abridged autobiography hindi (संक्षिप्त आत्मकथा ......। इन द...
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ग ाधीजी की सकषिपत आतमकथा
लखक
मोहनदास करमचद गाधी
साकषपक र
भारतन कमारपपा
पहली आवतति परति १०००० फरवरी २००७
मदरक और परकाशक
तववक जजिनदर दस ई नवजीवन मरण लय अहमद ब द-३८० ०१४ फोन +91-79-27540635 27542634
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ततरीनोध
ग ाधीजी की आतमकथा जो अागरजी म परततसदध हई ह उसक असली सवरप म िथ उसम
जो दकषिण अफ़रीका क सतयागरह क इतिह स ह इन दोनो क कल पषट क़रीब एक हज र होि ह
इन दोनो पसिको क कथ वसि को पहली ब र साकषकषपि करक इकटठ करक परसिि करन क
परय स तकय गय ह कयोतक ग ाधीजी की शली ही साकषकषपि म कहन की ह इसततलए यह क यय सरल
नही ह एक ब ि और भी ह तक व सद जजिन उददशपणय िथ और महततव क हो उिन ही कहि
ह अिः उनदहो न जो भी कछ ततलख ह उसम क ट-छ ाट करन स पहल दो ब र सोचन ही पडग
आधतनक प ठक ग ाधीजी की आतमकथा साकषकषपि म म ागि ह उसकी इस म ाग को
मददनजर रखि हए िथ श ल -मह श ल ओ क यव -तवदय रथियो क ततलए यह साकषकषपि आवतति
िय र की गई ह असल गराथ क सथ न िो यह साकषकषपि आवतति कभी नही ल सकगी लतकन ऐसी
आश रखन अवशय अपकषकषि ह तक यह साकषप प ठक म जजजञ स अवशय उतपनदन करग और ब द
म अपनी अनकलि स जब फरसि ममलगी िब वह असली गराथ क अधययन करग
इस साकषप म ग ाधीजी क जीवन म घटी सभी महततवपणय घटन ओ क सम वश हो ऐस
परय स तकय गय ह इसम भी उन घटन ओ क तक जजसक आधय ततमक महततव ह इस क रण
उनदहोन पसिक ततलखी ह ग ाधीजी क अपन ही शबदो को चसिी स पकड रख ह ऐसी भी कई
जगह ह तक जह ा साकषकषपि करि समय शबदो को बदलन की जररि म लम पडी ह वह ा बदल ददय
भी ह लतकन यह ा भी एक ब ि की स वध नी रखी गई ह तक उनदहोन जो अथय दश यय ह उसक
अथय म कोई पररवियन न हो साकषकषपि करि समय मह दवभ ई दस ई दव र िय र तकय गय गराथ
माय अरली रलाईफ तवशष उपयोगी हआ थ
माबई नवमबर १९५१ भारतन कमारपपा
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परकाशक का ननवदन
सतय क परयोग अथवा आतमकथा की िरह उसकी साकषकषपि आवतति की म ाग तनरािर बढिी
ज रही ह शरी मथर द स तिकमजी दव र िय र की गई साकषकषपि आवतति १९५१ म सवय परथम
परक ततशि हई थी िब स ही आज िक उसकी ४५०००० परतिय ा तविररि हो चकी ह
तवदय थी ग ाधीजी क जीवन स पररमचि हो इस उददशय स सवचछछक सासथ ओ क दव र
आयोजजि परीकष ओ म साकषकषपि आवतति अमधक पसाद की ज िी ह ऐसी परीकष एा अब गजर िी
िथ हहिदी क स थ स थ अागरजी म धयम की श ल ओ म भी आयोजजि होिी ह
ग ाधीजी क जीवन क पररचय कर न व ल अागरजी साकषप शरी भ रिन कम रपप न १९५२
म िय र तकय थ उसको िय र करन म उनदहोन आतमकथा क स थ ही स थ उसक परतिरप
सम न गराथ जस दकषिण अफ़रीका क सतयागरह का इकषिहास को भी उपयोग म ततलय थ इस क रण
स अागरजी साकषप मथर द स तिकमजी क गजर िी साकषप स अमधक म तहिी सभर और समदध
बन प य ह हहिदी म परीकष दन व ल तवदय रथियो को भी यह उपलबध हो ऐसी परीकष आयोजको
की म ाग ह इस दतषट स परररि होकर शरी भ रिन कम रपप क साकषप की यह हहिदी आवतति क
परक शन हो रह ह मल गजर िी गराथो क आध र पर भ रिन कम रपप क अागरजी साकषप क
मि तबक़ गजर िी आवतति िय र करन क क म नवजीवन क ममि सम न शरी अशोकभ ई भ भटट
न तकय थ उसक ही आध र पर यह हहिदी आवतति िय र हई ह इस क म म हम री सह यि की
ह ऐस शरी चनीभ ई ब पटल और शरी लललभ ई रब री क हम आभ री ह
असल पसिक िथ इसस पहल परततसदध हए साकषप की िरह ही इस पसिक को भी प ठको
क अपवय परतिस द पर पि होग ही ऐस तवशव स ह
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परसतावना
आतमकथ ततलखन क मर आशय नही ह मझ िो आतमकथ क बह न सतय क जो
अनक परयोग मन तकय ह उसकी कथ ततलखनी ह उसम मर जीवन ओिपरोि होन क क रण
कथ एक जीवन वि ाि जसी बन ज यगी यह सही ह लतकन उसक हर पनदन पर मर परयोग ही
परकट हो िो म सवया इस कथ को तनदोष म नाग म ऐस म नि हा तक मर सब परयोगो क पर
लख जनि क स मन रह िो वह ल भद यक ततसदध होग अथव यो समजझय तक यह मर मोह
ह र जीनीति क कषि म हए मर परयोगो को िो अब तहनदसि न ज नि ह लतकन मर आधय ततमक
परयोगो क जजनदह म ही ज न सकि हा और जजनक क रण र जनीति क कषि म मरी शतति भी
जनदमी ह उन परयोगो क वणयन करन मझ अवशय ही अछछ लगग अगर य परयोग सचमच
आधय ततमक ह िो इनम गवय करन की गाज इश ही नही इनस िो कवल नमरि की ही वजदध होगी
जयो जयो म अपन भिक ल क जीवन पर दतषट ड लि ज ि हा तयो-तयो अपनी अलपि सपषट ही
दख सकि हा
मझ जो करन ह िीस वषो स म जजसकी आिर भ व स रट लग य हए हा वह िो
आतमदशयन ह ईशवर क स कष तक र ह मोकष ह मर स र क म इसी दतषट स होि ह मर सब लखन
भी इसी दतषट स होि ह और मर र जनीति क कषि म पडन भी इसी वसि क अधीन ह लतकन
ठठ स ही मर यह मि रह ह तक जो एक क ततलए शक य ह वह सबक ततलए भी शक य ह इस
क रण मर परयोग ख नगी नही हए नही रह उनदह सब दख सक िो मझ नही लगि तक उसस
उनकी आधय ततमकि कम होगी ऐसी कछ चीज अवशय ह तक जजनदह आतम ही ज निी ह जो
आतम म ही सम ज िी ह पराि ऐसी वसि दन यह मरी शतति स पर की ब ि ह मर परयोगो म
आधय ततमकि क मिलब ह नतिक धमय क अथय ह नीति आतम की दतषट स प ली गई नीति ही
धमय ह
इसततलए जजन वसिओ क तनणयय ब लक नौजव न और बढ करि ह और कर सकि ह
इस कथ म उनदही वसिओ क सम वश होग अगर ऐसी कथ म िटसथ भ व स तनरकषभम न रहकर
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ततलख सका िो उसम स दसर परयोग करनव लो को कछ स मगरी ममलगी इन परयोगो क ब र म म
तकसी भी परक र की सापणयि क द व नही करि जजस िरह वजञ तनक अपन परयोग अतिशय
तनयमपवयक तवच रपवयक और ब रीकी स करि ह तफर भी उनस उतपनदन पररण मो को वह
अननदिम नही कहि अथव व पररण म सतय ही ह इस ब र म भी वह स शाक नही िो िटसथ अवशय
रहि ह अपन परयोगो क तवषय म मर भी वस ही द व ह मन खब आतम-तनरीकषण तकय ह
एक-एक भ व की ज ाच की ह उसक पथककरण तकय ह तकनदि उसम स तनकल हए पररण म
सबक ततलए अातिम ही ह व सच ह अथव व ही सच ह ऐस द व म कभी करन नही च हि
ह ा यह द व म अवशय करि हा तक मरी दतषट स य सच ह और इस समय िो अातिम जस ही
म लम होि ह अगर न म लम हो िो मझ उनक सह र कोई भी क यय खड नही करन च तहए
लतकन म िो पग-पग पर जजन-जजन वसिओ को दखि हा उनक तय जय और गर हय ऐस दो भ ग
कर लि हा और जजनदह गर हय समझि हा उनक अनस र अपन आचरण बन लि हा और जब
िक इस िरह बन हआ आचरण मझ अथ यि मरी बजदध को और आतम को सािोष दि ह िब
िक मझ उसक शभ पररण मो क ब र म अतवचततलि तवशव स रखन ही च तहए
म िो ततसरय यह च हि हा तक उनम बि य गय परयोगो को दषट नदिरप म नकर सब अपन-
अपन परयोग यथ शतति और यथ मति कर मझ तवशव स ह तक इस साकमचि कषि म आतमकथ क
मर लखो स बहि कछ ममल सकग कयोतक कहन योगय एक भी ब ि म मछप ऊा ग नही मझ
आश ह तक म अपन दोषो क खय ल प ठको को परी िरह द सका ग मझ सतय क श सिीय
परयोगो क वणयन करन ह म तकिन भल हा इसक वणयन करन की मरी ितनक भी इछछ नही
ह जजस गज स सवया म अपन को म पन च हि हा और जजसक उपयोग हम सबको अपन-
अपन तवषय म करन च तहए उसक अनस र िो म अवशय कहाग तक उनस िो अभी भी म दर
हा
आशरम स बरमिी मो क गाधी
२६ वी नवमबर १९२५
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अनकरमकषिका
िािीनोध
परक शक क तनवदन
परसि वन
भाग-१ बचपन और यवावसथा
१ जनदम िथ म ि -तपि
२ प ठश ल म
३ ब ल-तवव ह
४ ःखद परसाग-मिी
५ चोरी और पर यकषिि
६ तपि जी की बीम री मतय और शरम
७ धमय की झ ाकी
८ तवल यि की िय री
९ सटीमर म
भाग-२ लडन म नवदयाथी क रप म
१० लाडन म
११ lsquoसभयrsquo पोश क म
१२ फरफ र
१३ लजज शीलि - मरी ढ ल
१४ असतयरपी तवष
१५ धमो क पररचय
भाग-३ भारत म बाररसटर क रप म
१६ व पस तहनदसि न म
१७ सास र-परवश
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१८ पहल आघ ि
भाग-४ दकषिि अफ़रीका म
१९ दकषकषण अफ़रीक पहाच
२० तपरटोररय ज ि हए
२१ तपरटोररय म पहल ददन
२२ खखसिी साबाधी (ईस इयो स सापकय )
२३ तहनदसि तनयो की परश नी क अधययन
२४ मक़ददम की िय री
२५ को ज न कल की
२६ न ि ल इतनदडयन क ागरस
२७ िीन पौणड क कर
भाग-५ हहिद की मलाकात
२८ तहनदसि न म
भाग-६ वापस दकषिि अफ़रीका
२९ दकषकषण अफ़रीक म आगमन और िर न
३० बछचो की ततशकष और सव वतति
३१ स दगी
३२ एक पणयसमरण और पर यकषिि
३३ बोअर-यदध
३४ नगर सर ई-आनददोलन
३५ दश-गमन और कीमिी भटसौग द
भाग-७ दश म
३६ मह सभ (क ागरस) परथम ब र
३७ ल डय क़जयन क दरब र
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३८ बमबई म
भाग-८ दकषिि अफ़रीका म
३९ पन दकषकषण अफ़रीक म
४० गीि क अभय स
४१ इचणडयन ओपीतनयन
४२ एक पसिक क चमतक री परभ व
४३ रीतनकस की सथ पन
४४ घरो म पररवियन िथ ब लततशकष
४५ lsquoजल-तवरोहrsquo
४६ बरहमचयय
४७ पतनी की दढि
४८ घर म सतय गरह
४९ सायम की ओर
५० वक लि क कछ सासमरण
५१ सतय गरह क जनदम
५२ क़द
५३ हमल
५४ लड ई की पनर वतति
५५ टोलसटोय फ मय
५६ सतसिय ा लडि म श ममल
५७ मजदरो क परव ह
५८ ऐ भवय कच
५९ सतय गरह की तवजय
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भाग-९ नवलायत तथा लडाई
६० लड ई म तहसस
भाग-१० दश म और साबरमती आशरम की सथापना
६१ पण म
६२ िीसर दज की तवडमबन
६३ आशरम की सथ पन
भाग-११ चपारन
६४ नील क द ग़
६५ अहहिस दवी क स कष तक र
६६ मक़ददम व पस ततलय गय
६७ गर मपरवश
६८ नील क द ग़ धल गय
भाग-१२ अहमदाबाद का मज़दर
६९ मजदरो क समपकय म
७० उपव स
भाग-१३ खडा सतयागरह
७१ खड म सतय गरह
७२ lsquoपय जचोर
७३ खड की लड ई क अनदि
भाग-१४ रगरटो की भरती
७४ रागरटो की भरिी
७५ मतय-शयय पर
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भाग-१५ रोलट एकट और राजनीनत म परवश
७६ रोलट एकट
७७ वह सपि ह
७८ पह ड-जसी भल
७९ नवजीवन और याग ईतनदडय
८० अमिसर की मह सभ (क ागरस)
भाग-१६ खादी का जनम
८१ ख दी क जनदम
८२ पण यहति
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भाग-१ बचपन और यवावसथा
१ जनम तथा माता-नपता
ऐसा म लम होि ह तक उिमचाद ग ाधी अथव मर द द ओि ग ाधी टक व ल थ र जनीतिक
खटपट क क रण उनदह पोरबादर छोडन पड थ और उनदहोन जन गढ र जय म आशरय ततलय थ
उनदहोन नव ब स हब को ब य ह थ स सल म तकय तकसी न इस परकट अतवनय क क रण पछ
िो जव ब ममल ldquoद तहन ह थ िो पोरबादर को अरपिि हो चक हrdquo
ओि ग ाधी क एक क ब द दसर यो दो तवव ह हए थ पहल तवव ह स उनक च र लडक
थ और दसर स दो इनम प ाचव करमचनदद अथव कब ग ाधी और आखखरी िलसीद स ग ाधी थ
दोनो भ इयो न ब री-ब री स पोरबादर म दीव न क क म तकय कब ग ाधी मर तपि जी थ
कब ग ाधी क भी एक क ब द एक यो च र तवव ह हए थ अननदिम पतनी पिलीब ई स एक
कनदय और िीन पि थ उनम अननदिम म हा
तपि कटमब-परमी सतय-तपरय शर उद र तकनदि करोधी थ र जय क परति व बहि वफ द र
थ एक ब र पर नदि क तकसी स हब न र जकोट क ठ करस हब क अपम न तकय थ तपि जी
न उसक तवरोध तकय स हब न र ज हए कब ग ाधी स म री म ागन क ततलए कह उनदहोन म री
म ागन स इनक र तकय फलसवरप कछ घाटो क ततलए उनदह हव ल ि म भी रहन पड इस पर
भी जब व मडग नही िो अाि म स हब न उनदह छोड दन क हकम ददय
तपि जी न धन बटोरन क लोभ कभी नही तकय इस क रण हम भ इयो क ततलए व बहि
थोडी समपतति छोड गय थ
तपि जी की ततशकष कवल अनभव की थी आजकल जजस हम गजर िी की प ाचवी तकि ब
क जञ न कहि ह उिनी ततशकष उनदह ममली होगी इतिह स-भगोल क जञ न िो तबलकल ही न थ
तफर भी उनक वय वह ररक जञ न इिन ऊा च दज क थ तक ब रीक स ब रीक सव लो को सलझ न
म अथव हज र आदममयो स क म लन म भी उनदह कोई कदठन ई नही होिी थी ध रमिक ततशकष
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नही क बर बर थी पर मजनददरो म ज न स और कथ बगर सनन स जो धमयजञ न असाखय तहनदओ
को सहज भ व स ममलि रहि ह वह उनम थ आखखर क स ल म एक तवदव न बर हमण की
सल ह स जो पररव र क ममि थ उनदहोन गीि -प ठ शर तकय थ और रोज पज क समय व
थोड-बहि शलोक ऊा च सवर स प ठ तकय करि थ
मर मन पर यह छ प रही ह तक म ि स धवी सिी थी व बहि शरदध ल थी तबन पज -प ठ
क कभी भोजन न करिी हमश हवली (वषणव-मजनददर) ज िी जबस मन होश साभ ल िबस
मझ य द नही पडि तक उनदहोन कभी च िम यस क वरि िोड हो व कदठन-स-कदठन वरि शर
करिी और उनदह तनरविधन पर करिी ततलए हए वरिो को बीम र होन पर भी कभी न छोडिी ऐस
एक समय की मझ य द ह तक जब उनदहोन च नदर यण क वरि ततलय थ वरि क ददनो म व बीम र
पडी पर वरि नही छोड च िम यस म एक ब र ख न िो उनक ततलए स म नदय ब ि थी लग ि र
दो-िीन उपव स िो उनक ततलए म मली ब ि थी एक च िम यस म उनदहोन यह वरि ततलय थ तक
सययन र यण क दशयन करक ही भोजन करगी उस चौम स म हम ब लक ब दलो क स मन दख
करि तक कब सरज क दशयन हो और कब म ा भोजन कर यह िो सब ज नि ह तक चौम स म
अकसर सयय क दशयन लयभ हो ज ि ह मझ ऐस ददन य द ह तक जब हम सरज को दखि और
कहि ldquoम ा-म ा सरज दीख rdquo और म ा उि वली होकर आिी इिन म सरज मछप ज ि और म ा
यह कहिी हई लौट ज िी तक ldquoकोई ब ि नही आज भ गय म भोजन नही हrdquo और अपन क म
म डब ज िी
म ि वयवह र-कशल थी र ज-दरब र की सब ब ि व ज निी थी रतनव स म उनकी
बजदध की अछछी कदर होिी थी म ब लक थ कभी-कभी म ि जी मझ भी अपन स थ दरब र
गढ ल ज िी थी ब -म ास हब क स थ होन व ली ब िो म स कछ मझ अभी िक य द ह
इन म ि -तपि क घर म सावि १९२५ की भ दो वदी ब रस क ददन अथ यि २ अिबर
१८६९ को पोरबादर अथव सद म परी म मर जनदम हआ
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२ पाठशाला म
मरा बचपन पोरबादर म ही तबि तकसी प ठश ल म मझ भरिी तकय गय थ ऐस कछ समरण
म ह मतककल स कछ प ड (पह डो को) सीख प य थ उस समय अनदय बछचो क स थ म भी
महि जी को ततसरय ग ली दन ही सीख थ ऐस समरण म ह और दसर कछ भी य द नही ह
इस ब ि स मर यह अनम न ह तक मरी बजदध स ध रण होगी िथ समरणशतति भी कमजोर होगी
पोरबादर स तपि जी र जसथ तनक कोटय क सदसय बनकर र जकोट गय उस समय मरी
उमर लगभग स ि स ल की होगी मझ र जकोट की गर मश ल म भरिी तकय गय इस श ल
क ददन मझ अछछी िरह य द ह ततशकषको क न म-ध म भी य द ह पोरबादर की िरह यह ा की
पढ ई क ब र म भी ज नन ल यक कोई ख स ब ि नही ह म मतककल स स ध रण शरणी क
तवदय थी रह होऊा ग गर मश ल स उपनगर की श ल म और वह ा स ह ईसकल म यह ा िक
पहाचन म मर ब रहव ा वषय बीि गय मझ य द नही पडि तक इस बीच मन तकसी भी समय
ततशकषको को धोख ददय हो न िब िक तकसीको ममि बन न क समरण ह म बहि ही शरमील
लडक थ और तकसीक भी स थी की सागि स भी दर रहि थ मरी तकि ब िथ मर प ठ ही
मर अकल स थी थ घाटी बजन क समय पहाचि और प ठश ल क बनदद होि ही घर भ गि
यह मरी रोज की आदि भ गन शबद म ज न-बझकर ततलख रह हा कयोतक तकसीस ब ि करन
मझ अछछ न लगि थ स थ ही यह डर भी रहि थ तक कोई मर मज क उड यग िो
ह ईसकल क पहल ही वषय की परीकष क समय की एक घटन उललखनीय ह ततशकष -
तवभ ग क इनदसपकटर ज इल स तवदय लय क तनरीकषण करन आय थ उनदहोन पहली ककष क
तवदय रथियो की वियनी की च ाच करन क ततलए पहली ककष क तवदय रथियो को अागरजी क प ाच शबद
ततलख य उनम एक शबद कटलrsquo (kettle) थ मन उसक तहजज ग़लि ततलख थ ततशकषक न
अपन बट की नोक म रकर मझ स वध न तकय लतकन म कयो स वध न होन लग मझ यह
खय ल ही नही हो सक तक ततशकषक मझ प स व ल लडक की पटटी दखकर तहजज सध र लन को
कहि ह मन यह म न थ तक ततशकषक िो यह दख रह ह तक हम एक-दसर की पटटी म दखकर
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चोरी न कर सब लडको क प ाचो शबद सही तनकल और अकल म बवकफ ठहर ततशकषक न
मझ मरी बवकरी ब द म समझ यी लतकन मर मन पर उनक समझ न क कोई असर न हआ
म दसर लडको की पटटी म दखकर चोरी करन कभी सीख न सक
इिन पर भी ततशकषक क परति मर तवनय कभी कम न हआ बडो क दोष न दखन क गण
मझ म सवभ व स ही थ ब द म इन ततशकषक क दसर दोष भी मझ म लम हए थ तफर भी उनक
परति मर आदर िो बन ही रह म यह ज नि थ तक बडो की आजञ क प लन करन च तहए
व जो कह सो करन कर उसक क जी न बनन
इसी समय क दो और परसाग मझ हमश य द रह ह स ध रणिः प ठश ल की पसिको
को छोडकर और कछ पढन क मझ शौक नही थ सबक य द करन च तहए उल हन सह
न ही ज ि ततशकषक को धोख दन ठीक नही इसततलए म प ठ य द करि थ लतकन मन अलस
ज ि इसस अकसर सबक कछच रह ज ि ऐसी ह लि म दसरी कोई चीज पढन की इछछ क यो
कर होिी तकनदि तपि जी की खरीदी हई एक पसिक पर मरी दतषट पडी न म थ lsquoशरवण-
तपिभतति न टकrsquo१ मरी इछछ उस पढन की हई और म उस बड च व क स थ पढ गय उनदही
ददनो शीश म मचि दख न व ल भी घर-घर आि थ उनक प स मन शरवण क वह दकय भी दख
जजसम वह अपन म ि -तपि को क ावर म बठ कर य ि पर ल ज ि ह दोनो चीजो क मझ पर
गहर परभ व पड मन म इछछ होिी तक ldquoमझ भी शरवण क सम न बनन च तहएrdquo शरवण की
मतय पर उसक म ि -तपि क तवल प मझ आज भी य द ह उस हदय को तहल दन व ल सरो
न मर मम को झकझोर ददय उस लततलि छनद द को मन ब ज पर बज न सीख ततलय थ मझ
ब ज सीखन क शौक़ थ और तपि जी न एक ब ज ददल भी ददय थ
दसरी घटन अनदय एक न टक क साबाध म घटी थी
इनदही ददनो कोई न टक-का पनी आयी थी और उसक न टक दखन की इज जि मझ ममली
थी हररिनदर क आखय न२ थ उस न टक को दखि हए म थकि न थ उस ब र-ब र दखन
की इछछ होिी थी लतकन यो ब र-ब र ज न कौन दि पर अपन मन म मन उस न टक को
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सकडो ब र खल होग मझ हररिनदर क सपन आि हररिनदर की िरह सतयव दी सब कयो नही
होिrdquo यह धन बनी रहिी यह परशन म ददनर ि अपन आपको पछि ही रहि थ सतय क प लन
करि रहन यह मर आदशय बन हररिनदर की घटन सही होगी ऐस मन म न ततलय हररिनदर पर
जसी तवपततिय ा पडी वसी तवपततियो को भोगन और सतय क प लन करन ही व सितवक सतय
ह मन यह म न ततलय थ तक उनक समरण करक म खब रोय हा आज मरी बजदध समझिी ह
तक हररिनदर कोई ऐतिह ततसक वयतति नही थ तफर भी मर तवच र म हररिनदर और शरवण आज
भी जीतवि ह म म नि हा तक आज भी उन न टको को पढ ा िो मरी आाखो स आास बह तनकलग
ह ईसकल म मरी तगनिी मनददबजदध तवदय रथियो म नही थी ततशकषको क परम म हमश ही प
सक थ हर स ल म ि -तपि क न म सकल स तवदय थी की पढ ई और उसक आचरण क साबाध
म परम णपि भज ज ि थ उनम मर आचरण य अभय स क खर ब होन की टीक कभी न ही
हई दसरी ककष क ब द मझ इन म भी ममल और प ाचवी िथ छठी ककष म करमशः परतिम ास
च र और दस रपयो की छ िवतति भी ममली थी इसम मरी होततशय री की अपकष भ गय क अाश
अमधक थ य छ िवततिय ा सब तवदय रथियो क ततलए नही थी बचलक सोरठव ततसयो म स सवयपरथम
आन व लो क ततलए थी च लीस-पच स तवदय रथियो की ककष म उस समय सोरठ परदश क तवदय थी
तकिन हो सकि थ
मर अपन खय ल ह तक मझ अपनी होततशय री क कोई गवय नही थ परसक र य
छ िवतति ममलन पर मझ आियय होि थ पर अपन आचरण क तवषय म म बहि सजग थ
आचरण म दोष आन पर मझ रल ई आ ही ज िी थी मर ह थो कोई भी ऐस क म बन जजसस
ततशकषको को मझ ड ाटन पड अथव ततशकषको क वस खय ल बन िो वह मर ततलए असहय हो
ज ि थ मझ य द ह तक एक ब र मझ म र ख नी पडी थी म र क ःख नही थ पर म दणड
क प ि म न गय इसक मझ बड ःख रह म खब रोय यह परसाग पहली य दसरी ककष
क ह दसर एक परसाग स िवी ककष क ह उस समय दोर बजी एदलजी गीमी हडम सटर थ व
तवदय थी-परमी थ कयोतक व तनयमो क प लन करव ि वयवचसथि रीति स क म करि और लि
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और अछछी िरह पढ ि थ उनदहोन उछच ककष क तवदय रथियो क ततलए कसरि-तकरकट अतनव यय
कर ददय थ मझ इनस अरमच थी इनक अतनव यय बनन स पहल म कभी कसरि तकरकट य
फटबॉल म गय ही न थ न ज न म मर शरमील सवभ व ही एकम ि क रण थ अब म दखि
हा तक वह अरमच मरी भल थी उस समय मर यह ग़लि खय ल बन हआ थ तक ततशकष क स थ
कसरि क कोई समबनदध नही ह ब द म म समझ तक तवदय भय स म वय य म क अथ यि श रीररक
ततशकष क म नततसक ततशकष क सम न ही सथ न होन च तहए
तफर भी मझ कहन च तहए तक कसरि म न ज न स मझ नकस न नही हआ उसक
क रण यह रह तक मन पसिको म खली हव म घमन ज न की सल ह पढी थी और वह मझ रची
थी इसक क रण ह ईसकल की उछच ककष स ही मझ हव खोरी की आदि पड गयी थी वह अनदि
िक बनी रही टहलन भी वय य म िो ह ही इसस मर शरीर अपकष कि सगदठि बन
अरमच क दसर क रण थ तपि जी की सव करन की िीवर इछछ सकल की छटटी होि
ही म सीध घर पहाचि और सव म लग ज ि जब कसरि अतनव यय हई िो इस सव म ब ध
पडी मन तबनिी की तक तपि जी की सव क ततलए मझ कसरि स छटटी दी ज य पर गीमी स हब
छटटी कयो दन लग एक शतनव र क ददन सबह क सकल थ श म को च र बज कसरि क ततलए
ज न थ मर प स घडी नही थी आसम न ब दलो स मघर थ इसततलए समय क कोई अनदद ज
नही रह म ब दलो स धोख ख गय जब कसरि क ततलए पहाच िो सब ज चक थ दसर
ददन गीमी स हब न ह जजरी दखी िो म गर-ह जजर प य गय मझस क रण पछ गय मन सही-
सही क रण बि ददय उनदहोन उस सच नही म न और मझ पर एक य दो आन (ठीक रकम क
समरण नही ह) क जम यन तकय म झठ ठहर मझ बहि ःख हआ कस ततसदध करा तक lsquoम
झठ नही हाrsquo कोई उप य न रह मन मसोसकर रह गय रोय समझ तक सच बोलन व ल
और सछच क म करन व ल को ग तरल भी नही रहन च तहए अपनी पढ ई क समय म इस िरह
की मरी यह पहली और आखखरी गरलि थी मझ धाधली-सी य द ह तक आखखर म वह जम यन
म फ कर सक थ
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मन कसरि स िो मतति पर पि कर ही ली तपि जी न हडम सटर को पि ततलख तक सकल
क समय क ब द व मरी उपचसथति क उपयोग अपनी सव क ततलए करन च हि ह इस क रण
मझ मतति ममल गयी
शरीर को वय य म न दन की गलिी क ततलए िो श यद मझ सज नही भोगनी पडी पर
दसरी एक ग़लिी की सज म आज िक भोग रह हा म यही ज नि तक पढ ई म सनददर लखन
आवकयक नही ह यह ग़लि खय ल मझ कस हो गय थ
इस समय क तवदय भय स क दसर दो सासमरण उललखनीय ह बय ह क क रण जो एक
स ल नषट हआ थ उस बच लन की ब ि दसरी ककष क ततशकषक न मर स मन रखी थी उन ददनो
पररशरमी तवदय थी को इसक ततलए अनमति ममलिी थी इस क रण िीसरी ककष म म छह महीन
रह और गरमी की छदटटयो स पहल होन व ली परीकष क ब द मझ चौथी ककष म बठ य गय
इस ककष स थोडी पढ ई अागरजी म धयम स होन लगिी थी मरी समझ म कछ न आि थ
भममति भी चौथी ककष स शर होिी थी म उसम तपछड हआ थ ही तिस पर म उस तबलकल
समझ नही प ि थ भममति-ततशकषक अछछी िरह समझ कर पढ ि थ पर म कछ समझ ही न
सकि थ म अकसर तनर श हो ज ि कभी-कभी यह भी सोचि तक एक स ल म दो ककष य
करन क तवच र छोडकर म िीसरी ककष म लौट ज ऊा पर ऐस करन म मरी ल ज ज िी और
जजन ततशकषक न मरी लगन पर भरोस करक मझ चढ न की ततसर ररश की थी उनकी भी ल ज
ज िी दोहरी ल ज ज न क भय इस भय स नीच ज न क तवच र िो छोड ही ददय जब परयतन
करि-करि म यचकलड क िरहव परमय िक पहाच िो अच नक मझ बोध हआ तक भममति िो
सरल स सरल तवषय ह जजसम कवल बजदध क सीध और सरल परयोग ही करन ह उसम
कदठन ई क य ह उसक ब द िो भममति मर ततलए सद ही एक सरल और सरस तवषय बन रह
भममति की अपकष सासकि न मझ अमधक परश न तकय भममति म रटन की कोई ब ि
थी ही नही जब तक मरी दतषट स सासकि म िो सब रटन ही होि थ यह तवषय भी चौथी ककष
म शर हआ थ छठी ककष म म ह र सासकि-ततशकषक बहि कड ममज ज क थ तवदय रथियो को
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अमधक ततसख न क लोभ रखि थ सासकि वगय और फ रसी वगय क बीच एक परक र की होड
रहिी थी फ रसी ततसख न व ल मौलवी नरम ममज ज क थ तवदय थी आपस म ब ि करि तक
फ रसी िो बहि आस न ह और फ रसी-ततशकषक बहि भल ह तवदय थी जजिन क म करि ह
उिन स व सािोष कर लि ह म भी आस न होन की ब ि सनकर ललच य और एक ददन फ रसी
क वगय म ज कर बठ सासकि-ततशकषक को ःख हआ उनदहोन मझ बल य और कह ldquoयह िो
समझ तक ि तकन क लडक ह कय ि अपन धमय की भ ष नही सीखग िझ जो कदठन ई
हो सो मझ बि म िो सब तवदय रथियो को बदढय सासकि ततसख न च हि हा आग चलकर उसम
रस क घाट पीन को ममलग िझ यो ह रन नही च तहए ि तफर स मर वगय म बठrdquo म शरम य
ततशकषक क परम की अवगणन न कर सक आज मरी आतम कषणशाकर पाडय क उपक र
म निी ह कयोतक जजिनी सासकि म उस समय सीख उिनी भी न सीख होि िो आज सासकि
श सिो म म जजिन रस ल सकि हा उिन न ल प ि मझ िो इस ब ि क पि ि प होि ह तक
म सासकि अमधक न सीख सक कयोतक ब द म म समझ तक तकसी भी तहनदद ब लक को सासकि
क अछछ अभय स तकय तबन रहन ही न च तहए
अब िो म यह म नि हा तक भ रिवषय की उछच ततशकष क प ठयकरम म म िभ ष क
अतिररि र षटरभ ष हहिदी सासकि फ रसी अरबी और अागरजी क सथ न होन च तहए भ ष ओ
की इस साखय स तकसीको डरन नही च तहए भ ष पदधतिपवयक ततसख ई ज य और सब तवषयो
को अागरजी क म धयम स सीखन-सोचन क बोझ हम पर न हो िो ऊपर की भ ष य सीखन ततसरय
बोझरप न होग बचलक उसम बहि ही आननदद आयग और जो वयतति एक भ ष को श सिीय
पदधति स सीख लि ह उसक ततलए दसरी क जञ न सलभ हो ज ि ह
---------------------------------------------------------------------------------------------- १ यव िपसवी शरवण अपन अाध म ि तपि की सव म रि रहि थ एक समय उसन अपनी क ावर म बठ कर य ि करव रह थ िब र सि म र म क तपि दशरथ न अनज न म उसकी हतय कर ड ली थी
२ तहनद धमयगराथो क मि तबक हररिनदर सययवाशी थ अपन द नशवरी सवभ व क ततलए पर म कषणकि िथ दढ सतयतपरयि क क रण खय िन म थ तवशव ममि न र ज की कसौटी करन च ह और कठीण कसौटीय ा दव र उसकी परीकष ली यह ा िक तक अपनी पतनी को ड तकन कही और उसकी हतय करव ड ली र ज अस ध रण हहिमि िथ सतयप लन स स री कसौदटय ा को प र कर गय
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३ बाल-नववाह
यह ततलखि हए मन अकल ि ह तक िरह स ल की उमर म मर तवव ह हआ थ आज मरी आाखो
क स मन ब रह-िरह वषय क ब लक मौजद ह उनदह दखि हा और अपन तवव ह क समरण करि
हा िो मझ अपन ऊपर दय आिी ह और इन ब लको को मरी चसथति म स बचन क ततलए बध ई
दन की इछछ होिी ह िरहव वषय म हए अपन तवव ह क मखयि पणय समथयन म मझ एक भी
नतिक दलील सझ नही सकिी
उस समय मर मन म अछछ-अछछ कपड पहनन ब ज बजन वर-य ि क समय घोड पर
चढन बदढय भोजन ममलन एक नई ब ततलक क स थ तवनोद करन आदद की अकषभल ष क ततसव
दसरी कोई ख स ब ि रही हो इसक मझ समरण नही ह
हम दोनो परसपर एक दसर को आतहसि आतहसि पहच नन लग और तबन साकोच बोलन
लग हम दोनो हमवयसक ह लतकन मन िो दखि ही दखि पतितव क अमधक र जम न शर
कर ददय
यह ब ि िो थी ही नही तक म अपनी पतनी क ततलए आशाक ल ऊा लतकन ईष य कभी कोई
क रण दखिी ह भल
मझ हमश यह ज नन च तहए तक मरी सिी कह ा ज िी ह इसततलए मरी अनमति क तबन
वह कही ज ही नही सकिी यह चीज हम र बीच ःखद झगड की जड बन गयी तबन अनमति
क कही भी न ज सकन िो एक िरह की क़द ही हई पर कसिरब ई ऐसी क़द सहन करन व ली
थी ही नही जह ा इछछ होिी वह ा मझस तबन पछ जरर ज िी म जयो-जयो दब व ड लि तयो-
तयो वह अमधक सविािि स क म लिी और तयो-तयो म अमधक मचढि इसस हम ब ल पति
पतनी ऐस ब लको क बीच बोलच ल क बनदद होन एक म मली चीज बन गयी कसिरब ई न जो
सविािि बरिी उस म तनदोष म नि हा जजस ब ततलक क मन म प प नही ह वह दव-दशयन क
ततलए ज न पर य तकसीस ममलन ज न पर दब व कयो सहन कर अगर म उस पर दब व ड लि
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हा िो वह मझ पर कयो न ड ल ndash यह िो अब समझ म आ रह ह उस समय िो मझ अपन
पतितव ततसदध करन थ
लतकन प ठक यह न म न तक हम र इस गह-जीवन म कही भी ममठ स नही थी मरी
वकरि की जड परम म थी म अपनी पतनी को आदशय सिी बन न च हि थ मरी यह भ वन थी
तक वह सवछछ बन सवछछ रह म सीखा सो सीख म पढा सो पढ और हम दोनो एक-दसर म
ओिपरोि रह ऐसी भ वन थी
कसिरब ई म यह भ वन थी य नही इसक मझ पि नही वह तनरकषर थी सवभ व स
सीधी सविाि महनिी और मर स थ िो कम बोलनव ली थी उस अपन अजञ न क असनदिोष न
थ अपन बचपन म मन कभी उसकी यह इछछ नही ज नी तक मरी िरह वह भी पढ सक िो
अछछ हो
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४ दःखद परसग-मतरी
म कह चक हा तक ह ईसकल म मर थोड ही तवशव सप ि ममि थ कह ज सकि ह तक ऐसी
ममिि रखन व ल दो ममि अलग-अलग समय म रह एक क समबनदध लमब समय िक नही दटक
यदयतप मन उस ममि को छोड नही थ मन दसर की सोहबि की इसततलए पहल न मझ छोड
ददय दसरी सोहबि मर जीवन क एक ःखद परकरण ह यह सोहबि बहि वषो िक रही इस
सोहबि को तनभ न म मरी दतषट सध रक की थी इन भ ई की पहली ममिि मर मझल भ ई क
स थ थी व मर भ ई की ककष म थ म दख सक थ तक उनम कई दोष ह पर मन उनदह वफ द र
म न ततलय थ मरी म ि जी मर जठ भ ई और मरी धमयपतनी िीनो को यह सोहबि कडवी लगिी
थी पतनी की चि वनी को िो म अकषभम नी पति क यो म नन लग म ि की आजञ क उललाघन
म करि ही न थ बड भ ई की ब ि म हमश सनि थ पर उनदह मन यह कहकर श नदि तकय
ldquoउसक जो दोष आप बि ि ह उनदह म ज नि हा उसक गण िो आप ज नि ही नही वह मझ
ग़लि र सि नही ल ज यग कयोतक उसक स थ मर समबनदध उस सध रन क ततलए ही ह मझ यह
तवशव स ह तक अगर वह सधर ज य िो बहि अछछ आदमी तनकलग म च हि हा तक आप मर
तवषय म तनभयय रहrdquo म नही म नि तक मरी इस ब ि स उनदह सािोष हआ पर उनदहोन मझ पर
तवशव स तकय और मझ मर र सि ज न ददय
ब द म म दख सक तक मर अनम न ठीक नही थ सध र करन क ततलए भी मनषय को
गहर प नी म नही पठन च तहए जजस सध रन ह उसक स थ ममिि नही हो सकिी ममिि म
अदवि-भ व होि ह सास र म ऐसी ममिि कवमचि ही प यी ज िी ह ममिि सम न गण व लो
क बीच शोभिी और तनभिी ह ममि एक-दसर को परभ तवि तकय तबन रह ही नही सकि
अिएव ममिि म सध र क ततलए बहि कम अवक श रहि ह मरी र य ह तक घतनषठ ममिि
अतनषट ह कयोतक मनषय दोषो को जलदी गरहण करि ह जो आतम की ईशवर की ममिि च हि
ह उस एक की रहन च तहए अथव समच सास र क स थ ममिि रखनी च तहए ऊपर क तवच र
योगय हो अथव अयोगय घतनषठ ममिि बढ न क मर परयोग तनषफल रह
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जजन ददनो म इन ममि क सापकय म आय उन ददनो र जकोट म सध रपाथ क जोर थ
मझ इन ममि न बि य तक कई तहनदद ततशकषक मछपमछप म ास ह र और मदयप न करि ह उनदहोन
र जकोट क दसर परततसदध गहसथो क न म भी ददय मर स मन ह ईसकल म कछ तवदय रथियो क
न म भी आय मझ िो आियय भी हआ और ःख भी क रण पछन पर यह दलील दी गयी
ldquoहम म ास ह र नही करि इसततलए परज क रप म हम तनवीयय ह अागरज हम पर इसीततलए र जय
करि ह तक व म ास ह री ह म तकिन मजबि हा और तकिन दौड सकि हा सो िो िम ज नि
ही हो इसक क रण भी म ास ह र ही ह म ास ह री को फोड नही होि होन पर झट अछछ हो
ज ि ह हम र ततशकषक म ास ख ि ह इिन परततसदध वयतति ख ि ह सो कय तबन समझ ख ि ह
िमह भी ख न च तहए ख कर दखो िो म लम होग तक िम म तकिनी ि कि आ ज िी हrdquo
य सब दलील तकसी एक ददन नही दी गयी थी अनक उद हरणो स सज कर इस िरह की
दलील कई ब र दी गयी यह उसक स र ाश ह मर मझल भ ई िो भरषट हो चक थ उनदहोन इन
दलीलो की पतषट की अपन भ ई की और इन ममि की िलन म म िो बहि बल थ उनक
शरीर अमधक गठील थ उनक शरीर-बल मझस कही जय द थ व तहममिवर थ इन ममि क
पर करम मझ मगध कर दि थ व मनच ह दौड सकि थ उनकी गति बहि अछछी थी व खब
लमब और ऊा च कद सकि थ म र सहन करन की शतति भी उनम खब थी अपनी इस शतति
क परदशयन भी व मर स मन समय-समय पर करि थ जो शतति अपन म नही होिी उस दसर म
दखकर मनषय को आियय होि ही ह वस मझ भी हआ आियय म स मोह पद हआ मझम
दौडन-कदन की शतति नही क बर बर थी म सोच करि तक म भी इन ममि की िरह बलव न
बन ज ऊा िो तकिन अछछ हो
इसक अल व म बहि डरपोक थ चोर भि स ाप आदद क डर स मघर रहि थ र ि
कही अका ल ज न की तहममि नही थी अाधर म िो कही ज ि ही न थ दीय क तबन सोन
लगभग असाभव थ प स म सोयी हई और अब कछ सय नी बनी हई पतनी स भी अपन इस डर
की ब ि म कस करि म यह समझ चक थ तक वह मझस जय द तहममि व ली ह इिन म
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समझ गय थ और इसततलए म शरम ि थ स ाप-भि आदद स डरन िो वह ज निी ही न थी
अाधर म वह अकली चली ज िी थी मर य ममि मरी इन कमजोररयो को ज नि थ मझस कह
करि थ तक व िो जजनदद स ापो को भी ह थ स पकड लि ह चोर स कभी नही डरि भि को िो
म नि ही नही उनदहोन मझ जाच य तक यह स र परि प म ास ह र क ह
इनदही ददनो नमयद क नीच ततलख पद सकलो म ग य ज ि थ
अागरजो र जय कर दशी रह दब ई
दशी रह दब ई जोन बन ा शरीर भ ई
पलो प ाच ह थ परो परो प ाचसन
इन सब ब िो क मर मन पर पर -पर असर हआ म तपघल म यह म नन लग तक
म ास ह र अछछी चीज ह उसस म बलव न और स हसी बनाग समच दश म ास ह र कर िो
अागरजो को हर य ज सकि ह
म ास ह र शर करन क ददन तनकषिि हआ
म म ि -तपि क परम भि थ व चसि वषणव अि म ास ह र मछपक मछपक करन
थ म म नि थ तक व मर म ास ह र की ब ि ज नग िो तबन मौि क उनकी ितक ल मतय हो
ज यगी ज न-अनज न म सतय क सवक िो थ ही म ऐस नही कह सकि तक उस समय मझ
यह जञ न न थ तक म ास ह र करन म म ि -तपि को धोख दन होग यह जञ न उस समय मझ
नही थ ऐस िो म नही कह सकि
लतकन मझ िो सध र करन थ म ास ह र क शौक़ नही थ यह सोचकर तक उसम सव द
ह म म ास ह र शर नही कर रह थ मझ िो बलव न और स हसी बनन थ दसरो को वस
बनन क ततलए नदयोिन थ और तफर अागरजो को हर कर तहनदसि न को सविाि करन थ सवराजय
शबद उस समय िक मन सन नही थ सध र क इस जोश म होश भल गय लतकन सविािि क
अथय म अछछी िरह समझि थ
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म ि -तपि स क यय को छप न इसम सतय क कोई हर स नही होि तनकषिि ददन आय
व चसि वषणव अिः म ास ह र चपक चपक स करन थ अपनी चसथति क समपणय वणयन करन
मर ततलए कदठन ह एक िरफ सध र क उतस ह थ जीवन म महततव क पररवियन करन क
किहल थ और दसरी िरफ चोर की िरह मछपकर क म करन की शरम थी मझ य द नही
पडि तक इसम मखय वसि कय थी हम नदी की िरफ एक नदि की खोज म चल दर ज कर ऐस
कोन खोज जह ा कोई दख न सक और वह ा मन कभी न दखी हई वसि mdash म ास ndash दखी स थ
म भदटय रख न की ड ल-रोटी थी दोनो म स एक भी चीज मझ भ िी नही थी बकर क म ास
चमड जस लगि थ ख न असमभव हो गय मझ क होन लगी ख न छोड दन पड
मरी वह र ि बहि बरी बीिी नीद नही आई सपन म ऐस भ स होि थ म नो शरीर क
अनददर बकर जजनदद हो और रो रह हो म चौक उठि पछि ि और तफर सोचि तक मझ िो
म ास ह र करन ही ह तहममि नही ह रनी ह ममि भी ह र ख न व ल नही थ उनदहोन अब म ास
को अलग-अलग ढाग स पक न सज न और ढाकन क परबनदध तकय नदीतकन र ल ज न क बदल
तकसी ब वरची क स थ ब िचीि करक मछपमछप एक सरक री ड क-बागल पर ल ज न की
वयवसथ की और वह ा कसी मज बगर स म न क परलोभन म मझ ड ल इसक असर हआ
ड ल-रोटी की नररि कछ कम पडी बकर की म य छटी और म ास क िो कह नही सकि पर
म ास व ल पद थो म सव द आन लग इस िरह एक स ल बीि होग और इस बीच प ाच-छह ब र
म ास ख न को ममल होग कयोतक ड क-बागल सद सलभ न रहि थ और म ास क सव ददषट
म न ज न व ल बदढय पद थय भी सद िय र नही हो सकि थ सध र क ततलए मर प स िो फटी
कौडी भी नही थी इसततलए म कछ द नही सकि थ इस खचय की वयवसथ उन ममिो को ही
करनी होिी थी उनदहोन कह ा स कस वयवसथ की इसक मझ आज िक पि नही ह उनक
इर द िो मझ म ास की आदि लग दन क ndash भरषट करन क ndash थ इसततलए पस व अपन प स स
खचय करि थ पर उनक प स भी कोई अखट खज न नही थ इसततलए ऐसी द वि कभी-कभी
ही हो सकिी थी
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जब-जब ऐस भोजन ममलि िब-िब घर पर िो भोजन हो ही नही सकि थ जब
म ि जी भोजन क ततलए बल िी िब lsquoआज भख नही ह ख न हजम नही हआ ह ऐस बह न
बन न पडि थ ऐस कहि समय हर ब र मझ भ री आघ ि पहाचि थ यह झठ सो भी म ा क
स मन और अगर म ि -तपि को पि चल तक लडक म ास ह री हो गय ह िब िो उन पर तबजली
ही टट पडगी य तवच र मर ददल को करदि रहि थ इसततलए मन तनिय तकय म ास ख न
आवकयक ह उसक परच र करक हम तहनदसि न को सध रग पर म ि -तपि को धोख दन और
झठ बोलन िो म ास न ख न स भी बर ह इसततलए म ि -तपि क जीि-जी म ास नही ख न
च तहए उनकी मतय क ब द सविाि होन पर खल िौर स म ास ख न च तहए और जब िक वह
समय न आय िब िक म ास ह र क तय ग करन च तहए अपन यह तनिय मन ममि को जि
ददय और िबस म ास ह र जो छट सो सद क ततलए छट गय म ि -तपि कभी यह ज न ही न
प य तक उनक दो पि म ास ह र कर चक ह
म ि -तपि को धोख न दन क शभ तवच र स मन म ास ह र छोड पर वह ममिि नही
छोडी म ममि को सध रन चल थ पर खद ही तगर और तगर वट क मझ होश िक न रह
इसी सोहबि क क रण म पतनी की िरफ की वर द री भी चक ज ि िथ वयकषभच र म
भी फा स ज ि एक ब र मर य ममि मझ वकय ओ की बसिी म ल गय वह ा मझ योगय सचन य
दकर एक सिी क मक न म भज तहस ब हो चक थ उस कोठरी म म िो तबलकल अाध बन
गय मझ बोलन क भी होश न रह पर औरि न गसस म आकर मझ दो-च र खरी-खोटी सन यी
और दरव ज की र ह ददख यी
उस समय िो मझ ज न पड तक मरी मद यनगी को बटट लग और मन च ह तक धरिी
जगह द िो म उसम सम ज ऊा पर इस िरह बचन क ततलए मन सद ही भगव न क आभ र
म न ह
हम दमपिी क बीच जो कछ मिभद पद होि य कलह होि उसक एक क रण यह
ममिि भी थी म जस परमी वस ही वहमी पति थ मर वहम को बढ नव ली यह ममिि थी
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कयोतक ममि की सछच ई क ब र म मझ कोई सनददह थ ही नही इन ममि की ब िो म आकर मन
अपनी धमयपतनी को तकिन ही कषट पहाच य ह इस हहिस क ततलए मन अपन को कभी म र नही
तकय ह ऐस ःख तहनदद सिी ही सहन करिी ह और इस क रण मन सिी को सद सहनशीलि
की मरिि क रप म दख ह नौकर पर झठ शक तकय ज य िो वह नौकरी छोड दि ह पि पर
ऐस शक हो िो वह तपि क घर छोड दि ह ममिो क बीच शक पद हो िो ममिि टट ज िी
ह सिी को पति पर शक हो िो वह मन मसोस कर बठी रहिी ह पर अगर पति पतनी पर शक
कर िो पतनी बच री क िो भ गय ही फट ज ि ह वह कह ा ज य तहनदद सिी अद लि म ज कर
बाधी हई ग ाठ को कटव भी नही सकिी इस िरह क नदय य मन ददय इसक ःख को म कभी
नही भल सकि मरी धमयपतनी को इस िरह की चसथति म रखन क ततलए म अपन आपको कभी
भी म र नही कर सकि य नही भल सकि हा इस सनददह की जड िो िभी कटी जब मझ
अहहिस क सकषम जञ न हआ य नी जब म बरहमचयय की मतहम को समझ और यह समझ तक
पतनी पति की द सी नही पर उसकी सहच ररणी ह सहधरमिणी ह दोनो एक-दसर क सख-ःख
क सम न स झद र ह और भल -बर करन की जजिनी सविािि पति को ह उिनी ही पतनी को
ह सनददह क उस क ल को जब म य द करि हा िो मझ अपनी मखयि और तवषय नदध तनदययि
पर करोध आि ह और ममिि -तवषयक अपनी मछछ य पर दय आिी ह
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५ चोरी और परायकषितत
माासाहार क समय क और उसस पहल क कछ दोषो क वणयन अभी रह गय ह य दोष तवव ह
स पहल क अथव उसक िरनदि ब द क ह
अपन एक ररकिद र क स थ मझ बीडी पीन क शौक़ लग हम दोनो म स तकसीक यह
खय ल िो नही थ तक बीडी पीन म कोई फ यद ह अथव उसकी गनदध म आननदद ह पर हम
लग तक ततसरय धआा उड न म ही कछ मज ह मर क क जी को बीडी पीन की आदि थी उनदह
और दसरो को धआा उड ि दखकर हम भी बीडी फा कन की इछछ हई ग ाठ म पस िो थ नही
इसततलए क क जी पीन क ब द बीडी क जो lsquoठा ठrsquo फ क दि हमन उनदह चर न शर तकय
पर बीडी क य ठा ठ हर समय ममल नही सकि थ और उनम स बहि धआा भी नही
तनकलि थ इसततलए नौकर की जब म पड दो-च र पसो म स हमन एक ध पस चर न की
आदि ड ली और हम बीडी खरीदन लग पर सव ल यह पद हआ तक उस साभ ल कर रख
कह ा हम ज नि थ तक बडो क दखि िो बीडी पी ही नही सकि जस-िस दो-च र पस चर कर
कछ हफि क म चल य इस बीच सन तक एक परक र क पौध होि ह (उसक न म िो म भल
गय हा) जजसक डाठल बीडी की िरह जलि ह और फा क ज सकि ह हमन उनदह पर पि तकय
और फा कन लग
पर हम सािोष नही हआ अपनी पर धीनि हम अखरन लगी हम ःख इस ब ि क थ
तक बडो की आजञ क तबन हम कछ भी नही कर सकि थ हम ऊब गय और हमन आतमहतय
करन क तनिय कर ततलय
पर आतमहतय कस कर जहर कौन द हमन सन तक धिर क बीज ख न स मतय होिी
ह हम जागल म ज कर बीज ल आय श म क समय िय तकय कद रन थजी क मजनददर की
दीपम ल म घी चढ य दशयन तकय और एक नदि खोज ततलय पर जहर ख न की तहममि न हई
अगर िरनदि ही मतय न हई िो कय होग मरन स ल भ कय कयो न पर धीनि ही सह ली ज य
तफर भी दो-च र बीज ख य अमधक ख न की तहममि ही न पडी दोनो मौि स डर और यह तनिय
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तकय तक र मजी क मजनददर म ज कर दशयन करक श नदि हो ज एा और आतमहतय की ब ि भल
ज एा
मरी समझ म आय तक आतमहतय क तवच र करन सरल ह आतमहतय करन सरल
नही इसततलए कोई आतमहतय करन की धमकी दि ह िो मझ पर उसक बहि कम असर होि
ह अथव यह कहन ठीक होग तक कोई असर होि ही नही
आतमहतय क इस तवच र क पररण म यह हआ तक हम दोनो जठी बीडी चर कर पीन की
और नौकर क पस चर कर बीडी खरीदन और फा कन की आदि भल गय तफर बडपन म बीडी
पीन की कभी इछछ नही हई मन हमश यह म न ह तक यह आदि जागली गनददी और ह तनक रक
ह तनय म बीडी क इिन जबरदसि शौक़ कयो ह इस म कभी समझ नही सक हा
रलग डी क जजस मडब म बहि बीडी पी ज िी ह वह ा बठन मर ततलए मतककल हो ज ि ह और
उसक धएा स मर दम घटन लगि ह
उपर क दोष क अल व मझस चोरी क दसर जो दोष हआ उस म अमधक गमभीर म नि
हा बीडी क दोष क समय मरी उमर ब रह-लरह स ल की रही होगी श यद इसस कम भी हो
दसरी चोरी क समय मरी उमर पनदरह स ल की रही होगी यह चोरी मर म ास ह री भ ई क सोन
क कड क टकड की थी उन पर म मली-स लगभग पचीस रपय क क़जय हो गय थ मर
भ ई क ह थ म सोन क ठोस कड थ उसम स एक िोल सोन क ट लन मतककल न थ
कड कट क़जय अद हआ पर मर ततलए यह ब ि असहय हो गयी मन तनिय तकय तक
आग कभी चोरी करा ग ही नही मझ लग तक तपि जी क सममख अपन दोष सवीक र भी कर
लन च तहए पर जीभ न खली तपि जी सवया मझ पीटग इसक डर िो थ ही नही मझ य द
नही पडि तक उनदहोन कभी हम म स तकसी भ ई को पीट हो पर खद ःखी होग मन सोच तक
यह जोखखम उठ कर भी दोष क़बल कर ही लन च तहए उसक तबन शजदध नही होगी
आखखर मन िय तकय तक मचटठी ततलखकर दोष सवीक र तकय ज य और कषम म ाग ली
ज य मन मचटठी ततलखकर ह थोह थ दी मचटठी म स र दोष सवीक र तकय और सज च ही
आगरहपवयक तबनिी की तक व अपन को ःख म न ड ल और भतवषय म तफर ऐस अपर ध न
करन की परतिजञ की
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मन क ापि ह थो मचटठी तपि जी क ह थ म दी म उनक िखि क स मन बठ गय उन
ददनो व भगनददर की बीम री स पीमडि थ इस क रण तबसिर पर ही पड रहि थ खदटय क बदल
लकडी क िखि क म म ल ि थ
उनदहोन मचटठी पढी आाखो स मोिी की बाद टपकी मचटठी भीग गयी उनदहोन कषण भर क
ततलए आाख मादी मचटठी फ ड ड ली और सवया पढन क ततलए उठ बठ थ सो व पस लट गय
म भी रोय तपि जी क ःख समझ सक अगर म मचिक र होि िो वह मचि आज
समपणयि स खीच सकि आज भी वह मरी आाखो क स मन इिन सपषट ह
मोिी की बादो क उस परमब ण न मझ बध ड ल म शदध बन इस परम को िो अनभवी
ही ज न सकि ह
र मब ण व गय ा र होय ि ज ण३
मर ततलए यह अहहिस क पद थयप ठ थ उस समय िो मन इसम तपि क परम क ततसव
और कछ नही दख पर आज म इस शदध अहहिस क न म स पहच न सकि हा ऐसी अहहिस क
वय पक रप ध रण कर लन पर उसक सपशय स कौन बच सकि ह ऐसी वय पक अहहिस की
शतति की थ ह लन असमभव ह
इस परक र की श नदि कषम तपि जी क सवभ व क तवरदध थी मन सोच थ तक व करोध
करग कट वचन कहग श यद अपन ततसर पीट लग पर उनदहोन इिनी अप र श ननदि जो ध रण
की मर तवच र म उसक क रण अपर ध की सरल सवीकति थी जो मनषय अमधक री क सममख
सवछछ स और तनषकपट भ व स अपन अपर ध सवीक र कर लि ह और तफर कभी वस अपर ध
न करन की परतिजञ करि ह वह शदधिम पर यकषिि करि ह
म ज नि हा तक मरी इस सवीकति स तपि जी मर तवषय म तनभयय बन और उनक मह न
परम और भी बढ गय
_________________
३ र म की भतति क ब ण जजस लग हो वही ज न सकि ह
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६ नपताजी की बीमारी मतय और शरम
उस समय म सोलह वषय क थ हम ऊपर दख चक ह तक तपि जी भगनददर की बीम री क क रण
तबलकल शयय वश थ उनकी सव म अमधकिर म ि जी घर क एक पर न नौकर और म रहि
थ मर जजमम नसय क क म थ उनक घ व धोन उसम दव ड लन मरहम लग न क समय
मरहम लग न उनदह दव तपल न और जब घर पर दव िय र करनी हो िो िय र करन यह मर
ख स क म थ र ि हमश उनक पर दब न और इज जि दन पर अथव उनक सो ज न पर
सोन यह मर तनयम थ मझ यह सव बहि तपरय थी मझ समरण नही ह तक इसम तकसी भी
ददन चक होऊा ख न-पीन क ब द क मर समय सकल म अथव तपि जी की सव म ही बीिि
थ जजस ददन उनकी आजञ ममलिी और उनकी िबीयि ठीक रहिी उस ददन श म को टहलन
ज ि थ
अवस न की घोर र ति समीप आई र ि क स ढ दस य गय रह बज होग म पर दब रह
थ च च जी न मझस कह ldquoज अब म बठा ग rdquo म खश हआ और सीध शयन-गह म पहाच
पतनी िो बच री गहरी नीद म थी पर म सोन कस दि मन उस जग य प ाच-स ि ममनट बीि
होग नौकर न आकर तकव ड खटखट य ldquoउठो ब प बहि बीम र हrdquo म ज नि थ तक व
बहि बीम र िो थ ही इसततलए यह ा बहि बीम र क तवशष अथय समझ गय एकदम तबसिर स
कद पड
ldquoकह िो सही ब ि क य हrdquo
जव ब ममल ldquoब प गजर गयrdquo
मर पछि न तकस क म आि म बहि शरम य बहि ःखी हआ दौडकर तपि जी
क कमर म पहाच ब ि मरी समझ म आयी तक अगर म तवषय नदध न होि िो इस अननदिम घडी
म यह तवयोग मझ नसीब न होि
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इस क ल द ग़ को म आज िक ममट नही सक भल नही सक और मन हमश म न ह
तक यदयतप म ि -तपि क परति मरी अप र भतति थी उसक ततलए म सब कछ छोड सकि थ
िथ तप सव क समय भी भर मन तवषय को छोड नही सकि थ यह उस सव म रही हई
अकषमय िदट थी इसस मि होन म मझ बहि समय लग और मि होन स पहल कई धमय-साकट
सहन पड
जजन ब ल-दमपिी को चिन हो व इस दषट नदि स चि
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७ धमम की झााकी
म वषणव समपरद य म जनदम थ इसततलए हवली म ज न क परसाग ब र-ब र आि थ पर उसक
परति शरदध उतपनदन नही हई हवली क वभव मझ अछछ नही लग हवली म चलन व ली अनीति
की ब ि सनकर मन उसक परति उद सीन बन गय वह ा स मझ कछ भी न ममल
पर जो हवली स न ममल वह मझ अपनी ध य रमभ स ममल रमभ हम र पररव र की
पर नी नौकर नी थी उसक परम मझ आज भी य द ह म ऊपर कह चक हा तक मझ भि-परि
आदद क डर लगि थ रमभ न मझ समझ य तक इसकी दव र मन म ह मझ िो र मन म स
भी अमधक शरदध रमभ पर थी इसततलए बचपन म भि-परि दद क भय स बचन क ततलए मन र मन म
जपन शर तकय यह जप बहि समय िक नही चल पर बचपन म जो बीज बोय गय वह
