visionias · लिंग संबंधी मुद्दे (gender related issues) 1.1....

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VISIONIAS www.visionias.in Classroom Study Material सामाजिक म September 2016 – October 2016 Copyright © by Vision IAS All rights are reserved. No part of this document may be reproduced, stored in a retrieval system or transmitted in any form or by any means, electronic, mechanical, photocopying, recording or otherwise, without prior permission of Vision IAS.

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    Classroom Study Material

    सामाजिक मुद्दे

    September 2016 – October 2016

    Copyright © by Vision IAS

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  • विषय सचूी

    1. लिंग संबंधी मदु्द े______________________________________________________________________________ 4

    1.1. विश्व अर्थथक फोरम (WEF) की िंैंवगक ऄतंरािं ररपोर्ट में भारत का 87िां स् थान ______________________________ 4

    1.2. जननी सुरक्षा योजना _______________________________________________________________________ 4

    1.3. घरेिं ूलहसा ऄवधवनयम में पररितटन ______________________________________________________________ 5

    2. जातीय और जनजातीय मदु्द े______________________________________________________________________ 6

    2.1. मराकेश संवध िंाग_ू________________________________________________________________________ 6

    2.2. ऄंतराटष्ट्रीय बािं ऄपहरण विधेयक 2016 के नागररक पहिं ू_____________________________________________ 6

    2.3. अरम्भ पहिं ____________________________________________________________________________ 7

    2.4. भारत में िृद्ध _____________________________________________________________________________ 8

    2.5. ियोश्रषे् ठ सम् मान __________________________________________________________________________ 8

    2.6. एचअइिी और एड्स (रोकथाम और वनयंत्रण) विधेयक, 2014 में संशोधन ___________________________________ 9

    3. स्िास््य और रोग ____________________________________________________________________________ 11

    3.1. डेंग ूऔर वचकनगुवनया _____________________________________________________________________ 11

    3.2.दिाओं तक पहुँच पर सयंुक्त राष्ट्र के ईच्चस्तरीय पनैिं की ररपोर्ट _________________________________________ 14

    3.3. नया स्िास््य सचूकांक _____________________________________________________________________ 14

    3.4. भारत बडट फ्िंू से मुक्त घोवषत ________________________________________________________________ 15

    3.5. वमशन पररिार विकास ____________________________________________________________________ 15

    3.6. मातृ स्िास््य ___________________________________________________________________________ 16

    3.7. िैवश्वक र्ीबी ररपोर्ट _______________________________________________________________________ 17

    4. वशक्षा ____________________________________________________________________________________ 18

    4.1.भारतीय संस्थानों की िैवश्वक रैंककग ____________________________________________________________ 18

    4.2. ईच्च वशक्षा वित्तीयन एजेंसी (HEFA) __________________________________________________________ 18

    4.3. राष्ट्रीय मेवडकिं अयोग मसौदा विधेयक, 2016 ___________________________________________________ 19

    4.4. राष्ट्रीय शैक्षवणक वडपॉवजर्री _________________________________________________________________ 20

    4.5. वशक्षा पर नइ ददल्िंी घोषणा ________________________________________________________________ 21

    5. विविध ___________________________________________________________________________________ 22

    5.1. शराब पर रोक __________________________________________________________________________ 22

    5.2. वहरासत में मृत्यु और जिेंों में सुधार ____________________________________________________________ 23

    5.3. स्िच्छ भारत वमशन: वितीय िषटगाठं ___________________________________________________________ 24

    5.4. भारत में खुिंे में शौच _____________________________________________________________________ 25

  • 3 www.visionias.in ©Vision IAS

    5.5 WHO िारा चीनी कर का सुझाि______________________________________________________________ 26

    5.6. िल्डट वगलिग आंडके्स में भारत के रैंक में सुधार _____________________________________________________ 27

    5.7. बािं वििाह को समाप्त करने के विंए राजस्थान का ऄवभयान __________________________________________ 28

  • 4 www.visionias.in ©Vision IAS

    1. लिंग संबंधी मुदे्द (GENDER RELATED ISSUES)

    1.1. विश्व अर्थथक फोरम (WEF) की िंैंवगक ऄंतरािं ररपोर्ट में भारत का 87िां स् थान

    (India Ranks 87 in WEF Gender Gap Report)

    सरु्थियों में क् यों?

    विश् ि अर्थथक फोरम (WEF) की िैवश्वक िंैंवगक ऄतंरािं ररपोर्ट 2016 हािं ही में जारी हइ थी।

    भारत ने िैवश्वक िंैंवगक ऄतंरािं सूची में ऄपनी रैंककग में काफी सुधार दकया है, WEF िारा जारी की गयी ररपोर्ट के ऄनुसार

    भारत एक िषट में 108 िें स् थान से 87िें स् थान पर अ गया ह।ै

    ररपोर्ट के सबंधं में

    WEF दशेों के िंैंवगक ऄतंरािं का मापन चार कारकों को ध् यान में रखते हए करता ह-ै ऄथटव् यिस् था, स् िास् ् य, वशक्षा एि ं

    राजनीवतक प्रवतवनवधत् ि।

    निीनतम संस् करण में, ररपोर्ट िारा ज्ञात दकया गया ह ैदक ऄतंरािं बढ़ने के साथ िंैंवगक भेद के प्रमुख अर्थथक स्तम् भ में समता की

    ओर प्रगवत ईल् िंेखनीय प प से म द हइ ह-ै यह 59% ह ै– जो 2008 के बाद से दकसी भी समय वब द ुकी तुिंना में ऄवधक ह।ै

    िैवश्वक प प स,े आस रैंककग में स्कैं वडनेविअइ दशे: अआसिंैंड, दफनिंैंड, नािे और स् िीडन शीषट चार स्थानों में बने हए हैं।

    भारत का प्रदशटन

    भारत का 144 दशेों में 87िां स् थान ह,ै आसने 2015 में ऄपनी वस्थवत (108िां स्थान) से सुधार करते हए यह स् थान प्रा त दकया

    ह।ै

    आसने ऄपने िंैंवगक ऄतंरािं को एक िषट में 2% कम कर ददया ह:ै चार स् तम् भों के ऄतंगटत यह ऄंतर ऄब 68% ह।ै

    हािंांदक वशक्षा के क्षेत्र में प्रमुख सुधार हए हैं, जहाुँ आसने प्राथवमक एिं वितीयक वशक्षा में ऄतंरािं को पूणट प प से समा त करन े

    में सफिंता प्रा त की ह।ै

    भारत ऐसे दशेों के समहूों में से भी एक ह ैवज होंने मवहिंाओं की वशक्षा में महत् िपूणट वनिेश दकए हैं, दक तु अमतौर से कायटबिं में

    मवहिंाओं की भागीदारी की बाधाओं को नहीं हर्ाया ह।ै

    1.2. जननी सुरक्षा योजना

    (Janani Suraksha Yojna)

    सरु्थियों में क् यों?

