र दिदया गया था उसी क कारण हम भीतर पहचाए गए ह जिजस स फिक वह पररष हम पर NN पड़ और हम वश म करक अपन दास बनाए और हमार गदहो को भी छीन ल

19 तब व यस क घर क अमिधकारी क फिनकN जा कर घर क दवार पर इस परकार कहन लग 20 फिक ह हमार परभ जब हम पफिहली बार अनन मोल लन को आए थ 21 तब हम न सराय म पहचकर अपन बोरो को ोला तो $या दा फिक एक एक जन का परा परा रपया

उसक बोर क मह म रा ह इसलिलय हम उसको अपन साथ फिर लत आए ह 22 और दसरा रपया भी भोजनवfत मोल लन क लिलय लाए ह हम नही जानत फिक हमारा रपया हमार बोरो म फिकस न र दिदया था

23 उसन कहा तमहारा कशल हो मत डरो तमहारा परमशवर जो तमहार फिपता का भी परमशवर ह उसी न तम को तमहार बोरो म धन दिदया होगा तमहारा रपया तो मझ को मिमल गया था फिर उसन लिशमोन को फिनकाल कर

उनक सग कर दिदया 24 तब उस जन न उन मनषयो को यस क घर म ल जा कर जल दिदया तब उनहोन अपन पावो को धोया

फिर उसन उनक गदहो क लिलय चारा दिदया 25 तब यह सनकर फिक आज हम को यही भोजन करना होगा उनहोन यस क आन क समय तक अथात

दोपहर तक उस भN को इकटठा कर रा 26 जब यस घर आया तब व उस भN को जो उनक हाथ म थी उसक समम घर म ल गए और भमिम पर

फिगरकर उसको दणडवत फिकया 27 उसन उनका कशल पछा और कहा $या तमहारा बढ़ा फिपता जिजसकी तम न चचा की थी कशल स ह

$या वह अब तक जीफिवत ह 28 उनहोन कहा हा तरा दास हमारा फिपता कशल स ह और अब तक जीफिवत ह तब उनहोन लिसर झका कर

फिर दणडवत फिकया 29 तब उसन आ उठा कर और अपन सग भाई फिबनयामीन को दकर पछा $या तमहारा वह छोNा भाई

जिजसकी चचा तम न मझ स की थी यही ह फिर उसन कहा ह मर पतर परमशवर तझ पर अनगरह कर 30 तब अपन भाई क fनह स मन भर आन क कारण और यह सोचकर फिक म कहा जा कर रोऊ यस

त स अपनी कोठरी म गया और वहा रो पड़ा 31 फिर अपना मह धोकर फिनकल आया और अपन को शात कर कहा भोजन परोसो 32 तब उनहोन उसक लिलय तो अलग और भाइयो क लिलय भी अलग और जो मिमसरी उसक सग ात थ

उनक लिलय भी अलग भोजन परोसा इसलिलय फिक मिमसरी इफिबरयो क साथ भोजन नही कर सकत वरन मिमसरी ऐसा करना घणा समझत थ

33 सो यस क भाई उसक सामहन बड़ बड़ पफिहल और छोN छोN पीछ अपनी अपनी अवसथा क अनसार करम स बठाए गए यह द व फिवसमिfमत हो कर एक दसर की ओर दन लग

34 तब यस अपन सामहन स भोजन- वfतए उठा उठाक उनक पास भजन लगा और फिबनयामीन को अपन भाइयो स पचगणी अमिधक भोजनवfत मिमली और उनहोन उसक सग मनमाना ाया फिपया

अधयाय४४

01 तब उसन अपन घर क अमिधकारी को आजञा दी फिक इन मनषयो क बोरो म जिजतनी भोजनवfत समा सक उतनी भर द और एक एक जन क रपय को उसक बोर क मह पर र द

02 और मरा चादी का कNोरा छोN क बोर क मह पर उसक अनन क रपय क साथ र द यस की इस आजञा क अनसार उसन फिकया

03 फिबहान को भोर होत ही व मनषय अपन गदहो समत फिवदा फिकए गए 04 व नगर स फिनकल ही थ और दर न जान पाए थ फिक यस न अपन घर क अमिधकारी स कहा उन

मनषयो का पीछा कर और उन को पाकर उन स कह फिक तम न भलाई की सनती बराई $यो की ह 05 $या यह वह वfत नही जिजस म मरा fवामी पीता ह और जिजस स वह शकन भी फिवचारा करता ह तम न

यह जो फिकया ह सो बरा फिकया 06 तब उसन उनह जा लिलया और ऐसी ही बात उन स कही 07 उनहोन उसस कहा ह हमार परभ त ऐसी बात $यो कहता ह ऐसा काम करना तर दासो स दर रह 08 द जो रपया हमार बोरोक मह पर फिनकला था जब हम न उसको कनान दश स ल आकर तझ रदिदया तब भला तर fवामी क घर म स हम कोई चादी वा सोन की वfत $योकर चरा सकत ह 09 तर दासो म स जिजस फिकसी क पास वह फिनकल वह मार डाला जाए और हम भी अपन उस परभ क दास