नषट नही हआ आज र मन म मर ततलए अमोघ शतति ह म म नि हा तक उसक मल म रमभ ब ई
क बोय हआ बीज ह
तपि जी की बीम री क थोड समय पोरबादर म बीि थ वह ा व र मजी क मनछदर म रोज
र ि क समय र म यण सनि थ सन न व ल र मचनदरजी क परम भि थ ल ध मह र ज क
कणठ मीठ थ व दोह -चौप ई ग ि और अथय समझ ि थ खद उसक रस म िललीन हो ज ि
थ िथ शरोि जनो को भी रस िललीन कर दि थ उस समय मरी उमर िरह स ल की रही होगी
पर य द पडि ह तक उनक प ठ म मझ खब रस आि थ यह र म यण-शरवण र म यण क परति
मर अतयमधक परम की बतनय द ह आज म िलसीद स की र म यण को भततिम गय क सवोततिम
गराथ म नि हा
र जकोट म मझ अन य स ही सब समपरद यो क परति सम न भ व रखन की ततशकष ममली
मन तहनदद धमय क परतयक समपरद य क आदर करन सीख कयोतक म ि -तपि वषणव-मजनददर म
ततशव लय म और र म-मजनददर म भी ज ि और भ इयो को भी स थ ल ज ि य भजि थ
तफर तपि जी क प स जन धम यच यो म स भी कोई न कोई हमश आि रहि थ तपि जी
उनदह कषभकष भी दि थ व तपि जी क स थ धमय और वयवह र की ब ि तकय करि थ इसक ततसव
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तपि जी क मसलम न और प रसी ममि भी थ व अपन-अपन धमय की चच य करि और तपि जी
उनकी ब ि समम नपवयक और अकसर रसपवयक सन करि थ नसय होन क क रण ऐसी चच य
क समय म अकसर ह जजर रहि थ इस स र व ि वरण क परभ व मझ पर यह पड तक मझम
सब धमो क ततलए सम न भ व पद हो गय
एक ईस ई धमय अपव दरप थ उसक परति कछ अरमच थी उसक क रण थ उन ददनो
कछ ईस ई ह ईसकल क कोन पर खड होकर वय खय न ददय करि थ व तहनदद दवि ओ की और
तहनदद धमय को म नन व लो की बर ई करि थ मझ वह असहय म लम हआ म एक ध ब र ही
वय खय न सनन क ततलए खड रह होऊा ग दसरी ब र तफर वह ा खड रहन की इछछ ही न हई
उनदही ददनो एक परततसदध तहनदद क ईस ई बनन की ब ि सनी ग ाव म चच य थी तक उनदह ईस ई धमय
की दीकष दि समय गोम ास खखल य गय और शर ब तपल यी गयी उनकी पोश क भी बदल दी
गयी और ईस ई बनन क ब द व भ ई कोट-पिलन और अागरजी टोपी पहनन लग इन ब िो स
मझ पीड पहाची जजस धमय क क रण गोम ास ख न पड शर ब पीनी पड और अपनी पोश क
बदलनी पड उस धमय कस कह ज य मर मन न यह दलील की तफर यह भी सनन म आय तक
जो भ ई ईस ई बन थ उनदहोन अपन पवयजो क धमय की रीति-ररव जो की और दश की तननद द
करन शर कर ददय थ इन सब ब िो स मर मन म ईस ई धमय क परति अरमच उतपनदन हो गयी
इस िरह यदयतप दसर धमो क परति समभ व ज ग तफर भी यह नही कह ज सकि तक
मझम ईशवर क परति आसथ थी
पर एक चीज न मन म जड जम ली ndash यह सास र नीति पर दटक हआ ह नीतिम ि क
सम वश सतय म ह सतय को िो खोजन ही होग ददन-पर-ददन सतय की मतहम मर तनकट
बढिी गयी सतय की वय खय तवसिि होिी गयी और अभी भी हो रही ह
तफर नीति क एक छपपय ददल म बस गय अपक र क बदल अपक र नही उपक र
ही हो सकि ह यह एक जीवन-सि ही बन गय उसन मझ पर स मर जय चल न शर तकय
इसक अनतगनि परयोग तकय वह चमतक री छपपय यह ह
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प णी आपन प य भला भोजन िो दीज
आवी नम व शीश दाडवि कोड कीज
आपण घ स द म क म महोरोना करीए
आप उग र पर ण ि िण ःखम ा मरीए
गण कड िो गण दश गणो मन व च कम करी
अवगण कड जो ग गण कर ि जगम ा जीतयो सही४
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४ जो हम प नी तपल य उस हम अछछ भोजन कर य जो आकर हम र स मन ततसर नव य उस हम उमाग स
दणडवि परण म कर जो हम र ततलए एक पस खचय कर उसक हम महरो की कीमि क क म कर द जो हम र
पर ण बच व उसक ःख दर करन क ततलए हम अपन पर ण िक तनछ वर कर द जो हम र उपक र कर उसक
िो हम मन बचन और कमय स दस गन उपक र करन ही च तहए लतकन जग म सछच और स थयक जीन उसीक
ह जो अपक र करन व ल क परति भी उपक र करि ह
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८ नवलायत की तयारी
मटरिकयलशन की परीकष म उिीणय हो ज न क उपर नदि बडो की इछछ थी तक प स हो ज न पर
मझ आग कोलज की पढ ई करनी च तहए कोलज बमबई म भी थ और भ वनगर म भी
भ वनगर क खचय कम थ इसततलए भ वनगर क श मलद स कोलज म भरिी होन क तनिय
हआ कोलज म मझ कछ आि न थ सब कछ मतककल म लम होि थ अधय पको क
वय खय नो म न रस आि और न म उनदह समझ प ि इसम दोष अधय पको क नही मरी
कमजोरी क ही थ उस समय क श मलद स कोलज क अधय पक िो परथम पातति क म न ज ि
थ पहल सि पर करक म घर आय
कटमब क पर न ममि और सल हक र एक तवदव न वयवह र-कशल बर हमण म वजी दव थ
तपि जी क सवगयव स क ब द भी उनदहोन कटमब क स थ समबनदध बन य रख थ व छटटी क इन
ददनो म घर आय म ि जी और बड भ ई क स थ ब िचीि करि हए उनदहोन मरी पढ ई क ब र
म पछि छ की जब सन तक म श मलद स कोलज म हा िो बोल ldquoजम न बदल गय ह िम
भ इयो म स कोई कब ग ाधी की गददी साभ लन च ह िो तबन पढ ई क वह नही होग यह लडक
अभी पढ रह ह इसततलए गददी साभ लन को बोझ इसस उठव न च तहए इस च र-प ाच स ल िो
अभी बी० ए० होन म लग ज एाग और इिन समय दन पर भी इस ५०-६० रपय की नौकरी
ममलगी दीव नगीरी नही और अगर उसक ब द इस मर लडक की िरह वकील बन य िो थोड
वषय और लग ज एाग और िब िक िो दीव नगीरी क ततलए वकील भी बहि स िय र हो चक ग
आपको इस तवल यि भजन च तहए नय आय हए ब ररसटरो को दखो व कस ठ ठ स रहि ह
व च ह िो उनदह दीव नगीरी आज ममल सकिी ह मरी िो सल ह ह तक आप मोहनद स को इसी
स ल तवल यि भज दीजजए तवल यि म मर कवलर म क कई दोसि ह वह उनक न म ततसर ररशी
पि द दग िो इस वह ा कोई कदठन ई नही होगीrdquo
जोशीजी न (म वजी दव को हम इसी न म स पक रि थ) मरी िरर दखकर मझस ऐस
लहज म पछ म नो उनकी सल ह क सवीकि होन म उनदह कोई शाक ही न हो
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कयो िझ तवल यि ज न अछछ लगग य यही पढि रहन rdquo मझ जो भ ि थ वही
वदयन बि ददय म कोलज की कदठन इयो स डर िो गय ही थ मन कह ldquoमझ तवल यि भज
िो बहि ही अछछ हrdquo
बड भय सोच म पड गय मझ भजन क ततलए रपयो क बादोबसि परबाध कस तकय ज य
इिन ही नही मझ जस नवयव को तवदश कस भज ज यrdquo
म ि जी कस समझिी उनदहोन सब िरह की पछि छ शर कर दी थी कोई कहि
नौजव न लोग तवल यि ज कर तबगड ज ि ह कोई कहि व म ास ह र करन लगि ह कोई
कहि वह ा शर ब क तबन िो चलि ही नही म ि जी न मझ य स री ब ि सन यी इन स री
ब िो क कय मन कह ldquoपर ि मर तवशव स नही करगी म िझ धोख नही दाग शपथपवयक
कहि हा तक म इन िीनो चीजो स बचाग अगर ऐस खिर होि िो जोशीजी क यो ज न
दिrdquo
म ि जी बोली ldquoमझ िर तवशव स ह पर दर दश म कय होग मरी िो अकल क म नही
करिी म बचरजी सव मी स पछागीrdquo
बचरजी सव मी मोढ बतनयो म स बन हए एक जन स ध थ जोशीजी की िरह व भी हम र
सल हक र थ उनदहोन मदद की व बोल ldquoम इस लडक स इन िीनो चीजो क वरि ततलव ऊा ग
तफर इस ज न दन म कोई ह तन नही होगीrdquo उनदहोन परतिजञ ततलव यी और मन म ास मददर िथ
सिी-साग स दर रहन की परतिजञ की म ि जी न आजञ दी
ह ईसकल म सभ हई र जकोट क एक यवक तवल यि ज रह ह यह आियय क तवषय
बन म जव ब क ततलए कछ ततलखकर ल गय थ जव ब दि समय उस मतककल स पढ प य
मझ इिन य द ह तक मर ततसर घम रह थ और शरीर क ाप रह थ
म ि जी की आजञ और आशीव यद लकर और पतनी क गोद म कछ महीनो क ब लक
छोडकर म उमागो क स थ बमबई पहाच पहाच िो गय पर वह ा ममिो न भ ई को बि य तक जन-
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जल ई म तहनदद मह स गर म िर न आि ह और मरी यह पहली ही समरी य ि ह इसततलए नवमबर
म रव न करन च तहए
इस बीच ज ति म खलबली मची ज ति की सभ बल यी गयी मझस जव ब िलब तकय
ज न च तहए मझ पाच यि म ह जजर रहन क हकम ममल म गय म नही ज नि तक मझम
अच नक तहममि कह ा स आ गयी ह जजर रहन म मझ न िो साकोच हआ न डर लग ज ति क
सरपाच क स थ दर क कछ ररकि भी थ तपि जी क स थ उनक समबनदध अछछ थ उनदहोन
मझस कह
ldquoज ति क खय ल ह तक िन तवल यि ज न क जो तवच र तकय ह वह टीक नही ह
हम र धमय म समर प र करन की मन ही ह तिस पर यह भी सन ज ि ह तक वह ा धमय की रकष
नही हो प िी वह ा स हब लोगो क स थ ख न -पीन पडि हrdquo
मन जव ब ददय ldquoमझ िो लगि ह तक तवल यि ज न म लशम ि भी अधमय नही ह मझ
िो वह ा ज कर तवदय धययन ही करन ह तफर जजन ब िो क आपको डर ह उनस दर रहन की
परतिजञ मन अपनी म ि जी क सममख ली ह इसततलए म उनस दर रह सका ग rdquo
सरपाच बोल ldquoपर हम िझस कहि ह तक वह ा धमय की रकष हो ही नही सकिी ि ज नि
ह तक िर तपि जी क स थ मर कस समबनदध थ िझ मरी ब ि म ननी च तहएrdquo
मन जव ब म कह आपक स थ क समबनदध को म ज नि हा आप तपि क सम न ह
पर इस ब र म म ल च र हा तवल यि ज न क अपन तनिय म बदल नही सकि जो तवदव न
बर हमण मर तपि जी क ममि और सल हक र ह व म नि ह तक मर तवल यि ज न म कोई दोष
नही ह मझ अपनी म ि जी और अपन भ ई की अनमति भी ममल चकी हrdquo
ldquoपर ि ज ति क हकम नही म नग rdquo
ldquoम ल च र हा मर खय ल ह तक इसम ज ति को दखल नही दन च तहएrdquo
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इस जव ब स सरपाच गसस हए मझ दो-च र ब ि सन यी म सवसथ बठ रह सरपाच न
आदश ददय
ldquoयह लडक आज स ज तिछयि म न ज यग जो कोई इसकी मदद करग अथव इस
तबद करन ज यग पाच उसस जव ब िलब करग और उसस सव रपय दणड क ततलय ज यग rdquo
यझ पर इस तनिय क कोई असर नही हआ मन सरपाच स तबद ली अब सोचन यह
थ तक इस तनिय क मर भ ई पर कय असर होग सौभ गय स व दढ रह और मझ ततलख भज
तक ज ति क तनिय क ब वजद व मझ तवल यि ज न स नही रोक ग
ममिो न मर ततलए जगह भी तरयमबकर य मजमद र (जन गढ क वकील क न म) की कोठरी
म ही रखी थी उनस मर तवषय म कह भी ददय थ व िो परौढ उमर क अनभवी सजजन थ म
तनय क अनभव स शनदय अठ रह स ल क नौजव न थ मजमद र न ममिो स कह ldquoआप
इसकी तरकर न करrdquo
इस िरह १८८८ क ततसिमबर महीन की ४ ि रीख को मन बमबई क बनददरग ह छोड
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९ सटीमर म
अगरज़ी म ब ि करन की मझ आदि ही न थी दसर दज क सलन म मजमद र को छोडकर दसर
सब मस तफर अागरज थ म उनक स थ बोल न प ि थ व मझस बोलन क परयतन करि िो म
समझ न प ि और समझ लि िो जव ब कय दन सो सझि न थ बोलन स पहल हरएक
व कय को जम न पडि थ क ाट-चममच स ख न आि न थ और तकस पद थय म म ास नही
ह यह पछन की तहममि नही होिी थी इसततलए म ख न की मज पर िो कभी गय ही नही अपनी
कोठरी म ही ख ि थ अपन स थ ख स करक जो ममठ ई बगर ल य थ उनदही स मन क म
चल य मजमद र की िो कोई साकोच नही थ व सबक स थ घलममल गय थ डक पर भी
आज दी स ज ि थ म स र ददन कोटरी म बठ रहि थ कभी-कद स जब डक पर थोड लोग
होि िो कछ दर वह ा ज कर बठ लि थ मजमद र मझ समझ ि तक सबक स थ घलो-ममलो
आज दी स ब िचीि करो व मझस यह भी कहि तक वकील की जीभ खब चलनी च तहए वकील
क न ि व अपन अनभव सन ि और कहि तक अागरजी हम री भ ष नही ह उसम गलतिय ा िो
होगी ही तफर भी खलकर बोलि रहन च तहए पर म अपनी भीरि छोड न प ि थ
मझ पर दय करक एक भल अागरज न मझस ब िचीि शर की व उमर म बड थ म
कय ख ि हा कौन हा कह ा ज रह हा तकसीस ब िचीि क यो नही करि आदद परशन व पछि
रहि उनदहोन मझ ख न की मज पर ज न की सल ह दी म ास न ख न क मर आगरह की ब ि
सनकर व हास और मझ पर िरस ख कर बोल ldquoयह ा िो (पोटयसईद पहाचन स पहल िक) ठीक
ह पर तबसक की ख डी म पहाचन पर िम अपन तवच र बदल लोग इागलड म िो इिनी ठाड पडिी
ह तक म ास ख य तबन चलि ही नही
मन कह ldquoमन सन ह तक वह ा लोग म ास ह र क तबन रह सकि हrdquo
व बोल ldquoइस ग़लि समझो अपन पररमचिो म म ऐस तकसी आदमी को नही ज नि जो
म ास न ख ि हो सनो म शर ब पीि हा पर िमह पीन क ततलए नही कहि लतकन म समझि
हा तक िमह म ास िो ख न ही च तहएrdquo
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मन कह ldquoइस सल ह क ततलए म आपक आभ र म नि हा पर म ास न ख न क ततलए म
अपनी म ि जी स वचन-बदध हा इस क रण म म ास नही ख सकि अगर उसक तबन क म ही
न चल िो म व पस तहनदसि न चल ज ऊा ग पर म ास िो कभी न ख ऊा ग rdquo
तबसक की ख डी आयी वह ा भी मझ न िो म ास की जररि म लम हई और न मददर
की
हम स उधमपटन बनददरग ह पर पहाच मझ य द ह तक उस ददन शतनव र थ जह ज पर म
क ली पोश क पहनि थ ममिो न मर ततलए सफद फल लन क कोट-पिलन भी बनव ददय थ
उनदह मन तवल यि म उिरि समय पहनन क तवच र कर रख थ यह समझकर तक सफद कपड
अमधक अछछ लगग म फल लन क सट पहनकर उिर ततसिमबर क आखखरी ददन थ मन वह ा
इस पोश क म एक अपन को ही दख मरी पदटय ा और उनकी च तबय ा िो तगरणडल कमपनी क
एजणट ल गय थ सबकी िरह मझ भी करन च तहए यह समझकर मन िो अपनी च तबय ा भी
द दी थी
मर प स च र ततसर ररशी पि थ डोकटर पर णजीवन महि क न म दलपिर म शकल क
न म तपरनदस रणजीिससिहजी क न म और द द भ ई नौरोजी क न म जह ज म तकसीन सल ह दी
थी तक तवकटोररय होटल म ठहरन च तहए इस क रण मजमद र और म उस होटल म पहाच म
िो अपनी सफद पोश क की शरम स ही गड ज रह थ तिस पर होटल म पहाचन पर पि चल
तक अगल ददन रतवव र होन स तगरणडल क यह ा स स म न सोमव र िक नही आयग इसस म
परश न हआ
मन डो महि को स उदमपटन स एक ि र भज थ
स ि-आठ बज डोकटर महि आय उनदहोन परमभर तवनोद तकय मझ फल लीन म
दखकर हास पड मन अनज न रशमी रोओव ली उनकी टोपी दखन क खय ल स उठ यी और
उस पर उलट ह थ फर इसस टोपी क रोएा खड हो गय डोकटर महि न दख मझ िरनदि ही
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रोक पर अपर ध िो हो चक थ उनक रोकन क निीज िो यही तनकल सकि थ तक ब र
वस अपर ध न हो
समजझय तक यही स यरोप क रीति-ररव जो क समबनदध म मरी ततशकष क शरीगणश हआ
डोकटर महि हासि-हासि बहि-सी ब ि समझ ि थ तकसी की चीज छनी नही च तहए तकसीस
ज न-पहच न होन पर जो परशन तहनदसि न म यो ही पछ ज सकि ह व यह ा नही पछ ज सकि
ब ि करि समय ऊा ची आव ज स नही बोल सकि तहनदसि न म अागरजो स ब ि करि समय सर
कहन क जो ररव ज ह वह यह ा अन वकयक ह सर िो नौकर अपन म ततलक स अथव अपन
बड अफसर स कहि ह तफर उनदहोन होटल म रहन क खचय की भी चच य की और सझ य तक
तकसी तनजी कटमब म रहन रहन की जररि पडगी इस तवषय म अमधक तवच र सोमव र पर
छोड गय
होटल म िो हम दोनो को यही लग तक यह ा कह ा आ फा स होटल महाग भी थ म लट
स एक ततसनदधी य िी जह ज पर सव र हए थ मजमद र उनस अछछ घलममल गय गय थ य ततसनदधी
य िी लादन क अछछ ज नक र थ उनदहोन हम र ततलए दो कमर तकर य पर लन की जजममद री
उठ यी हम सहमि हए और सोमव र को जस ही स म न ममल तबल चक कर उि ततसनधी
सजजन दव र ठीक तकय कमरो म हमन परवश तकय
मझ य द ह तक मर तहसस क होटल क तबल लगभग िीन पौड क हआ थ म िो उस
दखकर चतकि ही रह गय िीन पौड दन पर भी भख रह होटल की कोई चीज मझ रचिी
नही थी एक चीज ली और वह नही रची दसरी ली पर द म िो दोनो क ही चक न च तहए
यह कहन ठीक होग तक अभी िो मर क म बमबई स ल य हए प थय स स ही चल रह थ
इस कमर म भी म बहि परश न रह दश की य द खब आिी थी म ि क परम मरििम न
होि थ र ि पडिी और म रोन शर करि घर की अनक समतियो की चढ ई क क रण नीद
िो आ ही कस सकिी थी इस ःख की चच य तकसीस की भी नही ज सकिी थी करन स ल भ
भी कय थ म सवया नही ज नि थ तक तकस उप य स मझ आशव सन ममलग यह ा क लोग
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तवमचि रहन-सहन तवमचि घर भी तवमचि घरो म रहन क ढाग भी तवमचि अागरजी रहनसहन
िथ रीति ररव जो म म नय प ठी थ अिः सिि सिकय रहन पडि थ तिस पर ख न-पीन क
परहज और ख न योगय आह र सख िथ नीरस लगि थ इस क रण मरी दश सरौि क बीच
सप री जसी हो गयी तवल यि म रहन मझ अछछ नही लगि थ और दश को लौट नही ज
सकि थ तवल यि पहाच ज न पर िो िीन स ल वह ा पर करन क ही मर आगरह थ
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भाग-२ लडन म नवदयाथी क रप म
१० लडन म
डोकटर महि सोमव र को मझस ममलन तवकटोररय होटल पहाच वह ा उनदह हम र नय पि
ममल इसस व नई जगह आकर ममल डोकटर महि न हम र कमर बगर दख और ततसर तहल य
ldquoयह जगह क म की नही इस दश म आकर पढन की अपकष यह ा क जीवन और रीिी-ररव ज
क अनभव पर पि करन ही अमधक महततव क ह इसक ततलए तकसी पररव र म रहन जररी ह
पर अभी िो मन सोच ह तक िमह कछ ि लीम ममल सक इसक ततलए mdash क घर रहो म िमह
वह ा ल ज ऊा ग rdquo
मन आभ रपवयक उनक सझ व म न ततलय म ममि क घर पहाच उनक सव गि-सतक र
म कोई कमी नही थी उनदहोन मझ अपन सग भ ई की िरह रख अागरजी रीति-ररव ज ततसख य
यह कह सकि हा तक अागरजी म थोडी ब िचीि करन की आदि उनदहीन डलव ई
मर भोजन क परशन बहि तवकट हो गय तबन नमक और मस लो व ली स ग-सबजी
रचिी नही थी घर की म लतकन मर ततलए कछ बन व िो क य बन व सवर िो ओटमील५ की
लपसी बनिी उसस पट कछ भर ज ि पर दोपहर और श म को म हमश भख रहि ममि
मझ रोज म ास ख न क ततलए समझ ि म परतिजञ की आड लकर चप हो ज ि दोपहर को ततसरय
रोटी पिो व ली एक भ जी और मरबब पर गजर करि थ यही खर क श म क ततलए भी थी म
दखि तक रोटी क िो दो-िीन टकड ही लन की रीि ह इसस अमधक म ागि शरम लगिी थी
मझ डटकर ख न की आदि थी भख िज थी और खब खर क च हिी थी दोपहर य श म को
दध नही ममलि थ मरी यह ह लि दखकर एक ददन ममि मचढ गय और बोल ldquoअगर िम मर
सग भ ई होि िो म िमह तनिय ही व पस भज दि यह ा की ह लि ज न तबन तनरकषर म ि क
स मन की गई परतिजञ क मलय ही कय वह िो परतिजञ ही नही कही ज सकिी म िमस कहि
हा तक क़ नन इस परतिजञ नही म नग ऐसी परतिजञ स मचपट रहन िो तनर अाधतवशव स कह
ज एाग और ऐस अाधतवशव स म फा स रहकर िम इस दश स अपन दश म कछ भी न ल ज
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सकोग िम िो कहि हो तक िमन म ास ख य ह िमह वह अछछ भी लग ह जह ा ख न की
जररि नही वह ा ख य और जह ा ख न की ख स जररि ह वह ा यह कस आियय हrdquo
म टस स मस नही हआ
ऐसी बहस रोज हआ करिी मर प स छिीस रोगो को ममट न व ल एक ननद न ही थ
ममि मझ जजिन समझ ि मरी दढि उिनी ही बढिी ज िी म रोज भगव न स रकष की य चन
करि और मझ रकष ममलिी म नही ज नि थ तक ईशवर कौन ह पर रमभ की दी हई शरदध
अपन क म कर रही थी
एक ददन ममि न मर स मन बनदथम क गराथ पढन शर तकय उपयोतगि व द व ल
अधय य पढ म घबर य भ ष ऊा ची थी म मतककल स समझ प ि उनदहोन उसक तववचन
तकय मन उिर ददय
ldquoम आप स म री च हि हा म ऐसी सकषम ब ि समझ नही प ि म सवीक र करि हा
तक म ास ख न च तहए पर म अपनी परतिजञ क बनदधन िोड नही सकि उसक ततलए म कोई
दलील नही द सकि मझ तवशव स ह तक दलील म म आपको कभी जीि नही सकि पर मखय
समझकर अथव हठी समझकर इस म मल म मझ छोड दीजजए म आपक परम को समझि हा
आपक आशय समझि हा आपको म अपन परम तहिषी म नि हा म यह भी दख रह हा तक
आपको ःख होि ह इसीस आप इिन आगरह करि ह पर म ल च र हा मरी परतिजञ नही टट
सकिीrdquo
ममि दखि रह उनदहोन पसिक बनदद कर दी ldquoबस अब म बहस नही करा ग कहकर व
चप हो गय म खश हआ इसक ब द उनदहोन बहस करन छोड ददय
पर मर ब र म उनकी मचनदि दर न हई व बीडी पीि थ शर ब पीि थ लतकन मझस
कभी नही कह तक इनम स एक क भी म सवन करा उलट व मन ही करि रह उनदह मचनदि
यह थी तक म ास ह र क अभ व म म कमजोर हो ज ऊा ग और इागलड म तनकषिनदिि पवयक रह न
सका ग
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इस िरह एक महीन िक मन नौततसखए क रप म उममीदव री की ममि क घर ररचमनदड
म थ इसततलए म हफि म एक य दो ब र ही लनददन ज प ि थ डोकटर महि और भ ई
दलपिर म शकल न सोच तक अब मझ तकसी कटगब म रहन च तहए भ ई शकल न वसट
कतनदसागटन म एक एागलो-इचणडयन क घर खोज तनक ल और मझ वह ा रख घर की म लतकन
एक तवधव थी उसस मन म ास-तय ग की ब ि कही बदढय न मरी स र-साभ ल की जजममद री
ली म वह ा रहन लग
वह ा भी मझ रोज भख रहन पडि थ मन घर स ममठ ई बगर ख न की चीज माग ई
थी पर व अभी आई नही थी सब कछ फीक लगि थ बदढय हमश पछिी पर वह कर
क य तिस पर म अभी िक शरम ि थ जजिन रखिी थी उिन ही ख ि थ बदढय क दो
लडतकय ा थी व आगरह करक थोडी अमधक रोटी दिी पर व बच री कय ज न तक उनकी समची
रोटी ख न पर ही मर पट भर सकि थ
लतकन अब म होततशय री पकडन लग थ अभी पढ ई शर नही हई थी मतककल स
सम च रपि पढन लग थ यह भ ई शकल क परि प थ तहनदसि न म मन सम च रपि कभी
पढ नही थ पर बर बर पढि रहन क अभय स स उनदह पढन क शौक़ म पद कर सक थ डरली
नयज डरली टकषरलगराफ और परलमरल गजट इन पिो को सरसरी तनग ह स दख ज ि थ पर शर-
शर म िो इसम मतककल स एक घाट खचय होि होग
मन घमन शर तकय मझ तनर ममष अथ यि अनदन ह र दन व ल भोजनगह की खोज
करनी थी घर की म लतकन न भी कह थ तक ख स लनददन म ऐस गह मौजद ह म रोज दस-
ब रह मील चलि थ तकसी म मली स भोजन-गह म ज कर पट भर रोटी ख लि थ पर उसस
सािोष न होि थ इस िरह भटकि हआ एक ददन म फररिगडन सरीट पहाच और वह ा
lsquoवजजटररयन रसटर ाrsquo (अनदन ह री भोजन लय) क न म पढ मझ वह आननदद हआ जो ब लक
को मनच ही चीज ममलन स होि ह हषय-तवभोर होकर अनददर घसन स पहल मन दरव ज क प स
की शीश व ली खखडकी म तबकरी की पसिक दखी उनम मझ सोलट की अननाहार की कषहमायि
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न मक पसिक दीखी एक ततशसलिग म मन वह खरीद ली और तफर भोजन करन बठ तवल यि
आन क ब द यह ा पहली ब र भरपट भोजन ममल ईशवर न मरी भख ममट यी
सोलट की पसिक पढी मझ पर उसकी अछछी छ प पडी इस पसिक को पढन क ददन
स म सवछछ पवयक अथ यि तवच र-पवयक अनदन ह र म तवशव स करन लग म ि क तनकट की गई
परतिजञ अब मझ तवशष आननदद दन लगी और जजस िरह अब िक म यह म नि थ तक सब
म ास ह री बन िो अछछ हो और पहल कवल सतय की रकष क ततलए िथ ब द म परतिजञ -प लन
क ततलए ही म म ास-तय ग करि थ और भतवषय म तकसी ददन सवया आज दी स परकट रप म
म ास ख कर दसरो को ख न व लो क दल म ससतममततलि करन की उमाग रखि थ उसी िरह अब
सवया अनदन ह री रहकर दसरो को वस बन न क लोभ मझम ज ग
________________
५ जई क आट
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११ सभय पोशाक म
इस बीच मर उन ममि को िो मरी मचनदि बनी ही रही उनदहोन मझ न टक ददख न क ततलए नदयोि
वह ा ज न स पहल मझ उनक स थ होबनय भोजन-गह म भोजन करन थ मर ममि को ऐस
खय ल थ तक भोजनगह म मय यद क क रण भी म चप रहाग सकडो क बीच हम दो ममि एक
मज क स मन बठ ममि न पहली पलट माग ई वह सप की थी म परश न हआ ममि स कय
पछि मन िो परोसन व ल को अपन प स बल य
ममि समझ गय मचढकर मझस पछ
कय हrdquo
मन धीर स साकोचपवयक कह
ldquoम ज नन च हि हा तक इसम म ास ह य नहीrdquo
ldquoऐस गह म यह जागलीपन नही चल सकि अगर िमह अब भी यही तकच-तकच करनी
हो िो िम ब हर ज कर तकसी छोट स भोजन-गह म ख लो और ब हर ही मरी र ह दखोrdquo
म इस परसि व स खश होकर उठ प स ही एक अनदन ह र व ल भोजन-गह थ पर वह
िो बनदद हो चक थ म भख रह हम न टक दखन गय ममि न उि घटन क ब र म एक भी
शबद माह स न तनक ल मर प स िो कहन को थ ही कय
लतकन यह हम र बीच क अननदिम ममि-यदध थ न हम र समबनदध टट न उसम कटि
आई उनक स र परयतनो क मल म रह हए परम को म पहच न सक थ इस क रण तवच र और
आच र की कषभनदनि क रहि हए भी उनक परति मर आदर बढ गय
पर मन सोच तक मझ उनक डर दर करन च तहए मन तनिय तकय तक म जागली नही
रहाग सभय क लकषण गरहण करा ग और दसर परक र स सम ज म समरस होन योगय बनकर
अनदन ह र की अपनी तवमचिि को मछप लाग
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मन सभयि सीखन क ततलए अपनी स मरथयय स पर क और मछछल र सि पकड
तवल यिी होन पर भी बमबई क कट-ततसल कपड अछछ अागरज सम ज म शोभ नही दग
इस तवच र स मन आमी और नवी सटोर म कपड ततसलव य उनद नीस ततशसलिग की (उस जम न क
ततलह ज स िो यह कीमि बहि ही कही ज एगी) मचमनी टोपी ततसर पर पहनी इिन स सािोष न
हआ िो बोणड सरीट म जह ा शौक़ीन लोगो क कपड ततसलि थ दस पौणड पर बिी रखकर श म
की पोश क ततसलव यी भोल और ब दश ही ददल व ल बड भ ई स मन दोनो जबो म लटक न
ल यक सोन की एक बदढय चन मागव यी और वह ममल भी गयी बाधी-बाध यी ट ई पहनन
ततशषट च र म शम र न थ इसततलए ट ई ब ाधन की कल हसिगि की दश म आईन हज मि क
ददन ही दखन को ममलि थ पर यह ा िो बड आईन क स मन खड रहकर ठीक स ट ई ब ाधन म
और ब लो म पटटी ड लकर सीधी म ाग तनक लन म रोज लगभग दस ममतनट िो बरब द होि ही
थ ब ल मल यम नही थ इसततलए उनदह अछछी िरह मड हए रखन क ततलए बरश (झ ड ही
समजझए) क स थ रोज लड ई चलिी थी और टोपी पहनि िथ तनक लि समय ह थ िो म नो
म ाग को सहजन क ततलए ततसर पर पहाच ही ज ि थ और बीच-बीच म सम ज म बठ-बठ मॉग
पर ह थ तफर कर ब लो को वयवचसथि रखन की एक और सभय तकरय बर बर चलिी ही रहिी
थी
पर इिनी टीमट म ही क री न थी अकली सभय पोश क स सभय थोड ही बन ज सकि
थ मन सभयि क दसर कई ब हरी गण भी ज न ततलए थ और म उनदह सीखन च हि थ सभय
परष को न चन ज नन च तहए उस फर च अछछी िरह ज न लनी च तहए कयोतक फर च इागलणड
क पडोसी फर ास की भ ष थी और स र यरोप की र षटरभ ष भी थी और मझ यरोप म घमन की
इछछ थी इसक अल व सभय परष को लछछद र भ षण करन भी आन च तहए मन नतय
सीखन क तनिय तकय एक ककष म भरिी हआ एक सि क करीब िीन पौणड जम तकए
कोई िीन हफिो म करीब छह सबक सीख होग पर ठीक स ि लबदध पडि न थ तपय नो बजि
थ पर वह क य कह रह ह कछ समझ म न आि थ िो अब कय तकय ज य अब िो ब ब जी
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की तबलली व ल तकसस हआ चहो को भग न क ततलए तबलली तबलली क ततलए ग य और ग य
क ततलए आदमी यो ब ब जी क पररव र बढ उसी िरह मर लोभ क पररव र भी बढ व योततलन
बज न सीख ला िो सर और ि ल क खय ल हो ज य िीन पौणड व योततलन खरीदन म गाव य
और कछ उसकी ततशकष क ततलए भी ददय भ षण करन सीखन क ततलए एक िीसर ततशकषक क
घर खोज उनदह भी एक तगनद नी िो भट की ही बल की सटणडडड एरलोकयशकषिसट पसिक खरीदी
तपट क एक भ षण शर तकय
इन बल स हबन मर क न म घाटी (बल) बज यी म ज ग
मझ कौन इागलणड म जीवन तबि न ह लछछद र भ षण करन सीखकर म कय करा ग
न च-न चकर म सभय कस बनाग व योततलन िो दश म भी सीख ज सकि ह म िो तवदय थी
हा मझ तवदय -धन बढ न च तहए मझ अपन पश स समबनदध रखन व ली िय री करनी च तहए
म अपन सद च र स सभय समझ ज ऊा िो ठीक ह नही िो मझ यह लोभ छोडन च तहए
इन तवच रो की धन म मन उपययि आशय क उदग रोव ल पि भ षण-ततशकषक को भज
ददय उनस मन दो य िीन प ठ पढ थ नतय-ततशकषकषक को भी ऐस ही पि ततलख व योततलन
ततशकषकषक क घर व योततलन लकर पहाच उनदह जजस द म भी वह तबक बच ड लन की इज जि द
दी उनक स थ कछ ममिि क -स समबनदध हो गय थ इस क रण मन उनस अपन मोह की चच य
की न च आदद क जाज ल म स तनकल ज न की मरी ब ि उनदहोन पसनदद की
सभय बनन की मरी यह सनक लगभग िीन महीन िक चली होगी पोश क की टीमट म
िो बरसो चली पर अब म तवदय थी बन
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१२ फरफार
कोई यह न म न तक न च आदद क मर परयोग उस समय की मरी सवछछनददि क सचक ह प ठको
न दख होग तक उनम कछ समझद री थी मोह क इस समय म भी म एक हद िक स वध न
थ प ई-प ई क तहस ब रखि थ खचय क अाद ज रखि थ
अपनी रहन-सहन पर मर कछ अाकश थ इस क रण म दख सक तक मझ तकिन खचय
करन च तहए
अब िक म कटमबो म रहि थ उसक बदल अपन ही कमर लकर रहन क मन तनिय
तकय और यह भी िय तकय तक क म क अनस र और अनभव पर पि करन क ततलए अलग-अलग
महललो म घर बदलि रहाग घर मन ऐसी जगह पर पसनदद तकय तक जह ा स क म की जगह पर
आध घाट म पदल पहाच ज सक और ग डी-भ ड बच इसस पहल जह ा ज न होि वह ा क
ग डी-भ ड हमश चक न पडि और घमन क ततलए अलग स समय तनक लन पडि थ अब
क म पर ज ि हए ही घमन की वयवसथ जम गई और बचि भी हई और इस वयवसथ क क रण
म रोज आठ-दस मील िक आस नी स घम लि थ ख सकर इस एक आदि क क रण म
तवल यि म श यद ही कभी बीम र पड होऊा ग मर शरीर क री कस गय कटमब म रहन
छोडकर मन दो कमर तकर य पर ततलए एक सोन क ततलए और दसर बठक क रप म यह
फरफ र की दसरी माजजल कही ज सकिी ह िीसर फरफ र अभी होन शष थ
इस िरह आध खचय बच लतकन समय क कय हो म ज नि थ तक ब ररसटरी की
परीकष क ततलए बहि पढन जररी नही ह इसततलए मझ बतरकरी थी पर मरी कछची अागरजी मझ
ःख दिी थी मन सोच मझ ब ररसटर बनन क अल व कछ और भी पढन च तहए ओकसफडय
कसतमबरज की पढ ई क पि लग य कई ममिो स ममल मन दख तक वह ा ज न स खचय बहि बढ
ज यग और पढ ई लमबी चलगी म िीन स ल स अमधक रह नही सकि थ तकसी ममि न कह
ldquoअगर िमह कोई कदठन परीकष ही दनी हो िो िम लनददन की मदरकयलशन प स कर लो उसम
महनि क री करनी पडगी और स ध रण जञ न बढग खचय तबलकल नही बढग rdquo मझ यह
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सझ व अछछ लग पर परीकष क तवषय दखकर म चौक लदटन और दसरी एक भ ष अतनव यय
थी लदटन कस सीखी ज य पर ममि न सझ य ः ldquoवकील क ततलए लदटन बहि उपयोगी ह
लदटन ज नन व ल क ततलए क़ ननी तकि ब समझन आस न हो ज ि ह और lsquoरोमन लो की
परीकष म एक परशनपि िो कवल लदटन भ ष म ही होि ह इसक ततसव य लदटन ज नन स अागरजी
भ ष पर परभतव बढि हrdquo इन सब दलीलो क मझ पर असर हआ मन सोच मतककल हो च ह
न हो पर लदटन िो सीख ही लनी ह फर च की शर की हई पढ ई को पर करन ह इसततलए
तनिय तकय तक दसरी भ ष फर च हो मदरकयलशन क एक पर इवहट वगय चलि थ उसम भरिी
हो गय हर छठ महीन परीकष होिी थी मर प स मतककल स प ाच महीन क समय थ यह क म
मर बि क ब हर थ पररण म यह हआ तक सभय बनन की जगह म अतयनदि उदयमी तवदय थी बन
गय समय-पिक बन य एक-एक ममनट क उपयोग तकय पर मरी बजदध य समरण-शतति
ऐसी नही थी तक दसर तवषयो क अतिररि लदटन और फर च की िय री कर सका परीकष म बठ
लदटन म फल हो गय ःख िो हआ पर तहममि नही ह र लदटन म रमच पद हो गयी थी मन
सोच तक दसरी ब र परीकष म बठन स फर च अमधक अछछी हो ज एागी और तवजञ न म नय तवषय
ल लाग परयोगो क अभ व म रस यनश सि मझ रचि ही न थ यदयतप अब दखि हा तक उसम
खब रस आन च तहए थ इसततलए लनददन की मदरक क ततलए भी पहली ब र इसी को पसनदद तकय
थ इस ब र परक श और उषणि (Light और Heat) क तवषय ततलय यह तवषय आस न म न
ज ि थ मझ भी आस न परिीि हआ
पनः परीकष दन की िय री क स थ ही रहन-सहन म अमधक स दगी ल न क परयतन शर
तकय मन अनभव तकय तक अभी मर कटमब की ग़रीबी क अनरप मर जीवन स द नही बन
ह भ ई की िागी क और उनकी उद रि क तवच रो न मझ वय कल बन ददय जररि पडन पर
व पस अवकय भज ही दि थ जो लोग हर महीन १५ पौणड य ८ पौणड खचय करि थ उनदह िो
छ िवततिय ा ममलिी थी म दखि थ तक मझस भी अमधक स दगी स रहन व ल लोग ह म ऐस
ग़रीब तवदय रथियो क सापकय म ठीक-ठीक आय थ एक तवदय थी लनददन की ग़रीब बसिी म हफि
क दो ततशसलिग दकर एक कोठरी म रहि थ और लोक टय की कोको की ससिी क न म दो पनी
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क कोको और रोटी ख कर अपन गज र करि थ उसस सपध य करन की िो मरी शतति नही
थी पर मन अनभव तकय तक म अवकय ही दो क बदल एक कमर म रह सकि हा और आधी
रसोई अपन ह थ स भी बन सकि हा इस परक र म हर महीन च र य प ाच पौणड म अपन
तनव यह कर सकि हा स दी रहन-सहन पर पसिक भी पढ चक थ दो कमर छोड ददय और
हफि क आठ ततशसलिग पर एक कमर तकर य स ततलय एक अागीठी खरीदी और सबह क भोजन
ह थ स बन न शर तकय इसम मतककल स बीस ममनट खचय होि थ ओटमील की लपसी बन न
और कोको क ततलए प नी उब लन म तकिन समय लगि दोपहर क भोजन ब हर कर लि
और श म को तफर कोको बन कर रोटी क स थ ख लि इस िरह म एक स सव ततशसलिग क
अनददर रोज क अपन भोजन की वयवसथ करन सीख गय जीवन स द बन ज न स समय
अमधक बच दसरी ब र परीकष म बठ और प स हआ
पर प ठक यह न म न तक स दगी स मर जीवन नीरस बन होग उलट इन फरफ रो क
क रण मरी आनदिररक और ब हय चसथति क बीच एकि पद हई कौटसतमबक चसथति क स थ मरी
रहन-सहन क मल बठ जीवन अमधक स रमय बन और मर आतम ननदद क प र न रह
घर स ममठ ई-मस ल बगर जो माग य थ सो लन बनदद कर ददय और मनन दसर मोड
पकड इस क रण मस लो क परम कम पड गय और जो सबजी ररचमाड म मस ल क अभ व
म बसव द म लम होिी थी वह अब ततसरय उब ली हई सव ददषट लगन लगी ऐस अनक अनभवो स
मन यह सीख तक सव द क सछच सथ न जीभ नही पर मन ह
आरथिक दतषट िो मर स मन थी ही उन ददनो एक पाथ ऐस थ जो च य-कोफी को
ह तनक रक म नि थ और कोको क समथयन करि थ म यह समझ चक थ तक कवल उनदही
वसिओ क सवन करन योगय ह जो शरीर-वय प र क ततलए आवकयक ह इस क रण मखयिः
मन च य और कोफी क तय ग तकय और कोको को अपन य
परयोगो क स थ उप-परयोग िो बहि हए कभी सट चय व ल आह र छोड कभी ततसरय
ड ल-रोटी और फल पर ही रह और कभी पनीर दध और अाडो क ही सवन तकय
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यह आखखरी परयोग उललखनीय ह यह पनद रह ददन भी नही चल सट चय-रतहि आह र क
समथयन करन व लो न अाडो की खब सिति की थी और यह ततसदध तकय थ तक अाड म ास नही ह
यह िो सपषट ही ह तक अाड ख न म तकसी जीतवि पर णी को ःख नही पहाचि इस दलील क
भल व म आकर मन म ि जी क सममख की हई परतिजञ क रहि भी अाड ख य पर मर वह मोह
कषकषणक थ परतिजञ क नय अथय करन क मझ अमधक र न थ अथय िो परतिजञ कर न व ली
म ि क ही म न ज सकि थ म ास न ख न की परतिजञ कर न व ली म ि को अाडो क िो
खय ल ही नही हो सकि थ इस म ज नि थ इस क रण परतिजञ क रहसय क बोध होि ही
मन अाड छोड और परयोग भी छोड
इस समय िक क मर परयोग आरथिक और आरीगय की दतषट स होि थ तवल यि म उनदहोन
ध रमिक सवरप गरहण नही तकय थ ध रमिक दतषट स मर कदठन परयोग दकषकषण अफ़रीक म हए
जजनकी छ न-बीन आग करनी होगी
मझम नवधमी क जोश आ गय थ इस क रण उस समय म जजस बसिी म रहि थ
उसम मन अनदन ह री मणडल की सथ पन करन क तनिय तकय इस बसिी क न म बजवोटर
थ इसम सर एडतवन आनयलड रहि थ मन उनदह उपसभ पति बनन को तनमातिि तकय व बन
डो ओलडफीलड सभ पति बन म मािी बन यह सासथ कछ समय िक िो अछछी चली पर कछ
महीनो क ब द इसक अनदि हो गय कयोतक मन अमक मददि क ब द अपन ररव ज क अनस र
वह बसिी छोड दी पर इस छोट और अलप अवमध क अनभव स मझ सासथ ओ क तनम यण करन
और उनदह चल न क कछ अनभव पर पि हआ
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१३ लजजाशीलता - मरी ढाल
अननाहारी मणडल की क ययक ररणी म मझ चन िो ततलय गय थ और उसम म हर ब र ह जजर
भी रहि थ पर बोलन क ततलए जीभ खलिी ही न थी
म कह सकि हा तक मर यह शरमील सवभ व दकषकषण अफ़रीक पहाचन पर ही दर हआ
तबलकल दर हो गय ऐस िो आज भी नही कह ज सकि बोलन स बच ज सक िो जरर
बच ज ि हा तबन पवय िय री क बोलन यह मर ततलए असाभव थ अपन इस शरमील सवभ व
क क रण मरी फजीहि िो हई पर मर कोई नक़स न नही हआ बचलक अब िो म दख सकि हा
तक मझ फ यद हआ ह पहल बोलन क यह साकोच मर ततलए ःखकर थ अब वह सखकर हो
गय ह एक बड र यद िो यह हआ तक म शबदो क ममिवयय करन सीख
अनभव न मझ यह भी ततसख य ह तक सतय क परतयक पज री क ततलए मौन क सवन इषट
ह मनषय ज न-अनज न भी पर यः अतिशयोतति करि ह अथव जो कहन योगय ह उस मछप ि
ह य दसर ढाग स कहि ह ऐस साकटो स बचन क ततलए भी ममिभ षी होन आवकयक ह कम
बोलन व ल तबन तबच र नही बोलग वह अपन परतयक शबद को िौलग अकसर मनषय बोलन
क ततलए अधीर हो ज ि ह इन सब लोगो क बोलन स तनय को ल भ होि हो ऐस कवमचि
ही प य ज ि ह पर उिन समय की बरब दी िो सपषट ही दखी ज सकिी ह इसततलए यदयतप
आरमभ म मझ अपनी लजज शीलि ःख दिी थी यह लजज शीलि मरी ढ ल थी उसस मझ
पररपकव बनन क ल भ ममल सतय की अपनी पज म मझ उसस सह यि ममली
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१४ असतयरपी नवष
चालीस स ल पहल तवल यि ज न व ल तहनदसि नी तवदय थी आज की िलन म कम थ सवया
तवव तहि होन पर भी अपन को का आर बि न क उनम ररव ज-स पड गय थ उस दश म सकल
य कोलज म पढन व ल कोई तवदय थी तवव तहि नही होि तवव तहि क ततलए तवदय थी-जीवन नही
होि भ रि क यवको को यह सवीक र करि हए शरम म लम होिी ह तक व तवव तहि ह तवव ह
की ब ि मछप न क दसर एक क रण यह ह तक अगर तवव ह परकट हो ज य िो जजस कटमब म
रहि ह उसकी जव न लडतकयो क स थ घमन-तफरन और हासी-मज क करन क मौक़ नही
ममलि यह हासी-मज क अमधकिर तनदोष होि ह म ि -तपि इस िरह की ममिि पसनदद भी
करि ह वह ा यवक और यवतियो क बीच ऐस सहव स की आवकयकि भी म नी ज िी ह
कयोतक वह ा िो परतयक यवक को अपनी सहधमयच ररणी सवया खोज लनी होिी ह अिएव
तवल यि म जो समबनदध सव भ तवक म न ज ि ह उस तहनदसि न क नवयवक तवल यि पहाचि
ही जोडन शर कर द िो पररण म भयाकर ही होग कई ब र ऐस पररण म परकट भी हए ह
तफर भी हम र नवयवक इस मोतहनी म य म फा स पड थ हम र नवयवको न उस सोहबि क
ततलए असतय चरण पसनदद तकय जो अागरजो की दतषट स तकिनी ही तनदोष होि हए भी हम र ततलए
तय जय ह इस फा द म म भी फा स गय तवव तहि और एक लडक क ब प होि हए भी मन अपन
को का आर बि न म साकोच नही तकय पर इसक सव द मन थोड ही चख
बटनर म जजस पररव र म म रहि थ वस पररव र म घर की बटी हो िो वह सभयि क
तवच र स ही सही मर सम न तवदशी को घमन ल ज िी म लतकन की लडकी मझ बटनर क
आसप स की सनददर पह मडयो पर ल गयी वस मरी च ल कछ धीमी नही थी पर उसकी च ल
मझस भी िज थी इसततलए मझ उसक पीछ पीछ घततसटन पड वह िो र सिभर ब िो क फवव र
उड िी चली जब तक मर माह स कभी ह ा य कभी न की आव ज भर तनकलिी थी बहि
हआ िो तकिन सनददर ह कह ददि इसस जय द बोल न प ि वह िो हव म उडिी ज िी
और म यह सोचि रहि तक व पस घर कब पहाचाग इिन म हम एक पह डी की चोटी पर ज
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खड हए पर अब उिर कस ज य अपन ऊा ची एडी व ल बटो क ब वजद बीस-पचीस स ल की
वह रमणी तबजली की िरह ऊपर स नीच उिर गयी जब तक म शरममिद होकर अभी यही सोच
रह थ तक ढ ल कस उिर ज एा वह नीच खडी हासिी ह मझ तहममि बाध िी ह ऊपर आकर
ह थ क सह र दकर नीच ल ज न को कहिी ह म इिन पसितहममि िो कस बनि मतककल
स पर जम ि हआ कही कछ बठि हआ म नीच उिर उसन मज क म lsquoश बब शrsquo
कहकर मझ शरम य हए को और अमधक शरममिद तकय इस िरह क मज क स मझ शरममिद
करन क उस हक थ
लतकन हर जगह म इस िरह कस बच प ि ईशवर मर अनददर स असतय क तवष तनक लन
च हि थ बटनर की िरह ही बर इटन भी समर-तकन र हव खोरी क मक म ह एक ब र म वह ा
गय थ जजस होटल म म ठहर थ उसम स ध रण खशह ल चसथति की एक तवधव बदढय भी
हव खोरी क ततलए आकर दटकी थी यह मर पहल वषय क समय थ ndash बटनर क पहल क यह ा
सची म ख न की सभी चीजो क न म फर च भ ष म ततलख थ म उनदह समझि न थ म बदढय
व ली मज पर ही बठ थ बदढय न दख तक म अजनबी हा और कछ परश नी म भी हा िरनदि
ही वह सह यि क ततलए आई
ldquoिम अजनबी-स म लम होि हो तकसी परश नी म भी हो अभी िक कछ ख न को भी
नही माग य हrdquo
म भोजन क पद थो की सची पढ रह थ और परोसन व ल स पछन की िय री कर रह
थ इसततलए मन उस भर मतहल को धनदयव द ददय और कह ldquoयह सची मरी समझ म नही आ
रही ह म अनदन ह री हा इसततलए यह ज नन जररी ह तक इनम स कौनसी चीज तनदोष हrdquo
उस मतहल न कह ldquoिो लो म िमह री मदद करिी हा और सची समझ दिी हा िमह र
ख न ल यक चीज म िमह बि सका गीrdquo
मन धनदयव दपवयक उसकी सह यि सवीक र की यह ा स हम र जो समबनदध जड सो मर
तवल यि म रहन िक और उसक ब द भी बरसो िक बन रह उसन मझ लनददन क अपन पि
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ददय और हर रतवव र को अपन घर भोजन क ततलए आन को नदयोि वह दसर अवसरो पर भी
मझ अपन यह ा बल िी थी परयतन करक मर शरमील पन छड िी थी जव न सतसियो स ज न-
पहच न कर िी थी और उनस ब िचीि करन को ललच िी थी उसक घर रहन व ली एक सिी क
स थ बहि ब ि करव िी थी कभी-कभी हम अकल भी छोड दिी थी
आरमभ म मझ यह सब बहि कदठन लग ब ि करन सझि न थ तवनोद भी कय तकय
ज ए पर वह बदढय मझ परवीण बन िी रही म ि लीम प न लग हर रतवव र की र ह दखन
लग उस सिी क स थ ब ि करन भी मझ अछछ लगन लग
बदढय भी मझ लभ िी ज िी उस इस साग म रस आन लग उसन िो हम दोनो क तहि
ही च ह होग
अब म कय करा मन सोच कय यह अछछ होि अगर म इस भर मतहल स अपन
तवव ह की ब ि कह दि उस दश म कय वह च हिी तक तकसी क स थ मर बय ह हो अब भी
दर नही हई ह म सच-सच कह दा िो अमधक साकट स बच ज ऊा ग यह सोचकर मन उस एक
पि ततलख अपनी समति क आध र पर नीच उसक स र दि हा
ldquoजबस हम बर इटन म ममल आप मझ पर परम रखिी रही ह म ा जजस िरह अपन बट की
मचनदि रखिी ह उसी िरह आप मरी मचनदि रखिी ह आप िो यह भी म निी ह तक मझ बय ह
करन च तहए और इसी खय ल स आप मर पररचय यवतियो स कर िी ह ऐस समबनदध क
अमधक आग बढन स पहल ही मझ आपस यह कहन च तहए तक म आपक परम क योगय नही हा
म आपक घर आन लग िभी मझ आप स यह कह दन च तहए थ तक म तवव तहि हा म ज नि
हा तक तहनदसि न क जो तवदय थी तवव तहि होि ह व इस दश म अपन बय ह की ब ि परकट नही
करि इसस मन भी उस ररव ज क अनकरण तकय पर अब म दखि हा तक मझ अपन तवव ह
की ब ि तबलकल मछप नी नही च तहए थी मझ स थ म यह भी कह दन च तहए तक मर बय ह
बचपन म हआ ह और मर एक लडक भी ह आप स इस ब ि को मछप न क अब मझ बहि
ःख होि ह पर अब भगव न न सच कह दन की तहममि दी ह इसस मझ आननदद होि ह कय
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आप मझ म र करगी जजस बहन क स थ आपन मर पररचय कर य ह उसक स थ मन कोई
अनमचि छट नही ली इसक तवशव स म आपको ददल ि हा मझ इस ब ि क पर -पर खय ल
ह तक मझ ऐसी छट नही लनी च तहए पर आप िो सव भ तवक रप स यह च हिी ह तक तकसी
क स थ मर समबनदध जड ज ए आपक मन म यह ब ि आग न बढ इसक ततलए भी मझ आपक
स मन सतय परकट कर दन च तहए
ldquoयदद इस पि क ममलन पर आप मझ अपन यह ा आन क ततलए अयोगय समझगी िो मझ
उसस जर भी बर नही लगग आपकी ममि क ततलए िो म आपक मचरॠणी बन चक हा
मझ सवीक र करन च तहए तक अगर आप मर तय ग न करगी िो मझ खशी होगी यदद अब भी
आप मझ अपन घर आन योगय म नगी िो उस म आपक परम की एक नई तनश नी समझाग और
उस परम क योगय बनन क सद परयतन करि रहाग rdquo
प ठक समझ ल तक यह पि मन कषणभर म नही ततलख ड ल थ न ज न तकिन मसतवद
िय र तकय होग पर यह पि भजकर मन अपन सर क एक बड बोझ उि र ड ल
लगभग लौटिी ड क स मझ उस तवधव बहन क उिर ममल उसन ततलख थ
ldquoखल ददल स ततलख िमह र पि ममल हम दोनो खश हई और खब हसी िमन जजस
असतय स क म ततलय वह िो कषम क योगय ही ह पर िमन अपनी सही चसथति परकट कर दी यह
अछछ ही हआ मर नदयोि क यम ह अगल रतवव र को हम अवकय िमह री र ह दखग िमह र
ब ल-तवव ह की ब ि सनग और िमह र मज क उड न क आननदद भी लटग तवशव स रखो तक
हम री ममिि िो जसी थी वसी ही रहगीrdquo
इस परक र मन अपन अनददर घस हए असतय क तवष को ब हर तनक ल ददय और तफर िो
अपन तवव ह आदद की ब ि करन म मझ कही घबर हट नही हई
बहि करक मर तवल यि-तनव स क आखखरी स ल म य नी १८९० क स ल म पोटयसमथ
म अनदन ह ररयो क एक सामलन हआ थ उसम मझ और एक तहनदसि नी ममि को तनमातिि
तकय गय थ
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पोटयसमथ खल ततसयो क बनददरग ह कहल ि ह वह ा बहिर घर र च ररणी सतसियो क होि
ह व सतसिय ा वकय नही होिी न तनदोष ही होिी ह ऐस ही एक घर म हम लोग दटक थ इसक
यह मिलब नही तक सव गि-सममति न ज न-बझकर ऐस घर ठीक तकय थ
र ि पडी हम सभ स घर लौट भोजन क ब द ि श खलन बठ तवल यि म अछछ भल
घरो म भी इस िरह गतहणी महम नो क स थ ि श खलन बठिी ह ि श खलि हए तनदोष तवनोद
िो सब कोई करि ह लतकन यह ा िो बीभतस तवनोद शर हआ म नही ज नि थ तक मर स थी
इसम तनपण ह मझ इस तवनोद म रस आन लग म भी इसम शरीक हो गय व णी म स तकरय
म उिरन की िय री थी ि श एक िरफ धर ही ज रह थ लतकन मर भल स थी क मन म र म
बस उनदहोन कह ldquoअर िम म यह कततलयग कस िमह र यह क म नही ह िम यह ा स भ गोrdquo
म शरम य स वध न हआ हदय म उन ममि क उपक र म न म ि क सममख की हई
परतिजञ य द आयी म भ ग क ापि -क ापि अपनी कोटरी म पहाच छ िी धडक रही थी
क तिल क ह थ स बचकर तनकल हए ततशक र की जसी दश होिी ह वसी ही मरी हई
उन ददनो म यह तबलकल नही ज नि थ तक धमय कय ह ईशवर कय ह और वह हम म
तकस परक र क क म करि ह उस समय िो लौतकक हतषट स म यह समझ तक ईशवर न मझ बच
ततलय ह मन यह अनभव तकय ह तक जब हम स री आश छोडकर बठ ज ि ह हम र दोनो ह थ
दटक ज ि ह िब कही-न-कही स मदद आ पहाचिी ह सिति उप सन पर थयन वहम नही ह
बचलक हम र ख न -पीन चलन -बठन जजिन सच ह उसस भी अमधक सच यह चीज ह यह
कहन म अतिशयोतति नही तक यही सच ह और सब झठ ह
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१५ धमो का पररचय
नवलायत म रहि मझ कोई एक स ल हआ होग इस बीच दो ततथयोसोतफसट ममिो स मरी पहच न
हई दोनो सग भ ई थ और अतवव तहि थ उनदहोन मझस गीि जी की चच य की व एडतवन आनयलड
क गीि जी क अनव द धी सोग कषसरलशयरल पढ रह थ पर उनदहोन मझ अपन स थ सासकि म
गीि पढन क ततलए नदयोि म शरम य कयोतक मन गीि सासकि म य म िभ ष म (गजर िी
म) पढी ही नही थी मझ उनस कहन पड तक मन गीि पढी ही नही ह पर म उस आपक स थ
पढन को िय र हा सासकि क मर अभय स भी नही क बर बर ही ह म उस इिन ही समझ
प ऊा ग तक अनव द म कोई ग़लि अथय होग िो उस सध र सका ग इस परक र मन उन भ इयो
क स थ गीि पढन शर तकय दसर अधय य क अातिम शलोको म स
धय यिो तवषय नदपासः सागसिषपज यि
साग तसाज यि क मः क म तकरोधोऽकषभज यि
करोध द भवति सममोहः सममोह तसमतितवभरमः
समतिभराश द बजदधन शो बजदधन श तपरणकयति६
इन शलोको क मर मन पर गहर असर पड उनकी भनक मर क न म गाजिी ही रही
उस समय मझ लग तक भगवदगीि अमलय गराथ ह यह म नदयि धीर-धीर बढिी गयी और आज
िततवजञ न क ततलए म उस सवोिम गरनदथ म नि हा तनर श क समय म इस गरनदथ न मरी अमलय
सह यि की ह
इनदही भ इयो न मझ सझ य तक म आनयलड क बदध-चररि धी रलाईट ओफ एकषशया पढ ा
उस समय िक िो मझ सर एडतवन आनयलड क गीि क अनव द क ही पि थ मन बदध-चररि
भगवदगीि स भी अमधक रस-पवयक पढ पसिक ह थ म लन क ब द उस सम पि करक ही छोड
सक
एक ब र य भ ई मझ बलवटसकी लोज म भी ल गय वह ा मडम बलवटसकी क और ममसज
एनी बसट क दशयन कर य ममसज बसट ह ल ही ततथयोसोतफकल सोस यटी म द खखल हई थी
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इसस सम च रपिो म इस समबनदध की जो चच य चलिी थी उस म ददलचसपी क स थ पढ करि
थ इन भ इयो न मझ सोस यटी म द खखल होन क भी सझ व ददय मन नमरि पवयक इनक र
तकय और कह ldquoमर धमयजञ न नही क बर बर ह इसततलए म तकसी भी पाथ म ससतममततलि होन
नही च हि rdquo मर कछ ऐस खय ल ह तक इनदही भ इयो क कहन स मन बलवटसकी की पसिक
की ट कषथयोसोफी (ततथयोसोफी की का जी) पढी थी उसस तहनदद धमय की पसिक पढन की इछछ
पद हई और प दररयो क माह स सन हआ यह खय ल ददल स तनकल गय तक तहनदद धमय
