काटस ैट -3 स ैट े लाइट...environment & science and tech (november)...

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Environment & Science and Tech (November) इसरो ने रचा इतहास, लॉच कया काटसैट-3 सैटेलाइट भारतीय अंतर अन संधान संगठन (इसरो) 27 नवंबर 2019 को बह 9.28 बजे मल सैटेलाइट काटसैट-3 को लॉच कया. काटसैट-3 सैटेलाइट को ीहरकोटा िथत सतीश धवन अंतर से पीएसएलवी-सी47 के जरए लॉच कया गया. इसके साथ 13 अमेरक सेटेलाइट भी लॉच कये गये . इसरो ने 27 नवंबर बह देश रा हेत एक नया इतहास रचा है . यह ेपण आं देश ीहरकोटा रॉके ट बंदरगाह से 27 नवंबर 2019 को बह 9.28 बजे . इसे पहले 25 नवंबर 2019 को लॉच करने के लए शेय कया गया था.काटसैट-3 सैटेलाइट सेना के लए बेहद मददगार साबत होने वाला है . इसरो के ताबक 13 अमेरक नैनो सैटेलाइट लॉच करने समझौता पर हाल बनाई गई यवसायक शाखा पेस इंडया लमटेड ने थी. काटसैट-3 को 509 कलोमीटर ऑबट थापत कया जाएगा. छह ैपऑस के साथ पीएसएलवी 21वीं उड़ान थी. जबक, पीएसएलवी 74वीं उड़ान थी. रा वशेष के अन सार, अभी तक इतनी सटकता वाला सैटेलाइट कै मरा कसी देश ने लॉच नहं कया है . अमेरका नजी पेस कं पनी डिजटल लोब का 'िजयोआई-1' सैटेलाइट 16.14 इंच ऊंचाई तक तवीर ले सकता है . काटसैट-3 सैटेलाइट के बारे काटसैट-3 एक तीसर पीढ़ का तला, उनत उपह है . इसम उच-रजॉय शन इमेिजंग मता है . यह सैटेलाइट अंतर से भारत सीमाओं नगरानी करने भी सहायता करेगा. साथ ाक तक आपदाओं भी सहायता करेगा. इसे 97.5 डी के काव पर 509 कमी का रखा जाएगा. यह सैटेलाइट उच णवा वाले फोटो दलाएगा. यह उपह शहर नयोजन, ामीण संसाधन और नयाद ढांचे के वकास, तटय उपयोग और अय मांग हेत तवीर ले सके गा. इस सेटेलाइट का कै मरा इतना मजब है वे अंतर से जमीन पर 0.25 मीटर अथात 9.84 इंच ऊंचाई तक पट तवीर ले सकता है .

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  • Environment & Science and Tech (November)

    इसरो ने रचा इ�तहास, लॉ�च �कया काट�सटै-3 सटेैलाइट

    भारतीय अतं�र� अनसुंधान संगठन (इसरो) 27 नवंबर 2019 को सबुह 9.28 बजे �म�ल�� सटेैलाइट काट�सटै-3 को लॉ�च �कया. काट�सटै-3 सटेैलाइट को �ीह�रकोटा म� ि�थत सतीश धवन अतं�र� क� � से पीएसएलवी-सी47 के ज�रए लॉ�च �कया गया. इसके साथ 13 अमे�रक� सेटेलाइट भी लॉ�च �कये गये. इसरो ने 27 नवंबर क� सबुह देश क� सरु�ा हेत ुएक नया इ�तहास रचा है.

    यह ��ेपण आ�ं �देश म� �ीह�रकोटा रॉकेट बंदरगाह से 27 नवंबर 2019 को सबुह 9.28 बजे श�ु हुआ. इसे पहले 25 नवंबर 2019 को लॉ�च करने के �लए श�ेयलू �कया गया था.काट�सटै-3 सटेैलाइट सेना के �लए बेहद मददगार सा�बत होने वाला है.

    इसरो के मतुा�बक 13 अमे�रक� ननैो सटेैलाइट लॉ�च करने क� समझौता पर हाल ह� म� बनाई गई �यवसा�यक शाखा �य ू�पेस इं�डया �ल�मटेड ने क� थी. काट�सटै-3 को 509 �कलोमीटर ऑ�ब�ट म� �था�पत �कया जाएगा. छह ��ैपऑ�स के साथ पीएसएलवी क� 21वीं उड़ान थी. जब�क, पीएसएलवी क� 74वीं उड़ान थी.

    र�ा �वशषे�� के अनसुार, अभी तक इतनी सट�कता वाला सटेैलाइट कैमरा �कसी देश ने लॉ�च नह�ं �कया है. अमे�रका क� �नजी �पेस कंपनी �डिजटल �लोब का 'िजयोआई-1' सटेैलाइट 16.14 इंच क� ऊंचाई तक क� त�वीर� ले सकता है.