    नेशनिं काईंवसिं फॉर एिंाआड आकॉनोवमक ररसचट (NCAER) के शोधकताटओं िारा दकए गए निीनतम ऄध् ययन के ऄनुसार

    जननी सरुक्षा योजना (JSY) ने सामावजक-अर्थथक विषमताओं को कम करने में सहयोग दकया है, साथ ही साथ आसके

    फिंस् िप प सभी समहूों, विशेष प प से ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब एि ंिंवचतों के बीच स् िास् ् य सेिाओं के ईपयोग में सिंधटन हअ ह।ै

  • 5 www.visionias.in ©Vision IAS

    यह ऄध् ययन तुिंना करने के विंए पूिटितती एि ं

    ईत् तरितती पररदशृ् य प्रदान कराने िािं,े 2004-05

    और 2011-12 में अयोवजत, भारत मानि विकास

    सिेक्षण (IHDS) के दो दौर से प्रा त अकं़ों ों का

    ईपयोग कर दकया गया था।

    योजना के बारे में

    जननी सुरक्षा योजना (JSY) का शुभारम् भ संस्थागत

    प्रसि (ऄस्पतािंों में प्रसि) को प्रोत् साहन प्रदान कर

    मातृ और निजात स्िास््य में सुधार करने के विंए,

    राष्ट्रीय ग्रामीण स्िास््य वमशन के भाग के प प में िषट

    2005 में दकया गया था।

    जननी सरुक्षा योजना (JSY) एक 100% केर

    प्रायोवजत योजना ह ैएिं आसमें प्रसि के दौरान एिं प्रसिोपरातं दखेभािं के विंए नकद सहायता समाविष्ट होती ह।ै

    आसे आस योजना के ऄतंगटत सरकार और गरीब गभटिती मवहिंाओं के बीच प्रभािी क़ों ी के प प में कायट करने िािंी अशा

    (ASHA) ऄथाटत मायता-प्राप्त सामावजक स्िास््य कायटकताट के माध् यम से कायाटवित दकया जाता ह।ै

    यह सामावजक-अर्थथक ऄसमानताओं को कम करन ेमें दकस प्रकार सहायता करती ह:ै

    सिटप्रथम, आन दोनों दौर के बीच वनरक्षर या कम वशवक्षत और वनधटन मवहिंाओं के बीच तीनों मातृ स्िास््य दखेभािं सेिाओं का

    ईपयोग ईल्िंेखनीय प प से ईच्च था।

    दसूरा, सिेक्षणों के बीच ऄय वपछ़ों ा िगट, दविंत, अददिावसयों और मुवस्िंम मवहिंाओं िारा तीनों मातृ स्िास््य दखेभािं

    सेिाओं का ईपयोग बढ़ा।

    सामायतः कम वशवक्षत और ऄवधक वशवक्षत मवहिंाओं के बीच एिं वनधटन और सपं न मवहिंाओं के बीच ऄंतरािं में कमी अयी

    थी।

    1.3. घरेिंू लहसा ऄवधवनयम में पररितटन

    (Changes in Domestic Violence Act)

    आसके सबंधं में

    सिोच् च यायािंय ने ऄवधवनयम के प्रासंवगक प्रािधान में से ''ियस् क पुु ष'' शब् द समा त कर ददया ह,ै तादक एक मवहिंा दकसी

    दसूरी मवहिंा पर घरेिंू लहसा का अरोप िंगाते हए ईसके विुद्ध भी वशकायत (पररिाद) दजट करा सके।

    यायािंय िारा ददए गए कारण

    घरेिंू लहसा की ऄपराधकताट और दषु्प्ररेक, मवहिंाएुँ भी हो सकती हैं, आसविंए ई हें याय प्रदकया से ऄिंग रखने से ऄवधवनयम

    का प्रयोजन वनष्फिं हो जाएगा। आस ईमुवक्त के ऄंतगटत मवहिंाएुँ एिं छोरे् बच् चे घरेिंू लहसा करना जारी रख सकते हैं।

    यह समान वस्थवत िािंे व् यवक्तयों के बीच भेदभाि करता ह ैएिं आस प्रकार संविधान के ऄनचु् छेद 14 का ईल् िंंघन करता ह।ै

    पररितटन का महत् ि

    यह घरेिंू लहसा को लिंग वनरपके्ष बना दतेा ह,ै जो कुछ विशषेज्ञों ( यायपीठ सवहत) के ऄनुसार याय के प्रयोजन को बेहतर प प

    से पूणट करने में सहायता करेगा।

    हािंांदक, आससे संबवंधत कुछ लचताएुँ भी व् यक् त की गयी हैं दक यह पवतयों को ऄपनी माताओं या बहनों के माध् यम से ऄपनी

    पवियों के विुद्ध प्रवतिाद (counter case) दजट कराने के विंए भी प्रोत् सावहत करेगा।

    आस ऄवधवनयम के ऄतंगटतत दकशोरों को भी रखे जाने से संबंवधत शंकाएुँ भी हैं। घरेिंू लहसा ऄवधवनयम के ऄंतगटत कोइ

    अपरावधक प्रािधान नहीं ह,ै आसविंए दकशोर ऄपराध बोडट के संबधं में कोइ प्रश् न नहीं ह।ै

    घरेिंू लहसा ऄवधवनयम के ऄंतगटत प्रदान की जाने िािंी राहत िंगभग सदिै वित् तीय- भरण-पोषण, क्षवतपूर्थत एिं िैकवल्पक

    अिास व् यिस् था होती ह-ै वजसका दािा दकसी ियस् क व् यवक्त के विुद्ध ही दकया जा सकता ह।ै

  • 6 www.visionias.in ©Vision IAS

    2. जातीय और जनजातीय मुदे्द (CASTE AND TRIBAL ISSUES)

    2.1. मराकेश संवध िंागू

    (Marrakesh Treaty comes into Force)

    सरु्थियों में क्यों?

    विश्व बौवद्धक सपंदा संगठन (WIPO) के सदस्यों िारा 2013 में ऄपनाइ गयी मराकेश संवध 29 वसतबंर को 22 दशेों िारा

    ऄंगीकृत करने के बाद िंागू हो गयी।

    मराकेश सवंध क्या ह?ै

    मराकेश संवध या मराकेश िीअइपी संवध वजसे औपचाररक प प से माराकेश संवध के प प में जाना जाता ह ैलप्रर् वडसेवबविंर्ी स े

    ग्रस्त व्यवक्तयों या नेत्रहीन व्यवक्तयों के विंए प्रकावशत सावहत्य के ईपयोग को सुसाध्य बनाता ह।ै

    आसको "बुक्स फॉर ब्िंाआंड" संवध भी कहा जाता ह।ै

    सवंध की मखु्य विशषेताएं:

    यह संवध कॉपीराआर् ऄपिाद की ऄनमुवत दतेा ह ैतादक कॉपीराआर् के ऄधीन अने िािंी पुस्तकों और ऄय कायों का दवृष्टबावधत

    िंोगों के विंए सिुंभ संस्करण एिं प्राप प का सजृन, वनयाटत और अयात, साझाकरण, एिं ऄनिुाद दकया जा सके।

    WHO के ऄनसुार यह ईम्मीद ह ैदक संवध िारा आस तरह की विकिंागंता से पीव़ों त 300 वमविंयन िंोगों िारा ऄनभुि दकय े

    जाने िािं े"पुस्तकों के ऄकािं" को कम दकया जा सकेगा।

    सवंध का कायाटियन

    WIPO संयुक्त राष्ट्र संघ का वजनिेा में वस्थत एक प्रभाग ह,ै यह मराकेश संवध का प्रशासन करता ह ैऔर वनजी तथा सािटजवनक

    भागीदारों के एक्सेवसबिं बुक्स कंसोर्टर्यम (ABC) के गठबंधन का नतेृत्ि करता ह।ै

    ABC ने दवुनया भर के दवृष्टबावधत िंोगों के विंए विवभन्न पुस्तकािंयों िारा सृवजत पुस्तकों का एक वन:शुल्क कें रीकृत

    आिंेक्रॉवनक डार्ाबेस स्थावपत दकया ह।ै यह एक पुस्तकािंय-से-पुस्तकािंय (library- to-library) सेिा ह।ै

    भारत और मराकेश सवंध

    भारत जुिंाइ 2014 में पहिंा दशे बना वजसने मराकेश संवध को ऄंगीकार कर ऄय दशेों के समक्ष एक ईदाहरण प्रस्तुत दकया।

    WHO के ऄनसुार, भारत में 63 वमविंयन दवृष्टबावधत िंोग हैं, वजनमें से 8 िंाख नेत्रहीन हैं।