अनदधतवशव सो स ही भर हआ ह
इनदही ददनो एक अनदन ह री छ ि व स म मझ मचसटर क एक ईस ई सजजन ममल उनदहोन
मझस धमय की चच य की मन उनदह र जकोट क अपन सासमरण सन य व सनकर ःखी हए
उनदहोन कह ldquoम सवया अनदन ह री हा मदयप न भी नही करि यह सच ह तक बहि स ईस ई म ास
ख ि ह और शर ब पीि ह पर इस धमय म दो म स एक भी वसि क सवन करन कियवय-रप
नही ह मरी सल ह ह तक आप ब इबल७ पढrdquo मन उनकी यह सल ह म न ली उनदहोन ब इबल
खरीद कर मझ दी मन उस पढन शर तकय पर म परािा इकरार (ओलड टसट मणट) िो पढ
ही न सक जिकषसस ndash सतषट-रचन ndash क परकरण क ब द िो पढि समय मझ नीद ही आ ज िी
मझ य द ह तक lsquoमन ब इबल पढी हrsquo यह कह सकन क ततलए मन तबन रस क और तबन समझ
दसर परकरण बहि कषट-पवयक पढ थ नमबसय न मक परकरण पढि-पढि मर जी उचट गय
थ
पर जब lsquoनय इकर रrsquo८ (नदय टसट मणट) पर आय िो कछ और ही असर हआ ईस क
तगरर-परवचन क मझ पर बहि अछछ परभ व पड उस मन हदय म बस ततलय बजदध न गीि जी
क स थ उसकी िलन की जो िझस कि य म ाग उस अागरख भी द-द जो िर द तहन ग ल पर
िम च म र ब य ा ग ल भी उसक स मन कर दrsquo ndash यह पढकर मझ अप र आननदद हआ श मळ
भटट९ क छपपय की य द आ गयी ldquoजो आपको जल दि ह उसको अछछ भोजन दrdquo आदद मर
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ब लमन न गीिा आनयलड-कि बदध-चररि और ईस क वचनो क एकीकरण तकय मन को यह
ब ि जाच गयी तक तय ग म धमय ह
म धमय क इस पररचय स आग न बढ सक अपनी परीकष की पसिको क अल व दसर
कछ पढन की फरसि म नही तनक ल सक पर मर मनन यह तनिय तकय तक मझ धमय-पसिक
पढनी च तहए और सब मखय धमो क पररचय पर पि कर लन च तहए
____________________________
६ तवषयो क मचनदिन करन व ल परष को उन तवषयो म आसतति पद होिी ह तफर आसतति स क मन पद
होिी ह और क मन स करोध पद होि ह करोध स मढि पद होिी ह मढि स समति-लोप होि ह और समति-
लोप स बजदध नषट होिी ह और जजसकी बजदध नषट हो ज िी ह उसक खद क न श हो ज ि ह
७ ईस ईओ क धमयपसिक यह दो तवभ गो म बाट ndash परथम परािा इकरार lsquoउसम इस खखसि क जनदम स पवय क
समय क कछ गराथो क सम वश तकय गय ह जजसकी शरआि होिी ह जिकषसस ndash सकषिमडि स दसर खाड
ह lsquoनय इकर र क इस खखसि क जनदम क उपर नदि क समय क गराथो क परथम च र गराथो को गोसपलस कह ज ि
ह उसम इसक जीवन िथ परवचनो क सागरह ह
८ इस क परवचन पह ड पर ददय गय थ दख मरथय पर ५ स ७
९ श मळ भटट १८वी सदी म गजर िी क एक परततसदध कतव हो गय ह छपपय पर उनक जो परभतव थ उसक
क रण गजर ि म यह कह वि परचततलि हो गयी ह तक छपपय िो श मळ कrsquo
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भाग-३ भारत म बाररसटर क रप म
१६ वापस नहनदसतान म
परीिाय प स करक म १० जन १८९१ क ददन ब ररसटर कहल य ११ जन को ढ ई ततशसलिग
दकर इागलणड क ह ईकोटय म अपन न म दजय कर य और १२ जन को तहनदसि न क ततलए रव न
हआ
पर मरी तनर श और मर भय की कोई सीम न थी म वक ल ि कर सका ऐस िो मझ
कछ भी नही आि थ ऐस महसस हआ मन अनभव तकय तक क़ नन िो म तनिय ही पढ
चक हा पर ऐसी कोई भी चीज मन सीखी नही ह जजसस म वक लि कर सका
इिन ही नही बचलक तहनद सि न क क़ नन िो म मददल ही नही ज नि थ तहनद श सि
इसल मी क़ नन कस होग यह भी नही ज नि थ न म अरजी द व करन भी सीख म िो बहि
ही परश न हआ वकील की हततसयि स आजीतवक कम न की शतति पर पि करन म भी मझ मह
आशाक उतपनदन हई
एडन स बमबई क बनददर म समर िर नी थ सब लोग बीम र थ अकल म मौज म थ
िर न दखन क ततलए डक पर खड रहि भीग भी ज ि
मर तवच र म ब हर क यह िर न मर अनददर क िर न क मचहनरप थ पर जजस िरह
ब हरी िर न क रहि म श नदि रह सक मझ लगि ह तक अनददर क िर न क ततलए भी वही ब ि
कही ज सकिी ह
म म ा क दशयनो क ततलए अधीर हो रह थ जब हम घ ट पर पहाच मर बड भ ई वह ा
मौजद ही थ
म ि क सवगयव स क मझ कछ पि न थ बड भ ई न म ि क सवगयव स क सम च र
मझ नही ददय थ मझ यह खबर तवल यि म ही ममल सकिी थी पर आघ ि को हलक करन क
तवच र स बमबई पहाचन िक मझ इसकी कोई खबर न दन क तनिय बड भ ई न कर रख थ
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म अपन ःख पर पद य ड लन च हि हा तपि की मतय स मझ जो आघ ि पहाच थ उसकी
िलन म म ि की मतय की खबर स मझ बहि अमधक आघ ि पहाच मर बहिर मनोरथ ममटटी
म ममल गय पर मझ य द ह तक इस मतय क सम च र सनकर म फट-फटकर रोय न थ म अपन
आासओ को भी रोक सक थ और भन अपन रोज क क मक ज इस िरह शर कर ददय थ
म नो म ि की मतय हई ही न हो
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१७ ससार-परवश
मरी समरय ि को लकर ज ति क झगड मौजद ही थ उसम दो िड पड गयी थी एक पकष न
मझ िरनदि ज ति म ल ततलय दसर पकष न लन पर डट रह
ज ति की जजस िड स म बतहषकि रह उसम परवश करन क परयतन मन कभी नही तकय
न मन ज ति क तकसी मखखय क परति मन म कोई रोष रख उनक स थ म नमरि क बरि व
करि थ ज ति क बतहषक र-समबनदधी क़ नन क म समपणय आदर करि थ अपन स स-ससर
क घर अथव अपनी बहन क घर म प नी िक न पीि थ व मछप िौर पर तपल न को िय र भी
होि पर जो क म खल िौर स न तकय ज सक उस मछपकर करन क ततलए मर मन ही िय र न
होि थ
मर इस वयवह र क पररण म यह हआ तक ज ति की ओर स मझ कभी कोई कषट नही
ददय गय यही नही बचलक आज िक म ज ति क एक तवभ ग म तवमधवि बतहषकि म न ज ि
हा उसक ततलए परवश क मन कभी परय स नही तकय िथ ज ति क तकसी भी शठ क तवरदध मन
अपन मन म भी रोष की भ वन न रखी मर परति तिरसक र स दखन व ल भी सम ज म थ उनक
परति म आदर क स थ पश आि थ मझस यह आश िक नही रखी तक ज ति क ततलए म कछ-
न-कछ करा म ऐस म नि हा तक यह मधर फल मर अपरतिक र क ही पररण म ह यदद मन
ज ति म ससतममततलि होन की खटपट की होिी अमधक िड पद करन क परयतन तकय होि ज ति
व लो को छड -मचढ य होि िो व अवकय मर तवरोध करि और म तवल यि स लौटि ही
उद सीन और अततलपि रहन क सथ न पर खटपट क फनदद म फा स ज ि और कवल ममरथय तव क
पोषण करन व ल बन ज ि
र जकोट म िरनदि धनदध शर करि हा िो हासी होिी ह मर प स जञ न िो इिन भी न थ
तक र जकोट म प स हए वकील क मक बल म खड हो सका तिस पर फीस उसस दस गनी लन
क द व कौन मखय मवचककल मझ क म दि अथव कोई ऐस मखय ममल भी ज य िो कय म
अपन जञ न म धषटि और तवशव सघ ि की वजदध करक अपन ऊपर सास र क ऋण और बढ ला
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ममिो की सल ह यह रही तक मझ कछ समय क ततलए बमबई ज कर ह ईकोटय की वक लि
क अनभव पर पि करन और तहनदसि न क क़ नन क अधययन करन च तहए और कोई मक़ददम
ममल सक िो उसक ततलए कोततशश करनी च तहए म बमबई क ततलए रव न हआ
लतकन म च र-प ाच महीन स अमधक बमबई म रह ही न सकि थ कयोतक खचय बढि
ज ि थ और आमदनी कछ भी न थी
इिन म मझ ममीब ई क मक़ददम ममल समोल कोज कोटय (छोटी अद लि) म ज न थ
मझस कह गय ldquoदल ल को कमीशन दन पडग rdquo मन स र इनक र कर ददय
म टस-स-मस न हआ कमीशन मन नही ही ददय तफर भी ममीब ई क मक़ददम िो मझ
ममल मक़ददम आस न थ मझ बरीफ क (महनि न क) र ३० ममल मक़ददम एक ददन स
जय द चलन व ल न थ
मन पहली ब र समोल कोज कोटय म परवश तकय म परतिव दी की िरफ स थ इसततलए
मझ जजरह करनी थी म खड िो हआ पर पर क ापन लग ततसर चकर न लग मझ ऐस लग
म नो अद लि घम रही ह सव ल कछ सझि ही न थ जज हास होग वकीलो को िो मज
आय ही होग पर मरी आाखो क स मन िो अाधर थ ndash म दखि कय
म बठ गय दल ल स कह ldquoमझस यह मक़ददम नही चल सकग आप पटल को
सौतपय मझ दी हई फीस व पस ल लीजजएrdquo
पटल को उसी ददन क ५१ रपय दकर वकील तकय गय उनक ततलए िो वह एक बछचो
क खल थ
म भ ग मझ य द नही तक मवचककल जीि य ह र म शरम य मन तनिय तकय तक
जब िक परी तहममि न आ ज य कोई मक़ददम न लाग
मन सोच तक म ततशकषक क क म िो अवकय ही कर सकि हा मन अागरजी क अभय स
क री तकय थ अिएव मन सोच तक यदद तकसी ह ईसकल म मदरक की ककष म अागरजी ततसख न
क क म ममल ज य िो कर ला खचय क गडढ कछ िो भर
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मन अखब रो म तवजञ पन पढ ldquoआवकयकि ह अागरजी ततशकषक की परतिददन एक घाट
क ततलए विन र० ७५rdquo यह एक परततसदध ह ईसकल क तवजञ पन थ मन पर थयन -पि भज मझ
परतयकष ममलन की आजञ हई म बडी उमागो क स थ ममलन गय पर जब आच यय को पि चल
तक म बी० ए० नही हा िो उनदहोन मझ खदपवयक तबद कर ददय
ldquoपर मन लनददन की मदरकयलशन परीकष प स की ह लदटन मरी दसरी भ ष थीrdquo मन
कह
ldquoसो ठीक ह पर हम िो गरजयएट की ही आवकयकि हrdquo
म ल च र हो गय मरी तहममि छट गयी बड भ ई भी मचननदिि हए हम दोनो न सोच
तक बमबई म अमधक समय तबि न तनरथयक ह मझ र जकोट म ही जमन च तहए
बमबई स तनर श होकर म र जकोट पहाच वह ा अलग दफिर खोल ग डी कछ चली
अरजिय ा ततलखन क क म ममलन लग और हर महीन औसि र ३०० की आमद नी होन लगी
अजी-द व ततलखन क यह क म मझ मरी होततशय री क क रण नही ममलन लग थ क रण थ
वसील बड भ ई क स थ क म करन व ल वकील की वक लि जमी हई थी उनक प स जो
बहि महततव क अजी-द व आि अथव जजनदह व महततव क म नि उनक क म िो बड ब ररसटर
क प स ही ज ि थ उनक ग़रीब मवचककलो क अजी-द व ततलखन क क म मझ ममलि थ
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१८ पहला आघात
पोरबदर क भिपवय र ण स हब को गददी ममलन स पहल मर भ ई उनक मािी और सल हक र थ
उन पर इस आशय क आरोप लग य गय थ तक उन ददनो उनदहोन र ण स हब को ग़लि सल ह
दी थी उस समय क पोततलदटकल एजणट क प स यह ततशक यि पहाची थी और मर भ ई क ब रम
उनक खय ल खर ब हो गय थ इस अमधक री स म तवल यि म ममल थ कह सकि हा तक
वह ा उनदहोन मझस अछछी दोसिी कर ली थी भ ई न सोच तक इस पररचय क ल भ उठ कर मझ
पोततलदटकल एजणट स दो शबद कहन च तहए और उन पर जो खर ब असर पड ह उस ममट न
की कोततशश करनी च तहए मझ ब ि तबलकल अछछी न लगी मन सोच मझको तवल यि क
न-कछ-स पररचय क ल भ नही उठ न च तहए अगर मर भ ई न कोई बर क म तकय ह िो
ततसर ररश स कय होग अगर नही तकय ह िो व तवमधवि पर थयन -पि भज अथव अपनी
तनदोषि पर तवशव स रखकर तनभयय रह यह दलील भ ई क गल न उिरी उनदहोन कह ldquoिम
क दठय व ड को नही ज नि तनय द री अभी िमह सीखनी ह यह ा िो वसील स स र क म
चलि ह िमह र सम न भ ई अपन पररमचि अमधक री स ततसर ररश क दो शबद कहन क मौक़
आन पर दर हट ज य िो यह उमचि नही कह ज एग rdquo
म भ ई की इछछ को ट ल नही सक अपनी मजी क खखल र म गय अरसर क प स
ज न क मझ कोई अमधक र न थ मझ इसक खय ल थ तक ज न म मर सव कषभम न नषट होग
तफर भी मन उसस ममलन क समय म ाग मझ समय ममल और म ममलन गय पर न पररचय
क समरण कर य पर मन िरनदि ही दख तक तवल यि और क दठय व ड म रक़य ह अपनी कसी
पर बठ हए अरसर और छटटी पर गय हए अरसर म भी रक़य होि ह अमधक री न पररचय की
ब ि म न ली पर इसक स थ ही वह अमधक अकड गय मन उसकी अकड म दख और आाखो
म पढ म नो व कह रही हो तक उस पररचय क ल भ उठ न क ततलए िो िम नही आय हो न
यह समझि हए भी मन अपनी ब ि शर की स हब अधीर हो गय बोल ldquoिमह र भ ई परपाची
ह म िमस जय द ब ि सनन नही च हि मझ समय नही ह िमह र भ ई को कछ कहन हो
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िो व तवमधवि पर थयन -पि दrdquo यह उिर पय यपि थ यथ थय थ पर ग़रज िो ब वली होिी ह न
म अपनी ब ि कह ज रह थ स हब उठ ldquoअब िमह ज न च तहएrdquo
मन कह ldquoपर मरी ब ि िो परी सन लीजजएrdquo
स हब खब मचढ गय ldquoचपर सी इस दरव ज ददख ओrdquo
चपर सी न मझ ह थ स धकक दकर दरव ज क ब हर कर ददय
स हब गय चपर सी गय म चल अकल य खीझ मन िरनदि एक पि घसीट
ldquoआपन मर अपम न तकय ह चपर सी क जररय मझ पर हमल तकय ह आप म री नही
म गग िो म आप पर म नह तन क तवमधवि द व करा ग rdquo थोडी ही दर म स हब क सव र
जव ब द गय उसक स र यह थ
ldquoिमन मर स थ असभयि क वयवह र तकय ज न क ततलए कहन पर भी िम नही गय
इसस मन जरर अपन चपर सी को िमह दरव ज ददख न क ततलए कह चपर सी क कहन पर
भी िम दफिर स ब हर नही गय िब उसन िमह दफिर स ब हर कर दन क ततलए आवकयक बल
क उपयोग तकय िमह जो करन हो सो करन क ततलए िम सविनदि होrdquo
यह जब ब जब म ड लकर म माह लटक य घर लौट भ ई को स र ह ल सन य व ःखी
हए पर व मझ कय िसलली दि उनदहोन वकील ममिो स चच य की म कौन द व द यर करन
ज नि थ उन ददनो सर फीरोजश ह महि अपन तकसी मक़ददम क ततसलततसल म बमबई स
र जकोट आय हए थ मर जस नय ब ररसटर उनस कस ममल सकि थ पर उनदह बल न व ल
वकील क दव र पि भजकर मन उनकी सल ह पछव यी उनक उिर थ ldquoग ाधी स कतहय ऐस
अनभव िो सब वकील-ब ररसटरो को हए होग िम अभी नय ही हो तवल यि की खम री अभी
िम पर सव र ह िम अागरज अमधक ररयो को पहच नि नही हो अगर िमह सख स रहन हो और
दो पस कम न हो िो ममली हई मचटठी फ ड ड लो और जो अपम न हआ ह उस पी ज ओ म मल
चल न स िमह एक प ई क भी ल भ न होग उलट िम बरब द हो ज ओग िमह अभी जीवन
क अनभव पर पि करन हrdquo
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मझ यह ततसख वन जहर की िरह कडवी लगी पर उस कडवी घाट को पी ज न क ततसव
और कोई उप य न थ म अपम न को भल िो न सक पर मन उसक सपयोग तकय मन
तनयम बन ततलय ldquoम तफर कभी अपन को ऐसी चसथति म नही पडन दाग इस िरह तकसी की
ततसर ररश न करा ग rdquo इस तनयम क मन कभी उललाघन नही तकय इस आघ ि न मर जीवन
की ददश बदल दी
मर उि अमधक री क यह ा ज न अवकय दोषयि थ पर अमधक री की अधीरि उसक
रोष और उदधिि क स मन मर दोष छोट हो गय दोष क दणड चपर सी क धकक न थ
मर जय द िर क म िो उसी की अद लि म रहि थ खश मद म कर ही नही सकि
थ म इस अमधक री को अनमचि रीि स ररझ न नही च हि थ उस न ततलश की धमकी दकर
म न ततलश न करा और उस कछ भी न ततलखा यह भी मझ अछछ न लग
इस बीच मझ क दठय व ड क ररय सिी षडयािो क भी कछ अनभव हआ क दठय व ड
अनक छोट-छोट र जयो क परदश ह यह ा मतसदददयो क बड सम ज होन सव भ तवक ही थ
र जयो क बीच सकषम षडयाि चलि पदो की पर नपि क ततलए स जजश होिी र ज कछच क न क
और परवश रहि स हबो क अदयततलयो िक की खश मद की ज िी सररकिद र िो स हब स भी
सव य होि सररकिद र की इछछ ही क़ नन थी सररकिद र की आमदनी स हब की आमदनी
स जय द म नी ज िी थी साभव ह इसम अतिशयोतति हो पर सररकिद र क अलप विन की
िलन म उसक खचय अवकय ही अमधक होि थ
यह व ि वरण मझ तवष-स परिीि हआ म अपनी सविािि की रकष कस कर सका ग
इसकी मचनदि बर बर बनी रहिी म उद सीन हो गय भ ई न मरी उद सीनि दखी एक तवच र
यह आय तक कही नौकरी कर ला िो म इन खटपटो स मि रह सकि हा पर तबन खटपट क
दीव न क य नदय य धीश क पद कस ममल सकि थ
वक लि करन म स हब क स थ क झगड ब धक बनि थ
म अकल य
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इसी बीच भ ई क प स पोरबादर की एक ममन फमय क सादश आय ldquoदकषकषण अफ़रीक
म हम र वय प र ह हम री फमय बडी ह वह ा हम र एक बड मक़ददम चल रह ह च लीस हज र
पौड क द व ह म मल बहि लमब समय स चल रह ह हम र प स अछछ-स-अछछ वकील-
ब ररसटर ह अगर आप अपन भ ई को भज िो व हम री मदद कर और उनदह भी कछ मदद ममल
ज एा व हम र म मल हम र वकील को अछछी िरह समझ सक ग इसक ततसव व नय दश
दखग और कई नय लोगो स उनकी ज न-पहच न होगीrdquo
मन पछ ldquoआप मरी सव य तकिन समय क ततलए च हि ह आप मझ विन कय दगrdquo
ldquoहम एक स ल स अमधक आपकी जररि नही रहगी आपको पहल दज क म गयवयय
दग और तनव स िथ भोजन-खचय क अल व १०५ पौड दगrdquo
इस वक लि नही कह सकि यह नौकरी थी पर मझ िो जस भी बन तहनदसि न छोडन
थ नय दश दखन को ममलग और अनभव पर पि होग सो अलग भ ई को १०५ पौड भजाग
िो घर क खचय चल न म कछ मदद होगी यह सोचकर मन विन क ब र म तबन कछ जझक-
जझक तकय ही सठ अबल करीम क परसि व सवीक र कर ततलय और म दकषकषण अफ़रीक ज न क
ततलए िय र हो गय
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भाग-४ दकषिि अफ़रीका म
१९ दकषिि अफ़रीका पहाचा
नाताल क बनददरग ह को डरबन कहि ह और वह न ि ल बनददर क न म स भी पहच न ज ि ह
मझ लन क ततलए अबलल सठ आय थ सटीमर क घ ट (डक) पर पहाचन पर जब न ि ल क
लोग अपन ममिो को लन सटीमर पर आय िभी म समझ गय तक यह ा तहनदसि तनयो की अमधक
इजजि नही ह अबलल सठ को पहच नन व ल उनक स थ जस बरि व करि थ उसम भी
मझ एक परक र की असभयि ददख यी पडी थी जो मझ वयततथि करिी थी अबलल सठ इस
असभयि को सह लि थ व उसक आदी बन गय थ मझ जो दखि व कछ किहल की दतषट स
दखि थ अपनी पोश क क क रण म दसर तहनदसि तनयो स कछ अलग पड ज ि थ मन उस
समय फरोक कोटrsquo बगर पहन थ और ततसर पर बाग ली ढाग की पगडी पहनी थी
अबलल सठ मझ घर ल गय उनक कमर की बगल म एक कमर थ वह उनदहोन मझ
ददय न व मझ समझि और न म उनदह समझि उनदहोन अपन भ ई क ददय हए पि पढ और व
जय द घबर य उनदह ज न पड तक भ ई न िो उनक घर एक सफद ह थी ही ब ाध ददय ह मरी
स हबी रहन-सहन उनदह खचीली म लम हई उस समय मर ततलए कोई ख स क म न थ उनक
मक़ददम िो र नदसव ल म चल रह थ मझ िरनदि वह ा भजकर कय करि इसक अल व मरी
होततशय री य ईम नद री क तवशव स भी तकस हद िक तकय ज एा तपरटोररय म व मर स थ रह
नही सकि थ परतिव दी तपरटोररय म रहि थ मझ पर उसक अनमचि परभ व पड ज य िो कय
हो यदद व मझ इस मक़ददम क क म न सौप िो दसर क म िो उनक क रकन मझस बहि
अछछ कर सकि थ क रकनो स गलिी हो िो उनदह उल हन ददय ज सकि थ पर म ग़लिी
करा िो अिएव यदद मक़ददम क क म न सौप ज ि िो मझ घर बठ खखल न की नौबि आिी
अबलल सठ बहि कम पढ-ततलख थ पर उनक प स अनभव क जञ न बहि थ उनकी
बजदध िीवर थी और सवया उनदह इसक भ न थ ब िचीि करन ल यक अागरजी क जञ न पर पि कर
ततलय थ पर अपनी इस अागरजी क दव र व अपन सब क म तनक ल लि थ व बक क मनजरो
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स ब िचीि करि थ यरोतपयन वय प ररयो क स थ सौद कर लि थ और वकीलो को अपन म मल
समझ सकि थ तहनदसि नी उनकी बहि इजजि करि थ उन ददनो उनकी फमय तहनदसि तनयो
की फमो म सबस बडी अथव बडी फमो म एक िो थी ही
व दसर य िीसर ददन मझ डरबन की अद लि ददख न ल गय वह ा कछ ज न-पहच न
कर यी अद लि म मझ अपन वकील क प स बठ य मजजसरट मझ ब र-ब र दखि रह उसन
मझ पगडी उि रन क ततलए कह मन इनक र तकय और अद लि छोड दी
मर भ गय म यह ा भी लड ई ही बदी थी
मन पगडी क तकसस को लकर अपन और पगडी क बच व म सम च रपिो क न म एक
पि ततलख अखब रो म मरी पगडी की खब चच य हई अनवलकम तवजजटर ndash अव ामछि अतिततथ
ndash शीषयक स अखब रो म मरी चच य हई और िीन- च र ददन क अादर ही म अन य स दकषकषण
अफ़रीक म परततसजदध प गय तकसीन मर पकष ततलय और तकसीन मरी धषटि की खब तननद द की
मरी पगडी िो लगभग दकषकषण अफ़रीक म अनदि िक बनी रही
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२० नपरटोररया जात हए
इतन म फमय क वकील की िरफ स पि ममल तक मक़ददम की िय री की ज नी च तहए और खद
अबलल सठ को तपरटोररय ज न च तहए अथव तकसीको वह ा भजन च तहए
अबलल सठ न वह पि मझ पढन को ददय और पछ ldquoआप तपरटोररय ज एागrdquo मन
कह ldquoमझ म मल समझ इय िभी कछ कह सका ग अभी िो म नही ज नि तक मझ वह ा कय
करन होग rdquo उनदहोन अपन मनीमो स कह तक व मझ म मल समझ द
म स िव य आठव ददन डरबन स रव न हआ मर ततलए पहल दज क दटकट कट य
गय वह ा रल म सोन की सतवध क ततलए प ाच ततशसलिग की अलग दटकट कट न होि थ
अबलल सठ न उस कट न क आगरह तकय पर मन हठवश अकषभम नवश और प ाच ततशसलिग
बच न क तवच र स तबसिर क दटकट कट न स इनक र कर ददय
अबलल सठ न मझ चि य ldquoदखखय यह दश दसर ह तहनदसि न नही ह खद की
महरब नी ह आप पस की का जसी न कीजजए आवकयक सतवध पर पि कर लीजजएrdquo
मन उनदह धनदयव द ददय और तनकषिनदि रहन को कह
रन लगभग नौ बज न ि ल की र जध नी मररतसबगय पहाची यह ा तबसिर ददय ज ि थ
रलव क तकसी नौकर न आकर पछ ldquoआपको तबसिर की जररि हrdquo
मन कह ldquoमर प स अपन तबसिर हrdquo
वह चल गय इस बीच एक य िी आय उसन मरी िरफ दख मझ कषभनदन वणय क
प कर वह परश न हआ ब हर तनकल और एक-दो अरसरो को लकर आय तकसीन मझ कछ
न कह आखखर एक अरसर आय उसन कह ldquoइधर आओ िमह आखखरी मडब म ज न हrdquo
मन कह ldquoमर प स पहल दज क दटकट हrdquo
उसन जव ब ददय ldquoइसकी कोई ब ि नही म िमस कहि हा तक िमह आखखरी मडब म
ज न ह
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म कहि हा तक मझ इस मडब म डरबन स बठ य गय ह और म इसीम ज न क इर द
रखि हा rdquo
अफसर न कह ldquoयह नही हो सकि िमह उिरन पडग और न उिर िो ततसप ही
उि रग rdquo
मन कह ldquoिो तफर ततसप ही भल उि र म खद िो नही उिरा ग rdquo
ततसप ही आय उसन मर ह थ पकड और मझ धकक दकर नीच उि र मर स म न
उि र ततलय मन दसर मडब म ज न स इनक र कर ददय रन चल दी म वोटटिग रम म बठ गय
अपन ldquoहणड-बगrdquo स थ म रख ब की स म न को ह थ न लग य रलव व लो न उस कही
रख ददय सरदी क मौसम थ दकषकषण अफ़रीक की सरदी ऊा च ई व ल परदशो म बहि िज
होिी ह मररतसबगय इसी परदश म थ इसस ठणड खब लगी मर ओवर-कोट मर स म न म थ
पर स म न म ागन की तहममि न हई तफर अपम न हो िो ठणड स म क ापि रह कमर म
दीय न थ आधी र ि क करीब एक य िी आय ज न पड तक वह कछ ब ि करन च हि ह
पर म ब ि करन की मनःचसथति म न थ
मन अपन धमय क तवच र तकय य िो मझ अपन अमधक रो क ततलए लडन च तहए य
लौट ज न च तहए नही िो जो अपम न हो उनदह सहकर तपरटोररय पहाचन च तहए और मक़ददम
खिम करक दश लौट ज न च तहए मक़ददम अधर छोडकर भ गन िो न मदी होगी मझ जो
कषट सहन पड ह सो िो ऊपरी कषट ह वह गहर ई िक पठ हए मह रोग क लकषण ह यह
मह रोग ह राग-दवष यदद मझम इस गहर रोग को ममट न की शतति हो िो उस शतति क उपयोग
मझ करन च तहए ऐस करि हए सवया जो कषट सहन पड सो सब सहन च तहए और उनक
तवरोध राग-रष को ममट न की दतषट स ही करन च तहए
यह तनिय करक मन दसरी रन म जस भी हो आग ही ज न क रसल तकय
सबर ही सबर मन जनरल मनजर को ततशक यि क लमब ि र भज द द अबलल को
भी खबर भजी अबलल सठ िरनदि जनरल मनजर स ममल जनरल मनजर न अपन आदममयो
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क वयवह र क बच व तकय पर बिल य तक मझ तबन तकसी रक वट क मर सथ न िक पहाच न
क ततलए सटशन-म सटर को कह ददय गय ह अबलल सठ न मररतसबगय क तहनदद वय प ररयो को
भी मझस ममलन और मरी सख-सतवध क खय ल रखन क ि र भज और दसर सटशनो पर भी
इसी आशय क ि र रव न तकय इसस वय प री मझ ममलन सटशन पर आय उनदहोन अपन ऊपर
पडन व ल कषटो की कह नी मझ सन यी और मझस कह तक आप पर जो बीिी ह उसम आियय
की कोई ब ि नही ह जब तहनदसि नी लोग पहल य दसर दज म सरर करि ह िो अमधक ररयो
और य तियो की िरफ स रक वट खडी होिी ही ह ददन ऐसी ही ब ि सनन म बीि र ि पडी
रन आयी मर ततलए जगह िय र ही थी तबसिर क जो दटकट मन डरबन म कट न स इनक र
तकय थ वह मररतसबगय म कट य रन मझ च लसयट उन की ओर ल चली
रन सबह च लसयट उन पहाचिी थी उन ददनो च लसयट उन स जोह तनसबगय पहाचन क ततलए
रन नही थी घोडो की ततसकरम थी और बीच म एक र ि सटणडरटन म रकन पडि थ मर प स
ततसकरम क दटकट थ मर एक ददन दर स पहाचन क क रण वह दटकट रद नही होि थ इसक
ततसव अबलल सठ न ततसकरम व ल क न म च लसयट उन क पि पर ि र भी कर ददय थ पर
एजनदट को िो बह न ही खोजन थ इसततलए मझ तनर अजनबी समझकर उसन कह ldquoआपक
दटकट िो रद हो चक हrdquo मन उमचि उिर ददय पर दटकट रद होन की ब ि िो मझ दसर ही
क रण स कही गयी थी य िी सब ततसकरम क अनददर ही बठि थ लतकन म िो कली की तगनिी
म थ अजनबी ददख ई पडि थ इसततलए ततसकरम व ल की नीयि यह थी तक मझ गोर य तियो
क प स न बठ न पड िो अछछ हो ततसकरम क ब हर अथ यि कोचव न की बगल म द य-ब य
दो बठक थी उनम स एक पर ततसकरम-कमपनी क एक गोर मखखय बठि थ वह अनददर बठ
और मझ कोचव न की बगल म बठ य म समझ गय तक यह तनर अनदय य ह ndash अपम न ह पर
मन इस अपम न को पी ज न उमचि समझ म जोर-जबरदसिी स अनददर बठ सका ऐसी चसथति
थी ही नही अगर िकर र म पड ा िो ततसकरम चली ज य और मर एक ददन और टट ज य और
तफर दसर ददन कय हो सो िो दव ही ज न इसततलए म समझद री स क म लकर ब हर बठ गय
पर मन म िो बहि झाझल य
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लगभग िीन बज ततसकरम प रडीकोप पहाची अब उस गोर मखखय न च ह तक जह ा म
बठ थ वह ा वह बठ उस ततसगरट पीनी थी थोडी हव भी ख नी होगी इसततलए उसन एक मल -
स बोर जो वही कोचव न क प स पड थ उठ ततलय और पर रखन क पदटय पर तबछ कर
मझस कह ldquoस मी ि यह ा बठ मझ कोचव न क प स बठन हrdquo म इस अपम न को सहन म
असमथय थ इसततलए मन डरि-डरि उसस कह ldquoिमन मझ यह ा बठ य और मन वह अपम न
सह ततलय मरी जगह िो अनददर थी पर िम अनददर बठ गय और मझ यह ा बठ य अब िमह ब हर
बठन की इछछ हई ह और ततसगरट पीनी ह इसततलए िम मझ अपन परो क प स बठ न च हि
हो म अनददर ज न को िय र हा पर िमह र परो क प स बठन को िय र नहीrdquo
म मतककल स इिन कह प य थ तक मझ पर िम चो की वष य होन लगी और वह गोर
मरी ब ाह पकडकर मझ नीच खीचन लग बठक क प स ही पीिल क सीखच थ मन भि की
िरह उनदह पकड ततलय और तनिय तकय तक कल ई च ह उखड ज य पर सीखच न छोड ाग मझ
पर जो बीि रही थी उस अनददर बठ हए य िी दख रह थ वह गोर मझ ग ततलय ा द रह थ खीच
रह थ म र भी रह थ पर म चप थ वह बलव न थ और म बलहीन य तियो म स कइयो
को दय आयी और उनम स कछ बोल उठः ldquoअर भ ई उस बच र को वह ा बठ रहन दो उस
न हक म रो मि उसकी ब ि सच ह वह ा नही िो उस हम र प स अनददर बठन दोrdquo गोर न कह
ldquoहरतगज नही पर थोड शरममनदद वह जरर हआ अिएव उसन मझ म रन बनदद कर ददय
और मरी ब ाह छोड दी दो-च र ग ततलय ा िो जय द दी पर एक होटणट ट नौकर दसरी िरफ बठ
थ उस अपन परो क स मन बठ कर खद ब हर बठ य िी अनददर बठ गय सीटी बजी ततसकरम
चली मरी छ िी िो धडक ही रही थी मझ शक हो रह थ तक म जजनदद मक म पर पहाच सका ग
य नही वह गोर मरी ओर बर बर घरि ही रह अागली ददख कर बडबड ि रह ldquoय द रख
सटणडरटन पहाचन द तफर िझ मज चख ऊा ग rdquo म िो गाग ही बठ रह और भगव न स अपनी
रकष क ततलए पर थयन करि रह
र ि हई सटणडरटन पहाच कई तहनदसि नी चहर ददख ई ददय मझ कछ िसलली हई
नीच उिरि ही तहनदसि नी भ इयो न कह ldquoहम आपको ईस सठ की क न पर ल ज न क ततलए
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ही खड ह हम द द अबलल क ि र ममल हrdquo म बहि खश हआ उनक स थ सठ ईस ह जी
सम र की क न पर पहाच सठ और उनक मनीम-गम किो न मझ च रो ओर स घर ततलय मन
अपनी बीिी उनदह सन यी व बहि ःखी हए और अपन कडव अनभवो क वणयन करक उनदहोन
मझ आशवसि तकय म ततसकरम-कमपनी क एजणट को अपन स थ हए वयवह र की ज नक री
दन च हि थ मन एजणट क न म मचटठी ततलखी उस गोर न जो धमकी दी थी उसकी चच य की
और यह आशव सन च ह तक सबह आग की य ि शर होन पर मझ दसर य तियो क प स अनददर
ही जगह दी ज ए मचटठी एजणट को भज दी एजणट न मझ सादश भज ldquoसटणडरटन स बडी
ततसकरम ज िी ह और कोचव न बगर बदल ज ि ह जजस आदमी क खखल र आपन ततशक यि
की ह वह कल नही रहग आपको दसर य तियो क प स ही जगह ममलगीrdquo इस सादश स मझ
थोडी बतरकरी हई मझ म रन व ल उस गोर पर तकसी िरह क कोई मक़ददम चल न क िो मन
तवच र ही नही तकय थ इसततलए म र क यह परकरण यही सम पि हो गय सबर ईस सठ क
लोग मझ ततसकरम पर ल गय मझ मन ततसब जगह ममली और तबन तकसी हर नी क म उस र ि
जोह तनसबगय पहाच गय
सटणडरटन छोट -स ग ाव ह जोह तनसबगय तवश ल नगर ह अबलल सठ न ि र िो वह ा
भी द ही ददय थ मझ महममद क ततसम कमरददीन की क न क न म-पि भी ददय थ उनक
आदमी ततसकरम क पड व पर पहाच थ पर न मन उस दख और न वह मझ पहच न सक मन
होटल म ज न क तवच र तकय दो-च र होटलो क न म ज न ततलए थ ग डी की ग डी व ल स
कह तक गर णड नशनल होटल म ल चलो वह ा पहाचन पर मनजर क प स गय जगह म ागी
मनजर न कषणभर मझ तनह र तफर ततशषट च र की भ ष म कह ldquoमझ खद ह सब कमर भर पड
हrdquo और मझ तबद तकय इसततलए मन ग डी व ल स महममद क ततसम कमरददीन की क न पर
ल चलन को कह वह ा अबलगनी सठ मरी र ह दख रह थ उनदहोन मर सव गि तकय मन
होटल की अपनी बीिी उनदह सन यी व खखलखखल कर हास पड बोल ldquoव हम होटल म कस
उिरन दगrdquo
मन पछ ldquoकयो नहीrdquo
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ldquoसो िो आप कछ ददन रहन क ब द ज न ज एाग इस दश म िो हमी रह सकि ह कयोतक
हम पस कम न ह इसीततलए न न परक र क अपम न सहन करि ह और पड हए हrdquo यो कहकर
उनदहोन र नदसव ल म तहनदसि तनयो पर गजरन व ल कषटो क इतिह स कह सन य
इन अबलगनी सठ क पररचय हम आग और भी करन होग उनदहोन कह ldquoयह दश
आपक सम न लोगो क ततलए नही ह दखखय कल आपको तपरटोररय ज न ह वह ा आपको िीसर
दज म ही जगह ममलगी र नदसव ल म न ि ल स अमधक कषट ह यह ा हम र लोगो को पहल य
दसर दज क दटकट ददय ही नही ज ि rdquo
मन कह ldquoआपन इसक ततलए परी कोततशश नही की होगीrdquo
ldquoहमन पि-वयवह र िो तकय ह पर हम र अमधकिर लोग पहल-दसर दज म बठन भी
कह ा च हि हrdquo
मन रलव क तनयम म ाग उनदह पढ उनम इस ब ि की गाज इश थी र नदसव ल क मल
क़ नन सकषमि पवयक नही बन य ज ि थ रलव क तनयमो क िो पछन ही कय थ मन सठ स
कह ldquoम िो फसटय कल स म ही ज ऊा ग और वस न ज सक िो तपरटोररय यह ा स ३७ मील ही
िो ह म वह ा घोड ग डी करक चल ज ऊा ग rdquo
अबलगनी सठ न उसस लगन व ल खचय और समय की िरफ मर धय न खीच पर मर
तवच र स व सहमि हए मन सटशन-म सटर को पि भज उसम मन अपन ब ररसटर होन की ब ि
ततलखी यह भी समचि तकय तक म हमश पहल दज म ही सरर करि हा तपरटोररय िरनदि पहाचन
की आवकयकि की िरफ भी उनक धय न खीच और उनदह ततलख तक उनक उिर की परिीकष
करन जजिन समय मर प स नही रहग अिएव पि क जव ब प न क ततलए म खद ही सटशन
पर पहाचाग और पहल दज क दटकट प न की आश रखाग
इसम मर मन म थोड पच थ मर यह खय ल थ तक सटशन-म सटर ततलखखि उिर िो
न rsquo क ही दग तफर कली ब ररसटर कस रहि होग इसकी भी वह कोई कलपन न कर
सकग इसततलए अगर म पर स हबी ठ ठ म उसक स मन ज कर खड रहाग और उसस ब द
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करा ग िो वह समझ ज यग और श यद मझ दटकट द दग अिएव म फरोक कोट नकट ई
बगर ड लकर सटशन पहाच सटशन-म सटर क स मन मन तगनद नी तनक लकर रखी और पहल दज
क दटकट म ाग
उसन कह ldquoआपन ही मझ मचठटी ततलखी हrdquo
मन कह ldquoजी ह ा यदद आप मझ दटकट दग िो म आपक एहस न म रनाग मझ आज
तपरटोररय पहाचन ही च तहएrdquo
सटशन-म सटर हास उस दय आयी वह बोल ldquoम र नदसव लर नही हा म होलनदडर हा
आप की भ वन को म समझ सकि हा आपक परति मरी सह नभति ह म आपको दटकट दन
च हि हा पर एक शिय ह - अगर र सि म ग डय आपको उि र द और िीसर दज म बठ य िो आप
मझ फ ाततसय नही य नी आप रलव का पनी पर द व न कीजजए म च हि हा तक आपकी य ि
तनरविधन परी हो आप सजजन ह यह िो म दख ही सकि हाrdquo यो कहकर उसन दटकट क ट
ददय मन उसक उपक र म न और उस तनशििि तकय अबलगनी सठ मझ तबद करन आय
थ यह कौिक दखकर व परसनदन हए उनदह आियय हआ पर मझ चि य ldquoआप भलीभ ाति
तपरटोररय पहाच ज एा िो समझाग तक बड प र हआ मझ डर ह तक ग डय आपको पहल दज म
आर म स बठन नही दग और ग डय न बठन भी ददय िो य िी नही बठन दगrdquo
म िो पहल दज क मडब म बठ रन चली जरमिसटन पहाचन पर ग डय दटकट ज ाचन आय
मझ दखि ही खीझ उठ अागली स इश र करक मझस कह ldquoिीसर दज म ज ओrdquo मन पहल
दज क अपन दटकट ददख य उसन कह ldquoकोई ब ि नही ज ओ िीसर दज मrdquo
इस मडब म एक ही अागरज य िी थ उसन ग डय को आड ह थो ततलय ldquoिम इन भल
आदमी को क यो परश न करि हो दखि नही हो इनक प स पहल दज क दटकट ह मझ इनक
बठन स ितनक भी कषट नही हrdquo
यो कहकर उसन मरी िरफ दख और कह ldquoआप इिमीन न स बठ रतहएrdquo
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ग डय बडबड य ldquoआपको कली क स थ बठन ह िो मर कय तबगडि
हrdquo और चल ददय
र ि क़रीब आठ बज रन तपरटोररय पहाची
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२१ नपरटोररया म पहला टरदन
सन १८९३ क तपरटोररय सटशन सन १९१४ क तपरटोररय सटशन स तबलकल कषभनदन थ धीमी
रोशनी व ली बततिय ा जल रही थी य िी भी अमधक नही थ मन सब य तियो को ज न ददय और
सोच तक दटकट कलकटर को थोडी फरसि होन पर अपन दटकट दाग और यदद वह मझ तकसी
छोट-स होटल क य ऐस मक न क पि दग िो वह ा चल ज ऊा ग य तफर र ि सटशन पर ही
पड रहाग इिन पछन क ततलए भी मन बढि न थ कयोतक अपम न होन क डर थ
सटशन ख ली हआ मन दटकट-कलकटर को दटकट दकर पछि छ शर की उसन सभयि
स उिर ददय पर मन दख तक वह मरी अमधक मदद नही कर सकि थ उसकी बगल म एक
अमररकन हबशी सजजन खड थ उनदहोन मझस ब िचीि शर की
ldquoम दख रह हा तक आप तबलकल अजनबी ह और यह ा आपक कोई ममि नही ह अगर
आप मर स थ चल िो म आपको एक छोट-स होटल म ल चलाग उसक म ततलक अमररकन ह
और म उस अछछी िरह ज नि हा मर खय ल ह तक वह आपको दटक लग rdquo
मझ थोड शक िो हआ पर मन इन सजजन क उपक र म न और उनक स थ ज न
सवीक र तकय व मझ जोनदसटन क फममली होटल म ल गय पहल उनदहोन मम जोनदसटन को एक
ओर ल ज कर थोडी ब ि की मम जोनदसटन न मझ एक र ि क ततलए दटक न क़बल तकय और
वह भी इस शिय पर तक भोजन मर कमर म पहाच दग
मम जोनदसटन न कह ldquoम आपको तवशव स ददल ि हा तक मर मन म िो क ल-गोर क कोई
भद नही ह पर मर गर हक सब गोर ही ह यदद म आपको भोजन-गह म भोजन कर ऊा िो मर
गर हक बर म नग और श यद व चल ज एागrdquo
मन जव ब ददय ldquoआप मझ एक र ि क ततलए रहन द रह ह इस भी म आपक उपक र
म नि हा इस दश की चसथति स म कछ-कछ पररमचि हो चक हा म आपकी कदठन ई को समझ
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सकि हा मझ आप खशी स मर कमर म ख न दीजजए कल िक म दसर परबाध कर लन की
आश रखि हा
मझ कमर ददय गय मन उसम परवश तकय एक नदि ममलन पर भोजन की र ह दखि
हआ म तवच रो म डब गय इस होटल म अमधक य िी नही रहि थ कछ दर ब द भोजन क
स थ वटर को आि दखन क बदल मन मम जोनदसटन को दख उनदहोन कह ldquoमन आपको कमर
म ख न दन की ब ि कही थी पर मन उसम शरम महसस की इसततलए अपन गर हको स आपक
तवषय म ब िचीि करक उनकी र य ज नी आप भोजनगह म बठकर भोजन कर िो उनदह कोई
आपतति नही ह इसक अल व आप यह ा जजिन ददन भी रहन च ह रह उनकी ओर स कोई
रक वट नही होगी इसततलए अब आप च ह िो भोजन-गह म आइय और जब िक जी च ह यह ा
रतहएrdquo
मन तफर उनक उपक र म न और म भोजन-गह म गय तनकषिनदि होकर भोजन तकय
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२२ खखसती सबधी (ईसाइयो स सपकम )
दसर ददन सबर म वकील क घर गय उनक न म थ ए० डलय० बकर उनस ममल अबलल
सठ न मझ उनक ब र म कछ बि ददय थ इसततलए हम री पहली मल क ि स मझ कोई आियय
न हआ व मझस परमपवयक ममल और मर ब र म कछ ब ि पछी जो मन उनदह बिल दी उनदहोन
कह ldquoब ररसटर क न ि िो आपक यह ा कोई उपयोग हो ही न सकग इस मक़ददम क ततलए हमन
अछछ-स-अछछ ब ररसटर कर रख ह मक़ददम लमब ह और गचतथयो स भर हआ ह इसततलए
आपस म आवकयक िरथय आदद पर पि करन क ही क म ल सका ग पर इिन फ यद अवकय
होग तक अपन मवचककल क स थ पि-वयवह र करन म मझ अब आस नी हो ज एगी और
िरथय दद की जो ज नक री मझ पर पि करनी होगी वह म आपक दव र मागव सका ग यह फ यद
ह जरर आपक ततलए अभी िक मन कोई मक न िो िल श नही तकय ह सोच थ तक आपको
दखन क ब द खोज लाग यह ा रागभद बहि ह इसततलए घर ममलन आस न नही ह पर म एक
बहन को ज नि हा वह ग़रीब ह भदटय र की सिी ह मर खय ल ह तक वह आपको दटक लगी
उस भी कछ मदद हो ज एागी चततलए हम उसक यह ा चल
यो कहकर व मझ वह ा ल गय मम बकर न उस बहन को एक ओर ल ज कर उसस कछ
ब ि की और उसन मझ दटक न सवीक र तकय हफि क पिीस ततशसलिग दन क तनिय हआ
मम बकर वकील थ और कटटर प दरी भी थ व अभी जीतवि ह और आजकल कवल
प दरी क ही क म करि ह वक लि उनदहोन छोड दी ह रपय-पस स सखी ह उनदहोन मर स थ
अब िक पि-वयवह र ज री रख ह पिो क तवषय एक ही होि ह व अपन पिो म अलग-
अलग ढाग स ईस ई धमय की उिमि की चच य करि ह और इस ब ि क परतिप दन करि ह तक
ईस को ईशवर क एकम ि पि और ि रनह र म न तबन परम श ाति नही ममल सकिी
हम री पहली ही मल क ि म मम बकर न धमय-साबाधी मरी मनःचसथति ज न ली मन उनदह
बि ददय ldquoम जनदम स तहनदद हा इस धमय क भी मझ अमधक जञ न नही ह दसर धमो क जञ न
भी कम ही ह म कह ा हा कय म नि हा मझ कय म नन च तहए यह सब म नही ज नि अपन
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धमय क अधययन म गाभीरि स करन च हि हा दसर धमो क अधययन भी यथ शतति करन क
मर इर द ह
यह सब सनकर मम बकर खश हए और बोल ldquoम सवया स उथ अफ़रीक जनरल ममशन
क एक ड यरकटर हा मन अपन खचय स एक तगरज घर बनव य ह उसम समय-समय पर धमय-
साबाधी वय खय न ददय करि हा म रागभद को नही म नि मर स थ क म करन व ल कछ स थी
भी ह हम परतिददन एक बज कछ ममनट क ततलए ममलि ह और आतम की श ाति िथ परक श
(जञ न क उदय) क ततलए पर थयन करि ह उसम आप आयग िो मझ खशी होगी वह ा म अपन
स ततथयो स भी आपकी पहच न कर दाग व सब आपस ममलकर परसनद न होग और मझ तवशव स
ह तक उनक सम गम आपको भी अछछ लगग
मन मम बकर को धनदयव द ददय और अपन बसभर रोज एक बज उनक माडल म पर थयन
क ततलए पहाचन सवीक र तकय
दसर ददन एक बज म मम बकर क पर थयन -सम ज म गय वह ा ममस हररस ममस गब
मम कोटस आदद स पररचय हआ
ममस हररस और ममस गब दोनो परौढ अवसथ की कम ररक य थी मम कोटस कवकर थ
य दोनो कम ररक य स थ रहिी थी उनदहोन मझ हर रतवव र को च र बज की च य क ततलए अपन
घर आन क तनमािण ददय मम कोटस जब ममलि िो मझ हर रतवव र को उनदह हफिभर की
अपनी ध रमिक ड यरी सन नी पडिी कौन-कौनसी पसिक मन पढी मर मन पर उनक क य
परभ व पड इसकी चच य होिी
मम कोटस एक स र ददल व ल चसि नवजव न कवकर थ उनक स थ मर ग ढ साबाध हो
गय थ हम बहि ब र एकस थ घमन भी ज य करि थ व मझ दसर ईस इयो क घर भी ल
ज ि थ
मम कोटसन मझ पसिको स ल द ददय जस-जस व मझ पहच नि ज ि वस-वस उनदह
अछछी लगन व ली पसिक व मझ पढन को दि रहि मन भी कवल शरदध वश ही उन पसिको को
पढन सवीक र तकय
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सन १८९३ क वषय म मन ऐसी पसिक बहि पढी
पर मम कोटस ह रन व ल आदमी नही थ उनक परम क प र न थ उनदहोन मर गल म
वषणणी कणठी दखी िलसी क मन क की म ल उनदह यह वहम ज न पड और व ःखी हए
बोल ldquoयह वहम िम जसो को शोभ नही दि ल ओ इस िोड दाrdquo
ldquoयह कणठी नही टट सकिी म ि जी की परस दी हrdquo
ldquoपर क य िम इसम तवशव स करि होrdquo
ldquoम इसक गढ थय नही ज नि इस न पहनन स मर अकलय ण होग ऐस मझ परिीि
नही होि पर म ि जी न जो म ल मझ परमपवयक पहन यी ह जजस पहन न म उनदहोन मर
कलय ण म न ह उसक तय ग म तबन क रण नही करा ग समय प कर यह जीणय हो ज एागी
और टट ज एागी िो दसरी पर पि करक पहनन क लोभ मझ नही रहग पर यह कणठी टट नही
सकिीrdquo
मम कोटस मरी इस दलील की कर नही कर सक कयोतक उनदह िो मर धमय क परति ही
अन सथ थी व मझ अजञ न-कप म स उब र लन की आश रखि थ व मझ यह बि न च हि थ
तक दसर धमो म भल ही कछ सतय हो पर पणय सतयरप ईस ई धमय को सवीक र तकय तबन मोकष
ममल ही नही सकि ईस की मधयसथि क तबन प प धल ही नही सकि और स र पणयकमय
तनरथयक हो ज ि ह
मर भतवषय क ब र म मम बकर की मचनदि बढिी ज रही थी व मझ बसलिगटन कनदवनदशन
म ल गय
सममलन िीन ददन चल म सममलन म आन व लो की ध रमिकि को समझ सक उसकी
सर हन कर सक पर मझ अपन तवशव स म ndash अपन धमय म ndash पररवियन करन क क रण न
ममल मझ यह परिीति न हई तक ईस ई बनकर ही म सवगय ज सकि हा अथव मोकष प सकि
हा जब यह ब ि मन अपन भल ईस ई ममिो स कही िो उनको चोट िो पहाची पर म ल च र थ
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ईस की मतय स और उनक रि स सास र क प प धलि ह इस अकषरश सच म नन क
ततलए बजदध िय र नही होिी थी रपक क रप म उसम सतय च ह हो इसक अतिररि ईस इयो
क यह तवशव स ह तक मनषय क ही आतम ह दसर जीवो क नही और दह क न श क स थ उनक
सापणय न श हो ज ि ह जब तक मर तवशव स इसक तवरदध थ म ईस को एक तय गी मह तम
दवी ततशकषक क रप म सवीक र कर सकि थ पर उनदह अतदविीय परष क रप म सवीक र करन
मर ततलए शक य न थ ईस इयो क पतवि जीवन म मझ ऐसी कोई चीज नही ममली जो अनदय
धम यवलसतमबयो क जीवन म न ममली हो उनम होन व ल पररवियनो जस ही पररवियन मन दसरो क
जीवन म भी होि दख थ ततसदध नदि की दतषट स ईस ई ततसदध नदिो म मझ कोई अलौतककि नही
ददख ई पडी तय ग की दतषट स तहनदद धम यवलसतमबयो क तय ग मझ ऊा च म लम हआ म ईस ई
धमय को समपणय अथव सवोपरी धमय क रप म सवीक र न कर सक
पर जजस िरह म ईस ई धमय को सवीक र न कर सक उसी िरह तहनदद धमय की समपणयि
क तवषय म अथव उसकी सवोपररि क तवषय म भी म उस समय तनिय न कर सक तहनदद धमय
की िदटय ा मरी आाखो क स मन िर करिी थी यदद असपकयि तहनदद धमय क अाग ह िो वह
सड हआ और ब द म जड हआ अाग ज न पड अनक समपरद यो की अनक ज ि-प ािो की
हसिी को म समझ न सक अकल वदो क ईशवर-परणीि होन क अथय कय ह यदद वद ईशवर-
परणीि ह िो ब इबल और कर न कयो नही
मन अपनी कदठन इय ा र यचादभ ई क स मन रखी तहनदसि न क दसर धमयश सतसियो क
स थ भी पि-वयवह र शर तकय उनकी ओर स उिर भी ममल र यचादभ ई क पि स मझ बडी
श ाति ममली उनदहोन मझ धीरज रखन और तहनदद धमय क गहर अधययन करन की सल ह दी
उनक एक व कय क भ व थय यह थ ldquoतनषपकष भ व स तवच र करि हए मझ यह परिीति हई ह
तक तहनदद धमय म जो सकषम और गढ तवच र ह आतम क तनरीकषण ह दय ह वह दसर धमो म
नही हrdquo
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जजस िरह स खखसिी ममिो क मझ पर असर ड लन क परय स थ उसी िरह मसलम न
ममिो न भी परय स तकय अबलल सठ मझ इसल म क अधययन करन क ततलए ल ल तयि कर
रह थ
मन सल क कर न खरीद और पढन शर तकय कछ दसरी इसल मी पसिक भी पर पि
की तवल यि म ईस ई ममिो स पि-वयवह र शर तकय उनम स एक न एडवडय मटलणड स मर
पररचय कर य उनक स थ मर पि-वयवह र चलि रह उनदहोन एन हकिगसफडय क स थ ममलकर
परफकट व (उिम म गय) न मक पसिक ततलखी थी वह मझ पढन क ततलए भजी उसम परचततलि
ईस ई धमय क खणडन थ उनदहोन मर न म बाइबरल का िया अथड न मक पसिक भी भजी य
पसिक मझ पसनदद आयी इनस तहनदद मि की पतषट हई टोलसटोय की वकणठ िर हदय म ह
न मक पसिक न मझ अकषभभि कर ततलय मझ पर उसकी बहि गहरी छ प पडी
इस परक र मर अधययन मझ ऐसी ददश म ल गय जो ईस ई ममिो की इछछ क तवपरीि
थी
इस परक र यदयतप मन ईस ई ममिो की ध रण स कषभनद न म गय पकड ततलय थ तफर भी
उनक सम गम न मझम जो धमय-जजजञ स ज गरि की उसक ततलए िो म उनक सद क ततलए ॠणी
बन गय अपन यह साबाध मझ हमश य द रहग
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२३ नहनदसताननयो की परशानी का अधययन
नाताल म जो सथ न द द अबलल क थ तपरटोररय म वही सथ न सठ ियब ह जी ख नमहममद
क थ उनक तबन एक भी स वयजतनक क म चल नही सकि थ उनस मन पहल ही हफि म
ज न-पहच न कर ली मन उनदह बि य तक म तपरटोररय क परतयक तहनदसि नी क समपकय म आन
च हि हा मन तहनदसि तनयो की चसथति क अधययन करन की अपनी इछछ परकट की और इन
स र क मो म उनकी मदद च ही उनदहोन खशी स मदद दन क़बल तकय
मर पहल क़दम िो सब तहनदसि तनयो की एक सभ करक उनक स मन स री चसथति क
मचि खड कर दन थ
अनदि म मन यह सझ य तक एक मणडल की सथ पन करक तहनदसि तनयो क कषटो और
कदठन इयो क इल ज अमधक ररयो स ममलकर और अरजिय ा भजकर करन च तहए और यह
समचि तकय तक मझ जजिन समय ममलग उिन इस क म क ततलए म तबन विन क दाग
तनिय हआ तक ऐसी सभ हर महीन य हर हपि की ज य यह सभ नदयन मधक तनयममि
रप स होिी थी और उसम तवच रो क आद न-परद न होि रहि थ निीज यह हआ तक
तपरटोररय म श यद ही कोई ऐस तहनदसि नी रह होग जजस म पहच नन न लग होऊा अथव
जजसकी चसथति स म पररमचि न हो गय होऊा तहनदसि तनयो की चसथति क ऐस जञ न पर पि करन
क पररण म यह आय तक मझ तपरटोररय म रहन व ल तबरदटश एजणट स पररचय करन की इछछ
हई म मम जकोबस मड-वट स ममल उनकी सह नभति तहनदसि तनयो क स थ थी उनक परभ व
कम थ पर उनदहोन यथ समभव मदद करन और ममलन हो िब आकर ममल ज न क ततलए कह
रलव क अमधक ररयो स मन पि-वयवह र शर तकय और बिल य तक उनदही की क यदो क
अनस र तहनदसि तनयो को ऊा च दज म य ि करन स रोक नही ज सकि इसक पररण म-
सवरप यह पि ममल तक अछछ कपड पहन हए तहनदसि तनयो को ऊा च दज क दटकट ददय ज एाग
इसस परी सतवध नही ममली कयोतक अछछ कपड तकसन पहन ह इसक तनणयय िो सटशन-
म सटर को ही करन थ न
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तबरदटश एजणट न मझ तहनदसि तनयो क ब र म हए पि-वयवह र-साबाधी कई क ग़ज पढन
को ददय ियब सठ न भी ददय थ उनस मझ पि चल तक ओरनदज फरी सटट स तहनदसि तनयो को
तकस तनदययि क स थ तनक ल ब हर तकय गय थ स र ाश यह तक र नदसव ल और ओरनदज फरी
सटट क तहनदसि तनयो की आरथिक स म जजक और र जनीतिक चसथति क गहर अधययन म
तपरटोररय म कर सक इस अधययन क आग चलकर मर ततलए पर उपयोग होन व ल ह इसकी
मझ जर भी कलपन नही थी मझ िो एक स ल क अनदि म अथव मक़ददम पहल सम पि हो
ज ए िो उसस पहल ही सवदश लौट ज न थ
पर ईशवर न कछ और ही सोच रख थ
र नदसव ल और ओरनदज फरी सटट क तहनदसि तनयो की चसथति क पर मचि दन क यह
सथ न नही ह उसकी ज नक री च हन व ल को दकषिण अफ़रीका क सतयागरह का इकषिहास पढन
च तहए
र नदसव ल म एक कड क़ नन बन उसक फलसवरप यह िय हआ तक हरएक
तहनदसि नी को परवश-फीस क रप म िीन पौड जम कर न च तहए उनक ततलए अलग छोडी गयी
जगह म ही व जमीन-म ततलक हो सकि थ पर वह ा भी उनदह वयवह र म जमीन क सव ममतव नही
ममल उनदह मि मधक र भी नही ददय गय थ य िो ख स एततशय व ततसयो क ततलए बन क़ नन थ
इसक अल व जो क़ नन क ल राग क लोगो को ल ग होि थ व भी एततशय व ततसयो पर ल ग होि
थ उनक अनस र तहनदसि नी लोग पटरी (फटप थ) ) पर अमधक र-पवयक चल नही सकि थ
और र ि नौ बज क ब द परव न क तबन ब हर नही तनकल सकि थ
म अकसर मम कोटस क स थ र ि को घमन ज य करि थ कभी-कभी घर पहाचन म
दस भी बज ज ि थ अिएव पततलस मझ पकड िो यह डर जजिन सवया मझ थ उसस अमधक
मम कोटस को थ अपन हचबशयो को िो व ही परव न दि थ लतकन मझ परव न कस द सकि
थ म ततलक अपन नौकर को ही परव न दन क अमधक री थ म लन च हा और मम कोटस दन
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को िय र हो ज एा िो भी वह नही ददय ज सकि थ कयोतक वस करन तवशव सघ ि म न
ज ि
इसततलए मम कोटस य उनक कोई ममि मझ वह ा क सरक री वकील डो कर उज क प स
ल गय हम दोनो एक ही इन क ब ररसटर तनकल उनदह यह ब ि असहय ज न पडी तक र ि नौ