जो जाए 10 उसन कहा तमहारा ही कहना सही जिजसक पास वह फिनकल सो मरा दास होगा और तम लोग फिनरपराधठहरोग 11 इस पर व त स अपन अपन बोर को उतार भमिम पर रकर उनह ोलन लग 12 तब वह ढढ़न लगा और बड़ क बोर स लकर छोN क बोर तक ोज की और कNोरा फिबनयामीन क बोर म मिमला 13 तब उनहोन अपन अपन वfतर ाड़ और अपना अपना गदहा लादकर नगर को लौN गए 14 जब यहदा और उसक भाई यस क घर पर पहच और यस वही था तब व उसक सामहन भमिम परफिगर 15 यस न उन स कहा तम लोगो न यह कसा काम फिकया ह $या तम न जानत थ फिक मझ सा मनषय

शकन फिवचार सकता ह 16 यहदा न कहा हम लोग अपन परभ स $या कह हम $या कहकर अपन को फिनदरषी ठहराए परमशवर न

तर दासो क अधम को पकड़ लिलया ह हम और जिजसक पास कNोरा फिनकला वह भी हम सब क सब अपन परभ क दास ही ह

17 उसन कहा ऐसा करना मझ स दर रह जिजस जन क पास कNोरा फिनकला ह वही मरा दास होगा और तम लोग अपन फिपता क पास कशल कषम स चल जाओ

18 तब यहदा उसक पास जा कर कहन लगा ह मर परभ तर दास को अपन परभ स एक बात कहन की आजञा हो और तरा कोप तर दास पर न भड़क त तो फिरौन क तलय ह 19 मर परभ न अपन दासो स पछा था फिक $या तमहार फिपता वा भाई ह 20 और हम न अपन परभ स कहा हा हमारा बढ़ा फिपता तो ह और उसक बढ़ाप का एक छोNा सा बालक भी ह परनत उसका भाई मर गया ह इसलिलय वह अब अपनी माता का अकला ही रह गया ह और उसका फिपता

उसस fनह रता ह 21 तब त न अपन दासो स कहा था फिक उसको मर पास ल आओ जिजस स म उसको द 22 तब हम न अपन परभ स कहा था फिक वह लड़का अपन फिपता को नही छोड़ सकता नही तो उसका फिपता

मर जाएगा 23 और त न अपन दासो स कहा यदिद तमहारा छोNा भाई तमहार सग न आए तो तम मर समम फिर न आन पाओग 24 सो जब हम अपन फिपता तर दास क पास गए तब हम न उसस अपन परभ की बात कही 25 तब हमार फिपता न कहा फिर जा कर हमार लिलय थोड़ी सी भोजनवfत मोल ल आओ 26 हम न कहा हम नही जा सकत हा यदिद हमारा छोNा भाई हमार सग रह तब हम जाएग $योफिक यदिद

हमारा छोNा भाई हमार सग न रह तो उस पररष क समम न जान पाएग 27 तब तर दास मर फिपता न हम स कहा तम तो जानत हो फिक मरी fतरी स दो पतर उतपनन हए 28 और उन म स एक तो मझ छोड़ ही गया और म न फिनशचय कर लिलया फिक वह ाड़ डाला गया होगा और

तब स म उसका मह न द पाया 29 सो यदिद तम इस को भी मरी आ की आड़ म ल जाओ और कोई फिवपतति इस पर पड़ तो तमहार कारण म इस प$क बाल की अवसथा म द क साथ अधोलोक म उतर जाऊगा

30 सो जब म अपन फिपता तर दास क पास पहच और यह लड़का सग न रह तब उसका पराण जो इसी पर अNका रहता ह

31 इस कारण यह दक फिक लड़का नही ह वह तरनत ही मर जाएगा तब तर दासो क कारण तरा दास हमारा फिपता जो प$क बालो की अवसथा का ह शोक क साथ अधोलोक म उतर जाएगा

32 फिर तरा दास अपन फिपता क यहा यह कहक इस लड़क का जामिमन हआ ह फिक यदिद म इस को तर पास न पहचा द तब तो म सदा क लिलय तरा अपराधी ठहरगा

33 सो अब तरा दास इस लड़क की सनती अपन परभ का दास हो कर रहन की आजञा पाए और यह लड़का अपन भाइयो क सग जान दिदया जाए

34 $योफिक लड़क क फिबना सग रह म $योकर अपन फिपता क पास जा सकगा ऐसा न हो फिक मर फिपता पर जोद पड़गा वह मझ दना पड़

अधयाय४५

01 तब यस उन सब क सामहन जो उसक आस पास ड़ थ अपन को और रोक न सका और पकार ककहा मर आस पास स सब लोगो को बाहर कर दो भाइयो क सामहन अपन को परगN करन क समय यस क

सग और कोई न रहा 02 तब वह लिचलला लिचललाकर रोन लगा और मिमततिसरयो न सना और फिरौन क घर क लोगो को भी इसका

समाचार मिमला 03 तब यस अपन भाइयो स कहन लगा म यस ह $या मरा फिपता अब तब जीफिवत ह इसका उर

उसक भाई न द सक $योफिक व उसक सामहन घबरा गए थ

04 फिर यस न अपन भाइयो स कहा मर फिनकN आओ यह सनकर व फिनकN गए फिर उसन कहा म तमहारा भाई यस ह जिजस को तम न मिमसर आनहारो क हाथ बच डाला था

05 अब तम लोग मत पछताओ और तम न जो मझ यहा बच डाला इस स उदास मत हो $योफिक परमशवर न तमहार पराणो को बचान क लिलय मझ आग स भज दिदया ह

06 $योफिक अब दो वरष स इस दश म अकाल ह और अब पाच वरष और ऐस ही होग फिक उन म न तो हल चलगा और न अनन काNा जाएगा