    काट�सटै-3 सटेैलाइट के बारे म�

    काट�सटै-3 एक तीसर� पीढ़� का फुत�ला, उ�नत उप�ह है. इसम� उ�च-�रजॉ�यशून इमेिजंग �मता है. यह सटेैलाइट अतं�र� से भारत क� सीमाओ ंक� �नगरानी करने म� भी सहायता करेगा. साथ ह� �ाकृ�तक आपदाओ ंम� भी सहायता करेगा. इसे 97.5 �ड�ी के झुकाव पर 509 �कमी क� क�ा म� रखा जाएगा.

    यह सटेैलाइट उ�च गुणव�ा वाले फोटो �दलाएगा. यह उप�ह शहर� �नयोजन, �ामीण संसाधन और ब�ुनयाद� ढांचे के �वकास, तट�य भ�ूम उपयोग और अ�य क� मांग� क� प�ूत � हेत ुत�वीर� ले सकेगा. इस सेटेलाइट का कैमरा इतना मजबतू है �क वे अतं�र� से जमीन पर 0.25 मीटर अथा�त 9.84 इंच क� ऊंचाई तक क� �प�ट त�वीर� ले सकता है.

  • कर�ब एक �मनट बाद 13 अमे�रक� ननैो सटेैलाइट� म� से एक को क�ा म� रखा जाएगा. काट�सटै-3 एक प�ृवी अवलोकन सटेैलाइट है िजसका वजन 1,625 �कलो�ाम है. पीएसएलवी रॉकेट के टेकऑफ करने के 26 �मनट और 50 सेक� ड बाद यह अ�ंतम उप�ह को उसक� क�ा म� �था�पत करेगा.

    प�ृठभ�ूम

    05 मई 2005 को काट�सटै सीर�ज का पहला सटेैलाइट काट�सटै-1 पहल� बार लॉ�च �कया गया था. 10 जनवर� 2007 को काट�सटै-2 को लॉ�च �कया गया था. 07 �सतंबर 2019 को चं�यान-2 के �व�म ल�डर के साथ संपक� खो जाने के बाद यह इसरो का पहला ��ेपण है.

    �मशन गगनयान: �स म� ��श�ण हेत ु12 संभा�वत या��य� को चनुा गया

    गगनयान भारत का पहला मानव अतं�र� �मशन है. अतं�र� या��य� को प�ृवी क� �नचल� क�ा म� भेजा जाएगा. इस �मशन पर लगभग 10 हजार करोड़ �पये खच� ह�गे.

    गगनयान �मशन: भारत के अतं�र� म� पहले मानव �मशन ‘गगनयान’ हेत ु12 संभा�वत चालक दल के या��य� को चनुा गया है. भारतीय वायसेुना �मखु एयर चीफ माश�ल आरकेएस भदौ�रया ने 14 नवंबर 2019 को कहा �क इसरो के पहले मानव �मशन गगनयान हेत ुअतं�र� या��य� का चनुाव पेशवेर तर�के से �कया जा रहा है.

    �धानमं�ी नर�� मोद� ने गगनयान को अपना �ीम �ोजे�ट बताया है. भारतीय अतं�र� अनसुंधान संगठन (इसरो) भारतीय वायसेुना के साथ �मलकर �धानमं�ी नर�� मोद� के सपने को परूा करने हेत ुकाम कर रहा है.

    भारतीय वायसेुना सेना (IAF) ट�म इसरो के साथ सम�वय कर रह� है तथा अतं�र� यान के �डजाइन के पहलओु ंको देख रह� है जसेै �क जीवन र�क �णाल�, कै�सलू का �डजाइन, साथ ह� �वमानन �च�क�सा �को�ठ यह स�ुनि�चत कर रहा है �क इसरो चनुौती का सफलतापवू�क सामना कर सफलता �ा�त करे.

    �स म� ��श�ण

  • भारतीय वाय ुसेना के बारह लोग� को गगनयान प�रयोजना के �लए संभा�वत या�ी के �प म� चनुा गया है. इनम� से सात ��श�ण हेत ु�स गए ह�. �स गए सात संभा�वत अतं�र� या��य� के वापस आने के बाद चनेु गए शषे संभा�वत या��य� को ��श�ण हेत ुभेजा जाएगा.

    चयन ���या का पहला चरण परूा

    अतं�र� या�ा के �लए वाय ुसेना के क�म�य� के चयन क� ���या का पहला चरण परूा हो चकुा है. चय�नत लोग� को �स म� ��श��त �कया जाएगा. परू� ���या तय काय��म के अनसुार चल रहा है. इसरो ने गगनयान के ��ेपण के �लए �दसंबर 2022 तक क� समयसीमा क� घोषणा क� है. भारत अपने �वदेशी �मशन के मा�यम से पहल� बार अतं�र� या��य� को अतं�र� म� भेजेगा. अतं�र� जाने वाला या�ी का आय ु41 साल तक का हो सकता है.