    भारत ने एक बह वहतधारक दवृष्टकोण के साथ मराकेश संवध का कायाटियन शपु दकया ह,ै वजसमें सभी प्रमुख वहतधारकों यथा

    सरकार के मंत्रािंयों, स्थानीय चैंवपयन जसैे भारत का DAISY फोरम, और वनजी क्षेत्रक के बीच सहयोग शावमिं ह।ै

    मराकेश संवध के ऄनुगमन में, भारत ने सुगम्य भारत ऄवभयान (Accessible India Campaign) का शुभारंभ दकया और

    सुगम्य पुस्तकािंय, वजसमें 2000 पुस्तकें हैं, की स्थापना की।

    (नोर्: आस े मराकेश समझौता समझ कर भ्रवमत नहीं होना चावहए मराकेश समझौता िह ह ै वजस पर विश्व व्यापार संगठन की

    स्थापना हतेु विचार विमशट के ईुग्िे दौर के ऄतं में हस्ताक्षर दकए गए थे।)

    2.2. ऄंतराटष्ट्रीय बािं ऄपहरण विधेयक 2016 के नागररक पहिंू

    (The Civil Aspects of International Child Abduction Bill, 2016)

    सरु्थियों में क्यों?

    मवहिंा एिं बािं विकास मंत्रािंय (WCD) ने ऄंतराटष्ट्रीय बािं ऄपहरण विधेयक, 2016, के नागररक पहिंुओं का मसौदा तैयार

    दकया गया ह ैवजसको यदद मज़ंरूी द ेदी गइ तो 16 सािं से कम अयु के दकसी भी बच्चे, वजसका "गिंत तरीके से स्थान बदिंा

    गया ह ैया दसूरे राज्य में भजेा गया ह,ै वजसका िह ऄभ्यस्त वनिासी नहीं ह"ै, की शीघ्र िापसी सुवनवित होगी।

    विधेयक हगे किेंशन के प्रािधान को िंागू करने के विंए एक समथटकारी विधान प्रदान करेगा।

  • 7 www.visionias.in ©Vision IAS

    विधयेक की विशषेताए ं

    मसौदा विधेयक एक कें रीय प्रावधकरण की स्थापना का प्रािधान करता है, वजसका प्रावधकारी कें र सरकार का एक ऄवधकारी

    होगा, जो भारत सरकार के संयकु्त सवचि के पद से नीचे का नहीं होगा।

    ऐसे बच्चे की िापसी सुवनवित करन े में सहायता के विंए कें रीय प्रावधकरण के समक्ष अिदेन ददया जा सकेगा।

    कें रीय प्रावधकरण को आस प्रकार के सभी मामिंों में फैसिंा करने की शवक्त होगी।

    कें रीय प्रावधकरण जब आस प्रकार के दकसी भी मामिंे की जाुँच करेगा तो ईसके पास एक वसवििं ऄदािंत के समान शवक्तयाुँ

    होंगी।

    कें रीय प्रावधकरण ईस ईच्च यायािंय (फस्र्ट स्राआक वप्रवसपिं) वजसके क्षते्रावधकार में बच्चा शारीररक प प से मौजूद ह ैया ऄंवतम

    बार दखेा गया था, में ईस बच्चे की िापसी वनदवेशत करने िािंे अदशेपत्र की प्रावप्त के विंए अिदेन कर सकता ह।ै

    कें रीय प्रावधकरण संबंवधत राज्य के ईपयुक्त ऄवधकाररयों के साथ बच्चे से संबंवधत दकसी भी तरह की जानकारी का अदान-प्रदान

    कर सकता ह।ै

    कें रीय प्रावधकरण मवहिंा एिं बािं विकास मंत्रािंय के माध्यम से केर सरकार को एक िार्थषक ररपोर्ट प्रस्ततु करेगा।

    अग ेकी राह

    विधेयक में ऄय दशेों और ईनके ऄनभुि की तजट पर अगे और सधुार दकया जा सकता ह।ै ऄमेररका और यूरोप में, बच्चे का आंर्र-

    पैरेंर्िं ऄपहरण एक गभंीर ऄपराध ह,ै जहां अरोपी माता-वपता ऄपहरण के अरोप में जिें जा सकते हैं।

    विधेयक आस मदु्दे का सामना कर रह ेबच्चों के विंए सकंर् को खत्म करने की ददशा में एक सही कदम ह।ै आस पर विचार-विमशट

    और बहस की जानी चावहए और शीघ्रावतशीघ्र आसे काननू के प प में पररिर्थतत दकया जाना चावहए।

    हगे किेंशन के बारे में

    हगे किेंशन का िंक्ष्य "बच्चों के गिंत तरीके से दकये गए ऄिस्थापन या गिंत तरीके से ईहें रखने के हावनकारक प्रभािों से

    ऄंतरराष्ट्रीय स्तर पर बच्चों की रक्षा करना और ईनके ऄभ्यस्त वनिास के राज्य में ईनकी शीघ्र िापसी सुवनवित करना, साथ ही ईनके

    (गृह-राज्य तक) पहुँच के ऄवधकारों का सरंक्षण सरुवक्षत करने की प्रदियाओं की स्थापना करना ह।ै"

    94 दशे ऄंतराटष्ट्रीय बािं ऄपहरण के नागररक पहिंओुं पर हगे किेंशन के पक्षकार हैं। भारत ने हगे किेंशन पर हस्ताक्षर नहीं दकया

    ह।ै कोइ दशे तब आसका हस्ताक्षरकताट बन सकता ह ैजब िहां पर पहिंे से आस सम्बध में घरेिंू काननू िंागू हो।

    2.3. अरम्भ पहिं

    (Aarambh Initiative)

    सरु्थियों में क्यों?

    यह दशे की पहिंी हॉर्िंाआन ह ैजो बच्चों के आंर्रनेर् के माध्यम से यौन शोषण को रोकने के विंए और ऑनिंाआन ऄनािृत चाआल्ड

    पोनोग्रादफक सामग्री हर्ाने के विंए ह।ै

    पहिं के बारे में

    ईद्देश्य: ऑनिंाआन चाआल्ड पोनोग्राफी की आस बीमारी को खत्म करना और ऑनिंाआन स्पेस में बािं संरक्षण के मदु्दे को अगे

    बढ़ाना।

    यह दशे में बािं सरंक्षण पर काम कर रह ेव्यवक्तयों और संगठनों का एक नेर्िकट है, विरे्न अधाररत आंर्रनेर् िॉच फाईंडशेन

    (IWF) ने आसके साथ सहयोग दकया ह।ै

    भारत में हॉर्िंाआन aarambhindia.org पर होस्र् की जाएगी और यह यूज़सट को बेनाम रहते हए और एक सुरवक्षत िातािरण

    में बािं यौन शोषण के वचत्र और िीवडयो ररपोर्ट करने में सक्षम बनाएगी।

    यह एक सरिं, सुिंभ प्रपत्र (वहदी और ऄंग्रजेी में ईपिंब्ध) ह ैवजसका कोइ भी जागप क ईपयोगकताट, जो सािटजवनक आंर्रनेर्

    पर दकसी बच्चे के यौन ईमुक्त वचत्र पाता ह,ै ईसे ररपोर्ट करने के विंए ईपयोग कर सकता ह।ै बाद में आस ेऄय भाषाओं में भी

    शुप दकया जाएगा।

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    2.4. भारत में िृद्ध

    (Elderly in India)

    सरु्थियों में क् यों?