07 सो परमशवर न मझ तमहार आग इसी लिलय भजा फिक तम पथवी पर जीफिवत रहो और तमहार पराणो क बचन स तमहारा वश बढ़

08 इस रीफित अब मझ को यहा पर भजन वाल तम नही परमशवर ही ठहरा और उसी न मझ फिरौन का फिपतासा और उसक सार घर का fवामी और सार मिमसर दश का परभ ठहरा दिदया ह 09 सो शीघर मर फिपता क पास जा कर कहो तरा पतर यस इस परकार कहता ह फिक परमशवर न मझ सार

मिमसर का fवामी ठहराया ह इसलिलय त मर पास फिबना फिवलमब फिकए चला आ 10 और तरा फिनवास गोशन दश म होगा और त बN पोतो भड़-बकरिरयो गाय-बलो और अपन सब कछ

समत मर फिनकN रहगा 11 और अकाल क जो पाच वरष और होग उन म म वही तरा पालन पोरषण करगा ऐसा न हो फिक त और

तरा घराना वरन जिजतन तर ह सो भो मर 12 और तम अपनी आो स दत हो और मरा भाई फिबनयामीन भी अपनी आो स दता ह फिक जो हम

स बात कर रहा ह सो यस ह 13 और तम मर सब वभव का जो मिमसर म ह और जो कछ तम न दा ह उस सब को मर फिपता स वणनकरना और तरनत मर फिपता को यहा ल आना 14 और वह अपन भाई फिबनयामीन क गल स लिलपN कर रोया और फिबनयामीन भी उसक गल स लिलपN कररोया 15 तब वह अपन सब भाइयो को चम कर उन स मिमल कर रोया और इसक पशचात उसक भाई उसस बात

करन लग 16 इस बात की चचा फिक यस क भाई आए ह फिरौन क भवन तब पहच गई और इस स फिरौन और

उसक कमचारी परसनन हए 17 सो फिरौन न यस स कहा अपन भाइयो स कह फिक एक काम करो अपन पशओ को लादकर कनान

दश म चल जाओ 18 और अपन फिपता और अपन अपन घर क लोगो को ल कर मर पास आओ और मिमसर दश म जो कछ

अचछ स अचछा ह वह म तमह दगा और तमह दश क उम स उम पदाथ ान को मिमलग 19 और तझ आजञा मिमली ह तम एक काम करो फिक मिमसर दश स अपन बालबचचो और मबिfतरयो क लिलय

गाफिडया ल जाओ और अपन फिपता को ल आओ 20 और अपनी सामगरी का मोह न करना $योफिक सार मिमसर दश म जो कछ अचछ स अचछा ह सो तमहारा ह 21 और इसराएल क पतरो न वसा ही फिकया और यस न फिरौन की मान क उनह गाफिडया दी और माग क

लिलय सीधा भी दिदया 22 उन म स एक एक जन को तो उसन एक एक जोड़ा वfतर भी दिदया और फिबनयामीन को तीन सौ रप क

Nकड़ और पाच जोड़ वfतर दिदए 23 और अपन फिपता क पास उसन जो भजा वह यह ह अथात मिमसर की अचछी वfतओ स लद हए दस गदह

और अनन और रोNी और उसक फिपता क माग क लिलय भोजनवfत स लदी हई दस गदफिहया 24 और उसन अपन भाइयो को फिवदा फिकया और व चल दिदए और उसन उन स कहा माग म कही झगड़ा नकरना 25 मिमसर स चलकर व कनान दश म अपन फिपता याकब क पास पहच 26 और उसस यह वणन फिकया फिक यस अब तक जीफिवत ह और सार मिमसर दश पर परभता वही करता ह

पर उसन उनकी परतीफित न की और वह अपन आप म न रहा 27 तब उनहोन अपन फिपता याकब स यस की सारी बात जो उसन उन स कही थी कह दी जब उसन उन

गाफिडय़ो को दा जो यस न उसक ल आन क लिलय भजी थी तब उसका लिच तततिसथर हो गया

28 और इसराएल न कहा बस मरा पतर यस अब तक जीफिवत ह म अपनी मतय स पफिहल जा कर उसकोदगा

अधयाय४६

01 तब इसराएल अपना सब कछ ल कर कच करक बशबा को गया और वहा अपन फिपता इसहाक क परमशवर को बलिलदान चढ़ाए

02 तब परमशवर न इसराएल स रात को दशन म कहा ह याकब ह याकब उसन कहा $या आजञा 03 उसन कहा म ईशवर तर फिपता का परमशवर ह त मिमसर म जान स मत डर $योफिक म तझ स वहा एक बड़ी

जाफित बनाऊगा 04 म तर सग सग मिमसर को चलता ह और म तझ वहा स फिर फिनशचय ल आऊगा और यस अपना हाथ

तरी आो पर लगाएगा 05 तब याकब बशबा स चला और इसराएल क पतर अपन फिपता याकब और अपन बाल-बचचो और मबिfतरयो

को उन गाफिडय़ो पर जो फिरौन न उनक ल आन को भजी थी चढ़ाकर चल पड़ 06 और व अपनी भड़-बकरी गाय-बल और कनान दश म अपन इकटठा फिकए हए सार धन को ल कर मिमसर म आए 07 और याकब अपन बN-बदिNयो पोत-पोफितयो फिनदान अपन वश भर को अपन सग मिमसर म ल आया 08 याकब क साथ जो इसराएली अथात उसक बN पोत आदिद मिमसर म आए उनक नाम य ह याकब का