    गगनयान �या है?

    • गगनयान भारत का पहला मानव अतं�र� �मशन है. इसरो इस �मशन म� पहल� बार तीन भारतीय� को सात �दन� के �लए अतं�र� म� भेजेगा.

    • भारत के अतं�र� �मशन गगनयान हेत ु‘अतं�र� या�ी चयन’ का पहला चरण परूा हो गया है.

    • यह ���या भारतीय वाय ुसेना �वारा एयर�पेस मे�ड�सन सं�थान म� क� जा रह� है.

    • इस �मशन पर लगभग 10 हजार करोड़ �पये खच� ह�गे. �मशन गगनयान के तहत 2022 तक भारत �कसी भारतीय अतं�र� या�ी को अतं�र� म� भेजेगा और �फर सकुशल वापस लाएगा.

    • राकेश शमा� भारत के पहले अतं�र� या�ी थे. उ�ह�ने 02 अ�लै, 1984 को सोयजू ट�-11 (�स) के मा�यम से अतं�र� क� या�ा क�. राकेश शमा� भारतीय वाय ुसेना के पायलट भी थे.

    वॉएजर-2: सयू� क� सीमा के पार पहंुचने वाला दसूरा यान बना

    https://www.jagranjosh.com/current-affairs/%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%9F-%E0%A4%85%E0%A4%AB%E0%A5%87%E0%A4%AF%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B8-1448012491-catlistshow-2

  • अमे�रक� अतं�र� एज�सी नासा का वॉएजर-2 (Voyager 2) सयू� क� सीमा के पार पहंुचने वाला इ�तहास का दसूरा

    अ�ंतर� यान बन गया है. नासा के नाम एक और बहुत बड़ी उपलि�ध जड़ु गई है. नासा का वॉएजर-2 यान चार दशक

    से लंबे सफर के बाद सौरमंडल क� प�र�ध के बाहर पहंुचने वाला दसूरा यान बन गया है.

    नासा का ह� वॉएजर-1 इससे पहले इस सीमा के पार पहंुचा था. अमे�रका क� य�ूनव�स�ट� ऑफ आयोवा के शोधकता�ओ ं

    के अनसुार, वॉएजर-2 इंटर�टेलर मी�डयम (आइएसएम) म� पहंुच गया है. �व�ान प��का नेचर ए��ोनॉमी म�

    �का�शत अ�ययन के अनसुार, वॉएजर-2 ने 05 नवंबर 2018 को आइएसएम म� �वेश �कया था.

    आइएसएम �या है?

    सयू� से बाहर क� तरफ बहने वाल� हवाओ ंसे सौरमंडल के चार� तरफ एक बलुबलेु जसैा घेरा बना हुआ है. इस घेरे को

    हे�लयो�फेयर तथा इसक� सीमा से बाहर के अतं�र� को इंटर�टेलर मी�डयम (आइएसएम) कहा जाता है.

    आइएसएम म� वॉएजर-2

    यह �न�कष� यान पर लगे �ला�मा वेव उपकरण से �मल� �ला�मा घन�व क� र��डगं के आधार पर �नकाला गया है.

    व�ैा�नक� ने पाया �क �ला�मा क� बढ़� हुई घन�व अतं�र� यान क� ठंडी और उ�च �ला�मा घन�व म� मौजदूगी का

    �प�ट �माण है. इंटर�टेलर �पेस एक ऐसा �थान है जहां सौर हवाओ ंका गम� और कम घन�व वाला �ला�मा हमेशा

    बना रहता है.

    वॉएजर-2 से िजस तरह के �ला�मा घन�व के डाटा �मले ह�, उसी तरह के डाटा वॉएजर-1 से भी �मले थे, जब उसने

    आइएसएम म� �वेश �कया था. वॉएजर-1 ने साल 2012 म� सयू� क� सीमा को पार �कया था.

    वॉएजर-2 के बारे म�

    • वॉएजर-2 एक अमे�रक� मानव र�हत अतंर�ह�य शोध यान है. वॉएजर-2 को 20 अग�त 1977 को नासा �वारा

    ��े�पत �कया गया था.

    • वॉएजर-2 काफ� कुछ अपने पहले वाले सं�करण यान वॉएजर-1 के समान ह� था. वॉएजर-2 क� चाल 57,890

    �कलोमीटर ��तघंटा है.

  • • दोन� यान को उ�दे�य और पथ म� अतंर के साथ धरती से परे �ह� व अतं�र� के अ�ययन के �लए लांच �कया गया

    था. �पछले 42 साल से दोन� यान काम कर रहे ह�.

    हे�लयो�फेयर �या है?

