bhagat singh asking you!
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पछता ह भगत स िह आज "तम .... -------------------------------------------------- "आजादी क सरज को आज गहण क लग गा, गलामी का ददा क फिर स आज जग गा, आज बठ हम बन चह अपन बबल म ह, सरफरोशी की तमनना आज "फकसक ददल म ह?? एक इकलाब क ललए जान दी शरवीरो न, आज अजन मर गा ह खद अपन तीरो स, दोसती का नकाब ओढ कई दशमन महफफल म ह, सरफरोशी की तमनना आज "फकसक" ददल म ह??? दखकर था जजनह, िासी का िदा कापता, आज वो जहा स क हो गए ह लापता, ढढता ह सोचकर की बठ
मरी महफफल म ह, सरफरोशी की तमनना आज "फकसक" ददल म ह??? एक तरि राजनता दश को ह नोचत, एक तरि हम सभी बस अपन बार सोचत, इस "आजाद" मलक म हम करत अपन ददल की ह, सरफरोशी की तमनना आज "फकसक" ददल म ह??? "घसखोरी" और "गरीबी" को लमलता आलशा हा," आजादी" को तरसत जमी और आसमा, भारत माता रही पकार "तझ",भारत माता रही मजशकल म ह, सरफरोशी की तमनना का तमहार ददल म ह???" पछता ह भगत लसह आज "तमस….