जठा तो रबन था 09 और रबन क पतर हनोक पलल हसरोन और कमम थ 10 और लिशमोन क पतर यमएल यामीन ओहद याकीन सोहर और एक कनानी fतरी स जनमा हआ शाऊल

भी था 11 और लवी क पतर गशन कहात और मरारी थ 12 और यहदा क एर ओनान शला परस और जरह नाम पतर हए तो थ पर एर और ओनान कनान दश म

मर गए थ और परस क पतर हfतरोन और हामल थ 13 और इfसाकार क पतर तोला पबबा योब और लिशमरोन थ 14 और जबलन क पतर सरद एलोन और यहलल थ 15 लिलआ क पतर जो याकब स पददनराम म उतपनन हए थ उनक बN पोत य ही थ और इन स अमिधक उसन

उसक साथ एक बNी दीना को भी जनम दिदया यहा तक तो याकब क सब वश वाल ततीस पराणी हए 16 फिर गाद क पतर लिसययोन हागगी शनी एसबोन एरी अरोदी और अरली थ 17 और आशर क पतर मियमना मियशवा मियfतरी और बरीआ थ और उनकी बफिहन सरह थी और बरीआ कपतर हबर और मलकीएल थ 18 जिजलपा जिजस लाबान न अपनी बNी लिलआ को दिदया था उसक बN पोत आदिद य ही थ सो उसक दवारा

याकब क सोलह पराणी उतपनन हए 19 फिर याकब की पतनी राहल क पतर यस और फिबनयामीन थ 20 और मिमसर दश म ओन क याजक पोतीपरा की बNी आसनत स यस क य पतर उतपनन हए अथात मनशश

और एपरम 21 और फिबनयामीन क पतर बला बकर अशबल गरा नामान एही रोश मपपीम हपपीम और आद थ 22 राहल क पतर जो याकब स उतपनन हए उनक य ही पतर थ उसक य सब बN पोत चौदह पराणी हए 23 फिर दान का पतर हशीम था 24 और नपताली क पतर यहसल गनी ससर और लिशललम थ 25 फिबलहा जिजस लाबान न अपनी बNी राहल को दिदया उस क बN पोत य ही ह उसक दवारा याकब क वश म

सात पराणी हए 26 याकब क फिनज वश क जो पराणी मिमसर म आए व उसकी बहओ को छोड़ सब मिमलकर लिछयासठ पराणी

हए 27 और यस क पतर जो मिमसर म उसस उतपनन हए व दो पराणी थ इस परकार याकब क घरान क जो पराणी

मिमसर म आए सो सब मिमलकर सर हए 28 फिर उसन यहदा को अपन आग यस क पास भज दिदया फिक वह उसको गोशन का माग दिदाए और व

गोशन दश म आए 29 तब यस अपना रथ जतवाकर अपन फिपता इसराएल स भN करन क लिलय गोशन दश को गया और उसस

भN करक उसक गल स लिलपNा और कछ दर तक उसक गल स लिलपNा हआ रोता रहा 30 तब इसराएल न यस स कहा म अब मरन स भी परसनन ह $योफिक तझ जीफिवत पाया और तरा मह दलिलया 31 तब यस न अपन भाइयो स और अपन फिपता क घरान स कहा म जा कर फिरौन को यह समाचार दगा

फिक मर भाई और मर फिपता क सार घरान क लोग जो कनान दश म रहत थ व मर पास आ गए ह 32 और व लोग चरवाह ह $योफिक व पशओ को पालत आए ह इसलिलय व अपनी भड़-बकरी गाय-बल और

जो कछ उनका ह सब ल आए ह 33 जब फिरौन तम को बलाक पछ फिक तमहारा उदयम $या ह 34 तब यह कहना फिक तर दास लड़कपन स ल कर आज तक पशओ को पालत आए ह वरन हमार परा भी

ऐसा ही करत थ इस स तम गोशन दश म रहन पाओग $योफिक सब चरवाहो स मिमसरी लोग घणा करत ह

अधयाय४७

01 तब यस न फिरौन क पास जा कर यह समाचार दिदया फिक मरा फिपता और मर भाई और उनकी भड़-बकरिरया गाय- बल और जो कछ उनका ह सब कनान दश स आ गया ह और अभी तो व गोशन दश म ह 02 फिर उसन अपन भाइयो म स पाच जन ल कर फिरौन क सामहन ड़ कर दिदए 03 फिरौन न उसक भाइयो स पछा तमहारा उदयम $या ह उनहोन फिरौन स कहा तर दास चरवाह ह और

हमार परा भी ऐस ही रह 04 फिर उनहोन फिरौन स कहा हम इस दश म परदशी की भाफित रहन क लिलय आए ह $योफिक कनान दश म

भारी अकाल होन क कारण तर दासो को भड़- बकरिरयो क लिलय चारा न रहा सो अपन दासो को गोशन दश म रहन की आजञा द

05 तब फिरौन न यस स कहा तरा फिपता और तर भाई तर पास आ गए ह 06 और मिमसर दश तर सामहन पड़ा ह इस दश का जो सब स अचछा भाग हो उस म अपन फिपता और भाइयो

को बसा द अथात व गोशन ही दश म रह और यदिद त जानता हो फिक उन म स परिरशरमी पररष ह तो उनह मर पशओ क अमिधकारी ठहरा द

07 तब यस न अपन फिपता याकब को ल आकर फिरौन क समम ड़ा फिकया और याकब न फिरौन को आशीवाद दिदया