    वॉएजर-2 पर लगे उपकरण� से हे�लयो�फेयर को समझने क� �दशा म� अ�य कई अहम जानका�रयां भी �मल रह� ह�.

    व�ैा�नक� ने अतं�र� यान पर लगे �भ�न-�भ�न उपकरण� से �ा�त डटेा का आकलन कर यह �नधा��रत �कया �क इस

    �मशन ने 5 नवंबर को हे�लयो�फेयर के अ�ंतम छोर को पार �कया है.

    यह है�लयोपाउज़ नामक एक ऐसा �थान है जहाँ कमज़ोर, गम� सौर हवा तार� के बीच के ठंड ेतथा घने मा�यम से

    �मलती है. इसे सौरमंडल का छोर भी कहा जाता है. सयू� से �नकलने वाल� चुंबक�य र�ज एक ऐसे गैसीय वातावरण का

    संरचना करती है जो �ह�

    क� क�ाओ ंसे बहुत दरू तक फैल� हुई हो. यह चुंबक�य �े� ह� हे�लयो�फेयर है. हे�लयो�फेयर एक लंबे वात शंकु के

    आकार का होता है.

    भारतीय वायसेुना ने सतह से सतह पर मार करने वाल� ��मोस �मसाइल का सफल पर��ण �कया

    भारतीय वायसेुना ने हाल ह� म� सतह से सतह पर मार करने वाल� दो ��मोस �मसाइल� का अडंमान �नकोबार �वीप समहू म� सफल पर��ण �कया. भारतीय वायसेुना ने ��मोस �मसाइल का अडंमान �नकोबार �वीप समहू के �ाक �वीप पर एक ग�तशील मंच से सफल पर��ण �कया है.

    �रपोट� के मतुा�बक, 21 अ�टूबर और 22 अ�टूबर 2019 को अडंमान �नकोबार �वीप समहू के �ाक �वीप पर भारतीय वाय ुसेना �वारा दो ��मोस �मसाइल� दागी गई थीं. इन �मसाइल� ने �ट�न ऑपरेशनल �े�नगं हेत ुफायर क� ग� अपने ल�य को एकदम सट�क तौर पर �व�त �कया.

  • ��मोस �मसाइल� ने तीन सौ �कलोमीटर दरू ि�थत ल�य पर एकदम सट�क �नशाना लगाया तथा उसे �व�त कर �दया. इस पर��ण-फाय�रगं का म�ुय ल�य भारतीय वायसेुना (आईएएफ) क� �मता को ल��त करने क� �मता क� जांच करना है.

    आईएएफ �वारा �कया गया �वीट

    आईएएफ ने �वीट कर कहा �क �मसाइल ने 300 �कलोमीटर दरू एक �नधा��रत छ�म ल�य को भेदा. उ�ह�ने कहा क� दोन� ह� मामल� म� ल�य को सीधे भेद �दया गया. �मसाइल क� फाय�रगं से भारतीय वायसेुना क� ग�तशील मंच से �ब�कुल सट�कता से जमीन पर ल�य को भेदने क� �मता म� व�ृ�ध हुई है.

    2.5 टन वजनी इन �मसाइल� का ल�य कर�ब 300 �कलोमीटर दरू था. दोन� ह� �मसाइल� ने अपने ल�य को सीधे-सीधे भेदने म� सफल रहा. �मसाइल क� फाय�रगं से वायसेुना क� ग�तशील मंच से �ब�कुल सट�कता से जमीन पर ल�य को भेदने क� �मता म� व�ृ�ध हुई है.

    ��मोस एक सपुरसो�नक �मसाइल

    ��मोस म�यम दरू� क� एक ऐसी सपुरसो�नक �मसाइल है. इसे �कसी एयर�ा�ट, �शप या छोटे �लेटफॉम� से भी दागा जा सकता है. भारत और �स का संय�ुत उप�म ��मोस एयरो�पेस इस �मसाइल का उ�पादन करता है. ��मोस भारत तथा �स के �वारा �वक�सत क� गई अब तक क� सबसे आध�ुनक ��ेपा�� �णाल� है. इसने भारत को �मसाइल तकनीक म� अ�णी देश बना �दया है.��मोस �मसाइल का नाम भारत क� ��मप�ु और �स क� म�कवा नद� पर रखा गया है. �स इस प�रयोजना म� ��ेपा�� तकनीक उपल�ध करवा रहा है. इस �मसाइल क� मारक �मता 290 �कलोमीटर है. यह �मसाइल 300 �कलो�ाम �व�फोटक साम�ी अपने साथ ले जा सकता है. �मसाइल क� ग�त �व�न क� ग�त से लगभग तीन गुना अ�धक है.

  • सांभर झील म� हजार� �वासी प��य� क� संदेहा�पद मौत सांभर झील पर हर साल कर�ब 50 हजार �ले�मगंो प�ी आत ेह�.