    हािं ही में दकए गए सिेक्षण के ऄनसुार भारत में 65 प्रवतशत िदृ्ध िंोग ऄपनी वित् तीय अिश् यकताओं के विंए दसूरों पर वनभटर हैं

    एिं वित् तीय सकंर् से गजुरते हैं।

    सिके्षण के प्रमखु वनष्कषट

    38% ईत् तरदाताओं के विंए पेंशन अय का प्रमुख ्ोत था।

    80% से ऄवधक ईत् तरदाताओं की प्रमुख समस् यायें स् िास् ् य सबंंधी दखेभािं के मुद्दों से संबंवधत थीं, जहाुँ वित् तीय वस्थवत

    महत् िपूणट भवूमका का वनिाटह करती ह।ै

    70 िषट से ऄवधक अयु के िररष् ठ नागररक ब़ों ी संख्या में सीमा त एिं ऄिंग-थिंग हैं।

    60 से 70 िषट के अयुिगट के बुजगुट व् यवक्तयों की दखेभािं ईनके बच्चों िारा ठीक प्रकार से की जाती ह ैदक तु जैस-ेजसैे ईनकी अय ु

    बढ़ती जाती ह,ै ईनके बच् चों के विंए ऄपनी अयु बढ़ने एिं ऄपने बच् चों के प्रवत वनरंतर बढ़ती वजम् मेदाररयों के कारण यह कायट

    करठन हो जाता ह।ै

    वित् तीय प प से ऄसरुवक्षत िृद्ध िंोग सामावजक सुरक्षा, वन:शलु्क स् िास् ्य दखेभािं एिं सवब्सडी की ऄपेक्षा करते हैं वजससे िे

    िृद्धािस् था में अरामदायक एिं सम् मानजनक जीिन व् यतीत कर सकें ।

    िदृ्धों के ऄवधकार

    यदद माता-वपता पहिंे से ही ईस घर में रह रह ेहों तो ई हें ईवचत कानूनी प्रदिया का पािंन दकए वबना घर से बाहर नहीं जा

    सकता। आस ऄिस् था में तीन ऄवधवनयमन िंागू दकए जा सकते हैं।

    भारतीय दडं सवंहता की धारा 125 के ऄतंगटत, मवजस्रेर् दकसी माता-वपता की सतंान को माता-वपता का ऄनरुक्षण ऄवधवनयम

    के ऄंतगटत ऄपने िृद्ध माता-वपता का जीिन वनिाटह करने का अदशे द ेसकता ह।ै

    वह द ूदत् तक-ग्रहण एिं ऄनुरक्षण ऄवधवनयम कहता ह ैदक िृद्ध माता-वपता ईसी प्रकार ऄपने बच्चों से जीिन-वनिाटह भत् ते की मांग

    कर सकते हैं जसैे दक पिी ऄपने पवत से आसकी मांग कर सकती ह।ै

    घरेिंू लहसा ऄवधवनयम भी माता-वपता को दकसी भी प्रकार के दवु्यटिहार से राहत प्रा त करने का ऄवधकार प्रदान करता ह।ै

    जनिरी 1999 में िृद्ध व् यवक्तयों पर राष् रीय नीवत की घोषणा की गयी थी वजसके तहत दशे में िृद्ध िंोगों के कल् याण के विंए

    हस् तक्षपे के कइ क्षेत्रों – वित् तीय सुरक्षा, स् िास् ् य दखेभािं एिं पोषण, शरण, वशक्षा, कल् याण, जीिन एिं सपंवत्त की सरुक्षा अदद

    की पहचान की गयी।

    सामावजक याय एिं सशक् तीकरण मंत्रािंय िारा िृद्ध व् यवक्तयों के विंए राष् रीय पररषद (NCOP) का गठन िृद्ध व् यवक्तयों पर

    राष् रीय नीवत पररचाविंत करने के विंए दकया गया था।

    2.5. ियोश्रेष् ठ सम् मान

    (Vayoshreshtha Samman)

    सरु्थियों में क् यों?

    ऄंतराटष् रीय िृद्ध ददिस पर संघीय सरकार ने िृद्ध व् यवक्तयों एिं संस्थानों को 'ियोश्रेष्ठ सम्मान' ददया।

    ईद्देश् य

    राष् रीय पुरस् कारों का प्रयोजन िररष् ठ नागररकों के प्रवत सरकार की लचताओं एिं समाज में ईनके यायसंगत स्थान को सदुढृ़ करने के

    विंए ईनके प्रवत ऄपनी प्रवतबद्धता को प्रदर्थशत करना ह।ै

    परुस् कार के सबंधं में

    ियोश्रेष्ठ सम्मान, सामावजक याय एिं सशक् तीकरण मंत्रािंय (सामावजक याय एिं सशक् तीकरण विभाग) िारा अरवम्भक प प

    से 2005 में गरठत की गयी राष् रीय पुरस् कारों की योजना ह।ै

    आसे 2013 में ई नत कर राष् रीय पुरस् कारों की वस्थवत प्रदान की गयी थी।

    ऄ य परुस् कारों के ऄतंगटत, माता-वपता एिं िररष् ठ नागररकों का ऄनरुक्षण एिं कल् याण ऄवधवनयम, 2007 के कायाट ियन एि ं

    िररष्ठ नागररकों को सेिायें एिं सवुिधायें प्रदान करने के विंए कनाटर्क को सिटश्रेष् ठ राज् य का स् थान प्रदान दकया गया था।

  • 9 www.visionias.in ©Vision IAS

    ऄतंराटष् रीय िदृ्ध ददिस के सबंधं में

    संयुक् त राष् र महासभा िारा िषट 1999 को ''सभी अयुिगट के िंोगों के विंए एक समाज'' की विषयिस् तु को समावहत करने िािं े

    ऄंतराटष् रीय िृद्ध िषट के प प में मनाए जाने का प्रस् ताि ऄंगीकार दकए जाने के ऄनुसार, प्रवतिषट 1 ऄक् रू्बर को ऄतंराटष् रीय िृद्ध

    ददिस मनाया जाता ह।ै

    2.6. एचअइिी और एड्स (रोकथाम और वनयंत्रण) विधेयक, 2014 में संशोधन

    (Amendments to the HIV and AIDS [Prevention and Control] Bill, 2014)

    सरु्थियों में क् यों?

    संघीय मंवत्रमंडिं न ेHIV और एड्स (रोकथाम और वनयंत्रण) विधेयक, 2014 में अवधकाररक सशंोधनों को समावहत करने हतेु

    ऄपनी सहमवत प्रदान कर दी ह।ै

    यह विधेयक ससंद में सिटप्रथम संयुक्त प्रगवतशीिं गठबंधन (UPA) िारा आसके ऄंवतम ददनों में िषट 2014 में परुस् थावपत दकया

    गया था।

    आस विधयेक की ितटमान विशषेताएुँ

    विधेयक के ईपबंध HIV से संबंवधत भदेभाि का समाधान करने, काननूी जिाबदहेी सवम्मविंत कर एिं वशकायतों के संबंध में

    पूछताछ करने तथा वशकायतों का वनपर्ान करने के विंए औपचाररक ततं्र की स् थापना कर ितटमान कायटिमों को सुदढृ़ करने का

    प्रयास करते हैं।

    विधेयक का िंक्ष् य HIV से संबंवधत परीक्षण, ईपचार और नैदावनक ऄनसुंधान के विंए सूवचत सहमवत और गोपनीयता सुवनवित

    कर स्िास््य दखेभािं सिेाओं तक पहचं बढ़ाना भी ह।ै

    विधेयक ऐसे ऄनेक अधारों को सूचीबद्ध करता ह ैवजनके ऄतंगटत एचअइिी पॉवजरर्ि व्यवक्तयों के विुद्ध भदेभाि वनवषद्ध ह।ै

    यह HIV एड्स के साथ जीिन व् यतीत कर रह ेव्यवक्तयों के ऄवधकारों की रक्षा करने एिं वशकायतों का वनपर्ान करने हतेु ततं्र