बज क ब द ब हर तनकलन क ततलए मझ परव न लन च तहए उनदहोन मर परति सह नभति परकट
की मझ परव न दन क बदल उनदहोन अपनी िरफ स एक पि ददय उसक आशय यह थ तक
म च ह जजस समय च ह जह ा ज ऊा पततलस को उसम दखल नही दन च तहए म इस पि को
हमश अपन स थ रखकर घमन तनकलि थ कभी उसक उपयोग नही करन पड लतकन इस
िो कवल सायोग ही समझन च तहए
पटरी पर चलन क परशन मर ततलए कछ गाभीर पररण म व ल ततसदध हआ म हमश
परततसडणड सरीट क र सि एक खल मद न म घमन ज य करि थ इस महलल म परततसडणड करगर
क घर थ यह घर सब िरह क आडाबरो स रतहि थ इसक च रो ओर कोई अह ि भी नही
थ आसप स क दसर घरो म और इसम कोई फरक नही म लम होि थ घर क स मन पहर
दन व ल सािरी को दखकर ही पि चलि थ तक यह तकसी अमधक री क घर ह म पर यः हमश
ही इस ततसप ही क तबलकल प स स होकर तनकलि थ पर वह मझ कछ नही कहि थ ततसप ही
समय-समय पर बदल करि थ एक ब र एक ततसप ही न तबन चि य तबन पटरी पर स उिर
ज न को कह मझ धकक म र ल ि म री और नीच उि र ददय म िो गहर सोच म पड गय
ल ि म रन क क रण पछन स पहल ही मम कोटस न जो उसी समय घोड पर सव र होकर उधर
स गजर रह थ मझ पक र और कह
ldquoग ाधी मन सब दख ह आप मक़ददम चल न च ह िो म गव ही दाग मझ इस ब ि क
बहि खद ह तक आप पर इस िरह हमल तकय गय rdquo
मन कह ldquoइसम खद क कोई क रण नही ततसप ही बच र कय ज न उसक ततलए िो
क ल-क ल सब एक स ही ह वह हचबशयो को इसी िरह पटरी पर स उि रि होग इसततलए
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उसन मझ भी धकक म र मन िो तनयम ही बन ततलय ह तक मझ पर जो बीिगी उसक ततलए म
कभी अद लि म नही ज ऊा ग इसततलए मझ मक़ददम नही चल न हrdquo
ldquoयह िो आपन अपन सवभ व क अनरप ही ब ि कही ह पर आप इस पर तफर स
सोमचय ऐस आदमी को कछ सबक िो दन ही च तहएrdquo
इिन कहकर उनदहोन उस ततसप ही स ब ि की और उस उल हन ददय म स री ब ि िो
समझ नही सक ततसप ही डच थ और उसक स थ उनकी ब ि डच भ ष म हई ततसप ही न
मझस म फी म ागी म िो उस पहल ही म र कर चक थ
लतकन उस ददन स मन वह र सि छोड ददय दसर ततसप तहयो को इस घटन क क य
पि होग म खद होकर तफर ल ि तकसततलए ख ऊा इसततलए मन घमन ज न क ततलए दसर
र सि पसनदद कर ततलय
मन दख तक सव कषभम न की रकष च हन ldquoव ल तहनदसि तनयो क ततलए दकषकषण अफ़रीक
उपयि दश नही ह यह चसथति तकस िरह बदली ज सकिी ह इसक तवच र म मर मन
अमधक मधक वयसि रहन लग तकनदि अभी मर मखय धमय िो द द अबलल क मक़ददम को ही
समभ लन क थ
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२४ मक़ददम की तयारी
अनत म मन द द अबलल क कस म यह दख ततलय तक उनक पकष मजबि ह क़ नन को उनकी
मदद करनी ही च तहए
पर मन दख तक मक़ददम लडन म दोनो पकष जो आपस म ररकिद र ह और एक ही नगर
क तनव सी ह बरब द हो ज एाग कोई कह नही सकि थ तक मक़ददम क अनदि कब होग
अद लि म चलि रह िो उस जजिन च हो उिन लमब तकय ज सकि थ मक़ददम को लमब
करन म दो म स तकसी एक पकष क भी ल भ न होि इसततलए साभव हो िो दोनो पकष मक़ददम
क शीघर अनदि च हि थ
मन ियब सठ स तबनिी की झगड को आपस म ही तनबट लन की सल ह दी उनदह अपन
वकील स ममलन को कह यदद दोनो पकष अपन तवशव स क तकसी वयतति को पाच चन ल िो
म मल झटपट तनबट ज ए वकीलो क खचय इिन अमधक बढि ज रह थ तक उसम उनक
जस बड वय प री भी बरब द हो ज ि दोनो इिनी मचनदि क स थ मक़ददम लड रह थ तक एक
भी तनकषिनदि होकर दसर कोई क म नही कर सकि थ इस बीच आपस म बर भी बढि ही ज
रह थ मझ वकील क धाध स घण हो गयी वकील क न ि िो दोनो क वकीलो को अपन-अपन
मवचककल को जीिन क ततलए क़ नन की ग ततलय ा ही खोज कर दनी थी इस मक़ददम म पहल-
पहल मन यह ज न तक जीिन व ल को पर खचय कभी ममल ही नही सकि दसर पकष स तकिन
खचय वसल तकय ज सकि ह इसकी एक मय यद होिी ह जब तक मवचककल क खचय उसस
कही अमधक होि ह मझ यह सब असहय म लम हआ मन िो अनभव तकय तक मर धमय दोनो
की ममिि स धन और दोनो ररकिद रो म मल कर दन ह मन समझौि क ततलए जी-िोड महनि
की ियब सठ म न गय आखखर पाच तनयि हए उनक स मन मक़ददम चल मक़ददम म द द
अबलल जीि
पर इिन स मझ सािोष नही हआ यदद पाच क फसल पर अमल होि िो ियब ह जी
ख नमहममद इिन रपय एकस थ द ही नही सकि थ दकषकषण अफ़रीक म बस हए पोरबादर क
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ममनो म आपस क ऐस एक अततलखखि तनयम थ तक खद च ह मर ज एा पर ददव ल न तनक ल
ियब सठ सिीस हज र पौणड और मक़ददम क खचय एक मकि द ही नही सकि थ उनदह न िो
एक दमडी कम दनी थी और न ददव ल ही तनक लन थ र सि एक ही थ तक द द अबलल
उनदह क री लमबी मोहलि द द द अबलल न उद रि स क म ततलय और खब लमबी मोहलि
द दी पाच तनयि कर न म मझ जजिनी महनि पडी उसस अमधक महनि यह लमबी अवमध
तनकषिि कर न म पडी दोनो पकषो को परसनदनि हई दोनो की परतिषठ बढी मर सािोष की सीम
न रही म सछची वक लि सीख मनषय क अछछ पहल को खोजन सीख और मनषय-हदय म
परवश करन सीख मन दख तक वकील क कियवय दोनो पकषो क बीच खदी हई ख ई को प टन
ह इस ततशकष न मर मन म ऐसी जड जम यी तक बीस स ल की अपनी वक लि क मर अमधक ाश
समय अपन दफिर म बठकर सकडो अमलो को आपस म सलझ न म ही बीि उसम मन कछ
खोय नही यह भी नही कह ज सकि तक मन पस खोय आतम िो खोयी ही नही
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२५ को जान कल की
मक़ददम क खिम होन पर मर ततलए तपरटोररय म रहन क कोई क रण न रह म डरबन गय
वह ा पहाचकर मन तहनदसि न लौटन की िय री की अबलल सठ मझ तबन म न-समम न क ज न
द यह साभव न थ उनदहोन मर तनममि स ततसडनहम म एक स मतहक भोज क आयोजन तकय
पर ददन वही तबि न थ
मर प स कछ अखब र पड थ म उनदह पढ रह थ एक अखब र क एक कोन म मन एक
छोट -स साव द दख उसक शीषयक थ lsquoइचणडयन फर च इज य नी तहनदसि नी मि मधक र
इस साव द क आशय यह थ तक तहनदसि तनयो को न ि ल की ध र सभ क ततलए सदसय चनन
क जो अमधक र ह वह छीन ततलय ज एा ध र सभ म इसस समबनदध रखन व ल क़ नन पर बहस
चल रही थी म इस क़ नन स अपररमचि थ भोज म ससतममततलि सदसयो म स तकसीको भी
तहनदसि तनयो क अमधक र छीनन व ल इस तबल की कोई खबर न थी
मन अबलल सठ स पछ उनदहोन कह ldquoइन ब िो को हम कय ज न वय प र पर कोई
साकट आव िो हम उसक पि चलि हrdquo
तकनदि मझ िो व पस सवदश ज न थ इसततलए मन उपययि तवच रो को परकट नही तकय
मन अबलल सठ स कह लतकन अगर यह क़ नन इसी िरह प स हो गय िो आप सबको
बडी मतककल म ड ल दग यह िो तहनदसि तनयो की आब दी को ममट न क पहल क़दम ह
इसम हम र सव कषभम न की ह तन हrdquo
दसर महम न इस चच य को धय नपवयक सन रह थ उनम स एकन कह ldquoम आपस सच
ब ि कहा अगर आप इस सटीमर स न ज एा और एक ध महीन रक ज एा िो आप जजस िरह
कहग हम लडगrdquo
दसर सब एकस थ बोल उठ
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मन मन म लड ई की रपरख िय र कर ली मि मधक र तकिनो को पर पि ह सो ज न
ततलय और मन एक महीन रक ज न क तनिय तकय
इस परक र ईशवर न दकषकषण अफ़रीक म मर सथ यी तनव स की नीव ड ली और सव कषभम न
की लड ई क बीज रोप गय
पहल क म िो यह सोच गय तक ध र सभ क अधयकष को ऐस ि र भज ज य तक व
तबल पर अमधक तवच र करन मलिवी कर द इसी आशय क ि र मखयमािी (सर जोन रोतबनदसन)
को भी भज
सब ज नि थ तक यही निीज तनकलग पर कौम म नवजीवन क साच र हआ सब कोई
यह समझ तक हम एक कौम ह कवल वय प र समबनदधी अमधक रो क ततलए ही नही बचलक कौम
क अमधक रो क ततलए भी लडन हम सबक धमय ह
ध र सभ म भजन की अजी िय र की गई और भज दी गई तबल िो प स हो गय
उन ददनो लोडय ररपन उपतनवश-मािी थ उनदह एक बहि बडी अजी भजन क तनिय तकय
गय
अजी ततलखन म मन बहि महनि की जो स तहतय मझ ममल सो सब म
पढ गय
अजी पर दस हज र सतहय ा हई एक पखव ड म अजी भजन ल यक सतहय ा पर पि हो
गयी इिन समय म न ि ल म दस हज र सतहय ा पर पि की गयी इस प ठक छोटी-मोटी ब ि न
समझ सतहय ा समच न ि ल स पर पि करनी थी लोग ऐस क म स अपररमचि थ तनिय यह थ
तक सही करन व ल तकस ब ि पर सही कर रह ह इस जब िक वह समझ न ल िब िक सही
न ली ज य इसततलए ख स िौर पर सवयासवको को भजकर ही सतहय ा पर पि की ज सकिी थी
ग ाव दर-दर थ इसततलए अमधकिर क म करन व ल लगन स क म कर िभी ऐस क म शीघरि -
पवयक हो सकि थ ऐस ही हआ
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अजी गयी उसकी एक हज र परतिय ा छपव यी थी उस अजी क क रण तहनदसि न क
आम लोगो को न ि ल क पहली ब र पररचय हआ म जजिन अखब रो और स वयजतनक नि ओ
क न म ज नि थ उिनो को अजी की परतिय ा भजी
टाइमस ओफ इकषडया न उस पर अगरलख ततलख और तहनदसि तनयो की म ाग क अछछ
समथयन तकय तवल यि म भी अजी की परतिय ा सब पकषो क नि ओ को भजी गयी थी वह ा
लनददन क टाइमस क समथयन पर पि हआ इसस आश बाधी तक तबल माजर न हो सकग
अब म न ि ल छोड सका ऐसी मरी चसथति नही रही लोगो न मझ च रो जरर स घर ततलय
और न ि ल म ही सथ यी रप स रहन क अतयनदि आगरह तकय और म न ि ल म ठहर गय
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२६ नाताल इननडयन काागरस
भारतीय मि मधक र परतिबाधक क़ नन क तवरदध कवल पर थयन -पि भजकर ही बठ नही ज
सकि थ उसक ब र म आनददोलन चलि रहन स ही उपतनवश-मािी पर उसक असर पड सकि
थ इसक ततलए एक सासथ की सथ पन करन आवकयक म लम हआ इस समबनदध म मन
अबलल सठ स सल ह की दसर स ततथयो स ममल और हमन एक स वयजतनक सासथ खडी करन
क तनिय तकय
सन १८९४ क मई म स की २२ ि रीख को न ि ल इतनदडयन क ागरस क जनदम हआ
न ि ल इचणडयन क ागरस म उपतनवशो म पद हए तहनदसि तनयो न परवश तकय थ और
महररिरो क सम ज उसम द खखल हआ थ तफर भी मजदरो न तगरममदटय सम ज क लोगो न
उसम परवश नही तकय थ क ागरस उनकी नही हई थी व उसम चनदद दकर और द खखल होकर
उस अपन नही सक थ उनक मन म क ागरस क परति परम िो िभी पद हो सकि थ जब क ागरस
उनकी सव कर ऐस परसाग अपन-आप आ गय और वह भी ऐस समय जब तक म सवया अथव
क ागरस उसक ततलए श यद ही िय र थी मझ वक लि शर तकय अभी मतककल स दो-च र महीन
हऐ थ क ागरस क भी बचपन थ इिन म एक ददन ब ल सनददरम न म क एक मर सी तहनदसि नी
ह थ म स फ ततलए रोि -रोि मर स मन आकर खड हो गय उसक कपड फट हए थ वह थर-
थर क ाप रह थ उसक माह स खन बह रह थ और उसक दो द ाि टट हए थ उसक म ततलक न
उस बरी िरह म र थ ि ममल समझन व ल अपन महररिर क दव र मन उसकी चसथति ज न ली
ब ल सनददरम एक परतिमषठि गोर क यह ा मजदरी करि थ म ततलक तकसी वजह स गसस हआ
होग उस होश न रह और उसन ब ल सनददरम की खब जमकर तपट ई की पररण म-सवरप
ब ल सनददरम क दो द ाि टट गय
मन उस डोकटर क यह ा भज उन ददनो गोर डोकटर ही ममलि थ मझ चोट-समबनदधी
परम ण-पि की आवकयकि थी उस पर पि करक म ब ल सनददरम को मजजसरट क प स ल गय
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वह ा ब ल सनददरम क शपथ-पि परसिि तकय उस पढकर मजजसरट म ततलक पर गसस हआ
उसन म ततलक क न म समन ज री करन क हकम ददय
मरी नीयि म ततलक को सज कर न की नही थी मझ िो ब ल सनददरम को उसक पाज स
छड न थ मन तगरममदटयो स साबाध रखन व ल क़ नन की छ नबीन कर ली यदद स ध रण
नौकर नौकरी छोडि िो म ततलक उसक खखल र दीव नी द व द यर कर सकि थ पर उस
रौजद री म नही ल ज सकि थ तगरममट म और स ध रण नौकरी म बहि फरक थ पर ख स
फरक यह थ तक अगर तगरममदटय म ततलक को छोड िो वह फौजद री गन ह म न ज ि थ
और उसक ततलए उस क़द भगिनी होिी थी इसीततलए सर तवततलयम तवलसन हणटर न इस चसथति
को लगभग गल मीकी-सी चसथति म न थ गल म की िरह तगरममदटय म ततलक की ममचलकयि
म न ज ि थ ब ल सनददरम को छड न क कवल दो उप य थ य िो तगरममदटयो क ततलए तनयि
अमधक री जो क़ नन की दतषट स उनक रकषक कह ज ि थ उसक तगरममट रद कर य दसर
क न म ततलखव द अथव म ततलक सवया उस छोडन को िय र हो ज य म म ततलक स ममल
उसस मन कह ldquoम आपको सज नही कर न च हि इस आदमी को सखि म र पडी ह सो िो
आप ज नि ही ह आप इसक तगरममट दसर क न म ततलख न को र जी हो ज एा िो मझ सनद िोष
होग rdquo म ततलक िो यही च हि थ तफर म रकषक स ममल उसन भी सहमि होन सवीक र
तकय पर शिय यह रखी तक म ब ल सनददरम क ततलए नय म ततलक खोज दा
मझ नय म ततलक की खोज करनी थी तहनदसि तनयो को तगरममदटय मजदर रखन की
इज जि नही थी म अभी कछ ही अागरजो को पहच नि थ उनम स एक को ममल उनदहोन
मझ पर महरब नी करक ब ल सनददरम को रखन माजर कर ततलय मन उनकी कप को स भ र
सवीक र तकय मजजसरट न म ततलक को अपर धी ठहर कर यह ततलख ददय तक उसन ब ल सनददरम
क तगरममट दसर क न म ततलख न सवीक र तकय ह
ब ल सनददरम क म मल की ब ि तगरममदटयो म च रो िरफ फल गयी और म उनक बनदध
म न ततलय गय मझ यह ब ि अछछी लगी मर दफिर म तगरममदटयो क ि ाि -स लग गय और
मझ उनक सख-ःख ज नन की बडी सतवध हो गयी
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ब ल सनददरम क म मल की भनक ठठ मर स पर नदि िक पहाची उस पर नदि क जजन-जजन
तहससो स लोग न ि ल क तगरममट म ज ि उनदह तगरममदटय ही इस म मल की ज नक री दि थ
वस यह म मल महततव क नही थ पर लोगो को यह ज नकर आननदद और आियय हआ तक उनक
ततलए परकट रप स क म करनव ल कोई आदमी तनकल आय ह इस ब ि स उनदह आशव सन
ममल
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२७ तीन पौणड का कर
लगभग १८६० म जब न ि ल म बस हए गोरो न दख तक वह ा ईख की फसल अछछी हो सकिी
ह िो उनदहोन मजदरो की खोज शर की मजदर न ममल िो न ईख पद हो सकिी थी और न
चीनी ही बन सकिी थी न ि ल क हबशी यह मजदरी नही कर सकि थ इसततलए न ि ल-तनव सी
गोरो न भ रि-सरक र क स थ तवच र-तवमशय करक तहनदसि नी मजदरो को न ि ल ज न दन की
अनमति पर पि की उनदह यह ल लच ददय गय तक प ाच स ल िक मजदरी करन क बाधन रहग
और प ाच स ल क ब द उनदह सविाि रीति स न ि ल म बसन की छट रहगी उनको जमीन क
म ततलक बनन क पर अमधक र भी ददय गय थ
तहनदसि नी मजदरो न यह ल भ आश स अमधक ददय स ग-सबजी खब बोयी तहनदसि न
की अनक उिम िरक ररय ा पद की जो स ग-सचबजय ा वह ा पहल स पद होिी थी उनक द म
ससि कर ददय तहनदसि न स आम ल कर लग य उसक उदयम ततसरय खिी ही नही रह गय पर
इसक स थ ही उनदहोन वय प र भी शर कर ददय घर बन न क ततलए जमीन खरीद ली और बहिर
लोग मजदर न रहकर अछछ जमीद र और मक न-म ततलक बन गय इस िरह मजदरो म स मक न-
म ततलक बन ज न व लो क पीछ-पीछ वह ा सविाि वय प री भी पहाच सव० सठ अबबकर आमद
उनम सबस पहल पहाचन व ल थ उनदहोन वह ा अपन क रोब र खब जम य
गोर वय प री चौक जब पहल-पहल उनदहोन तहनदसि नी मजदरो क सव गि तकय थ िब
उनदह उनकी वय प र करन की शतति क कोई अनदद ज न थ व तकस न क न ि सविाि रह इस
हद िक िो गोरो को उस समय कोई आपतति न थी पर वय प र म उनकी परतिदवजनददवि उनदह असहय
ज न पडी
तहनदसि तनयो क स थ उनक तवरोध क मल म यह चीज थी
उसम दसरी चीज और ममल गयी-य स री ब ि तवरोध को भडक न व ली ततसदध हई
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यह तवरोध पर पि मि मधक र को छीन लन क रप म और तगरममदटयो पर कर लग न क
क़ नन क रप म परकट हआ क़ नन क ब हर िो अनक परक र स उनदह परश न करन शर हो ही
चक थ
पहल सझ व िो यह थ तक तगरममट पर होन क कछ ददन पहल ही तहनदसि तनयो को
जबरदसिी व पस भज ददय ज ए ि तक उनक इकर रन म की मददि तहनद सि न म परी हो पर
इस सझ व को भ रि-सरक र म नन व ली नही थी इसततलए यह सझ व ददय गय तक
१ मजदरी क इकर र पर हो ज न पर तगरममदटय व पस तहनदसि न चल ज य अथव
२ हर दसर स ल नय तगरममट ततलखव य और उस ह लि म हर ब र उसक विन म कछ बढोिरी की ज य
३ अगर वह व पस न ज य और मजदरी क नय इकर रन म भी न ततलख िो हर स ल २५ पौणड क कर द
इन सझ वो क सवीक र कर न क ततलए सर हनरी बीनद स और मम मसन क डपयटशन
तहनदसि न भज गय िब लोडय एलतवन व इसरोय थ उनदहोन २५ पौणड क कर िो न माजर कर
ददय पर वस हरएक तहनदसि नी स ३ पौणड क कर लन की सवीकति द दी मझ उस समय ऐस
लग थ और अब िक लगि ह तक व इसरोय की यह गाभीर भल थी इस परक र पति-पतनी और
दो बछचोव ल कटगब स जजसम पति को अमधक स अमधक १४ ततशसलिग परतिम स ममलि हो १२
पौणड अथ यि १८० रपय क कर लन भ री जलम म न ज एग तनय म कही भी इस चसथति
क ग़रीब लोगो स ऐस भ री कर नही ततलय ज ि थ
इस करक तवरदध जोरो की लड ई मछडी कोई आव ज ही न उठ ई ज िी िो श यद
व इसरोय २५ पौणड भी माजर कर लि २५ पौणड क बदल ३ पौणड होन भी क ागरस क आनददोलन
क ही परि प हो यह परी िरह साभव ह पर इस कलपन म मरी भल हो सकिी ह समभव ह तक
भ रि-सरक र न २५ पौणड क परसि व को शर स ही असवीक र कर ददय हो और हो सकि ह
तक क ागरस क तवरोध न करन पर भी वह ३ पौणड क कर ही सवीक र करिी िो भी उसम
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तहनदसि न क तहि की ह तन िो थी ही तहनदसि न क तहि-रकषक क न ि ब इसरोय को ऐस
अम नषी कर कभी सवीक र नही करन च तहए थ
२५ स ३ पौणड (३७५ रपय स ४५ रपय) होन म क ागरस क य यश लिी उस िो यही
अखर तक वह तगरममदटयो क तहि की परी रकष न कर सकी और ३ पौणड क कर तकसी-न-
तकसी ददन हटन ही च तहए
अगर कौम ह र म नकर चप हो ज िी क ागरस लड ई को भल ज िी िथ कर को अतनव यय
म नकर शरण सवीक र कर लिी िो यह कर आज िक तगरममदटय हहिदी क प स स ततलय ज ि
होि इिन ही नही मगर इसकी न लशी सथ तनक हहिदीओ को िो होिी ही मगर मसि तहनदसि न
को भी इसक शमयन क असर होि
अब मर तनव स दकषकषण अफ़रीक क िीन स ल क िो हो चक थ लोगो को म भलीभ ाति
पहच नन लग थ िथ व भी मझ पहच न लि थ िथ १८९६ क स ल म छह म स क ततलए दश
ज न की इज जि च ही मन यह भी महसस तकय तक मझ दकषकषण अफ़रीक म रहन च तहए मरी
वक ल ि भी अछछी चल रही थी ऐस म न ज सकि ह स वयजतनक क यय म म उपचसथि रहा
ऐस लोग च हि थ इसी क रण स मन िय तकय तक पररव र क स थ म दकषकषण अफ़रीक म बस
ज ऊा इसी क रण म दश ज कर व पस ज न रसि म न दश म ज न स कछ स वयजतनक क यय
हो प यग ऐस मन म न दश म लोकमि बन कर उस समसय म उसक उपयोग करक इस ब ि
को जय द असरक रक बन ऊा ऐस महसस तकय
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भाग-५ हहिद की मलाकात
२८ नहनदसतान म
बमबई म रक तबन म सीध र जकोट गय और वह ा एक पतसिक ततलखन की िय री म लग
पतसिक ततलखन और छप न म लगभग एक महीन बीि गय उसक आवरण हर थ इसततलए
ब द म वह हरी पकषसिका क न म स परततसदध हई उसम दकषकषण अफ़रीक क तहनदसि तनयो की
चसथति क मचिण मन ज न-बझकर नरम भ ष म तकय थ
हरी पकषसिका की दस हज र परतिय ा छप यी थी और उनदह स र तहनदसि न क अखब रो
और सब पकषो क परततसदध लोगो को भज थ पायोकषियर म उस पर सबस पहल लख तनकल
उसक स र ाश तवल यि गय और उस स र ाश क स र ाश तफर र यटर क दव र न ि ल पहाच वह
ि र िो िीन पाततियो क थ न ि ल म तहनदसि तनयो क स थ होन व ल वयवह र क जो मचि मन
खीच थ उसक वह लघ सासकरण थ वह मर शबदो म नही थ उसक जो असर हआ उस
हम आग दखग धीर-धीर सब परमख पिो म इस परशन की तवसिि चच य हई
इस पतसिक को ड क स भजन क ततलए इसक पकट िय र कर न क क म मतककल थ
और पस दकर कर न खचील थ मन सरल यतति खोज ली महलल क सब लडको को मन
इकठठ तकय और उसन सबर क दो-िीन घणटो म स जजिन समय व द सक उिन दन क ततलए
कह लडको न इिनी सव करन खशी स सवीक र तकय अपनी िरफ स मन उनदह अपन प स
जम होन व ल क म म आय हए ड क क दटकट और आशीव यद दन क़बल तकय लडको न
हासि-खलि मर क म पर कर ददय इस परक र छोट बछचो को सवयासवक बन न क यह मर
पहल परयोग थ इन ब लको म स दो आज मर स थी ह
र जकोट म मर दकषकषण अफ़रीक क क म चल रह थ इसी बीच म बमबई हो आय
ख स-ख स शहरो म सभ य करक तवशष रप स लोकमि िय र करन क मर इर द थ इसी
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खय ल स म वह ा गय थ पहल म नदय यमरिि र नड स ममल उनदहोन मरी ब ि धय न स सनी और
मझ सर फीरोजश ह महि स ममलन की सल ह दी
म सर फीरोजश ह स ममल उनक िज स चक चौध हो ज न को िो म िय र थ ही उनक
ततलए परयि होन व ल तवशषणो को म सन चक थ मझ बमबई क शर और बमबई क बि ज
क ब दश ह स ममलन थ पर ब दश ह न मझ डर य नही तपि जजस परम स अपन नौजव न
बट स ममलि ह उसी िरह व मझस ममल
इस स री ब िचीि म मतककल स दो ममनट लग होग सर फीरोजश ह न मरी ब ि सन ली
नदय यमरिि र नड और ियबजी स ममल चकन की ब ि भी मन उनदह बिल दी उनदहोन कह
ldquoग ाधी िमह र ततलए मझ आम सभ करनी होगी मझ िमह री मदद करनी च तहएrdquo तफर अपन
माशी की ओर मड और उस सभ क ददन तनकषिि करन को कह ददन तनकषिि करक मझ तबद
तकय
फर मजी क वसजी इचनदसटटयट क हॉल म सभ थी मन सन रख थ तक जजस सभ म
सर फीरोजश ह बोलन व ल हो उस सभ म खड रहन को जगह नही ममलिी ऐसी सभ ओ म
तवदय थी-सम ज ख स रस लि थ
ऐसी सभ क मर यह पहल अनभव थ
सर फीरोजश ह को मर भ षण अछछ लग मझ गाग नह न-क -स सनदिोष हआ
सर फीरोजश ह महि न मर म गय सरल कर ददय थ बमबई स म पन गय मझ म लम
थ तक पन म दो दल थ मझ िो सबकी मदद की जररि थी म लोकम नदय तिलक स ममल
उनदहोन कह
ldquoसब पकषो की मदद लन क आपक तवच र तबलकल ठीक ह आपक म मल म कोई
मिभद हो ही नही सकि लतकन आपक ततलए िटसथ सभ पति च तहए आप परो भ णड रकर
स ममततलए व आजकल तकसी आनददोलन म ससतममततलि नही होि पर समभव ह तक इस क म क
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ततलए आग आ ज एा उनस ममलन क ब द मझ पररण म स समचि कीजजए म आपकी परी मदद
करन च हि हा आप परो गोखल स िो ममलग ही मर प स आप जब आन च ह तनःसाकोच
आइएrdquo
लोकम नदय क यह मर परथम दशयन थ म उनकी लोकतपरयि क क रण िरनदि समझ
गय
यह ा स म गोखल क प स गय फगययसन कोलज म थ मझस बड परम स ममल और मझ
अपन बन ततलय उनस भी मर यह पहल ही पररचय थ पर ऐस ज न पड म नो हम पहल
ममल चक हो सर फीरोजश ह मझ तहम लय-जस लोकम नदय समर-जस और गोखल गाग -जस
लग गाग म म नह सकि थ तहम लय पर चढ नही ज सकि थ समर म डबन क डर थ
गाग की गोद म िो खल ज सकि थ उसम डोतगय ा लकर सर की ज सकिी थी गोखल न
ब रीकी स मरी ज ाच की ndash उसी िरह जजस िरह सकल म भरिी होि समय तकसी तवदय थी की
की ज िी ह उनदहोन मझ बि य तक म तकस-तकस स और कस ममला और मर भ षण दखन को
म ाग मझ कोलज की वयवसथ ददख यी जब जररि हो िब तफर ममलन को कह डॉ०
भ णड रकर क जव ब की खबर दन को कह और मझ तबद तकय मरी खशी क कोई दठक न
नही रह
र मकषण भ णड रकर न मर वस ही सव गि तकय जस कोई ब प बट क करि ह
उनक यह ा गय िब पहरी क समय थ ऐस समय म भी म अपन क म कर रह थ वह चीज
ही उस उदयमी श सिजञ को पय री लगी और िटसथ सभ पति क ततलए मर आगरह की ब ि सनकर
lsquoदटस इट दटस इट (यह ठीक ह यह ठीक ह) क उद ग र उनक माह स सहज ही तनकल पड
तबन तकसी हो-हलल और आडमबर क एक स द मक न म पन की इस तवदव न और तय गी
मणडली न सभ की और मझ समपणय परोतस हन क स थ तबद तकय
वह ा स म मर स गय मर स िो प गल हो उठ ब ल सनददरम क तकसस क सभ पर
गहर असर पड मर ततलए मर भ षण अपकष कि लमब थ पर छप हआ थ पर सभ न
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उसक एक-एक शबद धय नपवयक सन सभ क अाि म उस हरी पकषसिका पर लोग टट पड
मर स म साशोधन और पररवधयन क स थ उसकी दसरी आवतति दस हज र की छप यी थी उसक
अमधक ाश तनकल गय
इिन म डरबन स ि र ममल ldquoप रलिय मणट जनवरी म बठगी जलदी लौदटय
द द अबलल न सवया करलणड न म क सटीमर खरीद ततलय थ उनदहोन उसम मझ
और मर पररव र को मफि ल ज न क आगरह तकय मन उस धनदयव द-सतहि सवीक र कर
ततलय और ददसमबर क आराभ म करलणड सटीमर स अपनी धमयपतनी दो लडको और अपन
सव० बहनोई क एकम ि लडक को लकर दसरी ब र दकषकषण अफ़रीक क ततलए रव न हआ इस
सटीमर क स थ ही दसर न दरी सटीमर भी डरबन क ततलए रव न हआ द द अबलल उसक
एजनदट थ दोनो सटीमरो म कल ममल कर क़रीब ८०० तहनदसि नी य िी रह होग उनम आध स
अमधक लोग र नदसव ल ज न व ल थ
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भाग-६ वापस दकषिि अफ़रीका
२९ दकषिि अफ़रीका म आगमन और तफ़ान
अठारह ददसमबर क आसप स दोनो सटीमरो न लागर ड ल दकषकषण अफ़रीक क बनददरग हो म
य तियो क सव सरथय की परी ज ाच की ज िी ह यदद र सि म तकसीको कोई छिव ली बीम री हई
हो िो सटीमर को सिक म ndash कव रणटीन म ndash रख ज ि ह हम र बमबई छोडि समय वह ा पलग
की ततशक यि थी इसततलए हम इस ब ि क डर जरर थ तक सिक की कछ ब ध होगी
डोकटर आय ज ाच करक उनदहोन प ाच ददन क सिक घोतषि तकय कयोतक उनकी यह
ध रण थी तक पलग क कीट ण िईस ददन िक जजनदद रह सकि ह इसततलए उनदहोन ऐस आदश
ददय तक बमबई छोडन क ब द िईस ददन की अवमध परी होन िक सटीमरो को सिक म रख
ज ए
पर इस सिक की आजञ क हि कवल सव सरथय-रकष न थ डरबन क गोर न गररक हम
उलट परो लौट दन क जो आनददोलन कर रह थ वह भी इस आजञ क मल म एक क रण थ
द द अबलल की िरफ स हम शहर म चल रह इस आनददोलन की खबर ममलिी रहिी
थी गोर लोग एक क ब द दसरी तवर ट सभ य कर रह थ द द अबलल क न म धमतकय ा भजि
थ उनदह ल लच भी दि थ अगर द द अबलल दोनो सटीमरो को व पस ल ज एा िो गोर नक़स न
को भरप ई करन को िय र थ द द अबलल तकसी की धमकी स डरन व ल न थ इस समय
वह ा सठ अबल करीम ह जी आदम क न पर थ उनदहोन परतिजञ की थी तक तकिन ही नक़स न
कयो न उठ न पड व सटीमरो को बनददर पर ल एाग और य तियो को उि रग मर न म उनक तवसिि
पि बर बर आि रहि थ सौभ गय स इस समय सव० मनसखल ल हीर ल ल न जर मझस ममलन
क ततलए डरबन आ पहाच थ व होततशय र और बह र आदमी थ उनदहोन तहनदसि नी कौम को
नक सल ह दी मम ल टन वकील थ व भी वस ही बह र थ उनदहोन गोरो की करििो की तननदद
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की और इस अवसर पर कौम को जो सल ह दी वह ततसरय वकील क न ि पस लकर नही बचलक
एक सछच ममि क न ि दी
इस परक र डरबन म दवादव-यदध मछड गय एक ओर मटठीभर ग़रीब तहनदसि नी और उनक
इन-तगन अागरज ममि थ दसरी ओर धनबल परतिपकषकषयो को र जय क बल भी पर पि हो गय थ
कयोतक न ि ल की सरक र न खललमखलल उनकी मदद की थी मम हरी एसकमब न जो माति-
माडल म थ और उसक कि यधि य थ इन गोरो की सभ ओ म परकट रप स तहसस ततलय
य तियो क मनोराजन क ततलए सटीमर पर खलो क परबाध तकय गय थ म आनाद म
ससतममततलि हआ थ पर मर ददल िो डरबन म चल रही लड ई म ही लग हआ थ कयोतक इस
हमल म मधयतबनद म थ मझ पर दो आरोप थ
१ मन तहनदसि न म न ि ल-व सी गोरो की अनमचि तननद द की थी
२ म न ि ल को तहनदसि तनयो स भर दन च हि थ और इसततलए ख सकर न ि ल म
बस न क ततलए तहनदसि तनयो को करलणड और न दरी म भर ल य थ
मझ अपनी जजममद री क खय ल थ मर क रण द द अबलल भ री नक़स न म पड
गय थ य तियो क पर ण साकट म थ और अपन पररव र को स थ ल कर मन उस भी ःख म
ड ल ददय थ
पर म सवया तबलकल तनदोष थ मन तकसीको न ि ल आन क ततलए ललच य नही थ
न दरी क य तियो को म पहच नि भी न थ करलणड म अपन दो-िीन ररकिद रो को छोडकर
ब की क सकडो य तियो क न मध म िक म ज नि न थ मन तहनदसि न म न ि ल क अागरजो
क तवषय म ऐस एक भी शबद नही कह जो म न ि ल म कह न चक थ और जो कछ मन
कह थ उसक ततलए मर प स क री परम ण थ
अाि म िईस ददन क ब द सटीमरो को मतति ममली और य तिको को उिरन क आदश
ममल
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जह ज धकक पर लग य िी उिर पर मर ब र म मम एसकमब न कपि न स कहल य थ
ldquoग ाधी को और उनक पररव र को श म क समय उि ररयग उनक तवरदध गोर बहि उिजजि
हो गय ह और उनक पर ण साकट म ह पोटय सपररणटणडणट मम टटम उनदह श म को अपन स थ ल
ज एागrdquo
कपि न न मझ इस सनददश की खबर दी मन िदनस र चलन सवीक र तकय लतकन इस
सनददश को ममल आध घाट भी न हआ थ तक इिन म मम ल टन आय और कपि न स ममलकर
बोल ldquoयदद मम ग ाधी मर स थ चल िो म उनदह अपनी जजममद री पर ल ज न च हि हा सटीमर
क एजणट क वकील क न ि म आपस कहि हा तक मम ग ाधी क ब र म जो सनददश आपको ममल
ह उसक बनदधन स आप मि हrdquo इस परक र कपि न स ब िचीि करक व मर प स आय और
मझस कछ इस मिलब की ब ि कही ldquoआपको जीवन क डर न हो िो म च हि हा तक शरीमिी
ग ाधी और बछच ग डी म रसिमजी सठ क घर ज एा और आप िथ म आम र सि स पदल चल
मझ यह तबलकल अछछ नही लगि तक आप अाधर होन पर चपच प शहर म द खखल हो मर
खय ल ह तक आपक ब ल भी ब ाक न होग अब िो सब कछ श नदि ह गोर सब तििर-तबिर
हो गय ह पर कछ भी कयो न हो मरी र य ह तक आपको मछप िौर पर शहर म कभी न ज न
च तहएrdquo
म सहमि हो गय मरी धमयपतनी और बछच ग डी म बठकर रसिमजी सठ क घर सही-
सल मि पहाच गय कपि न की अनमति लकर म मम ल टन क स थ उिर रसिमजी सठ क
घर वह ा स लगअग दो मील दर थ
जस ही हम जह ज स उिर कछ लडको न मझ पहच न ततलय और व lsquoग ाधी ग ाधी
मचलल न लग िरनदि ही कछ लोग इकटठ हो गय और मचलल हट बढ गयी मम ल टन न दख तक
भीड बढ ज एगी इसततलए उनदहोन ररकश मागव य मझ उसम बठन कभी अछछ न लगि थ
उस पर सव र होन क मझ यह पहल ही अनभव होन ज रह थ पर लडक कयो बठन दि
उनदहोन ररकश व ल को धमक य और वह भ ग खड हआ
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हम आग बढ भीड भी बढिी गयी ख सी भीड जम हो गयी सबस पहल िो भीड व लो
न मझ मम ल टन स अलग कर ददय तफर मझ पर का करो और सड अणडो की वष य शर हई
तकसीन मरी पगडी उछ ल कर फ क दी तफर ल ि शर हई
मझ गश आ गय मन प स क घर की ज ली पकड ली और दम ततलय वह ा खड रहन
िो साभव ही न थ िम च पडन लग
इिन म पततलस अमधक री की सिी जो मझ पहच निी थी उस र सि स गजरी मझ दखि
ही वह मरी बगल म आकर खडी हो गयी और धप क न रहि भी उसन अपनी छिी खोल ली
इसस भीड कछ नरम पडी अब मझ पर परह र करन हो िो ममसज एलकजणडर को बच कर ही
तकय ज सकि थ
इस बीच मझ पर म र पडि दखकर कोई तहनदसि नी नौजव न पततलस थ न पर दौड गय
सपररणटणडणट एलकजणडर न एक टकडी मझ घर कर बच लन क ततलए भजी वह समय पर
पहाची मर र सि पततलस थ न क प स ही होकर ज ि थ सपररणटणडनदट न मझ थ न म आशरय
लन की सल ह दी मन इनक र तकय और कह ldquoजब लोगो को अपनी भल म लम हो ज एगी
िो व श नदि हो ज एाग मझ उनकी नदय यबजदध पर तवशव स हrdquo
पततलस क दसि क स थ म सही-सल मि प रसी रसिमजी क घर पहाच मरी पीठ पर
मछपी म र पडी थी एक जगह थोड खन तनकल आय थ सटीमर क डोकटर द द बरजोर वही
मौजद थ उनदहोन मरी अछछी सव -शशरष की
यो भीिर श ननदि थी पर ब हर गोरो न घर को घर ततलय थ श म हो चकी थी अाधर हो
चल थ ब हर हज रो लोग िीखी आव ज म शोर कर रह थ और ldquoग ाधी को हम सौप दोrdquo की
पक र मच रह थ पररचसथति क खय ल करक सपररणटणडणट एलकजणडर वह ा पहाच गय थ
और भीड को धमकी स नही बचलक उसक मन बहल कर वश म रख रह थ
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तफर भी व तनकषिनदि िो नही थ उनदहोन मझ इस आशय क सादश भज यदद आप अपन
ममि क मक न म ल-असब ब और अपन ब ल-बछचो को बच न च हि हो िो जजस िरह म कहा
उस िरह आपको इस घर स मछप िौर पर तनकल ज न च तहएrdquo
मन तहनदसि नी ततसप ही की वदी पहनी कभी ततसर पर म र पड िो उसस बचन क ततलए
म थ पर पीिल की एक िकिरी रखी और ऊपर स मर सी िजय क बड स फ ब ाध स थ म
खरीय पततलस क दो जव न थ उनम स एक न तहनदसि नी वय प री की पोश क पहनी और
अपन चहर तहनदसि नी की िरह राग ततलय दसर न कय पहन सो म भल गय हा हम बगल
की गली म होकर पडोस की एक क न म पहाच और गोद म म लगी हई बोरो की थनपपयो को
अाधर म ल ागि हए क न क दरव ज स भीड म घस कर आग तनकल गय गली क नककड पर
ग डी खडी थी उसम बठ कर मझ अब उसी थ न म ल गय जजसम आशरय लन की सल ह
सपररणटणडणट एलकजणडर न पहल दी थी मन सपररणटणडणट एलकजणडर को और खरीय
पततलस क अमधक ररयो को धनदयव द ददय
इस परक र जब एक िरफ स मझ ल ज य ज रह थ िब दसरी िरफ सपररणटणडणट
एलकजणडर भीड स ग न गव रह थ उस गीि क अनव द यह ह
चलो हम ग ाधी को फ ासी लटक द
इमली क उस पड पर फ ासी लटक द
जब सपररणटणडणट एलकजणडर को मर सही-सल मि थ न पर पहाच ज न की खबर ममली
िो उनदहोन भीड स कह ldquoआपक ततशक र िो इस क न म स सही-सल मि तनकल भ ग हrdquo
भीड म तकसीको गसस आय कोई हास बहिो न इस ब ि को म नन स इनक र तकय
इस पर सपररणटणडणट एलकजणडर न कह ldquoिो आप लोग अपन म स जजस तनयि कर
द उस म अनददर ल ज ऊा और वह िल श करक दख ल अगर आप ग ाधी को ढाढ तनक ल िो म
उस आपक हव ल कर दाग न ढाढ सक िो आपको तबखर ज न होग मझ यह तवशव स िो ह
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ही तक आप प रसी रसिमजी क मक न हरतगज नही जल यग और न ग ाधी क सिी-बछचो को
कषट पहाच यगrdquo
भीड न परतितनमध तनयि तकय उनदहोन िल श क ब द उस तनर श जनक सम च र सन य
सब सपररणटणडणट एलकजणडर की सझ-बझ और चिर ई की परशास करि हए पर मन-ही-मन
कछ गसस होि हए तबखर गय
उस समय क उपतनवश-मािी सव० मम चमबरलन न जो उस समय सासथ नो क परतितनमध
थ ि र दव र समचि तकय तक मझ पर हमल करन व लो पर मक़ददम चल य ज एा और मझ
नदय य ददल य ज ए मम एसकमब न मझ अपन प स बल य मझ पहाची हई चोट क ततलए खद
परकट करि हए उनदहोन कह ldquoआप यह िो म नग ही तक आपक ब ल भी ब ाक हो िो मझ उसस
कभी खशी नही हो सकिी आपन मम ल टन की सल ह म नकर िरनदि उिर ज न क स हस
तकय आपको ऐस करन क हक थ पर आपन मर सनददश को म न ततलय होि िो यह ःखद
घटन न घटिी अब अगर आप हमल करन व लो को पहच न सक िो म उनदह तगरफि र करव न
और उन पर मक़ददम चल न को िय र हा मम चमबरलन भी यही च हि हrdquo
मन जव ब ददय ldquoमझ तकसी पर मक़ददम नही चल न ह समभव ह हमल करन व लो
म स एक-दो को म पहच न ला पर उनदह सज ददल न स मझ कय ल भ होग तफर म हमल करन
व लो को दोषी भी नही म नि उनदह िो यह कह गय ह तक मन तहनदसि न म अतिशयोततिपणय
ब ि कहकर न ि ल क गोरो को बदन म तकय ह व इस ब ि को म नकर गसस हो िो इसम
आियय कय ह दोष िो बडो क और मझ कहन की इज जि द िो आपक म न ज न च तहए
आप लोगो को सही र सि ददख सकि थ पर आपन भी र यटर क ि र को ठीक म न और यह
कलपन कर ली तक मन अतिशयोतति की होगी मझ तकसी पर मक़ददम नही चल न ह जब
वसिचसथति परकट होगी और लोगो को पि चलग िो व खद पछि यगrdquo
ldquoिो आप मझ यह ब ि ततलखकर द दग मझ मम चमबरलन को इस आशय क ि र
भजन पडग म नही च हि तक आप जलदी म कछ ततलखकर द-द मरी इछछ य ह तक आप
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मम ल टन स और अपन दसर ममिो स सल ह करक जो उमचि ज न पड सो कर ह ा म यह
सवीक र करि हा तक यदद आप हमल करन व लो पर मक़ददम नही चल यग िो सब ओर श ाति
सथ तपि करन म मझ बहि मदद ममलगी और आपकी परतिषठ िो तनिय ही बढगीrdquo
मन जव ब ददय ldquoइस तवषय म मर तवच र पकक हो चक ह यह तनिय समजझय तक मझ
तकसी पर मक़ददम नही चल न ह इसततलए म आपको यही ततलखकर द दन च हि हाrdquo
यह कहकर मन आवकयक पि ततलखकर द ददय
जजस ददन म जह ज स उिर उसी ददन न ि ल एडवरट इजर न मक पि क परतितनमध
मझस ममल गय थ उसन मझ कई परशन पछ थ और उनक उिर म म परतयक आरोप क पर -
पर जव ब द सक थ सर फीरोजश ह महि क परि प स उस समय मन तहनदसि न म एक भी
भ षण तबन ततलख नही तकय थ अपन उन सब भ षणो और लखो क सागरह िो मर प स थ
ही मन वह सब उस ददय और ततसदध कर ददख य तक मन तहनदसि न म ऐसी एक भी ब ि नही
कही जो अमधक िीवर शबदो म दकषकषण अफ़रीक म न कही हो मन यह भी बि ददय तक करलषड
और न दरी क य तियो को ल न म मर ह थ तबलकल न थ उनम अमधकिर िो पर न ही थ
और बहिर न ि ल म रहन व ल नही थ बचलक र नदसव ल ज न व ल थ उन ददनो न ि ल म मनददी
थी र नदसव ल म बहि अमधक कम ई होिी थी इस क रण अमधकिर तहनदसि नी वही ज न
पसनदद करि थ
इस खल स क और हमल वरो पर मक़ददम द यर करन स मर इनक र करन क इिन
जय द असर पड तक गोर शरममनदद हए सम च रपिो न मझ तनदोष ततसदध तकय और हललड
करन व लो की तननद द की इस परक र पररण म म िो मझ ल भ ही हआ और मर ल भ मर क यय
क ही ल भ थ इसस भ रिीय सम ज की परतिषठ बढी और मर म गय अमधक सरल हो गय
िीन य च र ददन ब द म अपन घर गय और कछ ही ददनो म वयवचसथि रीति स अपन
क मक ज करन लग
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३० बचचो की शशिा और सवावशतत
सन १८९७ की जनवरी म म डरबन उिर िब मर स थ िीन ब लक थ मर भ नज लगभग
दस वषय की उमर क मर बड लडक नौ वषय क और दसर लडक प ाच वषय क इन सबको
कह ा पढ य ज एा
म अपन लडको को गोरो क ततलए चलन व ल सकलो म भज सकि थ पर वह कवल
महरब नी और अपव द-रप होि दसर सब तहनदसि नी ब लक वह ा पढ नही सकि थ
तहनदसि नी ब लको को पढ न क ततलए ईस ई ममशन क सकल थ पर उनम म अपन ब लको को
भजन क ततलए िय र न थ वह ा दी ज न व ली ततशकष मझ पसनदद न थी स री ततशकष अागरजी म
ही दी ज िी थी अथव बहि परयतन तकय ज ि िो अशदध ि ममल य तहनददी म दी ज सकिी
थी पर इन और ऐसी अनदय िदटयो को सहन करन मर ततलए समभव न थ
म सवया ब लको को पढ न क थोड परयतन करि थ
म उनदह दश भजन क ततलए िय र न थ उस समय भी मर यह खय ल थ तक छोट बछचो
को म ि -तपि स अलग नही रहन च तहए सवयवचसथि घर म ब लको को जो ततशकष सहज ही
ममल ज िी ह वह छ ि लयो म नही ममल सकिी अिएव अमधकिर व मर स थ ही रह
लडको को म सवया जजिन समय दन च हि थ उिन द नही सक इस क रण और
दसरी अतनव यय पररचसथतियो क क रण म अपनी इछछ क अनस र उनदह अकषर-जञ न नही द सक
इस तवषय म मर सब लडको को नदयन मधक म ि म मझस ततशक यि भी रही ह कयोतक जब-जब
व बी एrsquo एम ए और ldquoमदरकयलट क भी समपकय म आि िब सवया तकसी सकल म न पढ
सकन की कमी क अनभव करि थ
तिस पर भी मरी अपनी र य यह ह तक जो अनभव-जञ न उनदह ममल ह म ि -तपि क जो
सहव स व पर पि कर सक ह सविािि क जो पद थयप ठ नह सीखन को ममल ह वह सब उनदह
न ममलि यदद मन उनको च ह जजस िरह सकल भजन क आगरह रख होि
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व ब लक और मर लडक आज सम न अवसथ क ह म नही म नि तक मनषयि म मर
लडको स आग बढ हए ह अथव उनस मर लडक कछ अमधक सीख सकि ह
तफर भी मर परयोग क अननदिम पररण म िो भतवषय ही बि सकि ह यह ा इस तवषय
की चच य करन क हि िो यह ह तक मनषय-ज ति की उतकर ाति अधययन करन व ल लोग गह-
ततशकष और सकली ततशकष क भद क और म ि -तपि दव र अपन जीवन म तकय हए पररवियनो क
उनक ब लको पर जो परभ व पडि ह उसक कछ अाद ज लग सक
मन सव कषभम न क तय ग तकय होि दसर भ रिीय ब लक जजस न प सक उसकी अपन
ब लको क ततलए इछछ न रखन क तवच र क पोषण न तकय होि िो म अपन ब लको को अकषर-
जञ न अवकय द सकि थ तकनदि उस दश म सविािि और सव कषभम न क जो पद थय-प ठ व
सीख वह न सीख प ि और जह ा सविािि िथ अकषर-जञ न क बीच ही चन व करन हो वह ा
कौन कहग तक सविािि अकषर-जञ न स हज र गनी अमधक अछछी नही ह
सन १९२० म जजन नौजव नो को मन सविािि -घ िक सकलो और कोलजो को छोडन क
ततलए आमातिि तकय थ और जजनस मन कह थ तक सविािि क ततलए तनरकषर रहकर आम र सि
पर तगटटी फोडन गल मी म रहकर अकषर-जञ न पर पि करन स कही अछछ ह व अब मर कथन क
ममय को कद मचि समझ सक ग
मन म हमश यह तवच र बन रहि तक सव -शशरष क ऐस कछ क म म हमश करि
रहा िो तकिन अछछ हो डोकटर बथ सणट एडमस ममशन क मखखय थ व हमश अपन प स
आन व लो को मफि दव ददय करि थ बहि भल और दय ल आदमी थ प रसी रसिमजी की
द नशीलि क क रण डो बथ की दखरख म एक बहि छोट असपि ल खल मरी परबल इछछ
हई तक म इस असपि ल म नसय क क म करा
इस क म स म खी-ददी तहनदसि तनयो क तनकट समपकय म आय उनम स अमधक ाश
ि ममल िलग अथव उिर तहनदसि न क तगरममदटय होि थ
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यह अनभव मर ततलए भतवषय म बहि उपयोगी ततसदध हआ बौअर यदध क समय घ यलो
की सव -शशरष क क म म और दसर बीम रो की पररचय य म मझ इसस बडी मदद ममली
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३१ सादगी
धोबी क खचय भी जय द म लम हआ इसक अल व धोबी तनकषिि समय पर कपड नही लौट ि
थ इसततलए दो-िीन दजयन क़मीजो और उिन ही क लरो स भी मर क म चल नही प ि थ
क लर म रोज बदलि थ क़मीज रोज नही िो एक ददन क अनदिर स बदलि थ इसस दोहर
खचय होि थ मझ यह वयथय परिीि हआ अिएव मन धल ई क स म न जट य धल ई-कल
पर पसिक पढी और धोन सीख पतनी को भी ततसख य क म क कछ बोझ ि बढ ही पर
नय क म होन स उस करन म आननदद आि थ
पहली ब र अपन ह थो धोय हए क लर को िो म कभी भल नही सकि उसम कलफ
अमधक लग गय थ और इसिरी परी गरम नही थी तिस पर क लर क जल ज न क डर स इसिरी
को मन अछछी िरह दब य भी नही थ इसस क लर म कड पन िो आ गय पर उसम स कलफ
झडि रहि थ ऐसी ह लि म म कोटय गय और वह ा ब ररसटरो क ततलए मज क क स धन बन
गय पर इस िरह क मज क सह लन की शतति उस समय भी मझ म क री थी
मन सर ई दि हए कह ldquoअपन ह थो क लर धोन क मर यह पहल परयोग ह इस
क रण इसम स कलफ झडि ह मझ इसस कोई अडचन नही होिी तिस पर आप सब लोगो
क ततलए तवनोद की इिनी स मगरी जट रह हा सो घ ि म
एक ममि न पछ ldquoपर कय धोतबयो क अक ल पड गय हrdquo
ldquoयह ा धोबी क खचय मझ िो असहय म लम होि ह क लर की कीमि क बर बर धल ई
हो ज िी ह और इिनी धल ई दन क ब द भी धोबी की गल गी करनी पडिी ह इसकी अपकष
अपन ह थ स धोन म जय द पसनदद करि हा
जजस िरह म धोबी की गल मी स छट उसी िरह न ई की गल मी स भी छटन क अवसर
आ गय हज मि िो तवल यि ज न व ल सब कोई ह थ स बन न सीख ही लि ह पर कोई ब ल
छ ाटन भी सीखि होग इसक मझ खय ल नही ह एक ब र तपरटोररय म म एक अागरज हजज म
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की क न पर पहाच उसन मरी हज मि बन न स स र इनक र कर ददय और इनक र करि हए
जो तिरसक र परकट तकय सो घ ि म रह मझ ःख हआ म ब ज र पहाच मन ब ल क टन
की मशीन खरीदी और आईन क स मन खड रहकर ब ल क ट ब ल जस-िस कट िो गय पर
पीछ क ब ल क टन म बडी कदठन ई हई सीध िो व कट ही न प य कोटय म खब कहकह लग
िमह र ब ल ऐस कयो हो गय ह ततसर पर चह िो नही चढ गय थrdquo
मन कह ldquoजी नही मर क ल ततसर को गोर हजज म कस छ सकि ह इसततलए कस भी
कयो न हो अपन ह थ स क ट हए ब ल मझ अमधक तपरय हrdquo
इस उिर स ममिो को आियय नही हआ असल म उस हजज म क कोई दोष न थ अगर
वह क ली चमडी व लो क ब ल क टन लगि िो उसकी रोजी म री ज िी हम भी अपन अछिो
क ब ल ऊा ची ज ति क तहनदओ क हजज मो को कह ा क टन दि ह दकषकषण अफ़रीक म मझ
इसक बदल एक नही अनको ब र ममल ह और चातक म यह म नि थ तक यह हम र दोष क
पररण म ह इसततलए मझ इस ब ि स कभी गसस नही आय
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३२ एक पणयसमरि और परायकषितत
मर जीवन म ऐसी घटन य घटिी ही रही ह जजनक क रण म अनक धम यवलसतमबयो क और अनक
ज तियो क ग ढ पररचय म आ सक हा इन सबक अनभवो क आध र पर यह कह ज सकि
ह तक मन अपन और पर य दशी और तवदशी गोर और क ल तहनद और मसलम न अथव ईस ई
प रसी य यहदी क बीच कोई भद नही तकय म कह सकि हा तक मर हदय ऐस भद को पहच न
ही न सक अपन साबाध म म इस चीज को गण नही म नि कयोतक यह मर सवभ व म ही ह
जब म डरबन म वक लि करि थ िब अकसर मर महररिर मर स थ रहि थ उनम तहनदद
और ईस ई थ अथव पर नदि की दतषट स कहा िो गजर िी और मर सी थ मझ समरण नही ह तक
उनक ब र म मर मन म कभी भदभ व पद हआ हो म उनदह अपन कटमबी म नि थ और यदद
पतनी की ओर स इसम कोई ब ध आिी िो म उसस लडि थ एक महररिर ईस ई थ उसक
म ि -तपि पाचम ज ति क थ हम र घर की बन वट पकषिमी ढब की थी उसम कमरो क अनददर
मोररय ा नही होिी ndash म म नि हा तक होनी भी नही च तहए ndash इसस हरएक कमर म मोरी की
जगह पश ब क ततलए ख स बरिन रख ज ि ह उस उठ न क क म नौकर क न थ बचलक हम
पति-पतनी क थ जो महररिर अपन को घरक -स म नन लगि व िो अपन बरिन खद उठ ि
भी थ यह पाचम क ल म उतपनदन महररिर नय थ उसक बरिन हम ही उठ न च तहए थ
कसिरब ई दसर बरिन िो उठ िी थी पर इस बरिन को उठ न उस असहय लग इसस हम र
बीच कलह हआ मर उठ न उसस सह न ज ि थ और खद उठ न उस भ री हो गय थ
आाखो स मोिी की बाद टपक िी ह थ म बरिन उठ िी और अपनी ल ल आाखो स मझ उल हन
दकर सीदढय ा उिरिी हई कसिरब ई क मचि म आज भी खीच सकि हा
पर म िो जजिन परमी उिन ही करर पति थ म अपन को उसक ततशकषक भी म नि थ
इस क रण अपन अाध परम क वश होकर उस खब सि ि थ
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यो उसक ततसरय बरिन उठ कर ल ज न स मझ सािोष न हआ मझ सािोष िभी होि जब
वह उस हासि माह ल ज िी इसततलए मन दो ब ि ऊा ची आव ज म कही म बडबड उठ ldquoयह
कलह मर घर म नही चलग rdquo
यह वचन कसिरब ई को िीर की िरह चभ गय
वह भडक उठी ldquoिो अपन घर अपन प स रखो म यह चलीrdquo
म उस समय भगव न को भल बठ थ मझम दय क लश भी नही रह गय थ मन
उसक ह थ पकड सीदढयो क स मन ही ब हर तनकलन क दरव ज थ म उस असह य अबल
को पकडकर दरव ज िक खीच ल गय दरव ज आध खोल
कसिरब ई की आाखो स गाग -यमन बह रही थी वह बोली
ldquoिमह िो शरम नही ह लतकन मझ ह जर िो शरम ओ म ब हर तनकलकर कह ा ज
सकिी हा यह ा मर म ा-ब प नही ह तक उनक घर चली ज ऊा म िमह री पतनी हा इसततलए मझ
िमह री ड ाट-फटक र सहनी ही होगी अब शरम ओ और दरव ज बनदद करो कोई दखग िो दो
म स एक की भी शोभ नही रहगीrdquo
मन माह िो ल ल रख पर शरममनदद जरर हआ दरव ज बनदद कर ददय यदद पतनी मझ
छोड नही सकिी थी िो म भी उस छोडकर कह ा ज सकि थ हम र बीच झगड िो बहि हए
ह पर पररण म सद शभ ही रह ह पतनी न अपनी अदभि सहनशतति दव र तवजय पर पि की ह
म यह वणयन आज िटसथ भ व स कर सकि हा कयोतक यह घटन हम र बीि यग की ह
आज म मोह नदध पति नही हा ततशकषक नही हा कसिरब ई च ह िो मझ आज धमक सकिी ह
आज हम परख हए ममि ह एक-दसर क परति तनरविक र बनकर रहि ह
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३३ बोअर-यदध
सन १८९७ स १८९९ क बीच क अपन जीवन क दसर अनक अनभवो को छोडकर अब म
बोअर-यदध पर आि हा जब यह यदध हआ िब मरी अपनी सह नभति कवल बोअरो की िरफ
ही थी पर म म नि थ तक ऐस म मलो म वयततिगि तवच रो क अनस र क म करन क अमधक र
मझ अभी पर पि नही हआ ह इस साबाध क मनदथन-मचनदिन क सकषम तनरीकषण मन दकषिण अफ़रीका
क सतयागरह क इतिह स म तकय ह इसततलए यह ा नही करन च हि जजजञ सओ को मरी सल ह
ह तक व उस इतिह स को पढ ज एा यह ा िो इिन ही कहन क री होग तक तबरदटश र जय क
परति मरी वर द री मझ उस यदध म ससतममततलि होन क ततलए जबरदसिी घसीट ल गयी मन अनभव
तकय तक जब म तबरदटश परज जन क न ि अमधक र म ाग रह हा िो उसी न ि तबरदटश र जय की
रकष म ह थ बाट न भी मर धमय ह उस समय मरी यह र य थी तक तहनदसि न की समपणय उनदनति
तबरदटश स मर जय क अनददर रहकर हो सकिी ह
अिएव जजिन स थी ममल उिनो को लकर और अनक कदठन इय ा सहकर हमन घ यलो
की सव -शशरष करन व ली एक टकडी खडी की अब िक स ध रणिय यह ा क अागरजो की