08 तब फिरौन न याकब स पछा तरी अवसथा फिकतन दिदन की हई ह 09 याकब न फिरौन स कहा म तो एक सौ तीस वरष परदशी हो कर अपना जीवन बीता चका ह मर जीवन

क दिदन थोड़ और द स भर हए भी थ और मर बापदाद परदशी हो कर जिजतन दिदन तक जीफिवत रह उतन दिदन का म अभी नही हआ

10 और याकब फिरौन को आशीवाद दकर उसक समम स चला गया 11 तब यस न अपन फिपता और भाइयो को बसा दिदया और फिरौन की आजञा क अनसार मिमसर दश क अचछ

स अचछ भाग म अथात रामसस नाम दश म भमिम दकर उन को सौप दिदया 12 और यस अपन फिपता का और अपन भाइयो का और फिपता क सार घरान का एक एक क बालबचचो

क घरान की फिगनती क अनसार भोजन दिदला दिदलाकर उनका पालन पोरषण करन लगा

13 और उस सार दश म ान को कछ न रहा $योफिक अकाल बहत भारी था और अकाल क कारण मिमसर और कनान दोनो दश नाश हो गए

14 और जिजतना रपया मिमसर और कनान दश म था सब को यस न उस अनन की सनती जो उनक फिनवासी मोल लत थ इकटठा करक फिरौन क भवन म पहचा दिदया

15 जब मिमसर और कनान दश का रपया चक गया तब सब मिमसरी यस क पास आ आकर कहन लग हम को भोजनवfत द $या हम रपय क न रहन स तर रहत हए मर जाए

16 यस न कहा यदिद रपय न हो तो अपन पश द दो और म उनकी सनती तमह ान को दगा 17 तब व अपन पश यस क पास ल आए और यस उन को घोड़ो भड़-बकरिरयो गाय- बलो और गदहो

की सनती ान को दन लगा उस वरष म वह सब जाफित क पशओ की सनती भोजन दकर उनका पालन पोरषण करता रहा

18 वह वरष तो यो कN गया तब अगल वरष म उनहोन उसक पास आकर कहा हम अपन परभ स यह बात लिछपा न रग फिक हमारा रपया चक गया ह और हमार सब परकार क पश हमार परभ क पास आ चक ह

इसलिलय अब हमार परभ क सामहन हमार शरीर और भमिम छोड़कर और कछ नही रहा 19 हम तर दत $यो मर और हमारी भमिम $यो उजड़ जाए हमको और हमारी भमिम को भोजन वfत की

सनती मोल ल फिक हम अपनी भमिम समत फिरौन क दास हो और हम को बीज द फिक हम मरन न पाए वरन जीफिवत रह और भमिम न उजड़

20 तब यस न मिमसर की सारी भमिम को फिरौन क लिलय मोल लिलया $योफिक उस कदिठन अकाल क पड़न स मिमततिसरयो को अपना अपना त बच डालना पड़ा इस परकार सारी भमिम फिरौन की हो गई

21 और एक छोर स ल कर दसर छोर तक सार मिमसर दश म जो परजा रहती थी उसको उसन नगरो म लाकर बसा दिदया

22 पर याजको की भमिम तो उसन न मोल ली $योफिक याजको क लिलय फिरौन की ओर स फिनतय भोजन का बनदोबfत था और फिनतय जो भोजन फिरौन उन को दता था वही व ात थ इस कारण उन को अपनी भमिम

बचनी न पड़ी 23 तब यस न परजा क लोगो स कहा सनो म न आज क दिदन तम को और तमहारी भमिम को भी फिरौन क

लिलय मोल लिलया ह दो तमहार लिलय यहा बीज ह इस भमिम म बोओ 24 और जो कछ उपज उसका पचमाश फिरौन को दना बाकी चार अश तमहार रहग फिक तम उस अपन तो म बोओ और अपन अपन बालबचचो और घर क और लोगो समत ाया करो

25 उनहोन कहा त न हम को बचा लिलया ह हमार परभ क अनगरह की दमिषट हम पर बनी रह और हम फिरौन क दास हो कर रहग

26 सो यस न मिमसर की भमिम क फिवरषय म ऐसा फिनयम ठहराया जो आज क दिदन तक चला आता ह फिक पचमाश फिरौन को मिमला कर कवल याजको ही की भमिम फिरौन की नही हई

27 और इसराएली मिमसर क गोशन दश म रहन लग और वहा की भमिम को अपन वश म कर लिलया और ल-ल और अतयनत बढ़ गए 28 मिमसर दश म याकब सतरह वरष जीफिवत रहा इस परकार याकब की सारी आय एक सौ सतालीस वरष कीहई 29 जब इसराएल क मरन का दिदन फिनकN आ गया तब उसन अपन पतर यस को बलवाकर कहा यदिद तरा

अनगरह मझ पर हो तो अपना हाथ मरी जाघ क तल रकर शपथ ा फिक म तर साथ कपा और सचचाई का यह काम करगा फिक तझ मिमसर म मिमटटी न दगा

30 जब त अपन बापदादो क सग सो जाएगा तब म तझ मिमसर स उठा ल जा कर उनही क कबरिरfतान मरगा तब यस न कहा म तर वचन क अनसार करगा 31 फिर उसन कहा मझ स शपथ ा सो उसन उसस शपथ ाई तब इसराएल न ाN क लिसरहान की ओर

लिसर झकाया

अधयाय४८

01 इन बातो क पशचात फिकसी न यस स कहा सन तरा फिपता बीमार ह तब वह मनशश और एपरम नाम अपन दोनो पतरो को सग ल कर उसक पास चला