  • ● जांच के बाद पता चलेगा मौत के कारण का ● �ाथ�मक कारण- पानी का खारापन बढ़ना

    राज�थान क� राजधानी जयपरु के पास ि�थत सांभर झील म� हजार� प��य� क� मौत हो गई है. ले�कन

    इनक� मौत का कारण अभी तक पता नह�ं चल पाया है. इन प��य� क� मौत से �थानीय �शासन और लोग

    हैरान ह�. जयपरु से पहंुचे सरकार� अ�धका�रय� क� मान� तो प��य� का �वसेरा जांच के �लए भेज �दया गया

    है. जांच �रपोट� आने के बाद ह� प��य� क� मौत के कारण का खलुासा हो पाएगा.

    साइबे�रया, �हमालय से आत ेह� सांभर झील म� प�ी

  • मरने वाले प��य� म� �हमालय, साइबे�रया, नॉथ� ए�शया समेत कई देश� से आने वाले �वासी प�ी भी

    शा�मल ह�. ऐसा अदंाजा लगाया जा रहा है �क झील म� �कसी तरह कोई जहर�ला के�मकल पहंुचा गया या �फर

    झील म� कोई ऐसी चीज पहंुची है, जो बेजबुान प��य� क� जान ले रह� है.

    इन �जा�तय� के प��य� क� गई जान

    नॉदन� शावलर, �पनटेल, कॉनम ट�ल, �डी शले डक, कॉमन कूट गेडवाल, रफ, �लकै हेडड गल, �ीन बी ईटर,

    �लकै श�ेडर काइट कैस�पयन गल, �लकै �व�ंड �ट��ट, स�ड पाइपर, माश� स�ड पाइपर, कॉमस स�ड पाइपर,

    वडु स�ड पाइपर पाइड ऐबो�सट, क� �टस �लोवर, �ल�टल �र�ंस �लोवर, लेसर स�ड �लोवर.

    �या कहती है मौत क� जांच करने वाल� ट�म?

    प��य� क� मौत क� जांच करने गई ट�म के सद�य ने कहा �क मामला बड� �लू का नह�ं लग रहा है. हम�

    हमार� �ाथ�मक जांच म� ऐसा लग रहा है �क पानी म� कोई जहर�ल� चीज �मल गई है िजसक� वजह से

    प��य� क� मौत हुई है. पानी का खारापन बढ़ा हुआ है. ऐसा लगता है �क पानी म� नमक क� मा�ा बढ़ गई है.

    इसक� वजह से प��य� के खनू का बहाव कम हुआ होगा और �दमाग ने काम करना बदं कर �दया होगा.

    इस�लए प��य� क� मौत हुई है.

    �व�व �व�यात रामसर साइट है सांभर लेक

    सांभर झील एक �व�व �व�यात रामसर साइट है. यहां देशी-�वदेशी कई तरह के प�ी रहते ह� और �वास पर

    भी आते ह�. इस बार अ�छ� बरसात के बाद सांभर झील म� पानी क� अ�छ� आवक हुई थी, िजससे यहां आने

    वाले �वासी प��य� क� सं�या म� इजाफा होने क� उ�मीद जताई जा रह� थी. यहां हर साल 2 से 3 लाख प�ी

    �व�भ�न मौसम म� आत ेह�. िजनम� कर�ब 50 हजार �ले�मगंो और 1 लाख वेडस� शा�मल होत ेह�.

  • माइ�ोसॉ�ट ने लांच �कया ‘K-12 एजकेुशन �ांसफॉम�शन �ेमवक� ’

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    अमे�रक� सॉ�टवेर कंपनी माइ�ोसॉ�ट ने हाल ह� म� ‘K-12 एजकेुशन �ांसफॉम�शन �ेमवक� ’ लांच �कया है, इसका उ�दे�य भारत के �कूल� के �डिजटल �पांतरण म� सहायता करना है। अब तक इस मॉडल को 50 से अ�धक देश� �वारा अपनाया जा चकुा है। K-12 एजकेुशन �ांसफॉम�शन �ेमवक�

    इसका उ�दे�य �व�भन टू�स उपल�ध करवा कर �कूल� म� मह�वाकां�ी प�रवत�न लाना है तथा �श�ा म� टे�नोलॉजी का समावेश करना है। इस �ेमवक� के चार �त�भ ह� नेत�ृव व नी�त, आध�ुनक �श�ा, ब�ु�धमान प�रवेश तथा टे�नोलॉजी �ल�ू�टं।