यही ध रण थी तक तहनदसि नी साकट क क मो म नही पडि उनदह सव थय क अतिररि और कछ
नही सझि इसततलए कई अागरज ममिो न मझ तनर श करन व ल उिर ददय थ अकल डोकटर
बथ न मझ बहि परोतस तहि तकय उनदहोन हम घ यल योदध ओ की स र-साभ ल करन ततसख य
अपनी योगयि क तवषय म हमन डोकटरी परम णपि पर पि तकय मम ल टन और सव० मम एसकमब
न भी हम र इस क यय को पसनदद तकय अनदि म लड ई क समय सव करन दन क ततलए हमन
सरक र स तबनिी की
हम री इस टकडी म लगभग गय रह सौ आदमी थ उनम क़रीब च लीस मखखय थ दसर
कोई िीन सौ सविाि तहनदसि नी भी रागरटो म भरिी हए थ ब की क तगरममदटय थ डो बथ
भी हम र स थ थ उस टकडी न अछछ क म तकय यदयतप उस गोल -ब रद की हद क ब हर
ही क म करन होि थ और lsquoरड करोसrsquo१० क सारकषण पर पि थ तफर भी साकट क समय गोल -
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ब रद की सीम क अनददर क म करन क अवसर भी हम ममल ऐस साकट म न पडन क इकर र
सरक र न अपनी इछछ स हम र स थ तकय थ पर तसपय ाकोप की ह र क ब द ह लि बदल
गयी इसततलए जनरल बलर न यह सादश भज तक यदयतप आप लोग जोखखम उठ न क ततलए
वचन-बदध नही ह िो भी यदद आप जोखखम उठ कर घ यल ततसप तहयो और अरसरो को रणकषि
स उठ कर और डोततलयो म ड लकर ल ज न को िय र हो ज एाग िो सरक र आपक उपक र
म नगी हम िो जोखखम उठ न को िय र ही थ अिएव तसपय ाकोप की लड ई क ब द हम गोल -
ब रद की सीम क अनददर क म करन लग
इन ददनो सबको कई ब र ददन म बीस-पचीस मील की माजजल िय करनी पडिी थी और
एक ब र िो घ यलो को डोली म ड लकर इिन मील चलन पड थ जजन घ यल योदध ओ को
हम इस परक र उठ कर ल ज न पड उनम जनरल वडगट बगर भी थ
छह हफिो क ब द हम री टकडी को तबद दी गयी
हम र छोट-स क म की उस समय िो बडी सिति हई इसस तहनदसि तनयो की परतिषठ
बढी वह ा क सम च रपिो म सिति क वय ततलख गय उसकी धरव पातति यह थी ldquoआखखरक र िो
हम सभी एक ही र जय क ब लबछच हrdquo आखखर तहनदसि नी स मर जय क ब ररस िो ह हीrsquo
जनरल बलर न अपन खरीि म हम री टकडी क क म की ि रीर की मखखयो को यदध क पदक
भी ममल
इसस तहनदसि नी कौम अमधक सागदठि हो गयी म तगरममदटय तहनद सि तनयो क बहि
अमधक समपकय म आ सक उनम अमधक ज गति आयी और तहनदद मसलम न ईस ई मर सी
गजर िी ततसनद धी सब तहनदसि नी ह यह भ वन अमधक दढ हई सबन म न तक अब तहनदसि तनयो
क ःख दर होन ही च तहए उस समय िो गोरो क वयवह र म भी सपषट पररवियन ददख यी ददय
लड ई म गोरो क स थ जो समपकय हआ वह मधर थ हम हज रो टोममयोrsquo क स थ रहन
क मौक़ ममल व हम र स थ ममिि क वयवह र करि थ और यह ज नकर तक हम उनकी
सव क ततलए आय ह हम र उपक र म नि थ
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ःख क समय मनषय क सवभ व तकस िरह तपघलि ह इसक एक मधर सासमरण यह ा
ददए तबन म रह नही सकि हम चीवली छ वनी की िरफ ज रह थ यह वही कषि थ जह ा
लोडय रोबटयस क पि लचटटनणट रोबटयस को पर णघ िक चोट लगी थी लचटटनणट रोबटयस क शब
को ल ज न क समम न हम री टकडी को ममल थ अगल ददन धप िज थी हम कच कर रह
थ सब पय स थ प नी पीन क ततलए र सि म एक छोट -स झरन पड पहल प नी कौन पीय
मन सोच तक पहल टोगी प नी पी ल ब द म हम तपयग पर टोममयो न हम दखकर िरनदि हमस
प नी पी लन क आगरह शर तकय और इस िरह बडी दर िक हम र बीच आप पहल हम
पीछ क मीठ झगड चलि रह
__________________________
१० lsquoरड करोस क अथय ह ल ल सवतसिक यदध म शशरष क क म करन व लो क ब य ह थ पर इस मचहनव ली
पटटी ब ाधी ज िी ह तनयम यह ह तक शि भी उनदह चोट नही पहाच सकि अमधक तववरण क ततलए दखखय
दकषिण अफ़रीका क सतयागरह का इकषिहास ndash भ ग ndash १ परकरण ९
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३४ नगर सफ़ाई-आनदोलन
समाज क एक भी अाग क तनरपयोगी रहन मझ हमश अखर ह जनि क दोष मछप कर
उसक बच व करन अथव दोष दर तकय तबन अमधक र पर पि करन मझ हमश अरमचकर लग
ह इसततलए दकषकषण अफ़रीक म रहन व ल तहनदसि तनयो पर लग य ज न व ल एक आरोप क
जजसम कछ िरथय थ इल ज करन क क म मन वह ा क अपन तनव सक ल म ही सोच ततलय थ
तहनदसि तनयो पर जब-िब यह आरोप लग य ज ि थ तक व अपन घर-ब र स र नही रखि
और बहि गनदद रहि ह इस आरोप को तनःशष करन क ततलए आरमभ म तहनदसि तनयो क मखखय
म न ज न व ल लोगो क घरो म िो सध र आरमभ हो ही चक थ पर घर-घर घमन क ततसलततसल
िब शर हआ जब डरबन म पलग क परकोप क डर पद हआ इसम मयतनततसपततलटी क
अमधक ररयो क भी सहयोग और सममति थी हम री सह यि ममलन स उनक क म हलक हो
गय और तहनदसि तनयो को कम कषट उठ न पड
मझ कछ कडव अनभव भी हए मन दख तक सथ नीय सरक र स अमधक रो की म ाग
करन म जजिनी सरलि स म अपन सम ज की सह यि प सकि थ उिनी सरलि स लोगो
स उनक कियवय क प लन कर न क क म म सह यि पर पि न कर सक कछ जगहो पर मर
अपम न तकय ज ि कछ जगहो पर तवनय-पवयक उपकष क पररचय ददय ज ि गनददगी स र
करन क ततलए कषट उठ न उनदह बहि अखरि थ िब जस खचय करन की िो ब ि ही कय
लोगो स कछ भी क म कर न हो िो धीरज रखन च तहए यह प ठ मन अछछी िरह सीख ततलय
सध र की ग़रज िो सध रक की अपनी होिी ह जजस सम ज म वह सध र कर न च हि ह
उसस िो उस तवरोध तिरसक र और पर णो क साकट की भी आश रखनी च तहए सध रक जजस
सध र म नि ह सम ज उस तबग ड क यो न म न
इस आनददोलन क पररण म यह हआ तक भ रिीय सम ज म घर-ब र स र रखन क महततव
को नदयन मधक म ि म सवीक र कर ततलय गय अमधक ररयो की दतषट म मरी स ख बढी व समझ
गय तक मर धनद ध कवल ततशक यि करन य अमधक र म ागन क ही नही ह बचलक ततशक यि
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करन य अमधक र म ागन म म जजिन ितपर हा उिन ही उतस ह और दढि भीिरी सध र क
ततलए भी मझ म ह
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३५ दश-गमन और कीमती भटसौगाद
लडाई क क म स मि होन क ब द मन अनभव तकय तक अब मर क म दकषकषण अफ़रीक म
नही बचलक तहनदसि न म ह मन दख तक दकषकषण अफ़रीक म बठ -बठ म कछ सव िो अवकय
कर सका ग
मझ भी लग तक दश ज न स मर उपयोग अमधक हो सकग
मन स ततथयो क स मन मि होन की इछछ परकट की बडी कदठन ई स एक शिय क स थ
वह सवीकि हई शिय यह थी तक यदद एक वषय क अनददर कौम को मरी आवकयकि म लम हई
िो मझ व पस दकषकषण अफ़रीक पहाचन होग मझ यह शिय कडी लगी पर म परमप श म बाध
हआ थ
जगह-जगह म नपि समपयण की सभ य हई और हर जगह स कीमिी भट ममली
भटो म सोनच ादी की चीज िो थी ही पर हीर की चीज भी थी
इन सब चीजो को सवीक र करन क मझ कय अमधक र थ यदद म उनदह सवीक र करि
िो अपन मन को यह कस समझ ि तक कौम की सव म पस लकर नही करि इन भटो म स
मवचककलो की दी हई थोडी चीजो को छोड द िो ब की सब मरी स वयजतनक सव क तनममि स
ही ममली थी तफर मर मन िो मवचककलो और दसर स ततथयो क बीच कोई भद नही थ ख स-
ख स सभी मवचककल स वयजतनक क मो म भी मदद दन व ल थ
स थ ही इन भटो म पच स तगसतनदनयो क एक ह र कसिरब ई क ततलए थ पर वह वसि
भी मरी सव क क रण ही ममली थी इसततलए वह दसरी भटो स अलग नही की ज सकिी थी
जजस श म को इनम स मखय भट ममली थी वह र ि मन प गल की िरह ज गकर तबि यी
म अपन कमर म चककर क टि रह पर उलझन तकसी िरह सलझिी न थी सकडो की कीमि
क उपह रो को छोडन कदठन म लम होि थ रखन उसस भी अमधक कदठन लगि थ
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मन परशन करि म श यद भटो को पच प ऊा पर मर बछचो क कय होग सिी क कय
होग उनदह ततशकष िो सव की ममलिी थी उनदह हमश समझ य ज ि थ तक सव क द म नही
ततलए ज सकि म घर म कीमिी गहन बगर रखि नही थ स दगी बढिी ज रही थी ऐसी
चसथति म सोन की घमडयो क उपयोग कौन करि सोन की जाजीर और हीर की अागदठय ा कौन
पहनि म उस समय भी गहनो-ग ाठो क मोह छोडन क उपदश औरो को ददय करि थ अब
इन गहनो और जव हर ि क म कय करि
म इस तनणयय पर पहाच तक मझ य चीज रखनी ही नही च तहए प रसी रसिमजी आदद
को इन गहनो क रसटी तनयि करक उनक न म ततलख ज न व ल पि क मसतवद मन िय र
तकय और सबर सिी-पि दद स सल ह करक अपन बोझ हलक करन क तनिय तकय
म यह ज नि थ तक धमयपतनी को समझ न कदठन होग बछचो को समझ न म जर भी
कदठन ई नही होगी इसक मझ तवशव स थ अिः उनदह इस म मल म वकील बन न क मन तनिय
तकय
लडक िो िरनदि समझ गय उनदहोन कह ldquoहम इन गहनो की आवकयकि नही ह हम य
सब लौट ही दन च तहए और जीवन म कभी हम इन वसिओ की आवकयकि हई िो कय हम
सवया न खरीद सक गrdquo ऐस उनक कहन थ
म खश हआ मन पछ ldquoिो िम अपनी म ा को समझ ओग नrdquo
ldquoजरर जरर यह क म हम र समजझय उस कौन य गहन पहनन ह वह िो हम र ततलए
ही रखन च हिी ह हम उनकी जररि नही ह तफर वह हठ कयो करगीrdquo
पर क म जजिन सोच थ उसस अमधक कदठन ततसदध हआ
ldquoभल आपको जररि न हो और आपक लडको को भी न हो बछचो को िो जजस र सि
लग दो उसी र सि व लग ज ि ह भल मझ न पहनन द पर मरी बहओ क कय होग उनक
िो य चीज क म आयगी न और कौन ज नि ह कल कय होग इिन परम स दी गयी चीज
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व पस नही की ज सकिीrdquo पतनी की व गध र चली और उसक स थ अशरध र ममल गयी बछच
दढ रह मझ िो मडगन थ ही नही
मन धीर स कह ldquoलडको क बय ह िो होन दो हम कौन उनदह बचपन म बय हन ह
बड होन पर िो य सवया ही जो करन च हग करग और हम कह ा गहनो की शौकीन बहएा खोजनी
ह इिन पर भी कछ कर न ही पड िो म कह ा चल ज ऊा ग rdquo
ldquoज निी हा आपको मर गहन भी िो आपन ही ल ततलए न जजनदहोन मझ सख स न पहनन
ददय वह मरी बहओ क ततलए कय ल यग लडको को आप अभी स बर गी बन रह ह य गहन
व पस नही ददय ज सकि और मर ह र पर आपक कय अमधक र हrdquo
मन पछ ldquoपर यह ह र िमह री सव क बदल म ममल ह य मरी सव कrdquo
ldquoकछ भी हो आपकी सव मरी भी सव हई मझस आपन र ि-ददन जो मजदरी करव यी
वह कय सव म शम र न होगी मझ रल कर भी आपन हर तकसीको घर म ठहर य और उसकी
च करी करव यी उस कय कहगrdquo
य स र ब ण नकील थ इनम स कछ चभि थ पर गहन िो मझ व पस करन ही थ बहि-
सी ब िो म म जस-िस कसिरब की सहमति पर पि कर सक १८९६ म और १९०१ म ममली हई
भट मन लौट दी उनक रसट बन और स वयजतनक क म क ततलए उनक उपयोग मरी अथव
रनसटयो की इछछ क अनस र तकय ज एा इस शिय क स थ व बक म रख दी गयी इन गहनो को
बचन क तनममि स म कई ब र पस इकटठ कर सक हा आज भी आपतति-कोष क रप म यह
धन मौजद ह और उसम वजदध होिी रहिी ह
अपन इस क यय पर मझ कभी पि ि प नही हआ ददन बीिन पर कसिरब को भी इसक
औमचतय की परिीति हो गयी इसस हम बहि स ल लचो स बच गय ह
मर यह मि बन ह तक स वयजतनक सवक क ततलए तनजी भट नही हो सकिी
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भाग-७ दश म
३६ महासभा (काागरस) परथम बार
नहनदसतान पहाचन पर थोड समय मन घमन-तफरन म तबि य यह सन १९०१ क जम न थ
उस स ल की क ागरस कलकि म होन व ली थी दीनश एदलजी व छछ उसक अधयकष थ मझ
क ागरस म िो ज न थ ही क ागरस क यह मर पहल अनभव थ
हम कलकि पहाच अधयकष आदद नि ओ को न गररक धमध म स ल गय मन तकसी
सवयासवक स पछ ldquoमझ कह ा ज न च तहएrdquo
वह मझ ररपन कोलज ल गय वह ा बहि स परतितनमध ठहर य गय थ
सवयासवक एक-दसर स टकर ि रहि थ जो क म जजस सौप ज ि वह सवया उस नही
करि थ वह िरनदि दसर को पक रि थ दसर िीसर को बच र परतितनमध िो न िीन म
होि न िरह म नही छपपन क मल म
गादगी की हद नही थी च रो िरफ प नी ही प नी फल रह थ प ख न कम थ उनकी
गयनद ध की य द आज भी मझ हर न करिी ह मन एक सवयासवक को यह सब ददख य उसन
स र इनक र करि हए कह ldquoयह िो भागी क क म हrdquo मन झ ड म ाग वह मर माह ि कि
रह मन झ ड खोज तनक ल प ख न स र तकय पर यह िो मरी अपनी सतवध क ततलए
हआ भीड इिनी जय द थी और प ख न इिन कम थ तक हर ब र क उपयोग क ब द उनकी
सर ई होनी जररी थी यह मरी शतति क ब हर की ब ि थी
क ागरस क अमधवशन को एक-दो ददन की दर थी मन तनिय तकय थ तक क ागरस क
क य यलय म मरी सव सवीक र की ज य िो सव करा और अनभव ला
शरी भपनदरन थ बस और शरी घोष ल मािी थ म भपनदरब ब क प स पहाच और सव की
म ाग की उनदहोन मरी ओर दख और बोल
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मर प स िो कोई क म नही ह पर श यद मम घोष ल आपको कछ क म द सक ग उनक
प स ज इयrdquo
म घोष लब ब क प स गय उनदहोन मझ धय न स दख और जर हासकर मझस पछ
ldquoमर प स िो कलकय क क म ह आप करगrdquo
मन उिर ददय ldquoअवकय करा ग मरी शतति स ब हर न हो ऐस हर क म करन क ततलए
म आपक प स आय हाrdquo
ldquoनौजव न यही सछची भ वन ह rdquo
और बगल म खड सवयासवको की ओर दखकर बोल
ldquoसनि हो यह यवक कय कह रह हrdquo
तफर मरी ओर मडकर बोल
ldquoिो दखखय यह िो ह पिो क ढर और यह मर स मन कसी ह इस पर आप बदठय
आप दखि ह तक मर प स सकडो आदमी आि रहि ह म उनस ममला य इन बक र पि ततलखन
व लो को उनक पिो क जव ब ततलखा मर प स ऐस कलकय नही ह जजनस यह क म ल सका
इन सब पिो म स बहिो म क म की एक भी ब ि नही होगी पर आप सबको दख ज इय
जजसकी पहाच भजन उमचि समझ उसकी पहाच भज दीजजए जजसक जव ब क ब र म मझस
पछन जररी समझ मझ पछ लीजजएrdquo म िो इस तवशव स स मगध हो गय
शरी घोष ल मझ पहच नि न थ न म-ध म ज नन क क म िो उनदहोन ब द म तकय मर
इतिह स ज नन क ब द िो मझ कलकय क क म सौपन क ततलए व कछ लचजजि हए पर मन उनदह
तनकषिनदि कर ददय
ldquoकह ा आप और कह ा म आप क ागरस क पर न सवक ह मर गरजन ह म एक
अनभवहीन नवयवक हा यह क म सौपकर आपन मझ पर उपक र ही तकय ह कयोतक मझ
क ागरस म क म करन ह उसक क मक ज को समझन क आपन मझ अलभय अवसर ददय हrdquo
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हम र बीच अछछी ममिि हो गयी घोष लब ब क बटन भी बर लग ि थ यह दखकर
lsquoबरrsquo क क म मन ही ल ततलय मझ वह पसनदद थ बडो क परति मर मन म बहि आदर थ जब
व मरी वतति समझ गय िो अपनी तनजी सव क स र क म मझस लन लग
पर ऐसी सव क परति मन म थोडी भी अरमच उतपनदन न हई मझ जो ल भ हआ उसकी
िो कीमि आाकी ही नही ज सकिी
कछ ही ददनो म मझ क ागरस की वयवसथ क जञ न हो गय कई नि ओ स भट हई
गोखल सरनदरन थ आदद योदध आि-ज ि रहि थ म उनकी रीति-नीति दख सक वह ा समय
की जो बरब दी होिी थी उस भी मन अनभव तकय अागरजी भ ष क पर बलय भी दख इसस
उस समय भी मझ ःख हआ थ शतति क बच व की कोई तगनिी ही नही थी मन दख तक एक
आदमी स हो सकन व ल क म म अनक आदमी लग ज ि थ और यह भी दख तक तकिन ही
महततवपणय क म कोई करि ही न थ
मर मन इस स री चसथति की टीक तकय करि थ पर मचि उद र थ इसततलए वह म न
लि थ तक जो हो रह ह उसम अमधक सध र करन साभव न होग फलिः मन म तकसी क
परति अरमच पद न होिी थी
सर फीरोजश ह न दकषकषण अफ़रीक क ब र म मर परसि व लन की सवीकति िो दी थी पर
उस क ागरस की तवषय-तनव यमचनी सममति म कौन परसिि करग कब करग यह सोचि हआ म
सममति म बठ रह हरएक परसि व पर लमब-लगब भ षण होि थ सब अागरजी म हरएक क स थ
परततसदध वयततियो क न म जड होि थ इस नकक रख न म मरी ििी की आव ज कौन सनग
जयो-जयो र ि बीििी ज िी थी तयो-तयो मर ददल धडकि ज ि थ सब कोई भ गन की िय री
म थ र ि क गय रह बज गय थ मझम बोलन की तहममि न थी म गोखल स ममल चक थ और
उनदहोन मर परसि व दख ततलय थ
उनकी कसी क प स ज कर मन धीर स कह
ldquoमर ततलए कछ कीजजएग rdquo
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सर फीरोजश ह बोल ldquoकतहय सब क म तनबट गय नrdquo
गोखल बोल उठ दकषकषण अफ़रीक क परसि व िो ब की ही ह मम ग ाधी कबस बठ र ह
दख रह हrdquo
सर फीरोजश ह न पछ ldquoआप उस परसि व को दख चक हrdquo
ldquoह ा ldquo
ldquoआपको वह पसनदद आय rdquo
ldquoक री अछछ हrdquo
ldquoिो ग ाधी पढोrdquo
मन क ापि हए परसि व पढ सन य
गोखल न उसक समथयन तकय
सब बोल उठ ldquoसवय-सममति स प सrdquo
व छछ बोल ldquoग ाधी िम प ाच ममनट लन rdquo
इस दकय स मझ परसनद नि न हई तकसीन भी परसि व को समझन क कषट नही उठ य
सब जलदी म थ गोखल न परसि व दख ततलय थ इसततलए दसरो को दखन-सनन की आवकयकि
परिीि न हई
सवर हआ
मझ िो अपन भ षण की तरकर थी प ाच ममनट म कय बोलाग मन िय री िो अछछी
कर ली थी पर उपयि शबद सझि न थ जस िस परसि व पढ गय
तकसी कतव न अपनी कतवि छप कर सब परतितनमधयो म ब ाटी थी उसम परदश ज न
की और समर-य ि की सिति थी वह मन पढ सन यी और दकषकषण अफ़रीक क ःखो की थोडी
चच य की इिन म सर मम व छछ दीनश की घाटी बजी मझ तवशव स थ तक मन अभी प ाच ममनट
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पर नही तकय ह मझ पि न थ तक यह घाटी मझ चि न क ततलए दो ममनट पहल ही बज दी गयी
थी मन बहिो को आध-आध पौन-पौन घाट बोलि दख थ और घाटी नही बजी थी मझ ःख
िो हआ घाटी बजि ही म बठ गय
परसि व प स होन क ब र म िो पछन ही कय थ उन ददनो दशयक और परतितनमध क भद
कवमचि ही तकय ज ि थ परसि वो क तवरोध करन क कोई परशन ही नही थ सब ह थ उठ ि
ही थ स र परसि व सवय-सममति स प स होि थ मर परसि व भी इसी िरह प स हआ इसततलए
मझ परसि व क महततव नही ज न पड तफर भी क ागरस म मर परसि व प स हआ यह ब ि ही
मर आननदद क ततलए पय यपि थी जजस पर क ागरस की महर लग गयी उस पर स र भ रि की महर
ह यह जञ न तकसक ततलए पय यपि न होग
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३७ लाडम क़ज़मन का दरबार
काागरस-अधधवशन सम पि हआ पर मझ िो दकषकषण अफ़रीक क क म क ततलए कलकि म
रहकर चमबर ओफ कोमसय इतय दद मणडलो स ममलन थ इसततलए म कलकि म एक महीन
ठहर इस ब र मन होटल म ठहरन क बदल पररचय पर पि करक इचणडय कलब म ठहरन की
वयवसथ की इस कलब म अगरगणय भ रिीय उिर करि थ इसस मर मन म यह लोभ थ तक
उनस मल-जोल बढ कर म उनम दकषकषण अफ़रीक क क म क ततलए ददलचसपी पद कर सका ग
उनदही ददनो ल डय क़जयन क दरब र हआ उसम ज न व ल कोई र ज -मह र ज इस कलब
म ठहर हए थ कलब म िो म उनको हमश सनददर बाग ली धोिी कि य और च दर की पोश क म
दखि थ आज उनदहोन पिलन चोग ख नस मोकी-सी पगडी और चमकील बट पहन थ यह
दखकर मझ ःख हआ और मन इस पररवियन क क रण पछ
जव ब ममल ldquoहम र ःख हम ही ज नि ह अपनी समपतति और अपनी उप मधयो को
सरकषकषि रखन क ततलए हम जो अपम न सहन पडि ह उनदह आप कस ज न सकि हrdquo
ldquoपर यह ख नस म-जसी पगडी और य बट तकसततलएrdquo
ldquoहम म और ख नस मो म आपन कय रकय दख व हम र ख नस म ह िो हम ल डय
क़जयन क ख नस म ह यदद म दरब र म अनपचसथि रहा िो मझको उसक दणड भगिन पड
अपनी स ध रण पोश क पहनकर ज ऊा िो वह अपर ध म न ज एग और वह ा ज कर भी कय
मझ ल डय क़जयन स ब ि करन क अवसर ममलग कद तप नहीrdquo
मझ इस सपषटवि भ ई पर दय आई
ऐस ही परसाग व ल एक और दरब र मझ य द आ रह ह जब क शी क तहनदद तवशवतवदय लय
की नीव ल डय ह रडिग क ह थो रखी गयी िब उनक दरब र हआ थ उसम र ज -मह र ज िो
आय ही थ भ रिभषण म लवीयजी न मझस भी उसम उपचसथि रहन क तवशष आगरह तकय
थ म वह ा गय थ कवल सतसियो को ही शोभ दन व ली र ज -मह र ज ओ की पोश क दखकर
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मझ ःख हआ थ रशमी प ज म रशमी अागरख और गल म हीर-मोिी की म ल य ह थ पर
ब जबनदद और पगडी पर हीर-मोिी की झ लर इन सबक स थ कमर म सोन की मठव ली िलव र
लटकिी थी य चीज उनक र जय मधक र की नही बचलक उनकी गल मी की तनश तनय ा थी म
म नि थ तक ऐस न मदी-सचक आभषण व सवछछ स पहनि होग पर मझ पि चल तक ऐस
सममलनो म अपन सब मलयव न आभषण पहनकर ज न र ज ओ क ततलए अतनव यय थ मझ
यह भी म लम हआ तक कइयो को ऐस आभषण पहनन स घण थी धन सि और म न मनषय
स तकिन प प और अनथय कर ि ह
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३८ बमबई म
गोखल की बडी इछछ थी तक म बमबई म बस ज ऊा वह ा ब ररसटर क धनदध करा और उनक
स थ स वयजतनक सव म ह थ बाट ऊा उस समय स वयजतनक सव क मिलब थ क ागरस की
सव
मरी भी यही इछछ थी पर क म ममलन क ब र म मझ आतम-तवशव स न थ तपछल
अनभवो की य द भली नही थी
इस क रण पहल िो म र जकोट म ही रह वह ा क म शर तकय
एक ददन कवलर म मर प स आय और बोल ldquoग ाधी िमको यह ा नही रहन ददय ज एग
िमह िो बमबई ही ज न होग rdquo
ldquoिम स वयजतनक क म क ततलए ततसरज गय हो िमह हम क दठय व ड म दफन न होन दग
कहो कब रव न होि होrdquo
ldquoन ि ल स मर कछ पस आन ब की ह उनक आन पर चल ज ऊा ग rdquo
पस एक-दो हफिो म आ गय और म बमबई पहाच
मन दख तक मर धाध आरथिक दतषट स मरी अपकष स अमधक अछछ चल तनकल दकषकषण
अफ़रीक क मवचककल मझ कछ-न-कछ क म दि रहि थ मझ लग तक उसस मर खचय सरलि -
पवयक चल ज एग
मन सचसथर होन क तनिय तकय और थोडी चसथरि अनभव की तक अच नक दकषकषण
अफ़रीक क ि र ममल ldquoचमबरलन यह ा आ रह ह आपको आन च तहएrdquo मझ अपन वचन
क समरण िो थ ही मन ि र ददय ldquoमर खचय भजजय म आन को िय र हाrdquo उनदहोन िरनदि
रपय भज ददय और म दफिर समट कर रव न हो गय
मन सोच थ तक मझ एक वषय िो सहज ही लग ज एाग इसततलए बागल रहन ददय और
ब ल-बछचो को वही रखन उमचि समझ
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उस समय म म नि थ तक जो नौजव न दश म कोई कम ई न करि हो और स हसी हो
उनक ततलए परदश चल ज न अछछ ह इसततलए म अपन स थ च र-प ाच नौजव नो को लि
गय उनम मगनल ल ग ाधी भी थ
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भाग-८ दकषिि अफ़रीका म
३९ पनः दकषिि अफ़रीका म
यह नही कह ज सकि तक म डरबन एक ददन भी पहल पहाच मर ततलए वह ा क म िय र ही
थ मम चमबरलन क प स डपयटशन क ज न की ि रीख तनकषिि हो चकी थी मझ उनक स मन
पढ ज न व ल पर थयन -पि िय र करन थ और डपयटशन क स थ ज न थ
मम चमबरलन दकषकषण अफ़रीक स स ढ िीन करोड पौणड लन आय थ िथ अागरजो क
और हो सक िो बोअरो क मन जीिन आय थ इसततलए भ रिीय परतितनमधयो को नीच ततलख
ठाड जव ब ममल
ldquoआप िो ज नि ह तक उिरद यी उपतनवशो पर स मर जय-सरक र क अाकश न मम ि
क ही ह आपकी ततशक यि िो सछची ज न पडिी ह मझस जो हो सकग म करा ग पर
आपको जजस िरह भी बन यह ा क गोरो को ररझ कर रहन हrdquo
जव ब सनकर परतितनमध ठा ड हो गय म तनश श हो गय जब ज ग िभी सबर म नकर
तफर स शरीगणश करन होग यह ब ि मर धय न म आ गयी और स ततथयो को मन समझ दी
मम चमबरलन की िफ नी दौर करन थ व र नदसव ल क ततलए रव न हए मझ वह ा क
भ रिीयो क कस िय र करक उनक स मन पश करन थ तपरटोररय तकस िरह पहाच ज एा
वह ा म समय पर पहाच सका इसक ततलए अनमति पर पि करन क क म हम र लोगो स हो सकन
जस न थ
यदध क ब द र नदसव ल उज ड जस हो गय थ वह ा न ख न को अनदन थ न पहनन-
ओढन को कपड ममलि थ ख ली और बनदद पडी हई क नो को म ल स भरन और खलव न
थ जस-जस म ल इकटठ होि ज एा वस-वस ही घरब र छोडकर भ ग हए लोगो को व पस
आन ददय ज सकि थ इस क रण परतयक र नद सव लव सी को परव न लन पडि थ गोरो
को िो परव न म ागि ही ममल ज ि थ मसीबि तहनदसि तनयो की थी
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हचबशयो स समबनदध रखन व ल एक अलग तवभ ग पहल स ही थ ऐसी दश म
एततशय व ततसयो क ततलए भी एक तवभ ग कयो न हो तहनदसि तनयो को इस तवभ ग म अजी दनी
पडिी थी
मझस कह गय थ तक तबन वसील क परव न ममलि ही नही और कई ब र िो वसील
य जररय क होि हए भी परति वयतति सौ-सौ पौणड िक खचय हो ज ि ह इसम मर दठक न कह ा
लगि
म अपन पर न ममि डरबन क पततलस सपररणटणडणट क प स पहाच और उनस कह
ldquoआप मर पररचय परव न दन व ल अमधक री स कर दीजजए और मझ परव न ददल दीजजए
आप यह िो ज नि ह तक म र नदसव ल म रह हाrdquo व िरनदि ततसर पर टोप रखकर मर स थ आय
और मझ परव न ददल ददय सपररणटणडणट एलकजणडर क आभ र म नकर म तपरटोररय क
ततलए रव न हो गय
म तपरटोररय पहाच पर थयन -पि िय र तकय डरबन म परतितनमधयो क न म तकसीस पछ
गय हो सो मझ य द नही लतकन यह ा नय तवभ ग क म कर रह थ इसततलए परतितनमधयो क
न म पहल स पछ ततलए गय थ हमन न म ददय मजकर अमधक री क हसि कषर व ल पि आय
उसम यह ततलख गय थ तक मम चमबरलन डरबन म ग ाधी स ममल ह अिः अब उनक न म
परतितनमधयो म स तनक ल दन की जररि ह
स ततथयो को यह पि असहय परिीि हआ ldquoआपक कहन स सम ज न लड ई म तहसस
ततलय पर पररण म िो यही तनकल नrdquo इस िरह ि न म रन व ल भी सम ज म तनकल आय
पर मझ पर इन ि नो क कोई असर नही हआ मन कह ldquoमझ इस सल ह क पछि व नही ह
म अब भी यह म नि हा तक हमन लड ई म भ ग लकर ठीक ही तकय ह वस करक हमन
अपन कियवय क प लन तकय ह हम उसक फल च ह दखन को न ममल पर मर यह दढ तवशव स
ह तक शभ क यय क फल शभ ही होि ह बीिी ब िो क तवच र करन की अपकष अब हम र ततलए
अपन वियम न कियवय क तवच र करन अमधक अछछ होग अिएव हम उसक ब र म सोचrdquo
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दसरो न भी इस ब ि क समथयन तकय
मन कह ldquoसच िो यह ह तक जजस क म क ततलए मझ बल य गय थ वह अब पर हआ
म न ज एाग पर म म नि हा तक आपक मझ छटटी द दन पर भी अपन बसभर मझ र नदसव ल
स हटन नही च तहए मर क म अब न ि ल स नही बचलक यह ा स चलन च तहए एक स ल क
अनददर व पस ज न क तवच र मझ छोड दन च तहए और यह ा की वक ल ि की सनद ह ततसल
करनी च तहए इस नय तवभ ग स तनबट लन की तहममि मझम ह यदद हमन मक बल न तकय
िो सम ज लट ज एग और श यद यह ा स उसक पर भी उखड ज एाग
उस परक र मन चच य चल यी तपरटोररय और जोह तनसबगय म रहन व ल भ रिीय नि ओ
स तवच र तवमशय करक अनदि म जोह तनसबगय म दफिर रखन क तनिय हआ
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४० गीता का अभयास
शथयोसोनफसट ममि मझ अपन मणडल म ससतममततलि करन की इछछ अवकय रखि थ पर उनक
हि तहनदद क न ि मझस कछ पर पि करन थ ततथयोसोफी की पसिको म तहनदद धमय की छ य और
उसक परभ व िो क री ह ही अिएव इन भ इयो न म न ततलय तक म उनकी सह यि कर सका ग
जजजञ स-मणडल क न म स एक छोट -स मणडल भी सथ तपि तकय और तनयममि अभय स होन
लग गीि जी पर मझ परम और शरदध िो थी ही अब उसकी गहर ई म उिरन की आवकयकि
परिीि हई मर प स एक-दो अनव द थ उनकी सह यि स मन मल सासकि समझ लन क परयतन
तकय और तनतय एक-दो शलोक कणठ करन क तनिय तकय
पर ि द िन और सन न क समय क उपयोग गीि क शलोक कणठ करन म तकय द िन
म पनदरह और सन न म बीस ममनट लगि थ खड-खड करि थ स मन की दीव र पर गीि क
शलोक ततलखकर मचपक दि थ और आवकयकि नस र उनदह दखि िथ घोखि ज ि थ य
घोख हए शलोक सन न करन िक पकक हो ज ि थ इस बीच तपछल कणठ तकय हए शलोको को
भी म एक ब र दोहर ज ि थ इस परक र िरह अधय य िक कणठ करन की ब ि मझ य द ह
इस गीि प ठ क परभ व मर सह धय तययो पर क य पड उस व ज न परनदि मर ततलए िो
वह पसिक आच र की एक परौढ म गयदरशिक बन गयी वह मर ततलए ध रमिक कोश क क म दन
लगी उसक अपररगरह समभ व आदद शबदो न मझ पकड ततलय समभ व क तवक स कस हो
उसकी रकष तकस परक र की ज ए घर जल कर िीथय करन ज ऊा िरनदि ही उिर ममल तक घर
जल य तबन िीथय तकय ही नही ज सकि यह ा अागरजी क़ नन न मरी मदद की रसटीrsquo शबद
क अथय तवशष रप स समझ म आय रसटी क प स करोडो रपयो क रहि हए भी उनम की
एक भी प ई उसकी नही होिी ममकष को ऐस ही वरि व करन च तहए यह ब ि मन गीि जी
स समझी मझ यह दीपक की िरह सपषट ददख यी ददय तक अपररगरही बनन म समभ वी होन म
हि क हदय क पररवियन आवकयक ह मन रव शाकरभ ई को इन आशय क पि ततलख भज
तक बीम की पोततलसी बनदद कर द कछ रकम व पस ममल िो ल ल न ममल िो भर हए पसो को
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गय समझ ल बछचो की और सिी की रकष उनदह और हम पद करन व ल ईशवर करग तपििलय
भ ई को ततलख ldquoआज िक िो मर प स जो बच वह मन आपको अपयण तकय अब मरी आश
आप छोड दीजजए अब जो बचग सो यही तहनदसि नी सम ज क तहि म खचय होग rdquo
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४१ इणणडयन ओपीननयन
इसी अरस म शरी मदनजीि न इकषणडयि ओपीकषियि अखब र तनक लन क तवच र तकय उनदहोन
मरी सल ह और सह यि म ागी छ प ख न िो व चल ही रह थ अखब र तनक लन क तवच र
स म सहमि हआ सन १९०४ म इस अखब र क जनदम हआ मनसखल ल न जर इसक साप दक
बन पर साप दन क सछच बोझ िो मझ पर ही पड मर भ गय म पर यः हमश दर स ही अखब र
की वयवसथ साभ लन क योग रह ह
मनसखल ल न जर साप दक क क म न कर सक ऐसी कोई ब ि नही थी उनदहोन दश म
कई अखब रो क ततलए लख ततलख थ पर दकषकषण अफ़रीक क अटपट परशनो पर मर रहि उनदहोन
सविाि लख ततलखन की तहममि नही की उनदह मरी तववक-शतति पर अतयमधक तवशव स थ अिएव
जजन-जजन तवषयो पर कछ ततलखन जररी होि उन पर ततलखकर भजन क बोझ व मझ पर
ड ल दि थ
यह अखब र स पि तहक थ जस तक आज भी ह
मन यह कलपन नही की थी तक इस अखब र म मझ कछ अपन पस लग न पडग लतकन
कछ ही समय म मन दख तक अगर म पस न दा िो अखब र चल ही नही सकि म अखब र
क साप दक नही थ तफर भी तहनदसि नी और गोर दोनो यह ज नन लग गय थ तक उसक लखो
क ततलए म ही जजममद र थ अखब र न तनकलि िो भी कोई ह तन न होिी पर तनक लन क ब द
उसक बनदद होन स तहनदसि तनयो की बदन मी होगी और सम ज को ह तन पहाचगी ऐस मझ
परिीि हआ
म उसम पस उाडलि गय और कह ज सकि ह तक आखखर ऐस भी समय आय जब
मरी परी बचि उसी पर खचय हो ज िी थी मझ ऐस समय की य द ह जब मझ हर महीन ७५
पौणड भजन पडि थ
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तकनदि इिन वषो क ब द मझ लगि ह तक इस अखब र न तहनदसि नी सम ज की अछछी
सव की ह इसस धन कम न क तवच र िो शर स ही तकसी क नही थ
जब िक वह मर अधीन थ उसम तकय गय पररवियन मर जीवन म हए पररवियनो क
दयोिक थ जजस िरह आज यग इकषडया और िवजीवि मर जीवन क कछ अाशो क तनचोड-
रप ह उसी िरह इकषणडयि ओपीकषियि थ उसम म परति सपि ह अपनी आतम उाडलि थ और
जजस म सतय गरह क रप म पहच नि थ उस समझ न क परयतन करि थ जल क समयो को
छोडकर दस वषो क अथ यि सन १९१४ िक क इकषणडयि ओपीकषियि क श यद ही कोई अाक
ऐस होग जजनम मन कछ ततलख न हो
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४२ एक पसतक का चमतकारी परभाव
म भोजन क ततलए एक तनर ममष भोजनगह म ज ि थ वह ा मझ आलबटय वसट की पहच न
हई हमलोग परतिददन श म को इस गह म ममलि और भोजन करक घमन क ततलए चल ज ि थ
वसट एक छोट छ पख न म तहससद र थ उनदहो न सह यि करन क व द तकय और मन
इकषनडयि ओपीकषियि परस क क रोब र ह थ म लन क ततलए अनरोध तकय वसट को छ पख न
की आरथिक पररचसथति क साबाध म पर थममक ररपोटय मझ डर न व ल थ अिः म न ि ल ज न क
ततलए रव न हआ पोल क तनर ममष ह री भोजनगह म ममल थ और ममि बन गय थ
व मझ छोडन सटशन िक आय और यह कहकर तक ldquoयह पसिक र सि म पढन योगय ह
आप इस पढ ज इय आपको पसाद आएगीrdquo
उनदहोन रसतसकन की अनट कषधस रलासट पसिक मर ह थ म रख दी
इस पसिक को ह थ म लन क ब द म छोड ही न सक इसन मझ पकड ततलय
जोह तनसबगय स न ि ल क र सि लगभग चौबीस घाटो क थ रन श म को डरबन पहाचिी थी
पहाचन क ब द मझ स री र ि नीद न आयी मन पसिक म समचि तवच रो को अमल म ल न क
इर द तकय
मर यह तवशव स ह तक जो चीज मर अनददर गहर ई म मछपी पडी थी रसतसकन क गराथरतन म
मन उसक सपषट परतितबमब दख और इस क रण उसन मझ पर अपन स मर जय जम य और
मझस उसम ददय गय तवच रो पर अमल करव य जो मनषय हम म सोयी हई उिम भ वन ओ
को ज गरि करन की शतति रखि ह वह कतव ह सब कतवयो क सब लोगो पर सम न परभ व
नही पडि कयोतक सबक अनददर स री सदभ वन य सम न म ि म नही होिी
म सवोदय क ततसदध नदिो को इस परक र समझ हा
१ सबकी भल ई म हम री भल ई तनतहि ह
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२ वकील और न ई दोनो क क म की कीमि एकसी होनी च तहए कयोतक आजीतवक
क अमधक र सबको एक सम न ह
३ स द महनि-मजदरी क तकस न क जीवन ही सछच जीवन ह
पहली चीज म ज नि थ दसरी को म धाधल रप म दखि थ िीसरी क मन कभी
तवच र ही नही तकय थ सवोदय न मझ दीय की िरह ददख ददय तक पहली चीज म दसरी
दोनो चीज सम यी हई ह सवर हआ और म इन ततसदध नदिो पर अमल करन क परयतन म लग
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४३ फ़ीननकस की सथापना
सवर सबस पहल िो मन वसट स ब ि की मझ पर सवोदय क जो परभ व पड थ वह मन
उनदह सन य और सझ य तक इकषणडयि ओपीकषियि को एक खि पर ल ज न च तहए वह ा सब
अपन ख न-प न क ततलए आवकयक खचय सम न रप स ल सब अपन-अपन तहसस की खिी कर
और ब की क समय म इकषणडयि ओपीकषियि क क म कर वसट न इस सझ व को सवीक र
तकय हरएक क भोजन आदद क खचय कम स कम िीन पौणड हो ऐस तहस ब बठ य इसम
गोर-क ल क भद नही रख गय थ
िरनदि ही मन सम च रपिो म एक तवजञ पन छपव य तक डरबन क प स तकसी भी सटशन
स लगी हई जमीन क एक टकड की जररि ह जव ब म रीतनकस की जमीन क सादश ममल
स ि ददन क अादर २० एकड जमीन ली उसम एक छोट -स प नी क न ल थ न रागी और
आम क कछ पड थ प स ही ८० एकड क दसर एक टकड थ उसम तवशष रप स फलो
व ल पड और एक झोपड थ थोड ददनो ब द उस भी खरीद ततलय दोनो क ममल कर १०००
पौणड ददय
कछ तहनदसि नी बढई और ततसल वट जो मर स थ (बोअर) लड ई म ससतममततलि हए थ
उनकी मदद स क रख न बन न शर तकय एक महीन म मक न िय र हो गय वह ७५ फट
लाब और ५० फट चौड थ वसट आदद शरीर को साकट म ड लकर र ज और बढई क स थ रहन
लग
रीतनकस म घ स खब थी बसिी तबलकल न थी इसस स ापो क खिर थ आराभ म
िो िमब ग डकर सब उनदही म रह थ
एक हफि क अनददर अमधक ाश स म न बलग मडयो की मदद स रीतनकस ल य गय
डरबन और रीतनकस क बीच िरह मील क फ सल थ रीतनकस सटशन स ढ ई मील दर थ
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मगनल ल ग ाधी अपन पश समटकर मर स थ आय थ िबस व रह ही ह अपन बजदधशतति
स तय गशतति स िथ अननदय भतति भ व स मर आािररक परयोगो क मर असली स ततथयो म आज
परध नपद पर ह
इस परक र सन १९०४ म रीतनकस की सथ पन हई अनक तवडमबन ओ क बीच भी
रीतनकस सासथ िथ इकषनडयि ओपीकषियि दोनो अब िक दटक हए ह
हम सब अपनी महनि स अपन तनव यह करग इस खय ल स मरण लय क आसप स
परतयक तनव सी क ततलए जमीन क िीन-िीन एकड क टकड कर ततलए गय थ इनम एक टकड
मर ततलए भी म प गय थ इन सब टकडो पर हम म स हरएक की इछछ क तवरदध हमन टीन
की चददरो क घर बन य इछछ िो तकस न को शोभ दन व ल घ सफस और ममटटी क अथव ईट
क घर ब ाधन की थी पर वह परी न हो सकी उसम पस अमधक खचय होि थ और समय अमधक
लगि थ सब जलदी स घरब र व ल बनन और क म म जट ज न क ततलए उि वल हो गय थ
अभी यह क म वयवचसथि नही हो प य थ मक न भी िय र न हए थ इिन म अपन इस
नवरमचि पररव र को छोडकर म जोह तनसबगय भ ग गय मरी चसथति ऐसी न थी तक म वह ा क
क म को लमब समय िक छोड सका
जोह तनसबगय पहाचकर मन पोल क स इस महततवपणय पररवियन की ब ि कही अपनी दी
हई पसिक क यह पररण म दखकर उनक आननदद क प र न रह उनदहोन उमाग क स थ पछ
ldquoिो कय म भी इसम तकसी िरह ह थ नही बाट सकि rdquo
ldquoआप अवकय ह थ बाट सकि हrdquo
पोल क न तकरदटक स मतति प न क ततलए अपन म ततलक को एक महीन की नोदटस दी
और अवमध सम पि होन पर व रीतनकस पहाच गय वह ा अपन ममलनस र सवभ व स उनदहोन
सबक ददल जीि ततलए और घर क ही एक आदमी की िरह रहन लग
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पर म ही उनदह लगब समय िक वह ा रख नही सक मर ततलए अकल ह थो समच दफिर
क बोझ उठ न साभव न थ अिएव मन पोल क को आतफस म रहन और वकील बनन की
सल ह दी
पोल क न मझ ततलख ldquoमझ िो यह जीवन ही अछछ लगि ह म यह ा सखी हा यह ा
हम इस सासथ क तवक स कर सक ग तकनदि यदद आप यह म नि हो तक मर वह ा पहाचन स हम र
आदशय शीघर सफल होग िो म आन को िय र हाrdquo
मन उनक इस पि क सव गि तकय पोल क रीतनकस छोडकर जोह तनसबगय आय और
मर दफिर म वकील क माशी की िरह क म करन लग
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४४ घरो म पररवतमन तथा बालशशिा
अब जलदी ही तहनदसि न ज न की अथव वह ा ज कर चसथर होन की आश मन छोड दी थी म
िो पतनी को एक स ल क आशव सन दकर व पस दकषकषण अफ़रीक आय थ स ल िो बीि गय
पर मर व पस लौटन की साभ वन दर चली गई अिएव मन बछचो को बल लन क तनिय तकय
डरबन म मन जो घर बस य थ उसम पररवियन िो तकय ही थ खचय अमधक रख थ
तफर भी झक व स दगी की ओर ही थ तकनदि जोह तनसबगय म lsquoसवोदय क तवच रो न अमधक
पररवियन करव य
ब ररसटर क घर म जजिनी स दगी रखी ज सकिी थी उिनी िो रखनी शर कर ही दी
तफर भी कछ स ज-स म न क तबन क म चल न मतककल थ सछची स दगी िो मन की बढी
हरएक क म अपन ह थो करन क शौक बढ और ब लको को भी उसम शरीक करक कशल
बन न शर तकय
ब ज र की रोटी खरीद न क बदल कन की सझ ई हई तबन खमीर की रोटी ह थ स बन नी
शर की इसम ममल क आट क म नही दि थ ह थ स तपस आट क उपयोग करन म स दगी
आरोगय और पस िीनो की अमधक रकष होिी ह अिएव स ि पौणड खचय करक ह थ स चल न
की एक चककी खरीद ली उसक प ट वजनद र थ दो आदमी उस सरलि स चल सकि थ
इस चककी को चल न म पोल क म और ब लक मखय भ ग लि थ कभी-कभी कसिरब ई भी
आ ज िी थी यदयतप उस समय वह रसोई बन न म लगी रहिी थी ममसज पोल क क आन पर व
भी इसम ससतममततलि हो गयी ब लको क ततलए यह कसरि बहि अछछी ततसदध हई उनस मन
चककी चल न क य दसर कोई क म कभी जबरदसिी नही करव य व सहज ही खल समझकर
चककी चल न आि थ थकन पर छोड दन की उनदह सविािि थी
घर स र रखन क ततलए एक नौकर थ वह घर क आदमी की िरह रहि थ और उसक
क म म ब लक पर ह थ बाट ि थ प ख न स र करन क ततलए मयतनततसपततलटी क नौकर आि
थ पर प ख न क कमर को स र करन और बठक आदद धोन क क म नौकर को नही सौप
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ज ि थ उसस वसी आश भी नही रखी ज िी थी यह क म हम सवया करि थ और इसस भी
ब लको को ि लीम ममली
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४५ जल-नवदरोह
जोहाननसबगम म म कछ चसथर-स होन लग थ तक इसी बीच एक अनसोची घटन घटी अखब रो
म यह खबर पढन को ममली तक न ि ल म जल lsquoतवरोह हआ ह जल लोगो स मरी कोई कमनी
न थी उनदहोन एक भी तहनदसि नी क नक़स न नही तकय थ lsquoतवरोह शबद क औमचतय क
तवषय म भी मझ शाक थी तकनदि उन ददनो म अागरजी सलिनि को सास र क कलय ण करन व ली
सलिनि म नि थ मरी वर द री ह रदिक थी म उस सलिनि क कषय नही च हि थ अिएव
बल-परयोग-समबनदधी नीति-अनीति क तवच र मझ इस क यय को करन स रोक नही सकि थ
न ि ल पर साकट आन पर उसक प स रकष क ततलए सवयासवको की सन थी और साकट क समय
उसम क म क ल यक सतनक भरिी भी हो ज ि थ मन पढ तक सवयासवको की सन इस तवरोह
को दब न क ततलए रव न हो चकी ह
म अपन को न ि लव सी म नि थ और न ि ल क स थ मर तनकट समबनदध िो थ ही
अिएव मन गवनयर को पि ततलख तक यदद आवकयकि हो िो घ यलो की सव -शशरष करन व ल
तहनदसि तनयो की एक टकडी लकर म सव क ततलए ज न को िय र हा िरनदि ही गवनयर क
सवीकति-सचक उिर ममल मन अनकल उिर की अथव इिनी जलदी उिर प न की आश
नही रखी थी तफर भी उि पि ततलखन क पहल मन अपन परबनदध िो कर ही ततलय थ तक यदद
मरी पर थयन सवीकि हो ज य िो जोह तनसबगय क घर उठ दग मम पोल क अलग घर लकर
रहग और कसिरब ई रीतनकस ज कर रहगी इस योजन को कसिरब ई की पणय सममति पर पि
हई
डरबन पहाचन पर मन आदममयो की म ाग की
सव कषभम न की रकष क ततलए और अमधक सतवध क स थ क म कर सकन क ततलए िथ
वसी परथ होन क क रण मचतकतस -तवभ ग क मखय पद मधक री न मझ स जयनदट मजर क
मददिी पद ददय और मरी पसनदद क अनदय िीन स ततथयो को स जयनदट क और एक को कोपररल
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क पद ददय वरदी भी सरक र की ओर स ही ममली म यह कह सकि हा तक इस टकडी न छह
सपि ह िक सिि सव की
lsquoतवरोहrsquo क सथ न पर पहाचकर मन दख तक वह ा तवरोह-जसी कोई चीज नही थी कोई
तवरोध करि हआ भी नजर नही आि थ तवरोह म नन क क रण यह थ तक एक जल सरद र
न जल लोगो पर लग य गय नय कर न दन की उनदह सल ह दी थी और कर की वसली क ततलए
गय हए एक स जयनदट को उसन कतल कर ड ल थ सो जो भी हो मर हदय िो जल लोगो की
िरफ थ और कनदर पर पहाचन क ब द जब हम र तहसस मखयिः जल घ यलो की शशरष करन
क क म आय िो म बहि खश हआ वह ा क डोकटर अमधक री न हम र सव गि तकय उसन
कह ldquoगोरो म स कोई इन घ यलो की सव -शशरष करन क ततलए िय र नही होि म अकल
तकस-तकस की सव करा इनक घ व सड रह ह अब आप आय ह इस म इन तनदोष लोगो पर
ईशवर की कप ही समझि हाrdquo यो कहकर उसन मझ पदटटय ा जाि-न शक प नी आदद स म न
ददय और उन बीम रो क प स ल गय बीम र हम दखकर खश हो गय गोर ततसप ही ज ततलयो म
स झ ाक-झ ाककर हम घ व स र करन स रोकन क परयतन करि हम र न म नन पर खीझि और
जलओ क ब र म जजन गनदद शबदो क उपयोग करि उनस िो क न क कीड झड ज ि थ
धीर-धीर गोर ततसप तहयो क स थ भी मर पररचय हो गय और उनदहोन मझ रोकन बनदद
कर ददय
कोई यह न म न तक जजन बीम रो की सव -शशरष क क म हम सौप गय थ व तकसी
लड ई म घ यल हए थ उनम स एक तहसस उन कददयो क थ जो शक म पकड गय थ जनरल
न उनदह कोडो की सज दी थी इन कोडो की म र स जो घ व पद हए थ व स र-साभ ल क अभ व
म पक गय थ दसर तहसस उन जलओ क थ जी ममि म न ज ि थ इन ममिो को ततसप तहयो
न घ यल तकय थ यदयतप उनदहोन ममिि सचक मचहन ध रण कर रख थ
हम लोगो को अलग-अलग सथ न पर िजी स पहाचिी हई ततसप तहय ा की डकडी क स थ
जोड ददय ज ि थ
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जह ा स साकट क सम च र आि वही दौड ज िी थी उसम बहि स िो घडसव र ही थ
कनदरसथ न स हम री छ वनी उठिी तक हम उसक पीछ-पीछ अपनी डोततलय ा कनदध पर उठ कर
चलन पडि थ दो-िीन मौकौ पर िो एक ही ददन म च लीस मील की माजजल िय करनी पडी
यह ा भी हम िो कवल परभ क ही क म ममल जो जल ममि भल स घ यल हए थ उनदह डोततलयो
म उठ कर छ वनी िक पहाच न थ और वह ा उनकी सव -शशरष करनी थी
जल-तवरोह म मझ बहि स अनभव हए और बहि-कछ सोचन को ममल बोअर-यदध
म मझ लड ई की भयाकरि उिनी परिीि नही हई थी जजिनी यह ा हई यह ा लड ई नही बचलक
मनषय क ततशक र हो रह थ यह कवल मर ही नही बचलक उन कई अागरजो क भी अनभव थ
जजनक स थ मरी चच य होिी रहिी थी सबर-सबर सन ग ाव म ज कर म नो पट ख छोडिी हो
इस परक र उसकी बनददको की आव ज दर रहन व ल हम लोगो क क नो पर पडिी थी इन
आव जो को सनन और इस व ि वरण म रहन मझ बहि मतककल म लम पड लतकन म सब-
कछ कडव घाट की िरह पी गय और मर तहसस जो क म आय सो िो कवल जल लोगो की सव
क ही आय म य समझ गय तक अगर हम सवयासवक-दल म ससतममततलि न हए होि िो दसर
कोई यह सव न करि इस तवच र स मन अपनी अनदिर तम को श नदि तकय
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४६ बरहमचयम
मीलो िक तबन आब दी व ल भवय परदश म हम लोग तकसी घ यल को लकर य ऐस ही चल
ज ि थ िब म सोच म डब ज ि थ
यह ा बरहमचयय क ब र म मर तवच र पररपकव हए मन अपन स ततथयो स भी इसकी थोडी
चच य की मझ अभी इस ब ि क स कष तक र िो नही हआ थ तक ईशवर-दशयन क ततलए बरहमचयय
अतनव यय वसि ह तकनदि म यह सपषट दख सक थ तक सव क ततलए बरहमचयय आवकयक ह मझ
लग तक इस परक र की सव को मर तहसस अमधक मधक आिी ही रहगी और यदद म भोग-तवल स
म साि नोतपतति म और सािति क प लन-पोषण म लग रह िो मझस समपणय सव नही हो
सकगी म दो घोडो पर सव री नही कर सकि यदद पतनी सगभ य हो िो म तनशििि भ व स इस
सव म परवि हो ही नही सकि बरहमचयय क प लन तकय तबन पररव र की वजदध करि रहन
सम ज क अभयदय क ततलए तकय ज न व ल मनषय क परयतन क तवरोध करन व ली वसि बन
ज िी ह
म मन-ही-मन इस तवच रो को पकक कर रह थ और शरीर को कस रह थ तक इिन म
कोई यह अरव ह ल य तक तवरोह श नदि होन ज रह ह और अब हम छटटी ममल ज एगी दसर
ददन हम घर ज न की इज जि ममली और ब द म कछ ही ददनो क अादर सब अपन-अपन घर
पहाच गय इसक कछ ही ददनो ब द गवनयर न उि सव क ततलए मर न म आभ र-परदशयन क एक
तवशष पि भज
रीतनकस पहाचकर मन वरि ल ततलय तक अबस आग जीवन-भर बरहमचयय क प लन
करा ग उस समय म इस वरि क महततव और इसकी कदठन इयो को परी िरह समझ न सक थ
इसकी कदठन इयो क अनभव िो म आज भी करि रहि हा इसक महततव को म ददन-ददन
अमधक मधक समझि ज ि हा बरहमचयय-रतहि जीवन मझ शषक और पशओ-जस परिीि होि
ह पश सवभ व स तनराकश ह मनषय क मनषयतव सवछछ स अाकश म रहन म ह धमयगराथो म
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प यी ज नव ली बरहमचयय की परशास म पहल मझ अतिशयोतति म लम होिी थी उसक बदल अब
ददन-ददन यह अमधक सपषट होि ज ि ह तक वह उमचि ह और अनभव-पवयक ततलखी गयी ह
जजस बरहमचयय क ऐस पररण म आ सकि ह वह सरल नही हो सकि वह कवल श रीररक
भी नही हो सकि श रीररक अाकश स बरहमचयय क आराभ होि ह परनदि शदध बरहमचयय म तवच र
की मततलनि भी न होनी च तहए सापणय बरहमच री को िो सवपन म भी तवक री तवच र नही आि
और जब िक तवक र-यि सवपन आि रहि ह िब िक यह समझन च तहए तक बरहमचयय बहि
अपणय ह
इस परक र जजस बरहमचयय क प लन म इछछ य अतनछछ स सन १९०० स करि ज रह
थ वरि क रप म उसक आराभ १९०६ क मधय स हआ
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४७ पतनी की दढता
कसतरबाई पर रोग क िीन घ िक हमल हए और िीनो म वह कवल घरल उपच रो स बच गई
उनम पहली घटन उस समय घटी जब सतय गरह क यदध चल रह थ उस ब र-ब र रिसर व
हआ करि थ एक डोकटर ममि न शसितकरय कर लन की सल ह दी थी उसक शरीर बहि
ही कषीण हो गय थ डोकटर न तबन कलोरोफ मय क शसितकरय की शसितकरय क समय पीड
बहि हो रही थी पर जजस धीरज स कसिरब ई न उस सहन तकय उसस म आिययचतकि हो
गय शसितकरय तनरविधन परी हो गयी डोकटर न और उनकी पतनी न कसिरब ई की अछछी स र-
साभ ल की
यह घटन डरबन म हई थी दो य िीन ददन क ब द डोकटर न मझ तनकषिनदि होकर
जोह तनसबगय ज न की अनमति द दी कछ ही ददन ब द खबर ममली तक कसिरब ई क शरीर
तबलकल सधर नही रह ह और वह तबछौन छोडकर उठ-बठ भी नही सकिी एक ब र बहोश
भी हो चकी थी डोकटर ज नि थ तक मझस पछ तबन औषमध य अनदन क रप म कसिरब ई को
शर ब अथव म ास नही ददय ज सकि डोकटर न मझ जोह तनसबगय म टलीफोन तकय ldquoम
आपकी पतनी को बीफ-टी दन की जररि समझि हा मझ इज जि ममलनी च तहएrdquo
मन उिर ददय ldquoम यह इज जि नही द सकि तकनदि कसिरब ई सविाि ह उसस पछन-
जसी चसथति हो िो पमछय और वह लन च ह िो जरर दीजजए rdquo
ldquoऐस म मलो म म बीम र स कछ पछन पसाद नही करि सवया आपक यह ा आन
जररी ह यदद आप म जो च हा सो खखल न की छट मझ न द िो म आपकी सिी क ततलए जजममद र
नहीrdquo
मन उसी ददन डरबन की रन पकडी डरबन पहाच डोकटर न मझस कह ldquoमन िो
शोरव तपल न क ब द ही आपको टलीफोन तकय थ rdquo
मन कह ldquoडोकटर म इस दग समझि हाrdquo
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डोकटर न दढि -पवयक उिर ददय ldquoदव करि समय म दग -वग नही समझि हम
डोकटर लोग ऐस समय रोगी को अथव उसक साबामधयो को धोख दन म पणय समझि ह हम र
धमय िो तकसी भी िरह रोगी को बच न हrdquo
मझ बहि ःख हआ पर म श नदि रह डोकटर ममि थ सजजन थ उनदहोन और उनकी