    वनर्थमत करने के विंए भी प्रवतष्ठानों पर दावयत्ि वनधाटररत करता ह।ै

    विधेयक दकसी भी व्यवक्त को HIV पॉवजरर्ि व्यवक्तयों एिं ईनके साथ रहने िािंे िंोगों के विुद्ध सूचना प्रकावशत करने या घृणा

    की भािनाएुँ ईकसाने से भी प्रवतबवधत करता ह।ै

    विधेयक बच्चों के विंए ऄवभभािकता का भी प्रािधान करता ह।ै

    विधेयक यह ऄवनिायट घोवषत करता ह ैदक ऄपनी सूवचत सहमवत और यायािंय के अदशे के ऄनसुार अिश् यक हए वबना, कोइ

    भी व् यवक्त ऄपनी HIV वस्थवत को ईजागर करन ेके विंए वििश नहीं दकया जाएगा।

    विधेयक यह भी परामशट दतेा ह ैदक, के र एिं राज् य सरकारें वनम् नविंवखत ईद्देश् यों के विंए ईपाय करेंगी:

    HIV या एड्स के प्रसार की रोकथाम।

    एंर्ी-रररोिाआरिं थेरेपी प्रदान करने के विंए।

    विशेष प प से मवहिंाओं और बच्चों के विंए कल्याणकारी योजनाओं तक ऄपनी पहुँच को सुविधाजनक बनाने के विंए।

    HIV या एड्स वशक्षा सचंार कायटिम तैयार करना।

    HIV या एड्स के साथ जीने िािं ेबच्चों की दखेभािं और ईपचार के विंए ददशा-वनदशे वनधाटररत करना।

    यह विधेयक HIV पॉवजरर्ि व्यवक्तयों से संबंवधत मामिंों को यायािंय िारा प्राथवमकता के अधार पर एिं विवधित

    गोपनीयता सुवनवित करते हए वनपर्ारा दकए जान ेका सुझाि दतेा ह।ै

    यह विधेयक राज्य सरकारों िारा ऄवधवनयम के ईल्िंंघन से संबंवधत वशकायतों की जांच करने एिं ईल्िंंघन के मामिंे में

    दडंात्मक कारटिाइ के विंए िंोकपािं की वनयवुक्त का ईपबंध करता ह।ै

  • 10 www.visionias.in ©Vision IAS

    अिश्यकता

    भारत में HIV के साथ जीिन व् यतीत करने िािंे ऄनमुावनत प प से िंगभग 21 िंाख व्यवक्त हैं।

    यद्यवप, वपछिंे दशक के दौरान HIV के प्रसार में कमी अती रही ह ैदक तु ए र्ी-रररो िाआरिं थैरेपी (ART) ईपचार प्राप्त करने

    िािंे एच.अइ.िी. रोवगयों का प्रवतशत केििं 28.82% ही ह ैजबदक िैवश्वक प्रवतशत 41% ह।ै

    अंध्र प्रदशे, महाराष्ट्र, कनाटर्क और तवमिंनाडु एच.अइ.िी. के व् यापक प्रसार िािंे चार राज् य हैं एिं यहां दशे के कुिं मामिंों में

    से िंगभग 55% पाए जाते हैं।

    महत्ि

    यह विधेयक संधारणीय विकास िंक्ष्यों के ऄनसुार "2030 तक महामारी समाप्त करन"े का िंक्ष्य प्राप्त करना चाहता ह।ै

    यह स्िीकार करते हए दक HIV/एड्स प्रायः बच्चों को ऄनाथ बना दतेा ह ैऔर ररश्तेदार ऄपना ईत्तरदावयत्ि ईठाने को ऄवनच्छुक

    होते हैं; यह विधेयक कहता ह ैदक ऄपने HIV या एड्स प्रभावित पररिार के मामिंों की समझ और प्रबंधन में पयाटप्त पररपक्वता

    रखने िािंा 12 से 18 िषट की अयु िगट का कोइ भी व्यवक्त ऄवभभािक के प प में कायट कर सकता ह।ै यह पररत्यक्त HIV बच्चों की

    दखेभािं करने के विंए एक स्िागत योग्य कदम ह।ै

    यह विधेयक िंोकपािं का भी प्रािधान करता ह ैजो परूी प्रदिया में पारदर्थशता और दक्षता िंाने की ददशा में सही कदम ह।ै

    यह विधेयक एड्स के ईपचार के प्रवत ऄवधकार अधाररत दवृष्टकोण िंाता ह।ै यह विधेयक कें र और राज्य सरकारों के विंए "जहाुँ

    तक संभि हो" ईपचार प्रदान करना ऄवनिायट बनाता ह।ै

    हािंांदक यह विधेयक ईल्िंेख करता ह ैदक ईपचार रोगी का ऄवधकार है, िंेदकन यह आसे काननूी ऄवधकार बनाने नहीं बनाता

    और आसविंए, ART ईपचार से िंवचत रोगी साधारणतया दकसी सरकार को यायािंय में नहीं खींच सकता।

    ऄतः आसे काननूी ऄवधकार बनान ेके विंए कदम ईठाया जाना चावहए।

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    3. स्िास््य और रोग (HEALTH AND DISEASES)

    3.1. डेंगू और वचकनगुवनया

    (Dengue and Chikungunya)

    सरु्थियों में क्यों?

    वपछिंे िषट की तुिंना में 2015 में दशे में वचकनगुवनया की घर्नाओं में तीव्र िृवद्ध हइ। डेंगू के मामिंों में भी 2013 में 75,808

    से वपछिंे िषट 99,913 के साथ वनरंतर िृवद्ध होती रही, वजससे मरने िािंों की संख्या आस ऄिवध के दौरान 193 से बढ़कर 220

    हो गइ।

    2015 के डेंगू मानवचत्र से पता चिंता ह ैदक ददल्िंी, पजंाब, हररयाणा, पविम बंगािं और गुजरात सबसे ऄवधक प्रभावित थे।

    वचकनगुवनया के मामिंे में कनाटर्क के विंए विशेष सहायता की अिश्यकता ह ैक्योंदक यहां ऄय राज्यों की तिुंना में ऄवधक

    घर्नाएं घरर्त हइ हैं।

    ईपवेक्षत ईष्णकरर्बधंीय रोग (Neglected tropical diseases)

    WHO के ऄनुसार, ईपेवक्षत ईष्णकरर्बंधीय रोग सिंामक रोगों का विविधतापूणट समूह हैं जो 149 दशेों में ईष्णकरर्बंधीय और

    ईपोष्ण करर्बंवधय वस्थवतयों में प्रचविंत हैं तथा एक वबविंयन स ेऄवधक िंोगों को प्रभावित करत ेहैं, वजसके चिंते विकासशीिं

    ऄथटव्यिस्थाओं पर प्रवतिषट ऄरबों डॉिंर का व्यय अता ह।ै

    डेंगू और वचकनगुवनया भी विश्वं के कइ भागों में ऐसे ही तजेी से ईभरते महामारी की अशंका िािंे िायरिं रोग हैं। य े

    ईष्णकरर्बंधीय और ईपोष्ण करर्बंवधय दशेों के शहरी गरीब क्षते्रों, ईपनगरों और ग्रामीण आिंाकों में पनपते हैं।

    कारण

    जिंिाय ुपररितटन और ऄवनयवमत मौसम:

    आस िषट फरिरी में बमेौसम िषाट ने मच्छरों के विंए मौसम िंंबा कर ददया। जिंिायु पररितटन पयाटिरण को मच्छरों के प्रजनन के

    विंए ऄनकूुिं बना रहा ह।ै

    जिंिायु पररितटन के साथ वमिंकर पररितटनीय और ऄवनयवमत मौसम डेंगू और वचकनगुवनया जसैे मच्छर जवनत रोगों के प्रसार