    माइ�ोसॉ�ट

    माइ�ोसॉ�ट एक अमे�रक� बहुरा���य कंपनी है। इसका म�ुयालय वा�शगंटन के रेडम�ड म� ि�थत है। माइ�ोसॉ�ट कं�यटूर सॉ�टवेयर तथा इले��ॉ�नक उ�पाद� का �नमा�ण करती है। माइ�ोसॉ�ट क� �थापना �बल गे�स और पॉल एलन ने 4 अ�लै, 1975 को क� थी। वत�मान म� माइ�ोसॉ�ट के सीईओ भारतीय मलू के स�य नडलेा ह�। माइ�ोसॉ�ट के उ�पाद ह� : माइ�ोसॉ�ट �वडंोज ऑपरे�टगं �स�टम, �बगं (सच� इंजन), ऑ�फस 365, आउटलकु, अ�योर, �ल�ंडइन (�ोफेशनल सोशल नेटवक� ), ए�स-बॉ�स (गे�मगं कंसोल) इ�या�द।

  • �पेस ए�स का �टार �लकं �ोजे�ट �या है?

    हाल ह� म� अमे�रका क� �नजी अ�त�र� एज�सी �पेस ए�स ने राकेट के �वारा 60 उप�ह� को अ�त�र� म� �था�पत �कया गया, यह उप�ह �पेस ए�स क� “�टार �लकं” प�रयोजना का �ह�सा ह�। इन उप�ह� को अमे�रका के �लो�रडा के केप कैनवेरल से फा�कन राकेट क� सहायता से लांच �कया गया। इस राकेट ने उप�ह� को 550 �कलोमीटर क� ऊंचाई पर �था�पत �कया। इन संचार उप�ह� क� सहायता से अ�त�र� से इ�टरनेट क� स�ुवधा �दान क� जायेगी। ��येक उप�ह का भार लगभग 575 प�ड (260 �कलो�ाम) है। इनका �नमा�ण अमे�रका के सीएटल के रेडम�ड म� �कया गया था। जब �टार �लकं समहू म� 800 से अ�धक उप�ह एि�टवेट हो जायेगा, तब यह ऑपरेशनल हो जायेगा। �टार �लकं �ोजे�ट के अतंग�त �पेस-ए�स ने अ�त�र� म� 12,000 संचार उप�ह �था�पत करने क� योजना बनाई है। इसके �वारा �व�व भर म� हाई-�पीड इ�टरनेट क� स�ुवधा �दान क� जायेगी।

    �पेस ए�स

    �पेस ए�स एक �नजी अमे�रक� अ�त�र� एज�सी है। इसक� �थापना एलोन म�क �वारा 6 मई, 2002 को क� गयी थी। एलोन म�क �पेस ए�स के वत�मान सीईओ ह�। इस अ�त�र� एज�सी क� �थापना का �मखु उ�दे�य अ�त�र� प�रवहन क� लागत कम करना तथा मंगल गहृ पर मानव ब�ती क� �थापना करना है। �पेस ए�स ने फा�कन रॉके�स क� �ृंखला तयैार क� है। अ�ंतर� प�रवहन क� लागत को कम करने के �लए �पेस ए�स ने र�-यजेूबल रॉके�स (पनुः इ�तमेाल �कये जा सकने वाले राकेट) �न�म�त �कये ह�। इन रॉके�स के अ�धक�र �ह�स� को अ�य लांच म� भी इ�तमेाल �कया जाता है।

  • चं�यान- 3 : भारत नव�बर 2020 तक च��मा पर दसूर� बार ल��डगं का �यास करेगा

    भारतीय अ�त�र� अनसु�धान संगठन ने नव�बर 2020 तक च��मा क� सतह पर सॉ�ट ल��डगं के �यास क� घोषणा क� है। हाल ह� म� इसरो का चं�यान-2 �मशन चं�मा क� सतह पर सॉ�ट ल��डगं करने म� नाकाम रहा था। सॉ�ट ल��डगं के समय इसरो का ल�डर �व�म से स�पक� टूट गया था। हालां�क चं�यान-2 का ऑ�ब�टर अभी भी अपना काय� पणू� कुशलता के साथ कर रहा है और यह लगातार च��मा क� हाई रेजो�यशून त�वीर� इसरो को भेज रहा है।