पतनी न मझ पर उपक र तकय थ पर म उि वयवह र सहन करन क ततलए िय र न थ
ldquoडोकटर स हब अब चसथति सपषट कर लीजजए कतहए आप कय करन च हि ह म
अपनी पतनी को उसकी इछछ क तबन म ास नही खखल न दाग म ास न लन क क रण उनकी मतय
हो ज य िो म उस सहन क ततलए िय र हाrdquo
डोकटर बोल ldquoआपकी तफल सफी मर घर म िो हरतगज नही चलगी म आपस कहि हा
तक जब िक अपनी पतनी को आप मर घर म रहन दग िब िक म उस अवकय ही म ास अथव
जो कछ भी दन उमचि होग दाग यदद यह सवीक र न हो िो आप अपनी पतनी को ल ज इए
म अपन ही घर म ज न-बझकर उसकी मतय नही होन दाग rdquo
ldquoिो कय आप यह कहि ह तक म अपनी पतनी को इसी समय ल ज ऊा rdquo
ldquoम कब कहि हा तक ल ज इय म िो यह कहि हा तक मझ पर तकसी परक र क अाकश
न रखखय उस दश म हम दोनो उसकी जजिनी हो सकगी उिनी स र-साभ ल करग और आप
तनकषिनदि होकर ज सक ग यदद यह सीधी-सी ब ि आप न समझ सक िो मझ तववश होकर
कहन होग तक आप अपनी पतनी को मर घर स ल ज इएrdquo
मर खय ल ह तक उस समय मर एक लडक मर स थ थ मन उसस पछ उसन कह
ldquoआपकी ब ि मझ माजर ह ब को म ास िो ददय ही नही ज सकि rdquo
तफर म कसिरब ई क प स गय वह बहि अशि थी उसस कछ भी पछन मर ततलए
ःखद यी थ तकनदि धमय समझकर मन उस थोड म उपर की ब ि कह सन ई उसन दढि -पवयक
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उिर ददय ldquoम म ास क शोरव नही लागी मनषय की दह ब र-ब र नही ममलिी च ह आपकी
गोद म म मर ज ऊा पर अपनी इस दह को भरषट िो नही होन दागीrdquo
जजिन म समझ सकि थ मन समझ य और कह ldquoिम मर तवच रो क अनसरण
करन क ततलए बाधी हई नही होrdquo
हम री ज न-पहच न क कई तहनदद दव क ततलए म ास और मदय लि थ इसकी भी मन ब ि
की पर वह टस-स-मस न हई और बोली ldquoमझ यह ा स ल चततलएrdquo
म बहि परसनद न हआ ल ज न क तवच र स घबर गय पर मन तनिय कर ततलय डोकटर
को पतनी क तनिय सन ददय डोकटर गसस हए और बोल
ldquoआप िो बड तनदयय पति म लम पडि ह ऐसी बीम री म उस बच री स इस िरह की ब ि
करन म आपको शरम भी नही आयी म आपस कहि हा तक आपकी सिी यह ा स ल ज न ल यक
नही ह उसक शरीर इस योगय नही ह तक वह थोड भी धकक सहन कर र सि म ही उसकी
ज न तनकल ज ए िो मझ आियय न होग तफर भी आप अपन हठ क क रण तबलकल न म न
िो आप ल ज न क ततलए सविाि ह यदद म उस शोरव न द सका िो अपन घर म एक र ि रखन
क भी खिर म नही उठ सकि rdquo अिः वह ा स तनकल ज न क तनणयय कर ततलय
ररमजझम-ररमजझम मह बरस रह थ सटशन दर थ डरबन स रीतनकस िक रल क और
रीतनकस स लगभग ढ ई मील क पदल र सि थ खिर क री थ पर मन म न तक भगव न
मदद करग एक आदमी को पहल स रीतनकस भज ददय रीतनकस म हम र प स हमक थ
ज लीद र कपड की झोली य प लन को हमक कहि ह मन वसट को खबर भजी थी तक व हमक
एक बोिल गरम दध एक बोिल गरम प नी और छह आदममयो क स थ लकर सटशन पर आ
ज एा
दसरी रन क छटन क समय होन पर मन ररकश मागव य और उसम इस खिरन क
ह लि म पतनी को बठ कर म रव न हो गय
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मझ पतनी को तहममि नही बाध नी पडी उलट उसीन मझ तहममि बाध ि हए कह ldquoमझ
कछ नही होग आप मचनदि न कीजजएrdquo
हमियो क इस ढ ाच म वजन िो कछ रह ही नही गय थ ख य तबलकल नही ज ि थ
रन क मडब िक पहाचन म सटशन क लाब-चौड पलटफ मय पर दर िक चलकर ज न पडि थ
वह ा िक ररकश नही ज सकि थ म उस उठ कर मडब िक ल गय रीतनकस पहाचन पर िो
वह झोली आ गयी थी उसम बीम र को आर म स ल गय वह ा कवल प नी क उपच र स धीर-
धीर कसिरब ई क शरीर पषट होन लग
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४८ घर म सतयागरह
मझ जल क पहल अनभव सन १९०८ म हआ उस समय मन दख तक जल म क़दी स जो
कछ तनयम पलव य ज ि ह सायमी अथव बरहमच री को उनक प लन सवछछ पवयक करन च तहए
जस क़दी को सय यसि स पहल प ाच बज िक ख लन होि ह उनदह ndash तहनदसि नी और हबशी
क़दी को ndash च य य कोफी नही दी ज िी नमक ख न हो िो अलग स लन होि ह सव द क
ततलए िो कछ ख य ही नही ज सकि
जब मन जल क डोकटर स तहनदसि तनयो क ततलए करी प उडर म ाग और नमक बनिी
हई रसोई म ही ड लन की ब ि कही िो व बोल ldquoयह ा आप लोग सव द क आननदद लटन क
ततलए नही आय ह आरोगय की दतषट स करी प उडरrdquo की कोई आवकयकि नही ह आरोगय क
तवच र स नमक ऊपर स ल य पक ि समय रसोई म ड ल दोनो एक ही ब ि हrdquo
वह ा िो बडी महनि क ब द हम आखखर जररी पररवियन कर सक थ पर कवल सायम
की दतषट स दख िो दोनो परतिबाध अछछ ही थ ऐस परतिबनदध जब जबरदसिी लग य ज ि ह
िो वह सफल नही होि पर सवछछ स प लन करन पर ऐस परतिबनदध बहि उपयोगी ततसदध होि
ह अिएव जल स छटन क ब द मन य पररवियन भोजन म िरनदि तकय भरसक च य पीन बनदद
तकय और श म को जलदी ख न की आदि ड ली जो आज सव भ तवक हो गयी ह
तकनदि एक ऐसी घटन घटी जजसक क रण मन नमक क तय ग-तकय जो लगभग दस
वषय िक अखाड रप स क यम रह अनदन ह र-साबाधी कछ पसिको म मन पढ थ तक मनषय क
ततलए नमक ख न आवकयक नही ह और न ख न व ल को आरोगय की दतषट स ल भ ही होि ह
यह िो मझ सझ ही थ तक नमक न ख न स बरहमच री को ल भ होि ह मन यह भी पढ और
अनभव तकय थ तक कमजोर शरीर व ल को द ल न ख नी च तहए तकनदि म उनदह िरनदि छोड न
सक थ दोनो चीज मझ तपरय थी
यदयतप उि शसितकरय क ब द कसिरब ई क रिसर व थोड समय क ततलए बनदद हो गय
थ पर अब वह तफर शर हो गय और तकसी परक र बनदद ही न होि थ अकल प नी क उपच र
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वयथय ततसदध हए यदयतप पतनी को मर उपच रो पर तवशष ldquoशरदध नही थी िथ तप उनक ततलए
तिरसक र भी नही थ दसरी दव करन क आगरह न थ मन उस नमक और द ल छोडन क ततलए
मन न शर तकय बहि मन न पर भी अपन कथन क समथयन म कछ-न-कछ पढकर सन न
पर भी वह म नी नही आखखर उसन कह ldquoद ल और नमक छोडन को िो कोई आपस कह
िो आप भी न छोडगrdquo मझ ःख हआ और हषय भी हआ मझ अपन परम उाडलन क अवसर
ममल उसक हषय म मन िरनदि ही कह ldquoिमह र यह खय ल ग़लि ह मझ बीम री हो और वदय
इस चीज को य दसरी तकसी चीज को छोडन क ततलए कह िो म अवकय छोड दा लतकन ज ओ
मन िो एक स ल क ततलए द ल और नमक दोनो छोड िम छोडो य न छोडो यह अलग ब ि
हrdquo
पतनी को बहि पि ि प हआ वह कह उठी ldquoमझ म र कीजजए आपक सवभ व ज नि
हए भी म कहि कह गयी अब म द ल और नमक नही ख ऊा गी लतकन आप अपनी ब ि लौट
ल यह िो मर ततलए बहि बडी सज हो ज एागीrdquo
मन कह ldquoअगर िम द ल और नमक छोडोगी िो अछछ ही होग मझ तवशव स ह तक
उसस िमह ल भ होग पर म ली हई परतिजञ व पस नही ल सका ग मझ िो इसस ल भ ही ह
मनषय तकसी भी तनममि स सायम क यो न प ल उसम उस ल भ ही ह अिएव िम मझस आगरह
न करो तफर मर ततलए भी यह एक परीकष हो ज एगी और इन दो पद थो को छोडन क जो तनिय
िमन तकय ह उस पर दढ रहन म िमह मदद ममलगीrdquo इसक ब द मझ उस मन न की जररि
िो रही ही नही ldquoआप बहि हठील ह तकसी की ब ि म नि ही नहीrdquo कहकर और अाजततल-भर
आास बह कर वह श नदि हो गयी
म इस सतय गरह क न म दन च हि हा और इसको अपन जीवन की मधर समतियो म स
एक म नि हा
इसक ब द कसिरब ई की िबीयि खब साभली
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नमक और द ल छड न क परयोग मन दसर स ततथयो पर भी क री तकय ह और दकषकषण
अफ़रीक म िो उनक पररण म अछछ ही आय ह वदयक दतषट स दोनो चीजो क तय ग क तवषय म
दो मि हो सकि ह पर इसम मझ कोई शाक ही नही तक सायम की दतषट स िो इन दोनो चीजो क
तय ग म ल भ ही ह भोगी और सायमी क आह र कषभनद न होन च तहए उनक म गय कषभनद न होन च तहए
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४९ सयम की ओर
आग चलकर बरहमचयय की दतषट स आह र म पररवियन होन लग
टोलसटोय फ मय पर दध क तय ग तकय यह घटन सन १९१२ म घटी
इिन तय ग स मझ श ननदि न हई दध छोडन क कछ ही समय ब द कवल फल ह र क
परयोग क भी हमन तनिय तकय फल ह र म भी जो ससि स ससि फल ममल उनस ही अपन
तनव यह करन क हम र तनिय थ
जजन ददनो मन दध और अन ज छोडकर फल ह र क परयोग शर तकय उनदही ददनो सायम
क हि स उपव स भी शर तकय
दसर उपव सो और एक शनो म भी आशरमव सी ससतममततलि होन लग और म म नि हा
तक इसक पररण म शभ तनकल सबक हदयो पर सायम क तकिन परभ व पड सबक तवषयो
को सायि करन म उपव स आददन तकिन ह थ बाट य यह म तनिय-पवयक नही कह सकि पर
मर अनभव यह ह तक उपव स आदद स मझ पर िो आरोगय और तवषय-तनयमन की दतषट स बहि
अछछ परभ व पड इजनदरयदमन क हि स तकय गय उपव स स ही तवषयो को सायि करन क
पररण म तनकल सकि ह कछ ममिो क यह अनभव भी ह तक उपव स की सम नपि पर
तवषयछछ और सव द िीवर हो ज ि ह मिलब यह तक उपव स क ददनो म तवषय को सायि करन
और सव द को जीिन की सिि भ वन बनी रहन पर ही उसक शभ पररण म तनकल सकि ह
गीि जी क दसर अधय य क यह शलोक यह ा बहि तवच रणीय ह
तवषय तवतनवियनदि तनर ह रसय दतहनः
रसवज रसोऽपयसय परा दषटव तनवियि
उपव सी क तवषय (उपव स क ददनो म) श नदि होि ह पर उसक रस नही ज ि रस िो
ईशवर-दशयन स ही ndash ईशवर-परस द स ही श नदि होि ह
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ि तपयय यह तक सायमी क म गय म उपव स आदद एक स धन क रप म ह तकनदि य ही सब
कछ नही ह और यदद शरीर क उपव स क स थ मन क उपव स न हो िो उसकी पररणति दाभ
म होिी ह और वह ह तनक रक ततसदध होि ह
आतम की ततशकष एक तबलकल कषभनद न तवभ ग ह इस म टोलसटोय आशरम क ब लको को
ततसख न लग उसक पहल ही ज न चक थ आतम क तवक स करन क अथय ह चररि क
तनम यण करन ईशवर क जञ न प न आतमजञ न पर पि करन इस जञ न को पर पि करन म ब लको
को बहि जय द मदद की जररि होिी ह और इसक तबन दसर जञ न वयथय ह ह तनक रक भी
हो सकि ह ऐस मर तवशव स थ
आततमक ततशकष तकस परक र दी ज ए म ब लको स भजन गव ि उनदह नीति की पसिक
पढकर सन ि तकनदि इसस मझ सािोष न होि थ जस-जस म उनक सापकय म आि गय मन
यह अनभव तकय तक यह जञ न पसिको दव र िो ददय ही नही ज सकि शरीर की ततशकष जजस
परक र श रीररक कसरि दव र दी ज िी ह और बजदध की बौजदधक कसरि दव र उसी परक र आतम
की ततशकष आततमक कसरि दव र ही दी ज सकिी ह आतम की कसरि ततशकषक क आचरण
दव र ही पर पि की ज सकिी ह अिएव यवक ह जजर हो च ह न हो ततशकषक को स वध न रहन
च तहए लाक म बठ हआ ततशकषक भी अपन आचरण दव र अपन ततशषयो की आतम को तहल
सकि ह म सवया झठ बोला और अपन ततशषयो को सछच बन न क परयतन करा िो वह वयथय ही
होग डरपोक ततशकषक ततशषयो को वीरि नही सीख सकि वयकषभच री ततशकषक ततशषयो को सायम
तकस परक र ततसख यग मन दख तक मझ अपन प स रहन व ल यवको और यवतियो क सममख
पद थयप ठ-स बनकर रहन च तहए इस क रण मर ततशषय मर ततशकषक बन म यह समझ तक मझ
अपन ततलए नही बचलक उनक ततलए अछछ बनन और रहन च तहए अिएव कह ज सकि ह
तक टोलसटोय आशरम क मर अमधकिर सायम इन यवको और यवतियो की बदौलि थ
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५० वकालत क कछ ससमरि
वकालत क धाध झठ बोल तबन चल ही नही सकि ऐस म जब तवदय थी थ िब स सनि
आय हाजठ बोलकर म न िो कोई पद लन च हि थ और न पस कम न च हि थ इसततलए
इन ब िो क मझ पर कोई परभ व नही पडि थ
मवचककल को म शर स ही कह दि थ ldquoम मल झठ हो िो मर प स मि आन स कषी
को ततसख न-पढ न क क म करन की मझस कोई आश न रखन rdquo आखखर मरी स ख िो यही
क यम हई थी तक झठ मक़ददम मर प स आि ही नही
एक अवसर ऐस भी आय
जब चलि मक़ददम क दौर न म मन दख तक मर मवचककल न मझ ठग ततलय ह मक़ददम
जोह तनसबगय की मजजसरट की कोटय म चलि थ उसक मक़ददम झठ थ वह कठहर म खड
इस िरह क ाप रह थ म नो अभी तगर पडग अिएव मन मजजसरट को मवचककल क तवरदध
फसल दन को कह और मवचककल बठ गय परतिपकषी क वकील आिययचतकि हो गय
मजजसरट खश हआ मवचककल को मन उल हन ददय वह ज नि थ तक म झठ मक़ददम नही
लि थ उसन यह ब ि सवीक र की और म म नि हा तक मन उसक खखल र रसल म ाग
इसक ततलए वह गसस न हआ जो भी हो पर मर इस बरि व क कोई बर परभ व मर धाध पर
नही पड और अद लि म मर क म सरल हो गय मन यह भी दख तक सतय की मरी इस पज
स वकील-बाधओ म भी मरी परतिषठ बढ गयी थी और तवमचि पररचसथतियो क रहि हए भी उनम
स कछ की परीति म पर पि कर सक थ
वक लि करि हए मन एक ऐसी आदि भी ड ली थी तक अपन अजञ न न म मवचककलो
स मछप ि थ और न वकीलो स जह ा-जह ा मझ कछ सझ न पडि वह ा-वह ा म मवचककल स
दसर वकील क प स ज न को कहि अथव मझ वकील करि िो म उसस कहि तक अपन स
अमधक अनभवी वकील की सल ह लकर म उसक क म करा ग अपन इस शदध वयवह र क
क रण म मवचककलो क अटट परम और तवशव स साप दन कर सक थ
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मर मवचककल स थी िथ ममि प रसी रसिमजी एक ब र बडी मतककल म फा स गय
अपन वय प र की भी बहि सी ब ि व मझस तकय करि थ लतकन एक ब ि उनदहोन मझस मछप
रखी थी प रसी रसिमजी चागी की चोरी तकय करि थ व बमबई-कलकि स जो म ल माग ि
थ सब अमधक ररयो स उनक अछछ मलजोल थ इस क रण कोई उन पर शक करि ही न थ
व जो बीजक पश करि उसी पर चागी ल ली ज िी थी ऐस भी अमधक री रह होग जो उनकी
चोरी की ओर स आाख माद लि होग
व दौड-दौड मर प स आय आाखो स आास बह रह थ और व कह रह थ ldquoभ ई मन
आपस कपट तकय ह मर प प आज परकट हो गय ह मन चागी की चोरी की ह अब मर भ गय
म िो जल ही हो सकिी ह म बरब द होन व ल हा इस आरि स आप ही मझ बच सकि ह
मन धीरज दकर कह ldquoमरी रीति स िो आप पररमचि ही ह छड न न छड न खद क
ह थ ह अपर ध सवीक र करक छड य ज सक िो ही म छड सकि हाrdquo
इन भल प रसी क चहर उिर गय
रसिमजी सठ बोल ldquoलतकन आपक स मन मर अपर ध सवीक र कर लन कय क री
नही हrdquo
मन धीर स जव ब ददय ldquoआपन अपर ध िो सरक र क तकय ह और सवीक र मर स मन
करि ह इसस क य होि हrdquo
मन उनदह समझ य ldquoम इस म मल को अद लि म ज न ल यक नही म नि मक़ददम
चल न न चल न चागी-अमधक री क ह थ म ह उस भी सरक र क मखय वकील की सल ह क
अनस र चलन पडग म दोनो स ममलन को िय र हा म सोचि हा तक जो दणड व ठहर य उस
सवीक र कर लन च तहए बहि करक िो व म न ज एाग पर कद मचि न म न िो आपको जल
क ततलए िय र रहन होग मर िो यह मि ह तक लजज जल ज न म नही बचलक चोरी करन म
ह लजज क क म िो हो चक ह जल ज न पड िो उस पर यकषिि समजझय सछच पर यकषिि
िो भतवषय म तफर कभी चागी की चोरी न करन की परतिजञ म हrdquo
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म नही कह सकि तक रसिमजी सठ इन स री ब िो को भलीभ ािी समझ गय थ व
बह र आदमी थ पर इस ब र तहममि ह र गय थ उनकी परतिषठ नषट होन क समय आ गय
थ और परशन यह थ तक कही उनकी अपनी महनि स बन यी हई इम रि ढह न ज य
मन इस म मल म तवनय की अपनी स री शतति लग दी म अमधक री स ममल और स री
चोरी की ब ि उसस तनभययि -पवयक कह दी सब बहीख ि ददख दन को कह और प रसी
रसिमजी क पि ि प की ब ि भी कही
मन कह ldquoप रसी रसिमजी को अद लि म घसीटन पर जोर न ददय ज ए िो मझ
सािोष हो ज एाग rdquo
इस अमधक री स अभय-द न पर पि करक मन सरक री वकील स पिवयवह र शर तकय
उनस ममल मझ कहन च तहए तक मरी सतयतपरयि उनक धय न म आ गयी म उनक स मन यह
ततसदध कर सक तक म उनस कछ मछप नही रह हा
रसिमजी पर मक़ददम नही चल उनक दव र कबल की गयी चागी की चोरी क दन रपय
लकर मक़ददम उठ लन क हकम ज री हआ
रसिमजी न अपनी चागी चोरी की कह नी ततलखकर शीश म मढव ली और उस अपन
दफिर म ट ागकर अपन व ररसो और स थी वय प रयो को चि वनी दी
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५१ सतयागरह का जनम
झल बाड की नौकरी पणय करक म ममिो क ममलन रीतनकस पहाच रीतनकस क सब ममिो स
ममल कर म िरनदि जोह तनसबगय पहाच गय वह ा ओतफस म मन ऊपर बि य एततशय दटक तबल
क मसौद पढ २२ अगसि १९०६ को परक ततशि हआ र नदसव ल सरक र क वह अस ध रण
गजट जजसम तबल क मसौद छप थ
इस तबल क आध र पर र नदसव ल म रहन क अमधक र रखन व ल परतयक तहनदसि नी
परष सिी और आठ वषय क अथव आठ वषय स ऊपर क ब लक-ब ततलक ओ को एततशय दटक
तवभ ग क दफिर म न म ततलख कर परव न ल लन च तहए य परव न लि समय अपन पर न
परव न वह ा क अमधक ररयो को सोप दन च तहए अरजी म हर तहनदसि नी को अपन न म पि
ज ति उमर बगर ततलखन च तहए न म दजय करन व ल अमधक री (रजजसर र) को अजयद र क
शरीर पर कोई ख स तनश तनय ा हो िो उनदह ततलख लन च तहए और अजयद र की सब अागततलयो
और अागठ की छ प लनी च तहए तनकषिि की हई अवमध क भीिर जो तहनदसि नी सिी-परष इस
िरह अरजी न कर उनक र नदसव ल म रहन क अमधक र रद हो ज एाग अरजी न करन क़ नन
क अनस र अपर ध म न ज एग इस अपर ध क ततलए जम यन तकय ज सकि ह जल की
सज हो सकिी ह और कोई उमचि समझ िो अपर धी को दशतनक ल की सज भी द सकिी ह
इस परव न की म ाग र सि चलि य िी स भी की ज सकिी ह परव नो की ज ाच करन क ततलए
पततलस अमधक री लोगो क घरो म भी परवश कर सकि ह
जह ा िक म ज नि हा इस परक र क क़ नन तनय क तकसी भी तहसस म सविाि म नवो
क ततलए नही बन य गय होग
दसर ददन अगरगणय तहनदसि तनयो को एकि करक मन उनदह यह तबल अकषरशः समझ य
इसक फलसवरप उन लोगो पर तबल क वही असर हआ जो मझ पर हआ थ सब कोई तबल
की गाभीरि को समझ गय यह तनणयय तकय गय एक स वयजतनक सभ की ज एा
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११ ततसिमबर १९०६ को तहनदसि तनयो की सभ हई सभ म जजिन परसि व प स हए थ
उसम चौथ परसि व बहि ही महततवपणय थ
lsquoइस तबल क तवरोध म स र उप य तकय ज न क ब वजद यदद वह ध र सभ म प स हो ही
ज एा िो तहनदसि नी उसक स मन ह र न म न और ह र न म नन क फलसवरप जो जो ःख
भोगन पड उन सबको बह री स सहन कर
हम म स कोई यह ज नि नही थ तक इस तनिय को अथव आादोलन को कय न म ददय
ज सकि ह
शरी मगनल ल ग ाधी न सद गरहrsquo न म भज क रण बि ि हए उनदहोन ततलख तक
तहनदसि तनयो क यह आनददोलन एक मह न lsquoआगरहrsquo ह और यह आगरह lsquoसदrsquo अथ यि शभ ह
इसीततलए उनदहोन यह न म चन ह परनदि जजस वसि क सम वश म सझ य हए न म म करन
च हि थ वह इसम नही आिी थी इसीततलए मन lsquoदrsquo क ि करक उसम य जोड ददय और
सतय गरहrsquo न म बन ददय सतय क भीिर श ाति क सम वश म नकर और तकसी भी वसि क
आगरह करन स उसम बल उतपनदन होि ह इसततलए आगरह म बल क सम वश करक मन भ रिीयो
क इस आनददोलन को सतय गरहrsquo अथ यि सतय और श ाति स उतपनदन होनव ल बल ndash क न म ददय
और उसी न म स इसक पररचय कर य और िबस पततसव रजजसटनदस शबद क उपयोग इस
आनददोलन क ततलए बनदद कर ददय
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५२ क़द
१९०७ की पहली जल ई आई परव न दन व ल सरक री दफिर खल कौम क आदश थ तक
हरएक दफिर क स मन खल आम तपकटटिग तकय ज य ndash अथ यि दफिर ज न क म गो पर
सवयासवक रख ज एा और व दफिर म ज न व ल लोगो को वह ा तबछ य गय ज ल स स वध न
कर
अथक पररशरम करन क ब द भी जब एततशय दटक ओतफस को ५०० स अमधक न म नही
ममल सक िो एततशय दटक तवभ ग क अमधक री इस तनणयय पर आय तक तकसी न तकसी तहनदसि नी
को तगरफि र करन च तहए जरमिसट म बहि स तहनदसि नी रहि थ उनम स एक र मसनददर
पामडि तहनदसि नी भी थ उसन जगह-जगह भ षण ददय अपन भ षणो को वह खब जोशील
बन सकि थ जरमिसटन क कछ तवधन-सािोषी तहनदसि तनयो न एततशय दटक ओतफस स कह
तक यदद र मसनददर पामडि को तगरफि र कर ततलय ज य िो जरमिसटन क बहि स तहनदसि नी
एततशय दटक ओतफस स परव न ल लग उस ओतफस क अमधक री र मसनददर पामडि को पकडन
क परलोभन स अपन को रोक नही सक र मसनददर पामडि तगरफि र कर ततलय गय इस िरह
क यह पहल ही मक़ददम होन स सरक र और तहनद सि नी कौम म बडी खलबली मच गई
जजस ददन उस जल की सज ममली वह ददन कौम न बडी धमध म स मन य कौम क
एक भी आदमी उसक जल ज न स तनर श नही हआ बचलक स री कौम क उतस ह और जोश
बढ गय सकडो तहनदसि नी जल ज न को िय र हो गय एततशय दटक ओतफस की आश परी
नही हई जरमिसटन क तहनदसि नी भी परव न लन नही गय कौम को ही ल भ हआ
लतकन र मसनददर पामडि खोट ततसकक तनकल तफर भी सवछछनदद घमन व ल और स थ
ही वयसनी आदमी जल क एक ािव स को िथ अनक परक र क भोजन ममलन पर भी जल क
सायम को सहन नही कर सकि यही चसथति र मसनददर पामडि की हई कौम क लोगो क और
जल क अमधक ररयो क इिन समम न ममलन पर भी जल उस कडव लग और वह र नदसव ल
िथ सतय गरह की लड ई को अातिम नमसक र करक र िोर ि भ ग खड हआ
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परनदि र मसनददर क पर इतिह स मन उसक दोष ददख न क ततलए यह ा नही ददय ह यह
इतिह स मन इस घटन क भीिर मछप गढ अथय को परकट करन क ततलए ही ददय ह परतयक शदध
आनददोलन क नि ओ क यह कियवय ह तक व शदध आनददोलन म शदध आदममयो को ही भरिी कर
एततशय दटक ओतफस क अमधक ररयो न सोच तक कौम क अमक नि ओ को तगरफि र
नही तकय ज यग िब िक लड ई क बल कभी टट नही सकग इसक फलसवरप ददसमबर
१९०७ क अातिम सपि ह म कछ नि ओ को अद लि म ह जजर होन की नोदटस ममली
तनकषिि तकय हए ददन ndash शतनव र
ि ० २८-१२-१९०७ को ndash अद लि म जो नि ह जजर रह थ उनदह इस िरह की नोदटस क
उिर दन थ क़ नन क अनस र आप लोगो को परव न पर पि कर लन च तहए थ तफर भी आपन
पर पि नही तकय इसततलए आपको ऐस हकम कयो न ददय ज य तक अमक समय क भीिर आप
र नदसव ल की सीम छोड दrsquo
लतकन सबक कस अलग-अलग चल य गय थ मजजसरट न कछ लोगो को ४८ घाटो क
भीिर और ब की को ७ य १४ ददन म र नदसव ल छोड दन क आदश ददय इस आदश की अवमध
१० जनवरी १९०८ को परी होिी थी उसी ददन हम सज सनन क ततलए अद लि म उपचसथि
होन क आदश ममल थ
हम म स तकसीको अपन बच व िो करन ही नही थ क़ नन क अनस र परव न न लन
क क रण तनकषिि अवमध म र नदसव ल की सीम छोड दन क मजजसरट न जो आदश ददय थ
उसक सतवनय अन दर करन क अपर ध हम सबको सवीक र करन थ
मन अद लि स एक छोट स विवय दन की इज जि म ागी वह इज जि मझ ममली मन
इस आशय क विवय ददय मर मक़ददम म और मर ब द आन व ल लोगो क मक़ददम म भद
तकय ज न च तहए मझ अभी-अभी तपरटोररय स य सम च र ममल ह तक वह ा मर दशबनदधओ
को िीन म स की कडी क़द की सज और भ री जम यन हआ ह और जम यन न दन पर िीन म स
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की कडी क़द की सज दी गई ह अगर उन लोगो न अपर ध तकय ह िो मन उनस कही बड
अपर ध तकय ह इसततलए मजजसरट स मरी पर थयन ह तक व मझ कडी स कडी सज द
दसर अथव िीसर ददन स सतय गरही क़दी बडी साखय म आन लग थ व ज न-बझकर
तगरफि र होि थ उनम स अमधकिर लोग फरी लग न व ल ही थ फरीव ल लोग इसम सबस
आग रह उनक ततलए तगरफि र होन आस न भी थ उनदह कवल परव न बि न स इनक र करन
होि थ उसक ब द उनक तगरफि र होन तनकषिि थ एक हफि म इस िरह तगरफि र होन
व ल सतय गरही क़दी की साखय १०० स अमधक हो गई और थोड-बहि क़दी िो रोज ही आि
थ इसततलए हम बगर अखब र क ही स र सम च र ममल ज ि थ जब बडी साखय म सतय गरही
तगरफि र तकय ज न लग िब सरक र की ओर स मजजसरटो को सचन की गई तक कडी क़द की
सज ही दी ज य
जोहतनसबगय की जल म स दी क़द की सज व ल क़दी को भोजन म सबर मकक क आट
की लपसी य क ाजी ममलिी थी उसम नमक ड ल नही ज ि थ परनदि हर क़दी को अलग स
थोड नमक ददय ज ि थ दोपहर ब रह बज च र औस भ ि ऊपर स नमक और एक औस घी
और च र औस ड ल-रोटी दी ज िी थी श म को मकक क आट की क ाजी और उसक स थ थोड
स ग स ग म भी मखयिः आल ददय ज ि थ आल छोट होि िो दो ददय ज ि और बड होि िो
एक ददय ज ि थ इिन भोजन स तकसीक भी पट नही भरि थ च वल मचकन और गील
पक य ज ि थ हमन जल क डोकटर स थोड मस ल की म ाग की और कह तक तहनदसि न की
जलो म क़ददयो को मस ल ममलि ह डोकटर न कड उिर ददय ldquoयह तहनदसि न नही ह क़दी
क ततलए सव द नही होि इसततलए मस ल भी नही हो सकि rdquo हमन द ल की म ाग की और
क रण म यह बि य तक जल क भोजन म सन यओ को पषट करन व ल कोई िततव नही ह इस
पर डोकटर न कह ldquoक़ददयो को डोकटरी दलील नही करनी च तहए आपको सन य-पोषक
भोजन ददय ज ि ह कयोतक सपि ह म दो ब र आपको मकक क बदल म श म क भोजन म
उबली हई मटर दी ज िी हrdquo यदद मनषय क पट एक हफि य पखब र म अलग-अलग समय
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पर ममलन व ल अलग-अलग िततवो स यि भोजन म स शरीर क ततलए आवकयक िततव खीच लन
की शतति रखन हो िब िो डोकटर क यह िकय सही थ
इस िरह जल म हम लगभग १५ ददन रह होग तक ब हर स आन व ल नय लोग यह
सम च र ल न लग तक सरक र क स थ समझौि करन की कोई ब िचीि चल रही ह
उस मसौद क आशय इस परक र थ तहनदसि तनयो को सवछछ स अपन परव न बदल
लन च तहए और यदद तहनदसि नी कौम क मखय भ ग सवछछ स परव न ल लग िो सरक र
खनी क़ नन रद कर दगी और सवछछ स ततलए गय परव नो को क़ ननी म नदयि दन क ततलए नय
क़ नन प स करगी समझौि क इस मसौद म खनी क़ नन रद करन की ब ि सपषट नही थी अपनी
दतषट स यह ब ि सपषट करन जजिन पररवियन मन मसौद म सझ य
जनरल समटस को ममलन क ततलए मझ तपरटोररय ल ज य गय ब िचीि क उपर नदि म
जो पररवियन सझ य थ इसक साबाध म जररी समझौि क मसौदी को उनदहोन सवीक र ततलय
क़ददयो को छोड ददय गय मन अपन दशव ततसयो को मसौद को समझ न शर तकय
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५३ हमला
मन िो दस अागततलयो की छ प दन की सवीकति दी इसस कछक पठ नभ ई मझ पर खर हए
ि ० १०-२-१९०८ क सबर हम म स कछ लोग परव न लन क ततलए एततशय दटक ओतफस
म ज न को िय र हो गय कौम क लोगो को अछछी िरह समझ ददय गय थ तक परव न लन
क क म यथ साभव जलदी स जलदी पर कर दन च तहए और सल ह-मशतवर क ब द यह ब ि
भी िय हो गई थी तक पहल ददन कौम क नि ही सबस पहल परव न लन ज एाग इसक पीछ
उददकय लोगो क साकोच दर करन एततशय दटक तवभ ग क अमधक री अपन क म ततशषटि स करि
ह य नही यह ज नन और अनदय परक र स उस क म की स री वयवसथ पर दखरख रखन थ
मर ओतफस सतय गरह-माडल क भी ओतफस थ वह ा पहाचि ही मन ओतफस की दीव ल क
ब हर मीर आलम और उसक स ततथयो को खड दख
मीर आलम मर पर न मवचककल थ अपन हर क म म वह मरी सल ह लि थ उसकी
ऊा च ई ६ फट स अमधक थी वह क़दद वर और दोहर शरीर क आदमी थ आज पहली ही ब र
मन मीर आलम को ओतफस क अनददर न दखकर ब हर खड दख और हम दोनो की आाख ममलन
पर भी उसन पहली ही ब र मझ सल म नही तकय लतकन मन उस सल म तकय इसततलए उसन
भी मझ सल म तकय अपनी आदि क अनस र मन उसस पछ ldquoकस होrdquo मर ऐस खय ल
ह तक उसन जव ब म कह थ ldquoअछछ हाrdquo परनदि आज उसक चहर पर हमश की मसक न
नही थी मन दख तक उसकी आाखो म गसस भर ह यह ब ि मन मन म ततलख ली मझ यह भी
लग तक आज कछ न कछ होन व ल ह मन ओतफस म परवश तकय अधयकष ईसप ममय ा और
दसर ममि भी आ पहाच और हम एततशय दटक ओतफस की ओर चल पड मीर आलम और उसक
स थी भी हम र पीछ-पीछ आय
एततशय दटक ओतफस की इम रि वोन बरतनदडस सकवअर म थी वोन बरतनदडस सरीट म चलि-
चलि हमन मससय आरनोट और तगबसन की सीम छोडी वह ा स एततशय दटक ओतफस िीनक
ममनट क र सल पर रह होग तक मीर आलम मरी बगल म आ गय उसन मझस पछ ldquoकह ा
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ज ि होrdquo मन उिर ददय ldquoम दस अागततलयो की छ प दकर रजजसटर (परव न ) तनकलव न
च हि हा अगर िम भी चलोग िो िमह दस अागततलयो की छ प दन की जररि नही ह िमह र
परव न (ततसरय दो अागठो की छ प क स थ) पहल तनकलव न क ब द म अागततलयो की छ प दकर
अपन तनकलव ऊा ग rdquo
अातिम व कय मन मतककल स पर तकय होग तक मरी खोपडी पर पीछ स ल ठी क एक
व र हआ म ह र म बोलि-बोलि बहोश होकर जमीन पर लढक गय ब द म कय हआ इसक
मझ कोई भ न नही थ लतकन मीर आलम न और उसक स ततथयो न मझ पर ल दठयो क अमधक
व र तकय और ल ि भी म री उनम स कछ ईसप ममय ा और थाबी न यड न झली इस क रण स
ईसप ममय ा और थाबी न यड पर भी थोडी म र पडी इिन म शोरगल मच आन-ज न व ल गोर
इकटठ हो गय मीर आलम और उसक स थी भ ग लतकन गोरोन उनदह पकड ततलय इस बीच
पततलस भी आ पहाची उसन पठ नो को तहर सि म ल ततलय
प स ही शरी ज० सी० तगबसन क ओतफस थ मझ उठ कर वह ा ल ज य गय कछ दर
ब द मझ होश आय िब मन रवरड डोक को अपन चहर पर झक हए दख उनदहोन मझस पछ
ldquoआपको कस लगि हrdquo
मन हासकर जव ब ददय ldquoअब ठीक हा लतकन मर द ािो म और पसततलयो म ददय होि
हrdquo तफर मन पछ ldquoमीर आलम कह ा हrdquo
डोक बोल ldquoउस और उसक स ततथयो को तगरफि र कर ततलय गय ह
मन कह ldquoव छटन च तहएrdquo
डोक ldquoवह सब िो होि रहग लतकन आप यह ा एक अपररमचि क ओतफस म पड ह
आपक होठ फट गय ह पततलस आपको असपि ल ल ज न को िय र ह लतकन अगर आप मर
यह ा चल िो म और शरीमिी डोक आपकी यथ शतति स र-साभ ल करगrdquo
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मन कह ldquoमझ आपक ही घर ल चततलए पततलस क परसि व क ततलए उस धनदयव द दीजजए
लतकन उसस कतहए तक मझ आपक यह ा ज न जय द पसाद हrdquo
इिन म एततशय दटक तवभ ग क अमधक री शरी चमनी भी आ पहाच मझ एक ग डी म ततलट
कर भल प दरी शरी डोक क तसमट सरीट चसथि तनव स-सथ न पर ल ज य गय मरी ज ाच क ततलए
एक डोकटर को बल य गय इस बीच मन शरी चमनी स कह ldquoमरी आश िो यह थी तक आपक
ओतफस म आकर और दस अागततलयो की छ प दकर पहल परव न म लाग लतकन ईशवर को
यह सवीक र नही थ अब मरी आपस पर थयन ह तक आप इसी समय ज कर जररी क़ गज ि ल
आइय और पहल परव न मझ दीजजए म आश रखि हा तक मर पहल आप दसर तकसीको
परव न नही दग rdquo
उनदहोन कह ldquoऐसी कय जलदी ह अभी डोकटर आयग आप आर म कर ब द म सब
कछ हो ज एाग दसरो को परव न दाग िो भी आपक न म सबस पहल रखाग rdquo
म बोल ldquoऐस नही मरी यह परतिजञ ह तक यदद म जजनदद रहा और ईशवर को माजर हो
िो सबस पहल म ही परव न लाग इसततलए मर आगरह ह तक आप क़ गज ि ल आइयrdquo
इस पर शरी चमनी क़ गज ि ल न क ततलए ओतफस गय
मर दसर क म एटनी-जनरल अथ यि सरक री वकील को यह ि र करन थ तक मीर
आलम और उसक स ततथयो न मझ पर जो हमल तकय उसक ततलए म उन लोगो को दोषी म नि
ही नही जो भी हो लतकन म नही च हि तक उन पर रौजद री मक़ददम चल म आश करि हा
तक मर ख तिर आप उनदह छोड दग rdquo
लतकन जोह तनसबगय क गोरो न एटनी-जनरल को इस आशय क एक कड पि ततलख
ldquoअपर धी को सज दन क ब र म ग ाधी क च ह जो तवच र हो लतकन इस दश म उन पर अमल
नही तकय ज सकि ग ाधी को जो म र पडी ह उसक ब र म व भल ही कछ न कर लतकन
हमल करन व ल लोगो न यह म र उनदह तकसी तनजी मक न म नही म री ह यह अपर ध पठ नो
न आम र सि पर तकय ह इसततलए यह एक स वयजतनक अपर ध म न ज एग कछ अागरज भी
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इस अपर ध की गव ही दन की चसथति म ह अपर मधयो को पकडन ही च तहएrdquo इस आनददोलन
क क रण एटनी-जनरल न तफर मीर आलम और उसक एक स थी को तगरफि र कर ततलय और
उनदह िीन-िीन महीन की कडी क़द की सज दी कवल मझ गव ह क रप म नही बल य गय
कौम क परति परमख क दव र मन एक साकषकषपि गजर िी म पि ततलख और परक ततशि करन
हि भज ददय
ldquoमरी िबीयि अछछी ह शरी डोक और शरीमिी डोक हदय क स र परम उाडल कर मरी
सव -शशरष कर रह ह म कछ ही ददनो म अपन क म साभ ल लाग जजन लोगो न मझ म र ह
उन पर मर मन म जर भी गसस नही ह उनदहोन बसमझी स यह क म तकय ह उन पर मक़ददम
चल न की कोई जररि नही अगर दसर लोग श ाि रहग िो इस घटन स भी हम ल भ ही होग
ldquoतहनदओ को च तहए तक व मन म जर भी रोष न रख म च हि हा तक इस घटन स
तहनदओ और मसलम नो क बीच खट स पद होन क बदल ममठ स पद हो खद स ndash ईशवर स
म यही य चन करि हा
ldquoम ईशवर स पर थयन करि हा तक वह कौम क भल कर उस सतय क म गय पर लग य और
तहनदओ िथ मसलम नो क ददलो को मर खन की पटटी स जोड दrdquo
शरी चमनी क़ गज ि लकर आय बडी कदठन ई स और जस-िस मन अपनी दस अागततलयो
की छ प उनदह दी उस समय मन उनकी आाखो म आास दख उनक खखल फ मझ अकसर कडी
ब ि ततलखनी पडिी थी लतकन इस घटन स मर स मन इस ब ि क परतयकष मचि खड हआ तक
मौक़ आन पर म नव क हदय तकिन कोमल बन सकि ह
यह तवमध परी करन म कछ ममनट स जय द समय नही लग होग शरी डोक और उनकी
भली पतनी मझ पणय श ाि और सवसथ दखन क ततलए अतयनदि उतसक थ हमल स घ यल होन क
ब द मर म नततसक क यय को दखकर दोनो को ःख होि थ उनदह भय थ तक इसक बर असर
कही मरी िबीयि पर न पड इसततलए साकि दकर और दसरी िरकीब क म म लकर व सब लोगो
को मर पलाग स दर हट ल गय और मझ ततलखन की य और कछ करन की मन ही कर दी मन
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उनस तवनिी की (और ततलख कर की) तक म तबलकल श ाति स सो ज ऊा इसस पहल और इसक
ततलए उनकी लडकी ओततलव ndash जो उस समय छोटी ब ततलक ही थी ndashमझ अपन तपरय अागरजी
भजन लोडय क इाडली ल इट (परमल जयोति ि रो द खवी मझ जीवनपाथ उज ढ) ग कर सन य
शरी डोक को मरी यह तवनिी बहि पसाद आई वह ब ि अपन मधर ह सय दव र उनदहोन मझ समझ
दी और ओततलव को इश र स बल कर दरव ज क ब हर खड-खड धीम सवर म वह भजन ग न क
ततलए कह यह ततलख ि समय वह सापणय दकय मरी आाखो क स मन िर रह ह और ओततलव क
ददवय सवर की गाज अभी भी मर क नो म गाज रही ह
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५४ लडाई की पनरावशतत
नहनदसतानीओन सवचछछक परव न तनकलव ततलए अब सरक र को खनी क़ नन हट दन
च तहए लतकन खनी क़ नन रद करन क बज य जनरल समटस न नय ही क़दम उठ य उनदहोन
तवध नसभ म जो नय तबल पश तकय उसक दव र खनी क़ नन को बह ल रख और सवछछ स
ततलए गय परव नो को क़ ननी कर र ददय स थ ही उस तबल म यह ध र भी जोडी तक जजन
तहनदसि तनयो न सवछछ स परव न ल ततलए ह उन पर खनी क़ नन ल ग नही तकय ज सकि
इस नय तबल को पढकर म िो हकक -बकक हो गय
सरक र को सतय गरतहयो क असतलटमटम अथव तनिय-पि की भजन की अवमध परी
होिी थी अवमध बीिन क दो-एक घाट ब द परव न जल न की स वयजतनक तवमध परी करन क
ततलए एक सभ बल ई गई थी सतय गरह-सममति न यह म न थ तक आश क तवपरीि कही सरक र
क अनकल उिर ममल ज ए िो भी सभ बल न वयथय नही होग कयोतक उस चसथति म सभ क
उपयोग सरक र क अनकल तनणयय कौम को सन न म कर ततलय ज एग
सभ शर होन ही व ली थी तक एक सवयासवक स इकल पर आ पहाच उसक ह थ म
ि र थ उसम सरक र क उिर थ उिर म तहनदसि नी कौम क तनिय क ततलए खद परकट तकय
गय थ और यह भी कह गय थ तक सरक र अपन तनिय बदलन म असमथय ह ि र पढकर
सभ म सबको सन ददय गय सभ न उसक सव गि तकय म नो सभ क लोगो को इस ब ि
क हषय हआ तक सरक र दव र तनिय-पि की म ाग सवीक र कर ततलए ज न स परव नो की होली
जल न क जो शभ अवसर उनक ह थ स चल ज ि वह चल नही गय
इस सभ म मीर आलम भी ह जजर थ उसन सभ म यह घोषण की तक मझ पर हमल
करन म उसस भल हई थी और अपन असल परव न भी उसन मझ जल न क ततलए द ददय
नय परव न िो उसन सवछछ स ततलय ही नही थ मन मीर आलम क ह थ पकड और हषय स
उस दब य मन ब र मीर आलम स कह तक मर मन म िो उसक परति कभी रोष थ ही नही
इसस सभ की खशी क प र न रह
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कमटी क प स जल न क ततलए २००० स ऊपर परव न आ चक थ परव नो क ढर कड ही
म ड ल गय ऊपर स घ सलट ऊा डल गय और मन उस ददय सल ई ददख ई स री सभ खडी
हो गई और जब िक परव न जलि रह िब िक उसकी ि ततलयो स मद न गाजि रह जजन कछ
लोगो न अभी िक परव न अपन प स रख छोड थ उनक परव नो की भी अब माच पर वष य होन
लगी व परव न भी कड ही म ड ल ददय गय
इस सभ म अागरजी अखब रो क साव दद ि आय थ उन पर भी सभ क सापणय दकय क
बड गहर असर पड उनदहोन अपन अखब रो म सभ क हबह वणयन तकय
र नद सव ल तवध न-सभ की जजस बठक म एततशय दटक क़ नन (दसर ) प स हआ थ उसी
बठक म जनरल समटस न एक दसर तबल भी पश तकय थ उसक न म थ इममगरनदटस
रनसरकशन एकट (१९०७ क पनदरहव ा एकट) ndash परोकष रप म ऐसी यतति तनतहि थी जजसस एक
भी नय तहनदसि नी र नदसव ल म द खखल न हो सक इसक तवरोध करन कौम क ततलए तनि नदि
आवकयक थ अि कछक सतय गरहीओ न ज न बझकर र नदसव ल म परवश तकय उनको
तगरफि र कर ततलए गय मझ भी दसरी ब र तगरफि र तकय गय थ एक ब र वोकसरसट की जल
म हम लगभग ७५ सतय गरही क़दी इकठठ हो गय थ सरक र सोच म पड गई आखखर जल म
तकिन तहनदसि तनयो को क़द म रख ज सकि ह खचय बढग अब कय तकय ज य सरक र न
पररचसथति को हल करन क ततलए एक नई परयतति खोज ड ली पकड गय हहिदीओ को सरहद प र
करक तहनदसि न भज दन शर कर ददय
मगर हआ ऐस तक बहि स तहनदसि नी िो अटल रह और मककमि पवयक अपनी लडि
ज री रखी थी थोड बहि ढील पड गय थ
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५५ टोलससटोय फामम
आज िक (१९१०) िक जल ज नव ल सतय गरतहयो क पररव रो क भरण-पोषण उनदह हर महीन
पस दकर होि थ सबको उनकी आवकयकि क अनस र पस ददय ज ि थ चीटी को कन
और ह थी को मन लतकन यह वयवसथ सािोष परद नही थी कोश पर भ री बोझ आन शर हो
गय थ यह कदठन ई एक ही िरह स हल हो सकिी थी ndash स र पररव रो को एक सथ न पर रख
ज य और वह ा सब स थ ममलकर क म कर
मर ममि शरी कलनबक क पररचय म पहल कर चक हा उनदहोन ११०० एकड जमीन
खरीदी और कोई पस ततलए तबन सतय गरतहयो क उपयोग क ततलए तबन तकर य द दी (३० मई
१९१०) उस जमीन पर करीब १००० फल क झ ड थ जमीन की ऊा च ई पर एक छोटी स टील
थ और एक छोट स मक न थ जजसम प ाच स ि आदमी रह सकि थ प नी क ततलए दो कएा
और एक झरन थ तनकटिम रलव सटशन लोल वह ा स एक मील दर थ जोह तनसबगय वह ा स
२३ मील पर थ इसी जमीन पर मक न बनव न और सतय गरतहयो क पररव रो को बस न क
हमन तनिय तकय
इस सथ न म हमन यह आगरह रख थ तक नौकरो स कोई भी घरल क म न कर य ज य
इसततलए प ख न -सर ई स लकर रसोई बन न िक क स र क म हम अपन ही ह थो स करन
थ
हमन पहल स ही यह तनिय कर ततलय थ तक सतसियो और परषो को अलग अलग रख
ज य इसततलए दोनो क मक न अलग और एक-दसर स थोडी दरी पर बन न की ब ि िय हई
दस सतसिय ा और स ठ परष रह सक इिन मक न िरनदि बन न क तनणयय हआ शरी कलनबक क
रहन क भी एक मक न बनव य थ और उसक प स श ल क एक मक न खड करन थ
इसक ततसव एक क रख न भी बढई-क म और मोची-क म क ततलए बनव न थ
जो लोग इस सथ न पर रहन आनव ल थ व गजर ि क मर स क आाधर दश क और उिर
भ रि क थ धमय स व तहनदद मसलम न प रसी और ईस ई थ उनम लगभग च लीस नौजव न
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थ दो-िीन वयोवदध थ प ाच सतसिय ा थी और बीस स िीस की साखय म ब लक थ इन ब लको म
च र-प ाच लडतकय ा थी
टोलसटोय फ मय म आकर तनबयल लोग बलव न बन गय और पररशरम सबक ततलए शततिद यी
ततसदध हआ
फ मय क हर तनव सी को तकसी न तकसी क म स जोह तनसबगय ज न पडि थ ब लक
वह ा सर क ततलए ज न च हि थ मझ भी क मक ज क ततसलततसल म जोह तनसबगय ज न पडि
थ तनणयय यह तकय गय थ तक जो फ मय क स म जजक क म स ज य उसीको रल स मस तफरी
करन की इज जि दी ज ए और रल की मस तफरी भी िीसर दज म ही की ज ए और जजस सर
क ततलए ज न हो वह चलकर ज ए उसक स थ ख न क ततलए न कि द ददय ज ए शहर ज कर
कोई ख न-पीन म एक पस भी खचय न कर ऐस कड तनयम न बन य गय होि िो जो पस बच न
क ततलए हमन जागल म रहन पसाद तकय थ वह पस रल-तकर य म और शहर क ब ज र म तकय
ज न व ल न कि म उड ज ि घर क बन हआ न कि भी स द ही होि थ न कि म घर क
पीस और तबन छन मोट आट की ड ल-रोटी उस पर मागफली क घर म बन य हआ मकखन
और घर म ही बन हआ न रागी क मछलको क मरबब होि थ आट पीसन क ततलए ह थ स
चलन व ली लोह की चककी खरीदी गई थी मागफली को भन कर पीसन स उसक मकखन बन
ज ि थ उसकी कीमि दध क मकखन स चौगनी ससिी पडिी थी न रागी िो फ मय म ही खब
होिी
थी फ मय म हम ग य क दध श यद ही कभी लि थ स म नदयिः मडब क दध क ही उपयोग
करि थ
लतकन हम तफर मस तफरी की ब ि पर आय जजन लोगो को जोह तनसबगय ज न क शौक
होि व सपि ह म एक य दो ब र चलकर ज ि थ और उसी ददन लोट आि थ म पहल कह
चक हा तक यह र सि २१ मील क थ पदल ज न क इस एक तनयम स हम र सकडो रपय बच
गय और चलकर ज न व लो को बड ल भ ल भ हआ कछ लोगो को चलन की नई आदि पडी
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स म नदय तनयम यह थ तक इस िरह जोह तनसबगय ज न व ल र ि म दो बज उठ ज एा और ढ ई
बज तनकल पड सब कोई छह स स ि घाटो क भीिर जोह तनसबगय पहाच सकि थ हम स कम
समय लन व ल लोग ४ घाट और १८ ममनट म पहाच ज ि थ
हम र क म सतय गरही पररव रो को उदयमशील रखन पस बच न और अाि म सव वलमबी
बनन थ यह धयय ततसदध कर लन क ब द िो हम च ह जजिनी अवमध िक र नदसव ल सरक र स
लड सकि थ जिो पर हम पस खचय करन पडि थ क ाटो पतथरो बगर स परो को बच न क
ततलए तकसी रकषण की आवकयकि को हमन सवीक र तकय थ इसततलए हमन चपपल य सडल
बन न क धनदध सीखन क तनिय तकय
इस िरह अनक नौजव न चपपल बन न सीख गय और हम अपन ममिो को आशरम म बन
हए चपपल बचन भी लग यह कहन िो मर ततलए जररी नही होन च तहए तक मर अनक ततशषय
इस कल म मझस आस नी स आग बढ गय दसर उदयोग हमन सि री क शर तकय एक ग ाव
जस बस कर हम वह ा रह इसततलए प ट स लकर पटी िक की स री छोटी-मोटी चीजो की हम
जररि पडिी थी हम अपन ह थ स ही बन ि थ
उपययि यवको ब लको और ब ततलक ओ क ततलए एक श ल क होन अतनव यय थ यह
क म हम सबस कदठन लग और इसम पणयि िो हम अाि िक भी पर पि नही कर सक पढ न
क ख स बोज शरी कलनबक और मझ पर थ श ल दोपहर को ही चल ई ज सकिी थी हम
दोनो सबर क श रीररक शरम स खब थक ज ि थ तवदय थी भी सब थक हए ही रहि थ इसततलए
अकसर तवदय थी भी ऊा घन लगि थ और हम ततशकषक भी ऊा घन लगि थ हम अपनी आाखो पर
प नी मछडकि थ ब लको क स थ खल खलि थ और उनक िथ अपन आलसय दर करन क
परयतन करि थ पराि कभी-कभी हम र परयतन वयथय ज ि थ जजिन आर म शरीर क ततलए
जररी होि थ उिन िो वह लकर ही रहि थ यह िो मन एक और छोट स छोट तवधन की
ब ि कही कयोतक ऊा घि ऊा घि भी हम र वगय िो चलि ही थ परनदि समसय यह थी तक ि ममल
िलग और गजर िी िीन भ ष एा बोलन व ल तवदय रथियो को कय और कस ततसख य ज य
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म िभ ष दव र ब लको को पढ न क लोभ िो मर मन म थ ही ि ममल म थोडी-बहि ज नि
थ परनदि िलग क िो एक अकषर भी नही ज नि थ ऐसी चसथति म एक ततशकषक भल कय कर
सकि थ
परनदि आशरम म तकय हआ ततशकष क यह परयोग वयथय नही गय इसक फलसवरप
ब लको म कभी असतहषणि की भ वन पद नही हई व एक-दसर क धमय क परति और एक-
दसर क रीि-ररव जो क परति उद रि रखन सीख सब कोई सग भ इयो की िरह रहन सीख
एक-दसर की सव करन सीख सभयि सीख उदयमी बन और आज भी उन ब लको म स
जजन-जजन क क यो की थोडी भी ज नक री मझ ह उनक ब र म म यह कह सकि हा तक
टोलसटोय फ मय म उनदहोन जो कछ प य वह बक र नही गय भल ही वह परयोग अधर थ तफर
भी वह एक तवच रपणय और ध रमिक परयोग थ और टोलसटोय फ मय क जो अतयनदि मीठ सासमरण
ह उनम ततशकषण क परयोग क सासमरण कम मीठ नही ह
फ मय पर आह र िथ दरद की शशरष साबाध म बहि स परयोग तकय गय
श क ह ररयो क न ि हम दध लन क अमधक र ह य नही इस परशन पर मन बहि सोच
थ और उसक ब र म खब पढ भी थ लतकन फ मय म रहि रहि मर ह थ म कोइ पसिक य
अखब र आय थ उसम मन पढ थ तक कलकि म ग यो और भसो क स थ करर वयवह र करक
दध की एक एक बाद उनक थनो स तनक ल ली ज िी ह उसम मन फा क की तनदयय और भयाकर
तकरय क भी वणयन पढ थ उसी ददन मन दध छोड ददय
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५६ णसतरयाा लडत म शाधमत
गौखल २२ अिबर १९१२ को दकषकषण आतफरक पध र सतय गरतहय ा िथ सरक र क तबच
समझौि कर न क आशय थ गोखल को तवशव स हआ थ तक जनरल बोथ अपन वचन क
मि तबक एक स ल म ही क ल क़ नन रद कर दग िथ िीन प उनदड क कर भी हट यग लतकन
जनरल बोथ न वचनभाग तकय
सरक र क वचन भाग की ब ि मन गोखल को ततलखी उनदह अतिशय ःख हआ मन उनदह
ततलख तक आप सवयथ तनभयय रह हम मरण-पयि लडग और िीन प उाड क कर रद करव यग
र नदसव ल की सरक र की न मरजी होि हए भी कर रद करव यग जल लाबी अवमध िक
चलगी ऐस हमलोग म नि थ अिः टोलसटोय फ मय बाद करन क तनणयय तकय गय िथ कनदर
रीतनकस तकय ज ए ऐस तनणयय भी तकय गय
लड ई छडन की हम री िय ररय ा अभी चल ही रही थी तक इिन म एक नय तवघन खड
हो गय जजसकी वजह स सतसियो को भी लड ई म भ ग लन क अवसर ममल गय पराि उस
समय तवदश म सतसियो को जल भजन हम सबको अनमचि लग
पराि इस समय अद लि म एक मक़ददम ऐस आय तक जजस म सतपरम कोटय क नदय य धीश
न तनणयय ददय तक दकषकषण अफ़रीक क क़ नन म ईस ई धमय क अनस र हए तवव ह क ततसव ndash
तवव ह-अमधक री क ओतफस म रजजसटर कर य हए तवव ह क ततसव ndash दसर तकसी तवव ह क ततलए
सथ न नही ह इसक अथय यह हआ तक तहनदद मचसलम प रसी आदद धमो की तवमध क अनस र
हए तवव ह नदय य धीश क उपययि भयाकर तनणयय स दकषकषण अफ़रीक म रद म न गय और इसततलए
उस क़ नन क अनस र दकषकषण अफ़रीक म असाखय तवव तहि तहनदसि नी सतसियो क दरज अपन
पतियो की धमयपतनी क न रहकर उपपसततनयो क हो गय िथ उन सतसियो की सनद ि न को अपन
तपि की तवर सि प न क भी अमधक र नही रह गय इस चसथति को न िो सतसिय ा सहन कर
सकिी थी न परष सहन कर सकि थ
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सतसिय ा क अपम न होन क ब द धयय कस रख ज ि कम य अमधक जजिन भी सतय गरही
ममल उनदही क स थ हमन िीवर सतय गरह करन क तनिय तकय अब सतसिय ा को लड ई म भ ग
लन स रोक नही ज सकि थ यही नही हमन सतसिय ा को लड ई म भरिी होन क तनमािण दन
क तनिय तकय सबस पहल उन बहनो को तनमािण ददय जो टोलसटोय फ मय म रह चकी थी
व िो लड ई म शरीक होन क ततलए अतयनदि उतसक थी मन उनदह सतय गरह की लड ई म भ ग लन
क स र खिरो स पररमचि कर य मन उनदह समझ य तक लड ई म ससतममततलि होन क ब द उनक
ख न-पीन पोश क सोन-बठन सब पर तनयािण लग ज एाग मन उनदह यह चि वनी भी दी तक
जल म उनदह कडी महनि क क म सौप ज सकि ह उनस कपड धलव य ज सकि ह जल-
अमधक री उनक अपम न भी कर सकि ह लतकन व सब बहन बह र थी व मरी बि ई एक
भी ब ि स भयभीि नही हई एक िो गभयविी थी छह बहनो की गोद म छोट बछच थ ऐसी
बहनो न भी लड ई म भ ग लन क आगरह तकय इनम स तकसी भी बहन को रोकन की शतति
मझम नही थी इनम छह बहन दध पीि छोट बछचो व ली थी
इन बहनो क परथम परयतन तनषफल गय उनदहोन र नदसव ल क वरीतनजजिग न मक सथ न
म तबन परव न क परवश करक फरी लग ई लतकन पततलस न उनदह पकडन स इनक र कर ददय
जब रीतनकस क दल र नदसव ल म परवश कर उसी समय व १६ बहन ndash जजनदहोन र नदसव ल
म तगरफि र होन क तवफल परयतन तकय थ ndash न ि ल म परवश करन व ली थी जजस परक र
न ि ल स र नदसव ल म तबन परव न क परवश करन अपर ध थ उसी परक र र नदसव ल स न ि ल
म तबन परव न क परवश करन भी अपर ध थ इस िरह यदद पततलस तगरफि र कर िो इन बहनो
को न ि ल म तगरफि र होन थ और यदद न कर िो उनदह न ि ल की कोयल की खद नो क कनदर
नदयकसल िक ज कर उनम क म करन व ल तगरममदटय मजदरो को खद न छोडकर ब हर तनकल
ज न की ब ि समझ नी थी यदद मजदर इन बहनो की ब ि म नकर अपन क म छोड दि िो