02 और फिकसी न याकब को बता दिदया फिक तरा पतर यस तर पास आ रहा ह तब इसराएल अपन को समभाल कर ाN पर बठ गया

03 और याकब न यस स कहा सवशलिकतमान ईशवर न कनान दश क लज नगर क पास मझ दशन दकर आशीरष दी

04 और कहा सन म तझ ला- लाकर बढ़ाऊगा और तझ राजय राजय की मणडली का मल बनाऊगा और तर पशचात तर वश को यह दश द दगा जिजस स फिक वह सदा तक उनकी फिनज भमिम बनी रह

05 और अब तर दोनो पतर जो मिमसर म मर आन स पफिहल उतपनन हए ह व मर ही ठहरग अथात जिजस रीफित स रबन और लिशमोन मर ह उसी रीफित स एपरम और मनशश भी मर ठहरग

06 और उनक पशचात जो सनतान उतपनन हो वह तर तो ठहरग परनत बNवार क समय व अपन भाइयो ही क वश म फिगन जाएग

07 जब म पददान स आता था तब एपराता पहचन स थोड़ी ही दर पफिहल राहल कनान दश म माग म मर सामहन मर गई और म न उस वही अथात एपराता जो बतलहम भी कहलाता ह उसी क माग म मिमटटी दी

08 तब इसराएल को यस क पतर द पड़ और उसन पछा य कौन ह 09 यस न अपन फिपता स कहा य मर पतर ह जो परमशवर न मझ यहा दिदए ह उसन कहा उन को मर पास

ल आ फिक म उनह आशीवाद द 10 इसराएल की आ बढ़ाप क कारण धनधली हो गई थी यहा तक फिक उस कम सझता था तब यस उनह

उनक पास ल गया और उसन उनह चमकर गल लगा लिलया 11 तब इसराएल न यस स कहा मझ आशा न थी फिक म तरा म फिर दन पाऊगा परनत द परमशवर न मझ तरा वश भी दिदाया ह

12 तब यस न उनह अपन घNनो क बीच स हNाकर और अपन मह क बल भमिम पर फिगर क दणडवत की 13 तब यस न उन दोनो को लकर अथात एपरम को अपन दाफिहन हाथ स फिक वह इसराएल क बाए हाथपड़ और मनशश को अपन बाए हाथ स फिक इसराएल क दाफिहन हाथ पड़ उनह उसक पास ल गया 14 तब इसराएल न अपना दफिहना हाथ बढ़ाकर एपरम क लिसर पर जो छोNा था और अपना बाया हाथ बढ़ाकर

मनशश क लिसर पर र दिदया उसन तो जान बझकर ऐसा फिकया नही तो जठा मनशश ही था 15 फिर उसन यस को आशीवाद दकर कहा परमशवर जिजसक समम मर बापदाद इबराहीम और इसहाक( अपन को जानकर ) चलत थ वही परमशवर मर जनम स ल कर आज क दिदन तक मरा चरवाहा बना ह 16 और वही दत मझ सारी बराई स छड़ाता आया ह वही अब इन लड़को को आशीरष द और य मर और मर

बापदाद इबराहीम और इसहाक क कहलाए और पथवी म बहतायत स बढ़ 17 जब यस न दा फिक मर फिपता न अपना दफिहना हाथ एपरम क लिसर पर रा ह तब यह बात उसको बरीलगी सो उसन अपन फिपता का हाथ इस मनसा स पकड़ लिलया फिक एपरम क लिसर पर स उठा कर मनशश क लिसर

पर र द 18 और यस न अपन फिपता स कहा ह फिपता ऐसा नही $योफिक जठा यही ह अपना दफिहना हाथ इसक लिसर

पर र 19 उसक फिपता न कहा नही सन ह मर पतर म इस बात को भली भाफित जानता ह यदयफिप इस स भी मनषयो

की एक मणडली उतपनन होगी और यह भी महान हो जाएगा तौभी इसका छोNा भाई इस स अमिधक महान होजाएगा और उसक वश स बहत सी जाफितया फिनकलगी 20 फिर उसन उसी दिदन यह कहकर उन को आशीवाद दिदया फिक इसराएली लोग तरा नाम ल ल कर ऐसा

आशीवाद दिदया करग फिक परमशवर तझ एपरम और मनशश क समान बना द और उसन मनशश स पफिहल एपरम का नाम लिलया

21 तब इसराएल न यस स कहा द म तो मरन पर ह परनत परमशवर तम लोगो क सग रहगा और तम को तमहार फिपतरो क दश म फिर पहचा दगा

22 और म तझ को तर भाइयो स अमिधक भमिम का एक भाग दता ह जिजस को म न एमोरिरयो क हाथ स अपनी तलवार और धनरष क बल स ल लिलया ह

अधयाय४९

01 फिर याकब न अपन पतरो को यह कहकर बलाया फिक इकटठ हो जाओ म तम को बताऊगा फिक अनत क दिदनो म तम पर $या $या बीतगा

02 ह याकब क पतरो इकटठ हो कर सनो अपन फिपता इसराएल की ओर कान लगाओ 03 ह रबन त मरा जठा मरा बल और मर पौररष का पफिहला ल ह परफितषठा का उम भाग और शलिकत