    के विंए मूिं कारण बन गया ह।ै

    सह-ुग्णता के कारण मतृ्य:ु

    सह-ुग्णता प्राथवमक रोग या विकार के साथ-साथ होने िािंे (ऄथाटत सहितती या समितती ) एक या एक से ऄवधक ऄवतररक्त रोग

    या विकार हैं।

    आस िषट ऄवधकांश मौतें स्ियं िायरिं बुखार की बजाय डेंगू और वचकनगुवनया की सह-ुग्णता के कारण हइ हैं।

    वनकृष् र् शहरी वनयोजन:

    वनकृष््ट शहरी वनयोजन के कारण िंोग मविंन बवस्तयों में रहने के विंए बाध्य होते हैं जो ऄक्सर अधारभूत सुविधाओं से रवहत

    होती हैं।

    ऄस्िच्छ भोजन और ईवचत अिासों की कमी ईहें जिं जवनत रोगों के प्रवत सुभेद्य बना दतेी ह।ै

    वनकृष्ट स्िास््य ऄिसरंचना:

    स्िास््य सेिाओं के क्षेत्र में भारत का वनिशे विश्व में सबसे कम बना हअ ह।ै

    सस्ती स्िास््य सवुिधाओं का ऄभाि:

    गांिों में रोगी-वचदकत्सक ऄनुपात ऄत्यवधक ऄसंतोषजनक ह।ै शहरों में महुँगी स्िास््य सेिाएुँ रोग के अरंवभक चरणों में ईपचार

    के विंए शहरों की यात्रा करने से गाुँि के िंोगों को रोकती हैं।

    समाधान

    पयाटिरण प्रबधंन

    पयाटिरण प्रबंधन, रोगिाहक वनयंत्रण का मुख्य अधार होना चावहए और आसमें ऄंड,े िंािाट या यूपा के विंए वनिास स्थान

    प्रदान करने िािंे ऄनािश्यक कंरे्नरों को नष्ट करना, बदिंना, हर्ाना या ररसाआदकिं करना सवम्मविंत ह।ै

    साफ़ पयाटिरण से यह सुवनवित होता ह ैदक प्रवतकूिं मौसम पररितटन होने पर भी मच्छर पैदा नहीं होंगे।

  • 12 www.visionias.in ©Vision IAS

    बहेतर शहरी ऄिसरंचना:

    शहरी वनिास स्थान में ईवचत ऄपवशष्ट या कचरा प्रबंधन सुविधाओं का होना अिश्यक ह।ै

    भण्डारण की अिश्यकता को कम करने के विंए सामदुावयक वनिास स्थिंों, विशेष प प से स्िंम क्षते्रों में विश्वसनीय पाआप िािंी

    जिंापूर्थत की व्यिस्था की जानी चावहए।

    कठोर क़ानून और विवनयमों की मदद से भिनों की योजना और वनमाटण में काफी पररितटन हो सकता ह।ै

    जवैिक और रासायवनक वनयतं्रण:

    जैविक वनयंत्रण ईन जीिों िारा संपन्न दकया जाता ह ैजो िंवक्षत प्रजावतयों का वशकार करते हैं, ईनके साथ प्रवतस्पधाट करते हैं या

    ईनकी जनसंख्या को कम करते हैं।

    ऐसी बीमाररयों पर ऄंकुश िंगान ेके विंए रसायन का बार-बार वछ़ों काि करना ऐसे मामिंों को कम करने का ऄय तरीका ह।ै

    सामदुावयक भागीदारी:

    समुदाय को स्िच्छता ऄवभयानों में भाग िंनेे के विंए प्रेररत करने से काफी सहायता वमिंती ह,ै िंेदकन दफर भी सुविधाओं से

    िंवचत आिंाकों में रहने िािंे पररिारों को नगर वनगम की सहायता, बेहतर नागररक सुविधा और मुफ्त स्िास््य सेिा की

    अिश्यकता प़ों गेी।

    ऄवग्रम योजना वनमाटण :

    ऄक्रू्बर तक प्रतीक्षा करने और एक चरमराती स्िास््य सेिा प्रणािंी का ईपयोग कर बीमार िंोगों की बढ़ती संख्या स े

    वनपर्ने की कोवशश करने के स्थान पर जिुंाइ में ही व्यापक सािटजवनक स्िास््य पहिं करना अिश्यक ह।ै

    पिूटितती सफिं पहिंों स ेसीख ेजान ेिािं ेसबक

    भारत:

    जैि-रोगिाहक वनयतं्रण(bio-vector control) के साथ प्रयोग - पहिंे पुडुचरेी में और बाद में गुजरात के खेडा वजिंे में

    रोगिाहकों से प्रसाररत होने िािं ेरोगों में काफी वगरािर् दखेने को वमिंी।

    आन मामिंों में, यह सुवनवित करने के विंए पयाटिरण की ऄच्छी तरह सफाइ की गइ दक नाविंयों में पानी जमा न हो। साथ ही

    मच्छरों को ित्म करने के विंए मछिंी के िंािाट का आस्तमेािं दकया गया।

    लसगापरु:

    लसगापरु एडीज मच्छरों के कारण फैिंने िािंे सिंमणों से सबसे ऄवधक पीव़ों त राष्ट्रों में से एक ह।ै 1960 के दशक में फैिंने िािंा

    डेंगू रक्त्ािी ज्िर बच्चों की मौत का एक ब़ों ा कारण बना था।

    आसने एकीकृत रोगिाहक प्रबंधन के माध्यम से काफी वनयतं्रण प्राप्त दकया वजसमें सवम्मविंत था: पक्ष समथटन, सामावजक

    एकजरु्ता और विधायन; स्िास््य क्षते्र में और ऄय क्षते्रों के बीच सहयोग; सबतू अधाररत वनणटयन और प्रदाताओं ि समदुायों

    का क्षमता वनमाटण।

    रोगिाहक वनयंत्रण ददशावनदशेों का पािंन न करने पर वनमाटण क्षेत्र पर कठोर कारटिाइ की गइ।

    श्रीिंकंा:

    श्रीिंंकाइ ऄनभुि के कइ पहिंू हैं वजससे रोग फैिंाने िािंे रोगिाहकों को वनयंवत्रत करने की िं़ों ाइ में भारत के राज्यों के प्रयास

    का मलू्याकंन करने में सहायता वमिं सकती ह।ै विवभन्न दवृष्टकोण के समेदकत प्रयास से आस िीपीय दशे को बहेतर पररणाम प्राप्त

    हए।

    आसमें सवम्मविंत हःै लसचाइ और कृवष में मच्छर वनयतं्रण पर ध्यान केरण, घरों के भीतर अिासीय वछ़ों काि के विंए

    कीर्नाशकों की नय ेप्रकार और वििादों में फंस ेक्षते्रों में भी कीर्नाशक ईपचाररत मच्छरदावनयों के वितरण में िवृद्ध।

    वनदान और ईपचार के ईपयोग के विंए मोबाआिं केरों से भी रोग के संचार को रोकने में सहायता वमिंी।

    कुष्ठ रोग(Leprosy)

    कुष्ठ रोग क्या ह?ै

    कुष्ठ रोग को हनैसने की बीमारी के नाम से भी जाना जाता ह।ै यह मायकोबैक्रे्ररयम िंपे्रा (Mycobacterium leprae) के

    कारण होने िािंा एक वचरकाविंक संिामक रोग ह।ै

    यह रोग मखु्य प प से त्िचा, पररधीय नसों, उपरी श्वसन ततं्र की श्लेवष्मक सतहों और अुँखों को प्रभावित करता ह।ै

    कुष्ठ रोग अरंवभक वशशु ऄिस्था से िंेकर ऄवत िृद्ध ऄिस्था तक दकसी भी ईम्र में हो सकता ह।ै आसे ठीक दकया जा सकता ह ैऔर