मजदरो क स थ उनद ह भी सरक र अवकय ही तगरफि र करिी और बहनो की तगरफि री स इन
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मजदरो क उतस ह अमधक बढन की परी साभ वन थी इस िरह की वयह-रचन मन म िय र
करक मन र नदसव ल की बहनो को अछछी िरह समझ दी
इसक ब द म रीतनकस गय वह ा रहन व ली बहनो को िथ अनदयो को उठ य गय क़दमो
क ब र म होन व ली भयाकरि िथ जो कषट उठ न पडग इसक ब र म ब ि बि ई उनदहोन
र नदसव ल की बहनो की िरह बीड उठ ततलय उसम कसिरब ई भी थी और व जलय ि करन
क ततलए िय र हो गई उनदहोन मझ तवशव स ददल य तक हर िरह क ःख सहन करक भी व जल
की सज परी करगी
सतय गरतहयो क यह दल सीम ल ाग कर बगर परव न क र नदसव ल म परवश हई इस दल
को तगरफि र कर ततलय उस पर अद लि म मक़ददम चल हर सतय गरही को िीन-िीन महीन
की सखि क़द की सज ममली
जो बहन र नदसव ल म तगरफि र होन क परयतन म तनर श हई थी उनदहोन अब न ि ल म
परवश तकय उनदह बगर परव न क न ि ल म परवश करन क अपर ध म पततलस न तगरफि र नही
तकय यह तनिय तकय गय थ तक पततलस यदद उनदह तगरफि र न कर िो नदयकसल म छ वनी
ड ल कर बहनो न अपन क म आराभ कर ददय उनक परभ व तबजली की िरह फल गय िीन
पौड क कर की करण कह नी न मजदरो क हदय को तपघल ददय उनदहोन अपन क म छोड
ददय
अब सरक र इन बह र बहनो को कस छोडिी उनदह तगरफि र कर ततलय गय परतयक
को िीन महीन की क़द की सज ममली
सतसिय ा की वीरि क वणयन भल तकन शबदो म तकय ज एा सभी को न ि ल की र जध नी
मररतसबगय क जल म रख गय थ वह ा उनदह क री कषट ददय गय उनक भोजन क ब र म जर
भी धय न नही रख गय महनि म उनद ह धोबी क क म सोप गय सरक र न लगभग सज
खिम होन िक ब हर स भोजन पहाच न पर कड परतिबनदध लग रख थ एक बहन क एक
तवशष परक र क भोजन करन क वरि थ बडी कदठन ई क ब द जल-अमधक ररयो न उस तवशष
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भोजन की इज जि दी लतकन जो भोजन ददय ज ि थ वह इिन खर ब होि थ तक ख य
नही ज ि थ जिन क िल की उस बहन को बडी जररि थी पहल िो वह नही ददय गय
कछ ददन ब द ददय गय लतकन वह पर न थ और उिर हआ थ जब उस बहन न अपन पस
स यह िल माग न की पर थयन की िो उिर म कह गय ldquoयह कोई होटल नही ह जो भोजन
ददय ज ए वही िमह ख न होग rdquo वह बहन जब जल स ब हर तनकली िब ह ड-हपिजर म ि रह
गई थी बड परयतन स ही वह बची
दसरी एक बहन ज नलव बख र लकर जल स ररह हई उसक इस बख र न उस जल म
ररह होन क कछ ही ददन ब द भगव न क प स पहाच ददय (२२ फरवरी १९१४) उस म कस
भल सकि हा उसक न म व ततलय मम आर मनसव मी मदततलय र वह १८ वषय की ब ल थी म
उस ममलन गय िब वह रोग-शयय पर पडी थी वह कद म ऊा ची थी इसीततलए उसक लकडी
जस कश शरीर भयाकर ददख ई दि थ
मन पछ ldquoव ततलय मम जल ज न क िमह पि ि प िो नही हrdquo
ldquoपि ि प कयो होग मझ तफर स पकड ज ए िो म तफर जल ज न को िय र हाrdquo
ldquoलतकन इसक पररण म िमह री मौि म आय िोrdquo मन पछ
ldquoभल आय दश क ख तिर मरन कौन पसाद न करग rdquo
हम री इस ब िचीि क ब द कछ ही ददनो म व ततलय मम मर गई परनदि वह ब ल अपन
न म अमर कर गई इन बहनो क बततलद न तवशदध थ शदध हि स ददय गय बततलद न सफल
होि ह ईशवर भ वन क भख ह भतति स अथ यि तनःसव थय बजदध स अपयण तकय गय पि पषप
य जल भी ईशवर परम स सवीक र करि ह और उसक करोड गन फल दि ह सतय गरहीओ क
इिन समझ लन ही ह तक उसम स एक भी शदध ह िो उसक यजञ फल दन क ततलए पय यपि ह
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परथवी सतय क बल पर दटकी हई ह - असि - असतय - क अथय ह lsquoनहीrsquo सि -सतय-क
अथय ह lsquoहrsquo असि क जब कोई अतसितव ही नही ह िो उसकी सफलि कस हो सकिी ह
और जो lsquoहrsquo उसक न श कौन कर सकि ह इिन म सतय गरह क सापणयश सि सम ज ि ह
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५७ मज़दरो का परवाह
नयकसल क प स की कोयल की खद नो क तहनदसि नी मजदरो पर बहनो क इस तय ग क अदभि
असर पड उनदहोन अपन औज र छोड ददय और उनक परव ह शहर की ओर बहन लग इसक
पि चलि ही मन रीतनकस छोड और म नदयकसल ज पहाच
ऐस मजदरो क अपन मक न नही होि खद नो क म ततलक ही उनक ततलए घर बन ि ह
और म ततलक ही उनक र सिो पर बततिय ा लग ि ह म ततलक ही उनदह प नी भी दि ह इसततलए
मजदर हर िरह स म ततलको क अधीन रहि ह
य हडि ली मर प स िरह-िरह की ततशक यि ल न लग कोई कहि तक म ततलक र सिो की
बततिय ा बाद कर दि ह कोई कहि तक म ततलक हम र प नी बाद कर दि ह िीसर कहि तक
म ततलक हडि ततलयो को गहसथी क स म न कोठररयो स ब हर फ क दि ह मन सझ व ददय एक
म ि म गय यही रह ज ि थ तक मजदर म ततलको की कोठररय ा छोड द ndash अथ यि व तहजरि कर
मजदर कोई प ाच-पचीस नही थ बचलक सकडो थ और उनक हज रो होन म भी कोई दर
नही लगिी उन सबक ततलए मक न म कह ा स ल ऊा ख न कह ा स ल ऊा लोगो की भ री भीड
जम गई इिन अमधक और तनरनदिर बढि रहन व ल मजदरो को एक ही सथ न पर बगर क म-
धनदध क रखन यदद असाभव नही िो भयाकर क म अवकय थ मझ अपनी समसय क हल ममल
गय इस समह को मझ र नदसव ल ल ल न च तहए और जजस परक र रीतनकस क १६ सतय गरही
तगरफि र हो गय उसी परक र इस समह को भी जल म बठ दन च तहए
मर प स लगभग प ाच हज र आदमी एकि हो गय थ इिन लोगो को रन स ल ज न
साभव नही थ इिन पस म कह ा स ल ि और रन स ल ज न म उन सबकी परीकष नही हो
सकिी थी नदयकसल स र नद सव ल की सीम ३६ मील दर थी न ि ल क सरहदी ग ाव च लसयट उन
और र नद सव ल क वोकसरसट थ अाि म मन पदल य ि करन क तनिय तकय मजदरो क
स थ मन चच य की उनक स थ उनकी पसततनय ा और ब लक भी थ कछ लोगो न आन क नी की
लतकन हदय को कड बन न क ततसव मर प स दसर इल ज ही नही थ मन उनस कह ददय तक
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जजनदह व पस खद नो पर ज न हो व ज सकि ह लतकन कोई व पस ज न को िय र नही थ
जो लोग अपाग थ उनदह रन स भजन क हमन तनणयय तकय ब की सब लोगो न पदल च लसयट उन
ज न की िय री बि ई यह माजजल दो ददन म िय करनी थी
एक ददन श म को मन उन लोगो स कह ददय तक कल पर िःक ल हम अपन कच आरमभ
करन ह र सि पर चलन क तनयम मन उनक स मन पढ सन य प ाच-छह हज र आदममयो क
समद य को सभ लन कोई खल नही थ उनकी तनकषिि साखय िो मर प स थी ही नही न मर
प स उनक न म और पि ही थ जजिन आदमी मर स थ रहन च हि थ उिनो ही स मझ सािोष
थ परतयक हडि ली को डढ पौड ड ल-रोटी और ढ ई िोल शककर क ततसव अनदय कोई भोजन
दन की शतति मझम नही थी मन उनस कह थ तक र सि म अगर कोई तहनदसि नी वय प री कछ
दग िो उस हम सवीक र करग लतकन कछ नही ममल िो सबको ड ल-रोटी और शककर स ही
सािोष करन होग बोअर-यदध और जल-तवरोह क समय जो अनभव मझ पर पि हए थ व इस
समय मर ततलए बड उपयोगी ततसदध हए एक शिय यह भी थी तक स थ म कोई जररि स जय द
कपड न रख र सि म तकसी की कोई चीज नही ली ज सकिी अमधक री य कोई अागरज र सि
म ममल और व ग ली द अथव म र म र िो वह भी सहन कर ततलय ज य पततलस तगरफि र कर
िो तगरफि र हो ज न च तहए म तगरफि र हो ज ऊा िो भी कच उनदह ज री रखन च तहए ndash आदद-
आदद ब ि मन हडि ततलयो को समझ ई मरी तगरफि री क ब द एक क ब द एक कौन वयतति
नि क रप म तनयि होग उनक न म भी मन सबको बि ददय
सब लोग मरी सचन ओ को समझ गय हम र क तरल सहीसल मि च लसयट उन पहाच
गय च लसयट उन म तहनदसि नी वय प ररयो न खब मदद दी उनदहोन अपन मक नो क उपयोग
हम करन ददय मचसजद क मद न म ख न बन न की इज जि दी कच क समय जो ख न ददय
ज ि थ वह सथ यी छ वनी म नही रहि थ इसततलए वह ा रसोई बन न क ततलए बरिनो की
जररि पडिी थी य बरिन भी वय प री हम खशी स दि थ च वल बगर िो मर प स बडी म ि
म जम हो गय थ उसम भी वय प ररयो न अपन तहसस ददय थ
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च लसयट उन एक छोट स ग ाव थ उसकी आब दी उस समय मतककल स च र-प ाच हज र
आदममयो की थी उनम इन कई हज र हडि ततलयो क सम वश करन कदठन थ ततसरय सतसिय ा
और बछचो को ही हमन मक नो म ठहर य ब की क सब लोगो न मद न म ही पड व ड ल
मर स थी और म झ ड लग न मल उठ न और ऐस ही दसर क मो म जर भी नही
तहचतकच ि थ इसततलए दसर लोग भी बड उतस ह स य क म करि थ यदद हम य क म न करि
िो तकस हकम दि यदद सब कोई सरद र बनकर दसरो को हकम द िो अाि म कोई क म पर
ही न हो परनदि जह ा सरद र खद सवक बन ज ि ह वह ा दसर लोग सरद री क द व कर ही
कस सकि ह
रसोई बन न व लो म गखय म ही थ कभी द ल म प नी जय द पड ज ि थ िो कभी
कछची रह ज िी थी कभी ऐस भी होि थ तक सबजी कछची रह ज िी थी िो कभी च वल
कछच रह ज ि थ ऐस भोजन हासि-हासि ल लन व ल म न सास र म तवरल ही प य ह
ख न बन न क बज य ख न परोसन क क म अमधक कदठन थ और यह क म कवल
मर ही ह थ म रहि थ कछच-पकक ख न क तहस ब िो मझ ही लोगो को दन होि थ ख न
कम हो और ख न व ल बढ ज एा िब सबको कम ख न दकर सनदिषट करन क क म भी मझ ही
करन होि थ जब म बहनो को कम ख न दि िो व एक कषण क ततलए मर स मन उल हन की
नजर स दखिी और तफर मरी चसथति को समझ कर हासिी-हासिी चल दिी थी उन दकयो को म
जीवन म कभी भल नही सका ग म उनस कहि ldquoकय करा म ल च र हो गय हा मर प स
बन हआ ख न कम ह और ख न व ल लोग जय द ह इसततलए मझ सबक तहसस म जजिन आ
सकि ह उिन ही दन होग rdquo इिन स व चसथति को समझ लिी थी और सािोषम कहकर
हासिी हई चली ज िी थी
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५८ ऐ भवय कच
मन र नदसव ल सरक र को पि ततलख थ तक हम र नदसव ल म बसन क उददकय स परवश नही करन
च हि हम र यह परवश सरक र क वचनभाग क तवरदध उठ ई ज न व ली हम री परभ वश ली
आव ज ह और हम र सव कषभम न क भाग स हम जो ःख हो रह ह उसकी शदध तनश नी ह यदद
आप हम यही ndash च लसयट उन म ही ndash पकड लग िो हम सब तनकषिनदि हो ज एाग यदद आप ऐस
न कर और हम र दल म स कोई मछप िौर पर र नदसव ल म द खखल हो ज ए िो उसक ततलए हम
जजममद र नही रहग हम री इस लड ई म गपि कछ ह ही नही तकसीको अपन वयततिगि सव थय
नही स धन ह हम म स कोई आदमी मछप िौर पर र नदसव ल म परवश कर यह हम पसाद नही
ह लतकन जह ा हज रो अपररमचि और अनज न लोगो स क म लन ह और जह ा परम क ततसव
दसर कोई बाधन नही ह वह ा तकसी क क म क ततलए हम जजममद र नही हो सकि इसक ततसव
आप यह भी ज न ल की अगर आप िीन पौड क कर रद कर दग िो तगरममदटय मजदर तफर स
क म पर लग ज एाग और हडि ल बाद हो ज एगी हम र दसर ःखो को दर कर न क ततलए हम
इन मजदरो को सतय गरह म शरीक नही करग
लतकन ऐसी चसथति म सरक र क उिर की परिीकष अमधक ददन िक नही की ज सकिी
थी अगर पकड नही ज एाग िो हमन तनिय तकय तक सरक र तगरफि र न कर िो िरनदि
च लसयट उन छोडकर र नदसव ल म परवश करन च तहए अगर सरक र र सि म तगरफि र न कर
िो क तरल को परतिददन २० स २४ मील की य ि आठ ददन िक करनी थी आठ ददन म हम र
इर द टोलसटॉय फ मय पहाचन क थ हमन सोच थ तक लड ई परी होन िक सब सतय गरही वही
रहग और फ मय पर क म करक अपनी जीतवक उतपनदन करग
क तरल क कच की दसरी िय ररय ा भी हमन की च लसयट उन क भल अागरज डोकटर
तबरसको न हम र ततलए दव इयो की एक छोटीसी पटी िय र कर दी और अपन कछ ऐस औज र भी
द ददय जजनक उपयोग मर जस स म नदय आदमी कर सक
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खर क म ड ल-रोटी और शककर क ततसव दसर कछ नही थ परनदि ड ल-रोटी आठ
ददन क कच म महय कस की ज ए तफर रोटी रोज क तरल क लोगो म ब ाटन जररी थ
इसक एकम ि उप य यह थ तक हर माजजल पर हम ड ल-रोटी पहाच न की जजममद री कोई ल
लतकन यह क म कौन कर वोकसरसट (च लसयट उन क नजदीक र नदसव ल क सरहदी कनदर)
च लसयट उन स लगभग गन बड थ वह ा गोर भदठय र की एक बडी क न थी उसन परतयक
सथ न पर ड ल-रोटी पहाच न क कर र हम र स थ तकय उसन समय स रल पर ड ल-रोटी भजी
और रल-कमयच ररयो न (य भी गोर ही थ) ईम नद री स ड ल-रोटी हम िक पहाच ई यही नही
उन लोगो न ड ल-रोटी हम िक पहाच न म परी स वध नी बरिी और हम र ततलए कछ ख स
सतवध या कर दी व ज नि थ तक हम री तकसीस कमनी नही थी
जब हम र कच की स री िय ररय ा हो गई िब मन तफर एक ब र सरक र क स थ समझौि
क परयतन तकय पि और ि र िो मन भज ही थ अब मन यह तनणयय तकय तक सरक र को
टततलफोन भी तकय ज ए भल वह मर अपम न ही क यो न कर
आध ममनट म मझ इसक उिर ममल गय ldquoजनरल समटस आपक स थ कोई साबाध नही
रखन च हि आप जो च ह सो करrdquo और टततलफोन बनदद हो गय
मन इसी उिर की आश र खी थी कवल अततशषटि की आश नही रखी थी
मझ अपन स मन सपषट ददख ई दि थ दसर ददन (६ नवमबर १९१३) तनकषिि समय पर
(पर िः स ढ छह बज) हमन पर थयन को और ईशवर क न म पर अपन कच आराभ तकय हम र
इस क तरल म २०३७ परष १२७ सतसिय ा और ५७ ब लक थ
च लसयट उन स एक मील दर वोकसरसट क छोट स न ल पडि थ उस न ल को प र
तकय तक वोक सरसट म य कतहय र नदसव ल म परवश तकय ऐस म न ज ि थ उस न ल क
छोर पर घडसव र पततलस पहर पर खडी थी सबस पहल म उसक प स गय ज ि समय क तरल
क लोगो स कह गय थ तक म आन क साकि करा िब व सीम म परवश कर लतकन म पततलस
स ब ि कर ही रह थ तक लोग िजी स आग बढ और उनदहोन न ल प र कर ददय व र नदसव ल
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की सीम म पहाच गय घडसव रो न उनदह घर ततलय परनदि यह क तरल इस िरह पततलस क रोक
रकन व ल नही थ पततलस क इर द हम पकडन क िो थ ही नही मन सब लोगो को श ाि
तकय और कि रो म वयवचसथि होकर चलन की ब ि समझ ई प ाच-स ि ममनट म ही िब कछ
ठीक हो गय और हम र कच र नदसव ल म आराभ हआ
वोकसरसट क लोगो न दो ददन पहल ही एक सभ की थी और उसम अनक िरह की
धमतकय ा हम दी थी कछ लोगो न कह थ तक यदद तहनदसि नी र नदसव ल म परवश करग िो हम
उन पर गोततलय ा बरस यग उस सभ म शरी कलनबक गोरो को समझ न गय थ लतकन कोई
उनकी ब ि सनन को िय र नही थ
हम र जलस िो श ाति स आग बढ गय मझ य द नही आि तक तकसी गोर न मझ हम र
स थ जर भी शर रि की हो व सब यह अनोख दकय दखन क ततलए ब हर तनकल आय उनम
स कछ लोगो की आाखो म ममिि क भ व भी ददख ई दि थ
पहल ददन हम र पड व वोकसरसट स क़रीब आठ मील दर क एक सटशन प सफोडय पर
थ वह ा हम श म क कोई ५-६ बज पहाच होग लोगो न ड ल-रोटी और शककर ख ई और सब
खली हव म मद न म लट गय कोई भजन ग ि थ िो कोई ब ि करि थ र सि म कछ सतसिय ा
थक गई अपन बछचो को गोद म लकर चलन की तहममि िो उनदहोन की थी लतकन आग चलन
उनकी शतति स ब हर थ इसततलए मरी चि वनी क अनस र मन उनदह एक भल तहनदसि नी की
क न म छोड ददय और उसस कह तक हम टोलसटोय फ मय पर पहाच ज य िो इन बहनो को वह ा
पहाच दन और यदद तगरफि र हो ज ए िो इनदह इनक घर भज दन तहनदसि नी वय प री न मरी
यह पर थयन सवीक र कर ली
र ि बढिी गई तयो-तयो शोरगल श ाि होि गय म भी सोन की वय री म ही थ तक मझ
तकसी क जिो की खट-खट सन ई दी मन एक गोर को ह थ म ल लटन ततलए आि दख मझ
िय री िो कछ करनी ही नही थी पततलस-अमधक री न मझस कह
ldquoआपक ततलए मर प स व राट ह मझ आपको तगरफि र करन हrdquo
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ldquoकब मन पछ
ldquoइसी समयrdquo उिर ममल
ldquoआप मझ कह ा ल ज एागrdquo
ldquoइस समय िो प स क रलव सटशन पर और जब ग डी आएगी िब उस पर बठ कर
वॉक सरसटrdquo
म बोल ldquoिो म तकसीको जग य तबन आपक स थ आि हा लतकन मर एक स थी को
थोडी सचन य द दा rdquo
ldquoजरर द दrdquo
प स ही सोय हए पी० क० न यड को मन जग य उनदह अपनी तगरफि री की ब ि बि ई
और कह तक सबह होन स पहल व लोगो को न जग य सबर होन पर तनयम नस र कच करन
की सचन उनदह कर दी स थ ही यह भी कह तक कच सयोदय स पहल आराभ हो जह ा तवशर म
करन और खर क ब ाटन क समय हो ज य वह ा लोगो स मरी तगरफि री की ब ि कही ज ए इस
बीच जो कोई पछ उस यह ब ि कहि ज एा क तरल को पततलस पकड िो वह तगरफि र हो ज य
और न पकड िो तनकषिि क ययकरम क अनस र अपन कच ज री रख न यड को कोई डर िो थ
ही नही व तगरफि र कर ततलए ज एा िो कय तकय ज य यह भी मन उनस कह ददय
शरी कलनबक िो वोकसरसट म मौजद थ ही
म पततलस अमधक री क स थ गय सबर हआ हम दोनो वोकसरसट की रन म बठ
वोकसरसट की अद लि म मझ पर मक़ददम चल पचबलक परोततसकयटर न सवया म ाग की तक कस
मलिवी रख ज य कयोतक उसक प स सबि िय र नही थ कस मलिवी रह मन जम नि पर
छटन की अरजी दी और क रण म बि य तक मर स थ १२२ सतसियो ५० ब लको िथ २०००
परषो स अमधक लोग ह मक़ददम की ि रीख लगन िक म उनदह तनकषिि सथ न पर रखकर व तपस
आ सकि हा और मक़ददम क समय ह जजर हो सकि हा सरक री वकील न जम नि की मरी
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अरजी क तवरोध तकय लतकन मजजसरट ल च र थ मझ पर जो आरोप लग य गय थ वह
ऐस नही थ जजसम जम नि पर छटक र प न की ब ि भी मजजसरट की सि पर तनभयर हो
इसततलए मजजसरट न मझ ५० पौड की जम नि पर छोड ददय शरी कलनबक न मर ततलए मोटर
िय र ही रखी थी उसम बठ कर उनदहोन मझ अपन क तरल क प स पहाच ददय दद टरानसवारल
रलीडर क तवशष साव दद ि हम र स थ आन च हि थ हमन उस क र म बठन की इज जि
द दी उसन क र की इस य ि क मर मक़ददम क और क तरल क स थ हए मर ममल प क
सनददर मचिण अपन अखब र म उस समय तकय थ लोगो न मर ह रदिक सव गि तकय उनक
उतस ह और जोश क कोई प र न रह इसक ब द कलनबक िराि वोकसरसट लौट गय उनक
जजमम च लसय-ट उन म रक हए और नय आन व ल तहनदसि तनयो की दखभ ल करन क क म
थ
हमन अपन कच ज री रख परनदि मझ सविाि रखन सरक र को अनकल नही लग
इसततलए उसन दसर ददन ८वी को सटनदडरटन म दसरी ब र मझ तगरफि र कर ततलय सटनदडरटन
िलन म बड ग ाव थ वह ा मझ तवमचि िरीक स पकड गय म क तरल क लोगो को ड ल-
रोटी ब ाट रह थ वह ा क तहनदसि नी वय प ररयो न मरबब क मडब भट तकय थ इसततलए बाटव र
क क म म जय द दर लगिी थी मजजसरट मर प स आकर खड हो गय उनदहोन खर क ब ाटन क
क म मझ पर कर लन ददय उसक ब द उनदहोन मझ एक ओर बल य म उनदह पहच नि थ
इसततलए म समझ तक व मझस कोई ब ि करन च हि होग लतकन उनदहोन हास कर मझस कह
ldquoआप मर क़दी हrdquo
मन कह ldquoमर दरज बढ गय ह पततलस क बदल मजजसरट सवया पकडन आय ह
लतकन आप मझ पर इसी समय मक़ददम चल यग नrdquo
व बोल ldquoमर स थ ही आप चततलए कोटय बठी ही हrdquo
क तरल क लोगो को कच ज री रखन की सल ह दकर म उनस अलग हआ कोटय म
पहाचि ही मन दख तक मर कछ स थी भी तगरफि र कर ततलए गय ह व प ाच थ
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मझ िरनदि कोटय क स मन खड तकय गय मन वोकसरसट म जम नि पर छटन क जो
क रण बि य थ व ही क रण यह ा भी बि ि हए जम नि पर छटन की अरजी दी यह ा भी सरक री
वकील न मरी अरजी क तवरोध तकय लतकन यह ा भी मजजसरट न २१ नवमबर १९१३ िक
मक़ददम मलिवी कर ददय तहनदसि नी वय प ररयो न मर ततलए इकक िय र ही रख थ उसम
बठ कर मझ क तरल क प स पहाच ददय जो अभी िीन मील क फ सल भी िय नही कर प य
थ अब क तरल क लोगो न और मन भी सोच तक श यद टोलसटोय फ मय िक सब पहाच ज एाग
परनदि हम री यह ध रण ग़लि तनकली तफर भी क तरल क लोग मरी तगरफि री क आदी हो
गय यह कोई म मली पररण म नही थ मर स थी िो जल म ही रह
हम कच करि-करि अब जोह तनसबगय क तनकट आ पहाच थ सापणय य ि को हमन आठ
ददन की आठ माजजलो म ब ाट ददय थ अभी िक हम तनकषिि की हई माजजल परी करि चल आ
रह थ इसततलए अब हम र स मन कल च र माजजल िय करन ब की थ परनदि जयो-जयो हम र
उतस ह बढि ज रह थ तयो-तयो सरक र की ज गति भी बढिी ज रही थी सरक र हम अपनी
माजजल परी कर लन दिी और उसक ब द हम पकडिी िब िो वह उसकी कमजोरी और
अकशलि म नी ज िी इसततलए यदद उस हम पकडन हो िो माजजल परी होन क पहल ही
पकडन च तहए
गोखल न समरी ि र दव र यह इछछ परकट की थी तक शरी पोल क तहनदसि न आकर
उनकी सह यि कर इसततलए उनदह तहनदसि न भजन की िय री चल रही थी मन उनदह ततलख
भज थ तक व तहनदसि न ज सकि ह लतकन मझस ममल तबन और परी तहद यि ततलए तबन
ज न की उनकी इछछ नही थी इसततलए हम र कच क दौर न ही मझस ममल ज न की उनदहोन म ाग
की मन ि र तकय तक तगरफि री क खिर उठ कर आप आन च ह िो आ सकि ह शरी पोल क
न तगरफि री क खिर उठ कर भी मर प स आन पसाद तकय
९वी क रोज सटनदडरटन िथ गर सलिगसटड क तबच टीकवथय सथ न पर आकर हमस ममल
हम री ब ि चल रही थी लगभग परी होन को आई थी उस समय दोपहर क क़रीब ३ बज होग
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हम दोनो क तरल क आग चल रह थ दसर स थी भी हम री ब ि सन रह थ श म को शरी पोल क
को डरबन ज न व ली ग डी पकडनी थी परनदि जब र मचनदरजी जस को भी र ज-तिलक क ही
समय वनव स ममल िो पोल क भल तकस तगनिी म थ हम ब ि कर रह थ इिन म एक
घोड ग डी हम र स मन आकर खडी हो गई उसम एततशय ई तवभ ग क अमधक री शरी चमनी और
पततलस क एक अमधक री थ दोनो नीच उिर मझ जर दर ल ज कर उनम स एक न कह
ldquoम आपको तगरफि र करि हाrdquo इस परक र म च र ददनम िीन ब र तगरफि र तकय गय
मन पछ ldquoक तरल क क य होग rdquo
ldquoसब हो ज यग rdquo
म कछ न बोल पततलस अमधक री न मझ कवल अपनी तगरफि री की ही खबर लोगो को
सन न दी मन पोल क स कह ददय तक व क तरल क स थ ज एा जब म लोगो को श ाति रखन
आदद की ब ि समझ न लग िो अमधक री महोदय न कह
ldquoअब आप क़दी ह आप कोई भ षण नही द सकिrdquo
मझ गरीसलिग सटनदड और वह ा स बलफ र होकर हडलबगय क थ न म ल गय र ि मरी वही
बीिी
क तरल को लकर पोल क आग बढ सब हडलबगय पहाच मर स थ आय हए पर क तरल
को भी तगरफि र करन की वयवसथ हो चकी थी
वह ा दो सपततशयल रन सटशन पर क तरल क लोगो को क़द करक न ि ल पहाच दन क
ततलए खडी थी लतकन लोगो न कछ जजद पकड ली व बोल ldquoग ाधी को बल इय व कहग िो
हम तगरफि र हो ज एाग और रन म बठ ज एागrdquo शरी पोल क और क छततलय सठ की मदद ली
दोनो बडी कदठन ई स क तरल को समझ सक अाि म सब लोग समझ गय और श ाति स रन म
बठ गय
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५९ सतयागरह की नवजय
दसरी ओर मझ तफर कोटय म मजजसरट क स मन खड तकय गय इस ब र डाडी स तगरफि री
क वोराट तनकल थ तगरममदटय ओ को न ि ल छोडन क ततलए ल लच दन क आरोप मझ पर
रख गय
उसी ददन मझ रन स डाडी ल ज य गय
इधर शरी पोल क को हडलबगय म तगरफि र नही तकय गय बचलक अमधक ररयो न उनकी
मदद क ततलए उनक आभ र भी म न लतकन जब व च लसयट उन म रन क इनदिज र म खड थ
िब पकड ततलए गय शरी कलनबक भी तगरफि र कर ततलए गय दोनो को वोकसरसट की जल म
रख गय
मझ पर ११ नवमबर १९१३ को डाडी म मक़ददम चल और ९ महीन सखि क़द की सज
ममली अभी तनतषदध लोगो को र नदसव ल क भीिर परवश करन म मदद दन क अकषभयोग म मझ
पर वोकसरसट म मक़ददम चलन ब की थ इसततलए डाडी स मझ १३ नवमबर को वोकसरसट ल
ज य गय वह ा मन शरी कलनबक और शरी पोल क को दख इसस हम अप र आनाद हआ हम
लोग कछक ददन सखपवयक वोकसरसट की जल म रह पराि सरक र न हम िीनो को अलग-अलग
जलो म भज ददय
क तरल क य तियो को सरक र तवशष रनो म बठ कर न ि ल ल गय सरक र न कोयल
की खद नो क च रो िरफ ि र की ज ली ब ाध दी और डाडी िथ नदय कसल की सीम म ब हरी
जल बन ली और खद नो क यरोतपयन नौकरो को उन जलो क व डयर तनयि कर ददय ऐस
करक मजदरो न जजस क म को सवछछ स छोड थ वह क म सरक र न उनस जबरदसिी करव य
अि अब मजदर सापणय रप म गल म बनकर रह गय
उनदहोन खद नो म क म करन स स र इनक र कर ददय इसक फलसवरप उनदह कोडो
की म र सहनी पडी उनदहोन इन मजदरो को ल ि म री ग ततलय ा दी और दसर भी अनक अतय च र
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सहन तकय ऐस अतय च र क ि र तहनदसि न आय उसक पररण म यह हआ तक समच
तहनदसि न भडक उठ और दकषकषण अफ़रीक क परशन तहनदसि न क परमख परशन बन गय
यही वह अवसर थ जब (ददसाबर १९१३) व इसरोय लोडय ह रडिग न अपन मर स क
परततसदध भ षण तकय थ जजसन दकषकषण अफ़रीक म और इागलणड म खलबली मच दी थी
व इसरोय दसर उपतनवशो की अथव तबरदटश स मर जय क अागभि दशो की स वयजतनक रप म
टीक नही कर सकि थ परनदि लोडय ह रडिग न न कवल यतनयन सरक र की कडी टीक की
बचलक दकषकषण अफ़रीक क सतय गरतहयो क पर बच व भी तकय और उनक दव र तकय ज न व ल
सतवनय क़ नन भाग क समथयन तकय लोडय ह रडिग की इस दढि क बड अछछ असर हआ
हज रो तनदोष मनषयो की जल म बाद रखन की शतति दकषकषण अफ़रीक की सरक र म नही
थी भ रि क व इसरोय भी इस ब ि को सहन करन व ल नही थ स री तनय दख रही थी तक
जनरल समटस अब कय करि ह दकषकषण अफ़रीक की सरक र न वही तकय जो ऐस समय
स म नदयिः दसरी सरक र करिी ह
परज मि स डर कर चलन व ल र जय एक कमीशन तनयि करक ऐसी तवषम चसथति स
ब हर तनकल ज ि ह यह कमीशन न म की ज ाच करि ह कयोतक ऐस कमीशन की ज ाच क
पररण म पहल स ही ज न हआ रहि ह और कमीशन जो ततसफ ररश करि ह उन पर अतनव यय
रप म अमल करन की स म नदय परथ होिी ह इसततलए ऐस ततसर ररशो क आशरय लकर र जय
वही नदय य करि ह जजनक ततलए व पहल इनक र कर चक होि ह जनरल समटस क इस कमीशन
म िीन सदसय तनयि तकय गय थ सवया कमीशन न सरक र स ततसर ररश की थी तक उसक क म
सरल बन न क ततलए शरी कलनबक को शरी पोल क को और मझ तबन शिय क छोड ददय ज य
सरक र न उसकी यह सल ह म न ली और हम िीनो को एकस थ (१८ ददसाबर १९९३) छोड
ददय हमन मतककल स दो म स की क़द भोगी होगी
कमीशन म तहनददीओ की ओर स कोई भी एक परतितनमधरप आदमी हो यह जररी म लम
पड मन जनरल समटस क पि इस साबाध म ततलख
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जनरल समटस न कमीशन क सदसय बढ न स इनक र कर ददय हमन जल ज न की
िय री करक यह घोषण कर दी तक १ जनवरी १९१४ क ददन डरबन स जल ज न व ल
तहनदसि तनयो क एक कच आराभ होग
इसी समय यतनयन रलव म गोर कमयच ररयो की बहि बडी हडि ल हई उस हडि ल
यतनयन सरक र की चसथति न जक हो गई मझस कह गय तक ऐस समय म तहनदसि तनयो क
कच आराभ कर दा पर मन घोतषि तकय तक म हडि ली गोरो की इस िरह मदद नही कर सकि
हम र उददकय सरक र को परश न करन नही ह हम री लड ई गोरो की लड ई स अलग ह और
कषभनद न परक र की ह हम कच करन भी होग िो हम दसर समय करग जब रलव क उपरव श ाि
हो ज एग हम र इस तनिय क गहर परभ व हआ इसकी सचन र यटर न ि र स इागलणड
भजी लोडय एमपटतहल न हम इागलणड स धनदयव द क ि र भज दकषकषण अफ़रीक क अागरज ममिो
न भी हम धनदयव द ददय जनरल समटस क एक समचव न मझस तवनोद म कह ldquoमझ आपक
लोग तबलकल अछछ नही लगि म उनकी जर भी मदद नही करन च हि लतकन हम उनक
कय कर आप लोग साकट की चसथति म हम री सह यि करि ह आपको कस म र ज ए म
िो बहि ब र च हि हा तक आप भी इन अागरज हडि ततलयो की िरह हललड कर वसी चसथति म
िो हम िरनदि आप लोगो को सीध कर सकि ह लतकन आप िो कमनो को भी ःखी नही करन
च हि आप सवया ही ःख सहन करक जीिन च हि ह आप ततशषटि की मय यद कभी छोडि
नही इसस हम आपक स मन ल च र हो ज ि ह rdquo
इसी परक र क उदग र जनरल समटस न भी परकट तकय थ
तहनदसि तनयो क सौजनदय क ऐस अनक उद हरणो क जो अदकय परभ व च रो ओर पडि
ही रहि थ उस म दख सकि थ इस परभ व क फलसवरप तहनदसि तनयो की परतिषठ म वजदध
होिी रहिी थी और समझौि क ततलए अनकल हव बनिी रहिी थी
कमीशन क क म क साबाध म जनरल समटस क स थ मन पिवयवह र तकय पर थममक
समझौि हआ कमीशन न ररपोटय म कौम की जो-जो म ाग थी उन सबको पर करन की
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ततसर ररश की िथ िराि ब द सरक र न यतनयन गजट म तहनददी को र हि दन व ल क़ नन घोतषि
कर ददय जजसक अािगयि िीन पौड क कर अवकय ही रद कर ददय ज न जो तवव ह तहनदसि न
म क़ नन म न ज ि य स र तवव ह दकषकषण अफ़रीक म भी क़ ननन समझ गय जजन लोगो को
दकषकषण अफ़रीक म रहन क ततलए परम णपि ममलि थ उन परम णपिो स दकषकषण अफ़रीक म तनव स
क अमधक र पर पि हो गय
इस परक र आठ वषय क अाि म सतय गरह की यह मह न लड ई परी हई और यह म न गय
तक सापणय दकषकषण अफ़रीक म बस हए तहनदसि तनयो को श ननदि ममली १८ जल ई १९१४ को
ःख और हषय क स थ म इगलणड म गोखल स ममलकर वह ा स तहनदसि न ज न क ततलए दकषकषण
अफ़रीक स रव न हो गय जजस दकषकषण अफ़रीक म मन २१ वषय तनव स तकय और असाखय
कडव और मीठ अनभव पर पि तकय िथ जह ा म अपन जीवन क लकषय को समझ सक उस दश
को छोडन मझ बहि कदठन म लम हआ
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भाग-९ नवलायत तथा लडाई
६० लडाई म नहससा
१९१४ की ४ अगसि को यदध घोतषि तकय गय ६ अगसि को हम तवल यि पहाच
मझ लग तक तवल यि म रहन व ल तहनदसि तनयो को लड ई म अपन तहसस अद करन
च तहए अागरज तवदय रथियो न लड ई म सव करन क अपन तनिय घोतषि तकय थ तहनदसि नी
इसस कम नही कर सकि थ इन दलीलो क तवरोध म इस सभ म बहि दलील दी गयी
जब जनि की म ाग को दढि -पवयक परकट करन च तहए और श सन-पदधति म सध र
कर लन क आगरह रखन च तहए मन अागरजो की इस आपतति क समय अपनी म ाग पश करन
ठीक न समझ और लड ई क समय अमधक रो की म ाग को मलिवी रखन क सायम म सभयि
और दरदतषट क दशयन तकय इसततलए म अपनी सल ह पर दढ रह और मन लोगो स कह तक
जजनदह सवयासवको की भरिी म न म ततलख न हो व ततलख व क री साखय म न म ततलख य गय
उनम लगभग सभी पर नदिो और सभी धमो क लोगो क न म थ
मन इस तवषय म ल डय कर को पि ततलख और तहनदसि तनयो की म ाग को सवीक र करन क
ततलए घ यल सतनको की सव की ि लीम लन आवकयक म न ज य िो वसी ि लीम लन की
इछछ और िय री परकट की थोड तवच र-तवमशय क ब द ल डय कर न तहनदसि तनयो की म ाग सवीक र
कर ली और साकट क समय म स मर जय की सह यि करन की िय री ददख न क ततलए आभ र
परदरशिि तकय
यदध म ससतममततलि होन क अहहिस क स थ कोई मल नही बठ सकि तकनदि कियवय क
बोध हम दीपक की भ ाति सपषट नही होि
मझ अागरजी र जय क दव र अपनी अथ यि अपन र षटर की चसथति सध रनी थी म तवल यि
म बठ हआ अागरजो क जागी बड स सरकषकषि थ उस बल क इस परक र उपयोग करक म उसम
तवदयम न हहिस म सीधी िरह स झद र बनि थ अिएव यदद आखखरक र मझ उस र जय क
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स थ वयवह र बन य रखन हो उस र जय क झाड क नीच रहन हो िो य िो मझ परकट रप स
यदध क तवरोध करक उसक सतय गरह क श सि क अनस र उस समय िक बतहषक र करन
च तहए जब िक उस र जय की यदधनीति म पररवियन न हो अथव उसक जो क़ नन भाग करन
योगय हो उनक सतवनय भाग करक जल की र ह पकडनी च तहए अथव उसक यदधक यय म
ससतममततलि होकर उसक मक बल करन की शतति और अमधक र पर पि करन च तहए मझम ऐसी
शतति नही थी इसततलए मन म न तक मर प स यदध म ससतममततलि होन क ही म गय बच थ
मन बनददकध री म और उसकी मदद करन व ल म अहहिस की दतषट स कोई भद नही म न
जो मनषय लटरो की टोली म उनकी आवकयक सव करन उनक बोझ ढोन लट क समय पहर
दन िथ घ यल होन पर उनकी सव करन म ससतममततलि होि ह वह लट क साबाध म लटरो जजिन
ही जजममद र ह इस िरह सोचन पर रौज म कवल घ यलो की ही स र-साभ ल करन क क म म
लग हआ वयतति भी यदध क दोषो स मि नही हो सकि
पोल क क ि र ममलन स पहल ही मन यह सब सोच ततलय थ उनक ि र ममलन पर
मन कछ ममिो स उसकी चच य की यदध म ससतममततलि होन म मन धमय म न और आज भी इस
परशन पर सोचि हा िो मझ उपययि तवच रध र म कोई दोष नजर नही आि तबरदटश स मर जय
क तवषय म उस समय मर जो तवच र थ उनक अनस र मन यदध-क यय म तहसस ततलय थ अिएव
मझ उसक पि ि प भी नही ह
तवल यि म इस दरममय न मझ पसली की वरम की ततशक यि हई मझ सल ह ममली तक
म झ ड क ददनो स पहल ही दश म पहाच ज ऊा मन इस सल ह क सवीक र तकय अनक वषो
क तनव स क उपर नदि सवदश गमन स मझ अतयाि खशी हई
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भाग-१० दश म और साबरमती आशरम की सथापना
६१ पि म
म बमबई क बनददरग ह पर उिर िभी मझ पि चल तक उस समय यह पररव र श ननदितनकिन म
थ इसततलए गोखल स ममलन क ब द म वह ा ज न को अधीर हो गय
गोखल न और सोस यटी (भ रि-सवक-सम ज) क सदसयो न मझ अपन परम स नहल
ददय जह ा िक मझ य द ह उनदहोन सब सदसयो को पन बल य थ सबक स थ कई तवषयो पर
मन ददल खोलकर ब िचीि की गोखल की िीवर इछछ थी तक म भी सोस यटी म ससतममततलि हो
ज ऊा मरी इछछ िो थी ही तकनदि सोस यटी क सदसयो को ऐस लग तक सोस यटी क आदशय
और क म करन की रीति मझस कषभनद न ह इसततलए मझ सदसय बनन च तहए य नही इस ब र म
उनक मन म शाक थी
मन अपन तवच र गोखल को बि ददय थ ldquoम सोस यटी क सदसय बना च ह न बना िो
भी मझ एक आशरम खोलकर उसम रीतनकस क स ततथयो को रखन और खद वह ा बठ ज न ह
इस तवशव स क क रण तक गजर िी होन स मर प स गजर ि की सव क जररय दश की सव करन
की पाजी अमधक होनी च तहए म गजर ि म ही कही चसथर होन च हि हाrdquo गोखल को य तवच र
पसनदद पड थ इसततलए उनदहोन कह ldquoआप अवकय ऐस कर सदसयो क स थ की ब िचीि क
जो भी पररण म आय पर यह तनकषिि ह तक आपको आशरम क ततलए पस मझीस लन ह उस म
अपन ही आशरम समझाग rdquo
मर हदय फल उठ म यह सोचकर बहि खश हआ तक मझ पस उग हन क धनदध स
मतति ममल गयी और यह तक अब मझ अपनी जव बद री पर नही चलन पडग बचलक हर परश नी
क समय मझ र सि ददख न व ल कोई होग इस तवशव स क क रण मझ ऐस लग म नो मर
ततसर क बड बोझ उिर गय हो
गोखल न मझस परतिजञ करव यी ह तक मझ एक वषय िक दश म भरमण करन ह तकसी
स वयजतनक परशन पर अपन तवच र न िो बन न ह न परकट करन ह
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६२ तीसर दज की नवडमबना
दकषिि अफ़रीक म सतय गरह की लड ई क ततसलततसल म मन अपनी पोश क जजस हद िक
तगरममदटय मजदरो स ममलिी-जलिी की ज सकिी थी कर ली थी तवल यि म भी घर म म
यही पोश क पहनि थ तहनदसि न आकर मझ क दठय व डी पोश क पहननी थी दकषकषण
अफ़रीक म मन उस अपन स थ रख थ अिएव बमबई म म उसी पोश क म उिर सक थ इस
पोश क म कि य अागरख धोिी और सफद स फ क सम वश होि थ य सब दशी ममल क ही
कपड क बन हए थ बमबई स क दटय व ड मझ िीसर दज म ही ज न थ उसम स फ और
अागरख मझ झाझट म लम हए अिएव मन कवल कि य धोििी और आठ-दस आन की
क कमीरी टोपी क उपयोग तकय ऐसी पोश क पहनन व ल की तगनिी ग़रीब आदमी म होिी
थी
श ातितनकिन स व पस लौटि समय हम िीसर दज क दटकट लन थ उस लन म
परश नी हई जव ब ममल ldquoिीसर दज क य िी को दटकट पहल स नही ददय ज ि rdquo म सटशन-
म सटर स ममलन गय उनक प स मझ कौन ज न दि तकसीन दय करक सटशन-म सटर को
ददख ददय म वह ा पहाच उनस भी उपययि उिर ही ममल खखडकी खलन पर दटकट लन
गय पर दटकट आस नी स ममलन व ल न थ बलव न य िी एक क ब द एक घसि ज ि और
मझ-जसो को पीछ हट ि ज ि आखखर दटकट ममल
ग डी आयी उसम भी जो बलव न थ व घस गय बठ हओ और चढन व लो की बीच
ग ली-गलौज और धकक -मककी शर हई इसम तहसस लन मर ततलए साभव न थ हम िीनो
इधर स उधर चककर क टि रह सब ओर स एक ही जव ब ममलि थ ldquoयह ा जगह नही हrdquo
म ग डय क प स गय उसन कह ldquoजगह ममल िो बठो नही िो दसरी रन म ज न rdquo
मन नमरि -पवयक कह ldquoलतकन मझ जररी क म ह rdquo यह सनन क ततलए ग डय क प स
समय नही थ म ह र मगनल ल स कह ldquoजह ा जगह ममल बठ ज ओrdquo पतनी को लकर म
िीसर दज क दटकट स डयोढ दज म घस ग डय न मझ उसम ज ि दख ततलय थ
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आसनसोल सटशन पर ग डय जय द तकर य क पस लन आय मन कह ldquoमझ जगह
बि न आपक धमय थ जगह न ममलन क क रण म इसम बठ हा आप मझ िीसर दज म जगह
ददल इय म उसम ज न को िय र हाrdquo
ग डय स हब बोल ldquoमझस बहस मि कीजजए मर प स जगह नही ह पस न दन हो िो
ग डी स उिरन पडग rdquo
मझ िो तकसी भी िरह पन पहाचन थ ग डय स लडन की मरी तहममि नही थी मन पस
चक ददय उसन ठठ पन िक क डयोढ भ ड ततलय यह अनदय य मझ अखर गय
सबर मगलसर य सटशन आय मगनल ल न िीसर दज म जगह कर ली थी मगलसर य
म म िीसर दज म गय दटकट कलकटर को मन वसिचसथति की ज नक री दी और उसस इस ब ि
क परम ण-पि म ाग तक म िीसर दज म चल आय हा उसन दन स इनक र तकय मन अमधक
तकर य व पस पर पि करन क ततलए रलव क उछच अमधक री को पि ततलख
उनकी ओर स इस आशय क उिर ममल ldquoपरम ण-पि क तबन अति तकर य लौट न
क हम र यह ा ररव ज नही ह पर आपक म मल म हम लौट य द रह ह बदयव न स मगलसर य
िक क डयोढ तकर य व पस नही तकय ज सकि rdquo
िीसर दज की य ि म अमधक ररयो की मनम नी स उतपनदन होन व ली तवडमबन िो रहिी
ही ह पर िीसर दज म बठन व ल कई य तियो क उजिपन उनकी गादगी उनकी सव थयबजदध
और उनक अजञ न भी कछ कम नही होि ःख िो यह ह तक अकसर य िी यह ज नि ही नही
ह तक व अततशषटि कर रह ह व जो करि ह वह उनदह सव भ तवक म लम होि ह हम सभय और
पढ-ततलख लोगो न उनकी कभी मचनदि ही नही की
पर रल की भीड की िक़लीफ क मझ ल हौर स ददलली क बीच कडव स कडव अनभव
हआ कर ची स कलकि मझ ल हौर क र सि ज न थ ल हौर म रन बदलनी थी वह ा की रन
म मरी कही द ल ग़लिी नही थी य िी जबरदसिी अपन र सि बन लि थ दरव ज बनदद होि
िो खखडकी म स अादर घस ज ि थ मझ कलकि तनकषिि ि रीख पर पहाचन थ यह रन खो
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दि िो म कलकि पहाच न प ि म जगह ममलन की आश छोड बठ थ कोई मझ अपन मडब
म आन न दि थ आखखर एक मजदर न मझ जगह ढाढि दखकर कह ldquoमझ ब रह आन दो
िो जगह ददल दाrdquo मन कह मझ जगह ददल दो िो जरर ब रह आन दाग rdquo बच र मजदर
य तियो स तगडतगड कर कह रह थ पर कोई मझ लन को िय र न होि थ रन छटन ही व ली
थी तक एक मडब क कछ य तियो न कह ldquoयह ा जगह नही ह लतकन इसक भीिर घस सकि
हो िो घस दो खड रहन होग rdquo मजदर मरी ओर दखकर बोल ldquoकयो जीrdquo मन ह ा कह
और उसन मझ उठ कर खखडकी म स अनददर ड ल ददय म अनददर घस और उस मजदर न ब रह
आन कम ततलए
मरी यह र ि मतककल स बीिी दसर य िी जयो-तयो करक बठ गय म ऊपरव ली बठक
की जाजीर पकडकर दो घाट खड ही रह इस बीच कछ य िी मझ धमक ि ही रहि थ ldquoअजी
अब िक कयो नही बठि हो मन बहिर समझ य तक कही जगह नही ह पर उनदह िो मर खड
रहन भी सहन नही हो रह थ यदयतप व ऊपर की बठको पर आर म स लाब होकर पड थ ब र-
ब र मझ परश न करि थ व जजिन मझ परश न करि थ उिनी ही श ाति स म उनदह जव ब दि
थ इसस व कछ श ाि हए मर न म-ध म पछ जब मझ न म बिल न पड िब व शरम य
मझस म री म ागी और मर ततलए अपनी बगल म जगह कर दी सबर क फल मीठ होि हrsquo
कह वि मझ य द आयी म बहि थक गय थ मर ततसर घम रह थ बठन क ततलए जगह की
जब सचमच जररि थी िब ईशवर न ददल दी
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६३ आशरम की सथापना
सन १९१५ क मई महीन की २५ ि रीख क ददन सतय गरह-आशरम की सथ पन हई
अहमद ब द पर मरी नजर दटकी थी गजर िी होन क क रण म म नि थ तक गजर िी
भ ष दव र म दश की अमधक-स-अमधक सव कर सका ग यह भी ध रण थी तक चातक
अहमद ब द पहल ह थ की बन ई क कनदर थ इसततलए चरख क क म यही अमधक अछछी िरह
हो सकग स थ ही यह आश भी थी तक गजर ि क मखय नगर होन क क रण यह ा क धनी
लोग धन की अमधक मदद कर सक ग
मक नो की िल श करि हए कोचरब म शरी जीवणल ल ब ररसटर क मक न तकर य पर
लन क तनिय हआ शरी जीवणल ल मझ अहमद ब द म बस न व लो म अगरगणय थ
िरनदि ही परशन उठ तक आशरम क न म क य रख ज य हम िो सतय की पज सतय की
शोध करनी थी उसी क आगरह रखन थ और दकषकषण अफ़रीक म मन जजस पदधति क उपयोग
तकय थ उसक पररचय भ रिवषय को कर न थ िथ यह दखन थ तक उसकी शतति कह ा िक
वय पक हो सकिी ह इसततलए मन और स ततथयो न सतय गरह-आशरम न म पसनदद तकय इस न म
स सव क और सव की पदधति क भ व सहज ही परकट होि थ
आशरम चल न क ततलए तनयम वततल की आवकयकि थी अिएव मन तनयम वततल क
मसतवद िय र करक उस पर ममिो की र य म ागी
लगभग पचीस सिी-परषो स आशरम क आराभ हआ थ सब एक रसोई म भोजन करि
थ और इस िरह रहन की कोततशश करि थ म नो एक ही कटमब क हो
आशरम को क यम हए अभी कछ ही महीन बीि थ तक इिन म जसी कसौटी की मझ
आश नही थी वसी कसौटी हम री हई भ ई अमिल ल ठक कर क पि ममल ldquoएक ग़रीब और
पर म कषणक अनदतयज पररव र ह वह आपक आशरम म रहन च हि ह क य उस भरिी करगrdquo
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उनदहोन उसक सव गि तकय भ ई अमिल ल ठककर को ततलख गय तक यदद वह पररव र
आशरम क तनयमो क प लन करन को िय र हो िो हम उस भरिी करन क ततलए िय र ह
दद भ ई उनकी पतनी द नीबहन और दध-पीिी िथ घटनो चलिी बछची लकषमी िीनो
आय दद भ ई बाबई म ततशकषक क क म करि थ तनयमो क प लन करन को व िय र थ उनदह
आशरम म रख ततलय
सह यक ममि-माडल म खलबली मच गयी जजस कएा म बागल क म ततलक क तहसस थ
उस कएा स प नी भरन म हम अडचन होन लगी चरस व ल पर हम र प नी क छीट पड ज ि
िो वह भरषट हो ज ि उसन ग ततलय ा दन और दद भ ई को सि न शर तकय मन सबस कह
ददय तक ग ततलय ा सहि ज ओ और दढि -पवयक प नी भरि रहो हम चपच प ग ततलय ा सनि
दखकर चरस व ल शरममनदद हआ और उसन ग ततलय ा दन बनदद कर ददय पर पस की मदद बनदद
हो गयी पस की मदद बनदद होन क स थ बतहषक र की अरव ह मर क नो िक आन लगी मन
स ततथयो स चच य करक िय कर रख थ ः ldquoयदद हम र बतहषक र तकय ज य और हम कही स
कोई मदद न ममल िो भी अब हम अहमद ब द नही छोडग अनदतयजो की बसिी म ज कर उनक
स थ रहग और जो कछ ममलग उसस अथव मजदरी करक अपन तनव यह करग rdquo
आखखर मगनल ल न मझ नोदटस दी ldquoअगल महीन आशरम क खचय चल न क ततलए हम र
प स पस नही हrdquo मन धीरज स जव ब ददय ldquoिो हम अनदतयजो की बसिी म रहन ज एागrdquo
मझ पर ऐस साकट पहली ही ब र नही आय थ हर ब र अातिम घडी म परभ न मदद
भजी ह
मगनल ल क नोदटस दन क ब द िरनदि ही एक ददन सबर तकसी लडक न आकर खबर दी
ldquoब हर मोटर खडी ह और एक सठ आपको बल रह हrdquo म मोटर क प स गय सठ न मझस
पछ ldquoमरी इछछ आशरम को कछ मदद दन की ह आप लगrdquo
मन जव ब ददय ldquoअगर आप कछ दग िो म जरर लाग मझ क़बल करन च तहए तक
इस समय म आरथिक साकट म भी हाrdquo
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ldquoम कल इसी समय आऊा ग िब आप आशरम म होगrdquo
मन ह ा कह और सठ चल गय दसर ददन तनयि समय पर मोटर क भोप बोल लडको
न खबर दी सठ अनददर नही आय म उनस ममलन गय व मर ह थ पर िरह हज र क नोट
रखकर तबद हो गय
मन इस मदद की कभी आश नही रखी थी मदद दन की यह रीति भी नई दखी उनदहोन
आशरम म पहल कभी क़दम नही रख थ मझ य द आि ह तक म उनस एक ही ब र ममल थ
न आशरम म आन न कछ पछन ब हर ही ब हर पस दकर लौट ज न ऐस यह मर पहल ही
अनभव थ इस सह यि क क रण अनदतयजो की बसिी म ज न रक गय मझ लगभग एक
स ल क खचय ममल गय
पर जजस िरह ब हर खलबली मची उसी िरह आशरम म भी मची यदयतप दकषकषण अफ़रीक
म मर यह ा अनदतयज आदद आि रहि और भोजन करि थ िथ तप यह नही कह ज सकि तक
यह ा अनदतयज कटमब क आन मरी पतनी को और आशरम की दसरी सतसिय ा को पसनदद आय
द नीबहन क परति घण नही िो उनकी उद सीनि ऐसी थी जजस मरी अतयनदि सकषम आाख दख
लिी थी और िज क न सन लि थ आरथिक सह यि क अभ व क डरन मझ जर भी मचननदिि
नही तकय थ पर यह आनदिररक कषोभ कदठन ततसदध हआ द नीबहन स ध रण सिी थी दद भ ई
की ततशकष भी स ध रण थी पर उनकी बजदध अछछी थी उनक धीरज मझ पसनदद आय थ उनदह
कभी-कभी गसस आि थ पर कल ममल कर उनकी सहन-शतति की मझ पर अछछी छ प पडी
थी म दद भ ई को समझ ि थ तक व छोट-मोट अपम न पी ततलय कर व समझ ज ि थ और
द नीबहन स भी सहन करव ि थ
इस पररव र को आशरम म रखकर आशरम न बहिर प ठ सीख ह और पर राकषभक क ल म
ही इस ब ि क तबलकल सपषट हो ज न स तक आशरम म असपकयि क ततलए कोई सथ न नही ह
आशरम की मय यद तनकषिि हो गयी और इस ददश म उसक क म बहि सरल हो गय इसक
ब वजद आशरम क खचय बर बर बढि रहन पर भी मखयिः कटटर म न ज न व ल तहनदओ की
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िरफ स ही ममलि रह ह कद मचि यह इस ब ि क सपषट सचक ह तक असपकयि की जड
अछछी िरह तहल गयी ह इसक दसर परम ण िो अनको ह परनदि जह ा अनदतयज क स थ रोटी
िक क वयवह र रख ज ि हो वह ा भी अपन को सन िनी म नन व ल तहनदद मदद द यह कोई
नगणय परम ण नही म न ज एग
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भाग-११ चपारन
६४ नील का दाग़
चपारन जनक र ज की भमम ह जजस िरह चाप रन म आम क वन ह उसी िरह सन १९१७ म
वह ा नील क खि थ चाप रन क तकस न अपनी ही जमीन क ३२० भ ग म नील की खिी उसक
असल म ततलको क ततलए करन को क़ नन स बाध हए थ इस वह ा िीन कदठय कह ज ि थ
बीस कटठ क वह ा एक एकड थ और उसम स िीन कटठ जमीन म नील बोन की परथ को lsquoिीन
कदठय कहि थ
र जकम र शकल न मक चाप रन क एक तकस न थ उन पर ःख पड थ यह ःख उनदह
अखरि थ लतकन अपन इस ःख क क रण उनम नील क इस द ग़ को सबक ततलए धो ड लन
की िीवर लगन पद हो गयी थी
व िो खद मझ चाप रन क तकस नो क ःख बि न च हि थ मन कह ldquoअपन भरमण म
म चाप रन को भी ससतममततलि कर लाग और एक-दो ददन वह ा ही ठहरा ग rdquo
उनदहोन कह ldquoएक ददन क री होग नजरो स दखखय िो सहीrdquo
सन १९१७ क आराभ म कलकि स हम दो वयतति रव न हए दोनो की एकसी जोडी थी
दोनो तकस न-जस ही लगि थ कौनसी ग डी लनी थी यह भी मझ िो पि नही थ र जकम र
शकल जजस ग डी म ल गय उस पर हम दोनो सव र हए सबर पटन उिर
मझ व र जनदरब ब क घर ल गय र जनदरब ब परी अथव और कही गय थ बागल पर
एक-दो नौकर थ मर स थ ख न की कछ स मगरी थी मझ थोडी खजर की जररि थी बच र
र जकम र शकल ब ज र स ल आय
पर तबह र म िो छआछि क बहि कड ररव ज थ मरी ब लटी क प नी क छीट नौकर
को भरषट करि थ नौकर को कय पि तक म तकस ज ति क हा र जकम र शकल न अनददर क
प ख न क उपयोग करन को कह नौकर न ब हर क प ख न की ओर इश र तकय मर ततलए
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इसम परश न य गसस होन क कोई क रण न थ इस परक र क अनभव कर-कर क म बहि
पकक
गय थ नौकर िो अपन धमय क प लन कर रह थ और र जनदरब ब क परति अपन कियवय पर
कर रह थ
मझ पहली ब र मजटफरपर ज न क िय हआ आच यय कप ल नी व मजटफरपर
कोततलज म परोफसर थ इस समय परोफसरी छोड चक थ मन उनदह ि र तकय रन आधी र ि को
मजटफरपर पहाचिी थी व अपन ततशषय-माडल क स थ सटशन पर आय थ
कप ल नी जी न तबह र की और उसम भी तिरहि तवभ ग की दीन दश की ब ि की और
मर क म की कदठन ई की कलपन दी कप ल नी जी न तबह र व लो क स थ घतनषठ साबाध जोड
ततलय थ उनदहोन उन लोगो स मर क म क जजकर कर रख थ सबर वकीलो क -एक छोट -स
दल मर प स आय
बरजतकशोरब ब दरभाग स आय रोजनदरब ब परी स आय
इस मणडल क और मर बीच जीवनभर की ग ाठ बाध गयी
बरजतकशोरब ब न मझ स री हकीक़िो की ज नक री दी व ग़रीब तकस नो क ततलए मक़ददम
लडि थ ऐस दो मक़ददम चल रह थ इस िरह क मक़ददमो की परवी करक व थोड वयततिगि
आशव सन पर पि कर ततलय करि थ
मन कह ldquoइन मक़ददमो को पढ ज न क ब द मरी र य िो यह बनी ह तक अब हम य
मक़ददम लडन ही बनदद कर दन च तहए ऐस मक़ददमो स ल भ बहि कम होि ह जह ा रयि
इिनी कचली गई ह जह ा सब इिन भयभीि रहि ह वह ा कचहररयो की म ररि थोड ही इल ज