    �मशन च�ंयान-2

    चं�यान-2 भारत का चं�मा पर दसूरा �मशन है, यह भारत का अब तक का सबसे मिु�कल �मशन है। यह 2008 म� लांच �कये गए �मशन चं�यान का उ�नत सं�करण है। चं�यान �मशन ने केवल च��मा क� प�र�मा क� थी, पर�तु चं�यान-2 �मशन म� चं�मा क� सतह पर एक रोवर भी उतारा जाना था। इस �मशन के सभी �ह�से इसरो ने �वदेश �प से भारत म� ह� बनाये ह�, इसम� ऑ�ब�टर, ल�डर व रोवर शा�मल है। इस �मशन म� इसरो पहल� बार चं�मा के द��णी �वु पर ल�ड रोवर को उतारने क� को�शश क�। यह रोवर चं�मा क� सतह पर �मण करके च��मा क� सतह के घटक� का �व�लेषण करने के �लए �न�म�त �कया गया था। चं�यान-2 को GSLV Mk III से लांच �कया गया। यह इसरो का ऐसा पहला अतं��ह�य �मशन है, िजसमे इसरो ने �कसी अ�य खगोल�य �पडं पर रोवर उतारने का �यास �कया। इसरो के �पेस�ा�ट (ऑ�ब�टर) का वज़न 3,290 �कलो�ाम है, यह �पेस�ा�ट च��मा क� प�र�मा करके डाटा एक��त करेगा, इसका उपयोग म�ुय �प से �रमोट स��सगं के �लए �कया जा रहा है। 6 प�हये वाला रोवर चं�मा क� सतह पर �मण करके �म�ट� व च�टान के नमनेू इक�ठा करने के �लए बनाया गया था, इससे च��मा क� भ-ूपप�ट�, ख�नज पदाथ� तथा हाइ�ॉि�सल और जल-बफ� के �च�ह के बारे म� जानकार� �मलने क� स�भावना थी।

  • जापानी �पेस�ा�ट हायाबसुा 2 ने रयगु ु�ु��ह से घर वापसी क� या�ा श�ु क�

    जापान के हायाबसुा 2 �पेस�ा�ट ने रयगुु �ु��ह अपना शोधकाय� परूा कर �लया है। यह �ु��ह प�ृवी से लगभग 300 �म�लयन �कलोमीटर दरू ि�थत है। इस �पेस�ा�ट ने रयगुु क� सतह से नमनेू एक��त �कये है। एक वष� तक रयगुु �ु��ह पर शोधकाय� करने के बाद अब यह �पेस�ा�ट प�ृवी पर लौटने क� तयैार� कर रहा है।

    हायाबसुा 2

    हायाबसुा 2 जापानी अ�त�र� एज�सी �वारा भेजा गया �मशन है। इससे पहले हायाबसुा नाम से एक अ�य �मशन भेजा गया था जो 2010 म� �ु��ह के नमनेू लेकर वापस आया था। हायाबसुा 27 जनू, 2018 को रयगुु �ु��ह पर पहंुचा था। यह डढ़े वष� तक रयगुु �ु��ह का अ�ययन करेगा तथा बाद म� नमनेू वापस लेकर प�ृवी पर लौटेगा। यह �मशन संभवतः �दस�बर, 2020 तक प�ृवी पर स�पल लेकर वापस लौटेगा। रयगुु �ु��ह

    रयगुु �ु��ह प�ृवी के �नकट मौजदू है, यह अपोलो समहू का �ु��ह है। इससे सौर �णाल� से स�बं�धत काफ� मह�वपणू� जानकार� �मल सकती है। इससे ��मा�ड क� उ�प�� तथा �वकास के बारे म� जानकार� �मल सकती है।

  • Indigen Genome �ोजे�ट �या है?

    व�ैा�नक और औ�यो�गक अनसुधंान प�रषद (CSIR) ने आनवुां�शक बीमा�रय� पर डटेा तयैार करने और आने वाल� पी�ढ़य� म� आनवुां�शक बीमा�रय� के जो�खम को जानने के �लए देशभर क� �व�भ�न आबाद� से लगभग 1,008 भारतीय� क� परू� जीनोम सी�व��सगं कराई है। �ोजे�ट को IndiGen Genome �ोजे�ट कहा जाता है। IndiGen Genome प�रयोजना क� म�ुय �वशषेताएं

    अ�लै 2019 म�, CSIR �वारा IndiGen पहल क� गई थी। इसे CSIR-Genomics and Integrative Biology (IGIB), नई �द�ल� और CSIR-Centre for Cellular and Molecular Biology (CCMB), हैदराबाद �वारा लाग ू�कया गया था। प�रयोजना के प�रणाम म� कई �े�� म� काय� ह�गे। सपंणू�-जीनोम डटेा, सट�क �च�क�सा के उभरते �े� म� पता, आधारभतू डटेा और �वदेशी �मता के �नमा�ण के �लए मह�वपणू� होगा।

    पहल के लाभ

    परेू जीनोम अन�ुमण के मा�यम से मन�ुय� के आनवुां�शक �ल�ू�टं को �डकोड करने क� �मता आनवुां�शक बीमा�रय� क� जवै �च�क�सा �व�ान, महामार� सबंधंी क� सर के कुशल �नदान को स�म करने, अपे��त जोड़� और फामा�कोजेने�टक के �लए वाहक अन�ुयोग� को स�म करने म� सहायक होगी। इसके अलावा, IndiGen प�रयोजना के प�रणाम� का उपयोग जनस�ंया के पमैाने पर आनवु�ंशक �व�वधता को समझने के �लए �कया जाएगा और इस �कार नदैा�नक अन�ुयोग� के �लए आनवुां�शक �पांतर� को उपल�ध कराया जाएगा और रोग� क� आनवंु�शक महामार� �व�ान को स�म �कया जाएगा।