    अरंभ में ही आिंाज करने से ऄवधकांश विकिंांगताओं को रोका जा सकता ह।ै

  • 13 www.visionias.in ©Vision IAS

    प्रसार या सिंमण(Transmission)

    कुष्ठ रोग के प्रसार या सिंमण का सर्ीक तरीका या दियाविवध ज्ञात नहीं ह।ै कम से कम ऄभी हािं तक, काफी हद तक यही

    माना जाता था दक यह रोग, कुष्ठ रोग के रोवगयों और स्िस्थ िंोगों के बीच सपंकट के िारा प्रसाररत या संचाररत होता ह।ै

    ऄभी हािं ही में श्वसन मागट िारा आस रोग के फैिंने की सम्भािना को अधार वमिं रहा है, आसे मायता वमिं रही ह।ै आसके

    प्रसार की ऄय सभंािनाएं भी हैं, जैसे की़ों ों के माध्यम से प्रसाररत होने से भी परूी तरह से मना नहीं दकया जा सकता ह।ै

    कुष्ठ रोग और भारत

    2005 में अवधकाररक तौर पर यह घोषणा की गइ दक भारत स ेकुष्ठ रोग का ईमूिंन हो गया ह।ै यह घोषणा तब की गइ जब

    आस रोग के नए मामिंे प्रवत 10,000 िंोगों पर 1 से कम हो गए, िंेदकन ऄब भी दवुनया (58 प्रवतशत) में कुष्ठ रोग से प्रभावित

    िंोगों की सबसे ऄवधक संख्या भारत में ही ह।ै

    कुष्ठ रोग के रोवगयों को वचदकत्सा, सामावजक और मनोिैज्ञावनक से िंेकर तरह-तरह की अर्थथक और कानूनी परेशावनयों का

    सामना करना प़ों ता ह।ै

    यही कारण ह ै दक जागप कता का ऄभाि, वमथक, सामावजक-सांस्कृवतक विश्वास, और कुष्ठ रोग से जु़ों ेकिंकं सभंितः अज

    सािटजवनक स्िास््य कायटकताटओं के सामने सबसे ऄवधक चनुौतीपणूट समस्याएुँ हैं।

    NLEP में स्थावपत दकए गए कीर्थतमान

    1955 - राष्ट्रीय कुष्ठ रोग वनयतं्रण कायटिम (National Leprosy Control Programme) अरंभ दकया गया।

    1983 - राष्ट्रीय कुष्ठ रोग ईमूिंन कायटिम (National Leprosy Eradication Programme) शुप दकया गया

    1983 – चरणबद्ध प प से बह औषवध वचदकत्सा ( Multidrug therapy) अरंभ

    2005 - राष्ट्रीय स्तर पर कुष्ठ रोगकी समावप्त

    हािं ही में ईठाए गए कदम

    कुष्ठ रोग के मामिंों की पहचान सबंधंी ऄवभयान -

    राष्ट्रीय कुष्ठ रोग ईमिूंन कायटिम के नतेृत्ि में चिंाए गए ऄवभयान के तहत 19 राज्यों के 149 वजिंों को अच्छाददत दकया गया

    और िंगभग 300000 स्िास््य कायटकताटओं को काम पर िंगाया गया।

    घर-घर जाकर कुष्ठ रोग का पता िंगाने के ऄवभयान में िंगभग 320 वमविंयन भारतीयों की जाचं की गइ वजससे हजारों “वछप”े

    मामिंों पर से पदाट ईठा।

    आसमें मायता प्राप्त सामावजक स्िास््य कायटकत्ताट (अशा) पररयोजना के स्ियसंेिक शावमिं हए।

    भारत-में-वनर्थमत कुष्ठ रोग के र्ीके की िंालंचग -

    भारत में विकवसत, एक नया र्ीका वबहार और गजुरात के पांच वजिंों में प्रायोवगक अधार पर अरंभ दकया जाएगा।

    यदद आससे सकारात्मक पररणाम वमिंता ह ैतो कुष्ठ रोग र्ीका कायटिम को ऄय ऄवतप्रभावित वजिंों में भी चिंाया जाएगा।

    कुष्ठ रोग को समाप्त करन ेहते ुWHO की िवैश्वक रणनीवत -

    आस रणनीवत का िंक्ष्य, 2020 तक कुष्ठ रोग और संबंवधत शारीररक विकृवतयों से ग्रवसत बच्चों की संख्या को घर्ाकर शूय करना

    ह;ै दवृष्ट सम्बधी विकृवतयों िािं ेनए कुष्ठ रोग के रोवगयों की दर को कम करके एक प्रवत वमविंयन से भी कम दर पर िंाना है;

    और यह सुवनवित करना ह ैदक कुष्ठ रोग के अधार पर भेदभाि करने िािंे सभी क़ाननू समाप्त हो जाएुँ।

    नइ िैवश्वक रणनीवत, कारटिाइ अरंभ करने के वसद्धांत िारा वनदवेशत ह ै वजससे जिाबदहेी सवुनवित हो और समािेशन को

    बढ़ािा वमिंे।

    अग ेकी राह

    कुष्ठ रोग दवुनया के सबसे गिंत प प में समझे गए रोगों में से एक ह ैऄतः आसे वनयंवत्रत और दरू करने में कुछ ऄनोखी चुनौवतयों

    का सामना करना प़ों ता ह।ै ऄतीत के सैद्धांवतक और व्यािहाररक दवृष्टकोणों के गहन परीक्षण से भविष्य के विंए ऄवतमहत्िपणूट

    ऄंतदृटवष्ट प्राप्त हो सकती ह।ै

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    आस बोझ को कम करने के विंए, एक समग्र और बह-अयामी दवृष्टकोण विकवसत करना अिश्यक ह ै वजसमें महत्िपूणट नीवत

    पररितटन, एक सािटजवनक वशक्षा ऄवभयान, संधारणीय अजीविका कायटिम, कौशिं प्रवशक्षण िकट शॉप और रोजगार सजृन हते ु

    ऄय वचदकत्सीय वहतधारकों को सवम्मविंत करना, आस किंकं को दरू करने के विंए दकये जाने िािंे पहिंों की पहचान करना

    और प्रभावित िंोगों को मखु्यधारा में िंाना सवम्मविंत ह।ै

    सभी स्तरों पर आसे दरू करने के िंक्ष्य को प्राप्त करने के बाद, ऄवधक से ऄवधक नीवत स्तरीय पररितटन करने और सिेा की

    गुणित्ता को बनाए रखने पर जोर दनेा चावहए।

    ईदाहरण के विंए, कुष्ठरोग स े प्रभावित िंोगों के प्रवत भेदभाि का वनरस्तकारी और सशंोधनकारी (चौथा) ईमूिंन

    (इ.डी.पी.ए.एिं.) विधेयक[The Repealing and Amending (Fourth) Elimination Discrimination Against

    Persons Affected by Leprosy (EDPAL) Bill] 2015 को पाररत करने और ऄवधकारों और विशेषावधकारों पर विवध

    अयोग के महत्िपूणट सझुािों को िंागू करने की अिश्यकता ह।ै

    3.2.दिाओं तक पहुँच पर संयुक्त राष्ट्र के ईच्चस्तरीय पैनिं की ररपोर्ट

    (United Nations High Panel Report on Access to Medicines)

    सरु्थियों में क्यों?