हो सकि ह लोगो क ततलए सछची दव िो उनक डर को भग न ह जब िक यह िीन कदठय
परथ रद न हो िब िक हम चन स बठ ही नही सकि म िो दो ददन म जजिन दख ज सक
उिन दखन आय हा लतकन अब दख रह हा तक यह क म िो दो वषय भी ल सकि ह इिन
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समय भी लग िो म दन को िय र हा मझ यह िो सझ रह ह तक इस क म क ततलए कय करन
च तहए लतकन इसम आपकी मदद जररी हrdquo
बरजतकशोरब ब को मन बहि ठा ड ददम ग क प य उनदहोन श ाति स उिर ददय ldquoहमस
जो मदद बनगी हम दग लतकन हम समझ इय तक आप तकस परक र की मदद च हि हldquo
इस बीिचीि म हमन स री र ि तबि दी मन कह ldquoमझ आपकी वक लि की शतति क
कम ही उपयोग होग आपक सम न लोगो स िो म लखक और भ तषय क क म लन च हाग
म दखि हा तक इसम जल भी ज न पड सकि ह म इस पसनदद करा ग तक आप यह जोखखम
उठ य पर आप उस उठ न न च ह िो भल न उठ य वक लि छोडकर लखक बनन और अपन
धाध को अतनकषिि अवमध क ततलए बाद करन की म ाग करक म आप लोगो स कछ कम नही म ाग
रह हा यह ा की तहनददी बोली समझन म मझ कदठन ई होिी ह क गज-पि सब कथी म य उदय म
ततलख होि ह जजनदह म पढ नही सकि इनक िरजम की म आप स आश रखि हा यह क म
पस दकर कर न हम र बस क नही ह यह सब सव भ व स और तबन पस क होन च तहएrdquo
बरजतकशोरब ब समझ गय तकनदि उनदहोन मझस और अपन स ततथयो स जजरह शर की
अनदि म उनदहोन अपन यह तनिय परकट तकय ldquoहम इिन लोग आप जो क म हम सौपग
वह कर दन क ततलए िय र रहग इनम स जजिनो को आप जजस समय च हग उिन आपक प स
रहग जल ज न की ब ि नई ह उसक ततलए हम शतति-साचय करन की कोततशश करगrdquo
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६५ अहहिसा दवी का सािातकार
मझ िो तकस नो की ह लि की ज ाच करनी थी नील क म ततलको क तवरदध जो ततशक यि थी
उनम तकिनी सच ई ह यह दखन थ इस क म क ततलए हज रो तकस नो स ममलन की जररि
थी तकनदि उनक सापकय म आन स पहल मझ यह आवकयक म लम हआ तक म नील क म ततलको
की ब ि सन ला और कमीशनर स ममल ला मन दोनो को मचटठी ततलखी
म ततलको क मािी क स थ मरी जो मल क ि हई उसम उसन स र कह ददय तक आपकी
तगनिी परदशी म होिी ह आपको हम र और तकस नो क बीच दखल नही दन च तहए तफर भी
अगर आपको कछ कहन हो िो मझ ततलखकर समचि कीजजए मन मािी स नमरि पवयक कह
तक म अपन को परदशी नही म नि और तकस न च ह िो उनकी चसथति की ज ाच करन क मझ
पर अमधक र ह म कमीशनर स हब स ममल उनदहोन िो धमक न ही शर कर ददय और मझ
सल ह दी तक म आग बढ तबन तिरहि छोड दा
मन स री ब ि स ततथयो को सन कर कह तक साभव ह सरक र मझ ज ाच करन स रोक
और जल ज न क समय मरी अपकष स भी पहल आ ज एा अगर तगरफि री होनी ही ह िो मझ
मोिोह री म और साभव हो िो बतिय म तगरफि र होन च तहए और इसक ततलए वह ा जलदी स
जलदी पहाच ज न च तहए
चाप रन तिरहि तवभ ग क एक जजल ह और मोिीह री उसक मखय शहर बतिय क
आसप स र जकम र शकल क घर थ और उसक आसप स की कोदटयो क तकस न जय द -स-
जय द का ग ल थ र जकम र शकल को उनकी दश ददख न क लोभ थ और मझ अब उस दखन
की इछछ थी
अिएव म उसी ददन स ततथयो को लकर मोिीह री क ततलए रव न हो गय मोिीह री म
गोरखब ब न आशरय ददय और उनक घर धमयश ल बन गय हम सब मतककल स उसम सम
सकि थ जजस ददन हम पहाच उसी ददन सन तक मोिीह री स कोई प ाच मील दर रहन व ल एक
तकस न पर अतय च र तकय गय ह मन तनिय तकय तक धरणीधरपरस द वकील को स थ लकर
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म दसर ददन सवर उस दखन ज ऊा ग सवर ह थी पर सव र होकर हम चल पड चाप रन म ह थी
क उपयोग लगभग उसी िरह होि ह जजस िरह गजर ि म बलग मडयो क आध र सि पहाच
होग तक इिन म पततलस सपररणटणडणट क आदमी आ पहाच और मझस बोल ldquoसपररणटणडणट
स हब न आपको सल म भज हrdquo म समझ गय धरणीधरब ब स मन आग ज न को कह म
उस ज सस क स थ उसकी भ ड की ग डी म सव र हआ उसन मझ चाप रन छोडकर चल ज न
की नोदटस दी वह मझ घर ल गय और मरी सही म ागी मन जव ब ददय तक म चाप रन छोडन
नही च हि मझ िो आग बढन ह और ज ाच करनी ह तनव यसन की आजञ क अन दर करन क
ततलए मझ दसर ही ददन कोटय म ह जजर रहन क समन ममल
मन स री र ि ज गकर जो पि मझ ततलखन थ ततलख और बरजतकशोरब ब को सब परक र
की आवकयक सचन य दी
समन की ब ि एकदम च रो ओर फल गयी लोग कहि थ तक उस ददन मोिीह री म जस
दकय दख गय वस पहल कभी न दख गय थ गोरखब ब क घर और दफिर पर लोगो की
भीड उमड पडी सौभ गय स मन अपन स र क म र ि को तनबट ततलय थ इसततलए म इस
भीड को साभ ल सक स ततथयो क मलय मझ पर -पर म लम हआ व लोगो को सायि रखन म
जट गय कचहरी म जह ा ज ि वह ा दल क दल लोग मर पीछ आि कलकटर मजजसरट
सपररणटणडणट आदद क स थ भी मर एक परक र क साबाध सथ तपि हो गय सरक री नोदटसो
बगर क खखल र क़ ननी तवरोध करन च हि िो म कर सकि थ इसक बदल मन उनकी
सब नोदटसो को सवीक र कर ततलय और अमधक ररयो क स थ तनजी वयवह र म ममठ स स क म
ततलय इसस व समझ गय तक मझ उनक तवरोध नही करन ह बचलक उनकी आजञ क तवनय-
पवयक तवरोध करन ह इसस उनम एक परक र की तनभयगि आ गयी मझ िाग करन क बदल
उनदहोन लोगो को क ब म रखन म मरी और मर स ततथयो की सह यि क परसनद नि -पवयक उपयोग
तकय तकनदि स थ ही व समझ गय तक उनकी सि आज स लपि हई लोग कषणभर को दणड
क भय छोडकर अपन नय ममि क परम की सि क अधीन हो गय
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य द रह तक चाप रन म मझ कोई पहच नि न थ तकस न-वगय तबलकल अनपढ थ
चाप रन गाग क उस प र ठठ तहम लय की िर ई म नप ल क समीपविी परदश ह अथ यि नई
तनय ह वह ा न कही क ागरस क न म सन यी दि थ न क ागरस क कोई सदसय ददख यी पडि
थ जजनदहोन न म सन थ व क ागरस क न म लन म अथव उसम ससतममततलि होन म डरि थ
अिएव क ागरस की ओर स तकनदही गपि य परकट दिो दव र कोई भममक िय र नही कर यी
गयी थी र जकम र शकल म हज रो लोगो म परवश करन की शतति नही थी उनक बीच तकसीन
आज िक र जनीति क क म तकय ही नही थ चाप रन क ब हर की तनय को व ज नि नही
थ तफर भी उनक और मर ममल प पर न ममिो-जस लग अिएव यह कहन म अतिशयोतति
नही बचलक अकषरशः सतय ह तक इस क रण मन वह ा ईशवर क अहहिस क और सतय क
स कष तक र तकय जब म इस स कष तक र क अपन अमधक र की ज ाच करि हा िो मझ लोगो क
परति अपन परम क ततसव और कछ भी नही ममलि इस परम क अथय ह परम अथव अहहिस क
परति मरी अतवचल शरदध
चाप रन क यह ददन मर जीवन म कभी न भलन-जस थ मर ततलए और तकस नो क ततलए
यह एक उतसव क ददन थ सरक री क़ नन क अनस र मझ पर मक़ददम चल य ज न व ल थ
पर सच पछ ज य िो मक़ददम सरक र क तवरदध थ कमीशनर न मर तवरदध जो ज ल तबछ य
थ उसम उसन सरक र को ही फा स ददय
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६६ मक़ददमा वापस शलया गया
मक़ददमा चल सरक री वकील मजजसरट आदद घबर य हए थ उनदह सझ नही पड रह थ तक
तकय क य ज य सरक री वकील सनव ई मलिवी रखन की म ाग कर रह थ म बीच म पड
और तबनिी की तक सनव ई मलिवी रखन की कोई जररि नही ह कयोतक मझ चाप रन छोडन
की नोदटस क अन दर करन क अपर ध सवीक र करन ह
अब मक़ददम की सनव ई को मलिवी रख की जररि न रही थी तकनदि चातक मजजसरट
और वकील न इस पररण म की आश नही की थी इसततलए सज सन न क ततलए अद लि न कस
मलिवी रख मन व इसरोय को स री चसथति ि र दव र समचि कर दी थी पटन भी ि र भज
थ भ रिभषण पामडि म लवीयजी आदद को भी वसिचसथति की ज नक री ि र स भज दी थी
सज सनन क ततलए कोटय म ज न क समय हआ उसस कछ पहल मर न म मजजसरट क हकम
आय तक गवनयर स हब की आजञ स मक़ददम व पस ल ततलय गय ह स थ ही कलकटर क पि
ममल तक मझ जो ज ाच करनी हो म करा और उसम अमधक ररयो की ओर स जो मदद आवकयक
हो सो म ाग ला ऐस ि तक ततलक और शभ पररण म की आश हम म स तकसीन नही रखी थी
म कलकटर मम हक ाक स ममल मझ वह सवया भल और नदय य करन म ितपर ज न पड
उसन कह तक आपको जो क़ गज-पि य कछ और दखन हो सो आप म ाग ल और मझस जब
भी ममलन च ह ममल ततलय कर
दसरी ओर स र तहनदसि न को सतय गरह क क़ नन क सतवनय भाग क पहल सथ नीय
पद थय-प ठ ममल अखब रो म इसकी खब चच य हई और चाप रन को िथ मरी ज ाच को
अनपकषकषि रीति स परततसजदध ममल गयी
चसथति ऐसी नही थी तक हम तबलकल तबन पस क अपन क म चल सक आज िक की
परथ स वयजतनक क म क ततलए जनि स धन पर पि करन की नही थी बरजतकशोरब ब क मणडल
मखयिः वकीलो क मणडल थ अिएव व जररि पडन पर अपनी जब स खचय कर लि थ और
कछ ममिो स भी म ाग लि थ उनकी भ वन यह थी तक जो लोग सवया पस-टक स सखी हो व
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लोगो स रवय की कषभकष कयो म ाग मर यह दढ तनिय थ तक चाप रन की रयि स एक कौडी भी
न ली ज य यदद ली ज िी िो उसक ग़लि अथय लग य ज ि यह भी तनिय थ तक इस ज ाच क
ततलए तहनदसि न म स वयजतनक चनदद न तकय ज य वस करन पर यह ज ाच र षटरीय और
र जनीतिक रप ध रण कर लिी गरीबी-स कम-स-कम खचय करि हए लड ई चल नी थी
अिएव अमधक रवय की आवकयकि पडन की साभ वन न थी असल म पडी भी नही मर
खय ल ह तक कल ममल कर दो य िीन हज र स अमधक खचय नही हआ थ जो रवय इकठठ
तकय गय थ उसम प ाच सौ य एक हज र रपय बच गय थ ऐस मझ य द ह
तकस नो क दल-क-दल अपनी कह नी ततलख न क ततलए आन लग थ कह नी ततलख न
व लो क स थ सन भी िो रहिी ही थी इसस मक न क अह ि और बगीच सहज ही भर ज ि
थ
कह नी ततलखन व लो को कछ तनयमो क प लन करन पडि थ जस हरएक तकस न
स जजरह की ज य जजरह म जो उखड ज य उसक बय न न ततलय ज य जजसकी ब ि मल म
ही बबतनय द म लम हो उसक बय न न ततलख ज एा इस िरह तनयमो क प लन स यदयतप थोड
अमधक समय खचय होि थ तफर भी बय न बहि सछच और स तबि हो सकन व ल ममलि थ
इन बय नो क लि समय खतरय पततलस क कोई-न-कोई अमधक री ह जजर रहि ही थ
इन अमधक ररयो को आन स रोक ज सकि थ पर हमन शर स ही तनिय कर ततलय थ
तक उनदह ततसरय हम आन स नही रोक ग बचलक उनक परति तवनय क बरि व करग और द सकन
योगय खबर भी उनदह दि रहग
म तनलहो को खखझ न नही च हि थ बचलक मझ िो उनदह तवनय दव र जीिन क परयतन
करन थ इसततलए जजसक तवरदध तवशष ततशक यि आिी उस म पि ततलखि और उसस ममलन
क परयतन भी करि थ तनलहो क मणडल स भी म ममल थ और रयि की ततशक यि उनक
स मन रखकर मन उनकी ब ि भी सन ली थी उनम स कछ मर तिरसक र करि थ कछ उद सीन
रहि थ और कोई कोई मर स थ सभयि ओर नमरि क वयवह र करि थ
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६७ गरामपरवश
जस-जस मझ अनभव पर पि होि गय वस-वस दख तक चाप रन म ठीक स क म करन हो िो
ग ावो म ततशकष क परवश होन च तहए लोगो क अजञ न दयनीय थ ग ावो क बछच म र-म र तफरि
थ अथव म ि -तपि दो य िीन पस की आमदनी क ततलए उनस स र ददन नील क खिो म मजदरी
करव ि थ उन ददनो वह ा परषो की मजदरी दस पस स अमधक नही थी सतसिय ा की छह पस
और ब लको की िीन पस थी च र आन की मजदरी प न व ल तकस न भ गयश ली समझ ज ि
थ
स ततथयो स सल ह करक पहल िो छह ग ावो म ब लको क ततलए प ठश ल एा खोलन क
तनिय तकय शिय यह थी तक उन ग ावो क मखखय मक न और ततशकषक क भोजन वयय द उसक
दसर खचय की वयवसथ हम कर यह ा क ग ावो म पस की तवपलि नही थी यह अन ज बगर दन
की शतति लोगो म थी उसततलए लोग कछच अन ज दन को िय र हो गय थ
पर यः परतयक प ठश ल म एक परष और एक सिी की वयवसथ की गयी थी उनदही क
दव र दव और सर ई क क म करन थ सतसिय ा की म ररि सिी- सम ज म परवश करन थ दव
क क म बहि सरल बन ततलय थ अाडी क िल कनन और एक मरहम mdash इिनी ही चीज
परतयक प ठश ल म रखी ज िी थी ज ाचन पर चीज मली ददख ई द और कबज की ततशक यि हो
िो अाडी क िल तपल दन बख र की ततशक यि हो िो अाडी क िल दन क ब द आन व ल को
कनन तपल दन और अगर फोड हो िो उनदह धौकर उन पर मरहम लग दन ख न की दव
अथव मरहम स थ ल ज न क ततलए श यद ही ददय ज ि थ कही कोई खिरन क य समझ म
न आन व ली बीम री होिी िो वह डो दव को ददख न क ततलए छोड दी ज िी डो दव अलग-
अलग जगहो म तनयि समय पर हो आि थ ऐसी स दी सतवध क ल भ लोग ठीक म ि म
उठ न लग थ आम िौर स होन व ली बीम ररय ा थोडी ही ह और उनक ततलए बड-बड तवश रदो
की आवकयकि नही होिी इस धय न म रख ज य िो उपययि रीति स की गयी वयवसथ तकसीको
ह सयजनक परिीि नही होगी लोगो को िो नही ही हई
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सर ई क क म कदठन थ लोग गादगी दर करन को िय र नही थ जो लोग रोज खिो
की मजदरी करि थ व भी अपन ह थ स मल स र करन क ततलए िय र न थ डो दव झट ह र
म न लन व ल आदमी न थ उनदहोन और सवयासवको न अपन ह थ स एक ग ाव क र सिो की
सर ई की लोगो क आागनो स कचर स र तकय कओ क आसप स क गडढ भर कीचड
तनक ल और ग ाव व लो को सवयासवक दन की ब ि परमपवयक समझ ि रह कछ सथ नो म लोगो
न शरम म पडकर क म करन शर तकय और कही-कही िो लोगो न मरी मोटर क आन-ज न
क ततलए अपनी महनि स सडक भी िय र कर दी ऐस मीठ अनभवो क स थ ही लोगो की
ल परव ही क कडव अनभव भी होि रहि थ मझ य द ह तक सर ई की ब ि सनकर कछ जगहो
म लोगो न अपनी न र जी भी परकट की थी
इन अनभवो म स एक जजसक वणयन मन सतसिय ा की कई सभ ओ म तकय ह यह ा दन
अनमचि न होग भीतिहरव एक छोट -स ग ाव थ उसक प स उसस भी छोट एक ग ाव थ
वह ा कछ बहनो क कपड बहि मल ददख यी ददय इन बहनो को कपड धोन बदलन क ब र म
समझ न क ततलए मन कसिरब ई स कह उसन उन बहनो स ब ि की उनम स एक बहन
कसिरब ई को अपनी झोपडी म ल गयी और बोली ldquoआप दखखय यह ा कोई पटी य अलम री
नही ह तक जजसम कपड बनदद हो मर प स यही एक स डी ह जो मन पहन रखी ह इस म कस
धो सकिी हा मह तम जी स कतहय तक व कपड ददलव य उस दश म म रोज नह न और कपड
बदलन को िय र रहागीrdquo तहनदसि न म ऐस झोपड अपव दरप नही ह असाखय झोपडो म स ज-
स म न सादक-पटी कपड-लि कछ नही होि और असाखय लोग कवल पहन हए कपडो पर ही
अपन तनव यह करि ह
एक दसर अनभव भी बि न-जस ह चाप रन म ब ास य घ स की कमी नही रहिी लोगो
न भीतिहरव म प ठश ल क जो छपपर बन य थ वह ब ास और घ स क थ तकसीन उस
र ि को जल ददय सनददह िो आसप स क तनलहो क आदममयो पर हआ थ तफर स ब ास और
घ स क मक न बन न मन ततसब म लम नही हआ यह प ठश ल शरी सोमण और कसिरब ई क
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जजमम थी शरी सोमण न ईटो क पकक मक न बन न क तनिय तकय और उनक सवपररशरम की
छि दसरो को लगी जजसस दखि-दखि ईटो क मक न बन कर िय र हो गय और तफर स
मक न क जल ज न क डर न रह
इस परक र प ठश ल सर ई और औषधोपच र क क मो स लोगो म सवयासवको क परति
तवशव स और आदर की वजदध हई और उन पर अछछ परभ व पड
पर मझ खद क स थ कहन पडि ह तक इस क म को सथ यी रप दन क मर मनोरथ
सरल न हो सक जो सवयासवक ममल थ व एक तनकषिि अवमध क ततलए ही ममल थ दसर नय
सवयासवको क ममलन म कदठन ई हई और तबह र स इस क म क ततलए योगय सथ यी सवक न ममल
सक मझ भी चाप रन क क म पर होि-होि एक दसर क म जो िय र हो रह थ घसीट ल
गय इिन पर भी छह महीनो िक हए इस क मन इिनी जड पकड ली तक एक नही िो दसर
सवरप म उसक परभ व आज िक बन हआ ह
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६८ नील का दाग़ धल गया
जस जस मर पड व पर लोगो की आमद-रफि बढिी गयी वस-वस तनलहो क करोध बढि गय
उनकी ओर स मरी ज ाच को बनदद कर न क परयतन बढि गय
एक ददन मझ तबह र-सरक र क पि ममल उसक आशय इस परक र थ ldquoआपकी
ज ाच क री लाब समय िक चल चकी ह और अब आपको उस बनदद करक तबह र छोड दन
च तहएrdquo पि तवनय-पवयक ततलख गय थ पर उसक अथय सपषट थ मन ततलख तक ज ाच क
क म िो अभी दर िक चलग और सम पि होन पर भी जब िक लोगो क ःख दर न होग मर
इर द तबह र छोडकर ज न क नही ह
मरी ज ाच बनदद कर न क ततलए सरक र क प स एक सममचि उप य यही थ तक वह लोगो
की ततशक यि को सच म नकर उनदह दर कर अथव ततशक यिो को धय न म लकर अपनी ज ाच-
सममति तनयि कर गवनयर सर एडवडय गट न मझ बल य और कह तक व सवया एक ज ाच-सममति
तनयि करन च हि ह उनदहोन मझ उसक सदसय बनन क ततलए आमातिि तकय सममति क
दसर न म दखन क ब द मन स ततथयो स सल ह की और इस शिय क स थ सदसय बनन क़बल
तकय तक मझ अपन स ततथयो स सल ह-मशतवर करन की सविािि रहनी च तहए और सरक र
को यह समझ लन च तहए तक सदसय बन ज न स म तकस नो की तहम यि करन छोड न दाग
िथ ज ाच परी-परी हो ज न पर यदद मझ सािोष न हआ िो तकस नो क म गयदशयन करन की
अपनी सविािि को म ह थ स ज न न दाग
सर एडवडय गट न इन शिो को उमचि म नकर उनदह माजर तकय सव सर फर क स ल ई
सममति क अधयकष तनयि तकय गय थ ज ाच-सममति न तकस नो की स री ततशक यिो को सही
ठहर य और तनलह गोरो न उनस जो रकम अनमचि रीति स वसल की थी उसक कछ अाश
लौट न और िीन कदठय क क़ नन को रद करन की ततसर ररश की
इस ररपोटय क स ागोप ाग िय र होन और अनदि म क़ नन क प स होन म सर एडवडय गट
क बहि बड ह थ थ यदद व दढ न रह होि अथव उनदहोन अपनी कशलि क पर उपयोग न
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तकय होि िो जो सवयसममि ररपोटय िय र हो सकी वह न हो प िी और आखखर म जो क़ नन
प स हआ वह भी न हो प ि तनलहो की सि बहि परबल थी ररपोटय क पश हो ज न पर भी
उनम स कछन तबल क कड तवरोध तकय थ पर सर एडवडय गट अनदि िक दढ रह और उनदहोन
सममति की ततसर ररशो पर पर -पर अमल तकय
इस परक र सौ स ल स चल आन व ल िीन कदठय क क़ नन क रद होि ही तनलह गोरो
क र जय क असि हआ जनि क जो समद य बर बर दब ही रहि थ उस अपनी शतति क
कछ भ न हआ और लोगो क यह वहम दर हआ तक नील क द ग़ धोय धल ही नही सकि
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भाग-१२ अहमदाबाद का मज़दर
६९ मज़दरो क समपकम म
दसरी ओर स शरी अनसय ब ई क पि उनक मजदर-साघ क ब र म आय थ मजदरो की
िनखव ह कम थी िनखव ह बढ न की उनकी म ाग बहि पर नी थी इस म मल म उनकी रहनम ई
करन क उतस ह मझम थ लतकन मझम यह कषमि न थी तक इस अपकष कि छोट परिीि होन
व ल क म को भी म दर बठकर कर सका इसततलए मौक ममलि ही म पहल अहमद व द पहाच
मरी चसथति बहि ही न जक थी मजदरो क म मल मझ मजबि म लम हआ शरी
अनसय ब ई को अपन सग भ ई क स थ लडन थ मजदरो और म ततलको क बीच क इस द रण
यदध म शरी अाब ल ल स र भ ई न मखय रप स तहसस ततलय थ ममल-म ततलको क स थ मर
मीठ साबाध थ उनक तवरदध लडन क क म तवकट थ उनस चच यय करक मन पर थयन की तक
व मजदरो की म ाग क साबाध म पाच तनयि कर तकनदि म ततलको न अपन और मजदरो क बीच
पाच क हसिकषप की आवकयकि को सवीक र न तकय
मन मजदरो को हडि ल करन की सल ह दी यह सल ह दन स पहल म मजदरो क और
मजदर-नि ओ क समपकय म अछछी िरह आय उनदह हडि ल की शि समझ यी
१ तकसी भी दश म श ाति भाग न होन दी ज य
२ जो मजदर क म पर ज न च ह उसक स थ जोर-जबरदसिी न की ज य
३ मजदर कषभकष क अनदन न ख य
४ हडि ल तकिनी ही लमबी क यो न चल व दढ रह और अपन प स पस न रह िो दसरी
मजदरी करक ख न योगय कम ल
मजदर-नि ओ न य शि समझ ली और सवीक र कर ली मजदरो की आम सभ हई और
उसम उनदहोन तनिय तकय तक जब िक उनकी म ाग माजर न की ज य अथव उसकी योगयि -
अयोगयि की ज ाच क ततलए पाच की तनयतति न हो िब िक व क म पर नही ज एाग
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यह हडि ल इककीस ददन िक चली इस बीच समय-समय पर म म ततलको स ब िचीि
तकय करि थ और उनदह इनदस र करन क ततलए मन ि थ मझ यह जव ब ममलि ldquoहम री
भी िो टक ह न हम म और हम र मजदरो म ब प-बट क समबनदध ह उसक बीच म कोई दखल
द िो हम कस सहन कर हम र बीच पाच कसrdquo यह परतयिर मझ ममलि थ
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७० उपवास
मज़दरो न शर क दो हफिो म खब तहममि ददख यी श ाति भी खब रखी परतिददन की सभ ओ
म व बडी साखय म ह जजर भी रह परतिजञ क समरण म रोज उनदह कर ि ही थ व रोज पक र-
पक र कर कहि थ ldquoहम मर ममटग पर अपनी टक कभी न छोडगrdquo
लतकन आखखर व कमजोर पडि ज न पड और जजस परक र कमजोर आदमी हहिसक
होि ह उसी परक र उनम जो कमजोर पड व ममल म ज न व लो क दवष करन लग और मझ डर
म लम हआ तक कही व तकसी क स थ जबरदसिी न कर बठ रोज की सभ म लोगो की उपचसथति
कम पडन लगी आन व लो क चहरो पर उद सीनि छ यी रहिी थी मझ खबर ममली तक मजदर
डगमग न लग ह म परश न हआ यह सोचन लग तक ऐस समय म मर धमय कय हो सकि ह
सबर क समय थ म सभ म बठ थ मरी समझ म नही आ रह थ तक मझ कय करन
च तहए तकनदि सभ म ही मर माह स तनकल गय ldquoयदद मजदर तफर स दढ न बन और रसल
होन िक हडि ल को चल न सक िो म िब िक क ततलए उपव स करा ग rdquo
जो मजदर ह जजर थ व सब हकक-बकक रह गय अनसय बहन की आाखो स आास की
ध र बह चली मजदर बोल उठ ldquoआप नही हम उपव स करग आपको उपव स नही करन
च तहए हम म र कीजजए हम अपनी परतिजञ क प लन करगrdquo
मन कह ldquoआपको उपव स करन की जररि नही ह आपक ततलए िो यही बस ह तक
आप अपनी परतिजञ क प लन कर हम र प स पस नही ह हम मजदरो को भीख क अनदन
खखल कर हडि ल चल न नही च हि आप कछ मजदरी कीजजए और उसस अपनी रोज की
रोटी क ल यक पस कम लीजजए ऐस करग िो तफर हडि ल तकिन ही ददन कयो न चल आप
तनकषिनदि रह सक ग मर उपव स िो अब फसल स पहल न छटग rdquo
वललभभ ई पटल मजदरो क ततलए मयतनततसपततलटी म क म खोज रह थ पर वह ा कछ क म
ममलन की साभ वन न थी आशरम की बन ई-श ल म रि क भर व करन की जररि थी
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मगनल ल ग ाधी न सझ य तक इस क म म बहि स मजदर लग य ज सकि ह मजदर इस करन
को िय र हो गय अनसय बहन न पहली टोकरी उठ यी और नदी म स रि की टोकररय ा ढोन
व ल मजदरो की एक कि र खडी हो गयी मजदरो म नय बल आ गय उनदह पस चक न व ल
चक ि-चक ि थक गय
इस उपव स म एक दोष थ म ऊपर ततलख चक हा तक म ततलको क स थ मर मीठ
समबनदध थ इसततलए उन पर उपव स क परभ व पड तबन रह ही नही सकि थ म िो ज नि
थ तक सतय गरही क न ि म उनक तवरदध उपव स कर ही नही सकि उन पर कोई परभ व पड
िो वह मजदरो की हडि ल क ही पडन च तहए मर पर यकषिि उनक दोषो क ततलए नही थ
मजदरो क दोष क तनममि स थ म मजदरो क परतितनमध थ इसततलए उनक दोष स म दोतषि
होि थ म ततलको स िो म कवल तबनिी ही कर सकि थ उनक तवरदध उपव स करन उन पर
जय दिी करन क सम न थ तफर भी म ज नि थ तक मर उपव स क परभ व उन पर पड तबन
रहग ही नही परभ व पड भी तकनदि म अपन उपव स को रोक नही सकि थ मन सपषट दख
तक ऐस दोषमय उपव स करन मर धमय ह
मन म ततलको को समझ य ldquoमर उपव स क क रण आपको अपन म गय छोडन की
ितनक भी जररि नहीrdquo उनदहोन मझ कडव-मीठ ि न भी ददय उनदह वस करन क अमधक र
थ
सठ अाब ल ल इस हडि ल क तवरदध दढ रहन व लो म अगरगणय थ उनकी दढि
आिययजनक थी उनकी तनषकपटि भी मझ उिनी ही पसनदद आयी उनस लडन मझ तपरय
लग उनक जस अगव जजस तवरोधी दल म थ उस पर उपव स क पडन व ल अपरतयकष परभ व
मझ अखर तफर उनकी धमयपतनी शरीमिी सरल दवी क मर परति सगी बहन जस परम थ मर
उपव स स उनदह जो घबर हट होिी थी वह मझस दखी नही ज िी थी
मर पहल उपव स म अनसय बहन दसर कई ममि और मजदर स थी बन उनदह अमधक
उपव स न करन क ततलए म मतककल स समझ सक इस परक र च रो ओर परममय व ि वरण बन
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गय म ततलक कवल दय वश होकर समझौि क र सि खोजन लग अनसय बहन क यह ा उनकी
चच यय चलन लगी शरी आननददशाकर धरव भी बीच म पड आखखर व पाच तनयि हए और हडि ल
टटी मझ कवल िीन उपव स करन पड म ततलको न मजदरो को ममठ ई ब ाटी इककीसव ददन
समझौि हआ
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भाग-१३ खडा सतयागरह
७१ खडा म सतयागरह
मज़दरो की हडि ल सम पि होन क ब द दम लन को भी समय न ममल और मझ खड जजल क
सतय गरह क क म ह थ म लन पड खड जजल म अक ल की-सी चसथति होन क क रण खड
क प टीद र लोग लग न म र कर न की कोततशश कर रह थ
लोगो की म ाग इिनी स र और इिनी स ध रण थी तक उसक ततलए लड ई लडन की
जररि ही न होनी च तहए थी क़ नन यह थ तक अगर रसल च र ही आन य उसस कम आव
िो उस स ल क लग न म र तकय ज न च तहए पर सरक री अमधक ररयो क अाद ज च र आन
स अमधक थ लोगो दव र यह ततसदध तकय ज रह थ तक उपज च र आन स कम किी ज नी
च तहए पर सरक र कयो म नन लगी लोगो की ओर स पाच बठ न की म ाग की गयी सरक र को
वह असहय म लम हई जजिन अननय-तवनय हो सकि थ सो सब कर चकन क ब द और
स ततथयो स पर मशय करन क पि ि मन सतय गरह करन की सल ह दी
स ततथयो म खड जजल क सवको क अतिररि मखयिः शरी वललभभ ई पटल शरी
शाकरल ल बकर शरी अनसय बहन शरी इनदल ल कनदहय ल ल य ततजञक शरी मह दव दस ई आदद
थ शरी वललभभ ई अपनी बडी और बढिी हई वक लि की बततल दकर आय थ ऐस कह ज
सकि ह तक इसक ब द व तनकषिनदि होकर वक लि कर ही न सक
हम नमडय द क अन थ शरम म ठहर थ अन थ शरम म ठहरन को कोई तवशषि न समझ
नमडय द म उसक जस कोई सविाि मक न नही थ जजसम इिन स र लोग सम सक अनदि म
नीच ततलखी परतिजञ पर हसि कषर ततलए गय
ldquoहम ज नि ह तक हम र ग ावो की रसल च र आन स कम हई ह इस क रण हमन सरक र
स पर थयन की तक वह लग न-वसली क क म अगल वषय िक मलिवी रख तफर भी वह मलिवी
नही तकय गय अिएव हम नीच सही करन व ल लोग यह परतिजञ करि ह तक हम इस स ल क
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पर य ब की रह सरक री लग न नही दग पर उस वसल करन क ततलए सरक र जो भी क़ ननी
क रयव ई करन च हगी हम करन दग और उसस होन व ल ःख सहन करग यदद हम री जमीन
ख लस की गयी िो हम उस ख लस भी होन दग पर अपन ह थो पस जम करक हम झठ नही
ठहरग और सव कषभम न नही खोएाग अगर सरक र ब की बची हई सब जगहो म दसरी तकसि की
वसली मलिवी रख िो हम म स जो लोग जम कर सकि ह व पर अथव ब की रह हआ
लग न जम कर न को िय र ह हम म स जो जम कर सकि ह उनक लग न जम न कर न क
क रण यह ह तक अगर समथय लोग जम कर द िो असमथय लोग घबर हट म पडकर अपनी कोई
भी चीज बचकर य कजय करक लग न जम कर दग और ःख उठ एाग हम री यह म नदयि ह
तक ऐसी चसथति म ग़रीबो की रकष करन समथय लोगो क कियवय हrdquo
इस लड ई क ततलए म अमधक परकरण नही द सकि अिएव अनक मीठ समरण छोड दन
पडग जो इस महततवपणय लड ई क गहर अधययन करन च ह उनदह शरी शाकलल ल परीख दव र
ततलखखि खड की लड ई क तवसिि पर म कषणक इतिह स पढ ज न की म ततसर ररश करि हा
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७२ पयाज़चोर
गजरानतयो को इस नई वसि म तवशष रस आन लग थ व पस लट न को जय र थ सतय गरह
की लड ई पस स नही चल सकिी उस पस की कम-स-कम आवकयकि रहिी ह यह ब ि
जलदी उनकी समझ म नही आ रही थी मन करन पर भी बमबई क सठो न आवकयकि स
अमधक पस ददय थ और लड ई क अनदि म उसम स कछ रकम बच गयी थी
सरक री अमधक री जनि क म ततलक नही बचलक नौकर ह जनि क पस स उनदह
िनखव ह ममलिी ह ndash यह सब समझ कर उनक भय दर करन क क म मखय थ और तनभयय
होन पर भी तवनय क प लन क उप य बि न और उस गल उि रन लगभग असाभव-स परिीि
होि थ अमधक ररयो क डर छोडन क ब द उनक दव र तकय गय अपम नो क बदल चक न
की इछछ तकस नही होिी तफर भी यदद सतय गरही अतवनयी बनि ह िो वह दध म जहर ममलन
क सम न ह प टीद र तवनय क प ठ परी िरह पढ नही प य इस म ब द म अमधक समझ सक
अनभव स म इस पररण म पर पहाच हा तक तवनय सतय गरह क कदठन-स-कदठन अाश ह यह ा
तवनय क अथय कवल समम न-पवयक वचन कहन ही नही ह तवनय स ि तपयय ह तवरोधी क परति
भी मन म आदर सरल भ व उसक तहि की इछछ और िदनस र वयवह र
शर क ददनो म लोगो म खब तहममि ददख यी दिी थी शर शर म सरक री क रयव ई भी
कछ ढीली ही थी लतकन जस-जस लोगो की दढि बढिी म लम हई वस-वस सरक र को भी
अमधक उगर क रयव ई करन की इछछ हई ककी करन व लो न लोगो क पश बच ड ल घर म स
जो च ह सो म ल उठ कर ल गय चौथ ई जम यन की नोदटस तनकली तकसी-तकसी ग ाव की स री
रसल जबि कर ली गयी लोगो म घबर हट फली कछन लग न जम कर ददय दसर मन-ही-
मन यह च हन लग तक सरक री अमधक री उनक स म न जबि करक लग न वसल कर ल िो भर
प य कछ लोग मर-ममटन व ल भी तनकल
इसी बीच शाकरल ल परीख की जमीन क लग न उनकी जमीन पर रहन व ल आदमी न
जम कर ददय इसस ह ह क र मच गय शाकरल ल परीख न वह जमीन जनि को दकर अपन
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आदमी स हई भल क पर यकषिि तकय इसस उनकी परतिषठ की रकष हई और दसरो क ततलए एक
उद हरण परसिि हो गय
भयभीि लोगो को परोतस तहि करन क ततलए मोहनल ल पाडय क नितव म मन एक ऐस
खि म खडी पय ज की िय र रसल को उि र लन की सल ह दी जो अनमचि रीति स जबि तकय
गय थ मरी दतषट म इसस क़ नन क भाग नही होि थ लतकन अगर क़ नन टटि हो िो भी
मन यह सझ य तक म मली-स लग न क ततलए समची िय र रसल को जबि करन क़ ननन ठीक
होि हए भी नीति क तवरदध ह और सपषट लट ह अिएव इस परक र की जबिी क अन दर करन
हम र धमय ह लोगो को सपषट रप स समझ ददय थ तक ऐस करन म जल ज न और जम यन
होन क खिर ह मोहनल ल पाडय िो यही च हि थ सतय गरह क अनरप तकसी रीति स तकसी
सतय गरही क जल गय तबन खड की लड ई सम पि हो ज य यह चीज उनदह अछछी नही लग रही
थी उनदहोन इस खि क पय ज खदव न क बीड उठ य स ि-आठ आदममयो न उनक स थ
ददय
सरक र उनदह पकड तबन भल कस रहिी मोहनल ल और उनक स थी पकड गय इसस
लोगो क उतस ह बढ गय जह ा लोग जल इतय दद क तवषय म तनभयय बन ज ि ह वह ा र जदणड
लोगो को दब न क बदल उनम शरवीरि उतपनदन करि ह अद लि म लोगो क दल-क-दल
मक़ददम दखन को उमड पड मोहनल ल पाडय को और उनक स ततथयो को थोड-थोड ददनो की
क़द की सज दी गयी म म नि हा तक अद लि क रसल ग़लि थ पय ज उख डन क क म
चोरी की क़ ननी वय खय की सीम म नही आि थ पर अपील करन की तकसी की वतति ही न
थी
जल ज न व लो को पहाच न क ततलए एक जलस उनक स थ हो गय और उस ददन स
मोहनल ल पाडय को लोगो की ओर स पय जचोर की समम तनि पदवी पर पि हई जजसक
उपभोग व आज िक कर रह ह
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७३ खडा की लडाई का अनत
यह िो स र थ तक लोग थक चक थ जो दढ रह थ उनदह परी िरह बरब द होन दन म साकोच
हो रह थ मर झक व इस ओर थ तक सतय गरही क अनरप इसकी सम नपि क कोई शोभ सपद
म गय तनकल आय िो उस अपन न ठीक होग ऐस एक अनसोच उप य स मन आ गय
नमडय द ि लक क िहसीलद र न सादश भज तक अगर अछछी चसथति व ल प टीद र लग न
अद कर द िो ग़रीबो क लग न मलिवी रहग इस तवषय म मन ततलखखि सवीकति म ागी और
वह ममल गयी िहसीलद र अपनी िहसील की ही जजममद री ल सकि थ स र जजल की
जजममद री िो कलकटर ही ल सकि थ इसततलए मन कलकटर स पछ उनक जव ब ममल तक
िहसीलद र न जो कह ह उसक अनस र िो हकम तनकल ही चक ह मझ इसक पि नही थ
लतकन यदद ऐस हकम तनकल चक हो िो म न ज सकि ह तक लोगो की परतिजञ क प लन
हआ परतिजञ म यही वसि थी अिएव इस हकम स हमन सािोष म न
तफर भी इस परक र की सम नपि स हम परसनद न न हो सक सतय गरह की लड ई क पीछ जो
एक ममठ स होिी ह वह इसम नही थी कलकटर म नि थ तक उसन कछ तकय ही नही
ग़रीब लोगो को छोडन की ब ि कही ज िी थी तकनदि व श यद ही छट प य जनि यह कहन
क अमधक र आजम न सकी तक ग़रीब म तकसकी तगनिी की ज य मझ इस ब ि क ःख थ
तक जनि म इस परक र की शतति रह नही गयी थी अिएव लड ई की सम नपि क उतसव िो
मन य गय पर इस दतषट स मझ वह तनसिज लग
तफर भी यह लड ई क जो अददकय पररण म आय उसक फ यद आज भी दख ज सकि
ह और उठ य भी ज रह ह खड सतय गरह स
इसस गजर ि क लोक-जीवन म नय िज आय नय उतस ह उतपनदन हआ प टीद रो को
अपनी शतति क जो जञ न हआ उस व कभी न भल सब कोई समझ गय तक जनि की मतति
क आध र सवया जनि पर उसकी तय गशतति पर ह सतय गरह न खड क दव र गजर ि म अपनी
जड जम ली
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भाग-१४ रगरटो की भरती
७४ रगरटो की भरती
जजन ददनो खड क आनददोलन चल रह थ उन ददनो यरोप क मह यदध भी ज री ही थ
व इसरोय न उसक ततसलततसल म नि ओ को ददलली बल य थ मझस आगरह तकय गय थ तक
म भी उसम ह जजर होऊा
मन तनमािण सवीक र तकय और म ददल ली गय तकनदि इस सभ म ससतममततलि होि समय
मर मन म एक साकोच थ मखय क रण िो यह थ तक इस सभ म अलीभ इयो को लोकम नदय
को और दसर नि ओ को तनमातिि नही तकय गय थ
इस ब ि को िो म दकषकषण अफ़रीक म ही समझ चक थ तक तहनदद-मसलम नो क बीच
सछच ममिभ व नही ह म वह ा ऐस एक भी उप य को ह थ स ज न न दि थ जजसस दोनो क
बीच की अनबन दर हो झठी खश मद करक अथव सव कषभम न खोकर उनको अथव तकसी और
को ररझ न मर सवभ व म न थ लतकन वही स मर ददल म यह ब ि जमी हई थी तक मरी अहहिस
की कसौटी और उसक तवश ल परयोग इस एकि क ततसलततसल म ही होग
इस परक र क तवच र लकर म बमबई बनददर पर उिर थ इसततलए मझ इन दोनो
अलीभ इयो स ममलकर परसनदनि हई हम र सनह बढि गय हम री ज न-पहच न होन क ब द
िरनदि ही अलीभ इयो को सरक र न जीि-जी दरन ददय मौल न महममदअली को जब
इज जि ममलिी िब व बिल य मछिदव ड जल स मझ लमब-लमब पि ततलख करि थ मन उनस
ममलन की इज जि सरक र स म ागी थी पर वह ममल न सकी
चातक मन खखल रि क म मल म मसलम नो क स थ ददय थ इसततलए इस समबनदध म
ममिो और आलोचको न मरी क री आलोचन की ह उन सब पर तवच र करन क ब द जो र य
मन बन यी और जो मदद दी य ददल यी उसक ब र म मझ कोई पि ि प नही ह न उसम मझ
कोई सध र ही करन ह मझ लगि ह तक आज भी ऐस सव ल उठ िो मर वयवह र पहल की
िरह ही होग
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इस परक र क तवच र लकर म ददल ली गय मसलम नो क ःख की चच य मझ व इसरोय
स करनी थी खखल रि क परशन न अभी पणय सवरप ध रण नही तकय थ
ददलली पहाचि ही दीनबनदध एणडज न एक नतिक परशन खड कर ददय उनदही ददनो इटली
और इागलणड क बीच गपि सामध होन की जो चच य अागरजी अखब रो म मछडी थी उसकी ब ि
कहकर दीनबनदध न मझस कह ldquoयदद इागलणड न इस परक र की गपि सामध तकसी र षटर क स थ
की हो िो आप इस सभ म सह यक की िरह कस भ ग ल सकि हrdquo म इस सामधयो क तवषय
म कछ ज नि नही थ दीनबनदध क शबद मर ततलए पय यपि थ इस क रण को तनममि बन कर
मन ल डय चमसफडय को पि ततलख तक सभ म ससतममततलि होि हए मझ साकोच हो रह ह उनदहोन
मझ चच य क ततलए बल य उनक स थ और ब द म मम मफी क स थ मरी लमबी चच य हई उसक
पररण म यह हआ तक मन सभ म ससतममततलि होन सवीक र तकय थोड म व इसरोय की दलील
यह थी ldquoआप यह िो नही म नि तक तबरदटश मािी-माडल जो कछ कर उसकी ज नक री
व इसरोय को होनी ही च तहए म यह द व नही करि तक तबरदटश सरक र कभी भल करिी ही
नही कोई भी ऐस द व नही करि तकनदि यदद आप यह सवीक र करि ह तक उसक अतसितव
सास र क ततलए कलय णक री ह यदद आप यह म नि ह तक उसक क यो स इस दश को कल
ममल कर कछ ल भ हआ ह िो कय आप यह सवीक र नही करग तक उसकी तवपतति क समय
उस मदद पहाच न परतयक न गररक क धमय ह गपि सामध क तवषय म आपन सम च रपिो म जो
दख ह वही मन भी दख ह इसस अमधक म कछ नही ज नि यह म आपस तवशव स-पवयक कह
सकि हा अखब रो म कसी-कसी गपप आिी ह यह िो आप ज नि ही ह कय अखब रो म
आयी हई एक तननद द सचक ब ि पर आप ऐस समय र जय क तय ग कर सकि ह लड ई सम पि
होन पर आपको जजिन नतिक परशन उठ न हो उिन उठ सकि ह और जजिनी िकर र करनी हो
उिनी कर सकि हrdquo
यह दलील नई नही थी लतकन जजस अवसर पर और जजस रीति स यह पश की गयी
उसस मझ नई-जसी लगी और मन सभ म ज न सवीक र कर ततलय खखल रि क ब र म यह
तनिय हआ तक म व इसरोय को पि ततलखकर भजा
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म सभ म ह जजर हआ व इसरोय की िीवर इछछ थी तक म ततसप तहयो की मदद व ल
परसि व क समथयन करा मन तहनददी-तहनदसि नी म बोलन की इज जि च ही व इसरोय न
इज जि िो दी तकनदि स थ ही अागरजी म भी बोलन को कह मझ भ षण िो करन ही नही थ
मन वह ा जो कह सो इिन ही थ ldquoमझ अपनी जजममद री क पर खय ल ह और उस जजममद री
को समझि हए म इस परसि व क समथयन करि हाrdquo
मरी दसरी जजममद री रागरट भरिी करन की थी इसकी य चन म खड म न करि िो
और कह ा करि पहल अपन स ततथयो को न नद योिि िो तकस नदयोिि खड पहाचि ही
वललभभ ई इतय दद क स थ मन सल ह की उनम स कछ क गल ब ि िरनदि उिरी नही जजनक
गल उिरी उनदहोन क यय की सफलि क तवषय म शाक परकट की जजन लोगो म स रागरटो की
भरिी करनी थी उन लोगो म सरक र क परति तकसी परक र क अनर ग न थ सरक री अरसरो
क उनदह जो कडव अनभव हआ थ वह भी ि ज ही थ
तफर भी सब इस पकष म हो गय तक क म शर कर ददय ज य शर करि ही मरी आाख
खली मर आश व द भी कछ ततशततथल पड खड की लड ई म लोग अपनी बलग डी मफि म
दि थ जह ा एक सवयासवक की ह जजरी की जररि थी वह ा िीन-च र ममल ज ि थ अब पस
दन पर भी ग डी लयभ हो गयी लतकन हम यो तनर श होन व ल नही थ ग डी क बदल हमन
पदल य ि करन क तनिय तकय रोज बीस मील की माजजल िय करनी थी जह ा ग डी न
ममलिी वह ा ख न िो ममलि ही कस म ागन भी उमचि नही ज न पड अिएव यह तनिय
तकय तक परतयक सवयासवक अपन ख न क ततलए पय यपि स मगरी अपनी थली म लकर तनकल
गमी क ददन थ इसततलए स थ म ओढन क ततलए िो कछ रखन की आवकयकि न थी
हम जजस ग ाव म ज ि उस ग ाव म सभ करि लोग आि लतकन भरिी क ततलए न म िो
मतककल स एक य दो ही ममलि आप अहहिस व दी होकर हम हततथय र उठ न क ततलए कयो कहि
हrsquo सरक र न तहनद सि न क कय भल तकय ह तक आप हम उसकी मदद करन को कहि हrsquo
ऐस अनक परक र क परशन मर स मन रख ज ि थ
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यह सब होि हए भी धीर-धीर हम र सिि क यय क परभ व लोगो पर पडन लग थ न म
भी क री साखय म दजय होन लग थ और हम यह म नन लग थ तक अगर पहली टकडी तनकल
पड िो दसरो क ततलए र सि खल ज एग यदद रागरट तनकल िो उनदह कह ा रख ज य इतय दद
परशनो की चच य म कमीशनर स करन लग थ कमीशनर ददलली क ढाग पर जगह-जगह सभ य
करन लग थ गजर ि म भी वसी सभ हई उसम मझ और स ततथयो को तनमातिि तकय गय थ
म उसम भी ससतममततलि हआ थ पर यदद ददलली की सभ म मर ततलए कम सथ न थ िो यह ा की
सभ म िो उसस भी कम सथ न मझ अपन ततलए म लम हआ जी-हजरीrsquo क व ि वरण म मझ
चन न पडि थ यह ा म कछ अमधक बोल थ मरी ब ि म खश मद-जसी िो कोई चीज थी ही
नही बचलक दो कडव शबद भी थ
रागरटो की भरिी क ततसलततसल म मन जो पहििक परक ततशि की थी उसम भरिी क ततलए
लोगो को तनमातिि करि हए जो एक दलील दी गयी थी वह कमीशनर को बरी लगी थी उसक
आशय यह थ ldquoतबरदटश र जय क अनक नक षकतयो म समची परज को तनःशसि बन न व ल
क़ नन को इतिह स उसक क ल स क ल क म म नग इस क़ नन को रद कर न हो और शसिो
क उपयोग सीखन हो िो उसक ततलए यह एक सवणय अवसर ह साकट क समय म मधयमशरणी
क लोग सवछछ स श सन की सह यि करग िो अतवशव स दर होग और जो वयतति शसि ध रण
करन च हग वह आस नी स वस कर सकग rdquo इसको लकषय म रखकर कमीशनर को कहन
पड थ तक उनक और मर बीच मिभद क रहि हए भी सभ म मरी उपचसथति उनदह तपरय थी
मझ भी अपन मि क समथयन यथ साभव मीठ शबदो म करन पड थ
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७५ मतय-शयया पर
रगरटो की भरिी क क म म मर शरीर क री कषीण हो गय उन ददनो मर आह र म मखयिः
ततसकी हई और कटी हई मागफली दो-िीन नीब क प नी इिनी चीज रह करिी थी म ज नि
थ तक अमधक म ि म ख न स मागफली नक़स न करिी ह तफर भी वह अमधक ख ली गयी
उसक क रण पट म कछ पमचश रहन लगी म समय-समय पर आशरम म िो आि ही थ मझ
यह पमचश बहि धय न दन योगय परिीि न हई र ि आशरम पहाच उन ददनो म दव कवमचि ही
लि थ तवशव स यह थ तक एक ब र क ख न छोड दन स ददय ममट ज एग दसर ददन सबर
कछ भी न ख य थ इसस ददय लगभग बाद हो चक थ पर म ज नि थ तक मझ उपव स च ल
रखन च तहए अथव ख न ही हो िो फल क रस जसी कोई चीज लनी च तहए
उस ददन कोई तयौह र थ मझ य द पडि ह तक मन कसिरब ई स कह ददय थ तक म
दोपहर को भी नही ख ऊा ग लतकन उसन मझ ललच य और म ल लच म फा स गय उन ददनो
म तकसी पश क दध नही लि थ इसस घी-छ छ क भी मन तय ग कर ददय थ इसततलए उसन
मझस कह तक आपक ततलए दल हए गहा को िल म भनकर लपसी बन यी गयी ह और ख स िौर
पर आपक ततलए ही पर माग भी बन य गय ह म सव द क वश होकर तपघल तपघलि हए भी
इछछ िो यह रखी थी तक कसिरब ई को खश रखन क ततलए थोड ख लाग सव द भी ल लाग
और शरीर की रकष भी कर लाग पर शि न अपन तनश न ि क कर ही बठ थ ख न बठ िो
थोड ख न क बदल पट भर कर ख गय इस परक र सव द िो मन पर ततलय पर स थ ही यमर ज
को नदयोि भी भज ददय ख न क ब द एक घाट भी न बीि थ तक जोर की पमचश शर हो गयी
मचनदि िर होकर स ततथयो न मझ च रो ओर स घर ततलय उनदहोन मझ अपन परम स नहल
ददय पर व बच र मर ःख म तकस परक र ह थ बाट सकि थ मर हठ क प र न थ मन डोकटर
को बल न स इनक र कर ददय दव िो लनी ही न थी सोच तकय हए प प की सज भोगाग
स ततथयो न यह सब माह लटक कर सहन तकय चौबीस घाटो म िीस-च लीस ब र प ख न की
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ह जि हइ होगी ख न म बनदद कर ही चक थ और शर क ददनो म िो मन फल क रस भी
नही ततलय थ लन की तबलकल रमच न थी
आज िक जजस शरीर को म पतथर क सम न म नि थ वह अब गीली ममटटी-जस बन
गय शतति कषीण हो गयी डोकटर क नग आय दव लन क ततलए समझ य मन इनक र तकय
उनदहोन तपचक री लगव न की सल ह दी मन उसक ततलए भी इनक र कर ददय उस समय क
तपचक री-तवषयक मर अजञ न ह सय सपद थ म यह म नि थ तक तपचक री म तकसी-न-तकसी
परक र की लसी होगी ब द म मझ म लम हआ तक वह िो तनदोष वनसपति स बनी औषमध की
तपचक री थी पर जब समझ आयी िब अवसर बीि चक थ ह जि िो ज री ही थी अतिशय
पररशरम क क रण बख र आ गय और बहोशी भी आ गयी ममि अमधक घबर य दसर डोकटर
भी आय पर जो रोगी उनकी ब ि म न नही उसक ततलए व कय कर सकि थ
वदय ममि और डोकटर ममि अनक परक र की सल ह दि थ पर म तकसी िरह दव पीन
को िय र नही हआ दो-िीन ममिो न सल ह दी तक दध लन म आपतति हो िो म ास क शोरव
लन च तहए और औषमध क रप म म ास दद च ह जो वसि ली ज सकिी ह इसक समथयन म
उनदहोन आयवद क परम ण ददय एक न अणड लन की ततसर ररश की लतकन म इनम स तकसी
भी सल ह को सवीक र न कर सक मर उिर एक ही थ ndash नही
ख दय ख दय क तनणयय मर ततलए कवल श सिो क शलोको पर अवलातबि नही थ बचलक
मर जीवन क स थ वह सविाि रीति स जड हआ थ च ह जो चीज ख कर और च ह जस
उपच र करक जीन क मझ ितनक भी लोभ न थ जजस धमय क आचरण मन अपन पिो क
ततलए तकय सिी क ततलए तकय सनतहयो क ततलए तकय उस धमय क तय ग म अपन ततलए कस
करि
इस परक र मझ अपनी इस बहि लमबी और जीवन की सबस पहली इिनी बडी बीम री म
धमय क तनरीकषण करन और उस कसौटी पर चढ न क अलभय ल भ ममल एक र ि िो मन
तबलकल ही आश छोड दी थी मझ ऐस भ स हआ तक अब मतय समीप ही ह
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यो म मौि की र ह दखि बठ थ इिन म डो िलवलकर एक तवमचि पर णी को लकर
आय व मह र षटरी ह तहनद सि न उनदह पहच नि नही म उनदह दखकर समझ सक थ तक व मरी
ही िरह चकरम ह व अपन उपच र क परयोग मझ पर करन क ततलए आय थ
सो भी बरफ क अथ यि प नी क अिएव उनदहोन मर स र शरीर पर बरर मघसनी शर
की इस इल ज स जजिन पररण म की आश व लग य हए थ उिन पररण म िो मर समबनदध म
नही तनकल तफर भी म जो रोज मौि की र ह दख करि थ अब मरन क बदल कछ जीन
की आश रखन लग मझम कछ उतस ह पद हआ मन क उतस ह क स थ मन शरीर म भी
उतस ह क अनभव तकय म कछ अमधक ख न लग और म आसप स क क मो म थोड -थोड
रस लन लग
मरी िबीयि की तहर जि क जजमम शाकरल ल बकर न अपन ह थ म ततलय थ उनदहोन
डो दल ल स सल ह लन क आगरह तकय डो दल ल आय उनकी ितक ल तनणयय करन की
शतति न मझ मगध कर ततलय व बोल
ldquoजब िक आप दध न लग म आपक शरीर को तफर स हषट-पषट न बन सका ग उस पषट
बन न क ततलए आपको दध लन च तहए और लोह िथ आसतनक की तपचक ररय ा लनी च तहए
यदद आप इिन कर िो आपक शरीर को पनः पषट करन की ग रणटी म दि हाrdquo
मन जव ब ददय ldquoतपचक री लग इय लतकन दध म न लाग rdquo
डोकटर न पछ ldquoदध क समबनदध म आपकी परतिजञ कय हrdquo
ldquoयह ज नकर तक ग य-भस पर फा क की तकरय की ज िी ह मझ दध स नररि हो गयी
ह और यह िो म सद स म नि रह हा तक दध मनषय क आह र नही ह इसततलए मन दध छोड
ददय हrdquo
यह सनकर कसिरब ई जो मरी खदटय क प स ही खडी थी बोल उठी ldquoिब िो बकरी
क दध आप ल सकि हrdquo
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डोकटर बीच म बोल ldquoआप बकरी क दध ल िो मर क म बन ज यrdquo
म तगर सतय गरह की लड ई क मोह न मर अनददर जीन क लोभ पद कर ददय और मन
परतिजञ क अकषर थय क प लन स सािोष म नकर उसकी आतम क हनन तकय यदयतप दध की
परतिजञ लि समय मर स मन ग य- भस ही थी तफर भी मरी परतिजञ दधम ि की म नी ज नी
च तहए और जब िक म पश क दधम ि को मनषय क आह र क रप म तनतषदध म नि हा िब
िक मझ उस लन क अमधक र नही इस ब ि को ज नि हए भी म बकरी क दध लन को िय र
हो गय सतय क पज रीन सतय गरह की लड ई क ततलए जीन की इछछ रखकर अपन सतय को
ल ामछि तकय
मर इस क यय क डाक अभी िक ममट नही ह और बकरी क दध छोडन क तवषय म मर
मचनदिन िो चल ही रह ह तकनदि सव करन क मह सकषम मोह जो मर पीछ पड ह मझ छोडि
नही
बकरी क दध शर करन क कछ ददन ब द डो दल ल न गद दव र की दर रो क आपरशन
तकय और वह बहि सफल हआ
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भाग-१५ रोलट एकट और राजनीनत म परवश
७६ रोलट एकट
शरीर बन और जीन की आश बनन लगी ईशवर न मर ततलए क म िय र ही रख थ
तबछौन छोडकर उठन की कछ आश बाध रही थी और अखब र बगर पढन लग ही थ
तक इिन म रौलट कमटी की ररपोटय मर ह थ म आयी उसकी ततसर ररश पढकर म चौक भ ई
उमर सोब नी और शाकरल ल बकर न च ह तक कोई तनकषिि क़दम उठ न च तहए एक ध महीन
म म अहमद ब द गय वललभभ ई पर यः परतिददन मझ दखन आि थ मन उनस ब ि की और
सझ य तक इस तवषय म हम कछ करन च तहए ldquoकय तकय ज सकि हrdquo इसक उिर म मन
कह ldquoयदद थोड लोग भी इस समबनदध म परतिजञ करन व ल ममल ज एा िो और कमटी की
ततसर ररश क अनस र क़ नन बन िो हम सतय गरह शर करन च तहए यदद म तबछौन पर पड
न होि िो अकल भी इसम जझि और यह आश रखि तक दसर लोग ब द म आ ममलग
तकनदि अपनी ल च र चसथति म अकल जझन की मझम तबलकल शतति नही हrdquo
इस ब िचीि क पररण म-सवरप ऐस कछ लोगो की एक छोटी सभ बल न क तनिय
हआ
कोई भी चलिी हई सासथ सतय गरह-जस नय शसि को सवया उठ ल इस मन असमभव
म न इस क रण सतय गरह-सभ की सथ पन हई
लतकन मन शर म ही दख ततलय तक यह सभ लमब समय िक दटक नही सकगी इसक
अल व सतय और अहहिस पर जो जोर म दि थ वह कछ लोगो को अतपरय म लम हआ तफर
भी शर क ददनो म यह नय क म धडलल क स थ आग बढ
अभी तबल गजट म नही छप थ मर शरीर कमजोर थ तकनदि मर स स आय हए
तनमािण को सवीक र करन च तहए ऐस मझ लग तफर भी मन लमबी य ि क खिर उठ य
र जगोप ल च यय सलम छोडकर अभी-अभी ही मर स म वक लि करन क ततलए आय थ
सभ ओ क ततसव मझ और कछ सझि ही न थ यदद रौलट तबल क़ नन बन ज ए िो उसकी