  • परेू जीनोम डटेा और बड़े पमैाने पर जीनो�मक डटेा के �व�लेषण से भारत म� नदैा�नक और बायोमे�डकल अन�ुयोग� के �लए �ौ�यो�ग�कय� के �वकास म� सबतू और सहायता को स�म करने क� उ�मीद है। यह स�ुनि�चत करेगा �क भारत अपनी अ��वतीय मानव �व�वधता के साथ जीनो�मक डटेा के मामले म� पया��त �प से ��त�न�ध�व करेगा और बड़े पमैाने पर जीनोम डटेा को एक �केलेबल तर�के से उ�प�न, �व�लेषण, रखरखाव, उपयोग और संचार करने के �लए �वदेशी �मता �वक�सत करेगा।

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    जल �ौ�यो�गक� व पया�वरण �नयं�ण स�मेलन

  • के���य जल शि�त मं�ी गजे�� �सहं ने इजराइल म� जल �ौ�यो�गक� व पया�वरण �नयं�ण स�मेलन (WATEC) म� �ह�सा �लया। इस स�मेलन म� जल तथा पया�वरण �बंधन से स�बं�धत �ौ�यो�गक� पर चचा� क� गयी। इस स�मेलन म� �व�भ�न देश� ने जल से स�बं�धत �ौ�यो�गक� को ��ततु �कया। मह�व

    जल �बंधन के मामले म� इजराइल को आदश� देश माना जाता है। इजराइल 80% जल का उपचार करके इसका पनुः उपयोग कृ�ष के �लए �कया जाता है। इजराइल ��प इर�गेशन तथा सम�ु� जल को डीसेलाइन करने म� महारत रखता है। “Dynamic Ground Water Resources” �रपोट� के मतुा�बक कृ�ष से�टर म� 89% जल का उपयोग �कया जाता है। �रपोट� के मतुा�बक 10% जल क� बचत करने से जल क� उपल�धता अगले 50 वष� के �लए बढ़ जायेगी। भारत म� त�मलनाडु, राज�थान, उ�र �देश, तलेंगाना, पंजाब और ह�रयाणा म� जल क� सम�या काफ� �वकट है।

    रा���य जवै इंधन नी�त क� ��या�वयन अपड�ेस

  • के���य पे�ो�लयम तथा �ाकृ�तक गैस म�ंालय ने जनू, 2018 म� रा���य जवै इंधन नी�त के स�दभ� म� अ�धसचूना जार� क� थी। 18 नव�बर, 2018 को के���य पे�ो�लयम व �ाकृ�तक गसै म�ंालय ने इस नी�त के ��या�वयन के स�दभ� म� लोकसभा म� �ल�खत जवाब �दया है।

    सरकार �वारा उठाये गये कदम तथा उपलि�धयां

    ● 2013-14 म� पे�ोल म� 1.53% एथेनॉल �मलाया जाता था, 2017-18 म� पे�ोल म� एथेनॉल �म�ण क� दर

    4.22% कर द� गयी है।

    ● 2018-19 के �लए भारत सरकार ने �नधा��रत 225 करोड़ �पये ल�टर के मकुाबले अभी तक 180 करोड़ ल�टर

    एथेनॉल क� खर�द क� है।

    ● देश क� वा�ष�क एथेनॉल उ�पादन �मता 335 करोड़ ल�टर है।

    जवै इंधन पर मौजदूा सरकार� योजनाय�

    ● Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation �क�म के तहत देश भर म� 2023 तक

    5000 संपी�डत बायो गसै �लां�स क� �थापना क� जाएगी।

    ● एथेनॉल �ल�डडे पे�ोल �ो�ाम म� शा�मल तले माक� �टगं कंप�नयां अ�धकतम 10% �म��त एथेनॉल के साथ

    पे�ोल बेच सकती ह�।

    रा���य जवै इंधन नी�त, 2018

    इस नी�त म� जवै इंधन को �थम पीढ़� (1G), ��वतीय पीढ़� (2G) और ततृीय पीढ़� (3G) म� �वभािजत �कया गया है। इसम� ��येक �ेणी को उ�चत �व�ीय सहायता �दान क� जाती है। इसका उ�दे�य �कसान� को अ�त�र�त �टॉक से लाभदायक तर�के से �नजात �दलाना और देश के तले के आयात को कम करना है। इसके �लए सरकार ने एथेनॉल उ�पादन के �लए क�चे माल क� नयी �ेणी को अनमु�त द�, इसम� �मखु फसल� ह� : ग�ना रस, म�क�, कसावा तथा अ�य �टाच� य�ुत अ�न िजसका उपयोग मानव उपभोग के �लए नह�ं �कया जा सकता।