    संयुक्त राष्ट्र ने उंची कीमतों के कारण दिाओं तक पहंच न होन ेपर लचता जताते हए दिाओं के ईपयोग पर ऄपने ईच्च स्तरीय

    पैनिं की ररपोर्ट जारी की।

    ररपोर्ट की मखु्य विशषेताएं

    ररपोर्ट में सरकारों से अग्रह दकया गया ह ैदक

    "तत्कािं" स्िास््य प्रौद्योवगकी निाचार में वनिेश के ऄपने ितटमान स्तर में िृवद्ध िंायें।

    ऄनसुंधान एिं विकास िंागत से दिाओं की कीमतों को डी-लिंक (ऄसंबद्ध) करें।

    आबोिंा और वज़का जैसे संिामक रोगों के बढ़ते मामिंों, वजनकी ईपचार संबंधी अिश्यकताएं परूी नहीं हो रही हैं, के मद्दनेज़र

    ईन पर ऄनुसंधान को विश्व स्तर पर प्राथवमकता दी जाए।

    पैनिं ने दिा की कीमतों को ईपभोक्ताओं और सरकारों दोनों के विंए पारदशती बनाने की वसफाररश की ह।ै

    ररपोर्ट मानि ऄवधकारों को बौवद्धक संपदा ऄवधकार (IPR) पर िरीयता ददए जाने की वसफाररश करती ह ैतादक सभी दशे सस्ती

    दिाओं का ईपयोग करने के TRIPS के तहत ददए गए िंचीिंेपन का ईपयोग करने में सक्षम हो सकें ।

    ररपोर्ट में TRIPS के आस िंचीिंे प्रािधान के तहत दिा पेर्ेंर् के ईल्िंंघन के विंए कमजोर दशेों को धमकी दनेे के विंए

    शवक्तशािंी दशेों की अिंोचना की गइ ह।ै

    3.3. नया स्िास््य सूचकांक

    (New Health Index)

    सरु्थियों में क्यों?

    सतत विकास िंक्ष्य (SDG) के स्िास््य िंक्ष्यों पर

    विवभन्न दशेों के प्रदशटन का अकिंन करने िािंे पहिं े

    िैवश्वक विशे्लषण को हािं ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा के

    एक विशेष समारोह में जारी दकया दकया गया और

    आसका ऑनिंाआन प्रकाशन ‘The Lancet’ में हअ।

    स्कोर िारा ईन दशेों को रैंककग प्रदान की गइ जो िंक्ष्यों

    को प्राप्त करने के करीब हैं।

    रैंककग कैस ेकी गइ थी?

    यह ऄध्ययन "ग्िंोबिं बडटन ऑफ़ वडजीज (GBD)" पर

    एक ऄंतरराष्ट्रीय सहयोग िारा दकया गया था। आसमें

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    एक समग्र SDG सूचकाकं स्कोर के वनमाटण िारा स्िास््य से संबवंधत SDG िंक्ष्यों को प्राप्त करने की ददशा में प्रत्यके दशे की

    प्रगवत का विशे्लषण दकया गया था।

    GBD (ऄथाटत रोगों के िैवश्वक बोझ) तथा चोर्ों और जोवखम कारकों के 1990 और 2015 के बीच दकये गए ऄध्ययन के डरे्ा का

    ईपयोग करके, स्िास््य से संबंवधत 47 संकेतकों में से 33 की ितटमान वस्थवत का ऄनुमान दकया गया।

    तुिंना को असान बनाने के विंए स्िास््य से संबंवधत SDG सचूकांक 0-100 की रेटर्ग पर तयैार दकया गया वजस पर आन 33

    स्िास््य संबंधी सकेंतकों पर 1990 और 2015 के बीच 188 दशेों की प्रगवत को मापी गइ।

    भारत का प्रदशटन

    42/100 के स्कोर के साथ 188 दशेों की सचूी में भारत को 143िां स्थान ददया गया ह।ै भारत पादकस्तान से छह स्थान अगे

    दकतु श्रीिंकंा (79), चीन (92) जैसे दशेों से काफी पीछे भी ह,ै यहाुँ तक दक युद्धग्रस्त सीररया (117) और आराक (128) से भी

    काफी पीछे ह।ै

    कुछ स्िास््य संबंधी सकेंतकों पर भारत का स्कोर आस प्रकार ह:ै

    मिंरेरया: आस पर भारत केििं 10 ऄंक दजट कर पाया।

    पाचं िषट के नीच ेमतृ्य ुदर: भारत का स्कोर 39 ह।ै

    सरुवक्षत स्िच्छता कायटपद्धवतयों पर, भारत का स्कोर 0-100 के पैमाने पर 8 ह।ै

    भारत का सिोच्च स्कोर 'यदु्ध' सचूक सकेंतक (93) पर ह,ै वजसमें सामूवहक लहसा और कानूनी हस्तक्षपे की िजह से प्रवत

    100,000 जनसुँख्या पर अयु मानकीकृत मृत्यु दर का अकिंन दकया जाता ह।ै

    3.4. भारत बडट फ्िंू से मुक्त घोवषत

    (India Declared Free from Bird Flu)

    सरु्थियों में क्यों?

    भारत ने स्ियं को ऄत्यवधक संिामक एवियन आफ्िंएूंजा ऄथिा बडट फ्िंू से मुक्त घोवषत कर ददया ह।ै

    बडट फ्िंू (एवियन आफ्िंूएजंा) आफ्िंूएंजा िायरस के स्रेंस के कारण होने िािंी एक बीमारी ह ैजो मुख्य प प से पवक्षयों को

    प्रभावित करती ह।ै

    कारण

    बडट फ्िंू आफ्िंूएंजा िायरस के स्रेंस के कारण होता है, वजहोंने एवियन कोवशकाओं में प्रिेश करने के विंए विशेष प प स े

    ऄनकूुिंन विकवसत कर विंया ह।ै आफ्िंूएजंा के तीन मुख्य प्रकार हैं: ए, बी, और सी।

    िह िायरस जो बडट फ्िंू का कारण बनता ह ैआफ्िंूएजंा ए र्ाआप ह ैवजसमे अठ अरएनए स्रैंड हैं जो आसके जीनोम का वनमाटण

    करते हैं।

    आफ्िंुएजंा िायरस को िायरस की सतह पर के दो प्रोर्ीनों का विशे्लषण करके अगे िगती कृत दकया जाता ह।ै आहें प्रोर्ीन

    hemagglutinin (एच) और प्रोर्ीन neuraminidase (एन) कहा जाता ह।ै

    hemagglutinin और neuraminidase प्रोर्ीन भी कइ ऄिंग ऄिंग प्रकार के होते हैं। ईदाहरण के विंए, हािं ही में पाए गए

    रोगजनक बडट फ्िंू िायरस में र्ाआप 5 hemagglutinin और र्ाआप 1 neuraminidase था। आस प्रकार, आसका नामकरण

    "H5N1" आफ्िंूएजंा ए िायरस दकया गया।

    3.5. वमशन पररिार विकास

    (Mission Parivar Vikas)

    सरु्थियों में क्यों?

    स्िास््य मंत्रािंय ने पररिार वनयोजन सेिाओं में सुधार के विंए 'वमशन पररिार विकास’ की शुप अत की ह।ै

    आसे ईत्तर प्रदशे, वबहार, राजस्थान, मध्य प्रदशे, छत्तीसगढ़, झारखडं और ऄसम के 145 ईच्च फोकस वजिंों में शपु दकया गया ह।ै

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    िंक्ष्य

    ईच्च गणुित्ता िािंे पररिार वनयोजन विकल्पों, जो ऄवधकार-अधाररत ढाचंे के भीतर अपूर्थत, विश्वसनीय सेिाओं और जानकारी पर

    अधाररत हों, के प्रयोग में तजेी िंाना।

    जनसखं्या िवृद्ध को प्रभावित करन ेिािं ेकारक

    कम सामावजक-अर्थथक विकास: ईदाहरण के विंए, ईत्तर प्रदशे जहाुँ 56% की साक्षरता दर ह,ै में प्रवत युगिं चार बच्चों का

    औसत ह।ै आसके विपरीत, केरिं में िंगभग हर व्यवक्त साक्षर ह