का भी उम भाग त ही ह 04 त जो जल की नाई उबलन वाला ह इसलिलय औरो स शरषट न ठहरगा $योफिक त अपन फिपता की ाN परचढ़ा तब त न उसको अशy फिकया वह मर फिबछौन पर चढ़ गया 05 लिशमोन और लवी तो भाई भाई ह उनकी तलवार उपदरव क हलिथयार ह 06 ह मर जीव उनक मम म न पड़ ह मरी मफिहमा उनकी सभा म मत मिमल $योफिक उनहोन कोप स मनषयो

को घात फिकया और अपनी ही इचछा पर चलकर बलो की पछ काNी ह 07 मिध$कार उनक कोप को जो परचणड था और उनक रोरष को जो फिनदय था म उनह याकब म अलग अलग

और इसराएल म फितर फिबर कर दगा 08 ह यहदा तर भाई तरा धनयवाद करग तरा हाथ तर शतरओ की गदन पर पड़गा तर फिपता क पतर तझ

दणडवत करग 09 यहदा सिसह का डावर ह ह मर पतर त अहर करक गा म गया ह वह सिसह वा सिसहनी की नाई दबकर

बठ गया फिर कौन उसको छड़गा 10 जब तक शीलो न आए तब तक न तो यहदा स राजदणड छNगा न उसक वश स वयवसथा दनवाला अलगहोगा और राजय राजय क लोग उसक आधीन हो जाएग 11 वह अपन जवान गदह को दालता म और अपनी गदही क बचच को उम जाफित की दालता म बानधा

करगा उसन अपन वfतर दामध म और अपना पफिहरावा दाो क रस म धोया ह 12 उसकी आ दामध स चमकीली और उसक दात दध स शवत होग 13 जबलन समदर क तीर पर फिनवास करगा वह जहाजो क लिलय बनदरगाह का काम दगा और उसका परला

भाग सीदोन क फिनकN पहचगा 14 इfसाकार एक बड़ा और बलवनत गदहा ह जो पशओ क बाड़ो क बीच म दबका रहता ह 15 उसन एक फिवशरामसथान दकर फिक अचछा ह और एक दश फिक मनोहर ह अपन कनध को बोझ उठान

क लिलय झकाया और बगारी म दास का सा काम करन लगा 16 दान इसराएल का एक गोतर हो कर अपन जाफितभाइयो का नयाय करगा 17 दान माग म का एक साप और राfत म का एक नाग होगा जो घोड़ की नली को डसता ह जिजस स

उसका सवार पछाड़ ाकर फिगर पड़ता ह 18 ह यहोवा म तझी स उyार पान की बाN जोहता आया ह 19 गाद पर एक दल चढ़ाई तो करगा पर वह उसी दल क फिपछल भाग पर छापा मारगा 20 आशर स जो अनन उतपनन होगा वह उम होगा और वह राजा क योगय fवादिदषट भोजन दिदया करगा 21 नपताली एक छNी हई हरिरणी ह वह सनदर बात बोलता ह 22 यस बलवनत लता की एक शाा ह वह सोत क पास लगी हई लवनत लता की एक शाा ह उसकी

डालिलया भीत पर स चढ़कर ल जाती ह 23 धनधारिरयो न उसको दिदत फिकया और उस पर तीर मार और उसक पीछ पड़ ह 24 पर उसका धनरष दढ़ रहा और उसकी बाह और हाथ याकब क उसी शलिकतमान ईशवर क हाथो क दवारा

तल हए जिजसक पास स वह चरवाहा आएगा जो इसराएल का पतथर भी ठहरगा 25 यह तर फिपता क उस ईशवर का काम ह जो तरी सहायता करगा उस सवशलिकतमान को जो तझ ऊपर स

आकाश म की आशीरष और नीच स गफिहर जल म की आशीरष और fतनो और गभ की आशीरष दगा 26 तर फिपता क आशीवाद मर फिपतरो क आशीवाद स अमिधक बढ़ गए ह और सनातन पहाफिडय़ो की मन- चाही

वfतओ की नाई बन रहग व यस क लिसर पर जो अपन भाइयो म स नयारा हआ उसी क लिसर क मकN पर

ल लग 27 फिबनयामीन ाड़नहारा हणडार ह सवर तो वह अहर भकषण करगा और साझ को लN बाN लगा 28 इसराएल क बारहो गोतर य ही ह और उनक फिपता न जिजस जिजस वचन स उन को आशीवाद दिदया सो य हीह एक एक को उसक आशीवाद क अनसार उसन आशीवाद दिदया 29 तब उसन यह कहकर उन को आजञा दी फिक म अपन लोगो क साथ मिमलन पर ह इसलिलय मझ फिही

एपरोन की भमिमवाली गा म मर बापदादो क साथ मिमटटी दना 30 अथात उसी गा म जो कनान दश म ममर क सामहन वाली मकपला की भमिम म ह उस भमिम को तो

इबराहीम न फिही एपरोन क हाथ स इसी फिनमिम मोल लिलया था फिक वह कबरिरfतान क लिलय उसकी फिनज भमिमहो 31 वहा इबराहीम और उसकी पतनी सारा को मिमटटी दी गई और वही इसहाक और उसकी पतनी रिरबका को भी

मिमटटी दी गई और वही म न लिलआ को भी मिमटटी दी 32 वह भमिम और उस म की गा फिहततियो क हाथ स मोल ली गई 33 यह आजञा जब याकब अपन पतरो को द चका तब अपन पाव ाN पर समN पराण छोड़ और अपन लोगो म जा मिमला

अधयाय५०

01 तब यस अपन फिपता क मह पर फिगरकर रोया और उस चमा 02 और यस न उन वदयो को जो उसक सवक थ आजञा दी फिक मर फिपता की लोथ म सगनधदरवय भरो तब

वदयो न इसराएल की लोथ म सगनधदरवय भर दिदए 03 और उसक चालीस दिदन पर हए $योफिक जिजनकी लोथ म सगनधदरवय भर जात ह उन को इतन ही दिदन पर

लगत ह और मिमसरी लोग उसक लिलय सर दिदन तक फिवलाप करत रह 04 जब उसक फिवलाप क दिदन बीत गए तब यस फिरौन क घरान क लोगो स कहन लगा यदिद तमहारी

अनगरह की दमिषट मझ पर हो तो मरी यह फिबनती फिरौन को सनाओ 05 फिक मर फिपता न यह कहकर फिक द म मरन पर ह मझ यह शपथ खिलाई फिक जो कबर त न अपन लिलय

कनान दश म दवाई ह उसी म म तझ मिमटटी दगा इसलिलय अब मझ वहा जा कर अपन फिपता को मिमटटी दन की आजञा द ततपशचात म लौN आऊगा

06 तब फिरौन न कहा जा कर अपन फिपता की खिलाई हई शपथ क अनसार उन को मिमटटी द 07 सो यस अपन फिपता को मिमटटी दन क लिलय चला और फिरौन क सब कमचारी अथात उसक भवन कपरफिनय और मिमसर दश क सब परफिनय उसक सग चल 08 और यस क घर क सब लोग और उसक भाई और उसक फिपता क घर क सब लोग भी सग गए पर व

अपन बालबचचो और भड़-बकरिरयो और गाय- बलो को गोशन दश म छोड़ गए 09 और उसक सग रथ और सवार गए सो भीड़ बहत भारी हो गई 10 जब व आताद क लिलहान तक जो यरदन नदी क पार ह पहच तब वहा अतयनत भारी फिवलाप फिकया

और यस न अपन फिपता क सात दिदन का फिवलाप कराया 11 आताद क लिलहान म क फिवलाप को दकर उस दश क फिनवासी कनाफिनयो न कहा यह तो मिमततिसरयो का

कोई भारी फिवलाप होगा इसी कारण उस सथान का नाम आबलमिमसरम पड़ा और वह यरदन क पार ह 12 और इसराएल क पतरो न उसस वही काम फिकया जिजसकी उसन उन को आजञा दी थी 13 अथात उनहोन उसको कनान दश म ल जाकर मकपला की उस भमिमवाली गा म जो ममर क सामहन ह

मिमटटी दी जिजस को इबराहीम न फिही एपरोन क हाथ स इस फिनमिम मोल लिलया था फिक वह कबरिरfतान क लिलय उसकी फिनज भमिम हो

14 अपन फिपता को मिमटटी दकर यस अपन भाइयोऔर उन सब समत जो उसक फिपता को मिमटटी दन क लिलय उसक सग गए थ मिमसर म लौN आया

15 जब यस क भाइयो न दा फिक हमारा फिपता मर गया ह तब कहन लग कदालिचत यस अब हमार पीछ

पड़ और जिजतनी बराई हम न उसस की थी सब का परा पलNा हम स ल 16 इसलिलय उनहोन यस क पास यह कहला भजा फिक तर फिपता न मरन स पफिहल हम यह आजञा दी थी 17 फिक तम लोग यस स इस परकार कहना फिक हम फिबनती करत ह फिक त अपन भाइयो क अपराध और

पाप को कषमा कर हम न तझ स बराई तो की थी पर अब अपन फिपता क परमशवर क दासो का अपराध कषमा कर उनकी य बात सनकर यस रो पड़ा

18 और उसक भाई आप भी जाकर उसक सामहन फिगर पड़ और कहा द हम तर दास ह 19 यस न उन स कहा मत डरो $या म परमशवर की जगह पर ह 20 यदयफिप तम लोगो न मर लिलय बराई का फिवचार फिकया था परनत परमशवर न उसी बात म भलाई का फिवचारफिकया जिजस स वह ऐसा कर जसा आज क दिदन परगN ह फिक बहत स लोगो क पराण बच ह 21 सो अब मत डरो म तमहारा और तमहार बाल- बचचो का पालन पोरषण करता रहगा इस परकार उसन उन

को समझा बझाकर शासदिनत दी 22 और यस अपन फिपता क घरान समत मिमसर म रहता रहा और यस एक सौ दस वरष जीफिवत रहा 23 और यस एपरम क परपोतो तक दन पाया और मनशश क पोत जो माकीर क पतर थ व उतपनन हो कर

यस स गोद म लिलए गए 24 और यस न अपन भाइयो स कहा म तो मरन पर ह परनत परमशवर फिनशचय तमहारी समिध लगा और तमह

इस दश स फिनकाल कर उस दश म पहचा दगा जिजसक दन की उसन इबराहीम इसहाक और याकब स शपथ ाई थी

25 फिर यस न इसराएलिलयो स यह कहकर फिक परमशवर फिनशचय तमहारी समिध लगा उन को इस फिवरषय की शपथ खिलाई फिक हम तरी हफियो को वहा स उस दश म ल जाएग

26 फिनदान यस एक सौ दस वरष का हो कर मर गया और उसकी लोथ म सगनधदरवय भर गए और वह लोथ मिमसर म एक सनदक म री गई

Genesis - -उतपतति अधयाय 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 3

1 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50

मपषठ | बह भारषा | सलिचपषठ | ोज

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